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के गवर्नर जनरल और वायसराय 5
के गवर्नर जनरल और वायसराय 5
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विभिन्न गिर्नर-जर्रल और िायसराय र्े शाही काल में िारत का र्ेतृत्व ककया। औपवर्िेशशक िारत र्े देखा है कक ये लोग कुछ
ऐसे वर्यम कार्ूर् को बर्ाते हैं, जो किी-किी देश के विकास में सहायक होता है तो किी किी देश के विकास में बाधा डालती
है। यह महत्वपूर्न है कक आप आधुवर्क िारतीय इवतहास पर कमांड रखर्े के शलए िारत के विभिन्न िायसराय के बारे में जार्ें।
आधुनर्क इनतहास एक ऐसा विषय है जो विभिन्न बैंककिं ग, एसएससी और रे लिे परीक्षाओिं में ज्यादातर पूछा जाता है। इसशलए,
यदद आप िारत के गिर्नर जर्रल और िायसराय की सूची पढ़ते हैं , तो यह वर्शित रूप से आपकी तैयारी में आपकी सहायता
करे गा। िारत के गिर्नर जर्रल और िायसराय की सूची को पीडीएफ में िी डाउर्लोड कर सकते हैं।
गिर्नर-जर्रल मूल रूप से औपवर्िेशशक शासर् के दौरार् िारत में विकिश प्रशासर् के प्रमुख थे।
• 1773 के विवर्यमर् अभधवर्यम र्े फोिन विशलयम्स के प्रेसीडेंसी के गिर्नर-जर्रल या बिंगाल के गिर्नर-जर्रल के पद के साथ
कायालय बर्ाया, शजसे ईस्ट इिंकडया किंपर्ी (ईआईसी) के वर्दे शक मिंडल द्वारा वर्युक्त ककया गया था।)।
• िारत सरकार अभधवर्यम 1858 र्े िारत के मामलों की देखरे ख के शलए 1858 में िारत के राज्य सचचि का कायालय बर्ाया,
• 1858 के िारत सरकार अभधवर्यम को अपर्ार्े के बाद, क्राउर् का प्रवतवर्भधत्व करर्े िाले गिर्नर-जर्रल को िायसराय के रूप
में जार्ा जार्े लगा।
• िषन 1858 से, िारत के गिर्नर-जर्रल की वर्युक्तक्तयाँ, विकिश क्राउर् द्वारा िारत के राज्य सचचि की सलाह पर की जाती थीं।
- 1773 का अभधवर्यम बिंगाल की दोहरी सरकार को ख़त्म करर्े के शलए पेश ककया गया था
- बिंगाल की सुप्रीम काउिं शसल
- बिंगाल की एशशयाकिक सोसाइिी
- शाह आलम दद्वतीय के शलए मुग़ल पेंशर् रुका
- बिंगाल में द्वै ध शासर् की रोक
- जोर्ाथर् डेक्कर् द्वारा न्यू सिंस्कृत स्कूल
1774 -
िारे र् हेस्स्टिंग्स - मुशशनदाबाद से कलकत्ता तक िर ेजरी स्थार्ांतररत
1785
- बिंगाल गजि- प्रथम िारतीय समाचार पत्र प्रकाशशत
- पहला एिं ग्लो-मराठा युद्ध (1775-82)
- दूसरा एिं ग्लो-मैसरू युद्ध (1780-84)
- 1773–1774 का पहला रोदहल्ला युद्ध
- दूसरा रोदहला युद्ध 1779
- िूवम बस्तियों पर प्रयोग।
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(1772- पिंच िषीय समझौता, 1776- एक िषीय योजर्ा में बदला गया) - िागित गीता का अिंग्रेजी
अर्ुिाद
1785 -
जॉर् मैकफसनर् - यह पद अस्थायी रूप से ग्रहर् ककया था।
1786
- गैर-हिक्षेप की र्ीवत
1793 -
जॉर् शोर - वर्जाम और मराठों के बीच खारदा की लडाई (1795)
1798
- 1793 का चािनर एक्ट
1798 -
अलूरेड क्लाकन - यह पद अस्थायी रूप से ग्रहर् ककया था।
1798
- सब्सिकडयरी एलायिंस का पररचय - िारतीय शासकों को वर्यिंत्रर् में रखर्े और विकिश को सिोच्च
शक्तक्त बर्ार्े के शलए एक प्रर्ाली
- चौथा एिं ग्लो मैसूर युद्ध 1799
1798 - - दूसरा एिं ग्लो-मराठा युद्ध (1803-05)
लॉडन िैलेस्ली
