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Hindi-Consolidated Review of Performance of Regional Rural Banks 2020-21
Hindi-Consolidated Review of Performance of Regional Rural Banks 2020-21
अ. भूवमका
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिधियम, 1976 के अतं र्गत भारत सरकार, राज्य सरकार और प्रायोजक बैंक की शेयर पंजी से
क्षेत्र आिाररत और ग्रामीण उन्मख ु सस्ं थाओ ं के रूप में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापिा की र्ई. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों
का मल उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृ धि, व्यापार, वाधणज्य, लघु उद्योर् और अन्य उत्पादक र्धतधवधियों के धवकास के
धलए छोटे और सीमान्त धकसािों, कृ धि मजदरों, जिसंख्या के सामाधजक-आधथगक रूप से कमजोर वर्ग को ऋण देिे के
धलए पेशवे र रूप से प्रबधं ित वैकधपपक चैिल के रूप में कायग करिा था. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से यह अपेधक्षत है धक वे
संसाििों का संग्रहण कर उिका स्थािीय स्तर पर अधभधियोजि करें . इस तरह से कृ धि और ग्रामीण अथगव्यवस्था के
धवकास में इिकी महत्वपणग भधमका है.
धवत्तीय विग 2020-21 के दौराि क्षेत्रीय ग्रामीण (क्षेग्रा) बैंकों की समीक्षा’ दो भार्ों में बांटी र्ई है, अथागत भार्-I क्षेत्रीय
ग्रामीण बैंकों के धवत्तीय धिष्पादि की समीक्षा, और भार् II-िीधतर्त पहलें और धवकास.
आ. वित्तीय िर्ष 2020-21 के दौरान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का वित्तीय वनष्पादन
क्षेग्रा बैंकों के प्रमख
ु धिष्पादि संकेतकों की तल
ु िात्मक धस्थधत अिबु ंि-1 में दी र्ई है
1. कृवर् के विए एजेंसी-िार ऋण प्रिाह
धपछले 4 विों के दौराि सभी एजेंधसयों द्वारा कृ धि हेतु प्रदत्त कुल ऋण प्रवाह का एजेंसी-वार धववरण िीचे धदया र्या है.
ताधलका I से यह देखा जा सकता है धक आिारस्तरीय ऋण में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का धहस्सा विग 2020-21 में
12.1% रहा.
31 माचग 2021 को 22 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की जमाराधशयां `10,000 करोड़ से अधिक थीं जो कुल जमाराधशयों का
80% थीं. 11 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में जमाराधशयां, ₹5,000 करोड़ और ₹10,000 करोड़ के बीच थीं. इस तरह से, 33
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में प्रत्येक की जमाराधशयां `5,000 करोड़ से अधिक थीं, जो धक सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कुल
जमाराधशयों का 96% है. बड़ौदा यपी बैंक की जमाराधशयां सवागधिक अथागत् ₹52,391 करोड़ थीं जबधक िार्ालैंड
ग्रामीण बैंक की जमा राधशयां सबसे कम ₹117 करोड़ थी.
कुल जमाराधशयों में कम लार्त वाली जमाराधशयों (कासा) का धहस्सा 23% (सप्तधर्री ग्रामीण बैंक) से 79% (मधणपरु
ग्रामीण बैंक) के बीच रहा.
ताविका IV: कासा जमा की रेंज
क्षेग्रा बैंकों कुि जमारावशयों में बैंकों की जमारावशयों
सीएएसए जमा की रेंज %
की सांख्या का % वहस्सा
> 70 % 8 18.1
60 % to 70 % 7 18.6
50 % to 60 % 11 22.7
30 % to 50 % 14 36.1
<30 % 3 4.5
कुि 43 100.0
31 माचग 2021को 8 क्षेग्रा बैंकों - आयागवतग बैंक, अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक, असम ग्रामीण धवकास बैंक,
छत्तीसर्ढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, मधणपरु ग्रामीण बैंक, मेघालय ग्रामीण बैंक, प्रथमा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक और उत्तर
धबहार ग्रामीण बैंक की कासा जमाराधशयां 70% से अधिक थीं. 9 क्षेग्रा बैंकों की कासा जमाराधशयां 40 प्रधतशत से
कम थीं और इिमें से 08 बैंक देश के दधक्षणी क्षेत्र में पररचालिरत हैं.
