Part 1

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Class : XII व ुत धारा भाग -1

धारा वै ु तक :-
भौ तक व ान क वह शाखा जसम ग तमान आवेश के कारण उ प न व ुत एवं चु बक य े एवं दो आवेशो के म य

या- त या का अ ययन कया जाता है, धारा वै ु तक कहलाती है।

व ुत धारा:-
कसी चालक म आवेश वाह क दर व ुत धारा कहलाती है।

अथवा

कसी चालक म इकाई समय म वा हत आवेश क मा ा व ुत धारा कहलाती है।

q
I
t
यद t  1sec
Iq
य द कसी चालक म Q आवेश अ प समय  t तक वा हत हो तो

Q
I
t
Q
I  lim
t  0 t

dQ
I
dt
य द कसी चालक म उप थत e क सं या n हो
q  ne

q ne
I 
t t
ne
I
t
व ुत धारा एक अ दश रा श है।

व ुत धारा के मा क -

q C
(1) M.K.S प तम- I 
t sec
(2) SI प त म- ए पीयर

(3) C.g.s प त म- एब् ए पीयर

(4) e.m.u मा क-बायट


Class : XII व ुत धारा भाग -1
व ुत धारा का वमीय सू -

q
I
t
A 1T 1
1
 MoLo T o A 1 
T

1 ए पीयर क प रभाषा :-
q
I A
t
यद q  1C

t  1sec
1
I 1
1
I  1A
य द कसी चालक म इकाई समय अ तराल म इकाई आवेश का संचरण होता है तो चालक मे वा हत व ुत धारा 1

ए पीयर कहलाती है ।

धारा के अ य मा क : -

1m A  1  10 3 A

1 A  1 10 6 A

व ुत धारा Vs अ दश : -
य प व ुत धारा का प रमाण एवं दशा दोनो होते है पर तु वह स दश योग के गुणधम के पालन नह करती है इस कारण

इसे अ दश वग म रखा गया है ।

म व नमयता -

i1  i2  i1  i2
साहचय नयम-

 i1  i2   i3  i1   i2  i3 

चालक म धारा वाह : -


माना L लंबाई तथा A अनु थ काट े फल वाले धारावाही चालक का संपक बा य ोत या बैटरी से कया जाता है।

बैटरी का काय धारा अथवा आवेश दे ना है चूं क हम जानते है क आवेश सदै व उ च वभव वाले सरे से न न वभव वाले

सरे क तरफ संच रत होता है। अत: उपरो चालक म धारा वाह A से B क तरफ तथा e वाह के वपरीत होता है।
Class : XII व ुत धारा भाग -1
A B
A e e e e e
e e e e e
 

e e e
   e
e q  

q L
e 
 
 

अपवहन वेग :-
जब कसी चालक को बा य व ुत े म रखा जाता है तो बा य बल क उप थ त म या छक ग त कर रहे e सरल

रेखीय ग त, करना ारंभ कर दे ते है इस अव था म e का औसत वेग अपवहन वेग  Vd  कहलाता है। माना एक L लंबाई

तथा A अनु थ काट े फल वाला चालक जसके अ दर उप थत मु e या छक प से ग तमान है। इस अव था


5
म उनका ऊ मीय वेग 10 m/sec माना गया है पर तु अ प ट कर के कारण इसके मान म प रवतन सभंव है। माना
   
सामा य ताप दाब पर इन e के ऊ मीय वेग मश: u1,u2 ,u3 ....un है अत: इन इले ान का औसत वेग
   
uav  u1  u2  ..........un
n

uav  0
A Ext B
e e e e e
 

 e
e e e
 
e 

e e e e e
 

Ext
 

जब इस चालक का संपक बा य ोत या बैटरी से कया जाता है तो चालक म उप थत मु e पर बा य बल कायरत


होता है। प रणाम व प इस बल क दशा म सभी e सरल रेखीय पथ पर ग तमान होना ारंभ हो जाते है और उनम एक

