ब्लॉग लेखन विषय सामग्री

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आर.सी.वी.पी.

नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी

मध्य प्रदे श भोपाल

स्वामी वििेकानंद कैरियि मार्गदर्गन योजना, उच्च वर्िा विभार्, मध्यप्रदे र्


अल्पािवध िोजर्ािोन्मुखी प्रवर्िण –भाषा कौर्ल मॉड्यूल
डॉ. सुधीर कुमार शमाज
कंटें ट लेखक
प्राध्यापक, महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय कन्या महाववद्यालय , भोपाल
कंटें ट समीिक प्रो उमेश कुमार वसंह

विििण
विषय ब्लॉग लेखन
उप विषय ब्लॉग लेखन : आवश्यकता
ब्लॉग लेखन का महत्व
ब्लॉग लेखन कौशल : जीववका अजजन

उद्दे श्य ➢ ववद्यावथजयों में ब्लॉग लेखन कौशल ववकवसत करना


➢ भाषा कौशल के माध्यम से ववद्यावथजयों में लेखन कौशल ववकवसत करना
➢ ब्लॉग लेखन कौशल के माध्यम से ववद्याथी को स्वरोजगार एवं उद्यवमता की
ओर प्रेररत करना
➢ ववद्यावथजयों में वैचाररक स्पष्टता एवं रचनात्मकता ववकवसत करना
अपेवित परिणाम ➢ लेखन कौशल का ववकास ।
➢ भाषा कौशल एवं ववषय से सम्बद्ध ववचारों के प्रस्तुतीकरण में सुधार ।
➢ आत्मववश्वास के स्तर में संवृद्धद्ध ।
➢ भाषा कौशल से उद्यवमता का उन्नयन ।
➢ भाषा कौशल उन्नयन से व्यद्धित्व - ववकास ।
➢ भाषा कौशल संवधजन के माध्यम से नेतृत्व क्षमता का ववकास ।

ब्लॉर् लेखन
1. प्रस्तािना
2. ब्लॉर् लेखन का इवतहास
3. ब्लॉर् लेखन : उद्दे श्य
4. ब्लॉर् लेखकों के प्रकाि
5. ब्लॉर्ि के प्रमुख कायग
6. ब्लॉर् के विषय
7. ब्लॉर् बनाने हेतु आिश्यकताएं
8. ब्लॉर् प्रािं भ/प्रकावर्त किने की प्रविया
9. ब्लॉर् लेखन में सािधावनयां
10. ब्लॉर् के प्रकाि
11. ब्लॉर् लेखन के लाभ
12. अभ्यास प्रश्न

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आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी

मध्य प्रदे श भोपाल

ब्लॉर् लेखन
प्रस्तािना-

अपने ववचारों को वडवजटल मीवडया या एक वे बसाइट के माध्यम से ऑनलाइन प्रकावशत करना ब्लॉर्
लेखन कहलाता है । दू सरे शब्ों में ववषय- ववशे ष पर वलखे गए लेख को वे बसाइट पर प्रकावशत करने
की प्रविया को ब्लॉर् लेखन कहते हैं । ब्लॉर् को वहन्दी में विट्ठा ,ब्लोवर्ंर् को विट्ठाकािी तथा
ब्लॉर्ि को विट्ठाकाि कहते हैं । ब्लॉग अपना ववचार, अपना मत व्यि करने का एक वडवजटल
माध्यम है । ब्लॉग लेखन में शब् सं ख्या का बं धन नहीं होता। हम अपनी बात को वजतना ववस्तार दे ना
चाहें , दे सकते हैं ।लेवकन छोटे ब्लॉग अवधक पढ़े जाते हैं । अखबार, पविका या पुस्तक हाथ में लेकर
पढ़ने के स्थान पर उसे कंप्यूटर, टै ब या सेलफोन पर पढ़ना वडवजटल माध्यम कहलाता है । इसके
कारण वतजमान में लेखक और पिकार भी वैवश्वक या ग्लोबल हो गए हैं । इस माध्यम के द्वारा पूरी दु वनया
की कोई भी जानकारी क्षण भर में ही परदे पर उपलब्ध हो जाती है । मुवित माध्यम के पाठकों की
तुलना में वडवजटल माध्यम के पाठकों की सं ख्या बहुत अवधक है । इसमें युवा वगज अवधक सं ख्या में है ।
ब्लॉग पर हम अपने ववचार या वकसी ववषय पर जानकारी वलख सकते हैं और उस जानकारी को लोगों
के साथ साझा भी कर सकते हैं । आजकल ब्लॉग का मतलब केवल अपने ववचार साझा करना नहीं है ,
ब्लॉग से जीववका भी अवजजत की जा सकती है । इसके माध्यम से व्यवसाय में वृद्धद्ध भी की जा सकती
है । आजकल बहुत से लोग ब्लॉवगंग (वचट्ठाकारी) करके जीववका- अजजन कर रहे हैं ।

