Professional Documents
Culture Documents
Agro Climatic Zone 31
Agro Climatic Zone 31
com
1
www.byjusexamprep.com
कृषि-जलवायु क्षेत्र
• “कृषि-जलवायु क्षेत्र” प्रमुख जलवायु के संदर्भ में र्ूमम की एक इकाई है जो फसलों और
कृमिजोपजामि (फसलों की मकस्म) के मलए एक मिमिि सीमा िक उपयुक्त होिे हैं ।
• मियोजि का उद्दे श्य प्राकृमिक संसाधिों और पयाभ वरण की स्थिमि को प्रर्ामवि मकए मििा
िुमियादी आवश्यकिाओं जैसे मक र्ोजि, रे शा, चारा और ईंधि की लकडी को पूरा करिे के
मलए थिािीय संसाधिों का वैज्ञामिक प्रिंधि है ।
• कृमि-जलवायु की स्थिमि मुख्य रूप से मृदा के प्रकार, विाभ , िापमाि और जल की उपलब्धिा
को संदमर्भि करिी है जो विस्पमि के प्रकार को प्रर्ामवि करिी है ।
• कृमि-पाररस्थिमिक क्षे त्र र्ू मम सुधार पर आधाररि कृमि-जलवायु क्षेत्र से ििा र्ूमम की इकाई
है जो जलवायु और उपजाए जािे वाली समयावमध के मलए सं शोधक के रूप में कायभ करिा
है ।
कृषि-जलवायु क्षेत्र
• योजिा आयोग िे मसफाररश की है मक कृमि की योजिा कृमि आधाररि क्षेत्रों के आधार पर की
जािी चामहए।
• कृमि-जलवायमवक मवशेििाओं जैसे मक मृदा के प्रकार, िापमाि और विाभ समहि जलवायु
और इसकी मवमवधिा ििा जल संसाधि की उपलब्धिा के आधार पर दे श को सामान्य िौर
पर पंद्रह कृमि क्षे त्रों में मवर्ामजि मकया गया है , मिम्नािुसार हैं :
• पमिमी महमालयी प्रर्ाग
• पूवी महमालयी प्रर्ाग
• मिम्न गंगा का मैदािी क्षे त्र
• मध्य गंगा का मै दािी क्षे त्र
• ऊपरी गं गा का मैदािी क्षे त्र
• ट् ां स-गंगा का मै दािी क्षेत्र
• पूवी पठार एवं पहाडी क्षेत्र
• केंद्रीय पठार एवं पहाडी क्षेत्र
• पमिमी पठार एवं पहाडी क्षेत्र
• दमक्षणी पठार एवं पहाडी क्षेत्र
• पूवी िट का मै दाि एवं पहाडी क्षेत्र
• पमिम िटीय मैदाि एवं पहाडी क्षेत्र
• गुजराि का मैदाि एवं पहाडी क्षेत्र
• पमिमी मैदाि एवं पहाडी क्षेत्र
• द्वीप क्षेत्र
2
www.byjusexamprep.com
क्षेत्र 1- पषिमी षिमालयी क्षेत्र: इसमें केन्द्रशामसि प्रदे श जम्मू एवं कश्मीर ििा लद्दाख, महमाचल
प्रदे श और उत्तरां चल के कुमाऊं-गढ़वाल क्षे त्र शाममल हैं । यहााँ उच्चावच में काफी मर्न्निा मदखाई
दे िी है ।
• ग्रीष्म ऋिु मृ दु होिा है ले मकि समदभ यों का मौसम काफी कठोर होिा है ।
• औसि वामिभ क विाभ 150 से मी है ।
• घामटयों और िामलयों में जलोढ़ की मोटी परिें पाई जािी हैं , जिमक पहाडी ढलािों में र्ू रे रं ग
की पिली पहाडी ममट्टी होिी है ।
• इस क्षे त्र को उच्च विाभ एवं िफभ से ढकी पवभ ि चोमटयों के कारण कई िारहमासी धाराओं का
वरदाि ममला हुआ है मजिमें से गंगा, यमुिा, झेलम, मचिाि, सिलुज और ब्यास आमद
उल्ले खिीय हैं ।
• चावल इस क्षे त्र की मु ख्य फसल है मजसकी खे िी पहाडी ढलािों के साि खे िों में की जािी है ।
