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Hindi-Mobile-Murli (28-October-2022)
Hindi-Mobile-Murli (28-October-2022)
Hindi-Mobile-Murli (28-October-2022)
मातेश्वरी जी के अनमोि
महावाक्य
1) यह जो मनुष्य गीत गाते हैं ओ
गीता िे भगवान अपना वचन
कनभाने आ जाओ। अब वो स्वयं
गीता िा भगवान अपना िल्प
पहले वाला वचन पालन िरने िे
कलये आया है और िहते हैं हे बच्चे ,
जब भारत पर अकत धमग ग्लाकन
होती है तब मैं इसी समय अपना
अन्जाम पालन िरने (वायदा
कनभाने) िे कलये अवश्य आता हूँ ,
अब मेरे आने िा यह मतलब नहीं
कि मैं िोई युगे युगे आता हूँ । सभी
युगों में तो िोई धमग ग्लाकन नहीं
होती, धमग ग्लाकन होती ही है
िकलयुग में , तो मानो परमात्मा
िकलयुग िे समय आता है । और
िकलयुग कफर िल्प िल्प आता है
तो मानो मैं िल्प िल्प आता हूँ ।
िल्प में कफर चार युग हैं , इसिो
ही िल्प िहते हैं । आधािल्प
सतयुग त्रेता में सतोगुण सतोिधान
है , वहाूँ परमात्मा िे आने िी िोई
जरूरत नहीं। और कफर तीसरा
द्वापर युग से तो कफर दू सरे धमों
िी िुरूआत है , उस समय भी
अकत धमग ग्लाकन नहीं है इससे कसि
है कि परमात्मा तीनों युगों में तो
आता ही नहीं है , बािी रहा
िकलयुग, उसिे अन्त में अकत धमग
ग्लाकन होती है । उसी समय
परमात्मा आए अधमग कवनाि िर
सत् धमग िी स्थापना िरता है ।
अगर द्वापर में आया हुआ होता तो
कफर द्वापर िे बाद तो अब सतयुग
होना चाकहए कफर िकलयुग क्ों?
ऐसे तो नहीं िहें गे परमात्मा ने घोर
िकलयुग िी स्थापना िी, अब यह
तो बात नहीं हो सिती इसकलए
परमात्मा िहते हैं मैं एि हूँ और
एि ही बार आए अधमग िा कवनाि
िर, िकलयुग िा कवनाि िर
सतयुग िी स्थापना िरता हूँ तो
मेरे आने िा समय संगमयुग है ।
2) अब यह तो हम जानते हैं कि
मनुष्य आत्मा िी किस्मत बनाने
वाला िौन है और किस्मत
कबगाडने वाला िौन है ? हम ऐसे
नहीं िहें गे कि किस्मत बनाने
वाला, कबगाडने वाला वही परमात्मा
है । बािी यह जरूर है कि किस्मत
िो बनाने वाला परमात्मा है और
किस्मत िो कबगाडने वाला खुद
मनुष्य है । अब यह किस्मत बने
िैसे ? और कफर कगरे िैसे ? इस पर
समझाया जाता है । मनुष्य जब
अपने िो जानते हैं और पकवत्र
बनते हैं तो कफर से वो कबगडी हुई
तिदीर िो बना ले ते हैं । अब जब
हम कबगडी हुई तिदीर िहते हैं
तो इससे साकबत है िोई समय
अपनी तिदीर बनी हुई थी, जो
कफर कबगड गई है । अब वही कफर
कबगडी तिदीर िो परमात्मा खुद
आिर बनाते हैं । अब िोई िहे
परमात्मा खुद तो कनरािार है वो
तिदीर िो िैसे बनायेगा? इस पर
समझाया जाता है , कनरािार
परमात्मा िैसे अपने सािार ब्रह्मा
तन द्वारा, अकवनािी नॉलेज द्वारा
हमारी कबगडी हुई तिदीर िो
बनाते हैं । अब यह नॉलेज दे ना
परमात्मा िा िाम है , बािी मनुष्य
आत्मायें एि दो िी तिदीर िो
नहीं जगा सिती हैं । तिदीर िो
जगाने वाला एि ही परमात्मा है
तभी तो उन्ों िा यादगार मक्तन्दर
िायम है । अच्छा। ओम् िाक्तन्त।
ओम् शान्ति।