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ीह रः

ी ीरािधकासह नाम ो
ी ीरािधकायै नमः
ीपाव युवाच
देवदेव जग ाथ भ#ानु$हकारक।
य&ि मिय का'(यं य&ि मिय ते दया॥१॥
य&- वया िनगिदतं त सव. मे ुतं /भो।
गु0ा1 गु0तर2 य3ु य3े मनिस काशते॥२॥
वया न गिदतं य3ु य6मै क6मै कदाचन।
त6मा- कथय देवेश सह7ं नाम चो3म ॥३॥
ीराधाया महादे9या गो:या भ;#/साधन ।
<=ा(डक? ही सा कथं गोपी वमागता॥४॥
ीमहादेव उवाच
Bणु देिव िविच ाथा. कथां पापहरां शुभा ।
नाि जDमािन कमािण त6या नूनं महFG र ॥५॥
यदा ह रI र ािण कJ'ते कायगौरवा-।
तदा िवध3े Lपािण ह रसांिनMयसािधनी॥६॥
त6या गोपी वभाव6य कारणं गिदतं पुरा।
इदानP Bणु देवेिश नाQां चैव सह7क ॥७॥
यDमया किथतं नैव तSेTविप कदाचन।
तव UेहाVवWयािम भXा धाय. मुमुYुिभः॥८॥
मम /ाणसमा िव&ा भा9यते मे वहिनश ।
BणुTव िग रजे िन यं पठ6व च यथामित॥९॥
य6याः /सादा- क]Tण ु गोलोक_शः परः /भुः।
अ6या नामसह76य ऋिष रद एव च।
देवी राधा परा /ो#ा चतुवग/सािधनी॥१०॥
अथ सह7नाम ो
ीराधारािधका क]Tणवeभाक]Tणसंयुता।
वृgावनेGरी क]Tणि/या मदनमोिहनी॥११॥
ीमती क]Tणकाhाचक]Tणानg/दाियनी।
यश;6वनी यशोगiया यशोदानgवeभा॥१२॥
दामोदरि/या गोपी गोपानgकरी तथा।
क]Tणाjवािसनी k&ा ह रकाhा ह रि/या॥१३॥
/धानगोिपका गोपकDया ैलोlसुgरी।
वृgावनिवहा रणी िवकिसतमुखाiबुजा॥१४॥
गोकJलानgक? च गोकJलानgदाियनी।
गित/दा गीतगiया गमनागमनि/या॥१५॥
िवTणुि/या िवTणुकाhा िवTणोरoिनवािसनी।
यशोदानgपpी च यशोदानgगेिहनी॥१६॥
कामा रकाhा कामेशी कामलालसिव$हा।
जय/दा जया जीवा जीवानg/दाियनी॥१७॥
नgनgनपpी च वृषभानुसुता िशवा।
गणाMयYा गवाMयYा गवां गितरनु3मा॥१८॥
काqनाभा हFमगा ा काqनाjदधा रणी।
अशोका शोकरिहता िवशोका शोकनािशनी॥१९॥
गाय ी वेदमाता च वेदातीता िवदु3मा।
नीितशा ि/या नीितगितमितरभीrदा॥२०॥
वेदि/या वेदगभा वेदमाग/विsनी।
वेदगiया वेदपरा िविच कनकोtला॥२१॥
तथोuल/दािन या तथैवोuलगाि का।
नgि/यानgसुताराMयाऽऽनg/दा शुभा॥२२॥
शुभाjी िवमलाjीच िवलािसDयपरािजता।
जननी जDमशूDया च जDममृ युजरापहा॥२३॥
गितगितमतां धा ी धाwयानg/दाियनी।
जग ाथि/या शैलवािसनी हFमसुgरी॥२४॥
