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आईओएसआर जनल ऑफ इकोनॉ म स एंड फाइनस आईओएसआर जेईएफ ई आईएसएसएन


पी आईएसएसएन । खंड अंक . दे ख । म मई। जून पीपी
www.iosrjournals.org

कसान आ मह या और भारत म सरकार क त या An


व ेषण
डॉ। जीएल पावथ मा
एसो सएट ोफे सर और सम वयक अथशा वभाग बगलोर व व ालय पीजीसी क कोलार

सार भारत एक कृ ष धान दे श है जसम लगभग लोग य या परो प से कृ ष पर नभर ह। भारत म सभी आ मह या का . कसान
आ मह या का है। भारत म कसान आ मह या आजी वका के ाथ मक ोत के प म खेती पर नभर ारा जानबूझ कर कसी के जीवन का अंत
है। कसान आ मह या के कई कारण ह जैसे मानसून क वफलता उ ऋण बोझ आनुवं शक प से संशो धत फसल सरकारी नी तयां सावज नक
मान सक वा य गत मु े और पा रवा रक सम याएं। आरोप भी है

कसान क आ मह या के आंक ड़ म हेराफे री कर रहे रा य म भारत के रा ीय अपराध रकॉड यूरो ने कसान क आ मह या क सूचना द । सबसे
अ धक कसान आ मह या क सं या म दज क गई थी जब कसान ने आ मह या क थी। भारत म कसान क आ मह या दर कु ल जनसं या म .
से . त के बीच है से साल क अव ध म। से तक भारत म कु ल कसान ने आ मह या क है या औसतन
आ मह याएं ह। त वष। इसी अव ध के दौरान भारत म कु पोषण बीमा रय और आ मह या स हत अ य कारण से त वष लगभग . म लयन लोग क मृ यु ई
जो गैर कृ ष से संबं धत थे या से तक लगभग म लयन मौत थ । वतमान पेपर ने व ेषण करने का यास कया।

भारत म कसान क आ मह या के कारण और व भ रा य म कसान क आ मह या क भ ता पर रा य सरकार के े सव ण सां यक । इसने कसान क


आ मह या पर सरकार क त या और सरकारी नी तय क भावशीलता पर भी यान क त कया।

क वड कसान आ मह या भारतीय रा ीय अपराध रकॉड यूरो आनुवं शक प से संशो धत फसल

I. तावना
भारत एक कृ ष धान दे श है जहां लगभग लोग य या परो प से कृ ष पर नभर ह। भारत म सभी आ मह या का . कसान
आ मह या का है। भारत म कसान आ मह या अपनी आजी वका के ाथ मक ोत के प म खेती पर नभर ारा जानबूझ कर कसी के जीवन का अंत है।
कायकता और व ान ने कसान क आ मह या के कई पर र वरोधी कारण क पेशकश क है जैसे मानसून क वफलता उ ऋण बोझ आनुवं शक प से
संशो धत फसल सरकारी नी तयां सावज नक मान सक वा य गत मु े और पा रवा रक सम याएं। कसान क आ मह या के आंक ड़ म रा य ारा हेराफे री
करने का भी आरोप है। म भारत के रा ीय अपराध रकॉड यूरो ने कसान क आ मह या क सूचना द । कसान क आ मह या क सबसे अ धक
सं या म दज क गई थी जब कसान ने आ मह या क थी। भारत म कसान क आ मह या दर . से . त के बीच कु ल जनसं या म
से साल क अव ध म है। से तक भारत म कु ल कसान ने आ मह या क है या औसतन त वष आ मह या। इसी अव ध
के दौरान भारत म कु पोषण बीमा रय और आ मह या स हत अ य कारण से त वष लगभग . म लयन लोग क मृ यु ई जो गैर कृ ष से संबं धत थे या
से तक लगभग म लयन मौत। नराशा व ोह और उ मृ यु दर से संबं धत ऐ तहा सक रकॉड भारत म कसान के बीच वशेष प से नकद फसल
कसान के बीच व शता द क तारीख म। के दशक के उ भू म कर कृ ष उ पादन या उ पादकता पर लगातार अकाल के भाव क परवाह कए बना
नकद म दे य सूदखोरी सा कार और जम दार अ धकार के औप नवे शक संर ण के साथ कपास और अ य कसान के बीच ापक गरीबी और नराशा म योगदान
दया अंततः अ णी के द कन दं ग के लए। टश सरकार ने डे कन के कपास कसान से सा कार ारा ली जाने वाली याज दर को सी मत करने के
लए म डे कन कृ षक राहत अ ध नयम अ ध नय मत कया ले कन इसे चु नदा े म लागू कया जो टश कपास ापा रक हत क सेवा करते थे। ामीण
मृ यु दर मु यतः कृ ष धान टश भारत म से के बीच ब त अ धक थी। हालां क भुख मरी से संबं धत मौत आ मह या से कह अ धक थ बाद म
आ धका रक तौर पर चोट के तहत वग कृ त कया गया था। म चोट के तहत वग कृ त मृ यु दर भारत के म य ांत म त लोग पर और बॉ बे
ेसीडसी म त लोग पर थी।

