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Society (Vision-2021) - Unlocked PDF
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वजन आईएएस
www.visionias.in
समाज
एसएन वषय
. सा दा यकता
. े वाद
. धम नरपे ता
. जनसं या और संघ के मु े
. वास
. शहरीकरण
छा नोट् स
अंतव तु
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. . । भारत म व वधता के बीच एकता क ओर ले जाने वाले कारक........................................ ...........
छा नोट् स
प रचय
• भारतीय समाज ब सां कृ तक ब जातीय और ब वैचा रक संरचना का एक उदाहरण है जो सह अ त व म ह एक साथ स ाव बनाने और अपनी वैय कता को बनाए रखने के
लए भी यासरत ह।
• वसुधैव कु टु बकम व एक प रवार है क उदार अवधारणा के आधार पर भारतीय समाज के पास एक महान सां कृ तक वरासत है। अपने वकास के दौरान इसने समय समय पर
का घर है
• ब भाषी समाज दे श के कोने कोने म से अ धक भाषाएँ बोली जाती ह। इनम मुख भाषाएँ हद तेलुगु त मल क ड़ मलयालम बंगाली आ द ह।
• ब वग य समाज भारतीय समाज कई वग म बंटा आ है। यह वभाजन ज म के साथ साथ कसी के जीवन काल म व ीय और सामा जक उपल य के आधार पर हो सकता है। •
पतृस ा मक समाज भारतीय समाज काफ हद तक एक पतृस ा मक समाज है जहां पु ष को म हला क तुलना म अ धक त ा ा त है। हालाँ क कु छ
आ दवासी समाज मातृस ा मक समाज ह जहाँ म हला के पास नणय लेने क मुख श है।
• व वधता म एकता यह भारतीय समाज क एक अंत न हत वशेषता है। भारत म व वधता व भ तर पर व भ प म व मान है। हालाँ क इस व वधता के नीचे सामा जक
सं ा और था म मौ लक एकता है।
• परंपरावाद और आधु नकता का सह अ त व परंपरावाद मूल मू य को बनाए रखना या बनाए रखना है। जब क आधु नकता का ता पय परंपरा पर सवाल उठाना और तकसंगत सोच
सामा जक वै ा नक और तकनीक ग त क ओर बढ़ना है। श ा और तकनीक ग त के सार के कारण भारतीय म आधु नक सोच बढ़ है।
हालाँ क पा रवा रक जीवन अभी भी पारंप रक मू य और व ास णा लय से बंधा आ है। • अ या मवाद और भौ तकवाद के बीच संतुलन
अ या मवाद का मु य यान ई र के साथ एक के अनुभव को बढ़ावा दे ना है। जब क भौ तकवाद भौ तक संप और भौ तक सुख सु वधा को आ या मक मू य से अ धक
मह वपूण मानने क वृ है। भारतीय समाज म काफ हद तक आ या मक झुक ाव है। हालाँ क बढ़ते प मीकरण के कारण भौ तकवाद वृ याँ भी काफ हद तक दखाई
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दे ने लगी ह।
• वाद और सामू हकता के बीच संतुलन वाद एक नै तक राजनी तक या सामा जक कोण है जो मानव वतं ता आ म नभरता और वतं ता पर बल दे ता है। जब क
सामू हकता इसम येक पर एक समूह को ाथ मकता दे ने क था है। भारतीय समाज म उनके बीच एक अ ा संतुलन मौजूद है।
•र और र तेदारी के संबंध र संबंध और र तेदारी के संबंध अ य सामा जक र त पर एक मजबूत पकड़ रखते ह। वे जीवन के राजनी तक और आ थक े को नयं त करना
जारी रखते ह।
• भारत म जा त व ा मु य प से ह धम से जुड़ी ई है और इसने हजार वष से ह समाज पर शासन कया है। भारत म जा त व ा क कु छ वशेषता म न न ल खत
शा मल ह
छा नोट् स
समाज का खंडीय वभाजन इसका अथ है क सामा जक तरीकरण काफ हद तक जा त पर आधा रत है। एक जा त समूह क सद यता ज म से ा त होती है जसके
o पदानु म यह इं गत करता है क व भ जा तय को उनक शु ता और वसाय क अशु ता के अनुसार वग कृ त कया गया है। एक सीढ़ क तरह जा तय को
उ से न न पद पर रखा जाता है। शु जा त को सबसे ऊपर और अशु को सबसे नीचे ान दया गया है। नाग रक और धा मक अ मताएँ इनम संपक
बनाए रखने के लए कया गया था। उदाहरण के लए नचली जा त समूह क कु तक प ंच नह थी उ ह मं दर आ द म वेश करने से तबं धत कर दया गया था।
सगो ववाह कसी वशेष जा त के सद य को अपनी जा त के भीतर ही ववाह करना होता है। अंतजातीय ववाह व जत ह। हालां क शहरी े म अंतरजातीय
अ ृ यता यह सामा जक री त रवाज ारा कसी समूह को मु य धारा से अलग करके ब ह कृ त करने क था है। अ ृ यता जा त व ा का एक प रणाम था
जसम अछू त जो सबसे नचली जा त समूह से संबं धत थे को अशु और षत माना जाता था।
हाथ से मैला ढोना हाथ से मैला ढोना अंततः एक जा त आधा रत वसाय बन गया जसम बा ट वाले शौचालय या ग े वाले शौचालय से अनुपचा रत मानव मल को
हटाना शा मल है। मैनुअ ल के वजस और उनके पुनवास अ ध नयम के प म रोजगार के नषेध ारा इसे आ धका रक प से समा त कर दया गया है।
भारत म जा त आधा रत हसा जा त आधा रत हसा क बढ़ती वृ अंतजातीय ववाह और द लत ारा भू म अ धकार अ भ क वतं ता याय तक प ंच
श ा तक प ंच आ द स हत बु नयाद अ धकार के दावे से संबं धत है। उदाहरण के लए एक समूह गुज रात के ऊना म द लत पर हमला कया गया था जब उ ह ने
द लत के लए भू म के वा म व क मांग के आंदोलन म भाग लया था। जा त आधा रत आर ण क नी त भारत म जा त आधा रत आर ण क णाली म
सकारा मक कारवाई उपाय क एक ृंख ला शा मल है जैसे क व भ वधानसभा म सीट तक प ंच सरकारी नौक रय और उ श ण सं ान म नामांक न
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छा नोट् स
. . । जा त व ा म प रवतन
• अंतरजातीय ववाह के लए झान र क शु ता जा त व ा का एक मु य उ े य था। प रणाम व प अंतजातीय ववाह सामा जक प से व जत थे। आ थक और सामा जक
• ढ़वा दता को चुनौती जा त व ाक ढ़वाद था जैसे बाल ववाह वधवा पुन ववाह पर तबंध धमातरण पर तबंध न न जा त के लोग के तउ वग क
• खान पान क नई आदत बैठक स मेलन गो य आ द म लोग के बार बार घुलने मलने के कारण खान पान क आदत म बदलाव आया है। इसके अलावा लोग ने नए सामा जक
मानदं ड को अपना लया है जैसे एक ही मेज पर खाना न न जा त के लोग ारा बना कसी आर ण के तैयार भोजन को वीकार करना आ द।
• वसाय म प रवतन ावसा यक ग तशीलता एक नई वशेषता बन गई है। ा ण अपनी पारंप रक भू मका को छोड़कर ापारी बन गए ह जब क वै य श ण आ द म शा मल हो
रवाज को बदलकर न न जा तय के लोग जा त पदानु म म उ ान का दावा कर रहे ह। • प मीकरण श ा खान पान क आदत पहनावे क समझ खान पान क
शैली तौर तरीक आ द के े म प रवतन के कारण प मीकरण ने जा तगत बाधा को पार करते ए ावसा यक प रवतन लाए ह।
• आधु नक करण यह एक ऐसी या है जो मु य प से वै ा नक कोण तकसंगत कोण उ सामा जक ग तशीलता जन संघटन और काय म वशेष ता पर नभर करती है।
इसने जा त व ा को और अ धक लचीला बना दया है। उदाहरण के लए शहरी े म जा तयाँ धीरे धीरे वग बन रही ह। एक तकसंगत कोण और ल य उ मुख ीकरण के
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• औ ोगीकरण और शहरीकरण औ ो गक क ब और शहर के वकास के साथ वासन म वृ ई है। ोत े के वपरीत गंत े म जा त के नयम का कम पालन होता है। •
लोकतां क वके करण पंचायती राज व ा म दान कए गए आर ण ने नचली जा तय को खुद को सश बनाने का अवसर दया है। • जा त और राजनी त ये दोन एक
सरे से घ न प से जुड़े ए ह। वा तव म लक
ने नचली जा तय के बीच एक सश करण का नेतृ व कया है य क वे चुनाव और स ा लॉबी के मा यम से अपनी भावना को करते ह। द लत राजनी त एक ऐसा उदाहरण है
जहां द लत अपनी पहचान बनाने क को शश कर रहे ह और व भ रा य म स ा हा सल करने म सफल रहे ह। • वैधा नक उपाय
वतं ता के बाद के युग म कई तरह के सामा जक कानून पेश कए गए ह जनका उ े य द लत के हत क र ा करना अ ृ यता को ख म करना और द लत जा तय के सामा जक और
आ थक वकास को सु वधाजनक बनाना है। उदाहरण के लए अ ृ यता अपराध अ ध नयम मअ ृ यता क था के व दं ड का ावधान है।
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. । धा मक ब लवाद
. . । भारत म व भ धा मक समूह
भारत एक धम नरपे दे श है जसम नया के व भ धम शा मल ह जो आगे कई सं दाय और पंथ म वभा जत ह। भारत म धम क वशेषता धा मक व ास और था क
इसके अलावा वै णववाद शैववाद आ द जैसे ह धम के प का अ यास कया जाता है। इ लाम म भी शया सु ी स ांत जैसे कई प का पालन कया जाता है। आ दवासी
समूह ारा ए न म टक और नैचु र टक धम का भी पालन कया जाता है। इस कार कई धम क ब लता है और येक धम के अलग अलग मुख स ांत और संबं धत
योहार और री त रवाज ह।
ऑफ एं ोपोलॉजी के अनुसार र तेदारी णाली म क थत के साथ साथ वा त वक वंशावली संबंध पर आधा रत समाज मा यता ा त र ते शा मल ह। ये र ते सामा जक संपक
र तेदारी णाली बु नयाद सामा जक सं ान म से एक का त न ध व करती है। र तेदारी सावभौ मक है और अ धकांश समाज म य के
समाजीकरण और समूह क एकता के रखरखाव म मह वपूण भू मका नभाती है यह आ दम समाज म सव मह वपूण है और उनक लगभग
सभी ग त व धय सामा जक आ थक राजनी तक धा मक आ द पर अपना भाव बढ़ाती है। .
र तेदारी के कार
• ए फ़नल र तेदारी शाद के बंधन को ए फ़नल र तेदारी कहा जाता है। जब कोई शाद करता है तो वह न के वल उस लड़क के साथ संबंध ा पत करता है जससे वह
शाद करता है ब क लड़क के प रवार के कई अ य लोग के साथ भी संबंध ा पत करता है। इसके अलावा न के वल शाद करने वाला लड़क के प रवार के सद य
से बंध जाता है ब क उसके प रवार के सद य भी लड़क के प रवार के सद य से बंध जाते ह। इस कार ववाह होते ही अनेक संबंध बन जाते ह।
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• सजातीय नातेदारी र के बंधन को सजातीय नातेदारी कहा जाता है। सजातीय प रजन र के मा यम से संबं धत होते ह जब क ववाह संबंधी प रजन ववाह के मा यम से
संबं धत होते ह। माता पता और उनके ब के बीच का बंधन और वह माता पता और उनके ब के बीच और वह जो माता पता और उनके ब के बीच और भाई
• उ र भारत उ र भारत म यादातर पतृस ा मक समूह ह जनके वंशज पता से पु तक पु ष रेख ा म पाए जाते ह। पतृ वंश के सद य अनु ान और आ थक ग त व धय म
सहयोग करते ह। जा त सजातीय ववाह कड़ाई से अ यास कया जाता है। इसके अलावा एक ही गो या कबीले के भीतर ववाह न ष है और गाँव क ब ह ववाह को
आमतौर पर पसंद कया जाता है। इस कार ववाह नषेध र तेदारी के साथ साथ ान के मामले म एक व तृत े म ववाह पर रोक लगाते ह। • द ण भारत द णी
े र तेदारी णाली और प रवार संगठन का एक ब त ही ज टल पैटन तुत करता है। जहाँ पतृस ा मक और पतृ ानीय व ा का भु व है वह साथ साथ
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. . । शाद
ववाह एक मह वपूण सामा जक सं ा है। यह एक ऐसा र ता है जो सामा जक प से मा यता ा त है और रवाज और कानून ारा वीकृ त है।
यह सां कृ तक तं का एक समूह भी है जो प रवार क नरंतरता सु न त करता है। यह कमोबेश भारत म एक सावभौ मक सामा जक सं ा है।
वशेष प से वतं ता के बाद ववाह णाली म आमूल चूल प रवतन ए थे। भले ही शाद से जुड़ी बु नयाद धा मक मा यताएं टू ट नह ह ले कन कई थाएं री त रवाज और
प त प नी के बीच जीवनपय त साहचय से अ धक जुड़ा आ है। • ववाह के प म प रवतन ववाह के पारंप रक प जैसे ब ववाह ब ववाह भारत म कानूनी प से
तबं धत ह। आजकल अ धकतर एक ववाही ववाह का चलन है। • शाद क उ म बदलाव कानूनी मानक के मुता बक लड़के और लड़क क शाद क
उ मश और साल है। ववाह क औसत आयु बढ़ गई है और यौवनारंभ पूव ववाह का ान यौवनो र ववाह ने ले लया है।
• तलाक और प र याग दर म वृ तलाक के लए श थल वधायी ावधान ने ववाह क रता को वशेष प से शहरी े म व तुतः भा वत कया है। . यह मु य प से
आ थक समृ और इंटरनेट कने ट वट के कारण है। इंटरनेट ने लोग को नया भर म च लत व भ सामा जक वृ य से अवगत कराया है और अ यथा ढ़वाद
भारतीय समाज म सं ान म ां त ला द है। • लव इन रलेशन शप वे भारत म वशेष प से महानगरीय शहर म युवा के बीच र वकास दर पर ह। सं ा को
म SC क तीन जज क बच के प म कानूनी मा यता भी मली है क बना शाद के एक पु ष और एक म हला के साथ रहने को अपराध नह माना जा सकता है
अनु ेद । SC ने यह भी वीकार कया है क ऐसे संबंध से पैदा ए ब े वैध ह और ह ववाह अ ध नयम क धारा के तहत उनके माता पता के संप
अ धकार ह।
कसी न कसी प म प रवार एक सावभौम समूह है। यह आ दवासी ामीण और शहरी समुदाय और सभी धम और सं कृ तय के अनुया यय के बीच मौजूद है। यह एक या
सरे प म सबसे ायी संबंध दान करता है।
प रवार के ल ण
साथ म।
छा नोट् स
प रवार के कार
. ववाह के आधार पर
. नवास के आधार पर
पतृ ानीय प रवारः जस प रवार म ववाह के प ात् प नी अपने प त के प रवार म नवास करती है उसे पतृ ानीय प रवार कहते ह। पतृ ानीय प रवार भी कृ त म
मातृ ानीय प रवारः जस प रवार म ववाह के बाद प त अपनी प नी के प रवार म आकर रहने लगता है उसे मातृ ानीय प रवार कहते ह। यह पतृ ानीय प रवार के
ठ क वपरीत है। इस कार का प रवार कृ त म मातृस ा मक और मातृस ा मक भी है।
ानीय प रवार इस कार के प रवार म ववाह के बाद ववा हत जोड़ा वैक पक प से अपना नवास ान बदल लेता है। कभी प नी अपने प त के घर म शा मल हो
जाती है तो कभी प त प नी के घर म रहता है। इसी लए इस कार के प रवार को बदलते नवास का प रवार भी कहा जाता है।
नव ानीय प रवारः जब नव ववा हत जोड़ा अपने माता पता से वतं एक नया प रवार ा पत करता है और एक नए ान पर बस जाता है तो इस कार के प रवार को
एकल प रवार एकल प रवार वह प रवार होता है जसम प त प नी और उनके अ ववा हत ब े होते ह। एकल प रवार का आकार ब त छोटा होता है। यह एक वाय
इकाई है। बड़ का कोई नयं ण नह है य क नव ववा हत अपने लए एक अलग नवास ान बनाते ह जो बड़ से वतं होता है। इसे ाथ मक प रवार के प म भी
संयु या व ता रत प रवार इसम तीन से चार पी ढ़य के सद य शा मल होते ह। यह माता पता के ब े के र ते का व तार है। यह प रवार घ न र संबंध पर आधा रत
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सबसे बड़ा पु ष सद य प रवार का मु खया होता है। यह आम नवास आम रसोई सहभोज संप के बंटवारे अनु ान बंधन के दशन पार रक दा य व और
व ता रत प रवार म पता माता उनके बेटे और उनक प नी अ ववा हत बे टयां पोते दादा दाद चाचा चाची उनके ब े आ द शा मल ह। इस कार का प रवार ामीण
. ा धकरण के आधार पर
पतृस ा मक प रवार जस प रवार म सारी श पतृस ा मक या पता के हाथ म रहती है उसे पतृस ा मक प रवार के प म जाना जाता है। सरे श द म इस कार
क पा रवा रक श या अ धकार प रवार के सबसे बड़े पु ष सद य के हाथ म न हत होता है जसे पता माना जाता है। वह प रवार के अ य सद य पर पूण श या
उनक मृ यु के बाद स ा प रवार के सबसे बड़े बेटे को ानांत रत कर द गई। इसम पतृ रेख ा से वंश का पता चलता है। इस कार के प रवार म प नी ववाह के बाद अपने
प त के घर रहने आती है। ह म संयु प रवार णाली पतृस ा मक प रवार का एक अ ा उदाहरण है।
मातृस ा मक प रवार इस कार का प रवार पतृस ा मक प रवार के ठ क वपरीत होता है। इसम प रवार क श या अ धकार प रवार क सबसे बड़ी म हला सद य
वशेषकर प नी या पर होता है
छा नोट् स
मां। वह प रवार के अ य सद य पर पूण श या अ धकार का आनंद लेती है। वह प रवार क सारी संप क माल कन है। इसम वंश माता के ारा जाना जाता है।
मु खया माँ से बड़ी बेट को ह तांत रत कया जाता है। मातृस ा मक प रवार म प त अपनी प नी के अधीन रहता है। इस कार का प रवार के रल के नायर और असम क
पतृस ा मक प रवार जस प रवार म वंश या वंश का नधारण पता रेख ा के मा यम से होता है और पता के मा यम से जारी रहता है उसे पतृवंशीय प रवार के पम
जाना जाता है। संप और प रवार का नाम भी पता रेख ा से वरासत म मलता है। पतृस ा मक प रवार भी कृ त म पतृ ानीय और पतृस ा मक है।
मातृवंशीय प रवार मातृस ा मक प रवार पतृवंशीय प रवार के ठ क वपरीत होता है। जस प रवार म वंश का नधारण मातृ रेख ा के मा यम से होता है या माता के मा यम
से जारी रहता है उसे मातृस ा मक प रवार के प म जाना जाता है। संप और प रवार का नाम भी मातृ रेख ा से वरासत म मलता है।
यह अ धकार मां से बेट को ह तांत रत कया गया। एक म हला प रवार क पूवज होती है। मातृस ा मक प रवार कृ त म मातृस ा मक और मातृस ा मक है। इस कार
प रवार के काय
• ाथ मक काय प रवार के कु छ काय इसके नरंतर अ त व के लए बु नयाद ह। o ब े का उ पादन और पालन पोषण घर का ावधान सं कृ त संचरण का
o आ थक काय आ थक ग त के साथ प रवार उ पादक क तुलना म अ धक उपभोग करने वाली इकाई बन गया है। सद य प रवार के सामा जक आ थक क याण को
भागीदारी के लए मह वपूण सामा जक वहार और आदत म बु नयाद श ण दे ता है। धा मक काय प रवार ब के धा मक श ण का क है। ब े अपने
व भ मनोरंज क ग त व धय जैसे क इनडोर गेम खेलना नृ य करना गाना पढ़ना आ द म संल न होने का अवसर दान करता है।
आधु नक तकनीक के साथ औ ो गक स यता के आगमन के साथ ही प रवार क संरचना और काय भा य से बदल गए। आज प रवार क अ धकांश पारंप रक ग त व धयाँ बाहरी
एज सय को ह तांत रत कर द ग यह उन बंधन को और कमजोर कर दे ता है जो अतीत म प रवार को जोड़े रखते थे। प रवार के शै क मनोरंज क धा मक और सुर ा मक
• प रवार म प रवतन प रवार जो उ पादन क मुख इकाई था अब उपभोग इकाई म बदल गया है। एक एक कृ त आ थक म एक साथ काम करने वाले सभी सद य के बजाय
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• फै टरी रोजगार इसने युवा वय क को उनके प रवार पर सीधे नभरता से मु कर दया है।
युवा क इस काया मक वतं ता ने उन कमाने वाले सद य पर घर के मु खया के अ धकार को कमजोर कर दया है। कई शहर म म हलाएं भी पु ष के साथ प रवार से बाहर
वेतन के आधार पर काम करने लग । • शहरीकरण का भाव व भ समाजशा य ने खुलासा कया है क शहरी जीवन बड़े संयु प रवार क तुलना म छोटे एकल प रवार के
करता है और एकल प रवार के पैटन को मजबूत करता है। • वधायी उपाय बाल ववाह नरोधक अ ध नयम और ह ववाह अ ध नयम ारा कम उ म ववाह पर रोक
और ववाह क यूनतम आयु तय करने से श ा क अव ध बढ़ गई है। यहां तक क अ य वधान जैसे वधवा पुन ववाह अ ध नयम ह ववाह अ ध नयम ह
उ रा धकार अ ध नयम सभी ने प रवार के भीतर गत संबंध प रवार क संरचना और संयु प रवार
• ववाह व ा म प रवतनः ववाह क आयु म प रवतन जीवन साथी के चुनाव म वतं ता तथा ववाह के त कोण म प रवतन के कारण ववाह को ब त हद तक एक धा मक
मामला नह ब क के वल एक सामा जक समारोह माना जाता है। आधु नक ववाह अ य सद य पर प रवार के मु खया के े अ धकार का तीक नह है।
•प मी मू य का भाव आधु नक व ान तकवाद वाद समानता मु जीवन लोकतं म हला क वतं ता आ द से संबं धत मू य ने भारत म संयु प रवार णाली पर
• म हला क त म बदलाव हमारे समाज म म हला क त म बदलाव का मु य कारण उनक बदलती आ थक भू मका है। नई आ थक भू मका ने समाज म और वशेष प
से पु ष के संबंध म एक नई त दान क ।
वतमान त
वष से व भ समाजशा य ने अपने अ ययन म पु क है क एकल प रवार का उदय जसम एक जोड़े और उनके अ ववा हत ब े शा मल ह तेज ी से शहरीकरण के अनु प है।
क जनगणना के अनुसार . करोड़ प रवार म से . करोड़ या . एकल प रवार थे। क जनगणना म ह सेदारी बढ़कर . हो गई . करोड़ घर
इस बीच संयु प रवार पूरे भारत म . . करोड़ से घटकर . करोड़ हो गए। शहरी भारत क तुलना म ामीण े म गरावट तेज थी . से . जहां
यह . से गरकर . हो गई। इस कार शहरी एकल प रवार क घटती ह सेदारी के लए बढ़ते वासन के साथ साथ आवास क कमी को ज मेदार ठहराया जाता है।
. । भारत म व वधता
भारत अ र और भावना दोन म एक ब वाद समाज है। इसक एकता और व वधता इसक सही वशेषता है। व भ जा तय और समुदाय के लोग क सं कृ तय धम और भाषा
ती आ थक और सामा जक असमानता के मा यम से भी रा ीय एकता और अखंडता को बनाए रखा गया है समतावाद सामा जक संबंध के उ व म बाधा उ प ई है। यह वह
सं ेषण है जसने भारत को सं कृ तय क एक अनूठ म जद बना दया है। इस कार भारत एक एकल एक कृ त सां कृ तक पूरे के ढांचे के भीतर तीत होता है क ब सां कृ तक
छा नोट् स
व वधता श द असमानता के बजाय भ ता पर जोर दे ता है। इसका मतलब है सामू हक मतभेद यानी ऐसे मतभेद जो लोग के एक समूह को सरे से अलग करते ह। ये
एकता का अथ है एक करण। यह एक सामा जक मनोवै ा नक त है। यह एकता क भावना हम पन क भावना को दशाता है। यह बंधन के लए खड़ा है जो एक समाज के
व वधता म एकता का अ नवाय प से अथ है एक पता के बना एकता और वखंडन के बना व वधता । यह इस धारणा पर आधा रत है क व वधता मानव संपक को
जब हम कहते ह क भारत महान सां कृ तक व वधता वाला दे श है तो हमारा मतलब है क यहां कई तरह के सामा जक समूह और समुदाय रहते ह। ये भाषा धम सं दाय जा त
. . । भारत म व वधता के व भ प
• धा मक व वधता भारत कई धम का दे श है। जनजातीय समाज के अलावा जनम से कई अभी भी पूव धा मक जीववाद और जा क त म रहते ह भारतीय आबाद म
कई सं दाय म वभा जत ह। इसी कार मुसलमान को शया सु ी अहम दया आ द सं दाय म वभा जत कया गया है।
• भाषाई व वधता भारत म बोली जाने वाली भाषाएँ कई भाषा प रवार से संबं धत ह जनम मुख भारतीय ारा बोली जाने वाली इंडो आयन भाषाएँ और भारतीय
ारा बोली जाने वाली वड़ भाषाएँ ह। अ य भाषाएँ ऑ ोए शया टक सनो त बती ताई कडाई और कु छ अ य लघु भाषा प रवार और आइसोलेट्स से संबं धत ह।
• न लीय व वधता क जनगणना ने भारत क न लीय व वधता को न न ल खत समूह म वग कृ त कया द ने टो द ोटो ऑ े लॉयड द मंगोलॉयड द मे डटे रे नयन द
वे टन ेक सेफ स और नॉ डक। दे श म नया क सभी तीन मुख जा तय अथात् काके शॉयड मंगोलॉयड और ने ोइड के त न ध पाए जाते ह।
• जा त व वधता भारत जा तय का दे श है। जा त श द का योग वण और जा त दोन के लए कया गया है। वण काया मक भेदभाव के अनुसार समाज का चार गुना वभाजन
वंशानुगत अंत ववाही त समूह को संद भत करता है। से अ धक जा तयां ह और म और त म उ ह र कग दे ने क कोई भी अ खल भारतीय णाली नह है।
ऊपर क ओर ग तशीलता क इस णाली को एमएन ी नवास ारा सं कृ तकरण कहा गया है। • सां कृ तक व वधता सां कृ तक पैटन े ीय व वधता
व भ धम जा तयां े अपनी अपनी परंपरा और सं कृ त का पालन करते ह। इस कार कला ाप य नृ य प रंगमंच प संगीत आ द म भ ता है। • भौगो लक
व वधता . म लयन वग कलोमीटर के े म फै ला आ भारत एक वशाल दे श है जसम शु क रे ग तान सदाबहार वन
जैसी भौ तक वशेषता क महान व वधता है। ऊँ चे पहाड़ बारहमासी और गैर बारहमासी नद तं लंबे तट और उपजाऊ मैदान।
ऊपर व णत व वधता के मुख प के अलावा भारत म कई अ य कार क भी व वधता है जैसे क नपटान पैटन जनजातीय ामीण शहरी ववाह और र तेदारी पैटन
छा नोट् स
• संवैधा नक पहचान पूरा दे श एक ही सं वधान ारा शा सत होता है। यहां तक क अ धकांश रा य तरीय सरकारी संरचना क एक सामा यीकृ त योजना का पालन करते ह
इस कार रा ीय शासन ढांचे म एक पता दान करते ह। इसके अलावा सं वधान सभी नाग रक को उनक आयु लग वग जा त धम आ द क परवाह कए बना कु छ
मौ लक अ धकार क गारंट दे ता है । भारत म। सं वधान ारा ही धम और धा मक अ यास क वतं ता क गारंट द गई है। इसके अलावा कोई रा य धम नह है और
सभी धम को रा य ारा समान वरीयता द जाती है। • अंतर रा य ग तशीलता सं वधान अनु ेद डी के तहत भारत के पूरे े म आने जाने क वतं ता क
के बीच एकता और भाईचारे क भावना को बढ़ावा दे ता है। • अ य कारक जैसे कानून का एक समान पैटन दं ड सं हता शास नक काय जैसे अ खल भारतीय सेवाएं भी
आपरा धक याय णाली नी त काया वयन आ द म एक पता क ओर ले जाते ह। • आ थक एक करण भारत का सं वधान ापार क वतं ता को सुर त करता है
अनु ेद के तहत भारत के े के भीतर वा ण य और संभोग। इसके अलावा व तु और सेवा कर जीएसट ने एक दे श एक कर एक रा ीय बाजार के लए माग
है।
से प म म ारका तक धा मक मं दर और प व न दयाँ दे श भर म फै ली ई ह। तीथया ा क स दय पुरानी सं कृ त उनसे नकटता से जुड़ी है जसने हमेशा लोग को दे श
के व भ ह स म ानांत रत कया है और उनम भू सां कृ तक एकता क भावना को बढ़ावा दया है। • मेले और यौहार वे एक कृ त कारक के प म भी काय करते ह
य क दे श के सभी ह स के लोग उ ह अपने ानीय री त रवाज के अनुसार मनाते ह। उदा. पूरे दे श म ह ारा द वाली मनाई जाती है इसी तरह ईद और समस
मशः मुसलमान और ईसाइय ारा मनाई जाती है। भारत म भी अंतरधा मक योहार का ज मनाया जाता है। • मानसून के मा यम से जलवायु एक करण पूरे भारतीय
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• खेल और सनेमा इनका पालन दे श म लाख लोग करते ह इस कार भारत क लंबाई और चौड़ाई म एक बा यकारी श के प म काय करते ह।
• े वाद े वाद रा ीय हत के ऊपर एक वशेष े े के हत को उजागर करता है। यह रा ीय एकता पर भी तकू ल भाव डाल सकता है। े ीय मांग और आगामी
• वभाजनकारी राजनी त कभी कभी वोट बटोरने के लए राजनेता ारा जा त धम आ द जैसी आरो पत पहचान का आ ान कया जाता
है। इस कार क वभाजनकारी राजनी त के प रणाम व प अ पसं यक म हसा अ व ास क भावना और संदेह पैदा हो सकता है।
• वकास असंतुलन सामा जक आ थक वकास का असमान पैटन अपया त आ थक नी तयां और प रणामी आ थक वषमताएं कसी े के पछड़ेपन का कारण बन सकती ह।
नतीजतन इसका प रणाम हसा हो सकता है वासन क लहर शु हो सकती ह और यहां तक क अलगाववाद क मांग म भी तेज ी आ सकती है। उदाहरण के लए उ र
• जातीय भेदभाव और वदे शीवाद जातीय भेदभाव अ सर व भ जातीय समूह के बीच संघष का कारण बनता है वशेष प से नौकरी तयो गता सी मत संसाधन जैसे
कारक के कारण।
छा नोट् स
पहचान आ द के लए खतरा। उदाहरण के लए असम म बोडो और बंगाली भाषी मुसलमान के बीच लगातार संघष। यह म के पु स ांत ारा बल दया गया है जो
लोग को उनके ज म ान से जोड़ता है और उ ह कु छ लाभ अ धकार भू मकाएं और ज मेदा रयां दान करता है जो सर पर लागू नह हो सकता है।
• भौगो लक अलगाव भौगो लक अलगाव भी पहचान के मु और अलगाववाद मांग को ज म दे सकता है। उ र पूव भौगो लक प से दे श के बाक ह स से अलग थलग है
य क यह दे श के बाक ह स से एक संक ण ग लयारे यानी सलीगुड़ी ग लयारे चकन क गदन से जुड़ा आ है। इस े म अपया त बु नयाद ढाँचा है दे श के बाक
ह स क तुलना म आ थक प से अ धक पछड़ा आ है। इसके प रणाम व प इसने सर के बीच अलगाववाद और सीमा पार आतंक वाद के कई उदाहरण दे ख े ह।
• अंतर धा मक संघष अंतर धा मक संघष न के वल भय और अ व ास फै लाकर दो समुदाय के बीच संबंध को बा धत करते ह ब क दे श के धम नरपे ताने बाने को भी बा धत
करते ह।
• अंतरा यीय संघष इससे े वाद से संबं धत भावना का उदय हो सकता है। यह पर र वरोधी रा य के बीच ापार और संचार को भी भा वत कर सकता है। उदाहरण के
लए कनाटक और त मलनाडु के बीच कावेरी नद ववाद। • बाहरी कारक का भाव कभी कभी बाहरी कारक जैसे वदे शी संगठन आतंक वाद समूह चरमपंथी समूह
उदाहरण के लए
इंटर स वसेज इंटे लजस ISI पर ज मू क मीर म लड़ने के लए मुज ा हद न को समथन और श ण दे ने और नवासी समूह के बीच अलगाववाद वृ य को बोने का
व वधता से उ प चुनौ तय के बावजूद भारतीय समाज को बनाए रखने और वक सत करने म सामा जक सां कृ तक व वधता ारा नभाई गई भू मका पर कोई संदेह नह हो
सकता है।
सम या अपने आप म व वधता क नह है ब क भारतीय समाज म व वधता को संभालने क है। े वाद सां दा यकता जातीय संघष आ द क सम याएँ इस लए उ प ईह
इस लए सं वधान और उसके मू य को हमारे समाज के मागदशक स ांत का नमाण करना चा हए। कोई भी समाज जसने खुद को एक प बनाने क को शश क है नयत
समय म ठहराव और अंततः गरावट दे ख ी है। सबसे मह वपूण उदाहरण यह मामला पा क तान का है जसने पूव पा क तान पर सं कृ त थोपने क को शश क और अंतत बां लादे श
का नमाण आ।
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कोण
• फर इन श द का वणन भारत के व श संदभ म कर। इसका उ र दे ते समय व वधता म एकता वषय को यान म रख। • आप कथन के प म या वरोध म
से अलग ह। हालां क कसी भी कोण को ता कक और सुसंगत तक के साथ सम थत करने क आव यकता है। बयान के खलाफ बहस करते ए आप दखा
म बहस करते समय आप दखा सकते ह क समान उ े य को ा त करने के यास म दोन अ नवाय प से समान ह। न न ल खत उ र बाद के कोण
छा नोट् स
उ र
ब लवाद ब सं कृ तवाद
भारत म ब सं कृ तवाद क सफलता के बारे म ब त कु छ कहा गया है। हमारे पास ह मुसलमान सख ईसाइय जै नय बौ
पार सय आ द के जीवंत समुदाय ह ज ह ने अ तरह से म त कया है और भारत क ग त को बढ़ाया है। हम सां कृ तक धा मक और
भाषाई व वधता के मामले म नया के सबसे व वध दे श म से एक ह। और यह व वधता मु य प से हमारी वशाल भौगो लक सीमा और
नया भर से वासन क मक लहर के कारण है।
एकता और व वधता के बीच संतुलन बनाना या ऐसी व वध सामा जक सां कृ तक तय म एकता का बंधन करना हमेशा एक रा के
लए एक चुनौती होती है। ब लवाद और ब सं कृ तवाद इस पहेली को एक साथ बं धत करने के दो तरीके ह।
व वधता के इस दावे को रा य के भाषाई पुनगठन राजनी तक त न ध व अ पसं यक अ धकार क मांग म वृ वदे शी अ धकार
हद वरोधी आंदोलन आ द म दे ख ा जा सकता है। रा रा य। इं धनुषी रा बनाने म कोई समुदाय छू टा नह है। ब सं कृ तवाद और
ब लवाद रता के लए एक नया तमान दान करते ह जो रा क एकजुटता और अखंडता को बढ़ाता है।
इस कार उपरो चचा से हम कह सकते ह क ब लवाद कसी भी कार क ब लता के लए अ धक सामा य श द है जब क ब सं कृ तवाद
सामा य प से समाज म और वशेष प से रा रा य म व वधता और वषमता को बनाए रखने और सामंज य बनाने के लए ब लता का
स य अनु योग है।
छा नोट् स
कोण
उ र
भारत म से अ धक भाषाएँ ह जो व भ समूह ारा बोली जाती ह। भारत म भाषाई ब लवाद मौजूद है जो एक स हत ान
म कई भाषा के पार रक अ त व क त है। अतीत म भाषा क ब लता ने भाषा संबंधी सम या को ज म दया है। ये
सम याएं ह i भारत म रा य का भाषाई पुनगठन ii रा य म अ पसं यक भाषा क त iii आ धका रक भाषा का मु ा।
• रा य का भाषाई पुनगठन मु य प से शास नक सु वधा के लए कया गया था। इसने रा ीय एकता को खतरे म डाले बना भारत म
व भ भाषाई समूह क आकां ा को पूरा करने म भी मदद क ।
• व भ रा य म भाषाई अ पसं यक के खलाफ भेदभावपूण वहार या नी तयां द घाव ध म रा ीय एक करण को खतरे म डाल
सकती ह। भाषाई अ पसं यक के खलाफ प पातपूण वहार अलगाववाद को कायम रख सकता है। उदाहरण असम म
बंगाली भाषी लोग आं दे श म क ड़ मलयालम भाषी लोग। अनु ेद म न हत भाषाई अ पसं यक के
हत क र ा के लए व भ संवैधा नक ावधान ह।
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• हालां क भाषाई वषमता हमेशा रा ीय एकता के लए वघटनकारी नह रही है। भाषाई व वधता के साथ एक अ खल भारतीय सामा य
श दावली का वकास भी दे ख ा गया है। पूव। सं कृ त जसने न के वल व भ इंडो आयन भाषा के बीच ब क इंडो आयन और
वड़ भाषा के बीच भी सेतु का काम कया है। पूव। समकालीन समय म ह लश जो भारत म बोली जाने वाली हद और
अ य भाषा के साथ अं ेज ी भाषा का स म ण है।
• मु यधारा के सनेमा बॉलीवुड ने एक अ खल भारतीय श दावली के वकास म अ य धक योगदान दया है। • कई महाका और
का प नक गैर का प नक सा ह य क लोक यता ने उनके
अनुवाद को कई अलग अलग भाषा म आगे बढ़ाया है। इसने भारत म भाषाई एकता म भी योगदान दया है।
छा नोट् स
कोण
उदाहरण दान कर
उ र
एकता म भारत क व वधता भारत के रा के भीतर एक साथ ब जातीय न लीय धा मक और भाषाई सं कृ तय के अ त व को संद भत करती है।
यह अवधारणा भारत के रा रा य क भू राजनी तक एकता क शु आत करती है जसम एक समान मै स के भीतर कई व वध सं कृ तय को शा मल कया गया
है।
भारतीय लोग के सामा जक सां कृ तक जीवन से न न ल खत उदाहरण के मा यम से एकता म व वधता के परी ण उदाहरण पर काश डाला जा सकता है।
भारतीय योहार को नया भर म उनक वृ और जीवंतता के लए जाना जाता है। सबसे मह वपूण उदाहरण दवाली सभी ारा मनाई जाती है। हालाँ क उ सव
ाप य वरासत भारत के ऐ तहा सक अतीत और गौरव का तीक है। ताजमहल सभी लोग म यार और समपण के तीक के पम स है। ापक तर पर
व भ सं कृ तय के लोग को ऐसे वरासत मारक पर जाते दे ख ना काफ दलच है उ ह अपनी साझी वरासत के प म वीकार करना।
ह एक व वध अभी तक एक कृ त वातावरण का नमाण करती ह। • पदानु म क एक णाली के प म जा त व ा एक भारतीय क पहचान करती है।
अ य सामा य सू है जो भारत म च लत है
उदाहरण है।
. जब क भारत म लोकतां क सं ान ने जा त संरचना म प रवतन कए ह इन प रवतन ने पछड़ी जा तय के लए के वल आं शक पुन वतरण प रणाम का नेतृ व
कोण
जा त संरचना को सं ेप म प रभा षत करते ए प रचय द जए। फर प रवतन का वणन करते ए उन कारण को उजागर कर जनके कारण जा त संरचना म
प रवतन ए। इसके अलावा ऐसे प रवतन के सकारा मक और नकारा मक पहलु को इं गत कर और तदनुसार न कष नकाल।
उ र
एक सामा जक सं ा के प म जा त ऐ तहा सक प से अ त व म रही है और व भ सामा जक समूह के बीच पदानु मत संबंध क वशेषता रही है। हालाँ क
छा नोट् स
वतं ता के बाद के भारत म सावभौ मक वय क मता धकार के लोकतां क भाव के साथ साथ वधा यका सरकारी नौक रय और श ा म अनुसू चत जा त
अनुसू चत जनजा त के लए सकारा मक नी तय के दोहरे भाव के तहत ऐ तहा सक अ याय को ठ क करने और समाज के पुन वतरण के एजडे को भावी बनाने
सावभौ मक वय क मता धकार के लोकतां क भाव ने उ र भारत के कृ ष समृ े म मुख जा तय का उदय कया जसके बाद रा य क स ा पर उनका
क जा हो गया। इसका मतलब यह था क कु छ जा त समूह जा त पदानु म म अपनी त के बावजूद भाव का इ तेमाल करने और मुख ता और सामा जक
इसके बाद और के दशक म पछड़े वग के आंदोलन का उदय आ जसने उ र भारत म बसपा सपा आ द जैसे े ीय राजनी तक दल के समथन वाले
जा त समूह को ज म दया। सरी ओर ये दल सामा जक लामब द के वाहन बनने और रा य म स ा चलाने म अपनी उप त दज कराने म स म थे।
के बाद भारत म राजनी त के मंडलीकरण ने सामा जक वै ा नक क इस अपे ा को झूठा सा बत कर दया है क रा य का वकास एजडा जा त जैसी आ दम
सामा जक सं ा का सफाया कर दे गा जब क एमएन ी नवास जैसे अ य लोग ने तक दया है क एक लोकतां क रा य के त वावधान म ऊ वाधर ेण ीब
जा त।
हालाँ क हाल के अ ययन ने बताया है क सकारा मक रा य नी तय का लाभ अ सर ओबीसी और एससी े णय के भीतर मुख समूह ारा ह थया लया गया
सकता है जैसा क पहले से मौजूद पछड़ी जा त और समुदाय के भीतर है। बहार म द लत पहचान को महा द लत या अ त द लत और पछड़े वग और अ त
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साथ ही यह भी कहा गया है क जा तगत चेतना को कमजोर करने के बजाय लोकतं ने इसे मजबूत कया है और इसे कु छ लोग ने रा य के वषय के बीच भाईचारे
शायद ये उदाहरण इस थी सस का समथन करते ह क भारत म लोकतां क सं ाएं हालां क जा त संरचना म कु छ बदलाव करने म सफल रही ह ले कन जहां तक
पछड़ी जा त े णय का संबंध है यह आं शक पुन वतरण प रणाम तक सी मत थी।
. धम के बजाय भाषाई े ीय और आ दवासी पहचान ने भारत म जातीय रा ीय पहचान के गठन के लए सबसे मह वपूण आधार दान कया है । ा या करना।
कोण
• एक समुदाय के साथ पहचान के आधार के प म भाषा े जनजा त और धम जैसे व भ आधार का सं ेप म वणन कर। फर जांच कर क कै से इन पहचान
• छा इस बात से सहमत असहमत या बीच का रा ता अपना सकते ह क धम ने दे श म जातीय रा ीय पहचान को आकार दे ने म इतनी मह वपूण भू मका नह
छा नोट् स
उ र
जातीय पहचान धन त ा और श जैसे सामा जक पुर कार के वतरण का आधार है। अ धकांश समाज म एक या अ धक जातीय समूह आ थक राजनी तक
और सां कृ तक मामल म सर पर हावी होते ह। इस लए जातीय राजनी त जातीय तरीकरण का प धारण कर सकती है जसके प रणाम व प जातीय
रा वाद का उदय होता है।
रा का नमाण तब होता है जब एक ब जातीय रा य म जातीय समूह को आ म जाग क राजनी तक सं ा म बदल दया जाता है। सं भुता और
अ सर अ पसं यक समूह एक ब ल समाज म अपने लए बेहतर सौदा हा सल करने के लए जातीय काड खेलने क को शश करते ह। जब अधीन समूह भावी
समूह ारा ा पत मानदं ड के अनुसार सफलता ा त करने म वफल होते ह तो उनक त या क कृ त जातीय वरोध होती है जो न न का प ले सकती है
• अपनी भू म और सं कृ त पर वदे शी लोग के अ धकार का संघष • लभ संसाधन को ा त करने के लए जातीय समूह ारा
त धा • एक अलग रा के लए आंदोलन।
पहचान के नमाण के मा यम से रा नमाण म लगे होते ह तो छोट पहचान वपरीत दशा म चलती ह जब उ ह लगता है क वे अपनी पहचान खोने वाले ह।
इस लए भारत म जातीय रा ीय पहचान को े ीय अभाव क भावना के साथ एक े म इन कारक क सापे क एका ता ारा आकार दया गया है।
भारत म वतं ता के बाद जातीय लामबंद के उ व म योगदान करने वाले मुख कारक थे
रा रा य क कृ त।
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पहचान के नमाण का सबसे मह वपूण आधार भाषा थी। सामुदा यक आकां ाएं भाषाई रा य क मांग के प म सामने आ जससे अंततः भाषा के आधार पर
सरे उ र औप नवे शक वकास या ने जातीय समुदाय को उनक सां कृ तक और आ थक व श ता क उपे ा करते ए वकास या क मु यधारा म
एक कृ त करने और आ मसात करने का यास कया। क कृ त योजना और पूंज ीवाद आधु नक करण आगे चलकर व भ आ दवासी समुदाय को मु यधारा से
बाहर कर दे ते ह। इसके कारण आ दवा सय का उनक ऐ तहा सक और पारंप रक भू म से बड़े पैमाने पर व ापन आ उ ह वकास के अनु प लाभ दान कए
बना।
नतीजतन आ दवासी पहचान भाषा े ीय अभाव और पा र तक पर आधा रत जातीयता के संयोजन ने गहन े वाद का आधार दान कया जसके
इसी तरह मातृभू म क जातीय मांग ने पूव र म कई छोटे रा य का नमाण कया। उदाहरण के लए इन जातीय समूह क मांग को पूरा करने के लए बड़े असम
छा नोट् स
हालाँ क के वल े ीय सीमा बनाने से सम या का समाधान नह आ इसके वपरीत इसने इसे और एक कया। यह तक दया जाता है क अलग रा य के नमाण
ने आग को और भड़का दया जब व भ छोटे और बड़े समुदाय अ धक रा य क ापना क मांग करने लगे सरी ओर रा य ने बु नयाद सामान दे ने म अपनी
असमथता दखाई
हालाँ क वतं ता के बाद के युग म वशेष प से मुसलमान और सख के बीच धम क पहचान का आधार बनने के उदाहरण ह। उदाहरण के लए खा ल तान
हालाँ क मुसलमान क माँग उनके सापे पछड़ेपन और गरीबी और सुर ा क भावना से अ धक च तत ह। फर भी भाषा े ीय अभाव आ द क तुलना म
इस लए यह कहा जा सकता है क भारत म जातीय रा ीय पहचान नधा रत करने म धम ने अपे ाकृ त मामूली भू मका नभाई है हालां क नग य नह है।
हालाँ क इस बात पर जोर दया जाना चा हए क हाल के दन म दे श म द णपंथी राजनी तक ताकत के उभरने के साथ रा ीय पहचान के आधार के प म धम
फर से मुख ता म आ गया है जहाँ ब सं यक क धा मक और सां कृ तक परंपरा के त तब ता के साथ रा वाद अ सर गलत हो जाता है। इसका प रणाम
यह हो सकता है क अ पसं यक म द णपंथी ताकत ब सं यक द णपंथी का मुक ाबला करने के लए अपनी धा मक पहचान पर जोर द। यह एक ब त सुख द
प र य क ओर नह ले जा सकता है क धम समुदाय क पहचान को नधा रत करने म मुख कारक बन जाता है जो वतमान म मामूली है।
. हाल के दन म भारतीय सं वधान के अनु ेद को लागू करने क मांग उठ है। भारत क सामा जक सां कृ तक व वधता को दे ख ते ए ऐसी मांग कहां तक
जायज है।
कोण
अनु ेद या है इसका उ लेख करते ए उ र का प रचय द। उ र म भारत क सामा जक सां कृ तक व वधता को यान म रखते ए इस अनु े द को लागू
भाग IV का अनु ेद भारतीय रा य को दे श म समान नाग रक सं हता लागू करने का नदश दे ता है। समान नाग रक सं हता का अथ है येक धा मक समुदाय
के शा और री त रवाज के आधार पर गत कानून को हर नाग रक को नयं त करने वाले एक सामा य सेट के साथ बदलना।
ये कानून ववाह तलाक वरासत गोद लेने और भरण पोषण को कवर करते ह।
भारतीय रा य सामा जक और सां कृ तक प से धम भाषा आ द के मामले म नया के सबसे व वध दे श म से एक है। ऐ तहा सक प से अ धकांश रा य को
डर था क पहचान क राजनी त सामा जक मतभेद क मा यता रा य क एकता के लए खतरा थी। ऐसे म बार बार भारत म समान नाग रक सं हता लागू करने
क मांग क जाती रही है। ेन ीलंक ा और त कालीन पूव पा क तान जैसे कु छ रा य के उदाहरण पर वचार करने पर इस तक म कु छ सार तीत होता है।
इसके अलावा अलग अलग समुदाय के अपने अलग अलग गत कानून होते ह जो अ सर कानून के शासन बु नयाद मानवतावाद और तकसंगत कानून का
उ लंघन करने के अलावा दे श के कानून के खलाफ जाते ह। इस लए यह वांछनीय हो सकता है क एक सामा य कानूनी व ा हो जो भारत म रहने वाले सभी
हालाँ क गहन व ेषण से पता चलता है क यह ब सं यक सं कृ त को लागू करने और अ पसं यक के री त रवाज और सामा जक तीक क तदनु प
उपे ा थी जसके कारण
छा नोट् स
उपयु दे श म सामा जक अशां त। इसके अलावा सां कृ तक व वधता को दबाना अ पसं यक के अलगाव के मामले म ब त महंगा हो सकता है जनक सं कृ त
को गैर रा ीय माना जाता है। इसके अलावा दमन का काय सामुदा यक पहचान और सामा जक अशां त को ती करने के वपरीत भाव को भड़का सकता है
जैसा क कु छ पड़ोसी रा य म आ।
उपरो के वपरीत नया भर के मामले के अ ययन ने द शत कया है क ब सां कृ तक राजनी त म ायी लोकतं ा पत कए जा सकते ह। व वध समूह के
सां कृ तक ब ह कार को समा त करने और ब और पूरक पहचान बनाने के लए यास क आव यकता है। ऐसी उ रदायी नी तयां व वधता म एकता क
भावना पैदा करने के लए ो साहन दान करती ह। भारतीय सं वधान इस धारणा को सही पम तुत करता है। हालाँ क भारत सां कृ तक प से व वध है
लंबे समय से चले आ रहे लोकतं के तुलना मक सव ण से पता चलता है क भारत अपनी व वधता के बावजूद ब त ही सामंज यपूण रहा है।
इस कार रा ीय एकता के लए कसी एक पहचान को थोपने और व वधता क नदा करने क आव यकता नह है। रा य रा के नमाण क सफल रणनी तयाँ
सां कृ तक मा यता क उ रदायी नी तय को तैयार करके व वधता को रचना मक प से समायो जत कर सकती ह और करती भी ह। वे राजनी तक रता और
सामा जक स ाव के द घका लक उ े य को सु न त करने के लए समय परी त समाधान ह। इस लए अनु ेद को लागू करने का कोई भी यास लोक य
पछले कु छ दशक म भारत म हो रहे वधान और सामा जक आ थक प रवतन के संदभ म चचा क जए।
कोण
• सबसे पहले भारत म ववाह और प रवार सं ा कै से मह वपूण ह इसका सं त प रचय द। • सरा इन सं ा म प रवतन के कारण अथात सामा जक
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• अंत म इस बात पर काश डालते ए उ र समा त कर क प रवतन के बावजू द ववाह और पा रवा रक संबंध का सार अभी भी बरकरार है।
उ र
ववाह और प रवार सं ाएं भारतीय समाज के मूल मू य के भंडार ह। इन सं ान को अभी भी ब े पैदा करने के लए एक सामा जक वैधता के प म दे ख ा
आ थक काय को कम कर दया है और संयु प रवार के ढांचे को एकल प रवार के साथ बदल दया है। प रवार म म हला क त म सुधार
छा नोट् स
साथी चयन म नौकरी और वेतन को पा रवा रक पृ भू म जा त या धम से अ धक मह व दया जाता है। साथ ही ऑनलाइन मै मो नयल
साइट् स भी आ गई ह जससे प रवार के बुज ुग क भू मका कम हो गई है। कै रयर और गत मह वाकां ा को पूरा करने के लए
है। व तृत री त रवाज को या तो टाला जाता है या छोटा कया जाता है कोट मै रज को ाथ मकता
भा वत कया है। इस लए वे अपने नणय लेना चाहते ह और अपने जीवन क मु य घटना जैसे क श ा नौकरी और ववाह क रेख ा पर चुनाव
करना चाहते ह। • ववाह पर कानून का भाव o दहेज नषेध अ ध नयम
दया है। अब म हला को घर पर अ य हसा के खलाफ याय दया जाता है शारी रक और मौ खक वहार आ द जो उ ह दहेज के कारण
या तो सहना पड़ता था। मांग या अ यथा। डीवीए इसके दायरे म लव इन भागीदार को शा मल करता है जो र त क बदलती ग तशीलता
को पूरा करता है।
ह ववाह अ ध नयम म म संशोधन करके तलाक कानून को और अ धक लचीला बनाया गया है जसम पहले दए गए कारण जैसे
भचार धम प रवतन आ द। इसने ववाह क सं ा को संघष झगड़ के त अ धक संवेदनशील बना दया है जससे समझौता करने क
गुंज ाइश कम हो गई है और ववाह और प रवार को बचाने का समय मल गया है। ले कन सरी ओर इसने पु ष और म हला दोन को एक
खराब ववाह से बाहर आने का वक प भी दया जो क वे के वल सामा जक दा य व को पूरा करने के लए करते थे।
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o म हला को पैतृक संप म अ धकार दया गया है और म ह उ रा धकार अ ध नयम म संशोधन के बाद पु ष सद य के साथ संप
साझा करने का कानूनी अ धकार दया गया है। इससे म हला क आ थक त मजबूत ई है।
हालां क प रवतन के बावजूद ववाह और प रवार क सं ा म मूल मू य अभी भी बरकरार ह। आपसी न ा और भ का अभी भी स मान कया जाता है।
. वतं ता के वष के बाद भी और आधु नक कानून के बावजूद बाल ववाह क ाचीन था अभी भी कु छ वग म कायम है। भारत म बाल ववाह के बने रहने के या
कारण ह यह हमारे समाज को कै से भा वत करता है इस था को मटाने के लए या कया जा सकता है
कोण • बाल
छा नोट् स
उ र
बाल ववाह गरीबी के च को आगे बढ़ाता है। श ा और आ थक अवसर तक कम प ंच के साथ उनके और उनके प रवार के गरीबी म
रहने क संभावना अ धक है। बाल वधु को अ सर अ धकारहीन अपने प त पर नभर और वा य श ा और सुर ा के अपने मौ लक
अ धकार से वं चत रखा जाता है। एक णाली जो युवा म हला के योगदान को कम आंक ती है अपनी संभावना को सी मत करती है।
इस तरह बाल ववाह दे श को नवाचार और मता से वं चत करता है जो उ ह फलने फू लने म स म बनाता है।
. पसनल लॉ बोड या ह या उनके नणय नाग रक पर बा यकारी ह उनके ारा अपनाए गए स ांत और सामा य कानून अदालत के
स ांत के बीच असंग त को कै से सुलझाया जा सकता है चचा करना।
कोण •
गत कानून के बारे म एक सं त ववरण द। • पसनल लॉ बोड
को प रभा षत कर। • अतीत से कु छ उपाय को
सामने लाएँ और उस सम या को भी सामने लाएँ जसे हल करने क आव यकता है
असंग त का समाधान करना।
उ र
भारत म व भ धम अपने नजी कानून ारा शा सत होते ह। शाद गोद लेने गोद लेने से संबं धत मामल म हर धम अपने नजी कानून का
पालन करता है।
छा नोट् स
उ रा धकार आ द। ये सभी मामले धम का त न ध व करने वाले व भ पसनल लॉ बोड ारा तय कए जाते ह और जुटाए जाते ह।
पसनल लॉ बोड भारत म पसनल लॉ क सुर ा और नरंतर यो यता के लए उपयु रणनी त अपनाने के लए ग ठत गैर सरकारी संगठन
ह। बोड खुद को भारत म धा मक समूह क राय के अ णी नकाय के पम तुत करते ह।
ये बोड सरकार के साथ संपक और भाव का काम करते ह और मह वपूण मु के बारे म आम जनता का मागदशन करते ह। वे मु य प से
कसी भी कानून या कानून से गत कानून क र ा करते ह जसे वे इसका उ लंघन मानते ह।
इन बोड के नणय जो ह कानून अ ध नयम मु लम पसनल लॉ शरीयत आवेदन अ ध नयम आ द जैसे वधान
ारा सम थत ह नाग रक पर बा यकारी ह। हालाँ क वे नणय जो नाग रक के मौ लक अ धकार का उ लंघन करते ह बा यकारी नह ह
हालाँ क उनका पालन न करने पर सामुदा यक ब ह कार या गत हमल जैसे प रणाम हो सकते ह।
उनके और सामा य कानून अदालत के स ांत के बीच असंग त को उनके यायाधीश कानून नमाता धा मक नेता और समुदाय के
बीच अ धक बातचीत के मा यम से सुलझाया जा सकता है। इससे पसनल लॉ के मामल के बारे म कानूनी राय म मतभेद को र करने म
मदद मलेगी। अभी इस तरह क बातचीत के लए मु कल से ही कोई फोरम मौजूद है। ऐसे मु क वभाजनकारी और संवेदनशील कृ त
को दे ख ते ए इसे त काल कया जाना चा हए। कु छ और उपाय हो सकते ह
. अ ृ यता क प रघटना को प रभा षत करने म ब ह कार अपमान अधीनता और शोषण सभी समान प से मह वपूण ह। ा या करना।
भारतीय सं वधान के ावधान और पछले और वतमान जा तगत भेmayuresh.spt@hotmail.com
दभाव क भरपाई के लए सरकार ारा उठाए गए कदम का ववरण द।
कोण •
ब ह कार के तीन आयाम पर अ ृ यता क घटना को प रभा षत कर
अपमान अधीनता और शोषण।
• इसके बाद भारतीय सं वधान म इस खतरे को तबं धत करने वाले ावधान को सामने लाएं। • अंत म सरकार ारा समय
समय पर उठाए गए कदम को सामने लाएं और बताएं क कै से रा य ने अतीत और वतमान म जा तगत भेदभाव क भरपाई करने क को शश
क है।
उ र
अ ृ यता समाज का एक चरम और शा तर पहलू है जो शु ता षण पैमाने के नीचे त सद य के खलाफ कड़े सामा जक तबंध
को नधा रत करता है। यह जीवन के सभी े म ापक प से च लत है और समय के साथ वक सत आ है और ब ह कार अपमान
अधीनता और शोषण के प म व ता रत आ है। इसने अपने आयाम को जा त कारक से धम गरीबी जातीयता आ द जैसे अ य कारक
तक बढ़ाया है।
अपमान और अधीनता के सावज नक प से दखाई दे ने वाले काय के दशन म स मान के इशार को लागू करने जैसे सामा य उदाहरण
शा मल ह जैसे क टोपी लेना हाथ म जूते पहनना सर झुक ाकर खड़े रहना साफ या उ वल कपड़े नह पहनना और इसी तरह।
छा नोट् स
इसके अलावा अ ृ यता व भ कार के आ थक शोषण से भी जुड़ी ई है आमतौर पर जबरन अवैत नक म लगाने या संप क
ज ती के मा यम से।
सरकार क कु छ पहल
• संसद ने मअ ृ यता अपराध अ ध नयम पा रत कया जसे म नाग रक अ धकार संर ण अ ध नयम के पम
संशो धत और नया नाम दया गया। • सं वधान अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त अ याचार नवारण
अ ध नयम के अनु ेद के और व तार के लए पा रत कया गया था जसे म संशो धत कर इसे और सश बनाया गया।
• एससी और एसट के लए रा ीय आयोग क ापना के साथ साथ रा ीय आयोग क ापना
mayuresh.spt@hotmail.com
। भले ही जा त व ा हाल के दन म कमजोर ई है जा त आधा रत पहचान वशेष प से भारत म लोकतां क राजनी त के म े नजर
मजबूत ई है। ट पणी।
कोण •
भारतीय समाज म जा त व ा का ब त सं त ववरण द • उन कारक को बताएं ज ह ने समाज म
जा त क पकड़ को कमजोर कया है • साथ ही उन कारण को सूचीब कर क य जा त आधा रत पहचान
मजबूत ई है पर यान दे ने के साथ
लोकतां क राजनी त। •
जा तगत पहचान को कमजोर करने के कु छ तरीके सुझ ाएं।
उ र
• पदानु मत संरचना म प रवतन शु ता और षण पर आधा रत जा त पदानु म धम नरपे ता के कारण कमजोर आ है। इसके
अतर धन सामा जक त ा के आधार के प म ज म क जगह ले रहा है।
छा नोट् स
• जजमानी णाली का टू टना जजमानी णाली म व तु और सेवा का आदान दान शा मल था जसम येक जा त ावसा यक वशेषता के आधार पर
• गुमनाम शहरी जीवन बढ़ते पलायन के साथ शहरी जीवन गुमनाम होता जा रहा है
जहां सह नवा सय क जा त पहचान शायद ही कभी ात हो।
• जा त आधा रत राजनी त राजनी तक दल वोट के लए जा त समूह को तेज ी से लामबंद कर रहे ह जा तगत पहचान को मजबूत कर रहे ह। इसका माण कई
• जा त आधा रत सकारा मक कारवाई श ा और नौक रय म जा त आधा रत आर ण के ावधान ने जा तगत पहचान को मजबूत कया है। उदाहरण के लए
• सामू हक लामबंद द लत पर अ याचार क घटना के म े नजर जा त समूह भी लामबंद हो रहे ह और सामू हक प से समानता और गैर भेदभाव क मांग कर
लए आ गए ह।
कु छ वशेष ने इस घटना को जा तवाद कहा है। यह अ पाव ध म अ ा है य क यह जा त आधा रत राजनी तक लामबंद और भागीदारी के मा यम से
आधु नक लोकतं को जनता से जोड़ता है। हालां क यह एकल रा ीय पहचान के उभरने क धमक दे सकता है।
कु छ उपाय
यो य उ मीदवार को लाभ ल त
कर ता क
समतामूलक समाज क ापना के लए
. एक सं ा के प म जा त के वतमान व प को औप नवे शक काल के दौरान के वकास के साथ साथ वतं भारत म दे ख े गए प रवतन ारा आकार दया गया
कोण
और इसके ारा इसे कै से आकार दया गया। • फर वतं ता के बाद इसम सुधार के लए कए गए उपाय पर सं ेप म चचा कर और
यह कै से भा वत आ।
• आव यक उपाय का सुझ ाव द।
उ र
जा त भारतीय उपमहा प से व श प से जुड़ी एक सं ा है। अं ेज ी श द caste वा तव म पुतगाली Casta से उधार लया गया है जसका अथ है शु न ल।
छा नोट् स
आमतौर पर यह माना जाता है क चार वण का वग करण मोटे तौर पर तीन हजार साल पुराना है। हालाँ क जा त व ा अलग अलग समय अव ध म अलग
गणना करने के इस तरह के य यास और आ धका रक प से जा त क त को रकॉड करने के लए सं ा को ही बदल दया। इससे पहले जा तगत
पहचान ब त अ धक तरल और कम कठोर थी • भू राज व बंदोब त और संबं धत व ाएं और कानून उ जा तय के थागत जा त आधा रत
अ धकार को कानूनी मा यता दे ने का काम करते थे। • पैमाने के सरे छोर पर औप नवे शक काल के अंत क ओर शासन ने द लत जा तय के क याण
उदाहरण के लए के भारत सरकार अ ध नयम ने रा य ारा वशेष उपचार के लए च त जा तय और जनजा तय क सू चय या अनुसू चय को कानूनी
मा यता द ।
जा त के वचार ने अ नवाय प से रा वाद आंदोलन क जन लामबंद म एक भू मका नभाई थी। रा वाद आंदोलन म मुख कोण जा त को एक सामा जक
बुराई के प म और भारतीय को वभा जत करने के लए एक औप नवे शक चाल के प म मानना था।
वतं ता के बाद क अव ध
• वतं ता के बाद रा य जा त आधा रत असमानता के उ मूलन के लए तब था और इसे सं वधान म प से शा मल कया गया था। सं वधान का
राजनी तक वादा तेज ग त वाले आ थक प रवतन के साथ था। इस कार आ थक े म समानता को बढ़ावा दे ने के लए पया त उपाय के बना जा त
• भारत म लोकतां क राजनी त जा त ारा गहराई से अनुकू लत है जससे चुनावी राजनी त म जा त के वचार को मह वपूण बना दया गया है। वा तव म
छा नोट् स
. भारत म व वधता के क ह चार सां कृ तक त व का वणन क जए और रा ीय पहचान के नमाण म उनके सापे क मह व का मू यांक न
क जए।
. भारत क व वधता के स दभ म या यह कहा जा सकता है क रा य क अपे ा दे श सां कृ तक इकाई का नमाण करते ह अपने कोण के लए उदाहरण स हत
कारण द जए।
. स ह णुता और ेम क भावना न के वल भारतीय समाज क एक दलच वशेषता है
ब त शु आती समय ले कन यह वतमान म भी एक मह वपूण भू मका नभा रहा है। व तार म बताना।
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छा नोट् स
सां दा यकता
अंतव तु
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छा नोट् स
प रचय
भारत कई धम और धम का दे श है जो अ सर लोग के बीच हसा और नफरत क ओर ले जाता है। जो लोग इस धा मक हसा को हवा दे ते ह वे धम को एक नै तक व ा के
प म नह मानते ह ब क इसे अपनी राजनी तक मह वाकां ा को पूरा करने के लए एक साधन और ह थयार के प म उपयोग करते ह। सां दा यकता अ नवाय प से हसा
क ओर ले जाती है य क यह आपसी धा मक घृण ा पर आधा रत है। यह घटना एक सां दा यक संगठन और एक धा मक संगठन के बीच अंतर क ओर ले जाती है।
. सा दा यकता क प रभाषा
सां दा यकता भारतीय संदभ म समूह के बीच धा मक मतभेद क घटना के प म सबसे अ धक माना जाने वाला प है जो अ सर तनाव और यहां तक क उनके बीच दं ग क
ओर ले जाता है। सा दा यकता इतनी हसक अ भ म नह है जसका अथ रोजगार या श ा जैसे मामल म एक धा मक समूह के खलाफ भेदभाव करना है
सा दा यक झगड़ के कारण वरले ही अपने मूल व प म धा मक होते ह। भारत म सां दा यकता तब पैदा होती है जब धम को समुदाय के बीच सामा जक आ थक असमानता
को उजागर करने के लए एक माकर के प म और रयायत क मांग के लए बल गुण क के प म उपयोग कया जाता है।
. सां दा यकता के त व
• सौ य यह मा यता है क जो लोग एक ही धम का पालन करते ह उनके समान धम नरपे हत होते ह जैसे क समान राजनी तक सामा जक और सां कृ तक हत। • उदारवाद
