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Rajbhasha Adhiniyam
Rajbhasha Adhiniyam
(यथासंशो�धत,1967)
(1963 का अ�ध�नयम संख्यांक19)
(2) धारा 3, जनवर�, 1965 के 26 व� �दन को प्वर ृत्त होगी और इस अ�ध�नयम के शेष उपबन्ध
तार�ख को प्वर ृत्त ह�गे िजसे केन्द्र�य , शासक�य राजपत्र म� अ�धसूचना द्वारा �नयत करे
इस अ�ध�नयम के �व�भन्न उपबन्ध� के �लए �व�भन्न तार�ख� �नयत क� जा सक�
(क) '�नयत �दन' से, धारा 3 के सम्बन्ध , जनवर�, 1965 का 26वां �दन अ�भप्रेतहै और इस अ�ध�नय
के �कसी अन्य उपबन्ध के सम्बन्ध म� वह �दन अ�भप्रेत है िजस �दन को वह उपबन्ध प्रव
है;
3. संघ के राजक�य प्रयोजन� के �लए और संसद म� प्रयोग के �लए अंग्रेजी भाषा क--
(क) संघ के उन सब राजक�य प्रयोजन� के �लए िजनके �लए वह उस �दन से ठ�क पहले प्रयोग
लाई जाती थी ; तथा
परं तु संघ और �कसी ऐसे राज्य के बी, िजसने �हन्द� को अपनी राजभाषा के रूप म� नह�ं अपनाया,
पत्रा�द के प्रयोजन� के �लए अंग्रेजी भाषा प्रयोग म� ला
परन्तु यह और �क जहां �कसी ऐसे राज्य , िजसने �हन्द� को अपनी राजभाषा के रूप म� अपनायाह
और �कसी अन्य राज्य , िजसने �हन्द� क
अपनी राजभाषा के रूप म� नह�ं अपनाया ह, बीच पत्रा�द के प्रयोजन� के �लए �हन्द� को प्रयोग म
जाता है, वहां �हन्द� म� ऐसे पत्रा�द के -साथ उसका अनव
ु ाद अंग्रेजी भाषा म� भेजा जाए :
परन्तु यह और भी �क इस उपधारा क� �कसी भी बात का यह अथर् नह�ं लगाया जाएगा �क वह �कस
ऐसे राज्य क , िजसने �हन्द� को अपनी राजभाषा के रूप म� नह�ं अपनाया , संघ के साथ या �कसी
ऐसे राज्य के सा, िजसने �हन्द� को अपनी राजभाषा के रूप म� अपनाया , या �कसी अन्य राज्य क
साथ, उसक� सहम�त से , पत्रा�द के प्रयोजन� के �लए �हन्द� को प्रयोग म� लाने से �नवा�रत ,
और ऐसे �कसी मामले म� उस राज्य के साथ पत्रा�द के प्रयोजन� के �लए अंग्रेजी भाषा क
बाध्यकर न होगा
(2) उपधारा (1) म� अन्त�वर्ष्ट �कसी बात के होते हुए , जहां पत्रा�द के प्रयोजन� के �लए �हन्द
अंग्रेजी भा--
प्रयोग म� लाई जातीहै वहां उस तार�ख , जब तक पूव�क्त संबं�धत मंत्र , �वभाग, कायार्लय या
�वभाग या कम्पनी का कमर्चार�वृद �हन्द� का कायर्साधक �ान प्राप्त नह�ं , ऐसे पत्रा�द क
अनुवाद, यथािस्थ�, अंग्रेजी भाषा या �हन्द� म� भी �दया जाए
(3) उपधारा (1)म� अन्त�वर्ष्ट �कसी बात के होते हुए भी �हन्द� और अंग्रेजी भाषा द--
(i) संकल्प, साधारण आदे श� , �नयम�, अ�धसूचनाओं, प्रशास�नक या अन्य प्र�तवेदन� या प्रेस य�
के �लए , जो केन्द्र�य सरकार द्वारा या उसके �कसी मं , �वभाग या कायार्लय द्वारा या केन्द
