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Bagladhuma- दुष्ट तांत्रिक विधान को नष्ट करना-बगला सूक्त
Bagladhuma- दुष्ट तांत्रिक विधान को नष्ट करना-बगला सूक्त
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मेरा यजमान एक सरकारी ाइवर है िजस पर कृ या का इतना ती योग िकया गया िक वह घर You can contact Dr. TD Singh
म रह ही नह पाते थे, रात म भी घर न जाकर आिफस म ही सोते थे। चार-चार माह बीत at 09839149434
जाते पर तु वह घर जाने का नाम ही नह लेते यही नह त ंुसक बना
ारा उ ह पूणतः नप◌
िदया गया, उनका से स पूणतः न ट हो चुका था। से स ठीक करवाने हेतु अनेको डा टर की Account detals :
दवाइय का सेवन िकया, पर तु कोई लाभ न हुआ, कई त ि क के च कर लगाए, एक त ि क
पर भैरव का आवेश आता था, रात-रात उसके वह रहे, बड़े ़-बडे़ वादे उस त ि क ने िकए पर TAPESHWARI DAYAL SINGH
सम या जस की तस बनी रही। उनके तीन बेिटय िववाह के यो य हो रही थ , कैसे उनका Account No. :
683610110002010
िववाह करना है , कुछ भी िवचार नह करते। कुल िमलाकर थित अ य त शोचनीय थी।
IFSC CODE : BKID0006836
अ िवि त अव था की ओर मशः उनका जीवन जा रहा था, इसे हम रोकना था और वह भी Bank of India Lucknow
िबन पैस के। एक ती त ि क से सीधी ट कर लेनी थी। वह कहता था नौकरी प की नह होने
दंू ा, हाथ म कटोरा पकड़वा दं
ग ग
ू ा। इस ती त ि क के ि या कलाप को न ट करना कोई मजाक
नह था। ती पर ती तर योग ही सफलता दे सकता अतः िवचार िकया य न बगला-सू के Blog Archive
यारह हजार पाठ का सं क प िलया जाए और ऐसा ही िकया गया। पाठ पूण होने के बाद सब
▼ 2016 ( 4 )
सामा य हो गया। अब वह ीमान जी घर म रहने लगे, उनकी प नी भी उनके पैर दबाने लगी,
जमीन का अ छा मुवावजा भी िमल गया, अब वह करोड़पित बन गये, कुछ समयोपरा त दो ▼ April ( 1 )
बेिटय का िववाह भी स प न हो गया। येक बेटी के िववाह म चार पिहया गाड़ी देकर धूमधाम दु ट त ि क िवधान
से काय म स प न िकया। कुछ कृिष यो य जमीन भी खरीद ली पर तु हम एक बात का दुःख को न ट करना-
अव य हुआ िक िगरे व पर मने िनःशु क साथ िदया, भगवती से ाथना कर उनके जीवन को बगला सू
खुशहाली के माग पर लाने का य न िकया, िजसम म सफल भी हुआ, अब न है िक
► March ( 1 )
पािर िमक के तौर पर हम या िमला? बाबा जी का ठु लु। िजस कार ि या की गई आप के
स मुख तुत है - ► February ( 2 )
► 2015 ( 11 )
बगला सू -कृ या पिरहण ‘‘अथवद से’’
सं
क प - ऊँत स ................ साद िस ी ारा मम यजमान य (नाम द)
सव भी ठ िसि थ पर योग, पर मं-तं-यं िवनाशाथ, सव दु ट हे बाधा िनवाणाथ, सव
उप व शमनाथ ी भगवती पीता बरायाः बगला सू ये यारह सह पाठे अह कुव। (जल
पृ वी पर डाले द)
ऊँअंगु ठयो।
ऊँआं अंकंखंगंघंङंआँऊँ वाय व न सिलल पृ वी व पाऽऽ मनेडं ग यं
गयौः
तज ये च।
ऊँआं इंचंछ जंझंञं ई परमा यपर सुग धाऽऽ पने िशरसे वाहा म यमयो चं
ऊँआं डंटंठंछंडंदंणंऊँ े तव कच ु-िज हा ाणाऽऽ मने िशखायै वष
अनािमकयो च।
ऊँआं एंतंथंदंघंनं ाणातमने कवचाय हुंकिन ठकयो च।
ऊँआं पंफंवंभंमंवचना दान गमन िवसग न दाऽऽ मने औ ं ने याय वौष ।
ऊँआं अंयंरंलंवंशंयंसंहंलं ंअः मनो बु यंहं कार िच ाऽऽ मने अ ाय फ ।
बगला सू
य ते च ु रामे पा य च िम घा ये।
े
आमे म से कृ य य च ु ः पुनः ित हरािम ता !!1!!
