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अंक योजना

अभ्यास प्रश्न पत्र 4 (2020-2021)


इतिहास (027)
कऺा-XII

खंड क
1. c) धौरावीया 1
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2. प्राकृत 1
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3. धभम-सूत्रों तथा धभमशास्त्त्रों के अनुसाय ब्राह्भणों का आदशम कभम वेद ऩढ़ना-ऩढाना, 1
ऩूजा-ऩाठ, कभमकाॊड एवॊ दान रेना तथा दे ना था।
Theme 3 page 61

4. c) भनुस्त्भतृ त 1
Theme 3 page 58
5. साॊची स्त्तऩ
ू का ऩव
ू ी प्रवेश द्वाय 1
Theme 4 page 98
दृष्टि-बाधिि बाधिि छात्रों के लऱए प्रश्न संख्या 5 के स्थान पर
a) i,ii,iii
Theme 4 page 84
6. 24 1
Theme 4 page 88
7. d) मह धभमशास्त्त्र था। 1
Theme 6 page 144
8. आदद ग्रन्थ सादहफ 1
Theme 6 page 163
9. d) A-II, B-III, C-lV, D-I 1
Theme 7 page 170
10. b) तर
ु व
ु 1
Theme 7 page 173
11. तुकी 1
Theme 9 page 227
12. b) भहाबायत 1
Theme 9 page 227
13. राडम कॉनमवालरस 1
Theme 10 page 259
14. d) कथन(A) औय कायण(R) दोनों सही है औय कायण(R) कथन(A) का 1
स्त्ऩष्टीकयण है ।
Theme 13 page 352
15. a) 1829 भें 1
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16. d) उऩयोक्त सबी 1
Theme 15 page 414
खंड ख
17. 1) d) जर तनकासी केवर फड़े शहयों तक सीलभत थी l 1+1+1=3
2) a) कच्ची
3) b) ऩुयातत्व का अजूफा
4) c) रोथर
Theme 1 page 7
18. 1) a) बगवान ् जगन्नाथ 1+1+1=3
2) c) सब
ु द्रा
3) d) ऩयु ी
4) c) कथन(A) औय कायण)R) दोनों सही है ऩय कायण (R) कथन (A) का
स्त्ऩष्टीकयण नहीॊ है ।
Theme 6 page 141-142

