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पृ

वी का अमृ
त है
भारतीय न ल क गाय ( दे
शी गाय )का
ध इसको प व भागवत ही नही ब क कु
रआन-ए-पाक
म भी थान दया गया है

भारतीय न ल क गाय ( दे
श ी गाय ) के ध के
येगु
ण नह जानते
ह गे
आप इसके
गुण म वो श है

सं
सार केकसी भी ध म नही है
इसी लए इसको प व भागवत या अ य ह थ ही नही ब क कु
रआन-ए
-पाक म भी थान दया गया है
इसे
कायाक प कर दे
ने
व◌ाला शफ़ा बताया गया है
हर वो चीज़ शफ़ा/से
हत
केलए लाभ द है
या अमृ
त सामान है
जो गाय के ध से
बनी है

भारतीय न ल क गाय ( दे
श ी गाय ) का ध पृ
वी पर सव म आहार है
। उसे
मृयु
लोक का अमृ
त कहा गया
है
। मनु
यक श एवं
बल को बढ़ाने
वाला गाय का ध जै
सा सरा कोई ेपदाथ इस लोक म नह है

पं
चामृ
त बनाने
म इसका उपयोग होता है
। गाय का ध पीला होता है
और सोने
जैसे
गु
ण से
यु होता है

के
वल गाय के ध म ही वटा मन ए होता है
, कसी अ य पशु
के ध म नह ।

भारतीय न ल क गाय ( दे
श ी गाय ) का ध अ यं
त वा द , न ध, मु
लायम, चकनाई से
यु, मधु
र,
शीतल, चकर, बु वधक, बलवधक, मृ
तवधक, जीवनदायक, र वधक, वाजीकारक, आयु
यकारक
1.भारतीय न ल क गाय
एवं
सवरोग को हरने
वाला है

कभी नह होगा कसर :


भारतीय न ल क गाय ( दे
श ी गाय ) क पीठ पर
मोटा सा ह प होता है
! जसमे
सूयके
तुनाड़ी
होती ह, जो सू
य क करण के
संपक म आते
ही
अपनेध म वण का भाव छोड़ती ह। जस
कारण गाय के ध म वण त व समा जाते
ह।
दे
सी गाय का ध पीने
सेकभी भी कसर का रोग
नह होगा।

भारतीय न ल क गाय ( दे
श ी गाय ) ǥ का ध गु
ण का भ डार ह, इस ध से
अने
क बीमा रया सही
होती ह, जन कारण से
ही भारत के
लोगो म गाय के त अपार ने
ह ा और मातृ
व भाव होता ह। आज
हम जानगे
के ध के
ऐसे
अनजाने
गु
ण जो हमने
कभी सु
ने
ही नह थे
और जन वजह से
येअमृ
त तुय ह।

जीवन भर भारतीय न ल क गाय ( दे


श ी गाय ) का ध पीने
वाले कसर जै
सेभयानक रोगो से
बचे
रहते
ह। इसका ध नरं
तर से
वन करने
सेहमारी रोग तरोधक श इतनी बढ़ जाती ह के
कोई रोग नज़द क
नह फटकता। चाहे
वो सद खां
सी हो, दय रोग हो, पे
ट के
रोग, प◌ुषो के
रोग हो या य के
रोग हो।

भारतीय न ल क गाय ( दे
शी गाय ) ǥ के ध म सोना :
भारतीय न ल क गाय क रीढ़ क ह ी म सू
यके
तुनाड़ी होती ह। सू
य क करणे
जब गाय के
शरीर को छू
ती ह,
तब सू
यके
तुनाड़ी सू
य क करण से
सोना बनाती ह। इसी कारण गाय के ध और म खन म पीलापन होता ह,
गाय के ध म वषनाशक त व होते
ह। गाय का द◌ू
ध पीने
सेशु सोना शरीर म जाता ह। ध म मौजू
द ोट न
“के
सीन” क वजह से
इसका रं
ग सफ़े
द होता ह। ध म सबसे
पौ क त व ह कै शयम और वटा मन डी।
कै शयम हमारी ह य और दाँ
तो को मज़बू
त बनाता ह और वटा मन डी कै शयम को सोखने
म मदद
करता ह।

