कबड्डी खेल और उसके नियम

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कबड्डी खेल और उसके नियम|

कबड्डी एक ऐसा खेल है , जिसमे कई खेलें ममश्रित हैं. इसमें रे समलिंग, रग्बी आदि
खेलों का ममिण िे खिे ममलता है. इसका मक
ु ाबला िो िलों के बीच होता. ये
िहााँ एक तरफ बहुत ही ज़बरिस्त खेल है वहीीँ िस ू री तरफ़ कई कसरतों का
मेल भी है. समय के साथ इस खेल का बहुत ववकास हुआ है . आि ये जज़ला,
राज्य, राष्ट्रीय और अिंतरााष्ट्रीय स्तर पर खेला िा रहा है . बहुत बड़े पैमािे पर
खेले िािे की विह से कई िौिवाि कबड्डी में दिलचस्पी भी लेिे लगे हैं, और
अपिे क्षेत्र के कबड्डी क्लब से िुड़कर कबड्डी के ज़ररये अपिा भववष्ट्य और
अपिी पहचाि बिािे की कोमिि में लगे है . इस खेल को ववमभन्ि िगहों में
ववमभन्ि िाम से िािा िाता है. िैसे तममलिाडु में कबड्डी को चािक
ू ट्टू,
बिंगलािे ि में हद्ि,ू मालद्वीप में भवनतक, पिंिाब में कुड्डी, पूवी भारत में हू तू तू,
आिंध्र प्रिे ि में चेडूगड
ु ू के िाम से िािा िाता है . कबड्डी िब्ि मल ू तः एक
तममल िब्ि ‘काई- पीडी’ िब्ि से बिा है जिसका मतलब है हाथ थामे रहिा,
तममल िब्ि से निकलिे वाला िब्ि कबड्डी उत्तर भारत में बहुत मिहूर है .

कबड्डी खेल का इतिहास (Kabaddi game history)


इस खेल का उद्भव प्राचीि भारत के तममलिाडू में हुआ था. आधुनिक कबड्डी
इसी का सिंिोश्रधत रूप है , जिसे ववमभन्ि िगहों पर अन्य कई िामो से िािा
िाता है . ये ववश्वस्तरीय ख्यानत सि 1936 में बमलाि ओमलिंवपक से ममली. सि
1938 में इसे कलकत्ता में राष्ट्रीय खेलों में सजमममलत ककया गया. सि 1950 में
अखखल भारतीये कबड्डी फेडरे िि का गठि हुआ और कबड्डी खेले िािे के
नियम मुक़रा र ककये गये. इसी फेडरे िि को ‘अमैच्योर कबड्डी फेडरे िि ऑफ़
इिंडडया’ के िाम से सि 1972 में पुिगादठत ककया गया. इसका प्रथम राष्ट्रीय
टूिाामेंट चेन्िई में इसी साल खेला गया.
कबड्डी को िापाि में भी बहुत ख्यानत ममली. वहााँ इस खेल को सिंि
ु र राम
िामक भारतीय सि 1979 में सबके सामिे रखा. सिंि ु र राम उस समय ‘अमैच्योर
कबड्डी’ के एमियाई फेडरे िि की िानिब से इस खेल को लेकर िापाि गये थे.
वहााँ उन्होंिे लोगों के साथ ममल कर िो महीिे तक इसका प्रचार ककया. सि
1979 में इस खेल का भारत और बािंग्लािे ि के बीच का मक
ु ाबला भारत में ही
खेला गया. सि 1980 में इस खेल के मलए एमिया चैंवपयिमिप का आग़ाज़
ककया गया, जिसमे भारत िे बािंग्लािे ि को हरा कर इस टूिाामेंट को िीता. इस
टूिाामेंट में इि िो िे िों के अलावा िेपाल, मलेमिया और िापाि भी थे. इस खेल
को एमियाई खेल में सि 1990 में िाममल ककया गया. इस िौराि इस खेल को
बीजििंग में कई अन्य िे िों के बीच मक
ु ाबले के साथ खेला गया.