गणप त और वकोबा राव ने म त मलनाडु के कु छ ह स म आ मह या का व ेषण कया। उ ह ने सफा रश क क कृ ष ऑगनो फॉ ोरस


यौ गक के वतरण को तबं धत कया जाए। इसी तरह नंद एट अल। म ामीण प म बंगाल म आ मह या म वतं प से उपल कृ ष क टनाशक क
भू मका को नोट कया और सुझ ाव दया क उनक उपल ता को व नय मत कया जाए। हेगड़े ने से तक उ री कनाटक के गांव म ामीण आ मह या
का अ ययन कया और कहा क आ मह या क दर त आबाद पर . है। रे ी ने म आं दे श म कसान आ मह या क उ दर और खेत के
आकार और उ पादकता के साथ इसके संबंध क समी ा क ।

भारत म कसान क आ मह या के बारे म लोक य ेस म रपो टग के दशक के म य म शु ई वशेष प से पलागु मी साईनाथ ारा।
के दशक म इस मु े ने अंतररा ीय तर पर यान आक षत कया और भारत सरकार क कई पहल रा ीय अपराध रकॉड यूरो भारत सरकार के गृह मं ालय के एक
कायालय ने

डीओआई . www.iosrjournals.org पृ
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कसान आ मह या और भारत सरकार क त या एक व ेषण

भारत म वा षक घटना मृ यु और आ मह या रपोट के पम के दशक से भारत के लए आ मह या के आंक ड़े एक और का शत कर रहा है। इसने से


कसान क आ मह या के आंक ड़ को अलग से एक करना और का शत करना शु कया। एनसीआरबी रपोट एनसीआरबी पर पेज म का शत वा त वक
जनसां यक य व ेषण उस वष के लए भारत म दज क गई आ मह या म से से कम खेती से संबं धत थे। समुदाय हालां क कसान
अरब मजबूत भारतीय आबाद का लगभग दो तहाई ह सा ह । इसक तुलना म पर गृ ह णयां और पर गैर कृ ष वरोजगार वसाय पेशेवर
अ य कह अ धक आ मघाती ह। इसके अलावा सम प से जनसं या म आ मह या के मुख कारण पा रवा रक सम याएं और अ व ता ह येक म लगभग
आ थक वफलता दवा लया होने आ द के साथ । वै क डेटा ब के लए संयु रा य अमे रका म आ मह या म लयन क आबाद के लए
लगभग त वष है।

भारत म कसान आ मह या य करते ह यह समझाने के लए कई कारण बताए गए ह जनम सूख ा और कज आनुवं शक प से संशो धत बीज का
उपयोग सावज नक वा य और सरकारी आ थक नी तयां शा मल ह। मु य कारण या हो सकते ह इस पर कोई सहम त नह है ले कन अ ययन से पता चलता है क
आ मह या के शकार एक से अ धक कारण से े रत होते ह औसतन तीन या अ धक कारण आ मह या करने के लए। पनग ढ़या का कहना है क खेत से संबं धत
कारण को आ मह या के कारण के प म के वल लगभग तशत समय का हवाला दया जाता है और अ ययन लगातार अ धक ऋण बोझ और ऋण के
अनौपचा रक ोत पर अ धक नभरता दखाते ह जो कसान आ मह या करते ह।

भारत म कसान क आ मह या के कारण इस कार ह


कारण के लये खेत आ मह या तशत
आ मह या के

शराब पीना जुआ खेलना आ द आदत। .

फसल क वफलता अ य .

कारण जैसे चटफं ड .

प त या प नी के साथ पा रवा रक सम याएं अ य पुरानी बीमारी .

बे टय क शाद राजनी तक संब ता .

संप ववाद .

कज़ का बोझ .

मू य घटना ब त .

अ धक उधार लेना उदाहरण के लए घर के नमाण के लए .

गैर कृ ष ग त व धय म हा न बोरवेल क वफलता .

