सर्वाकर्षणसयुक्तं दुष्टव्याधिविनाशनम्। दीक्षाविधिविहीनं च कालाकालविवर्जितम्॥
वाङ्मात्रेण सर्वेषां फलदायकम्।
देशकाल च नियमितं सर्ववादिसु सम्मतम्॥८॥
यह 'महामन्त्र' बत्तीस अक्षरों
से युक्त है, समस्त पापों का नाशक है, सभी प्रकार की दुर्वासनाओं को जलाने के लिए अग्निस्वरूप है, धर्म- अर्थ, काम-मोक्ष को देने वाला है, दुर्बुद्धि को हरने वाला है, एवं शुद्धसत्त्वस्वरूप भगवद्वृ त्तिवाली बुद्धि को देनेवाला है।