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Anti Virus (Gurpdep Singh Sohel)
Anti Virus (Gurpdep Singh Sohel)
पात्र
मेनका: चपरासी
बलराम: पुसलसवाला
दृश्य: एक
नरे श कुमार: दफतर में आकर दे खता है और दीवार घडी की तरफ दे खकर बडबडाने
लगाता है : "दोपहर होने को है और अभी तक दफतर में एक भी कममचारी नजर नहीं आ रहा
है ।"
नरे श: कुछ नहीं मेनका। मैं कह रहा था यहां के कममचारी सकतने पाबन्द हैं । रोज लं च टाइम
से पहले ही आ जाते है ।
मेनका: लं च में घर नहीं जाते ना। इससलए हम सब यहीं पर एक साथ लं च करते है।
नरे श: पता नहीं सरकार कब से बदाम स्त कर रही है अगर मेरे कममचारी होते तो दू सरे ही सदन
घर भेज दे ता सबको।
मेनका: लो आ गई। वो दे खों पैसंजर गाडी की तरह चली आ रही है ।
मेनका: कुछ खास नहीं मैडम। ये नरे ि ठे केदार कब से तु म्हारा वेट कर रहा है ।
नरे श: कुछ नहीं रामा मैडम मैं कह रहा था सक आप समय की सकतनी पाबन्द है आज
आपकी चाल भीगी सबल्ली जै सी हो गई है बाररि में।
रामा दे वी: सीधे सीधे क्यू नहीं बोलता सक तु झे यहां बैठे हुए वेट करना पडा है । दे ख नहीं रहा
आज सकतनी बाररि हो रही है । मेरा वेट ते रे वेट मतलब इं तजार से सकतना बढ़ गया है ।
नरे श: सफर तो मैड होकर बाररि में आपको गाना चासहए सटप सटप बरसा पानी। पानी ने दे र
कराई। मेनका पंखा चला फटाफट और मैडम को लटका कर सुखा दे ।
नरे श: अगर आप के घर में काम है तो क्या मैं यूं ही बेकार में दफतर में आया हं । जब कुछ
काम होता है तो ही मैं आपके पास आता हं और वेट कर कर के अपना वेट कम करता
रहता हं ।
नरे श: मैने आपके दफतर में कुछ सप्लाई दी थी उसका सबल लाया हं ।
नरे श: मैडम ये सबल दे खकर आपको पता लग जायेगा सक मैने क्या क्या सप्लाई सकया है ।
आप जल्दी से इसे उपर भेजने का काम कर दो।
रामा दे वी: दे खो भाई जान। इस सबल पर कुछ न कुछ वजन रखना पडे गा नही ंंतो इसके
उड जाने का खतरा हो जायेगा।
नरे श: मैडम मैंने सबल की पतं ग नहीं बनानी है । पास करवाना है । एक सैम्पल तो मैने परचेज
कमेटी को सदया था आपको भी सैम्पल दू ं गा तो मेरे पास क्या बचेगा।
रामा दे वी: ते रे पास सबल की एक कॉपी बचेगी न दे खते रहने के सलए। दे ख भाई जान। तू ने
साबुन दी, ते ल सदया, क्रीम दी और भी न जाने क्या क्या
नरे श: कमेटी ने सैम्पल और सप्लाई का समलान सकया। बाद में सैम्पल सप्लाई में समक्स हो
गया।
रामा दे वी: सप्लाईर में समल गए सैम्पल को वापस सनकाल कर इधर ले कर आ जा। उससे
पैश्किकल करके दे खेगे। सैम्पल और सप्लाई असली है या नहीं।
नरे श: वे कैसे
रामा दे वी: कमेटी ने केवल समलान सकया और हम प्रैश्किल करके दे खेंगे।
रामा दे वी: जो साबुन तुमने सम्लाई सकया उसको पहले बाथरूम में काम लें गे। क्रीम लगा
कर दे खेंगे और तेल बालों में लगा कर दे खेंगे सक उसमें सकतने प्रसतित सचकनाई है ।
