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• केरल को भगवान के अपने दे श के रूप में जाना जाता है । भूमम की यह सं करी पट्टी जो पूवव में पश्चिमी घाट पववत और पश्चिम में अरब सागर के बीि श्थित है , ननश्चित रूप से इसके शीर्वक तक रहती है । हरी-भरी हररयाली और कुरकुरी ताजी हवा, पन्ना जगमगाते बैकवाटसव, िाय के बागान और धान के खे त जैसी कई खूबसूरत िीजें हैं जो इसे पेश करती हैं । • भारतीय चिककत्सा पद्धनत आयुवेद का भी पयवटन के क्षेत्र में महत्वपू्व योगदान है . राज्य की आचिवक व्यवथिा में भी पयवटन का प्रमुख थिान है ।केरल के नतरुवनंतपरु म श्जले में श्थित कोवलम अपने खूबसूरत बीि और ताड़ के पेड़़ों के मलए प्रमसद्ध है . कोवलम के बीि ववचव के सबसे दशवनीय बीि़ों में चगने जाते हैं । • केरल सबसे खब ू सूरत पयव टन थिल़ों में से एक है , जो परू े साल कई पयव टक़ों को आकवर्वत करता है ।केरल में हरे भरे प्राकृनतक पररदृचय और किथटल साफ पानी हैं।खब ू सूरत बैकवॉटसव , हरे-भरे हररयाली, सुरम्य पहाड़ी शहर और खब ू सूरत समुद्र तट़ों के रूप में प्राकृनतक संु दरता की सं पवि के परर्ामथवरूप 'गॉड्स ओन कंट्री' का नाम आया है ।अरब सागर के बैकवाटसव के मलए जाना जाने वाला अलप्पझ ु ा बहुत खब ू सूरत है ।मुन्नार, केरल का हहल थटेशन, अपने मसाल़ों के मलए भी जाना जाता है - इलायिी, हल्दी, दालिीनी, कॉफी बीन्स, काली ममिव, कोको, जो िॉकलेट बनाने के मलए इथतेमाल ककया जाता है , काजू के बागान और कई जड़ी-बूहटयााँ जो आयुवेहदक दवाओं को बनाने के मलए बहुत प्रभावी रूप से उपयोग की जाती हैं। व्यापक िाय बागान, अववचवसनीय शहर, आरामदायक होटल और अद्भतु छुट्टी सवु वधाएं इसे केरल का एक लोकवप्रय हहल थटे शन बनाती हैं । समद्र की सुंदरिा केरल में नीली सागर की लहरें दे खने के मलए दरू -दरू से पयवटक खीिें िले आते हैं।केरल के कुछ प्रमसद्ध पयवटन थ िल इस प्रकार हैं:-- • कोवलम कोवलम में तीन अरद् द धिंद्राकार समुद्र तट हैं. इन तीऩों समुद्र तट़ों में से सवावचधक प्रमसद्ध ककनारा 'लाइटहाउस' है।इस समद्र ु ी तट पर पहुंिना भी सरल है. यह केरल की राजधानी नतरुवनंतपुरम से सोलह ककलोमीटर की दरू ी पर है। • बेकल बेकल केरल का एक अन्य समुद्री तट है, जो पयवटक़ों के मलए आकर्व् का केन्द्र है।बेकल का क़िला लंबे संद ु र नाररयल के पेड़़ों से नघरे दो द्वीप़ों के बीि में है।केरल में यह सबसे बड़ा व संरक्षक्षत क़िला है। पहाड़ों की सुंदरिा
• केरल के कुछ प्रमसद्ध हहल थटे शन मुन्नार,
मट्टुपेट्टी, नेमलयाम्पिी, पोनमुडी, िेक्कडी, पलक्कड़, कन्नूर, वायनाड, इडदकु ी, कासरगोड और कोझीकोड हैं। इन केरल हहल-थटे शऩों के सचित्र सौंदयव को शब्द़ों में नहीं समझाया जा सकता है ; इसे केवल महसस ू ककया जा सकता है । केरल में हहल थटे शऩों की यात्रा के लायक है । इन हहल थटे शऩों के रम्ीय हरे -भरे पररवेश को िाय, कॉफी और मसाले की खेती से घेरा गया है । अप्रवाही
• केरल के संद ु र बैकवॉटसव में अरब सागर के तट के
समानांतर श्थित झील़ों, नहऱों और लैगन ू के शांत खंड शाममल हैं। केरल का बैकवाटर क्षेत्र दनु नया के सबसे लोकवप्रय पयवटन थिल़ों में से एक है । शांत बैकवॉटर पररभ्रम् जीवनकाल के अनुभव में एक बार होते हैं। अलप्पझ ु ा, श्जसे 'पव ू व का वेननस' कहा जाता है , ववशेर् रूप से अपने हाउसबोट पररभ्रम् के मलए लोकवप्रय है , जहााँ आप प्रकृनत के बेहतरीन रूप में सोख सकते हैं।