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भारतीय मीडिया - विकिपीडिया
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भारतीय मीडिया - विकिपीडिया
प्रथम चरण
भारत में मीडिया के विकास के पहले चरण को तीन
हिस्सों में बाँट कर समझा जा सकता है। पंद्रहवीं और
सोलहवीं सदी में ईसाई मिशनरी धार्मिक साहित्य का
प्रकाशन करने के लिए भारत में प्रिंटिंग प्रेस ला चुके थे।
भारत का पहला अख़बार बंगाल गज़ट भी 29 जनवरी
1780 को एक अंग्रेज़ जेम्स ऑगस्टस हिकी ने
निकाला। चूँकि हिकी इस साप्ताहिक के ज़रिये भारत में
ब्रिटिश समुदाय के अंतर्विरोधों को कटाक्ष भरी भाषा में
व्यक्त करते थे, इसलिए जल्दी ही उन्हें गिरफ्तातार कर
लिया गया और दो साल में अख़बार का प्रकाशन बंद हो
गया। हिकी के बाद किसी अंग्रेज़ ने औपनिवेशिक हितों
पर चोट करने वाला प्रकाशन नहीं किया।
द्वितीय चरण
चूँकि भारतीय मीडिया के दोनों ध्रुवों ने उपनिवेशवाद
विरोधी संघर्ष के पक्ष या विपक्ष में रह कर ही अपनी
पहचान बनायी थी, इसलिए स्वाभाविक रूप से
राजनीति उसका कें द्रीय सरोकार बनती चली गयी। 15
अगस्त 1947 को जैसे ही सत्ता का हस्तांतरण हुआ
और अंग्रेज़ भारत से जाने के लिए अपना बोरिया-बिस्तर
समेटने लगे, मीडिया और सरकार के संबंध बुनियादी
तौर से बदल गये। एक तरफ़ तो अंग्रेज़ों द्वारा लगायी
गयी पाबंदियाँ प्रभावी नहीं रह गयीं, और दूसरी तरफ़
ब्रिटिश शासन की पैरोकारी करने वाले ज़्यादातर
अख़बारों का स्वामित्व भारतीयों के हाथ में चल गया।
लेकिन इससे भी ज़्यादा महत्त्वपूर्ण यह था कि मीडिया ने
राजनीतिक नेतृत्व के साथ कं धे से कं धा मिला कर
आधुनिक भारतीय राष्ट्र का निर्माण करना शुरू किया।
मीडिया के विकास का यह दूसरा चरण अस्सी के दशक
तक जारी रहा। इस लम्बे दौर के चार उल्लेखनीय
आयाम थे :
1. एक सुपरिभाषित ‘राष्ट्र-हित’ के
आधार पर
आधुनिक भारत के निर्माण में सचेत और सतर्क
भागीदारी की परियोजना,
2. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती करने की
सरकारी कोशिशों के ख़िलाफ़ संघर्ष,
3. विविधता एवं प्रसार की ज़बरदस्त उपलब्धि के
साथ-साथ भाषायी पत्रकारिता द्वारा अपने महत्त्व
और श्रेष्ठता की स्थापना, और
4. प्रसारण-मीडिया की सरकारी नियंत्रण से एक
सीमा तक मुक्ति।
स्वतंत्र भारत में सरकार को गिराने या बदनाम करने में
प्रेस ने कोई रुचि नहीं दिखाई। लेकिन साथ ही वह सत्ता
का ताबेदार बनने के लिए तैयार नहीं था। उसका रवैया
रेडियो और टीवी से अलग तरह का था। रेडियो-प्रसारण
करने वाली 'आकाशवाणी' पूरी तरह से सरकार के हाथ
में थी। 1959 में ‘शिक्षात्मक उद्देश्यों’ से शुरू हुए
टेलिविज़न (दूरदर्शन) की प्रोग्रामिंग की ज़िम्मेदारी भी
रेडियो को थमा दी गयी थी। इसके विपरीत शुरू से ही
निजी क्षेत्र के स्वामित्व में विकसित हुए प्रेस ने सरकार,
सत्तारूढ़ कांग्रेस, विपक्षी दलों और अधिकारीतंत्र को
बार-बार स्व-परिभाषित राष्ट्र-हित की कसौटी पर कस
कर देखा। यह प्रक्रिया उसे व्यवस्था का अंग बन कर
उसकी आंतरिक आलोचना करने वाली सतर्क एजेंसी
की भूमिका में ले गयी। भारतीय मीडिया के कु छ
अध्येताओं ने माना भी है कि अंग्रेज़ों के बाद सरकार को
दिया गया प्रेस का समर्थन एक ‘सतर्क समर्थन’ ही था।