न त प रणाम का वरण उ प न हो जाता है

अत: F  qE  ma
qE  ma
qE
a
m
इले ॉन के लए
q  e

eE
a
m
अब य द e के ऊ मीय वेग मश : V1, V2......Vn है तो अपवहन वेग -
  
 V1  V2  ......Vn
Vd 
n
Class : XII व ुत धारा भाग -1
ग त क समी. से -

v = u + at

तो

थम e के लए
  
v1  u1  a1
इसी कार
  
v2  u2  a2
  
v3  u3  a3
  
vn  un  an
     
 u1  a 1  u2  a 2 ......un  an
अत : vd 
n
  

vd 
 u1  u2 .....un   a.
  1  2 ....n 
n n
        3  .......n 
vd  0  a 1 2
n
 1   2  .....n
जहाँ 
n
 औसत व ां त काल
 
Vd  a
 eE
Vd  
m

ग तशीलता :-
अपवहन वेग Vd तथा व ुत े क ती ता के अनुपात को ग तशीलता  कहते है।
Vd

E
 eE 
 Vd  m  
eE
 
mE
e
 
m
Class : XII व ुत धारा भाग -1
 एक स दश रा श है।

 क दशा Ext के अनु दश होती है।

 का मा क

Vd m/sec M C
  
E N/C N  sec
 का वमीय सू -

L2  A 1T 1
  M1L1T 2 A 1 
M1L1T 2  T 1 
4t 3  5t  6 कूलॉम, तो t = 1s पर पृ से ावा हत ता णक धारा का मानर ात क जये ।

हल :-

Q  4t3  5t  6
t  1sec

dQ d
I   4t 3  5t  6 
dt dt
d4t3 d5t d6
I  
dt dt dt
I  4  3t2  5
I   12t 2  5  A
2
I  12   1  5
I  12  5  17A
व ुत धारा तथा अपवहन वेग म संबंध :- माना L लंबाई तथा A अनु थ काट े फल वाला धारावाही चालक है जसमे I

ए पीयर क धारा वा हत करने पर चालक के सर के संगत वभवांतर V उ प न हो जाता है।

A v B
A e e e e e
   

 e
e e e
 
e 

e e e e e
 

L
I
 

q
I .......................(i)
t

माना चालक के इकाई आयतन म उप थत e क सं या = n

य द चालक का आयतन v हो तो v आयतन म उप थत e क सं या

N  n v
Class : XII व ुत धारा भाग -1
V  AL
N  nAL
q  Ne
q  nALe

य द e B से A तक ग तमान हो तो समय (t)

njwh

pky
L
t=
Vd

समी (i) से

n.ALe
I=
L
Vd
nALe Vd
T=
L
Vd

I = nAe Vd

I = nAeVd  I  Vd

धारा घन व  J :-
कसी चालक म वा हत धारा तथा चालक के अनु थ काट े फल के अनुपात को धारा घन व  J कहते है
I
J
A
q
J
At
J एक स दश रा श है ।
J क दशा e वा हत धारा के अनु दश होती है।
Amp
J का मा क =
m2
A1
J का वमीय सू 2
 M0L2 T o A 1 
L
धारा घन व व अपवहन वेग म संबंध -
I  nAeVd
I
 neVd
A
J  neVd
Class : XII व ुत धारा भाग -1
अपवहन वेग तथा वभवा तर म संबंध –

A v B
A e e e e e
   

 e
e e e
 
e 

e e e e e
 

L
I
 

eE
Vd  
m
dv
E
dr
V
E
L
e   V 
Vd   
m L 
eV
Vd  
mL

ओम का नयम :-
सर जॉज साइमन ओम नामक वै ा नक के अनुसार य द कसी चालक क भौ तक अव था ताप, दाब, आयतन नयत रहे

तो चालक के सर के संगत उ प न वभवा तर चालक म वा हत धारा के समानुपाती होता है ।

v
e e e e e
   

 e
e e e
 
e 

e e e e e
 

I
 

VI
V  RI
V
R
I
R = एक समानुपाती नयतांक है जसे चालक का तरोध कहते है।

I
Class : XII व ुत धारा भाग -1
तरोध :-
कसी चालक म वा हत धारा म उ प न बाधा या अवरोध को चालक का तरोध कहते है।

R एक अ दश रा श है ।

R के मा क

(1) M.K.S प त म-

V Volt
R 
I Amp
(2) SI का मा क =  ओम

(3) R का वमीय सू

V Jole M1L2 T 2
R   1 1
I q.I ATA

M1L2 T 3 A 2 

(4) 1  क प रभाषा-
V
R
I
यद V  1volt

I  1amp
1
R
1
R  1

य द कसी चालक म 1 amp धारा वा हत करने पर चालक के सर के संगत वभवा तर 1 volt हो तो चालक का

