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वदे शनी त

Core-3, Unit - 3

ीधर स. यास
ाचीन आचाय का वदे शनी त
स बं धत चंतन
• भार वाज

• मनु

• बह
ृ पत

• कौ ट य
मनु का चंतन

• राजा को साम, दाम, दं ड, भेद का नी त $योग करके अपने रा'य का (व तार


करना चा हए।

• इस काय- के .लए यु0 को अं तम (वक प के 1प म2 $योग म2 लाना चा हए।

• मनु क3 मा4यता है 6क शां त काल म2 राजा को राजदत


ू के मा9यम से संबध

संचालन एवं .म:ता को $ा;त करने का $य<न करते रहना चा हए। दो रा'य= के
बीच .म:ता का माहौल रहे ऐसी िज@मेवारA राजदत
ू = क3 रहती है ।
मनु का Bचंतन

(वदे श नी त के संबंध म2 मनु ने दो $मुख .स0ांत बताए हD।

१ मंडल .स0ांत

िजसके अनस
ु ार राजा को मह<वाकांFी होना चा हए और सदै व अपनी सीमाओं के (व तार के संबंध म2

सोचना चा हए इस उJेKय क3 $ाि;त के .लए राजा को सदै व मंडल .स0ांत के अनस


ु ार आचरण करना

चा हए। मनु के मंडल .स0ांत का क2N Oबंद ु (विजBगषु राजा होता है ।

२ षाRगुSय नी त
मनु क3 मा4यता है 6क राजा को ६ नी तय= का पालन करते हुए न केवल अपने रा'य क3 रFा करनी

चा हए, साथ हA रा'य क3 सीमाओं का (व तार भी करना चा हए। इस.लए ६ नी तय= को उसे अपनाना

चा हए।
षाडगु यनी त
सं ध
व ह
यान
आसन
वै धभाव
सं#य
कौ ट य का Bचंतन
• कौ%ट'य ने अथ*शा+, म- मंडल /स0ांत का व+तत
ृ वण*न 3कया है ।

• कौ%ट'य ने पड़ोसी रा9य: के संबंध संचालन को मंडल /स0ांत के नाम से तथा


अ;य वदे शी रा9य: के साथ संबंध संचालन को षा<गु य नी त के नाम से
अ/भ=य>त 3कया है । यहां मंडल का अथ* रा9य: का व?ृ त ऐसा होता है ।

• मंडल /स0ांत का वAलेषण : कौ%ट'य का मंडल /स0ांत १२ रा9य: के १ क-E कF


क'पना करता है । मंडल /स0ांत म- रा9य: को वशेष नाम एवं वशेषकृ त का उ'लेख
3कया गया है । कौ%ट'य के अनस
ु ार मJयम तथा उदासीन रा9य को छोड़कर अ;य सभी
रा9य: कF शि>त लगभग समान होती है । कौ%ट'य कहते हM 3क रा9य को पड़ोसी रा9य
से सतक* रहते हुए अपना गठबंधन बनाना चा%हए।
मंडल म- सम वOट १२ रा9य :-
• विज गषु
• श,ु
• /म,
• /म,/म,
• श,/ु म,/म,
• पािOण* ाह
• आRांदासार
• मJयम
• उदासीन
कौ%ट'य के अथ*शा+, का आचमन
• कौ ट य ऐसा पहला भारतीय (वचारक था िजसने राजनी त को धम- एवं नै तकता
से .भ4न एक वतं: (वषय के 1प म2 न केवल दे खा 6कंतु उसक3 याVया भी क3।

• कौ ट य ने राजनी त का यवहाWरक एवं यथाथ-वादA व1प $ तुत 6कया ।

• कौ ट य ने रा'य के कायX का जो वण-न 6कया है उसम2 लोक क याणकारA अनेक=


(वचार रा'य के बीच न हत हुए दखाई पड़ते हD ।

• कौ ट य रा'य तं: का समथ-क है परं तु उसक3 क पना का राजा एक यो[य


ईमानदार और नयंO:त राजा है । वह कुछ हद तक ;लेटो के दाश- नक राजा क3
तरह है ।

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