म कए गए एक अ ययन म पाया गया क उ जो खम वाले कसान के साथ तीन व श वशेषताएं जुड़ी ई ह वे जो कॉफ और कपास जैसी
नकद फसल उगाते ह वे जो एक हे टे यर से कम के सीमांत खेत वाले ह और वे जो पये या ऋण के साथ ह। अ धक। अ ययन म यह भी पाया गया क जन
भारतीय रा य म ये तीन वशेषताएं सबसे आम ह उनम आ मह या क दर सबसे अ धक थी और रा य तरीय आ मह या म लगभग प रवतनशीलता के
लए भी ज मेदार था। के एक अ ययन ने ामीण वदभ महारा म कसान क आ मह या पर एक े ीय सव ण कया और कसान प रवार के बीच
कारण को गुण ा मक प से रक करने के लए मथ क साम य प त को लागू कया ज ह ने आ मह या के लए कसी को खो दया था। कसान आ मह या के
पीछे मह व के मम कारण थे कज शराब क लत पयावरण कम उपज क क मत तनाव और पा रवा रक ज मेदा रयां उदासीनता खराब सचाई खेती क
बढ़ती लागत नजी सा कार रासाय नक उवरक का उपयोग और फसल क वफलता। सरे श द म तनाव और पा रवा रक ज मेदा रय के लए कज को उवरक
और फसल क वफलता क तुलना म काफ अ धक आंक ा गया। म इसी े म एक अलग अ ययन म ऋण तता और आ थक त म गरावट
आ मह या के लए मुख जो खम कारक पाए गए।

से तक के अ ययन ने कसान क आ मह या के कई कारण क पहचान क जैसे अपया त या जो खम भरा े डट स टम अध शु क े


म खेती क क ठनाई खराब कृ ष आय वैक पक आय के अवसर क अनुप त शहरी अथ व ा म मंद जसने गैर कसान को मजबूर कया खेती म और
उपयु परामश सेवा के अभाव म। म अ खल भारतीय बायोडायना मक और जै वक खेती संघ के एक अनुरोध के जवाब म मुंबई उ यायालय ने टाटा
सं ान को महारा म कसान आ मह या पर एक रपोट तैयार करने क आव यकता क और सं ान ने माच म अपनी रपोट तुत क । सव ण म सरकार
क उदासीनता कसान के लए सुर ा जाल क अनुप त और कृ ष से संबं धत जानकारी तक प ंच क कमी को रा य म कसान क नराशाजनक त के मु य
कारण के प म उ त कया गया। एक भारतीय अ ययन म आयो जत कया गया जो उ मशीलता क ग त व धय जैसे नई फसल नकद फसल और
न न ल खत म शा मल होने वाले पी ड़त के बीच संबंध का संके त दे ता है बाजार के झान और कई बाधा के कारण अपे त ल य को पूरा करने म उनक वफलता।

अ य कारण
सूख ा
भारत क कृ ष भू म मानसून के मौसम म बाढ़ पर नभर करती है इस लए अपया त वषा सूख े का कारण बन सकती है जससे फसल खराब हो
जाती है। जन े म सूख ा पड़ा है वहां फसल क पैदावार होती है

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कसान आ मह या और भारत सरकार क त या एक व ेषण

गरावट आई है और मवे शय के लए भोजन लभ हो गया है। सूख े से भा वत कृ ष े म बाद म उनक आ मह या दर म वृ दे ख ी गई है।

नई आ थक नी त
उ सा पटनायक जय त घोष और भात पटनायक जैसे वामपंथी झुक ाव वाले अथशा य का सुझ ाव है क भारत सरकार क मै ो इकोनॉ मक नी त म
एक संरचना मक प रवतन जो नजीकरण उदारीकरण और वै ीकरण का समथन करता है कसान आ मह या का मूल कारण है।

