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ब्लॉग लेखन विषय सामग्री
ब्लॉग लेखन विषय सामग्री
ब्लॉग लेखन विषय सामग्री
विििण
विषय ब्लॉग लेखन
उप विषय ब्लॉग लेखन : आवश्यकता
ब्लॉग लेखन का महत्व
ब्लॉग लेखन कौशल : जीववका अजजन
ब्लॉर् लेखन
1. प्रस्तािना
2. ब्लॉर् लेखन का इवतहास
3. ब्लॉर् लेखन : उद्दे श्य
4. ब्लॉर् लेखकों के प्रकाि
5. ब्लॉर्ि के प्रमुख कायग
6. ब्लॉर् के विषय
7. ब्लॉर् बनाने हेतु आिश्यकताएं
8. ब्लॉर् प्रािं भ/प्रकावर्त किने की प्रविया
9. ब्लॉर् लेखन में सािधावनयां
10. ब्लॉर् के प्रकाि
11. ब्लॉर् लेखन के लाभ
12. अभ्यास प्रश्न
ब्लॉर् लेखन
प्रस्तािना-
अपने ववचारों को वडवजटल मीवडया या एक वे बसाइट के माध्यम से ऑनलाइन प्रकावशत करना ब्लॉर्
लेखन कहलाता है । दू सरे शब्ों में ववषय- ववशे ष पर वलखे गए लेख को वे बसाइट पर प्रकावशत करने
की प्रविया को ब्लॉर् लेखन कहते हैं । ब्लॉर् को वहन्दी में विट्ठा ,ब्लोवर्ंर् को विट्ठाकािी तथा
ब्लॉर्ि को विट्ठाकाि कहते हैं । ब्लॉग अपना ववचार, अपना मत व्यि करने का एक वडवजटल
माध्यम है । ब्लॉग लेखन में शब् सं ख्या का बं धन नहीं होता। हम अपनी बात को वजतना ववस्तार दे ना
चाहें , दे सकते हैं ।लेवकन छोटे ब्लॉग अवधक पढ़े जाते हैं । अखबार, पविका या पुस्तक हाथ में लेकर
पढ़ने के स्थान पर उसे कंप्यूटर, टै ब या सेलफोन पर पढ़ना वडवजटल माध्यम कहलाता है । इसके
कारण वतजमान में लेखक और पिकार भी वैवश्वक या ग्लोबल हो गए हैं । इस माध्यम के द्वारा पूरी दु वनया
की कोई भी जानकारी क्षण भर में ही परदे पर उपलब्ध हो जाती है । मुवित माध्यम के पाठकों की
तुलना में वडवजटल माध्यम के पाठकों की सं ख्या बहुत अवधक है । इसमें युवा वगज अवधक सं ख्या में है ।
ब्लॉग पर हम अपने ववचार या वकसी ववषय पर जानकारी वलख सकते हैं और उस जानकारी को लोगों
के साथ साझा भी कर सकते हैं । आजकल ब्लॉग का मतलब केवल अपने ववचार साझा करना नहीं है ,
ब्लॉग से जीववका भी अवजजत की जा सकती है । इसके माध्यम से व्यवसाय में वृद्धद्ध भी की जा सकती
है । आजकल बहुत से लोग ब्लॉवगंग (वचट्ठाकारी) करके जीववका- अजजन कर रहे हैं ।
करते हैं ,इस कायज के वलए वे कई लोगों की एक टीम रखते हैं , ब्लॉग पोस्ट को सोशल मीवडया फेसबुक ,
वटि् वटर, व्हाटि् सएप आवद पर साझा वकया जाता है ।
ब्लॉर् लेखन : उद्दे श्य-
है , वजसके माध्यम से ब्लॉग को दे खा जा सकता है । इस कायज के वलए िेब एडर े स खरीदना होता है ,
इसी को डोमेन नाम से जाना जाता है , इसके वलए कुछ रावश भी व्यय करनी पडती है । अगर ब्लॉग
लेखन के वलए रावश व्यय न करनी हो तो blogger.com का उपयोग वकया जा सकता है , जोवक
गूगल का ही एक फ्री ब्लॉवगं ग प्लेटफॉमज है , ब्लॉग लेखन का प्रारं भ करने वाले लेखकों के वलए यह
उपयोगी है ।
(4) यह भी ध्यातव्य है वक लेखन उदात्त हो। वकसी की वनंदा करना, वकसी पर गलत वटप्पणी करना,
समाज में तनाव की द्धस्थवत उत्पन्न करना आवद बातों से ब्लॉग ले खक को दू र रहना चावहए।
(5) ब्लॉग की भाषा सरल ,सुबोध और प्रवाहपूणज होनी चावहए। समाज को सुंदर बनाने का भाव भी