वरोधी और श ुतापूण ।
धम।
• आ थक कारक भारत म सा दा यकता क शु आत फू ट डालो और राज करो क टश नी त से ई। इस नी त के चलन म आने का एक मुख कारण यह था क मु लम
म य वग श ा के मामले म ह से पछड़ गया था जसने सरकारी नौक रय म उनके कम त न ध व म योगदान दया था। उस समय पया त आ थक अवसर क कमी
छा नोट् स
म पला व ोह पहला तथाक थत सा दा यक संघष भी एक सा दा यक दं गे क अपे ा जम दार के व एक सवहारा हड़ताल अ धक था। के वल इतना
ही आ क जम दार ह थे और कसान मुसलमान।
भारत म अवसरवाद क राजनी त म यम उ वग ारा धम नरपे लाभ के लए संचा लत सां दा यकता का सबसे बड़ा कारण है और नचले वग ारा
भरोसा कया जाता है जो कारण से पहचान करते ह।
• ऐ तहा सक कारक टश इ तहासकार ने ाचीन भारत को ह ारा शा सत और म ययुगीन काल को मु लम शासन के काल के प म पेश
कया जब ह का शोषण कया गया और उ ह धमकाया गया।
कु छ भावशाली भारतीय ने भी इस ेपण का समथन कया।
• सामा जक कारक गोमांस क खपत हद उ थोपना धा मक समूह ारा धमातरण के यास आ द जैसे मु ने ह और मुसलमान के बीच एक खाई पैदा
कर द ।
. । पूव वतं ता
भारतीय रा ीय आंदोलन के दौरान एक पाट या आंदोलन म सां दा यक वचारधारा उ ल खत तीन चरण और दो चरण उदारवाद और उ वाद से गुज री
और अंततः भारत के वभाजन और पा क तान के नमाण के प रणाम व प ई।
• उदार चरण
भारत म सां दा यकता क शु आत के दशक म ई जब सैयद अहमद खान ने भारतीय रा ीय कां ेस ारा शु कए गए रा ीय आंदोलन का वरोध
कया। उ ह ने टश कारण का समथन करने का फै सला कया और भारतीय रा ीय कां ेस के कामकाज का वरोध कया और इसे ह समथक पाट
माना जो मु लम हत के खलाफ थी। mayuresh.spt@hotmail.com
आ खरकार आगा खान नवाब मो शन उल मु क आ द जैसे मुख मुसलमान ने मु लम हत को मजबूत
करने के लए अ खल भारतीय मु लम लीग क ापना क । इसका एक मुख उ े य मुसलमान म उभरते ए
बु जी वय को कां ेस म शा मल होने से रोकना था। o इसके साथ ही ह सां दा यकता भी पैदा हो रही थी। यह ह नेता ारा अ याचारी मु लम
शासन क धारणा को सा रत करने भाषा के मु े को समथन दे ने और इसे एक सां दा यक मोड़ दे ने म कट आ। उ ह ने उ को मुसलमान क
भाषा और हद को ह क भाषा घो षत कया। इसके अलावा गौह या वरोधी चार के दशक म कया गया था और यह मु य
प से मुसलमान के खलाफ नद शत था।
o अंततः पंज ाब ह सभा अ खल भारतीय ह महासभा म पहला स आ द जैसे संगठन क ापना क गई। आय समाज शु
आंदोलन ह के बीच वहाबी तंज ीम और त लीग आंदोलन
मुसलमान के बीच आ द जैसे पुन ानवाद आंदोलन ने आगे दया
आंदोलन
छा नोट् स
• अ तवाद चरण
के बाद भारत ने भय मनो वकृ त और तकहीनता क राजनी त पर आधा रत अ य धक सां दा यकता दे ख ी। इस चरण के दौरान ह और मुसलमान के हत
को ायी प से संघष म माना गया था। सां दा यकता ने शहरी न न म यम वग समूह के बीच एक लोक य आधार हा सल कया और आ ामक चरमपंथी
सा दा यकता भी औप नवे शक स ा और उनक फू ट डालो और राज करो क नी त का एकमा राजनी तक सहारा बन गई। इस अव ध के दौरान एमए ज ा ने घोषणा
चा हए। उ ह ने अंततः कहा क अं ेज के भारत छोड़ने के बाद मु लम को ह वच व वाली कां ेस के तहत दबा दया जाएगा और इस कार मुसलमान के लए एकमा
ह सा दा यकता भी पीछे नह रही। ह महासभा और रा ीय वयंसेवक संघ आरएसएस ने अ य धक सां दा यकता का चार करना शु कर दया। उ ह ने मांग
क क भारत के गैर ह समूह ह सं कृ त और भाषा को अपनाएं और ह धम को ा से रख। उ ह ने भी इस बात का समथन कया क ह और मुसलमान
सा दा यकता के प रणाम सा दा यक ह या और गड़बड़ी क अ भ के प रणाम व प कलक ा ह याएं जसम पांच दन के भीतर हजार लोग क जान
चली गई बंगाल म नौखली म ह का वध और बहार म मुसलमान का नरसंहार व भ रा य म वभाजन दं ग का नरसंहार भारत के कु छ ह स और एक ह क रपंथी ारा
. । पो ट आजाद
उप नवेशवाद भारत म सां दा यकता के उ व के लए मुख कारक के प म माना जाता है।
हालाँ क औप नवे शक शासन को उखाड़ फकना सां दा यकता से लड़ने के लए के वल एक आव यक शत सा बत ई पया त नह । य क आजाद के बाद भी सां दा यकता
बनी रही और हमारे दे श के धम नरपे ताने बाने के लए सबसे बड़ा खतरा रही है।
को मजबूत कया है
भावना ।
• सख वरोधी दं गे त कालीन धानमं ी ीमती इं दरा गांधी क ह या के बाद बड़ी सं या म सख क भीड़ ने ह या कर द थी। • क मीरी ह पं डत का मु ा
क मीर घाट म इ लामी क रवाद और आतंक वाद के सार के कारण
के दौरान बड़े पैमाने पर क मीरी पं डत क ह या और बड़े पैमाने पर पलायन आ। इस े म सां दा यक हसा का खतरा बना आ है।
• बाबरी म जद क घटना दसंबर को ह कारसेवक क एक बड़ी भीड़ ने उ र दे श के अयो या म व शता द क बाबरी म जद म जद को राम
ज मभू म राम क ज मभू म होने का दावा करते ए व त कर दया। इसके कारण ह और मुसलमान के बीच महीन तक अंतर सां दा यक दं गे ए जसके
प रणाम व प सैक ड़ लोग मारे गए। • गोधरा दं गे फरवरी म साबरमती ए स ेस के चार ड ब म आग लगा द गई थी। या ी यादातर ह तीथया ी
छा नोट् स
व त बाबरी म जद के ल पर समारोह । हमल के बाद कई ह समूह ने गुज रात म रा य ापी बंद क घोषणा क और मु लम कॉलो नय पर ू रता से हमला करना
शु कर दया।
गोधरा क घटना के बाद यह महीन तक चलता रहा जसके प रणाम व प हजार मुसलमान क मृ यु और व ापन आ।
• असम हसा आजी वका भू म और राजनी तक स ा के लए बढ़ती त धा के कारण बोडो और बंगाली भाषी मुसलमान के बीच लगातार संघष ए। म ऐसा
ही एक कोप कोखराझार म एक दं गे म बदल गया जब अ ात बदमाश ने जॉयपुर म चार बोडो युवक क ह या कर द । इसके बाद ानीय मुसलमान पर बदले क
कारवाई म दो लोग क मौत हो गई और उनम से कई घायल हो गए। लगभग लोग मारे गए जनम से अ धकांश बंगाली मुसलमान और कु छ बोडो थे। लगभग
• मुज फरनगर दं गे उ र दे श के मुज फरनगर म ह जाट और मु लम समुदाय के बीच ई झड़प म कम से कम लोग क मौत ई लोग घायल ए और
से अ धक लोग व ा पत ए। इस दं गे को हाल के इ तहास म उ र दे श म सबसे बुरी हसा के प म व णत कया गया है पछले वष म पहली बार
साल।
• हा दया का मामला एक वष य ह म हला अ खला जसने इ लाम धम अपना लया और एक नया नाम ले लया हा दया लव जहाद
ववाद के क म थी। जब क उसने आरोप लगाया क उसने इ लाम धम अपना लया और अपनी मज से अपने प त से शाद करने का
फै सला कया उसके पता ने बंद य ीकरण या चका दायर क और दावा कया क उसे इ लाम म प रव तत होने के लए मजबूर कया
गया और आईएसआईएस क भत के पमल त कया गया। के रल उ यायालय ने उसक शाद को र कर दया उसे उसके माता
पता के घर भेज दया और कहा क वह एक कमजोर और कमजोर लड़क थी जसका शोषण कया जा सकता था।
हालाँ क सव यायालय ने अपने धम और आंदोलन क वतं ता को चुनने क उसक वतं ता क र ा क और उसे अपनी पढ़ाई जारी रखने के लए कॉलेज लौटने को
कहा।
• बीफ क खपत और इसके कारण होने वाली मौत बीफ क खपत और प रवहन का मु ा भारत म एक ववादा द मु ा रहा है और इसने दे श के व भ ह स म सां दा यक
कोप को बढ़ावा दया है। लगभग आठ वष से म गोजातीय मु पर क त फ सद हसा का ल य मुसलमान थे और घटना म मारे गए
• घर वापसी काय म यह धा मक पांतरण ग त व धय क एक ृंख ला है जो भारतीय ह संगठन जैसे व ह प रषद VHP और रा ीय वयंसेवक संघ RSS ारा
सु वधा दान क जाती है ता क गैर ह को ह धम म प रव तत कया जा सके । जब क आयोजन समूह ने दावा कया क लोग वे ा से ह धम म प रव तत होने
के लए आगे आए कु छ तभा गय ने दावा कया क उ ह ऐसा करने के लए मजबूर कया गया था। • युवा म धा मक क रवाद इसे युवा के बीच एक बड़ी चुनौती
माना गया है। क मीरी युवा म क रता का खतरा बना आ है जो पहले से मौजूद अलगाववाद वृ य को बढ़ावा दे सकता है। इसके अलावा युवा आईएसआईएस
जैसे आतंक वाद समूह क क रपंथी वृ य के शकार हो गए ह य क कई भारतीय क रपंथी युवा समूह
म शा मल हो गए ह। गृह मं ी का अनुमान है क आईएसआईएस म भारतीय शा मल ए ह। हालां क आतंक संगठन क प ंच भारत म खासकर सोशल मी डया के ज रए
छा नोट् स
• एक धम नरपे सं कृ त को बढ़ावा दे क र समाज के काय ल पड़ोस आ द म व भ तर पर व भ धा मक समूह क एकजुटता और आ मसात करना। एक सरे के धा मक
योहार मनाते ह।
• पु लस कारवाई वशेष प से कशोर आ द के लए परामश स के मा यम से सोशल मी डया पर एक उ वाद समूह ारा उ वाद समूह ारा क रपंथीकरण के लए व रत
• सहम त से दो वय क के अंतर धा मक ववाह के उदाहरण को लव जहाद मु ा नह माना जाना चा हए और मी डया म उजागर नह कया
जाना चा हए। इस लए मी डयाक मय को इस मु े के त संवेदनशील होना चा हए। • सा दा यक दं ग क अगुवाई करने वाली भीड़ को
नयं त कया जाना चा हए
और उसके खलाफ कड़ी कारवाई क जानी चा हए
उ ह एक जुझ ा उपाय के प म।
• सा दा यक हसा के व संसद ारा कठोर कानून बनाया जाना चा हए। कानून क कमजो रय के कारण राजनेता और अ य भावशाली खुलेआ म सां दा यक हसा
भड़काने म ल त रहे ह। • सीबीआई या एक वशेष जांच नकाय को एक नधा रत समय सीमा के भीतर सां दा यक दं ग क जांच करनी चा हए। इसके अलावा पी ड़त को
करनी चा हए।
• कानून और व ा को बनाए रखने वाली पु लस और अ य नकाय को जवाबदे ह ठहराया जाना चा हए य क कभी कभी पु लस राजनेता के दबाव के आगे झुक जाती है
और सां दा यक हसा के दौरान और इसके अनुवत कारवाई के दौरान न य रहती है। ाथ मक दज करते समय अ भयु को गर तार करते ए चाजशीट पेश करते
• ब लवाद बंदोब त जहां व भ समुदाय के सद य एक साथ रहते ह को मौजूदा बाधा को र करके ो सा हत कया जाना चा हए य क धा मक अलगाव सां दा यक
पहचान को मजबूत करता है और अ य धा मक समूह क नकारा मक ढ़वा दता को मजबूत करता है। उदा. अस ह णुता क घटना के दौरान कारवाई करना जहां
मुसलमान द लत उ र पूव नाग रक आ द को उनक पहचान के कारण आवास से वं चत कया जाता है। भारतीय मुसलमान क त पर स र स म त क रपोट ने
अस ह णुता और ब ह कार क शकायत से नपटने के लए समान अवसर आयोग के गठन क सफा रश क । • सभी शै णक सं ान म धम नरपे श ा द जानी
चा हए जससे व भ समुदाय के सद य के बीच स ाव और सहयोग का वकास होगा। • इ तहास क श ा को सां दा यकता से मु कया जाना चा हए य क
भारतीय इ तहास के ाचीन म यकालीन और आधु नक म वतमान वग करण ने सां दा यक सोच म योगदान दया है य क इसने इ तहास को मशः ह काल मु लम
• अ पसं यक के लए रोजगार के अवसर बढ़ने से सा दा यक कलह म कमी आ सकती है। इस कार व भ काय म और पहल के मा यम से अ पसं यक समुदाय के
• धा मक मुख धम क व वधता वचार आ द के वचार के सार म मह वपूण भू मका नभा सकते ह जो व भ समुदाय के बीच शां त फै लाने म मदद कर सकते ह। •
छा नोट् स
कोण
उ र
• सा दा यकता एक व ास या वचारधारा को संद भत करती है जसके अनुसार एक धम के सभी लोग के समान आ थक सामा जक और
राजनी तक हत होते ह और ये हत सरे धम के लोग के हत के वपरीत होते ह । सा दा यकता के वकास म तीन चरण ड ी दे ख े जा
सकते ह
• अपनी हसक अ भ म सां दा यकता रोजगार या श ा जैसे मामल म एक धा मक समूह के खलाफ भेदभाव के बराबर है • सां दा यक संघष
के कारण शायद ही कभी अपने मौ लक च र म धा मक होते ह। भारत म सां दा यकता तब पैदा होती है
जब धम को समुदाय के बीच सामा जक आ थक असमानता को उजागर करने के लए एक माकर के प म और रयायत क मांग के लए बल गुण क
के प म उपयोग कया जाता है। • अनु चत सां कृ तक सं ेषण क थत या सापे अभाव वकास म े ीय या सामा जक असंतुलन और
अवसर क कमी को सां दा यकता क उ प के कारण के प म इं गत कया जा सकता है। लोकतं के युग म राजनी तक लामबंद इन
आंदोलन को मजबूत करती है।
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• सा दा यकता का उदय एक ब त ही ज टल या रही है। भारत म सा दा यकता क शु आत फू ट डालो और राज करो क टश नी त से ई
। इस नी त के चलन म आने का एक मुख कारण यह था क मु लम म य वग श ा के मामले म ह से पछड़ गया था जसने सरकारी
नौक रय म उनके कम त न ध व म योगदान दया था। उस समय पया त आ थक अवसर क कमी के कारण म य वग ारा एक सरकारी
नौकरी अ य धक त त थी। इसके अलावा अं ेज के के बाद के मु लम वरोधी पूवा ह ने भी ह को थोड़ी बढ़त द ज ह ने बड़ी
उ सुक ता के साथ आधु नक उ म वसाय को अपनाया। प रणाम व प स ा क सीट म त न ध व स हत सामा जक आ थक संके तक
म च त असमानता के कारण पा क तान के एक अलग रा क मांग को बल मला। • औप नवे शक शासन के दौरान पहला तथाक थत
सा दा यक संघष म पला व ोह था जो एक सा दा यक दं गे के बजाय जम दार के व एक सवहारा हड़ताल अ धक था। के वल इतना ही
आ क जम दार ह थे और कसान मुसलमान।
छा नोट् स
• आजाद के बाद मुसलमान के लए चीज यादा नह बदल जो स र स म त क रपोट के न कष से अ तरह सा बत ई थी। इस रपोट के अनुसार
पछड़े और आ थक प से ब ह कृ त ह। • रा य वष से नर रता बेरोजगारी गरीबी के इस च को र करने म वफल रहा है इससे नपटने के लए कई नी तयां
बनाई गई ह।
खतरा।
• इसके प रणाम व प युवा मोहभंग असंतोष नराश हो रहे ह अ य धक सा दा यकता को और बढ़ा कर वहां दबाव बनाने के तरीक क तलाश कर रहे ह। •
इस लए त क मांग स र स म त क सफा रश पर तेज ी से काय करने और मु लम समुदाय के सम वकास के लए अनुकू ल वातावरण
बनाने क है । युवा म जाग कता पैदा कर ता क वे अवसरवाद क राजनी त के जाल म न फं स जहां लोग अपने धम नरपे लाभ के लए उनक दशा का
अनु चत लाभ उठाते ह।
. एक मह वपूण आंत रक सुर ा खतरे के प म सां दा यकता क ढ़ता पहचान क राजनी त वकासा मक घाटे और ऐसे खतर से नपटने के लए रा य क मता
कोण
सा दा यकता अपने साथ कस कार क सम याएं लेक र आती है इसके सं त प रचय से उ र क शु आत हो सकती है। छा को यह बताना चा हए क कस
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तरह सा दा यकता तीन बुराइय आईडी राजनी त वकासा मक घाटे और णालीगत कमी म न हत है। ेय उन छा को दया जाना चा हए जो इन तीन म से
पहचान करने म स म ह आईडी राजनी त सां दा यकता का मूल है। इसके बना अ य दो कारक सा दा यकता को ज म नह दे ते। न सलवाद और ऐसे अ य मु
उ र
एक ापक अथ म सां दा यकता का ता पय अपने वयं के सां दा यक समूह धा मक भाषाई या जातीय के बजाय बड़े समाज या पूरे रा के त अंध न ा है।
अपने चरम प म एक सा दा यकवाद अपने ही समुदाय के हत को अ य समुदाय के हत से खतरे म दे ख ता है। इस लए यह वयं को श ुतापूण माने जाने
वाले समूह के त घृण ा म कट होता है जो अंततः अ य समुदाय पर हसक हमल का कारण बनता है। सफ समझने के लए
सां दा यकता एक मुख आंत रक सुर ा खतरा है जसका हमारा दे श सामना कर रहा है। यह सामा जक भाईचारे को तोड़ता है सामा जक तनाव पैदा करता है
आपसी अ व ास पैदा करता है कु छ सामा जक समूह को अलग थलग कर दे ता है और आगे क हसा के लए जनन आधार बनाता है और भारत के हत के
लए वरोधी ताकत ारा असंतोष का दोहन करता है। सा दा यकता के मूल कारण न न ल खत ह
छा नोट् स
णालीगत सम याएं
•फ कायकता व र के नदश क तलाश और ती ा करते ह और व र ानीय पहल और अ धकार को कमजोर करते ए ानीय मामल म
ह त ेप करते ह
• शासन और पु लस कभी कभी प पातपूण तरीके से काय करते ह और • कभी कभी नेतृ व क वफलता होती है यहां
तक क उन लोग ारा कु ल याग भी कया जाता है
सावज नक व ा बनाए रखने का ज मा स पा।
• पुनवास क अ सर उपे ा क जाती है असंतोष और अव श ोध को ज म दया जाता है और • अ धका रय को उनक वफलता के
लए ज मेदार नह ठहराया जाता है इस कार सु ती और
अ मता।
वकासा मक घाटा
पहचान क राजनी त
हमारे दे श म कई जगह पर मौजूद ह। वे त को सा दा यक बनाने म तभी सफल होते ह जब सा दा यक आधार पर राजनी तक गोलबंद होती है।
इस कार णालीगत खा मय और वकासा मक क मय को र करते ए हम राजनी तक अंतधारा को भी संबो धत करने क आव यकता है। इस
संदभ म रा ीय एकता प रषद जैसी सं ा का बेहतर उपयोग कया जाना चा हए।
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छा नोट् स
े वाद
अंतव तु
. । े वाद के ल ण । ................................................
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छा नोट् स
. े
े श द को प रभा षत करना क ठन है। इसे अलग अलग संदभ म अलग अलग तरीके से समझा जाता है।
हालाँ क इसे आम तौर पर पड़ोसी े से अलग भौ तक और सां कृ तक वशेषता वाले एक सजातीय े के प म प रभा षत कया गया है।
एक े एक सापे श द है जसका अथ इसके उपयोग के साथ बदल जाता है। जब हम कसी े क बात करते ह तो हम आम तौर पर यह कहते ह क यह सामा जक
सां कृ तक प से अलग है और यह अपने री त रवाज परंपरा मू य और आदश क चेतना रखने के लए पया त प से एक कृ त है। इस चेतना के कारण े के लोग म
बाक े से अलग पहचान क भावना होती है चाहे वह एक रा हो या एक महा प या वयं पृ वी।
एक े को लोग के बीच एकता क ापक प से साझा भावना क वशेषता है। यह एकजुटता व भ कार के ोत जैसे भूगोल लाकृ त धम भाषा री त रवाज और
री त रवाज वकास के राजनी तक और आ थक चरण जीवन जीने के तरीके आम तौर पर साझा कए गए ऐ तहा सक अनुभव आ द से उ प होती है।
े े ीय पहचान के उ व के लए आधार दान करता है । इसका प रणाम े के त वफादारी म होता है और अंतत े वाद का प ले लेता है। यह े ीय राजनी त को
रा ता दे ता है।
भारत म े वाद क राजनी त के सकारा मक और नकारा मक दोन पहलू ह। सकारा मक श द म कह तो इसका ता पय जातीय भाषा धम आ द जैसे हत के आधार पर एक
पहचान को ठोस बनाने क ती इ ा से है। उदाहरण के लए पूववत झारखंड आंदोलन जसम बहार उड़ीसा प म बंगाल और म य दे श के ापक े शा मल थे ने अपने
पहचान क पु करना शा मल है। आंदोलन अंततः रा य को पुनग ठत करने के लए सरकार को मजबूर करने म सफल रहा और झारखंड रा य का गठन नवंबर को
भारतीय संघ के व रा य के प म आ। इसे बहार रा य से अलग करके बनाया गया है और इसम मु य प से छोटानागपुर पठार और संथाल परगना के वन ै क शा मल ह।
े वाद का नकारा मक पहलू यह है क यह रा नमाण के यास को खतरे म डाल सकता है जैसे पंज ाब म खा ल तान क मांग जो पंज ाब के भीतर और बाहर आतंक वाद और
हसा को ज म दे रही है। भारतीय राजनी तक त के अ धकांश व ेषक ारा सकारा मक पहलू क उपे ा क गई है। यह घटना एक े के लोग क ओर से सापे अभाव
के मनो व ान को दशाती है। वे बताते ह क स ा म बैठे लोग ारा जानबूझ कर उन पर वंचना थोपी जाती है खासकर तब जब सामा जक आ थक काय म के प रणाम व प
े वाद े वाद को एक ऐसी घटना के प म प रभा षत कया जा सकता है जसम लोग क राजनी तक वफादारी एक े पर क त हो जाती है। सरे श द म यह दे श के
लए वरीयता म एक वशेष े के लए लोग के यार का ता पय है और कु छ मामल म उस रा य क ाथ मकता म है जसका े एक ह सा है। इस कार े वाद क घटना
े क अवधारणा के आसपास क त है।
भारत म े वाद भारत क भाषा सं कृ तय जनजा तय और धम क व वधता म न हत है। यह वशेष े म इन पहचान च क भौगो लक एका ता से भी ो सा हत
होता है और े ीय अभाव क भावना से े रत होता है। भारतीय संघवाद इन े ीय भावना को समायो जत करने का मा यम रहा है।
छा नोट् स
. । े वाद के ल ण
• े वाद आ थक सामा जक राजनी तक और सां कृ तक वषमता से भा वत होता है। • कई बार े वाद एक मान सक घटना है। • े वाद समूह क
े ।
अय े के हत को यान म रखते ए।
काया वयन के साथ े वाद क राजनी त शु ई। चे ई म ज टस पाट क ापना और भू मका और कु छ हद तक पूव वतं ता अव ध म पंज ाब म अकाली दल क भारत म
उभरते े वाद के उदाहरण ह।
• वतं ता के बाद सरकार के लोकतां क व प क ापना ई। इसका मु य उ े य लोकतं धम नरपे ता रा ीय एकता और सामा जक याय के स ांत पर रा नमाण था।
दे श के सभी ह से रा नमाण म उ चत समझौता चाहते थे। वे अपने वकास के लए एक सरे से त धा करने लगे। अपे ा से कम कु छ भी मोहभंग का कारण बना और
• रयासत का एक करण था । छोटे रा य को बड़े रा य म मला दया गया। लोग पुरानी े ीय इकाइय के त वफादारी नभाते रहे। चुनाव म राजकु मार क सफलता के लए
यह सबसे मह वपूण कारक था। नव न मत रा य म राजकु मार को अ सर उनके पूव े म भारी समथन मला और उसी रा य के अ य ह स म अपे ाकृ त ब त कम।
भाषाई आधार पर रा य के पुनगठन ने भी े ीय राजनी त के वकास म ब त मह वपूण भू मका नभाई। अठाईस रा य को फर से आकार दया गया और क शा सत े के
साथ रा य म घटा दया गया। बाद म नए रा य बनाए गए उदाहरण के लए बॉ बे को गुज रात और महारा पंज ाब को पंज ाब और ह रयाणा म वभा जत कया गया।
ले कन इन रा य का गठन पूरी तरह से भाषाई आधार पर नह कया गया था। जातीय mayuresh.spt@hotmail.com
सह आ थक वचार जैसे कई अ य कारक ने हम नागालड मेघालय म णपुर पुरा
झारखंड ह रयाणा पंज ाब और छ ीसगढ़ दया। भाषा सह सं कृ त कारक ने महारा गुज रात और उ रांचल का नमाण कया यूपी और बहार के लए ऐ तहा सक और
राजनी तक कारक ज मेदार ह रयासत के एक करण और वहाय समूह क आव यकता ने म य दे श और राज ान को ज म दया भाषा और सामा जक व श ता
के प रणाम व प त मलनाडु के रल मैसूर बंगाल और उड़ीसा का नमाण आ। इस कार व भ कारक ने भारतीय संघ क संरचना म नणायक भू मका नभाई है।
इन सभी वचार के बावजूद रा य के पुनगठन म भाषा सबसे मह वपूण कारक रही। े वाद के स दभ म यह इतनी मह वपूण श बन गई क भारतीय राजनी त म
• एक अ य कारक जसने दे श म े ीय और संक ण वृ य को ज म दया वह राजनेता का गत और वाथ अंत था। आजाद के तुरंत बाद कु छ दल के बीच स ा के
लए संघष शु हो गया। अपने वयं के अ धकार और त ा को बढ़ाने के लए े ीय और रा य के नेता ने क या कु छ मामल म रा य के अ धकार को कमजोर करने
म संक ोच नह कया। अ धक रा य के नमाण का अथ था अ धक रा यपाल मु यमं ी वधान सभा के सद य या वधायक आ द। पेशेवर राजनेता ने इसका पता
लगाया।
छा नोट् स
. । े वाद के आधार
े वाद एक ब आयामी प रघटना है। इसके आधार व वध ह। यहाँ हम े वाद के भौगो लक ऐ तहा सक सां कृ तक आ थक और राजनी तक शास नक आधार क चचा
करगे।
• भौगो लक आधार आमतौर पर लोग अपनी े ीय पहचान को कु छ व श भौगो लक सीमा से जोड़ते ह। वतं ता के बाद रयासत के एक करण के प रणाम व प छोटे
रा य का नए बड़े रा य म वलय हो गया। नाग रक क वफादारी पुरानी े ीय सीमा और नई े ीय संरचना के बीच फट ई थी। जैसा क पहले बताया गया है
चुनाव म राजकु मार क सफलता के लए यह मुख कारक था खासकर जब उ ह ने नव न मत रा य म अपने पूव े से चुनाव लड़ा। हालाँ क भौगो लक सीमा के
मह व को अ धक आंक ना गलत होगा। यह सच है क रयासत क पुरानी भौगो लक सीमा क याद अभी भी लोग को परेशान करती ह और राजनी तक नेता ारा
उनका शोषण कया जाता है ले कन इस बात से इनकार नह कया जा सकता है क वे राज ान म य दे श और उड़ीसा जैसी नई और बड़ी े ीय पहचान को जगह दे
रहे ह।
• ऐ तहा सक और सामा जक आधार ऐ तहा सक और सामा जक आधार े वाद क राजनी त का आधार बनते ह। इस ेण ी के कई घटक न के वल गत प से ब क एक
सरे के साथ मलकर भी मह वपूण ह। o इ तहास इसने सां कृ तक वरासत लोककथा मथक और तीक के साथ े वाद का समथन कया।
सबसे उ लेख नीय उदाहरण त मलनाडु म वड़ कज़गम डीके और वड़ मुने कज़गम डीएमके और महारा म शवसेना और आं दे श म तेलुगु दे शम
ट डीपी का है। ले कन इ तहास को े वाद का सबसे मह वपूण आधार नह माना जा सकता। े वाद उ प करने के लए आ थक और राजनी तक कारक ने
इ तहास के साथ मलकर काम कया है। इसे फर से सं वधान के संघीय ढांचे के भीतर अलगाव से एक वाय ता के लए DMK के ख म बदलाव के प म दे ख ा
जा सकता है।
भाषा लोग के साझा जीवन वचार संरचना और मू य तमान को अ भ करती है। इसम लोग को एक साथ जोड़ने और उनक साझी नय त को सुधारने के
लए काम करने क मता है। इस अथ म भाषाई एक पता एक सकारा मक आंदोलन को मजबूत करती है।
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क शु आत म कां ेस ने इस स ांत को वीकार कर लया था क ांतीय इकाइय क े ीय सीमा के सीमांक न के लए भाषा को कसौट के पम
अपनाया जाना चा हए। म रा य पुनगठन आयोग SRC क ापना भाषाई े वाद पर आधा रत े ीय इकाइय के गठन क माँग का प रणाम थी।
एसआरसी पूरी तरह से एक भाषा एक रा य के स ांत का पालन नह कर सका। इसे रा य क सीमा के सीमांक न के लए एकमा मानदं ड के प म नह माना
जा सकता है। बंबई पंज ाब आ द जैसे भाषी रा य बनाए गए। हालाँ क म बंबई म पंज ाब और साठ के दशक के म य से असम को भाषाई प से
य द भाषा े क पयायवाची होती तो अलग अलग रा य के गठन से येक भाषाई समूह क राजनी तक आकां ा पूरी होती। हालां क यह न तो एक वा त वकता
है और न ही एक अनुमा नत संभावना है। पहला कारण यह है क भारत म बोली जाने वाली भाषाएँ सैक ड़ म ह। यहां तक क अगर मुख भाषा को भी यान म
रखा जाए तो भाषाई अ पसं यक के बड़े समूह रा य के अंदर ही रह जाएंगे जनक भाषा को सं वधान म आ धका रक भाषा के पम ा पत नह कया जा
सकता है।
छा नोट् स
उनके लए बनाया। उ ह छह रा य अथात् यूपी बहार एमपी राज ान ह रयाणा और हमाचल दे श और कु छ क शा सत दे श म वभा जत कया गया है।
हद भाषी लोग के एकल रा य के गठन क मांग शायद ही कभी ई हो। इसके वपरीत इस ापक भाषाई समूह के भीतर भाषा या बो लय को मलाकर अलग
रा य क मांग क गई है। यह मै थली के लए या सं वधान म अनुसू चत भाषा के प म राज ानी ह रयाणवी आ द क मा यता के लए साम यक मांग म पाया
जा सकता है।
इस कार े वाद भाषा के साथ नकटता से जुड़ा आ है ले कन भाषावाद का पयाय नह है। े वाद एक भाषाई रा य के अंदर हो सकता है उदाहरण के लए
मराठ भाषी महारा का नमाण । उ र पूव भारत के सात रा य खुद को सात बहन के प म संद भत करते ह। उ ह ने अपनी वकास क सम या के आधार पर
सामा य बंधन बनाने का यास कया है। उ ह ने एक े ीय पहचान वक सत करने का भी यास कया है।
इन सात रा य म असम अ णाचल दे श म णपुर मेघालय मजोरम नागालड और पुरा शा मल ह। सरे श द म भाषा े वाद क एकमा जनक नह है।
यह भारत म े वाद के कई आधार म से एक है। भाषाई े वाद के अ धकांश मामल म कई पर र संबं धत कारक आमतौर पर एक साथ काम करते पाए जाते
ह।
जा त भाषाई े वाद को ो साहन दान करने वाले जा त कारक का एक मह वपूण उदाहरण त मलनाडु के मामले म दे ख ा जा सकता है। गैर ा ण आंदोलन के
प रणाम व प त मल े वाद को आधार मला। त मल भाषी े क गैर ा ण जा तयां उन ा ण के खलाफ एक श शाली एकजुट जोर दे ने म स म थ
ज ह ने पहले अथ व ा समाज और राजनी त म न ववाद भु व का आनंद लया था। धम जा त जैसा धम तब तक कोई मह वपूण भू मका नह नभाता है
जब तक क इसे भु व और भाषाई एक पता के साथ जोड़ दया जाता है जैसा क पंज ाब म है या धा मक ढ़वा दता और आ थक अभाव क भावना पर
आधा रत है जैसा क ज मू और क मीर म है।
य द त मलनाडु के मामले म जा तवाद ने भाषाई े वाद को मजबूत कया और े रत कया तो पंज ाबी सूबा के गठन क मांग को भाषाई पम तुत करने के
बावजूद धा मक भाव था। वे मु य प से अपनी मातृभाषा के त लोग के ेम के बजाय बड़े पैमाने पर लोग क राजनी तक वफादारी को जगाने के लए
ज मेदार थे। इस वशेष मामले म सां दा यकता और भाषावाद के म ण को यो य बनाना मु कल है। ले कन कु छ अ ययन यह करते ह क पंज ाबी भाषा
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इन तीन कारक अथात भाषा जा त और धम को यान म रखते ए कोई भी कह सकता है क पंज ाब और त मलनाडु म े वाद का अ ययन यह करता है क
े ीय मांग के लए राजनी तक आंदोलन औपचा रक प से भाषा के नाम पर चलाए गए थे ले कन वा तव म उनके पास ठोस था गैर भाषाई आधार भी।
• आ थक आधार आ थक कारक े ीय राजनी त क जड़ है। भारत एक वकासशील दे श है। संसाधन सी मत ह जब क व भ े के वकास के लए संसाधन क मांग
असी मत या संसाधन के अनुपात म नह है। आ थक नी तय ने व भ े के बीच े ीय असंतुलन और ापक आ थक असमानता को ज म दया है जसके
प रणाम व प उनम असंतोष है। यह याद कया जा सकता है क नए रा य के गठन क अ धकांश मांग मु य प से ब भाषी रा य म वकास लाभ और य के क थत
प से अनु चत और असमान वतरण पर आधा रत थ । यूपी के पहाड़ी जल म एक अलग उ राखंड रा य के लए त कालीन आंदोलन बहार के कु छ ह स से बना एक
झारखंड रा य और असम के एक ह से को शा मल करने वाले बोडोलड रा य क मांग को इस कार के उदाहरण के प म गना जा सकता है। इन उदाहरण म अलग
रा य क मांग मु य प से इस व ास पर है क इन े को उनके संबं धत रा य ारा आ थक प से वं चत कया गया है। ादे शक राजनी त म आ थक कारक ने
ाय मुख मह व हण कर लया है। • राजनी तक शास नक आधार े वाद का राजनी तक शास नक आधार भी मह वपूण है ले कन राजनी त इस तरह से े वाद
छा नोट् स
राजनेता े ीय असंतोष और अशां त क त का लाभ उठाते ह। वे इसे अपने गत और गुट के समथन के आधार को मजबूत करने के लए आंदोलन म प रव तत
करते ह। यह एक ात त य है क कां ेस के भीतर लड़ाई ने तेलंगाना आंदोलन को ज म दया। ट डीपी आं दे श डीएमके त मलनाडु अकाली दल पंज ाब जैसे
े ीय राजनी तक दल े ीय भावना के कारण जी वत रहे ह। महारा और कनाटक क तरह सीमा ववाद भी े ीय भावना पर आधा रत है। े वाद क राजनी त
के अ य मह वपूण त य क य शासक अ भजात वग ारा व भ े के बीच राजनी तक भेदभाव के वा त वक या क पत आरोप ह।
. । े वाद के प
• रा य वाय ता क मांग े ीय राजनी त का पहला और सबसे चुनौतीपूण प कु छ रा य या े म लोग क भारतीय संघ से अलग होने और वतं सं भु रा य बनने क मांग
थी। आजाद के तुरंत बाद ऐसी मांग उठ ले कन अब वे यादातर नदारद ह। इस संदभ म मह वपूण उदाहरण जनमत सं ह मोचा क मीर मजो नेशनल ं ट असम क
लुशेई ह स नागालड सोश ल ट कॉ स असम का नागा ह स जला आ द ह।
तुलना म पर र हत के मु पर एक समान ख अपनाते ह। समूह क पहचान आमतौर पर कु छ व श मु के संबंध म होती है। यह कसी भी तरह से समूह क पहचान
म रा य क पहचान के कु ल और ायी वलय का मतलब नह है। एक समूह से संबं धत कु छ रा य के बीच त ं ता तनाव और यहां तक क संघष भी होते ह।
उदाहरण के लए भाषा या इ ात संयं के ान जैसे मु पर द ण और उ र भारत के बीच मौजूद त ं ता इस ब को दशाती है। आ थक वकास क अ धक
प ंच के लए पूव र रा य का समूहीकरण एक अ य उदाहरण है। आइए हम एक बार फर से भाषा के मु े को दे ख ता क यह हो सके क भारत म अ त रा य े वाद
द ण भारत उ र से कई भ ता के साथ अलग हो गया है भौगो लक से द ण ाय पीय ऊपरी इलाक या डे कन पूव और प मी घाट क पवत ृंख ला
राजनी तक इ तहास के संदभ म भी द ण को कभी भी उ र के सा ा य म शा मल नह कया गया। यह पहली बार टश शासन के दौरान कया गया था।
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भारतीय संघ के रा य वधानमंडल को रा य भाषा के प म उपयोग के लए हद स हत एक या एक से अ धक भाषा को अपनाने का अ धकार दया गया था। सं वधान
दान करता है क सं वधान के ारंभ से वष क अव ध के लए संघ क आ धका रक भाषा दे वना गरी ल प के साथ हद होनी चा हए अंतररा ीय अंक के साथ।
हालाँ क संसद कानून ारा लक भाषा के प म अं ेज ी के उपयोग का व तार कर सकती है। राजभाषा के संबंध म ावधान को लागू करने के यास ने एकता से अ धक
ती भाषा त ं ता को ज म दया है। हद के वरोध को द णी रा य म अपनी सबसे मजबूत राजनी तक अ भ मली। इन रा य के अ धकांश लोग के साथ
साथ पूव भारत के गैर हद भाषी े के लोग ने हद को लागू करने पर आप जताई। यह डर था क उनक अपनी भाषा को अंततः हद से बदल दया जाएगा
जसे वे हीन मानते थे। हद को एक आ धका रक भाषा के प म और कू ल म एक अ नवाय वषय के प म अपनाने को तुलना मक प से अ वक सत भाषा को उन
छा नोट् स
के दशक म हद को थोपने के वरोध म कई आंदोलन ए। म त मल सं कृ त अकादमी ने चे ई म संघ भाषा स मेलन आयो जत कया जसम एक ताव
म कहा गया था क जब म लयन क आबाद पूरी तरह से अप र चत है तो अं ेज ी क जगह कसी अ य भाषा अथात् हद को लेना ब त अ यायपूण होगा। वह
भाषा।
गौरतलब है क इस स मेलन म व भ राजनी तक संगठन जैसे राजगोपालाचारी वतं रामा वामी नायकर डीके राजन ज टस पाट अ ा रई डीएमके और कई
अ य के त न ध शा मल थे। माच को आयो जत एक रा ीय स मेलन म राजगोपालाचारी ने घोषणा क क हद गैर हद भाषी लोग के लए उतनी ही वदे शी
है जतनी क हद के समथक के लए अं ेज ी ।
सहयोगी े ीय भाषा होगी जसे आ धका रक उ े य के लए इ तेमाल कया जा सकता है। जब तक लोग को इसक आव यकता है। नणय हद भाषी लोग पर नह
के अंत म कई चीज ने हद सा ा यवाद के द णी भय को पुनज वत कर दया। पं। क मृ यु के साथ। नेह ने द ण म हद थोपने का डर फर से जगा दया
था। वष क समा त पर अलाम बढ़ गया जब आ धका रक भाषा के प म अं ेज ी के ान पर हद का उपयोग कया जाना था।
द णी गैर हद रा य के भय को राजभाषा अ ध नयम ारा भी र नह कया जा सका जसने क और क दोन म अं ेज ी के नरंतर उपयोग को संभव बना
दया।
रा य ।
म गणतं दवस पर भारतीय सं वधान के अ ध नयम के अनुसरण म हद भारत क आ धका रक भाषा बन गई। द णी रा य ने तीखी त या क।
DMK पाट ने जनवरी को शोक दवस के प म ना मत कया। हद थोपने के खलाफ छा समुदाय ने आंदोलन शु कया। डीएमके जसने इस आंदोलन का
नेतृ व कया ने अ धक त ा ा त क । जब दो साल बाद चुनाव ए तो यह त मलनाडु रा य म स ाधारी पाट बन गई।
DMK ने आ ह कया क सभी चौदह भाषाएँ संबं धत रा य क आ धका रक भाषाएँ ह और अं ेज ी रा य और क के बीच क कड़ी भाषा हो। क यु न ट के साथ साथ
कामराज ने तीन भाषा सू अथात अं ेज ी हद और मातृभाषा का समथन कया। जून म यह घोषणा क गई क कामराज कां ेस के अ य ारा दए गए
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ताव को वीकार कर लया गया है। भारत सरकार के भाषा नी त संक प ने हद अं ेज ी के साथ साथ े ीय भाषा को भी आ धका रक मा यता दान क ।
नी तगत ताव म यह भी संके त दया गया था क हद के वकास के लए कदम उठाए जाने चा हए। अं ेज ी को एक मह वपूण कड़ी भाषा के प म मा यता द जाती रही।
• अंतरा यीय े वाद यह रा य क सीमा से संबं धत है और इसम एक या एक से अ धक रा य पहचान का ओवरलै पग शा मल है जो उनके हत के लए खतरा है। नद जल
ववाद सामा य प से और वशेष प से महारा कनाटक सीमा ववाद जैसे अ य मु को उदाहरण के प म उ त कया जा सकता है।
• अंतर रा य े ीय राजनी त या उप े वाद यह े ीयता को संद भत करता है जो भारतीय संघ के एक रा य के भीतर मौजूद है। यह पहचान और आ म वकास के लए रा य
के एक ह से क इ ा का तीक है। यह सरे क क मत पर रा य के एक ह से के अभाव या शोषण क धारणा को भी दशा सकता है। इस कार का े वाद भारत के
कई भाग म पाया जा सकता है। इस तरह के उप े वाद के मह वपूण उदाहरण महारा म वदभ गुज रात म सौरा आं दे श म तेलंगाना उ र दे श म पूव यूपी और
म य दे श म छ ीसगढ़ ह।
छा नोट् स
• म का पु स ांत यह लोग को उनके ज म ान से जोड़ता है और उ ह कु छ लाभ अ धकार भू मकाएं और ज मेदा रयां दान करता है जो सर पर लागू नह हो सकती
ह। यह संसाधन नौक रय आ थक वषमता आ द के लए त धा जैसे कारक ारा बल दया जाता है। े वाद के कारण को आगे बढ़ाने के लए अवधारणा के
काया वयन के उदाहरण म शवसेना ारा महारा ीयन के हत क र ा के लए अ भयान बोडो और बंगाली भाषी मुसलमान के बीच संघष शा मल ह। असम म सर के
बीच म।
आव यकता महसूस कर सकते ह। म ग ठत पुरा आ दवासी वाय जला प रषद ने पूव अलगाववा दय के लए एक लोकतां क मंच दान करके रा य म अ यथा
लु त ाय जनजातीय पहचान क र ा करने का काम कया है और रा य म राजनी तक उ वाद के आधार को कम कया है।
• समकालीन वै ीकृ त नया म बढ़ती अ न तता को दे ख ते ए े वाद लोग के बीच पहचान का एक ोत बन गया है। ऐसी पहचान का आवास भारत के सामा जक सां कृ तक
• यह एक े के लोग के बीच त धा को े रत कर सकता है और उ ह अपने े क त म सुधार करने के लए बेहतर करने के लए े रत कर सकता है। उदा. भारत म
वकास के प धर ह।
े वाद एक पूरे के प म रा के वकास के लए एक े के वकास और रा ीय एक करण पर जोर दे ता है। य द हम े वाद और रा ीय एकता के त ध दाव म सामंज य
े वाद रा ीय एकता म बाधक नह है। रा ीय एकता के लए मह वपूण शत यह है क रा वाद व भ कार क े ीय उप रा ीयता को एक साथ रखने म स म हो। सरे
े वाद संघवाद को अ धक सफल बना सकता है। इस पहलू म े ीय पहचान का जोर सम या मक नह बनना चा हए। यह ब कु ल वाभा वक है क े ीय समुदाय जो अपनी
छा नोट् स
क जए क मूल नवासी आ दोलन या ह। ीकरण दे ते समय उनके उदय के ल ण कारण संदभ आ द को प से सामने लाने का यास कर
ता क वदे शवाद आ दोलन और भाषाई या अलगाववाद आ दोलन के बीच के अंतर को लेक र कोई म न रहे। े ीय आंदोलन के इन दो अ य कार
तरंग के बारे म बात करने क कोई आव यकता नह है। ले कन वदे शी आंदोलन क आपक ा या अपने आप म होनी चा हए ता क कोई प
इन आंदोलन के लए उठो।
उ र भारत के
कु छ ह स म साठ और स र के दशक म म के पु या वदे शी आंदोलन उभरे। धरती के पु ने यह मांग करना शु कर दया क उ ह अपने भाषाई रा य
क म पर काम करने का अ धकार य द एकमा नह तो मुख दया जाए और अ य भाषाई समुदाय से संबं धत लोग के ह त ेप के बना उसम आ थक लाभ
ा त कया जाए। मांग आ थक थी ले कन व श भाषाई पहचान के मा यम से म य ता क गई थी। साठ और स र के दशक क शवसेना और असम आंदोलन
जसक प रण त म ई को इस शैली से संबं धत माना जा सकता है। दोन ही मामल म मन भीतर है वदे शी जो सावधानीपूवक चालाक से म के
मूल पु को उनके मूल रा य ारा दान क जाने वाली आ थक उ त के लाभ से वं चत करते ह।
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इस कार ये आंदोलन अपनी आ थक मांग के साथ एक मह वपूण भाषाई त व लेक र चलते ह और यह भाषाई आधार पर भेदभाव के आधार पर है क आ थक
मांग को पूरा करने क मांग क जाती है। अ य रा य और वह भी इन अ य रा य के कु छ भाषाई समूह को मूल नवा सय ारा खतरे के प म दे ख ा जाता है और
वशेष प से आ ामक के प म दे ख ा जाता है। कभी भी पूरे दे श को ज मेदार नह ठहराया जाता। वे वीकार करते ह क क क मशीनरी के मा यम से ही उनक
शकायत का नवारण कया जा सकता है। हालां क इन आंदोलन को आम तौर पर मजबूत लोक य समथन ा त होता है ले कन वे अ य नाग रक के खलाफ
भेदभाव के लए स य प से दबाव डालने के कारण एक असा य संघष का नेतृ व करते ह जो स ांत प म रा य रोजगार के मामल म समान अ धकार का
ज मेदार कारक
• यह संभव है क न लीय और सां कृ तक पूवा ह जो आ वासन पर राय को सू चत करते ह वा तव म आ थक व हत संबंधी चता क कड़ी ह।
• आम तौर पर म आपू त म वृ जैसे क अ वासन के कारण म त धा म वृ होती है और मज री कम होती है सबसे कम कु शल को नुक सान होता है।
वह संघ
छा नोट् स
सद य कु छ मामल म अ वास तबंध के प म पाए गए ह इस तक का समथन करते ह। इसके अलावा यह पाया गया है क कम कु शल आ वासन पर
• समुदाय और समूह जो कभी श ा म पछड़े थे वे शै क प से अ धक उ त हो गए ह वे मांग कर सकते ह क उनके रा य उ ह सावज नक सेवा म नौक रय
• राजनी तक त धा एक अ य कारक है। स ा पर क जा करने के लए े ीय अ भजात वग क इ ा ने भी वदे शी आंदोलन को ज म दया है। भारत के कई
रा य म दो से अ धक मह वपूण दल ह और अंतरा यीय वासी अ सर एक जातीय अ पसं यक होते ह जो मूल जातीय ब मत के बीच रहते ह। ऐसी
त म कोई पाट कसी अ पसं यक के व कारवाइय के मा यम से जातीय पहचान को ासं गक बनाने क को शश कर सकती है।
आ थक कारक
और ती ता
आम तौर पर वृ दे ख ।
• बढ़ती बेरोजगारी खासकर श त म। • असमान वकास। शासक दल ारा कसी े या े क नरंतर उपे ा
. वतं ता के बाद भारत ने े वाद के चरम प के कई उदाहरण दे ख े ह। या े वाद रा ीय अखंडता के लए खतरा है संवैधा नक ढांचे के भीतर े ीय आकां ा
कोण mayuresh.spt@hotmail.com
आकां ाएँ।
उ र
े वाद एक वचारधारा और राजनी तक आंदोलन के पम े के कारण को आगे बढ़ाना चाहता है। य द एक े या एक रा य का हत पूरे दे श के व या
सरे े या रा य के व श ुतापूण तरीके से लगाया जाता है और य द ऐसे क थत हत ारा संघष को बढ़ावा दया जाता है तो इसे े वाद कहा जाता है।
वतं ता के बाद भारत ने े वाद के कई उदाहरण दे ख े ह वड़ नाडु क मांग तेलंगाना आंदोलन असम म बोडोलड आंदोलन खा ल तान आंदोलन। अंतररा यीय
ववाद ने भी े ीयता को आगे बढ़ाया। अंत न हत कारण म े ीय वषमता से लेक र म के पु क अवधारणा के साथ साथ भाषा सं कृ तय जातीय समूह
आ द क व वधता शा मल है।
े वाद को अ सर रा के वकास ग त और एकता के लए एक गंभीर खतरे के प म दे ख ा जाता है। व ोही समूह ारा आंत रक सुर ा को चुनौती द जाती है
छा नोट् स
े वाद क भावना से े रत दे श क आंत रक सुर ा के लए गंभीर चुनौती है। े वाद कई बार अलगाववाद म बदल जाता है खासकर
सीमावत े म अ सर पड़ोसी दे श का समथन ा त होता है।
. कसी दे श के नाग रक के बीच सामा य भाईचारे क भावना को बढ़ावा दे ने के लए जातीय समानताएँ उतनी ही मह वपूण ह जतनी क
े ीय सीमाएँ। उपरो कथन के संदभ म भारत के अ य भाग म उ र पूव के लोग ारा सामना क जाने वाली सम या का परी ण
क जए। इस संबंध म सरकार ारा उठाए गए कदम का भी व ेषण क जए।
कोण नाम
पुक ार के व भ उदाहरण क जांच कर जैसे क द ली और बगलोर पलायन म नडो ता नया ह याकांड यह च त करने के लए क कै से
उ र पूव भारतीय क जातीय समानता क कमी मु य भू म के लोग के बीच एक वदे शी भावना पैदा करती है और यह कै से बीच म घषण
पैदा करती है उ ह। आगे सरकार ारा कए गए उपाय का लेख ा जोखा दे ना चा हए और आगे के उपाय भी सुझ ाने चा हए।
उ र
बगलोर म लोइतम रचड क रह यमय मौत नई द ली म रामच फmayuresh.spt@hotmail.com
ह गरे क ह या दाना संगमा ारा आ मह या और ऐसी अ य घटनाएं
उन असुर त तय क याद दलाती ह जनके तहत भारत के उ र पूव के लोग वशेष प से युवा इस दे श के महानगर म रहने के
लए। दे श के अ य भाग म उ र पूव के लोग को जन मुख सम या का सामना करना पड़ता है वे ह
• भारत के अ भ अंग से आने के बावजूद न लीय वहार के ये उ रजीवी दै नक आधार पर मान सक शारी रक और मौ खक हमले
क घटना को नज़रअंदाज़ करने के लए मजबूर महसूस करते ह।
• बार बार पूव र के छा को ानीय लोग ारा उनके खलाफ एकजुट होने के बाद कह और ानांत रत करने के लए मजबूर कया
गया है।
छा नोट् स
धारा।
कु छ अ य संभा वत कदम
• जब तक उ र पूव लोग के लए कानूनी सुर ा नह होगी उनके अ धकार हमेशा उन लोग ारा कु चले जाएंगे ज ह उनके अ त व क
कोई परवाह नह है। न लवाद वरोधी कानून एक मह वपूण उपाय है जसे भारत सरकार को अव य लेना चा हए।
• जा तवाद एक सामा जक सम या है और इसे के वल सामा जक तर पर ही हल कया जा सकता है। यह उ र पूव भारत के अ तीय
इ तहास सं कृ त भाषा के बारे म जाग कता अ भयान मु य भू म के लोग को श त करने के मा यम से कया जा सकता
है। • रा य श ा बोड और अ य क य शै क बोड के पा म म उ र पूव े
या द णी े या कसी अ य े के बारे म अ धक जानकारी को शा मल करके ान के इस अंतर को समा त करने क एक बड़ी पहल
होगी जसे वष से अनदे ख ा कया गया है। खासकर एनसीईआरट क कताब। • पु लस क ज मेदारी भी ाथ मक दज करने
और फर व रत कारवाई करने क होती है
• एक और मह वपूण कदम उ र पूव े म ायी रोजगार के अवसर पैदा करना हो सकता है ता क उ र पूव से लोग के पलायन को
रोका जा सके ।
. े वाद या है लगातार े ीय असमानता के बावजूद यह भारतीय प र य म तेज ी से कम मह वपूण होता जा रहा है। व ेषण।
कोण
• े वाद क प रभाषा। • सं ेप म े ीय
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असमानता क ा या कर। • फर समझाएं क यह कम
मह वपूण य होता जा रहा है सामा जक आ थक राजनी तक
कारक।
उ र
• े वाद रा या कसी अ य े क तुलना म कसी वशेष े या े के त ेम का तीक है। भारतीय संदभ म े वाद रा के
भीतर व भ समूह ारा व श जातीय भाषाई या आ थक हत के दावे को संद भत करता है।
चूं क े वाद क जड़ व श भौगो लक े म रहने वाले लोग क भाषाई जातीय आ थक और सां कृ तक पहचान म न हत ह
इस लए राजनी तक व ान ने े वाद के व भ प का इलाज कया है जसम आ थक े वाद भाषाई े वाद राजनी तक
े वाद और यहां तक क उप े ीय आंदोलन भी शा मल ह। े वाद का सामा य ढांचा।
छा नोट् स
इस कार भले ही व भ रा य और े के बीच असमानता परेशानी का एक संभा वत ोत हो सकती है ले कन असंतोष पैदा करने और
राजनी तक व ा पर दबाव डालने के बावजूद इस सम या ने अभी तक े वाद को ज म नह दया है या एक े के सरे के साथ
भेदभाव क भावना को ज म नह दया है।
योजना आयोग बीआरजीएफ वशेष ेण ी का दजा सबसे गरीब रा य को अनुदान आ द ने अमीर और गरीब रा य के बीच क खाई
को पाटने क को शश क है। इस कार हम कह सकते ह क म के बेटे स ांत एक वपथन हो गया है ले कन इसका सामा य
भावना के बजाय राजनी तक अवसरवाद से अ धक लेना दे ना है।
इस कार हम कह सकते ह क क सरकार के यास के कारण। े ीय भावना को अब तक मयादा म रखा गया है। साथ ही े वाद
अपनी संपूण ता म नकारा मक नह है य क यह दे श क सां कृ तक व वधता को बनाए रखने म मह वपूण भू मका नभाता है और साथ ही
वकास म े ीय असमानता को र करने म भी ब त मदद कर सकता है। हालां क अ नयं त होने पर यह रा ीय वघटन का कारण भी
बन सकता है।
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. भारत म े वाद न के वल भारत क भाषा सं कृ तय जनजा तय और धम क व वधता म न हत है ब क े ीय अभाव क भावना
से भी े रत है। चचा करना।
कोण •
तावना को सं ेप म भारतीय संदभ म े वाद को प रभा षत करना चा हए। • चचा म व भ कारक को शा मल
कया जाना चा हए जो े वाद को ज म दे ते ह और इस घटना को बढ़ाने म े ीय अभाव क भावना ारा नभाई गई भू मका। • समापन
उन श य को रेख ां कत करते ए कर ज ह ने भारत को े वाद से उ प होने वाली चुनौ तय का सामना करने म स म
बनाया है
उ र
एक वचारधारा और राजनी तक आंदोलन के पम े वाद े के कारण को आगे बढ़ाना चाहता है। इसम एक ऐसी या शा मल है
जसम उप रा य अ भनेता तेज ी से श शाली हो जाते ह।
भारत के भीतर े वाद सं कृ त भाषा जनजा तय धम और अ य सामा जक सां कृ तक कारक क व वधता पर आधा रत है जैसा क
नीचे दे ख ा गया है
• भाषा भाषा जो पहचान का एक मूल स ांत है ने भारत के व भ ह स म े ीयता क भावना को ज म दया है। इसक एक नापाक
अभ भू म स ांत के पु ह जो तक दे ते ह क वशेष रा य ब सं यक भाषाई समूह से संबं धत है या े ीय भाषा बोलने वाल
के लए एक वशेष मातृभू म का गठन करता है। राजनी तक प से महारा और गुज रात जैसे भाषाई रा य के नमाण से े ीय
आकां ा को पूरा करने क को शश क गई है।
छा नोट् स
• जनजातीय पहचान उ र पूव क े ीय आकां ाएं मु य प से जनजातीय पहचान के भेद पर आधा रत थ । ये आकां ाएं के दशक
म और अ धक के त और मुख हो ग । पूरे उ र पूव े ने अलग अलग पहचान के संर ण और े ीय आकां ा को पूरा करने
के उ े य से पूरी तरह से अलग राजनी तक पुनगठन दे ख ा है। • आ थक असमानता और े ीय वंचन व वधता क भौगो लक सघनता
के साथ साथ बढ़ते ए े ीय वंचन क थत और वा त वक ने भारत म े वाद के वकास को एक द वार दान क है। उदाहरण के
लए भारत के वभाजन ने उ र पूव े को एक
लडलॉक े म बदल दया और इसे आ थक प से भा वत कया। भारत क मु यधारा से इस अलगाव के कारण यह े वकासा मक
मापदं ड के मामले म पछड़ा रहा। इस लए शु से ही रा ीय सरकार ने े ीय वकास म असंतुलन का मुक ाबला करने क ज मेदारी
महसूस क । लंबे संघष के बाद हाल ही म तेलंगाना का गठन े ीय वंचन के मह व को और भी अ धक रेख ां कत करता है। • कई कारक
का संयोजन म तीन नए रा य के नमाण म अथात् छ ीसगढ़ उ रांचल और झारखंड भाषा ने मुख भू मका नह नभाई।
ब क आ दवासी पहचान भाषा े ीय वंचन और पा र तक पर आधा रत जातीयता के संयोजन ने ती े ीयता के लए आधार
दान कया जसके प रणाम व प रा य का दजा मला।
एक वशाल और व वध दे श होने के नाते भारत ने कई कारक के आधार पर े वाद से उ प कई चुनौ तय को दे ख ा है। हालां क व वधता
म एकता क भावना और लोकतं और संघवाद के संवैधा नक तं ने इसे इन चुनौ तय को अ र होने से बचाने म स म बनाया है।
. पूव रम े ीय आकां ा पर वाय ता क मांग अलगाव के लए आंदोलन और बाहरी लोग के वरोध का बोलबाला रहा है। ासं गक
उदाहरण के साथ चचा क जए।
कोण •
वाय ता क व भ मांग अलगाव के लए आंदोलन और वरोध पर चचा कर
पूव र े म बाहरी लोग के लए।
वाय ता क मांग
• वतं ता के समय म णपुर और पुरा को छोड़कर पूरे े म असम रा य शा मल था। राजनी तक वाय ता क मांग तब उठ जब गैर असमी
लोग को लगा क असम सरकार उन पर अस मया भाषा थोप रही है।
• म पूव र के पुनगठन के पूरा होने के बाद भी वाय ता क मांग समा त नह ई। असम म बोडो करबी और दमास जैसे समुदाय ने
अलग रा य क मांग क ।
• काब और दमास को जला प रषद के तहत वाय ता दान क गई है जब क बोडो को संवैधा नक ावधान के तहत वाय प रषद दान
क गई।
अलगाववाद आंदोलन
• मजोरम आजाद के बाद मजो पहा ड़य म अलगाव के आंदोलन को लोक य समथन मला। लालडगा के नेतृ व म मजो नेशनल ं ट के
नेतृ व म और पा क तान ारा सम थत दो दशक का व ोह म एक शां त समझौते के बाद समा त हो गया।
छा नोट् स
• नागालड फजो के नेतृ व म नागा के एक वग ने म भारत से वतं ता क घोषणा क । हसक व ोह क अव ध के बाद नागा के एक वग ने भारत
• असम यूनाइटे ड लबरेशन ं ट ऑफ असम उ फा असम म स य एक अलगाववाद संगठन है। यह एक सश संघष के साथ एक सं भु असम क ापना
करना चाहता है। भारत सरकार ने म इसे आतंक वाद संगठन बताते ए तबं धत कर दया।
• उ र पूव म बड़े पैमाने पर वासन ने एक वशेष कार क सम या को ज म दया जसने ानीय समुदाय को बाहरी या वासी के प म दे ख े जाने वाले
लोग के खलाफ खड़ा कर दया। • दे र से आने वाल को लभ संसाधन पर अ त मण करने वाल के प म दे ख ा जाता है। • ऑल असम टू डट् स यू नयन
AASU के नेतृ व म से तक असम आंदोलन बाहरी लोग के खलाफ ऐसे आंदोलन का सबसे अ ा
उदाहरण है। अस मय को संदेह था क बां लादे श से बड़ी सं या म अवैध बंगाली मु लम आबाद थे।
े का अलगाव इसका ज टल सामा जक च र पछड़ापन राजनी तक वग क श थलता वशाल अंतररा ीय सीमा और भारत और शेष भारत के बीच कमजोर
संचार ने यहां क राजनी त क नाजुक कृ त को और बढ़ा दया है।
•क रा य सरकार व ोही समूह और नाग रक समाज के बीच नरंतर संवाद। व ोही समूह को यह समझने क ज रत है क दे श क बाहरी और आंत रक
सुर ा को शा मल कए बना उनक वतं ता और वाय ता क मांग को कभी भी सी मत पहचान के आधार पर पूरा नह कया जा सकता है। • नी तय के
छा नोट् स
धम नरपे ता
अंतव तु
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छा नोट् स
. धम नरपे ता का अथ
धम नरपे ता एक स ांत है जो धम को राजनी त से अलग करने क वकालत करता है। यह धा मक सं ान और धा मक गणमा य य से रा य का त न ध व करने के लए
अ नवाय सरकारी सं ान और य को अलग करने का स ांत है। इस कार धम को रा य और शासन के पहलु से अलग होना चा हए।
धम नरपे ता एक मानक स ांत है जो एक धम नरपे समाज को साकार करने क को शश करता है जो क अंतर धा मक वच व या अंतर धा मक वच व से र हत है। यह धम के
भीतर वतं ता और समानता के साथ साथ धम के भीतर भी बढ़ावा दे ता है। इसम रा य और धम के बीच अलगाव भी शा मल है। वा तव म अलगाव क कृ त और सीमा अलग
अलग प ले सकती है यह उन व श मू य पर नभर करता है जो इसे बढ़ावा दे ने के लए ह और जस तरह से इन मू य क ा या क जाती है।
ारा सभी धम को समान संर ण। को आपसी ब ह कार के प म अलग करती है इसका मतलब है क दोन अपने अपने
अंतधा मक समानता का वचार भारतीय धम नरपे ता के मूल म है। अंतर धा मक वतं ता को क वतं ता के प म और वतं ता को क
और अंतर धा मक समानता पर समान यान दया गया है। यह न के वल य क वतं ता के प म और समानता को य के बीच समानता के प म
धा मक वतं ता से संबं धत है ब क अ पसं यक समुदाय से भी संबं धत है। ा या यत कया। समुदाय आधा रत अ धकार या अ पसं यक आधा रत
अ धकार के लए ब त कम गुंज ाइश है।
यह समान तर पर धा मक े म रा य ायो जत सुधार को बढ़ावा दे ता है। धम नरपे ता क प मी धारणा म अंतर धम समानता के लए एक तं है अंतर धम
भारतीय धम नरपे ता सभी धम को सै ां तक रा य क अनुम त दे ती है। ह त ेप प म ने इस मॉडल को दो कारण से अपनाया य क यह भारत क तुलना म कमोबेश
धम नरपे रा य को हर धम के येक पहलू को समान स मान के साथ वहार करते ह और चच से रा य के स त अलगाव पर गत वतं ता का एहसास करने पर
करने क आव यकता नह है। यह संग ठत धम के कु छ पहलु के लए समान जोर दया जाता है।
के प म मानना।
भारत के संदभ म कभी कभी यह तक दया जाता है क धम नरपे ता क अवधारणा प म से आयात क गई है। ले कन उपरो अंतर से यह है क प म म स त चच और
छा नोट् स
श ण सं ान ।
• भारत क तावना म कहा गया है क भारत एक धम नरपे दे श है व संशोधन के बाद जोड़ा गया
अ ध नयम ।
धम नरपे ता का भारतीय वचार और अ यास हालां क अपने प मी मूल से े रत था फर भी भारत क अपनी अनूठ सामा जक ऐ तहा सक
पर तय म ढ़ता से न हत था यानी प मी समाज क एक धा मक कृ त के वपरीत उ लेख नीय धा मक व वधता वतं ता सं ाम जो सभी धम
के लए एक समान समथन और समान स मान क वकालत क इस त य पर क कसी के धम के अ यास को लोकतं के अ यास के लए वरोधी के प
म नह दे ख ा गया था ब क एक ऐसे धम के प म जो इसे लंबे समय म मजबूत करेगा।
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धम नरपे ता क भारतीय अवधारणा ने इस कार भारतीय समाज क गहरी धा मक कृ त को मा यता द और धम के अ यास के भीतर समानता के
स ांत को लागू कया। धम नरपे ता को सं वधान क एक गैर पर ा य मूल वशेषता म बदल दया गया था और धा मक मामल म रा य के ह त ेप क
अनुम त दे ने के लए इस श द का पुन आ व कार कया गया था जब यह न के वल अंतर धा मक समानता को बढ़ावा दे ने के लए कया जा रहा था अथात
सभी नाग रक के लए उनक धा मक ाथ मकता के बावजूद समान अ धकार धा मक अ पसं यक के लए अ त र सुर ा के साथ ले कन साथ
ही धा मक समानता भी यह सु न त करके क एक धम का एक सं दाय सरे पर हावी नह होता है ।
धा मक मामल म रा य के ह त ेप क वांछनीयता को धम नरपे ता क भारतीय अवधारणा के तहत हर धम के भीतर ग तशील आवाज को जगह दे ने
और धम के कु छ पहलु पर असहम त क अनुम त दे ने के लए बरकरार रखा गया है। उदाहरण के लए अ ृ यता सती दहेज का उ मूलन ह
ववाह और उ रा धकार कानून म संशोधन और समान नाग रक सं हता क ापना क मांग आ द को इस अवधारणा के अनु योग के प म दे ख ा जा
सकता है।
साथ ही धम नरपे ता का भारतीय आदश प से धम को रा य के मामल म ह त ेप करने क अनुम त दे ने के खलाफ चेतावनी दे ता है जससे
एक ओर चुनाव जीतने के लए धा मक आधार पर मतदाता को लामबंद करने क अनुम त नह मलती है जब क स ती से यह कया जाता है क
भारतीय रा रा य का कोई रा य धम नह होगा। .