सरकार के स्वा�मत्व म� के या �नयंत्रण म� के �कसी �नगम या कम्पनी द्वारा या ऐसे �न
कम्पनी के �कसी कायार्लय द्वारा �नकाले जाते ह� या �कए जाते ;
(ii) संसद के �कसी सदन या सदन� के सम� रखे गए प्रशास�नक तथा अन्य प्र�तवेदन� और रा
कागज-पत्र� के � ;
(iii) केन्द्र�य सरकार या उसके �कसी मंत, �वभाग या कायार्लय द्वारा या उसक� ओर से य
केन्द् सरकार के स्वा�मत्व म� के या �नयंत्रण म� के �कसी �नग कम्पनी द्वारा या ऐसे �नग
या कम्पनी के �कसी कायार्लय द्वारा �नष्पा�दत सं�वदाओं और करार� के �लए तथा �नकाल�
अनु�प् त्ि◌◌ाय, अनु�ापत्, सूचनाओं और �न�वदा-प्ररूप� के , प्रयोग म� लाई जाएग
(4) उपधारा (1)या उपधारा (2) या उपधारा (3) के उपबन्ध� पर प्र�तकूल प्रभाव डाले �बनायह ह
केन्द्र�य सरकार धा8 के अधीन बनाए गए �नयम� द्वारा उस भाषा या उन भाषाओं का उपबन्ध क
सकेगी िजसे या िजन्ह� संघ के राजक�य प्रयोजन के , िजसके अन्तगर्त �कसी मंत् , �वभाग,
अनुभाग या कायार्लय का कायर्करण , प्रयोग म� लाया जानाहै और ऐसे �नयम बनाने म� राजक�
कायर् के शीघ्रता और द�ता के साथ �नपटारे का तथा जन साधारण के �हत� का सम्यक ध्यान
जाएगा और इस प्रकार बनाए गए �नयम �व�शष्टतया यह सु�नि कर� गे �क जो व्यिक्त संघ क
कायर्कलाप के सम्बन्ध म� सेवा कर रहे ह� और जो या तो �हन्द� म� या अंग्रेजी भाषा म� प्रवी
प्रभावी रूप से अपना काम कर सक� और यह भी �क केवल इस आधार पर �क वे दोन� ह� भाषाओं
प्रवीण नह�ंहै उनका कोई अ�हत नह�ं होताह
(5) उपधारा (1)के खंड (क) के उपबन्ध और उपधार (2), उपधारा (3) और उपधारा (4), के उपबन्ध तब
तक प्वर ृत्त बने रह�गे जब तक उनम� व�णर्त प्रयोजन� के �लए अंग्रेजी भाषा का प्रयोग समाप
के �लए ऐसे सभी राज्य� के �वधान मण्डल� द्व , िजन्ह�ने �हन्द� को अपनी राजभाषा के रूप म� नह
अपनाया है , संकल्प पा�रत नह�ं कर �दए जाते और जब तक पूव�क्त संकल्प� पर �वचार कर लेने
पश्चा त् ऐसी समिप् के �लए संसद के हर एक सदन द्वारा संकल्प पा�रत नह�ं कर �दया जात
(1) िजस तार�ख को धारा 3 प्वर ृत्त होती है उससे दस वषर् क� िप् के पश्चा , राजभाषा के
सम्बन्ध म� एक स�म , इस �वषय का संकल्प संसद के �कसी भी सदन म� राष्ट्रप�त क� पूवर् मं
से प्रस्ता�वत और दोन� सदन� द्वारा पा�रत �कए जान, ग�ठत क� जाएगी।
(2) इस स�म�त म� तीस सदस्य ह�गे िजनम� से बीस लोक सभा के सदस्य ह�गे तथा दस राज्य स
के सदस्य ह�ग , जो क्रमशः लोक सभा के सदस्य� तथा राज्य सभा के सदस्य� द्वारा आनु
प्र�त�न�धत्व पद्ध�त के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा �नवार्
(3) इस स�म�त का कतर्व्य होगा �क वह संघ के राजक�य प्रयोजन� के �लए �हन्द� के प्रयोग