कबड्डी खेल की मुख्य विशेषिा (Kabaddi game features)
ये खेल िो िलों के बीच होता है. इसमें एक िल आक्रामक और िस
ू रा िल
परररक्षक के रूप में होता है. आक्रामक िल से एक एक करके खखलाड़ी परररक्षक
के क्षेत्र में परररक्षकों को हरािे के मलए आते हैं. परररक्षकों द्वारा इस एक के
बाि एक आते हुए परररक्षकों को पकड़िा होता है. इस खेल का ववस्तत
ृ वणाि
िीचे दिया गया है –
अंिर्ााष्ट्रीय कबड्डी (International kabaddi)
कबड्डी के अिंतरााष्ट्रीय स्तर के िलों में प्रत्येक िल में 7 खखलाड़ी होते हैं. खेल
का मैिाि िो िलों में बराबर भागों में बिंटा होता है . पुरुषों द्वारा खेले िािे वाले
कबड्डी में मैिाि का क्षेत्रफल (10 बाई 13) का होता है , वहीीँ जस्त्रयों द्वारा खेले
िािे वाले कबड्डी में मैिाि का क्षेत्रफल (8 बाई 12) का होता है. िोिों िलों में
तीि अनतररक्त खखलाड़ी मौिूि होते हैं. ये खेल िो 20 ममिट के अिंतराल पर
खेला िाता है , जिसके बीच खखलाडड़यों को पािंच ममिट का हाफ- टाइम ममलता
है . इस हाफ टाइम के िौराि िोिों िल अपिा कोटा बिल लेते हैं.
• इस खेल को खेलते हुए आक्रामक िल की तरफ़ से एक खखलाडी परररक्षक
िल के कोटा में ‘कबड्डी- कबड्डी’ कहते हुए िाता है . इस िौराि िािे
वाले खखलाडी को एक पॉइिंट अजिात करिे के मलए एक सााँस में कबड्डी
कबड्डी कहते हुए परररक्षक िल के कोटा में िा कर उस िल के एक या
एक से अश्रधक खखलाडड़यों को छु कर िल्ि से िल्ि अपिे कोटा में
आिा होता है. यदि बबिा सािंस छोड़े खखलाड़ी ववरोधी िल के एक या
एक से अश्रधक खखलाडी को छू कर अपिे िल के कोटा में पहुिंच िाता है
तो, उसके िल को एक पॉइिंट ममलता है .
• िािेवाले खखलाड़ी को कबड्डी कबड्डी मसफा सािंस छोड़ते हुए ही कहिा
होता है. यदि खखलाड़ी की सािंस अपिे कोटा में आिे से पहले ही टूट
िाती है , तो उसे आउट करार िे कर रे फ़री द्वारा मैिाि से बाहर कर
दिया िाता है . यदि वो एक या एक से अश्रधक खखलाड़ी को छू कर
अपिे कोटा में बबिा सािंस मलए पहुाँच िाता है , तो परररक्षक िल के
खखलाड़ी के छुए गये खखलाड़ी को रे फ़री आउट करार िे कर मैिाि से
बाहर कर िे ता है , जिसके कारण आक्रामक िल को पॉइिंट ममलता है.
• इस िौराि परररक्षक िल के खखलाड़ी मैिाि के बीचों – बीच खखिंची गयी
रे खा को पार िहीिं कर सकते. इसके साथ ही एक और रे खा खखची रहती
है , जिसे अपिे कोटा में लौटते समय यदि आक्रामक िल का खखलाड़ी छू
भी लेता है और इसके बाि सािंस लेिे लगता है तो उसे आउट िहीिं
ककया िाएगा.
• आउट हुए खखलाडी अस्थायी रूप से मैिाि से बाहर िाते हैं. अपिे ववरोधी
टीम के खखलाड़ी को मैिाि से बाहर भेि िे िे पर पॉइिंट अिाि होता है.