7. उधार
धवत्तीय विग 2020-21 के दौराि उिार राधशयों में 24.8% की भारी वृधि हुई और 31 माचग 2021 को उिार राधशयाँ.
₹67,864 करोड़ थीं. धवशेि तरलता सधु विा (एसएलएफ़) के अतं र्गत सहायता और िाबाडग से पिु धवगत्त प्राप्त करिे हेतु
पात्रता मािदडं में कुछ ररयायतों के कारण धवत्तीय विग 2020-21 के दौराि िाबाडग द्वारा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को धदए
जािे वाली उिार राधश में 33.5% की उपलेखिीय वृधि हुई. 31 माचग 2021 की धस्थधत के अिसु ार क्षेत्रीय ग्रामीण
बैंकों द्वारा धलए र्ए कुल उिार में से िाबाडग द्वारा धदए र्ए उिार का धहस्सा 91% तक बढ़ र्या.
9.1 प्राथवमकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएि) मानदडां ों के तहत कायष वनष्पादन
भारतीय ररजवग बैंक िे मास्टर धिदेश धदिांक 4 धसतंबर 2020 के माध्यम से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सधहत
वाधणधज्यक बैंकों के धलए प्राथधमकता प्राप्त क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के संबंि में संशोधित धदशाधिदेश जारी धकए
हैं. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के धलए प्रमख
ु पररवतगि धिम्िधलधखत हैं:
क) अन्य वाधणधज्यक बैंकों की तजग पर 'प्राथधमकता प्राप्त क्षेत्र के लक्ष्यों को प्राप्त ि करिे' के धलए
धदशाधिदेश क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर लार् धकए र्ए हैं. तदिसु ार, धवत्तीय विग 2020-21 से अपिे पीएसएल
लक्ष्य / उप-लक्ष्यों के समक्ष ऋण ि देिे वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को भारतीय ररजवग बैंक के धदशाधिदेशों के
अिसु ार आरआईडीएफ और अन्य पिु धवगत्त धिधियों के धलए अश ं दाि देिा होर्ा.
ख) "छोटे और सीमांत धकसािों" और "कमजोर वर्ों" के धलए धििागररत लक्ष्यों को चरणबि तरीके से
बढ़ाया जा रहा है. एसएफ/एमएफ श्रेणी के तहत प्राथधमकता प्राप्त ऋण प्रमाणपत्रों (पीएसएलसी) की बढ़ती
मार्ं के कारण एसएफ/एमएफ श्रेणी के तहत लक्ष्यों में वृधि से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को लाभ होर्ा.
र्) एसएफ/एमएफ के धलए ऋण क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के बकाया सकल ऋण का लर्भर् 47% है और
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों िे धवत्त विग 2020-21 के दौराि एसएफ/एमएफ श्रेणी के तहत ₹78,837 करोड़ की राधश
वाले पीएसएलसी जारी धकए थे. धवत्त विग 2020-21 में समग्र रूप से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा पीएसएलसी
जारी करिे के माध्यम से कुल ₹2,069 करोड़ की फीस आय अधजगत की र्ई थी, धजसमें अके ले
एसएफ/एमएफ श्रेणी के तहत पीएसएलसी जारी करिे के माध्यम से फीस आय ₹1,378 करोड़ (67%) थी.
घ) धवत्तीय विग 2020-21 के दौराि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा कुल ₹1.93 लाख करोड़ के पीएसएलसी
का कारोबार धकया र्या. धवत्त विग 2020-21 के दौराि, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा धकए र्ए पीएसएलसी के
कारोबार में 26% की वृधि हुई. सभी बैंकों द्वारा कारोबार धकए र्ए पीएसएलसी मे से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का
धहस्सा 33% रहा.