गई प्रग�त का पुन�वर्लोकन कर� और उस पर �सफा�रश� करते हुए राष्ट्रप�त को प्र�तवेदन
राष्ट्रप�त उस प्र�तवेदन को संसद् के हर एक सदन के सम� रखवाएगा और सभी राज्य सरक
�भजवाएगा ।
(4) राष्ट्रप�त उपध (3) म� �न�दर ्ष्ट प्र�तवेदन पर और उस पर राज्य सरकार� ने य�द को
अ�भव्यक्त �कए ह� तो उन पर �वचार करने के पश्चात् उस समस्त प्र�तवेदन के या उसके
भाग के अनुसार �नदे श �नकाल सकेगा :
(1) �नयत �दन को और उसके पश्चा त् शासक�य राजपत्र म� राष्ट्रप�त के प्रा�धकार स--
(क) �कसी केन्द्र�य अ�ध�नयम का या राष्ट्रप�त द्वारा प्रख्या�पत �कसी , अथवा
(ख) सं�वधान के अधीन या �कसी केन्द्र�य अ�ध�नयम के अधीन �नकाले गए �कसी आ , �नयम,
�व�नयम या उप�व�ध का �हन्द� म� अनुवाद उसका �हन्द� म� प्रा�धकृत पाठ समझा जाए
(2) �नयत �दन से ह� उन सब �वधेयक� के, जो संसद के �कसी भी सदन म� पुरःस्था�पत �कए जाने ह�
और उन सब संशोधन� के , जो उनके समबन्ध म� संसद के �कसी भी सदन म� प्रस्ता�वत �कए जान,
अंग्रेजी भाषा के प्रा�धकृत पाठ के-साथ उनका �हन्द� म� अनुवाद भी होगा जो ऐसी र��त से
प्रा�ध कृत �कया जाए, जो इस अ�ध�नयम के अधीन बनाए गए �नयम� द्वारा �व�हत क� जाए
(2) इस धारा के अधीन बनाया गया हर �नयम , बनाए जाने के पश्चा त् यथाशी , संसद के हर एक
सदन के सम�, जब वह सत्र म� , कुल तीस �दन क� अव�ध के �लए रखा जाएगा। वह अव�ध एक
सत्र , अथवा दो या अ�धक आनक
ु ्र�मक सत्र� म� पूर� हो सकेगी । य�द उस सत्र के या प
आनक
ु ्रम�मक सत्र� के ठ�क बाद के सत्र के अवसान के पूवर् दोन� सदन उस �नयम म� कोई प
करने के �लए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात वह ऐसे प�रव�तर्त रुप म� ह� प्रभावी होगा । य�
अवसान के पूवर् दोन� सदन सहमत हो जाएं �क वह �नयम नह�ं बनाया जाना चा�हए तो तत्पश्च
यह �नस्प्रभाव हो जाएगा । �कन्तु �नयम के ऐसे प�रव�तर्त या �नस्प्रभाव होने से उसके अध
क� गई �कसी बात क� �व�धमान्यता पर प्र�तकूल प्रभाव नह�ं पड़
�नयम, 1976
सा.का.�न. 1052 --राजभाषा अ�ध�नयम, 1963 (1963 का 19) क� धारा 3 क� उपधारा (4) के साथ प�ठत
धारा 8 द्वारा प्रदत्त शिक्तय� का प्रयोग क , केन्द्र�य सरकार �नम्न�ल�खत �नयम बनात ,
अथार्त-
(क) इन �नयम� का सं��प्त नाम राजभाष (संघ के शासक�य प्रयोजन� के �लए प्) �नयम , 1976
है।
(ख) केन्द्र�य सरकार द्वारा �नयुक्त �कसी, स�म�त या अ�धकरण का कोई कायार्ल; और
(घ) 'अ�धसू�चत कायार्ल' से �नयम 10 के उप�नयम (4) के अधीन अ�धसू�चत कायार्ल, अ�भप्रेत;
(च) '�ेत्र' से �बहार, ह�रयाणा, �हमाचल प्रद, मध्य प्र, छत्तीसग, झारखंड़, उत्तराखंड राजस्था