जीएम फसल
कई सामा जक कायकता समूह और अ ययन ने जीएम फसल और कसान आ मह या के बीच एक कड़ी का ताव रखा। कसान क आ मह या
के लए बीट कपास बै सलस थु र जए सस कॉटन को ज मेदार माना गया था। ईबीट कपास के बीज क क मत सामा य से लगभग दोगुनी थी। उ लागत ने कई
कसान को अ धक से अ धक ऋण लेने के लए मजबूर कया अ सर नजी सा कार से अ य धक याज दर त वष वसूलते ह। सा कार पर दावा कया गया
था क वह फसल के समय अपना बकाया वसूल करता है कसान को अपनी कपास उसे बाजार से कम क मत पर बेचने के लए मजबूर करता है। कायकता के
अनुसार इसने कसान के बीच कज और आ थक तनाव अंततः आ मह या का एक ोत पैदा कया। व ान का दावा है क इस बीट कपास स ांत ने कु छ धारणाएं
बना और े क वा त वकता को नजरअंदाज कर दया। मोनसटो क महंगी जीएमओ फसल के कारण भारतीय कसान आ मह या कर रहे ह। मोनसटो को नया
क भूख और भुख मरी को खलाने के लए माना जाता था ले कन इसके बजाय व वध टकाऊ जै वक कृ ष को वै ीकरण जीएमओ फसल और एका धकार से बदल
दया गया था। डेली मेल क एक रपोट के अनुसार हर मनट म एक भारतीय कसान मोनसटो क जीएमओ फसल के कारण आ मह या कर लेता है। पछले दशक
म मोनसटो के महंगे बीज और क टनाशक के कारण से अ धक भारतीय कसान ने खुद को मार डाला है। वै ीकरण और एका धकार ने कसान को
जीएमओ बीज खरीदने के लए मजबूर कया है और चूं क जीएमओ फसल क ट तरोधी हो गई ह इस लए कसान के पास मोनसटो के लोक य जड़ी बू टय को
खरीदने के अलावा कोई वक प नह है। म डेली मेल ने भारतीय कसान क नरंतर आ मह या को नरसंहार कहा। मानव इ तहास म। वा तव म परेशान करने
वाली बात यह है क कई बार कसान मोनसटो ारा भेज े गए क टनाशक को पीकर आ मह या कर लेते ह। म मोनसटो के बीट कपास के उपयोग के बाद
भारतीय कसान म आ मह या क दर म भारी वृ ई। कहानी तब शु ई जब भारतीय कपास कसान को मोनसटो क बीट फसल पर वच करने के लए
मजबूर होना पड़ा इस उ मीद म क बीट फसल क ट तरोधी थ इस लए कसान को मोनसटो क महंगी जड़ी बू टय को खरीदने क ज़ रत नह थी । हालां क कु छ
समय बाद बीट कपास क क ट तरोधी गुण व ा फ क पड़ने लगी इस लए कसान को फर से मोनसटो क महंगी जड़ी बूट को खरीदना और उसका उपयोग करना
पड़ा।

जीएमओ बीज क उ लागत जड़ी बू टय के ापक उपयोग और फसल मू य म भारी कमी ने कई बार कसान को दवा लया बना दया है और
प रणाम व प कई कसान कज अवसाद नराशा और नराशा के अंतहीन च म गर रहे ह और उनके पास कोई वक प नह है। उनका जीवन समा त कर दे ता है।
एनवाई यू नव सट कू ल ऑफ लॉ ारा उपल कराए गए आंक ड़े बताते ह क सफ म ही कसान ने आ मह या क थी। कानून। मोनसटो के महंगे
जीएमओ बीज के प रणाम व प कसान के कई प रवार ने अपनी आजी वका और जमीन खो द है और भुख मरी और ख से संघष करने के लए खुद को छोड़ दया
है। . ब लयन जो क भारतीय जनसं या का है य या अ य प से कृ ष पर नभर ह। मोनसटो कसान को उनके बीज और रसायन खरीदने के लए
मजबूर कर बाजार पर हावी होने के लए ज मेदार है। जो हर साल मर जाते ह इस लए कसान नए बीज खरीदने को मजबूर ह।

म भारत म बीट कपास और कसान क आ मह या के बीच संबंध के बारे म सबूत क समी ा जनल ऑफ डेवलपमट टडीज म
आईएफपीआरआई के शोधकता ारा भी का शत क गई थी जसम पाया गया था क उपल आंक ड़े कृ ष के पुन ान का कोई सबूत नह दखाते ह। कसान
आ मह या। इसके अलावा बीट कपास तकनीक भारत म सम प से ब त भावी रही है। MatinQaim ने पाया क बीट कपास भारत म ववादा द है भले ही
व ान के माण कु छ भी ह । भारत म जैव ौ ो गक वरोधी कायकता समूह अपने दावे को दोहराते ह क बीट कपास और कसान क आ मह या के बीच संबंध
का सबूत है यह दावा मास मी डया ारा जारी रखा गया है। कसान क आ मह या और बायोटे क उ ोग को जोड़ने से सावज नक नी त नमाण या म नकारा मक
राय पैदा ई है। टोन ने सुझ ाव दया क जीएम कपास के आगमन और व तार ने हर तरफ से गलत सूचना का अ भयान चलाया जससे कसान क त और खराब
हो गई कायकता ने बीट कपास क वफलता और अ वीकृ त क कवदं ती को पशुधन मृ यु और कसान आ मह या के सनसनीखेज दाव के साथ बढ़ावा दया है
जब क सरा प बीट कपास को गलत तरीके से सा ह य पर आधा रत एक बड़ी सफलता घो षत कर रहा है जो वा तव म अ नणायक है। कपास क नकद फसल
कसान क त ज टल है और वक सत हो रही है टोन का सुझ ाव है। ग बट नेचर जनल म का शत के एक लेख म कहा गया है लोक य मथक के
वपरीत म आनुवं शक प से संशो धत बीट कपास क शु आत भारतीय कसान के बीच आ मह या दर म वृ से जुड़ी नह है। क एक अ य समी ा
म इयान ली वस कहते ह उपल आंक ड़े इस कोण का समथन नह करते ह क बीट कपास क शु आत के बाद कसान आ मह या म वृ ई है। सभी
रा य को एक साथ मलाकर इस प रक पना का समथन करने के सबूत ह क वपरीत सच है पु ष कसान आ मह या दर म वा तव म गरावट आई है। तब से
पहले बढ़ रहा था ।

