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28-12-2022 ात:मुरली ओम् शा "बापदादा"' मधुबन

“मीठे ब े - बेहद के बाप से तुम ब त ऊंची पढ़ाई पढ़ रहे हो, बुि म है पितत-पावन गॉड फादर के हम ू डे ह, नई
दुिनया के लए पढ़ रहे ह''
ः- हानी गवम से इज़ाफा िकन ब ों को िमलता है?
उ र:- जो ब तों को आप समान बनाने क मेहनत करते ह। सिवस का सबूत िनकालते ह उ हानी गवम
ब त बड़ा इज़ाफा दे ती है। वह भिव 21 ज ों के लए ऊंच पद के अ धकारी बनते ह।

ओम् शा । बाप कहते ह ब ों को िक मेरे ारा तुम मीठे -मीठे ब े पढ़ाई पढ़ रहे हो। यह पढ़ाई है ही नई दुिनया के लए
और कोई ऐसा कह न सके िक हम नई दुिनया के लए पढ़ रहे ह। जतना अ रीित पढ़गे उतनी ाल 21 ज ों के लए
तु ारी जमा हो जायेगी। बेहद के बाप से बेहद क पढ़ाई पढ़ रहे ह। यह बेहद क ब त ऊंची पढ़ाई है। बाक तो सब पाई-
पैसे क पढ़ाई है। तो इस बेहद क पढ़ाई म जतना तुम पु षाथ करगे उतना ऊंच पद पायगे। तु ारी बुि म सदै व यह बात
रहनी चािहए िक हम पितत-पावन गॉड फादर के ू डे ह और नई दुिनया के लए पढ़ रहे ह तो तुमको िकतना अ ा पु षाथ
करना चािहए िक हम पढ़कर पहले बाबुल के पास जायगे िफर अपनी-अपनी पढ़ाई अनुसार जाकर नई दुिनया म पद पायगे।
वह है लौिकक पढ़ाई, यह है पारलौिकक पढ़ाई अथात् परलोक के लए पढ़ाई। यह तो पुराना पितत लोक है। तुम जानते हो
हम नकवासी से गवासी बन रहे ह। यह घड़ी-घड़ी याद पड़ना चािहए तब तु ारे िदमाग म खुशी चढ़े गी। शादी आिद म
जाने से ब त ब े भूल जाते ह। पढ़ाई कभी भूलना नहीं चािहए और ही खुशी रहनी चािहए। हम भिव 21 ज ों के लए
ग के मा लक बनते ह। जो अ तरह ब तों को आप समान बनाते ह, वह िफर ज र ऊंच पद पायगे। यह राज़ और कोई
क बुि म बैठ न सके । सिवस करने का भी अ होता है। िडपाटमट अलग-अलग होती ह। ाइड बनाने वालों को भी
बाबा कहते ह िक ाइड एक ही साइज़ म हो जो कोई भी ोजे र म चल सके । पहले-पहले ाइड हो परमिपता परमा ा
से तु ारा ा स है? तो वह समझ जाय िक परमिपता परमा ा हमारा बाप है। उनसे वसा ा िमलता है? िफर िदखाना
है ि मूित ा ारा हमको यह सूयवं शी पद िमलता है। तुम भी पु षाथ कर रहे हो नई दुिनया के लए। अभी तुम हो सं गम
पर, पावन दुिनया बनाते हो। तु ारी बुि म अब ृित आ गई है। बरोबर हम 5 हजार वष पहले दे वी-दे वता थे। िफर रा
गँ वाया। बाक यह राजाई आिद लेते ह। वह सब हद क बात ह। तु ारी है बेहद क लड़ाई, ीमत पर तुम 5 िवकार पी
रावण के साथ लड़ते हो। तुम जानते हो डामा म हार जीत का पाट है। हर 5 हजार वष के बाद यह डामा का च िफरता है।
तो अब तुम ब ों को ीमत पर चलना पड़े, जसको जो डायरे न िमले। ब े कहते ह हम समझते ह पर ु िकसको समझा
नहीं सकते। यह तो ऐसे आ जैसे समझा नहीं है। जतना खुद समझा आ है उतना ही पद पायगे। बुि म दशन च
िफरता ही रहे। दशन च धारी तुम बनते हो। दूसरे को अगर आप समान नहीं बनाया तो सिवसएबुल नहीं ठहरे, इस लए
पूरा पु षाथ करना चािहए। औरों को भी सखाना है। ा णयों को हर एक के ऊपर मेहनत करनी है। टीचस ब त मेहनत
करती ह तब तो इज़ाफा िमलता है। तुमको तो ब त बड़ी गवम से इज़ाफा िमलता है। सिवस का सबूत िनकालना है।
ग़फलत नहीं करनी चािहए। यहाँ एक ास म हर कार क पढ़ाई होती है। तुम जानते हो हम भिव म जाकर दे वी-दे वता