िकशोरी कमला पxा पxह ा पयोददा।।
पय;6वनी पयोदा ी पिव ा सवमjला॥२५॥
महाजीव/दा क]Tणकाhा कमलसुgरी।
िविच वािसनी िच वािसनी िच Lिपणी॥२६॥
िनगुणासुकJलीनाच िनTकJलीना िनराकJला।
गोकJलाhरगेहा च योगानgकरी तथा॥२७॥
वेणुवा&ा वेणुरितवyणुवा&परायणा।
गोपाल6यि/या सौiयLपा सौiयकJलोzहा॥२८॥
मोहामोहा िवमोहा च गितिन{ा गित/दा।
गीवाणव|ा गीवाणा गीवाणगणसेिवता॥२९॥
लिलताचिवशोकाचिवशाखािच मािलनी।
िजतेि}या शुsस~वाकJलीना कJलदीिपका ॥३०॥
दीपि/या दीपदा ी िवमला िवमलोदका।
काhारवािसनी क]Tणा क]Tणच}ि/यामितः॥३१॥
अनु3रा दुःखहSी दुःखक? कJलोzहा।
मितलWमीधृितल•ा का;hः पुिrः 6मृितः Yमा ॥३२॥
Yीरोदशाियनी देवी देवा रकJलमिदनी।
वैTणवी चमहालWमी: कJलपू•या कJलि/या॥३३॥
संही सवदै यानां सािव ी वेदगािमनी।
वेदातीता िनरालiबा िनरालiबगणि/या॥३४॥
िनरालiबजनैः पू•या िनरालोका िनरा या।
एकाjी सवगा से9या <=पpी सर6वती॥३५॥
रासि/या रासगiया रासािध{ातृदेवता।
रिसका रिसकानgा 6वयं रासेGरी परा॥३६॥
रासम(डलमMय6था रासम(डलशोिभता।
रासम(डलसे9या च रास‚?डामनोहरा॥३७॥
पु(डरीकाYिनलया पु(डरीकाYरोिहनी।
पु(डरीकाYसे9या च पु(डरीकाYवeभा॥३८॥
सवजीवेGरी सवजीवव|ा पराƒरा।
/क]ितः शiभुकाhा च सदािशवमनोहरा ॥३९॥
Yुिपपासादया िन„ा …ा;hः ा;hः YमाकJला।
वधूLपा गोपपpी भारती िसsयोिगनी॥४०॥
स यLपा िन यLपा िन यागी िन यगेिहनी।
6थानदा ी तथा धा ी महालWमी:6वयं/भा॥४१॥
िसDधुकDयाऽऽ6थानदा ी zारकावािसनी तथा।
बुिsः;6थितः6थानLपासवकारणकारणा॥४२॥
भ#ि/या भ#गiया भ#ानg/दाियनी।
भ#क†प„ुमातीता तथातीतगुणा तथा॥४३॥
मनोऽिध{ातृदेवी च क]Tण/ेमपरायणा।
िनरामया सौiयदा ी तथा मदनमोिहनी॥४४॥
एकानंशािशवा Yेमा दुगा दुगितनािशनी।
ईGरी सवव|ा च गोपनीया शुभoरी॥४५॥
पािलनी सवभूतानां तथा कामाjहा रणी।
स&ो मु;#/दा देवी वेदसारा पराƒरा ॥४६॥
िहमालयसुता सवा पावती िग रजा सती।
दYकDया देवमाता मgल•ा हरF नूः॥४७॥
वृgार(यि/या वृgा वृgावनिवलािसनी।
िवलािसनी वैTणवी च <=लोक/िति{ता॥४८॥
';ˆणी रFवती स यभामा जाiबवती तथा।
सुलWमणािम िवgाकािलgी ज‰कDयका॥४९॥
प रपूणा पूणतरा तथा हŠमवती गितः।
अपूवा <=Lपा च <=ा(डप रपािलनी॥५०॥
<=ा(डभा(डमMय6था <=ा(डभा(डLिपणी।