ध कै
सा पीना चा हए :
ध को अ धक दे
र तक गम नह करना चा हए। पतले
लोगो को मलाईदार ध और मोटे
लोगो को म खन
नकला आ ध पीना चा हए। गाय का आधा कलो ध अपनेवशे
ष गु
ण के
कारण 250 ाम मां
स और
तीन अ डो से
अ धक मूयवान ह। ध पू
ण भोजन ह। इसम सभी कार के
जीवनोपय◌ोगी पदाथ होते
ह।

ध पीने
का समय :
2.भारतीय न ल क गाय
अ सर लोग ध रात म पीते
ह, मगर ध पीने
का सब से
ब ढ़या समय सु
बह ह। ध का सही पाचन सू
यक
गम से
ही होता ह। को शश करे
रात क बजायेध सु
बह ही पए। और रात को भी पीना हो तो सोने
सेकम से
कम तीन घं
टे
पहलेपए।

धारो ण ध के
फायदे
:
धारो ण ध मतलब ताज़ा नकला आ, छानकर, बना गम कया आ म ी या शहद, भगोई यी कश मश
का पानी मलाकर 40 दन म वीय शु होता ह। ने यो त, मरण श बढ़ती ह। खु
जली, नायु
दौब य,
ब चो का सू
ख ा रोग, य रोग(ट बी) ह ट रया, दय क धड़कन आ द म उपयोगी ह। यह छोटे
छोटे
बालको
केलए ब त फायदे
मं
द ह।

यादा उबालने
सेहोते
ह पोषक त व न ।
ध हमे
श ा ताज़ा धारो ण ही पीना चा हए, य द ये
सं
भव ना हो तो ध गम कर केपए, ध को यादा
नह उबालना चा हए, अ धक उबालने
सेध म
ज़ री पोषक त व न हो जाते
ह। ध को उलट
पु
लट कर के
झाग बना कर पीना चा हए, ये
झाग
ब त लाभदायक होता ह।

चीनी मलाने
केनु
कसान :
ध म चीनी नह मलनी चा हए। चीनी मलाने
से
ध म मौजू
द कै शयम न हो जाता ह। ध म
ाकृतक मठास होती ह, थोड़ेदन बना चीनी का
ध पएं
गे
तो आपको ध क ाकृतक मठास आने
लगे
ग ी। अगर मीठा मलाना हो तो आप लो का रस,
मु
न का को भगो कर इसका पानी, लू
क ोस, ग े
का रस मला सकते
ह। बु
रा खां
ड या म ी मला आ ध
वीयवधक और दोष नाशक होता ह।

जनको ध पचता ना हो :
जन लोगो को ध पचता नह वो लोग ध म एक पीपल या शहद डाल कर पए, इस से
वायु
नह बने
ग ी। ध
शी पचे
ग ा, ध अगर बाद करता हो तो अदरक के
टुकड़े
या स ठ का चू
ण और कश मश मलकर से
वन करे

3.भारतीय न ल क गाय
कन रोगो म ध नह पीना चा हए :
खां
सी, दमा, द त, पे
चश, पे
ट दद और अपच आ द रोगो म ध नह पीना चा हए। इन रोगो म ताज़ा छाछ
(म ा) पीना चा हए। घी भी इन रोगो म नह ले
ना चा हए।

आयु
वद म अगर ध कहा जाए तो इसको भारतीय गाय का ध ही समझना चा हए। अगर कोई सरे
जीव का
ध हो तो वो वशे
ष प से
बताया जाता ह जै
सेभस का ध, बकरी का ध इ या द।

ध म अने
को ख नज और पौषक त व :
वैा नक के
अनु
सार गाय के ध म 8 कार के ोट न, 6 कार केवटा मन, 21 कार के
ए मनो ए सड, 11
कार के
चब यु ए सड, 25 कार के
ख नज त व, 16 कार के
नाइ ोजन यौ गक, 4 कार के
फा फोरस
यौ गक, 2 कार क शकरा, इसके
अलावा मुय ख नज
सोना, ताँ
बा, लोहा, कै शयम, आयोडीन, लो रन,
स लकॉन आ द भी पाये
जाते
ह। इन सब त व के
व मान होने
सेगाय का ध एक उ कृ कार का रसायन
(टॉ नक) है
, जो शरीर म प च
ँकर रस, र , मां
स, मे
द,
अ थ, म जा और वीय को समु
चत मा ा म बढ़ाता है
। यह
प शामक, बु वधक और सा वकता को बढ़ाने
वाला है