• मक्का, गे हं, आलू , जौ अन्य प्रमु ख फसलें हैं ।
• समशीिोष्ण फल जै से मक से ि और िाशपािी आमद जम्मू एवं कश्मीर और महमाचल प्रदे श
के कुछ र्ागों में उपजाए जािे हैं ।
• क्षे त्र में समशीिोष्ण सस्ियों, फूलों, और अदरक एवं केसर जै सी फसलों को उपजािे के मलए
अिुकूल जलवायु पररस्थिमियााँ पाई जािी है ।
क्षेत्र 2 - पूवी षिमालयी क्षेत्र: पूवी महमालयी क्षे त्र मसस्क्कम, दामजभमलं ग क्षेत्र (पमिम िंगाल),
अरुणाचल प्रदे श, असम की पहामडयों, िागालैं ड, मेघालय, ममणपुर, ममजोरम और मत्रपुरा में
मवस्तृि है ।
• यह िीहड थिलाकृमि, घिे वि आवरण और उप-आद्रभ जलवायु इस क्षे त्र की मवशे ििा है ।
• मृ दा का रं ग र्ू रा और कम उपजाऊ होिा है ।
• लगर्ग 33% कृमि वाले क्षे त्र में ‘थिािां िरण कृमि’ (झूम) मकया जािा है और खाद्य फसलों को
मुख्य रूप से मिवाभ ह के मलए उपजाया जािा है ।
• चावल, आलू , मक्का, चाय और फल (िारं गी, पाइि-से ि, चू िा, मलची आमद) मु ख्य फसलें हैं ।
क्षेत्र 3 - षिचला गंगा का मैदािी क्षेत्र: इस क्षेत्र में पू वी मिहार, पमिम िं गाल और असम घाटी शाममल
हैं ।
• यहााँ वामिभ क विाभ की मात्रा 100 से मी से 200 से मी के िीच होिी है ।
• चावल मु ख्य फसल है मजसे एक विभ में िीि क्रममक फसलों (अमि, औस और िोरो) के रूप
में उपजाया जािा है ।
• जू ट, मक्का, आलू और दालें अन्य प्रमु ख फसलें हैं ।
क्षेत्र 4 - मध्य गंगा का मैदािी क्षेत्र: यह पू वी उत्तर प्रदे श और मिहार को शाममल करिा है
(छोटािागपुर पठार को छोडकर)।
• यह गं गा िदी और उसकी सहायक िमदयों द्वारा मिक्षे मपि जलोढ़ उपजाऊ मै दाि है ।
• इस क्षे त्र में र्ू जल और सिही अपवाह की मवशाल क्षमिा है मजसका उपयोग िलकूप, िहरों
और कुओं के माध्यम से मसंचाई के मलए मकया जािा है ।
• रिी में चावल, मक्का, िाजरा ििा खरीफ में , गे हं, चिा, जौ, मटर, सरसों और आलू प्रमु ख
फसलें हैं ।
3
www.byjusexamprep.com
क्षेत्र 5 - ऊपरी गंगा का मैदािी क्षेत्र: इसके अं िगभ ि उत्तर प्रदे श के मध्य और पमिमी र्ागों को
शाममल मकया जािा है ।
• वामिभ क विाभ 75 से मी से 150 से मी के िीच होिी है । ममट्टी रे िीली दोमट है ।
• यहााँ मसं चाई की गहििा लगर्ग 131 प्रमिशि और फसल की गहििा 144 प्रमिशि है ।
• िहर, िलकूप और कुएाँ मसं चाई के प्रमु ख स्रोि हैं ।
• गहि कृमि इस क्षे त्र की मवशे ििा है जहां गे हं, चावल, गन्ना, िाजरा, मक्का, चिा, जौ, मिलहि,
दालें और कपास मु ख्य रूप से उपजाए जािे हैं ।
क्षेत्र 6 - ट् ां स गं गा का मै दािी क्षेत्र: ट् ां स गंगा मैदाि में पंजाि, हररयाणा, मदल्ली, चंडीगढ़ और
राजथिाि के गं गािगर मजले शाममल हैं ।
• जलवायु में 70 से मी और 125 से मी के िीच औसि वामिभ क विाभ के साि कम विाभ होिी है ।
