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बताइए _

1. सकं दर कस बात पर   और    मु हो गया था

?
उ र .  सकं दर भारतीय सै नक क वीरता देखकर

और मु हो गया था।

2. आं भ ने ा कु कृ कया था ?
उ र .  आं भ   ने अपने ाथ के कारण देश के ार

सकं दर के लए खोल दए थे।

3.   अ राज ोह कसे माना जाना चा हए ?


उ र .  देश ो हय के साथ नरमी के वहार को अ

राज ोह माना जाना चा हए।

4.  य द राजपु ष   अदूरदश और   अ ववेक ह तो ा

दु रणाम होता है ?
उ र .  अदूरदश   और अ ववेक राजपु ष के कारण

बड़ी से बड़ी वीर सेनाएँ भी   परा जत हो जाती ह।

5.  पु क ह सेना का ा ह आ ?
उ र .  पु क ह सेना एक बार तो सकं दर क सेना

को रोकने म सफल रही पर सकं दर के श त और

अनुभवी अ ारोही ने हा थय के ूह म घुसकर उ

भाल से घायल कर दया और ूह न करने म सफल

रहे।

6. चाण ने अलका को ा नदश दया ?


उ र .  चाण ने अलका से कहा क वह और सहरण

अपनी टोली के साथ अलग अलग देश - म फैलकर  


जनता के मनोबल को ढ़ बनाएंँ और कु शल एवं

व सनीय लोग को अपने दल म मलाते रह।

ल खए _
क .   कु छ श म _
1.   इस वातालाप का वषय ा है ?
उ .  र इस वातालाप का वषय पु और सकं दर का

यु और उसका शेष   गणरा पर भाव है।

2. यु कस कस के बीच आ था ?
उ र .  यु पु और सकं दर के बीच आ था।

3. परा जत होने पर पु ने ा कया ?


उ .
र परा जत पु से जब सकं दर ने पूछा क   उसके

साथ   कै सा वहार हो तो उसने नभ कता से कहा  


जैसा एक वीर को दूसरे वीर के साथ करना चा हए।  
उसक सेना ने सकं दर क सेना का पथ दशन कया।

ख .  पठाशं _
पठाशं   को पढ़कर का उ र   ल खए _
1. स ी वीरता ा है ?
उ र .  स ी वीरता वजय ा करने के सब साधन

जुटाते रहना है।

2. राजपु ष कै से होने चा हए ?
उ र .  राजपु ष   इतने दूरदश ,  द और

कत परायण   होने चा हए क   उनक योजनाओ ं म  


संयोग या दुभा के लए कोई जगह न हो।

3. सेनाओ ं का सही श ण कै सा होना चा हए ?


उ र .   सेनाओ ं को इस कार श त करना चा हए

क वे जल ल ,  म ल,  घने जंगल या ऊंचे से ऊंचे

पवत पर भी बना के टककर जीतने के लए लड़

सके ।   भारी बा रश ,  गम या अ धक कर दी जैसे

क ठन से क ठन मौसम भी उ उनके वजय ल से

हला न सके ।

ग .  अ धकतम श म _
1. चाण ने पु के सम ा ाव रखा था ?
उ .
र चाण ने पु के सम यह ाव रखा था क

वह चाण ारा सहमत कए गए पंचनद के अनेक

रा के साथ आयरा क स लत सेना का नेतृ

करे।

2. इस पाठ के आधार पर एक राजा के प म पु का

कै सा सामने आता है ?
उ .
र इस पाठ के आधार पर   पु एक वीर परंतु

अ भमानी एवं   ाथ   राजा के प म सामने आता है।  


वह एक शूरवीर था जो यु से घबराता नह था।   अपने

पु के वीरग त   पाने का शौक ना मना कर वह सकं दर

से यु करने यु ल म प ंच गया परंतु उसम

दूरद शता तथा संयोजन क कमी थी जसके कारण न

के वल वह ब भारतीय इ तहास भी पराजय से

कलं कत आ।
3. नदी पार करने म यवन सेना के सामने ा क ठनाई

थी और इसका समाधान ा नकला ?


