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पाठ 20 लालू
पाठ 20 लालू
पाठ 20 लालू
लालू
प्रश्न – उत्तर
उत्तर: लेखक ने लालू को सब प्रकार का मिस्त्री इसमलए कहा था क्योंकक वह िजदरू ों से िरम्ित
के सारे काि करवा लेता था | जैसे स्त्कूल के टूटे छाते ठीक करना , स्त्लेट की पढ़ाई , फटे कुते
को मसलना आदद |
ख) दस
ू रा बकरा पास ही खड़ा धीरे -धीरे क्यों कााँप रहा था?
उत्तर: बमलप्रथा के अंधववश्वास को सिाप्त करने के मलए लालू ने ऐसा नाटक ककया जैसे कक उस
पर िाता सवार हो गई है और वह अन्य बमल लेकर सिाप्त होगी और इसी नाटक िें उसने
िनोहर चट्टोपाध्याय और पुरोदहत की बमल चढ़ाने की कोमिि की व उसके इस नाटक से डरकर
चट्टोपाध्याय और पुरोदहत ने बमल न दे ने का संकल्प मलया |
उत्तर: लालू ने जब चट्टोपाध्याय की बमल दे ने का नाटक ककया तब परु ोदहत अपनी ित्ृ यु के भय
से रोने लगा |
उत्तर: बकरों की बमल दे ने के मलए लालू को इसमलए बुलाया था क्योंकक चट्टोपाध्याय के यहााँ
जजस ददन काली पज
ू ा होने वाली थी उस ददन बमल दे ने वाला व्यजक्त बीिार था और गााँव िें ऐसा
कोई व्यजक्त नहीं था जो बकरा काट सके | लालू ने ही बचपन िें बकरे काटे हैं तथा यह सोचकर
ही दे वी पूजा िें कोई ववघ्न न आए इसमलए लालू को ही बुलाया गया था |
ग) लालू काली पूजा िें बकरों की बमल क्यों नहीं दे ना चाहता था?
उत्तर: लालू काली पूजा िें बमल इसमलए नहीं दे ना चाहता था क्योंकक उसे यह प्रथा अंधववश्वास
लगती थी | उसे लगता था कक िााँ तो जगत-जननी होती है वह ककसी की जान लेकर कभी भी
प्रसन्न नहीं होगी |
घ) बमल के मलए बकरा न मिलने पर लालू ने क्या कहा? उसके कथन का क्या अमभप्राय था?
उत्तर: बमल के मलए बकरा न मिलने पर लालू ने कहा – “ बकरा नहीं है | यह नहीं हो सकता |
जय िााँ काली ! अब तो िैं ककसी और की बमल जरूर चढ़ाऊाँगा | िैं तो िााँ को अवश्य प्रसन्न
करूंगा |” उसके कहने का अमभप्राय यह था कक वह अब ककसी आदिी की बमल चढ़ाएगा |
उत्तर: लालू के नाटक का यह पररणाि हुआ कक उस ददन से गााँव िें काली-पूजा िें बमल चढ़ाना
बंद हो गया |
िूल्यपरक प्रश्न