ब्लॉर् लेखन का इवतहास –


सन 1994 में जस्टिन हॉल ने सबसे पहले ब्लॉर् शब् का प्रयोग वकया। ब्लॉग पर वे अपनी वनजी
वजंदगी से जुडी बातें वलखा करते थे तथा ब्लॉग को एक डायरी के रूप में उपयोग करते थे। जॉन
बर्गि ने ब्लॉर् के वलए िे ब्लॉर् शब् का प्रयोग वकया था। जॉन बगजर िोबोट विजडम नाम के ब्लॉग
के संपादक थे । माना जाता है वक 1999 में पीटि मेिहोल्स ब्लॉग शब् को व्यवहार में लाए। सन
1999 में ही ब्लॉर्ि नाम का पहला ब्लॉग प्लेटफामज बनाया गया, वजस पर लोग वबना कोवडं ग वकए
ब्लॉग वलख सकते थे । भारत में 2002 के बाद ब्लॉग लेखन आरं भ हुआ और दे खते -दे खते यह माध्यम
लोकवप्रय हो गया। साथ ही इसे अवभव्यद्धि के नए माध्यम के रूप में मान्यता भी प्राप्त हुई। 2003 में
गूगल ने ब्लॉर्ि और एडसेंस को खरीद वलया, इसी वषज वडज प्रेस को लां च वकया गया । 2007 में
माइिो ब्लॉवगं ग का ववचार सामने आया, वजस पर लोग टे क्स्ट के साथ इमेज और वीवडयो भी साझा
कर सकते थे , यहां तक वक लोग एसएमएस और ई-मेल से भी पोस्ट प्रकावशत कर सकते थे। यह
दु वनया की सबसे तेज गवत से बढ़ने वाला सोशल प्लेटफॉमज था । 2007 से अब तक ब्लॉवगंग
(वचट्ठाकारी) का दायरा बहुत बढ़ गया है । अब यह एक डायरी से आगे वनकलकर फेसबुक, वटि् वटर,
व्हाटि् सएप और इं स्टाग्राम जैसे सोशल मीवडया प्लेटफामज से जुडकर जन-जन तक पहुं च गया है ।

एक अध्ययन के अनुसार पूरे इं टरनेट पर मौजूद ब्लॉग की संख्या 44 करोड से भी अवधक है । इन


ब्लॉग्स पर हर महीने 70 करोड से भी ज्यादा पोस्ट वलखे जाते हैं , हर महीने लगभग 40 करोड से भी
ज्यादा लोग इन ब्लॉग्स को पढ़ते हैं । ब्लॉग को वकसी एक व्यद्धि या टीम के द्वारा संचावलत वकया जा
सकता है , बडे -बडे कॉरपोरे ट ब्लॉवगं ग की दु वनया में आ चुके हैं , वे अपने ब्लॉग पर वटप्पवणयां साझा

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करते हैं ,इस कायज के वलए वे कई लोगों की एक टीम रखते हैं , ब्लॉग पोस्ट को सोशल मीवडया फेसबुक ,
वटि् वटर, व्हाटि् सएप आवद पर साझा वकया जाता है ।
ब्लॉर् लेखन : उद्दे श्य-