यदि ववरोधी िल पूरी तरह से मैिाि से बाहर हो िाता है तो सामिे
वाले िल िो िो अनतररक्त पॉइिंट बोिस के तौर पर ममलते हैं. इसे
‘लोिा’ कहा िाता है . खेल के अिंत में जिस िल का स्कोर पॉइिंट अश्रधक
होता है वो वविेता हो िाता है .
इस खेल में होिे वाले मैच खखलाडी की उम्र और उसके विि के अिुसार
ववभाजित होते हैं. इस खेल के िौराि खखलाडड़यों के अनतररक्त मैिाि में 6
औपचाररक सिस्य भी मौिूद् होते हैं. इि सिस्यों मे एक रे फरी, िो अिंपायर, एक
स्कोरर और िो अमसस्टें ट स्कोरर भी होते हैं.
कबड्डी के तियम (Kabaddi game rules and regulations information
in hindi)
ववमभन्ि तरह से खेले िािे की विह से कबड्डी के कई ववमभन्ि नियम हैं.
इसके मल
ू नियम िीचे दिए िा रहे हैं.
• यह एक ‘हाइली कािंटेक्ट स्पोटा ’ है , जिसमे ककसी खखलाड़ी का मख्
ु य
उद्िे श्य अपिे ववरोधी िल के कोटा में िा कर, उन्हें छू कर सफलता
पूवक
ा वापस अपिे कोटा में आिा होता है . इस िौराि िािे वाला
खखलाड़ी कबड्डी कबड्डी कहते हुए िाते है.
• प्रत्येक मैच 40 ममिट का होिा चादहए. इस िौराि खखलाडी ववरोधी टीम

के कोटा में ‘रे ड’ करता है. रे ड करिे वाले खखलाडी को रे डर कहते हैं.
ककसी खखलाड़ी द्वारा उसके ववरोधी िल के कोटा में प्रवेि करते ही रे ड
िरू
ु हो िाती है .
• रे डर को सिंभालिे वाले ववरोधी िल के खखलाड़ी को डडफेंडर कहते हैं.
डडफेंडर के पास रे डर को आउट करिे के मौके अवस्थािुसार ममलते हैं.
ककसी भी रे ड का अश्रधकतम समय 30 सेकिंड होता है . रे ड के िौराि रे डर
को कबड्डी कबड्डी का रट लगािा होता है , जिसे चैंट कहा िाता है .
• रे डर द्वारा डडफेंडर के कोटा में एक बार प्रवेि कर िािे पर रे डर िो तरह
से पॉइिंट अजिात कर सकता है. इसमें पहला बोिस पॉइिंट और िस
ू रा
टच पॉइिंट होता है.
इस खेल में कुछ पॉइिंट निमि तरह से अजिात ककये िाते है –
• बोिस पॉइंट : डडफेंडर के कोटा में छः या छः से अश्रधक खखलाडड़यों की
मौिूिगी में यदि रे डर बोिस लाइि तक पहुाँच िाता है तो रे डर को
बोिस पॉइिंट ममलता है .
• टच पॉइंट : रे डर द्वारा एक या एक से अश्रधक डडफेंडर खखलाडड़यों को छू
कर सफलता पूवक
ा अपिे कोटा में वापस आ िािे पर टच पॉइिंट ममलता
है . ये टच पॉइिंट छुए गये डडफेंडर खखलाडड़यों की सिंख्या के बराबर होता
है . छुये गये डडफेंडर खखलाडडयों को कोटा से बहार कर दिया िाता है.
• टै कल पॉइंट : यदि एक या एक से अश्रधक डडफेंडर, रे डर को 30 सेकिंड तक
डडफेंड कोटा में ही रहिे पर मिबूर कर िे ते हैं, तो डडफेंडडिंग टीम को
इसके बिले एक पॉइिंट ममलता है.