अ(डLपा(डमMय6था तथा(डप रपािलनी॥५१॥
अ(डबा0ा(डसंही िशव<=ह रि/या।
महािवTणुि/या क†पवृYLपा िनरhरा ॥५२॥
सारभूता ;6थरा गौरी गौराjी शिशशेखरा।
Gेतचiपकवणाभा शिशकोिटसम/भा॥५३॥
मालतीमा†यभूषाŒा मालतीमा†यधा रणी।
क]Tण ुता क]Tणकाhा वृgावनिवलािसनी॥५४॥
तुल6यिध{ातृदेवी संसाराणवपारदा।
सारदाऽऽहारदाiभोदा यशोदा गोपन;gनी॥५५॥
अतीतगमना गौरी परानु$हका रणी।
क'णाणवसiपूणा क'णाणवधा रणी॥५६॥
माधवी माधवमनोहा रणी •यामवeभा।
अDधकारभयMव ा मj†या मjल/दा॥५७॥
ीगभा ी/दा ीशा ीिनवासाŽयुत/भा।
ीLपा ीहरा ीदा ीकामा ी6वLिपणी॥५८॥
ीदामानgदा ी च ीदामेGरवeभा।
ीिनतiबा ीगणेशा ी6वLपाि ता ुितः॥५९॥
ीि‚याLिपणी ीला ीक]Tणभजना;Dवता।
ीराधा ीमती े{ा े{Lपा ुिति/या॥६०॥
योगेशी योगमाता च योगातीता युगि/या।
योगि/या योगगiया योिगनीगणव;gता॥६१॥
जवाकJसुमसंकाशा दािडमीकJसुमोपमा।
नीलाiबरधरा धीरा धैयLपधराधृितः ॥६२॥
रpिसंहासन6था च रpकJ(डलभूिषता।
रpालoारसंयु#ा रpमालाधरा परा॥६३॥
रpे}सारहाराŒा रpमालािवभूिषता।
इ}नीलमिणDय पादपxशुभा शुिचः॥६४॥
काितक? पौणमासीच अमाव6या भयापहा।
गोिवgराजगृिहणी गोिवgगणपूिजता॥६५॥
वैकJ(ठनाथगृिहणी वैकJ(ठपरमालया।
वैकJ(ठदेवदेवाŒा तथा वैकJ(ठसुgरी॥६६॥
मदालसा वेदवती सीता साMवी पित•ता।
अ पूणा सदानgLपा क•व†यसुgरी॥६७॥
क•व†यदाियनी े{ा गोपीनाथमनोहरा।
गोपीनाथेGरी च(डी नाियकानयना;Dवता॥६८॥
नाियका नायक/ीता नायकानgLिपणी।
शेषा शेषवती शेषLिपणी जगद;iबका॥६९॥
गोपालपािलका माया जायाऽऽनg/दा तथा।।
कJमारी यौवनानgा युवती गोपसुgरी॥७०॥
गोपमाता जानक? च जनकानgका रणी।
क•लासवािसनी रiभा वैरा‘यकJलदीिपका ॥७१॥
कमलाकाh$िहणी कमला कमलालया।
ैलोlमाता जगतामिध{ा ी ि/या;iबका॥७२॥
हरकाhा हररता हरानg/दाियनी।
हरपpी हर/ीता हरतोषणतƒरा॥७३॥
हरFGरी रामरता रामा रामेGरी रमा।
•यामला िच लेखा च तथा भुवनमोिहनी॥७४॥
सुगोपी गोपविनता गोपरा•य/दा शुभा।
अjारपूणा माहFयी म 6यराजसुतासती॥७५॥
कौमारी नारिसंही च वाराही नवदुिगका।
चqलाचqलामोदा नारी भुवनसुgरी॥७६॥
दYय’हरा दाYी दYकDया सुलोचना।
रितLपा रित/ीता रित े{ा रित/दा॥७७॥
रितलYणगेह6था िवरजा भुवनेGरी।