तरोध 1 ओम कहलाता है

तरोध का शन:-

R = नयत

R = प रवतनशील
Class : XII व ुत धारा भाग -1
ओम के नयम का स यापन :-
माना एक L लंबाई तथा A अनु थ काट े फल वाला धारावाही चालक जसम Iamp क धारा वा हत होने से चालक के

सर के म य V वभवा तर उ प न हो जाता है।

A e e e e e
 

 e
e e e e
   

e e e e e
 

L
 
 I  nAeVd
ev
Vd  
mL
 ev 
तो I  nA e  
 mL 
nAe2 
I V
mL
 ML 
 2 
.I  V
 nAe  
VI
V  RI
ML
R
nAe2 
तरोध क नभरता-

य द कसी चालक क भौ तक अव था नयत रहे तो चालक का तरोध न न घटक पर नभर करता है-

I L
 

R  L ...............(i)
1
R ...............(ii)
A
R  प ाथ क कृ त

जैसे ताँबे के तार का तरोध अ तअ प होने के कारण वह संयोजक तार के प म यु होता है जब क नाइ ोम के तार

का तरोध अ धक होने के कारण इसे हीटर से यु कया जाता है।


Class : XII व ुत धारा भाग -1
समी (i) व (ii) से

l
R
A
L
R
A
RA

L
जहाँ   चालक का व श तरोध

या

तरोधकता
RA

L
ML A

nAe2  L
m

ne2 
 एक अ दश रा श है।

RA .m2
 क मा क    m
L m
 क वमीय सू =  m

 M1L2 T 3 A 2  L1

 M1L3 T 3 A 2 

 क प रभाषा
RA

L
L  1m

A  1m2
R
य द कसी चालक क लंबाई और उसके अनु थ काट का े फल 1 इकाई हो तो चालक का तरोध ही चालक का

वश तरोध कहलाता है।


Class : XII व ुत धारा भाग -1
चालक व (G) :-
तरोध के ु म को चालक व कहा जाता है।

1 1 nAe2 
G  
R ML ML
nAe2 
G एक अ दश रा श है।

G का मा क =  1 ( ह / साइमन)

G का वमीय सू M1L3 T 3 A 2 

चालकता    - व श तरोध के ु म को चालकता    कहते है

1


L

RA
L

MLA
nAe2 

ne2 

M

  का मा क =  1m1 or

= ह × m-1 or

साइमान--1

  का वमीय सू = M1L3 T 3 A 2 

ओम के नयम का स दश न पण :-

अथवा

धारा घन व  J चालकता    तथा व ुत े क ती ता  E म संबंध-

माना एक L लंबाई तथा A अनु थ काट े फल वाला धारावाही चालक है जसम IAmp क धारा च ानुसार वा हत हो

रही है। V
e e e e e
 

 e
e e e
 
e 

e e e e e
 

I
 
Class : XII व ुत धारा भाग -1
I  nAeVd
I
 neVd
A
J  neVd
eV
Vd   J  E
mL
 eV  I 1V
J  ne   
 mL  A L

ne2  V I L V
J   
m L A RA L
J   E IR  V

J  E V  IR
 
J  E

काबन वण तरोध : -
काबन वण तरोध म एक बेलनाकार कुचालक सतह होती है जस पर काबन क परत चढाई जाती है त प ात् इस पर चार

भ न रंग क प ट् टयाँ अं कत क जाती है । काबन वण तरोध भौ तक व ान योगशाला एवं इले ॉनीक य प रपथ म