ङ) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एसएफ/एमएफ श्रेणी और कृ धि श्रेणी के तहत पीएसएलसी के प्रमख
ु धवक्रेता रहे हैं
चंधक एसएफ/एमएफ और कृ धि श्रेणी के तहत शपु क (%) अधिक है, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इि श्रेधणयों के तहत
पीएसएलसी जारी कर रहे हैं और सामान्य श्रेणी के तहत पीएसएलसी खरीद रहे हैं जहां शपु क (%) कम है.
च) भारतीय ररज़वग बैंक िे उि मािदडं ों को हटा धदया है धजसके तहत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अपिे
बकाया अधग्रमों के 75% से अधिक आईबीपीसी जारी करिा अधिवायग हैं.
छ) धवधभन्ि पीएसएल लक्ष्य/उप-लक्ष्यों के तहत उपलधधि की र्णिा धपछले विग की इसी तारीख के
अिसु ार एएिबीसी (समायोधजत िेट बैंक क्रेधडट) के आिार पर की जाएर्ी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा जारी
पीएसएलसी में वृधि के साथ एएिबीसी में कमी आएर्ी. पररणामस्वरूप, जब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
पीएसएलसी/ आईबीपीसी जारी करते हैं तो धजस आिार पर पीएसएल उपलधधि की र्णिा की जाती है, वह
भी कम हो जाएर्ा.
ज) प्रत्येक श्रेणी के तहत सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको द्वारा जारी और खरीदे र्ए पीएसएलसी का धववरण
ताधलका VIII में धदया र्या है.
क्षेग्रा बैंकों की समेधकत आय और व्यय धववरण अिबु ंि III में धदया र्या है. धपछले 3 विों के दौराि क्षेत्रीय ग्रामीण
बैंकों की लाभप्रदता ताधलका संख्या VII में दी र्ई है.
ताविका X: िाभप्रदता
(₹ करोड़)
सांकेतक 2018-19 2019-20 2020-21
क्षेग्रा बैंकों की संख्या 53 45 43
लाभ दशागिे वाले क्षेग्रा बैंकों की संख्या 39 26 30
लाभ दशागिे वाले क्षेग्रा बैंकों के लाभ की राधश 1,759 2,203 3,550
हाधि दशागिे वाले क्षेग्रा बैंकों की संख्या 14 19 13
हाधि दशागिे वाले क्षेग्रा बैंकों की हाधि की राधश 2,411 4,411 1,867
संधचत हाधि दशागिे वाले क्षेग्रा बैंकों की संख्या 11 17 17
संधचत हाधि 2,887 6,467 8,264
सभी क्षेग्रा बैंकों का धिवल लाभ (-)652 (-)2,208 1,682
ii. व्यिहायषता
अधिकांश अथागत,् 43 में से 26 क्षेग्रा बैंक 31 माचग 2021को संिारणीय रूप से व्यवहायग थे (अथागत् लाभ अधजगत कर
रहे थे और सचं यी हाधियाँ शन्य थीं). धवत्तीय विग 2020-21 के दौराि 04 क्षेग्रा बैंक लाभ अधजगत कर रहे थे परंतु उिमें
पवगवती विों की संधचत हाधियाँ थीं. धवत्तीय विग 2020-21 के दौराि में 13 क्षेग्रा बैंकों को हाधि हुई थी और उन्होंिे
संचयी हाधि दजग की थी. धवत्तीय विग 2020-21 के दौराि 31 माचग 2021 की धस्थधत के अिसु ार 17 क्षेग्रा बैंकों में
संधचत हाधियाँ ₹8264 करोड़ थी जबधक 31 माचग 2020 की धस्थधत के अिसु ार संधचत हाधियाँ ₹6467 करोड़ थीं.