ब्लॉग ले खन के वनम्नवलद्धखत उद्दे श्य हो सकते हैं -


1. ब्लॉग लेखन का उद्दे श्य अपनी जानकाररयों को साझा करना
2. धन-अजजन करना
3. लेखक के रूप में यश प्राप्त करना
4. व्यापार को आगे बढ़ाना
5. दू सरों की मदद करना
ब्लॉर् लेखकों के प्रकाि –
सामान्यत: ब्लॉग लेखक वनम्नवलद्धखत तीन प्रकार के हो सकते हैं -
स्वैस्टिक ब्लॉर्ि- अपनी रुवच या हॉबी से जु डी जानकाररयां साझा करने वाले ब्लोगर स्वैद्धिक
ब्लॉगर कहलाते हैं । ये ब्लॉगर ऐसे ववषयों ब्लॉग वलखते हैं , वजनमें उनकी रुवच होती है ।
अंर्कालीन ब्लॉर्ि- नौकरी करने वाले लोग या ववद्याथी अपने खाली समय में ब्लॉग ले खन करते हैं ,
इससे उनके समय का सदु पयोग भी होता है और बदले में कुछ आय भी हो जाती है ।
पूणगकावलक व्यािसावयक ब्लॉर्ि- कुछ ब्लॉग लेखक ऐसे होते हैं जो पूणजकावलक ब्लॉगर की तरह
ब्लॉग ले खन करते हैं । अपने लक्ष्य समूह के वलए वनरं तर गुणवत्तापूणज ले खन करते रहते हैं , उनकी
साइट पर धीरे -धीरे टर ै वफक बढ़ता है और वफर भी ववज्ञापनों के आने से धन का अजजन करने लगते हैं ।
व्यावसावयक ब्लॉग ले खक पूणजकावलक ब्लॉगर होते है । व्यावसावयक ब्लॉग लेखक वकसी कारपोरे ट या
संस्था के वलए काम करते हैं , इनका मुख्य काम ब्ां ड का प्रमोशन कर व्यापार को बढ़ाना होता है ।
ब्लॉर्ि के प्रमुख कायग-
ब्लॉग ले खन से जुडे महत्वपूणज कायज वनम्नानुसार हैं -
ब्लॉग लेखन हे तु कायज योजना बनाना, ववषय का चयन करना , ले ख /आवटज कल के वलए शोध करना,
ब्लॉग के अनुरूप सही इमेज का चयन करना, उसे एवडट करना, जरूरत पडने पर अपने ब्लॉग को
वडजाइन करना, साइट की स्पीड और अन्य समस्याओं को ठीक करना, अपने ब्लॉग के वलए फेसबुक
और अन्य प्लेटफामज पर फैन पेज बनाना, ब्लॉग पोस्ट को अलग-अलग सोशल मीवडया प्लेटफॉमज पर
साझा करना, अपने टॉप ब्लॉग पोस्ट को ऑविमाइज करना, वटप्पणी /कमेंट का जवाब दे ना और
अनावश्यक कमेंट को हटाना, अन्य लेखकों के ब्लॉग को पढ़ना और सीखना, गे स्ट पोद्धस्टंग करना
अथाज त दू सरों के ब्लॉग पर पोस्ट वलखना, अन्य ब्लॉगसज के साथ सं बंध स्थावपत करना तथा एक दू सरे
का समथजन करना, ववज्ञापन स्पॉन्सरवशप और अन्य तरीकों से अपने ब्लॉग को मोनेटाइज करने के
रास्ते ढू ूँ ढ़ना, टर ै वफक और अन्य आं कडों का ववश्ले षण करना, अपने पाठकों के संपकज में रहना अवधक
से अवधक लोगों तक ब्लॉग पहुं चाने की योजना बनाना आवद ।
ब्लॉर् के विषय-
फैशन, फूड, वफटनेस, समाचार, लाइफस्टाइल, खे लकूद, वफल्म, फाइनेंस, राजनीत, व्यापार आवद
अनेक ववषय हो सकते हैं ।
ब्लॉर् बनाने के वलए आिश्यकताएं -
ब्लॉग ले खन से पहले यह तय करना आवश्यक होता है वक वकस ववषय पर ब्लॉग वलखा जाए, इसके
बाद एक प्ले टफामज तैयार करना होता है , जहां अपने आवटज कल को पोस्ट वकया जा सके । इस काम
के वलए डोमेन नेम की आवश्यकता पडती है - िेब होस्टिं र् डोमेन नेम का मतलब एक िेब एडर े स