यु होते है।

तरोध ात करने के नयम :-

(1) काबन वण तरोध म थम दो प ट्टयाँ तरोध के साथक अंक को दशाती है।

(2) तीसरी पट् ट तरोध के गुणक को दशाती है ।

(3) चौथी पट् ट स ायता/शु ता को दशाती है ।

साथक स ायता
/शु ता
अंक गुणक

वण म-

B B R O Y Great Braitain has very good wife when wearing


Black Brown Re d Orange Yellow Green Blue x voilet grey white x x

golden Silver Necklease


golden silver No Colour
Class : XII व ुत धारा भाग -1
रंग साथक अंक गुणक स यता

Black 0 10o -

Brown 1 101 -

Red 2 102 -

Orange 3 103 -

Yellow 4 104 -

Green 5 105 -

Blue 6 106 -

Voilet 7 107 -

Grey 8 108 -

White 9 109 -

Golden - 10-1  5%

Silver - 10-2  10%

No Colour - -  20%

Q. लाल लाल लाल सुनहरा


 22  10 2
 5%  

Q. बैगनी नीला सफेद


 76  10 9
 20%  

Q. लाल पीला नारंगी चांद


 24  10 3
 10%  

X  4  तथा Y  48  108   m के चालक क ल बाई आधी करने पर X तथा Y के संगत मान ल खए ?

हल :-

x  4

y  48  108 m
R L
Class : XII व ुत धारा भाग -1
x  2
48
yy  10 8 m
2
 24  10 8 m

तरोध क ताप पर नभरता :-


य द कसी चालक का ताप बढाया जाता है तो चालक म उप थत मु e क तापीय ग तज ऊजा बढ जाती है
प रणामा व प इले ॉनो के वेग म वृ हो जाती है जससे त सैक ड होने वाली ट कर क सं या बढ जाती है अथात्

आवृ त बढ जाती है प रणाम व प व ा त काल या आवतकाल घट जाता है

ML
अत: R 
nAe2 

अत: व ा त काल के घटने से चालक का तरोध बढ जाता है

मान 0o C पर कसी चालक का तरोध Ro है और चालक के ताप म वृ T oC करने पर चालक का तरोध बढकर

Rt हो जाता है अत: चालक के तरोध म ई वृ R t  Ro  न न घटक पर नभर करती है

1. तरोध म ई वृ चालक के ार भक तरोध  R o  के समानुपाती होती है

R t  R o   R o ..........(i)
2. चालक के तरोध म ई वृ ताप म क गई वृ के भी समानुपाती होती है-

R t  R o   ToC  T2  T1  ......(ii)
समी (i) व समी (2) से

R t  R o  R o T oC Ro Rt

R t  R o   R o  T oC

R t  Ro
 10 100
R o  T oC
100  10  90
R  Rt  R

जहाँ  = तरोध का ताप गुणांक

 क प रभाषा :-

Rt  Ro

R 0 T o C
Class : XII व ुत धारा भाग -1
यद Ro  1

 ToC  1o C

   R t  Ro 

य द कसी चालक का ारं भक तरोध और ताप म क गई वृ एक इकाई हो तो तरोध म ई वृ तरोध ताप

गुणांक  के तु य होती है।

 का मा क = k-1

 का वमीय सू = M L T K 
o o o 1

चालक के लए = + Ve

कुचालक के लए = -Ve

लै टनम तरोध तापमापी के लै टनम के तार का तरोध हमांक पर 5 तथा भाप ब पर 5.23 है। जब तापमापी

को कसी त त-ऊ मक म व कराया जाता है तो लै टनम के तार का तरोध 5.795 हो जाता है। ऊ मक ताप का

मान प रक लत क जए।

हल:-

Ro  5
R100  5.23 
Rt  5.795 
R100  R o

R 0  T
5.23  5

5   100  0 
0.23

500  100
23

5  10 4
23
  10 4 o C1
5
Rt  Ro

R o   T oC
Rt  Ro
T 
Ro  
Class : XII व ुत धारा भाग -1
5.795  5
T 
23
5  10 4
5
0.795
T 
23  10 4
T2  T1  345.95
T2  345.95  T1
T2  345.95  0

T2  345.95 oC

कमरे के ताप 27 o C पर कसी तापन अवयव का


  तरोध 100 है। य द तापन अवयव का तरोध 117 हो तो

अवयव का ताप या होगा ? तरोध के पदाथ का तरोध ताप गुणांक 1.70  10 4 o C 1 है।

हल:-

T1  27o C
Ro  100 
Rt  117 
T2  ?

