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Solution 4 Class XIIHistory
Solution 4 Class XIIHistory
खंड क
1. c) धौरावीया 1
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2. प्राकृत 1
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3. धभम-सूत्रों तथा धभमशास्त्त्रों के अनुसाय ब्राह्भणों का आदशम कभम वेद ऩढ़ना-ऩढाना, 1
ऩूजा-ऩाठ, कभमकाॊड एवॊ दान रेना तथा दे ना था।
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4. c) भनुस्त्भतृ त 1
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5. साॊची स्त्तऩ
ू का ऩव
ू ी प्रवेश द्वाय 1
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दृष्टि-बाधिि बाधिि छात्रों के लऱए प्रश्न संख्या 5 के स्थान पर
a) i,ii,iii
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6. 24 1
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7. d) मह धभमशास्त्त्र था। 1
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8. आदद ग्रन्थ सादहफ 1
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9. d) A-II, B-III, C-lV, D-I 1
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10. b) तर
ु व
ु 1
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11. तुकी 1
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12. b) भहाबायत 1
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13. राडम कॉनमवालरस 1
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14. d) कथन(A) औय कायण(R) दोनों सही है औय कायण(R) कथन(A) का 1
स्त्ऩष्टीकयण है ।
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15. a) 1829 भें 1
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16. d) उऩयोक्त सबी 1
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खंड ख
17. 1) d) जर तनकासी केवर फड़े शहयों तक सीलभत थी l 1+1+1=3
2) a) कच्ची
3) b) ऩुयातत्व का अजूफा
4) c) रोथर
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18. 1) a) बगवान ् जगन्नाथ 1+1+1=3
2) c) सब
ु द्रा
3) d) ऩयु ी
4) c) कथन(A) औय कायण)R) दोनों सही है ऩय कायण (R) कथन (A) का
स्त्ऩष्टीकयण नहीॊ है ।
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खंड घ
24. 1. 1919 भें सॊस्त्कृत पवद्वान वी सुकथाॊकय के नेतत्ृ व भें भहाबायत का .एस. 8
सभारोचनात्भक सॊस्त्कयण तैमाय कयने की ऩरयमोजना की शुरुआत ।
2. दे श के पवलबन्न बागों से पवलबन्न लरपऩमों भें लरखी गई भहाबायत की
सॊस्त्कृत ऩाॊडुलरपऩमों को एकबत्रत ककमा गमा ।
3. सबी ऩाॊडुलरपऩमों भें ऩाए जाने वारे श्रोकों की तर
ु ना कयने का तयीका ढूॊढ
तनकारा।
4. उन श्रोकों का चमन जो रगबग सबी ऩाॊडुलरपऩमों भें ऩाए गए।
5. उन श्रोकों का प्रकाशन 13000 ऩष्ृ ठों भें पैरे अनेक ग्रॊथों भें ।
6. इस ऩरयमोजनों भें 45 वषम रगना ।
7. इस प्रकिमा भें दो फातें उफय कय आई -
सॊस्त्कृत के कई ऩाठों भें अनेक अॊशों भें सभानता - नेऩार से रेकय
केयर, तलभरनाडु तक औय कई ऺेत्रीम प्रबेदों का उबयना , म्जसका
सॊकरन भुख्म ऩाठ की ऩाददटप्ऩणणमों औय ऩरयलशष्टों के रूऩ भें
ककमा गमा ।
8. 13,000 ऩष्ृ ठों भें से आधे से बी अधधक इस प्रबेदों का ब्मोया दे ते हैं।
9. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
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अथवा
1. भहाबायत फॊधत
ु ा की एक कहानी हैं जो कौयवों औय ऩाॊडवों के फीच बूलभ औय
सत्ता को रेकय हुए सॊघषम का धचत्रण कयती है ।
2. ऩाॊडव अऩने गुणों के कायण पवजमी हुए।
