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अकबरी लोटा

अन्नपर्णा
ू नंद वर्मा

प्रश्न-1. "लाला ने लोटा ले लिया, बोले कुछ नहीं, अपनी पत्नी का अदब मानते थे।" लाला
झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिल्कुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चप ु चाप लोटा ले लिया।
आपके विचार से वे चप ु क्यों रहे ? अपने विचार लिखिए।
उत्तर- लाला झाऊलाल ने अपनी पत्नी को एक सप्ताह में ढाई सौ रुपए दे ने का वादा किया था।
परं तु छः दिन बीत जाने पर भी वे रुपयों का प्रबंध नहीं कर पाए थे। वे अपनी पत्नी का अदब
करते थे, इस कारण वे पत्नी के सामने शर्मिंदा महसस ू कर रहे थे। उन्हें लग रहा था कि लोटे
पर आपत्ति करने से कहीं पत्नी बिगड़ ना जाए और खाना बाल्टी में ही न परोस दे । इस कारण
उस बेढंगे लोटे को सख्त नापसंद करते हुए भी लाला झाऊलाल ने चप ु चाप वह लोटा ले लिया।

प्रश्न-2. "लाला झाऊलाल जी ने फौरन दो और दो जोड़कर स्थिति को समझ लिया।" आपके


विचार से लाला झाऊलाल ने कौन-कौन सी बातें समझ ली होंगी ?
उत्तर- लाला झाऊलाल के हाथ से पानी से भरा लोटा जब तिमंजिले से नीचे गिरा तो थोड़ी दे र
बाद ही शोर मचाती एक बड़ी-सी भीड़ उनके आंगन में घस ु आई। उस भीड़ में सबसे आगे एक
अंग्रेज था जो सिर से लेकर पांव तक पानी से भीगा हुआ था और अपने एक पैर को थामे, दस ू रे
पैर पर खड़ा था। उसके पास वही बेढंगा लोटा था। यह सब दे खते ही लाला झाऊलाल अपनी को
तरु ं त सारी बात समझ में आ गई कि पानी से भरा वह लोटा इस अंग्रेज को भिगोता हुआ, उसी
के पैर पर जा गिरा था।

प्रश्न-3. अंग्रेज के सामने बिलवासी जी ने झाऊलाल को पहचानने तक से क्यों इनकार कर


दिया था? आपके विचार से बिलवासी जी ऐसा अजीब व्यवहार क्यों कर रहे थे? स्पष्ट
कीजिए।
उत्तर- लाला झाऊलाल के आंगन में उत्पन्न हुई इस परिस्थिति को दे खकर बिलवासी जी के
मन में एक योजना ने जन्म लिया, जिससे वे अपने मित्र को इस समस्या से बाहर निकाल
लेते और उसकी रुपयों की आवश्यकता भी परू ी हो जाती। ऐसे में यदि वे लाला झाऊलाल को
अपना परिचित बताते तो उनकी योजना सफल नहीं होती। इसलिए उन्होंने अंग्रेज के सामने
झाऊलाल को पहचानने तक से इनकार कर दिया।
बिलवासी जी ने ऐसा अजीब व्यवहार अपने मित्र की सहायता करने के उद्दे श्य
से किया। पहचानना तो दरू , वे अंग्रेज के साथ मिलकर उन्हें 'डेंजरस क्रिमिनल' कहने लगे
और उन्हें पलिु स की हिरासत में दे ने की बात करने लगे। ऐसे व्यवहार से अंग्रेज को उन पर
जरा भी संदेह नहीं हुआ और बिलवासी जी की योजना सफल हो गई।

प्रश्न-4. बिलवासी जी ने रुपयों का प्रबंध कहां से किया था? लिखिए।


उत्तर- बिलवासी जी ने ढाई सौ रुपयों का प्रबंध अपने घर से ही किया था। उन्होंने अपनी पत्नी
के संदक ू में रखे हुए रुपयों में से ढाई सौ रुपए चोरी से निकाल लिए थे।

