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Ibps So Rajbhasha Adhikari Practice Set 2020 Professional Knowledge Sol
Ibps So Rajbhasha Adhikari Practice Set 2020 Professional Knowledge Sol
Sol. जैसा कक गद्ाांश से स्पष्ट है कक किल्मों में ाऄनेक कलाओं का पडाव कदखााइ देता है। हजसके ाऄांतगगत भाषााइ,
साांस्कृ हतक, ाअांचहलक, कलात्मक एवां गीतात्मक ाअकद सभी तत्वों का समावेशन है।
Sol. ाआस हिन्दुओं का सत्यापन गद्ाांश में ाईद्धृत ाआस तथ्य से होता है कक हहन्दी भाषा (दुहनया की तीसरी सिसे
ाऄहधक िोली जाने वाली भाषा ही नहीं, ाऄहपतु हहन्दी जाहत; जो मूलत: भारत के ाईत्तरी क्षेत्रों में हनवास करती
है) हजससे हसद्ध होता है कक हहदी सांपकग भाषा है और दूसरा हहदी किल्में क्षेत्रीय सीमाओं, भौगोहलकों
िाध्यताओं एवां भाषााइ घेरेिद
ां ी को चखखा देती हैं।
S4. Ans.(d)
Sol. गद्ाांश से स्पष्ट है कक भाषााइ भौगोहलक समूहों को ाआकट्ठा करके ाईनमें ाअपसी समन्वय स्थाहपत करता है।
हहदी किल्मों को राष्ट्रीय हसनेमा कहना सवगथा समीचीन भी है क्योंकक ाआन किल्मों के दशगक भारतीय भूखांड के
हर हहस्से में मौजूद हैं तथा भारत की राष्ट्रीय सांस्कृ हत, सामाहजक पररवतगन राजनीहतक घखनाचि का िैरोमीखर
िनकर हहदी किल्में भारतीय राष्ट्र की मुख्य हचताधरा का ाईद्घाखन करती हैं।
S5. Ans.(e)
Sol. हवकल्प में कदए गए सभी हिदु गद्ाांश के ाअधार पर सांयुक्त रूप से प्रश्न का व्यावहाररक ाईत्तर प्रस्तुत करते
हैं।
S6. Ans. (a): यहााँ ‘जो लोग हगरहगख जैसा रां ग पररवर्ततत करते हैं’ के स्थान पर ‘जो लोग हगरहगख की तरह
रां ग पररवर्ततत करते हैं’ का प्रयोग ाईहचत है।
S7. Ans. (d): यहााँ ‘ाऄसांहदददधपूणग सत्य है’ के स्थान पर ‘यह ाऄसांकददध सत्य है’ का प्रयोग ाईहचत है।
S8. Ans. (c): यहााँ ‘मैं और मेरे भााआयों की’ के स्थान पर ‘मेरी और मेरे भााआयों की’ का प्रयोग ाईहचत है।
Sol. सांपृक्त – हजससे सांपकग हुाअ हो, हमला हुाअ। हवहछिन्न – पृथक, हजसका हवछिेद हुाअ हो। सांपदा- दौलत,
सांपहत्त, वैभव।
Sol. ाऄहभव्यहक्त – ाऄहभव्यक्त करने की किया हजससे पूणग सांप्रेषण हो सके , प्रकखीकरण, स्पष्टीकरण। पहले ररक्त
स्थान में ‘ाऄहभव्यहक्त’ शब्द ाईपयुक्त है क्योंकक साक्षात्कार में ाऄहभव्यहक्त की क्षमता देखी जाती है। दूसरे ररक्त
स्थान में ‘प्रभावशाली’ शब्द ाईपयुक्त है क्योंकक साक्षात्कार में ाऄपनी िात को प्रभावशाली तरीके से कहना
ाअवश्यक होता है।
