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के न्द्रीय विद्यालय संगठन ,दिल्ली संभाग

वितीय बोर्ड-पूिड परीक्षा 2022-23

अंक योजना
कक्षा : बारहिीं वनर्ाडररत समय :3 घंटे
विषय : वहन्द्िी (आर्ार)(विषय कोर् :302) अवर्कतम अंक : 80
सामान्द्य वनिेश –

● अंक योजना का उद्देश्य मूल्यांकन को अवर्कावर्क िस्तुवनष्ठ बनाना है |


● खंर् – अ में दिए गए िस्तुपरक प्रश्नों के उत्तरों का मूल्यांकन वनर्िडष्ट अंक योजना के आर्ार पर ही दकया जाए |
● खंर्-ब में िर्डनात्मक प्रश्नों के अंक योजना में दिए गए उत्तर – बबंिु अंवतम नहीं हैं | ये सुझािात्मक एिं सांकेवतक
हैं|
● यदि परीक्षार्थी इन सांकेवतक वबन्द्िओं
ु से वभन्न , दकन्द्तु उपयुक्त उत्तर िे तो उसे अंक दिए जाएं |
● मूल्यांकन कायड वनजी व्याख्या के अनुसार नहीं, बवल्क अंक – योजना में वनर्िडष्ट वनिेशानुसार ही दकया जाए |

खंर् – अ िस्तुपरक प्रश्नों के उत्तर

प्रश्न 1 (i) अ – करठनाइयााँ एिं िु:ख 1

(ii) ि – उपयुडक्त सभी 1

(iii) ब – समस्याओं को 1

(iv) स – समस्याओं से पलायन करने पर 1

(v) ि – उपयुडक्त सभी 1

(vi) ब – संघषड ही जीिन है 1

(vii) स – i और ii 1

(viii) स – स्ियं से 1

(ix) ि – उपयुडक्त सभी 1

(x) अ – A और R िोनों सही तर्था कारर् कर्थन की सही व्याख्या 1

1
प्रश्न 2 (i) स – सफलता के वलए 1

(ii) ब – अत्याचाररयों की तलिारों के भय से िे र्रते नहीं है 1

(iii) ब – िूरिशी व्यवक्त आगत के अन्द्र्कार में भी अपना लक्ष्य स्पष्ट िेख सकता है 1

(iv) स – अवत 1

(v) स – मैं हाँ उनके सार्थ खड़ी 1

अर्थिा

(i) ि – उपयुडक्त सभी 1

(ii) अ- गर्तंत्रता की 1

(iii) स -अवस्र्थयों को समर्पडत करके 1

(iv) ब- उच्च आिशड एिं जीिन मूल्य 1

(v) ब- वपटारा 1

प्रश्न 3 (i) अ – संपािक 1

(ii) ब – 1780 1

(iii) स – एर्िोके सी पत्रकाररता 1

(iv) स - छह 1

(v) स –स्ितंत्र पत्रकार जो भुगतान के आर्ार पर अलग-अलग अखबारों के वलए वलखते हैं 1

प्रश्न 4 (i) ब - प्रभािहीन हो जाना 1

(ii) स – भाषा का सरलता एिं सहजता से प्रयोग 1

(iii) ि – क्योंदक बात को स्पष्ट रूप से संप्रेवषत कर पाना संभि नहीं रहा । 1

(iv) ि – मानिीकरर् 1

(v) अ- कुाँ िर नारायर् 1

प्रश्न 5 (i) स- उसकी सास को तकलीफ िेने िालों से बिला लेने के वलए 1

(ii) ब – मााँ – बाप की तरह मृत्यु को प्राप्त होता 1

(iii) ि – दकशोरािस्र्था 1
2
(iv) अ - A और R िोनों सही तर्था कारर् कर्थन की सही व्याख्या 1

(v) ब- के िल II 1

प्रश्न 6 (i) ि – पीढ़ी अन्द्तरालजन्द्य सामंजस्यहीनता 1

(ii) ब – तत्कालीन समाज को 1

(iii) ि- चार 1

(iv) ब – लेखक और ित्ता जी राि जानते र्थे दक जीिन में सफल होने के वलए पढ़ना आिश्यक है । 1

(v) ब – इवतहास के पार 1

(vi) ि – उपयुडक्त सभी 1

(vii) स – भव्य महल 1

(viii) ब – अके लापन उपयोगी है 1

(ix) स – जब न.िा.सौन्द्िलगेकर मास्टर ने कवियों के चररत्र एिं उनके संस्मरर् बताए | 1

