Professional Documents
Culture Documents
HindiCourseB MS
HindiCourseB MS
HindiCourseB MS
सामा य नदश :
(1) इस अंक योजना का उ दे य मू यांकन को अ धका धक व तु न ठ बनाना है । इस नप म
व तप
ु रक एवं वणना मक न ह। अत: अंक योजना म दए गए वणना मक न के उ र- बंद ु
अं तम नह ं ह। ये सुझावा मक एवं सांके तक ह।
(2) य द पर ु ं से भ न, कंतु उपयु त उ र द, तो उ ह अंक दए जाएँ।
ाथ इन सांके तक बंदओ
(3) समान ु टय के लए थान- थान पर अंक न काटे जाएँ।
(4) गुणव ापूण, सट क उ र पर शत- तशत अंक दे ने म कसी कार का संकोच न कया जाए।
(5) मू यांकन म 0 से 100 तशत अंक का पैमाना वीकाय है।
(6) मू यांकन काय नजी या या के अनस
ु ार नह ं, बि क अंक योजना के नदशानस
ु ार ह कया
जाए।
खंड - अ
न 1 अप ठत ग यांश पर आधा रत बहु वक पी न (1×5 =5)
(1×5 =5)
(1) (ख) सम वय
(2) (घ) मनोवां छत माग
(3) (क) सफल करते हुए वयं सफल होना
(4) (ख) मतभे द कम ह
(5) (ख) (i),(iii),(v)
खंड - ब (वणना मक न)
(2)
दे श क एकता अखंडता बनाए रखने के लए क टब ध
दे श भि त व दे श के वकास के लए यासरत
पाठ से सीख - ां तका रय क कुबा नय को याद करके एक संग ठत समाज
कृत संक प संग ठत समाज वारा सभी कुछ संभव
(3)
ेम केवल अपनापन दे खता है , जा त या धम नह ं
टोपी शु ला को अपनेपन क तलाश थी जो उसने इ फ़न क दाद म दे खी
टोपी को इ फ़न क दाद बहुत अ छ लगती थी और अपनी दाद से नफ़रत थी इसी लए टोपी
ने अपनी दाद को इ फ़न क दाद से बदलना चाहा
इ फ़न क दाद के यार व अपनापन से वह बहुत भा वत
वयं क दाद सदै व डाँटती रहती और कभी भी उसके मनोभाव को समझने का यास नह ं
करती
न 18 लघक
ु था अथवा ई-मेल लेखन लगभग 100 श द म ल खए।(5x1=5)
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>