प्रिंट मीडिया
<[1]
अंग्रेजी दैनिक
1. टाइम्स ऑफ इंडिया
2. हिंदुस्तान टाइम्स
3. हिन्दू
4. मुंबई मिरर
5. तार
6. नवभारत टाइम्स
7. मिड डे
8. द ट्रिब्यून
9. डेक्कन हेराल्ड
10. डेक्कन क्रॉनिकल
11. गोंड़वाना टाइम्स
[1]
क्षेत्रीय दैनिक समाचार पत्र
1. मलाला मनोरमा (मलयालम)
2. डेली थंथी (तमिल)
3. मातृभूमि (मलयालम)
4. लोकमत (मराठी)
5. गोंड़वाना समय (गोंडी)
6. आनंदबाजार पत्रिका (बंगाली)
7. एनाडु (तेलगु)
8. गुजरात का समाचार (गुजराती)
9. सकाल (मराठी)
10. संदेश (गुजराती)
11. साक्षी (मराठी)
12. दैनिक समाचार भारत मीडिया ( हिंदी )
[1]
अंग्रेजी पत्रिकाएं
1. इंडिया टुडे
2. प्रतियोगिता दर्पण
3. सामान्य ज्ञान आज
4. स्पोर्टस्टार
5. प्रतियोगिता सफलता की समीक्षा
6. आउटलुक
7. रीडर्स डाइजेस्ट
8. फिल्मफे यर
9. हीरा क्रिके ट आज
10. फे मिना
[1]
क्षेत्रीय पत्रिकाएं
1. वनिता (मलयालम)
2. मथुरुभूमि अरोग्य मास्का (मलयालम)
3. मनोरमा ठोज़लिवेदी (मलयालम)
4. कु मूदम (तमिल)
5. कर्मसंगठन (बंगाली)
6. मनोरमा थोजिलवार्थ (मलयालम)
7. गृल्हाक्ष्मी (मलयालम)
8. मलयालम मनोरमा (मलयालम)
9. कुं गुमम (तमिल)
10. कर्मक्षेत्र (बंगाली)
11. गोंडवाना नवयुग (गोंडी)
12. लोक संवेदना दस्तक एवं आदिवासी विजन
[1]
इन्हें भी देखें
हिन्दी मीडिया
अभिलेखागार
प्रेस की स्वतंत्रता
प्रोपेगंडा
सन्दर्भ
अम्बिका प्रसाद वाजपेयी (1986), समाचारपत्रों का
इतिहास, ज्ञानमण्डल, वाराणसी।
हिरण्यमय कार्लेकर (2002), ‘द मीडिया :
इवोल्यूशन, रोल ऐंड रिस्पांसिबिलिटी’।
एन.एन. वोहरा और सव्यसाची भट्टाचार्य (सम्पा.),
लुकिंग बैक : इण्डिया इन ट्वेंटियथ सेंचुरी, एनबीटी
और आईआईसी, नई दिल्ली।
मोहित मोइत्रा (1993), अ हिस्ट्री ऑफ़ जर्नलिज़म,
नैशनल बुक एजेंसी, कोलकाता।
आर. पार्थसारथी (1989), जर्नलिज़म इन इण्डिया :
फ़्रॉम द अर्लिएस्ट टाइस्म टु प्रज़ेंट डे, स्टर्लिंग
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एस.पी. शर्मा (1996), द प्रेस : सोसियो-पॉलिटिकल
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सेज पब्लिके शंस, नई दिल्ली.
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1987-1997, अप्रकाशित थीसिस, ओहाइयो स्टेट
युनिवर्सिटी, कोलम्बस.
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(सम्पा.), कं टम्परेरी टेलिविज़न : ईस्टर्न पर्सपेक्टिव्ज़,
सेज, नई दिल्ली,
पी.सी. चटर्जी (1987), ब्रॉडकास्टिंग इन इण्डिया,
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अक्टूबर.
1. "PDF File" (https://web.archive.org/we
b/20171118152927/http://www.mruc.
net/sites/default/files/IRS%202014%2
0Topline%20Findings_0.pdf) (PDF)
(अंग्रेज़ी में). mruc.net. मूल (http://www.mr
uc.net/sites/default/files/IRS%20201
4%20Topline%20Findings_0.pdf)
(PDF) से 18 नवंबर 2017 को पुरालेखित.
अभिगमन तिथि 29 अगस्त 2017.
"https://hi.wikipedia.org/w/index.php?
title=भारतीय_मीडिया&oldid=5668660" से प्राप्त
अन्तिम परिवर्तन 08:12, 17 अक्टूबर 2022। •
उपलब्ध सामग्री CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से
उल्लेख ना किया गया हो।