व भ रा य म कसान क आ मह या पर रा य सरकार के े सव ण सां यक


पटे ल एट अल। पाते ह क द णी भारतीय रा य म कु छ उ री रा य क तुलना म आ मह या क दर दस गुना अ धक है। उनका दावा है क यह अंतर
कसी क मृ यु के गलत वग करण के कारण नह है उदाहरण के लए ह या के पम ब क े ीय कारण से है। भारत के द ण म आ मह या का सबसे आम
कारण एक संयोजन है

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कसान आ मह या और भारत सरकार क त या एक व ेषण

सामा जक मु जैसे क पार रक और पा रवा रक सम याएं व ीय क ठनाइयाँ और पहले से मौजूद मान सक बीमारी।
आ मह या के वचार को द ण भारत म उतना ही सां कृ तक प से वीकार कया जाता है जतना क कु छ उ आय वाले दे श म। भारत के द णी रा य म आ मह या
क उ दर पटे ल अल अल म सबसे बड़ी हो सकती है। आं शक प से क ठनाइय से नपटने के तरीके के प म आ मह या क सामा जक वीकृ त के कारण। महारा
सरकार ने अपनी ामीण आबाद के बीच कसान क आ मह या क कु ल सं या के बारे म च तत होकर कारण म अपना वयं का अ ययन शु कया। इसके इशारे
पर मुंबई म इं दरा गांधी वकास अनुसंधान सं ान ने े अनुसंधान कया और कसान के शीष कारण का पता लगाया

आ मह याएं होनी चा हए ऋण कम आय और फसल क वफलता पा रवा रक मु े जैसे बीमारी और बेट क शाद के लए उ सव के खच का भुगतान करने म असमथता
मा य मक आय वसाय क कमी और मू य व धत अवसर क कमी।
भारत के रा ीय अपराध रकॉड यूरो ने अपनी क वा षक रपोट म बताया क भारत म लोग ने आ मह या क जनम से कसान .
थे। इनम से म से रा य म कसान क आ मह या ई महारा आं दे श कनाटक म य दे श और के रल। म कु ल लोग ने
आ मह या क जनम से कसान थे म भारत म कसान ने आ मह या क जब क कु ल आ मह याएं थ। म महारा रा य
कसान क आ मह या के साथ अ खल भारतीय कसान आ मह या का लगभग एक चौथाई ह सा था। बहार और उ र दे श म कसान
आ मह या दर आकार और जनसं या के हसाब से भारत के दो बड़े रा य महारा के रल और पां डचेरी क तुलना म लगभग गुना कम रहे ह। म उ र दे श
म कसान ने आ मह या क थी एक रा य जसक अनुमा नत आबाद . म लयन है। म उ र दे श म आठ कसान ने आ मह या क थी।

IFFRI के अ ययन के अनुसार के दौरान गुज रात म के रल म पंज ाब म और त मलनाडु म आ मह या क सं या थी। जब क म


छ ीसगढ़ म कसान ने आ मह या क और म कसान ने आ मह या क म इसके कसान क आ मह या शू य हो गई। डेटा हेरफे र के
आरोप के लए अ णी। रा ीय अपराध रकॉड यूरो के के आंक ड़ के अनुसार कसान आ मह या के आंक ड़े इस कार ह नोट एनसीआरबी व भ रोजगार
े णय म आ मह या को सूचीब करता है ले कन यह आव यक नह है क सूचीब आ मह या का कारण खेती या फसल वफलता है कसान ेण ी म ।

कसान आ मह या पर सरकार क त या
सरकार ने सामा य प से कसान क आ मह या और कृ ष संबंधी संक ट के कारण क जांच के लए कई जांच नयु क ह। कृ षक आयोग रा ीय कसान
आयोग ने भारत के सभी आ मह या वण कृ ष े का दौरा कया फर म अपनी सफा रश के साथ तीन रपोट का शत क । इसके बाद धान मं ी मनमोहन
सह ने म वदभ का दौरा कया और ब लयन लगभग . ब लयन डॉलर के पैके ज का वादा कया।

आ मह या करने वाले कसान के प रवार को भी सरकार ारा करीब डॉलर क अनु ह अनुदान क पेशकश क गई थी हालां क इस रा श को कई
बार बदला गया था।