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है , वजसके माध्यम से ब्लॉग को दे खा जा सकता है । इस कायज के वलए िेब एडर े स खरीदना होता है ,
इसी को डोमेन नाम से जाना जाता है , इसके वलए कुछ रावश भी व्यय करनी पडती है । अगर ब्लॉग
लेखन के वलए रावश व्यय न करनी हो तो blogger.com का उपयोग वकया जा सकता है , जोवक
गूगल का ही एक फ्री ब्लॉवगं ग प्लेटफॉमज है , ब्लॉग लेखन का प्रारं भ करने वाले लेखकों के वलए यह
उपयोगी है ।

ब्लॉर् प्रािं भ/प्रकावर्त किने की प्रविया-


यह एक तकनीकी प्रविया है । इसके वलए डोमेन अथाज त ब्लॉग के शीषजक को पंजीकृत कराना होता है।
इसके बाद उसे वकसी सवजर से जोडना पडता है । उसमें अपनी ववषय सामग्री समाववष्ट करके हम इस
माध्यम का प्रयोग कर सकते हैं । ववज्ञापन, फेसबु क, वॉटि् सऐप, एस. एम. एस. आवद द्वारा इसका प्रचार
होता है । आकषज क वचिों, छायावचिों के साथ ववषय सामग्री यवद रोचक हो तो पाठक ब्लॉग की प्रतीक्षा
करते हैं । ब्लॉग लेखक के पास लोगों से संवाद स्थावपत करने के वलए बहुत-से ववषय होने चावहए।
ववपुल पठन, वचंतन तथा भाषा का समुवचत ज्ञान होना आवश्यक है । भाषा सहज और प्रवाहमयी हो तो
पाठक उसे पढ़ना चाहते हैं । साथ ही लेखक के पास ववषय से संबंवधत संदभज , घटनाएूँ और अनुभव की
प्रमावणकता हो तो ब्लॉग पठनीय होगा। यवद वववशष्ट क्षेि या वववशष्ट व्यद्धि के संदभज में ब्लॉग वलखा
जा रहा है तो उस क्षेि /व्यद्धि ने कैसे प्रभाववत वकया?उसकी उपयोवगता क्या है ? सम्बंवधत व्यद्धि
का मानवीय पक्ष जो उसे दू सरों से अलग करता है ,क्या है ? दया , क्षमा, करुणा आवद उसके मानव-
मूल्य कैसे दू सरों को प्रभाववत कर जाते हैं ? आवद से संबंवधत अनेक जानकाररयां भी ब्लॉग में दे नी
होंगी।
ब्लॉर् बनाने की प्रविया को वनम्नानुसाि समझा जा सकता है -
ब्लॉगर और वडज प्रेस फ्री ब्लॉग के वलए दो प्रवसद्ध प्लेटफामज हैं ।ब्लॉगर गूगल का ही उत्पाद
है । ये दोनों प्लेटफामज ब्लॉग ले खन का प्रारं भ करने के वलए अिे हैं । ब्लॉगर पर ब्लॉग ले खन/प्रकाशन
के वलए वनम्नानुसार प्रविया अपनाएं -
1. www.blogger.com पर जाएं ।
2. ब्लॉग बनाने के वलए अपने ई-मेल अकाउं ट से साइन इन करें ।
3.इसके बाद एडर े स वलखें , ब्लॉग एडर े स वमलने पर 'वदस ब्लॉर् ऐडर े स इज अिेलेबल' वदखाई दे गा।
4. इसके बाद थीम का चयन करें , थीम को बाद में बदला भी जा सकता है ।
5. वडसप्ले नेम पर जाएूँ ,उसे कन्फमज करें अब 'विएट ब्लॉर्' पर द्धिक करते ही ब्लॉग बनकर तै यार
हो जाएगा। अब टाइटल ,एडर े स ,थीम ,वडद्धिप्शन दे ते हुए वचिों आवद के साथ ब्लॉग पर पोस्ट
वलखकर पोस्ट को प्रकावशत वकया जा सकता है । इसे व्यावसावयक बनाने के वलए 'र्ूर्ल एडसेंस' की
जरूरत पडती है । गूगल ऐडसेंस (ववज्ञापन नेटवकज) से जुडकर ब्लॉग का व्यावसावयक उपयोग वकया
जा सकता है ।