(x) स – जल प्रबंर्न अच्छे ि सुव्यिवस्र्थत ढंग से होने के कारर् 1

प्रश्न 7. दकसी एक विषय पर लगभग 150 शब्िों में रचनात्मक लेख वलवखए :- 6x1=6

आरंभ -1अंक विषयिस्तु -3अंक प्रस्तुवत -1अंक भाषा -1अंक

प्रश्न 8. दकन्द्हीं िो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्िों में िीवजए- (3x2=6)

(क) सबसे प्रमुख समस्या कहानी के पात्रों के मनोभािों को कहानीकार िारा प्रस्तुत प्रसंगों अर्थिा मानवसक िंिों
के नाटकीय प्रस्तुवत में आती है। पात्रों के िंि को अवभनय के अनुरूप बनाने में समस्या आती है। संिािों को
नाटकीय रूप प्रिान करने समस्या आती है।

(ख) रेवर्यो नाटक में ये 3 तत्ि महत्िपूर्ड है


● भाषा
●ध्िवन

●संगीत
(ग) 1.वजस विषय पर वलखना है लेखक को उसकी संपूर्ड जानकारी होनी चावहए।
2. विषय पर वलखने से पहले लेखक को अपने मवस्तष्क में उसकी एक उवचत रूपरेखा बना लेनी चावहए।

3. विषय से जुड़े तथ्यों से उवचत तालमेल होना चावहए।


4. विचार विषय से सुसम्बद्ध तर्था संगत होने चावहए।

3
प्रश्न 9. वनम्नवलवखत तीन में से दकन्द्हीं िो प्रश्नों के उत्तर लगभग 80 शब्िों में वलवखए - (4x2=8)

(क) समाचार लेखन की उल्टा वपरावमर् शैली के तहत वलखे गये समाचारों को सुविर्ा की िृवष्ट से मुख्य रूप से तीन
वहस्सों में विभावजत दकया जाता है-मुखड़ा या इंट्रो या लीर्, बार्ी या वििरर् और वनष्कषड या पृष्ठभूवम। इसमें
मुखड़ा या इंट्रो समाचार के पहले और कभी-कभी पहले और िूसरे िोनों पैराग्राफ को कहा जाता है।
(ख) िाचर्ाग पत्रकाररता लोकतंत्र में पत्रकाररता और समाचार मीवर्या का मुख्य उत्तरिावयत्ि सरकार के कामकाज
पर वनगाह रखना है और कोई गड़बड़ी होने पर उसका परिाफाश करना होता है , परंपरागत रूप से इसे िाचर्ाग
पत्रकाररता कहते हैं। एर्िोके सी पत्रकाररता - इसे पक्षर्र पत्रकाररता भी कहते हैं।
(ग) पत्रकाररता के क्षेत्र में फीचर दकसी विषय पर आर्ाररत सृजनात्मक एिं व्यिवस्र्थत लेखन होता है , वजसका
उद्देश्य पाठकों के मनोरं जन करने के सार्थ-सार्थ उन्द्हें जागरूक करके उन्द्हें वशवक्षत करना होता है। फीचर समाचारों
से वभन्न होता है क्योंदक समाचार में शब्िों की मयाडिा होती है और समाचार ज्यों का त्यों प्रस्तुत दकया जाता है।

प्रश्न 10. काव्य खंर् पर आर्ाररत वनम्नवलवखत तीन प्रश्नों में से दकन्द्ही िो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्िों में
वलवखए - (3x2=6)
(क) पतंग कविता में कवि आलोक र्न्द्िा बच्चों की बाल सुलभ इच्छाओं और उमंगों तर्था प्रकृ वत के सार्थ उनके
रागात्मक संबंर्ों का अत्यंत सुन्द्िर वचत्रर् दकया है
(ख) कवि के नीले शंख, राख से लीपा हुआ गीला चौका, वसल, स्लेट, नीला जल और गोरी युिती की मखमली िेह आदि
उपमानों को िेखकर यह कहा जा सकता है दक उषा कविता गााँि की सुबह का गवतशील शब्ि वचत्र है।
(ग) इस छंि को पढ़कर ही पता चल जाता है दक तुलसी बहुत ही स्िावभमानी भक्त हैं। उन्द्हें लोगों के कहने से िुख होता है।
जब लोग उनकी भवक्त के विषय में भला बुरा कहते हैं। उन्द्हें इस बात से फकड नहीं पड़ता है दक लोग उनके विषय में
क्या कहते हैं।

