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Shodahs Matrika Pujan Vidhi
Shodahs Matrika Pujan Vidhi
ृ ाओं का आह्वान, स्थापना करने के साथ 'ॐ मनो जूति' मंत्र से अक्षत छोड़ते हुए
मातक
ृ ा-मंडल की प्रतिष्ठा करनी चाहिए। इसके बाद गंधादि सामग्री से पूजा करने का विधान है ।
फल अर्पण
उक्त मंत्र बोलते हुए ऋतुफल-नारियल आदि हाथ की अंजलि में लेकर प्रार्थना करें -
गेह वद्धि
ृ शतानि भवंतु, उत्तरे कर्मण्यविघ्नमस्तु ।
इसके बाद निम्न मंत्र का उच्च्चारण करते हुए अक्षत अर्पित करें :-
इस मंत्र के साथ अक्षत अर्पित करने के बाद नमस्कार करें और फिर निम्न मंत्र का उच्चारण करें -
गौरी पद्मा शची मेधा सावित्री विजया जया ।दे वसेना स्वधा स्वाहा मातरो लोकमातरः ॥
धति
ृ ः पुष्टिस्तथा तुष्टिरात्मनः कुलदे वता ।
गणेशेनाधिका ह्येता वद्ध
ृ ो पूज्याश्च षोडशः ॥
फल अर्पण
उक्त मंत्र बोलते हुए ऋतुफल-नारियल आदि हाथ की अंजलि में लेकर प्रार्थना करें -
गेह वद्धि
ृ शतानि भवंतु, उत्तरे कर्मण्यविघ्नमस्तु ।
इसके बाद निम्न मंत्र का उच्च्चारण करते हुए अक्षत अर्पित करें :-
इस मंत्र के साथ अक्षत अर्पित करने के बाद नमस्कार करें और फिर निम्न मंत्र का उच्चारण करें -
गौरी पद्मा शची मेधा सावित्री विजया जया ।दे वसेना स्वधा स्वाहा मातरो लोकमातरः ॥
धति
ृ ः पुष्टिस्तथा तुष्टिरात्मनः कुलदे वता ।
गणेशेनाधिका ह्येता वद्ध
ृ ो पज्
ू याश्च षोडशः ॥
1. Avahana (आवाहन)
षोडश मातक
ृ ाओं के संक्षिप्त पूजन के लिए कलश के सम्मुख एक पात्र या मिट्टी का प्याला रख ले। फिर
दायें हाथ में गन्धाक्षत लेकर भावना से सामूहिक रूप में निम्न मन्त्र का उच्चारण करते हुए उनका
आवाहन करे , तथा यह मन्त्र पढ़कर उक्त पात्र में गन्धाक्षत छोड़े।
Om Gauri-Padma-Shachi-Medha-Savitri-Vijaya-Jaya-Devasena-Svadha-Svaha-Mata-
Loka-Mata-Hrishti-Pushti-Tushti-Kula-Devata-Shodasha-Matrikabhyo Namah।
3. Prarthana (प्रार्थना)