उ र .  वत ा नदी पार करने म यवन सै नक के सामने

सबसे बड़ी क ठनाई पु क सेना थी जो एकदम सामने

दूसरे कनारे पर थी। धनुधर ने अपने बाण से कई यवन

सै नक के सर काट डाले थे। उ ने यवन को पुल भी

पार नह करने दया। तब सकं दर ने अपनी सेना को

थोड़ा ऊपर से रात के अंधेर े म नदी पार करवा दी। वहाँ

बीच नदी म एक ीप था जहाँ से सेना पैदल ही नदी पार

करके पु सेना पर आ मण कर सक ।

4.  पु के धनुधर क ा वशेषता थी ?


उ र पु. के धनुधर अपने अचूक ल भेद के लए

ात थे। वे धरती पर अपने धनुष टेककर शरसंधान

करते थे।

5.   चाण   के अनुसार अ े शूरवीर कै से होते ह और

?
उ र .  चाण के अनुसार अ े शूरवीर सदा वजई होते

ह क वह सदा ही अपने ल वजय ा के लए

वीरता पूवक साधन   जुटाते रहते ह। वकट

प र तय ँ   और तकू ल ऋतुएँ भी   शूरवीर को अपने

ल से हटाने म असफल रहती ह।

6. सकं दर के लए अ सवनी क ओर बढ़ना सरल

हो गया था ?
उ र .  सकं दर के लए अ सवनी क ओर बढ़ना दो
कारण से सरल हो गया था।   पहला कारण तो यह था

क   उसक सेना को पु क सेना रा ा दखा रही थी।

दूसरा कारण यह था क अ सवनी के बीच म पड़नेवाले

गणरा    ेचुकायन कठ और अंब , के पास इतना

अवकाश नह था क वे संग ठत होकर सकं दर का

सामना कर सक। ऐसे म सकं दर उनको एक एक करके

परा कर सकता था।

मू ाधा रत

1. आपके अनुसार यु म जीत ा मायने रखती ह ?


उ र यु. म   जीत सव प र है।   यु श ु को परा

करने के लए छे ड़ा जाता है।   चाहे यु कसी भी कारण

से कया जा रहा हो राजनै तक ,  सामा जक , 


भावना ,
क धा मक   या गत ाथ   सबका

ल वजय ा ही होता है।   हारने वाले के  


मू ो चत कारण को भी लोग कु छ समय म भूल जाते

ह।

2.  ा उ े ा के लए अ ाई को छोड़ देना

चा हए ? आप ा सोचते ह ?
उ र .  उ े ा के लए अ ाई को पूणतः नह

छोड़ना चा हए   क साथक या   नै तक उ े   ा

के लए उ चत साधन अ त आव क है।   य द ेक

अपने उ े के लए कोई भी माग अपनाने

लगेगा तो समाज म   अराजकता का फैल जाएगी।

3. राजनी त म नै तकता का ान सु न त करते ए


अपने वचार ल खए।

उ . - - -
र राजनी त म साम दाम दंड भेद सब उ चत है ऐसा

कहा जाता है परंतु य द हम एक सु ढ़ और नै तक

समाज क   क ना करते ह तो उसके लए पहली

आव कता   नै तक मू से प रपूण राजनी त क है।  


राजन यक ही   हमारेआज के   नेता ह।   समाज सदा ही

अपने नेता के पीछे चला है।   एक अनै तक नेता समाज

को सही दशा म ले जाता है परंतु एक अनै तक नेता ने

के वल अपने ब पूर े समाज के पतन का कारण होता

है।

4. यु म सब कु छ जायज है _अपने वचार ल खए।

उ .
र यु और ेम म सब कु छ जायज है ऐसा सभी

मानते आए ह परंतु या जब तक नै तक और सामा जक

मू के दायरे म रहकर कया जाए तब तक ही जायज

है   यु दो देश समाज वग या य के बीच हो

सकता है परंतु हर यु के कु छ नयम होते ह ज

मानते ए ही यु मा होता है   यु   करते ए भी

नयम का पालन आव क होता है।   य द सब कु छ

जायज होने लगे तो यु भी इतने न र पर गर

जाएगा क उसम वजय या पराजय के लए ान ही

नह रहेगा। जीत का उ ास भी तभी मनाया जा सकता

है जब वह उ चत नयम का पालन करके ा क गई

हो।  

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