धवत्तीय विग 2020-21 के दौराि 31 माचग 2021 की धस्थधत के अिसु ार हाधि दज़ग करिे वाले 13 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में
से 05 पवी क्षेत्र से, 03 पवोत्तर क्षेत्र से, 02 उत्तरी क्षेत्र से, 02 मध्य क्षेत्र से और 01 पधिमी क्षेत्र से था. धवत्तीय विग
2021 के अतं में दधक्षणी क्षेत्र के सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक संिारणीय रूप से व्यवहायग धस्थधत में थे.
ताविका XI: व्यिहायषता
(राधश ₹ करोड़ में)
सांधारणीय
रूप से
5 68 56 60
व्यिहायष क्षेग्रा
बैंक का%
क्षेग्रा बैंकों में अनजषक आवस्तयाां (एनपीए) की क्षेत्रिार वस्थवत वनम्नविवखत ताविका में दी गई है:
ताविका XV: विवभन्न क्षेत्रों में सकि अनजषक आवस्तयाां (जीएनपीए) (%)
क्रम सां. क्षेत्र / उप क्षेत्र 31 मार्ष 2019 31 मार्ष 2020 31 मार्ष 2021
1 प्राथधमकता प्राप्त क्षेत्र 11.3 10.8 9.9
2 र्ैर प्राथधमकता प्राप्त क्षेत्र के ऋण 6.1 6.5 4.6
3 कुल एिपीए 10.8 10.4 9.4
सेक्टोरि एनपीए (प्राथवमकता प्राप्त + गैर प्राथवमकता प्राप्त)
I कृ धि (अ+आ+इ) 9.8 8.7 8.3
अ कृ धि ऋण (i+ii+iii) 9.7 8.5 8.2
i फसल ऋण 9.0 7.3 6.9
ii धिवेश ऋण 14.9 14.9 18.3
iii सम्बि र्धतधवधियां 10.1 11.3 8.5
आ कृ धि आिारभत सधु विा 12.2 15.2 15.0
इ सहायक र्धतधवधियां 30.9 34.1 22.5
II एमएसएमई 20.6 21.4 19.4
III धशक्षा 17.2 26.0 23.1
IV आवास 7.9 10.0 7.0
एिपीए में कमी के धलए धिम्िधलधखत उपाय धकए र्ए हैं:
• िाबाडग द्वारा आयोधजत की र्ई सभी समीक्षा बैठकें धजसमें भारत सरकार सधहत सभी धहतिारक भार् लेते हैं, में
क्षेग्रा बैंकों में एिपीए की धस्थधत की समीक्षा एक कायगसची मद रहा है.
• अन्य बातों के साथ-साथ 10% से अधिक सकल एिपीए वाले बैंकों की 'क्षेग्रा बैंक इि फोकस' के रूप में
पहचाि की र्ई है और उन्हें सधचत धकया र्या है धक वे अपिे एिपीए स्तर को कम करिे के धलए धिर्रािी
योग्य कायग योजिा तैयार करें तथा बोडग की बैठकों में उसकी समीक्षा की जाए.
• 'क्षेग्रा बैंक इि फोकस' की धवत्तीय धस्थधत की समीक्षा करिे और उपचारात्मक उपाय सझु ािे के धलए इिकी
समीक्षा बैठकें आयोधजत की जाती हैं.
• िाबाडग िे सभी क्षेग्रा बैंकों को अधिवायग रूप से ‘धसस्टम जिरटेड एिपीए प्लेटफॉमग’ में शाधमल होिे का धिदेश
धदया है.
• क्षेग्रा बैंकों िे समीक्षा बैठकों में सधचत धकया है धक वसली की धस्थधत की धिर्रािी और एिपीए में लधक्षत कमी
सधु िधित करिे के धलए क्षेग्रा बैंकों में एिपीए प्रबंिि कक्ष बिाए र्ए हैं.
• क्षेग्रा बैंकों के स्तर पर, उिके सभी अध्यक्ष अपिे क्षेत्रीय प्रबिं कों की सहायता से - के वल धस्थधत में सिु ार
करिे के धलए ही िहीं, बधपक एिपीए में वृधि को रोकिे के धलए भी शाखावार एिपीए की धस्थधत की धिर्रािी
कर रहे हैं.