• आल आउट : यदि ककसी टीम के सभी खखलाडडयों को उसकी ववरोधी टीम
परू ी तरह से आउट करके मैिाि से बाहर करिे में सफ़ल हो िाती है ,
तो इसके एवि में िीती हुई टीम को 2 अनतररक्त बोिस पॉइिंट ममल
िाते है.
• एम्प्टी र्े ड : बौकल लाइि को पार करिे के बाि यदि रे डर बबिा ककसी
डडफेंडर को छुए या बबिा बोिस लाइि को छुए वापस आ िाता है , तो
इसे एम्टी रे ड मािा िाएगा. एम्टी रे ड के िौराि ककसी भी टीम को
कोई पॉइिंट िहीिं ममलता.
• डू ओर् डाई र्े ड : यदि ककसी टीम द्वारा लगातार िो एम्टी रे ड हो िाता
है तो तीसरे रे ड को ‘डू ओर डाई’ रे ड कहा िाता है . इस रे ड के िौराि
टीम को आवश्यक तौर पर या तो बोिस या टच पॉइिंट अजिात करिा
पड़ता है . ऐसा िहीिं करिे पर डडफेंडर टीम को एक अनतररक्त पॉइिंट
ममलता है .
• सुपर् र्े ड : जिस रे ड में रे डर तीि या तीि से अश्रधक पॉइिंट अजिात करता
है , उस रे ड को सुपर रे ड कहा िाता है . ये तीि पॉइिंट बोिस और टच
को ममला कर भी हो सकता है या मसफा टच पॉइिंट भी हो सकता है.
• सुपर् टै कल : यदि डडफेंडर टीम में खखलाडड़यों की सिंख्या तीि या तीि से
कम हो िाती है , और वो टीम ककसी रे डर को साँभालिे और आउट करिे
में सफ़ल हो िाती है तो इसे सप
ु र टै कल कहते हैं. सप
ु र टै कल के मलए
डडफेंडर टीम को एक अनतररक्त पॉइिंट भी ममलता है. इस पॉइिंट का
इस्तेमाल आउट हुए खखलाडी के पुििीवि के मलए िहीिं ककया िा
सकता है.
विश्ि स्िर्ीय कबड्डी के तियम (International Kabaddi game rules and
regulations information)
ववश्व स्तरीय ववश्वकप के िौराि कबड्डी की नियमावली कुछ अलग होती है.
िीचे एक एक करके उि नियमावली के प्रमुख अिंि दिए िा रहे हैं.
• ग्रुप स्टे ि के िौराि अगर कोई टीम अपिे ववरोधी टीम को मैच में 7
पॉइिंट से अश्रधक कई माजिाि से हराता है , तो िीतिे वाली टीम को 5
लीग पॉइिंट ममलते हैं. िबकक हारिे वाली टीम को लीग पॉइिंट िुन्य
ममलता है .
• यदि वविेता टीम की िीत का माजिाि 7 या 7 से कम पॉइिंट का होता है
तो िीतिे वाली टीम को 5 लीग पॉइिंट और हारिे वाली टीम को 1 लीग
पॉइिंट ममलता है.
• ककसी मैच के टाई हो िािे पर िोिों टीमों को 3- 3 लीग पॉइिंट दिये िाते
है . ग्रुप मैच के टाई के बाि कौि सी टीम सेमी फाइिल में िाएगी,
इसका निणाय एक तरह के ‘डडफरें मियल स्कोर’ द्वारा होता है . ककसी
टीम के मलए ये स्कोर उसके द्वारा कुल अजिात पॉइिंट और कुल
स्वीकाया पॉइिंट के अिंतर से पता चलता है . अश्रधकतम ‘डडफरें मियल
स्कोर’ पािे वाली टीम सेमी फाइिल में िाती है .