  1.70  10 4 oC 1

Rt  Ro

Ro tc
Rt  Ro
 T oC 
Ro  
117  100
T oC 
100  1.70  104
17
T2  T1 
1.70  10 2
1700
T2  T1   102
170
T2  T1  1000
T2  T1  1000  T1
T2  1000  27

T2  1027 oC
Class : XII व ुत धारा भाग -1
कस ताप पर ताँबे के एक तार का तरोध उसके 0 o C ताप पर तरोध का गुना हो जाएगा? [ताँबे के लए तरोध ताप

गुणांक 4.0  10 3 oC 1 है]

हल:-

Rt  2Ro
T2  ?

  4  10 3 oC 1

Rt  Ro

R o  t
2R o  R o
t 
Ro  
1
t 

1
 t oC 
4  10 3

0.25  10 3 o 0.25  101  100


t C 
o
 t C   toC  25o C
25  10 100

t oC  250
T2  T1  250
T2  250  T1

T2  250 oC

अ तचालकता :-
कुछ धातु एवं म धातु क वह अव था जब एक न त ताप पर उनका तरोध घटकर शू य हो जाता है। और

वा हत धारा अ धकतम हो जाती है पदाथ के इस गुण को अ तचालकता कहा जाता है। और उस पदाथ को अ तचालक

पदाथ कहा जाता है । सव थम Hg अ तचालक पदाथ के प म घो षत कया गया जो 4.2 k ताप पर अ तचालकता क

भाँ त काय करता है । इस अव था म चु बक य े क ती ता या चु बक य ल स का मान शू य हो जाता है । इस घटना

को माइसनर भाव कहा जाता है ।

ओम के नयम क सीमाएँ :-
ओम का नयम कोई ाकृ तक नयम नह है । कुछ यु याँ ओम के नयम का पालन करती है तथा कुछ यु याँ ओम के

नयम क पालन नही करती है, वे यु तयाँ जो ओम के नयम क पालना करती है ओमीय यु याँ कहलाती है जनके लए

धारा व वभव के म य ाफ एक सरल रेखा ा त होता है । और इनके लए तरोध का मान नयत रहता है ।
Class : XII व ुत धारा भाग -1
वे यु याँ जो ओम के नयम का पालन नह करती है और जनके लए वभव एवं धारा के म य ाफ सरल रेखा म ा त

नह होता है अनओमीय यु याँ कहलाती है।

कुछ अनओमीय यु याँ इस कार है-

1. P N सं ध डायोड :- जब P कार के अ चालक व n कार के अ चालक को पर पर संयो जत कया जाता है तो

न मत यु P N सं ध डायोड कहलाती है ।

I
v

2. थाइ टर :- चार P कार के अ चालक और चार N कार अ चालक पर पर संयो जत कए जाते है तो न मत यु

थाइर टर कहलाती है

I
v

3. धा वक चालक :- जब धा वक चालक धारा के कुछ मान तक ओम के नयम का पालन करता है जब क धारा का मान

उ च होने पर वह अनओमीय यु म बदल जाता है।

4. टॉच का ब ब :- टॉच का ब ब च ानुसार एक अनओमीय यु त क भां त वहार करता है

टं ग टन तार, जसक ल बाई व काट े फल मश: 1.5 m व 0.60 × 10-6 m2 है, के सर के म य 0.90 का वभवांतर

आरो पत कया जाता है। तार म वा हत व ुत धारा का मान ात क जए। टं ग टन क तरोधकता 5.6  10 8   m

है।

हल:- l  1.5m
Class : XII व ुत धारा भाग -1
A  0.60  10 6 m2
V  0.90V

  5.6  108 
L
R
A
5.6  10 8  1.5
R
0.60  10 6
R  14  10 2 
V
I
R
0.90
I  6.428 Amp
14  102  100
एक ले टनम तरोध तापमापी जसक सहायता से तरोध म प रवतन ात कर ताप का मान ात कया जाता है,

20o C पर तरोध 50 है। जब तापमापी को एक पा ( जसम चाँद गलन ब पर है) म रखा जाता है, तो इसके

तरोध का मान बढ़कर 80 हो जाता है। यह मानते ए क इस ताप परास म तरोध का मान रेखीय प से प रव तत

होता है, चाँद का गलन ब ात क जए। (चाँद के लए तरोध ताप गुणांक   3.8  10 3 oC 1 है)

हल:-

Ro  50 

to  20 oC

Rt  80 
t2  ?