• प्रमु ख फसलों में गे हं, गन्ना, कपास, चावल, चिा, मक्का, िाजरा, दाल और मिलहि आमद
शाममल हैं ।
• इस क्षे त्र िे मशीिीकरण की अमधक मात्रा के साि खे िी के आधु मिक िरीकों को अपिाया है ।
क्षेत्र 7 - पूवी पठार एवं पिाडी क्षेत्र: इसमें छोटािागपुर पठार राजमहल पहामडयााँ , छत्तीसगढ़
के मैदाि और दं डकारण्य शाममल हैं ।
• इस क्षेत्र में 80 सेमी से 50 सेमी वामिभक विाभ होिी है ।
• मृदा लाल और पीले रं ग की होिी है मजसमें लेटेराइट और जलोढ़ मृदा की पमट्टयााँ पाई जािी
है ।
• यहााँ विाभ आधाररि कृमि का चलि है ििा चावल, िाजरा, मक्का, मिलहि, रागी, चिा और
आलू जैसी फसलों को उपजाया जािा है ।
क्षेत्र 8 - केंद्रीय पठार एवं पिाडी क्षेत्र: यह क्षेत्र िुंदेलखंड, िघेलखंड, र्ां डेर पठार, मालवा पठार
और मवंध्याचल पहामडयों में मवस्तृि है ।
• जलवायु अधभ-शुष्क है और औसि वामिभ क विाभ 50 सेमी से 100 सेमी के िीच होिी है ।
• मृदा मममिि लाल, पीली और काली फसलें होिी हैं जैसे िाजरा, चिा, जौ, गेहं, कपास,
सूरजमुखी, आमद।
क्षेत्र 9 - पषिमी पठार एवं पिाडी क्षेत्र: इसमें मालवा पठार और दक्खि पठार (महाराष्ट््) का दमक्षणी
र्ाग शाममल है ।
• यह एक ऐसा क्षेत्र है जो 25 सेमी से 75 सेमी के िीच वामिभ क विाभ प्राप्त करिा है ।
• ज्वार, कपास, गन्ना, चावल, िाजरा, गे हं, चिा, दालें, आलू, मूं गफली और मिलहि प्रमु ख
फसलें हैं ।
• यह क्षे त्र अपिे संिरे , अं गूर और केले के मलए जािा जािा है ।
क्षेत्र 10 - दषक्षणी पठार एवं पिाडी क्षेत्र: इसमें दमक्षणी महाराष्ट््, किाभ टक, पमिमी आं ध्र प्रदे श और
उत्तरी िममलिाडु शाममल हैं ।
4
www.byjusexamprep.com
• जलवायु अधभ-शु ष्क है , मजसमें लगर्ग 50 प्रमिशि क्षेत्र में कृमि की जािी है , 81 प्रमिशि
शुष्क र्ूमम पर कृमि होिी है , और 111 प्रमिशि की कम फसल गहििा होिी है ।
• कॉफी, चाय, इलायची और मसाले किाभ टक पठार की पहामडयों में उगाए जािे हैं ।
क्षेत्र 11 - पूवी तटीय मैदाि एवं पिाडी क्षेत्र: इस क्षे त्र में कोरोमं डल और उत्तरी सकाभ र के िट
शाममल हैं ।
• मृदा की ििावट जलोढ़, दोमट और मचकिी प्रकार की होिी हैं ।
• प्रमुख फसलों में चावल, जूट, िम्बाकू, गन्ना, मक्का, िाजरा, मूंगफली और मिलहि
शाममल हैं ।
क्षेत्र 12 - पिमी तटीय मैदाि एवं घाट क्षेत्र: यह क्षेत्र मालािार और कोंकण िटों और सहामद्रयों में
मवस्तृि है ।
• चावल, िाररयल, मिलहि, गन्ना, िाजरा, दालें और कपास प्रमु ख फसलें हैं ।
• इस क्षेत्र को वागािी फसलों ििा मसालों के मलए र्ी जािा जािा है जो घाटों के पहाडी
इलाकों के साि उपजाए जािे हैं ।
क्षेत्र 13 - गुजरात का मैदािी एवं पिाडी क्षेत्र: इस क्षेत्र में कामठयावाड और माही ििा सािरमिी
िमदयों की उपजाऊ घामटयााँ शाममल हैं ।