प्रश्न-5. आपके विचार से अंग्रेज ने यह परु ाना लोटा क्यों खरीद लिया ?
उत्तर- उस अंग्रेज को परु ानी ऐतिहासिक वस्तए
ु ं एकत्र करने का शौक था। उसके एक पड़ोसी
मेजर डगलस का भी यही शौक था।
मेजर डगलस भारत से एक 'जहांगीरी अंडा' लेकर गया था, जिसके कारण वह इस
अंग्रेज पर रौब जमाता था। इसलिए मेजर डगलस को नीचा दिखाने के लिए अंग्रेज ने वह
'अकबरी लोटा' पांच सौ रुपए में खरीद लिया।

अनम
ु ान और कल्पना

प्रश्न-1. "इस भेद को मेरे सिवाय मेरा ईश्वर ही जानता है । आप उसी से पछ ू लीजिए। मैं नहीं
बताऊंगा।"
बिलवासी जी ने यह बात किससे और क्यों कही ? लिखिए।
उत्तर- बिलवासी जी ने यह बात अपने मित्र लाला झाऊलाल से कही जब लाला ने उनसे पछ ू ा
था कि उन्होंने ढाई सौ रुपयों का प्रबंध कहां से किया था।
बिलवासी जी ने वे रुपए अपनी पत्नी के संदक ू से चोरी से निकाले थे। यह बात वे मित्र
से कैसे कहते? इस कारण उन्होंने कहा कि "इस भेद को मेरे सिवाय मेरा ईश्वर ही जानता है ।
आप उसी से पछ ू लीजिएगा। मैं नहीं बताऊंगा।"

प्रश्न-2. "उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को दे र तक नींद नहीं आई।"


समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।
उत्तर- उस रात बिलवासी जी को दे र रात तक नींद नहीं आई। अपने मित्र की सहायता करने के
लिए उन्होंने अपनी पत्नी के संदक ू से ढाई सौ रुपए चरु ाए थे। अब वे उन रुपयों को वापस
संदक ू में रखना चाहते थे। संदक ू की चाबी पत्नी के गले में पड़ी चेन में बंधी थी, जिसे वे पत्नी
के सोने के बाद ही निकाल सकते थे। इसलिए वे अपनी पत्नी के सोने का इंतजार कर रहे थे।
जब उनकी पत्नी सो गई तब उन्होंने चाबी निकाली और संदक ू खोल कर पैसे वापस उस में
रख दिए।

प्रश्न-3. "लेकिन मझ
ु े इसी जिंदगी में चाहिए।"
"अजी इसी सप्ताह में ले लेना।"
"सप्ताह से आप का तात्पर्य सात दिन से है या सात वर्ष से?"
झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से क्या पता चलता है ? लिखिए।
उत्तर- लाला झाऊलाल की पत्नी अपनी आर्थिक स्थिति व लाला झाऊलाल की प्रवत्तिृ से अच्छी
तरह से परिचित थी। वह भरोसा नहीं कर पा रही थी कि उसे वास्तव में पैसे मिल जाएंगे।
इसलिए वह इस बात को पक्का कर लेना चाहती थी कि लालाजी उसे पैसे दें गे या नहीं।

क्या होता यदि

प्रश्न-1. अंग्रेज़ लोटा न खरीदता ?


उत्तर- यदि अंग्रेज़ लोटा न खरीदता तो बिलवासी जी अपनी पत्नी से चरु ाए हुए पैसे झामलाल
को दे दे त।े
यदि अंग्रेज़ लोटा न खरीदता तो लाला झाऊलाल अपनी पत्नी को पैसे ना दे पाते और
उन्हें पत्नी के सामने शर्मिंदा होना पड़ता।

प्रश्न-2. यदि अंग्रेज़ पलि


ु स को बलु ा लेता?
उत्तर- यदि अंग्रेज़ पलि
ु स बल
ु ा लेता तो अंग्रेज़ को घायल करने के आरोप में पलि
ु स लाला
झाऊलाल को गिरफ़्तार कर लेती और उन्हें सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ता।

प्रश्न-3. जब बिलवासी अपनी पत्नी के गले से चाबी निकाल रहे थे, तभी उनकी पत्नी जाग
जाती ?
उत्तर- यदि उनकी पत्नी जाग जाती तो उनकी चोरी पकड़ी जाती और उन्हें पत्नी के सामने
शर्मिंदा होना पड़ता।

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