राहत पैके ज
म भारत सरकार ने आं दे श महारा कनाटक और के रल के चार रा य म जल क पहचान क जहां कसान क आ मह या क उ
सापे घटनाएं ह। इन कसान के संक ट को कम करने के लए एक वशेष पुनवास पैके ज शु कया गया था। पैके ज ने कसान को ऋण राहत दान क सं ागत ऋण
क आपू त म सुधार सचाई सु वधा म सुधार कृ ष सहायता सेवाएं दान करने के लए नयो जत वशेष और समाज सेवा क मय को दान कया और बागवानी
पशुधन डेयरी और म य पालन के मा यम से सहायक आय के अवसर क शु आत क । भारत सरकार ने कसान को धान मं ी रा ीय राहत कोष से अनु ह रा श नकद
सहायता क भी घोषणा क । इसके अ त र अ य बात के अलावा

भारत सरकार ने घोषणा क


महारा के वदभ े म जसे कसान आ मह या पर काफ बड़े पैमाने पर मी डया समाचार कवरेज मला था महारा के छह भा वत जल म वदभ के सभी
कसान प रवार को भुगतान करने म मदद करने के लए येक को म लयन US$ क नकद रा श द गई थी। ऋण मूलधन।

जून तक . अरब म लयन अमे रक डॉलर का बकाया याज माफ कर दया गया था। भुगतान का बोझ
क और रा य सरकार के बीच समान प से साझा कया गया था।
सरकार ने वदभ के कसान के लए . ब लयन म लयन अमे रक डॉलर के लए एक वशेष े डट वाहन बनाया। े के सभी कसान को नए सरे से
ऋण मलना सु न त करने के लए नाबाड और बक क वशेष ट म को त नयु कया गया था।

सचाई के बु नयाद ढांचे म सुधार के लए . ब लयन US$ म लयन का आवंटन कया गया था ता क
वदभ े के कसान ने भ व य म सचाई सु वधा का आ ासन दया था।

कृ ष ऋण माफ और ऋण राहत योजना


भारत सरकार ने ब लयन US$ ब लयन क लागत से म लयन से अ धक कसान को लाभा वत करने के लए कृ ष ऋण माफ और ऋण
राहत योजना को लागू कया। इस खच का उ े य ऋण मूलधन के ह से के साथ साथ कसान ारा दे य याज को लखना था। तथाक थत कसान े डट काड के
तहत तनाव त कसान ारा य कृ ष ऋण को भी इस योजना के तहत कवर कया गया था

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कसान आ मह या और भारत सरकार क त या एक व ेषण

े ीय पहल
भारत म व भ रा य सरकार ने कसान आ मह या को रोकने म मदद के लए अपनी पहल शु क है।
महारा सरकार ने म कृ ष संक ट से नपटने के लए एक सम पत समूह क ापना क जसे अमरावती म त वसंतराव नायक शे वावलंबन मशन के पम
जाना जाता है। कनाटक सरकार ारा कृ ष व व ालय के पूव कु लप त डॉ वीरेश और सद य के प म ोफे सर दे शपांडे क अ य ता म कसान आ मह या का
अ ययन करने के लए एक समूह भी ग ठत कया गया था।

कसान ऋण शत को व नय मत करने के लए महारा वधेयक


सबसे अ धक कसान आ मह या भा वत रा य म से एक महारा क रा य सरकार ने कसान को सभी नजी धन उधार को व नय मत करने के लए धन
उधार व नयमन अ ध नयम पा रत कया। बल ने कसान को कसी भी ऋण पर अ धकतम कानूनी प से वीकृ त याज दर को नधा रत कया इसे भारतीय
रजव बक ारा धन उधार दर से थोड़ा ऊपर नधा रत कया और इसम लं बत ऋण भी शा मल थे।

महारा राहत पैके ज


महारा रा य सरकार ने म गैर लाइसस ा त सा कार के लए ऋण चुक ौती मांगने से इसे अवैध बना दया। रा य सरकार ने यह भी घोषणा क क
यह ाम कसान वयं सहायता समूह से होगा जो सरकार ारा व पो षत ऋण का वतरण करेगा एक कम दर फसल बीमा काय म जसका ी मयम कसान ारा
और सरकार ारा का भुगतान कया जाएगा वैक पक आय के अवसर क शु आत जैसे क उ आ मह या वण जल म कसान के लए मुग पालन
डेयरी और रेशम उ पादन के प म। सरकार ने आगे घोषणा क क वह सामुदा यक ववाह समारोह के लए त जले त वष म लयन US$ के साथ
अपने सामुदाइकल ना के तहत एक ववाह न ध का व पोषण करेगी जहां कई जोड़े एक ही समय म ववाह समारोह क लागत को कम करने म मदद करने के लए
शाद करते ह ए अपने वयं के अ ययन ारा पहचाने गए कसान के बीच आ मह या के कारण।