नरे श: लो अब बताओं
रामा दे वी: पहले हम बाथरूम में जाते है । सफर साबुन का उपयोग करते है । सफर िैम्पू का
और बाद में तेल का।
रामा दे वी: इसमें एक खास बात ये है सक जब हम बाल धोते है और साबुन से वो इतने ज्यादा
रूखे हो जाते है सक कंघी नहीं होती। इतने स्पीड ब्रेकर होते है सक पूछो मत।
नरे श: बाद में हम तेल लगा लेते है तो कंघी 100 सकमी की स्पीड से सनकलती जाती है ।
रामा दे वी: हां यहीं जो मैं सुनना चाहती थी तू ने अपने आप ही कह सदया सब कुछ
रामा दे वी: अभी तो काम का आगाज ही नहीं हुआ। पूरा कैसे हो गया
नरे श: आपने कहा साबुन और िै म्पू से बाल कठोर और रूखे सूखे हो जाते है ।
रामा दे वी: तू ने कह सदया सक बालों में ते ल लगाना जरूरी है । नहीं तो कंघी फंस जाती है ।
रामा दे वी: साबुन से हुए सूखे बाल, रूखे बालों में कंघी का फंस जाना और सफर बालों में
आवले का तेल लगा ले ना और सफर 100 की स्पीड से कंघी का सनकल जाना।
रामा दे वी: अंग्रेजी में कहते है सक टू ग्रीस द पाम। सहन्दी में कहते है हथे ली गमम करना और
आम की भाषा में आम के आम गुठसलयों के दाम।
रामा दे वी: हथे ली में कुछ सचकनाई लगाओं या सबल के गुबारे में हाइरडोजन भरो तासक सबल
जल्दी से उठ कर उपर जाने
नरे श: मैडम जी मैं वादा करता हं सक मेरा सबल उपर भेज दो मै तु म्हे दीपावली पर बोनस
का इरतजाम कर दू ं गा।
नरे श: पक्का वादा। 100 प्रसतित। इस दीपावली पर आपके घर में पटाखे नही ंंबम फूटें गे।
नरे श: छोटे छोटे पटाखे तो आपने खूब बजाए होगे ले सकन इस बार आपके घर में बम
बजें गें। आपके घर का नजारा ही कुछ ओर होगा।
नरे श: ठीक है
रामा दे वी: मैं तु म्हारे सबल में गैस भरने का प्रबन्ध कर दे ती हं । घण्टी बजा कर आवाज
लगाती है मेनका
रामा दे वी: हां तो नरे ि जी। हमारी मेनका का भी ध्यान रखना उसे भी कुछ न कुछ दे दे ना
साहब से साइन करवाकर वो तु म्हारा सबल खजाना बाबू को दे आएगी।
नरे श: मेरा सबल सभजवाने का प्रबन्ध तो करों मैं कुछ न कुछ अवश्य ही करूगंंा
मेनका: एक बात याद रखना नरे ि जी अगर आप इस मेनका को भूल गये तो आपका सबल
यहां से तो उड जायेगा ले सकन पहुं चेगा कौन से मण्डल में। ये सफर कोई भी नहीं जान पायेगा।
हो सकता है वो अंतररक्ष में चला जाए।
मेनका: सजं दगी के सफर में गुजर जाते है जो मुकाम वो सफर नहीं आते । आपका मूल सबल
उड जाऐगा दू सरा समलेगा नहीं।
रामा दे वी: ठीक है तु म अब जाओ। तु म्हारा सबल चला जाऐगा। बडे दफतर में अगले हफते
में खजानाबाबू से समल ले ना।
नरे श: चल उड जा रे पंछी।
दृश्य: दो
नरे श: सपछले हफते में सभजवाया था। छोटा सा ही है कोई तीन लाख रूप्ये का।
खजाना बाबू: आज तो काम बहुत है एै सा करो एक दो सदन बाद में आ जाना सफर दे खेंगंंे
खजाना बाबू: पहली बात तो यह है सक समय नहीं है दू सरा साहब नहीं है तीसरा बजट नहीं
है ।
नरे श: वे कहां से ले गा