• सभी क्षेग्रा बैंक धियधमत आिार पर वसली धशधवर आयोधजत करते हैं और एिपीए के स्तर को कम करिे के
धलए अन्य वसली रणिीधतयों का पालि करते हैं.
13. उत्पादकता
प्रधत शाखा और प्रधत कमगचारी कारोबार के मामले में क्षेग्रा बैंकों की उत्पादकता में धपछले कुछ विों में धियधमत वृधि
हुई है जोधक 31माचग 2021 को क्रमशः ₹39.3 करोड़ और ₹9.8 करोड़ है.
समामेलि का प्रथम चरण विग 2005 में एक राज्य के अदं र प्रायोजक बैंक-वार रूप में शरू
ु धकया र्या था और धदव् तीय
चरण 2012-15 के दौराि एक राज्य के अदं र समस्त प्रायोजक बैंकों के बीच कायागधन्वत धकया र्या था. समामेलि के
दो चरणों के पररणामस्वरूप क्षेग्रा बैंकों की संख्या 196 से घटकर 56 रह र्ई और यह प्रधक्रया उिमें बेहतर क्षमता,
उच्चतर उत्पादकता, सदृु ढ़ धवत्तीय धस्थधत, बेहतर धवत्तीय समावेशि लािे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण प्रवाह बढ़ािे में
सफल रही.
भारत सरकार िे 2018-19 में क्षेग्रा बैंकों के समामेलि के तृतीय चरण की प्रधक्रया प्रारंभ की है धजसका धसिान्त यह है
धक छोटे राज्यों के धलए ‘एक राज्य-एक क्षेग्रा बैंक’ हो तथा बड़े राज्यों में क्षेग्रा बैंकों की संख्या कम की जाए. धबहार
तथा पंजाब राज्यों में िए समामेधलत क्षेग्रा बैंक 01 जिवरी2019 को अधस्तत्व में आए. 31 माचग 2019 की धस्थधत में
देश में 53 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक थे.
01 अप्रैल 2019 से, 7 राज्यों - असम, र्जु रात, झारखडं , किागटक, मध्य प्रदेश, तधमलिाडु और उत्तर प्रदेश में 16 क्षेग्रा
बैंकों को समामेधलत कर 8 िए क्षेग्रा बैंक बिाए र्ए हैं धजससे देश में क्षेग्रा बैंकों की कुल संख्या 45 हो र्ई है.
धवत्तीय विग 2020-21 के दौराि, उत्तर प्रदेश में 3 क्षेग्रा बैंकों िामतः बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक, काशी र्ोमती
संयतु ग्रामीण बैंक और पवािंचल बैंक को समामेधलत कर 1अप्रैल 2020 से बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रायोजि के तहत
बड़ौदा य.पी. बैंक बिाया र्या. इसके पररणामस्वरूप, 1अप्रैल 2020 से भारत में क्षेग्रा बैंकों की संख्या 43 हो र्ई.
सावगजधिक क्षेत्र के बैंकों के समामेलि के कारण, 1अप्रैल 2020 से प्रायोजक बैंकों की संख्या भी 15 से घटकर 12 हो
र्ई. पंजाब और धसंि बैंक को छोड़कर सावगजधिक क्षेत्र के सभी बैंक एक या एक से अधिक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के
प्रयोजक हैं. जे एडं के बैंक धिजी क्षेत्र का अके ला ऐसा बैंक है जो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक का प्रयोजक है.
6. मौजूदा वहतधारकों के अिािा अन्य स्रोतों से पज
ूां ी जुटाना
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (संशोिि) अधिधियम, 2015 के अिसु ार क्षेग्रा बैंक की प्राधिकृ त पंजी ₹5 करोड़ से बढ़ाकर
₹2000 करोड़ कर दी र्ई है. संशोिि में यह भी प्राविाि है धक कें द्र सरकार और प्रायोजक बैंक की संयि ु धहस्सेदारी
51% से कम िहीं होिी चाधहए, इससे मौजदा धहतिारकों के अलावा अन्य स्रोतों से पजं ी जटु ािे का मार्ग प्रशस्त हो
जाता है. अधिधियम में संशोिि 4 फरवरी 2016 से लार् धकए र्ए हैं.