बनगे। िवनाश भी ज र होना है। जैसे क पहले ग म मकान आिद बनाये थे वही िफर बनायगे। डामा मदद करते ह। वहाँ
तो बड़े-बड़े महल बड़े-बड़े त त बनाते ह। यहाँ थोड़ेही इतने बड़े महल सोने-चाँ दी आिद के ह। वहाँ तो हीरे-जवाहरात प रों
के िमसल होंगे। भि म ही इतने हीरे-जवाहरात होते ह तो सतयुग आिद म ा नहीं होगा। भल करके सा कार लोग यहाँ
राधे-कृ अथवा ल ी-नारायण आिद को सजाते ह। सोने के जेवर आिद पहनाते ह। बाबा को याद है - एक सेठ था उसने
बोला ल ी-नारायण का म र बनाता ँ, उसके लए नये जेवर बनाने ह। उस समय तो ब त स ाई थी। तो सतयुग म ा
होगा। भि माग म ब त माल थे, जो सब लूटकर ले गये। अब तुम ब ों को सारा मालूम पड़ गया है। यह पढ़ाई है ब त
ऊंची। छोटे -छोटे ब ों को भी सखलाना चािहए। राजिव ा के साथ यह भी िव ा दे ते रहो। शवबाबा क याद िदलाते रहो।
च ों पर समझाओ। ब ों का भी क ाण करो। शवबाबा ग का रचियता है। तुम शवबाबा को याद करगे तो ग के
मा लक बनगे। अिवनाशी ान का िवनाश तो होता नहीं है। थोड़ा भी सुनाने से राजधानी म आ जायगे। सतयुग म ल ी-
नारायण का रा था। वह िफर कहाँ गया? हम तुमको समझाते ह गोया तुमको उस ग के मा लक बना दगे। सखाने से
सीख जायगे, मेहनत करनी है। फालतू बातों म टाइम वे नहीं करना चािहए। ग़फलत करने से ब त पछतायगे। बाप धन
कमाकर ब ों को दे कर जाते ह। अभी तो सबका िवनाश होना है। अभी भी िकतने लड़ाई-झगड़े मौत आिद होते रहते ह। यह
कु छ नहीं है। अभी करोड़ों क अ ाज़ म िवनाश होगा, सब जल मर ख हो जाने ह। कि ान बनना है तब िफर प र ान
बनेगा। कि ान तो बड़ा है प र ान तो छोटा होगा। मुसलमान भी कहते ह सब क दा खल ह। खुदा आकर सबको जगाते
ह और वािपस ले जाते ह। इस समय सब आ ाय कोई न कोई प म ह। क म शरीर पड़ा है, बाक आ ा जाकर दूसरा
शरीर लेती है। इस समय माया ने सबको क दा खल कर रखा है। सब मरे पड़े ह। ख होने वाले ह इस लए िकसी से िदल
शरीर लेती है। इस समय माया ने सबको क दा खल कर रखा है। सब मरे पड़े ह। ख होने वाले ह इस लए िकसी से िदल
नहीं लगानी है। िदल लगानी है एक के साथ। आखरीन म तु ारा सबसे मम िमट जायेगा। एक बाप को याद करना है बस।
तुम समझते हो हम यह पढ़ाई भिव 21 ज ों के लए पितत-पावन बाप के ारा पढ़ रहे ह। परमिपता परमा ा मनु सृि
का बीज प है, चैत है। आ ा भी चैत है। जब तक आ ा शरीर म न आये तो शरीर जड़ है। आ ा ही चैत है। अभी
आ ा को ान िमला है। हर एक आ ा म अपना-अपना पाट नूँ धा आ है। हर एक क ए अपनी-अपनी है। व रफुल
डामा है, इसको कु दरत कहा जाता है। इतनी छोटी सी आ ा म िकतना पाट नूँ धा आ है। यह हानी बात जो सु ीम ह बैठ
तुमको समझाते ह। सैर कराते ह, यह भी डामा बना आ है, जो डामा म नूँ ध है, उसका सा ा ार कराते रहते ह। भल खेल
पहले से ही अनािद बना आ है पर ु मनु नहीं जानते यह अनािद है। तुम तो सब कु छ जानते हो। जो कु छ होता है, एक
सेक के बाद वह पा हो जायेगा। जो पा हो जाता है, तुम समझते हो यह डामा म था। बाप ने समझाया है - सतयुग से
लेकर ा- ा पाट आ है। यह बात दुिनया नहीं जानती। बाप कहते ह मेरी बुि म जो नॉलेज है, वह तुमको दे रहा ँ।
तुमको भी आप समान बनाता ँ। यह तो जानते हो सारी दुिनया ाचारी है। अब पहले-पहले पावन बनना और बनाना है।
तु ारे सवाए कोई पिव बना न सके ।