के रल कसान ऋण राहत आयोग संशोधन वधेयक


के रल ने म के रल कसान ऋण राहत आयोग अ ध नयम म संशोधन कया ता क लाभ का व तार कया जा सके
के मा यम से सभी संक ट त कसान को ऋण के साथ। इसने एक ेरणा के प म नरंतर कसान आ मह या का हवाला दया।

आय ोत पैके ज म व वधता लाएं


म भारत सरकार ने आं दे श महारा कनाटक और के रल के कसान के आ मह या वण े के लए एक वशेष पशुधन े और म य पालन
पैके ज शु कया। पैके ज का उ े य कसान के आय ोत म व वधता लाना था। कु ल क याण पैके ज म म लयन US$ म लयन शा मल थे।

सरकार क त या क भावशीलता
सरकार क त या और राहत पैके ज आम तौर पर अ भावी गलत दशा म और ु टपूण रहे ह
सु रदर सूद कहते ह। इसने आय उ पादकता और कसान समृ के बजाय ऋण और ऋण पर यान क त कया है।
बकाया मूलधन और याज का भुगतान करने म सहायता सा कार क मदद करती है ले कन आगे चलकर कसान के लए आय के व सनीय और अ े ोत बनाने म
वफल रही है। सूदखोर सा कार से तशत के बीच याज दर पर ऋण क पेशकश करना जारी रखते ह जब क कसान जस भू म पर काम करता है उसक आय
पैदा करने क मता कम रही है और मौसम क त के अधीन है। सूद का कहना है क सरकार यह समझने म वफल रही है क ऋण राहत के वल सम या को गत
कर दे ती है और कसान संक ट का अ धक ायी उ र के वल व सनीय आय ोत त हे टे यर उ फसल उपज सचाई और अ य बु नयाद ढांचे क सुर ा से ही
मल सकता है। गोलैत ने भारतीय रजव बक के एक पेपर म कसान क आ मह या क रपोट पर सरकार क त या म घो षत फसल व वधीकरण पहल क
सकारा मक भू मका को वीकार कया। गोलैत ने कहा भारतीय कृ ष अभी भी पी ड़त है i खराब उ पादकता ii गरते जल तर iii महंगा े डट iv एक वकृ त
बाजार v कई बचौ लए और बचौ लए जो लागत बढ़ाते ह ले कन यादा मू य नह जोड़ते ह vi कानून जो नजी नवेश को रोकते ह vii नयं त मू य viii खराब
बु नयाद ढांचा और ix अनुपयु अनुसंधान। इस कार उपरो कारक से अलग करके के वल ऋण पर जोर दे ने के कोण से कृ ष को मदद नह मलेगी । इसके
अलावा अनुशं सत गोलाट भारत म कसान संक ट को र करने के लए व सनीय सचाई और अ य कृ ष बु नयाद ढांचे को बनाने और बनाए रखने म एक अ धक
स य भू मका आव यक है।

अंतरा ीय तुलना
कसान क आ मह या एक वै क घटना है। भारत के बाहर ीलंक ा संयु रा य अमे रका कनाडा इं लड और ऑ े लया म अ ययन ने खेती को एक
उ तनाव पेशे के प म पहचाना है जो सामा य आबाद क तुलना म उ आ मह या दर से जुड़ा है। यह छोटे पैमाने के कसान और आ थक संक ट क अव ध के बाद
वशेष प से सच है। े जर एट अल। इसी तरह व ान के काशन क समी ा के बाद न कष नकाला है क यूनाइटे ड कगडम यूरोप ऑ े लया कनाडा और
संयु रा य अमे रका म खेती क आबाद म कसी भी उ ोग क आ मह या क उ तम दर है और इस बात के माण बढ़ रहे ह क इसम शा मल ह खेती म मान सक
वा य सम या के वक सत होने का अ धक खतरा होता है। उनक समी ा म मान सक वा य के मु भौ तक वातावरण पा रवा रक सम या आ थक तनाव
और अ न तता स हत वै क तर पर कसान क आ मह या के पीछे कई कारण का दावा कया गया है। उ लेख नीय प से उ

डीओआई . www.iosrjournals.org पृ
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कसान आ मह या और भारत सरकार क त या एक व ेषण

यूके और यूएस जैसे वक सत दे श म सामा य आबाद क तुलना म कसान म आ मह या क दर बताई गई है।

ीम नमाता अतुल पांडे ारा महारा के वदभ े म कसान आ मह या के मु े पर यान क त कया जैसा क क बॉलीवुड फ म
कसान ने कया था। इससे पहले द डाइंग फ ्स े ड डी सैम लाजारो ारा नद शत एक वृ च अग त म वाइड एंगल ट वी ृंख ला पर सा रत कया गया
था। क पुर कार वजेता फ म झग चक झग महारा म कसान आ मह या के भावना मक मु े पर आधा रत है। यह दे ख ता है क कै से कसान का अपने नयं ण
म ब त कम है और अपने प रवार पर ऋण के भाव को दे ख ता है। म