नरे श: सही सही और सीधी बात बताओ यार। ये उपरवाले सकतने है मैंने तो केवल एक ही
उपरवाला सुना था। वास्तव में सकतना समय लग जायेगा
खजाना बाबू: ये तो भाई तु झ पर सनभमर करता है
नरे श: वो केसे
खजाना बाबू: आ तु झे समझाऊं। तू कुछ न कुछ मुझे दे गा उसमें से मैं आगे कुछ न कुछ
दू ं गा।
नरे श: सफर
खजाना बाबू: सफर प्रसाद चढायेंगे तो भगवान खुि जाएगा। भगवान से जो समले गा उसे हम
समल बां ट लें गे
खजाना बाबू: पुजारी ही तो भगवान और भक्त के बीच का पुल होता है । भगवान जो वरदान
दे ता है वो पुजारी को खुि करके ही प्राप्त होते है । टोल टै क्स पुजारी ही इकटठा करता है ।
नरे श: आपके भगवान कहां और कौन से दफतर में रहते है मैं भी तो जानू।
खजाना बाबू: भईया सरकारी आम खाने में स्वाद होते है दे खने में अच्छे नहीं लगते
नरे श: ठीक है यार अगर तू नहीं मानता तो तु झे भी दीपावली को बोनस दे ना ही पडें गा।
दृश्य: तीन
नरे श: ऑसफस इनका करप्ट, सवण्डो इनकी करप्ट, कम्प्प्यूटर इनका करप्ट और यहां तक सक
सारा ससस्टम ही करप्ट हो चुका है ।
बलराम: क्या हो गया है तु झे। आजकल तु झे सारा ससस्टम ही करप्ट लगने लगा है । क्या बात
है ।
नरे श: मैंने इनके दफतर में कुछ सदन पहले कुछ सप्लाई दी थी। चपरासी से ले कर अफसर
तक सारा ससस्टम करप्ट हो चुका है
बलराम: वो कैसे
नरे श: हर आदमी ररश्वत मां गता है । न दो तो सबल में हाइडरोजन भरने की धमकी दे दे ता है ।
नरे श: कुछ नहीं यार मुझे ते री मदद चासहए एक पुसलस वाले की ले सकन
बलराम: कई मामलों में ग्वाह भी भूल जाते है कुछ के ग्वाह मुकर जाते हैं और कुछ लोग
गवाहों को भी भगवान के नाम पर खरीद ले ते है ।
बलराम: अगर सरकार बरी नहीं भी करती तो पैंिन के बाद तारीखें भुगतते रहते है ।
दृश्य: चार
बलराम: तू आज केवल उनकी बात कर सजनकी सवण्डो लोड कर एण्टी वायरस लोड करना
है ।
खजाना बाबू: अभी तो मैंने चैक बनाया है सफर साहब के पास भेजेंगे
नरे श: तू पक्का बता यार तासक मैं कुछ इनाम दे ने लायक हो जाउ तुम सबको
खजाना बाबू: पहले तों तू कभी मां गे से भी नहीं दे ता था और आज अचानक मेहरबान कैसे
हो रहा है ।
नरे श: भुगतान ले कर अगर मुझे खुिी समले गी तो क्यो न कुछ खुिी तुम सब में भी बां ट दी
जाए।
नरे श: मेरा मतलब है दीपाली पर हमेिा हम छोटे छोटे पटाखे फोडते है और अबकी बार
बडे बम फूट सकते है ।
खजाना बाबू: साब आयेगे तो ही पता चले गा। सारे ही खुि हो सकते है ।
दृश्य: पाांच
(िाम का समय, दीपावली का त्योहार नजदीक है । सभी कममचारी छु सटटया मनाने की
तै यारी में। दफतर में चहल पहल)
खजाना बाबू: अपने कमरे में बैठा हैं । बडबडाता है । पता नहीं ये नरे ि आयेगा भी सक
नहीं मैंने बोनस के लालच में चैक तै यार करवा तो सलया है । आज आ जाये तो बसढया है
दीपाली ढं ग से मनाई जा सकेगी। नहीं तो मन में ही रह जायेगी। नरे ि का इं तजार तो
