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6.Notes -पतझर में टूटी पत्तियाँ.
6.Notes -पतझर में टूटी पत्तियाँ.
6.Notes -पतझर में टूटी पत्तियाँ.
Michael’s School
1. पतझर में टू टी पत्तियों में दो प्रसं ग ो के माध्यम से िे िक ने ककस बात की प्रे रणा
दी है ?
3. आपके ववचार से कौन-से ऐसे मू ल् य हैं जो शाश्वत हैं ? वतश म ान समय में इन
मू ल् यों की प्रासं गगकता स्पष्ट कीक्जए।
उत्तर- आज व्यावहाररकता का जो स्तर है, उसमें आदशों का पािन ननतांत आवश्यक
है। व्यवहार और आदशश दोनों का संतुिन व्यक्क्तत्व के लिए आवश्यक है। सत्य,
अदहंसा, परोपकार जैसे मूल्य शाश्वत मूल्य हैं। शाश्वत मूल्य वे होते हैं, जो
पौराखणक समय से चिे आ रहे हों जो वतशमान व भववष्य दोनों में उपयोगी हों|
शांनतपण
ू श जीवन बबताने के लिए परोपकार, त्याग, एकता, भाईचारा तथा दे श-प्रेम की
भावना का होना अत्यंत आवश्यक है। ये शाश्वत मूल्य युगों-युगों तक कायम रहें गे।
( झे न की दे न ) (Notes)
3. जापान में जहााँ चाय वपिाई जाती है , उस स्थान की क्या ववशे षता है ?
उत्तर:- जापान में जहााँ चाय वपिाई जाती है, वहााँ की सजावट पारं पररक होती है।
प्राकृनतक ढं ग से सजे हुए इस छोटे से स्थान में केवि तीन िोग बैठकर चाय पी
सकते हैं। वहााँ अत्यंि शांनत और गररमा के साथ चाय वपिाई जाती है। शांनत उस
स्थान की मुख्य ववशेषता है।