Crime Story 3

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ऑलमोस्ट परफेक्ट मर्डर

शक, ये एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जिसकी वजह से अक्सर रिश्तों में दरार आजाया करती हे और फिर
ये दरार कारण बनती है मौत का भारत में 30 से ज्यादा मर्डर केवल रिश्तों में पैदा हुए शक के कारण ही
हो जाते हैं।

आज की हमारी कहानी भी ऐसे ही एक शक की बुनियाद पर बिगड़े रिश्ते से शुरू होती है ,ये बात है 21
दिसंबर 2021 की दिल्ली अजमेर हाईवे स्थित होटल ओम जय से पुलिस हे डक्वार्टर में एक फोन कॉल
आता है फोन करने वाले थे होटल मैनेजर सुधीर, सुधीर ने बताया की होटल के रूम नम्बर 307 में एक
बिना सिर और कपड़ो की लाश पड़ी है ।

हे डक्वार्टर से संबंधित क्षेत्र थाना को वायर लेस पर सूचना दी और एक पुलिस टीम जल्द से जल्द वहा
भेजने के आदे श दिए। पुलिस जब वहा पहुंची तो उन्हें बिना कपड़ो के एक लगभग 25 साल की लड़की की
सिर कटी लाश पड़ी मिली क्योंकि उसका कोई चेहरा नहीं था तो लाश को पहचान पाना मुश्किल था,थोड़ी
ओर छानबीन की गई तो पता चला उसके दाई बाजू पर एक टै टू बना हुआ था लेकिन उसे खरु च कर
मिटने की कोशिश की गई थी जिससे ये पता लगा पाना मुमकिन नहीं था की ये टै टू आखिर किस
आकृति का है ।

पुलिस ने होटल स्टाफ से पूछताछ की तो वहा के सफाई कर्मचारी ने ये बयान दिया….

“सुबह क़रीब 10 बजे जब में सभी रूम की सफाई करने गया तो दे खा कमरा नंबर 307 का दरवाजा अभी
तक खुला नही था क्योंकि होटल के सभी मेहमानों ने सुबह का नाश्ता कर लिया था तो मैने इन्हे सूचित
करने के लिए दरवाजे को खड़काया लेकिन कोई जवाब नही आया फिर जब बार बार खड़काने पर भी
कोई जवाब नही आया तो मुझे शक हुआ ओर मैने मैनेजर सर को बुलाया वो अपने साथ कमरे की
दस
ू री चाबी लेकर आए थे हमने कमरा खोल कर दे खा तो वहा कोई नही था थोड़ी ओर खोजबिन करने
के बाद पलंग के नीचे से हम ये लाश मिली”

अब जांच अधिकारी ने एंट्री रजिस्टर खंगाला तो पता चला लाश सन्नो बनो की है वो अपने पति अमजद
के साथ आई थी अब पुलिस की सुई उसके पति की ओर घूमी रजिस्टर में एड्रेस था दिल्ली अजमेर हाईवे
स्थित भांकरोटा इलाके का पुलिस की एक टीम तरु ं त वहा पहुंची तो पता चला एड्रेस नकली है पुलिस
वापस होटल पहुंची और उनके एड्रेस प्रूफ मांगे तो पता चला कुछ पैसे की लालच में आकर मैनेजर ने
बिना उनसे एड्रेस प्रूफ लिए उन्हें कमरा दे दिया था ।