केवऱ दृष्टिबधििों के लऱए : प्रश्न संख्या 18 के स्थान पर


1) d) उऩयोक्त सबी
2) c) स्त्त्री सौंदमम की ऩायॊ ऩरयक अवधायणा से ऩये
3) b) लशव की
4) d) कथन (A) औय कायण ( R) दोनों सही है औय कायण ( R ) कथन
( A ) का स्त्ऩष्टीकयण है ।
Theme 6 page 145
19. 1) a) धालभमक सदहष्णुता 1+1+1=3
2) a) भग़
ु र अधधकायी
3) c) उन्हें तनमॊत्रण भें यखने के लरए
4) d) कथन (A) औय कायण ( R) दोनों सही है औय कायण ( R ) कथन ( A )
का स्त्ऩष्टीकयण है ।
Theme 9 page 245
खंड ग
20. 1. मह लरपऩ आज तक ऩढ़ी नहीॊ जा सकी है l 3
2. इसभें धचत्रों की सॊख्मा रगबग 375 से 400 के भध्म है l
3. मह दाएॊ से फाएॉ लरखी जाती थी सफसे रॊफे अलबरेख भें रगबग 26
धचन्ह है l
4. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
Theme 1 Page 15
21. 3
1. सावमबौलभक धभम के आदशों का स्त्थानीम आचायों के साथ सम्मभश्रण
का उदाहयण भम्स्त्जदों के स्त्थाऩत्म भें लभरता है l
2. भम्स्त्जदों के कुछ स्त्थाऩत्म सॊफॊधी तत्व सावमबौलभक थे, जैसे भम्स्त्जदों भें
इभायत का भक्का की तयप अनुस्त्थाऩन होना l मह भेहयाफ (प्राथमना का आरा)
औय लभनफाय
व्मासऩीठ ) से रक्षऺत होता है l
3. छत औय तनभामण के साभान भें स्त्थानीम तत्व पवद्मभान थे l
4. केयर भें तेयहवीॊ शताब्दी की भम्स्त्जद के लशखय के आकाय की
छत, भैंभनलसॊग भें (फाॊारादे श) ईटों की फनी अततमा भम्स्त्जद औय श्रीनगय भें
झेरभ नदी के ककनाये फनी शाह हभदान भम्स्त्जद स्त्थानीम ऩरयऩाटी के उदाहयण
हैं
5.कोई अन्म भान्म बफन्द ु
(कोई तीन बफन्द)ु
Theme 6 Page 151
22. 1. घोषणाओॊ द्वाया सबी रोगों से बफना जातत औय धभम का बेद ककए पवद्रोह 3
का आह्वान ककमा जाता था।
2. भुम्स्त्रभ याजकुभायों मा नवाफों की ओय से की गई घोषणाओॊ भें दहॊदओ
ु ॊ की
बावनाओॊ का पवशेष ख्मार यखा जाता था l
3. इस पवद्रोह को एक ऐसे मुद्ध के रूऩ भें प्रस्त्तुत ककमा गमा म्जसभें दहॊदओ
ु ॊ
औय भस
ु रभानों दोनों का सभान राब औय हातन होनी थीl
4. इश्तहायों भें अॊग्रेजों से ऩहरे के अतीत की ओय ध्मान आकपषमत ककमा जाता
था जैसे भग
ु र साम्राज्म के अॊतगमत धालभमक सहनशीरता की नीतत के कायण
सबी सभद
ु ामों भें सह अम्स्त्तत्व की बावना की प्रशॊसा की जाती थीl
5. फहादयु शाह के नाभ से जायी की गई घोषणाओॊ भें भोहमभद औय भहावीय
दोनों की दहु ाई दे ते हुए जनता से इस रड़ाई भें सम्मभलरत होने का आह्वान
ककमा गमा l
6. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
(कोई तीन बफन्द)ु
Theme 11 Page 301-303
23. 3
1. जभीॊदायों की सैन्म टुकडड़मों को बॊग कय ददमा गमा।
2. जभीॊदायों से न्माम औय स्त्थानीम ऩुलरस की व्मवस्त्था कयने की शम्क्त छीन
री गईl
3. जभीॊदायों की कचहरयमों को कॊऩनी द्वाया तनमुक्त करेक्टय की दे खये ख भें
यखा गमा।
4.कोई अन्म भान्म बफन्द ु
Theme 10 Page 260

खंड घ
24. 1. 1919 भें सॊस्त्कृत पवद्वान वी सुकथाॊकय के नेतत्ृ व भें भहाबायत का .एस. 8
सभारोचनात्भक सॊस्त्कयण तैमाय कयने की ऩरयमोजना की शुरुआत ।
2. दे श के पवलबन्न बागों से पवलबन्न लरपऩमों भें लरखी गई भहाबायत की
सॊस्त्कृत ऩाॊडुलरपऩमों को एकबत्रत ककमा गमा ।
3. सबी ऩाॊडुलरपऩमों भें ऩाए जाने वारे श्रोकों की तर
ु ना कयने का तयीका ढूॊढ
तनकारा।
4. उन श्रोकों का चमन जो रगबग सबी ऩाॊडुलरपऩमों भें ऩाए गए।
5. उन श्रोकों का प्रकाशन 13000 ऩष्ृ ठों भें पैरे अनेक ग्रॊथों भें ।
6. इस ऩरयमोजनों भें 45 वषम रगना ।
7. इस प्रकिमा भें दो फातें उफय कय आई -
सॊस्त्कृत के कई ऩाठों भें अनेक अॊशों भें सभानता - नेऩार से रेकय
केयर, तलभरनाडु तक औय कई ऺेत्रीम प्रबेदों का उबयना , म्जसका
सॊकरन भुख्म ऩाठ की ऩाददटप्ऩणणमों औय ऩरयलशष्टों के रूऩ भें
ककमा गमा ।
8. 13,000 ऩष्ृ ठों भें से आधे से बी अधधक इस प्रबेदों का ब्मोया दे ते हैं।
9. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
Theme 3 Page 54
अथवा