छा नोट् स
• धम नरपे ता को भारतीय सं वधान क मूल संरचना के तंभ म से एक माना गया है। के शवानंद भारती मामले म सव यायालय ने कहा क सं वधान क मूल
• एस आर बो मई बनाम भारत संघ मामले म सव यायालय ने न न ल खत पाया इस त य के बावजूद क समाजवाद और धम नरपे श द सं वधान क
तावना म म व ारा जोड़े गए थे संशोधन धम नरपे ता क अवधारणा हमारे संवैधा नक दशन म ब त अ धक अंत न हत थी इस कार सं वधान म न हत
टै न लास बनाम म य दे श रा य मामले म सव यायालय ने माना क धम के चार के अ धकार अनु ेद के तहत म जबरन धमातरण का अ धकार शा मल
नह है य क यह सावज नक व ा को भंग कर सकता है। • र तलाल बनाम बॉ बे रा य म यह माना गया था क रा य ारा व नयम नह होने चा हए
धम क अ नवायता म बाधा।
• चच ऑफ गॉड फु ल गॉ ेल इन इं डया बनाम के के आर मैज े टक कॉलोनी वेलफे यर एसो सएशन म यह माना गया था क चूं क धम का अ धकार सावज नक आदे श
के अधीन है कोई ाथना आवाज बढ़ाने वाले या ढोल पीटने के मा यम से नह होनी चा हए सर क शां त भंग करके कया गया।
• सट ट फस कॉलेज बनाम द ली व व ालय म अदालत ने कहा क अ पसं यक सं ान क वाय ता को छ ना नह जा सकता य क यह अ पसं यक ारा
. समसाम यक मु े
समकालीन समय म धम नरपे ता और धम के अ यास और शासन क वतं ता के संबंध म व भ मु े सामने आए ह। इनम न न ल खत शा मल ह
मतलब दे श के सभी नाग रक के लए गत मामल को नयं त करने वाले कानून का एक सामा य समूह है चाहे वह कसी भी धम का हो।
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• यह धम को सामा जक संबंध और गत कानून से र कर दे गा और पु ष और म हला दोन के लए याय के मामले म समानता सु न त करेगा चाहे वे कसी भी धम का
पालन करते ह । • ववाह वरासत तलाक आ द के संबंध म सभी भारतीय के लए एक समान कानून ह गे। • यह भारत म म हला क त
म सुधार करने म मदद करेगा य क भारतीय समाज यादातर पतृस ा मक है जससे पुराने धा मक नयम पा रवा रक जीवन को नयं त करते ह और अधीन रहते ह
औरत।
• वभ गत कानून म कई खा मयां ह जनका वे लोग फायदा उठाते ह जनके पास ऐसा करने क श है। एक पता के कारण ऐसी क मयां समा त हो जाएंगी या कम
हो जाएंगी • जा त पंचायत जैसे अनौपचा रक नकाय पारंप रक कानून के आधार पर नणय दे ते ह। यूसीसी करेगा
दे ने के लए कम होगा। • यह भारत के एक करण म मदद करेगा य क ब त सी श ुता अ धमा य उपचार के कारण होती है
कु छ धा मक समुदाय के प म कानून।
छा नोट् स
• यूसीसी का काया वयन धम नरपे ता के स ांत म ह त ेप कर सकता है वशेष प से अनु ेद और के ावधान के साथ जो धा मक था से संबं धत वतं ता क
गारंट दे ता है।
• धा मक समूह ारा ढ़वाद जो ऐसे प रवतन का वरोध करते ह य क यह उनके साथ ह त ेप करता है
धा मक परंपराएं। • सरकार के
लए एक समान कानून बनाना मु कल है जसे सभी धा मक समुदाय ारा वीकार कया जाए। सभी धा मक समूह चाहे ब सं यक ह या अ पसं यक को पसनल लॉ म बदलाव
का समथन करना होगा। • यूसीसी का मसौदा तैयार करना एक और बाधा है। इस बारे म कोई आम सहम त नह है क यह गत कानून का म ण होना चा हए या
श द बोलकर अपनी प नी को कानूनी प से तलाक दे सकता है। इस था ने याय ल गक समानता मानवा धकार और धम नरपे ता के मु के बारे म कई ववाद और चचाएँ
खड़ी क ह।
शायरा बानो बनाम भारत संघ मामले म सु ीम कोट ने ब मत से तीन तलाक क था को असंवैधा नक घो षत कर दया।
• यह वशेष प से मु लम म हला के लए ल गक समानता सु न त करता है य क तीन तलाक के ावधान के प रणाम व प उनम असुर ा क
भावना पैदा ई। मनमाने तलाक ने उनक सामा जक त और त ा को भी भा वत कया।
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• यह भारतीय सं वधान के अनु ेद के खलाफ जाता है जो हर धा मक सं दाय और सं दाय हनफ कू ल स हत जसका पालन शायरा बानो करता है के धम के मामल म
है इस कार यह अनु ेद के अंतगत नह आता है। • चुनौती मु लम को सू चत करने क है जनता है क था का उ मूलन नह होता है
• श न शगनापुर मं दर भूमाता रंगरा गनी गेड नामक म हला के एक समूह ने मं दर क साल पुरानी परंपरा को तोड़ने के लए एक आंदोलन का नेतृ व कया जसम
म हला को गभगृह म वेश करने से रोक दया गया था। आ खरकार बॉ बे हाई कोट ने कहा क कोई भी कानून म हला को पूज ा ल म वेश करने से नह रोकता
छा नोट् स
यह मानने के लए क या मा सक धम वाली म हला को बाहर करना आव यक धा मक अ यास है सु ीम कोट क तीन जज क बच को संद भत कया गया।
• हाजी अली दरगाह दरगाह ट ने म म हला को हाजी अली दरगाह के गभ गृह म वेश करने से रोक दया था। ट ने कु रान और पैगंबर मोह मद क आयत का
हवाला दे ते ए दावा कया क इ लाम म हला को दरगाह म जद म वेश करने क अनुम त नह दे ता है। ट ने भारतीय सं वधान के अनु ेद के तहत अपने
वयं के मामल का बंधन करने के मौ लक अ धकार का भी दावा कया। इसका कई म हला संगठन ने वरोध कया था। आ खरकार बॉ बे हाई कोट ने यह कहते ए
तबंध हटा दया क यह सं वधान का उ लंघन करता है और म हला को पु ष के बराबर वेश क अनुम त द जानी चा हए। यह भी माना गया क ट सं वधान म
कोण
भारतीय अवधारणा का व ेषण कर धम नरपे ता धा मक स ाव के बराबर है। तक द क स ाव के लए धम नरपे ता एक पूव आव यकता है न क इसके
• ऐसा करते समय म उ ल खत तीन क वड् स समानता सामा जक याय और लोकतं पर वचार कर। व ेषण कर क य द धम नरपे ता को सकारा मक
उ र
क पर र नभरता। इन तीन मु को जोड़ने वाली एक सामा य खोज धा मक स ाव क खोज रही है जो समय के साथ धम नरपे ता के साथ पहचानी जाने लगी।
हालाँ क यह तक दया गया है क धम नरपे ता धा मक स ाव का उ पाद नह है। वा तव म धम नरपे ता होने पर ही धा मक स ाव ा त कया जा सकता है।
यह भारत जैसे ब धा मक समाज के लए वशेष प से सच है। ऐसे समाज म धम नरपे ता का गठन करने का उ र रा य और समाज क मू य और नै तकता को
आ मसात करने क मता म न हत है जो कारण और मानवतावाद से सू चत है। यह सु न त करना भी मह वपूण है क धम नरपे ता वशेष प से धम के दायरे
यह सु न त करना मह वपूण है क धा मक मतभेद पृ भू म म चले जाएं और एक सामा य बंधन व भ समूह को एकजुट करे। यही कारण है क कु छ लोग पं.
नेह ने यह भी तक दया था क धम नरपे ता के वल सामा जक याय के दायरे म ही एक वा त वकता हो सकती है। उ ह ने एक धम नरपे समाज के नमाण म
अथ व ा क भू मका पर जोर दया था। उनके अनुसार वा त वक चीज आ थक कारक थी। उ ह ने तक दया था क अगर आ थक कारक पर जोर दया जाए तो
धा मक मतभेद वतः ही पृ भू म म चले जाएंगे और एक सामा य बंधन व भ समूह को एकजुट करेगा। नेह का यह मत
छा नोट् स
इसका अथ यह नकाला गया है क धम नरपे ता के वल सामा जक याय के दायरे म ही एक वा त वकता हो सकती है। डॉ. अ बेडकर जैसे अ य लोग भी
इसके अलावा धम नरपे ता का मूल उ े य सभी धा मक सं दाय क समानता सु न त करना है इसका ता पय है धम नरपे ता क अवधारणा लोकतां क
समानता के स ांत से ली गई है। वा तव म यह तक दया गया है क धम नरपे ता तभी अथ और सार ा त करती है जब यह लोकतां क समानता के स ांत को
समूह।
इससे भी आगे के वल धा मक स ाव के प म धम नरपे ता क अवधारणा धम के एक अखंड कोण पर आधा रत है। इस तरह का कोण अपने भीतर के
भेदभाव को यान म नह रखता है। त य यह है क येक सं कृ त के भीतर कई सां कृ तक और सामा जक समूह होते ह जनके बीच वरोधाभास और पूरकता
मौजूद होती है। धम के भीतर मौजूद सां कृ तक और सामा जक पदानु म के सार के कारण धा मक स ाव लाने के यास कसी भी धम के सभी अनुया यय को
शा मल नह कर सकते ह।
इस कार सा दा यक स ाव को उ प करने और बनाए रखने के लए साम ी और वैचा रक न व बनाए बना इसे साकार करना अ यंत क ठन लगता है। ब
पया त प से समावेशी नह है। समावे शता को साकार करने के लए सां कृ तक ब लता पया त नह है जो आव यक है वह सां कृ तक समानता है। इस लए
धम नरपे ता क अवधारणा का अ भ अंग सां कृ तक समानता है इस लए लोकतं और सामा जक याय भी ह। इन तीन पर र संबं धत कारक समानता
कोण
उ र
• धा मक अ पसं यक रा ीय अ पसं यक आयोग अ ध नयम के अनुसार इसम मु लम सख ईसाई बौ पारसी पारसी और जैन शा मल ह। एक धम
के भीतर सं दाय को धा मक अ पसं यक नह माना जाता है।
यह माना गया क अ पसं यक या तो भाषाई या धा मक के वल रा य क जनसां यक के संदभ म नधा रत कया जा सकता है न क रा य क जनसं या को
यान म रखकर।
छा नोट् स
एक पूरे के प म दे श । इस कार धा मक और भाषाई अ पसं यक को क य और रा य कानून के आवेदन के लए रा यवार माना जाना चा हए।
भारत म भारत के सं वधान के तहत अ पसं यक के लए सुर ा उपाय सबसे पहले मौ लक अ धकार अनु ेद से के प म ह। अनु ेद कसी भी
श ण सं ान के संचालन के अ धकार और ऐसे सं ान को सहायता दे ने म रा य ारा गैर भेदभाव के बारे म बात करता है।
हालाँ क कई बार ये सुर ा उपाय प पात या तु करण और धम नरपे वरोधी होने के आरोप को आमं त करते ह एक धम नरपे रा य वह है जो कसी
दया जाए जहां राजनी तक णाली का सामा य कामकाज उ ह ब सं यक समुदाय के मुक ाबले नुक सान म रखता है।
सापे उनक कम सं या है। वशेष सुर ा के बना धम नरपे ता ब सं यक समुदाय के मू य और मानदं ड को अ पसं यक पर थोपने का बहाना बन सकती है।
अ पसं यक को कु छ वशेष अ धकार दे ने का वचार उ ह आबाद के एक वशेषा धकार ा त वग के प म नह ब क अ पसं यक को सुर ा क भावना दे ने के
लए है।
अ पसं यक के लए वशेष अ धकार असमानता पैदा करने के लए नह ब क अ पसं यक सं ान के संर ण को सु न त करके और इन सं ान के शासन
इस लए इन वशेष अ धकार को वरोधाभास के प म मानना समाज के सभी वग क ज रत पर यान दए बना धम नरपे ता क एकतरफा समझ लेना होगा।
छा नोट् स
हलेरी लंटन
अंतव तु
प रचय ............................................... .................................................. ........................
. भारत म म हला क परेख ा ................................... .................................................. ..... . । सामा जक संरचना सामा जक याएँ और
. । म हला का काम या है ................................................... .................................................. .... . । गृह आधा रत उ पादन और पा रवा रक खेत
म अवैत नक काय........................................ .... . । म हला बाल मक ................................................ .................................................. .........
छा नोट् स
प रचय
न न ल खत प र य क क पना कर
• आप बस टॉप पर बस का इंतजार कर रहे ह और एक युवक बुनाई क सुई और ऊन नकालता है और बुनना शु करता है। एक कू ल क लड़क जो बस का इंतजार कर रही है
• आपके पड़ोस म एक जोड़ा रहता है। प त घर पर रहकर अपनी दो साल क बेट क दे ख भाल करता है और घर के अ य काम का बंधन करता है जब क प नी बक म काम करती
है
एक बंधक के प म।
या ये घटनाएं आपको हैरान करती ह इन घटना के संबंध म आप लोग से या त या सुनने क उ मीद करते ह इन य घटना म ऐसा या अनोखा है क लोग को
आ य करना पड़ता है या ऐसी ट प णयां करनी पड़ती ह एक आदमी बुनाई य नह कर सकता या एक लड़क पेड़ पर य नह चढ़ सकती अगर एक आदमी घर पर
रहता है और ब े क दे ख भाल और घर के काम क ज मेदारी लेता है तो या गलत है एक म हला अपने क रयर पर पूरा यान य नह दे सकती ये छ वयां लोग को
बनाई ह और समय के साथ साथ अ धकांश लोग इसे सही छ व के प म वीकार करने लगे ह।
इस कार म हला को एक सामा जक ेण ी के प म व णत कया जा सकता है। उ पादक संसाधन च क सा सु वधा शै क और रोजगार के अवसर तक कम प ंच और
उनके ारा सामना कए जाने वाले व भ अ य सामा जक और आ थक भेदभाव के मामले म म हला के मु क एक ृंख ला रही है। म हलाएं अपने जीवनकाल म मां से लेक र
रोट कमाने वाली तक व भ भू मकाएं नभाती ह ले कन लगभग हमेशा पु ष स ा के अधीन रहती ह काम और घर दोन म उ त वाले वसाय और नणय लेने से काफ
हद तक बाहर रखा गया है। वरोधाभासी प से हमारे भारतीय समाज म भी जहां दे वय क पूज ा क जाती है म हला को एक वतं पहचान और त से वं चत रखा जाता
है।
हाल के वष म वशेष प से म हला मु आंदोलन के उदय के साथ म हला के खलाफ इस भेदभाव पर ापक प से बहस ई है। इस बहस से दो मु य बात सामने आई
ह।
• एक का कहना है क दो लग के बीच यह असमानता कु छ हद तक पु ष और म हला के बीच जै वक या आनुवं शक प से आधा रत अंतर ारा नधा रत क जाती है। •
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क जाती है। आयु व श मृ यु दर डेटा म हला शशु मृ यु दर वष और मातृ मृ यु दर वष क उ दर को दशाता है। जीवन याशा दर उस औसत जीवन
म म हला म लंबी जीवन याशा क संभावना अ धक होती है जब क युवाव ा म म हला म अपे ाकृ त अ धक मृ यु दर बनी रहती है।
छा नोट् स
• इसके कारण म हला के खलाफ हसा म तेज ी से वृ ई है। • जैसा क माता पता महसूस
करते ह म हला के खलाफ बढ़ती हसा के कारण बेटे को वरीयता दे ने क वृ बढ़ है
म हला को सुर त रखना मु कल
• सटर फॉर सोशल रसच ह रयाणा ारा कए गए एक अ ययन म म हला के खलाफ हसा का डर क या ूण ह या का एक मुख कारण है। •
इसके अलावा म हला क कमी के कारण ब ववाह के मामले भी
बढ़ रहे ह।
वधवा क जबरन शाद के मामले सामने आ रहे ह।
• हन क खरीद क था के साथ साथ म हला का भी व तुक रण कया गया है
गरीब े से।
• आ थक प रणाम यह है क उ पादक आबाद का एक बड़ा ह सा गायब है। म हला क कमी से पु ष क काम करने क मता कम हो जाती है
और पु ष पर काम का दबाव बढ़ जाता है।
वा य अ ताल म दा खले पर अ ययन और रकॉड से पता चला है क लड़ कय क तुलना म पु ष को अ धक च क सा दे ख भाल मलती है।
म हला आबाद का पूण एनी मक है। दे श क mayuresh.spt@hotmail.com
म हला आबाद बार बार गभधारण उनके उ पादक जीवन का गभाव ाम तीत
होती है और पोषण क कमी से पी ड़त है।
जनन वा य
छा नोट् स
अ धकांश म हलाएं ामीण े और कृ ष म कायरत ह। ामीण म हला मक म से कृ ष म मज र कृ षक वरोजगार जैसे फे रीवाल आ द के प म कायरत
ह यानी असंग ठत े म जो लगभग हमेशा अ य रहता है। समान पा र मक अ ध नयम के बावजूद म हला को कम वेतन दया जाता है कम कु शल नौक रय
पर क जा कया जाता है कौशल श ण और पदो त तक उनक प ंच कम होती है।
राजनी तक त हालां क भारत म पहली म हला धान मं ी वग य सु ी इं दरा गांधी थ फर भी संसद और अ य रा य और ानीय नकाय म म हला का उ चत
त न ध व नह है। ऊपरी सदन म लगभग तशत और संसद के नचले सदन म लगभग तशत म हला के साथ भारत सांसद के बीच म हला त न ध व के
हालाँ क सं वधान के व और व संशोधन ने म हला के लए एक तहाई आर ण के साथ पंचायती राज सं ा म म हला क भागीदारी सु न त क है। आज
म हला क राजनी तक त
आइए हम भारतीय समाज क वशेषता वाली सामा जक संरचना और सामा जक या म इन कारण का पता लगाएं।
कायम रखती ह।
i जा त संरचना
जा त पदानु म के वकास के लए म हला क अधीनता मह वपूण थी। जा त जतनी ऊं ची थी म हला पर उतनी ही अ धक पाबं दयां थ । यह दे ख ा गया है क म हला
कामुक ता के नयं ण के आधार पर लग वभाजन का वकास सामा जक संरचना के नमाण का अ भ अंग था।
छा नोट् स
यह पूछना ासं गक हो सकता है म हला क कामुक ता को नयं त करने क या आव यकता थी ऐसा या था क नारी श खतरे म पड़ जाएगी यह भौ तक
ऐ तहा सक प से भारतीय समाज को हजार उप जा तय म वग कृ त कया गया है ज ह े ीय प से जा तय के प म जाना जाता है। हालाँ क अ खल भारतीय
सामा जक पदानु म वण पदानु म पर आधा रत है जो ह आबाद को चार मुख समूह म वभा जत करता है शीष पर ा ण पुज ारी जा त उसके बाद ख य
से परे ह उ ह अछू त माना जाता था। जा त क सीमा को स त शु ता के मा यम से बनाए रखा जाता है षण स ांत सहभोज और सगो ता के नयम जा त
वसाय के त तब ता और जीवन शैली। अनु ान शु ता धा मक तक कृ त म है ले कन आ थक धन और सामा जक स मान के साथ भी मेल खाती है। अथात
उ जा तय के पास अ धक संप होती है और न न जा तय के पास संप कम या सबसे कम संप होती है। दशक से धा मक त और आ थक त के जुड़ाव
. अर मै रज बाल ववाह तलाक पर रोक और म हला के लए स त मोनोगैमी के मा यम से म हला क कामुक ता पर पु ष ारा अ धक नयं ण का योग
कया जाता है जससे सती और वधवा पुन ववाह पर तबंध लग जाता है जसम शशु या बाल वधवाएं शा मल ह।
जा त समूह आ थक श म सुधार के साथ ऊपर क ओर ग तशीलता ा त करने का यास कर रहे ह म हला क वतं ता को बा धत करने के उ जा त के मानदं ड
को भी आ मसात करते ह।
प रवार सबसे मह वपूण सामा जक इकाई है जसम सद य आपसी संबंध भू मका और दा य व के एक नेटवक म रहते ह क यह जनन क एक इकाई है यह युवा
का पोषण करता है और उ ह सामा जक बनाता है अथात् परंपरा सं कृ त धा मक और सामा जक मू य को सा रत करता है उ ह समाज म व भ भू मका को
नभाने म स म बनाना। प रवार पी ढ़य क नरंतरता और नजी संप के सारण का काय करता है। संतानो प म प रवार क भू मका वंश और धा मक नु खे
ाथ मकता के पैटन के साथ घ न प से जुड़ी ई है।
वंश दो कार के होते ह पतृस ा मक और मातृस ा मक। पतृस ा मक वंश णाली म प रवार क संप पु ष संतान के मा यम से ह तांत रत होती है उदाहरण के लए
पता से पु ।
वतमान म के रल के नायर समुदाय उ र पूव के खासी उ र पूव भारत के गारो और ल प म कु छ जनजा तय को छोड़कर अ य सभी समुदाय पतृस ा मक वंश
पतृस ा मकता से नकटता से जुड़ी पतृस ा मकता क था है अथात ववाह के बाद म हला के नवास ान को प त के गाँव नवास प रवार म ानांत रत करना।
छा नोट् स
इसके बजाय म हला को चल संप जैसे आभूषण का एक ह सा अपने साथ ले जाने के लए दया जाता था जसे दहेज के प म जाना
जाता है।
यह बे टय के ज म पर चता का भौ तक कारण दान करता है। इसके अलावा धा मक शा वशेष प से ह धम म पु को उ ाथ मकता द गई है।
मनु सं हता के अनुसार एक पु ष के वल अपनी प नी क प व ता क र ा करके और उसके मा यम से अपने पु क प व ता को ा त कर सकता है। पता क चता को
पुनज म से राहत पाने के लए एक पु आव यक है। म हला क भू मका पु पैदा करना पु ष वंश को बनाए रखना और अनु ान के दशन को सु वधाजनक बनाना
है। पु ष और म हला भू मका का यह पदानु म भोजन वा य दे ख भाल श ा वतं ता अ धकार और याय तक प ंच के मामले म एक ओर एक मजबूत बेटे क
वरीयता और सरी ओर बेट क उपे ा के साथ ब के वभेदक मू यांक न का नमाण करता है।
समाजीकरण सं कृ त परंपरा सामा जक मू य और मानदं ड को सा रत करने का काय करता है। प रवार म माता पता के समाजीकरण के अलावा कू ल सहकम
लड़ कय और लड़क को अलग अलग समाजीकरण ा त होता है जो असम मत भू मका और संबंध को आगे बढ़ाता है। अजक क भू मका नभाने के लए लड़क
को उ श ा और कौशल से लैस कया जाता है और लड़ कय को कम उ म घरेलू काम म लगाया जाता है कम श ा द जाती है कड़ी मेहनत करने और कम आ म
स मान वक सत करने के लए श त कया जाता है। लड़ कय को प रवार के अ ायी सद य के प म दे ख े जाने के मुक ाबले लड़क को ा य व का दजा ा त होता
है।
यह दे ख ा गया है क कू ल क कताब माँ को गृ हणी पता को अजक के प म च त करती ह लड़के बं क और क से खेल रहे ह और लड़ कयां खलौन और
गु ड़य से खेल रही ह। हालां क कई कू ल लड़क और लड़ कय के लए खेल म शा मल होने को ो सा हत करते ह ले कन खेलने के ढ़ब पैटन ह। लड़के फु टबॉल
बा के टबॉल और के ट खेलते ह और लड़ कयां तबं धत खेल म शा मल होती ह। म हला और लड़ कय के बारे म मी डया संदेश ढ़ब से स ट छ वय को बनाए
वग को मु य प से संप या पूंज ी या आ थक संसाधन के वा म व से प रभा षत कया जाता है। सरल श द म एक पूंज ीवाद संरचना म पदानु म मज री संबंध ारा
नधा रत कया जाता है जो लोग मज री के लए काम करते ह और वे लोग जो मज री के लए मक को कराए पर लेते ह ामीण े म जहां सामा जक आ थक
और राजनी तक श जा त संरचना के साथ मेल खाती है। म हला पर तबंध जो उ से न न जा तय म अलग अलग होते ह उ ह वग संरचना ारा भी ब लत कया
म यम और छोट जोत वाली म यम जा तय क म हला के अपने खेत म काम करने क संभावना अ धक होती है और कु छ मामल म मज री के लए काम करती ह।
कारीगर जा तय वग क म हलाएं घर आधा रत उ पादन म योगदान दे ती ह। वे पदानु म के नचले भाग से संबं धत ह जहां सामा जक ग तशीलता पर अलगाव और तबंध
शहरी संदभ म जहां गैर कृ ष वसाय एक आरो पत से ात तक त के लए सं मण होता है उ जा तयां म य वग के बीच मुख समूह बनाती ह। इस
छा नोट् स
पु ष पर नभरता टू ट गई है। हालाँ क इससे म हला क अधीनता म कोई ख़ास बदलाव नह आया। जा त संरचना म मौजूदा लग पदानु म पर
वग संरचना का नमाण तीत होता है। वग संरचना के भीतर प रवार भी म हला क श ा और रोजगार से त ा त करता है। म हलाएं श त
गृ ह णय माता और अजक के प म प रवार क ग त व धय को बनाए रखने और बढ़ाने वाली त का दशन करती ह। वैवा हक कॉलम
म व ापन इस वृ का पया त माण ह।
म हला क अधीनता जा त और वग के पदानु म म उलझी ई है जसे समझना होगा। अ यथा म हला के मु को महज सां कृ तक घटना
और म हला पर हसा को छटपुट घटना के प म समझा जाएगा।
. म हला के काम क कृ त रज और पैटन म हलाएं कई तरह के काम करती ह। उनका घरेलू काम यादातर अ य और
अप र चत रहता है। यहाँ यह आव यक है क म हला ारा कए जाने वाले व भ कार के काय को वैत नक और अवैत नक काय के प म वग कृ त
कया जाए। यह हम प रवार और समाज दोन म म हला के काम के मह व को समझने का एक ापक वचार दे गा।
. । म हला का काम या है
म हलाएं पूरे मानव इ तहास म भोजन व और ह त श प क मुख उ पादक थ और एक मुख म इनपुट दान करना जारी रखती ह जहां उ पादन
अभी भी छोटे पैमाने पर नवाह े म है।
म हला के काय के घटक म गृहकाय गृह आधा रत श प ग त व धय से संबं धत वैत नक और अवैत नक काय पा रवा रक उ म या वसाय और
घर के बाहर वैत नक काय शा मल ह। आपने दे ख ा होगा क प रवार के भीतर पु ष म हला और ब क काम म मा ा मक और गुण ा मक दोन तरह
से अलग अलग भागीदारी होती है। म हलाएं जस तरह का काम करती ह वह समाज म म हला क त और सामा जक पदानु म म प रवार के
ान से नधा रत होता है।
घर के भीतर म हला के काम के मूल त व पु ष और म हला के बीच म वभाजन से संबं धत ह। घर के काम के तहत शा मल ग त व धयां उ
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लग आय ावसा यक समूह ान ामीण शहरी प रवार के आकार और संरचना के अनुसार ापक प से भ होती ह।
ामीण े म गरीब प रवार क म हलाएँ व भ ग त व धय म संल न होती ह जैसे क खाना बनाना घरेलू उपभोग के लए भोजन का सं करण
अनाज का भंडारण ब क दे ख भाल धन क लकड़ी चारा और पानी लाना वन उपज का सं ह गाय के गोबर के उपले तैयार करना पशु क
दे ख भाल करना और मवेशी और घर क मर मत और रखरखाव। प रवार के भरण पोषण के लए मह वपूण इस काय का अ धकांश भाग म हला ारा
कया जाता है। हालाँ क यह काय अवैत नक है और इसे उ पादक काय के प म नह माना जाता है य क यह व उपभोग के लए है। काय क
पारंप रक प रभाषा म ऐसी ग त व धयाँ शा मल नह ह जो उपयोग मू य क ह और जनका व नमय मू य नह है।
छा नोट् स
डेयरी छोटे पशुपालन मुग पालन सुअ र पालन बकरी पालन आ द म य पालन हथकरघा बुनाई ह त श प म के बतन आ द जैसी ग त व धयाँ पा रवा रक ग त व धयाँ ह
और येक सद य उ पादन के कु छ पहलु म सहायता करता है। काम का एक बड़ा ह सा घर के भीतर कया जाता है और फर भी एक म हला को कायकता का दजा नह दया
जाता है। घर के भीतर म हला के अवैत नक काय का मू यांक न न करने के प रणाम व प म हला के मह वपूण आ थक योगदान को मा यता नह मलती है।
• म हलाएं घर म ब त मह वपूण भू मका नभाती ह ले कन उनका योगदान सकल घरेलू उ पाद क गणना का ह सा नह है और इस लए कसी का यान नह जाता है या
मु कल है। • समकालीन समाज म कामकाजी म हला को दोहरे शोषण का सामना करना पड़ रहा है य क वे
लापता म हलाएं
• आईएमएफ व कग पेपर के अनुसार उभरते बाजार और वकासशील दे श के बीच भारत म म हला म बल भागीदारी एफएलपीएफ क दर सबसे कम है। • म संग ठत
कम म बल भागीदारी के कारण
मा य मक व ालय म नामांक न कर रही है। इकोनॉ मक सव • ईको ोथ का व प ऐसे से टस म बड़ी सं या म नौक रयां सृ जत करने म स म नह ह जो कर
सकते ह
कानून को लागू करना जैसे काय ल पर उ पीड़न • म हला के बारे म सामा जक कोण और व ास को नया प दे ना म बल म भागीदारी।
छा नोट् स
. । म हला बाल मक
घर आधा रत उ पादन णाली म लड़ कय को मु त म दान करना जारी है। ामीण बा लका बाल म पर कए गए अ ययन से पता चलता है क वह सामान और सेवाएं दान
करने के लए त दन नौ घंटे काम करती है जसके कारण वह कू ल से बाहर रहती है। वह साल म औसतन दन खेत म और घर पर मु त म दान करती ह।
अ धक लड़ कय को काम म शा मल कया जा रहा है जब क अ धक लड़क को कू ल भेज ा जा रहा है इस कार लड़क और लड़ कय के अवसर के बीच क खाई को चौड़ा
कया जा रहा है। वे बड़ी सं या म कृ ष और संबं धत उ ोग म कायरत ह। क मीर के कालीन उ ोग म अलीगढ़ म ताला बनाने म जयपुर म र न पॉ लश करने म शवकाशी म
मा चस उ ोग म और बीड़ी रो लग म भी लड़ कय को बड़ी सं या म नयो जत कया जाता है। वा तव म शवकाशी के मा चस उ ोग म न बे तशत बाल मक चौदह वष से
कम उ क लड़ कयां ह जो खतरनाक प र तय म काम कर रही ह। घरेलू उ ोग म काम करने वाली ब यां बाल म कानून के दायरे से बाहर ह। फै आधा रत उ ोग
म भी इन कानून को लागू नह कया जाता है। टु क ड़ा दर णाली म भी उसके म को उसक माँ के म के व तार के प म दे ख ा जाता है और उसे वतं मू य नह दया जाता
है। इस तरह के काम उ ह कू ली श ा सा रता तकनीक कौशल सीखने और उनक नौकरी क संभावना म सुधार करने से र कर दे ते ह। ये बाधाएं जीवन भर गम बनी
रहती ह।
श ा का अ धकार
माता पता लड़ कय को घर के काम को पढ़ाने को श ा से अ धक मह वपूण मानते ह और यह पतृस ा के अंत हण और लड़ कय को घर के अंदर सी मत करने के
कारण है।
कामुक ता।
• म हला क नर रता के रगामी प रणाम होते ह और इसका भाव उनके ब पर भी पड़ता है। इसके अलावा कम कू ली श ा से उनके ब क दे ख भाल क गुण व ा
खराब हो जाती है जससे शशु और बाल मृ यु दर बढ़ जाती है और यह कभी कभी कु पोषण क ओर ले जाती है य क श ा क कमी से म हला के लए ब के
ट काकरण जैसे उ चत वा य को बढ़ावा दे ने वाले वहार को अपनाना मु कल हो जाता है। • सरकारी उपाय सव श ा अ भयान और बेट बचाओ बेट पढाओ
. । भुगतान काय
म हलाएं खेत जंगल खान कारखान कायालय लघु तरीय और घरेलू उ ोग म मज री के लए भी काम करती ह। सामा जक पदानु म म प रवार के ान के अनुसार ऐसे
काय क कृ त और सीमा भ होती है। ामीण े म नवाह काय का बोझ म हला पर भारी पड़ता है जब क उ जा तय और उ आय समूह म म हला के गैर काम
को अ धक मह व दया जाता है। कई सू म अ ययन ने घरेलू आय के तर और म हला क काय भागीदारी क कृ त के बीच वपरीत संबंध क सूचना द है। नवाह े म
म हला के पास काम करने के अलावा कोई वक प नह है। हालाँ क उनके वक प सी मत ह य क वे गैर वेशकता या ॉप आउट ह
छा नोट् स
कु ल से। वे अ सर प रवार के ाथ मक कमाने वाले होते ह ले कन वैचा रक पूवा ह पु ष को प रवार के ाथ मक कमाने वाले के प म दे ख ते ह।
सामा जक आ थक समूह क अ धकांश म हला म नर रता काम और श ण के अवसर को बढ़ाने और व वधता लाने म एक बड़ी बाधा है।
म यवग य प रवार म म हलाएँ प रवार के जीवन तर को सुधारने या बनाए रखने के लए या जीवन क बढ़ती लागत के खलाफ एक ग दान करने के लए काम करती
ह। पु ष के समान नयम और शत पर घर से बाहर काम करना उ ह घरेलू ज मेदा रय से मु नह करता है। नतीजतन काम का दोहरा बोझ उन पर शारी रक मान सक
और भावना मक तनाव डालता है। दोहरे बोझ के प रणाम म से एक पा रवा रक ज मेदा रय के कारण पदो त म दे री या नौकरी के नए अवसर का याग करना हो सकता
है।
ii कृ ष और औ ो गक े
ल गक असमानताएं सभी े म मौजूद ह। असमानताएँ व भ े म म हला मक के वतरण म नौकरी के पदानु म म और पु ष और म हला के बीच वेतन
और आय म प रल त होती ह।
बीसव शता द के उ राध म म हला के रोजगार म ब त कम संरचना मक प रवतन आ। म हला कृ ष मक का अनुपात जो म कु ल कायबल के एक तहाई से
थ जसम ामीण े म कृ ष और संब े जैसे वा नक पशुधन आ द शा मल ह। कृ ष के भीतर वे यादातर खे तहर मज र या कृ षक के प म काम करते ह।
औ ोगीकरण क लहर ने श त म हला के एक छोटे वग के लए काम के अ धक अवसर पैदा कए ह ले कन साथ ही कपड़ा जूट उ ोग आ द म काम करने वाली
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अकु शल म हला मक के लए काम के अवसर कम हो गए ह। तंबाकू और कपड़ा बत और बांस का काम रेशम क ड़ा पालना कॉयर उ पाद घरेलू सेवाएं श ा और
वा य सेवाएं। फै आधा रत उ पादन के बजाय घरेलू उ ोग म म हला क उ सां ता मक के प म उनक त को भा वत करती है उनके म और कमाई
जहां तक सेवा और वसाय म म हला का संबंध है वेतन म कोई भेदभाव नह है ले कन वे श क नस टाइ प ट और आशु ल पक जैसे कु छ कार के सॉ ट
शहरी े म श त म हला क सं या म भावशाली वृ के बावजूद सेवा और वसाय म पु ष और म हला के बीच का अंतर ब त बड़ा है। इसे न न ल खत
कारक के लए ज मेदार ठहराया जा सकता है क लड़ कय को आम तौर पर उनक घरेलू भू मका के लए सामा जक बनाया जाता है। b म हला के ावसा यक
और तकनीक श ण म कम नवेश
c पु ष ढ़वा दता काम के त कोण और लड़ कय से अलग अलग अपे ाएँ नधा रत करती है
छा नोट् स
iv कमाई के अंतर
म बाजार म म हला के खलाफ भेदभाव क अ भ वेतन अंतर है। उ ह न के वल समान काम के लए असमान वेतन मलता है ब क कई
काम जो म हलाएं करती ह उ ह कम कु शल नौक रय के प म वग कृ त कया जाता है जसके लए उ ह कम वेतन दया जाता है। उदाहरण के लए
पु ष आमतौर पर बुनाई करते ह जो बेहतर भुगतान कया जाता है जब क कताई आमतौर पर म हला ारा क जाती है कम भुगतान क जाती
है। नमाण म भी पु ष से कु शल काम करने क उ मीद क जाती है और म हलाएं अकु शल काम करती ह और उ ह कम वेतन मलता है। म का
ल गक वभाजन और म हला के काम क कम अव ध म हला के लए कम मज री म प रल त होती है। कमाई के अंतर भी कौशल अ ध हण
श ा और श ण म अंतर को दशाते ह।
. । म हला मक और असंग ठत े का वकास अ धकांश म हलाएं ामीण और शहरी असंग ठत े म मज री काम के घंटे काम
. म हला के मु े एक अ भ
क या ूण ह या और शशुह या टश मे डकल जनल लसेट के एक सव ण के अनुसार पछले वष म भारत म लगभग म लयन म हला
गभपात ए ह जो श त भारतीय म यम वग म भी ा त है।
वचेतन जैसे संगठन ह जो इस घनौने कृ य के खलाफ लोग को श त करने और उनम जाग कता लाने क दशा म काम कर रहे ह।
बला कार यौन उ पीड़न और वहार यह म हला क वतं ता के लए एक नवारक के प म काय करता है और
इस धारणा को कायम रखता है क म हलाएं कमजोर से स ह।
छा नोट् स
हाल ही म दसंबर के द ली सामू हक बला कार मामले ने पूरे दे श को हलाकर रख दया और पूरे दे श म वरोध दशन कया यायमू त वमा पैनल क ापना क और
मामले के फा ट ै क फै सले म मदद क । हालां क द लत म हला के साथ बला कार ए सड अटै क और ईव ट जग के बड़े पैमाने पर मामले सामने नह आते ह।
घरेलू हसा और दहेज ह या प रवार म म हला पर होने वाली हसा को पा रवा रक सम या माना जाता था और हाल तक इसे कभी भी म हला के खलाफ अपराध के
वे यावृ बड़ी सं या म नरा त या बला कार क शकार म हलाएँ ज ह प रवार ारा याग दया जाता है जबरन वे यावृ क शकार हो
जाती ह। वे यावृ क सम या को कम करने के लए कोई सरकारी काय म नह ह।
म हला का व तुक रण म हला का अशोभनीय त न ध व नषेध अ ध नयम व ापन या काशन लेख न प टग आ द के मा यम से म हला के अ ील
त न ध व पर रोक लगाता है। हालाँ क सा ह य मी डया प टग आ द के मा यम से म हला का ब त सारा अ ील त न ध व कया जाता है। आ द अ भ क
. म हला के मु े त याएँ
. । म हला के आंदोलन
भारतीय म हला आंदोलन क जड़ उ ीसव सद के पु ष समाज सुधारक तक जाती ह ज ह ने म हला से संबं धत मु को उठाया और म हला संगठन क शु आत क ।
म हला ने उ ीसव शता द के अंत से पहले ानीय और फर रा ीय तर पर अपना संगठन बनाना शु कया। वतं ता से पहले के वष म उ ह ने जन दो मु य मु को
उठाया वे राजनी तक अ धकार और गत कानून म सुधार थे। वतं ता सं ाम म म हला क भागीदारी ने म हला आंदोलन के आधार को ापक बनाया।
वतं ता के बाद के भारत म बड़ी सं या म म हला वाय समूह ने पतृस ा को चुनौती द है और व भ कार के मु जैसे क म हला के खलाफ हसा राजनी तक नणय
लेने म म हला क अ धक ह सेदारी आ द को स य और अकाद मक दोन तर पर उठाया है। भारत म एक समृ और जीवंत म हला आंदोलन है ले कन ल गक समानता और
सामा जक आंदोलन म अ नवाय प से अनौपचा रक या औपचा रक संगठन के मा यम से नरंतर सामू हक लामबंद शा मल है।
प म म म हला के आंदोलन के वपरीत भारतीय म हला आंदोलन औप नवे शक शासन और औप नवे शक शासन से वतं ता ा त करने क तब ता क छाया म शु
आ। इस कार भारतीय म हला आंदोलन ने नया के अ य ह स म म हला मु संघष के वपरीत सी मत लग ढांचे को पार कर लया वशेष प से प म म जहां मु य
उ े य नजी और सावज नक े म म हला और पु ष के बीच संबंध को संबो धत करना था। औप नवे शक स ा से आज़ाद और आज़ाद के सवाल भारतीय म हला आंदोलन
व शता द के अंत से भारतीय समाज ने एक स य नारीवाद आंदोलन दे ख ा। जन प र तय म भारतीय म हलाएं रहती थ उनम सुधार के शु आती यास मु य प से
प मी श त म य और उ वग के पु ष ारा कए गए थे। ज द ही वे अपने प रवार क म हला से जुड़ गए। इन म हला ने पु ष के साथ संग ठत आ दोलन शु कया
छा नोट् स
दमनकारी सामा जक था जैसे क या ूण ह या सती बाल ववाह वधवा पुन ववाह पर रोक लगाने वाले कानून आ द।
समय के आसपास वक सत ई। मक वग क म हला के बीच उनक ग त व धय से म हला के आंदोलन म वाम क रपंथी वृ को आकार मला। वामपंथी राजनी तक
आजाद के बाद कई बुज ुआ उदारवाद तबके ने व ा के भीतर म हला के त न ध व क वकालत क । के दशक के अंत और के दशक क शु आत म
म हला के आंदोलन का पुन ान दे ख ा गया मु य प से रा ीय मोच पर उभरी सम या जैसे मू य वृ और अंतररा ीय मोच पर म हला क स य लामबंद के
कारण। आपातकाल के खलाफ संघष म कई नए म हला समूह का उदय आ ज ह ने पहले के म हला संगठन क राजनी त को खा रज कर दया। ये समूह लोकतं के लए और
ल गक भेदभाव के खलाफ आंदोलन के ह से के प म उभरे और बाद म बना कसी पाट संब ता के वाय संगठन के प म उभरे हालां क उनम से कई राजनी तक
दल से आए थे।
वे मु य प से े ड यू नयन या कसान स म तय जैसे जन संगठन म नारीवाद मु को उठाना चाहते थे। कई वाय समूह जो यादातर के वल म हला के समूह थे बना पाट
संब ता और पारंप रक पदानु मत संगठना मक संरचना के भी मु य प से घरेलू मु जैसे घरेलू हसा से नपटने के लए बनाए गए थे।
के दशक के अंत और के दशक क शु आत म म हला के आंदोलन म ऐसे वाय म हला समूह का वच व था जो यादातर शहर आधा रत थे। साथ ही कु छ
ामीण आंदोलन म भी नारीवाद चेतना उभरी थी। कु ल मलाकर भारतीय म हला आंदोलन ने अपनी संब ता के संदभ म तीन वृ य को दे ख ा बुज ुआ उदारवाद वामपंथी
क रपंथी और वाय समूह।
भारतीय म हला आंदोलन क जड़ उ ीसव शता द क शु आत म वापस चली ग जब राम मोहन राय के साथ समाज सुधारक ने म हला से संबं धत मु पर
यान क त करना शु कया। उनका अनुसरण करते ए म हला क त म सुधार भारतीय समाज सुधार आंदोलन का पहला स ांत बन गया। म हला क हीन त
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लागू अलगाव कम उ म शाद वधवा क त और श ा क कमी दे श भर म सुधारक ारा ले खत मु य त य थे। हालाँ क म हला आंदोलन सामा जक सुधार आंदोलन
समाज यह म राजा राम मोहन राय ारा ा पत कया गया था और म हला के खलाफ तबंध और पूवा ह को ख म करने का
यास कया गया था जसम बाल ववाह ब ववाह वरासत संप के सी मत अ धकार शा मल थे। म हला क त म सुधार के लए
श ा को मुख कारक के प म दे ख ा गया। • नाग रक ववाह अ ध नयम पा रत कया गया जसने अंतर जातीय ववाह वैध तलाक क
अनुम त द और मशः
लड़ कय और लड़क के लए ववाह क यूनतम आयु और नधा रत क ।
• राजा राम मोहन राय ने सती था को समा त करने म मह वपूण भू मका नभाई।
छा नोट् स
ाथना समाज इसक ापना म एमजी रानाडे और आरजी भंडारकर ने क थी। इसके उ े य कमोबेश समाज के समान थे ले कन प मी भारत तक ही सी मत थे।
यायमू त रानाडे ने बाल ववाह ब ववाह वधवा के पुन ववाह पर तबंध और श ा तक प ंच न होने क आलोचना क ।
आय समाज इसक ापना म दयानंद सर वती ने क थी। उपरो दोन के वपरीत यह एक धा मक पुन ानवाद आंदोलन था जो ाचीन ह परंपरा को
पुनज वत करता था। इसने जा त व ा म सुधार पु ष और म हला के लए अ नवाय श ा कानून ारा बाल ववाह पर रोक बाल वधवा के पुन ववाह क
हालाँ क ई रचं व ासागर यो तभा फु ले और लोक हतवाद गोपाल ह र दे शमुख जैसे क रपं थय ने समाज म म हला क अधीनता के लए जा त व ा को
ज मेदार ठहराया।
इसी तरह के आंदोलन इ ला मक समुदाय म भी शु ए। भोपाल क बेगम अलीगढ़ म सैयद अहमद खान और शेख अ ला और लखनऊ म करमत सैन ने म हला क
श ा म सुधार के लए एक आंदोलन चलाया।
म हला के लए पु ष े रत और पु ष नद शत संगठन ने म हला को श त करने और उ ह सावज नक काय के साथ अपना पहला अनुभव दे ने म मह वपूण काय कया।
जब क पु ष चाहते थे क म हलाएं श त ह और सावज नक ग त व धय म भाग ल ले कन साथ ही वे घर को म हला के लए ाथ मक फोकस मानते थे। ऊपर उ ल खत
कसी भी आंदोलन के लए ल गक समानता कभी भी एजडा नह था। उनके पास श ा के मा यम से प रवार के भीतर म हला क त को बदलने का ब त सी मत कोण
उ ीसव शता द के अंत तक सुधा रत प रवार के भीतर से कु छ म हलाएँ उभर ज ह ने अपने वयं के संगठन बनाए। ऐसा करने वाल म सबसे पहले दे व नाथ टै गोर क पु ी
वणकु मारी दे वी एक नेता और क व रव नाथ टै गोर क बहन थ ज ह ने वधवा और अ य गरीब म हला को श त करने और कौशल दान करने के लए म
कलक ा म लेडीज सोसाइट का गठन कया था। उ ह आ थक प से आ म नभर उ ह ने एक म हला प का भारती का संपादन कया इस कार खुद को पहली भारतीय म हला
उसी वष रमाबाई सर वती ने पुण े म आय म हला समाज का गठन कया और कु छ वष बाद बंmayuresh.spt@hotmail.com
बई म शारदा सदन क शु आत क । सामा जक मु पर चचा के लए एक मंच दान
करने के लए म भारतीय रा ीय कां ेस के तीसरे स म रा ीय स मेलन का गठन कया गया था। भारत म हला प रषद इसक म हला शाखा थी और इसका उ ाटन
म आ था।
इसने बाल ववाह वधवा क त दहेज और अ य बुरी था पर यान क त कया। पारसी मु लम और सख सभी ने अपने अपने म हला संगठन बनाए।
कलक ा बंबई म ास और अ य छोटे शहर म म हला ने ऐसे संगठन बनाए जनके सद य शहरी श त प रवार के एक छोटे समूह से लए गए थे। वे म हला को उनके घर
से बाहर नकालने उ ह अ य म हला से मलने का अवसर दे ने परोपकारी काय करने उ ह सावज नक मामल म च लेने के लए ो सा हत करने और इस कार उनके तज
रा ीय म हला संगठन
शु आती म हला संगठन एक वशेष इलाके या शहर तक ही सी मत थे। म वणकु मारी दे वी क बेट सरला दे वी चौधुरानी ने सभी जा तय पंथ वग और पा टय क
म हला को एक साथ लाने के उ े य से भारत ी मंडल भारत क म हला का महान च का गठन कया। भारत क म हला क नै तक और भौ तक ग त। इसने म हला
श ा को बढ़ावा दे ने के लए पूरे भारत म शाखाएँ खोलने क योजना बनाई। व भ शहर जैसे लाहौर अमृतसर इलाहाबाद हैदराबाद द ली कराची और अ य शहर म शाखाएँ
छा नोट् स
म हला क श ा के लए बाधा और श क को श त करने के लए म हला के घर म भेज ा गया। वह चाहती थी क म हलाएँ पु ष वच व से बच जाएँ और प रणाम व प
के वल म हला को ही उनके संगठन म शा मल होने क अनुम त थी। हालाँ क भारत ी म हला मंडल एक अ पका लक उ म सा बत आ।
. . . । रा ीय वतं ता आंदोलन
महा मा गांधी
जस समय म हला संगठन म हला के राजनी तक और आ थक अ धकार के लए लड़ रहे थे और श ा और सामा जक सुधार ारा अपनी त म सुधार करने क को शश
कर रहे थे भारतीय राजनी तक प र य पर महा मा गांधी के आगमन के साथ म हला के संघष ने एक नए चरण म वेश कया। इससे पहले भी म हलाएं वतं ता सं ाम से जुड़ी
थ । उ ह ने भारतीय रा ीय कां ेस के स म भाग लया था और म बंगाल म वदे शी आंदोलन और होम ल आंदोलन म भाग लया था। ले कन रा ीय आंदोलन म
वा तव म बड़ी सं या म म हला क भागीदारी तब शु ई जब गांधीजी ने पहला असहयोग आंदोलन शु कया और म हला को एक वशेष भू मका द । बोरसद और
बारडोली के ामीण स या ह म कसान म हला ने मह वपूण भू मका नभाई। म हला ने नमक स या ह स वनय अव ा आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन और सभी गांधीवाद
स या ह म भाग लया। उ ह ने बैठक क जुलूस नकाले वदे शी कपड़े और शराब बेचने वाली कान पर धरना दया और जेल गए।
गांधीजी ने राजनी तक वतं ता के साथ साथ अपने सामा जक और राजनी तक अ धकार के लए लड़ने के लए म हला क सामू हक लामबंद म च ली। उ ह ने महसूस कया
क म हलाएं स या ह के लए सबसे उपयु थ य क उनम अ हसक संघष के लए उपयु महान गुण ह। जब क गांधी के आ ान के जवाब म हजार म हलाएं वतं ता आंदोलन
म शा मल वह अ य भी थ जो उनके अ हसा के स ांत को वीकार नह कर सक और ां तकारी या आतंक वाद समूह म शा मल हो ग । अं ेज से उनक घृण ा ती थी
और उनक योजना यूरोपीय जीवन पर यथासंभव ापक प से यास करने क थी। वे वीरता के गत काय म व ास करते थे न क जन आंदोलन खड़ा करने म।
म हला ने वतं ता आंदोलन म भाग लया य क वे दे शभ से े रत थ और वदे शी शासन का अंत दे ख ना चाहती थ । यह बहस का वषय है क इस भागीदारी ने उ ह कहाँ
तक मु कया। वतं ता आंदोलन म म हला क भागीदारी ने एक अलग वाय म हला आंदोलन का नेतृ व नह कया य क यह उप नवेश वरोधी आंदोलन का ह सा था।
जब क कान पर धरना दे ने जुलूस नकालने या जेल जाने या बम फकने वाली म हला ने पुmayuresh.spt@hotmail.com
ष नेतृ व या पतृस ा मक मू य पर सवाल नह उठाया ले कन इससे उनम
आ म व ास और खुद क ताकत का अहसास आ। कई अपने घर को लौट गए ले कन अ य ने सावज नक े म अपनी ग त व धय को जारी रखा। इसने गाबाई दे शमुख या
कमलादे वी च ोपा याय जैसी कई युवा वधवा के जीवन को बदल दया। म हला ने अपने साहस और बड़ी सं या म वतं ता सं ाम म भाग लेने के लए स मान जीता। नमक
माच के दौरान रा वाद आंदोलन म भाग लेने वाली पहली म हला सरो जनी नायडू थ जो बाद म कां ेस क पहली म हला अ य बन ।
रा ीय आंदोलन म म हला क भागीदारी ने परंपरा और री त रवाज क कई पुरानी बाधा को तोड़ने म मदद क । म हला संगठन ने कं धे से कं धा मलाकर अपने साथ ए
सामा जक अ याय को र करने के लए आवाज उठाई जसके प रणाम व प म भारतीय रा ीय कां ेस के कराची अ धवेशन म दोन लग के लए समान अ धकार के
छा नोट् स
कृ ष संघष और व ोह
औप नवे शक काल म जनजातीय और ामीण े म उ प होने वाले संघष और व ोह म म हला ने पु ष के साथ भाग लया। बंगाल म तेभागा आंदोलन त कालीन नज़ाम
के शासन से तेलंगाना ह थयार संघष और महारा म वल आ दवा सय का बंधन के खलाफ व ोह इसके कु छ उदाहरण ह।
म आंदोलन म म हलाएं
म अनसूया साराभाई ने अहमदाबाद कपड़ा मज र क हड़ताल का नेतृ व कया था और म उनके नेतृ व म अहमदाबाद कपड़ा मल मज र संघ क ापना क गई
थी। के दशक के अंत तक मक आंदोलन म म हला क उप त यान दे ने यो य थी। कई मुख म हला संघवाद थ और म हला मक को सचेत प से संग ठत
कया गया था और उ ह मक आंदोलन म एक वशेष भू मका द गई थी। बंबई इस वकास का क था और म णबेन कारा रेलक मय के समाजवाद नेता के प म और उषाबाई
डांगे और पावती भोरे कपड़ा मक के क यु न ट नेता के प म उभर । के बॉ बे कपड़ा मल मज र क हड़ताल म म हला ने अ णी भू मका नभाई जैसा क
अ य मुख संगठन
उ लेख कर सकते ह। म हला भारत संघ WIA का गठन म मागरेट क ज स एक आय रश और एक भारतीय रा वाद ारा कया गया था। इसके बाद म भारतीय
म हला क रा ीय प रषद NCIW और म अ खल भारतीय म हला स मेलन AIWC का गठन कया गया। रा ीय प रषद क ापना के साथ म अ खल
भारतीय म हला संगठन अ त व म आया। भारत म म हला के लए NCWI । NCWI का उ े य सामा जक सुधार और म हला और ब के क याण के मा यम से
म हला के अ धकार को सुर त करना है। अ खल भारतीय म हला स मेलन AIWC क ापना म पूना म ई थी। इसके सद य मु य प से उ और उ म यम
वग और राजसी प रवार क म हलाएँ भारतीय रा ीय कां ेस पाट क यु न ट पाट क म हला सद य डॉ टर और श ा वद जैसी पेशेवर म हलाएँ और सामा जक कायकता थ ।
एआईड यूसी ने म हला क श ा के सवाल को उठाया और इसक पहल पर म द ली म म हला के लए लेडी हा डग कॉलेज क ापना क गई। इसने बड़ी सं या
इस अव ध म म हला के समूह के लए एक मह वपूण चता वशेष प से एआईड लूसी बाल ववाह के खलाफ अ भयान था। इस संघष के प रणाम व प म सारदा
अ ध नयम पा रत कया गया जसम लड़ कय के लए शाद क उ चौदह और लड़क के लए अठारह नधा रत क गई। के दशक म एआईड यूसी ने वरासत और ववाह
म म हला के समान अ धकार के लए लड़ने और व भ समुदाय के गत कानून म सुधार के लए अपनी ऊजा को नद शत कया। गुज रात म यो त सह ने
म हला क ऊजा के दोहन म स य भू मका नभाई। रा वाद आंदोलन म स य कई म हलाएँ म हला संगठन क सं ापक बन । जब क उनम से कई सी मत फोकस के साथ
शु ए उनका दायरा समय के साथ बढ़ा। उदाहरण के लए एआईड यूसी ने इस वचार के साथ शु आत क क म हला क याण और राजनी त पर र अन य ह।
छा नोट् स
वतं भारत के सं वधान ने कराची कां ेस के मौ लक अ धकार संक प म वीकृ त म हला क समानता के मूल स ांत का पालन कया। अनु ेद का ावधान जो रा य
को म हला और ब के लए वशेष ावधान करने का अ धकार दे ता है सुझ ाव दे ता है क म हला क वं चत त का अहसास था और रा य को उ ह पु ष के बराबर लाने
वतं ता आंदोलन के दौरान यह महसूस कया गया था क दे श क वतं ता के साथ औप नवे शक शासन के कारण म हला क कई अ मताएं और सम याएं र हो जाएंगी।
रा ीय सरकार ने म हला क कानूनी अ मता को र करने का बीड़ा उठाया और ह प रवार कानून म बड़े सुधार शु कए। के दशक म कानूनी सुधार ने ववाह
वरासत और संर कता म ह म हला को अ धक अ धकार दान करने क मांग क । हालां क वे कानूनी और सामा जक वा त वकता के बीच क खाई को पाटने म वफल
रहे। मु लम ईसाई पारसी और य दय जैसे अ य समुदाय के पा रवा रक कानून म इसी तरह के बदलाव राजनी तक तरोध के कारण अभी तक नह आए ह जब क रा य के
पचास के दशक म इन वधायी उपाय के साथ म हला संगठन न य हो गया और वतं ता पूव अव ध के दौरान दखाए गए जोश को खो दया। इनम से कई संगठन ने सरकारी
अनुदान ा त कया और उनक ग त व धय को वय क श ा ब के लए पोषण काय म ावसा यक श ण काय म के तहत सलाई क ा और प रवार नयोजन
काय म जैसी ग त व धय के लए ा त अनुदान ारा आकार दया गया। इनम से अ धकांश संगठन शहरी आधा रत थे और नेतृ व श त म य और उ वग क म हला से
आया था।
वतं ता के बाद क अव ध म ामीण म हला के लए दो मह वपूण संगठन ा पत कए गए अथात् क तूरबा मेमो रयल ट और भारतीय ामीण म हला संघ भारतीय
ामीण म हला संगठन । उनका मु य उ े य नेतृ व मता वक सत करने म ामीण म हला क सहायता करना था।
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वतं ता के बाद क अव ध म यह मान लया गया था क आ थक वकास नी तयां जैसे कृ ष वकास और आधु नक करण औ ोगीकरण तकनीक वकास आ द म हला स हत
सभी के लए बेहतर जीवन लाएंगे। सम वकास रणनी तयाँ मौजूदा वग जा त और ल गक असमानता पर यान दे ने म वफल रह । भारत म नयो जत वकास ने सामा जक
पंचवष य योजनाएँ
पछले कु छ वष म म हला के लए नयोजन रणनी तयाँ कारवाई क दशा क याण से वकास और अ धका रता क ओर ानांत रत हो गई ह। य द हम म हला सश करण
थम पंचवष य योजना का कोण म हला के क याण को बढ़ावा दे ने के लए पया त सेवाएं दान करना था ता क वे प रवार म अपनी वैध भू मका नभाने म
स म हो सक और
छा नोट् स
समुदाय। यहां क याण पर जोर दया गया था और इस लए म हला को ो साहन के ा तकता के प म माना जाता था जसे रा य ने दे ना चुना। योजना म म हला के
क याण को बढ़ावा दे ने के लए क और रा य दोन तर पर वशेष संगठन क ापना का आ ान कया गया। क य समाज क याण बोड क ापना म ई थी। रा य
सरी तीसरी चौथी और पाँचव पंचवष य योजना का कोण कसी भी तरह से पहली पंचवष य योजना से अलग नह था। क याणकारी कोण अभी भी नी तय और
काय म को नद शत करता है जो म हला के वकास के लए शु कए गए थे। इस अव ध के दौरान के वल दो वशेष योजनाएं शु क ग । ये थे सरी योजना
शॉट टे होम।
अंतरा ीय म हला आंदोलन ारा कए गए अ यावेदन को वीकार करते ए संयु रा ने को म हला का अंतरा ीय दशक घो षत कया और मे सको म म हला
पर व स मेलन का आयोजन कया। स मेलन के दौरान तैयार क गई व काय योजना ने समाज म या म अनुसंधान लेख न और व ेषण क आव यकता पर
बल दया जो ल गक असमानता क संरचना का नमाण करती है। भारत म म हला क त पर रा ीय स म त का गठन दे श म म हला क त क जांच करने और इस
बात क जांच करने के लए कया गया था क संवैधा नक और कानूनी ावधान ने उनके रोजगार और श ा स हत म हला क त पर कस हद तक भाव डाला है।
स म त म हला क त के व भ पहलु पर डेटा क समी ा और मू यांक न करने का पहला बड़ा यास था। इसे वकास के कारण म हला क भू मका अ धकार और
अवसर म बदलाव क दशा पर ट पणी करने का भी अ धकार दया गया था।
स म त अपने न कष के साथ एक रपोट के प म सामने आई जसे टु वड् स इ वै लट रपोट के नाम से जाना जाता है जो म हला आंदोलन के लए एक मुख मील का