Sol.ाऄनहगनत- हजसकी हगनती न की जा सके , ाऄसांख्य। प्रयुक्त –जोडा या हमलाया हुाअ, सहममहलत, हजसे
प्रयोग या व्यवहार में लाया गया हो ाऄथवा लाया जा रहा हो।
Sol.मनीषा –गांभीर हचतन की मानहसक शहक्त, हवचार, िुहद्ध, ाऄक्ल। योदयता –गुण, क्षमता।
Sol. घहनष्ठ – हनकख का, समीप का, गहरे सांिांधो वाला। ाअस्वादन – स्वाद, चखना, मजा, रसानुभव।
S16. Ans.(b)
Sol. लडााइ ककसी के हखलाि होती है, ाऄन्य हवकल्प ाऄनुपयुक्त हसद्ध होते हैं।
S17. Ans.(a)
Sol. ाऄवसर शब्द वाक्य के ाऄनुकूल है, ाऄन्य शब्द वाक्य के सांदभग में ाऄतार्ककक हैं।
S18. Ans.(c)
Sol. जैसा कक गद्ाांश में िाहन्त की िात कही जा रही है, ाआसहलए भावना में ाईग्रता ाऄथागत जोश है
S19. Ans.(a)
S20. Ans.(b)
S21. Ans.(c)
S22. Ans.(a)
(d) Concession – िू ख
S23. Ans.(b)
Sol. (a) Reaction – ाऄहभकिया/ प्रहतकिया
(c) Side-effect -
S24. Ans.(a)
S25. Ans.(b)
S41. Ans.(b)
Sol. गद्ाांश में स्पष्ट रूप से वर्तणत है कक प्राकृ हतक−हचककत्सा−प्रणाली का ाऄथग है प्राकृ हतक पदाथों हवशेषताः
प्रकृ हत के पााँच मूल तत्वों द्वारा स्वास्थ्य−रक्षा और रोग हनवारण का ाईपाय करना।
S42. Ans.(c)
Sol. हवकल्प c मूल रूप से सभी कारणों का सार है कक स्वाभाहवकता को त्याग कर कृ हत्रमता की ओर िढ़ना ही
स्वास्थ्य−समिन्धी समस्याओं से जूझने का मुख्य कारण है।
S43. Ans.(d)
Sol. लेखक ने स्पष्ट रूप से कहा है कक हवशेषताः तीव्र हवषात्मक द्रव्यों के प्रहतकिया स्वरूप से कु ि ाऄन्य
व्याहधयााँ ाईत्पन्न हो जाती हैं और सांसार में रोगों के घखने के िजाय हनत्य नवीन रोगों की वृहद्ध होती जाती है।
ाआसहलए ाआसका प्रभाव ाऄहधक नकारात्मक होता है।
S44. Ans. (b)
Sol. मनुष्य ने प्राकृ हतक हचककत्सा से कृ हत्रम हचककत्सा की ओर पलायन िडे−िडे राज्यों और साम्राज्यों की
स्थापना के िाद ही ककया क्योंकक ाआसके िाद ही ाईसमें िडे ाअदहमयों के रहन−सहन में भोग हवलास की
ाऄहधकता होने लगी और ाईसकी पूर्तत के हलये भााँहत−भााँहत के कृ हत्रम ाईपायों का प्रयोग भी िढ़ने लगा।
Sol. गद्ाांश के ाअधार पर हवकल्प में कदए गए सभी कारण रोगों में वृहद्ध का कारण हैं, क्योंकक यह सभी एक-
दूसरे पर ाअहित है। प्रिहत के सरल मागग से हवक्षोभ के िाद मनुष्य का नकल और कृ हत्रमता के प्रहत ाअकषगण
िढ़ा हजससे ाईत्पन्न हुए रोगों का हनदान तीव्र हवषात्मक द्रव्यों से हुाअ और ाआन सिके हनष्कषग स्वरूप रोगों में
वृहद्ध हुाइ।