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वाराही ज्योितष एवं कमर्काण्ड।

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चिलत चक्र जनम् पित्रका में अक्सर आपनें रािश या लगन् कुणड् ली के अलावा भाव चिलत कुणड् ली को भी
बना देखा होगा। आज मैं आपको बताता ह�ं िक भावचिलत और रािश कुणड् ली में क्या फरक है और भाव चिलत
कुणड् ली से क्या देखा जाता है। रािश कुणड् ली जय् ोितष में मख
ु य् कुणड् ली है और यह बताती है िक ग्रहों और
लगन् क� रािश क्या है। जैसा िक नाम से ही सप् षट् है भाव चिलत कुणड् ली ग्रहों क� भाव िस्थित बताती है।
सामान्य तौर पर कौन सा ग्रह िकस भाव में बैठा है यह भी हम रािश कुणड् ली से देख लेते हैं जोिक सही नहीं है।
इसके िलए हमें हमेशा भाव चिलत कुणड् ली को देखना चािहए।
जय् ादातर समय रािश कुणड् ली और भाव चिलत कुणड् ली में ग्रहों क� िस्थित एक जैसी रहती है। पर जब कोई ग्रह
रािश कुणड् ली में कहीं और और भाव चिलत कुणड् ली में कहीं और होता है तो जय् ोितष के छात्र भ्रिमत हो जाते
हैं। इस िलए फलादेश के समय इन कुछ बातों का धय् ान रखें -
ग्रह अपनी दशा में िकस भाव का फल देगा यह हमेशा भाव चिलत कुणड् ली से देख।ें जैसे कोई ग्रह रािश कुणड् ली
में पहले भाव में बैठा हो तो हमें लगेगा िक वह अपनी दशा में सव् ास्थय् देगा। लेिकन मान िलिजए क� वह ग्रह
चिलत कुणड् ली में बारहवें भाव में चला गया तो िफर वह सव् ास्थय् क� जगह बारहवें भाव का फल जैसे
असप् ताल में भत� होना और अके लेपन जैसा फल जय् ादा देगा। अगर ग्रह क� भाव िस्थित भाव चिलत कुणड् ली
में बदल जाती है तो ग्रह उस भाव से जडु ा ह�आ फल देता है िजस भाव में वह भाव चिलत कुणड् ली में होता है।
सभी सॉफ्टवेयर में भाव चिलत कुणड् ली के साथ ही हर भाव का भाव मधय् िबनद् ु भी िदया जाता है। जो ग्रह
भावमध्य िबदं ु के िजतना पास होता है उतना क� जय् ादा फल उस भाव का दे पाता है। अगर कोई ग्रह भाव
प्रारमभ् िबनद् ु के पास हो तो िपछले भाव का फल भी देता है और भाव अन्त िबनद् ु के पास हो तो अगले भाव
का फल भी देता है। ऐसे ग्रहों क� दशा में जो भाव प्रारमभ् या भाव अनत् िबनद् ु के बह�त नजदीक हों, दो भावों के
िमलेजल ु े फल िमलते हैं।
ग्रहों क� भावगत िस्थित के अलावा अनय् सभी िवषय जैसे �ि�, यिु त, रािशगत िस्थित - उचच् , नीच, िमत्र, शत्रु
रािश आिद रािश चक्र से ही देखने चािहए।
योगों को भी हमेशा रािश कुणड् ली से ही देखना चािहए।
वाराही ज्योितष एवं कमर्काण्ड।
शा�ी िजग्नेश भानश ु क
ं र भाई शक्ु ल।
9909457888
नारोल।
अमदावाद।
कारे लावाला।

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