प र बन गया।
रपोट ने दे श म म हला क दयनीय त का खुलासा जनसां यक य डेटा च लत सामा जक सां कृ तक प र तय के व ेषण कानूनी ावधान और सुर ा उपाय सभी
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े म म हला ारा नभाई गई आ थक भू मका श ा तक म हला क प ंच राजनी तक भागीदारी क याण और वकास के लए नी तयां और काय म जनसंचार मा यम
का भाव आ द।
इस रपोट ने भारत म व भ सामा जक सं ा म म हला क त पर गंभीर चतन का माग श त कया य क इससे पता चला क म हलाएं पु ष से सं वधान ारा
द समान अ धकार का आनंद लेने म ब त पीछे ह। इस रपोट ने संसद म एक बहस छे ड़ द और क याणकारी कोण क वफलता को दखाया जसने म हला को लाभ
रपोट म कई सफा रश भी क ग जनम ल गक समानता क उपल म रा य और समुदाय क मह वपूण भू मका पर जोर दे ना शा मल था। इसने दहेज ब ववाह ववाह
बाल ववाह शा दय पर दखावट खच जैसी दमनकारी था को ख म करने के लए एक ठोस यास क आव यकता पर काश डाला और इसने कानूनी जाग कता े च के
ावधान म हला के लए बेहतर कामकाजी प र तय पर एक अ भयान क आव यकता पर जोर दया। समान काम के लए समान पा र मक ववाह का अ नवाय
पंज ीकरण तलाक भरण पोषण वरासत गोद लेने संर कता मातृ व लाभ श ा का सावभौ मकरण आ द से संबं धत पहलु पर कानून म सुधार शा मल ह।
छा नोट् स
समानता क ओर के काशन के बाद जो नई चेतना उभरी वह समाज क याण मं ालय के तहत म म हला क याण एवं वकास यूरो क ापना क है। म हला के
रोजगार पर चार अलग अलग काय समूह म हला के लए ौढ़ श ा काय म कृ ष और ामीण वकास म म हला को भी कारवाई के लए रणनी त तैयार करने के लए
छठ योजना के बाद से क याण से वकास के कोण म एक उ लेख नीय बदलाव आया। जब क क याण कोण ने म हला को लाभा थय या लाभ ा त करने
वाल के प म माना वकास कोण ने म हला को वकास म तभा गय के प म मा यता द न क वकास ल य के प म। म हला के लए कु छ व श योजनाएं शु
करना ही पया त नह था ब क म हला के सवागीण वकास के लए यास करने क आव यकता थी। नीचे दए गए उदाहरण को दे ख
उदाहरण गाँव क एक म हला को सरकारी योजना म से एक के तहत सलाई का श ण दया गया। ले कन सलाई का छोटा वसाय खोलने के लए उसके पास आ थक
प से कोई अ य साधन नह था।
इस लए उसक े नग बेक ार जा रही थी। उसे एक क याणकारी काय म के ल य के प म माना गया और बाद म कसी ने उससे नह पूछा क वह वा तव म या चाहती है। यह
उदाहरण एक गाँव म म हला वकास काय म को मंज ूरी दे ने से पहले गाँव क नवासी म हला क एक बैठक बुलाई गई। उनसे कु छ ऐसे काय म के नाम पूछे गए जो उनके
अनुसार उनक आ थक त को सुधारने म सहायक ह गे। उ ह सुझ ाव दे ने के लए भी कहा गया था क इन काय म को कै से बेहतर तरीके से लागू कया जा सकता है।
चूं क म हला ने अपनी ाथ मकता के प म एक ध सहकारी सं ाक ापना और टोकरी बुनाई क पहचान क इस लए वकास एजसी
ने एक ध सहकारी स म त शु क और ारं भक धन उपल कराया।
वशेष प से बाजार क ज रत को यान म रखते ए टोकरी बुनाई का श ण भी दया गया। इस मामले म म हला को के वल एक क याणकारी काय म के लाभाथ या
ा तकता के प म नह माना गया था ब क उनसे उनक पसंद के काय म के बारे म परामश कया गया था और काय म के बंधन म भी शा मल कया गया था। यह वकास
छठ पंचवष य योजना के अंत म यानी योजना यानी म मानव संसाधन वकास मं ालय के ह से के प म म हला एवं बाल वकास वभाग क ापना क गई।
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यह वभाग म हला और ब के वकास के लए योजना नी तय और काय म को बनाने और लागू करने के लए एक क य एजसी के प
म काय करने के लए बनाया गया था।
सातव पंचवष य योजना म म हला के लए रोजगार के अवसर के सृज न सृज न पर बल दया गया। दो नई योजनाएं श ण और रोजगार के लए सहायता
STEP और ामीण और गरीब म हला के लए जाग कता सृज न काय म AGP शु क ग । तीन मह वपूण रपोट जो सरकार के भ व य के वकास काय म के लए
उपयोगी दशा नदश के प म काम करने वाली थ सातव योजना अव ध के दौरान भी जारी क ग । इन
थे
के दशक को बा लका के साक दशक के प म घो षत कया गया था और इस आयोजन के ह से के प म बा लका के सम वकास पर वशेष जोर दे ते ए
काय म शु कए गए थे।
छा नोट् स
आठव योजना अव ध म भारत के सं वधान म एक ां तकारी संशोधन भी दे ख ा गया जसम पंचायत राज सं ान और शहरी ानीय वशासी नकाय जैसे नगर पा लका और
नगम म म हला के लए एक तहाई सीट का आर ण दान कया गया। वां और वां सं वधान संशोधन जसने इस आर ण को संभव बनाया भारत म म हला
सश करण के इ तहास म एक लोकतां क ां त के प म दज हो गया है। आज दे श भर म ानीय शासी नकाय म से अ धक म हलाएं ह एक घटना एक घटना
जो कभी भी संभव नह होती अगर म हला के लए सीट के आर ण का ावधान नह कया गया होता।
नौव पंचवष य योजना के दौरान म हला वकास काय म क परेख ा परेख ा म दो मह वपूण वकास ए। अब तक म हला को या तो वकास काय म
ले कन ऐसा माहौल बनाने पर यादा यान नह दया गया जो म हला को अपने अ धकार का योग करने या अपनी वतं ता का आनंद लेने म स म बनाए। नौव योजना ने
सश करण क अवधारणा को सामने रखा जो एक स म वातावरण तैयार करेगा जहां म हलाएं न के वल श द म ब क कारवाई म भी वतं ता का अनुभव कर सकती ह। इस
ल य को ा त करने के लए म हला के सश करण के लए एक रा ीय नी त को म भारत सरकार ारा वीकार कया गया था। सरा मह वपूण वकास जो नौव
योजना अव ध के दौरान आ एक म हला घटक योजना को अपनाना था। इस योजना ने क और रा य दोन सरकार को म हला के वकास के लए सभी े म कम से कम
भारत सरकार ने को म हला अ धका रता वष घो षत कया। इस वष के दौरान तीन ाथ मक उ े य को ा त करने के लए नधा रत कया गया था। वे थे
•स य भागीदारी के साथ म हला के मु के बारे म बड़े पैमाने पर जाग कता पैदा करना और बढ़ाना
म हला और पु ष क भागीदारी।
रा के सामा जक आ थक और राजनी तक जीवन म म हला और पु ष क समान भागीदारी सु न त करने के लए इस वष के दौरान कई नी तयां और काय म शु कए
गए।
वयं स ा एक एक कृ त काय म है जो म हला के वयं सहायता समूह के नेटवक के मा यम से म हला के सश करण का समथन करता है। इसका उ े य क और रा य
सरकार क म हला से संबं धत सभी योजना को लॉक तर पर एक साथ लाना है। सरकार ने व ीय ो साहन दे क र गांव म म हला वयं सहायता समूह क ापना म मदद
करने के लए वश प रयोजना भी शु क । कई गाँव म वयं सहायता समूह न के वल बचत को बढ़ावा दे ने के लए महान काय कर रहे ह ब क म हला को उनके प रवार
और गाँव म उ पीड़न के खलाफ लड़ने के लए े रत कर रहे ह। व सहायता समूह लघु तरीय वसाय उ म को शु करने या सुधारने के लए सद य को नबंध े डट भी
दान करते ह।
वह बेसहारा खड़ कयां जेल से छू ट म हला कै द और प रवार के सहयोग के बना ाकृ तक आपदा से बची म हला और यौन अपराध क शकार म हला को पुनवास सा बत
करने के लए वाधार क शु आत क गई थी. आ य गृह के नमाण क योजना है जसम पुनवास काय म को सम आधार दान कया जाएगा।
छा नोट् स
दसव योजना
म हला सश करण के लए भ व य के काय म के लए दशा नदश दान करने के लए एक आधार प तैयार करने के लए म हला के सश करण पर एक कायदल का
• म हला को आने वाली चुनौ तय का सामना करने के लए खुद को तैयार करने म मदद करनी चा हए
वै ीकरण।
• म हला को सश बनाने के लए कई वकास नी तयां और काय म तैयार कए गए ह ले कन उनके खलाफ च लत सामा जक भेदभाव के कारण सभी म हलाएं इन
• पछले वष के दौरान वा य श ा और क याण पर य म कमी आई है। चूं क यह म हला के वकास को गंभीरता से भा वत करता है इस लए उन े म नवेश
इस योजना के दौरान जडर बज टग क अवधारणा को भी शा मल कया गया था। नरेगा योजना के साथ साथ म हला को वशेष प से ल त करना भी शु कया गया था।
मनरेगा और म हलाएं
• मनरेगा वैधा नक यूनतम मज री पर सावज नक काय से संबं धत अकु शल शारी रक काय करने के इ ु क कसी भी ामीण प रवार के वय क सद य को येक व ीय वष म
एक सौ दन के रोजगार क कानूनी गारंट दान करता है। • अ ध नयम म शहरी आबाद वाले जल को छोड़कर पूरे दे श को शा मल कया गया है। • काय म के
कृ ष और संब ग त व धयाँ।
• आधे से अ धक नौक रयां म हला मक को और लगभग एक तहाई अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त के सद य को जा रही ह।
होने क संभावना शा मल है और सुधार आ है म हला क अपने वा य के बारे म वतं नणय लेने क मता म।
व भ उपे त समूह को शा मल करने से संबं धत समावेशी वकास का वचार जनम से म हला वग को भी वशेष प से संबो धत कया गया है। वतमान योजना म व भ
म हला एजसी और अ धका रता पर व पंचवष य योजना काय समूह ड यूज ी इस वचार पर आधा रत है क वकास सभी य के लए समान प से वतं ता का
व तार करने क एक या है और ल गक समानता को अपने आप म एक मु य वकास ल य मानता है। यह एक या के प म दे ख ते ए म हला सश करण क प रभाषा
का व तार करता है जो म हला को ग रमा और आ म मू य शारी रक अखंडता जबरद ती से मु और संसाधन पर नयं ण क धारणा रखने म स म बनाता है। यह पु
करता है क सश करण तब ा त होता है जब म हला क त के साथ साथ उनक त म सुधार होता है और उनक वतं ता और वक प म आ थक सामा जक और
छा नोट् स
मता । सम ढांचा सभी म हला वशेष प से द लत आ दवा सय अ पसं यक वकलांग म हला वासी व ा पत और त करी क गई म हला असंग ठत
कायबल म म हला पर सामा जक आ थक और राजनी तक ब ह कार के कारण और प रणाम को संबो धत करके वा त वक समानता को आगे बढ़ाने के लए कदम उठाता है।
यह योजना म हला क मा आय गरीबी से गरीबी और भलाई के लए ब आयामी कोण अपनाने क वकालत करती है। ब आयामी गरीबी सूचकांक एमपीआई श ा
वा य और जीवन तर के संबंध म अ य सभी अभाव को दशाते ए आय गरीबी के उपाय को पूरा करता है जो एक गरीब एक साथ सामना करता है।
योजना क सम समी ा म नयोजन अव ध शु होने के बाद से म हला सश करण के लए कई काय म तैयार और काया वत कए गए ह। ले कन ये सभी यास
पा रवा रक जीवन वा य श ा रोजगार और राजनी तक भागीदारी जैसे े म न हत ल गक भेदभाव को र नह कर पाए ह। म हला सश करण के लए एक वष या
बा लका के लए एक दशक सम पत करने से वत ही म हला मु नह हो जाएगी। इन सभी काय म को एक तरह से काया मक बनाने क तब ता होनी चा हए जससे
एक ओर पु ष और म हला के बीच और सरी ओर व भ समूह क म हला के बीच के अंतर को र कया जा सके । समय क मांग एक काय योजना है जो कारवाई म
व ास करती है न क के वल म हला के बारे म।
. . . । वै क संगठन क भू मका
और के दशक म म हला संगठन क राजनी तक रणनी तय क कमजो रय म से एक आम म हला को लामबंद करने म उनक अ मता थी और उनसे संबं धत
मु को हल करने म वफल रही। जनता तक प ंचने और म हला आंदोलन के आधार का व तार करने के यास क कमी ने इसक भावशीलता और कारवाई के एजडे को
और के दशक के उ राध म म हला के संघष का पुन ान और नए म हला समूह और संगठन का उदय आ। रा के वतं ता सं ाम म भाग लेने के बाद
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हालां क कई म हला कायकता जो राजनी तक दल े ड यू नयन कसान और मक आंदोलन के साथ काम कर रही थ ने महसूस कया क वे उन मु को उठाने म
हच कचा रही ह जो वशेष प से म हला से संबं धत ह। म हला ारा उठाए गए मु म तकनीक प रवतन के कारण कपड़ा मल और अ य उ ोग से म हला क छं टनी
और उ ह नई मशीन पर श ण ा त करने वाले पु ष ारा त ा पत करना म हला मक को मातृ व लाभ क कमी काय ल पर ब के ावधान क कमी वेतन
अलग अलग म हला संगठन का उदय आ ज ह ने सकारा मक बदलाव के लए गरीब म हला को संग ठत करने का गंभीरता से यास कया।
नए संगठन और कोण का उ व
ामीण गरीब और शहरी म हला क बढ़ती आ थक क ठनाइयाँ छठ पंचवष य योजना के अंत म पचास तशत प रवार गरीबी के तर से नीचे थे और सामा य कृ ष और
औ ो गक मक के आंदोलन ारा म हला के मु को उठाने म वफलता के प रणाम व प म हला मज र अलग से आयोजन। आइए अब हम नए संगठन और कोण
को अ धक व तार से दे ख ।
छा नोट् स
म संगठन
व रोजगार म हला संघ गुज रात कामकाजी म हला मंच त मलनाडु मक म हला संगठन महारा जैसे नए संगठन ने खुद को असंग ठत े म म हला मक क
दशा से जोड़ा। म हला म को संग ठत करना और उनक मज री काम करने क त शोषण और वा य संबंधी खतर के मु को उठाना इन म हला संगठन के लए
एक मह वपूण काय बन गया। असंग ठत े म म हला पर ए शोध ने गरीब ामीण और शहरी मक क सम या से नपटने के लए नई रणनी त वक सत करने म
ii कोण
उ ीस सौ स र के दशक के अंत म कई म हला संगठन उभरे जो राजनी तक दल या े ड यू नयन से संब नह थे। उ ह वाय म हला संगठन कहा जाता था। उ ह ने
पछले म हला संगठन ारा अपनाए गए क याणवाद कोण को खा रज कर दया जनम से कई वतं ता पूव अव ध के दौरान ा पत कए गए थे और व श मु
वन क कटाई और पा र तक आंदोलन
हमालयी े म वन क कटाई के कारण म हला को आ थक क ठनाइय का सामना करना पड़ा जसके प रणाम व प म हला का वत लामबंद आ। ठे के दार
को उ ह काटने से रोकने के लए उ ह ने पेड़ को गले लगा लया। इसे लोक य प से चपको आंदोलन के नाम से जाना जाता है। वन के लु त होने का अथ उन म हला
वाय म हला संगठन ने सामू हक कारवाई के लए म हला को संग ठत करने के लए दहेज प रवार के भीतर हसा पु ष के बीच शराबखोरी और प नी क पटाई
काय ल पर भेदभाव आ द जैसे म हला के उ पीड़न से संबं धत मु को उठाया। पहली बार मुंबई द ली हैदराबाद पटना आ द म कु छ समूह ने उ जा त के
जम दार ारा गरीब अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त क म हला के यौन शोषण जैसे मु को उठाया।
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बला कार दहेज ह या अपराध और म हला के खलाफ हसा के मु को उठाया गया। अ खल भारतीय दहेज वरोधी और बला कार वरोधी आंदोलन को म हला
संगठन ारा शु कया गया और नाग रक वतं ता और लोकतां क अ धकार संगठन भी उनके साथ शा मल हो गए। उ ह ने मह वपूण मु ा आधा रत आंदोलन चलाए।
दहेज ह या ने कई म हला संगठन और नाग रक अ धकार समूह ारा एक नरंतर अ भयान दे ख ा है। प कार ने दहेज क सम या के बारे म व तार से लखा। के
दशक म कई म हला और अ य ग तशील संगठन ने द ली म दहेज वरोधी चेतना मंच नामक एक संयु मोचा बनाया। दहेज के लए युवा हन क जघ य ह या
के खलाफ अ य मुख शहर म संगठन ने भी वरोध दशन चचा नु कड़ नाटक पो टर आ द के मा यम से अ भयान चलाया। काफ वचार वमश के बाद दहेज नषेध
संशोधन अ ध नयम पा रत कया गया। अ ध नयम दहेज म द जाने वाली रा श क सीमा नधा रत करता है ले कन दहेज पर तबंध नह लगाता है। जब क प त
और उसके र तेदार ारा आ मह या या मृ यु के लए ू रता एक अपराध बन गया है कारावास के साथ दं डनीय है फर भी दहेज ह याएं जारी ह।
म सती था को एक कानून के मा यम से समा त कर दया गया था जसने अं ेज ारा शु क गई बहस क प रण त को च त कया। एक युवा वधवा प
कं वर का दहन
छा नोट् स
म दे वराला राज ान म अपने प त क चता पर म हला संगठन ने कड़ा वरोध कया। सती आयोग रोकथाम वधेयक के प म बढ़ते आंदोलन के म े नजर
सरकार क दे री से त या आई जसे संसद म ज दबाजी म पा रत कया गया था। अ ध नयम मानता है क यह क टम ारा वीकृ त एक अ यास है। यह उन लोग को
दं डत करने क को शश नह करता है जो क थत सती के नाम पर त वीर बेचकर और चंदा जुटाकर मुनाफा कमाते ह। नरोधा मक कारवाई पर कु छ नह है। अजीब बात है
क जस बबर था के खलाफ समाज सुधारक ने आवाज उठाई थी वह आज भी उस दे श म कायम है जो दे वी मां को पूज ता है।
बला कार के एक मामले म सु ीम कोट के फै सले क समी ा क मांग करते ए पछले दशक म एक बला कार वरोधी आंदोलन शु कया गया
था जसम अपराधी को बरी कर दया गया था। म हला कायकता ने सरकार को बला कार कानून क समी ा करने के लए मजबूर कया। कई
म हला संगठन और कानूनी और सामा जक कायकता ने कानून म संशोधन के लए व ध आयोग के साथ चचा क और म आपरा धक
कानून संशोधन अ ध नयम पा रत कया गया।
के दशक म म हला ने रा ीय और अंतरा ीय दोन तर पर ापक नेटव कग के मा यम से सां दा यकता और वै ीकरण के मु े को उठाया। इ क सव सद क
शु आत म भारत म म हला संगठन व भ मु और अ भयान पर नेटवक के मा यम से एक साथ जुड़े ए ह। जब क वरोध और हमायत के पुराने तरीक का अभी भी
• नभया रेप के स के बाद ज टस जेएस वमा कमेट का गठन कया गया था। • स म त क कु छ सफा रश ह
एक अ धकारी जो बला कार के मामले म ाथ मक दज नह करता है या इसम दे री करता है उसे दं डत कया जाना चा हए। इसने बला कार पी ड़ता क
वै क े म अ य संगठन
NFIW भारत म भारतीय म हला का रा ीय संघ NFIW आज भारत म सबसे बड़े म हला संगठन म से एक है। इसक ापना म भारतीय क यु न ट पाट CPI क
एडवा अ खल भारतीय लोकतां क म हला संघ एआईडीड यूए ने भारत के क ब और गांव म म हला के समूह को संग ठत करने और ब त सारी म हला के
उ ान और बेहतरी के लए एक श शाली ापक आधा रत म हला आंदोलन का नमाण करने का काय अपने ऊपर ले लया है। सम प से पु ष और म हला के बीच सभी
भेदभाव को र करने के लए शोषण से मु समाज म लोकतं समान अ धकार और म हला क मु के लए लड़ने के लए। यह भारतीय क यु न ट पाट मा सवाद क
और के दशक के दौरान म हला का आंदोलन म हला के मु को सावज नक बहस के े म वापस लाने म भावी होने के साथ साथ सभी म हला के लए
छा नोट् स
एसएचजी और म हलाएं
• SHG म हला को सश बनाने और मदद करने के अपने उ े य को पूरा करने म सफल रहे ह
इसने सद य के बीच बचत क भावना पैदा करने म मदद क है • हालां क एसएचजी का म हला क
नमाण श ण और कौशल उ यन के मा यम से एसएचजी म हला को सरकार ारा ायो जत समुदाय संचा लत म भाग लेने के लए े रत
करना
काय म
ां त और आगे बढ़ो
गया है। म हला सा रता भी म . से बढ़कर म . हो गई और पु ष म हला सा रता अंतर म . से घटकर म . तशत हो गया।
भारत म म हला सश करण कई अलग अलग चर पर ब त अ धक नभर है जसम भौगो लक त ामीण शहरी शै क त सामा जक त जा त और वग और
नी तयां मौजूद ह। शु क गई योजना का दायरा और कवरेज बढ़ रहा है जसम म हला के आ थक और सामा जक सश करण और ल गक समानता हा सल करने क पहल
गांधी योजना आरजीएसईएजी • कामकाजी माता के ब के लए राजीव गांधी रा ीय े च योजना। • एक कृ त बाल संर ण योजना
आईसीपीएस • म हला के लए श ण और रोजगार काय म म सहायता एसट ईपी • धनल मी • लघु वास गृह •
वाधार
•उ वला • जडर बज टग
छा नोट् स
उपरो योजना और काय म के बावजूद सामुदा यक तर पर नी तगत उपल य और वा त वक अ यास के बीच मह वपूण अंतर ह। व आ थक मंच क हा लया रपोट
के अनुसार दे श के लोबल जडर गैप इंडे स क र कग म से गरकर म दे श म से हो गई है। क रपोट के अनुसार भारत ने अपने
ल गक अंतर का बंद कर दया है ले कन यह अपने कई पड़ो सय जैसे बां लादे श जसक रक थी और चीन जसे व ान पर रखा गया था से कम है। साथ ही
औसतन म हलाएं पु ष के क तुलना म भारत म काम अवैत नक है। भारत क सबसे बड़ी चुनौ तयाँ म हला के लए आ थक भागीदारी और अवसर म थ । भारत
ने वा य और उ रजी वता तंभ म भी ब त अ ा दशन नह कया। हालाँ क भारत ने लगातार सरे वष ाथ मक और मा य मक श ा नामांक न म अंतर को पूरी तरह से बंद
कर दया।
• शै क ा त • वा य और उ रजी वता
दे श को उ तम असमानता से लेक र कम से कम असमानता तक के पैमाने पर आधा रत कोर दया गया है। यह से हर साल व आ थक मंच ारा जारी कया
जाता है।
आइसलड . के कोर के साथ सबसे अ धक ल गक समानता वाला दे श है। इसके बाद नॉव सरा रक फनलड रवांडा वीडन
नकारागुआ लोवे नया आयरलड यूज ीलड और फलीप स का ान है। .
• शै क उपल
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इसम कोई संदेह नह है क भारत ने म हला सा रता म उ लेख नीय सुधार कया है जो म . थी जो म . हो गई। प रणाम व प सा रता म पु ष
म हला अंतर म . से घटकर म . हो गया। हालां क मानव वकास रपोट ने पाया क कम से कम मा य मक श ा वष और उससे
अ भयान जैसे काय म के काया वयन के बावजूद अभी भी . बा लकाएँ वष क आयु कू ल से बाहर पाई ग ।
हालां क समय के साथ सा रता म ल गक अंतर म कमी आई है फर भी वष क आयु के सबसे कम आयु वग म भी यह अंतर उ बना आ है सा र म हला
का तशत है जो क से कम है। पु ष । रा ीय प रवार वा य सव ण ने पाया क सा रता म वशेष प से म हला के लए
धन ारा सा रता म भारी असमानताएं ह।
छा नोट् स
• आ थक भागीदारी और अवसर
म बल म म हला क भागीदारी को घटते भेदभाव और म हला के बढ़ते सश करण के संके त के प म दे ख ा जाता है। ऐसा माना जाता है क कायबल का नारीकरण भी
समाज म म हला के अवसर और त म सुधार का संके त है। भारत म आंक ड़े बताते ह क ामीण और शहरी दोन े म वशेष प से म हला के लए क
सव ण इस त य को उजागर करते ह क भारत म म बल भागीदारी दर म काफ ल गक असमानताएं ह। और के बीच ामीण और शहरी े म म हला
बल भागीदारी दर के वल . है।
कम म बल भागीदारी दर का कारण यह है क म हला का काम सां यक य प से कम दखाई दे ता है गैर मु कृ त और नवाह उ पादन और घरेलू प से हटा दया गया है
और अनुमान से पता चलता है क यह अनुपात अवैत नक काय का . और घरेलू काम का है। भारत मानव वकास रपोट म पाया गया क ामीण े म
वशेष प से म हला के लए उ म बल भागीदारी दर के कारण म से एक श ा तक कम प ंच थी। इसके अलावा मक जनसं या अनुपात के संदभ म म हला के
म हला क कायबल भागीदारी दर ामीण े म पु ष क तुलना म लगभग आधी थी और शहरी े म एक तहाई से भी कम थी। ये आंक ड़े करते ह क पछले वष
के आ थक वकास क उपल का भारत म म हला के लए कायबल भागीदारी दर पर कोई खास भाव नह पड़ा य क म हला सश करण के इस मह वपूण सूचकांक म
• रोजगार प र य
रोजगार भी म हला के सश करण का एक मह वपूण ोत हो सकता है वशेष प से नकद और औपचा रक े म। रोजगार म हला को व ीय वतं ता सामा जक
यह दे ख ा गया है क म हला का रोजगार ामीण और शहरी दोन े म पु ष क तुलना म ब त कम है खासकर शहरी े म। यह भी पाया गया है क . म हलाएँ
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ामीण े म कायरत ह . पु ष क तुलना म य क कृ ष काय आमतौर पर म हला क ज मेदा रय के साथ साथ कम श ा के साथ अ धक संगत है। उ के
हसाब से रोजगार भी एक गंभीर लग अंतर को द शत करता है। पु ष के लए सभी आयु समूह म रोजगार चरम पर पाया जाता है जब क म हला के लए यह वष
के आयु वग पु ष के लए भी म चरम पर पाया जाता है। हमारे दे श म येक आयु वग म पु ष क तुलना म म हला के रोजगार का तशत कम है।
• संसाधन तक प ंच
म हला क आ थक वतं ता के लए संसाधन तक प ंच मह वपूण है य क आंदोलन क वतं ता उनक आ थक वतं ता से जुड़ी ई है और श के साथ संचार करती है
और एजसी का व तार करती है। रा ीय प रवार वा य सव ण ने आ थक वतं ता के उपाय के प म पाँच मह वपूण चर क पहचान क है ऋण काय म का ान ऋण
NFHS ने चार चर के मा यम से मी डया के संपक पर भी क जा कर लया है हर दन समाचार प पढ़ना हर दन रे डयो सुनना हर दन ट वी दे ख ना और आधु नक गभ
मी डया सूचना का मह वपूण ोत है और चीज को सोचने और करने के नए तरीक से अवगत कराता है। इसके अलावा रे डयो सुनना ट वी दे ख ना और समाचार प या प काएँ
पढ़ना
छा नोट् स
मह वपूण अवकाश ग त व धयाँ ह और म हला सश करण के एक मह वपूण संके त का त न ध व करती ह और अपने वयं के समय के उपयोग पर अ धक नयं ण क सु वधा
दे क र पयावरण को स म करने क मता रखती ह। सव ण से पता चला है क हमारे दे श म संसाधन तक म हला क प ंच ब त कम है। यह नोट करना काफ नराशाजनक
है। जन म हला का बक म बचत खाता है उनका . ब त कम पाया गया और ऋण काय म के बारे म जानने के बावजूद वे ऋण ा त करने म वफल रही ह। .
म हला को बाहर काम करने क आजाद थी। ये चर श ा के तर और उ श ा के साथ नकटता से जुड़े ए ह सश करण का एक श शाली ोत म हला के लए
के वल . पाया गया।
यह भी है क म हला का मास मी डया से कम संपक है और लगभग सभी म हलाएं आधु नक गभ नरोधक के बारे म जानती ह। हर दन समाचार प पढ़ने और
छापा सुनने वाली म हला का तशत . और . ही आंक ा गया था। हालां क आधु नक गभ नरोधक के बारे म . पर संसाधन तक प ंच के लए सूचकांक
सश करण का अथ श के साथ नवेश करना भी है। म हला सश करण के संदभ म यह अपने वयं के जीवन शरीर और पयावरण पर बढ़ते नयं ण को संद भत
करता है।
इस लए एजसी का एक मह वपूण संके तक नणय लेने क श है। म हला के लए वशेष प से जीवन के ववाह के बाद का चरण बाधा को र करने के लए म हला
एनएफएचएस के अनुसार ववा हत म हला क तुलना म ववा हत पु ष क अपनी आय के उपयोग के नणय म अ धक शा मल होने क संभावना होती है। आंक ड़े यह भी
बताते ह क म हला क तुलना म पु ष म अपनी आय का उपयोग करने के लए नणय लेने क श अ धक होती है। इसके अलावा यह है क दो तहाई से अ धक
एनएफएचएस ने डेटा एक कया है क कै से म हलाएं कई अ य नणय म भाग ले रही ह और आमतौर पर उ ह कौन बनाता है। वशेष प से व ेषण के लए वयं क
वा य दे ख भाल बड़ी घरेलू खरीदारी और प रवार या संबंध से संबं धत नणय पर वचार कया जाता है।
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वश नणय पर डेटा और म हला ारा उ ह कै से लया जा रहा है यह द शत करता है क और म हलाएं आज भी अके ले अपनी वा य दे ख भाल बड़ी
घरेलू खरीदारी के संबंध म नणय लेने म स म नह ह और नणय नह ले सकती ह। खुद भी मशः अपने प रवार या र तेदार से मलने जाते ह। से कम म हला ने संयु
प से अपने प रवार या संबंध के दौरे के नणय म भाग लया है और के वल . म हला ने संयु प से अपने वयं के वा य दे ख भाल के नणय म भाग लया है।
• प त प नी म हसा
घरेलू हसा नया भर म म हला ारा अनुभव क जाने वाली लग आधा रत हसा के सबसे आम प म से एक है। घरेलू हसा के प रणाम व प मानव अ धकार और आ थक
लागत का उ लंघन होता है। यह म हला और उनके ब के वा य और क याण पर अ पका लक और द घका लक दोन हा नकारक भाव डालता है। घरेलू हसा के लगातार
खतरे के साथ रहना जैसा क वशेष का मानना है म हला के अश करण के ोत के प म काय करता है।
घरेलू हसा उनके प तय ारा भावना मक शारी रक और यौन हसा जैसे प ले लेती है। यह दे ख ा गया क NFHS के अनुसार महीने क एक सव ण अव ध के दौरान
वतमान म वष क ववा हत म हला म से ने हसा का अनुभव कया है। शारी रक और यौन हसा का सामना करने वाली म हला ने बताया क उ ह उनके
प तय ने चोट प ंचाई है। कटने आंख म चोट मोच अ व ा गहरे घाव टू ट ई ह यां टू टे दांत और अ य गंभीर चोट चोट के कार बताई ग ।
छा नोट् स
• अ ध नयम घरेलू श द को प रभा षत करता है। म हला श द का दायरा बढ़ा दया गया है और अब इसम लव इन पाटनस प नयां बहन वधवाएं माताएं अके ली म हलाएं
तलाकशुदा प नी शा मल ह।
• घरेलू हसा क प रभाषा को व तृत कया गया है इसम वा त वक वहार या वहार क धमक शा मल है
• यह वैवा हक या साझा घर म सुर त आवास का अ धकार दान करता है। • यह सहायता दान करने के लए सुर ा अ धका रय और गैर सरकारी संगठन
अ ध नयम क आलोचना
वैवा हक बला कार को बाहर करता है • रा य को अपया त बजट य आवंटन रा य संर ण नह दे सकते अ धका रय का
आगे बढ़ने का रा ता
• म हला सश करण से संबं धत गैर सरकारी संगठन को म हला क सुर ा के लए ो सा हत कया जाना चा हए
घरेलू हसा
श ण दया जाना चा हए • वशेष प से ामीण े म अ धक जाग कता अ भयान • द घका लक समाधान व भ मा यम से म हला
योजनाएं और काय म
• म हला क वाय ता
नणय लेने के नयं ण म म हला क वाय ता यौन संबंध म वतं ता आने जाने क आजाद और प नी क पटाई के त म हला के रवैये को वशेष ने म हला
सश करण का संके तक माना है। अपने प त के साथ संभोग से इंक ार करने म म हला क वाय ता उनक कामुक ता पर म हला के नयं ण क एक ब त ही सश
एनएफएचएस के अनुसार म हला वाय ता पर व ेषण कया गया डेटा सश करण के संके तक के प म म हला क वाय ता के दो मह वपूण नधारक से संबं धत है।
आंक ड़ से पता चलता है क भारत म से अ धक म हला ने अपने प त के साथ संभोग कया था। भारत म प नी क पटाई म हला पर कई कार क घरेलू हसा म से
एक के प म पाई जाती है। यह दे ख ा गया है क इसे वयं म हला ारा काफ हद तक वीकार कया जाता है। म हला ारा प नी क पटाई को इस हद तक जायज ठहराया
गया क से अ धक म हला को प नी क पटाई को अ वीकार करने म मुख र होना चा हए य क सम सूचकांक . पर काम करता है।
छा नोट् स
यायमू त जे.एस. वमा स म त जसने म हला के खलाफ अपराध से संबं धत कानून म ापक बदलाव क सफा रश क थी ने वैवा हक बला कार को अपराध बनाने का
आ ान कया।
• वतमान भारतीय कानून वष से कम आयु के प त और प नी के बीच गैर सहम त वाले यौन संबंध को बला कार के आरोप से छू ट दे ता है। हालां क एक अ य ावधान के अनुसार
यह अलग रहने वाली प नी के साथ बला कार को एक आपरा धक अपराध बनाता है। • वष से अ धक क आयु सीमा जसके ऊपर वैवा हक बला कार अपराध नह है
अनुम त।
• वैवा हक बला कार को द गई छू ट जैसा क यायमू त वमा ने कहा शाद क एक पुरानी पुरानी धारणा से उपजा है जो प नय को अपने प त क संप से अ धक नह मानती थी ।
• वैवा हक संघ क अखंडता के लए क थत खतरे और दं ड ावधान के पयोग क संभावना जैसी आप यां ह गी। यह वा तव म सच नह है क नजी या घरेलू डोमेन हमेशा कानून
के दायरे से बाहर रहा है। घरेलू हसा के खलाफ कानून पहले से ही शारी रक और यौन शोषण दोन को शा मल करता है य क कानूनी णाली ह त ेप कर सकती है।
• यह तक दे ना मु कल है क वैवा हक बला कार क शकायत शाद को बबाद कर दे गी जब क प त या प नी के खलाफ घरेलू हसा क शकायत नह करेगी। ववाह म अंत न हत
सहम त क धारणा को र करने का समय आ गया है। कानून को सभी म हला क शारी रक वाय ता को बनाए रखना चा हए चाहे उनक वैवा हक त कु छ भी हो।
अनु ेद रा य भारत के पूरे े म अपने नाग रक के लए यूसीसी को सुर त करने का यास करेगा।
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समान नाग रक सं हता का अथ अ नवाय प से दे श के सभी नाग रक के लए गत मामल को नयं त करने वाले कानून का एक सामा य
समूह है चाहे वे कसी भी धम के ह ।
यूसीसी के प म तक
• सं वधान का अनु ेद रा य को धा मक अ यास से जुड़ी धम नरपे ग त व ध को व नय मत या तबं धत करने के लए कसी भी कानून को बनाने का अ धकार दे ता है
इस लए यह तक दया जाता है क अनु ेद समान नाग रक सं हता होने पर कोई रोक नह है। • सं वधान के अनु ेद के अनुसार डीपीएसपी • गत कानून म
यूसीसी के लाभ
• धम को सामा जक संबंध और गत कानून से अलग करना रा क समानता एकता और अखंडता सु न त करना और पु ष और म हला दोन के लए याय। • ववाह
भारतीय ।
• भारत म म हला क त म सुधार लाने म मदद कर। • समाज को आगे बढ़ने म
छा नोट् स
• वभ गत कानून म लूप होल होते ह जनका अनौपचा रक नकाय ारा शोषण कया जाता है
पंचायत आ द।
• कानून मं ालय मुख बाधाएं अलगाववाद ढ़वाद और गत कानून के बारे म गलत धारणाएं।
• भारत म गत कानून का एक मजबूत और लंबा इ तहास रहा है और इसे आसानी से नह छोड़ा जा सकता है। • व भ समुदाय के बीच ापक सहम त
बनाई जानी चा हए। • आम सहम त ा त करने के अलावा यूसीसी को लागू करने म सबसे बड़ी बाधा मसौदा तैयार
करना है। समाज म मौजूद गत कानून के सभी सेट को कै से म त कया जाए यह एक बड़ी चुनौती होगी।
आगे बढ़ने का रा ता
. म हला के लए रा ीय नी त . . म हला
अ धका रता के लए रा ीय नी त
भारत सरकार ने माच को म हला के सश करण के लए रा ीय नी त को अपनाया था जसका उ े य म हला क उ त वकास और सश करण करना और
म हला पर भाव डालने वाले मु क द घका लक कृ त को दे ख ते ए संबं धत मं ालय वभाग क योजना के काया वयन के लए एक सम वत कोण पर यान
क त करके और एक स म वातावरण बनाकर म हला के सवागीण वकास को बढ़ावा दे ने वाली या को मजबूत करने क आव यकता महसूस क गई। सामा जक
प रवतन के अनुकू ल। इसे यान म रखते ए सरकार ने भारत सरकार के व भ मं ालय वभाग के साथ साथ रा य सरकार संघ रा य े शासन क योजना काय म
• खा सुर ा और पोषण स हत वा य • श ा
• अथ व ा • शासन
छा नोट् स
नी त उभरते मु का भी वणन करती है जैसे साइबर ेस को म हला के लए सुर त ान बनाना ल गक भू मका का पुन वतरण अवैत नक दे ख भाल काय को कम करने
के लए संवैधा नक ावधान के अनुसार गत और थागत कानून क समी ा म हला मानव ढांचे के भीतर वैवा हक बला कार के अपराधीकरण क समी ा वकासा मक
. न कष
पछले चार दशक को दे ख ते ए हम न त प से कह सकते ह क भारतीय समाज म म हला क त बदल गई है। यह बदलाव म हला के हत म है। इसम कोई संदेह
नह है क म हला के अ धकार क ापक मा यता लग के बीच समानता क दशा म उठाए गए कई कदम लग भेदभाव के त अ धक संवेदनशीलता आ द शा मल ह।
वाय म हला संगठन अ य म हला समूह म हला अ ययन क आ द से यु म हला आंदोलन ने इस बदलाव को लाने म कोई छोट भू मका नह नभाई। इस लए हम बना
कसी हच कचाहट के कह सकते ह क पछले वष म म हला आंदोलन ने भारत म सामा जक राजनी तक वातावरण को भा वत कया है। हालाँ क यह प रवतन एक मक
वतमान वखंडन के बावजूद म हला के समूह हसा वा य वेतन स हत रोजगार क त कानूनी अ धकार और कानून सुधार जैसे कु छ मु पर एक ठोस आवाज के साथ
आए ह। आज काय ल पर यौन उ पीड़न वकास क हसा जा त और सां दा यक हसा नणय लेने के उ तम तर म म हला क राजनी तक भागीदारी बढ़ाने के लए
लॉ बग आ द मु े ह।
सूची तब तक चलती रहेगी जब तक म हला का आंदोलन है। कई व ान ने कया है क कै से म हला आंदोलन र नह रहा है ब क बदलती राजनी तक सामा जक
.परश . ।
वधायी अ ध नयम
संसद ने समय समय पर म हला को सश बनाने और उ ह समानता और याय के लए उनक लड़ाई म कानूनी आधार दान करने के लए कई कानून पा रत कए ह। उनम से
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कु छ ह
सती रोकथाम अ ध नयम सती था जसे पहली बार म समा त कर दया गया था को संशो धत कया गया और म इसे अवैध बना दया गया। इसने
सती आयोग क अ धक भावी रोकथाम और इसके म हमामंडन और इससे जुड़े मामल के लए ावधान कया।
आपरा धक अ ध नयम म संशोधन इस अ ध नयम म घरेलू हसा को अपराध के प म बताया गया है बला कार को भी दं डनीय अपराध बनाया गया है।
वशेष ववाह अ ध नयम ववाह क यूनतम आयु वष नधा रत करने के लए इसम संशोधन कया गया है
पु ष के लए वष और म हला के लए वष।
ह उ रा धकार अ ध नयम पता क संप म बेट को बराबर का ह सा जब क वधवा को प त क संप म उ रा धकार का अ धकार है। म इस अ ध नयम
अनै तक ापार रोकथाम अ ध नयम आईट पीए म हला और लड़ कय म अनै तक त करी का दमन अ ध नयम एसआईट ए को म
संशो धत कया गया और आईट पीए का नाम बदल दया गया। SITA को वे यावृ के योजन के लए म हला और लड़ कय के अवैध ापार को
तबं धत करने या समा त करने के लए अ ध नय मत कया गया था। इसम दोन लग को शा मल करने के लए संशोधन कया गया था और नाबा लग से
जुड़े अपराध के लए बढ़ा आ दं ड दान कया गया था।
हालाँ क स टम अंतररा यीय और अंतरा ीय दोन तर पर काम कर रहे मा फया पर नके ल कसने म वफल रहा है।
दहेज नषेध अ ध नयम अब अदालत को अपनी जानकारी म या दहेज ह या पर कसी मा यता ा त क याण संगठन ारा शकायत पर कारवाई करने का अ धकार है।
भारतीय सा य अ ध नयम है
छा नोट् स
शाद के साल के भीतर हन क मृ यु होने पर सबूत का बोझ प त और उसके प रवार पर ानांत रत करने के लए भी संशोधन कया गया।
मे डकल ट मनेशन ऑफ े नसी ए ट गभाव ा के स ताह के भीतर और व स ताह के बाद व स ताह से पहले गभाव ा के लए
हा नकारक होने पर बला कार और अवां छत गभाव ा के मामले म गभपात को वैध बनाना। मां या पैदा होने वाला ब ा गंभीर प से वकृ त
होगा।
म हला का अशोभनीय त न ध व नषेध अ ध नयम यह अ ध नयम व ापन या काशन लेख च और आकृ तय या कसी अ य
तरीके से और उससे जुड़े मामल म म हला के अशोभनीय त न ध व पर रोक लगाता है।
घरेलू हसा अ ध नयम यह म हला के खलाफ सभी प म घरेलू हसा को नधा रत करने और इसे दं डनीय अपराध बनाने का यास
करता है।
आपरा धक कानून संशोधन अ ध नयम दसंबर के सामू हक बला कार क पृ भू म म सीआरपीसी म संशोधन करते ए यह
अ ध नयम पा रत कया गया था। नए कानून म तेज ाब हमले पीछा करने और ताक झांक करने जैसे अपराध के लए कठोर सजा का ावधान
करने के अलावा बला कार के दो षय के लए उ कै द और मौत क सजा स हत सजा म वृ का ावधान है। संशो धत वधेयक के मा यम से
सरकार ने भारतीय दं ड सं हता दं ड या सं हता भारतीय सा य अ ध नयम और यौन अपराध से ब के संर ण अ ध नयम क व भ
धारा म संशोधन कया है।
जस दन वां संशोधन लागू आ यानी अ ैल को म हला अ धका रता दवस भी घो षत कया गया ।
. । सरकार क त या
भारत म म हला क त पर स म तयाँ सीएसड यूआ ई यह संयु रा क आम सभा ारा म हला के खलाफ भेदभाव के उ मूलन क
घोषणा क त या म ा पत क गई थी। इसने म अपनी रपोट तुत क जसने इस त य पर जोर दया क गरीब नह ह एक
सम प समूह और म हला पर गरीबी के असमान बोझ पर काश डाला।
म हला के लए रा ीय काय योजना का मसौदा भारत सरकार ने CSWI रपोट के आधार पर एक रा ीय योजना तैयार क है। योजना श ा के
े म ठोस कारवाई क आव यकता को ाथ मकता दे ती है
छा नोट् स
के दशक म ही म हला को एक अलग समूह के प म मा यता द गई थी और पहली बार छठ योजना द तावेज़ म एक अलग अ याय अथात म हला
और वकास शा मल कया गया था। फर बाद म इसे साल क योजना म शा मल कया गया ता क यह सु न त कया जा सके क सरकार के वकास और लाभ का
रा ीय म हला आयोग रा ीय म हला आयोग क ापना जनवरी म रा ीय म हला आयोग अ ध नयम के तहत सां व धक नकाय के प म क गई थी
• म हला के हत क र ा करना और उ ह बढ़ावा दे ना और उनके अ धकार क र ा करना। • म हला के लए दान कए गए संवैधा नक और कानूनी सुर ा उपाय
सरकार से सफा रश क । सभी सरकार म आयोजन के एक घटक को शा मल करके एक स य भू मका नभाने के लए।
उपाय के भावी काया वयन के लए सफा रश भी करता है सरकार यह म हला से संबं धत कानून क समी ा करती है और क मय को इं गत करती है
• ले कन रा ीय म हला आयोग ब त भावी भू मका नभाने म स म नह रहा है। यह भारत म म हला क त म धीमे सुधार और म हला के खलाफ हसा के बढ़ते मामल
से प से दे ख ा जा सकता है।
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• इसके कु छ कारण ह आयोग को दान क जाने वाली व ीय
आयोग क सफा रश अ नवाय नह ह इस लए रा ीय म हला आयोग के पास कसी ठोस वधायी श का अभाव है। आयोग क सफा रश सरकार के लए बा यकारी
नह ह
रा ीय जन सहयोग और बाल वकास सं ान NIPCCD नई द ली म हला और बाल वकास वभाग के त वावधान म एक वाय संगठन है। इसका उ े य है • श ण के
मा यम से सामा जक वकास म वै क कारवाई को वक सत करना और बढ़ावा दे ना
ब क रा ीय नी त के अनुसरण म काय म।
वकास।
छा नोट् स
जडर बज टग इस अवधारणा को पहली बार के दशक के म य म ऑ े लया म पेश कया गया था और भारत ने से इसे
अपने बजट म शा मल कया।
यह कोई लेख ांक न अ यास नह है ब क नी त काय म नमाण इसके काया वयन और समी ा म ल गक प र े य रखने क एक सतत या है। जीबी म सरकारी बजट
म प रव तत कया जा सके ।
• नभया फं ड दसंबर क हा लया द ली गगरेप पी ड़ता को ांज ल दे ते ए सरकार ने के क य बजट म म हला क सुर ा और सश करण के
लए करोड़ पये के नभया फं ड क ापना क घोषणा क । • म हला सश करण क सु वधा के उ े य से करोड़ पये क ारं भक पूंज ी के
कामकाजी म हला छा ावास इस योजना का उ े य कामकाजी म हला के लए शहरी अध शहरी या ामीण े म जहां म हला के लए रोजगार के अवसर मौजूद ह
म हला के लए श ण सह रोजगार सहायता STEP म हला एवं बाल वकास मं ालय ने कृ ष छोटे पशुपालन डेयरी म य पालन आ द जैसे पारंप रक े म गरीबी
रेख ा से नीचे क म हला के लए श ण और रोजगार के लए वष म इस काय म क शु आत क । जहां बड़े पैमाने पर म हलाएं कायरत ह। इसका मूल उ े य
वरोजगार और मज री रोजगार के लए म हला के कौशल का उ यन करना है।
सा रता वा य ामीण वकास आ द जैसी व भ सेवा के अ भसरण क ापना के मा यम से म हला को सश बनाने का यास करता है। इसका उ े य भी
वश इस प रयोजना का उ े य से अ धक आ म नभर म हला एसएचजी वयं सहायता समूह क ापना करना है जसम येक म सद य ह और इस
रा ीय म हला कोष यह अनौपचा रक े म गरीब और संप वहीन म हला क सू म ऋण ज रत को पूरा करने के लए एक रा ीय तर का तं है। म ापना से
वाधार इस योजना का उ े य सीमांत म हला और लड़ कय को बु नयाद आव यकताएं दान करना है जो बना कसी आ थक या सामा जक समथन के क ठन प र तय
म रह रही ह। इस योजना के तहत म हला को भावना मक समथन और परामश दान कया जाता है। ल त समूह मु य प से ऐसी म हलाएं ह जो हसा क शकार ह
छा नोट् स
कोण
• भारत म पयावरण आंदोलन क बु नयाद बात पर व तार से बताएं। फर तक द क ाकृ तक संसाधन तक प ंच भारत म म हला के जीवन का क है जो
भारत म पयावरण आंदोलन का आधार है। • इसके अलावा चपको आंदोलन का एक व ेषण दया जा सकता है जो वा तव म वतं ता के बाद के भारत
म पयावरणीय आंदोलन क शु आत है। भारत म पा र तक
• पयावरण आंदोलन पयावरण संबंधी मु को संबो धत करने के लए व वध वै ा नक सामा जक और राजनी तक आंदोलन है। • वकासशील दे श म पयावरण
ह जनम म हला आ दवासी और गैर ावसा यक कसान क गनती क जा सकती है। • आंदोलन का कारण ाकृ तक संसाधन पर नयं ण है पा र तक
तं के लोग ारा सवाहारी ारा संसाधन पर क जा करने क पेशकश क तरोध वातावरण संबंधी मान भंग सामा जक आ थक कारण आ दवासी
मु े । • इस लए वकासशील दे श म पयावरण संबंधी आंदोलन पर कोई भी चचा यह समझे बना पूरी नह हो
सकती क वे आजी वका के मु और इसके ल गक संदभ से कै से संबं धत ह। यह वक सत दे श म पयावरण संर ण पर होने वाली चचा के वपरीत है जो अ सर
• म हला का धन भोजन और चारा जंगल पानी और भू म जैसे ाकृ तक संसाधन से सीधा संपक होता है वशेष प से ामीण े म जहां भारतीय
आबाद नवास करती है और सीधे ाकृ तक संसाधन पर नभर है। म हलाएं अपने प रवार क बु नयाद ज रत को पूरा करने के लए इन संसाधन का
उपयोग करने के लए भी ज मेदार ह। • म हला ने अपने अलग अलग अनुभव आधार के कारण पयावरण के मु को अलग अलग कोण दया है । वे
के लए योजना और श ण म म हला को शा मल कए बना नह कया जा सकता है। • भारतीय पयावरण आंदोलन का उदय संभवत से माना
जा सकता है जब स चपको आंदोलन म य हमालय म शु आ था। चपको आंदोलन ावसा यक इमारती लकड़ी संचालक को वन तक प ंच क
अनुम त दे ने के वरोध के पम
• आंदोलन जो अ य गांव म तेज ी से फै ल गया उसम म हला क स य भागीदारी दे ख ी गई। उ ह ने अपने समुदाय के पु ष के साथ संयु प से काम कया
और कु छ मामल म उनके खलाफ भी जब वे वन संसाधन के उपयोग को लेक र उनके साथ मतभेद रखते थे।
म हलाएं जंगल और पयावरण को बचाने के द घका लक लाभ के बारे म अ धक च तत थ और इस लए मोनोक चर वन आलू बीज के खेत आ द जैसी
ावसा यक प रयोजना के मा यम से अ पका लक लाभ के बजाय नवाह और अ त व के मु को लेक र च तत थ । आंदोलन का व तार आ और
इसम पु ष शराबखोरी घरेलू हसा ाम प रषद म म हला के त न ध व के मु के साथ साथ इसके खलाफ भी शा मल थे
छा नोट् स
पहा ड़य म खनन। इसने म हला को कृ त और मानव जी वका के बीच अंतर संबंध को पहचानने म मदद क । वरोध क गांधीवाद तकनीक का उपयोग
• यह सफ शु आत थी जसके बाद म ह रत प आंदोलन पेड़ लगाना अ पको आंदोलन पेड़ को गले लगाना नमदा बचाओ आंदोलन आ द जैसे कई
पयावरणीय गरावट के त उनक त या का व ेषण करने क आव यकता है। यह गरीब न न वग और नचली जा त है और उनके भीतर कसान
और आ दवासी म हलाएँ ह जो सबसे बुरी तरह भा वत ह और इस लए वे वरोध दशन म सबसे अ धक स य ह। म हलाएं पयावरण रण क शकार
होने के साथ साथ पयावरण के पुनजनन और संर ण म स य एजट भी ह। इन या के तकू ल वग लग भाव वदे शी ान णा लय और
आजी वका रणनी तय के रण म प रल त होते ह जन पर गरीब ामीण म हलाएं नभर ह।
• भारत म पयावरण आंदोलन के इ तहास से पता चलता है क म हला ने पयावरण रण का मुख खा मयाजा भुगता है और इस लए चपको से लेक र नमदा
बचाओ आंदोलन तक संर ण आंदोलन का नेतृ व करने वाली भी वे पहली म हला रही ह। • इसके अलावा म हला और पयावरण के मु के बीच मजबूत
संबंध ने पा र तक नारीवाद क अवधारणा को ज म दया । नया भर म होने वाले व भ सामा जक आंदोलन से उ प श द म नारीवाद शां त और
. कृ ष के ीकरण ने ामीण भारत म म हला सश करण को बढ़ावा दया है। समालोचना मक व ेषण कर।
कोण
• पहले प रभा षत कर क दो श द से हमारा या ता पय है म का ीकरण और गरीबी का नारीकरण और इसे भारतीय कृ ष से संबं धत कर। इसके बाद हम इस
उ र
पतृस ा के ापक भाव के तहत म के ल गक वभाजन ने पारंप रक प से यह सु न त कया है क म हलाएं घरेलू काम तक ही सी मत ह जो आसानी से
अवैत नक घरेलू म के प म पा रत हो जाती ह। हालाँ क पतृस ा का अ य हाथ न के वल घर के भीतर काम करता है ब क उन मामल म भी होता है जहाँ
कृ ष म म हला क भागीदारी और इस कार घरेलू काय के पारंप रक े के बाहर कृ ष म कृ ष संक ट क पृ भू म म रहा है जसने प रवार के पु ष सद य को
ामीण कृ ष कम मज री े से बाहर अपे ाकृ त बेहतर भुगतान वाली नौक रय म जाने के लए मजबूर कया। शहरी अथ व ा म अनौपचा रक े ।
ऐसा माना जाता है क यह घटना काम के आक मककरण लाभहीन फसल उ पादन और संक ट त वासन से े रत है । अ य ामीण े शहरी म लन ब तय
छा नोट् स
कृ ष े म यह वृ भारत म क अव ध के दौरान कृ ष वकास दर म गरावट के प म सबसे अ धक दखाई दे रही थी जसम शहरी अनौपचा रक
अथ व ा या कृ ष क से समृ रा य म अपे ाकृ त बेहतर भुगतान वाली नौक रय और संक ट त रोजगार के लए पु ष सद य का पलायन दे ख ा गया
े ।
कृ ष े म म हला कायबल क बढ़ती भागीदारी क इस घटना को कृ ष के नारीकरण के प म कहा गया था जो वयं गरीबी के नारीकरण क अ भ थी
त य यह है क पतृस ा मक मान सकता के तहत काम करने वाली बाजार अथ व ा म म हलाएं अ सर खुद को अपे ाकृ त कम भुगतान म पाती ह। यूनतम
अ धकार वाली नौक रयां नौकरी क सुर ा नह काय ल पर यौन उ पीड़न और एक लग असंवेदनशील नी त ढांचा जो म हला कसान क मता नमाण के मु े
उदाहरण के लए मज री के प म कायरत म हला को पु ष क तुलना म कम वेतन मलता है। यहां तक क जब म हला को कृ षक के प म वग कृ त कया
जाता है तब भी भू म पशुधन कृ ष मशीनरी और प रवहन उपकरण जैसे संसाधन पर उनका वा म व और नयं ण सी मत होता है। इसके अलावा े डट
ौ ो गक और बाजार क जानकारी तक उनक प ंच अ य धक तबं धत है। श ा कौशल नमाण और बेहतर भुगतान वाले काम म ानांत रत होने के उनके
अवसर भी कम ह। म हला ारा अनुभव कए गए नुक सान एक बार म हला के काम के सामने आने के बाद हो जाते ह जैसा क म हला मज री और
म हला धान प रवार के मामले म होता है। म हला दहाड़ी मज र अथ व ा म सबसे कम वेतन पाने वाली ह। ामीण े म म हला के नेतृ व वाले प रवार
को सबसे कम आय वग म दे ख ा जाता है। इस लए कृ ष के नारीकरण का मुख न हताथ उन पर काम का बढ़ता बोझ और कम मुआ वजा है।
रोजगार के प म पूरक करने क आव यकता से े रत थी और न क उ ह समान दजा दे ने क कसी इ ा से। औपचा रक अथ व ा म या घर के भीतर जसके
प रणाम व प म हलाएं मज री पर काम करती ह क उनके पु ष समक पहले ान पर नवाह तर से नीचे पाए गए।
भागीदारी से प रवार के भीतर ामीण म हला क सौदे बाजी क श म सी मत वृ ही अ पका लक थी। यह इस त य से उदाहरण है क क
अव ध म ामीण े म म हला म बल क भागीदारी म फर से गरावट आई जो अपे ाकृ त बेहतर कृ ष वकास दर और मनरेगा और रा ीय कृ ष वकास योजना
आरके वीवाई के सकारा मक भाव के प रणाम व प मज री म वृ के प म च त थी । घटना जसे इस अव ध के दौरान इस े से म लयन म हला
को वापस लेने के लए कृ ष के गैर करण के प म जाना जाता है
इस कार म हला क बढ़ती मश भागीदारी न त प से प रवार और समाज के भीतर उनक त के उ ान क मता रखती है जब तक क रा य क
लग संवेदनशील नी तय ारा म के लग वभाजन पर हमला नह कया जाता है जो स य प से म हला रोजगार का समथन करते ह। इसके अलावा सबसे
पहले बाजार क ताकत और पतृस ा के बीच के गठजोड़ को तोड़ना होगा जसके लए रा य और नाग रक समाज को एक जीवंत भू मका नभानी होगी।
छा नोट् स
. ऐसा य है क जब भारत म म हला के अ धकार का कानूनी व तार आ है तब भी म हला के खलाफ हसक व ा बनाए रखने वाली सामा जक वृ
बरकरार है
कोण
• इस पर ट पणी कर क रगामी कानून के बावजूद बला कार और यौन उ पीड़न अभी भी आम य ह और कै से जा त आधा रत सं ा खाप पंचायत कं गा
कोट ने म हला पर अपने अ धकार का दावा कया है। यानी भारत म सामा जक प से वीकृ त बला कार और हमले के मामले
उ र
वष से भारतीय समाज के सामने सबसे गंभीर मु ा म हला के खलाफ हसक आदे श है। म हला के खलाफ हसा पु ष और म हला के बीच ऐ तहा सक
प से असमान श संबंध क अ भ है और यह क म हला के खलाफ हसा एक मह वपूण सामा जक तं है जसके ारा म हला को पु ष क
तुलना म अधीन त म मजबूर कया जाता है । इनम य के साथ साथ रा य ारा क गई हसा भी शा मल है।
यह बला कार के प म कट आ है घरेलू हसा यौन उ पीड़न गभ नरोधक का जबरद त उपयोग क या ूण ह या सवपूव लग चयन साथ ही हा नकारक
थागत या पारंप रक थाएं जैसे ऑनर क लग दहेज हसा म हला जननांग वकृ त अपहरण ारा शाद और जबरन शाद ।
रा य ारा हसा के कु छ प को अंज ाम दया जाता है या अनदे ख ा कया जाता है जैसे क यु बला कार संघष के दौरान यौन हसा और यौन गुलामी जबरन
नसबंद जबरन गभपात पु लस और आ धका रक क मय ारा हसा प र मारना और कोड़े मारना।
कई कार क हसा जैसे म हला क त करी और जबरन वे यावृ अ सर संग ठत आपरा धक नेटवक ारा क जाती है।