1. भहाबायत फॊधत
ु ा की एक कहानी हैं जो कौयवों औय ऩाॊडवों के फीच बूलभ औय
सत्ता को रेकय हुए सॊघषम का धचत्रण कयती है ।
2. ऩाॊडव अऩने गुणों के कायण पवजमी हुए।
3. फॊधु फाॊधव लसॊहासन ऩय अऩना अधधकाय जभाते थे औय कुछ पवशेष
ऩरयम्स्त्थततमों भें म्स्त्त्रमाॉ जैसे प्रबावती गुप्त ने सत्ता का उऩमोग ककमा था।
4. भहाबायत की भख्
ु म कथावस्त्तु ने पऩतव
ृ ॊलशकता के आदशम को सदृ
ु ढ़ ककमा।
5. भनस्त्
ु भतृ त के अनस
ु ाय ऩरु
ु ष – उत्तयाधधकाय , पवयासत,खोज, खयीद, पवम्जत
कयके , तनवेश कामम द्वाया धन प्राप्त कयता था।
6. भदहराएॉ स्त्त्रीधन के द्वाया धन प्राप्त कयती थीॊ ( पऩता, बाई, ऩतत द्वाया)
7. जहाॉ पऩतव
ृ ॊश को फढ़ाने के लरए ऩत्र
ु भहत्वऩण
ू म थे, ऩबु त्रमों का कोई अधधकाय
घये रू सॊसाधनों ऩय नहीॊ था।
8. अॊत:पववाह, फदहपवमवाह, फहुऩत्नी ,औय फहुऩतत प्रथा का प्रचरन था।
9. पववाह के ऩश्चात म्स्त्त्रमों का पऩता के स्त्थान ऩय ऩतत के गोत्र का भाना
जाता था तथा एक ही गोत्र के सदस्त्म आऩस भें पववाह सॊफॊध नहीॊ यख
सकते थे।
10. पऩता का एक भहत्वऩूणम कतमव्म कन्मादान मा पववाह भें कन्मा को उऩहाय
भें दे ना।
11. म्स्त्त्रमों का भहत्वऩण
ू म स्त्थान था ।द्रौऩदी का अऩभान भहाबायत मद्
ु ध
का कायण फनी ।कॊु ती का चरयत्र औय समभानजनक म्स्त्थतत म्स्त्त्रमों
की अच्छी दशा का उदाहयण है ।
12. याजाओॊ के भध्म द्मत
ू िीड़ा का प्रचरन मह प्रदलशमत कयता है कक उनभें
फयु ाइमाॉ आ गई थी।
13. कौयवों द्वाया छर कऩट का प्रमोग नैततक ऩतन को प्रदलशमत कयता है ।
14. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
Theme 3 Page 55-58
25. 1. पवजमनगय के शासकों ने ऩव
ू क
म ालरक ऩयॊ ऩयाओॊ को अऩनामा, 8
उसभें नवीनता राए औय उन्हें आगे पवकलसत ककमा । अफ याजकीम
प्रततकृतत भतू तममाॉ भॊददय भें प्रदलशमत की जाने रगी
2. भॊददय स्त्थाऩत्म के सॊदबम भें कई नए तत्व प्रकाश भें आते हैं जैसे
गोऩुयभ औय भॊडऩ
3. पवरुऩाऺ भॊददय ऩुयाना लशव भॊददय है औय पवजमनगय के स्त्थान का -
चमन वहाॉ पवरुऩाऺ के भॊददय से प्रेरयत था ।
4. भुख्म भॊददय के साभने फना भॊडऩ कृष्णदे व याम ने अऩने
याज्मायोहण भें फनामा था, म्जसे सूक्ष्भता से उत्कीणणमत स्त्तमबों से
सजामा गमा था ।गोऩुयभ अक्सय केंद्रीम दे वारमों की भीनायों को
फौना प्रतीत कयवाते थे ।
5. पवट्ठर भॊददय - प्रभुख दे वता पवष्णु का एक रूऩ है ।
6. इस भॊददय भें बी कई सबागाय तथा यथ के आकाय का एक अनूठा
भॊददय है ।
7. भॊददय ऩरयसयों की एक चारयबत्रक पवशेषता यथ गलरमाॉ है ,जो भॊददय
के गोऩुयभ से सीधी ये खा भें जाती है ।
8. इन गलरमों का फ़शम ऩत्थय के टुकड़ों से फनामा गमा था औय दोनों
ओय स्त्तमब वारे भॊडऩ थे म्जनभें व्माऩायी अऩनी दक
ु ानें रगामा
कयते थे।
9. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
Theme 7 Page 186-188