शoा6पदा हरFजाया जामातृकJलव;gता॥७८॥
वकJला वकJलामोदधा रणी यमुनाजया।
िवजया जयपpी च यमलाजुनभि“नी॥७९॥
व‚_Gरी व‚Lपा व‚वीYणवीिYता।
अपरािजता जग ाथा जग ाथेGरी यितः॥८०॥
खेचरी खेचरसुता खेचर व/दाियनी।
िवTणुवYः6थल6था च िवTणुभावनतƒरा॥८१॥
च}कोिटसुगा ी च च}ाननमनोहरा।
सेवा से9यािशवाYेमा तथा Yेमकरी वधूः॥८२॥
यादवे}वधूःशै”यािशवभ#ा िशवा;Dवता।
क_वला िनTकला सूWमा महाभीमाभय/दा॥८३॥
जीमूतLपा जैमूती िजतािम /मोिदनी।
गोपालविनता नgा कJलजे}िनवािसनी॥८४॥
जयhी यमुनाjी च यमुनातोषका रणी।
किलक†मषभjा च किलक†मषनािशनी॥८५॥
किलक†मषLपा च िन यानgकरी क]पा।
क]पावती कJलवती क•लासाचलवािसनी॥८६॥
वामदेवी वामभागा गोिवgि/यका रणी।
नरF}कDया योगेशी योिगनी योगLिपणी॥८७॥
योगिसsा िसsLपा िसsYे िनवािसनी।
Yे ािध{ातृLपा च Yे ातीता कJल/दा॥८८॥
क_शवानgदा ी च क_शवानgदाियनी।
क_शवा क_शव/ीता क_शवी क_शवि/या॥८९॥
रास‚?डाकरी रासवािसनी राससुgरी।
गोकJला;Dवतदेहा च गोकJल व/दाियनी॥९०॥
लवjनाQी नारjी नारjकJलम(डना।
एलालवjकपूरमुखवासमुखा;Dवता ॥९१॥
मु•या मु•य/दामु•यLपा मु•यिनवािसनी।
नारायणी क]पातीता क'णामयका रणी॥९२॥
का'(या क'णा कणा गोकणा नागकिणका।
सिपणी कौिलनी Yे वािसनी जगदDवया॥९३॥
जिटला कJिटला नीला नीलाiबरधरा शुभा।
नीलाiबरिवधा ी च नीलक(ठि/या तथा॥९४॥
भिगनी भािगनी भो‘या क]Tणभो‘या भगेGरी।
बलेGरी बलाराMया काhा काhिनत;iबनी॥ ९५॥
िनत;iबनी Lपवती युवती क]Tणपीवरी।
िवभावरी वे वती संकटा कJिटलालका॥९६॥
नारायणि/या शैला सृ–णीप रमोिहता।
—˜ातमोिहता /ातरािशनी नवनीितका॥९७॥
नवीना नवनारी च नारjफलशोिभता।
हŠमी हFममुखी च}मुखी शिशसुशोभना॥९८॥
अsच}धरा च}वeभा रोिहणी तिमः।
ितिमिगलकJलामोदम 6यLपाjहा रणी ॥९९॥
का रणी सवभूतानांकायातीता िकशो रणी।
िकशोरवeभा क_शका रका कामका रका॥१०॥
कामेGरी कामकला कािलgीकšलदीिपका ॥१०१॥
किलgतनयातीरवािसनी तीरगेिहनी॥१०२॥
कादiबरीपानपरा कJसुमामोदधा रणी।
कJमुदा कJमुदानgा क]Tणेशी कामवeभा॥१०३॥
तकाली वैजयhी च िनiबदािडiबLिपणी।
िब†ववृYि/या क]Tणाiबरा िब†वोपम नी ॥१०४॥
िब†वा; मका िब†वबसुिब†ववृYिनवािसनी।
तुलसीतोिषका तैितलानgप रतोिषका॥१०५॥
गजमु#ा महामु#ा महामु;#फल/दा।