  3.8  103 oC 1

R t  Ro

R o  t
Rt  Ro
t 
Ro  
80  50
t 
50  3.8  103

30  10 3
t 
190
 t  0.157  1000
t  157.89 oC
Class : XII व ुत धारा भाग -1
t 2  t1  157.89 oC

t2  157.89  20

t2  177.89 oC

15m ल बे एवं 6.0 × 10-7m2 अनु थ काट वाले तार से नग य धारा वा हत क गई एवं इसका तरोध 5.0 मापा

गया । यो गक ताप पर तार के पदाथ क तरोधकता या होगी ?

हल :-

l  15m A  6.0  107

R  50 
RA

L
5  6  10 7

15
30  10 7

15

  2  10 7  m

एक ताँबे का तार जसका काट े फल 1mm2 है, म 0.5 A क धारा वा हत हो रही है। य द एकांक आयतन म मु

इले ॉन क सं या 8.5 × 1022/cm3 हो तो इले ॉन का अपवहन वेग ात क जए।

हल :-

A  1 103  1 103
A  1 10 6
I  0.5

8.5  1022 n 8.5  10 22


n 3 =
 10 2
m 10 6  m 3

n  8.5  1022  106


n  8.5  1028
I  neAVd
I
Vd 
neA
Class : XII व ुत धारा भाग -1
0.5
Vd 
8.5  10  1.6  10 19  1 10 6
28

0.5
Vd 
13.6  10 9  106
Vd  0.0367  103

Vd  3.7  10 5 m/ sec

तरोध का संयोजन:-
(i) ेणी म संयोजन :- तरोध का वह संयोजन जसम थम तरोध का सरा सरा सरे तरोध के थम सरे से एवं

सरे तरोध का सरा सरा तीसरे तरोध के थम सरे से संयो जत हो।

R1 R2 R3
v1 v2 v3

I  

V  IR
V 8
I  2
R 4
V 6
I  2
R 3
4
I 2
2

अत: कुल वभवांतर

V  V1  V2  V3

V  IR1  IR2  IR3

V  I R1  R2  R 3 

V
 R1  R2  R3
I
य द प रपथ का तु य तरोध है तो

V  IRs
V
Rs 
I
Rs  R1  R2  R3

यदn तरोध ेणी म म हो तो


Class : XII व ुत धारा भाग -1
Rs  R1  R2  R3  .....Rn

यद R1  R2  R3 .....Rn  R

R s  R  R  R  .........nth बार

R s  nR

(ii) समा तर म संयोजन :- वह संयोजन जसम तरोध का थम सरा एक सं ध ब A से एवं तरोध का सरा

सरा अ य सं ध ब B से संयो जत होता है, समा तर म संयोजन कहलाता है ।

R1
I1 
v
I2 R2
A 
v B

R3
I3 v
 

अत: प रपथ म वा हत कुल धारा

I  I1  I2  I 3
V  IR
V
I
R
V
I1 
R1
V
I2 
R2
V
I3 
R3
V V V
I  
R1 R2 R3
I 1 1 1
  
V R1 R2 R 3

य द प रपथ का तु य तरोध RP हो तो

V  IRP
V
RP 
I
1 I

RP V
Class : XII व ुत धारा भाग -1
1 1 1 1
  
RP R 1 R 2 R 3

यदn तरोध समा तर म म हो तो

1 1 1 1 1
   .......
RP R 1 R 2 R 3 Rn

यद R 1  R 2 .........Rn  R
1 1 1 1
    ......  nth बार
RP R R R

1 1
 n
Rp R

R
Rp 
n

दये गए च म संयोजन का ब A व B के म य तु य तरोध ात क जए जब क ।

(अ) वच S खुला हो (ब) वच S ब द हो।

हल:- 10  10 
 
A S B
 
10  10 

R 1  10  10  20 

R 2  10  10  20 

1 1 1
 
Rp R 1 R 2

1 R2  R1

Rp R 1  R 2

1 20  20 40 1
  
Rp 20  20 400 10

RP  10 

10  10 

A B

10  10 
Class : XII व ुत धारा भाग -1

10  10 100 10  10 100
R1  = = 5    5
10  10 20 10  10 20

R' R''
A B
5 5

Req  5  5  10 

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