और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान और �नकोबार द्वीप, �दल्ल� संघ राज्य �ेत्र अ�भप्;
(छ) '�ेत्र ' से गुजरात , महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चं , दमण और द�व तथा दादरा और
नगर हवेल� संघ राज्य �ेत्र अ�भप्र;
(ज) '�ेत्र' से खंड (च) और (छ) म� �न�दर ्ष्ट राज्य� और संघ राज्य �ेत्र� से �भन्न राज्य
राज्य �ेत्र अ�भप्र;
(1) केन्द्र�य सरकार के कायार्लय से 'क' म� �कसी राज्य या संघ राज्य �ेत्र को या ऐसे राज्
संघ राज्य �ेत्र म� �कसी काया (जो केन्द्र�य सरकार का कायार्लय ) या व्यिक्त को पत्र
असाधारण दशाओं को छोड़कर �हन्द� म� ह�गे और य�द उनम� से �कसी को कोई पत्रा�द अंग्रेजी म�
जाते ह� तो उनके साथ उनका �हन्द� अनुवाद भी भेजा जाएगा
(क) �ेत 'ख' म� �कसी राज्य या संघ राज्य�ेत्र को या ऐसे राज्य या संघ राज्य �ेत्र म� �कसी
(जो केन्द्र�य सरकार का कायार्लय ) को पत्रा�द सामान्यतया �हन्द� म� ह�गे और य�द इनम�
�कसी को कोई पत्रा�द अंग्रेजी म� भेजे जाते ह� तो उनके साथ उनका �हन्द� अनुवाद भी भेजा जा
परन्तु य�द कोई ऐसा राज्य या संघ राज्य �ेत्र यह चाहता है �क �कसी �व�शष्ट वगर् या प
पत्रा�द या उसके �कसी कायार्लय के �लए आश�यत पत्रा�द संबद्ध राज्य या संघ राज्य�ेत्
द्वारा �व�न�दर्ष्ट अव�ध तक अंग्रेजी या �हन्द� म� भेजे जाएं और उसके साथ दूसर� भाषा म�
अनुवाद भी भेजा जाए तो ऐसे पत्रा�द उसी र��त से भेजे जाएं ;
(ख) �ेत 'ख' के �कसी राज्य या संघ राज्य �ेत्र म� �कसी व्यिक्त को पत्रा�द �हन्द� या अंग्रे
जा सकते ह�।
(3) केन्द्र�य सरकार के कायार्लय से 'ग' म� �कसी राज्य या संघ राज्य�ेत्र को या ऐसे राज्
�कसी कायार्ल (जो केन्द्र�य सरकार का कायार्लय )या व्यिक्त को पत्रा�द अंग्रेजी म�
(4) उप �नयम (1) और (2) म� �कसी बात के होते हुए भी , �ेत 'ग' म� केन्द्र�य सरकार के कायार्लय
�ेत 'क'या'ख'म� �कसी राज्य या संघ राज्य�ेत्र को या ऐसे राज्य म� �कसी का (जो केन्द्र�य सरक
का कायार्लय न ह) या व्यिक्त को पत्रा�द �हन्द� या अंग्रेजी म� हो सकते ह� । परन्तु �हन्द�
ऐसे अनप
ु ात म� ह�गे जो केन्द्र�य सरकार ऐसे कायार्लय� म� �हन्द� का कायर्साधक �ान रखने
व्यिक्तय� क� संख , �हन्द� म� पत्रा�द भेजने क� सु�वधाओं और उससे आनुषं�गक बात� को ध्यान
रखते हुए समय-समय पर अवधा�रत करे ।
(क) केन्द्र�य सरकार के �कसी एक मंत्रालय या �वभाग और �कसी दूसरे मंत्रालय या �वभाग
पत्रा�द �हन्द� या अंग्रेजी म� हो सक;
(ख) केन्द्र�य सरकार के एक मंत्रालय या �वभाग औ 'क' म� िस्थत संलग्न या अधीनस्थ कायार्
के बीच पत्रा�द �हन्द� म� ह�गे और ऐसे अनुपात म� ह�गे जो केन्द्र�य , ऐसे कायार्लय� म� �हन्द