3. फॊधु फाॊधव लसॊहासन ऩय अऩना अधधकाय जभाते थे औय कुछ पवशेष
ऩरयम्स्त्थततमों भें म्स्त्त्रमाॉ जैसे प्रबावती गुप्त ने सत्ता का उऩमोग ककमा था।
4. भहाबायत की भख्
ु म कथावस्त्तु ने पऩतव
ृ ॊलशकता के आदशम को सदृ
ु ढ़ ककमा।
5. भनस्त्
ु भतृ त के अनस
ु ाय ऩरु
ु ष – उत्तयाधधकाय , पवयासत,खोज, खयीद, पवम्जत
कयके , तनवेश कामम द्वाया धन प्राप्त कयता था।
6. भदहराएॉ स्त्त्रीधन के द्वाया धन प्राप्त कयती थीॊ ( पऩता, बाई, ऩतत द्वाया)
7. जहाॉ पऩतव
ृ ॊश को फढ़ाने के लरए ऩत्र
ु भहत्वऩण
ू म थे, ऩबु त्रमों का कोई अधधकाय
घये रू सॊसाधनों ऩय नहीॊ था।
8. अॊत:पववाह, फदहपवमवाह, फहुऩत्नी ,औय फहुऩतत प्रथा का प्रचरन था।
9. पववाह के ऩश्चात म्स्त्त्रमों का पऩता के स्त्थान ऩय ऩतत के गोत्र का भाना
जाता था तथा एक ही गोत्र के सदस्त्म आऩस भें पववाह सॊफॊध नहीॊ यख
सकते थे।
10. पऩता का एक भहत्वऩूणम कतमव्म कन्मादान मा पववाह भें कन्मा को उऩहाय
भें दे ना।
11. म्स्त्त्रमों का भहत्वऩण
ू म स्त्थान था ।द्रौऩदी का अऩभान भहाबायत मद्
ु ध
का कायण फनी ।कॊु ती का चरयत्र औय समभानजनक म्स्त्थतत म्स्त्त्रमों
की अच्छी दशा का उदाहयण है ।
12. याजाओॊ के भध्म द्मत
ू िीड़ा का प्रचरन मह प्रदलशमत कयता है कक उनभें
फयु ाइमाॉ आ गई थी।
13. कौयवों द्वाया छर कऩट का प्रमोग नैततक ऩतन को प्रदलशमत कयता है ।
14. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
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25. 1. पवजमनगय के शासकों ने ऩव
ू क
म ालरक ऩयॊ ऩयाओॊ को अऩनामा, 8
उसभें नवीनता राए औय उन्हें आगे पवकलसत ककमा । अफ याजकीम
प्रततकृतत भतू तममाॉ भॊददय भें प्रदलशमत की जाने रगी
2. भॊददय स्त्थाऩत्म के सॊदबम भें कई नए तत्व प्रकाश भें आते हैं जैसे
गोऩुयभ औय भॊडऩ
3. पवरुऩाऺ भॊददय ऩुयाना लशव भॊददय है औय पवजमनगय के स्त्थान का -
चमन वहाॉ पवरुऩाऺ के भॊददय से प्रेरयत था ।
4. भुख्म भॊददय के साभने फना भॊडऩ कृष्णदे व याम ने अऩने
याज्मायोहण भें फनामा था, म्जसे सूक्ष्भता से उत्कीणणमत स्त्तमबों से
सजामा गमा था ।गोऩुयभ अक्सय केंद्रीम दे वारमों की भीनायों को
फौना प्रतीत कयवाते थे ।
5. पवट्ठर भॊददय - प्रभुख दे वता पवष्णु का एक रूऩ है ।
6. इस भॊददय भें बी कई सबागाय तथा यथ के आकाय का एक अनूठा
भॊददय है ।
7. भॊददय ऩरयसयों की एक चारयबत्रक पवशेषता यथ गलरमाॉ है ,जो भॊददय
के गोऩुयभ से सीधी ये खा भें जाती है ।
8. इन गलरमों का फ़शम ऩत्थय के टुकड़ों से फनामा गमा था औय दोनों
ओय स्त्तमब वारे भॊडऩ थे म्जनभें व्माऩायी अऩनी दक
ु ानें रगामा
कयते थे।
9. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
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अथवा
खंड ड
27. 27.1) अशोक भौमम के लरए। 1+2+2=5
27.2) सम्राट की नीततमों औय पवचायों की जानकायी प्राप्त होना ;
याजनैततक,आधथमक,धालभमक,साॊस्त्कृततक इततहास के स्रोत ; (कोई अन्म
भान्म बफन्द)ु
27.3) उसने हभेशा के लरए मुद्ध त्माग ददमा फौद्ध धभम को अऩनामा ; धमभ
के अध्ममन, धमभ के स्त्नेह औय धमभ के उऩदे श भें डूफ गए हैं ;
(कोई अन्म भान्म बफन्द)ु
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28. 28.1) सॊत अथवा जोगी लशव की ऩज
ू ा कयते थे I 1+2+2=5
28.2) औयॊ गजेफ ने जोगी के प्रतत अऩनी श्रद्धा ऩोशाक के लरए वस्त्त्र
औय 25 रुऩए की यकभ बें ट कयके व्मक्त की I
28.3) i अल्राह एकभात्र ईश्वय है ऩैगॊफय भोहमभद उसके दत
ू है I
खंड च
30. 30.1 1+1+1=3
हड़प्ऩा
अजभेय
फनायस
धौरावीया
गोवा
30.2) A) अभत
ृ सय 1+1=2
B) चौयी चौया