गाय के ध से
1 ाम भी कोलो ट◌्
रोल नह बढ़ता।

ज़हर भी समा ले
ती ह भारतीय न ल क
गाय ( दे
शी गाय ) :
य द गाय कोई वषै
ला पदाथ खा जाती है
तो उसका भाव उसके ध म नह आता। गाय के
शरीर म सामा य
वष को पचाने
क अदभु
त मता है
। ये
ज़हर दे
सी गाय के
गले
केनीचे
लटकने
वाले
मां
स म ही रह जाता ह।
एक शोध कया गया जस म हर रोज़ दे
सी गाय को और अमे
रकन ग◌ाय को भोजन म थोड़ा थोड़ा ज़हर दया
गया , और जब उनका ध नकाला गया तो दे
श ी गाय के ध म कोई भी ज़हरीला त व नह मला और
अमे
रकन गाय म वही ज़हर पाया गया जो उसको खलाया गया।

अने
क बीमा रयो म ह इसके
फायदे
:
• गाय का ध, जीण वर, मान सक रोग , मू
छा, म, संहणी, पां
डु
रोग, दाह, तृ
षा, दयरोग, शू
ल, गुम,
र प , यो नरोग आ द म ेहै

4.भारतीय न ल क गाय
• गाय को शतावरी खलाकर उस गाय के ध पर मरीज को रखने
से य रोग (T.B.) मटता है

• कारने
ल व व ालय के
पशु
व ान के
वशे
ष ोफे
सर रोना ड गोरायटे
कहते

क गाय के ध सेा त होने
वाले
MDGI
ोट न के
कारण शरीर क को शकाएँ
कसरयु होने
सेबचती ह।

• गाय के ध से
कोले
टरोल नह बढ़ता
ब क दय एवं
र क धम नय के
सं
क ोचन का नवारण होता है
। इस ध म
ध क अपेा आधा पानी डालकर, पानी
जल जाये
तब तक उबालकर पीने
सेक चे
ध क अपेा पचने
म अ धक ह का
होता है

• गाय के ध म उसी गाय का घी मलाकर पीने


सेऔर गाय के
घी से
बनेए हलु
ए को, सहन हो सके
उतने
गम-गम कोड़े
जीभ पर फटकारने
सेकसर मटने
क बात जानने
म आयी है

• गाय के ध म दै
वी त व का नवास है
। गाय के ध म अ धक से
अ धक ते
ज त व एवं
कम से
कम पृ
वी
त व होने
केकारण तभा स प होता ह◌ै
और उसक हण श (Grasping Power) खलती
है
। ओज-ते
ज बढ़ता है
। इस ध म व मान ‘से
री ोसाडस’ त व दमाग एवं
बु केवकास म सहायक है

• रे
डयोधम व करण के भाव को भी कर दे
ती ह न ।

के
वल गाय के ध म ही Stronitan त व है
जो क अणु
व करण का तरोधक है
। Russian वैा नक
( स वैा नक शरो वच) गाय के
घी- ध को एटम बम के
अणु
कण केवष का शमन करने
वाला मानते

और उसम रासाय नक त व नह के
बराबर होने
केकारण उसके
अ धक मात◌्
रा म पीने
सेभी कोई ‘साइड
इफेट’ या नु
कसान नह होता। www.allayurvedic.org

• तु
रं
तश दे
ना वाला ह इसका ध।

त दन गाय के ध के
सेवन से
तमाम कार के
रोग एवं
वृाव था न होती है
। उससे
शरीर म त काल वीय
उ प होता है

• एलोपै
थी दवा , रासाय नक खाद , षण आ द के
कारण हवा, पानी एवं
आहार के ारा शरीर म जो वष
एक त होता है
उसको न करने
क श गाय के ध म है

5.भारतीय न ल क गाय

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