भारत सरकार, धवत्त मत्रं ालय, धवत्तीय सेवाएं धवभार् (क्षेग्रा बैंक प्रभार्) िे क्षेग्रा बैंकों द्वारा पजं ी जटु ािे के धलए उपलधि
धवधभन्ि धवकपपों की जांच करिे के धलए मई 2018 में एक सधमधत का र्ठि धकया. इसके अध्यक्ष उप प्रबंि धिदेशक,
िाबाडग थे तथा सदस्य के रूप में 03 प्रयोजक बैंकों के महाप्रबंिक इसमें शाधमल धकए र्ए थे. सधमधत िे भारत सरकार
को अपिी ररपोटग प्रस्ततु कर दी है.
भारतीय ररज़वग बैंक िे 1 िवबं र, 2019 के पररपत्र के माध्यम से क्षेग्रा बैंकों को बेधमयादी ऋण धलखत (पीडीआई) जारी
करिे की अिमु धत दी, जो धििागररत सीआरएआर को बिाए रखिे के धलए धटयर 1 पंजी के रूप में शाधमल धकए जािे के
धलए पात्र है. तथाधप, धवत्तीय विग 2019-20 के दौराि धकसी भी क्षेग्रा बैंक िे पीडीआई जारी िहीं धकया है.
क्षेग्रा बैंकों के कमगचारी आम तौर पर सावगजधिक क्षेत्र के बैंकों में अपिे समकक्ष स्टाफ के समाि वेति और भत्ते प्राप्त कर
रहे हैं. सावगजधिक क्षेत्र के बैंकों के धलए 11वें धद्वपक्षीय समझौते/8वें संयि
ु िोट के अिसु ार क्षेग्रा बैंकों के कमगचाररयों के
सश ं ोधित वेति और भत्ते अप्रैल 2021 में मजं र धकए थे.
(ii) पेंशि योजिा
पेंशि योजिा के कायागन्वयि के पररणामस्वरूप, क्षेग्रा बैंकों को पेंशि के धलए कुल ₹27,444 करोड़ (बीमाधं ककीय
मपयांकि के माध्यम से उिके द्वारा धकए र्ए आकलि के अिसु ार) की देयता हेतु प्राविाि करिे की आवश्यकता है.
भारतीय ररज़वग बैंक िे क्षेग्रा बैंकों को पांच विग (2018-19 से 2022-23) की अवधि में पेंशि देयता की चक
ु ौती करिे
की अिमु धत दी है.
(iii) ईपीएफ और एमपी अधिधियम, 1952 के तहत क्षेग्रा बैंकों को शाधमल ि धकया जािा
िाबाडग िे अपर सीपीएफसी (अिपु ालि, धवधिक और वसली), ईपीएफओ, िई धदपली के साथ संपकग कर उिसे कहा है
धक वे क्षेग्रा बैंक के अिरू
ु प शेि राधश की वापसी के धलए आचं धलक आरपीएफसी को उपयि
ु रूप से सधचत करे और
ईपीएफ और एमपी अधिधियम, 1952 की िारा 16 के तहत क्षेग्रा बैंकों को शाधमल ि धकए जािे के मामले में
औपचाररक पत्र, यधद कोई हो, जारी करें .