का कायर्साधक �ान रखने वाले व्यिक्तय� क� सं , �हन्द� म� पत्रा�द भेजने क� सु�वधाओं और उस
संबं�धत आनुषं�गक बात� को ध्यान म� रखते हु, समय-समय पर अवधा�रत करे ;
(ग) �ेत 'क' म� िस्थत केन्द्र�य सरकार के ऐसे कायार्लय� क , जो खण् (क) या खण् (ख) म�
�व�न�दर ्ष्ट कायार्लय� से �भन्, पत्रा�द �हन्द� म� ;ह
(घ) �ेत 'क' म� िस्थत केन्द्र�य सरकार के कायार्लय� औ 'ख' या 'ग'म� िस्थत केन्द्र�य सरकार
कायार्लय� के बीच पत्रा�द �हन्द� या अंग्रेजी म� हो स;
परन्तु ये पत्रा�द �हन्द� म� ऐसे अनुपात म� ह�गे जो केन्द्र�य सरकार ऐसे कायार्लय� म� �
कायर्साधक �ान रखने वाले व्यिक्तय� क� सं , �हन्द� म� पत्रा�द भेजने क� सु�वधाओं और उस
आनुषं�गक बात� को ध्यान म� रखते हुए सम-समय पर अवधा�रत करे ;
(ङ) �ेत 'ख' या 'ग' म� िस्थत केन्द्र�य सरकार के कायार्लय� के बीच पत्रा�द �हन्द� या अंग्र
सकते ह�;
परन्तु ये पत्रा�द �हन्द� म� ऐसे अनुपात म� ह�गे जो केन्द्र�य सरकार ऐसे कायार्लय� म� �
कायर्साधक �ान रखने वाले व्यिक्तय� क� सं , �हन्द� म� पत्रा�द भेजने क� सु�वधाओं और उस
आनुषं�गक बात� को ध्यान म� रखते हुए सम-समय पर अवधा�रत करे ;
(i) �ेत 'क' या �ेत 'ख' �कसी कायार्लय को संबो�धत ह� वहां य�द आवश्यक हो , उनका दस
ू र� भाषा म�
अनुवाद, पत्रा�द प्राप्त करने के स्थान पर �कया;
परन्तु यह और �क य�द कोई पत्रा�द �कसी अ�धसू�चत कायार्लय को संबो�धत है तो दूसर� भाषा
ऐसा अनव
ु ाद उपलब्ध कराने क� अपे�ा नह�ं क� जाएगी
�नयम 3 और �नयम 4 म� �कसी बात के होते हुए भी, �हन्द� म� पत्रा�द के उत्तर केन्द्र�य सर
कायार्लय से �हन्द� म� �दए जाएंगे
अ�ध�नयम क� धारा 3 क� उपधारा (3) म� �न�दर ्ष्ट सभी दस्तावेज� के �लए �हन्द� और अंग्रेजी
का प्रयोग �कया जाएगा और ऐसे दस्तावेज� पर हस्ता�र करने वाले व्यिक्तय� का यह उत्तर
होगा �क वे यह सु�निश्चत कर ल� �क ऐसी दस्तावेज� �हन्द� और अंग्रेजी दोन� ह�म� तैयार क�
ह�, �नष्पा�दत क� जाती ह� और जार� क� जाती ह�
(2) जब उप�नयम (1) म� �व�न�दर ्ष्ट कोई आवे , अपील या अभ्यावेदन �हन्द� म� �कया गया हो य
उस पर �हन्द� म� हस्ता�र �कए गए , तब उसका उत्तर �हन्द� म� �दया जाएग
(3) य�द कोई कमर्चार� यह चाहता है �क सेवा संबंधी �वषय (िजनके अन्तगर्त अनुशास�न
कायर्वा�हयां भी ह) से संबं�धत कोई आदे श या सूचना , िजसका कमर्चार� पर तामील �कय
जाना अपे��त है, यथािस्थ�, �हन्द� या अंग्रेजी म� होनी चा�हए तो वह उसे असम्यक �वलम्ब के
उसी भाषा म� द� जाएगी।
(1) कोई कमर्चार� �कसी फाइल पर �टप्पण या काय्वृत्त �हंद� या अंग्रेजी म� �लख सकता
र
उससे यह अपे�ा नह�ं क� जाएगी �क वह उसका अनव
ु ाद दस
