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Chaahate Hai Rehana Khush To Sveekaar Kare Sab Kuch

Press Note
Government PG College For Women Rohtak
World Environment Day: Earth ‘cannot keep up with our demands’
On the occasion of International Environment Day in the Government
Postgraduate Women's College on 3-4 May, the Science Society
successfully organized “National Videography Competition" on World
Environment Day's theme "Only One Earth” to spread awareness on
Environment Day. A total of 150 participants from all over India
submitted their contribution towards making the “Earth a better place to
live”. They expressd their innate imagination innovation and creativity
toward various issued namely Climate Change, Global Warming, Ozone
Layer Depletion, Water & Air Pollution, Solid Waste Management,
Deforestation and climate change. Dr Veena Sachdeva convener of
society informed us that Since 1973, on June 5 every year the day is
celebrated worldwide to raise awareness and generate political
momentum around growing environmental concerns, such as toxic
chemical pollution, desertification and global warming. Presently this
event has grown into a global action platform, helping to drive change in
consumption habits, as well as in national and international
environmental policy. Furthermore “It is vital to safeguard the health of
its atmosphere, the richness and diversity of life on Earth, its ecosystems
and its finite resources.  But we are failing to do so, we are asking too
much of our planet to maintain ways of life that are unsustainable. For
providing food, clean water, medicines, climate regulation and protection
from extreme weather events, a healthy environment is essential for
people and the Sustainable Development Goals.”  Mrs Poonam Bhanwala
Principal of the college congratulated the team of science society for
successfully organizing the National event on raising awareness on such
an important issue. She also added “It is essential that we wisely manage
nature and ensure equitable access to its services, food clean water and
air”.
प्रेस नोट
गवर्नमेंट पीजी कॉलेज फॉर विमेन रोहतक
विश्व पर्यावरण दिवस: पृथ्वी 'हमारी मांगों को पूरा नहीं कर सकती'
अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय
में 3-4 मई को पर्यावरण दिवस पर जागरूकता फै लाने के लिए साइंस सोसायटी ने
विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “के वल एक पृथ्वी” पर “राष्ट्रीय वीडियोग्राफी
प्रतियोगिता” का सफलतापूर्वक आयोजन किया। पूरे भारत से कु ल 150 प्रतिभागियों
ने "पृथ्वी को रहने के लिए एक बेहतर जगह" बनाने की दिशा में अपना योगदान
दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत की कमी, जल और
वायु प्रदूषण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन जैसे
विभिन्न विषयों के प्रति अपनी सहज कल्पना नवाचार और रचनात्मकता व्यक्त की।
विज्ञान समिति की संयोजिका डॉ वीना सचदेवा ने हमें बताया कि 1973 से हर
साल 5 जून को दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाने और बढ़ती पर्यावरणीय चिंताओं,
जैसे कि जहरीले रासायनिक प्रदूषण, मरुस्थलीकरण और ग्लोबल वार्मिंग के आसपास
राजनीतिक गति उत्पन्न करने के लिए मनाया जाता है। वर्तमान में यह आयोजन एक
वैश्विक एक्शन प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित हो गया है, जो उपभोग की आदतों में
बदलाव लाने में मदद करता है, साथ ही साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण नीति
में भी। इसके अलावा "इसके वातावरण के स्वास्थ्य, पृथ्वी पर जीवन की समृद्धि
और विविधता, इसके पारिस्थितिक तंत्र और इसके सीमित संसाधनों के स्वास्थ्य की
रक्षा करना महत्वपूर्ण है। भोजन, स्वच्छ पानी, दवाएं, जलवायु नियमन और चरम
मौसम की घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करने के लिए, लोगों और सतत विकास लक्ष्यों
के लिए एक स्वस्थ वातावरण आवश्यक है। महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती पूनम
भानवाला ने इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरूकता फै लाने के लिए राष्ट्रीय
कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए विज्ञान समिति की टीम को बधाई दी,
उन्होंने यह भी कहा, "यह आवश्यक है कि हम प्रकृ ति का बुद्धिमानी से प्रबंधन करें
और इसकी सेवाओं, भोजन, स्वच्छ पानी और हवा तक समान पहुंच सुनिश्चित करें"।