• यदि डडफरें मियल स्कोर में िो टीमों का स्कोर बराबर आ िाता है तो ऐसे
हालात में टीमों का कुल स्कोर िे खा िाता है . अश्रधकतम पॉइिंट अजिात
करिे वाली टीम को सेममकफिल में भेिा िाता है .
कबड्डी खेल में अतिरर्क्ि समय (Extra time in Kabaddi)
यह नियम ववश्वकप में फाइिल और सेमी फाइिल मैच के िौराि मौिूि होता
है . फाइिल और सेमी फाइिल के िौराि यदि 40 ममिट का मैच टाई हो िाता
है , तो खेल को अनतररक्त समय के मलए बढाया िाता है .
• ककसी सेममकफिल या फाइिल मैच के टाई हो िािे पर 7 ममिट
अनतररक्त मैच खेला िाता है . ये समय िो भागों में एक ममिट के ब्रेक
से साथ बिंटा होता है . प्रत्येक भाग तीि ममिट का होता है .
• अपिे बारह खखलाडड़यों के िल से ककन्हीिं सात बेहतरीि खखलाडडयों के
साथ िोिों टीमें कफर से सात ममिट के मलए मुकाबले में उतरती है . इस
िौराि ककसी भी टीम के कोच को ‘टाइम आउट’ कोश्रचिंग की इिाज़त
िहीिं होती. हालााँकक लाइि अिंपायर या अमसस्टें ट स्कोरर की अिम
ु नत से
कोच टीम के साथ रह सकते हैं.
• अनतररक्त समय के िौराि मसफा एक खखलाड़ी के प्रनतस्थापि की आज्ञा
होती है. खखलाडी का ये प्रनतस्थापि मसफा एक ममिट के ब्रेक के िौराि
हो सकता है . इस सात ममिट के बाि भी यदि मैच टाई ही रहता है , तो
गोल्डि रे ड रूल का इस्तेमाल होता है .
कबड्डी में गोल्डि र्े ड (Golden red in Kabaddi)
इस िौराि एक टॉस होता है , टॉस िीतिे वाले टीम को गोल्डि रे ड का मौक़ा
ममलता है . इस िौराि बौलक लाइि को बोिस लाइि मािा िाता है. िोिों िलों
को एक एक बार इसका मौक़ा ममलता है. इसके बाि भी यदि टाई की ही
अवस्था बिी रही, तो वविेता टॉस के ज़ररये मुक़रार ककया िाता है .
भार्िीय कबड्डी के प्रकार् (Types of kabaddi game)
कबड्डी खेल के चार बहुत ववख्यात प्रारूप हैं, जिसे भारत में खेला िाता है. इसे
भारत के अमैच्योर कबड्डी फेडरे िि द्वारा आयोजित ककया िाता है .
• संजीििी कबड्डी – इस कबड्डी में खखलाडडयों के पि
ु िीवि का नियम
होता है. ववरोधी िल के खखलाडी को आउट करिे पर आक्रामक िल से
बाहर हुए खखलाडड़यों में से एक को पुििीवि ममल िाता है , और वह
अपिे िल की तरफ से कफर से खेलिे लगता है . ये खेल भी 40 ममिट
का होता है. जिसे खेलिे के िौराि एक पािंच ममिट का हाफ टाइम
ममलता है . िो िलों में सात सात खखलाड़ी मौिूि होते है , और िो िल
अपिे ववरोधी के सभी खखलाडडयों को आउट कर िे ता है , उसे बोिस के
तौर पर अनतररक्त चार पॉइिंट ममलते हैं.
• जेममिी स्टाइल – कबड्डी के इस प्रारूप में भी िोिों िलों में सात सात
खखलाड़ी मौिि
ू होते हैं. खेल के इस प्रारूप में खखलाडडयों को पि
ु िीवि
िहीिं ममलता, यानि ककसी िल का एक खखलाड़ी यदि खेल के िौराि
मैिाि से आउट होकर बाहर िाता है , तो वह तब तक बाहर रहता है
िब तक खेल समा्त ि हो िाए. इस तरह िो िल अपिे ववरोधी िल
के सभी खखलाडड़यों को मैिाि से बाहर करिे में सफ़ल हो िाता है , तो
उस िल को एक पॉइिंट ममलता है. इस तरह से ये खेल पााँच या सात
पॉइिंट तक चलता है , यानि पूरे खेल में पािंच या सात मैच खेले िाते हैं.