ू र� भाषा म� प्रस्तुत क
(2) केन्द्र�य सरकार का कोई भी कमर् , जो �हन्द� का कायर्साधक �ान रखता , �हन्द� म� �कसी
दस्तावेज के अंग्रेजी अनुवाद क� मांग तभी कर सकता , जब वह दस्तावेज �व�धक या तकनीक�
प्रकृ�त का, अन्यथा नह�ं
(3) य�द यह प्रश्न उठता है �क कोई �व�शष्ट दस्तावेज �व�धक या तकनीक � प्रकृ�त का है या न
�वभाग या कायार्लय का प्रधान उसका �व�नश्चय कर
(4) उप�नयम (1) म� �कसी बात के होते हुए भी , केन्द्र�य सर , आदे श द्वारा ऐसे अ�धसू�चत
कायार्लय� को �व�न�दर्ष्ट कर सकती है जहां ऐसे कमर्चा�रय� द ,िजन्ह� �हन्द� म� प्रवीणता प्र ,
�टप्प, प्रारूपण और ऐसे अन्य शासक�य प्रयोजन� , जो आदे श म� �व�न�दर ्ष्ट �कए जा , केवल
�हन्द� का प्रयोग �कया जाएग
9. �हन्द� म� प्रवी-
(क) मै�ट्रक पर��ा या उसक� समतुल्य या उससे उच्चतर कोई पर��ा �हन्द� के माध्यम से उ
कर ल� है;या
(ख) स्नातक पर��ा म� अथवा स्नातक पर��ा क� समतुल्य या उससे उच्चतर �कसी अन्य पर� �
�हन्द� को एक वैकिल्पक �वषय के रूप म� �लया; या
(ग) य�द वह इन �नयम� से उपाबद्ध प्ररूप म� यह घोषणा करता है �क उसे �हन्द� म� प्रवीण
है;
(i) मै�ट्रक पर��ा या उसक� समतुल्य या उससे उच्चतर पर��ा � �वषय के साथ उत्तीणर् कर ल
है; या
(ii) केन्द्र�य सरकार क� �हन्द� पर�का◌ा योजना के अन्तगर्त आयोि पर��ा या य�द उस
सरकार द्वारा �कसी �व�शष्ट प्रवगर् के पद� के सम्बन्ध म� उस योजना के अन्तगर्त को
पर��ा �व�न�दर ्ष्ट, वह पर��ा उत्तीणर् कर ल�;या
(iii) केन्द्र�य सरकार द्वारा उस �न�मत्त �व�न�दर्ष्ट कोई अन्य पर�� कर ल� है; या
(ख) य�द वह इन �नयम� से उपाबद्ध प्ररूप म� यह घोषणा करता है �क उसने ऐसा �ान प्र
�लया है;
तो उसके बारे म� यह समझा जाएगा �क उसने �हन्द� का कायर्साधक �ान प्राप्त कर �लय
(2) य�द केन्द्र�य सरकार के �कसी कायार्लय म� कायर् करने वाले कमर्चा� रय� म� से अस्सी प्
�हन्द� का ऐसा �ान प्राप्त कर �लया है तो उस कायार्लय के कमर्चा�रय� के बारे म� सामा
यह समझा जाएगा �क उन्ह�ने �हन्द� का कायर्साधक �ान प्राप्त कर �ल
(3) केन्द्र�य सरकार या केन्द्र�य सरकार द्वारा इस �न�मत्त �व�न�दर्ष्ट कोई अ�धकार� य
कर सकता है �क केन्द्र�य सरकार के �कसी कायार्लय के कमर्चा�रय� ने �हन्द� का कायर्सा
प्राप्त कर �लया है या नह
(4) केन्द्र�य सरकार के िजन कायार्लय� म� कमर्चा�रय� ने �हन्द� का कायर्साधक �ान प्राप्
है उन कायार्लय� के नाम राजपत्र म� अ�धसू�चत �कए जाए;
परन्तु य�द केन्द्र�य सरकार क� राय है �क �कसी अ�धसू�चत कायार्लय म� काम करने वाले और �
का कायर्साधक �ान रखने वाले कमर्चा�रय� का प्र�तशत �कसी तार� ख म