ब्लॉर् लेखन में सािधावनयां -


(1) ब्लॉग लेखन के ववषय का चुनाव करते समय सामान्य सूझ- बूझ का होना आवश्यक है ।
(2) ब्लॉग ले खन में इस बात का ध्यान रखना पडता है वक उसमें मानक भाषा का प्रयोग हो।
व्याकरवणक अशुद्धद्धयाूँ न हों।
(3) ब्लॉग ले खन के वलए प्राप्त स्वतंिता का उवचत उपयोग करना चावहए। लेखन में मानव मूल्यों का
संरक्षण अवत आवश्यक है ।

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(4) यह भी ध्यातव्य है वक लेखन उदात्त हो। वकसी की वनंदा करना, वकसी पर गलत वटप्पणी करना,
समाज में तनाव की द्धस्थवत उत्पन्न करना आवद बातों से ब्लॉग ले खक को दू र रहना चावहए।
(5) ब्लॉग की भाषा सरल ,सुबोध और प्रवाहपूणज होनी चावहए। समाज को सुंदर बनाने का भाव भी
भाषा में वनवहत होना चावहए।
(6) लेखक के द्वारा वकसी व्यद्धि पर वबना प्रमाण के आरोप लगाना गं भीर अपराध है ।ऐसी बातों से
बचाना चावहए।
(7) ब्लॉग में ववषयवस्तु और भाषा का एक स्तर होना चावहए , पाठक स्तरहीन ब्लॉग –सामग्री को
पढ़ना पसंद नहीं करते । ब्लॉग - ले खकों को यह समझ लेना चावहए ।
(8) ब्लॉग लेखन में सामावजक आचार-वनयमों का पालन आवश्यक है ।
(9) ब्लॉग ले खक के पास ववषय वै ववध्य,ववशद अध्ययन और ववषय के रोचक प्रस्तुतीकरण की कला भी
होनी चावहए ।
ब्लॉर् के प्रकाि -
सामान्यत: ब्लॉग अनेक प्रकार के हो सकते हैं , लेवकन सभी ब्लॉग को यवद श्रेणीबद्ध वकया जाए तो
ब्लॉग मुख्यतः आठ प्रकार के होते हैं –
1. वनजी ब्लॉग (Personal Blog)
2. समूह ब्लॉग (Group Blog)
3. ववषय या कोवट आधाररत ब्लॉग (Niche Blog)
4. ववववध ववषयक ब्लॉग (Multi Niche Blog)
5. सूक्ष्म ववषयक ब्लॉग (Micro Niche Blog)
6. कॉपोरे ट ब्लॉग (Corporate Blog)
7. संबद्ध ब्लॉग (Affiliate Blog)
8. मीवडया ब्लॉग (Media Blog)
1. वनजी ब्लॉर् (Personal Blog)-
ऐसे ब्लॉग , वजनमें वैयद्धिक भावों ,ववचारों, या अनुभवों को साझा वकया जाता है ,वनजी ब्लॉग
कहलाते हैं । ये ब्लॉग व्यावसावयक नहीं होते ,वैयद्धिक अवभव्यद्धि ही इनका मुख्य उद्दे श्य होता है ।
2. समूह ब्लॉर् (Group Blog)-
समूह ब्लॉग का लेखन,प्रकाशन और प्रबं धन एक व्यद्धि के द्वारा नहीं अवपतु एक टीम के वकया जाता
है . इस प्रकार के ब्लॉग-ले खन का मुख्य उद्दे श्य पै से कमाना होता है । ये ब्लॉग में अनेक ववषयों से
सम्बद्ध हो सकते हैं । वनजी ब्लॉग की तु लना में इस तरह के ब्लॉग अवधक मािा में प्रकावशत होते हैं ।
3. विषय या कोवट आधारित ब्लॉर् (Niche Blog)-
‘Niche’ का अथज ववषय, श्रेणी या कोवट होता है , ववषय या कोवट आधाररत ब्लॉग में ब्लॉगर द्वारा केवल
एक ही ववषय,श्रे णी या कोवट के बारे में जानकारी अपने ब्लॉग में प्रदान की जाती है । इं टरनेट पर
सबसे ज्यादा ब्लॉग ववषय या कोवट आधाररत ब्लॉग ही हैं । कुछ प्रचवलत श्रे णी या कोवटयाूँ वनम्नवलद्धखत
हैं –
• तकनीक आधाररत ब्लॉग
• ववत्त प्रबं धन पर आधाररत ब्लॉग
• स्वास्थ संरक्षण पर आधाररत ब्लॉग
• मनोरं जन पर आधाररत ब्लॉग
• वशक्षा एवं ज्ञान पर आधाररत ब्लॉग
• खाद्य पदाथों पर आधाररत ब्लॉग