भारतीय संदभ म पछले वष म नाग रक समाज मी डया और कानूनी डोमेन म म हला सुर ा और संबं धत मु पर ब त दे री से अभी तक आव यक चचा दे ख ी गई
है जसने यायमू त वमा स म त क ापना काय ल पर यौन उ पीड़न बल और एक स य सु ीम कोट क ापना को बढ़ावा दया। यायालय लग संबंधी
मु को बड़े पैमाने पर उठा रहा है। फर भी वरोधाभासी खोज म अंतरा ीय पु ष और ल गक समानता सव ण इमेज ारा ल गक वहार पर कया गया
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एक अ ययन है जसम दखाया गया है क सव ण म शा मल तशत भारतीय पु ष ने सहम त क क म हला को अपने प रवार को एक साथ रखने
के लए हसा को सहन करना चा हए जब क फ सद का मानना था क कभी कभी म हला पटने लायक होती है। अ ययन से सबसे दलच खोज यह थी
सव ण म शा मल तशत म हला के खलाफ हसा से संबं धत कानून के बारे म जानते थे। ऊपर उ त आंक ड़े हम बताते ह क अके ले कानून बनाने से
एक तरफ कानूनी अ धकार के व तार का यह वरोधाभास और एक समाज से त या को या तो खराब तरीके से तैयार कए गए या खराब तरीके से लागू
कए गए कानून के प म दे ख ा जा सकता है जो भारत म लग संबंधी मु से संबं धत ह चाहे वह ूण लग नधारण से संबं धत कानून का मामला हो या बला कार
के मामल म कम सजा दर या सव यायालय ारा असंवैधा नक और अवैध बताए जाने के बावजूद ामीण े म खाप पंचायत क ढ़ता और संप ता इसके
काया वयन को सु न त करने के लए पया त सं ागत तं क कमी म हला म उनके अ धकार के बारे म जाग कता क कमी ।
हालाँ क इस वरोधाभास क एक सरल ता कक ा या है समाज क गहरी पतृस ा मक कृ त जो म हला को अनुशा सत करने के लए हसा के
छा नोट् स
इस संक ण मान सकता का आ धप य और ल गक संवेदनशीलता क कमी जसे इस त य म दे ख ा जा सकता है क म हला के खलाफ कु छ हद तक हसा को न
के वल पु ष ारा ब क भारतीय समाज म म हला ारा भी आव यक और वांछनीय माना जाता है। भारत म म हला के खलाफ हसा संबंधी मामल क
एक पतृस ा मक समाज क इस पृ भू म के खलाफ रा य कु छ ग तशील कानून पा रत करता है ले कन उ ह भावी ढं ग से लागू करने क मता का अभाव
होता है य क पहले ान पर मह वपूण राजनी तक इ ाश का अभाव होता है । सरे कानून उस दशा को तय करता है जसम समाज जा सकता है यह
सं कृ त और प रवार है जो उस दशा को तय करता है जसम समाज वा तव म जाता है । इस लए यह श ा णाली पा रवा रक मू य और मानदं ड आ द जैसे
औरत।
इस जाल से बाहर नकलने का एकमा तरीका समाज को उस सां कृ तक जड़ता से बाहर लाना है जसने क थत प से ग तशील कानून को अपने सभी चरण म
हसक आदे श से लड़ने के लए तकू ल प से भा वत कया है नमाण काया वयन मू यांक न।
शायद शु आत करने का एक अ ा ब वधायी नकाय म म हला को आर ण दान करना है ता क म हला को वकास म दे ख ने के बजाय हम म हला
और वकास को सु न त कर।
. भारत म उ शशु मृ यु दर के लए ज मेदार कारक या ह भारतीय म हला पर इसके भाव क चचा क जए। इस सम या के समाधान के लए सरकार ारा
कोण
• सबसे पहले उन सामा जक आ थक और सां कृ तक कारक पर चचा कर जो भारत म उ शशु मृ यु दर का कारण बनते ह • कु छ ठोस ब म म हला के
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उ र
शशु मृ यु दर आईएमआर एक वष म त जी वत ज म पर एक वष क आयु तक प ंचने से पहले मरने वाले शशु क सं या है। क जनगणना
रपोट के अनुसार भारत म आईएमआर पर है। सह ा द वकास ल य के तहत भारत के ल य को ा त करने क संभावना नह है। अब तक कए गए कई
शोध अ ययन ने संके त दया है क च क सा नैदा नक कारण के अलावा उ शशु मृ यु दर म सामा जक आ थक कारक मह वपूण नधारक ह।
• आ थक कारक मातृ व और ज म के बाद मलने वाली सु वधा म घरेलू आय एक नधारक उपाय है। वा य दे ख भाल सव पूव दे ख भाल पोषण ट काकरण
और गभाव ा के दौरान क जाने वाली दे ख भाल के बारे म जानकारी सीधे तौर पर प रवार क आ थक परेख ा पर नभर करती है। अ य धक गरीबी और
बेरोजगारी के कारण शौचालय क सु वधा साफ सफाई और व ता वशेष प से मा सक धम व ता का अभाव होता है। यह उ दर म सीधे योगदान
दे ता है • सामा जक और सां कृ तक कारक लड़ कय क कम उ म शाद कर द जाती है और शाद के बाद ज द गभ धारण करने के लए उन पर दबाव
डाला जाता है। क या से छु टकारा पाने के लए ूण ह या का सहारा लेना आज भी एक आम बात है। अंध व ास और ूण के वकास के डर के कारण
गभवती म हला को पया त भोजन नह मलता है जससे सव मु कल हो जाता है। गभवती म हला के ट काकरण और
छा नोट् स
श ा के मामले म सामा जक भू मकाएं मानक वा य था के बारे म जाग कता को कम करती ह जससे उ मृ यु दर होती है।
म हला के लए न हताथ
• वा य उ शशु मृ यु दर के कारण म हलाएं मान सक और शारी रक पीड़ा से पी ड़त ह। शशु मृ यु का आघात म हला के मान सक वा य को भा वत
करता है। एक कम या उदास मनोदशा मज़ेदार ग त व धय म च क कमी भूख न द और ऊजा म प रवतन बेक ार क भावना शम या अपराधबोध और
वचार क जीवन जीने लायक नह है शशु मृ यु दर के कारण सामा य भाव ह। • सामा जक शशु मृ यु से जुड़ा सामा जक कलंक उ पीड़न घरेलू हसा
और अंध व ास का शकार होता है। • आ थक शशु मृ यु दर से े रत णता और मान सक बीमारी आ थक ग त व धय म भाग लेने क मता को कम
रा ीय ामीण वा य मशन एनआरएचएम के तहत शशु मृ यु दर को कम करने के लए सरकार ारा न न ल खत काय म योजनाएं और जाग कता अ भयान
शु कए गए ह
• जननी शशु सुर ा काय म JSSK शु कया गया है जसके तहत सावज नक वा य सं ान म सव कराने वाली सभी गभवती म हला को सजे रयन
से न स हत ब कु ल मु त और बना कसी खच के सव कराने का अ धकार है। यह पहल न शु क दवा नदान र और आहार के अलावा घर से
सं ा तक न शु क प रवहन रेफ रल के मामले म सु वधा के बीच और घर वापस छोड़ने के लए नधा रत करती है। सावज नक वा य सं ान तक
इलाज।
• नवजात शशु सुर ा काय म NSSK आव यक नवजात दे ख भाल और पुनज वन पर वा य दे ख भाल दाता के श ण के लए एक काय म। • एक
• रा ीय बाल वा य काय म आरबीएसके डी यानी ज म के समय दोष क मय बीमा रय वकास म दे री और ब म उनके बंधन के लए बाल वा य
पदो त।
. बा लका के भ व य म नवेश न के वल आ थक ाथ मकता का है ब क सामा जक कोण का भी है। ट पणी। सरकार क योजनाएँ बा लका के त
कोण
• एक बा लका के लए नवेश म आ थक और सामा जक अ नवायता दोन क ा या कर। • नज रया बदलने क ज रत पर यान द। • कोण
और सकारा मक न कष।
उ र
बा लका के भ व य म नवेश ल गक समानता और म हला सश करण के ल य से अटू ट प से जुड़ा आ है। इसम उनक श ा वा य कौशल वकास आ द
म नवेश करना शा मल है। मै क से क क रपोट द पावर ऑफ पै रट एडवां सग वीमे स इ वे लट इन इं डया का अनुमान है क भारत अरब डॉलर
छा नोट् स
सरकार क भू मका
सरकारी क याणकारी योजनाएँ समाज के कोण म बदलाव लाती ह और बा लका के प म सकारा मक वातावरण बनाकर ल गक
भेदभाव को र करती ह। ऐसी योजना ारा नभाई गई भू मकाएं इस कार ह
उदाहरण
• बेट बचाओ बेट पढाओ बीबीबीपी योजना बा लका को सश बनाने और उनक श ा को स म बनाने और बा लका के ज म के
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त सामा जक कोण म सकारा मक बदलाव लाने के लए शु क गई थी।
• सुक या समृ योजना लोग को एक बा लका के लए बचत करने के लए ो सा हत करने म मदद करती है
और बाल ववाह को हतो सा हत करना
• द ली और ह रयाणा सरकार ारा लागू लाडली योजना का उ े य क या ूण ह या पर अंकु श लगाना और श ा का समथन करके और
उ ह भेदभाव से बचाकर लड़ कय क सामा जक त म सुधार करना है।
कसी भी काय म क सफलता के लए लोग क भागीदारी ज री है। म हला के लए पसंद करने क मता तब तक सी मत रहेगी जब
तक क सामा जक कोण म बदलाव न हो।
कोण
• का पहला भाग यह व ेषण करने क मांग करता है क या म हला को राजनी तक अ धकार दान करके उ ह वा त वक
सश करण दान करने म कोई ग त ई है।
छा नोट् स
• का सरा भाग उन व भ कारण या वचार को सूचीब करने क मांग करता है जो संसद म म हला के लए आर ण क गारंट दे ने वाले वधेयक का
वरोध कर रहे ह।
उ र
भारत म म हलाएं कु ल आबाद का लगभग त न ध व करती ह फर भी संसद म उनका त न ध व मा है। हालां क भारत ने दशक के बाद भी
सावभौ मक वय क मता धकार क या ा शु क है आंक ड़े बताते ह क भारत म म हला के लए राजनी तक समानता सामा जक और आ थक समानता म
प रव तत नह ई है।
उपरो आँक ड़े नराशाजनक ह ले कन इस बात से पूरी तरह इंक ार नह कया जा सकता है क आर ण का समाज म म हला क त पर सकारा मक भाव
नह पड़ता है।
प म •म
जैसे रा य म के रल छ ीसगढ़ राज ान जहां ानीय नगर नगम और पंचायती राज सं ा म म हला के लए आर ण बढ़ा
दया गया है वहां शासन पर सकारा मक भाव दखाई दे रहा है जहां उनक अ य ता म हलाएं कर रही ह।
• हालां क यह सांके तक समानता से शु होता है जसके कारण ती असु वधा और यहां तक क टकराव भी आ वशेष प से द लत म हलाएं सीमा को पार
यह सब समुदाय के सां कृ तक मू य म मक प रवतन का कारण बन सकता है जो धीरे धीरे न के वल सामा जक आ थक े म समानता क ओर ले जाएगा
भाग लेना
संसद म राजनेता क संबं धत म हला के वेश के प म कु छ लोग ारा स ा हड़पने का डर इस कार भाई भतीजावाद और प पात के त वावधान म पूरी
या पर क जा कर लया गया। • सांसद और वधायक के लए न सा हत करने वाली सीट रोटे शन के आधार पर ह गी इस लए हो सकता है क वे ऐसा
न कर
हालां क बल का वरोध कया गया है फर भी इसे आगे बढ़ाया जाना चा हए ता क समाज म सभी को समावेशी वकास मल सके और
पु ष के बराबर म हला को लोकतां क अ धकार क गारंट भी मल सके ।
छा नोट् स
. पछले कु छ वष म घरेलू कामगार के असं य मामले सामने आए ह उनम से लगभग सभी म हलाएँ ह जनका उनके नयो ा ारा वहार और शोषण कया
गया है। वे कौन से कारक ह जो घरेलू कामगार को वहार और शोषण का शकार बनाते ह
घरेलू कामगार क याण एवं सामा जक सुर ा अ ध नयम म उनके शोषण को रोकने के लए ावधान क गणना कर।
कोणः • घरेलू
कामगार के शोषण के मामले पर सं ेप म चचा कर। • उन कारक क गणना कर जो उ ह कमजोर बनाते ह। • घरेलू
कामगार क याण और सामा जक सुर ा अ ध नयम के ावधान क गणना कर
उ र हर साल
घरेलू कामगार के शोषण और वहार क हजार शकायत ा त होती ह जनम से अ धकांश म वेतन न मलने भोजन और न द क कमी और मौ खक शारी रक
और यौन शोषण के साथ लंबे समय तक काम करने क शकायत मलती ह। रपोट कए गए मामले म हला वाले कायबल के वा त वक वहार का
मामूली तशत ह।
अनुबंध म अ ध नयम के तहत भी शा मल नह है। या मातृ व लाभ अ ध नयम । • के वल सात रा य म उनके लए यूनतम मज री का
ावधान है। इस लए वेतन नधारण और भुगतान मनमाना है। यहां तक क जहां तय कया गया है वहां मज री दर ब त कम है।
• अ धकांश घरेलू कामगार संक ट त वासी अनुसू चत जा त अनुसू चत जनजा त और ईड यूएस ह जो रोजगार क स त तलाश कर रहे ह। वे कसी भी
पर त म काम वीकार करते ह और शोषण के साथ साथ जा त और वग भेदभाव के त संवेदनशील हो जाते ह। • घरेलू कामगार को उनके अ धकार
का दावा करने के लए जुटाना मु कल है। साथ ही काय ल इस वशेष संदभ म एक अ यंत अनाकार श द है य क यह
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आमतौर पर एक से अ धक घर को दशाता है। ग त व ध क पृथक और असुर त कृ त मक को कमजोर बनाती है।
घरेलू कामगार क त म सुधार के लए NCW ने घरेलू कामगार क याण और सामा जक सुर ा अ ध नयम वधेयक का
मसौदा तैयार कया। कु छ मह वपूण ावधान इस कार ह
• यह घरेलू कामगार को संग ठत े के दायरे म लाता है। अ ध नयम को लागू करने और समी ा करने के लए क य
सलाहकार स म त रा य म काया वयन के लए रा य सलाहकार बोड और जला तर पर जला बोड क तीन तरीय संरचना।
• इसम अंशका लक सहायक और वासी घरेलू कामगार के पंज ीकरण का भी ावधान है। • यह यूनतम मज री काम करने क त और काम के घंट को
व नय मत करने का यास करता है। • बल म घरेलू कामगार क आयु वष से अ धक होना अ नवाय है।
चूं क भारत घरेलू कामगार पर ILO क वशन का ह ता रकता है इस लए यह सही समय है क हम इस बल को पा रत कर जो घरेलू कामगार के अ धकार क
र ा के लए वष से लटका आ है।
छा नोट् स
. म हला से संबं धत मु पर धा मक संवेदनशीलता के कारण ल गक याय अ सर बा धत होता है। इस संदभ म चचा कर क व भ समुदाय क धा मक
कोण
• सुधार को आगे बढ़ाते समय धा मक संवेदनशीलता पर वचार करने क आव यकता पर चचा कर। • उन तरीक का सुझ ाव द जनके ारा दोन को संतु लत
उ र
सती और बाल ववाह का उ मूलन और वधवा पुन ववाह या ह पुन ववाह अ ध नयम जैसे ग तशील कानून का धा मक और पतृस ा मक परंपरा के आधार
पर वरोध कया गया। इसी तरह शाह बानो फै सले का वरोध कया गया य क इसे मुसलमान के नजी कानून म ह त ेप करते दे ख ा गया था। वतमान म धम क
वतं ता के मौ लक अ धकार म उनके ह त ेप का हवाला दे क र ल गक याय दान करने के कई कदम का वरोध कया जा रहा है।
उदाहरण के लए
सुधार और समान नाग रक सं हता का काया वयन। • मं दर और दरगाह के भीतरी गभगृह म म हला का वेश। • अ पसं यक के
धा मक ंथ पया त प से दान करते ह क पूज ा ववाह तलाक या गोद लेने के मामल म लोग को कै से काम करना चा हए। कु छ धा मक नकाय ारा इन ंथ
क गलत ा या हालां क ग तशील कानून को अव करती है और व भ समुदाय के बीच समाज म दरार पैदा करती है। नतीजतन अ पसं यक ऐसे सुधार
को अपनी पहचान के लए खतरा मानते ह। वे यह मानने लगते ह क समान नाग रक सं हता जैसे कदम उन पर ब सं यकवाद सं कृ त और था को थोपने के
समान ह।
ले कन समाज सुधारक का मानना है क जो थाएं म हला क वतं ता और अखंडता को कमजोर करती ह वे ल गक अ याय के बराबर ह। क ये थाएँ समय
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से बाहर ह और ल गक पूवा ह को दशाती ह। वे बताते ह क धम के ा याकार यादातर पु ष रहे ह जो इस तरह क था को बनाए रखने का एक कारण है।
मा यताएं जो एक युग म सही ह सरे समय म अ वीकाय हो सकती ह। उदाहरण के लए गुलामी शाही युग क आ थक आधार शला थी जो आज एक नदनीय
व ास है।
अगर म हलाएं अपने मु को खुद उठाएंगी तो इसका असर और भी यादा होगा। इन यास म श क और प रवार क भू मका मह वपूण है।
• एक बदलाव जो भीतर से आता है उसे ापक प से वीकार कया जाता है। इस लए समुदाय के नेता और धा मक ंथ का उपयोग करके ल गक समानता
क धारणा को बढ़ावा दया जाना चा हए। यह लोग को उनक सोच के भाजन पर वचार करने के लए मजबूर करेगा और वे सुधार के लए अ धक खुले
ह गे।
छा नोट् स
यह यान म रखा जाना चा हए क सामा जक सुधार को सरकारी या या यक फरमान ारा रात रात लागू नह कया जा सकता है। उ ह
धैयपूण अनुनय बु नेतृ व और गत उदाहरण के मा यम से पो षत करना होगा और तभी वे ापक प से वीकाय ह गे।
कोण
उ र
मतदाता को भा वत करने के लए माना गया था। • इसी तरह हाल ही म गोवा म ए वधानसभा चुनाव म कै सनो पर तबंध के मु े
को म हला वोट से भा वत बताया गया है। • सां यक य प से बहार जैसे रा य
म पछले कु छ वधानसभा चुनाव म म हला क भागीदारी पु ष मतदाता क तुलना म अ धक रही है जससे इस वचार को और बल
मला है। • म हला सुर ा और म हला से संबं धत हसा और वहार का मु ा एक बन गया है
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चुनाव के दौरान अहम मु ा
• राजनी तक दल और नेता क गणना म एक मह वपूण वचार के प म म हला वोट बक के तक भी उनक जनसं या के अनुपात म
म हला उ मीदवार क सं या म प रल त नह होते ह। • संसद और रा य वधानसभा म म हला के लए आर ण क कमी भी
कमजोर पड़ती है
तक।
छा नोट् स
म हला वोट बक के वल म हला ारा अपनी आवाज सुनने और उनके मु को संबो धत करने के लए अपनाई जाने वाली रणनी त का
एक त बब है। कसी खास पाट और समुदाय से जुड़ी वोट बक क अवधारणा लंबे समय म म हला के मु को आगे बढ़ाने के लए
अनुकू ल नह हो सकती है। ब क म हला का सश करण और नाग रक के प म जीवन के सभी े म उनक पूण भागीदारी कह
अ धक श शाली वचार है।
कोण
• म हला क वतमान त बताकर प रचय द क उ ह कै से च त कया जाता है। • उदाहरण के साथ म हला को
च त करने वाले व भ े क सही त वीर दान कर
व तु के प म। •
उ र
कहा जाता है क म हला के सश करण से अ धक भावी वकास का कोई साधन नह है ले कन कई बार यह सश करण तब छप
जाता है जब व भ मंच पर म हला को इ ा क व तु के प म या उनके सव ापक प म च त कया जाता है। ढ़वाद
भू मकाएँ।
सा ह य और मी डया दो धाराएँ ह जो म हला को अलग अलग समान काश म च त करती ह। सा ह य और मी डया म म हला
क पहचान क मा यता भले ही एक सरे से मलती जुलती हो ले कन दोन अपने अपने तरीके से म हला क त को फर से
प रभा षत करने का दावा करती ह।
सा ह य म हला के वयं के सम त न ध व का वादा करता है उ ह पु ष के साथ एक उ लेख नीय तुलनीय त दान करता है।
हमारे शा ीय सा ह य म एक ओर नारी को दै वीय प म च त कया गया है तो सरी ओर ह रवंशराय ब न और मजा गा लब जैसे
क वय ने नारी से जुड़ी मानी म हमा को पहचाना है। हालाँ क मी डया उ ह ावसा यक प से वहाय बनाने के लए के वल उनके
भौ तक डोमेन को उजागर करने म व ास करता है।
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व ापन वशेष प से इस धारणा को पु करते ह। पूव ग वाले व ापन म यौन सुझ ाव होते ह यहाँ तक क पु ष के
अंडरगारमट् स से संबं धत व ापन म भी म हला दखाई दे ती है। व ापन का एक अ य पहलू पूण ता क नया बनाने का उनका काय है
जहां म हलाएं बना कसी दाग या नशान के सुंदर फ र ता बनकर रह जाती ह। यह व ापन म बनाई गई आदश म हला नह होने पर
म हला पर अ न त मनोवै ा नक भाव डालता है।
हद और वशेष प से े ीय सनेमा भी यादातर प नी और मां के प म म हला क पारंप रक भू मका को पु करता है। दशक
के वग को आक षत करने के लए म हला को आकषक और आकषक दखने के लए बनाया जाता है। म हला को से स
ऑ जे ट के प म प रभा षत करना मी डया म अ णी त न ध व बन गया है। म हला को पु ष ारा आनंद लेने के लए यौन
व तु के पम तुत कया जाता है जो बदले म झूठ चेतना क ओर ले जाती है।
म हला का यह त न ध व ल गक भेदभाव पर आधा रत है। अभी नारीवाद संवेदनशीलता का सार ही वां छत प रवतन को भा वत
करने का एकमा उपाय है।
छा नोट् स
हालाँ क हालात म थोड़ा सुधार हो रहा है और कु छ हा लया उदाहरण म प रवतन के संके त दखाई दे रहे ह जैसे क म हला ने रा प त नवा चत के खलाफ
यौन राचार और उ पीड़न के आरोप को वीकार करने के लए उनक ट पणी के खलाफ माच कया म हला क ग त व ापन अ भयान म वतं म हला
के साथ म हला को दखाया गया उनका भावना मक प रोशनी म बाह का उदाहरण द ली से हजाबी बाइकर । ये सभी म हला के बेहतर भ व य क
आशा क करण दखाते ह।
भारत म कृ ष का नारीकरण
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छा नोट् स
जनसं या और संब मु े
साम ी . जनसं या का
अनुपात................................................ .................................................. .. . । लग
छा नोट् स
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छा नोट् स
. जनसं या का अ ययन य कर
भारतीय आबाद अगले कु छ दशक म चीन क आबाद से आगे नकल सकती है जससे अंततः भारत नया का सबसे अ धक आबाद वाला दे श बन जाएगा। इस तरह जनसं या
को अ सर एक दा य व के प म दे ख ा जाता है जो लोग के वकास और जीवन क गुण व ा के लए एक बड़ी बाधा है। इतनी बड़ी आबाद दे श के सी मत संसाधन पर नरपवाद
प से दबाव डालती है और दे श म कई सामा जक आ थक सम या के लए भी ज मेदार होती है। ले कन या यह सच है आइए सोच और समझ। या जनसं या दे श के लए
संप संसाधन नह रही है आज भारत को मानव श क से व म अ णी रा माना जाता है। इस वै क त के लए मुख योगदान कारक म से एक हमारे दे श के
युवा श त और उ पादक लोग रहे ह। वे न के वल हमारे दे श ब क वदे श के भी कई दे श के वकास म योगदान दे रहे ह। इस संदभ म जनसं या अथ व ा के लए एक संप
है दे श का सबसे बड़ा संसाधन है न क एक दा य व। आइए हम इस संसाधन का मू यांक न कर। कै से यह जनसं या के व ान जनसां यक के मा यम से है।
. जनसां यक या है
जनसां यक जनसं या के व त अ ययन का व ान है। यह श द ीक मूल का है और दो श द डेमो लोग और े फन वणन से बना है जसका अथ लोग का वणन
है। जनसां यक जनसं या से जुड़ी वृ य और या का अ ययन करती है जसम शा मल ह जनसं या के आकार म प रवतन ज म मृ यु और वास के पैटन और
जनसं या क संरचना और संरचना जैसे म हला पु ष और व भ आयु समूह के सापे अनुपात। जनसां यक क व भ क म ह जनम औपचा रक जनसां यक
शा मल है जो काफ हद तक मा ा मक े है और सामा जक जनसां यक जो आबाद के सामा जक आ थक या राजनी तक पहलु पर क त है। औपचा रक जनसां यक
मु य प से जनसं या प रवतन के घटक के मापन और व ेषण से संबं धत है। इसका यान मा ा मक व ेषण पर है जसके लए जनसं या वृ और जनसं या क संरचना
म प रवतन क भ व यवाणी के लए उपयु एक उ वक सत ग णतीय प त है। जनसं या अ ययन या सामा जक जनसां यक सरी ओर जनसं या संरचना और प रवतन
के ापक कारण और प रणाम क जांच करती है। सामा जक जनसां यक वद का मानना है क सामा जक याएं और संरचनाएं जनसां यक य या को नयं त
करती ह समाजशा य क तरह वे उन सामा जक कारण का पता लगाने क को शश करते ह जो जनसं या के झान के लए ज मेदार ह।
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सभी जनसां यक य अ ययन गणना या गणना क या पर आधा रत होते ह जैसे जनगणना या सव ण जसम एक न द े के भीतर रहने वाले लोग पर डेटा का
व त सं ह शा मल होता है।
जनगणना कसी आबाद के सद य के बारे म व त प से जानकारी ा त करने और दज करने क या। इस श द का योग यादातर रा ीय जनसं या और घर घर
जाकर जनगणना के संबंध म कया जाता है जसे हर साल म लया जाता है। उदाहरण के लए भारत म आ थक जनगणना क य सहायता के साथ एक क य े
सव ण भारत म रा ीय नमूना सव ण कायालय NSSO डेटा एक करने के लए सामा जक आ थक जनसां यक य कृ ष और औ ो गक वषय पर सव ण करने के लए
एक अनूठा सेटअप है।
छा नोट् स
घर से और गांव और क ब म त उ म से। यह सरकार क एक फोकल एजसी है। भारत सरकार सां यक और काय म काया वयन मं ालय
MOSPI के तहत उन े म सां यक य डेटा के सं ह के लए जो वकासा मक योजना के लए मह वपूण ह।
. । जनसं या का वतरण और घन व
जनसं या वतरण और घन व के पैटन हम कसी भी े क जनसां यक य वशेषता को समझने म मदद करते ह। जनसं या वतरण श द का
ता पय पृ वी क सतह पर लोग के ान से है। मोटे तौर पर नया क तशत आबाद इसके लगभग तशत भू म े म रहती है। माच
तक भारत क जनसं या म लयन थी जो लगभग है। नया क आबाद का । ये . अरब लोग हमारे दे श के . म लयन
वग कमी के वशाल े म असमान प से वत रत ह जो व के े फल का . तशत है।
. . । जनसं या का व वतरण
व पॉपुलेशन ॉ े ट् स के अनुसार के म य तक नया क आबाद . ब लयन तक प ंच गई। वै क आबाद का साठ तशत
ए शया . ब लयन अ का म तशत . ब लयन यूरोप म तशत म लयन लै टन अमे रका और कै र बयन म लयन
म तशत और शेष तशत उ री अमे रका म लयन और ओ श नया म लयन म। चीन . ब लयन और भारत . ब लयन
नया के दो सबसे बड़े दे श बने ए ह दोन ब लयन से अ धक लोग के साथ मशः और तशत नया क आबाद का त न ध व करते
ह।
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म नया क आबाद का . तशत पु ष और . तशत म हलाएं ह। वै क जनसं या क औसत आयु यानी जस उ म आधी
आबाद वृ और आधी युवा होती है वह . वष है। नया के लगभग एक चौथाई तशत लोग वष से कम आयु के ह तशत
वष क आयु के ह और तशत या उससे अ धक ह।
छा नोट् स
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जनसं या का घन व त इकाई े म य क सं या के पम कया जाता है। यह भू म के संबंध म जनसं या के ा नक वतरण को बेहतर ढं ग से समझने म मदद
करता है। जनसं या घन व कु ल जनसं या क तुलना म एक बेहतर त वीर दान करता है खासकर जब जनसं या असमान प से वत रत क जाती है।
छा नोट् स
पीने नहाने और खाना पकाने के लए और मवे शय फसल उ ोग और ने वगेशन के लए भी कया जाता है। यही कारण है क नद घा टयाँ नया के सबसे घनी
आबाद वाले े म से ह। इसम कोई आ य क बात नह है क सधु और मेसोपोटा मया जैसी स यताएँ न दय के कनारे वक सत ज ह ने ब तय के लए पया त
• ल प राहत लोग समतल मैदान और कोमल ढलान पर रहना पसंद करते ह। ऐसा इस लए है य क ऐसे े फसल के उ पादन और सड़क और उ ोग के नमाण के
े म कम आबाद होती है। गंगा के मैदान नया के सबसे घनी आबाद वाले े म से ह जब क हमालय म पवतीय े ब त कम आबाद वाले ह। मीटर से
इस लए के वल उ ह ऊँ चे पठार म ब तयाँ ह जहाँ खेती और संचार अपे ाकृ त आसान रहा है और बाक सभी जगह पर ब तयाँ घा टय म क त ह।
• जलवायु अ य धक गम या ठं डे रे ग तान जैसी अ य धक जलवायु मानव नवास के लए असु वधाजनक होती है। एक आरामदायक जलवायु वाले े जहाँ अ धक मौसमी
भ ता नह होती है अ धक लोग को आक षत करते ह। ब त भारी वषा वाले े या अ य धक और कठोर जलवायु वाले े म जनसं या कम होती है।
छा नोट् स
समथन कर सकते ह।
. . । आ थक कारक
जाते ह और उ ह घनी आबाद बनाते ह। • शहरीकरण शहर बेहतर रोजगार के अवसर शै क और च क सा सु वधाएं प रवहन और संचार के बेहतर साधन दान करते
का आकषण लोग को शहर क ओर ख चता है। यह ामीण से शहरी वास क ओर जाता है और शहर का आकार बढ़ता है। नया के मेगा शहर हर साल बड़ी सं या म
वा सय को आक षत करते रहते ह।
• औ ोगीकरण औ ो गक े रोजगार के अवसर दान करते ह और बड़ी सं या म लोग को आक षत करते ह। इनम न के वल कारखाने के कमचारी ब क प रवहन संचालक
कु छ ान अ धक लोग को आक षत करते ह य क उनका धा मक या सां कृ तक मह व होता है। उसी तरह लोग उन जगह से र चले जाते ह जहाँ सामा जक और राजनी तक
कई बार सरकार लोग को कम आबाद वाले े म रहने या भीड़भाड़ वाले ान से र जाने के लए व भ कार क नी तय के मा यम से ो साहन दान करती ह।
जनसं या वृ
जनसं या वृ या जनसं या प रवतन एक व श अव ध के दौरान एक े के नवा सय क सं या म प रवतन को संद भत करता है। यह बदलाव सकारा मक भी हो सकता है
और नकारा मक भी। इसे पूण सं या या तशत के पम कया जा सकता है। कसी े म जनसं या प रवतन उस े के आ थक वकास सामा जक उ ान और
जनसं या वृ कसी े वशेष के दो समय ब के बीच जनसं या म प रवतन को जनसं या वृ कहते ह। उदाहरण के लए य द हम भारत क क जनसं या
छा नोट् स
दे श छोड़ने वाले य क सं या और दे श म आने वाले य क सं या पर वचार करने के बाद। इनम से अं तम कारक यानी वासन रा ीय तर
पर जनसं या वृ को नधा रत करने म बड़ी भू मका नह नभाता है। हालाँ क इसका ानीय और े ीय तर पर भाव है। इस लए अ य दो कारक
यानी जनन मता और मृ यु दर पर अ धक व तार से वचार करना आव यक हो जाता है। वासन जैसे बाद म चचा क जाएगी।
. . । उपजाऊपन
जनन मता जनसं या वृ का एक मह वपूण नधारक है। इस खंड म हम उ जनन मता के मापन तर और वृ य और न हताथ पर चचा
करगे।
ारंभ म उवरता और जनन मता के बीच अंतर करना आव यक है। उवरता जनन करने क शारी रक मता को संद भत करती है। सरी ओर
जनन मता कसी या समूह के वा त वक जनन दशन को संद भत करती है। जब क उवरता का कोई सीधा माप नह है जनन मता का
अ ययन ज म के आंक ड़ से कया जा सकता है। अप र कृ त ज म दर उवरता का एक मह वपूण माप है जसके लए के वल जी वत ज म अथात जी वत
पैदा ए ब को ही यान म रखा जाता है।
अप र कृ त ज म दर सीधे तौर पर जनसं या क वृ दर म जनन मता के योगदान क ओर इशारा करती है। यह मु य प से कु छ सीमा से त है
य क इसम हर म कु ल जनसं या है जसम पु ष के साथ साथ ब त युवा और ब त बूढ़ म हलाएं शा मल ह जो जै वक प से ब े पैदा करने म
स म नह ह।
अ य अ धक प र कृ त जनन मता उपाय ह जैसे सामा य जनन दर आयु व श जनन दर आ द जो इन सीमा को पार करते ह।
आयु व श जनन दर कसी दए गए वष या संदभ अव ध के दौरान उस आयु समूह म वग कृ त जनन आयु क त म हला के दौरान होने
वाले जी वत ज म क सं या।
भारतीय म हला क उ जनन मता म कई कारक योगदान करते ह। आइए इनम से कु छ कारक क जाँच कर
क धा मक वचारधारा ख ववाह
सं ा क सावभौ मकता। ग कम उ म शाद और ज द ब े पैदा
करना। d भारतीय सं कृ त म न हत पु को वरीयता। ई जनन
के संदभ म आ म नणय के अ धकार का अभाव। च उ शशु और बाल मृ यु दर
असंतोषजनक वा य कम पोषण क त और गरीबी भी बड़े प रवार के आकार म योगदान करते ह।
छा नोट् स
यह मह वपूण है क इनम से कसी भी कारक को अलग करके नह दे ख ा जाना चा हए। वा तव म यह कई कारक का संयोजन है जो भारत म उ जनन दर म योगदान करते ह।
उ जनन मता म योगदान दे ने वाले कारक पर वचार करते समय पारंप रक भारतीय मानदं ड पर वचार करना भी आव यक है जो जोड़ के जनन वहार को नयं त
करते ह। भारतीय उपमहा प म तनपान सावभौ मक प से कया जाता है और इसका गभाधान पर एक अवरोधक भाव पड़ता है।
सवो र अव ध के दौरान कु छ वजना का भी अ यास कया जाता है जब दं प त को यौन ग त व ध से र रहने क उ मीद होती है। सव के लए माता पता के घर जाने क
था वशेष प से पहली जो दे श के कु छ ह स म आम है ब े के ज म के बाद संयम सु न त करती है जससे अगली गभाव ा गत हो जाती है। महीने म कु छ न त
दन म सहवास भी व जत है। यह भी सामा य ान है क एक म हला का उपहास कया जाएगा य द वह दाद बनने के बाद भी ब े पैदा करती रहे।
दे श क जनसं या सम या म बड़े पैमाने पर योगदान दे ने के अलावा उ जनन मता प रवार और बदले म समाज को कई तरह से भा वत करती है।
म हलाएं अपने उ पादक जीवन के सव म वष के लए ब े पैदा करने और ब के पालन पोषण के लए बंधी ई ह। इस लए उ ह आ म अ भ और आ म वकास के
लए अ य रा ते तलाशने के अवसर से वं चत रखा जाता है। इससे नराशा हो सकती है। अ य धक ब े पैदा करने से उनके वयं के और उनके ब के वा य पर भाव पड़ता
है। बड़ी सं या म ब क दे ख भाल करने से ऐसी म हला के शारी रक और भावना मक संसाधन पर और दबाव पड़ता है।
एक बड़े प रवार के भरण पोषण का बोझ प रवार के कमाने वाले पर भारी पड़ता है।
नवाह तर को बनाए रखने के लए नरंतर संघष समा त हो रहा है। रोजमरा क जदगी क सम या से बचने के लए वह शराब का सहारा ले सकता है। इससे प रवार क
आ थक और भावना मक भलाई म और गरावट आएगी।
जीवन को सहने यो य बनाने के लए अ सर अवां छत अ भा वत और उपे तब को उनके हाल पर छोड़ दया जाता है। बड़े प रवार म ब को प रवार के सी मत
व ीय संसाधन क पू त के लए अ सर ब त कम उ म काम करना शु करना पड़ता है। यहां तक क वे अपचार म भी ल त रहते ह और इस लए उ ह कू ल जाने और
इन प र तय म सबसे यादा पी ड़त बा लकाएं ह। उसे अ सर कू ल नह भेज ा जाता है या कम उ म ही कू ल से वापस ले लया जाता है ता क वह घरेलू काम म
अपनी माँ क मदद कर सके और जब माँ काम पर हो तो अपने छोटे भाई बहन क दे ख भाल कर सके । कम उ म शाद उसे ब े पैदा करने क ओर धके लती है और यह
च जारी रहता है। एक बड़े प रवार म ब े लड़के और लड़ कयां दोन इस कार अ सर बचपन क खु शय से वं चत रह जाते ह और उ ह ब त कम उ म वय क
छा नोट् स
भारत म जनन दर
यह यान दया जाना चा हए क कु ल जनन दर ट एफआर के लए एमडीजी के तहत कोई ल य नधा रत नह कया गया था।
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. . । न रता
मृ यु दर का मापन
कई उपाय म से मृ यु दर के तीन बु नयाद उपाय का वणन करना पया त है अशो धत मृ यु दर ज म के समय जीवन क उ मीद और शशु मृ यु दर।
• अप र कृ त मृ यु दर यह एक न द कै लडर वष म होने वाली कु ल पंज ीकृ त मौत का उस वष क कु ल म य वष क जनसं या से अनुपात है जसे से गुण ा कया जाता है।
• ज म के समय जीवन क अपे ा ज म के समय जीवन क औसत अपे ा होती है मृ यु दर के तर का एक अ ा उपाय है य क यह जनसं या
क आयु संरचना से भा वत नह होता है। श द जीवन क औसत अपे ा या जीवन याशा जीवन के वष क औसत सं या का त न ध व करती है जो क नवजात शशु
यानी उसी वष पैदा ए के एक समूह के जीने क उ मीद क जा सकती है य द वे जो खम के अधीन ह। येक वष मृ यु का उस समय दे श म च लत आयु व श मृ यु
दर के अनुसार जस समय माप संद भत करता है। यह माप गणना करने म ज टल है ले कन समझने म आसान है।
छा नोट् स
म पैदा आ एक भारतीय साल तक जीने क उ मीद कर सकता था जब क आज ज म के समय भारत क जीवन याशा लगभग दोगुनी होकर साल हो
गई है तक यह बढ़कर साल होने का अनुमान है। प रणाम व प भारत क जनसं या आज के . ब लयन से बढ़कर तक अनुमा नत . ब लयन
हो जाएगी जसम बुज ुग क सं या लगभग म लयन होगी। पूव सेवा नवृ चरण यानी जनसं या आयु स हत अनुपात से अ धक या लगभग
• शशु मृ यु दर जनसां यक म शशु को जीवन के पहले वष म उन सभी ब के प म प रभा षत कया जाता है जो अभी तक एक वष क आयु तक नह प ंचे ह। भारत
जैसे दे श म जहां वा य क त खराब है शशु मृ यु सभी मौत क एक बड़ी सं या के लए ज मेदार है। शशु मृ यु दर इस लए अ सर कसी दे श क सामा जक
भारत म शशु मृ यु दर
भारत के महापंज ीयक ारा का शत नमूना पंज ीकरण णाली एसआरएस रपोट के अनुसार दे श म शशु मृ यु दर आईएमआर म जी वत ज म से
सह ा द वकास ल य एमडीजी के तहत और के बीच बाल मृ यु दर को दो तहाई तक कम करने का ल य था। भारत के मामले म इसने शशु मृ यु
संयु रा ने हाल ही म सतत वकास ल य और ल य को नधा रत कया है। भारत के लए ल य तक जी वत ज म क मृ यु दर ा त करना है।
• मातृ मृ यु दर मातृ मृ यु दर अनुपात येक गभाव ा से जुड़े जो खम को दशाता है अथात सू त संबंधी जो खम। मातृ मृ यु एक म हला क गभाव ा के दौरान या गभाव ा
क समा त के दन के भीतर गभाव ा क अव ध और ान पर यान दए बना गभाव ा या उसके बंधन से संबं धत या बढ़े ए कसी भी कारण से होती है
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भारत म मातृ मृ यु दर
नमूना पंज ीकरण णाली एसआरएस के अनुसार क रपोट के अनुसार मातृ मृ यु दर एमएमआर दे श म त
जी वत ज म पर है।
मले नयम डेवलपमट गोल एमडीजी के तहत और के बीच मातृ मृ यु दर एमएमआर को तीन तमा हय तक कम करने का ल य है। यह
. . । वास
ज म और मृ यु के अलावा एक और तरीका है जससे जनसं या का आकार बदलता है। जब लोग एक ान से सरे ान पर जाते ह तो वह ान जहाँ वे उ म ान से गंत
वासन क ा या जनसं या और संसाधन के बीच बेहतर संतुलन ा त करने के सहज यास के प म क जा सकती है। वास ायी अ ायी या मौसमी हो सकता है। यह
े ।
छा नोट् स
लोग बेहतर आ थक और सामा जक जीवन के लए पलायन करते ह। वासन को भा वत करने वाले कारक के दो सेट ह।
पुश कारक बेरोजगारी खराब रहने क त राजनी तक उथल पुथल अ य जलवायु ाकृ तक आपदा महामारी और सामा जक आ थक पछड़ेपन जैसे कारण से मूल
ान को कम आकषक बनाते ह।
पुल कारक बेहतर नौकरी के अवसर और रहने क त शां त और रता जीवन और संप क सुर ा और सुख द जलवायु जैसे कारण से गंत ान को मूल ान क
आंत रक वासन जनसं या के आकार को नह बदलता है ले कन रा के भीतर जनसं या के वतरण को भा वत करता है। वासन जनसं या क संरचना और वतरण को
ाकृ तक वृ ज म मृ यु
जनसं या क सकारा मक वृ यह तब होता है जब दो समय ब के बीच ज म दर मृ यु दर से अ धक होती है या जब सरे दे श के लोग कसी े म ायी प से वास
करते ह।
जनसं या क ऋणा मक वृ य द दो समय ब के बीच जनसं या म कमी आती है तो इसे जनसं या क ऋणा मक वृ के प म जाना जाता है। यह तब होता है जब ज म
. . । व जनसं या म अनुमा नत वृ
वतमान म व जनसं या हाल के दन क तुलना म धीमी ग त से बढ़ रही है। दस साल पहले व जनसं या त वष . तशत क दर से बढ़ रही थी। आज यह त वष
. तशत या सालाना लगभग म लयन अ त र लोग क दर से बढ़ रहा है। अगले वष म व जनसं या म एक अरब से अ धक लोग क वृ म .
•अ का सबसे तेज ी से बढ़ने वाला मुख े है अब और के बीच आधी से अ धक वै क जनसं या वृ अ का म होने क उ मीद है। म सालाना .
तशत क दर से बढ़ रही मुख े मअ का क जनसं या वृ दर सबसे अ धक है। नतीजतन और के बीच वै क आबाद म अ त र . ब लयन
लोग को जोड़े जाने का अनुमान है . ब लयन होगा अ का म जोड़ा जाएगा। और के बीच . ब लयन लोग को जोड़कर भ व य क वै क जनसं या
वृ म ए शया का सरा सबसे बड़ा योगदानकता होने का अनुमान है इसके बाद उ री अमे रका लै टन अमे रका और कै रे बयन और ओ श नया का ान है जनम ब त
कम वृ होने का अनुमान है। म यम सं करण म यूरोप म क तुलना म म कम आबाद होने का अनुमान है। अ का म तेज ी से जनसं या वृ का अनुमान
है भले ही नकट भ व य म जनन तर म भारी कमी हो।
छा नोट् स
क वशेषता बनी रहेगी जनम से अ का म ह। हालां क एलडीसी क वकास दर इसके वतमान . तशत सालाना से कम होने का अनुमान है। और
के बीच दे श क आबाद जनम से अ धकांश एलडीसी ह कम से कम तगुनी होने क उ संभावना है।
उनम से अंगोला बु ं डी कांगो लोकतां क गणरा य मलावी माली नाइजर सोमा लया युगांडा संयु गणरा य तंज ा नया और जा बया क आबाद तक कम से
• यूरोप को सकु ड़ती आबाद का अनुभव करने का अनुमान है नया के यूरोपीय दे श या े क आबाद और के बीच घटने क उ मीद है। बो नया और
तक कई दे श क आबाद म तशत से अ धक क गरावट दे ख ने क उ मीद है। हज़गो वना बु गा रया ोए शया हंगरी जापान लात वया लथुआ नया मो दोवा
गणरा य रोमा नया स बया और यू े न। सभी यूरोपीय दे श म जनन मता अब लंबे समय म जनसं या के पूण त ापन के लए आव यक तर से नीचे है औसतन
त म हला लगभग . ब े और अ धकांश मामल म जनन मता कई दशक से त ापन तर से नीचे है। संपूण यूरोप के लए जनन मता म
. ब े त म हला से बढ़कर म . होने का अनुमान है ले कन इस तरह क वृ कु ल जनसं या आकार के संभा वत संकु चन को नह रोक पाएगी।
• नया क जनसं या म अ धकांश वृ दे श क एक छोट सूची के लए ज मेदार ठहराया जा सकता है दे श के तर पर अब और के बीच सम वृ या तो उ जनन
मता वाले दे श म होने का अनुमान है मु य प से अ का म या दे श म बड़ी आबाद के साथ।
के दौरान नया क आधी जनसं या वृ नौ दे श म क त होने क उ मीद है भारत नाइजी रया पा क तान कांगो लोकतां क गणरा य इ थयो पया
संयु गणरा य तंज ा नया संयु रा य अमे रका इंडोने शया और युगांडा के अनुसार सूचीब कु ल वृ म उनके योगदान के आकार के लए।
• नया भर म बढ़ती द घायु मुख चुनौ तय के खलाफ ग त हाल के वष म जीवन याशा म मह वपूण लाभ हा सल कए गए ह। व तर पर ज म के समय जीवन याशा
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पांच वष से कम आयु क मृ यु दर ज म और ब े के पांचव ज म दन के बीच मरने क संभावना के प म क जाती है यह ब के
वकास और क याण का एक मह वपूण संके तक है। व तर पर पाँच वष से कम आयु के ब क मृ यु म त
जी वत ज म म से गरकर म अनुमा नत त हो गई। उप सहारा अ का से त और
सबसे कम वक सत दे श से त म पूण गरावट वशेष प से बड़ी थी। पांच वष से कम उ के ब क मृ यु दर म
कमी जस पर सह ा द वकास ल य के ल य के प म ती वै क यान आक षत कया गया है
• नया के कई ह स म आबाद अभी भी युवा है जनसां यक य लाभांश के लए अवसर कई े म जनसं या अभी भी युवा है। अ का म म वष से कम उ के
ब क जनसं या का तशत और से वष क आयु के युवा क सं या तशत है। लै टन अमे रका और कै रे बयाई और ए शया जहां जनन मता म
अ धक गरावट दे ख ी गई है वहां ब का तशत मशः और तशत और युवा का समान तशत मशः और तशत है। कु ल मलाकर ये तीन
इन े के कई दे श क आबाद म ब के अनुपात म नकट भ व य म और गरावट आने का अनुमान है जब क मुख कामकाजी उ म आबाद का आकार और
अनुपात बढ़ने क उ मीद क जा सकती है। नभर आबाद के काम करने के अपे ाकृ त उ अनुपात वाले दे श म जनसां यक य से लाभ होने क संभावना है
छा नोट् स
लाभांश बशत क उपयु म बाजार और अ य नी तयां बढ़ती कामकाजी उ क आबाद के उ पादक अवशोषण और ब और युवा क मानव पूंज ी म नवेश म
वृ के लए अनुम त दे ती ह।
जैसे जैसे जनन मता घटती है और जीवन याशा बढ़ती है एक न त आयु से ऊपर क जनसं या का अनुपात बढ़ता है। यह घटना जसे जनसं या उ बढ़ने के प
म जाना जाता है नया भर म हो रही है। तक अ का को छोड़कर नया के सभी मुख े म या उससे अ धक आयु वग क लगभग एक चौथाई या अ धक
आबाद होगी।
संभा वत समथन अनुपात पीएसआर ारा मापे गए व भ दे श म त रटायर कमचा रय क सं या पर जनसं या क उ बढ़ने का गहरा भाव पड़ने का अनुमान है
जसे से वष क आयु के लोग क सं या को वष क आयु के लोग क सं या से वभा जत करके प रभा षत कया गया है। ऊपर।
घातीय वृ दर . थी।
हम वृ क पहचान कै से कर सकते ह
सेवाएं बड़े पैमाने पर लोग क नर रता और भोजन क अ म वतरण णाली और अ य बु नयाद आव यकताएं इस अव ध म उ ज म और मृ यु दर के लए काफ हद तक
ज मेदार थ ।
चरण II के दशक को र जनसं या वृ क अव ध के प म जाना जाता है। पूरे दे श म वा य और व ता म सम सुधार से मृ यु दर म कमी आई है। साथ
ही बेहतर प रवहन और संचार णाली ने वतरण णाली म सुधार कया। इस अव ध म अप र कृ त ज म दर उ बनी रही जससे पछले चरण क तुलना म उ वृ दर ई। यह
चरण III के दशक को भारत म जनसं या व ोट क अव ध के प म जाना जाता है जो मृ यु दर म तेज ी से गरावट के कारण आ था ले कन दे श म जनसं या
क उ जनन दर थी। औसत वा षक वृ दर . तशत जतनी अ धक थी। यह वह समय था जब वतं ता के बाद एक क कृ त योजना या के मा यम से वकासा मक
छा नोट् स
चरण IV के बाद से अब तक दे श क जनसं या क वृ दर हालां क उ बनी ई है धीरे धीरे धीमी होने लगी है। इस तरह क जनसं या वृ के लए अप र कृ त
ज मदर क गरावट को ज मेदार ठहराया जाता है। बदले म यह दे श म शाद क उ के वषय म वृ जीवन क गुण व ा म सुधार वशेष प से म हला क श ा से भा वत
था। हालाँ क जनसं या क वृ दर दे श म अभी भी उ है और यह व वकास रपोट ारा अनुमा नत कया गया है क भारत क जनसं या तक म लयन को
छू लेगी।
अब तक कए गए व ेषण से औसत वकास दर का पता चलता है ले कन दे श म एक े से सरे े म वकास दर म भी ापक भ ता है जसक चचा नीचे क गई है। च
S और S को दे ख ।
. जनसां यक य सं मण का स ांत
जनसां यक सं मण स ांत मृ यु दर उवरता और वकास दर के बदलते व प का एक सामा यीकृ त ववरण है य क समाज एक जनसां यक य शासन से सरे म जाता है।
यह श द पहली बार बीसव शता द के म य म अमे रक जनसां यक वद् क ड यू नोट ट न ारा गढ़ा गया था ले कन तब से इसे कई अ य लोग ारा व तृत और व ता रत
स ांत बताता है क जनसं या वृ आ थक वकास के सम तर से जुड़ी ई है और यह क येक समाज वकास से संबं धत जनसं या वृ के एक व श पैटन का अनुसरण
करता है।
चरण पूव सं मण
पहला चरण कम वक सत और तकनीक प से पछड़े समाज म कम जनसं या वृ का है। वकास दर कम है य क मृ यु दर और ज म दर दोन ब त अ धक ह इस लए दोन
टे ज ारं भक सं मण
सं मण के ारं भक चरण के दौरान मृ यु दर गरना शु हो जाती है। जैसे जैसे ज म दर उ रहती है जनसं या तेज ी से बढ़ने लगती है। यह जनसं या व ोट इस लए होता
समायो जत करने म अ धक समय लगता है। भारत म भी जनसां यक य सं मण अभी तक पूरा नह आ है य क मृ यु दर कम हो गई है ले कन ज म दर को उसी हद तक नीचे
नह लाया गया है वा तव म भारत म जनसां यक य वभाजन मौजूद है जसम द णी चरण जनसां यक य सं मण के उ त चरण दखा रहे ह
चरण दे र से सं मण
इस अव ा म जनन दर घट जाती है और मृ यु दर के बराबर हो जाती है। व भ जनन कारक जैसे गभ नरोधक तक प ंच मज री म वृ शहरीकरण आ द के कारण ज म
चरण सं मण के बाद
उ र सं मणकालीन समाज को न न ज म और न न मृ यु दर क वशेषता है। वा तव म ज म दर त ापन तर से काफ नीचे गर सकती है। इस लए जनसं या वृ
छा नोट् स
. । जनसां यक य वभाजन
जनसां यक य लाभांश तब होता है जब कु ल जनसं या म कामकाजी लोग का अनुपात अ धक होता है य क यह इं गत करता है क अ धक लोग म उ पादक होने और
अथ व ा के वकास म योगदान करने क मता है।
भारत म से अ धक जनसं या वष के आयु वग म है जसे मोटे तौर पर भारत का जनसां यक य लाभांश कहा जाता है।
इस कामकाजी आयु वग को वयं के साथ साथ इस आयु वग के बाहर के लोग यानी ब और बुज ुग का समथन करना चा हए जो काम करने म असमथ ह और इस लए
आ त ह। जनसां यक य सं मण के कारण आयु संरचना म प रवतन नभरता अनुपात को कम करता है या गैर कायशील आयु का काय आयु आबाद के अनुपात को कम
• नमूना पंज ीकरण णाली एसआरएस के आंक ड़ के अनुसार आ थक प से स य जनसं या वष या भारत का जनसां यक य लाभांश का अनुपात
से के दौरान . से बढ़कर . तशत हो गया है। बेहतर श ा वा य सु वधाएं और जीवन याशा म वृ बुज ुग का तशत इसी अव ध
म मशः . से . तशत हो गया है।
• तक मश क वृ दर जनसं या क तुलना म अ धक बनी रहेगी। एक भारतीय म रपोट टाइम लीज़ के अनुसार म लयन युवा तक म
बल म वेश करगे और तशत अगले तीन साल म नया के मज र भारतीय ह गे। • यह अनुमान लगाया गया है क
तक भारत क जनसं या क औसत आयु
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नया म सबसे कम होगी चीन और संयु रा य अमे रका म वष प म यूरोप म वष और जापान म वष क तुलना म लगभग वष। नतीजतन जब क
वै क अथ व ाम तक
लगभग म लयन क युवा आबाद क कमी दे ख ने क उ मीद है भारत म लयन के युवा अ धशेष वाला एकमा दे श होगा श ा कौशल वकास और म बल पर रपोट
खंड III म यूरो
ले कन इस मता को वा त वक वकास म तभी बदला जा सकता है जब कामकाजी आयु वग म वृ के साथ श ा और रोजगार के बढ़ते तर भी ह । य द म बल म वेश करने
वाले नए लोग श त नह ह तो उनक उ पादकता कम रहती है। य द वे बेरोजगार रहते ह तो वे ब कु ल भी नह कमा पाते ह और कमाने वाले के बजाय आ त बन जाते ह। इस
कार आयु संरचना म प रवतन अपने आप म कसी भी लाभ क गारंट नह दे सकता है जब तक क नयो जत वकास के मा यम से इसका उ चत उपयोग नह कया जाता है।
आज भारत के पास जो अवसर क जनसां यक य खड़क है उसका फायदा उठाने के लए रणनी तयाँ मौजूद ह। ले कन भारत के हाल के अनुभव बताते ह क बाजार क ताकत
अपने आप यह सु न त नह करती ह क ऐसी रणनी तय को लागू कया जाएगा। जब तक कोई रा ता नह मलता है हम उन संभा वत लाभ से चूक सकते ह जो दे श क बदलती
छा नोट् स
यूनाइटे ड नेशनल पॉपुलेशन रसच के अनुसार पछले चार दशक के दौरान ए शया और लै टन अमे रका के दे श जनसां यक य लाभांश के मु य लाभाथ रहे ह। यूरोप जापान और
संयु रा य अमे रका के उ त दे श म कम ज म दर और कम मृ यु दर के कारण उ बढ़ने वाली आबाद है। संयु रा जनसं या वभाग के शोध के अनुसार न तो सबसे कम
वक सत दे श और न ही अ का के दे श ने अभी तक अनुकू ल जनसां यक य प र तय का अनुभव कया है। व बक क वै क वकास रपोट के अनुसार चीन क एक
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ोत आ थक सव ण
. । इ तम जनसं या
दे श के भीतर जनसं या के आकार वतरण और संरचना को इसके ाकृ तक संसाधन और इसके लोग ारा उपयोग क जाने वाली उ पादन क तकनीक के संबंध म दे ख ा जाना
चा हए। कस हद तक संसाधन का उपयोग कया जाता है और जस तरह से उनका उपयोग कया जाता है यह नधा रत करता है क कोई े कम है या अ धक आबाद वाला है।
एक दे श को इ तम जनसं या कहा जाता है जब लोग क सं या उपल संसाधन के साथ संतुलन म होती है। इ तम तय को तभी बनाए रखा जा सकता है जब नए संसाधन
इसका ता पय यह है क एक न त ब तक भू म पर काम करने वाले लोग क सं या म वृ से उ पादन म उ लेख नीय वृ होती है। एक बार इ तम आबाद तक प ँचने के
छा नोट् स
त गरावट। जैसे जैसे अ धक लोग एक ही संसाधन आधार पर नभर होते जाएंगे येक गरीब होता जाएगा। सरी ओर य द कसी े के सभी संसाधन को
वक सत करने के लए पया त लोग नह ह तो इसका जीवन तर जतना हो सकता है उससे कम रह सकता है य द इसक पूरी मता का उपयोग कया जाता है।
उदाहरण के लए वतमान ौ ो गक के संदभ म म य ए शया को कम आबाद वाला माना जा सकता है। ले कन अतीत म म य ए शया पशुपालक ारा बसा आ था जो
आधु नक तकनीक के बारे म कु छ नह जानते थे। जन संसाधन का वे दोहन करने म स म थे वे अ सर अ य धक दबाव म थे वा तव म म य ए शयाई लोग क लहर जमीन क
तलाश म आसपास के े पर आ मण करती थ और पूव यूरोप भारत और उ री चीन तक फै ल जाती थ । इस कार उस अव ध के दौरान यह े अ धक आबाद वाला था।
इस लए कम जनसं या और अ धक जनसं या को मु य प से संबं धत दे श के वकास के चरण के संदभ म माना जाना चा हए। एक उ त दे श को वह माना जा सकता है जहां
कृ ष कु शल हो उ ोग संचार ापार और वा ण य और सामा जक सेवाएं अ तरह से वक सत ह और दे श के संसाधन का पूरी तरह से उपयोग कया जाता हो। मक
. जनसं या संरचना
जनसं या संरचना आयु और लग नवास ान जातीय वशेषता जनजा तय भाषा धम वैवा हक त सा रता और श ा ावसा यक वशेषता आ द जैसी
वशेषता ारा प रभा षत जनसं या का ववरण दे ती है।
. । आयु संरचना
जनसं या क आयु संरचना कु ल जनसं या के सापे व भ आयु समूह म य के अनुपात को संद भत करती है। वकास के तर और औसत जीवन याशा म प रवतन के
जवाब म आयु संरचना म बदलाव आया है। ारंभ म खराब च क सा सु वधाएं बीमारी का सार और अ य कारक अपे ाकृ त कम जीवन काल के लए बनाते ह। इसके अलावा
वकास के साथ जीवन क गुण व ा म सुधार होता है और इसके साथ जीवन याशा म भी सुधार होता है। इससे आयु संरचना म प रवतन होता है। नतीजतन जनसं या का छोटा
अनुपात युवा आयु समूह म पाया जाता है और वृ आयु समूह म बड़ा अनुपात। इसे जनसं या क उ बढ़ने के प म भी जाना जाता है।
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ब े आमतौर पर वष से कम वे आ थक प से अनु पादक होते ह और उ ह भोजन कपड़े श ा और च क सा दे ख भाल दान करने क आव यकता होती है।
उपल नह ह।
. . । नभरता अनुपात