उप�नयम (2) म� �व�न�दर ्ष्ट प्र�तशत से कम हो गय , तो वह राजपत्र म� अ�धसूचना द्वारा घो�
कर सकती है �क उक्त कायार्लय उस तार�ख से अ�धसू�चत कायार्लय नह�ं रह जाएग
11. मैनुअल, सं�हताएं, प्र�क्रया संबंधी अन्य स, लेखन सामग्री आ-
(1) केन्द्र�य सरकार के कायार्लय� से संबं�धत सभी मै, सं�हताएं और प्र�क्रया संबंधी अन्य स,
�हन्द� और अंग्रेजी म� द्�वभा�षक रूप म� यथा , मु�द्रत या साइक्लोस्टाइल �कया जाएगा
प्रका�शत �कया जाएग
(2) केन्द्र�य सरकार के �कसी कायार्लय म� प्रयोग �कए जाने वाले रिजस्टर� के प्ररूप और शी
और अंग्रेजी म� ह�ग
(3) केन्द्र�य सरकार के �कसी कायार्लय म� प्रयोग के �लए सभी , सूचना पट , पत्रशीषर्
�लफाफ� पर उत्क�णर् लेख तथा लेखन सामग्री क� अन्य मद� �हन्द� और अंग्रेजी म� �लख ,
मु�द्रत या उत्क�णर् ;
परन्तु य�द केन्द्र�य सरकार ऐसा करना आवश्यक समझती है , साधारण या �वशेष आदे श द्वार,
केन्द्र�य सरकार के �कसी कायार्लय को इस �नयम के सभी या �कन्ह�ं उपबन्ध� से छूट दे सक
(i) यह सु�निश्चत करे �क अ�ध�नयम और इन �नयम� के उपबंध� और उप�नय (2) के अधीन जार�
�कए गए �नदे श� का समु�चत रूप से अनुपालन हो रहा ह;और
(2) केन्द्र�य सरकार अ�ध�नयम और इन �नयम� के उपबन्ध� के सम्यक अनुपालन के �लए अपने कमर्चा�र
कायार्लय� को सम-समय पर आवश्यक �नदेश जार� कर सकती है ।
[भारत का राजपत, भाग-2, खंड 3, उपखंड (i) म� प्रकाशना]
राजभाषा �वभाग
अ�धसूचना
का.आ. (अ). -- केन्द्र�य सर, राजभाषा अ�ध�नयम, 1963 (1963 का 19) क� धारा 3 क� उपधारा
(4) के साथ प�ठत धारा 8 द्वारा प्रदत्त शिक्तय� का प्रयोग क , राजभाषा (संघ के शासक�य
प्रयोजन� के �लए प्) �नयम, 1976 का और संशोधन करने के �लए �नम्न�ल�खत �नयम बनाती ह ,
अथार्:-
1. (1) इन �नयम� का सं��प्त नाम राजभाषा(संघ के शासक�य प्रयोजन� के �लए प्) संशोधन
�नयम, 2007 है ।
�नयम 2 के खंड (च) के स्थान पर �नम्न�ल�खत खंड रखा जाए, अथार् त:-
(च) “�ेत्र ” से �बहार , छत्तीसग, ह�रयाणा, �हमाचल प्रद , झारखंड, मध्यप्र, राजस्था, उत्तर
प्रद, उत्तराखंड और राष्ट्र�य राज �ेत्र �दल्ल� तथा अंडमान और �नकोबार द्वीप समूह संघ र
�ेत’ अ�भप्रेत ; ’
[(फा.सं. I/14034/02/2007-रा.भा.(नी�त-1)]
(पी.वी.वल्सला ज.कुट्)
प ृष्ठ संख्य576-577
�दनांक 14-5-2011
राजभाषा �वभाग
***
अ�धसूचना
1. (1) इन �नयम� का सं��प्त नाम राजभाष (संघ के शासक�य प्रयोजन� के �लए प्)
संशोधन �नयम, 2011 है ।
‘(छ) “�ेत्र ” से गुजरात , महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चं , दमण और द�व तथा
दादरा और नगर हवेल� संघ राज्य �ेत्र अ�भप्र;’
[(फा.सं.I/14034/02/2010-रा.भा. (नी�त-1)]