Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 12

तवेदन

लेखन

REPORT
WRITING
तवेदन कसे कहते ह?

तवेदन को तुत करते समय यान दे ने यो य बात |

तवेदन का उ दे य

तवेदन के कार

तवेदन का ा प

तवेदन के उदहारण
तवेदन कसे कहते ह?

‘ तवेदन’ श द त उपसग व धातु से बना है | इसका अथ


स यक अथात पूर जानकार है | इस कार त दवेदन से
हमारा अ भ ाय है , अनुभव से यु त व भ न त व का व तृत
लेखा-जोखा है |
दुसरे श द म हम कह सकते है , तवेदन कसी घटना, काय
योजना इ या द का अनुभव और त य से प रपूण ववरण है जो
ल खत प से तुत कया जाता है |
इसम काय वशेष क जानकार तो द जाती है , साथ ह व भ न
आकड़ के मा यम से न कष सुझाव भी दया जाता है |
तवेदन को तुत करते समय यान दे ने यो य बात |

❑सभा, स मलेन क रपोट/ तवेदन लखते समय उ चत शीषक


द|
❑ दनांक, थान, समय आ द क जानकार द |
❑समारोह के संचालन, उ घाटन, मु य अ त थ, ध यवाद आ द के
बारे म रपोट म जानकर द |
❑ अनाव यक व तार से बच |
❑ वचार क मा णकता हो |
❑ रपोट को भूतकाल म लख |
❑ अपने मत और यि तगत वचार का िज़ न कर |
❑ रपोट ववेकपूण, न प और तट थ होकर लख |
❑ रपोट के अंत म बायीं तरफ अपना नाम लख |
तवेदन का उ दे य

▪ तवेदन का उ दे य बीते हु ए समय के वशेष अनुभव का सं त सं ह


करना है ता क आगे कसी तरह क भूल या भ न होने पाये। तवेदन म
उसी कठोर स य क चचा रहती है , िजसका अ छा या बुरा अनुभव हु आ है ।
तवेदन का दूसरा ल य भूतकाल को वतमान से जोड़ना भी है ।

▪ भूत क भूल से लाभ उठाकर वतमान को सुधारना उसका मु य योजन है ।


कं तु, तवेदन डायर या दनं दनी नह ं है । तवेदन म यथाथ क त वीर
रहती है और डायर म यथाथ के साथ लेखक क भावना, क पना और
त या भी य त होती है । दोन म यह प ट भेद है ।
तवेदन के कार

तवेदन दो कार का होता है –

1. औपचा रक तवेदन

२) अनौपचा रक तवेदन
1. औपचा रक तवेदन :-
जब सरकार या कसी सं था अथवा व श ट अ धकार के
अनुसार कसी काय वशेष के बारे म तवेदन तैयार कया
जाता है , उस औपचा रक तवेदन कहते है | इसका व तु न ठ
और त या मक होना अ नवाय होता है | यि तगत बात का
सि म लत करना विजत होता है |

२) अनौपचा रक तवेदन :-
अनौपचा रक तवेदन, वह तवेदन होता है िजसमे यि त
वशेष का अ यन और न कष होता है | अ सर समाचार प
म इस कार के तवेदन का शत होते रहते है |
तवेदन का ा प

शीषक :-
थान :-
दनांक :-

वषयव तु :-

तवेदक के ह ता र और नाम :-
उदहारण १) कूल का वा षको सव : तवेदन
हमारा कूल सन ् 1930 म था पत हु आ था। इस नगर म यह पछले 62 वष
से श ा का चार करता रहा है । आरं भ म जहाँ 5 श क और 50 छा थे, वहाँ
आज श क क सं या 30 और छा क सं या 700 तक पहु ँच गयी है । यहाँ
कला, वा ण य और व ान क श ा द जाती है । श क को समय पर वेतन
मलता है । ये सभी बड़ी न ठा से काम करते ह कूल म सह- श ा क भी
यव था है । लड़ कय क सं या 250 है । इस वष से सलाई और कताई-बुनाई
क श ा क भी यव था क गयी है । छा इसके मह व से घरे लू उ योग-धंध
म च ले रहे ह। इस वष वे शका पर ा म तीस छा थम ेणी म, बारह
वतीय ेणी म और तीन तृतीय ेणी म उ ीण हु ए। इस ववरण से प ट है
क यह कूल हर दशा म वकास कर रहा है । श ा- वभाग के नर क ने भी
इसक सराहना क है ।
दनांक: 20. 12. 2005
वजयपाल संह
धाना यापक,
ह रदास हाई कूल
उदाहरण २) दुघटना अपनी आँख दे खी सड़क दुघटना पर एक
तवेदनयह सड़क का वणन-
12 फरवर शाम पांच बजे क जब म और मेर सहे ल द तर से आ रहे थे| हमारे
सामने वकास नगर शमला म पै ॉल पंप के सामने एक कार तथा क क आपस म ज़ो
रदार ट कर हो गई। क चालक घटना थल पर क छोड़कर फ़रार होगा। वहाँ उप ि थत
लोग ने पु लस को बुलाया और हमन ए बुलस को बुलाया । कार चालक क घटना थल पर
ह मौत हो गई और दो लोग बुर तरह घायल हो गए। मौके पर पु लस वाल ने तुरंत कदम
उठाते हु ए घायल को अ पताल भेजा तथा क को ज़ त कर लया। वहाँ उप ि थत लोग के
अनुसार क क र तार बहु त तेज़ थी, िजस कारण क चालक का संतुलन बगड़ गया और
क सामने आती कार से जा टकराया। कार म एक ह प रवार के तीन लोग बैठे थे। िजसम से
एक म हला और दो पु ष थे। कार चालक क त काल मृ यु हो गई। पु लस के अनुसार बाक
दोन घायल क ि थ त अभी भी गंभीर बनी हु ई है । क मा लक को गर तार कर लया गया
है तथा चालक क अब भी तलाश जार है ।

तवेदक,
मो नका / यो त

You might also like