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वडवजटल माकेवटं ग पर आधाररत ब्लॉग
• यािा संबंधी ब्लॉग
• खेलकूद संबंधी ब्लॉग
• समाचारों/घटनाओं पर आधाररत ब्लॉग
ब्लॉग ले खन शुरू करने से पहले ब्लॉग की श्रेणी या कोवट का चुनाव करना बहुत आवश्यक है ।
4. विविध विषयक ब्लॉर् (Multi Niche Blog)-
ववववध ववषयक ब्लॉग, ववषय या कोवट आधाररत ब्लॉग के एकदम ववपरीत होता है । ववषय या कोवट
आधाररत ब्लॉग में केवल एक ही श्रेणी या कोवट के ब्लॉग होते हैं ,जबवक ववववध ववषयक ब्लॉग में
अनेक ववषयों के ब्लॉग होते हैं । ववववध ववषयक ब्लॉग में स्वास्थ्य , तकनीक ,वशक्षा ,ववत्त प्रबंधन,
मनोरं जन, आवद अलग – अलग श्रेवणयों के ब्लॉग एक साथ उपलब्ध होते हैं ।
5. सूक्ष्म विषय पि आधारित ब्लॉर् (Micro Niche Blog)-
सूक्ष्म ववषय पर आधाररत ब्लॉग ऐसे ब्लॉग को कहा जाता है जो वकसी एक श्रेणी के एक छोटे से ववषय
पर आधाररत होता है । इस तरह के वववशष्ट ब्लॉग धनाजजन के वलए ववशे ष उपयोगी माने जाते हैं । एक
उदाहरण से सू क्ष्म ववषय पर आधाररत ब्लॉग को समझते हैं – उदाहरण के वलए ब्लॉग की एक श्रे णी
स्वास्थ्य है तो श्रेणी का सूक्ष्म या उपववषय ग्रामीण स्वास्थ्य या मवहला स्वास्थ्य करते हुए यवद
ब्लॉग वलखा जाए तो यह ब्लॉग सू क्ष्म ववषय पर आधाररत ब्लॉग कहलाये गा ।
6. कॉपोिे ट ब्लॉर् (Corporate Blog)-
कॉपोरे ट ब्लॉग वकसी कंपनी या संस्था से सम्बंवधत होता है , वजसमें कंपनी के उत्पादों और सेवाओं के
बारे में जानकारी होती है । इस प्रकार के ब्लॉग का प्रकाशन ,प्रबंधन सम्बंवधत संस्था के द्वारा ही वकया
जाता है । अवधकतर कंपवनयां अपने उत्पादों में वबिी बढ़ाने के वलए कॉपोरे ट ब्लॉग बनावाती है ।
आजकल कंपवनयों की अवधकृत वेबसाइट में ही ब्लॉग का ववकल्प दे खने को वमल जाता है ।
7. संबद्ध ब्लॉर् (Affiliate Blog)-
संबद्ध ब्लॉग भी ब्लॉग का ही एक प्रकार है । यह एक ऐसा ब्लॉग होता है , वजसमें ब्लॉगर अन्य कंपनी
के उत्पाद की समीक्षा (Review) वलखकर कमीशन प्राप्त करते हैं । संबद्ध ब्लॉग में ब्लॉगर उत्पाद
के बारे में वलखतकर उसमें अपनी वलंक जोड दे ते हैं ,जब उपभोिा उस वलं क पर द्धिक करके
उत्पाद खरीदता है , तो ब्लॉगर को भी कमीशन प्राप्त होता है ।
8. मीवडया ब्लॉर् (Media Blog)-
मीवडया ब्लॉग में मीवडया फाइल, वीवडयो, इमेज आवद साझा वकए जाते हैं मीवडया से सम्बद्ध होने के
कारण ये ब्लॉग मीवडया ब्लॉग कहलाते हैं ।