नभरता अनुपात एक आबाद के ह से क तुलना करने वाला एक उपाय है जो आ त से बना है यानी बुज ुग लोग जो काम करने के लए ब त पुराने ह और ब े जो काम करने
के लए ब त छोटे ह आम तौर पर कामकाजी आयु वग के ह से के साथ से वष के प म प रभा षत। नभरता अनुपात आयु वग म जनसं या ारा वभा जत
छा नोट् स
बढ़ती ई नभरता अनुपात उन दे श म चता का कारण है जो उ दराज आबाद का सामना कर रहे ह य क कामकाजी उ के लोग के अपे ाकृ त छोटे अनुपात के लए आ त
के अपे ाकृ त बड़े अनुपात को दान करने का बोझ उठाना मु कल हो जाता है। सरी ओर गरता आ नभरता अनुपात गैर मक के सापे मक के बड़े अनुपात के कारण
आ थक वकास और समृ का ोत हो सकता है। इसे कभी कभी जनसां यक य लाभांश या बदलती आयु संरचना से मलने वाले लाभ के प म संद भत कया जाता है।
हालां क यह लाभ अ ायी है य क कामकाजी उ के लोग का बड़ा पूल अंततः गैर कामकाजी वृ लोग म बदल जाएगा।
. । से स रचना
लग संरचना मानव संसाधन के प म कसी दे श क जनसं या क गुण व ा का एक ब त मह वपूण संके तक है। वा तव म इसे मु य प से लगानुपात के आधार पर समझा जाता
है।
पु ष क तुलना म म हला का जै वक लाभ होता है य क वे पु ष क तुलना म अ धक लचीला होती ह फर भी यह लाभ सामा जक नुक सान और भेदभाव के कारण र हो
. । ांसजडर रचना
जनगणना क गणना के दौरान पहली बार तीन कोड दान कए गए अथात पु ष म हला और अ य ।यद तवाद न तो और न ही रकॉड करना चाहता
है तो गणक को से स को अ य के प म दज करने और कोड दे ने का नदश दया गया था। फर भी यह यान रखना मह वपूण है क भारत क जनगणना वशेष प से
ांसजडर पर कोई डेटा एक नह करती है। इस कार अ य क ेण ी म के वल ांसजडर ही शा मल नह होगा ब क कोई भी जो अ य क ेण ी के तहत से स
. । द ांग रचना
क जनगणना से पता चलता है क दे श म वकलांग य वाले . लाख प रवार कु ल प रवार का . तशत ह। वकलांग य वाले कु ल प रवार म पछली
क जनगणना म . करोड़ क कु ल वकलांग आबाद म से . करोड़ . सा र ह और शेष . करोड़ . नर र ह। एक दशक पहले वकलांग
. । सा रता रचना
श ा के लए सा रता एक शत के प म सश करण का एक साधन है। जनसं या जतनी अ धक सा र होगी क रयर वक प के त जाग कता उतनी ही अ धक होगी
साथ ही ान अथ व ा म भागीदारी भी। इसके अलावा सा रता से वा य जाग कता और समुदाय क सां कृ तक और आ थक भलाई म पूण भागीदारी हो सकती है।
आजाद के बाद सा रता के तर म काफ सुधार आ है और हमारी आबाद का लगभग दो तहाई अब सा र है। ले कन
छा नोट् स
सा रता दर को भारतीय जनसं या क वृ दर के साथ ग त बनाए रखने के लए संघष करना पड़ा है। यह लग े और सामा जक समूह म काफ भ है। जैसा क दे ख ा जा सकता
है म हला सा रता पु ष सा रता क तुलना म तेज ी से बढ़ रही है आं शक प से य क यह अपे ाकृ त न न तर से शु ई है। सा रता दर व भ सामा जक समूह म भी भ
होती है ऐ तहा सक प से वं चत समुदाय जैसे अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त म सा रता क दर कम है और इन समूह के भीतर म हला सा रता क दर और भी कम है।
े ीय अंतर अभी भी ब त ापक ह के रल जैसे रा य सावभौ मक सा रता के करीब प ंच रहे ह जब क बहार जैसे रा य ब त पीछे ह। सा रता दर म असमानताएँ वशेष प से
मह वपूण ह य क वे पीढ़ दर पीढ़ असमानता को पुन उ प करती ह। नर र माता पता यह सु न त करने म गंभीर नुक सान म ह क उनके ब ेअ तरह से श त ह इस
एस और एस
शै क चुनौ तयां
• जब क क जनगणना के अनुसार के वल तशत सा रता हा सल क गई है म हला सा रता म उ लेख नीय सुधार आ है। पु ष सा रता . तशत पर अभी भी म हला
सा रता . तशत से अ धक है ले कन बाद म पूव के . तशत अंक क तुलना म . तशत अंक क वृ ई है।
• डीआईएसई श ा के लए जला सूचना णाली के अनुसार ाथ मक व ालय म कु ल नामांक न म म लयन से बढ़कर म लयन हो गया और फर
म घटकर म लयन हो गया जब क उ ाथ मक नामांक न म लयन से बढ़कर लगभग हो गया दस लाख। यह बदलती जनसां यक य आयु संरचना के अनु प है।
कू ल श क और शै णक सहायक कमचारी ।
क ग तान से अ धक है हमारी श ा णाली म अंतराल को उजागर करता है। PISA जो साल के ब के ान और कौशल को उनक सम या को सुलझाने क मता
का आकलन करने के लए डज़ाइन कए गए के साथ मापता है इन दो रा य को सबसे नीचे रखता है जसम ग णत और व ान के कोर OECD आ थक सहयोग संगठन
से ब त पीछे ह। और वकास औसत। भारत ने PISA म भाग नह लया। • ASER एनुअ ल टे टस ऑफ एजुके शन रपोट के न कष ने से ामीण भारत म से
आयु वग के बीच सीखने के न न तर के बारे म बताया। चताजनक त य यह है क ये लोर लेवल टे ट मूल ह। ड जट कै री फॉरवड घटाव और भाग कौशल जसके
बना कोई कू ल णाली म ग त नह कर सकता है। • नी त नधारण इनपुट से हटकर प रणाम पर यान क त करने और यान क त करने म न हत है
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• बदलती जनसां यक और घटती बाल आबाद के साथ परा मड के आधार पर मानव पूंज ी क अपया तता के कारण बु नयाद कौशल म एक बड़ा बैक लॉग भारत के वकास म एक
छा नोट् स
यह दे ख ा गया है क भारत म मक का अनुपात मु य और सीमांत दोन के वल तशत है जसम अ धकांश तशत गैर मक ह। यह एक ऐसी आ थक
त को इं गत करता है जसम आ त जनसं या का एक बड़ा अनुपात है जो आगे बड़ी सं या म बेरोजगार या कम नयो जत लोग के संभा वत अ त व का संके त दे ता है।
रा य और क शा सत दे श क कामकाजी आबाद का अनुपात गोवा म लगभग तशत से लेक र मजोरम म लगभग तशत तक म यम भ ता दशाता है। मक के
बड़े तशत वाले रा य हमाचल दे श स कम छ ीसगढ़ आं दे श कनाटक अ णाचल दे श नागालड म णपुर और मेघालय ह। क शा सत दे श म दादरा और नगर
यह समझा जाता है क भारत जैसे दे श के संदभ म काय भागीदारी दर आ थक वकास के नचले तर के े म अ धक होती है य क नवाह या नकट नवाह आ थक
भारत क जनसं या का ावसा यक संघटन बॉ स दे ख जसका वा तव म अथ है क खेती नमाण ापार सेवा या कसी भी कार क ावसा यक ग त व धय म कसी
का जुड़ाव मा य मक और तृतीयक े क तुलना म ाथ मक े के मक का एक बड़ा ह सा दशाता है। कु ल कामकाजी आबाद का लगभग . तशत कृ षक
और खे तहर मज र ह जब क के वल . तशत मक घरेलू उ ोग म लगे ए ह और . तशत अ य मक ह जनम गैर घरेलू उ ोग ापार वा ण य नमाण और
ाथ मक े म म हला मक क सं या अपे ाकृ त अ धक है हालां क हाल के वष म मा य मक और तृतीयक े म म हला क काय भागीदारी म कु छ सुधार आ है।
यह खेत आधा रत वसाय से गैर कृ ष वसाय पर मक क नभरता के बदलाव को इं गत करता है जो दे श क अथ व ा म एक े ीय बदलाव का संके त दे ता है। दे श म
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वभ े म काय भागीदारी दर क ा नक भ ता ब त ापक है। उदाहरण के लए हमाचल दे श और नागालड जैसे रा य म कृ षक क सं या ब त अ धक है।
सरी ओर आं दे श छ ीसगढ़ उड़ीसा झारखंड प म बंगाल और म य दे श जैसे रा य म खे तहर मज र का अनुपात अ धक है। द ली चंडीगढ़ और पुडुचेरी जैसे
भारत म म बल क भागीदारी
आ थक सव ण म कहा गया है क के नमूना पंज ीकरण णाली एसआरएस के आंक ड़ के अनुसार आ थक प से स य जनसं या वष का
अनुपात से के दौरान . तशत से बढ़कर . तशत हो गया है । • जनवरी से जुलाई क अव ध के दौरान म यूरो ारा कए गए चौथे वा षक
दर एलएफपीआर . है।
छा नोट् स
. । कशोर
भारत म जनसं या वृ का एक मह वपूण पहलू इसके कशोर क वृ है। वतमान म कशोर यानी वष के आयु वग तक क ह सेदारी लगभग तशत है।
ब क उ दर ह। एचआईवी एड् स सं मण
शारी रक और मान सक अ मता या मंदता नशीली
इ ह दे ख ते ए भारत सरकार ने कशोर समूह को उ चत श ा दान करने के लए कु छ नी तयां बनाई ह ता क उनक तभा को बेहतर दशा द जा सके और उनका उ चत
रा ीय जनसं या नी त उ ह अंडर स ड जनसं या समूह के प म पहचानती है य क उनक ज रत को अभी तक वशेष प से संबो धत नह कया गया है। नी त
. । युवा से जुड़े मु े
रा ीय युवा नी त युवा क आयु को वष के बीच के य के प म प रभा षत करती है। आज भारत म युवा को रोजगार नशीली दवा के पयोग
आ मह या क वृ मी डया और सोशल मी डया के तकू ल भाव और वशेष प से एकल प रवार के उभरने के कारण बदलते सामा जक ढांचे से उ प तनाव से संबं धत
रोजगारपरकता चुनौती भारत म आयु वग के से अ धक युवा रोजगार श ा या श ण एनईईट म नह ह। यह ओईसीडी के औसत से दोगुने से भी अ धक और
चीन के लगभग तीन गुना से भी अ धक है। पया त गुण व ा वाली नौक रयां सृ जत नह होने के कारण युवा क नीट त का प रणाम
छा नोट् स
नशीली दवा का पयोग इस े के मुख अफ म उ पादक े के साथ भारत क नकटता के कारण भारत मादक पदाथ क त करी के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है
और इसके भाव के प म वशेष प से युवा म नशीली दवा का पयोग चता का वषय है। सभी तीन संयु रा स मेलन और साक स मेलन के ह ता रकता होने के
नाते भारत ने नारको ट स स एंड साइको ॉ पक सब टस ए ट और नारको ट स ग एंड साइको ो पक स सटस ए ट क अवैध त करी क रोकथाम
लोग म . । यह मह वपूण है क उ सा रता तर वाले रा य से सबसे अ धक आ मह याएं दज क जाती ह। महारा त मलनाडु प म बंगाल के रल और कनाटक रा ीय
क रपंथीकरण भारतीय के एक समूह के आईएसआईएस म शा मल होने के बारे म हा लया रपोट ने वै क जहाद समूह म शा मल होने वाले युवा पेशेवर क बढ़ती सं या क
संभावना के बारे म चता जताई है। चता का सरा े भारत क घरेलू राजनी त म हा लया चलन है जहां क रपंथी समूह और वचारधारा का चार कया जा रहा है जससे
राजनी तक अपवजन युवा लोग को कई तरह से वकास काय म और ग त व धय से बाहर रखा गया है। एक आयु समूह के प म आ थक राजनी तक और या मक
बाधा के प रणाम व प युवा के शासन और नणय लेने क या म शा मल होने क संभावना कम होती है जो उनक भागीदारी को रोकते ह। सेवा के लाभा थय के प
म युवा को ब ह कृ त जनसां यक य समूह म उनक सद यता के कारण हा शए पर जाने क भी संभावना है जनम शा मल ह म हलाएं वदे शी वकलांग LGBTQI
शरणाथ जातीय अ पसं यक वासी और आ थक प से गरीब। अ सर ानीय और रा ीय वकास लाभ से हा शए पर युवा वशेष प से आ थक झटके सामा जक
म संयु रा महासभा ारा अपनाया गया व ो ाम ऑफ ए न फॉर यूथ WPAY नया भर म युवा क त म सुधार के लए रा ीय कारवाई और अंतरा ीय
. । रा ीय युवा नी त mayuresh.spt@hotmail.com
एनवाईपी का वजन युवा को उनक पूरी मता हा सल करने के लए सश बनाना है और उनके मा यम से भारत को रा के समुदाय म अपना सही ान पाने म
स म बनाना है। इस को ा त करने के लए नी त पांच अ तरह से प रभा षत उ े य और ाथ मकता वाले े क पहचान करती है और येक ाथ मकता वाले
े म नी तगत ह त ेप का सुझ ाव दे ती है। ाथ मकता वाले े म श ा कौशल वकास और रोजगार उ मता वा य और व जीवन शैली खेल सामा जक मू य को
बढ़ावा दे ना सामुदा यक जुड़ाव राजनी त और शासन म भागीदारी युवा जुड़ाव समावेश और सामा जक याय शा मल ह।
एनवाईपी म प रक पत सभी हतधारक को शा मल करते ए युवा वकास और सश करण पर क त कोण के प रणाम व प एक श त और व युवा आबाद
का वकास होगा जो न के वल आ थक प से उ पादक ह ब क सामा जक प से ज मेदार नाग रक भी ह जो रा के काय म योगदान दे रहे ह। इमारत।
यह वष के आयु वग के सभी युवा क ज रत को पूरा करने वाले पूरे दे श को कवर करेगा जो जनगणना के अनुसार जनसं या का . तशत है जो क
लगभग करोड़ है। यह से वकास और भ व य क नी तगत अ नवायता का यान रखने के लए NYP क जगह लेगा।
एनवाईपी व योजना क ाथ मकता के अनु प युवा के लए ापक नी तगत ह त ेप का ताव करता है और व ीय भाव वाले कसी व श काय म योजना
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सभी संबं धत मं ालय वभाग से अनुरोध कया जाएगा क वे अपनी योजना काय म योजना आ द के ढांचे के भीतर युवा मु पर यान क त कर।
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. । बढ़ती जनसं या
ऐसे मामले म आयु लग परा मड एक व तृत आधार वाला कोणीय आकार का
परा मड है और कम वक सत दे श के लए व श है।
. । र जनसं या
यहाँ आयु लग परा मड घंट के आकार का है और ऊपर क ओर पतला है। इससे
ह।
. । घटती जनसं या
इस परा मड का एक संक ण आधार और एक पतला शीष है जो कम ज म और मृ यु
दर दशाता है। वक सत दे श म जनसं या वृ आमतौर पर शू य या नकारा मक होती
है।
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जैसे जैसे अ धक से अ धक लोग वृ ाव ा म जीने लगते ह परा मड का शीष चौड़ा होता जाता है। जैसे जैसे अपे ाकृ त कम नए ज म होते ह परा मड का तल संक रा होता जाता
है। ले कन ज म दर का गरना धीमा है इस लए और के बीच तल म यादा बदलाव नह आ है। परा मड का म य चौड़ा और चौड़ा होता जाता है य क कु ल
जनसं या म इसका ह सा बढ़ता है। यह म यम आयु समूह म एक उभार बनाता है जो के परा मड म प से दखाई दे ता है। इसे ही जनसां यक य लाभांश कहा
जाता है।
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के लोग क वतमान पीढ़ अपे ाकृ त बड़ी है और इसके समथन के लए पुराने लोग
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. जनसं या मु े . ।
अ वक सत दे श क जनसं या सम याएं
ऐसे अ वक सत दे श ह जहां तकनीक वकास का तर दे श म संसाधन मौजूद होने के बावजूद कृ ष द ता और उ ोग क ापना को बा धत करता है। चीन या भारत क तरह
इन दे श म आधु नक औ ो गक अथ व ा को पारंप रक कृ ष पर ा ट कया गया है और दोन को ठ क से संतु लत नह कया गया है। अ वक सत दे श का एक अ य समूह वे
ह जनम जनसं या क कमी है हालां क कभी कभी उनके पास उ त समाज होते ह और आधु नक तकनीक व धय पर उनका अ धकार होता है। ाजील कोलं बया पे ज़ैरे
या स जैसे इन दे श के पास जबरद त संसाधन ह जो जनसं या क कमी के कारण पूरी तरह से नह हो सकते ह। तकू ल जलवायु प र तय से उनक सम याएं अ सर बढ़
जाती ह।
. . । अ धक जनसं या क सम याएँ
• तेज ी से जनसं या वृ वशेष प से प रवार नयोजन था के अभाव म बड़ी आबाद तेज ी से बढ़ती है। यह युवा लोग क एक बड़ी आबाद क ओर जाता है जो कामकाजी
आबाद के अपे ाकृ त छोटे ह से पर नभर ह। साथ ही बड़ी सं या म युवा सामा जक सेवा पर अ त र दबाव डालते ह। • बेरोजगारी कई अ वक सत दे श म उ ोग
बड़ी सम या है लोग शहर क ओर पलायन कर जाते ह जहां काम पाना अ सर और भी मु कल होता है। इसके अलावा क बे भीड़भाड़ वाले हो जाते ह जससे रहने क त
खराब हो जाती है। • रहन सहन का खराब तर वा य और व ता और आवास के तर न न ह जो वा य सम या और कु पोषण और बीमा रय के सार का कारण
• कृ ष संसाधन का कम उपयोग कृ ष के पारंप रक तरीके पुराने या अपया त उपकरण। खेत म सुधार के लए व ीय संसाधन क कमी गैर उपयोग या सीमांत कृ ष भू म का
पयोग जैसे हाइलड् स सभी कृ ष उ पादन को उसक मता से ब त कम रखने म मदद कर सकते ह। खेती क तकनीक को यु संगत बनाने और बड़े अ धक आ थक
खेत को दे ने के लए भू म के कायकाल म सुधार क क ठनाइयाँ कै पटा क कमी और कसान के पारंप रक रवैये से बढ़ जाती ह जो अ सर नए वचार को अपनाने म
• उ ोग का धीमा वकास पूंज ी क कमी के अलावा जो संसाधन के वा त वक दोहन को क ठन बना दे ता है जनसं या कारक मह वपूण ह। मश हालां क बड़ी सं या म
अकु शल है और औ ो गक रोजगार क कोई पृ भू म नह है। इसी तरह हालां क एक बड़ी आबाद को तैयार माल के लए एक अ ा बाजार उपल कराना चा हए
अ धकांश लोग गरीब ह और उ पाद को खरीदने का जो खम नह उठा सकते। एक छोटे बाजार के लए स ते म अ ा उ पादन करना मशीनीकृ त नमाण सबसे कफायती
है ले कन इसम ब त कम मक को रोजगार मलता है और इससे बेरोजगारी क त म मदद नह मलती है। • पारंप रक कोण प रवतन के खलाफ वरोध करते ह
पारंप रक या धा मक कोण प रवतन के खलाफ हो सकते ह या त को बदतर बना सकते ह। उदाहरण के लए कै थो लक चच ारा ज म नयं ण क मनाही है और
भारत म वसाय पर जा तगत तबंध भी वकास को धीमा करने म मदद करते ह। खेती के तरीक और नई फसल जैसे आनुवं शक प से संशो धत फसल क
रवैये को श ा ारा संशो धत कया जा सकता है ले कन धा मक कोण को संशो धत करना अ सर क ठन होता है।
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अ वासन लोग का एक मह वपूण ोत है ले कन यह आमतौर पर क ब और शहर के बजाय ामीण े ामीण इलाक म होता है। साथ ही बेहतर रहने क त वाले
शहर पहले से ही कम बसे ामीण इलाक के लोग को आक षत करते ह। शहर और दे श के बीच असंतुलन कम आबाद वाले दे श क एक बड़ी सम या है। • र ता कम
आबाद वाले े म बसावट बढ़ाना मु कल है य क लोग शहर क सु वधा को यागने को तैयार नह ह। जहाँ कम लोग होते ह वहाँ व तृत संचार वा य श ा या अ य
• संसाधन का कम उपयोग जनसं या क कमी कसी दे श के लए अपने संसाधन का पूण वकास करना क ठन बना दे ती है। ख नज आमतौर पर नकाले जाएंगे वशेष प से क मती
म औ ो गक वकास क लागत को बढ़ाता है। इसके अलावा जहां जीवन तर ऊं चा है वहां भी छोट आबाद पया त बाजार उपल नह कराती है।
• जलवायु संबंधी सम याएं श ुतापूण जलवायु या राहत क त नपटान को क ठन बना दे ती है। ऐसा
पर तयाँ वकास म बाधा डालती ह और कभी भी पूरी तरह से र नह होने क संभावना है।
कम आबाद वाले दे श म इसे बढ़ाने क ज रत है ले कन यह तभी काम करेगा जब अ वा सय के पास सही कौशल हो और वे कम आबाद वाले े म रहने के लए तैयार ह । व
शता द म जब संयु रा य अमे रका बसा आ था तब लोग भू म का वकास करने के लए तैयार थे य क उनम से कई भू महीन कसान थे ले कन आज कम आबाद वाले दे श के
अ वासी आम तौर पर शहरी जीवन पसंद करते ह। आबाद वाले े को खोलना क ठन और महंगा दोन है और इसके लए भारी पूंज ी नवेश क आव यकता होती है।
. । उ त दे श क जनसं या सम याएं
• उ बढ़ने वाली जनसं या कम ज म दर के कारण जनसं या म युवा लोग का अनुपात अपे ाकृ त कम है। कम मृ यु दर और उ जीवन याशा का मतलब है क जनसं या म वृ
लोग का अनुपात लगातार बढ़ रहा है। कई साठ के दशक म स य काय से सेवा नवृ हो जाते ह और फर कामकाजी आबाद पर नभर हो जाते ह। पशन और अ य सु वधा
के ावधान जैसे बुज ुग लोग के लए वा य सेवाएं व ीय चुनौ तयां पेश करती ह। • छोटा काय बल जैसे जैसे शै क मानक म सुधार होता है ब े कू ल म लंबे समय तक
रहते ह और बाद म कायबल म शा मल होते ह। यह कम ज म दर के साथ संयु होने का मतलब है क मश का धीरे धीरे व तार होता है जब क औ ो गक और अ य
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रोजगार के अवसर म वृ जारी रहती है। अ धकांश उ ोग म उ तर के मशीनीकरण के बावजूद कई दे श म मक क कमी है। एक अ य सम या यह है
क कायबल आम तौर पर अ तरह से श त और कु शल है और अकु शल मक क कमी है। य क अ धकांश मक कु शल ह और कायबल अपे ाकृ त कम है मज री अ धक
है। • ामीण जनसं या का ास शहर के जीवन के खचाव कारक के कारण ामीण इलाक से शहर क ओर आबाद का र आवागमन होता है। ामीण इलाक म कम लोग
सेवा दान करने या वसाय करने के लए इसे कम कफायती बनाते ह। यह शहर और ामीण इलाक के बीच असमानता पैदा करता है। • शहरीकरण जैसे जैसे शहर का
व तार होता है प रवहन जल आपू त सीवेज और कचरा नपटान पर दबाव बढ़ता है और सम याएं पैदा करता है। कारखान से नकलने वाला धुआ ँ और रासाय नक अप श
वायु और जल षण पैदा करते ह। यातायात भीड़ और शोर अ य सम याएं ह। अ वक सत दे श क तुलना म शहरी जीवन ारा न मत तनाव मान सक बीमारी क घटना को
कह अ धक बढ़ा दे ता है। शहरी फै लाव एक और सम या है व तार करने वाले शहर भू म को घेर लेते ह जो अ यथा कृ ष के लए उपयु होती और इस कार कई दे श म
आ म नभरता कम हो जाती।
अ धकांश उ त दे श म ऐसे े ह जहां कृ ष या उ ोग म सुधार कया जा सकता है या जहां जनसं या ब त अ धक है। इसी कार अ वक सत दे श म बड़े शहर होते ह
छा नोट् स
सम याएं हर जगह शहरीकृ त समाज के समान ह। अ प वक सत दे श के बीच अंतर को यान म रखना भी मह वपूण है। कु छ के पास बेहतर संसाधन आधार या कम आबाद है
और ये जैसे अजट ना मै सको और मले शया कम संसाधन वाले दे श और न त पारंप रक वचार वाली बड़ी आबाद क तुलना म अपनी सम या को र करने म स म होने
क अ धक संभावना है।
• उदाहरण के लए उ र दे श क सा रता दर है के वल म हला को ही पूण सवपूव दे ख भाल ा त होती है। उ र दे श म त युगल औसतन चार ब े ह। •
इसके वपरीत के रल म लगभग हर सा र है और लगभग हर म हला को सव पूव दे ख भाल ा त होती है। के रल म त युगल औसतन दो ब े ह।
अ य कारक
• शशु मृ यु दर म
शशु मृ यु दर आईएमआर त जी वत ज म पर शशु क मृ यु थी।
वतमान अ खल भारतीय औसत पर ब त कम है। हालां क अ धकांश वक सत दे श म यह आंक ड़ा से कम है।
• कम उ म शाद रा ापी
आयु वग क लगभग ववा हत म हला क शाद वष क आयु से पहले कर द गई थी । बहार म यह आंक ड़ा तक है। कम उ म शाद करने से न
• श ा का तर म हला क श ा के
ायी एनएफएचएस III के अनुसार वतमान म ववा हत म हला म से के वल भारत म प रवार नयोजन के कसी तरीके का उपयोग करती ह। उनम
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बड़े प रवार क इ ा वशेष प से एक लड़के के लए वरीयता भी उ ज म दर क ओर ले जाती है। यह अनुमान लगाया गया है क एक लड़के क ाथ मकता
और उ शशु मृ यु दर दे श म कु ल ज म का है।
दे श म लगानुपात म सुधार आ है। जनगणना के अनुसार लगानुपात म म हला त हजार पु ष से बढ़कर म म हला त हजार पु ष हो गया है। रा य
बा लका क उपे ा और कम बाल लगानुपात के कु छ कारण म पु वरीयता और यह व ास है क के वल पु ही अं तम सं कार कर सकता है वंश और वरासत पु ष रेख ा से
छा नोट् स
लग नधारण परी ण क आसान उपल ता के साथ यु मत बाल लग अनुपात म गरावट म एक उ ेरक हो सकता है आगे गभधारण पूव लग चयन सु वधा क आसान
ता लका T और T दे ख ।
बाल लगानुपात म गरावट के लए कई कारक को ज मेदार ठहराया जा सकता है जनम शा मल ह शैशवाव ा म बा लका क गंभीर उपे ा उ मृ यु दर लग व श
गभपात जो बा लका को ज म लेने से रोकता है और क या ूण ह या या धा मक या सां कृ तक मा यता के कारण बा लका क ह या । इनम से येक कारण एक गंभीर
कई े म मौजूद होने के लए जाना जाता है जब क आधु नक च क सा तकनीक को मह व दया जा रहा है जसके ारा गभाव ा के शु आती चरण म ब े के लग का
नधारण कया जा सकता है। मूल प से ूण म आनुवं शक या अ य वकार क पहचान करने के लए वक सत सोनो ाम अ ा साउं ड तकनीक पर आधा रत एक ए स रे जैसा
डाय नो टक डवाइस क उपल ता का उपयोग म हला ूण क पहचान करने और चु नदा गभपात के लए कया जा सकता है।
न न बाल लगानुपात का े ीय पैटन इस तक का समथन करता तीत होता है। यह उ लेख नीय है क भारत के सबसे समृ े म सबसे कम बाल लगानुपात पाया जाता है।
पंज ाब ह रयाणा चंडीगढ़ द ली गुज रात और महारा त आय के मामले म भारत के सबसे अमीर रा य म से ह और वे सबसे कम बाल लगानुपात वाले रा य भी ह।
अतः चयना मक गभपात क सम या गरीबी या अ ानता या संसाधन क कमी के कारण नह है। उदाहरण के लए य द दहेज जैसी था का अथ यह है क माता पता को
अपनी बे टय क शाद करने के लए दहेज का बड़ा भुगतान करना पड़ता है तो समृ माता पता ही इसे वहन करने म स म ह गे।
हालां क आ यजनक प से सबसे समृ े म लगानुपात सबसे कम है। यह भी संभव है हालां क इस मु े पर अभी भी शोध कया जा रहा है क आ थक प से समृ
प रवार कम ब े पैदा करने का फै सला करते ह अ सर के वल एक या दो वे भी अपने ब े का लग चुनने क इ ा कर सकते ह। अ ा साउं ड तकनीक क उपल ता से यह
संभव हो जाता है हालां क सरकार ने इस अ यास पर तबंध लगाने और सजा के प म भारी जुमाना और कारावास लगाने पर स त कानून पा रत कए ह। ी नेटल डाय नो टक
तकनीक व नयमन और पयोग क रोकथाम अ ध नयम के प म जाना जाता है यह कानून से लागू है और म इसे और मजबूत कया गया है। हालां क लंबे
समय म बा लका के त पूवा ह जैसी सम या का समाधान कानून और नयम के अलावा यह इस बात पर अ धक नभर करता है क सामा जक कोण कै से वक सत
होते ह।
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. भारत म जनसं या नी तयां
जनसं या क ग तशीलता कसी रा के वकास क संभावना के साथ साथ उसके लोग के वा य और क याण को भा वत करती है। यह वकासशील दे श के लए वशेष
या आप जानते ह क वतं ता से पहले ही भारत म जनसं या वृ और जनसं या नी त अपनाने क आव यकता पर चचा शु हो गई थी अंत रम सरकार ारा म नयु
रा ीय योजना स म त ारा जनसं या पर एक उप स म त क ापना क गई थी। इस स म त ने म अपने ताव म कहा सामा जक अथ व ा के हत म पा रवा रक
वा तव म म प से इस तरह क नी त क घोषणा करने वाला भारत शायद पहला दे श था। काय म का उ े य रा ीय अथ व ा क आव यकता के अनु प
जनसं या नी त ने रा ीय प रवार नयोजन काय म का मूत प लया । इस काय म के ापक उ े य समान रहे ह सामा जक प से वांछनीय दशा म जनसं या वृ क
दर और पैटन को भा वत करने का यास करना। शु आती दन म सबसे मह वपूण उ े य व भ ज म नयं ण व धय के चार के मा यम से जनसं या वृ क दर को धीमा
करना सावज नक वा य मानक म सुधार करना और जनसं या और वा य के मु के बारे म जन जाग कता बढ़ाना था।
छा नोट् स
रा ीय आपातकाल के वष के दौरान प रवार नयोजन काय म को झटका लगा। इस समय के दौरान सामा य संसद य और कानूनी
या को नलं बत कर दया गया था और सरकार ारा सीधे जारी कए गए वशेष कानून और अ यादे श संसद ारा पा रत कए बना लागू थे।
इस दौरान सरकार ने वकास को कम करने के यास को तेज करने क को शश क । प रवार नयोजन काय म को रा ीय आपातकाल के
वष के दौरान झटका लगा। इस समय के दौरान सामा य संसद य और कानूनी या को नलं बत कर दया गया था और सरकार ारा सीधे जारी
कए गए वशेष कानून और अ यादे श संसद ारा पा रत कए बना लागू थे।
इस दौरान सरकार ने बड़े पैमाने पर नसबंद का जबरद त काय म शु करके जनसं या क वृ दर को कम करने के यास को तेज करने क को शश
क । यहां नसबंद से आशय पु ष नसबंद पु ष के लए और ूबे टॉमी म हला के लए जैसी च क सीय या से है जो गभाधान और
सव को रोकते ह। यादातर गरीब और श हीन लोग क बड़ी सं या म जबरन नसबंद क गई थी और इस उ े य के लए आयो जत श वर म लोग
को नसबंद के लए लाने के लए नचले तर के सरकारी अ धका रय जैसे कू ल के श क या कायालय के कमचा रय पर भारी दबाव था। इस
काय म का ापक लोक य वरोध आ और आपातकाल के बाद चुनी गई नई सरकार ने इसे छोड़ दया।
आपातकाल के बाद रा ीय प रवार नयोजन काय म का नाम बदलकर रा ीय प रवार क याण काय म कर दया गया और जबरद ती के तरीक का
उपयोग नह कया गया। काय म म अब सामा जक जनसां यक य उ े य का एक ापक आधा रत सेट है। वष क रा ीय जनसं या नी त के
ह से के प म दशा नदश का एक नया सेट तैयार कया गया था।
. । रा ीय जनसं या नी त
रा ीय जनसं या नी त ने जनसं या के मु के त अपने कोण म गुण ा मक बदलाव कया है। यह य प से जनसं या नयं ण पर जोर
नह दे ता है। इसम कहा गया है क आ थक
और सामा जक वकास का उ े य लोग
के जीवन क गुण व ा म सुधार करना है
उनक भलाई म वृ करना और बनने के
अवसर और वक प दान करना है।
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छा नोट् स
रणनी तयाँ। द घका लक उ े य तक ायी आ थक वकास सामा जक वकास और पयावरण संर ण के साथ एक र जनसं या ा त करना है।
त ापन तर पर कु ल जनन दर यह कु ल जनन दर है जस पर नवजात लड़ कय के जीवनकाल म औसतन एक बेट होती है। अ धक प र चत श द म हर म हला के उतने
ही ब े होते ह जतने क उसे बदलने क ज रत होती है। इसका प रणाम शू य जनसं या वृ है।
र जनसं या ऐसी जनसं या जहाँ जनन मता और मृ यु दर एक न त अव ध म र रहती है। इस कार क जनसं या एक असमान आयु वतरण दशाएगी और एक र
दर से बढ़े गी। जहाँ जनन मता और मृ यु दर बराबर होती है वहाँ र जनसं या र होती है।
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छा नोट् स
. रा ीय जनसं या नी त का मू यांक न
रा ीय जनसं या नी त के अनुसरण म सरकार ने प रवार नयोजन काय म के तहत कई उपाय कए ह और इसके प रणाम व प भारत म जनसं या वृ दर म काफ
कमी आई है जो न न ल खत से है
क अव ध के लए के दौरान . ।
कु ल जनन दर ट एफआर . थी जब रा ीय जनसं या नी त को अपनाया गया था और भारत के र ज ार जनरल ारा आयो जत नमूना पंज ीकरण सव ण
एसआरएस के अनुसार यह घटकर . हो गया है।
कु ल जनन दर ट एफआर म म . से म . तक य गरावट के बावजूद भारत अभी तक . के त ापन तर को ा त नह कर पाया है। चौबीस रा य
क शा सत दे श ने पहले ही तक ट एफआर का त ापन तर हा सल कर लया है जब क बड़े जनसं या आधार वाले यूपी और बहार जैसे रा य म अभी भी मशः
. और . का ट एफआर है। झारखंड ट एफआर . राज ान ट एफआर . म य दे श ट एफआर . और छ ीसगढ़ ट एफआर . जैसे अ य रा य म जनन
. एनपीपी आगे का रा ता
के वल जनन दर के आधार पर एनपीपी क सफलता या वफलता का आकलन नह कया जा सकता है। कु ल जनन दर एनपीपी के बड़े मशन क उपे ा करती
है अथात् उ गुण व ा वाली जनन वा य दे ख भाल का वादा। जब क के रल और आं दे श जैसे द णी रा य सफलतापूवक उ चत काया वयन और म हला के वा य को
ाथ मकता दे रहे ह अ धकांश रा य खराब सेवा के साथ जनन वा य से समझौता करना जारी रखे ए ह।
खराब काया वयन का समाधान है एनपीपी के रा य सरकार और अ य शासक को प रवार नयोजन काय म के येक तर पर जनन वा य को ाथ मकता दे ने
क आव यकता है।
इसके लए प रवार नयोजन काय म का व तार करना होगा। बड़े पैमाने पर नेटवक इस सफा रश का एक मह वपूण ह सा ह। पंचायत गैर सरकारी संगठन जमीनी संगठन
और रा य के अ धका रय के बीच संबंध को औपचा रक प दे ने से प रवार नयोजन काय म को अ धक समथन और पारद शता मलने क संभावना है। वा य और प रवार
क याण मं ालय को प रवार नयोजन के े म वा य दे ख भाल क मय और डॉ टर को आक षत करने के लए कदम उठाने चा हए। इसके अलावा कमचा रय को उ चत प
से श त कया जाना चा हए और उनके काम के लए जवाबदे ह ठहराया जाना चा हए। लंबी अव ध म उ गुण व ा वाली सेवा को बनाए रखने के लए प रवार नयोजन
इसके अलावा वं चत आबाद यानी झु गी नवा सय आ दवासी जा तय और ामीण नवा सय के पु ष और म हला तक प ंचने के लए प रवहन सीमा को संबो धत
कया जाना चा हए। अंत म प रवार नयोजन अ यास क चचा म पु ष को शा मल कया जाना चा हए। पया त सबूत बताते ह क प त प रवार नयोजन और वा य दे ख भाल
से संबं धत नणय लेते ह फर भी सबसे हा लया जनसां यक और वा य सव ण के आंक ड़ से पता चलता है क पु ष अपनी म हला भागीदार क तुलना म
गभ नरोधक तरीक के बारे म कम जानकारी रखते ह। पु ष और म हला ारा कए गए सहयोगा मक प रवार नयोजन नणय से जनन प रणाम ा त होने क संभावना होती
इस कार रा ीय जनसं या नी त के शासक को प रवार नयोजन के लाभ के बारे म पु ष को श त करने के लए कदम उठाने चा हए।
प रवार म श ा जानकारी और गभ नरोधक तक पया त प ंच क कमी है। य द रा ीय जनसं या नी त सभी भारतीय क अपू रत गभ नरोधक आव यकता को
समा त करने के लए है तो प रवार नयोजन काय म के काया वयन म प रवार क ाथ मकता और उ गुण व ा वाली वा य दे ख भाल क सराहना को त ब बत करना
चा हए।
बु नयाद जनसां यक य ल य को ा त करने के अलावा भ व य क जनसं या नी त को वषम म हला और बाल लगानुपात को भी संबो धत करना चा हए जो शहरी से ामीण
े म फै ल रहा है।
छा नोट् स
भू म और संप पर म हला के वा म व अ धकार क अनुप त जैसी भेदभावपूण सामा जक बाधाएँ नरंतर पु वरीयता के लए ज मेदार ह।
सरा मह वपूण े जसे भ व य क जनसं या नी त को संबो धत करना चा हए वह वासन से संबं धत है। जनगणना ने रोजगार वसाय श ा ववाह और अ य चर
के कारण अंतरा यीय और अंतरा यीय वासन क त वीर द है। महानगर और बड़े शहर म अ नयो जत पलायन बु नयाद ढांचे आवास और पानी क उपल ता पर दबाव डालता
है और अंद नी बाहरी तनाव पैदा करता है। य द इसे जनसं या नी त म शा मल कया जाता है तो यह अ धक रद शता और अ धक सम वय के लए तैयार होगा और झु गी
इसके बाद उ बढ़ने का कारक आता है। बुज ुग क बढ़ती आबाद और पुरानी बीमा रय के साथ जीवन याशा म वृ से श ा और कौशल वकास दान करने के ाथ मक
काय से संसाधन को हटाने क मता है। नभरता अनुपात तेज ी से बढ़ रहा है जब क संयु प रवार णाली बखर गई है। दे ख भाल करने वाल का बाजार आज अ नय मत महंगा
और भरोसेमंद नह है। इस आबाद के समूह क बढ़ती ज रत को पूरा करने के लए उनक बढ़ती अ मता को यान म रखते ए ावसा यक अवसर को जनसं या नी त का
एक जनसं या नी त जो आने वाली क ठन चुनौ तय क तैयारी करते ए हमारी जनसां यक य संप क र ा करती है भ व य क पी ढ़य को भयावह प रणाम से बचाएगी।
• प रधीय सु वधा तक गभ नरोधक आपू त बंधन म सुधार। • व भ सु वधा म पो टर हो डग और अ य ऑ डयो और वी डयो साम ी
के दशन के प म मांग सृज न ग त व धयां । • रा ीय प रवार नयोजन तपू त योजना NFPIS जसके तहत ाहक क मृ यु ज टलता और नसबंद के बाद वफलता
क घटना म बीमा कया जाता है और दाता मा यता ा त सं ान को
उन घटना म मुक दम के खलाफ तपू त द जाती है। • नसबंद वीकार करने वाल के लए मुआ वजा योजना योजना के तहत वा य एवं प रवार क याण मं ालय लाभाथ
भागीदारी बढ़ाना । • मनलाप ूबे टोमी सेवा पर जोर इसक ता कक सादगी के कारण और के वल एमबीबीएस डॉ टर क आव यकता है न
क नातको र ी रोग वशेष सजन क । • प रवार के लए दाता आधार बढ़ाने के लए अ धक नजी एनजीओ सु वधा का यायन
• लाभा थय के दरवाजे पर आशा ारा गभ नरोधक क होम डलीवरी क योजना सरकार। लाभा थय के दरवाजे पर गभ नरोधक को वत रत करने के लए आशा क सेवा
का उपयोग करने के लए एक योजना शु क है। • ज म म अंतर सु न त करने के लए आशा के लए योजना इस योजना के तहत आशा क सेवा का उपयोग
नव ववा हत जोड़ को शाद के बाद ज म म
साल क दे री सु न त करने के लए और ब े वाले जोड़ को ज म के बाद साल क री सु न त करने के लए परामश दे ने के लए कया जाता है। पहला ब ा। • नई प त
पीपीआईयूसीडी पो ट पाटम इं ा
छा नोट् स
• नए उपकरण Cu IUCD का प रचय जो वष के लए भावी है। • PPIUCD क शु आत के साथ सवो र प रवार नयोजन PPFP
सेवा पर जोर दे ना और JSY के तहत सं ागत सव के लए आने वाले बड़े मामल का लाभ उठाने के लए पो टपाटम नसबंद के प म नसबंद दान करने के मु य तरीके के
•उ फोकस वाले रा य म नसबंद वीकार करने वाल के लए मुआ वजा बढ़ाया गया है
उ ट एफआर।
गभाव ा के प रणाम के लए शी पहचान और नणय लेने क सु वधा के लए समुदाय म उपयोग के लए उप क के साथ साथ आशा क दवा कट म गभाव ा परी ण कट
के ावधान क योजना । • आरएमएनसीएच काउं सलर जनन मातृ नवजात और बाल वा य क उपल ता
वै क प रवार नयोजन सेवा आपू तय और सूचना तक बेहतर प ंच ारा अपूण आव यकता को कम करना। उपरो के अलावा जनसं य रता कोष रा ीय
• ेरणा रणनी त जेएसके ने युवा माता और शशु के वा य के हत म लड़ कय क शाद क उ बढ़ाने और पहले ब े म दे री और सरे ब े के ज म म अंतराल म मदद
करने के लए यह रणनी त शु क है। इस रणनी त को अपनाने वाले युगल को उपयु प से पुर कृ त कया गया। इससे समाज क सोच बदलने म मदद मलती है।
• संतोषी रणनी त इस रणनी त के तहत जनसं या रता कोष नजी े के ी रोग वशेष और पु ष नसबंद सजन को सावज नक नजी भागीदारी मोड म नसबंद
ऑपरेशन करने के लए आमं त करता है। नजी अ ताल न सग होम ज ह ने या उससे अ धक का ल य ा त कया है को रणनी त के अनुसार उपयु प से
• हमायत और आईईसी ग त व धयाँ जेएसके ने जनसं या रीकरण पर अपने जाग कता और हमायत यास के एक भाग के प म अ य मं ालय वकास भागीदार
नजी े कॉप रेट और पेशेवर नकाय के साथ इले ॉ नक मी डया ट मी डया के मा यम से अपनी ग त व धय को फै लाने के लए नेटवक और साझेदारी ा पत क
छा नोट् स
च S
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छा नोट् स
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छा नोट् स
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छा नोट् स
अंज ीर S
वया जनसं या दोहरीकरण समय जनसं या दोगुनी समय कसी भी जनसं या ारा अपनी वतमान वा षक वृ दर पर खुद को दोगुना करने म
लगने वाला समय है।
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छा नोट् स
च S
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अंज ीर। एस
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ता लका T
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ता लका T व भ रा य म वय क लग अनुपात
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कोण
• उ री और द णी रा य म हो रहे जनसां यक य बदलाव के बीच अंतर कर। उदाहरण के लए हाल के आंक ड़ के अनुसार
म येक ब म से एक यूपी या बहार से है। सरी ओर द णी रा य ने अपनी त र कर ली है
आबाद ब त पहले और अब उनक वृ ाव ा क आबाद म तेज ी से वृ दे ख ी जा रही है। • नी तगत भाव जैसे उ री रा य
को श ा कौशल नमाण आ द पर अ धक नवेश करने क आव यकता है जब क द णी रा य को उनक बढ़ती आबाद के कारण वा य
दे ख भाल पशन बीमा पर अ धक नवेश करना चा हए।
उ र
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जैसा क क जनगणना म दे ख ा गया है भारत म जनसां यक य वकास पर एक मह वपूण उ र द ण वभाजन है।
• इसके प रणाम व प द ण म अकु शल मक क कमी है जो वतमान म दे श के अ य भाग से वासन ारा पूरी क जाती है। • भारत
के सभी रा य म जनसं या क संरचना अ यंत भ होगी जब क कु छ रा य म
जनसं या क आयु संरचना वय क क त होगी और वृ ाव ा म चली जाएगी अ य रा य म ब े और युवा आबाद का अ धक संक ण
होगा। इसका ता पय यह है क इन संदभ म मु से नपटने के लए सरकार को पूरी तरह से अलग नी तय क आव यकता है।
छा नोट् स
कोण
•उ र प से जनन वा य क अवधारणा को प रभा षत करना चा हए। इसे मौजूदा प रवार नयोजन और मातृ एवं शशु वा य
काय म ारा अपनाए गए बु नयाद वचार ेरणा और कोण को सामने लाना चा हए और जनन वा य काय म चलाने
वाले वचार के साथ इसक तुलना करनी चा हए।
उ र
ड यूएचओ के अनुसार जनन वा य का अथ है क लोग एक ज मेदार संतोषजनक और सुर त यौन जीवन जीने म स म ह और
उनके पास जनन करने क मता है और यह तय करने क वतं ता है क या कब और कतनी बार ऐसा करना है । इसम न हत ह
पु ष और म हला के बारे म सू चत कए जाने का अ धकार और उनक पसंद के जनन व नयमन के सुर त भावी स ती और
वीकाय तरीक तक प ंच और उपयु वा य दे ख भाल सेवा तक प ंच का अ धकार जो म हला को जाने म स म बनाएगा। सुर त
प से गभाव ा और सव के मा यम से और एक व शशु होने का सबसे अ ा मौका दान करता है।
भारत म जनन और बाल वा य काय म म शु कया गया था। इसका उ े य अवां छत गभाव ा क रोकथाम और बंधन
सुर त मातृ व और ब े के अ त व को बढ़ावा दे ने और जनन पथ के सं मण और यौन रोग क रोकथाम और बंधन के लए सेवा
को एक कृ त करना था। संच रत सं मण। इस काय म का उ े य अब तक अ प से वत और उपे त जनसं या समूह कशोर स हत और
आ थक और सामा जक प से वं चत समूह जैसे शहरी लम और आ दवासी आबाद क ज रत को पूरा करने के लए सेवा का
व तार करना था।
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• प रवार नयोजन काय म के उ े य डजाइन और मू यांक न को मातृ वा य या एसट डी रोकथाम और बंधन जैसे संबं धत वा य
मु पर उ चत वचार कए बना बड़े पैमाने पर एक जनसां यक य अ नवायता ारा संचा लत कया गया था। • सामा य तौर पर ऐसे
काय म वशेष प से म हला को ल त करते ह उनके जनन जीवन और नणय लेने क श य क
सामा जक सां कृ तक और अंतरंग वा त वकता पर ब त कम यान दे ते ह।
• वशेष प से युवा लोग को छोड़कर वे के वल ववा हत लोग क सेवा करते थे। • सेवा को शायद ही कभी पु ष क सेवा के लए
डज़ाइन कया गया था भले ही उनक अपनी जनन वा य संबंधी चताएँ ह वशेष प से यौन संचा रत रोग के संबंध म।
इस लए एक जनन वा य कोण एक संक ण प रवार नयोजन कोण से कई मायन म भ होगा। इसका उ े य मौजूदा संक ण
ऊ वाधर काय म को उन लोग के लए संशो धत करना है जनम म हला और पु ष को जनन वा य सेवा क एक पूरी ृंख ला
क पेशकश करने के लए हर अवसर लया जाता है।
रा ता।
छा नोट् स
• जनसां यक य लाभांश एक अव ध को संद भत करता है जब जनसं या का एक बड़ा ह सा युवा और कामकाजी आयु वग म होता है ।
• नवीनतम रपोट के अनुसार भारत के लोग
वष से कम आयु के ह भारत के लोग वष से कम आयु के ह। भारत म औसत आयु वष है जापान स हत अ य दे श क औसत
आयु चीन यूरोप अमे रका क औसत आयु के साथ। आज भारत म युवा उ पादक और ग तशील आबाद काम
करने और नया को बदलने के लए तैयार है। . ILO के अनुसार तक हमारे पास आयु वग के म लयन लोग
ह गे जब क चीन म के वल म लयन लोग ह गे।
• कायशील आयु समूह म जनसं या का बढ़ना लाभ द माना जाता है। सबसे पहले इस उभार के कारण नभरता अनुपात म गरावट आती
है। सरे वतमान खपत बढ़ने के बाद नवेश के लए उपल अ धशेष जसके प रणाम व प आ थक वकास म तेज ी आती है। • यह
त सफ आ थक वकास क संभावना पैदा करती है इसक गारंट नह दे ती। यह दो कारक पर नभर करता है पहला कायबल
म वेश करने वाल क
गुण व ा पर और सरा उनके लए उपल रोजगार के अवसर पर। • इस लए अगर हम इन युवा को श त और श त करते ह तो
हम न के वल अपनी अथ व ा और समाज ब क नया को बदल सकते ह। • इसके अलावा युवा अपने आदशवाद और ऊजा के
लए जाने जाते ह और य द उ ह कौशल और श ण दान करके उनक ऊजा का उ चत उपयोग नह कया
जाता है तो यह युवा अशां त का कारण बन सकता है और माओवाद व ोह के प म सुर ा के लए खतरा भी पैदा कर सकता है जसम
बेरोजगार नराश न न वग के लोग शा मल ह । अपने
कै डर म श त युवा ।
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• हालां क आईट सॉ टवेयर बैक ऑ फस सेवाएं और अनुसंधान और वकास ग त व धयां फलफू ल रही ह। ले कन इनम से कसी के पास
भी वं चत कम पढ़े लखे और कम कु शल लोग के लए रोजगार नह है।
• आज भारतीय अथ व ा म नौक रयां गायब ह और भारत क तेज वकास दर को बनाए रखने के लए रोजगार सृज न मह वपूण होगा।
भारत को इन चरमपंथी आंदोलन को और भी गंभीर होने से रोकने के लए बड़े पैमाने पर म धान व नमाण े म रोजगार सृ जत
करने क आव यकता होगी।
• वहां प ंचने के लए सरकार को म कानून म ढ ल दे ने क आव यकता होगी जो बड़े पैमाने पर व नमाण को दं डत करते ह और जो
कं प नय को स ती जनश के बजाय महंगी म त ापन तकनीक का उपयोग करने के लए मजबूर करते ह जो भारत म चुर
मा ा म है।
• इसके लए सबसे बढ़कर सरकार को वा य और श ा के मा यम से मानव पूंज ी म बड़े पैमाने पर नवेश के लए राजकोषीय ान
बनाने क आव यकता होगी ता क भारत के युवा कायबल क उ पादक मता का पूरी तरह से उपयोग कया जा सके ।
• इसके लए भौ तक अवसंरचना म भारी नवेश क आव यकता होगी सकल घरेलू उ पाद के ह से के प म अवसंरचना य को .
तशत से बढ़ाकर तशत करना होगा। य द भारत त काल काय करता है तो यह अगली वै क आ थक श हो सकती है
जैसा क हर कोई व ास करना चाहता है। य द नह तो सभी दांव बंद ह।
छा नोट् स
कोण
उ र
वा तव म जनसं या रीकरण के लए भारत क खोज म पहली पंचवष य योजना के नमाण के साथ शु ई थी। फर भी से अ धक वष के
करने के यास काफ सफल रहे ह। वा य और व ता क त म सुधार से मृ यु दर म कमी आई है। असंतु लत वकास और जनसं या वृ क तम
• इस लए सरकार ने पहली बार म ज म दर को कम करने गभपात को वैध बनाने जनसं या क एका ता क जांच करने ो साहन दे ने के उ े य से एक
नी त आ थक और सामा जक प र तय को नयं त करने का यास कया जसके जनसां यक य प रणाम होने क संभावना है तैयार क । और
हतो सा हत करता है। ले कन इसक जबरद ती अ त उ साही रवैये और अ नवाय नसबंद के कारण इसका उलटा असर आ।
• इसके अलावा जनसं या वृ के खतरे से लड़ने के लए एक पुनज वत कोण के साथ सरकार ने म रा ीय जनसं या नी त क शु आत क । इसका
पयावरण संर ण। इसका उ े य गभ नरोधक वा य दे ख भाल बु नयाद ढांचे और वा य क मय क ज रत को पूरा करना और बु नयाद जनन और
बाल वा य दे ख भाल के लए एक कृ त सेवा दान करना था। नी त ने के लए आईएमआर एमएमआर ट एफआर सं ागत सव आ द के संबंध
• रा ीय नी त का उ े य लोग को अपने और अपने ब क भलाई के लए छोटे नयो जत प रवार क आव यकता के बारे म बताना था।
सू ीय काय म म लोग के आंदोलन के प म वै क आधार पर प रवार नयोजन क प रक पना क गई है। छोटे प रवार के मानदं ड के मह व के बारे
म हला सा रता और श ा जनसं या वृ दर को नीचे लाने म नणायक भू मका नभा सकती है।
• इस लए जनसं या नी त क जड़ रा ीय ज म दर म कमी है सामा जक सां कृ तक और आ थक प रवेश के बावजूद। लोग को प रवार नयोजन के तरीक को
अपनाने के लए मजबूर करना काम नह आया। जागृ त के मा यम से न मत संक प ही एक भावी उपाय हो सकता है।
छा नोट् स
कोण
का मूल वषय आ थक वकास और जनसां यक य प रवतन के बीच संबंध है। उ र के लए न न ल खत तरीक से संपक कया जा
सकता है
उ र
इन प रवतन क कृ त न न ल खत ह
• भारत म कामकाजी उ क आबाद के अनुपात म वृ दे ख ी जा रही है जसे जनसां यक य लाभांश कहा जाता है जसे
समाज क आ थक त और आ थक वकास के न हताथ दोन का प रणाम माना जाता है।
. भारत म जनसं या का असमान ा नक वतरण भौ तक सामा जक और ऐ तहा सक कारक के साथ इसके घ न संबंध को दशाता है।
व तार म बताना।
कोण
उ र
छा नोट् स
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च जनसं या घन व
• भारत के जनसं या वतरण म ब त ापक े ीय भ ता है। भारत म जनसं या का असमान ा नक वतरण जनसं या और भौ तक सामा जक आ थक और
ऐ तहा सक कारक के बीच घ न संबंध का सुझ ाव दे ता है। • भौ तक कारक जहां तक भौ तक कारक का संबंध है यह है क इलाके और पानी क
उपल ता के साथ साथ जलवायु जनसं या वतरण के पैटन को काफ हद तक नधा रत करती है। उ र भारतीय मैदान क तरह
डे टा और तट य मैदान म आबाद
छा नोट् स
हालां क सचाई के वकास राज ान ख नज और ऊजा संसाधन क उपल ता झारखंड और प रवहन नेटवक ाय पीय रा य के वकास के
o यह दे ख ा गया है क भारत के नद के मैदान और तट य े म पड़ने वाले े अ धक जनसं या सघनता वाले े बने ए ह। भले ही इन े म भू म
और पानी जैसे ाकृ तक संसाधन के उपयोग ने गरावट के संके त दखाए ह मानव ब ती के ारं भक इ तहास और प रवहन नेटवक के वकास के
सरी ओर द ली मुंबई कोलकाता बगलोर पुण े अहमदाबाद चे ई और जयपुर के शहरी े म औ ो गक वकास और शहरीकरण के कारण बड़ी
हम यह न कष नकाल सकते ह क कसी भी े म घन व और वतरण एक से अ धक कारक से भा वत होता है। उदाहरण के लए भारत के उ र पूव
े को ल। यहां जनसं या के कम घन व के लए कई कारक ज मेदार ह। ये कारक उ वषा उबड़ खाबड़ इलाके घने जंगल और म क खराब गुण व ा
. भारत म प से एक आ धका रक जनसं या नी त क घोषणा करने वाले पहले दे श म से एक था। पछले वष म दे श क जनसं या नी त के व भ
कोण • उ र
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का प रचय सं ेप म जनसं या नी त को प रभा षत करना चा हए। इसके अलावा म रा ीय प रवार नयोजन काय म के साथ शु होने वाली जनसं या
नी त के वकास को सं ेप म संदभ द।
दान कर। वष भर म नी तय क उपल य और वफलता के मा यम से मह वपूण व ेषण तुत कया जा सकता है।
जनसं या क पहचान वतं भारत म वकास योजना के रणनी तक घटक के प म क गई थी। इसके कारण म रा ीय प रवार नयोजन काय म क
भा य से जबरद ती बड़े पैमाने पर नसबंद जैसे जबरद त तरीक का इ तेमाल कया गया जससे जनसं या नी त के त लोग म नाराजगी पैदा हो गई।
छा नोट् स
• इसके बाद काय म का नाम बदलकर रा ीय प रवार क याण काय म कर दया गया जसम लोग के क याण के मा यम से जनसं या को नयं त करने पर
जनसं या को नयं त करने के लए कठोर तरीक को छोड़ दया गया और इसके बजाय ापक आधा रत सामा जक
जनसां यक य उ े य को अपनाया गया।
• रा ीय जनसं या नी त के ह से के प म दशा नदश का एक नया सेट तैयार कया गया था। इसम तक ल य नधा रत कए गए थे जो कृ त म
• काया वयन और ल य को ा त करने के मामले म सम दशन संतोषजनक से कम रहा है। फोकस े ारंभ म ब त संक ण थे जैसे गभ नरोधक और नसबंद
ारा जनसं या नयं ण। ब क यान सामा जक आ थक कारक पर होना चा हए था जो जनसं या वृ क उ दर का कारण बनते ह। एनपीपी
के ल य म भी अ ा त ह।
• कहा जा रहा है क पहली नी त के गठन के बाद से पचास वष म कई मह वपूण उपल यां हा सल ई ह। अशो धत ज म दर शशु मृ यु दर आईएमआर म
कमी आई है और जीवन याशा म भारी सुधार आ है। जनसं या र हो गई है य क कु ल जनन दर घटकर से नीचे आ गई है ले कन इसे ा त करने
दशक से जनसं या नी त नी त और वा त वक काय म काया वयन के संदभ म प रवतन से गुज री है और वतमान म न के वल जनसं या रीकरण ल य को
ा त करने के लए ब क जनन वा य को बढ़ावा दे ने और मातृ शशु और बाल मृ यु दर और णता को कम करने के लए पुन ा पत कया जा रहा है।
रा ीय ामीण वा य मशन जैसे हाल के कदम न त प से ल य को ा त करने म हमारे दशन म सुधार करगे। भारत को जनसं या मापदं ड पर बेहतर रकॉड
वाले ीलंक ा जैसे पड़ो सय से ेरणा लेनी चा हए।
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. भारत क जनसं या म लगानुपात क प रभाषा द जए। इसक वतमान त या है
. समालोचना मक जाँच क जए क या बढ़ती ई जनसं या गरीबी का कारण है या गरीबी है
छा नोट् स
वास
म बड़ा व ासी ँ क जतना संभव हो और प से राजनी तक सीमाएँ ह वास क वतं ता एक अ बात है बल गेट्स
साम ी . वासन का
. या अब हम भारत म वा सय क कोई वशेषता ा त कर सकते ह ... ..................................... . लोग के पलायन के या कारण हो सकते
ह .................................................. ........................