अथवा

1. अभय नामक पवजमनगय के सैतनक कभाॊडय होते थे ।


2. उन्हें याम द्वाया प्रशासन हे तु याज्म ऺेत्र ददमे जाते थे ।
3. वे लशल्ऩकायों ,ककसानों तथा व्माऩारयमों से बू याजस्त्व औय अन्म कय
वसूर कयते थे।
4. अभय नामक पवजमनगय शासकों को सैतनक शम्क्त प्रदान कयते थे।
5. मे स्त्वाभी बम्क्त ददखाने के लरए वषम भें एक फाय उऩहाय सदहत याजदयफाय
भें उऩम्स्त्थत होते थे।
6. कबी कबी याजा द्वाया अन्म स्त्थान ऩय उनका स्त्थानाॊतयण।
7. 1529 भें पवजमनगय के याजकीम ढाॊचे भें तनाव उत्ऩन्न हो गमा।
कृष्णदे व याम के उत्तयाधधकारयमों को नामकों से चन
ु ौती का साभना
कयना ऩड़ा ।
8. 17वीॊ शताब्दी भें अनेक नामकों ने अऩने आजाद याज्म स्त्थापऩत कय लरए

9. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
Theme 7 Page 175
26. 1. गाॊधीजी की बाषा औय सादगी ने उन्हें जनता से जड़
ु ने भें भदद की। 8
2. ऩोशाक औय जीवन शैरी भें आभ रोगों के साथ सहानुबूतत औय ऩहचान
फनामी।
3. गाॊधीजी ने तीन जन आॊदोरन कये म्जसभें व्माऩक रूऩ से सबी वगों ने
बागीदायी दी।
4. उनके आह्वान ऩय छात्रों ने सयकाय द्वाया सॊचालरत स्त्कूरों औय कॉरेजों भें
जाना फॊद कय ददमा।
5. वकीरों ने अदारतों भें जाने से इन्काय कय ददमा। भजदयू वगम ने
शहयों भें हड़तार कय दी । जनजाततमों ने वन कानूनों का उल्रॊघन
ककमा है ।
6. दहन्द ू भुम्स्त्रभ एकता ऩय जोय ददमा। दहन्दओ
ु ॊ औय भुसरभानों ने
ण़िराफ़त औय असहमोग भें फढ़ चढ़कय बाग लरमा।
7. उन्होंने स्त्वशासन की अवधायणा को बी फढ़ावा ददमा औय सत्माग्रह को
रोकपप्रम फनामा।
8. उन्होंने अदहॊसा को रोकपप्रम फनामा ।
9. उन्होंने स्त्वदे शी औय फदहष्काय ऩय जोय ददमा। स्त्वदे शी औय फदहष्काय ने
रोगों को आकपषमत ककमा।
10. उन्होंने चयखे के भाध्मभ से पवकेंद्रीकयण ऩय जोय ददमा ।
11. अस्त्ऩश्ृ मता के ण़िराफ़ आवाज
12. चयखे के प्रतीक के भाध्मभ से स्त्वदे शी उद्मोगों का ऩन
ु गमठन
13. भदहराओॊ की म्स्त्थतत भें सध
ु ाय की कोलशश की
14. उन्होंने दे श के पवलबन्न दहस्त्सों भें काॊग्रेस की नई शाखाएॊ स्त्थापऩत की
ओय यजवाड़ों भें प्रजा भॊडरों की श्रख
ॊ ृ रा की स्त्थाऩना कयके काॊग्रेस
का ऩुनगमठन ककमा ।
15. अत्मधधक प्रततबाशारी बायतीमों के एक सभह
ू ने स्त्वमॊ के गाॊधी जी से
जोड़ा-भहादे व दे साई ,वल्रब बाई ऩटे र, जवाहय-रार नेहरू, सी
याजगोऩाराचायी ।वे सबी पवलबन्न ऺेत्रों औय धालभमक ऩयॊ ऩयाओॊ से थे।
16. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
(सभग्रता भें भूल्माॊकन)
Theme 13 Page 351-352
अथवा