प्रेस विज्ञप्ति

राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय रोहतक

राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय में अं तर्राष्ट् रीय जै व विविधता दिवस के उपलक्ष पर दिनांक
19-20 मई को साइं स सोसायटी ने ललित कला विभाग के सहयोग से  दो दिवसीय कार्यशाला का
सफल समापन किया एवं 21 मई को प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें लगभग  सत्तर
प्रतिभागियों ने भाग लिया। साइं स सोसायटी की सं योजिका डॉक्टर वीना सचदे वा ने बताया कि
प्राकृतिक विविधता का जश्न मनाने और जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 22 मई को विश्व स्तर
पर अं तरराष्ट् रीय जै व विविधता दिवस के रूप में मनाया जाता है एवं जै व विविधता सचिवालय द्वारा
हर साल जै व विविधता दिवस की थीम स्लोगन की घोषणा होती है जो अभियान का स्तर से ट करता
है । इस वर्ष 2022 की थीम : सभी जीवन के लिए एक साझा भविष्य का निर्माण। दुनिया अभी भी
कोरोनावायरस महामारी से जूझ रही है इसलिए स्थाई रूप से जीने का विकल्प सभी को हर जगह
उपलब्ध कराया जाना चाहिए , सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक स्वस्थ ग्रह
महत्वपूर्ण है । हम सं साधनों को प्रकृति की तु लना में ते जी से कम कर रहे हैं । कोविड-19 ने हमें लोगों
और प्रकृति के बीच घनिष्ठ सं बंधों की याद दिला दी है । ललित कला सं योजिका दीपांजलि दयाल ने
हमें बताया कि सहयोगी कार्यक् रम के माध्यम से मैं ने जै व विविधता के महत्व के बारे में सीखा है और
विज्ञान स्ट् रीम के छात्र भी बहुत प्रतिभाशाली है । दो दिवसीय कार्यशाला में छात्राओं को अन्य
धाराओं की छात्राओं के साथ बातचीत करने का अवसर मिला जो उन्हें सहयोग करने के लिए प्रेरित
करता है जो आज के समय की आवश्यकता है ।क्योंकि यह सच है कि आप सबसे अच्छे और सफल हो
सकते हैं यदि आप दस ू रों को सफल होने में मदद करें । प्रतिभा खे ल जीतती है ले किन टीम वर्क और
इं टेलिजें स चैं पियनशिप जीतते हैं । कार्यक् रम की मु ख्य अतिथि प्रोफेसर एवं हे ड विनिता शु क्ला
डिपार्टमें ट ऑफ जूलॉजी एमडीयू रोहतक ने अपने वक्तव्य में बोला ,"यह अनु मान है कि यदि मौजूदा
रुझान जारी रहे तो 2050 तक 1000000 प्रजातियां विलु प्त हो सकती हैं । जै विक विविधता के लिए
अं तर्राष्ट् रीय दिवस इस मु द्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और हमारे ग्रह की जै व विविधता की रक्षा
के लिए कार्यवाही का आह्वान करता है ।" अं तरराष्ट् रीय जै व विविधता दिवस 2022 का विषय "सभी
जीवन के लिए एक साझा भविष्य" का निर्माण यह विषय जै व विविधता की रक्षा में हम में से प्रत्ये क
की भूमिका पर प्रकाश डालता है ।श्रीमती पूनम भनवाला प्रिं सिपल जीपीजीसी डब्ल्यू रोहतक ने
इस अवसर पर कहा "प्रकृति-आधारित समाधान उसे ले कर जलवायु , स्वास्थ्य के मु द्दों, खाद्य और जल
सु रक्षा और स्थाई आजीविका तक जै व विविधता वह आधार है जिस पर हम बे हतर तरीके से निर्माण कर
सकते हैं । इस प्रकार के समारोह और कार्यक् रम में न केवल छात्रों के बीच पौधों और जानवरों और
सूक्ष्म जीवों की विविधता के बारे में जागरूकता पै दा करते हैं बल्कि प्रकृति, जै व विविधता,
पारिस्थितिकी तं तर् से वाओं और मानव स्वास्थ्य और कल्याण के बीच सं बंधों की खोज भी स्वास्थ्य और
जै व विविधता सं रक्षण को बढ़ाने के अवसर प्रदान करते हैं । इस अवसर पर सीमा जै न, सविता परूथी,
दीपक, मं जू छिकारा, रे नू, सोनिका, सं केत, एकता विशे ष रूप से उपस्थित थे ।

Dr. Veena Sachdeva


Associate Professor in Botany
Government PG College for Women Rohtak

प्रेस नोट
गवर्नमेंट पीजी कॉलेज फॉर विमेन रोहतक
विश्व पर्यावरण दिवस: पृथ्वी 'हमारी मांगों को पूरा नहीं कर सकती'
अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय में 3-4 मई को
पर्यावरण दिवस पर जागरूकता फै लाने के लिए साइंस सोसायटी ने विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “के वल
एक पृथ्वी” पर “राष्ट्रीय वीडियोग्राफी प्रतियोगिता” का सफलतापूर्वक आयोजन किया। पूरे भारत से कु ल
150 प्रतिभागियों ने "पृथ्वी को रहने के लिए एक बेहतर जगह" बनाने की दिशा में अपना योगदान दिया।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत की कमी, जल और वायु प्रदूषण, ठोस अपशिष्ट
प्रबंधन, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन जैसे विभिन्न विषयों के प्रति अपनी सहज कल्पना नवाचार और
रचनात्मकता व्यक्त की।
विज्ञान समिति की संयोजिका डॉ वीना सचदेवा ने हमें बताया कि 1973 से हर साल 5 जून को दुनिया
भर में जागरूकता बढ़ाने और बढ़ती पर्यावरणीय चिंताओं, जैसे कि जहरीले रासायनिक प्रदूषण, मरुस्थलीकरण
और ग्लोबल वार्मिंग के आसपास राजनीतिक गति उत्पन्न करने के लिए मनाया जाता है। वर्तमान में यह
आयोजन एक वैश्विक एक्शन प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित हो गया है, जो उपभोग की आदतों में बदलाव
लाने में मदद करता है, साथ ही साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण नीति में भी। इसके अलावा "इसके
वातावरण के स्वास्थ्य, पृथ्वी पर जीवन की समृद्धि और विविधता, इसके पारिस्थितिक तंत्र और इसके
सीमित संसाधनों के स्वास्थ्य की रक्षा करना महत्वपूर्ण है। भोजन, स्वच्छ पानी, दवाएं, जलवायु नियमन और
चरम मौसम की घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करने के लिए, लोगों और सतत विकास लक्ष्यों के लिए एक
स्वस्थ वातावरण आवश्यक है। महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती पूनम भानवाला ने इस तरह के महत्वपूर्ण
मुद्दे पर जागरूकता फै लाने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए विज्ञान समिति की
टीम को बधाई दी, उन्होंने यह भी कहा, "यह आवश्यक है कि हम प्रकृ ति का बुद्धिमानी से प्रबंधन करें
और इसकी सेवाओं, भोजन, स्वच्छ पानी और हवा तक समान पहुंच सुनिश्चित करें"।

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