अनjमोिहनी श;#Lपा श;#6वLिपणी ॥१०६॥
पqश;#6वLपा च शैशवानgका रणी।
गजे}गािमनी •यामलतानjलता तथा॥१०७॥
योिष›;#6वLपा च योिषदानgका रणी।
/ेमि/या /ेमLपा /ेमानgतरिjणी॥१०८॥
/ेमहारा /ेमदा ी /ेमश;#मयी तथा।
क]Tण/ेमवती धDया क]Tण/ेमतरिjणी॥१०९॥
/ेमभ;#/दा /ेमा /ेमानgतरिjणी।
/ेम‚?डापरीताjी /ेमभ;#तरिjणी॥११०॥
/ेमाथदाियनी सवGेता िन यतरिjणी।
हावभावा;Dवता रौ„ा '„ानg/कािशनी॥१११॥
किपला Bœलाक_शपाशसiब;Dधनीधटी।
कJटीरवािसनी धू•ा धू•क_शा जलोदरी॥११२॥
<=ा(डगोचरा <=6वLिपणीभवभािवनी।
संसारनािशनी शैवा शैवलानgदाियनी॥११३॥
िशिशरा हFमरागाŒा मेघLपाितसुgरी।
मनोरमा वेगवती वेगाŒा वेदवािदनी॥११४॥
दया;Dवता दयाधारा दयाLपा सुसेिवनी।
िकशोरसjसंसगा गौरच}ानना कला॥११५॥
कलािधनाथवदना कलानाथािधरोिहणी।
िवरागकJशला हFमिपjला हFमम(डना॥११६॥
भा(डीरतालवनगा क•वतŸ पीवरी शुक?।
शुकदेवगुणातीता शुकदेवि/या सखी॥११७॥
िवकलो िषणीकोषाकौशेयाiबरधा रणी।
कौषावरी कोषLपा जगदुƒि3का रका॥११८॥
सृिr;6थितकरी संहा रणी संहारका रणी।
क_शशैवलधा ी च च}गा ा सुकोमला॥११९॥
पxाjरागसंरागा िवDMयाि„प रवािसनी।
िवDMयालया •यामसखी सखीसंसाररािगणी॥१२०॥
भूता भिवTयाभ9याचभ9यगा ाभवाितगा।
भवनाशाhका र(याकाशLपा सुवेिशनी॥१२१॥
रितरjप र यागा रितवेगा रित/दा।
तेज;6वनी तेजोLपा क•व†यपथदा शुभा॥१२२॥
भ;#हFतुमु;#हFतुलिचनी ल¡नYमा।
िवशालने ावैशाली िवशालकJलसiभवा॥१२३॥
िवशालगृहवासा च िवशालबदरीरितः।
भXतीता भ;#गितभ;#का िशवभ;#दा॥१२४॥
िशवभ;#6वLपा च िशवा jिवहा रणी।
िशरीषकJसुमामोदा िशरीषकJसुमोuला॥१२५॥
िशरीषमृzी शैरीषी िशरीषकJसुमाक]ितः।
वामानहा रणी िवTणोः िशवभ;#सुखा;Dवता॥१२६॥
िविजता िविजतामोदा गणगा गणतोिषता।
हया6या हFरiबसुता गणमाता सुखेGरी॥१२७॥
दुःखहSी दुःखहरा सेिवते;:सतसवदा।
सव’ विवधा ी च कJलYे िनवािसनी॥१२८॥
लवjा पा(डवसखी सखीमMयिनवािसनी।
$ाiयगीता गया गiया गमनातीतिनभरा ॥१२९॥
सवाjसुgरी गjा गjाजलमया तथा।
गjF रता पूतगा ा पिव कJलदीिपका ॥१३०॥
पिव गुणशीलाŒा पिव ानgदाियनी।
पिव गुणसीमाŒा पिव कJलदीिपनी॥१३१॥
क†पमाना क¢सहरा िवDMयाचलिनवािसनी॥१३२॥
गोवsनेGरी गोवsनहा6या हयाक]ितः॥१३३॥
