Professional Documents
Culture Documents
सीताफल और काशीफल जैसे लोकप्रिय नाम से प्रचलित
सीताफल और काशीफल जैसे लोकप्रिय नाम से प्रचलित
सीताफल और काशीफल जैसे लोकप्रिय नाम से प्रचलित
सभी पोषक तत्ोीं की पूप्रति करने वाली यह फसल कई िकार की प्रमठाइयाीं बनाने
के काम में तो आती ही है , साथ ही इसे खाने से उसके बीज में मौजूद प्रवटाप्रमन-सी,
आयरन, फास्फोरस, पोटे प्रशयम तथा प्रजींक जैसे सूक्ष्म तत्ोीं की कमी को भी दू र
प्रकया जा सकता है ।
कद् दू की खेती के प्रलए प्रकसान भाइयोीं को ध्यान रखना होगा प्रक आपके खेत में
पानी प्रनकासी की व्यवस्था अच्छी तरीके से होनी चाप्रहए।
कद् दू की फसल के दौरान इस्तेमाल में होने वाले ऑगेप्रनक गोबर की खाद को
डाला जा सकता है । इसके अलावा आप अरीं डी की फसल से तैयार होने वाले चारे
को पीसकर भी अींप्रतम जुताई से पहले खेत में अच्छी तरह प्रबखेर सकते है ।
यप्रद बात करें रासायप्रनक खाद और उविरकोीं की, तो िप्रत हे क्टेयर जमीन के
अनुसार 70 से 80 प्रकलोग्राम नाइटर ोजन तथा 40 प्रकलोग्राम पोटाश का इस्तेमाल
प्रकया जा सकता है । इन उविरकोीं का इस्तेमाल आपको अींप्रतम जुताई से पहले ही
अपने खेत में करना होगा और नाइटर ोजन की कुछ मािा कद् दू के फूल के 20 से
25 प्रदन बडे होने के बाद इस्तेमाल करनी चाप्रहए।
प्रकसान भाइयोीं को ध्यान रखना होगा प्रक सुबह के समय कद् दू की फसल में कभी
भी रसायप्रनक या जैप्रवक खाद का इस्तेमाल नहीीं करना चाप्रहए।
प्रकसान भाइयोीं को ध्यान रखना होगा प्रक फसल की दो कतारोीं के बीच में लगभग
200 से 250 सें टीमीटर की दू री होनी अप्रनवायि है और दो छोटी पौध के बीच में 45 से
50 सें टीमीटर की दू री रखनी चाप्रहए।
बीज को जमीन से 5 से 6 सेंटीमीटर गहराई में बोया जाए तो इसकी कोींपल सही
समय पर बाहर प्रनकल आती है ।
ये भी पढ़ें : पूसा कृप्रष वैज्ञाप्रनकोीं की एडवाइजरी इस हफ्ते जारी : इन फसलोीं के प्रलए आवश्यक जान
कारी
फल मक्खी कद् दू की फसल में लगने वाले फल की मुलायम अवस्था में ही उसके
अींदर अीं डे दे दे ती है और उसे अींदर से खाना शुरु कर दे ती है , इसके प्रनवारण के
प्रलए फूल के बडे होने के बाद रासायप्रनक दवाओीं का इस्तेमाल कम करना चाप्रहए
और नीम की प्रनींबोली का पानी के साथ 5% गोल प्रमलाकर इस्तेमाल करना
चाप्रहए।
यप्रद आप उपयुक्त बतायी गयी प्रवप्रध का इस्तेमाल पूरी सावधानी से करते हैं तो
एक हे क्टेयर क्षेि में लगभग 300 से 400 ब्जवींटल कद् दू की पैदावार कर सकते है ।
इसके भींडारण के प्रलए प्रकसी प्रवशेष शीत-ग्रह की जरूरत नहीीं होगी और अपने
घर में ही एक कमरे में 20 से 25 प्रदन तक स्टोर प्रकया जा सकता है , पर ध्यान रहे
प्रक तापमान लगभग 30 प्रडग्री सेब्जियस से कम ही होना चाप्रहए।
आशा करते हैं प्रक हमारे प्रकसान भाइयोीं को वैज्ञाप्रनकोीं के द्वारा तैयार की गई
कद् दू उत्पादन की यह नई प्रवप्रध पसींद आई होगी और भप्रवष्य में इसी प्रवप्रध का
इस्तेमाल करके अच्छा उत्पादन कर पाएीं गे ।