1. ददसॊफय 1929 भें काॊग्रेस का वापषमक अधधवेशन राहौय भें ।


2. जवाहयरार नेहरु इस अधधवेशन के अध्मऺ चन
ु े गए जो मुवा ऩीढ़ी के
नेतत्ृ व के प्रतीक भाने जाते थे ।
3. अधधवेशन भें ऩूणम स्त्वयाज की भाॉग
4. 26 जनवयी 1930 को पवलबन्न स्त्थानों ऩय याष्रीम ध्वज पहयाकय
औय दे शबम्क्त गीत गाकय स्त्वतॊत्रता ददवस भनाना।
5. गाॊधीजी के अनस
ु ाय स्त्वतन्त्रता ददवस भनाने की उद्घोषणा सबी गाॉवों
औय सबी शहयों तक औय ऩयू े दे श भें एक ही सभम सॊगोम्ष्ठमों
हो।
6. सभायोह की शरू
ु आत याष्रीम ध्वज पहया कय की जाए औय दे शबम्क्त
गीत गाए जाए।
7. ददन भें यचनात्भक कामम जैसे सत
ू की कताई ,अछूतों की सेवा , दहॊद ू
भुम्स्त्रभ ऩुनलभमरन आदद ककए जाएॊ।
8. रोगों को मह प्रततऻा बी रेनी चादहए कक- बायतीम रोगों को स्त्वतॊत्रता
का अधधकाय है औय कोई बी सयकाय इन अधधकायों से उन्हें वॊधचत
नहीॊ यख सकती है औय अगय कोई सयकाय इसका दभन कयती है तो
जनता को इसे फदरने तथा सभाप्त कयने का बी अधधकाय है ।
9. कोई अन्म भान्म बफन्द ु
(सभग्रता भें भल्
ू माॊकन)
Theme 13 Page 355-356

खंड ड
27. 27.1) अशोक भौमम के लरए। 1+2+2=5
27.2) सम्राट की नीततमों औय पवचायों की जानकायी प्राप्त होना ;
याजनैततक,आधथमक,धालभमक,साॊस्त्कृततक इततहास के स्रोत ; (कोई अन्म
भान्म बफन्द)ु
27.3) उसने हभेशा के लरए मुद्ध त्माग ददमा फौद्ध धभम को अऩनामा ; धमभ
के अध्ममन, धमभ के स्त्नेह औय धमभ के उऩदे श भें डूफ गए हैं ;
(कोई अन्म भान्म बफन्द)ु
Theme 2 Page 48
28. 28.1) सॊत अथवा जोगी लशव की ऩज
ू ा कयते थे I 1+2+2=5
28.2) औयॊ गजेफ ने जोगी के प्रतत अऩनी श्रद्धा ऩोशाक के लरए वस्त्त्र
औय 25 रुऩए की यकभ बें ट कयके व्मक्त की I
28.3) i अल्राह एकभात्र ईश्वय है ऩैगॊफय भोहमभद उसके दत
ू है I

ii ददन भें ऩाॉच फाय नभाज ऩढ़नी चादहए I

iii खैयात(जकात )फाॊटनी चादहए I

iv यभजान के भहीने भें योजा यखना चादहए I

v हज के लरए भक्का जाना चादहए I(कोई दो)


Theme 6 Page 150
29. 29.1 रोकतॊत्र भें जनता का, जनता के लरए औय जनता के द्वाया शासन 1+2+2=5
होता है I
29.2 व्मम्क्त को आत्भानुशासन की करा का प्रलशऺण ; अऩने लरए कभ
तथा औयों के लरए ज्मादा कपि कयना; याज्म के प्रतत सॊऩण
ू म
तनष्ठावान होना I
29.3 रोकतॊत्र की सपरता एवॊ दे श के उत्तयोत्तय पवकास के लरए
Theme 15 Page 419

खंड च
30. 30.1 1+1+1=3

हड़प्ऩा
अजभेय
फनायस

धौरावीया

गोवा

30.2) A) अभत
ृ सय 1+1=2
B) चौयी चौया

केवऱ दृष्टिबाधििों के लऱए:


30. 1. हड़प्ऩा, फनावरी, कारीफॊगन, फाराकोट, याखीगढ़ी, धौरावीया,
नागेश्वय, रोथर, भोहनजोदड़ो, चन्हुदडो, कोटदीजी (अन्म प्रासॊधगक
स्त्थर बी भान्म) (कोई तीन)
अथवा
सायनाथ ,फोध गमा, कुशीनगय ,रुम्मफनी ,श्रावस्त्ती (अन्म प्रासॊधगक स्त्थर
बी भान्म) (कोई तीन)

30. 2. आगया ,राहौय, फ़तेहऩयु सीकयी ,शाशाहजहाॉनाफाद (ददल्री)


(कोई दो)

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