मीनावतारा मीनेशी गगनेशी हया गजी।
ह रणी हा रणी हारधा रणी कनकाक]ितः॥१३४॥
िव&ुVभा िव/माता गोपमाता गयेGरी।
गवेGरी गवेशी च गवीशी गितवािसनी॥१३५॥
गित’ा गीतकJशला दनुजे}िनवा रणी।
िनवाणधा ी नैवाणी हFतुयु#ा गयो3रा॥१३६॥
पवतािधिनवासा च िनवासकJशला तथा।
संDयासधमकJशला संDयासेशी शरDमुखी॥१३७॥
शर£}मुखी •यामहारा Yे िनवािसनी।
वसhरागसंरागा वसhवसनाक]ितः॥१३८॥
चतुभुजा ष¤ुजा च िzभुजा गौरिव$हा।
सह7ा6या िवहा6या च मु„ा6या मुददाियनी॥ १३९॥
/ाणि/या /ाणLपा /ाणLिप(यपावृता।
क]Tण/ीता क]Tणरता क]Tणतोषणतƒरा॥१४०॥
क]Tण/ेमरता क]Tणभ#ा भ#फल/दा।
क]Tण/ेमा /ेमभ#ा ह रभ;#/दाियनी॥१४१॥
चैतDयLपा चैतDयि/या चैतDयLिपणी।
उ$Lपा िशव‚ोडा क]Tण‚ोडा जलोदरी॥१४२॥
महोदरी महादुगकाhारसु6थवािसनी।
च}ावली च}क_शी च}/ेमतरिjणी॥१४३॥
समु„मथनो¥ता समु„जलवािसनी।
समु„ामृतLपा च समु„जलवािसका॥१४४॥
क_शपाशरता िन„ा Yुधा /ेमतरिjका।
दूवादल•यामतनुदूवादलतनु›िवः ॥१४५॥
नागरी नागरारागा नागरानgका रणी।
नागरािलjनपरा नागराjणमjला॥१४६॥
उ£नीचा हŠमवतीि/या क]Tणतरjदा।
/ेमािलjनिसsाjी िसsसाMयिवलािसका ॥१४७॥
मjलामोदजननी मेखलामोदधा रणी।
रpम“ीरभूषाjी रpभूषणभूषणा॥१४८॥
जiबालमािलका क]Tण/ाणा /ाणिवमोचना।
स य/दा स यवती सेवकानgदाियका॥१४९॥
जग&ोिनजगzीजा िविच मिणभूषणा।
राधारमणकाhा च राMया राधनLिपणी ॥१५॥
क•लासवािसनी क]Tण/ाणसव6वदाियनी।
क]Tणावतारिनरता क]Tणभ#फलािथनी॥१५१॥
याचकायाचकानgका रणी याचकोtला।
ह रभूषणभूषाŒाऽऽनgयु#ाऽऽ„पादगा ॥१५२॥
हŠ-हŠ-तालधराथै-थै-श”दश;#/कािशनी।
हF-हF-श”द6वLपाचही-ही-वाlिवशारदा॥१५३॥
जगदानgक? च सा}ानgिवशारदा।
प;(डता प;(डतगुणा प;(डतानgका रणी॥१५४॥
प रपालनक? च तथा ;6थितिवनोिदनी।
तथा संहारश”दाŒा िवz•नमनोहरा॥१५५॥
िवदुषां /ीितजननी िवzVेमिवविsनी।
नादेशी नादLपा च नादिबgुिवधा रणी॥१५६॥
शूDय6थान;6थता शूDयLपपादपवािसनी।
काितक•तक? च वसनाहा रणी तथा॥१५७॥
जलाशया जलतला िशलातलिनवािसनी।
Yु„क?टाjसंसगा सjदोषिवनािशनी ॥१५८॥
कोिटक¢दपलाव(या कोिटक¢दपसुgरी।
क¢दपकोिटजननी कामबीज/दाियनी॥१५९॥
कामशा िवनोदा च कामशा /कािशनी।
काम/कािशका कािमDयिणमा&rिसिsदा॥१६०॥