• यह एक शुष्क क्षेत्र है मजसमें वामिभक विाभ 50 सेमी से 100 सेमी के िीच होिी है ।
• यहााँ पाई जािे वाली मवमर्न्न प्रकार की मृदा में- पठारी क्षेत्र में रे गुर, िटीय मैदािों में जलोढ़
और जामिगर में लाल और पीली मृदा शाममल हैं ।
• मूंगफली, कपास, चावल, िाजरा, मिलहि, गेहं और िम्बाकू प्रमु ख फसलें हैं ।
• यह प्रमु ख मिलहि उत्पादक क्षे त्र है ।
क्षेत्र 14 - पषिमी शुष्क क्षेत्र: इसमें पमिमी राजथिाि अरावली का पमिम र्ाग शाममल है ।
• गमभ रे िीले रे मगस्ताि, अमियममि विाभ (25 सेमी से कम वामिभ क), उच्च वाष्पीकरण,
ईिररयल जल मिकासी की उपस्थिमि और मवरल विस्पमि यहााँ की प्रमुख मवशेििा है ।
• र्ूजल िहुि गहरा और प्रायः खारा होिा है ।
• मोटे आिाज की फसलें जैसे- िाजरा, ज्वार और मोठ खरीफ की प्रमुख फसलें हैं और
रिी में गे हं एवं चिा उपजाया जािा है ।
• मरुथिलीय पाररस्थिमिकी में पशु धि िडे पैमािे पर योगदाि करिा है ।
क्षेत्र 15 - द्वीप क्षेत्र: द्वीप क्षेत्र में अंडमाि-मिकोिार और लक्षद्वीप शाममल हैं जहााँ सामान्य िौर पर
र्ूमध्यरे खीय प्रकार की जलवायु मवशे ििा पाई जािी है ।
• िटीय क्षेत्र की मृदा िलु ई होिी है जिमक घामटयों और मिचली ढलािों में ममट्टी से दोमट
और मचकिी होिी है ।
• यहााँ की प्रमुख फसलें चावल, मक्का, िाजरा, दालें, सुपारी, हल्दी और कसावा हैं ।
5
www.byjusexamprep.com
6
www.byjusexamprep.com
Agro-climatic zone
7
www.byjusexamprep.com
Zone 3 - Lower Gangetic Plains Region: This region includes eastern Bihar, West
Bengal and Assam valley.
• Here amount of annual rainfall is in between 100 cm-200 cm.
8
www.byjusexamprep.com
• Rice is the main crop which at times grows in three successive crops (Aman,
Aus and Boro) in a year.
• Jute, maize, potato, and pulses are other major crops.
Zone 4 - Middle Gangetic Plains Region: It encompasses eastern Uttar Pradesh
and Bihar (except Chotanagpur plateau).
• It is a alluvial fertile plain drained by Ganga River and its tributaries.
• The region has vast potential of ground water and surface runoff that is
utilised for irrigation through tube wells, canals and wells.
• Rice, maize, millets in, kharif, wheat, gram, barley, peas, mustard and
potato in rabi are major crops.
Zone 5 - Upper Gangetic Plains Region: This region incorporates central and
western parts of Uttar Pradesh.
• The annual rainfall between 75 cm- 150 cm. The soil is sandy loam.
• It has approx.,.131 per cent irrigation intensity and 144 per cent cropping
intensity.
• Canal, tube well and wells are the major source of irrigation.