य ते च ु ः कृक वाकावजे वा य कुरीिरिण।ं
अ य ते कृ य य च ु ः पुनः ित हरािम ता !!2!!
य ते च ु ः रेक शफे पशूना मृभयादित।
गदभे कृ य य च ु ः पुनः ित हरािम ता !!3!!
य ते च ु ः रमूलाय वलगंवा नरा या ।
े ते कृ या म च ु ः पुनः ित हरािम ता !!4!!
े
य ते च ु ः ग हप ये पूव नावुत दु चतः।
शालाय कृ य य च ु ः पुनः ित हरािम ता !!5!!
य ते च ु ः सभाय य च ु रिघदेवने।
अ ष े ु कृ य य च ु ः पुनः ित हरािम ता !!6!!
य ते च ु ः सेनाय य च ु िर वायुघ।े
दु दुभौ कृ य य च ु ः पुनः ित हरािम ता !!7!!
य ते कृ य कूपेऽवदघुः मशाने वा िनचर तुः।
स िन कृ य य च ु ः पुनः ित हरािम ता !!8!!
य ते च ु ः पु षा थे अ नौ एं क सुके च या ।
ोकंिनद ह यादंपुनः ित हरािम ता !!9!!
अपथेना जभारैण त पथेतः िह मिस।
अघीरो मय घीरे यः संजभारािच या !!10!!
य चकार न शशाक कतु श पदाम ङिल ।
े
चकार भ म मभयम भगौ भगव यः !!11!!
कृ य कृतंवलिगनंमूिलनंशपथेयऽ ।
इ तंह तु महता वघेना न िव यतव तया !!12!!
यह एक पाठ हुआ।
अथ:-
अिभचार करने वाले ने अ छे िम टी के पा म या घान, जौ गहू, उपवाक, ितल, क गनी के
िमि त घा य म अथवा कु कुटािद से क चे म स म, हे कृ ये! तुझे िकया है । म तुझे उपचार
करने वाले पर ही वापस भेजता हँ
ू !!1!!
हे कृ ये! तुझे मुग, बकरे या पेड़ पर िकया है , तो हम अिभचार करने वाले पर ही लौटाते ह
!!2!!
हे कृ ये! अिभचारक ने तुझ एक खुर वाले अथवा दोन ◌े द त वाले गघे पर िकया है तो तुझे
अिभचारक पर ही लौटाते ह !!3!!
हे कृ ये! यिद तुझे मनु य से पूिजत भ यंपदाथ म ढक कर खेत म िकया गया है तो तुझे
अिभचारक पर ही लौटाते है !!4!!
जो कृ या ारा हमारी उं
गली या पैर को न ट करना चाहता है , वह अपने इ छत यास म सफल
न हो और हम भा यशािलय का वह अमग ंल न कर सके !!11!!
भेद रखने वाले तथा िछपकर (गु त प से) कृ या कम करने वाले को, इ अपने िवशाल श
से न ट कर द, अ न उसे अपनी वालाओ ं से जला डाले !!12!!
हवन:- येक लोक के बाद वाहा लगा कर 108 या 11 पाठ की आहुित देते ह।
हवन साम ी:- िपसी ह दी, पीली सरस , सुनहरी हरताल, मालक गनी, सफेद ितल, देशी घी
म सानते ह।
कृ या िनवारण - 11 हजार पाठ का िवधान है ।
onkar kumar
I am a spiritual seeker working on "Who am I "
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शा ो म िलखा है यिद आप को आिथक मानिसक, शारीिरक हािन पहुचाने के उ े श से िकसी वाथ यि ारा कोई अिभचाािरक कम
आप के िव ...
दु ट त ि क िवधान को न ट करना-बगला सू
मेरा यजमान एक सरकारी ाइवर है िजस पर कृ या का इतना ती योग िकया गया िक वह घर म रह ही नह पाते थे, रात म भी घर
न जाकर आिफस मे...
रा स से छु टकारा
म यं
िगरा येक यि िकसी न िकसी कार की श ु ता के यामोह म आब है । इसीिलए सकारा मक वृि य उदा त
चेतन...
बगला िवपरीत यं
िगरा का अनु ठान
जब दु ट ारा कोई त ि क िवधान कर िदया जाता है तो जीवन क टमय हो जाता है , मुझ पर कुछ दु ट की छ छाया ऐसी पड़ी िक
अभी मुझे ...
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