यािमनी यािमनीनाथवदना यािमनीGरी।
यागयोगहरा भु;#मु;#दा ी िहर(यदा॥१६१॥
कपालमािलनी देवी धामLिप(यपूवदा।
क]पा;Dवता गुणागौ(या गुणातीतफल/दा॥१६२॥
कšTमा(डभूतवेतालनािशनी शरदा;Dवता।
शीतला शबला हFला लीला लाव(यमjला॥१६३॥
िव&ािथनी िव&माना िव&ा िव&ा6वLिपणी।
आDवीिYक?शा Lपा शा िसsाhका रणी॥१६४॥
नागे}ा नागमाता च ‚?डाकौतुकLिपणी।
ह रभावनशीला च ह रतोषणतƒरा॥१६५॥
ह र/ाणा हर/ाणा िशव/ाणा िशवा;Dवता।
नरकाणवसंही नरकाणवनािशनी॥१६६॥
नरFGरी नरातीता नरसे9या नराjना।
यशोदानgन/ाणवeभा ह रवeभा॥१६७॥
यशोदानgनारiया यशोदानgनेGरी।
यशोदानgना‚?डायशोदा‚ोडवािसनी॥१६८॥
यशोदानgन/ाणा यशोदानgनाथदा।
व सला कोशला काला क'णाणवLिपणी॥१६९॥
6वगलWमी िमलWमी◌ौपदी पा(डवि/या।
तथाजुनसखी भौमी भैमी भीमकJलो©वा ॥१७०॥
भुवनामोहना Yीणा पानास#तरा तथा।
पानािथनी पानपा ा पानपानgदाियनी॥१७१॥
दु‘धमDथनकमाŒा दिधमDथनतƒरा।
दिधभा(डािथनी क]Tण‚ोिधनी नgनाjना॥१७२॥
घृतिलªा त‚यु#ा यमुनापारकौतुका।
िविच कथका क]Tणहा6यभाषणतƒरा॥१७३॥
गोपाjनावेिrता च क]Tणसjािथनी तथा।
रासस#ा रासरितरासवास#वासना॥१७४॥
ह र„ा हा रता हा र(यानgािपतचेतना।
िनIैतDया च िनIेता तथा दा'ह रि„का॥१७५॥
सुबल6य 6वसा क]Tणभाया भाषाितवेिगनी।
ीदाम6य सखी दामदािमनी दामधा रणी॥ १७६॥
क•लािसनी क_िशनी च ह रदiबरधा रणी।
ह रसांिनMयदा ी च ह रकौतुकमjला॥१७७॥
ह र/दा ह रzारा यमुनाजलवािसनी।
जै /दा िजताथŸ च चतुरा चातुरी तमी॥१७८॥
तिम ाऽऽतपLपा च रौ„Lपा यशोऽिथनी।
क]Tणािथनी क]Tणकला
क]Tणानgिवधाियनी॥१७९॥
क]Tणाथवासना क]Tणरािगणी भवभािवनी।
क]Tणाथरिहता भ#ा भ#भ;#शुभ/दा॥१८०॥
ीक]Tणरिहता दीना तथा िवरिहणी हरFः।
मथुरा मथुराराजगेहभावनभावना॥१८१॥
ीक]Tणभावना मोदा तथोDमादिवधाियनी।
क]Tणाथ9याकJला क]Tणसारचमधरा शुभा॥१८२॥
अलक_Gरपू•या च कJबेरFGरवeभा।
धनधाDयिवधा ी च जाया काया हया हयी॥१८३॥
/णवा /णवेशी च /णवाथ6वLिपणी।
<=िवTणुिशवाधाjहा रणी शैविशंशपा॥१८४॥
राYसीनािशनी भूत/ेत/ाणिवनािशनी।
सकले;:सतदा ी च शची साMवी अ'Dधती॥ १८५॥
पित•ता पित/ाणा पितवाlिवनोिदनी।
अशेषासािधनी क†पवािसनी क†पLिपणी॥१८६॥
अथ फल ुितः
इ येत- किथतं देिव राधानामसह क ।
