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आमख

मानव के स पण
ू वकास तथा उरोतर गत म शा का महवूपण योगदान है । "ान एक

ऐसा गुण है जो मनु'य को अ)य ा*णय+ से ,े'ठ व भ)न बनाता है । कहा गया है 0क

मन'ु य को ई2वर 3वारा बनाया गया है । ले0कन उसके अ)दर "ान का काश शक 3वारा

ह5 जलाया जाता है । अथा त ् ई2वर 3वारा नम त मन'ु य म "ान का संचार व "ान त'ठा

िजसके 3वारा क: जाती है , वह5 शक है । अतः शक को एक कुशल अभय)ता माना जाता

है , साथ ह5 शै=क 0>या म मुख संचालक के @प म शक को के)A5य Bथान ाCत होता

है । इसलए शक को शै=क ब)धन के संयोजन म तथा काक ब)धन म अनेक

भूमकाएं नभानी होती है । इन भूमकाओं को नभाते हुए शक 3वारा अनेक कार के काय

स प)न 0कये जाते है । िज)ह अGयापक Hयवहार क: सं"ा द5 जाती है ।

वत मान समय म शै=क गुणवता म व3


ृ Jध क: आव2यकता महसूस क: जा रह5 है । यह

गुणवता हम शा तथा शक के 0कन कारको 3वारा बढ़ा सकते है । इसलए आव2यक हो

जाता है 0क हम शै=क 0>या से जड़


ु े वभ)न तव+ को दे ख - िजसम शण 0>या,

काक व इसका ब)धन, शण 0>या का के)A5य Nब)द ु शक, शक का Hयवहार,

शक क: शण के त अभमता तथा काक ब)धन आOद।

हर समाज व दे श, अGयापक के Hयवहार व उसके शै=क ब)धन से यह अपेा करता है 0क

अGयापक का काक Hयवहार, उसका काक ब)धन व शण के त उसक:

अभमता भावी हो िजससे भावी नागPरको (व3याJथ य+) के Oहत+ क: रा करते हुए

रा'Q5य लRय+ को ाCत 0कया जा सके और शा म अपे=त सामािजक पPरवत न का भावी

वाहक बनाया जा सक।


अतः Bतुत शोध म शोधकTU 3वारा इ)ह5ं सब कारक+ पर काश डालने का एक छोटा सा

यास 0कया है । आशा क: जाती है 0क शोध नीत नधा रको व शोधाJथ य+ को इन कारक+ या

घटक+ के वभ)न प+ पर Jचंतन को ोसाOहत करे गा।

सव थम मZ व3या क: अJध'ठाTी माँ सरवती के त [नदय से आभार कट करती हूँ

िज)होने अपने अन)त "ान भ]डार म से इस अ"ानी को व3या-ववेक शुभाशीवा द दान

0कया। इसके अभाव म यह शोध काय स पूण होना अस भव था।


शोधकTU अपने शोध पय वेक परम ् आदरणीय डॉ. अर
व द आशया क: सदै व आभार5 रहे गी,

िज)होने अपना पूण सहयोग, Bनेह व समय-समय पर माग दश न दान 0कया, मेर5 कमय+ व

TOु टय+ को सुधार कर तथा समय-समय पर उJचत नद_ शन दे कर शोध काय के लए

उसाहवध न 0कया। आपके माग दश न एवं नद_ शन के अभाव म यह शोध काय स प)न करना

अस भव था। अतः मZ वनत भाव से उनके त अपना हाOद क णाम "ापत करते हुए

[नदय से आभार Hय`त करती हूँ।

मZ, परम ् आदरणीय डॉ. एम.पी. शमा सर, डॉ. डी.एन. दानी सर, डॉ. ए.बी. फाटक सर तथा

डॉ. बी.एम. दाधीच सर के त कृत"ता Hय`त करती हूँ, िज)ह+ने शोधकाय को परू ा करने म

अपना बहुमूaय माग दश न दे कर य-अय @प से सहयोग दान 0कया।

मZ, शा संकाय चेयरपस न ी सी.आर सुथार, वभागाGय डॉ. अपना संह , व3या भवन

कॉलेज ंसपल डॉ. सुषमा तलेसरा, सभी कॉलेज व व2वव3यालय पुBतकालय अGय+ का

तलेOदल से आभार Hय`त करती हूँ, िजनका मुझे इस शोधकाय हे तु पूण सहयोग मला।

मZ, उन महाव3यालय+ से स बि)धत संBथा धान+, ाGयापक+ तथा बी.एड. शणाJथ य+ क:

भी [नदय से आभार5 हूँ िज)ह+ने द संकलन म सहयोग दान 0कया। इसी संग मे मZ, भंवर
कंवर संBथान के नद_ शक, ाचाय व समBत सदBय+ का भी आभार Hय`त करती हूँ िज)हांने

Bतत
ु शोध काय हे तु मझ
ु े ेPरत 0कया।

मZ अपने पPरवारजन+ म पताजी ी अजन


ु संह औलखा एवं माताजी ीमती मनभर दे वी

एवं ससुर ी बीरबल संह, सास ीमती मनोहर दे वी के त कृत"ता Hय`त करती हूँ

िजनके वासaयपूण सहयोग से व पाPरवाPरक िज मेदाPरय+ के नवा ह के कारण यह शोधकाय

पूण हो सका। साथ ह5 मेरे भाई महे $ संह, महे श कुमार भाभी सु%नता, उमेश, बOहन ब%नता

ननद मुकेश, %नमला व दे वर राजेश कुमार का भी आभार Hय`त करती हूँ िज)ह+ने नर)तर

मेरा उसाहवध न 0कया तथा Bतत


ु काय पूत हे तु कदम-कदम पर सहयोग 0कया।

मZ अपने चाचाजी ी महावीर संह चौधर का तहे Oदल से आभार Hय`त करती हूँ इनका मुझे

शोध म कदम-कदम पर सहयोग मला।

मZ अपने पत ी राकेश कुमार खा*खल का हाOद क आभार Hय`त करती हूँ िजनका मुझे इस

शोध काय को समय से पूरा करने म हमेशा भावामक सहयोग व ोसाहन मला व मेरे

टं कण काय को समय पर पूरा 0कया। साथ ह5 आभार Hय`त करती हूँ मेरे Cयारे पुT शवांश

(अंश)ू का, िजसने मेर5 शोध काय म भागीदार5 के कारण अपने बचपन के वभ)न Cयारे पल+

का बलदान Oदया, साथ ह5 गाग,, रोनक, है .पी, मोना, सुमत,


वनीत, स/म का भी Bनेहास`त

आभार Hय`त करती हूँ िज)ह+ने मझ


ु े थकान, नीरसता आOद से दरू रख मेरा मनोवनोद कर

मेरे भीतर काय के त लगन, Bफूत व उसुकता को बनाए रखा।

मZ मेर5 दोBत 0यो%त मा का तहे Oदल से आभार Hय`त करती हूँ िजनका मुझे एक बड़ी

बOहन क: तरह अपनव तथा ेम मला जो मेरे लए अवBमरणीय रहे गा।

अ%नता कुमार

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