भाषा में वनवहत होना चावहए।
(6) लेखक के द्वारा वकसी व्यद्धि पर वबना प्रमाण के आरोप लगाना गं भीर अपराध है ।ऐसी बातों से
बचाना चावहए।
(7) ब्लॉग में ववषयवस्तु और भाषा का एक स्तर होना चावहए , पाठक स्तरहीन ब्लॉग –सामग्री को
पढ़ना पसंद नहीं करते । ब्लॉग - ले खकों को यह समझ लेना चावहए ।
(8) ब्लॉग लेखन में सामावजक आचार-वनयमों का पालन आवश्यक है ।
(9) ब्लॉग ले खक के पास ववषय वै ववध्य,ववशद अध्ययन और ववषय के रोचक प्रस्तुतीकरण की कला भी
होनी चावहए ।
ब्लॉर् के प्रकाि -
सामान्यत: ब्लॉग अनेक प्रकार के हो सकते हैं , लेवकन सभी ब्लॉग को यवद श्रेणीबद्ध वकया जाए तो
ब्लॉग मुख्यतः आठ प्रकार के होते हैं –
1. वनजी ब्लॉग (Personal Blog)
2. समूह ब्लॉग (Group Blog)
3. ववषय या कोवट आधाररत ब्लॉग (Niche Blog)
4. ववववध ववषयक ब्लॉग (Multi Niche Blog)
5. सूक्ष्म ववषयक ब्लॉग (Micro Niche Blog)
6. कॉपोरे ट ब्लॉग (Corporate Blog)
7. संबद्ध ब्लॉग (Affiliate Blog)
8. मीवडया ब्लॉग (Media Blog)
1. वनजी ब्लॉर् (Personal Blog)-
ऐसे ब्लॉग , वजनमें वैयद्धिक भावों ,ववचारों, या अनुभवों को साझा वकया जाता है ,वनजी ब्लॉग
कहलाते हैं । ये ब्लॉग व्यावसावयक नहीं होते ,वैयद्धिक अवभव्यद्धि ही इनका मुख्य उद्दे श्य होता है ।
2. समूह ब्लॉर् (Group Blog)-
समूह ब्लॉग का लेखन,प्रकाशन और प्रबं धन एक व्यद्धि के द्वारा नहीं अवपतु एक टीम के वकया जाता
है . इस प्रकार के ब्लॉग-ले खन का मुख्य उद्दे श्य पै से कमाना होता है । ये ब्लॉग में अनेक ववषयों से
सम्बद्ध हो सकते हैं । वनजी ब्लॉग की तु लना में इस तरह के ब्लॉग अवधक मािा में प्रकावशत होते हैं ।
3. विषय या कोवट आधारित ब्लॉर् (Niche Blog)-
‘Niche’ का अथज ववषय, श्रेणी या कोवट होता है , ववषय या कोवट आधाररत ब्लॉग में ब्लॉगर द्वारा केवल
एक ही ववषय,श्रे णी या कोवट के बारे में जानकारी अपने ब्लॉग में प्रदान की जाती है । इं टरनेट पर
सबसे ज्यादा ब्लॉग ववषय या कोवट आधाररत ब्लॉग ही हैं । कुछ प्रचवलत श्रे णी या कोवटयाूँ वनम्नवलद्धखत
हैं –
• तकनीक आधाररत ब्लॉग
• ववत्त प्रबं धन पर आधाररत ब्लॉग
• स्वास्थ संरक्षण पर आधाररत ब्लॉग
• मनोरं जन पर आधाररत ब्लॉग
• वशक्षा एवं ज्ञान पर आधाररत ब्लॉग
• खाद्य पदाथों पर आधाररत ब्लॉग
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अभ्यास प्रश्न
1.अपने ववचारों को वडवजटल मीवडया या एक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन प्रकावशत करना
कहलाता है -
(क) ब्लॉग लेखन (ख) संवाद ले खन
(ग) वटप्पणी लेखन (घ) इनमें से कोई नहीं
5. ऐसे ब्लॉग , वजनमें वैयद्धिक भावों ,ववचारों, या अनुभवों को साझा वकया जाता है , कहलाते हैं –
(क) समूह ब्लॉग (ख) वनजी ब्लॉग
(ग) कापोरे ट ब्लॉग (घ) इनमें से कोई नहीं
8. ऐसा ब्लॉग वजसमें ब्लॉगर अन्य कंपनी के उत्पाद की समीक्षा(Review) वलखकर कमीशन कमाते
हैं ,कहलाता है -
(क) वनजी ब्लॉग (ख) मीवडया ब्लॉग (ग) सम्बद्ध ब्लॉग (घ) इनमें से कोई नहीं
9. ब्लॉग ले खक अपने क्षे ि में एक ववशे षज्ञ के रूप में स्थावपत हो सकते हैं ।
(हाूँ ,नहीं )