अब बाप क ीमत पर चल दै वीगुण धारण करने ह। ब त मीठा बोलना है। कोई भी कड़ुआ बोल न िनकले। सब पर रहम
करना है। तुम सबको सखला सकते हो - भगवानुवाच मनमनाभव। उनको यह पता नहीं है िक भगवान कौन है और उसने
कब गीता सुनाई। तुम अभी समझते हो भगवानुवाच - अशरीरी बनो। दे ह के सब धम, म मुसलमान ँ, पारसी ँ, यह सब
छोड़ दो। यह कौन कहते ह? आ ाय तो सभी आपस म भाई-भाई ह। एक बाप के ब े ह। आ ाय अपने भाईयों को
समझाती ह िक बाप कहते ह मामेकम् याद करो तो तुम मुि धाम म जायगे। सब िनवाण-धाम जाने वाले ह। दो अ र भी
याद कर समझाना चािहए। भगवान सबका एक है। ीकृ तो हो न सके । अब बाप कहते ह दे ह के सभी धम ाग मामेकम्
याद करो। आ ा कृ ित का आधार लेकर यहाँ पाट बजाती है। ाइ के लए भी कहते ह िक अभी वह बेगर है। सभी क
पुरानी जु ी है। ाइ ने भी ज र पुनज लया होगा। अभी तो ला ज म होगा। इन मैसे जस को भी बाप ही आकर
जगाते ह। पिततों को पावन बनाने वाला एक ही बाप है। सभी को पुनज लेते-लेते नीचे आना ही है। अभी क लयुग का
अ है। आगे चलकर यह भी मानगे। आवाज िनकलेगा िक बाप आया आ है। महाभारी लड़ाई म भगवान का नाम है ना।
पर ु नाम बदली कर िदया है। िवनाश और ापना यह तो भगवान का ही काम है। बाप ही आकर ग के ार खोलगे। तुम
बुलाते हो बाबा आओ, आकर वैकु का ार खोलो। तु ारे ारा बाप आकर ार खोलते ह। तु ारा नाम बाला है - शव
शि सेना। तुमको पा व ों कहते ह ोंिक तुम हानी प े हो, ग का रा ा बताते हो। बाप बैठ सभी शा ों का सार
बताते ह। इन बातों को समझगे वही ज ोंने क पहले समझा है। हम आ ाय प े ह सबको शा धाम म ले जायगे िफर
सुखधाम म आना है। दु:खधाम का िवनाश होना है - इसके लए यह महाभारत लड़ाई है। तु ारी बुि म सारी िडटे ल है।
मनमनाभव, म ाजीभव इनम सारा ान आ जाता है। जैसे बाबा नॉलेजफुल है, तुम ब े भी बनते हो। सफ िद ि क
चाबी म अपने पास रखता ँ। इसके बदले िफर तुमको िव का मा लक बनाता ँ। म नहीं बनता ँ। यह फ़क रहता है।
िद ि का पाट भी तु ारे काम म आता है। भावना के भूगरे (चने) दे दे ते ह। बाबा ने समझाया है - जगत अ ा का
िकतना मेला लगता है। ल ी का इतना मेला नहीं लगता। िकतना फ़क है। ल ी के च को ितजोरी म रखते ह िक धन
िमलेगा। भि माग म िमलते ह भूगरे (चने) ान म िमलते ह हीरे। ल ी से सफ धन मांगते ह। उनको ऐसे नहीं कहगे िक
ब ा दो, त ी दो। जगत अ ा के पास सब आशाय ले जाते ह।