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छा नोट् स
वासन जनसं या प रवतन का तीसरा घटक है अ य दो मृ यु दर और जनन मता ह। हालाँ क वासन अ य दो या अथात् मृ यु दर और जनन मता से इस अथ म
भ है क यह अ य दो क तरह जै वक कारक नह है जो एक जै वक ढांचे म काम करते ह हालां क सामा जक सां कृ तक और आ थक कारक से भा वत होते ह। वास
शा मल य क इ ा से भा वत होता है। आम तौर पर येक वासी आंदोलन जानबूझ कर कया जाता है हालां क असाधारण मामल म यह सच नह हो सकता है। इस
वासन का अ ययन जनसं या अ ययन म एक मह वपूण ान रखता है य क यह जनन मता और मृ यु दर के साथ साथ जनसं या वृ के आकार और दर के साथ साथ
इसक संरचना और वशेषता को भी नधा रत करता है। वासन कसी भी दे श क जनसं या के वतरण म मह वपूण भू मका नभाता है और कसी भी े म मश के
वकास को नधा रत करता है। भारत ने म य और प म ए शया और द ण पूव ए शया से भी दे श म आने वाले वा सय क लहर दे ख ी है। वा तव म भारत का इ तहास दे श के
व भ भाग म एक के बाद एक वा सय के आने और बसने का इ तहास है। इसी कार भारत से भी बड़ी सं या म लोग बेहतर अवसर क तलाश म वशेष प से म य पूव
. वास या है
एक आम आदमी क भाषा म व वास लोग के एक ान से सरे ान पर जाने को संद भत करता है। जनसां यक श दकोश के अनुसार वास भौगो लक ग तशीलता
या एक भौगो लक इकाई और सरी के बीच ा नक ग तशीलता का एक प है जसम आम तौर पर मूल ान या ान के ान से गंत ान या आगमन के ान पर
वासन सामा जक अथ म एक या एक समूह के एक समाज से सरे समाज म भौ तक सं मण को संद भत करता है। इस सं मण म आमतौर पर एक सामा जक से टग
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. वासन के व भ प या ह
लोग एक दे श के भीतर व भ रा य के बीच या एक ही रा य के व भ जल के बीच आ जा सकते ह या वे व भ दे श के बीच आ जा सकते ह। इस लए आंत रक और बा
वासन के लए अलग अलग श द का उपयोग कया जाता है। आंत रक वासन एक दे श के भीतर एक ान से सरे ान पर वासन को संद भत करता है जब क बा वासन
क आ वासन और उ वास आ वासन का अथ सरे दे श से दे श म वासन है और उ वास दे श से बाहर वासन को संद भत करता है। इन शत का उपयोग के वल अंतरा ीय
वासन के संबंध म कया जाता है। उदाहरण के लए संयु रा य अमे रका या कनाडा म बसने के लए भारत छोड़ने वाले वासी संयु रा य अमे रका या कनाडा के
b वासन और बा वासन म इनका उपयोग के वल आंत रक वासन के संबंध म कया जाता है।
वास म एक वशेष े म वासन को संद भत करता है जब क बाहरी वासन एक वशेष े से बाहर के आंदोलन को संद भत करता है। इस कार बहार या उ र
दे श से पंज ाब आने वाले वा सय को पंज ाब के लए अ वासी और बहार और उ र दे श के बाहर के वा सय के प म माना जाता है।
छा नोट् स
वास म श द का योग वा सय के गंत के े के संदभ म कया जाता है और आउटमाइ ेशन श द का योग वासी के मूल े या ान के ान के संदभ म कया
जाता है।
टाइपोलॉजी समय पर आधा रत माइ ेशन को लॉ ग रज माइ ेशन और शॉट रज या सीजनल माइ ेशन म वग कृ त करती है। जब कोई चाल लंबी अव ध के लए क जाती है तो उसे
हालाँ क जब जनसं या का एक े से सरे े म ायी ानांतरण होता है तो इसे ायी वास के प म जाना जाता है। ले कन जब लोग कु छ या कई महीन के लए
अ ायी काय और नवास ान पर चले जाते ह तो इसे आव धक या मौसमी वास के प म जाना जाता है। उदाहरण के लए चरम कृ ष मौसम के दौरान अ त र मक
आव यकता होती है और पड़ोसी े के लोग आते ह। अपने पहले ब े को ज म दे ने के लए अपने माता पता के पास लौटने वाली म हला क था भी मह वपूण लघु अव ध
इन दो मह वपूण कार के अलावा वास वै क या अनै क या जबरन तभा पलायन युवा कु शल य का वास और शरणा थय और व ा पत का वास हो
सकता है।
य।
यह डेटा ज म ान के आधार पर दज कया गया था। हालाँ क पहला बड़ा संशोधन क जनगणना म दो अ त र घटक को शा मल करके पेश कया गया था ज म ान
अथात गांव या क बे और नवास क अव ध य द अ य ज म आ हो । आगे mayuresh.spt@hotmail.com
म अं तम नवास ान और गणना के ान पर रहने क अव ध के बारे म अ त र जानकारी
नह तो ज म ान क ामीण शहरी त जले और रा य का नाम और य द भारत से बाहर है तो ज म के दे श का नाम के बारे म और जानकारी ली जाती है।
• या वह इस गाँव या क बे म कह और से आया है य द हाँ तो पूव नवास ान क त ामीण शहरी जले और रा य का नाम और य द भारत के बाहर है तो दे श
साथ ही पछले नवास ान से वास के कारण तथा गणना के ान पर नवास क अव ध भी पूछ जाती है।
समय वासी
. नवास ान य द पछला नवास ान गणना के ान से भ है
छा नोट् स
भारत म के दौरान पछले नवास के आधार पर गने गए म लयन वा सय म से म लयन ने पछले दस वष म अपना नवास ान बदल लया था। इनम से
म लयन अंतरा यीय वासी थे। धारा म म हला वा सय का वच व था। इनम से यादातर शाद से जुड़े वासी थे। अंतर रा य और अंतर रा यीय वास क व भ धारा
म पु ष और म हला वा सय का वतरण नीचे च ए और बी म तुत कया गया है। यह प से है क दोन कार के वास म ामीण से ामीण वास क छोट
री क धारा म म हला क धानता होती है। इसके वपरीत आ थक कारण से अंतर रा य वास के ामीण से शहरी वाह म पु ष का वच व है।
छा नोट् स
• . करोड़ लोग यानी तशत आबाद या भारत का हर तीसरा नाग रक वासी है अब अपने पछले नवास से अलग जगह पर बसा आ है।
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• अ धकांश लोग तशत ववाह के लए वास करते ह जब क व तर पर वास लोग ारा जी वत रहने और समृ होने का यास है भारत म ववाह लोग के वास
का सबसे बड़ा कारण तीत होता है कम भारतीय अब काम और रोजगार के लए ानांत रत हो रहे ह . म तशत म . तशत से नीचे।
छा नोट् स
• के बीच ववाह म हला के बीच वास का मुख कारण था जैसा क पछले दो दशक म आ था। . करोड़ म हला वा सय म से लगभग . करोड़
. तशत ने इसका कारण बताया। म . तशत और म . तशत म हलाएं इसी कारण से पलायन कर ग । पु ष के लए
काम और रोजगार शीष कारण था जसका उ लेख करोड़ पु ष वा सय म से तीन करोड़ ने कया था। • इसके अलावा आंक ड़े बताते ह क बड़ी सं या म वासी
म तशत से ऊपर।
जनगणना के अनुसार . म लयन शु वा सय के साथ महारा सूची म पहले ान पर है। द ली गुज रात और ह रयाणा ारा। सरी ओर उ र दे श . म लयन और
बहार . म लयन ऐसे रा य थे जनम रा य से बाहर जाने वाले वा सय क सं या सबसे अ धक थी। शहरी समूह यूए के बीच ेटर मुंबई म वा सय क सं या अ धक
रही। इं ा टे ट माइ ेशन ने इसम सबसे बड़ा ह सा बनाया। ये अंतर बड़े पैमाने पर उस रा य के आकार के कारण ह जसम ये शहरी समूह त ह।
जनगणना के अनुसार
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भारत म वासन पैटन तेज ी से दे श म आ थक वभाजन को त ब बत कर रहे ह पछले दशक म द णी रा य म जाने वाले अ धक वा सय के साथ जो इस अव ध के दौरान
तेज ी से लप म बढ़े ह।
छा नोट् स
• कनाटक ने भी अपनी वासी आबाद म तशत क वृ दखाई है • के वल आं दे श जहां वासी आबाद म तशत क वृ ई
है ने वृ दखाई है
रा ीय औसत से नीचे।
के वल अ य रा य ज ह ने वासी आबाद म उ वृ दखाई है वे ह मेघालय और म णपुर जहां वा सय क सं या म मशः तशत और तशत क वृ ई है।
द णी रा य का सामा जक आ थक वकास काफ अ धक है और यह लोग को आक षत करता है। एक अ य कारक यह है क बेहतर श ा तर और जाग कता के कारण इन
े के ानीय नवासी बेहतर आ थक अवसर क ओर आक षत होते ह। यह खालीपन जो पैदा होता है उसे बाहर के लोग भरते ह। ये वक सत े जनश के संक ट का
कु छ रा य क आंत रक ेषण अथ व ा
• से तक भारतीय अथ व ाक उ वकास अव ध के दौरान अंतरा यीय म वास वाह म वृ ने लाख लोग के लए काम के अवसर पैदा कए वशेष प
से कम वक सत उ री और पूव भीतरी इलाक म। • आंत रक म वासन म उछाल ने घरेलू ेषण बाजार को सालाना . लाख करोड़ पये से अ धक का अनुमा नत
वा सय और वासन क कु छ मह वपूण वशेषताएं ह। एक मह वपूण वशेषता वा सय क आयु चयना मकता है। आम तौर पर युवा अ धक मोबाइल होते ह।
अ धकांश वासन अ ययन वशेष प से वकासशील दे श म यह पाया गया है क ामीण शहरी वासी मु य प से युवा वय क ह। यह है क रोजगार के लए पलायन
यादातर युवा वय क उ म होता है। साथ ही ववाह के प रणाम व प म हला वास का एक बड़ा ह सा युवा वय क उ म होता है। भारत म म हला वास काफ हद तक ववाह
के लए अनु मक है य क यह सरे गाँव गाँव ब हगमन से हन लेने का एक ह रवाज है।
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इस कार लोग म अ य उ क तुलना म जब वे अपनी कशोराव ा और अपने म य तीसव वष के बीच होते ह तो ानांत रत करने क वृ
होती है।
एक और मह वपूण वशेषता यह है क वा सय म उन जगह पर जाने क वृ होती है जहां उनके संपक होते ह और जहां पछले वासी नए वा सय के लए लक के पम
काम करते ह और यह ृंख ला इस कार या म बनती है और इसे आमतौर पर चेन माइ ेशन कहा जाता है । उनके पास आमतौर पर र तेदारी क जंज ीर और र तेदार और
दो त के नेटवक होते ह जो उ ह व भ तरीक से मदद करते ह। कु छ मामल म वा सय का न के वल एक ही गंत होता है ब क एक ही वसाय भी होता है। उदाहरण के
लए जयपुर के कु छ होटल म लगभग सभी कमचारी कु माऊँ के एक वशेष उप े के ह। पंज ाब और ह रयाणा म खे तहर मज र मु य प से बहार और पूव उ र दे श के ह।
पु ष वा सय का ामीण से शहरी और शहरी से शहरी रोजगार सबसे मह वपूण कारण थे। इन वासन धारा के अनुसार श ा के वल लगभग से तशत वास के लए
ज मेदार है। म हला म अपे ा के अनुसार ववाह वासन का सबसे मह वपूण कारण था जसके बाद साहचय वासन था। रोजगार और श ा म म हला का अनुपात ब त
कम है।
छा नोट् स
लोग वास करते ह जब क अ य नह । मह वपूण कारक इस लए जो वास का कारण बनते ह या जो लोग को ानांत रत करने के लए े रत करते ह उ ह मोटे तौर पर चार
े णय म वग कृ त कया जा सकता है आ थक कारक जनसां यक य कारक सामा जक सां कृ तक कारक और राजनी तक कारक।
धके लते ह। यहाँ तक क जनसं या के दबाव के प रणाम व प उ मानव भू म अनुपात को ापक प से गरीबी और ामीण पलायन के मह वपूण कारण म से एक माना गया
वासन को े रत करने वाले सबसे मह वपूण आ थक कारक को पुश फै टर और पुल फै टर कहा जा सकता है । सरे श द म यह दे ख ना है क या लोग मूल ान पर
बा यकारी प र तय के कारण पलायन करते ह जो उ ह बाहर धके लते ह या या वे नई जगह म आकषक प र तय से आक षत होते ह। अब हम इन कारक पर चचा करगे।
• ध का कारक ध का कारक वे ह जो कसी को व भ कारण से उस ान को छोड़कर कसी अ य ान पर जाने के लए ववश करते ह। उदाहरण के लए गरीबी कम
उ पादकता बेरोजगारी ाकृ तक संसाधन क कमी वा य दे ख भाल श ा आ द जैसी बु नयाद ढांचागत सु वधा क कमी और ाकृ तक आपदा के कारण
तकू ल आ थक त लोग को बेहतर आ थक अवसर क तलाश म अपने मूल ान को छोड़ने के लए मजबूर कर सकती है। मक को कृ ष छोड़ने के लए मु य
ध का कारक आय का न न तर है य क कृ ष म आय आम तौर पर अथ व ा के अ य े क तुलना म कम है। जनसं या म तेज ी से वृ के कारण खेती यो य
भू म क त उपल ता म गरावट आई है और ामीण े म बेरोजगार और अध रोजगार क सं या म काफ वृ ई है जसके प रणाम व प ामीण लोग
को शहरी े म धके ला जा रहा है। ामीण े म आय के वैक पक ोत क अनुपल ता भी वास का एक अ य कारक है। इसके अलावा संयु प रवार णाली और
वरासत के कानून जो संप के वभाजन क अनुम त नह दे ते ह के कारण भी कई युवा पु ष को नौकरी क तलाश म शहर क ओर पलायन करना पड़ सकता है। यहां
तक क जोत का उप वभाजन भी पलायन क ओर ले जाता है य क जोत एक प रवार का समथन करने के लए ब त छोट हो जाती ह।
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• पुल फै टस पुल फै टस उन कारक को संद भत करते ह जो वा सय को एक े म आक षत करते ह जैसे बेहतर रोजगार के अवसर नय मत काम क उपल ता उ
मज री बेहतर काम करने क त और जीवन क बेहतर सु वधाएं आ द। आम तौर पर शहर है वाड वास जब उ ोग वा ण य और वसाय का तेज ी से व तार होता
है। हाल के वष म भारत से संयु रा य अमे रका कनाडा और अब म य पूव म लोग क उ ग त रोजगार के बेहतर अवसर उ मज री और जीवन क बेहतर
सु वधा चुनने के लए व भ कार के वसाय और क संभावना के कारण है। उ जीवन तर ा त करना। कभी कभी वासी बेहतर सां कृ तक और मनोरंज न
ग त व धय या चमकदार शहर क रोशनी क तलाश म शहर क ओर आक षत होते ह। हालाँ क पुल कारक न के वल ामीण शहरी वास म ब क अ य कार के
कु छ लोग का तक है क ध का कारक पुल कारक से अ धक मजबूत है य क उ ह लगता है क यह शहरी आकषण के बजाय ामीण सम याएं ह जो आबाद के बदलाव म
मह वपूण भू मका नभाती ह।
सरी ओर जो लोग पुल कारक को अ धक मह वपूण मानते ह वे शहरी े म नवेश क उ दर पर जोर दे ते ह जससे रोजगार और ापार के अवसर अ धक होते ह और
छा नोट् स
पुश और पुल कारक म वासन के उ े य का यह वग करण वासन के नधारक का व ेषण करने म ब त उपयोगी है ले कन सभी वासी आंदोलन को के वल इन कारक
ारा समझाया नह जा सकता है। इसके अलावा कभी कभी वास के वल ध का या खचाव कारक से नह ब क दोन के संयु भाव के प रणाम व प हो सकता है।
• पीछे धके लने वाले कारक भारत और कु छ अ य वकासशील दे श म भी एक अ य मह वपूण कारक जो वासन म मह वपूण भू मका नभाता है वह है पुशबैक कारक । शहरी
म बल काफ़ बड़ा है और शहरी बेरोज़गारी क दर अ धक है और वहाँ अ प रोज़गार वाले य का समूह भी मौजूद है। ये सभी कारक ामीण से शहरी े म
वासन के नए वाह के लए अवरोधक के प म संयोजन म काय करते ह। वह इसे पुश बैक फै टर कहते ह। वह आगे कहते ह क य द शहरी े म रोजगार के नए
अवसर सृ जत होते ह तो रोजगार के लए खुद को पेश करने वाले पहले उन े म पहले से ही रहने वाले सीमांत नयो जत ह जब तक क वशेष कौशल क
आव यकता न हो।
• पुल बैक फै टस यह हाल क घटना है। रोजगार के बेहतर अवसर मनरेगा और अ य योजना कृ ष ां तय के साथ लोग अपने मूल ान पर वापस ख च लए जाते ह।
इन पुश और पुल कारक के अलावा सामा जक और सां कृ तक कारक भी वासन म मह वपूण भू मका नभाते ह। कई बार पा रवा रक कलह भी पलायन का कारण बनता है।
बेहतर संचार सु वधाएं जैसे प रवहन रे डयो और टे ली वजन का भाव सनेमा शहरी उ मुख श ा और वहार और मू य म प रणामी प रवतन भी वासन को बढ़ावा दे ते ह।
कभी कभी राजनी तक कारक भी वासन को ो सा हत या हतो सा हत करते ह। उदाहरण के लए हमारे दे श म रा य सरकार ारा भू मपु के लए नौक रय को अपनाने से
अ य रा य से पलायन न त प से भा वत होगा। बंबई म शवसेना का उदय वा सय के त उसक घृण ा और ानीय संक ण दे शभ के नाम पर कभी कभी हसा का
व ोट एक मह वपूण घटना है। कलक ा म भी बंगाली मारवाड़ी संघष के रगामी भाव ह गे। और अब असम और त मलनाडु ऐसे अ य उदाहरण ह। इस कार लोग के
राजनी तक कोण और कोण भी काफ हद तक वासन को भा वत करते ह। आतंक वाद ग त व धय के कारण क मीर और पंज ाब से भी पलायन आ है।
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. वासन के प रणाम या ह
वासन अंत र म अवसर के असमान वतरण क त या है। लोग कम अवसर और कम सुर ा के ान से उ अवसर और बेहतर सुर ा के ान पर जाने क वृ रखते
ह। यह बदले म उन े के लए लाभ और सम याएँ दोन पैदा करता है जहाँ से लोग पलायन करते ह और पलायन करते ह। प रणाम को आ थक सामा जक मनोवै ा नक
. । आ थक प रणाम
ोत और गंत े पर भाव
एक वचार है क वासन उ वास करने वाले े को नकारा मक प से भा वत करता है और आ वासी े का प लेता है और अपे ाकृ त अ वक सत े से अ धक
वक सत े क ओर साधन संप य के चले जाने के कारण वास े के बीच वकास असमानता को चौड़ा करेगा। ले कन कसी समुदाय के अ धक उ मी सद य के
पलायन को नुक सान नह माना जा सकता है अगर उ वास े म वैक पक अवसर क कमी है। जब तक वास अ धशेष म को आक षत करता है यह उ वासी े को
मदद करेगा। इसका तकू ल भाव तभी पड़ेगा जब े के वकास क क मत पर मानव संसाधन का दोहन कया जाएगा।
छा नोट् स
एक अ य मह वपूण ब यह है क जब वासन बेरोजगार या अ बेरोजगार को र करता है तो यह े क शेष आबाद को अपने रहने क त म सुधार करने म स म बनाता है
य क इससे शेष आबाद त खपत म वृ करने म स म होगी य क मुंह क कु ल सं या होगी उ वास के प रणाम व प खलाया जाता है।
ोत े के लए एक बड़ा लाभ वा सय ारा भेज ा गया ेषण है। अंतरा ीय वा सय से ेषण वदे शी मु ा के मुख ोत म से एक है। के दशक म ेषण मु य प से तेल
नयातक दे श म आ थक समृ से े रत थे। के दशक के दौरान उदारीकरण क नी तय के कारण ब त सारे भारतीय सूचना ौ ो गक पेशेवर बेहतर अवसर के लए अमे रका
चले गए जससे ेषण म वृ ई। के दशक से कनाडा और ऑ े लया जैसे अ य दे श म वास भी बढ़ा है ले कन खाड़ी दे श क तुलना म यह सं या अब भी कम है। म
भारत ने अंतरा ीय वा सय से ेषण के पम . ब लयन अमे रक डॉलर ा त कए और चीन से आगे सबसे अ धक ेषण ा त करने वाला दे श बना रहा जो म
ब लयन अमे रक डॉलर था। के रल आं दे श त मलनाडु और पंज ाब मुख रा य ह जो ा त करते ह अंतररा ीय ेषण।
अंतररा ीय वा सय क तुलना म आंत रक वा सय ारा भेज े गए ेषण क मा ा ब त कम है ले कन यह ोत क अथ व ा के वकास म मह वपूण भू मका नभाता है।
े ।
ेषण मु य प से भोजन ऋण चुक ाने इलाज ववाह ब क श ा कृ ष आदान घर के नमाण आ द के लए उपयोग कया जाता है। बहार उ र दे श उड़ीसा आं दे श
हमाचल दे श आ द के हजार गरीब गांव के लए। ेषण उनक अथ व ा के लए जीवन र के प म काम करता है। पूव उ र दे श बहार म य दे श और उड़ीसा के ामीण
े से पंज ाब ह रयाणा और प मी उ र दे श के ामीण े म वास कृ ष वकास के लए उनक ह रत ां त क रणनी त क सफलता के लए ज मेदार है।
इसके अलावा भारत के महानगर म अ नयं त वासन ने भीड़भाड़ का कारण बना है।
महारा गुज रात कनाटक त मलनाडु और द ली जैसे औ ो गक प से वक सत रा य म म लन ब तय का वकास दे श के भीतर अ नय मत वासन का एक नकारा मक प रणाम
है।
काम कर रहे ह।
• पांच खाड़ी सहयोग प रषद जीसीसी दे श संयु अरब अमीरात कतर सऊद अरब कु वैत और ओमान ने ेषण के कु ल मू य का योगदान दया बावजूद इसके
वा सय पर भाव
नौकरी बेमेल म बाजार भेदभाव बेरोजगारी और गरीब घरेलू आय गरीबी अ न त काम क त वसाय उ ोग और संप का वा म व वासी आबाद के लए चता का
वषय है।
रोजगार भेदभाव के प रणाम व प वशेष वसाय तक प ंच म अंतर हो सकता है और समान वसाय म कायरत लोग के बीच वेतन म अंतर भी हो सकता है।
छा नोट् स
. । जनसां यक य प रणाम
ोत और गंत े पर भाव
वासन एक दे श के भीतर जनसं या के पुन वतरण क ओर जाता है। ामीण शहरी वासन शहर क जनसं या वृ म योगदान दे ने वाले मह वपूण
कारक म से एक है। ामीण े से उ और कौशल चयना मक वासन का ामीण जनसां यक य संरचना पर तकू ल भाव पड़ता है। हालां क
उ राखंड राज ान म य दे श और पूव महारा से बड़े पैमाने पर पलायन ने इन रा य म उ और लग संरचना म गंभीर असंतुलन पैदा कर दया है।
इसी तरह के असंतुलन को ा तकता रा य म भी लाया जाता है।
युवा कामकाजी उ के अ ववा हत पु ष के वास के प रणाम व प लगानुपात म असंतुलन होता है। गांव से कई युवा पु ष क अनुप तअय
समूह जैसे म हला ब और वृ के अनुपात म वृ करती है। इससे ामीण े म ज म दर म कमी आती है।
इसके अलावा ामीण पु ष वा सय का अपनी प नय से लंबे समय तक अलग रहना भी ज म दर को कम करता है। या आप ा तकता रा य म
प रणाम के बारे म सोच सकते ह
द तावेज के बना गु त और गु त तरीक से दे श म वेश करते ह। दे श म अवैध प से रह रहे बां लादे शी नाग रक क सं या के संबंध म कोई सट क
डेटा नह है। कु छ बां लादे शी वासी इ ला मक क रवाद के शकार हो सकते ह और उ वाद सां दा यक संघष और भारत वरोधी त व जैसे पाक
आईएसआई आ द के लए आसान शकार बन सकते ह। इसके अलावा अवैध बां लादे शी अ वासी चोरी सधमारी त करी मानव से संबं धत मामल
म शा मल पाए जाते ह। त करी और नशीले पदाथ क त करी आ द
पछले तीन वष यानी और के दौरान से अ धक पा क तानी नाग रक और बां लादे शी नाग रक को पहचान क
उ चत या के बाद उनके संबं धत दे श म भेज दया गया था।
वा सय पर भाव
शहरी जीवन आमतौर पर वा सय म कु छ सामा जक प रवतन लाता है। वे वासी जो यदा कदा लौट आते ह या अपने मूल के प रवार के साथ य
या अ य संपक म रहते ह उनके भी कु छ नए वचार को मूल के े म वापस भेज ने क संभावना है। वापसी वा सय क ग तशीलता म तकनीक
प रवतन आया है जो धन के साथ साथ व भ उ पादन तकनीक का ान और अनुभव लाते ह और इससे कृ ष ग त व ध का मशीनीकरण और
ावसायीकरण हो सकता है। कई पूव सै नक सेवा नवृ पर अपने मूल े म वापस जाते ह और गांव म इस तरह क था को बढ़ावा दे ते ह।
शहरी और व भ सं कृ तय के साथ संपक भी वा सय म वहा रक प रवतन लाता है और उ ह अपने े म उपभो ावाद सं कृ त स हत अ धक
आधु नक अ भ व यास वक सत करने म मदद करता है।
ले कन इसके गुमनामी जैसे गंभीर नकारा मक प रणाम भी ह जो य के बीच सामा जक शू यता और नराशा क भावना पैदा करता है। नराशा
क नरंतर भावना लोग को अपराध और नशीली दवा के पयोग जैसी असामा जक ग त व धय के जाल म गरने के लए े रत कर सकती है।
छा नोट् स
इसके साथ साथ वासन जसके प रणाम व प लंबे समय तक वय क पु ष क अनुप त होती है प रवार के व ापन का कारण बन सकता है
और ऐसी प र तय म म हला और ब को अ सर अ धक और व भ कार के काम और अ य मह वपूण भू मकाएँ नभानी पड़ती ह। घरेलू
नणय लेना। के रल से पु ष के वासन के कारण ब त ही परेशान करने वाले भाव सामने आए ह। कहा जाता है क के रल म वासी मक क प नय
म यूरो सस ह ट रया और अवसाद बढ़ रहा है। खाड़ी उफान ने प रवार के मान सक वा य पर भी असर डाला है।
वासन शाद के वास को छोड़कर भी य या अ य प से म हला क त को भा वत करता है। जैसा क ऊपर दे ख ा गया है ामीण
े म पु ष का अपनी प नय को पीछे छोड़कर चयना मक वासन म हला पर अ त र शारी रक और साथ ही मान सक दबाव डालता है। श ा
या रोजगार के लए म हला का वास उनक वाय ता और अथ व ा म भू मका को बढ़ाता है ले कन उनक भे ता को भी बढ़ाता है।
. । पयावरणीय प रणाम
ोत और गंत े पर भाव
ामीण शहरी वासन के कारण लोग क भीड़भाड़ ने शहरी े म मौजूदा सामा जक और भौ तक बु नयाद ढांचे पर दबाव डाला है। यह अंततः शहरी
ब तय के अ नयो जत वकास और म लन ब तय और म लन ब तय के नमाण क ओर ले जाता है।
नया के न न काबन से उ काबन भाग म लोग क आवाजाही से जीएचजी उ सजन म पूण वृ होगी य द न न काबन े के वासी एक
बार वास करने के बाद काबन गहन उ पाद क खपत बढ़ा दे ते ह। उदाहरण के लए उ यन उ ोग जो अ य धक काबन सघन है वासन के साथ बढ़ने
के लए बा य है।
इसके अलावा ाकृ तक संसाधन के अ य धक दोहन के कारण शहर म भूज ल क कमी सीवेज के नपटान और ठोस कचरे के बंधन क वकट सम या
का सामना करना पड़ रहा है।
वा सय पर भाव
जैसा क पछले एक दशक म वै क पयावरण प रवतन के माण जमा ए ह श ा वद और नी त नमाता ने मानव वासन पर पयावरणीय भाव
पर अ धक यान दया है। जलवायु प रवतनशीलता और म क गरावट जैसे कारक कमजोर आबाद के बीच वासन के लए ध का कारक के पम
काम कर सकते ह वशेष प से ामीण वकासशील नया म जहां आजी वका ाकृ तक संसाधन पर अ य धक नभर है।
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. । राजनी तक प रणाम
ोत और गंत े पर भाव
• य द वासन क या के कारण नकटता म रहने वाले वषम समूह के बीच संघष ा नक हो जाता है तो आ वासन राजनी तक रता पर तकू ल
भाव डाल सकता है। • अ वा सय के प म एक जनसां यक य बदलाव संसाधन पर मौजूदा नयं ण को तकू ल प से भा वत कर
सकता है और उ ह आ थक प से कमजोर बना सकता है। य द आ वा सय को सामा जक या आ थक बोझ माना जाता है तो समाज भी अ वासन के
त तकू ल त या दे सकते ह। • अ वास जनता को पया त आवास श ा और प रवहन सेवाएं दान करने क रा य क मता को भा वत
कर सकता है जससे ानीय आ ोश और आ वा सय के खलाफ त या उ प हो सकती है। उदाहरण के लए संयु
रा य अमे रका म आ वा सय क एक उदार क याण णाली के गैर कायकारी लाभाथ या यहां तक क वहार करने वाल के प म मुख धारणा
अ वासी वरोधी भावना को बढ़ावा दे ती है।
• अ वासी ा त करने वाले दे श को अ वासन क त म अपनी भाषा मू य मानदं ड और री त रवाज को बनाए रखना चुनौतीपूण लग सकता
है। उदाहरण के लए यूरोपीय सुर ा वचन नय मत प से उन मु लम आ वा सय क आमद से आने वाले यूरोपीय सं कृ त के खतरे के बारे म
चचा करते ह जो समाज म एक कृ त होने के इ ु क या अ म नह ह। म
छा नोट् स
इस खतरे क त या म दे श तेज ी से कठोर नवास आव यकता को अपना रहे ह जो आ वा सय को नवास पर मट के लए पा होने के लए ानीय भाषा सं कृ त
भाग जाते ह राजनी तक उथल पुथल के म े नजर या बेहतर आ थक अवसर क तलाश म नकल जाते ह। नतीजतन उ पादन का तर गर जाएगा और अथ व ा
इ तम वकास पथ पर नह होगी।
वा सय पर भाव
मोटे तौर पर यह आयाम उस सीमा को संद भत करता है जस हद तक वा सय और उनके वंशज को मेज बान दे श क लोकतां क या नाग रक संगठन और संघ म शा मल
वा सय को गृहयु या रा य क राजनी त के कारण पलायन करने के लए मजबूर कया जाता है जो अपने नाग रक क वशेष े णय के साथ भेदभाव करते ह उ ह सताए
जाने के डर के कारण घर लौटना मु कल होता है। इन वा सय को अपनी सरकार से कोई सुर ा मलने क संभावना नह है।
वासी वशेष प से अ नय मत त म रहने वाले छाया म रहते ह और काम करते ह शकायत करने से डरते ह अ धकार और वतं ता से वं चत होते ह और भेदभाव शोषण
वा सय के खलाफ मानवा धकार का उ लंघन जसम श ा का अ धकार या वा य का अ धकार जैसे मौ लक अ धकार तक प ंच से वं चत करना शा मल है अ सर
भेदभावपूण कानून और वहार और वा सय के खलाफ पूवा ह और ज़ेनोफो बया के गहरे बैठे कोण से जुड़े होते ह।
राजनी तक भाव नाग रकता नाग रकता दर एकल ब नाग रकता ाकृ तककरण क दर प ंच क ग त माग सामा जक और नाग रक समूह म भागीदारी सामा जक
ग त व धय म भागीदारी वयंसेवा मतदान भागीदारी सेवा तक प ंच जैसे मापदं ड से हो सकता है। समथन भेदभाव उ पीड़न सुर ा व ास क भावना और
इनर लाइन पर मट
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भारतीय नाग रक को अ णाचल दे श नागालड और मजोरम म वेश करने के लए इनर लाइन पर मट क आव यकता होती है। इनर लाइन पर मट बंगाल ई टन ं टयर
संर त े पर मट
वदे शी संर त े आदे श के तहत वदे शी अ ध नयम के तहत इनर लाइन यह रेख ा गृह मं ालय ारा प रभा षत है और रा य क अंतरा ीय सीमा के बीच
भूटान के नाग रक को छोड़कर येक वदे शी जो एक संर त या तबं धत े म वेश करने और रहने क इ ा रखता है को एक स म ा धकारी से एक वशेष पर मट ा त
करने क आव यकता होती है जसके पास आवेदन करने पर कसी वदे शी को ऐसा वशेष पर मट जारी करने क श याँ होती ह।
एक वदे शी को आम तौर पर संर त तबं धत े म जाने क अनुम त नह द जाती है जब तक क सरकार संतु न हो क इसे उ चत ठहराने के असाधारण कारण ह।
तथा प पयटन को बढ़ावा दे ने के लए स म ा धकारी से आव यक अनुम त ा त करने के बाद वदे शय ारा कु छ अ धसू चत पयटन स कट का दौरा कया जा सकता है।
तबं धत े पर मट
वदे शी तबं धत े आदे श के तहत कोई भी वदे शी स म अ धका रय से पर मट ा त कए बना तबं धत े म वेश या नवास नह कर सकता है।
छा नोट् स
नए घर के गठन से संचा लत और आने जाने के लए रेल और सड़क प रवहन के वकास क सु वधा से शहर के कोर से शहरी प र ध और उससे आगे क ओर वास का एक पुराना
पैटन भी है। अ धकांश दे श म उपनगरीयकरण क यह या जारी है हालां क कु छ शहर म क य पुनशहरीकरण हो रहा है।
जब उ त शहरीकरण हा सल कया गया है तो एक उलटफे र होता है य क वासन शहरी पदानु म को नीचे ले जाता है जो कु छ दे श म त शहरीकरण क ओर ले जाता है।
सरी ओर अंतरा ीय वासन वक सत नया म महानगर म आबाद को जोड़ने म मह वपूण भू मका नभाता है ले कन कम वक सत दे श म जनसं या पुन वतरण म मामूली
योगदान दे ता है।
अंतरा ीय वास क तुलना अंतरा ीय ापार से क जा सकती है य क दोन ही वै ीकरण के तं ह। अ धकांश ा तकता दे श म अ वासी कर का
भुगतान करते ह और मूल नवा सय पर शु कर के बोझ को बदलते ए कम से कम कु छ सावज नक सेवा पर आक षत होने का अ धकार रखते ह।
एक बार जब वे नाग रक बन जाते ह तो अ वासी आम तौर पर मतदान का अ धकार ा त करते ह घरेलू राजनी त को बदलते ह। भेज ने वाले दे श म
उ वासी उनके ान के कारण संबं धत व ीय और राजनी तक वधान पैदा करते ह।
कम कु शल म के वाह म वृ सामा जक बीमा काय म ारा बनाई गई वकृ तय को बढ़ा सकती है जो संभवतः मूल नवा सय पर शु कर का बोझ बढ़ाएगी और इस तरह
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जब दे श को भूगोल के बजाय आय के आधार पर समूहीकृ त कया जाता है तो उ आय वाले दे श का आकषण और भी अ धक होता है से तक उ आय
और जनसां यक य वषमता म यम अव ध के भ व य म अंतररा ीय वासन के श शाली जनरेटर बने रहने क संभावना है।
बड़े पैमाने पर शरणाथ आंदोलन का भी कु छ दे श ारा अनुभव कए गए शु वासन के तर पर गहरा भाव पड़ा है जनम हाल ही म सी रयाई संक ट से भा वत लोग भी
शा मल ह।
भ व य म कई उ आय वाले दे श म जनसं या वृ म शु वासन का मुख योगदान होने का अनुमान है। और के बीच उ आय वाले दे श के समूह म कु ल
ज म मृ यु से म लयन अ धक होने का अनुमान है जब क वा सय म शु लाभ म लयन होने का अनुमान है। इस कार उ आय वाले दे श म जनसं या वृ के
तशत के लए शु वासन का अनुमान है।
ए शया अ का और लै टन अमे रका से यूरोप उ री अमे रका और ओ श नया म लोग क आवाजाही लगभग आधी सद से व वास पैटन पर हावी रही है ले कन वकासशील
साल।
छा नोट् स
और के बीच अंतररा ीय वा सय के शीष शु ा तकता से अ धक सालाना संयु रा य अमे रका कनाडा यूनाइटे ड कगडम ऑ े लया जमनी
सी संघ और इटली होने का अनुमान है। जन दे श म सालाना से अ धक का शु उ वास होने का अनुमान है उनम भारत बां लादे श चीन पा क तान और मै सको
शा मल ह।
उन दे श या े म जहां जनन मता पहले से ही त ापन तर से नीचे है कु ल जनसं या म कमी होने क उ मीद है जब तक क ज म से अ धक मौत को शु वासन के
कारण लाभ से तसंतु लत नह कया जाता है। हालां क वतमान तर पर या उसके आस पास अंतरा ीय वासन जनन मता के न न तर के कारण जनसं या के संभा वत
• नया भर म शरणा थय क सं या नए ऐ तहा सक तर तक बढ़ जाएगी सी रयाई संक ट अफगा न तान म य अ क गणरा य इ र या से नए व ापन से ज टल हो जाएगा।
ली बया और यमन
इन म हला का बढ़ता अनुपात वतं प से और अपने प रवार के लए कमाने वाले के प म वास करेगा। एक बढ़ता आ अनुपात भी त करी कया जाएगा और
मानवा धकार के हनन का शकार होगा। • तभा के लए वै क यु तेज होगा। यूरोप म नरंतर छं टनी सबसे अ े और तभाशाली लोग को रोजगार दे ने पर और भी
अ धक जोर दे गी ले कन यूरोप को ाजील और चीन जैसे नए कौशल मै नेट से बढ़ती पूण ता का सामना करना पड़ेगा। इस तयो गता म उ बढ़ने ढ़वाद और तेज ी से
कर।
. शरणा थय और व ा पत य क सम याएँ
संयु रा शरणाथ को हर उस के प म प रभा षत करता है जो न ल धम रा ीयता कसी वशेष सामा जक समूह क सद यता या राजनी तक राय के कारण से
सताए जाने के सु ा पत भय के कारण अपनी रा ीयता के दे श से बाहर है और असमथ है। या इस तरह के डर के कारण उस दे श क सुर ा का लाभ उठाने के लए तैयार नह
इस कार राजनी तक धा मक या न लीय च र के स मोहक कारण से ब त बड़ी सं या म जनसं या के कई अंतरा ीय आंदोलन ए ह। शायद इस शता द म लोग का सबसे
बड़ा आंदोलन भारतीय उपमहा प म आ है। म टश भारत के भारतीय संघ और पा क तान म वभाजन के कारण शरणा थय का एक सरे से सरे दे श म पलायन
आ। अनुमान बताते ह क भारत से कम से कम लाख लोग पा क तान गए और लाख से यादा लोग पा क तान से भारत आए। म भारत पा क तान यु के कारण
भी बड़ी सं या म पूव पा क तान अब बां लादे श के लोग शरणाथ के प म भारत के उ र पूव रा य म चले गए और यह इस े के लए बहारी मुसलमान के लए एक
इ तहास म कु छ सबसे बड़े जबरन अंतरा ीय पलायन ए शया म कई बार ए ह। उदाहरण के लए के बाद के वष म . म लयन से अ धक शरणा थय ने वयतनाम
कं पू चया और लाओस को छोड़ दया है। म अफगा न तान म सो वयत ह त ेप ने शरणा थय के वाह का उ पादन कया जसके कारण लगभग . म लयन अ ायी प
से पा क तान म और . म लयन ईरान म बस गए। इनम से अ धकांश शरणाथ अभी भी पड़ोसी दे श के श वर म ह। ीलंक ा म राजनी तक गड़बड़ी के कारण बड़ी सं या म
छा नोट् स
यह पाया गया है क मानवीय आधार पर शरणा थय को अ सर व भ दे श क सरकार ारा आ य दया जाता है। हालाँ क शरणा थय क अचानक आमद मूल समाज पर
भारी दबाव पैदा करती है। यह आ य के दे श म आव यक व तु क आपू त पा र तक असंतुलन और वा य संबंधी खतर क ओर ले जाता है। शरणा थय के पलायन के
बड़े प रमाण और व भ आ थक राजनी तक और सामा जक आयाम वशेष प से गंत दे श के लए कई सम याएं पैदा करते ह। कभी कभी वे ा तकता दे श म राजनी तक
ज टलताएं पैदा करते ह। वे समूह बनाकर वयं को संग ठत करते ह और कु छ रयायत के लए सरकार पर दबाव डालते ह। उदाहरण के लए यूनाइटे ड कगडम कनाडा और
ीलंक ा वासन के कारण राजनी तक और न लीय संक ट का सामना कर रहे ह। कभी कभी यह मूल नवा सय और वा सय के बीच संघष का कारण बनता है। ीलंक ा इसका
ले कन कु छ उदाहरण म शरणाथ मेज बान दे श के वकास म सकारा मक योगदान दे ते ह जब वे वरल आबाद वाले े म बसते ह भू म को साफ करके और खेती करके ।
अफगा न तान और
द ण सूडान। •
लगभग दो तहाई सी रयाई लोग को अपने घर से भागने के लए मजबूर होना पड़ा है। • वकासशील े
नया के तशत शरणा थय क मेज बानी करते ह। • लेबनान अपनी रा ीय जनसं या के
सापे शरणा थय क सबसे बड़ी सं या क दे ख भाल करता है जसम छह लोग म से एक शरणाथ है इसके बाद जॉडन म से एक और
तुक म से एक का ान है। • तुक शरणा थय क सबसे बड़ी सं या . म लयन क मेज बानी करता है जसके बाद
पा क तान . म लयन का ान है।
और लेबनान म लयन । • कम से
रो ह या संक ट
अ टू बर को यांमार और बां लादे श क सीमा पर इ लामी आतंक वा दय के एक समूह ारा हमला कया गया था। जस हमले क रपोट रो ह या सॉ लडे रट ऑगनाइजेशन
यांमार हाल के दन म रो ह या मुसलमान के खलाफ नरसंहार के प म माने जाने के लए अंतरा ीय समुदाय के गंभीर हमले का शकार रहा है। संयु रा ारा नया म
सबसे सताए गए अ पसं यक समूह के प म माना जाता है रो ह या प मी यांमार म क त लोग का एक रा य वहीन समूह है और बम रा य और सेना के ू र हमल का
सामना कर रहे ह।
संयु रा क एक रपोट के अनुसार वतमान म लगभग रो ह या शरणाथ भारत म पंज ीकृ त ह। म बमा पर क जा करने के बाद टश औप नवे शक सरकार ारा
म बम सरकार ने एक नाग रकता कानून पा रत कया जसके तहत रो ह या को सहयोगी नाग रक के प म वग कृ त कया गया था। सहयोगी नाग रक के लए
नधा रत नयम रो ह या को कसी भी सरकारी कायालय और कई अ य नाग रकता अ धकार से वं चत करते ह। भेदभाव क आगे क धारा ने उनके आंदोलन को तबं धत
कर दया और यहां तक क समुदाय के भीतर ववाह और ज म दर पर कड़ी नगरानी रखी गई और उ ह बा धत कया गया।
छा नोट् स
रो ह या पर हमले तेज ी से नया भर के जहा दय का यान आक षत कर रहे ह जससे उ वाद के लए जमीन तैयार हो रही है।
कोफ अ ान क अ य ता म एक सलाहकार आयोग को यांमार के रखाइन रा य म जातीय संघष का समाधान खोजने का काम स पा गया था। रपोट हसा को रोकने शां त बनाए
रखने सुलह को बढ़ावा दे ने और रा य क मु कल से पी ड़त आबाद को आशा क भावना दान करने के लए कई मोच पर त काल और नरंतर कारवाई क सफा रश करती है।
. आगे का रा ता
. । भारत म अंतररा यीय वासन
म आवास और शहरी गरीबी उपशमन मं ालय ारा ा पत वास पर काय समूह ने दे श म वा सय के हत क र ा के लए आव यक कानूनी और नी तगत ढांचे क
सफा रश क है जसम कहा गया है क वासी आबाद आ थक वकास और उनके संवैधा नक अ धकार को सुर त करने क ज रत है।
इसने वा सय क जा त आधा रत गणना क सफा रश क है ता क वे उन रा य म सहायक लाभ का लाभ उठा सक जनम वास होता है। इसने यह भी सफा रश क क
वा सय को सावज नक वतरण णाली पीडीएस के लाभ ा त करने के लए गंत रा य म पीडीएस क अंतर रा य संचालन मता दान करके स म बनाया जाना चा हए।
दे श के े के कसी भी ह से म आंदोलन और नवास क वतं ता के संवैधा नक अ धकार का उ लेख करते ए समूह ने सुझ ाव दया क रा य को काय और रोजगार म कसी
भी तरह के भेदभाव को रोकने के लए अ धवास त क आव यकता को स य प से समा त करने के लए ो सा हत कया जाना चा हए। रा य को उनके श ा के अ धकार
को बनाए रखने के लए सव श ा अ भयान एसएसए के तहत वा षक काय योजना म वासी ब को शा मल करने के लए भी कहा जाना चा हए।
व कग ुप ने सुझ ाव दया क अनौपचा रक ेषण से बचने के लए पैसे के ह तांतरण क लागत को कम करके डाकघर के वशाल नेटवक का भावी उपयोग करने क आव यकता
है। इसने यह भी सुझ ाव दया क वा सय को अपने ाहक को जानो के वाईसी मानदं ड के संबंध म आरबीआई के दशा नदश का पालन करने के लए बक से कहकर बक
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यह भी सुझ ाव दया गया है क वा सय के लाभ के लए कराये के आवास कामकाजी म हला छा ावास आ द को बढ़ावा दे ने के लए नमाण मक क याण उपकर न ध का
जनगणना और रा ीय नमूना सव ण संगठन NSSO के आंक ड़ का हवाला दे ते ए समूह ने कहा क वासी दे श क आबाद का लगभग और कु ल कायबल का
भी ह सा ह। हाल के आ थक सव ण म कहा गया है क दे श म वा षक वास म . म लयन से बढ़कर म . म लयन हो गया।
. । अंतरा ीय वासन
व आ थक मंच के अनुसार जनसां यक य ताकत वै ीकरण और पयावरणीय गरावट का मतलब है क आने वाले दशक म सीमा के पार वासन दबाव बढ़ने क संभावना
है। और सीमा पार चुनौ तयां सीमा पार समाधान क मांग करती ह।
इस लए वै क नी त यास को भा वत दे श के बीच बेहतर सहयोग और संवाद पर यान दे ना चा हए। इसम उ चत बोझ साझाकरण को बढ़ावा दे ना ेषण वाह को
सु वधाजनक बनाना म अ धकार क र ा करना और वा सय के लए सुर त और सुर त काय वातावरण को बढ़ावा दे ना शा मल है।
• सबसे पहले त काल स म करके वा सय को अवशो षत करने के लए म बाजार क मता को मजबूत करना
छा नोट् स
• सरा स ती श ा भाषा और नौकरी श ण दान करके श ा और श ण तक प ंच बढ़ाना। • तीसरा कौशल पहचान म सुधार सरल कफायती और पारदश अपनाकर
अंतरा ीय वासन से जुड़ा सरा मु ा तभा पलायन का है। श त जनश का ब हवाह चता का कारण है य क यह ानीय मानव पूंज ी नमाण क गुण व ा और मा ा
पर तकू ल भाव डालता है। गत अ धकार क आधार शला पर न मत एक लोकतां क दे श के प म भारत अपने नाग रक को दे श छोड़ने से मना नह कर सकता है।
हालाँ क यह ऐसी व ाएँ ा पत कर सकता है जो स सडी वाली श ा वशेष प से तकनीक और च क सा के मा यम से युवा म कए गए नवेश से दे श को लाभ
इसे सु न त करने का एक तरीका ऑ े लया क आ गत ूशन योजना जैसी णाली को अपनाना होगा। इस णाली के तहत सभी तृतीयक श ा को सरकार ारा स सडी
द जाती है छा को शु क के प म लागत का के वल एक ह सा दे ना पड़ता है। सरकार ारा ाथ मकता माने जाने वाले े म काम करने वाले नातक को कसी भी अ त र
रा श का भुगतान करने क आव यकता नह होती है ले कन जो लोग गैर ाथ मकता वाले े म वास करते ह या ानांत रत होते ह उ ह नधा रत वष म स सडी रा श का
भुगतान करना पड़ता है। यह सु न त करता है क उ श ा स ती रहे और सरकार क श ा स सडी का पयोग न हो।
कोण
उ र
ह।
. बेरोज़गारी उ म सेवा या कृ ष म कायरत लोग के लए शहरी और ामीण व ापन दोन म मज री रोज़गार खोने का जो खम ब त अ धक है। फर भी
. बेघर होना कई लोग के पुनवास के लए आ य का नुक सान के वल अ ायी होता है ले कन कु छ के लए बेघर होना या उनके आवास मानक म गरावट एक
लंबी त बनी ई है। एक ापक सां कृ तक अथ म एक प रवार के गत घर के नुक सान और एक समूह के सां कृ तक ान के नुक सान के
. णता और मृ यु दर म वृ व ापन से े रत सामा जक तनाव और मनोवै ा नक आघात असुर त जल आपू त और सुधा रत सीवेज स टम का उपयोग
छा नोट् स
. सामा य संप तक प ंच का नुक सान गरीब लोग के लए ानांत रत समुदाय चरागाह वन भू म जल नकाय क तान खदान
आ द से संबं धत सामा य संप संप य तक प ंच के नुक सान के प रणाम व प आय म मह वपूण गरावट आती है और
आजी वका का तर।
. रा य को यह सु न त करना चा हए क कसी भी प रयोजना को शु करने से पहले बेदखली के भाव का आकलन कया जाए
जसके प रणाम व प वकास आधा रत व ापन हो सकता है
. जबरन बेदखली से जुड़े कसी भी कृ य के सभी संभा वत वक प क खोज।
. भा वत य समूह और को पया त जानकारी दान क जाएगी
पुनवास से संबं धत समुदाय।
. रा य को गत वा त वक या अ य संप या सामान के कसी भी नुक सान के लए उ चत और यायो चत मुआ वजा दान करना
चा हए या सु न त करना चा हए।
. आंत रक वास न के वल वासी ब क ोत और गंत े को भी भा वत करता है। चचा करना। आंत रक वासन से संबं धत मु से
नपटने के लए कु छ उपाय सुझ ाइए।
कोण
उ र
वासन के प रणाम व प वा सय के साथ साथ ोत और गंत े पर व भ भाव पड़ते ह। इन चुनौ तय और भाव पर न नानुसार
चचा क गई है
वासी
छा नोट् स
• औपचा रक व ीय सेवा तक सी मत प ंच के प रणाम व प उनके नयो ा ारा उनका शोषण कया जाता है और वे अपनी कमाई
को बचाने और ानांत रत करने म चोरी और गत चोट के जो खम का सामना करते ह।
• वे राजनी तक ब ह करण का सामना करते ह य क अ धकांश समय उनके पास गंत पर मतदान का अ धकार नह होता है। इसके
अलावा वे ानीय पहचान क राजनी त के राजनी तक बयानबाजी के ल य ह और कभी कभी हसा और वहार के शकार
होते ह।
• वासन वाह ठे के दार और बचौ लय क एक व तृत ृंख ला ारा म य होते ह।
मज री या अ य लाभ के संबंध म कोई ल खत अनुबंध कोई वतनीय अनुबंध नह ह और काम के नय मत ावधान के संबंध म
कोई तब ता नह है। इससे वा सय का बड़े पैमाने पर शोषण होता है।
ोत े
गंत े
• माना जाता है क वासी ानीय लोग क नौक रयां छ न लेते ह बु नयाद सु वधा और पानी और व ता जैसी शहरी सेवा के लए
त धा करते ह जसके प रणाम व प घषण और हसा होती है।
तुलना मक य।
• मूल नवासी वा सय को नापसंद करते ह य क उ ह डर है क वा सय ारा उनक सं कृ त और परंपरा को न कया जा रहा है।
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इस कार अंतररा यीय वास कु छ अवसर के साथ साथ कई चुनौ तयाँ पेश करता है। चुनौ तय का सामना कया जा सकता है और
अवसर का उपयोग कया जा सकता है य द न न ल खत कदम गंभीरता से उठाए जाएं
• का अंतर रा यीय वासी कामगार रोजगार और सेवा क शत का व नयमन अ ध नयम वा सय के अ धकार क र ा करता है
और उनके शोषण को रोकता है।
हालाँ क रा य सरकार ारा इस अ ध नयम क भारी अनदे ख ी क जाती है। जैसे यह अंतररा यीय वा सय के लए आदश
कामकाजी प र तय को करता है ले कन वतन के ावधान क कमी के कारण वहार म बेहतर नी तगत वातावरण बनाने
के लए इसका उपयोग नह कया गया है। वा सय क सुर ा के लए सरकार ारा इसे स ती से लागू कया जाना चा हए।
छा नोट् स
• मूल नवा सय और वा सय के बीच अ व ास को र करने के लए राजनी तक वग नाग रक समाज और गैर सरकारी संगठन को अंतर समूह बातचीत करनी
. आ थक अवसर म बढ़ती ा नक असमानता ने भारत म आंत रक वासन क ग त और पैटन को मह वपूण प से भा वत कया है। चचा करना। उ
आंत रक वासन के कारण उ प होने वाली चुनौ तय और इन चुनौ तय से नपटने के लए उठाए जाने वाले कदम का भी ववरण द।
कोण
• आंत रक वासन और यह आ थक असमानता का प रणाम होने के कारण सं ेप म समझाइए। अपनी बात को पु करने के लए कु छ उदाहरण और त य
द जए।
उ र
आंत रक वासन को रोजगार के अवसर बेहतर जीवन तय आ द क तलाश म लोग के एक रा य से सरे रा य या एक े से सरे े म जाने के पम
प रभा षत कया जा सकता है। आ थक अवसर ने भारत म आंत रक वासन क ग त और पैटन को मह वपूण प से भा वत कया है जसे न नानुसार ा पत
कया जा सकता है
राज ान ट एन यूपी और प म बंगाल के लोग ह जहां वासन क तुलना म बाहर का पलायन अ धक रहा है। इसके उलट गुज रात ह रयाणा कनाटक
• औ ोगीकरण बेहतर बु नयाद ढांचे काम के अवसर कू ल कॉलेज आ द के मामले म बढ़ती ा नक असमानताएं मुख पुल कारक के प म काम कर रही
• जनसां यक य और सामा जक चुनौ तयाँ यह आयु संरचना और वषम लग अनुपात को बदलती है। इसके अलावा यह सामा जक
नवात और नराशा क ओर ले जाता है जससे अपराध और नशीली दवा का पयोग होता है।
• आ थक चुनौ तयाँ अ धकांश वा सय को अनौपचा रक े म समायो जत कया जाता है। • बु नयाद ढांचे पर भारी दबाव प रवहन
पानी आ द जैसी बु नयाद सु वधा पर भारी दबाव बु नयाद सु वधाएं दान करने म सरकार क ओर से क ठनाई पैदा करना • झु गी झोप ड़य का सार शहरी
े ।
• कृ ष का ीकरण और कृ ष म क कमी।
छा नोट् स
. उ राखंड जैसी जगह पर पहाड़ी े म रहने वाले लोग का बड़े पैमाने पर पलायन तेज ी से गांव को ेतवा धत गांव म बदल रहा है। इस घटना के
कारण न हताथ और संभा वत उपाय पर चचा कर।
कोण
उ र
इस त के व भ कारण म शा मल ह
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• उ बांध नमाण ग त व ध के कारण पानी क कमी और चरागाह भू म का रण • सी मत आ थक रा ते शै क और कौशल वकास के अवसर। •
सचाई के बु नयाद ढांचे क कमी के कारण कृ ष एक लाभहीन उ म बन गई है।
• अ धकांश हाइलड कसान न नभू म के उ उ पादन मा ा के साथ त धा नह कर सकते ह और लंबी आपू त ृंख ला के कारण अ सर उ ह
उनके उ पाद के मू य का के वल एक अंश का भुगतान कया जाता है जो प रवहन और अ य लागत को बढ़ाता है।
छा नोट् स
संभा वत समाधान म शा मल ह
छा नोट् स
शहरीकरण
साम ी .
