नवमें भाव स्थित सर्यू यदि अनक ु ू ल हो तो जातक भाग्यशाली, अच्छे स्वभाव वाला, अच्छे पारिवारिक जीवन वाला और हमेशा दसू रों की मदद करने वाला होगा। यदि बधु पाचं वें घर में होगा तो जातक का भाग्योदय 34 साल के बाद होगा। यदि नवमें भाव स्थित सर्यू अनक ु ू ल न हो तो जातक बरु ा और अपने भाइयों के द्वारा परे शान किया जाएगा। सरकार से अरुचि और प्रतिष्ठा की हानि। उपाय: (1) उपहार या दान के रूप में चादं ी की वस्तएु ं कभी स्वीकार न करें । चांदी की वस्तएु ं अक्सर दान करते रहें। (2) पैतक ृ बर्तन और पीतल के बर्तन नहीं बेचना चाहिए बल्कि इन्हें हमेशा इस्तेमाल करना चाहिए। (3) अत्यधिक क्रोध और अत्यधिक कोमलता से बचें। चंद्र आपके 12th भाव में स्थित है यह घर चद्रं मा के मित्र बृहस्पति का है। यहाँ स्थित चद्रं मा मगं ल और मगं ल से सबं धि ं त चीजों परर अच्छा प्रभाव डालता है, लेकिन यह अपने दश्ु मन बधु और के तु तथा उनसे संबंधित चीजों को नक ु सान पहुचं ाएगा। इसलिए मं गल जिस भाव में बैठा है उससे जडु ा व्यापार और चीजें जातक के लिए अत्यधिक लाभकारी रहेंगी। ठीक इसी तरह बधु और के तू जिस घर में बैठे हैं उससे जडु ा व्यापार और चीजें जातक के लिए अत्यधिक हानिकारक रहेंगी। बारहवें घर में स्थित चद्रं मा जातक के मन में अप्रत्याशित मसु ीबतों और खतरों को लेकर एक साधारण सा डर पैदा करता है। जिससे जातक की नींद और मानसिक शांति भंग होती है। यदि चौथे भाव में स्थित के तू कमजोर और पीडित हो तो जातक के पत्रु और मां पर प्रतिकूल असर पडता है। उपाय: (1) कान में सोना पहनें। दधू में सोना बझु ाकर दधू पियें। धार्मिक स्थलों की यात्रा करें । ये उपाय न के वल 12 वें भाव के चन्द्र के दष्ु प्रभाव को दरू करते बल्कि चौथे भाव के के तू के दष्ु प्रभाव को भी दरू करते हैं। (2) धार्मिक साध-ु संतों को कभी भी दधू और भोजन न दें। (3) स्कूल, कॉलेज या अन्य कोई शैक्षणिक संस्थान न खोलें और निःशल्ु क शिक्षा पाने वाले बच्चों की मदद न करें । मंगल आपके 8th भाव में स्थित है यह घर मंगल और शनि, के संयक्त ु गणु ों से प्रभावित होता है। इस घर में कोई ग्रह अच्छा नहीं माना जाता है। यहां स्थित मंगल ग्रह जातक के छोटे भाई पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। लाभ या हानि की परवाह किए बिना जातक अपने द्वारा बनाई गई प्रतिबद्धताओ ं से चिपका रहता है। उपाय: (1) विधवाओ ं का आशीर्वाद प्राप्त करें और गले में एक चांदी की चेन पहनें। (2) तंदरू की बनी मीठी रोटी कुत्तों को दें। (3) भोजन रसोई घर में ही करें । (4) अपने घर के अत में एक छोटा से अंधरे ा कमरा बनाएँ और उसमें सर्यू की रोशनी न आने दें। (5) धार्मिक स्थानों में चावल, गड़ु और चने की दाल भेंट करें । (6) किसी मिट्टी के बर्तन में ‘देशी खाडं ’ भरें और श्मशान भमि ू के पास दफनाए।ं बधु आपके 10th भाव में स्थित है दसम भाव का बृहस्पति सरकार की ओर से सहयोग प्रदान करता है। आजीविका के अच्छे साधन देता है। जातक को अपना काम हर तरह से करना आता है। किसी शेरमख ु ी घर में व्यापार करना जातक के लिए अच्छा रहेगा लेकिन ऐसे घर में निवास करना विनाशकारी होगा। उपाय: 1) शराब, मांस, अंडे और बहुत अधिक भोजन खाने से बचें। (2) चावल और दधू धार्मिक स्थानों में दान करें । गरुु आपके 10th भाव में स्थित है यह भाव शनि का घर होता है। इसलिए जातक जब खश ु होगा तो शनि के गणु ों को आत्मसात करे गा। यदि जातक चालाक और धर्तू होगा तभी बृहस्पति के अच्छे परिणाम का आनंद ले पाएगा। यदि सर्यू चौथे भाव में बृहस्पति बहुत अच्छा परिणाम देगा। चौथे भाव के शक्र ु और मंगल जातक के कई विवाह सनि ु श्चित करते हैं। यदि 2, 4 और 6 भावों में मित्र ग्रह हों तो पैसों और आर्थिक मामलों में बृहस्पति अत्यधिक लाभकारी परिणाम प्रदान करता है। यदि दसम में स्थित बृहस्पति नीच का हो तो जातक उदास और गरीब होता है। वह पैतकृ सम्पत्ति, जीवनसाथी और बच्चों से वचि ं त रहता है। उपाय: (1) कोई भी काम शरू ु करने से पहले अपनी नाक साफ करें । (2) नदी के बहते पानी में 43 दिनों के लिए तांबे के सिक्के बहाएं। (3) धार्मिक स्थानों में बादाम बाटें। (4) घर के भीतर मंदिर बनाकर मर्ति ू यां स्थापित न करें । (5) माथे पर के सर का तिलक लगाए।