1805 - उन्होंर्े कलकत्ता में किंपर्ी के कमनचाररयों को प्रशशशक्षत करर्े के शलए कॉलेज खोला।
िारत में र्ागररक सेिाओिं के कपता के रूप में जार्ा जाता है।
- कलकत्ता में फोिन विशलयम कॉलेज
- 1801 में मद्रास प्रेसीडेंसी का गठर्
लॉडन 1805 -
- यह पद अस्थायी रूप से ग्रहर् ककया था।
कार्निाशलस 1805
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1805 -
सर जॉजन बालो - िेल्लोर में शसपाही विद्रोह शजसमें िारतीय सैवर्कों र्े कई अिंग्रेजी अभधकाररयों को मार डाला
1807
- गैर-हिक्षेप की र्ीवत को समाप्त ककया जो सर जॉर् शोर द्वारा शुरू ककया गया था
- तीसरा एिं ग्लो-मराठा युद्ध (1816-1818)
1813 - - 1816 में र्ेपाल के साथ सागौली की सिंभध
लॉडन हेस्स्टिंग्स
1823 - 1818 में बॉम्बे प्रेशसडेंसी का वर्मार्- मद्रास में रयोििारी प्रर्ाली की स्थापर्ा और
- मध्य िारत, पिंजाब और पशिमी यूपी में महलिारी प्रर्ाली- उन्होंर्े प्रेस की सेंसरशशप को खत्म कर
ददया।
1823 -
लॉडन एडम - विवर्यम लाइसेंशसिंग
1823
1828 -
लॉडन बेली - यह पद अस्थायी रूप से ग्रहर् ककया था।
1828
- िारत के पहले गिर्नर जर्रल और उदार गिर्नर जर्रल के रूप में जार्े जाते थे
- बिंगाल सती विवर्यमर्, 1829
- चािनर अभधवर्यम 1833
- सिंत हे लेर्ा अभधवर्यम 1833
लॉडन विशलयम 1828 - - अिंग्रेजी शशक्षा अभधवर्यम 1835
बेंकिक 1835 - मेकडकल कॉलेज और अस्पताल, कोलकाता
- उन्होंर्े राजाराम मोहर् रॉय, दमर् ऑफ थगेजे की मदद से सती प्रथा के उन्मूलर् जैसे सामाशजक
सुधारों को अिंजाम ददया।
- उन्होंर्े अिंग्रेजी को उच्च शशक्षा की िाषा बर्ाया
- उन्होंर्े कन्या भ्रूर् हत्या और बाल बशलदार् को िी दबा ददया
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1836 -
लॉडन ऑकलैंड - प्रथम अफगार् युद्ध उर्के शासर्काल में लडा गया था।
1842
-अफगार् युद्ध को सफलतापूिनक पूरा ककया और 1843 में अिंग्रेजों के शलए शसिंध प्रांत की घोषर्ा की
1842 - - ईस्ट इिंकडया किंपर्ी के कोिन ऑफ डायरेक्टसन के आदे शों की अिहे लर्ा के शलए िारत के पहले
लॉडन एलेर् बोरो
1844 गिर्नर जर्रल बर्े।
- ग्वाशलयर के साथ युद्ध (1843) उर्के कायनकाल के दौरार् हु आ।
लॉडन 1844 -
- यह पद अस्थायी रूप से ग्रहर् ककया था।
विल्बरफोसन 1844
1862 -
लॉडन एब्सिर् -उर्के कायनकाल के दौरार् िहाबी आिंदोलर् हु आ और दब गया
1863
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सर रॉबिन 1863 -
- यह पद अस्थायी रूप से ग्रहर् ककया था।
र्ेकपयर 1863
सर विशलयम िी 1863 -
- यह पद अस्थायी रूप से ग्रहर् ककया था।
डेवर्सर् 1864
- िूिार् युद्ध
- 1863 में िारत की ग्रीष्मकालीर् राजधार्ी के रूप में शशमला की स्थापर्ा
- 1865 में कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास में उच्च न्यायालय की स्थापर्ा की गई
1864 - - उन्होंर्े िारतीय िर् वििाग बर्ाया
लॉडन लॉरें स
1869 - यूरोप के साथ खुली तार लाइर्।
- उन्होंर्े विभिन्न सुधारों की शुरुआत की और पिंजाब के दूसरे शसख युद्ध के बाद प्रशासर् मिंडल के
सदस्य बर्े
- उन्हें पिंजाब के मुक्तक्त दाता के रूप में जार्ा जाता था।
1872 -
