Professional Documents
Culture Documents
धन्वन्तरि
धन्वन्तरि
आयुवद के दे व
मं ॐ नमो भगवते
महासुदशनाय वासुदेवाय
ध वंतरये
अमृतकलशह ताय
सवभय वनाशाय
सवरोग नवारणाय
लोकपथाय लोकनाथाय
ीमहा व णु व पाय
ीध वंतरी व पाय
ी ी ी औषधच ाय
नारायणाय नमः॥
[1][2][3]
अ शंख, च ,
अमृत-कलश और औष ध
सवारी कमल
म हमा
वै दक काल म जो मह व और थान अ नी को ा त
था वही पौरा णक काल म ध वंत र को ा त आ।
जहाँ अ नी के हाथ म मधुकलश था वहाँ ध वंत र को
अमृत कलश मला, य क व णु संसार क र ा करते
ह अत: रोग से र ा करने वाले ध वंत र को व णु का
अंश माना गया।[7] वष व ा के संबंध म क यप और
त क का जो संवाद महाभारत म आया है, वैसा ही
ध वंत र और नागदे वी मनसा का वैवत पुराण[10]
म आया है। उ ह ग ड़ का श य कहा गया है -
मं
त के र मं दर म ध व तरी क मू त
ॐ ध वंतरये नमः॥[1]
ध वंतरी तो म् …
स दभ
1. ॐ ध वंतरये नमः
2. ध वंतरी मं , आई लव इं डया
3. मं ाज़ ऑफ लॉड ध वंतरी, द सेले टयल हीलर
ए ड फ़ज़ी शयन
4. व णु पुराण-४ Archived 27 फ़रवरी 2018
at the वेबैक मशीन.। २६ माच २०१०। भागव
5. द पावली – पूजन का शा ो वधान
Archived 6 दस बर 2010 at the वेबैक
मशीन.। आ म.ऑग। २८ अ टू बर २००८
. धनतेरस पर सोना नह पीतल खरीद
Archived 1 नव बर 2013 at the वेबैक
मशीन.। वेब नया
7. काशी क वभू तयाँ Archived 4 माच 2016
at the वेबैक मशीन.। वाराणसी वैभव
. भाव काश
9. ह रवंश पुराण (पव १ अ २९)
10. वैवत पुराण (३.५१)
11. वैवत पुराण३.५१
२०३ २०० ११३ १०५
इ ह भी दे ख
धन तेरस - भगवान ध वत र क जय ती
भैष यगु
अ नीकुमार
समु मंथन
चरक
बाहरी क ड़याँ
आयुवद के जनक भगवान ध वंत र
ध वंत र का अमृत
धवतर
आयुवद के दे वता भगवान ध व त र ( लाइड
दशन)
धवतर
भागवत पुराण म ध वंतरी
ध वंतरी तो का ऑ डयो सुन
काशी क वभू तयाँ : ी ध वंत र
"https://hi.wikipedia.org/w/index.php?
title=ध व त र&oldid=5048674" से लया गया