िाबाडग क्षेग्रा बैंकों के मािव संसािि से जड़ु े धवधभन्ि मद्दु ों से संबंधित कायग करता है और क्षेग्रा बैंकों में भती, पदोन्िधत
और धियधु ि, श्रम-शधि आयोजिा, क्षेग्रा बैंकों के िॉि-कोर कायों की आउटसोधसिंर्, बखागस्तर्ी/अिश ु ासिात्मक
कारग वाई की धस्थधत में कमगचाररयों/ बैंक के अश ं दाि का भधवष्य धिधि में भर्ु ताि करिा/ उसे जारी करिा, सेवाधिवृधत्त के
बाद के लाभ, अिश ु ासिात्मक कारग वाई के कारण बखागस्त धकए र्ए कमगचाररयों को लाभ जारी करिे पर स्पष्टीकरण
सैबेधटकल छुट्टी आधद के संबंि में भारत सरकार को अपिी राय भेजता है.
ऋण के प्रधतशत के रूप में एसएचजी का एिपीए 31 माचग 2021 को 3.99% था जबधक 31 माचग 2020 और 31 माचग
2019 को यह एिपीए क्रमशः 4.37% और 4.87% था.
31.03.2021 को िाबाडग ई-शधि पररयोजिा के अतं र्गत धडधजटाइज़ धकए र्ए कुल 12,33,089 स्वयं सहायता समहों
के समक्ष 3,21,549 (26.07%) समहों के बचत खाते क्षेग्रा बैंकों में खोले र्ए हैं और 1,71,327 समहों को क्षेग्रा बैंकों
द्वारा ऋण से जोड़ा र्या है.
12. सांयुक्त देयता समूहों (जेएिजी) का वित्तपोर्ण
विग 2020-21 के दौराि सभी एजेंधसयों द्वारा 41.26 लाख जेएलजी धवत्तपोधित धकए र्ए. इिमें से, क्षेग्रा बैंकों िे धवत्तीय
विग 2020-21 के दौराि ₹839.29 करोड़ की राधश से 50,940 जेएलजी धवत्तपोधित धकए जो विग के दौराि सभी
एजेंधसयों द्वारा धवत्तपोधित कुल जेएलजी का 1.23% है.
भारत इटं रफे स फॉर मिी (भीम) ऐप धडधजटल पेमटें ् स को बढ़ावा देिे के उद्देश्य से लॉन्च धकया र्या है ताधक यधिफाइड
पेमटें ् स इटं रफे स (यपीआई) का उपयोर् कर सरल, आसाि और त्वररत भर्ु ताि धकए जा सकें . इस जेिेररक ऐप िे
अलर्-अलर् बैंकों द्वारा मोबाइल बैंधकंर् ऐप धवकधसत करिे, होधस्टंर् करिे और उिका रख-रखाव करिे की
आवश्यकता को समाप्त कर धदया है. क्षेग्रा बैंकों को भीमऐप के माध्यम से बैंधकंर् लेि-देि की सधु विा प्रदाि करिे में
सक्षम बिािे के धलए, “क्षेग्रा बैंकों और ग्रामीण सहकारी बैंकों की भीम यपीआई प्लेटफ़ॉमग पर ऑि-बोधडिंर्” की
योजिा शरू ु की र्ई है. इस योजिा के तहत क्षेग्रा बैंकों को कुल व्यय की 80% राधश या प्रधत बैंक ₹5.00 लाख (इिमें
से जो भी कम हो), तक धवत्तीय सहायता प्रदाि की जाती है. 31 माचग 2021 तक 27 क्षेग्रा बैंक भीम यपीआई प्लेटफ़ॉमग
पर ऑि-बोडग हो चक ु े हैं.