• This is characterized by intensive agricultural region where wheat, rice,
sugarcane, millets, maize, gram, barley, oilseeds, pulses and cotton are the
grown mainly.
Zone 6 - Trans-Gangetic Plains Region: The Trans Ganga Plain includes
Punjab, Haryana, Delhi, Chandigarh and Ganganagar district of Rajasthan.
• The climate has semiarid with average annual rainfall between 70 cm and
125 cm.
• Major crops include wheat, sugarcane, cotton, rice, gram, maize, millets,
pulses and oilseeds etc.
• The region has adopted modern methods of farming with greater degree of
mechanisation.
Zone 7 - Eastern Plateau and Hills Region: It includes the Chotanagpur plateau
Rajmahal hills, Chhattisgarh plains and Dandakaranya.
• The region enjoys 80 cm-150 cm of annual rainfall.
• Soils are red and yellow with patches of laterites and alluviums.
• Rainfed agriculture is practiced coupled with growing of crops like rice,
millets, maize, oilseeds, ragi, gram and potato.
Zone 8 - Central Plateau and Hills Region: This region spreads over Bundelkhand,
Baghelkhand, Bhander plateau, Malwa plateau and Vindhyachal hills.
• The climate is semi-arid and average annual rainfall between 50 cm- 100 cm.
9
www.byjusexamprep.com
• Soils are mixed red, yellow and black growing crops like millets, gram,
barley, wheat, cotton, sunflower, etc.
Zone 9 - Western Plateau and Hills Region: This include southern part of Malwa
plateau and Deccan plateau (Maharashtra).
• This is a region that receives annual rainfall between 25 cm-75 cm.
• Jowar, cotton, sugarcane, rice, bajra, wheat, gram, pulses, potato,
groundnut and oilseeds are the chief crops.
• The area is known for its oranges, grapes and bananas.
Zone 10 - Southern Plateau and Hills Region: It incorporates southern
Maharashtra, Karnataka, western Andhra Pradesh and northern Tamil Nadu.
• The climate is semi-arid with nearly 50 per cent of area cultivated, 81 per
cent of dry land farming, and low cropping intensity of 111 per cent.
• Coffee, tea, cardamom and spices are grown along the hillslopes of
Karnataka plateau.
Zone 11 - East Coast Plains and Hills Region: This region consists of the
Coromandel and Northern Circar coasts.
• The soils are alluvial, loam and clay in texture.
• Major crops include rice, jute, tobacco, sugarcane, maize, millets,
groundnut and oilseeds.
Zone 12 - West Coast Plains and Ghats Region: This region spreads over the
Malabar and Konkan coasts and the Sahyadris.
• Rice, coconut, oilseeds, sugarcane, millets, pulses and cotton are the chief
crops.
• The region is also known for plantation crops and spices which are raised
along the hilly tracts of the Ghats.
Zone 13 - Gujarat Plains and Hills Region: This region consists of Kathiawar and
fertile valleys of Mahi and Sabarmati rivers.
• It is an arid region with annual rainfall lying between 50 cm-100 cm.
• The various soils present are- regur in the plateau region, alluvium in the
coastal plains, and red and yellow soils in Jamnagar.
• Groundnut, cotton, rice, millets, oilseeds, wheat, and tobacco are the chief
crops.
• It is major oilseed producing region.
Zone 14 - Western Dry Region: It includes western Rajasthan west of the
Aravallis.
10
www.byjusexamprep.com
• It is characterised by hot sandy desert, erratic rainfall (annual less than 25 cm),
high evaporation, presence of ethereal drainage and scanty vegetation.
• Ground water is very deep and often brackish.
• Millets crops such as- Bajra, jowar, and moth are the principal crops of
kharif and wheat and gram in rabi.
• Livestock contributes largely in desert ecology.
Zone 15 - The Islands Region: The island region consists of Andaman-Nicobar and
Lakshadweep which are characterized by typically equatorial type of climate.
• The soils varies from sandy along the cost to clayey loam in valleys and
lower slopes.
• The major crops are rice, maize, millets, pulses, areca nut, turmeric
and cassava.
11
www.byjusexamprep.com
12