अब पुलिस बिलकुल अंधेरे में थी क्योंकि यदि पता गलत था जाहिर है नाम भी नकली ही होगा अब ना
तो उनके पास मरने वाले की कोई पहचान थी ना मारने वाले की अब जैसा अमूमन पुलिस हर केस में
करती है एक आखिरी कोशिश समझ कर आसपास के इलाके की सीसीटीवी फुटे ज निकाली जिसमे 2 लोग
जो होटल की तरफ आरहे थे उनपर पुलिस को शक हुआ समय का मिलान भी बिलकुल सटीक निकला
क्योंकि दोनो ने ऐसे मास्क लगा रखे थे जिनमे उनकी आंखों को छोड़ कर कुछ न दिखे तो पहचान कर
पाना लगभग नामुमकिन था एक बार फिर पुलिस के हाथ कुछ नही लगा तो सीसीटीवी ट्रे सिग
ं करवाने
का फैसला हुआ आपको बता द ू सीसीटीवी ट्रे सिग
ं का मतलब होता है की जिस व्यक्ति का पता लगाना
हो उसके पहली बार सीसीटीवी में दिखने से लेकर उसके आखिरी बार दिखने वाले सीसीटीवी तक एक
सीसीटीवी की फुटे ज के सहारे पीछा करना, अब वहा व्यक्ति अगले दिन सुबह 5 बजे होटल से कंधे पर
एक बैग टांके हड़बड़ी में निकलता हुआ दिखाई दिया ट्रे सिग
ं में वहा दादर जो की होटल से लगभग 45
किमी दरू एक सन
ु सान इलाका है उधर जाते दिखा पुलिस वहा पहुंची कुछ घंटों की तलाशी के बाद पुलिस
को वहा वही बैग पड़ा मिला जो उस व्यक्ति के पास था खोलने पर उसमे एक कटा हुआ सिर एक जोड़ी
कपड़े और एक पर्स था । पर्स की तलाशी लेने पर एक डॉक्टर की पर्ची मिली छानबीन करने के बाद पता
चला की क्लिनिक वैशाली नगर इलाके का हैं।

पुलिस की एक टीम क्लिनिक पर पहुंची तो गुत्थी धिरे धीरे सुलझने लगी लड़की का नाम सुलोचना था
वह वैशाली नगर की रहने वाली थी, वो 20 दिसंबर 2021 की श्याम अपने होने वाले पति मनीष से मिलने
गई थी लेकिन अभी तक लौटी नही उसके घर वालो को लगा की दोनो श्यायद कही घूमने चले गए तो
उन्होंने फोन भी नही किया अब ये तो साफ था की कातिल हो न हो मनीष ही है लेकिन उसने ये सब
क्यों किया अब पुलिस मनीष को गिरफ्तार कर लेती है और पूछताछ शुरू करती है पूछताछ में पुलिस के
हाथ कुछ ठोस लगता नही है उसने बताया की वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर है ओर करीब 7 महीने पहले
उसकी सगाई हुई थी और उनके बीच तो काफी प्यार भी था 20 दिसंबर को उसने अपना घर होना ही
बताया इस पर पुलिस को मनीष को छोड़ना पड़ा लेकिन पीछे से छानबीन चालू रखी उसके फोन की
लोकेशन मंगवाई गई जिसमे उसका फोन उसी के घर था लेकिन फोन 20 तारीख सुबह 11 बजे से लेकर
21 तारीख सुबह 11 बजे तक बंद था उसपर तर्क ये दिया गया की क्योंकि उसकी तबीयत ठीक नहीं थी
तो हो सकता है उसका किसी से बात करने का मन ना हो और फोन बंद कर दिया हो तो पुलिस ने
उसकी पिछले 6 महीनों की डिटे ल निकलवाई की ऐसा पहले भी कभी हुआ है जिस पर सामने आया की
ऐसा मनीष ने पहली बार किया था ये दलील उसे उसकी मंगेतर के मर्डर केस में आरोपी के रूप में
गिरफ्तार करने के लिए काफी थी ।

