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दोहोों के शब्दार्थ

सोंकट की इस घड़ी में प्रभु को यहााँ अपार शाोंति की प्राप्ति हुई र्ी| आज भी यतद कोई
व्यप्ति सोंकट में होिा है िो यहााँ आकर उसको भी असीम सुख एवों शाोंति प्राि होिी है
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