14.7 यूआईडीएआई की ऑथेवन्टके शन यूज़र एजेंसी (एयूए)/ ए-के िाईसी यूज़र एजेंसी (के यूए) सदस्यता
यधद बैंकों के खातािारक सीिे खातों में सरकारी लाभ/ सधधसडी प्राप्त करिा चाहते हैं तो उन्हें अपिे खातों को आिार
संख्या से जोड़िा होर्ा. डीबीटी उद्देश्यों के धलए खोले र्ए खातों को प्रमाधणत करिे के साथ-साथ अपिे खातािारकों
को बायोमेधरकस के माध्यम से लेिदेि करिे की सधु विा प्रदाि करिे के धलए बैंकों के पास भारतीय धवधशष्ट पहचाि
प्राधिकरण (यआईडीएआई) की एयए/ उप-एयए सधु विाओ ं की एकसेस होिी आवश्यक है. क्षेग्रा बैंक अपिे ग्राहकों को
आिार प्रमाणीकरण सेवाएँ प्रदाि कर सकें इसके धलए उिका एयए/ सब-एयए होिा आवश्यक है. यधद आवश्यक हो,
तो ई-के वाईसी सेवाएं ऑफ़लाइि ई-के वाईसी के माध्यम से उपलधि कराई जा सकती हैं. क्षेग्रा बैंकों को एयए/ सब
एयए बििे के धलए िाबाडग एक बारर्ी सहायता प्रदाि कर रहा है. 31 माचग 2021 तक, 42 क्षेग्रा बैंक एयए/ सब-एयए
के सदस्य बि र्ए हैं.
भधवष्य में एईपीएस- प्रमाधणत एधप्लके शि वाले माइक्रो एटीएम और पॉस धडवाइस (भीम आिार पे सधहत) से ग्रामीण
इलाकों में उपभोिाओ ं को उिके द्वार पर इटं र ऑपरे बल बैंधकंर् सेवाएं प्रदाि की जाएर्ं ी. एयए/सब-एयए के सदस्य
बििे के बाद, क्षेग्रा बैंक इस प्लेटफॉमग पर ऑिबोडग होकर अपिे ग्राहकों, जो अकसर धिरक्षर/कम साक्षर होते हैं, को
आसाि बायोमेधरक प्रणाली पर आिाररत सरु धक्षत लेि-देि की सधु विा प्रदाि कर सकते हैं. इस सधु विा के धलए क्षेग्रा
बैंकों को धवत्तीय समावेशि धिधि से अिदु ाि सहायता प्रदाि की जाती है ताधक ग्रामीण जिता को आिार आिाररत
लेि-देि की सधु विा प्राप्त हो सके . 31 माचग 2021 तक 38 क्षेग्रा बैंक एईपीएस प्लेटफॉमग पर ऑिबोडग हो चक
ु े हैं. इसके
अलावा, बीसी पॉइटं पर स्वयं सहायता समहों के धवत्तीय लेिदेि को सधु विाजिक बिािे के धलए क्षेग्रा बैंकों को
प्रोत्साधहत धकया जा रहा है धक वे माइक्रो एटीएम पर ड़ूअल ओथेधन्टके शि फंकशिेधलटीज़ को सधक्रय करें .
15. प्रधानमांत्री मुद्रा योजना (पीएमएमिाई)
माििीय प्रिािमत्रं ी द्वारा पीएमएमवाई का शभु ारंभ 08 अप्रैल 2015 को धकया र्या था. इस योजिा के तहत
धवधिमागण, व्यापार एवं सेवा र्धतधवधियों में संलग्ि सक्ष्म/ लघु व्यावसाधयक इकाइयों को ऋण धवतरण का कारोबार
करिे वाले बैंकों, एिबीएफ़सी, एमएफ़आई जैसे अधं तम धवत्तीय मध्यस्थों को पिु धवगत्त प्रदाि धकया जाता है. विग
2020- 21-21 के धलए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को आबंधटत ₹21,723 करोड़ के समक्ष विग 2020-21 के दौराि
उपलधधि ₹19,654 करोड़ (%90.48)रही .यह राधश पीएमएमवाई के अतं र्गत धशशु ( 7.19 लाख खाते,
₹2,059 करोड़), धकशोर (8.40 लाख खाते, ₹14,080 करोड़) और तरुण (43,612 खाते, ₹3,515
करोड़) श्रेधणयों के अतं र्गत प्रदाि की र्ई. स्रोत :मुद्रा
* सभी अिपु ात औसत कायगशील पजं ी / धिधि का प्रधतशत हैं, जहां औसत को माह के अतं के आक
ं ड़ों पर धिकाला
र्या है.