मनीष को एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया और इस बार सकताई से पुच्छ करने के बाद उसने
तोते की रहे बोलना शुरू किया उसने बताया की 7 महीने पहले सुलोचना से उसकी सगाई हुई और अगले
साल उनकी शादी होने वाली थी लेकिन सुलोचना काफी खुले विचारों की था उससे शक था की उसका
किसी ओर से भी चक्कर था इस लिए एक दिन उसने उससे पूछा की क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है उसने
कहा कि हां सगाई से पहले था लेकिन सगाई के बाद मैने उससे दोस्ती तोड़ दी लेकिन उसके खुले
मिजाजो को दे खते हुए मझ
ु े लगा नही था की उनका रिश्ता सिर्फ दोस्ती तक सीमित था तो मैने उससे
शादी ना करने का फैसला लिया लेकिन बदनामी के डर से मेने कुछ और सोचा ओर प्लान बनाया उसे
मारने का उससे मरने के लिए में लगभग 3 महीनों से पालनिंग कर रहा था मेने कई नोवेल पड़े t.v
सीरियल दे खे फिल्मे दे खी और एक डायरी में नोट किया किया की किन किन कारणों से पुलिस मुजरिम
तक पहुंच पाती है मेरा निष्कर्ष था यदि विक्टिम की पहचान न हो तो किसी पर शक नही किया जा
सकता ओर शक नंही होगा तो पकड़े जाना नामुमकिन है इस लिए मैने सुलोचना को कहा था की वो
अपना मुंह अच्छे से ढके क्योंकि कोरोना का दौर था तो उसने भी शक नही किया ओर अपना मुंह अच्छे
से ढका और होटल में भी नकली जानकारी दी और कमरा लेकर उससे मार दिया अब क्योंकि चेहरे से
पता लगाना आसान था तो मेने उसकी गर्दन धड़ से अलग कर कही दरू फेकने का फैसला लिया जहा
कोई आता जाता ना हो क्योंकि मेने दे खा था कई बार लाश की सिनाख्त टै टू से हो जाती है तो टै टू भी
चाकू से खरु च कर मिटा दिया एक नोवेल में मेने पढ़ा था जब किसी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज
करवाई है तो आस पास हुए सभी कत्ल जिनकी शिनाक्त ना हो तो गुमशुदा लोगो के घर वालो को
उनकी बेलोंगिग जैसे की कपड़े, ज्वैलरी और जूते दिखा कर की जाती है इस लिए मैने सारी चीजे उठा कर
एक बैग में भर दी और उन्हें ठिकाने लगाने चला गया,एक जगह मेने पढ़ा था की जिस पर शक होता है
पुलिस उसकी कॉल डिटे ल और लोकेशन भी चेक करती है इस लिए मैने अपने मोबाइल को भी स्विच
ऑफ करके घर ही छोड़ दिया था ये सुन कर जांच अधिकारी सोच में पड़ जाते है की केस एक आदमी
इस हद तक शातिर हो सकता हैं।

मनीष ने एक लगभग परफेक्ट मर्डर प्लान किया था उसमे वो कामयाब भी होगया था बस अगर वो दो
गलतियां नही करता पहली गलती उसने की को उसने सुलोचना का पर्स चेक नही किया ओर उसके सिर
के साथ ही उसे फेंक दिया दस
ू री गलती उसने की फोन को स्विच ऑफ करके यदि वो फोन को चालू
छोड़ता या किसी तरीके से उसे खराब कर दे ता तो पुलिस ये साबित नहीं कर पाती की वो उस दिन घर
नहीं था तो इसे पकड़ा गया एक शातिर हत्यारा जिसने लगभग अपने बच निकलने का परफेक्ट प्लान
बनाया था लेकिन अगर आप कुछ गलत करते है तो कुछ ना कुछ सबूत पीछे छूट ही जाता है इस लिए
यदि आपके भी मन में ऐसा कोई विचार हो तो शांत दिमाग से सोचे शायद कोई ठीक रास्ता निकल आए
जिससे किसी को तकलीफ न हो तो किसी लगी आपको आज की ये कहनी कमें ट बॉक्स में अपनी राय
जरूर दे कल फिर मुलाकात होगी एक नई कहनी के साथ तब तक सतर्क रहे सरु क्षित रहे अलविदा।

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