करना ही पड़े गा।
नरे श: (कमरे में दाश्कखल होते हुए) चैक तैयार है भई खजाना बाबू
खजाना बाबू: साब को भी गां व जाना है तै यारी में लगे हुए थे । िाम की गाडी पकडनी
है । बडी मुश्किल से समय समला।
खजाना बाबू: जल्दी ला बुला के मैंने भी जल्दी ही जाना है । खरीद दारी करनी है ।
मेनका: रामा जी आपको खजाना बाबू के कमरे में बुलाया है । नरे ि ठे केदार ने साथ में
मुझे भी।
नरे श: हां मैंने सोचा दीपाली से पहले ही धमाका कर दू ं बाद में राम राम करें गे
नरे श: कोई छोटे छोटे धमाके करता है कोई एक ही। सबसे पहले आपको दीपाली की
असग्रम बधाई। उसके बाद में मेरा सबल मेरा पेमैण्ट
नरे श: एै सा करो पहले तु म सब मुंह मीठा करो मैं तु म्हारे सलए चाय बोलता हं
नरे श: (जे ब में से मोबाइल सनकाल कर नम्बर डायल करता है ) बलराम भईया पां च चाय
भेज दे पां च समनट से पहले । ते रा समय िु रू होता है अब।
रामा दे वी: तू चाय मंगवा रहा है या गेम खेल रहा है ।
खजाना बाबू: अरे ये बलराम कौन आ गया चाय वाला। इसका नाम नहीं सुना आज तक
नरे श: इसने नई कैंण्टीन खोली है । कडक चाय सपलाता है । इसकी चाय एक बार पी ली
तो उम्र भर याद रखोंगे।
नरे श: आज तू एै सा ही समझ
नरे श: यही है वो बलराम जो चाय सपलाने के साथ साथ कम्प्प्यूटर में से वायरस सनकालता
है यासन ए सी डी यासन भ्रष्टाचार सनरोधक सवभाग का बंदा।
बलराम: मैंने सुना है यहां पर कई कम्प्प्यूटर करप्ट हो चुके है । कईयों की सवण्डो सबगड
गई है ।
खजाना बाबू: कम्प्प्यूटर इधर नहीं है दू सरे कमरे में है । भईया तू उधर जा।
खजाना बाबू: अबे क्या बोलता है तू । मेरे पास कोई कम्प्प्यूटर नहीं है ।
बलराम: कोई बात नहीं मैडम पहले ठीक तो कर दू ं बाद में ससखा भी दू ं गा
बलराम: अभी पता चल जायेगा तु मने क्या सकया। मुझे खबर समली थी सक तु म्हारे यहां के
सारे कम्प्प्यूटर करप्ट हों चुके है । हर काम से सब के सब मुटठी गमम करने के चक्कर में
रहते हैं
मेनका: मेरी मुटठी तो कभी गमम नहीं हुई। दे खों सकतनी ठण्डी है ।
नरे श: इनकी मुटठी में ग्रीस होती है । उस कहावत के अनुसार टू ग्रीस द पाम
नरे श: भईया अगर पानी पीने के सलए मंगवाना है तो मैं अभी लाकर दे ता हं ले सकन हाथ
धोने लायक अभी कुछ नही है ।
बलराम: हाथ नहीं धुलवाने तो मुझे काहे को बुलाया तू ने। मैं ते रा सपण्ड नहीं छोडूंगा
बलराम: हमारा तरीका है हाथ धुलते ही केस फाइल करो और तु रन्त सस्पैण्ड करो।
नरे श: सस्पैण्ड करना सकसी समस्या का हल है ंेंे तो बता। इनकी उम्र बीत जायेगी घर
बैठ कर। ररटायर हो जायेंगे ले सकन इनमें से सकसी पे भी केस नहीं चले गा दस साल से
पहले । कोई ररटायर हो जायेगा कोई मर जायेगा। सकसी का ग्वाह मर जायेगा कोई भूल
जायेगा। इसका कोई हल नहीं सनकले गा।
नरे श: खजाना बाबू तुम्हे लाखों समले , रामादे वी को करोडों समले । सबको कुछ न कुछ तो
समला
सब हं सते हैं ।