ं शक्र ु आपके 9th भाव में स्थित है इस घर में स्थित शक्र ु अच्छे परिणाम नहीं देता। जातक धनवान हो सकता है लेकिन अपनी रोटी के लिए उसे कडी मेहनत करनी पडेगी। उसे अपने प्रयासों का उचित परु स्कार नहीं मिलेगा। घर में परुु ष सदस्यों, पैसा, धन और सपं त्ति की कमी हो जाएगी। यदि शक्र ु बधु या किसी अशभु ग्रह के साथ है तो जातक सत्रह साल की उम्र से नशे और किसी रोग का शिकार हो जाएगा। उपाय: (1) घर की नींव में चांदी और शहद दबाएं। (2) यदि जातक स्त्री है तो लाल चड़ि ू याँ पहनें जिनमें चांदी की धारियां हों अथवा चादं ी की चड़ि ू याँ जिन पर लाल रंग की डिजाइनिंग हो। (3) किसी नीम के पेड़ के नीचे 43 दिनों के लिए चांदी का टुकड़ा दबाएं। शनि आपके 11th भाव में स्थित है जातक के भाग्य का निर्धारण उसकी उम्र के अडतालीसवें वर्ष में होगा। जातक कभी भी निःसंतान नहीं रहेगा। जातक चतरु ाई और छल से पैसे कमाएगा। शनि ग्रह राहु और के तु की स्थिति के अनसु ार अच्छा या बरु ा परिणाम देगा। उपाय: (1) किसी महत्वपर्णू काम को शरू ु करने से पहले 43 दिनों तक तेल या शराब की बदंू ें जमीन पर गिराए।ं (2) शराब न पियें और अपना नैतिक चरित्र ठीक रखें। राहु आपके 11th भाव में स्थित है ग्यारहवां घर शनि और बृहस्पति दोनों के प्रभाव में होता है। जब तक जातक के पिता जीवित हैं तब तक जातक अमीर होगा। वैकल्पिक रूप से, बृहस्पति की वस्तएु ं रखना सहयोगी सिद्ध होंगी। जातक के दोस्त अच्छे नहीं होंगे। उसे मतलबी लोगों से पैसा मिलेगा। पिता की मृत्यु के बाद जातक को गले में सोना पहनना चाहिए। यदि राहू के साथ नीच का मंगल ग्यारहवें भाव में हो तो जातक के जन्म के समय घर में सारी चीजें होंगी लेकिन धीरे धीरे करके सारी चीजें बरबाद होनें लगेंगी। यदि ग्यारहवें भाव में अशभु राहू हो तो जातक के अपने पिता सम्बधं ठीक नहीं होंगें यहां तक की जातक उन्हें मार भी सकता है। दसू रे भाव में स्थित ग्रह शत्रु की तरह कार्य करें गे। यदि बृहस्पति या शनि तीसरे या ग्यारहवें भाव में हों तो शरीर में लोहा पहनें और चांदी की गिलास में पानी पिएं। पांचवें भाव में स्थित के तू बरु े परिणाम देगा। कान, रीढ़, मत्रू से संबंधित समस्याएं या रोग हो सकते हैं। के तु से संबंधित व्यापार में नकु सान हो सकता है। उपाय: (1) लोहा पहनें और पीने के पानी के लिए चादं ी का गिलास का प्रयोग करें । (2) कभी भी कोई बिजली का उपकरण उपहार के रूप में न लें। (3) नीलम, हाथीदांत या हाथी का खिलौने से दरू रहें। के तु आपके 5th भाव में स्थित है पांचवां घर सर्यू का होता है। यह बृहस्पति से भी प्रभावित होता है। यदि बृहस्पति, सर्यू या चंद्रमा चौथे, छठवें या बारहवें घर में हों तो आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी होगी और जातक को पांच पत्रु हो सकते हैं। चौबीस साल की उम्र के बाद के तू स्वयमेव शभु हो जाता है। यदि पाचं वें भाव में के तू अशभु हो तो जातक अस्थमा से पीडित हो सकता है। के तू पाचं साल की उम्र तक अशभु परिणाम देता है। संतान सम्बन्धी समस्याएं होती हैं। उम्र के चौबीस साल बाद ही आजीविका शरू ु होती है। जातक अपने पत्रु ों के लिए शभु नहीं होता। उपाय: (1) दधू और चीनी दान करें । (2) बृहस्पति के उपाय उपयोगी रहेंगे।