अभी तुम समझते हो हम पू थे, अब पुजारी बने ह िफर पू बनते ह। ान से रोशनी िमल गई है ब ों को। तुम िकतने
िनराले बन गये हो। ान अंजन सतगु िदया... तुम डामा के आिद-म -अ को जान गये हो। बुि म आ गया है तो तुमको
इस पढ़ाई का िकतना कदर रहना चािहए। वह पढ़ाई तुम ज -ज ा र पढ़ते आये हो, िमलता ा है? भूगरे (चने)। यह
पढ़ाई एक ज पढ़ने से तुमको हीरे-जवाहरात िमलते ह। अब पु षाथ करना तो तुम ब ों का काम है। नहीं पढ़ते ह तो इसम
टीचर ा करगे? कृ पा क तो यहाँ बात ही नहीं। सं गम पर दे वताओं क सारी राजधानी ापन हो रही है। योगबल से तुम
अपने िवकम का िवनाश करते हो और ान बल अथात् नॉलेज से तुम िकतना ऊंच बनते हो। ान सागर और ान निदयों
ारा ान करने से स ित होती है। ब ों को समझाने क युि याँ िमलती रहती ह। डामा ैन अनुसार जो क पहले
समझाया है वही समझाते रहते ह। ब े भी न रवार आते रहते ह। ा ण कु ल क वृि होनी ही है। तुम ब ों को महादानी
बनना है। जो कोई आये उनको कु छ न कु छ समझाते रहो। शं ख िन करनी है। यहाँ जतनी तुम धारणा कर सकते हो उतनी
घर म नहीं होती। शा ों म भी मधुबन का गायन है वहाँ मुरली बजती है। अ ा!

मीठे -मीठे सक लधे ब ों ित मात-िपता बापदादा का याद- ार और गुडमािनग। हानी बाप क हानी ब ों को नम े।
धारणा के लए मु सार:-

1) पढ़ाई का ब त कदर रखना है। बाप से कृ पा आिद नहीं मांगनी है। ान और योगबल जमा करना है।

2) रहमिदल बनना है। मुख से कभी कड़ुवे बोल नहीं बोलने ह। सदा मीठा बोलना है। आप समान बनाने क सेवा ज र
करनी है।

वरदान:- िवकारों पी सांपों को गले क माला बना दे ने वाले स े तप ी भव


ये पांच िवकार लोगों के लए जहरीले सांप ह लेिकन आप योगी तप ी आ ाओं के लए ये सांप गले क
माला बन जाते ह इस लए आप ा णों के और ा बाप के अशरीरी, तप ी शं कर प के यादगार म
सांपों क माला गले म िदखाते ह। सांप आपके लए खुशी म नाचने क े ज बन जाते ह, यह अधीनता
क िनशानी िदखाई है। ित ही े ज है। तो जब िवकारों पर इतनी िवजय हो तब कहगे स े तप ी।
ोगन:- पुराने सं सार वा सं ारों से मरना ही जीते जी मरना है।

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