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Maa Vindheswari Chalisa
Maa Vindheswari Chalisa
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ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
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विन्ध्येश्वरी चालीसा ॐ
ॐ ॥ दोहा॥ ॐ
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ॐ सं त जनों के काज में, करती नहीं वबलं ब॥ ॐ
ॐ
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॥ चौपाई ॥
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जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आवद शवि जगवबवदत भिानी॥ ॐ
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ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ
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ॐ तुम ही वहंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु वबज्ञानी॥ ॐ
ॐ
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तुम्हीं लक्ष्मी जग सुखद दाता। दुगाा दुगा वबनाससवन माता॥ ॐ
ap
तुम ही जाह्निी अरु उन्नानी। हेमािती अंबे वनरबानी॥
ॐ ॐ
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ॐ ॐ
पाटन मुं बा दंत कु मारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥
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बज्रिाररनी सोक नाससनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यिाससनी॥ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
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ॐ वबपवि तावह सपनेहु नवह आिै। जो देिी का जाप करािै॥ ॐ
ॐ
df
जो नर कहे ररन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥ ॐ
ap
वन:चय ररनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
ॐ ॐ
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ॐ ॐ
जो नर अवत बं दी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥
ॐ
वन:चय बं दी ते िु वट जाई। सत्य िचन मम मानहु भाई॥ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
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ॐ वनत प्रवत पाठ करै मन लाई। प्रेम सवहत नवह आन उपाई॥ ॐ
ॐ
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यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होिै अिनीसा॥ ॐ
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यह जवन अचरज मानहु भाई। कृ पा दृवष्ट जापर ह्वै जाई॥
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|| इवत श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||
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ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
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विन्ध्येश्वरी आरती ॐ
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पान सुपारी ध्वजा नाररयल ले तरी भेंट चढाया । सुन.।
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सुिा चोली तेरे अंग विराजे के सर वतलक लगाया । सुन.।
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नं गे पग अकबर आया सोने का िि चढाया । सुन.। ॐ
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उँ चे उँ चे पिात भयो वदिालो नीचे शहर बसाया । सुन.।
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ध्यानू भगत मैया तेरे गुण गािैं मनिांसित फल पाया । सुन.।
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ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ
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ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