इस तरह के मैच के िौराि समय तय िहीिं रहता.
• अमर् स्टाइल – अमैच्योर कबड्डी फेडरे िि द्वारा आयोजित खेल का यह
तीसरा प्रारूप है . ये प्रारूप अक्सर सिंिीविी प्रारूप की ही तरह होता है ,
जिसमें समयावश्रध तय िहीिं होती. इस तरह के खेल में आउट होिे
खखलाड़ी को मैिाि से बाहर िहीिं िािा पड़ता है . आउट होिे वाला
खखलाड़ी मैिाि में रह कर आगे का खेल खेलता है. आउट करिे के
एवि में आक्रामक िल के खखलाड़ी को पॉइिंट की प्राज्त होती है.
• पंजाबी कबड्डी – यह इस खेल का चौथा रूप है . इसे एक ववृ त्तय पररसीमा
के अन्िर खेला िाता है . इस वत्त
ृ का व्यास 72 कफट का होता है . इस
कबड्डी की भी तीि िाखाएिं हैं, जििके िाम लमबी कबड्डी, सौंची कबड्डी
और गग
ूिं ी कबड्डी है.
ये सभी प्रारूप क्षेत्र वविेष में अश्रधक खेले िाते हैं.
कबड्डी में प्रमुख मुकाबले (Kabaddi tournaments)
कबड्डी ववमभन्ि उम्र के लोग ववमभन्ि स्तर पर खेल सकते हैं. इस विह से
इसके कई बेहतरीि मक
ु ाबले जज़ला, राज्य, राष्ट्रीय और अिंतरााष्ट्रीय स्तर पर होते
हैं. िीचे कुछ प्रमख
ु मुकाबलों का जज़क्र ककया िा रहा है .
• एमसयि गेम्पस – इस खेल को एमसयि गेमस के तहत सि 1990 से खेला
िा रहा है . भारत की कबड्डी टीम इस मक
ु ाबले में सात स्वणा पिक
िीत चकु ी है. बािंग्लािे ि िे भी अपिा प्रििाि इस मक
ु ाबले में बहुत
अच्छा ककया है , और अपिा स्थाि िस ु रे िमबर पर ििा कराया है .
• एमशया कबड्डी कप – एमिया कबड्डी कप भी बहुत मिहूर टूिाामेंट है . ये
प्रनतवषा मसलमसलेवार ढिं ग से िो बार आयोजित ककया िाता है. सि
2011 में इसका अमभषेकात्मक मक
ु ाबला ईराि में ककया गया था. इसके
एक साल बाि सि 2012 में एमिया कबड्डी कप का आयोिि
पककस्ताि के लाहौर में ककया गया था. ये 1 िवमबर 2012 से 5 िवमबर
2012 तक खेला गया था, जिसमे एमिया महािे ि में आिे वाले लगभग
सभी िे िों िे भाग मलए था. इस टूिाामेंट को एक तकिीकी चाल की
सहायता से पाककस्तािी टीम िीत गयी थी.