भारतीय फ म नमाता सु मत ख ा ारा मेरे दे श क धरती नामक एक वृ च ने हमारे भोजन को वक सत करने के तरीके क ापक समी ा क । कृ ष संक ट
क अ तरह से शोध और गहन समझ के कारण इसने सव े खोजी फ म का रा ीय पुर कार जीता। म इंटरनेशनल यू ज़यम ऑफ़ वमेन ने अपनी दशनी
इकोनॉ मका वीमेन एंड द लोबल इकोनॉमी म कसान क प नय और ब के जीवन पर कसान क आ मह या के भाव क एक परी ा शा मल क । उनके लाइड
शो ोइंग डेट और यूरेटर मासूममोमाया के नबंध मनी ऑफ हर ओन के साथ म दखाया गया है क कतनी वधवाएं अपने प तय के कज के बोझ से दबी ई थ
और उ ह कज चुक ाने के लए गर म टया नौकर के प म काम करने के लए मजबूर कया गया था। वधवा के पुन ववाह क भी संभावना नह थी य क समुदाय के
अ य पु ष वधवा का कज अपने लए लेने को तैयार नह थे।

तीय. न कष
वतमान म उप ह मानवयु वमान और खेत म घूमना फसल क नगरानी के मु य तरीके ह ये व धयां अ सर अधूरी या समय लेने वाली हो सकती ह।
इसके अलावा जब डेटा एक कया जाता है तो उसे संसा धत करने और व ेषण करने म लंबा समय लग सकता है। नतीजतन कसान के लए बीमारी के कोप जैसी
सम या पर त या करना मु कल या असंभव हो सकता है इससे पहले क ब त दे र हो जाए या इसके इलाज क लागत बढ़ जाए। ोन तेज ी से यु के मैदान से कसान
के खेत क ओर बढ़ रहे ह। अखबार ने नोट कया क वे कसान क लाख एकड़ जमीन क दे ख रेख म मदद करने और उ ह बड़ी रकम बचाने क कगार पर ह। कसान
क आ मह या क भा यपूण घटना ने रा ीय अंतरा मा को झकझोर कर रख दया है ऐसे म एसोचैम काई मेट पेपर ने इसके लए एक मामला बनाया है। ोन और
मानव र हत हवाई वाहन यूएवी स हत उ त तकनीक और साधन का उपयोग करके सरकार पूरी तरह से समथन दान करने के साथ छोटे और सीमांत कसान क
सम या को हल करने म तकनीक छलांग।

संदभ
. रा ीय अपराध रपोट यूरो एडीएसआई रपोट वा षक भारत सरकार पृ ता लका .

। एनडीए यूपीए कसान आ मह या पर अंकु श लगाने म वफल ।

। ुएरे जी. और सेनगु ता डी. बीट कपास और भारत म कसान आ मह या एक सा य आधा रत मू यांक न द जनल ऑफ डेवलपमट टडीज पीपी

बी
। । या भारत क कृ ष आ मह या म वा तव म गरावट आई है ।

झा पी एट अल। भारत म दस लाख मौत का संभा वत अ ययन औ च य डजाइन और स यापन प रणाम। पीएलओएस मेड e .doi . journal.pmed. PMID

। ुएरे जी. और सेनगु ता डी. बीट कपास और भारत म कसान आ मह या एक सा य आधा रत मू यांक न द जनल ऑफ डेवलपमट टडीज

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। पी साईनाथ कसान आ मह या म गरावट के आंक ड़ म रा य कै से हेराफे री करते ह ।

। IJ Catanach रल े डट इन वे टन इं डया यू नव सट ऑफ़ कै लफ़ो नया ेस ISBN पीपी

। ल मण स या औप नवे शक अ त मण और लोक य तरोध बरार म भू म सव ण और नपटान संचालन

कृ ष इ तहास खंड सं या पीपी

। डे कन कृ षक राहत अ ध नयम का XVII सरकारी स ल ेस बॉ बे

। टन एंड वामी द हैज ड् स ऑफ पीसमील रफॉम टश स वल कोट् स एंड े डट माकट इन कॉलो नयल इं डया जनल ऑफ

वकास अथशा वॉ यूम। पीपी

। चौधरी और वामी ोटे टं ग द बॉरोअर एन ए सपे रमट इन कोलो नयल इं डया येल यू नव सट

। माइक डे वस लेट व टो रयन होलोकॉ ट् स अल नीनो फे म स एंड द मे कग ऑफ द थड व वस ISBN

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डीओआई . www.iosrjournals.org पृ

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