सर जॉर् स्टर ेची - यह पद अस्थायी रूप से ग्रहर् ककया था।
1872
मचचनस्टर् के 1872 -
- यह पद अस्थायी रूप से ग्रहर् ककया था।
लॉडन र्ेकपयर 1872
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- िारतीय काउिं शसल एक्ट 1892 में पाररत ककया गया था। सेकेंड फैक्टर ी एक्ट (1891) उर्के समय के
1888 - दौरार् पाररत ककया गया था।
लॉडन लैंसडाउर्e
1894 - उन्होंर्े विकिश िारत और अफग़ावर्िार् के बीच एक रे खा को पररिाकषत करर्े के शलए डू रिंड
आयोग की वर्युक्तक्त की।
1894 - - उर्के कायनकाल के दौरार् चापेकर बिंधुओ िं (1897) द्वारा दो विकिश अभधकाररयों की हत्या कर दी
लॉडन एब्सिर् II
1899 गई।
-बिंगाल का वििाजर् (1905) दो प्रांतों- बिंगाल और पूिी बिंगाल में उर्के समय में हु आ था।
1899 - - िारत की सांस्कृवतक विरासत को पुर्स्थाकपत करर्े के शलए प्राचीर् स्मारक अभधवर्यम (1904)
लॉडन कजनर्
1905 पाररत। इस प्रकार, िारतीय पुरातत्व सिेक्षर् की स्थापर्ा की।
- स्वदे शी आिंदोलर् चलाया गया
- इिंग्लैंड के ककिं ग जॉजन पिंचम र्े 1911 में ददल्ली दरबार में िाग शलया
1910 -
लॉडन हाकडिंग - बिंगाल का वििाजर् रद्द कर ददया गया और 1911 में राजधार्ी को कलकत्ता से ददल्ली स्थार्ांतररत
1916
कर ददया गया।
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- 1917 का अगि घोषर्ा, शजसके बाद िारत सरकार का वर्यिंत्रर् िारतीय लोगों को िापस हो
जाएगा।
- रोलेि एक्ट 1919 पाररत ककया गया
1916 - - मोंिेग्यू-चेम्सफोडन सुधार पाररत ककया गया था
लॉडन चेम्सफोडन
1921 - िारत सरकार अभधवर्यम 1919 पाररत ककया गया
- जशलयांिाला बाग हत्याकांड 1919
- असहयोग और खखलाफत आिंदोलर् हु आ
- 1919 में पूर्ा में मदहला विश्वविद्यालय की स्थापर्ा हु ई
1943 - - शशमला सम्मेलर् 25 जूर्, मुस्लस्लम लीग और िारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच 1945 को आयोशजत
लॉडन िैिेल
1947 ककया गया था जो कक असफ़ल रहा।
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गिर्नर-जर्रल के पास मूल रूप से बिंगाल में फोिन विशलयम्स के राष्ट्रपवत पद पर सत्ता थी। हालांकक, विवर्यमर् अभधवर्यम र्े
उन्हें विदेशी मामलों और रक्षा से सिंबिंभधत अवतररक्त शक्तक्तयां प्रदार् कीं। जबकक गिर्नर-जर्रल िारत में विदेश र्ीवत का वर्यिंत्रक
बर् गया, िह विकिश िारत का स्पष्ट् प्रमुख र्हीं था।
अगि 1947 में स्वतिंत्रता वमलर्े पर, िारत के िायसराय की उपाभध समाप्त कर दी गई। विकिश सािनिौम का प्रवतवर्भध एक
बार कफर गिर्नर-जर्रल के रूप में जार्ा जार्े लगा। सी. राजगोपालाचारी एकमात्र, िारतीय गिर्नर-जर्रल बर्े। हालांकक, एक
बार जब िारत र्े स्वतिंत्रता प्राप्त कर ली, तब गिर्नर-जर्रल की िूवमका लगिग पूरी तरह से औपचाररक हो गई, शजसमें
िारतीय कैवबर्ेि द्वारा एक ददर् के आधार पर शक्तक्त का प्रयोग ककया गया था। 1950 में राष्ट्र बर्र्े के बाद, िारत के राष्ट्रपवत र्े
समार् कायन करर्ा जारी रखा।
अब जब आप िारत के गिर्नर जर्रल और िायसराय के बारे में वििार से जार्ते हैं , तो इवतहास, पयािरर्, करेंि अफेयसन
आदद से स्टेटिक जीके सेक्शर् के और अभधक लेख पढ़ें।