• कबड्डी विश्िकप – कबड्डी ववश्वकप कबड्डी का सबसे अहम ् मक
ु ाबला है ,
जिसमे ववश्व के कई िे िों की टीम भाग लेती है . पहली बार सि 2004
में इस टूिाामेंट का आयोिि हुआ था. इसके बाि सि 2007 में इसे
खेला गया. सि 2010 के बाि से इसे प्रनत वषा खेला िा रहा है. भारत
ववश्वकप के सभी टूिाामेंट को िीतता रहा है . सि 2016 में ववश्वकप का
आयोिि गि
ु रात के अहमिाबाि में ककया गया था. इस टूिाामेंट में
बारह िे िों िे भाग मलया था. इस टूिाामेंट को भी भारतीय टीम िे
अिप
ू कुमार की क्तािी में िीता है. इस टूिाामेंट के फाइिल मैच में
भारत िे ईराि की टीम को 38- 29 के स्कोर से हराया. भारतीय कबड्डी
टीम ववश्व भर में सबसे अश्रधक सफ़ल टीम के रूप में सामिे आई है.
इस ववश्वकप में पककस्ताि को ककन्ही राििैनतक कारणों से आमिंबत्रत
िहीिं ककया गया था.
• िीमेि’स कबड्डी – वीमेि’स कबड्डी ववश्वकप मदहला खखलाडड़यों के मलए
ववश्व स्तरीय टूिाामेंट है . इसे पहली बार भारत के पटिा राज्य में सि
2012 में आयोजित ककया गया था. भारतीय मदहला टीम िे इस टूिाामेंट
के फाइिल मक
ु ाबले के िौराि ईराि को हरा कर ववश्व स्तर पर अपिा
िाम ििा कराया. इसके बाि 2013 के मुकाबले में डेब्यू की हुई
न्यूज़ीलैंड की टीम को हराकर भारतीय मदहला टीम िे कफर से एक बार
फतह का परचम लहराया.
• प्रो कबड्डी लीग – सि 2014 में प्रो कबड्डी लीग की स्थापिा हुई. ये
कक्रकेट में होिे वाले इिंडडयि प्रीममयर लीग की तरह आयोजित ककया
गया. इस लीग के िौराि माकेदटिंग पर अश्रधक ध्याि दिया गया. इसका
सीधा प्रसारण स्टार स्पोट्ास पर ककया िाता है . भारतीय टे लेववज़ि पर
पीकेएल (प्रो कबड्डी लीग) बहुत अश्रधक पसिंि ककया गया, और लगभग
435 मममलयि ििाकों द्वारा िे खा गया. इसका पहला मैच लगभग 86
मममलयि ििाकों द्वारा िे खा गया था.
• यू के कबड्डी कप – इस खेल को इिंग्लैंड में भी बहुत ख्यानत ममली, जिस
विह से वहााँ ‘यू के कबड्डी कप’ का आयोिि ककया िािे लगा. सि
2013 में इसका आयोिि कई राष्ट्रीय िलों के साथ ककया गया. इि
िलों में भारत, पककस्ताि, इिंग्लैंड, अमेरीका, किाडा आदि की भागीिारी
िे खिे ममली. इस टूिाामेंट में पिंिाब की वत्त
ृ ीय (सककाल) स्टाइल कबड्डी
खेली िाती है .
• विश्ि
कबड्डी लीग – ववश्व कबड्डी लीग का गठि साल 2014 में हुआ. इि
लीग में आठ िल और चार िे िों का सममलेि िे खा गया, इस िे िों में
किाडा, इिंग्लैंड, पककस्ताि और यि
ू ाइटे ड स्टे ट अमेररका है. इस लीग की
कुछ टीमों के मामलक पण
ू त
ा या या आिंमिक रूप से कई अमभिेतायें हैं.
इि अमभिेताओिं में अक्षय कुमार खालसा वोररा एसा, रित बेिी पिंिाब
थिंडर, सोिाक्षी मसन्हा यूिाइटे ड मसिंहस और यो यो हिी मसिंह यो यो
टाइगसा के मामलक हैं. इस लीग का अमभषकात्मक सीिि सि 2014 के
अगस्त से दिसमबर के महीिे के बीच खेला गया था, जिसमे टीम
यूिाइटे ड मसिंहस, िो कक इिंग्लैंड के बबममिंघम का अमभवेिि कर रही थी,
की िीत हुई.

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