Jhunjhar Chalisa-1

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ी गणेशाय नमः

ी झुंझार तु त चालीसा

ll दोहा ll
गजवदन चत धा रके, थम पू य झुंझार l
व न हरण कर मंगल, र - स के भंडार ll
तन मन वचन बंधन से, जपु मान झुंझार l
अंधकार काश करो, सुख समृ अपार ll
ll चौपाई ll
जय अमरचंद झुंझार बलरासी , श सव ा जय अ वनाशी l
क हैयालाल जतना के नंदन, पारीक कुल खात ड़या संतन ll
धोले घोड़े क असवारी, म ं नाथ अब चूक हमारी l
बा यकाल से हो चारी, बालाजी के आ ाकारी ll

सै नक प अतुल वेग बल, मार गराए सभी न दल l


सन् पसठ म ई लड़ाई, उठा बं क तुमने गड़काई ll
हद सीमा पाक ने घेरा, जा उजाड़ा मन का डेरा l
गोली छ नी दे ह लड़ी थी, वराट श कट खड़ी थी ll

शौय परा म अतुल तेज से, मन मारे पवन वेग से l


मातृभू म क करी सहाई, शहीद ए जग नाम बढ़ाई ll
पं ह सतंबर दवस क बेला, का तक सुद बारस का मेला l
जय झुंझार दया के सागर, कृपा न ध क णा के नागर ll

बाडलवास है धाम तु हारा, गौराणा म मं दर यारा l


कंधे बं क हाथ म घोड़ा, संग ह रराम बाला का जोड़ा ll
फौजी दे व क लीला यारी, इनक श ना जाय बखानी l
धूप द प नैवे चढ़ावे, भवसागर से वो तर जावे ll

मेवा म ी का भोग लगावे, ख दा र नकट नह आवे l


ेम भ से जो यश गावे, सकल मनोरथ स हो जावे ll
पड़ी गाढ़ भ न पर जब-जब, भई सहाय झुंझार तुम तब-तब l
प तु हारा ल या नह जावे, सुर नर मु न जन पार न पावे ll

मोको दे व क अ त घेरा, तुम बन कौन हरे ख मेरा l


असुर मारे भ न रखवारा, भूत पशाच र करे सारा ll
कर कृपा अब दनदयाला, र - स दे कर नहाला l
जय-जय-जय झुंझार अवतारी, कलयुग दे व भ न हतकारी ll
लै बं क तुम बैरीही मारो, महाराज तुम दास उबारो l
जय झुंझार जनादन दे वा, शुभ फल लहत गहत तव सेवा ll
आनंद भ भरणी सुखदानी, पूण श धा य धन खानी l
दन बंधु दनन हतकारी, हर पाप हम शरण तु हारी ll

जब लगी जीऊ दया फल पाऊं, तु हरो यश को सदा सुनाऊं l


कर ंकार श ुन को मारो, कर झंकार स ाव उबारो ll
नर-नारी जो करते वंदन, झुंझार दे व नाशन भव फंदन l
जा पर कृपा करही झुंझारा, ता पर कृपा करही जग सारा ll

तेरी कृपा मले शू च ाना, होइ सकल व ध अ त क याणा l


म सेवक तु ह हो दाता, सुयश तु हार भवन व याता ll
मेरे लब के गीत तु ह हो, सफलता के रीत तु ह हो l
ना रयल क जो भट बंधावे, खाली झोली उनक भर जावे ll

झुंझार झुंझार कहे जो कोई, व ा बु पावे जन सोई l


समरन करे जोनाम बोलता,बंद स दयो के चत ार खोलता ll
बु बल दे कर नभय कर दो, शील गुण के न य वर दो l
ातः काल नत पाठ करे कोई, मनोकामना पूण होई ll
यू जल माही कमल नवासा, जग म रहत करत व ासा l

ll दोहा ll
झुंझार नाम आधार को, जो भी चत म लाय l
साचा मन का श द तो, गोली क यूं जाय ll
ll ी झुंझार वंदना ll
सै नक पं अ वाहन ेतं l े ष बु वनाशायं ll
शुभम् करोतु लाणं l आरो य सुख संपदां ll
अमर नामम् सकळ यो त l झुंझार य नमो तुते ll

ll ी झुंझार मं ll
ऊँ झुंझार य नमो नमः l क नवारक नमो नमः ll
अमर झुंझाराय नमो नमः l भ सहायक नमो नमः ll

सयावर रामचं क जय ll खाटू नरेश क जय ll


बालाजी महाराज जी क जय ll झुंझार धणी क जय ll
ह रराम बाबा क जय ll गु गोर नाथ क जय ll
मात भवानी क जय. ll कामा या मैया क जय ll

ll जीवन प रचय ll
शहीद अमरचंद पारीक का ज म राज थान दे श के सीकर जले
म बाडलवास नामक ाम म आ जो सीकर से 20 कलो नटर
क री पर सीकर - डीडवाना माग पर थत है l इनके पता का
नाम ी क हैयालाल व माता का नाम ीमती जतना दे वी था l
यह बचपन से ही वीर, परा मी, नडर, साहसी बालक थे l जब
आपक आयु मा 18 वष ई तो इनका चयन भारतीय सेना
(आर.ए.सी.) म सन् 1964 म आ l जब सन् 1965 म पा क तान
ने भारत पर धावा बोला तब आप राज थान के गंगानगर जले के
रंणक - भदे रा सीमा े पर तैनात थे जब पा क तानी सै नक
ने भारतीय सीमा को चार तरफ से घेर लया तो आप बना सेवा
काय के ही 15 सतंबर को रा काल म वीर श का दशन
करते ए अपने साथी सै नक के साथ मन का डटकर
मुकाबला कया और जब मन सेना को भारी होते दे ख साथी
सै नक भाग खड़े ए तब आप मां भारती का उ ोष करते ए
सैकड़ मन को मार गराया और अंततः मन सेना ने जब
वशाल तोप से आपका शरीर बा द गो लय से छ न छ कर
दया तब भी आपने सालासर बालाजी का समरण करते ए 15
सतंबर सन 1965 क रा को मन से लोहा लेते ए वीर ग त
को ा त ए l ध य है ऐसे भारत माता के अमर सपूत जसने दे श
र ाथ काम आकर हमारा सर गौरवा वत कया आज भी आप
झुंझार जी महाराज के प म सक ड (श शाली) लोक- दे वता
है l जनका मरण करने से सभी असंभव काय भी संभव हो जाता
है l

जय अमर शहीद.........
रंगा बसंती चोला रण म अपने दे श क शान है
ऐसे वीर झूंझारजी के चरण म णाम है
Last modified: 16:45

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