Hindi Word Draft

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Slide 1

माता यशोदा अपने लाल कृष्णा के प्रति प्यार, दल


ु ार और स्नेह जाता रही हैं। वह बाल कृष्ण को मधुर लोरी
गाकर सुलाने का पराया कर रही हैं। जैसे ही कृष्ण अकुलाकर आँखें खोलते हैं, वे स्वयं मौन हो जाती हैं। यह
प्रतिदिन यशोदा कृष्ण को सुलाते समय करती हैं एवं वात्सल्य सुख का भरपूर आनंद लेती हैं।

Slide 2

बाल कृष्ण के नयन कमल सामान हैं और उनकी कई तरह की अटखेलियाँ हैं। कभी वे भौहें टे ढ़ी
करके जम्हाइयाँ लेते हैं तो कभी वे धुल से अपने शरीर को लपेट कर, घुटनों के बल चलते हुए
घघ
ुं रुओं से आवाज़ करते हैं। कभी वह तोतला बोलते हैं तो कभी वह अपने पिता जी को बुला दे ते
हैं। इस लुभावने दृश्य को दे खकर यशोदा माँ भाव विभोर हो जाती हैं।

Slide 3

“मेरे लाल को आउ निंदरिया, काहे न आनि सुवावै।

तू काहे नहिं बेगहिं आवै, तोको कान्ह बुलावै॥

प्रस्तुत पंक्तियों में सूरदास जी ने कृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया है । कवि ने कृष्ण के न सोने
और यशोदा माँ का निरं तर उसे सुलाने के प्रयास को बड़े ही रोचक ढं ग से प्रस्तुत किया है । माँ
यशोदा नींद को उलाहना दे ते हुए कहती हैं कि, हे निंदिया , मेरे लाल को आकर क्यों नहीं सुलाती हो
? तुम क्यों नहीं जल्दी आती हो , मेरा कान्हा तुम्हें कब से बुला रहा है ।

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