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Rasa Shasta -Ayurvedic Pharmaceuticals

“महारस प्रकरण’’

Dr.Praveen Raghuwanshi, M.D. (Ayu.)


Pt.Khushilal Sharma Government
Ayurved College, Bhopal
5 September 2020 Dr.PRAVEEN RAGHUWANSHI
महारस के नाम

• ‘’अभ्रवैक्ाांतमाक्षिकववमलाद्रिजसस्यकम
चपलोरसकश्चेती ज्ञात्वाअष्टो सांग्रह्रह्र्द्सान’’
( र.र.स.02 )

5 September 2020 Dr.PRAVEEN RAGHUWANSHI


क्र. महारस नाम पर्ाार् ENGLISH
NAME
01 अभ्रक गौरीतेज, अनांत, अभ, व्योम, वज्र, वज्रक, Mica / Biotite
ख,
02 वैक्ाांत कुवज्रक, जीणणवज्रक, चूणणवज्रक, शोभामिण Tourmaline/
Fluorspar
03 माक्षिक तापीय, धातम
ु ाक्षिक, हे ममाक्षिक Chalcopyrite/
Cu2SFe2S3
04 ववमल तार, तारज, ववमल Iron Pyrite/
fe2S3
05 आद्रिज(शशलाजीत शै लय, शशलाय, शशलाननयाणस Black Bitumin
&
KNO3
06 सस्यक मयूरक, तुथ्य, अम्रतासां ग, Blue Vitrol Cupper
Sulphite/
Cu2SO4 5 H2O
07 चपल - Bismith / Bi

रसक
08 5 September 2020
खपणर, नेत्रDr.PRAVEEN
रोगारर, RAGHUWANSHI
रीनतकृत Calamine /
ZnCO3
क्र. महारस शोधन िव्य एवां ववधध मारण / भस्मीकरण द्रव्र्
एवं ववधि
01 अभ्रक त्रत्रफलाक्वाथ/काांजी//गोमूत्र में रक्ततप्त अभ्रक धान्याभ्रक में कासमर्ण की
को 7 बार बझ ु ाना भावना =10 गजपट ु

02 वैक्ाांत कुल्थक्वाथ/ कोर्ोक्वाथ/कर्लीपत्र स्वरस/ वैक्ाांत + गांधक+ ननम्बू


अश्वमत्र
ु के साथ र्ोलायांत्र में 3 घांटे स्वेर्न भावना = 8 गजपट ु

03 माक्षिक त्रत्रफलाक्वाथ/भृांगराज स्वरस/ एरां ड तेल/कर्ली माक्षिक + गांधक+ ननम्बू


स्वरस के साथ र्ोलायांत्र में 3 घांटे स्वेर्न भावना = 5 बराहपट ु

04 ववमल वासा स्वरस/मेषश्ृांगी स्वरस के साथ र्ोलायांत्र ववमल + गांधक + लकुच


में 3 घांटे स्वेर्न भावना = 10 गजपटु

05 शशलाजीत त्रत्रफलाक्वाथ/भृांगराज स्वरस में प्रिालन आवश्यक नहीां हे

06 सस्यक रक्त वगण/स्नेह वगण के िव्यों की भावना सस्यक+गांधक + टां कण लकुच


की भावना=3कुक्कुट पटु

07 चपल जांबीरी रस/ बन्र्द्याककोती की भावना चपल + गांधक + ननगुणन्डी


भावना = बालुका यांत्र पाक

08 रसक बीजपरु रस/ नरमूत्र/ अश्व्मुत्र में चपल को रसक + पारर् = बालुका यांत्र
5 September 2020 रक्त तप्त कर 7 बार बझु ानाRAGHUWANSHI
Dr.PRAVEEN में पाक करने पर
क्र. महारस भे द

01 अभ्रक 1 वपनाक 2 नाग 3 मां डूक 4 वज्र


सभी के 4 -4 भे र् –श्वेत,कृष्ण,रक्त,पीत, * कृष्णवज्र अभ्रक - श्े ष्ठ
02 वैक्ाांत 1 श्वेत 2 कृष्ण 3 रक्त 4 पीत 5 श्याम 6 नील 7 कबुरण 8
पारावत
03 माक्षिक 1 स्वणण माक्षिक 2 रौप्य माक्षिक

04 ववमल 1 हे म 2 तार 3 कास्य

05 शशलाजीत 1 स्वणण 2 रजत 3 ताम्र 4 लौह–श्े ष्ठ ( चरक )5 नाग 6 वांग(सु )


1 गोमूत्र गन्धी 2 कपरू ण गन्धी ( रस ग्रहांथो के अनस
ु ार )
06 सस्यक 1 रक्त 2 कशलका

07 चपल 1 श्वेत 2 कृष्ण 3 अरुण 4 गौर

08 रसक 1 र्र्ण रु ( सत्वपातन हे तु ) 2 कारबेल्लक ( औषध कायण हे तु )


5 September 2020 Dr.PRAVEEN RAGHUWANSHI
क्र. महारस योग प्रार्ोधिक मात्रा

01 अभ्रक आरोग्यवधधणनी वटी, पांचामृत पपणटी, योगेन्ि रस 1- 2 रत्ती


शतपटु ी, सहस्त्र पट
ु ी अभ्रक भस्म

02 वैक्ाांत सूधचका भरण रस, रत्नधगरी रस 1/24 – 1/11 रत्ती

03 माक्षिक चांिप्रभा वटी, पांचामत


ृ पपणटी, प्रभाकर वटी, जयमांगल रस 1/2 – 2 रत्ती

04 ववमल िय्केसरी रस, मर्न सांजीवन रस 1/2 – 1 रत्ती

05 शशलाजीत आरोग्यवधधणनी वटी, चांिप्रभा वटी, शशलाजत्वार्ी वटी, 1, 2, 4 तोला


शशवा गद्रु टका, शशलाजत्वार्ी लौह क्र. अवर मध्र्म
उतम मात्रा
06 सस्यक जात्यार्ी तेल, जात्यार्ी घत
ृ , सजणरस मलहम 1/8 – 1/4 रत्ती

07 चपल - 1/2 – 1 रत्ती

08 रसक लक्ष्मीववलास रस, वसांतमालती रस, महाज्वारां कुश रस


5 September 2020 Dr.PRAVEEN RAGHUWANSHI

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