यः पठF- पाठयेzािप त6य तुTयित माधवः ॥१८७॥
िक¢ त6य यमुनािभवा नदीिभःसवतः ि/ये।
कJ'Yे ािदतीथyI य6य तुrो जनादनः॥१८८॥
ो 6या6य /सादेन िक¢ न िसMयित भूतले।
<ा=णो <=वचा: 6या- Yि यो जगतीपितः॥१८९॥
वै•यो िनिधपितभूया- शू„ो मुŽयेत जDमतः।
<=ह यासुरापान ेयादेरितपातका- ॥१९०॥
स&ो मुŽयेत देवेिश स यं स यं न संशयः।
राधानामसह 6य समानं नाि भूतले॥१९१॥
6वगy वा:यथ पाताले िगरौ वा जलतोऽिप वा।
नातः पर2 शुभं ो ं तीथ. नातः पर2 पर ॥१९२॥
एकाद•यां शुिचभू वा यः पठF- सुसमािहतः।
त6य सवाथिसिsः6या- Bणुया1 वा सुशोभने।
zाद•यां पौणमा6यां वा तुलसीसंिनधौ िशवे।
यः पठF›ृणुयाzािप त6य त3- फलं Bणु॥ १९३॥
अGमेधंराजसूयंबाह«6प यं तथाऽऽि क ।
अितरानं वाजपेयमिनrोमं तथा शुभ ॥१९४॥
क] वा य फलमानोित ु वा त फलमा:नुया-।
काितक_ चाrमP /ा:य पठFzा Bणुयादिप॥१९५॥
सह7युगक†पाhं वैकJ(ठवसितं लभे-।
ततI <=भवने िशव6य भवने पुनः॥१९६॥
सुरािधनाथभवने पुनयाित सलोकता ।
गjातीर2 समासा& यः पठF›ृणुयादिप॥१९७॥
िवTणोः साL:यमायाित स यं स यं सुरFG र।
मम व¬िगरFजाता पावतीवदनाि ता॥१९८॥
राधानामसह ा•या नदी ैलोlपावनी।
प-ते िहमया िन यं भXा शXा यथोिचत ॥१९९॥
मम /ाणसमं 0Dय- तव /ी या /कािशत ।
नाभ#ाय /दात9यं पाख(डाय कदाचन ॥२०॥
नाि काय िवरागाय रागयु#ाय सुg र।
तथा देयं महा ो ं ह रभ#ाय शंक र॥२०१॥
वैTणवेषु यथाश;#दा े पु(याथशािलने॥२०२॥
राधानामसुधावा र मम व¬सुधाiबुधेः।
उsृतासौ वया यpा1 यत®वं वैTणवा$णीः॥ २०३॥
िवशुsस~वाय यथाथवािदने
िzज6य सेवािनरताय मिSणे।
दा े यथाश;# सुभ;#मानसे
राधापदMयानपराय शोभने॥२०४॥
ह रपादाoमधुपमनोभूताय मानसे।
राधापादसुधा6वादशािलने वैTणवाय च॥२०५॥
द&ा- ो ं महापु(यं ह रभ;#/साधन ।
जDमाhर2 न प•य;h राधाक]Tणपदािथनः॥२०६॥
मम /ाणा वैTणवा िह तेषां रYाथमेव िह।
शूलं मया धायते िह नाDयथा मेऽ कारण ॥२०७॥
ह रभ;#िzषामथy शूलं संधायते मया।
Bणु देिव यथाथ. मे गिदतं मिय सु•ते॥२०८॥
भ#ािस मे ि/यािस वमतः Uेहा- /कािशत ।
कदािप नोŽयते देिव मया नामसह क ॥२०९॥
॥ इित ीनारदपा रा े ानामृतसार
ी ीरािधकासह नाम ो ं समा"# ॥

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