प्रश्न 11. काव्य खंर् पर आर्ाररत वनम्नवलवखत तीन प्रश्नों में से दकन्द्ही िो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्िों में वलवखए -

(2x2=4)

(क) क्ांवत होने पर उसका लाभ िबे , कु चले, िंवचत, शोवषत िगड हो वमलता है क्योंदक पूंजीपवत िगड व्यिस्र्था का
प्रयोग कर उनका अवर्कार छीनते हैं। क्ांवत होने पर सता पलटने के कारर् वनर्डन की पुकार की सुनिाई होती है।

(ख) रोमांवचत शरीर का जीिन की लय में से उत्पन्न होता है । बच्चा/व्यवक्त अपने कामड में इतना मग्न होता है दक
उत्साह और कायड में शरीर, मन और भाि एक लय में लीन होते हैं। बच्चा अपने खेल में सब भूल मग्न होता है।

(ग) छोटे चौकोना खेत को कागज का पन्ना कहने में यह अर्थड वनवहत है - िोनों में आकार की समानता के सार्थ
बुिाई, अंकुरर्, विकवसत िशा में भी समानता है। वजस प्रकार खेत में बीजारोपर् होता, दफर अंकुरर् होता है, पौर्ा
विकवसत होता, उस पर पल्लि फू ल लगते हैं, उसी प्रकार कवि कागज पर रचना को शब्िों में उतारता है।

प्रश्न 12. गद्य खंर् पर आर्ाररत वनम्नवलवखत तीन प्रश्नों में से दकन्द्ही िो प्रश्नों के उत्तर लगभग 60 शब्िों में वलवखए -

(3x2=6)

4
(क) भवक्तन की बेटी पर पंचायत ििारा ज़बरन पवत र्थोपा जाना एक िुघडटना भर नहीं ,बवल्क वििाह के संिभड में स्त्री
के मानिावर्कार (वििाह करें या न करें अर्थिा दकससे करें) की स्ितंत्रता को कु चलते रहने की सदियों से चली आ रही
सामावजक परंपरा का प्रतीक हैं।

(ख) भगतजी जैस व्यवक्त बाजाा़र को सार्थडकता प्रिान करते हैं। हमारी नजर में भगतजी का आचरर् समाज में शांवत
स्र्थावपत करने में मििगार हो सकता है। हमारा ऐसा सोचने का कारर् यह है तब लोगों में अनािश्यक प्रवतस्पर्ाड नहीं
होगी। िे व्यर्थड की िस्तुएाँ नहीं खरीिेगे और इससे आपसी लड़ाई झगड़ों में कमी आएगी।

(ग) यदि पानी नहीं बरसेगा तो बैल मर जाएाँगे। बैलों के वबना खेती संभि नहीं है। दकसान तो पानी और बैलों- िोनों
के अभाि में ही मर जाएगा। अतः खेलगीत में बैलों का नाम मुखररत होता है।

प्रश्न 13. गद्य खंर् पर आर्ाररत वनम्नवलवखत तीन प्रश्नों में से दकन्द्ही िो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40 शब्िों में
वलवखए – (2x2=4)
(क) भवक्तन तो िेहाती र्थी ही पर उसके आ जाने पर महािेिी भी अवर्क िेहाती हो गई, पर उसे शहर की हिा नहीं
लग पाई है। उसने महािेिी को भी िेहाती खाने की विशेषताएाँ बता-बताकर उनके खाने की आित र्ाल िी। िह
बताती दक मकई का रात को बना िवलया सिेरे मट्टे से सौंर्ा लगता है। बाजरे के वतल लगाकर बनाये पुए बहुत अच्छे
लगते हैं।

(ख) 'आचायड हजारी प्रसाि वििेिी' वशरीष को अद्भुत अिर्ूत मानते हैं, क्योंदक संन्द्यासी की भााँवत िह सुख-िुख की
बचंता नहीं करता। वशरीष कालजयी अिर्ूत की भााँवत जीिन की अजेयता के मंत्र का प्रचार करता है

(ग) अंबेर्कर की कल्पना का आिशड समाज स्ितंत्रता, समता ि भाईचारे पर आर्ाररत होगा। सभी को विकास के
समान अिसर वमलेंगे तर्था जावतगत भेिभाि का नामोवनशान नहीं होगा। समाज में कायड करने िाले को सम्मान
वमलेगा।

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