ब्लॉर् लेखन के लाभ –


वजस प्रकार सावहत्य लेखन से यश ,धन और लोक व्यवहार का ज्ञान होता है उसी प्रकार ब्लॉग ले खन से
भी इन सब की प्राद्धप्त होती है । वनरं तर अध्ययन और अभ्यास से ब्लॉग लेखन कौशल ववकवसत कर
पयाज प्त धन अवजजत वकया जा सकता है , ब्लॉग लेखन भी जीववकाजजन का माध्यम बन सकता है ।
ब्लॉग के माध्यम से अपना ऑनलाइन व्यापार शु रू वकया जा सकता है ।अगर पहले से ही
स्थावपत व्यापार है तो इस व्यापार में ब्लॉग लेखन से ग्राहक-वृद्धद्ध की जा सकती है । ब्लॉग के माध्यम
से सम्बंवधत उत्पाद की जानकारी लोगों तक आसानी से पहुूँ च जाती है ,वटप्पणी ( कमेंट ) के माध्यम से
ग्राहकों के ववचार भी शीघ्रता से पहुूँ चते हैं ,इस त्वररत प्रवतपु वष्ट(फीडबैक) के आधार पर उत्पाद की
कवमयों को दू र कर व्यापार को और अवधक उन्नत वकया जा सकता है । ब्लॉग ले खन के अन्य लाभ
वनमानुसार हैं -

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1.एक ब्लॉगर बनने से लेखन कौशल ववकवसत होता है ।


2.ब्लॉग ले खक अपने क्षे ि में एक ववशे षज्ञ के रूप में स्थावपत हो सकते हैं ।
3.ब्लॉग ले खक अपना एक ऑनलाइन नेटवकज बना सकते हैं ।
4.अपने ई-मे ल सब्सविप्शन आप्शन की मदद से आप ढे र सारे ई-मेल सब्सिाइबर भी
पा सकते हैं ।
5. ब्लॉग के माध्यम से कई प्रकार के उत्पाद(ई-बुक्स आवद) बेचे भी जा सकते हैं ।
6. ब्लॉग ले खन से आत्मववश्वास में वृद्धद्ध होती है , रचनात्मकता में वृ द्धद्ध होती है ।
7. ब्लॉग ले खक अन्य लोगों को प्रेररत करते हुए नए व्यावसावयक अवसरों का सृजन
भी कर पाते हैं ।
8. ब्लॉग लेखन भी एक उद्यम है ,इससे उद्यवमता का ववकास होता है ।

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अभ्यास प्रश्न
1.अपने ववचारों को वडवजटल मीवडया या एक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन प्रकावशत करना
कहलाता है -
(क) ब्लॉग लेखन (ख) संवाद ले खन
(ग) वटप्पणी लेखन (घ) इनमें से कोई नहीं

2. blogger.com गूगल का ही एक फ्री ब्लॉवगंग प्लेटफॉमज है । (हाूँ , नहीं )

3. ब्लॉग ले खक की भाषा होनी चावहए-


(क) सरल (ख) सुबोध
(ग) प्रवाहपू णज (घ) ये सभी

4. ब्लॉग सामान्यत: वकतने प्रकार के होते हैं -


(क) आठ (ख) दो
(ग) तीन (घ) इनमें से कोई नहीं

5. ऐसे ब्लॉग , वजनमें वैयद्धिक भावों ,ववचारों, या अनुभवों को साझा वकया जाता है , कहलाते हैं –
(क) समूह ब्लॉग (ख) वनजी ब्लॉग
(ग) कापोरे ट ब्लॉग (घ) इनमें से कोई नहीं

7. एक ब्लॉगर बनने से ववकवसत होता है -

(क) लेखन कौशल (ख) विृत्व कौशल


(ग) श्रवण कौशल (घ) इनमें से कोई नहीं

8. ऐसा ब्लॉग वजसमें ब्लॉगर अन्य कंपनी के उत्पाद की समीक्षा(Review) वलखकर कमीशन कमाते
हैं ,कहलाता है -
(क) वनजी ब्लॉग (ख) मीवडया ब्लॉग (ग) सम्बद्ध ब्लॉग (घ) इनमें से कोई नहीं

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आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी

मध्य प्रदे श भोपाल

9. ब्लॉग ले खक अपने क्षे ि में एक ववशे षज्ञ के रूप में स्थावपत हो सकते हैं ।
(हाूँ ,नहीं )

10. ब्लॉग ले खन भी जीववकाजजन का माध्यम बन सकता है । (हाूँ ,नहीं )


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