छा नोट् स
प रचय
शहरीकरण वा तव म शहरी बनने क या है शहर म जाना कृ ष से अ य वसाय म बदलना जैसे क ापार व नमाण उ ोग और बंधन और वहार पैटन के अनु प
प रवतन। यह अंतसबंध क संपूण व ा म व तार क या है जसके ारा जनसं या वयं को आवास म बनाए रखती है।
शहरी आबाद के वकास के लए क ब और शहर के आकार म वृ शहरीकरण का सबसे मह वपूण आयाम है। ाचीन समय म रोम या बगदाद जैसे ब त से शहर रहे ह ले कन
औ ोगीकरण और बढ़ते औ ो गक उ पादन के बाद से शहर का अभूतपूव वकास आ है और अब शहरीकरण हमारे समकालीन जीवन का ब त ह सा है।
वै क शहरी जनसं या
व शहरीकरण संभावना के अनुसार कु छ ही दे श म नया क आधी शहरी आबाद नवास करती है। चीन म सबसे बड़ी शहरी आबाद म लयन है उसके बाद
भारत म लयन है। इन दोन दे श म नया क शहरी आबाद का तशत ह सा है और अ य पांच दे श के साथ संयु रा य अमे रका म लयन ाजील
म लयन इंडोने शया म लयन जापान म लयन और सी फे डरेशन म लयन नया क शहरी आबाद के आधे से अ धक के लए खाता है।
भारत म शहरीकरण मु य प से दे श ारा अथ व ाक म त णाली को अपनाने के कारण आजाद के बाद क घटना थी जसने नजी े के वकास को ज म दया।
भारत म शहरीकरण तेज ी से हो रहा है। क जनगणना के अनुसार भारत म शहरी े म रहने वाली जनसं या . थी। क जनगणना म यह गनती बढ़कर
और कु छ मामल म दे श के भीतर समय के साथ बदल गई है। कसी े को शहरी के प म वग कृ त करने का मानदं ड एक या वशेषता के संयोजन पर आधा रत हो सकता है
जैसे यूनतम जनसं या सीमा जनसं या घन व गैर कृ ष े म नयो जत अनुपात प क सड़क बजली पाइ ड पानी या सीवर जैसे बु नयाद ढांचे क उप त और श ा
या वा य सेवा क उप त।
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इस भाग म हम शहरी े से जुड़ी व भ प रभाषा और प रघटना पर चचा करगे। इसम शहरी े क जनगणना प रभाषा शहरी समूह अ धक शहरीकरण उप
कु छ वशेषताएं और सु वधाएं होनी चा हए जैसे क नव ा पत औ ो गक े बड़ी आवासीय ब तयां और पयटक मह व के ान और नाग रक सु वधाएं।
. । शहरी संकु लन
यह श द क जनगणना म पेश कया गया था। ब त बार बड़ी रेलवे कॉलो नयां व व ालय प रसर बंदरगाह े सै य श वर आ द शहर या क बे क वैधा नक सीमा के
बाहर ले कन उससे सटे होते ह। हो सकता है क ऐसे े खुद को क ब के प म माने जाने के यो य न ह ले कन य द वे नकटवत शहर के साथ एक नरंतर फै लाव बनाते ह तो
छा नोट् स
इस तरह के बंदोब त को आउट ोथ कहा जाता है और यह पूरे गांव या गांव के ह से को कवर कर सकता है। इस तरह के क ब को उनके वकास के साथ एक शहरी इकाई के
. । अ त शहरीकरण
यह एक शहर या उसके आसपास के ामीण े म शहरीकरण के च र के बढ़े ए उदाहरण को संद भत करता है। यह शहरी ल ण के अ य धक वकास का प रणाम है। शहरी
ग त व धय और वसाय क सीमा के व तार के कारण उ ोग जैसे मा य मक काय का अ धक वाह एक ज टल नौकरशाही शास नक नेटवक का बढ़ता और ापक
वकास जीवन का बढ़ता प र कार और मशीनीकरण और आसपास के ामीण े म शहरी च र का वाह शहरीकरण धीरे धीरे एक समुदाय के ामीण और पारंप रक ल ण
. । उप शहरीकरण
यह एक शहर के अ त शहरीकरण से नकटता से संबं धत है। जब शहर म आबाद अ धक हो जाती है तो इसका प रणाम उप शहरीकरण हो सकता है। द ली एक व श
. । काउं टर शहरीकरण
यह एक जनसां यक य और सामा जक या है जसके ारा लोग शहरी े से ामीण े म जाते ह। यह पहली बार भीतरी शहर के अभाव और भीड़भाड़ क त या के
प म आ। काउं टर शहरीकरण तब होता है जब कु छ बड़े शहर एक ऐसे ब पर प ंच जाते ह जहां वे आगे बढ़ना बंद कर दे ते ह या वा तव म आकार म कमी करना शु कर दे ते
ह य क उनक आबाद उपनगरीय े या छोटे शहर म जाने लगती है जससे ामीण शहरी सीमा म छलांग लग जाती है। ऐसे उदाहरण ह जो दखाते ह क भारत म
. । जनगणना नगर
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म जनगणना शहर क एक नई प रभाषा वक सत क गई है। जनगणना क ब का यह शहरी वग करण भारत के छोटे कृ षक समुदाय और बड़े बाजार शहर कार क
ब तय के बीच अंतर करने म मदद करता है जो तेज ी से और बेतरतीब वकास का अनुभव कर रहे ह।
शहरीकरण म वै क झान
व तर पर अ धक लोग ामीण े क तुलना म शहरी े म रहते ह। म इ तहास म पहली बार वै क शहरी आबाद वै क ामीण आबाद से अ धक हो गई और
उसके बाद से नया क आबाद मु य प से शहरी बनी ई है। ह पछले छह दशक म तेज ी से शहरीकरण क या से गुज रा है। शहरी आबाद म वृ जारी रहने क उ मीद
छा नोट् स
. शहरीकरण क या
प रवतन क एक संरचना मक या के प म शहरीकरण आम तौर पर औ ोगीकरण से संबं धत होता है ले कन यह हमेशा औ ोगीकरण का प रणाम नह होता है। शहर म बड़े
पैमाने पर और छोटे पैमाने पर औ ो गक वा ण यक व ीय और शास नक ढांचे क एका ता के कारण शहरीकरण का प रणाम प रवहन और संचार सां कृ तक और
औ ोगीकरण पर शहरीकरण क अ धकता जो शहरी े म आने वाले सभी य के लए रोजगार दान करना संभव बनाती है वा तव म कभी कभी अ त शहरीकरण क
ओर ले जाती है। भारत म एक अजीबोगरीब प रघटना दे ख ी जाती है कृ ष से उ ोग क ओर आबाद के मह वपूण बदलाव के बना औ ो गक वकास और कु ल आबाद म शहरी
के अनुपात म मह वपूण वृ के बना शहरी आबाद का वकास। जब क अनुपात के संदभ म ामीण से शहरी ग त व धय म एक बड़ा बदलाव नह हो सकता है ले कन ामीण
े से शहरी े म आबाद का एक बड़ा वास अभी भी है। इससे शहरी े चोक हो जाते ह साथ ही इस बढ़ती आबाद से नपटने के लए ढांचागत सु वधा का अभाव है।
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• एक सामा जक सां कृ तक घटना के प म यह व वध जातीय भाषाई और धा मक पृ भू म वाले लोग का म ण है। • एक आ थक या के प म शहर उ पादक
ग त व धय का क ब है। यह मौजूद है और
बढ़ता है
• भौगो लक या के तहत यह लोग के वास या नवास ान के प रवतन से संबं धत है और इसम लोग का एक ान से सरे ान पर आना जाना शा मल है।
शहरीकरण क या इस कार मह वपूण आ थक और सामा जक प रवतन से जुड़ी ई है जसने अ धक भौगो लक ग तशीलता कम जनन मता लंबी जीवन याशा और
. । शहर का व तार
• अ धकांश मेगा सट और बड़े शहर वै क द णम त ह। वतमान म से म लयन नवा सय वाले भारत के चार शहर अहमदाबाद बगलोर चे ई और हैदराबाद के
छा नोट् स
• म लयन नवा सय के समूह के साथ टो यो नया का सबसे बड़ा शहर है जसके बाद आता है
करोड़ के साथ द ली।
• कई दशक पहले नया के सबसे बड़े शहरी समूह अ धक वक सत े म पाए जाते थे ले कन आज के बड़े शहर वै क द ण म क त ह। • कु छ शहर ने हाल के वष म
जनसं या म गरावट का अनुभव कया है। इनम से अ धकांश ए शया और यूरोप के कम जनन मता वाले दे श म त ह जहां सम जनसं या र या घट
रही है। आ थक संकु चन और ाकृ तक आपदा ने कु छ शहर म जनसं या के नुक सान म भी योगदान दया है।
. भारत म शहरीकरण
भारत म ा नक और लौ कक अ नरंतरता के साथ शहरीकरण का एक लंबा इ तहास रहा है। यह एक सतत या है जो कभी क नह है और इसक शु आत के बाद से शायद
भारत म शहरीकरण को व भ चरण म वभा जत कया गया है सधु घाट स यता से लेक र मुगल काल के दौरान वॉटरमाक तक प ंचने तक और भारत म शहरीकरण क या
म कए गए अं ेज के योगदान से भी। वतं ता के बाद भारत म तेज ी से शहरीकरण दे ख ा गया जो पहले कभी हा सल नह आ। भारत क शहरी वतं ता के बाद भारत के शहरी
प र य म जो बड़े बदलाव ए ह वे ह नए शास नक शहर का नमाण नए औ ो गक शहर का नमाण और मुख शहर के पास टाउन शप एक लाख और दस लाख शहर का
तेज ी से वकास बड़े पैमाने पर वकास म लन ब तय और ामीण शहरी सीमांत नगर नयोजन क शु आत और नाग रक सु वधा म सामा य सुधार।
भारत म शहरीकरण क ग त अब तेज होने के लए तैयार है य क दे श अ धक तेज ी से वकास के लए तैयार है। आ थक सुधार ने अपने नाग रक को समृ अवसर दान करते
ए नवेश और वकास को पहले ही खोल दया है। शहर म बढ़ता वकास और रोजगार एक श शाली चुंबक सा बत होगा। य द अ तरह से बं धत नह कया गया तो भारत
भारत को अ धक समावेशी बनाने के लए यह आव यक है क आ थक वकास और शहरी आबाद दोन का समान प से वतरण हो। इस लए कल के शहर क योजना के बना
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शहरी भारत आज आकार म वत रत है दे श भर म ापक प से फै ले बड़े और छोटे शहर क एक व वध ेण ी के साथ। भारत शायद शहरीकरण के वत रत मॉडल के पथ
पर जारी रहेगा य क यह इसक संघीय संरचना के अनुकू ल है और यह सु न त करने म मदद करता है क वास वाह कसी वशेष शहर या शहर क ओर असंतु लत न हो।
जैसे जैसे शहरी आबाद और आय म वृ होगी हर आकार और कार के शहर म पानी प रवहन सीवेज उपचार कम आय वाले आवास जैसी हर मुख सेवा क मांग पांच से
सात गुना बढ़ जाएगी। और अगर भारत अपने मौजूदा रा ते पर चलता रहा तो शहरी बु नयाद ढांचा समृ शहर को बनाए रखने के लए आव यक प से कम हो जाएगा।
संभवतः रा य सरकार क अ न ा के कारण व सं वधान संशोधन अ ध नयम के अनुसार नवा चत नकाय को काय का अपूण ह तांतरण आ है। इसके अलावा ब त कम
भारतीय शहर म के मा टर लान ह जो त प रवहन भार कम आय वाले कफायती आवास क आव यकता और जलवायु प रवतन को यान म रखते ह। सामा य तौर
पर नगरपा लका और रा य तर पर शहरी सुधार और प रयोजना को या वत करने क मता ऐ तहा सक प से अपया त रही है।
क जनगणना के अनुसार कु ल आबाद का . यानी म लयन भारतीय शहरी े म रहते ह। संयु रा यूएन है बटे ट व सट
क क रपोट का अनुमान है क म भारत म शहरी आबाद म लयन तक प ंच गई थी।
छा नोट् स
के दौरान भारत म शहरीकरण मु य प से शहर क आबाद म ाकृ तक वृ लगभग ारा संचा लत था इसके बाद ामीण शहरी वास शहर क
सीमा का व तार और ामीण े का शहरी े म पुनवग करण आ। हालाँ क और के बीच शहर क आबाद म ाकृ तक वृ का ह सा घटकर हो
गया जब क शहरी े म ामीण े के पुनवग करण का ह सा मजबूत आ और ामीण शहरी वास का ह सा बढ़कर हो गया।
जब क यह ग त वागत यो य है भारत म शहरीकरण क सीमा अ य मुख वकासशील दे श क तुलना म काफ कम है। व बक के अनुसार म कु ल आबाद के अनुपात
. । प रवार और र तेदारी
शहरीकरण न के वल प रवार क संरचना को भा वत करता है ब क आंत रक और अंतर पा रवा रक संबंध के साथ साथ प रवार ारा कए जाने वाले काय को भी भा वत
करता है। शहरीकरण के साथ समुदाय के बंधन म वघटन होता है और वासी को पुराने संबंध को नए के साथ बदलने और पीछे रह गए लोग के साथ संबंध जारी रखने का एक
आईपी दे साई ने दखाया क य प शहरी प रवार क संरचना बदल रही है प रवार म वाद क भावना नह बढ़ रही है। उ ह ने पाया क तशत प रवार
आवासीय प से एकल थे ले कन काया मक और संप संयु थे और तशत नवास और कामकाज के साथ साथ संप म संयु थे और तशत प रवार एकल थे।
बगलोर ने पाया
. । शहरीकरण और जा त
• आम तौर पर यह माना जाता है क जा त एक ामीण घटना है जब क वग शहरी है और शहरीकरण के साथ जा त खुद को वग म बदल लेती है। ले कन यह यान रखना आव यक
है क जा त व ा शहर म उतनी ही मौजूद है जतनी गांव म है हालां क मह वपूण संगठना मक अंतर ह। • जा त क पहचान शहरीकरण श ा और गत उपल
और आधु नक त तीक के त एक अ भ व यास के वकास के साथ कम हो जाती है। यह बताया गया है क पा ा य अ भजा य वग के बीच जा त बंधन क तुलना
म वग संबंध कह अ धक मह वपूण ह।
• हालां क जा त व ा अभी भी कायम है और शहरी सामा जक जीवन के कु छ े म अपना भाव डालती है जब क कु छ अ य े म इसने अपना प बदल लया है।
जातीय एकता शहरी े म उतनी मजबूत नह है जतनी क ामीण े म। शहर म जा त पंचायत ब त कमजोर ह।
छा नोट् स
. । शहरीकरण और म हला क त
• म हलाएं ामीण शहरी वा सय का एक मह वपूण वग ह। वे ववाह के समय वास करते ह और तब भी जब वे गंत ान पर संभा वत कमचारी होते ह। जब क म यम वग
क म हलाएँ सफे दपोश नौक रय और वसाय म नयो जत होती ह न न वग क म हलाएँ अनौपचा रक े म नौकरी पाती ह। म हलाएं औपचा रक े म औ ो गक
मक के प म भी पाई जाती ह।
• बढ़ती सं या म म हला ने सफे दपोश नौक रयां क ह और व भ वसाय म वेश कया है। ये पेशे म हला क सामा जक और आ थक त को बढ़ाने म सहायक थे
जससे काम के बढ़े ए और कठोर घंटे पेशेवर वफादारी के साथ साथ वाय ता म वृ ई। पर रागत और सां कृ तक सं ाएँ वही रहने पर मू य का संक ट और
मानदं ड का म अंततः प रणा मत आ है। गत और सामा जक प से बु म हला को दोहरी भू मकाएं नभाने के लए मजबूर कया जाता है सामा जक और
पेशेवर। • तुलना मक प से श त और उदार होने के कारण शहरी म हला क त ामीण म हला क तुलना म अ धक है। हालां क म बाजार म म हला को
अभी भी वं चत त म रहना पड़ता है।
. शहरीकरण क सम याएँ
भारत म शहरीकरण के पैटन को े ीय और अंतररा यीय व वधता बड़े पैमाने पर ामीण से शहरी वासन अपया त बु नयाद सु वधा म लन ब तय क वृ और अ य
संब सम या ारा च त कया गया है। भारत के व भ भाग म शहरीकरण क कु छ मुख सम याएँ इस कार ह
. । आवास और बढ़ ई भू म क क मत
भारत म जमीन क बढ़ती क मत म योगदान दे ने वाला एक मुख कारक अचल संप म अवैध धन का वाह रहा है। इस लए काले धन पर हमला करने से जमीन क क मत म
कमी लाने और कम आय वाले प रवार के लए आवास को और अ धक कफायती बनाने का मह वपूण लाभकारी भाव होगा। भू म म काले धन के वाह को ो सा हत करने
वाला एक मह वपूण कारक उ टा शु क है। इस शु क को कम करने के लए रा य के साथ काम करने से जमीन क क मत म कमी लाने म मदद मलेगी।
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• सरा कई बीमार सावज नक े के उ म PSE मुख शहरी े म अ यु भू म के बड़े ह से के मा लक ह। इन इकाइय के बंद होने से बाजार म पया त जमीन लाने म
मदद मल सकती है। • तीसरा क और रा य सरकार के पास पया त मा ा म शहरी भू म है जो अ यु या अ त मण के अधीन रहती है। उदाहरण
के लए क सरकार के रेलवे र ा और नाग रक उ यन मं ालय के पास मू यवान अ यु शहरी भू म है जसे वे आवास और अ य उपयोग के लए भू म उपल कराने के साथ
• अंत म भू म अ ध हण अ ध नयम अ ध हीत भू म के लए उ तर पर मुआ वज़ा तय करता है। बदले म यह कफायती आवास के लए अ ध हत भू म को महंगा बना
दे ता है और उ लागत म योगदान दे ता है। कफायती आवास के लए भू म अ ध हण के उ े य से भू म अ ध हण अ ध नयम म संशोधन करने क कमी जमीन क
शहरी भू म क आपू त पर एक और बाधा भू म पांतरण नयम क कठोरता है। शहर क बाहरी प र ध पर भू म के वशाल पथ शहरी व तार के लए संभा वत प से उपल
ह। ले कन इसके लए भू भाग को कृ ष से गैर कृ ष उपयोग म बदलने क आव यकता है। ऐ तहा सक कारण से ऐसे पांतरण क श रा य के राज व वभाग म न हत क
छा नोट् स
शहरीकरण और पांतरण को पारदश और लचीला बनाना भारतीय शहर म एक जीवंत भू म बाजार बनाने क दशा म एक लंबा रा ता तय करेगा।
ऊं ची इमारत के नमाण के मा यम से लंबवत ान का व तार करके ै तज ान क कमी का मुक ाबला कया जा सकता है। इस एवे यू क उपल ता अनुमत लोर ेस इंडे स
एफएसआई पर नभर करती है जो कसी इमारत म उस लॉट के े फल के अनुपात के प म फश ेस को मापता है जस पर ब ग खड़ी है। भा य से भारतीय शहर म
अनुमत एफएसआई से . के बीच बेहद कम है। नतीजतन ऊं ची इमारत व तुतः भारतीय शहर से अनुप त ह।
मुंबई क टोपोलॉजी मैनह न और सगापुर से नकटता से मेल खाती है ले कन बाद के शहर क तुलना म इसक कु छ ऊं ची इमारत ह। अनुमत एफएसआई म छू ट दे क र उपल
पारंप रक कराया नयं ण कानून जो करायेदार क असमान प से र ा करते ह ने कराये के आवास क असंतु मांग क वरोधाभासी त पैदा कर द है जब क कई
वतमान कराया नयं ण कानून को आधु नक करायेदारी कानून ारा त ा पत करने क प से आव यकता है जो करायेदार और मा लक को कराए और प े क लंबाई
. । आवास और म लन ब तयां
शहरी े म आवास क भारी कमी है और अ धकांश उपल आवास घ टया गुण व ा के ह। जनसं या म तेज ी से वृ शहरीकरण क तेज दर और आवास टॉक म आनुपा तक
शहरी े म बड़े पैमाने पर वासन के साथ कई लोग पाते ह क उनके पास एकमा वक प म लन ब तय क घ टया त है। म लन ब तय क वशेषता घ टया आवास
. । भीड़भाड़ से अ धक
भारत के मुख शहर जैसे मुंबई कोलकाता पुण े और कानपुर म लगभग से प रवार एक या दो कमर म रहते ह। कु छ घर म एक कमरे म पांच से छह रहते ह।
अ य धक भीड़ भाड़ वकृ त वहार को ो सा हत करती है बीमा रयाँ फै लाती है और मान सक बीमारी शराबखोरी और दं गे क त पैदा करती है। घने शहरी जीवन का एक
. । जल आपू त जल नकासी और व ता
भारत के कसी भी शहर म चौबीस घंटे पानी क आपू त नह होती है। आंतरा यक आपू त के प रणाम व प खाली पानी क लाइन म एक वै यूम बन जाता है जो अ सर ली कग
जोड़ के मा यम से षक को चूस लेता है। कई छोटे शहर म कोई मु य जल आपू त नह है और वे कु पर नभर ह। ना लय क त भी उतनी ही खराब है। जल नकासी
कचरा हटाना ना लय क सफाई करना और सीवर को खोलना भारतीय शहर म नगर पा लका और नगर नगम के मु य काय ह। शहर क बु नयाद व ता आव यकता
को पूरा करने के लए ेरणा क कमी है। भीड़भाड़ वाले शहरी इलाक म झु गय का फै लाव और इन झु गय म बसने वाल के बीच नाग रक भावना क कमी गंदगी और बीमा रय
. । प रवहन और यातायात
भारत म शहरी क म यातायात और प रवहन के लए नयो जत और पया त व ा का अभाव एक अ य सम या है। अ धकांश लोग बस और टे ो का उपयोग करते ह जब क
कु छ रेल का उपयोग पारगमन णाली के प म करते ह। प हया वाहन और कार क बढ़ती सं या ने यातायात क सम या को और भी गंभीर बना दया है। वे
छा नोट् स
वायु षण भी पैदा करते ह। इसके अलावा महानगरीय शहर म चलने वाली बस क सं या पया त नह है और या य को या ा करने के लए लंबा समय दे ना पड़ता है।
भारतीय शहर म शहर क सड़क का डजाइन और रखरखाव एक बड़ी चुनौती है। सड़क पैदल चलने वाल के अनुकू ल नह होने खराब सतह वाली भीड़भाड़ वाली और लगातार
खोद जाने के लए कु यात ह।
इन चुनौ तय का समाधान करने के लए शहर क सड़क के लए रा ीय डजाइन मानक और अनुबंध मानक को तैयार करना एक मह वपूण और त काल प रवतनकारी सुधार है।
भारतीय शहर म यातायात के वाह पर भी वशेष यान दे ने क आव यकता है। प मी शहर के वपरीत भारत म मोटर चा लत वाहन उ आवृ और अ या शत तरीके से
मे ो रेल कई शहर म सावज नक प रवहन का एक कु शल ोत हो सकती है। कु छ ारं भक मे ो प रयोजना क सफलता के कारण अ य शहर म इसक मांग बढ़ है।
. । षण
हमारे क बे और शहर पयावरण के मुख षक ह। कई शहर अपने पूरे सीवेज और औ ो गक अप श का से तशत अनुपचा रत पास क न दय म बहा दे ते ह। शहरी
उ ोग अपनी चम नय से नकलने वाले धुए ं और जहरीली गैस से वातावरण को षत करते ह। ये सभी शहरी क म रहने वाले लोग म बीमारी क संभावना को बढ़ाते ह।
यू नसेफ के अनुसार लाख शहरी ब े द त टटनेस खसरा आ द से मर जाते ह या खराब व ता तय और जल षण के कारण पी ड़त होते ह। द घकालीन उपाय के प
म कचरा सं ह क नई तकनीक कचरा नपटान के लए नई तकनीक और नगरपा लका के बु नयाद ढांचे और भू म उपयोग क योजना म मूलभूत प रवतन का उपयोग करने क
आव यकता है।
उपरो शहरीकरण क सम या क व तृत सूची नह है। शहर म अपराध क बढ़ती दर बढ़ती उ क आबाद और उनके लए सामा जक सुर ा क कमी बढ़ती भू मका और
बाजार के दायरे स हत कई अ य सम या ने गरीब और हा शये पर रहने वाले लोग को सबसे अ धक पी ड़त कया है। अ ययन से यह भी पता चला है क शहर म तनाव का
तर अ धक पाया जाता है जसका लोग के वा य पर हा नकारक भाव पड़ता है।
. शहरीकरण और शासन
शासन शहरीकरण का एक अ भ अंग है। शासन सबसे कमजोर और सबसे मह वपूण कड़ी है जसे भारत म त काल आव यक शहरी प रवतन लाने के लए मर मत क आव यकता
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है। शहरी बु नयाद ढांचे क नवेश ज रत को पूरा करने के लए आव यक बड़ी रकम का व पोषण सं ान के सुधार और सेवा वतरण और राज व सृज न के लए सं ान को
चलाने वाल क मता पर नभर करता है। यह दे ख ा गया है क भारतीय शहर और क ब पर बड़े य को बेहतर शासन संरचना कर और उपयोगकता शु क को एक करने
के लए मजबूत राजनी तक और शास नक इ ाश और वत रत करने क मता म सुधार के साथ जोड़ा जाना है।
शहर को अपने नाग रक क ज रत का जवाब दे ने और वकास क ग त म योगदान करने के लए सश व ीय प से मजबूत और कु शलतापूवक शा सत होना चा हए।
नगरपा लका सं ा को राज व के वयं ोत के साथ ानीय सरकार के प म मजबूत करने क आव यकता है रा य सरकार से पूवानुमेय सू आधा रत ाना तरण और
भारत सरकार और रा य सरकार से अ य ाना तरण उ ह बड़े दा य व का नवहन करने म मदद करने के लए वां सं वधान संशोधन। तकसंगत उपयोगकता शु क के साथ
बेहतर कर राज व शहर को ऋण लेने के लए अपने वयं के संसाधन का लाभ उठाने और सावज नक नजी भागीदारी पीपीपी के मा यम से व पोषण के नए प तक प ंचने
म स म बनाएगा।
तभी वे शहरी बु नयाद ढांचे के आधार को बढ़ा सकते ह अपने नवा सय को ायी आधार पर सेवा क बेहतर गुण व ा दान कर सकते ह और भारत के वकास क ग त म
योगदान कर सकते ह।
अथ व ा।
शास नक सुधार आयोग ने अपनी छठ रपोट म शहरी शासन को मजबूत करने के उपाय का उ लेख कया। इसक कु छ मह वपूण सफा रश ह
छा नोट् स
• शहरी ानीय नकाय को उनके े ीय अ धकार े म जल आपू त और वतरण क ज मेदारी द जानी चा हए चाहे वह उनके अपने ोत या अ य सेवा दाता के साथ
• व ता व ता और सावज नक वा य के मामले म सभी शहरी े म ाथ मकता और जोर दया जाना चा हए। सभी क ब म सेवा क अपया तता से बचने के लए
पया त आधारभूत संरचना बछाने के लए अ म कारवाई क जानी चा हए। • सामुदा यक भागीदारी और सेवा के सह उ पादन को नगरपा लका ारा ो सा हत कया
जाना चा हए
शहरी प रवहन ा धकरण जसे महानगरीय नगम म एक कृ त महानगरीय प रवहन ा धकरण कहा जाता है को एक वष के भीतर दस लाख से अ धक आबाद वाले शहर म
सावज नक प रवहन को सव प र ाथ मकता के साथ शहरी प रवहन समाधान क सम वत योजना और काया वयन के लए ा पत कया जाना चा हए।
नी त आयोग के अनुसार अ तरह से संचा लत यूएलबी के पास यु न सपल बॉ के मा यम से स हत व ीय संसाधन जुटाने क श होनी चा हए। यूएलबी म मानक कृ त
समयब लेख ापरी त बैलस शीट क शु आत व ीय बंधन म सुधार करने के साथ साथ इस े म और सुधार को बढ़ावा दे ने म मदद करेगी। भारतीय शहर को भी
शास नक द ता ा त करने के लए अपने नगरपा लका कमचा रय म सुधार करने और उ चत कौशल पेश करने क आव यकता है
इसी तरह नगरपा लका के ठोस कचरे क सफाई क या को तेज करने के लए नी त आयोग क म एक ा धकरण के नमाण का सुझ ाव दे ता है ता क कचरे से ऊजा संयं
के उपयोग का सार कया जा सके । इस तरह के एक ा धकरण को अप श से ऊजा नगम ड यूईसीआई कहा जा सकता है और शहरी वकास मं ालय के तहत रखा जा
सकता है। WECI दे श भर म PPP के मा यम से व तरीय अप श से ऊजा संयं ा पत कर सकता है। यह तक माट शहर म अप श से ऊजा संयं के तेज ी
से कवरेज म मह वपूण भू मका नभा सकता है। इसके जनादे श म मानक न वदा द तावेज तैयार करने व े ता को पूव यो य बनाने और यूएलबी और यूएलबी के ल टर को
आवं टत करने और ाथ मकता मंज ूरी सु न त करने के मुख काय शा मल हो सकते ह। यो य व े ता के लए सर के बीच म।
उ लंघन के मामले म जुमाने के मा यम से यातायात नयम का स त वतन वहार प रवतन को े रत कर सकता है और या ा के समय और षण दोन को ब त कम कर
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सकता है। इसके अ त र ओला और उबेर जैसे वाहन साझाकरण णा लय को ो सा हत करने के लए ो साहन सृ जत कया जा सकता है। इससे सड़क पर वाहन क सं या
कम होगी और भीड़भाड़ और षण दोन ही कम ह गे। इसके अलावा एक रा ीय मे ो रेल नी त क आव यकता है जो यह सु न त करेगी क मे ो प रयोजना को अलग थलग
नह माना जाए ब क सम सावज नक प रवहन क ापक योजना के ह से के प म माना जाए। इसके अलावा नी त म मे ो प रयोजना के व भ पहलु जैसे नयोजन
दान करने के उ े य से शु कया गया। अमृत शहर म शासन सुधार को भी ो सा हत करता है।
• माट शहर का वकास जून म लॉ च कया गया माट सट ज मशन का उ े य े आधा रत वकास और शहर तरीय माट समाधान के मा यम से आ थक वकास
को बढ़ावा दे ना और जीवन क गुण व ा म सुधार करना है। मशन मौजूदा शहर को माट शहर म बदल दे गा
छा नोट् स
• व भारत मशन शहरी अ टू बर को शु कया गया व भारत मशन एसबीएम शहरी हमारे शहर को व बनाने के अ भयान को चलाने वाला मुख
मशन है। मशन का ल य अ टू बर तक सभी वैधा नक क ब म खुले म शौच को ख म करना है। यह मैनुअ ल कै व जग को ख म करने आधु नक और वै ा नक
ठोस अप श बंधन शु करने व व ता था के संबंध म वहार प रवतन को े रत करने और व ता के लए जाग कता पैदा करने और इसके लक का भी
ताव करता है। सावज नक वा य यूएलबी क मता म वृ और अप श बंधन म नजी े के लए एक स म वातावरण बनाना। • द न दयाल अं योदय योजना
रा ीय शहरी आजी वका मशन डीएवाई एनयूएलएम का उ े य बाजार आधा रत रोजगार के लए कौशल वकास के अवसर पैदा करना और गरीब को वरोजगार
उ म ा पत करने म मदद करना है। इस मशन के ह त ेप पांच मुख घटक के मा यम से काया वत कए जाते ह सामा जक संघटन और सं ागत वकास
एसएमआईडी व रोजगार काय म एसईपी कौशल श ण और लेसमट ईएसट एंड पी के मा यम से रोजगार शहरी बेघर के लए आ य
• व ता पयटन और आजी वका जैसे अ य मु पर वशेष यान दे ने के साथ वरासत शहर का कायाक प करने के उ े य से जनवरी म रा ीय वरासत शहर वकास
और संवधन योजना दय मशन शु कया गया था। मशन को नवंबर तक पूरा करने का ल य रखा गया है। दय मशन शु होने पर तुत व तृत प रयोजना
रपोट के अनुसार वरासत शहर म पूरा कया जाएगा।
. आगे का रा ता
भारत को अपने शहरीकरण के बंधन के लए कई े पर काम करने क आव यकता है न न ल खत शायद सबसे मह वपूण ह समावेशी शहर व पोषण योजना मता
भारत को एक राजनी तक या शु करने क भी आव यकता है जहां शहरी मु पर साथक समाधान के वकास के साथ बहस हो
. । समावेशी शहर
शहर म गरीब और न न आय वग को मु य धारा म लाया जाना चा हए। सघनता को बं धत करने और वासन को हतो सा हत करने के लए बनाए गए व नयम दोन भू म क
आपू त को सी मत करते ह और कई प रवार को अपनी पसंद से अ धक भू म का उपभोग करने क आव यकता होती है। यह शहरी फै लाव को बढ़ाता है और भू म क क मत और
सभी के लए सेवा वतरण क लागत को बढ़ाता है। पा कग कवरेज सीमा झटके ल ट सड़क क चौड़ाई वा य क के लए आर ण कू ल आ द के लए उ मानक
अ सर उपयोग नह कए जाते ह गरीब को यह चुनने से रोकते ह क छत लगाने के लए सबसे महंगे संसाधन शहरी भू म का कतना उपभोग करना है उनके सर और कानूनी
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आव यकता का अनुपालन करते ह।
. । शहरी व पोषण
म अ धक सुधार ारा व पोषण वचलन का समथन कया जाना चा हए जो क और रा य पर शहर क
नभरता को कम करेगा और आंत रक राज व ोत को खोलेगा। अ धकांश अंतररा ीय उदाहरण के अनु प
धन के कई ोत ह जनका उपयोग भारतीय शहर आज क तुलना म कह अ धक हद तक कर सकते ह भू म
संप का मु करण संप कर का उ सं ह उपयोगकता शु क जो लागत को दशाते ह ऋण और सावज नक
नजी भागीदारी पीपीपी और क रा य सरकार क फं डग। हालां क बड़े शहर म भी अके ले आंत रक फं डग
पया त नह होगी। एक ह सा क और रा य सरकार से आना है।
. । योजना
भारत को शहरी नयोजन को एक क य स मा नत काय कु शल लोग म नवेश कठोर त य आधार और अ भनव शहरी प बनाने क आव यकता है। यह एक कै के ड योजना
संरचना के मा यम से कया जा सकता है जसम बड़े शहर म महानगरीय तर पर वष य और वष य योजनाएं होती ह जो नगरपा लका वकास योजना पर बा यकारी
छा नोट् स
ान का आवंटन वशेष प से भू म उपयोग और तल े अनुपात एफएआर योजना। दोन को कम आय वाले समूह के लए कफायती घर के लए ज़ो नग के साथ
सावज नक प रवहन को जोड़ने पर यान दे ना चा हए। इन योजना को व तृत ापक और लागू करने यो य होना चा हए।
पेशेवर बंधक के वकास को संबो धत करना होगा जनक आपू त कम है और जनक बड़ी सं या म आव यकता होगी। नजी और सामा जक े म उपल वशेष ता का
द घाव ध म भारत को अपने शहर को व सद के ान म बदलने के लए और अ धक मूलभूत प रवतन लाने क आव यकता है। हम ा नक योजना शु करने क
आव यकता है जो एक साथ महानगरीय नगरपा लका और वाड तर के े क वकासा मक आव यकता को संबो धत करती है। हम वा तव म शहरी ानीय नकाय को
सतत वकास पर रयो संयु रा स मेलन के प रणाम भ व य हम चाहते ह शहरी गरीब क दशा और टकाऊ शहर क आव यकता दोन को संयु रा वकास एजडा
के लए ब त ज री मामल के प म मा यता द । शहरी वकास का एक नया मॉडल तैयार करने का समय आ गया है जो शहरीकरण क नया म इ वट क याण और साझा
कोण
• सबसे पहले जनगणना से कु छ त य आँक ड़े द जससे यह पता चल सके क म दया गया कथन वा तव म सही है।
करता है
उ र
तशत।
• इस अव ध के दौरान भारत के छह सबसे बड़े शहरी क मे ो शहर क संयु जनसं या वृ भारत क सम जनसं या वृ के काफ करीब थी।
इस कार इन शहरी क म वृ इस शहरी वकास का मु य कारण नह थी। यहां तक क छोटे शहर क आबाद म वृ और फलती फू लती रा य क
हो गई। • जनगणना क ब का यह शहरी वग करण जो के वल जनगणना के कागज पर मौजूद है भारत के छोटे कृ षक समुदाय और बड़े बाजार शहर
कार क ब तय के बीच अंतर करने म मदद करता है जो तेज ी से और बेतरतीब वकास का अनुभव कर रहे ह।
छा नोट् स
• जनगणना शहर ामीण शहरी वभाजन क दहलीज पर खड़े ह। अध शहरी हालां क वे महसूस कर सकते ह जनगणना क ब को अभी भी पंचायत ारा चलाया
जाता है और सभी आ धका रक उ े य के लए ामीण के प म वग कृ त कया जाता है जससे उ ह क सरकार क वकास योजना को आक षत करने
• अ ययन से पता चलता है क पछले कु छ वष म कृ ष म पु ष रोजगार म भारी गरावट आई है। यह मु य प से कृ ष के लए उपल मशीन इनपुट और
• ामीण भारत म अचल संप क कम क मत श ा सु वधा म सुधार और सड़क बजली आ द जैसे बु नयाद ढांचे म सुधार जैसे कारक के कारण पछले
दशक के दौरान तशत से अ धक नए कारखाने ामीण भारत म ा पत ए। ामीण भारत म व नमाण अब भारत के व नमाण सकल घरेलू उ पाद
कोण
उ र
• काउं टर शहरीकरण एक जनसां यक य और सामा जक या है जसके तहत लोग शहरी े से ामीण े म आंत रक शहर के अभाव षण और
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भीड़भाड़ क त या के प म जाते ह
• उपनगरीकरण शहर के कनार पर े का वकास है । यह शहरी फै लाव म वृ के कई कारण म से एक है। महानगरीय े के कई नवासी क य शहरी
े के भीतर काम करते ह और उप ह समुदाय म रहने का वक प चुनते ह ज ह उपनगर कहा जाता है और ऑटोमोबाइल या जन प रवहन के मा यम से
काम करने के लए या ा करते ह।
या।
• भारत म उपनगरीयकरण एक या के प म महानगर के आसपास के े म दे ख ा जा रहा है। यह वृ द ली जैसे शहर म सबसे मजबूत है जहां एक
अ धक कु शल सावज नक प रवहन णाली शहरी फै लाव क प र ध म रहने वाले लोग को शहर म आने जाने क अनुम त दे ती है।
• शहर के बाहरी इलाक म मश म के प म उगने वाले फाम हाउस के बावजूद व श ामीण वसाय को अपनाकर वा त वक त शहरीकरण भारत म
लगभग न के बराबर है। वतमान त को उप शहरीकरण और काउं टर शहरीकरण के बीच एक ॉस के प म लया जा सकता है।
छा नोट् स
कोण
का मूल वषय बढ़ते शहरीकरण और वासन से उ प सामा जक प रवतन के कारण बुज ुग लोग ारा सामना क जाने वाली कमजो रयाँ ह। उ र को
उ र
भारत म बुज ुग क बढ़ती सं या वष या उससे अ धक म कु ल आबाद का . और उनके सामने आने वाली व भ कमजो रयां नी त नमाता
और समाज से त काल यान दे ने क मांग करती ह। बुज ुग वा य दे ख भाल आजी वका और सुर ा के मु के त संवेदनशील होते जा रहे ह। बुज ुग क कमजो रय
• वासन और शहरीकरण धीरे धीरे पारंप रक पा रवा रक पैटन को कमजोर करता है जो वृ य के लए क यता और सामा जक भू मका दान करता है। •
के साथ साथ बेरोजगारी और शहर म भीड़भाड़ क उ दर का कारण बन रहा है ब क यह ामीण े म वृ के अलगाव और उनके अभाव म भी योगदान दे
रहा है सामा जक और आ थक सहायता के सामा य ोत। • वृ ारोपण खान और कारखान म जाने से अब प रवार के सद य का शारी रक अलगाव हो
रहा है अ सर ब त री बनाकर इस कार पारंप रक पा रवा रक बंधन कमजोर हो रहे ह। • शहरी संदभ म अपने बुज ुग र तेदार क दे ख भाल करने क
आधु नक प रवार क मता भीड़ भरे आवास सी मत व ीय संसाधन और म हला क बढ़ती श ा और रोजगार से गंभीर
प रवार पर जम दार के नणय के दबाव पर नभर करता है वशेष प से जहां प रवार का आकार बड़ा होता है जो छोटे प रवार इकाइय ामीण शहरी
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बुज ुग को भा वत करने वाले शहरीकरण और वासन क सम या से नपटने के लए भारत म बुज ुग के जीवन तर म सुधार लाने के लए न न ल खत
सफा रश वशेष प से ल त ह।
ऋण और व तार सेवा और सहायता क आव यकता होगी जो उनक मता के अनुकू ल ह । • वयोवृ य को व रोजगार म संल न करने के लए
और लाभ के लए नवाचार को शु करने के लए भी ो सा हत करगे। • ामीण वकास म योगदान करने के लए वृ ाव ाक मता को मजबूत करने म
सहकारी उ म मह वपूण भू मका नभा सकते ह। • हालां क वृ ाव ा वा य दे ख भाल क आव यकता म वृ का संके त दे ती है वृ लोग म वा य
छा नोट् स
• सभी सामा जक योजना का उपयोग ब त कम है इस लए व भ मा यम से उन तक रयायत और लाभ के बारे म जाग कता प ंचाई जानी चा हए और
आय क असुर ा नर रता आयु संबंधी णता और शारी रक और आ थक नभरता ऐसे कारक ह जो भारतीय बुज ुग को कमजोर बनाते ह। इस लए कोण
. वतं ता के बाद के भारत म शहर को सामा जक प रवतन के लए एक वाहन के प म माना जाता था ले कन वे उन अंत वरोध के तीक भी बन गए जो लंबे
कोण
का मूल वषय भारतीय संदभ म आधु नकता के ल य को ा त करने म शहर क वफलता है। उ र को न न ल खत तरीक से संर चत कया जा सकता है
उ र
ज मेदारी द ।
हालां क भारत म शहर का वकास दशाता है क भारत के शहर उनम कए गए वाद को पूरा करने म वफल रहे ह। उ ह ने गाँव म मौजूद सामा जक कु री तय को
तरीका
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• भारत शहरी गरीबी रपोट यूएनडीपी क पहचान है क भारत म गरीबी शहरीकृ त हो गई है और यह बड़े शहर म अ धक ापक है। कु ल मलाकर यह
तशत से अ धक है कु छ म लयन लोग शहरी े म गरीबी रेख ा से नीचे क आय पर रहते ह।
• मुंबई . वशाखाप नम कोलकाता चे ई और द ली जैसे बड़े शहर म लम म रहने वाले प रवार का अनुपात अ धक
है। शहर म उ चत आवास और बु नयाद सेवा जैसे वा य और श ा क कमी ने गरीब के लए गांव म मौजूद अलगाव के कारण जीवन क अ न त
• आ थक वकास क या म यह माना जाता था क शहर ामीण अथ व ा म अ धशेष बनने वाले अ धकांश कामकाजी गरीब को रोजगार के स मानजनक
अवसर दान करते ह। हालाँ क भारतीय शहर बड़े अनौपचा रक े का घर बन गए ह य क गाँव गरीब को नवाह रोजगार दान करते ह।
• म हला सुर ा उनके त तगामी रवैये के लए जाने जाने वाले गांव म मुख मु ा रहा है। हालाँ क आधु नक शहर जो उनके लए सुर त जीवन दान करने
वाले ह वे वयं उनके लए सबसे असुर त ान बन गए ह। उदाहरण के लए द ली म हाल ही म बला कार क घटना।
छा नोट् स
इस प र य म इस पर पुन वचार करने क त काल आव यकता है क हमारी सामा जक ग त म शहर या भू मका नभाएंगे। हमारे
सं वधान ारा चा रत नाग रक और लोकतां क मू य के अनुसार शहर को अ धक समावेशी ान बनाया जाना चा हए।
. गरीब को लभ सामा जक आ थक और कानूनी सहायता के संदभ म तेज ी से शहरी वकास झु गय के बड़े पैमाने पर उ पादन के लए
एक अ नवाय नु खा है। भारत के संदभ म चचा क जए।
कोण
का मूल वषय समकालीन समय म भारत म बढ़ती झु गी आबाद के नधारक के बारे म है। उ र के लए न न ल खत तरीक से
संपक कया जा सकता है
उ र
क जनगणना के अनुसार आजाद के बाद पहली बार शहरी े म जनसं या म पूण वृ ामीण े क तुलना म अ धक है।
साथ ही म लयन लस शहर क सं या से बढ़कर हो गई है। यह जबरद त शहरी वकास हालां क
भारत म समान प से उ झु गी जनसं या वृ के साथ हो रहा है य क म लगभग . शहरी प रवार झु गी म रहते थे
जनगणना ।
भारत म शहरी वकास के साथ संबं धत मु म से एक यह है क यह गरीब के लए आवास वा य श ा और सामा जक सुर ा जैसी
बु नयाद सु वधा क कमी क त म हो रहा है। प रणाम व प शहरी वकास सकारा मक सामा जक वकास के बजाय उन लोग के
लए ः व बन रहा है जो न न ल खत कारण से आजी वका और जीवन क तलाश म ामीण इलाक से शहर म आते ह
• कृ ष और संक ट त ामीण े म धीमी वृ लोग को गैर कृ ष े म आजी वका के लए शहरी े क ओर धके ल रही है। अ धकांश
लोग गरीब छोटे सीमांत कसान या भू महीन मक या कारीगर ह जो शहर म तब तक रहने का खच नह उठा सकते जब तक क
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सरकार ारा कसी कार का सामा जक समथन दान नह कया जाता। भारत म शहरी े म ऐसी सु वधा का घोर अभाव है
जसके प रणाम व प शहरी गरीब को म लन ब तय म रहना पड़ता है। • भारतीय शहर नयोजक तेज ी से कम लागत वाले आवास
के लए गरीब क आव यकता क अनदे ख ी कर रहे ह
छा नोट् स
. अ य धक आबाद वाले शहर और उनके तनावपूण बु नयाद ढांचे के साथ भारत एक शहरी संक ट के बीच म है। माट सट ज मशन दे श म मौजूदा शहर के उ यन
कोण
आर ण का उ लेख कर।
उ र
अ धकांश भारतीय शहर अ नयो जत शहरीकरण के उदाहरण ह। भौ तक अवसंरचना जैसे सावज नक प रवहन आवास अ ताल और कू ल आ द मा ा मक और
गुण ा मक प से बढ़ते जनसं या दबाव को बनाए रखने के लए अपया त ह जसके प रणाम व प शहरी सपने शहरी ः व बन रहे ह।
माट सट ज मशन मौजूदा बु नयाद ढांचे को उ त करने और सतत और समावेशी वकास पर यान क त करके सतत वकास सु न त करने का एक यास है।
यह शहर के सुधार रे ो फ टग शहर के नवीनीकरण पुन वकास या शहर के व तार ीनफ वकास ारा मौजूदा शहर के कु छ े को माट सट म
प रव तत करने से संबं धत है। सु न त पानी और बजली आपू त व ता और ठोस अप श बंधन कु शल शहरी ग तशीलता और सावज नक प रवहन मजबूत
आईट कने ट वट ई गवनस और नाग रक भागीदारी के साथ साथ अपने नाग रक क सुर ा इसके उ े य ह।
सरकार ारा वादा कए गए व सनीय व ीय समथन के साथ य द मशन को गंभीरता से लागू कया जाता है तो शहरी प र य को बदलने क मता है।
मशन माट सट का रोडमैप दान करने क ज मेदारी शहरी ानीय नकाय यूएलबी पर डालता है। हालां क क ने मशन को लागू करने के लए श य के
साथ येक शहर म वशेष योजन वाहन एसपीवी ग ठत करने का ताव दया है। यह माट सट वकास प रयोजना क योजना मू यांक न अनुमोदन धन
कई नगर नगम को डर है क एसपीवी के कारण उ ह कनारे कर दया जाएगा और उनक वाय ता से समझौता कया जाएगा। एसपीवी म यूएलबी क ह सेदारी
मशन एसपीवी को प रयोजना के संबंध म नगरपा लका प रषद के अ धकार और दा य व को स पने के लए रा य सरकार और शहरी ानीय नकाय को
ो सा हत करता है। इस लए शहरी शासन म नजी नवेशक और परामश फम का भाव माट शहर के साथ बढ़ने क संभावना है और यह यूएलबी के लए
चताजनक है।
ानीय वाय ता और लोकतं के दमघ टू पन के बारे म चताएं वैध ह य क लोकतां क प से चुनी गई ानीय सरकार के बजाय यह एक क य नी त ारा
बेशक हमारी ानीय सरकार सबसे कु शल या उ रदायी नह ह ले कन एक एसपीवी संचा लत माट सट शहर के शासन क सम या का ायी समाधान
नह है।
एक ायी शहरी भ व य के लए ापक शासन सुधार क आव यकता होगी जो शहर क सरकार को अ धक शास नक और व ीय श य के साथ सश
छा नोट् स
. ामीण इलाक से शहरी े म लोग को पलायन करने के लए े रत करने वाले कारक का ववरण द भले ही इसके लए म लन
ब तय म रहना आव यक हो। भारत क अनूठ म लन ब तय के बारे म कु छ मह वपूण त य पर काश डा लए। कु छ रणनी तय पर
भी चचा कर ज ह भारत क म लन ब तय को बदलने के लए अपनाया जा सकता है।
कोण
• भारत म ामीण शहरी वास और इसके प रणाम व प म लन ब तय के वकास का प रचय द। • उन कारक पर चचा कर जो लोग को
शहर क ओर पलायन करने और यहाँ तक क म लन ब तय म रहने के लए े रत करते ह। • भारत के लए अ तीय म लन ब तय के बारे म
मह वपूण त य पर चचा कर। • भारत क म लन ब तय को बदलने के लए रणनी तय पर चचा कर।
उ र
ाइ वग कारक
संक ट वासन राजनी तक गड़बड़ी और अंतर जातीय संघष लोग को अपने घर से र जाने के लए मजबूर करते ह। बड़ी ाकृ तक
आपदा के बाद भी लोग शहरी े म पलायन करते ह। • म लन ब तय के अलावा कोई अ य वक प नह गरीब वासी प रवार
उ चत आवास और प रवहन लागत
वहन करने म असमथ ह जो उ ह अपने काय ल के पास शहर म झु गी े म बसने के लए मजबूर करता है।
अनोखे त य
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• अभूतपूव पैमाना भारत जस पैमाने पर झु गय क सम या का सामना कर रहा है या नह कर रहा है। तक भारत म झु गय म
रहने वाले म लयन से अ धक लोग और येक वष म लयन वा सय के शहर म जाने क उ मीद है। • राजनी तक भाव
दोन तरह से कटता है भारत के लम नवासी पूरी तरह से मता धकार से संप ह और स य प से रा ीय
और ानीय नेता के लए वोट करते ह जो उ ह लगता है क उनके हत क र ा करगे। झु गी झोप ड़य म रहने वाले लोग आज जानते
ह क वे एक मजबूत और अ य धक भावशाली वोट का त न ध व करते ह और राजनेता जानते ह क इस नवाचन े म मू य
क चीज प ंचाना उनके वोट जीतने क उनक मता म एक मह वपूण भू मका नभाता है।
• कोई नयं ण नह कु छ अ य वकासशील दे श म शहरी वासन को नयं त करने के लए अ धक भावी राजनी तक उपकरण ह।
हालाँ क भारत का लोकतं जो पूरे दे श म लोग क मु आवाजाही सु न त करता है ऐसे कसी भी नयं ण को र से भी संभव
होने से रोकता है।
• ामीण पुन और नवेश काउं टर मै नेट के प म अ य शहर को बनाने क आव यकता है ता क मुंबई जैसे मुख शहर म पलायन
को रोका जा सके ।
छा नोट् स
भारत के छोटे शहर और ामीण े म बु नयाद ढांचा रोजगार के अवसर और जीवन क सम गुण व ा म सुधार कया जाना चा हए।
जाएं। • सतत सतत ग तशील अवसंरचना ावधान सरकार को लम अवसंरचना के मक और नरंतर उ यन के लए एक परेख ा तैयार करने क
आव यकता है।
. जब क यूएन है बटे ट रपोट शहर को मानव नमाण का उ तम शखर कहती है ववादा द सवाल यह है क वकासशील नया के शहर को या प लेना
चा हए। इस कथन के संदभ म भारत के संबंध म शहरीकरण क वरोधी रणनी तय का परी ण क जए।
कोण
• प रचय म सं ेप म बयान म संदभ क ा या कर और वकासशील नया म शहर के आकार के बारे म सावधानीपूवक वचार करने का कारण दान कर।
उ र
शहर को उनक ऐ तहा सक भू मका और मानव सहयोग के ल वकास के इंज न और सामा जक ग तशीलता के वाहन के पमभव यक मता के कारण
मानव नमाण के शखर के प म कहा गया है। संयु रा के आवास का अनुमान है क तक वै क आबाद का शहर म नवास करेगा। व बक के
अनुसार शहरी वकास वकासशील दे श म होगा। इस कार शहरीकरण क अ नवायता और रता क चताएं वकासशील नया म शहर पर अ धक
इस संदभ म भारत म शहर का बड़े पैमाने पर व त प से और अ नयो जत तरीके से वकास आ है इससे संसाधन पर दबाव पड़ा है। इसी तरह टयर टू
शहर का भ व य म व तार होगा। इस कार भारत को पारंप रक शहरी क के साथ साथ भ व य के लए उपयु रणनी तय क आव यकता है
मेगा सट और क त शहरीकरण मुंबई या द ली जैसे शहर मेगा सट म लयन या अ धक आबाद और क त शहरीकरण के उदाहरण ह। उ ह ने बड़ी सं या
संसाधन आवास और सावज नक सु वधा पर घन व के दबाव का सामना कर रहे ह। ऐसे म उ ह शहरी नवीनीकरण और कायाक प क रणनी तय क
आव यकता होगी।
• छोटे शहर और वत रत शहरीकरण टयर टू शहर क सं या म वृ भारत के लए एक भ व य क वृ है। इसके लए वत रत शहरीकरण क आव यकता
होगी जहां एक साथ बड़ी सं या म शहर का वकास कया जाता है। संयु रा य अमे रका जसम . म लयन क आबाद वाले कई म यम आकार के
शहर ह। ये आसानी से बंधनीय ह बड़े शहर क सम या को घटाकर और आसपास के ामीण इलाक म भी सेवाएं दान करते ह। व श हब एंड
छा नोट् स
ये शहर सेवा और संसाधन के मामले म एक सरे के पूरक हो सकते ह। सही संसाधन के साथ वे अपने नवा सय के लए बेहतर सेवाएं और पयावरण
दान कर सकते ह। व पंचवष य योजना भी इसी वृ क ओर झुक थी जो भारत के संघीय ढाँचे का भी त ब ब है।
अंतररा ीय अनुभव से सीखते ए हांगकांग जैसे उ वृ वाले सघन कोर जले के साथ ांसपोट ओ रएंटेड डेवलपमट ट ओडी जैसे मॉडल को अपनाया जा
सकता है। इसी तरह कई तक दे ते ह क टन या अटलांटा मॉडल यानी कोर से और र फै लने वाली आबाद से बचा जाना चा हए।
छोटे और बड़े दोन शहर के लए उपयु रणनी तयाँ ह। तेज ी से हो रहे शहरीकरण वाले भारत को ऐसे शहर क ज रत है जो पया त राजकोषीय संसाधन और
. तेज ी से बढ़ती अथ व ा क एक णभंगुर घटना होने के बजाय आज क म लन ब तयां गहरी लगातार संरचना मक सम याएं पैदा करती ह और मुख
कोण
समा त कर।
उ र
म लन ब तय को अ सर वकासा मक स ांत ारा तेज ी से बढ़ती अथ व ा क एक सं मणकालीन घटना के प म प रभा षत कया गया है। ले कन ये
स ांत गलत सा बत हो रहे ह य क झु गयां लगातार बनी रहने वाली सम या बन गई ह। लाख प रवार पी ढ़य से खुद को झु गय म फं सा आ पाते ह।
क जनगणना के अनुसार लगभग . शहरी भारतीय प रवार झु गय म रहते ह। लम आबाद म . म लयन से बढ़कर म . म लयन
होने का अनुमान है ।
आज क म लन ब तयां कई बाजार और नी तगत वफलता नवेश म बाधा डालने वाले खराब शासन और बंधन और खराब और अ व जीवन तय के
• झु गी े पया त रहने क जगह क कमी सावज नक व तु के अपया त ावधान और व पेयजल और व ता जैसी बु नयाद सु वधा क खराब
गुण व ा से च त है। यह सब न के वल झु गीवा सय के लए ब क आस पास के लोग के लए भी बेहद खराब वा य और घटती मानव पूंज ी का कारण
बनता है। • संकु लन पयावरणीय कु बंधन ाकृ तक संसाधन का ास। • खराब श ा और अवसर अपराध क घटना म वृ म हला क भे ता
• ामीण शहरी वासन से नपटना यह वै ीकरण और ामीण े म आय के अवसर क कमी जैसे कारक से नकटता से संबं धत है। वशेष का अनुमान है
क तक लगभग। आबाद शहर म रहेगी। माट शहर क तज पर माट गांव को वक सत करने के लए नरपवाद प से पूरक योजना क
आव यकता है।
छा नोट् स
• सतत शहरी वकास शहर को सुर त और टकाऊ बनाने का मतलब सुर त और कफायती आवास तक प ंच सु न त करना लम ब तय का उ यन करना
व पेयजल वा य ली नक और शौचालय जैसी बु नयाद आव यकता को सु न त करना है। इसम म हला और बुज ुग क भे ता को कम करना
भी शा मल है।
• रोजगार सृज न कौशल वकास के लए वा सय और अवसर के लए अवसर पैदा करने क आव यकता है। • शहरी ानीय नकाय म मता नमाण इसम
ा धकरण का वचलन धन क
उपल ता सु न त करना उदाहरण के लए नगरपा लका बांड के मा यम से मनोरंज न कर आ द जैसे कर का ह तांतरण और मानव संसाधन वक सत करना
शा मल होगा। • कफायती आवास भू म क बढ़ती लागत के साथ झु गीवा सय के लए कफायती आवास वक सत करने क त काल आव यकता है।
से सरकार ने नजी डेवलपस को संसाधन के प म भू म का उपयोग करने के लए ो सा हत करने क रणनी त तैयार क है।
नी त म लम उ यन घटक भी शा मल है।
जैसा क SDG शहर को टकाऊ बनाने क बात करता है यह ज री है क अमृत माट शहर आ द जैसी सरकारी पहल को इन पहल के लाभ को
झु गीवा सय तक प ंचाना चा हए जो वतमान म सामा जक और आ थक सुर ा के लाभ से बाहर ह।
. जब क अ धकांश शहरीकरण वाले दे श म उपनगरीयकरण एक सामा य घटना है यह भारत के शहरी वकास के अपे ाकृ त ारं भक चरण म हो रहा है। इस वकास
के पीछे के कारण को गनाते ए उन चुनौ तय पर काश डा लए जो यह भारतीय शहर के लए पैदा कर रही है।
कोण •
व बक क क एक रपोट नगरपा लका क सीमा से परे शहरीकरण म पाया गया क उपनगरीय े शहर क तुलना म उ आ थक वकास और
रोजगार पैदा कर रहे ह।
हालां क उपनगरीकरण एक व ापी घटना है यह आमतौर पर वकास के म य से उ त चरण म होता है। भारत म यह उ मीद से कह यादा तेज ी से हो रहा है।
कारण
• कम जनसं या घन व कम अपराध और अ धक र जनसं या के कारण उपनगर को रहने और प रवार बढ़ाने के लए सुर त और स ती जगह के प म दे ख ा
जाता है।
• जमीन क बढ़ती क मत और कायालय के कराए ने कं प नय को उपनगरीय े क ओर धके ल दया है। • बढ़ ई आय के साथ लोग के पास या ा और
• भारतीय शहर ने अपने शहर पर अ य धक कठोर भू म उपयोग व नयम कराया नयं ण णाली और इमारत क ऊं चाई पर तबंध
लगा दया है जससे अ य धक उपनगरीयकरण हो रहा है। • उपनगरीय नगर पा लकाएं आक षत करने के लए कर म
छू ट और नयामक ो साहन दान करती ह
औ ो गक भू म उपयोगकता को उनके े म।
• मजबूत और प र कृ त बु नयाद ढाँचे का वकास के वल शहर के उन बाहरी इलाक म संभव है जहाँ भू म चुर मा ा म उपल है और अ ध हण क लागत कम है।
छा नोट् स
• पानी साफ सफाई और बजली क प ंच और गुण व ा शहरी प र ध म कोर क तुलना म ब त खराब है।
तीसरी और पाँचव पंचवष य योजना ने शहरी नयोजन को े ीय कोण अपनाने और शास नक शहर क सीमा के बाहर बढ़ते े
क दे ख भाल करने के लए महानगरीय योजना े बनाने क सलाह द ।
आगे बढ़ने का रा ता
• मौजूदा ामीण शहरी वग करण णाली क क मय को र कर। यह सु न त करेगा क नए े नगरपा लका सीमा के अंतगत आते ह
और नगरपा लका सेवा का आनंद लेते ह। • बु मान उपयोग के साथ पहले से ही वक सत े के भीतर कफायती और आधु नक
आवास
जगह का।
• सम आ थक वकास को बढ़ावा दे ने के लए कु शल सेवाएं दान करना और शासन संरचना म सुधार करना। • ज़ो नग और अ य भू म
उपयोग व नयम का उपयोग वकास
पैटन बनाने के लए कर जो कम से कम या ा के लए चलने और साइ कल चलाने के पमस य प रवहन को ावहा रक बनाते ह।
कफायती और गुण व ापूण वक प दान करने के लए शहर क अपया तता के प रणाम व प उपनगरीयकरण आ है। हम उपनगरीय
फै लाव क सम या को र करने के साथ साथ मौजूदा शहरी सु वधा म सुधार करने क आव यकता है।
. भारत म माट शहर माट गांव के बना टक नह सकते। ामीण शहरी एक करण क पृ भू म म इस कथन पर चचा क जए।
छा नोट् स
अंतव तु
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. । कृ ष पर वै ीकरण का भाव ................................................ ..............................
छा नोट् स
प रचय
वै ीकरण अथ व ा और समाज क पर र नभरता पर र जुड़ाव और एक करण को इस हद तक बढ़ाने क एक या है क नया के एक ह से म एक घटना नया
वै ीकरण का भाव रगामी है। यह हम सभी को भा वत करता है ले कन हम अलग तरह से भा वत करता है। इस कार जब क कु छ के लए इसका मतलब नए अवसर हो
सकते ह सर के लए आजी वका का नुक सान। चीनी और को रयाई रेशम के धागे के बाजार म आने के बाद बहार क म हला रेशम कातने वाली म हला ने अपनी नौकरी खो
द।
बुनकर और उपभो ा इस धागे को पसंद करते ह य क यह कु छ स ता होता है और इसम चमक होती है। इसी तरह के व ापन भारतीय जल म मछली पकड़ने वाले बड़े जहाज
के वेश के साथ ए ह। ये जहाज उन मछ लय को ले जाते ह जो पहले भारतीय मछली पकड़ने वाले जहाज ारा एक क जाती थ । म हला मछली छं टाई करने वाल सुख ाने
वाल व े ता और जाल बनाने वाल क आजी वका इससे भा वत होती है। गुज रात म जूलीफे रा बावल के पेड़ से ग द बीनने वाली म हला ग द सं ाहक ने सूडान से स ते
ग द के आयात के कारण अपना रोजगार खो दया। भारत के लगभग सभी शहर म वक सत दे श से र कागज के आयात के कारण कू ड़ा बीनने वाल ने अपना कु छ रोजगार खो
दया।
यह है क वै ीकरण का बड़ा सामा जक मह व है। ले कन समाज के व भ वग पर इसका भाव ब त अलग है। इस लए इसके भाव के संबंध म वै ीकरण के भाव के
उनका तक है क जब क अ धक वशेषा धकार ा त वग म से कई लाभा वत हो सकते ह पहले से ही ब ह कृ त आबाद के एक बड़े वग क त खराब हो जाती है। अभी भी
दशक म बड़े सां कृ तक प रवतन ए ह जससे यह डर पैदा आ है क हमारी ानीय सं कृ तयाँ ख म हो जाएँगी।
इस कार हमारे समाज म न के वल राजनी तक और आ थक मु के बारे म ब क कपड़ शै लय संगीत फ म भाषा हाव भाव म बदलाव के बारे म भी गरमागरम बहस
ानीय के साथ वै क के म ण से है। यह पूरी तरह वतः ू त नह है। न ही यह वै ीकरण के ावसा यक हत से पूरी तरह अलग है। यह वदे शी फम ारा अपनी बाजार
मता बढ़ाने के लए ानीय परंपरा से नपटने के दौरान अ सर अपनाई जाने वाली रणनी त है। भारत म हम पाते ह क टार एमट वी चैनल वी और काटू न नेटवक जैसे सभी
वदे शी टे ली वजन चैनल भारतीय भाषा का उपयोग करते ह। यहां तक क मैक डॉन भी भारत म के वल शाकाहारी और चकन उ पाद बेचता है न क इसके गोमांस उ पाद जो
संगीत के े म भांगड़ा पॉप इंडी पॉप यूज न संगीत और यहां तक क री म स क लोक यता म वृ दे ख ी जा सकती है।
रट् ज र ने एक और श द ोबलाइजेशन को गढ़ा है जसका संदभ वह वकास अ नवायता ध का संगठन और रा को व तर पर व तार करने और खुद को
छा नोट् स
सं कृ त का सम पीकरण
• पा रवा रक संरचना वै ीकरण के कारण संयु प रवार पर तकू ल भाव पड़ा है। एकल प रवार म वृ ई है। यह अब मौजूद वृ ा म क बढ़ती सं या म प से कट हो
• भोजन दे श भर म मैक डॉन ् स के एफसी जैसे खा के के खुलने के कारण दे श भर म उपल भोजन का सम पीकरण आ है ले कन भोजन म वषमीकरण भी आ है। पुराने
रे ां क जगह अब Mc ने ले ली है। डोना । जूस कॉनर और परांठे क जगह फा ट फू ड और चाइनीज डशेज ने ले ली है। • पैसे उधार लेना पहले क तुलना म अब अ धक
व ीय सं ान तक बढ़ती प ंच के कारण ऋण ब त आम है
• पुराने सनेमा हॉल के ान पर म ट ले स थएटर आ रहे ह। • शहरी े म अं ेज ी का योग कई गुना बढ़ गया है इससे
सं कृ त का वै ीकरण
• भोजन भारत का अपना अनूठा ंज न है ले कन वदे श के ंज न अ धक आसानी से उपल हो गए ह उ ह भारतीय क वाद क लय के अनु प संशो धत कया गया है जैसे
मैक डॉन ् स म पनीर ट का बगर । इससे भोजन क एक व तृत व वधता उपल हो गई है जससे वषमीकरण हो गया है
• दे शी भाषा के साथ साथ कू ली तर से ही छा को च जमन और े नश पढ़ाई जाती है यह सं कृ त के संक रण का उदाहरण है • फ म वदे शी फ म क लोक यता बढ़
है हॉलीवुड चीनी च और को रयाई फ म काफ लोक य ह शहरी युवा. इसके साथ ही इन वदे शी फ म क ानीय भाषा म ड बग
बढे ए वै ीकरण का माण है। • यौहार वैलटाइ स डे ड शप डे जैसे समारोह योहार से संबं धत सां कृ तक मू य म बदलाव के उदाहरण ह। हालाँ क इन नए दन के साथ
पारंप रक योहार को समान उ साह के साथ मनाया जाता है। • ववाह ववाह का मह व कम हो रहा है तलाक म वृ ई है लव इन संबंध म वृ ई है और एकल पालन
पोषण बढ़ रहा है। ववाह को आ मा का बंधन माना जाता था ले कन आज ववाह पेशेवर और सं वदा मक होता जा रहा है। हालां क ववाह के प
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. । सं कृ त का पुन ार
• दे श के साथ साथ अंतरा ीय तर पर भी योग का पुन ार। इसे र वशंक र ारा आट ऑफ ल वग पा म क लोक यता या नया भर म अंतरा ीय योग दवस के उ सव म दे ख ा
जा सकता है।
• दे श और वदे श म आयुव दक औष धय का पुन ार आ है • बाहरी नया के साथ अंतसबंध ारा बढ़ती अ न तता के कारण धा मक पुन ानवाद आ है। यह
मतदाता को आक षत करने के लए धम के उपयोग या धम के आधार पर लोग को लामबंद करने म कट हो सकता है। • वै क बाजार म ानीय ह त श प उ पाद क बढ़ती मांग
जैसे चकनकारी या
बांधनी।
• बढ़ते वै क पयटन के कारण ानीय लोग अपनी व वधता को बनाए रखने के लए यास कर रहे ह और
उनक परंपरा को पुनज वत कर।
छा नोट् स
इन सभी प रवतन ने भारतीय सं कृ त म भारी प रवतन कए ह हालाँ क इनम से अ धकांश प रवतन शहरी े तक ही सी मत ह ले कन ामीण े तेज ी से पकड़ बना रहे ह।
यह यान दया जाना चा हए क सं कृ त को एक अप रवतनीय न त इकाई के प म नह दे ख ा जा सकता है जो सामा जक प रवतन का सामना करने पर या तो ढह सकती है या
वही रह सकती है। आज भी इस बात क अ धक संभावना है क वै ीकरण से न के वल नई ानीय परंपरा ब क वै क परंपरा का भी नमाण होगा।
अ णी होने के नए अवसर पैदा कर सकता है वह सरी ओर यह असबली लाइन उ पादन या आउटसो सग के प म स ते रा ते दान करके नौकरी के अवसर छ न सकता है।
वै क संचार नेटवक और ॉस सां कृ तक आदान दान के आगमन के साथ म हला क त म ब त हद तक बदलाव नह आया है। वै ीकरण ने वा तव म म हला के
लए समानता के वचार और मानदं ड को बढ़ावा दया है जो जाग कता लाए ह और समान अ धकार और अवसर के लए उनके संघष म एक उ ेरक के प म काय कया है।
हालाँ क वै ीकरण एक पतृस ा मक समाज म ल गक असमानता को बढ़ा सकता है वशेष प से वकासशील दे श म। आ थक े म यह अनौपचा रक म े म म हला
के हा शए पर जाने या आय के पारंप रक ोत के नुक सान के मा यम से गरीबी का कारण बन सकता है।
म हला क रपोट के लए संयु रा वकास कोष के अनुसार पछले दो दशक म वै ीकरण क या ने दे श के भीतर और दे श के बीच असमानता को बढ़ाने म योगदान
दया है।
. । वै ीकरण के सकारा मक
• ापक संचार लाइन खोल और अ धक कं प नय के साथ साथ व भ व ापी संगठन को भारत म लाया यह उन म हला के लए अ धक अवसर दान करता है जो
कायबल का एक बड़ा ह सा बन रही ह • म हला के लए नई नौक रय के साथ उ वेतन के अवसर ह जो बढ़ते ह आ म व ास और वतं ता लाता है • इसने
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वतं और आ म नभर।
परंपरागत प से म हलाएं घरेलू ज रत और ब क दे ख भाल के लए घर पर ही रहती थ । अब यादातर म हलाएं जी वकोपाजन के लए अपने नजी ान से बाहर
नकल रही ह। उदाहरण के लए भारत म व रोज़गार म हला संघ SEWA म हला मक का एक संघ है जो कड़ी मेहनत करने और काम के कसी भी अवसर को ा त
करने के लए तैयार ह • वै ीकरण के कारण नारीवाद आंदोलन भारत म फै ल गया है जससे म हलाएं अ धक मुख र हो रही ह
• वै ीकरण ने म हला क श ा म वृ क है इससे वा य दे ख भाल सु वधा म सुधार आ है जससे एमएमआर और आईएमआर म कमी आई है • नया भर से व भ
गैर लाभकारी संगठन को भारत लाया गया है। इन संगठन ने म हला को वे कौशल दए ह जनक उ ह
• इससे वशेषकर शहरी े म म हला क वतं ता म वृ ई है। यह अंतर जातीय ववाह एकल माता लव इन संबंध के मा यम से कट आ है • ामीण प रवेश म
छा नोट् स
• म हला के वहार म बदलाव प मी कपड़ क अ धक वीकृ त शहरी े म डे टग आम हो गई है ामीण और शहरी े म गभ नरोधक का बढ़ता उपयोग।
• काय ल पर म हला का शोषण एक नया मु ा बनकर उभरा है • भारतीय क पतृस ा मक मान सकता के बने रहने से
वै ीकरण आ है इससे म हला के लए सम याएँ उ प ई ह जैसे म हला का व तुक रण म हला को परेशान करने के लए सोशल मी डया का उपयोग म हला के
खलाफ हसा म वृ म हलाएं • उपभो ा के प म म हला को तेज ी से एक उपभो ा सं कृ त का सामना करना पड़ रहा है जो उ ह व तु तक सी मत कर दे ता
वै ीकरण।
भारत क अ धकांश आबाद युवा है। वै ीकरण के त भारत क त या के तरीके म युवा के बीच जनसं या वृ सबसे मह वपूण कारक म से एक है। भारतीय युवा
वै ीकरण को द गई सकारा मक और नकारा मक दोन धारणा को बढ़ावा दे रहे ह। वे वै ीकरण को इस तरह अपना रहे ह जसक पछली पीढ़ ने कभी क पना भी नह क
थी।
आ थक वै ीकरण ने शहरी गरीबी म वृ क है य क लोग अवसर क तलाश म ामीण इलाक से शहर म जाते ह। युवा शहरी वा सय का बड़ा ह सा बनाते ह।
युवा लोग शहर म अवसर खोजने के लए ामीण े के पारंप रक पा रवा रक मानदं ड और था को तोड़ने के लए ो साहन और वतं ता का अनुभव कर रहे ह।
और ख चा जाता है। मह वपूण बु नयाद ढाँचे के अभाव म कई युवा लभ संसाधन के कु बंधन ाचार और कभी कभी ाकृ तक आपदा से पी ड़त होते ह जो अ य धक
आबाद वाले े को तबाह कर दे ते ह। धा मक नाग रक और जातीय संघष भी शहर म उपल आ थक समृ को कमजोर करते ह जसम अ सर युवा लोग सीधे तौर पर
शा मल होते ह।
सबसे छोटे गांव से बड़े शहर तक युवा भारतीय क ाथ मक मह वाकां ा अमीर बनना है। युवा उ म और श ा के मा यम से इस ल य को ा त करने क उ मीद करते ह।
स वल सेवा इंज ी नय रग और च क सा जैसे सबसे उ माना जाने वाला क रयर उ तकनीक और मी डया म उ भुगतान वाली नौक रय के लए रा ता दे रहा है।
वतमान समय के युवा अपनी अ धक भौ तकवाद मह वाकां ा और अ धक व तर पर सू चत वचार के साथ धीरे धीरे कठोर तरीक को छोड़ रहे ह और पारंप रक भारतीय
बाजार को तबं धत कर रहे ह। युवा अ धक महानगरीय समाज क मांग करते ह जो वै क अथ व ा का पूण सद य हो।
भारत को भा वत करने वाली ग तशील वै क आ थक ताकत के अलावा वै ीकरण ने भारत क समृ सं कृ त म बदलाव लाया है। युवा खुद को वै क कशोर के पम
दे ख ते ह। वे जस समुदाय म पैदा ए थे उससे कह अ धक बड़े समुदाय से संबं धत ह। युवा पीढ़ प मी लोक य सं कृ त को अपना रही है और इसे अपनी भारतीय पहचान म
शा मल कर रही है। प मी और भारतीय मू य का एक सू म और श शाली संक रण हो रहा है वशेष प से भारतीय युवा के बीच ।
छा नोट् स
उपभो ावाद ने भारतीय लोग क पारंप रक मा यता और था को बदल दया है और बदल दया है। प म के नए फै शन के प म पारंप रक भारतीय पहनावे म गरावट आ
रही है खासकर शहरी युवा म। नवीनतम कार ट वी इले ॉ नक गैज ेट्स और डी कपड़े खरीदना काफ लोक य हो गया है। युवा गरीब आबाद वशेष प से व ापन म
दे ख े जाने वाले महंगे उ पाद के आकषण के त अ तसंवेदनशील होती है और जब वे इन व ापन का जवाब नह दे पाते ह तो वे नराश हो जाते ह। अपराध उनक हताशा का
प रणाम हो सकता है।
वै ीकरण भी पा रवा रक सं ा को बदल रहा है और एकल प रवार उ रो र आदश बन रहा है। युवा अपने दादा दाद के उतने करीब नह ह जतने पहले क पी ढ़यां थ और
पुरानी पीढ़ के साथ कम समय बताते ह जसके प रणाम व प पीढ़ दर पीढ़ स पे गए ान का नुक सान होता है।
वै ीकरण के कारण युवा मअन तता बढ़ है यह अंत न हत अ रता उन तनाव और नयं ण क कमी को बढ़ाने का काम कर सकती है जो वे दै नक आधार पर अनुभव
करते ह। अ न तता पारंप रक मानदं ड के टू टने प रवार और ववाह जैसे सामा जक संबंध के कमजोर होने बाजार अथ व ा के कारण क रयर म अ न तता के कारण है।
अ धकांश धा मक ग त व धयाँ युवा के लए अ ासं गक होती जा रही ह। वे धम म प रवतन दे ख ना चाहते ह। वे पारंप रक वचार को आ मसात नह कर रहे ह ब क वे के वल
उ ह सहन कर रहे ह।
वै ीकरण के भाव का मू यांक न एक म त बैग के प म होता है अ ा और बुरा दोन । आ थक वै ीकरण ने अ ययन और नौकरी के अवसर म सुधार कया है और रोजगार
के अ धक अवसर दान कए ह। ले कन इसने गरीब को और भी गरीब बना दया है। ले कन मह वपूण बात यह है क वै ीकरण से कोई पीछे नह हट रहा है। युवा को आधु नक
रहेगा। वै ीकरण के कारण प रवार उ रो र कमजोर होता जा रहा है और वाद तेज ी से बढ़ रहा है।
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प रवार क संरचना
• नए रोजगार और श ा के अवसर क तलाश म युवा पीढ़ क बढ़ती ग तशीलता ने पा रवा रक संबंध को कमजोर कर दया है। इससे संयु प रवार का वघटन आ है। संयु
• प रवार के नए प सामने आ रहे ह उदाहरण के लए एकल माता पता प रवार लव इन रलेशन शप म हला धान प रवार दोहरे कै रयर प रवार प त और प नी दोन
कामकाजी ह आ द।
प रवार के काय
• शारी रक री के कारण प रवार के बंधन और बंधन ढ ले होने लगे ह य क प रवार के सद य के लए पहले क तरह एक साथ आना अ वहा रक हो गया था। इसने ब
बीमार और बुज ुग क दे ख भाल और पोषण इकाई के प म प रवार क पहले क आदश धारणा को भा वत कया।
• जीवनसाथी क तलाशः युवा पीढ़ इंटरनेट मै रज साइट् स जैसे शाद .कॉम भारत मै मोनी आ द पर नभर रहने लगी है। हा हन क तलाश म प रवार क भागीदारी कम
हो रही है। हालाँ क भारतीय समाज म अरज मै रज क परंपरा अभी भी ासं गक है।
छा नोट् स
हालाँ क म के बढ़ते वभाजन और काय क वशेष ता के कारण व श सं ान ारा इस भू मका को ले लया गया है।
• हालां क प रवार के काय म प रवतन के बावजूद आज भी कु छ काय अभी भी प रवार के लए व श ह i ब का ाथ मक समाजीकरण ii सामा जक नयं ण क एजसी
अंतवय कसब
• पारंप रक ा धकरण संरचना बदल गई है। प रवार के मु खया पता दादा ने प रवार के कमाने वाले के सामने अपना अ धकार खोना शु कर दया है
• एकल प रवार म वैवा हक नयम और श य के वतरण म बदलाव आया है। • पु ष के लए म हला क कु ल अधीनता और पता क स त अनुशासना मक भू मका
ब े बदल रहे ह
. जा त व ा पर भाव
पारंप रक जा त व ा शु ता और षण के स ांत पर आधा रत है। इसक न न ल खत वशेषताएं थ
• पदानु म • संपक का
उदार वचार जसके प रणाम व प जा त व ा कमजोर ई है। • अंतजातीय ववाह अ धक आम होते जा रहे ह और धीरे धीरे
• वै ीकरण के प रणाम व प शहरीकरण बढ़ रहा है जसने जीवन के धम नरपे पैटन को सुगम बनाया है और इस कार जा त व ा के संपक को अलग करने के पहलू
को भा वत कया है।
हालाँ क प रवतन के बावजूद जा त व ा ने अ य धक लचीलापन दखाया है और अभी भी भारतीय समाज क एक मह वपूण वशेषता के प म मौजूद है।
अ यो या तता म प रल त होता है। प रणाम व प घरेलू आ थक वकास पूरी तरह से घरेलू नी तय और बाजार क तय से नधा रत नह होते ह। ब क वे घरेलू और
अंतररा ीय नी तय और आ थक तय दोन से भा वत ह। भारत म सभी आ थक ग त व धय क दशा और गहराई अब बड़े पैमाने पर वै क अथ व ा ारा नयं त होती
है।
सकारा मक भाव शा मल है
• वै ीकरण क या के साथ साथ अथ व ा के नजीकरण और उदारीकरण क नी तय का भारतीय अथ व ा पर एक नाटक य भाव पड़ा जसने इन उपाय पर तेज ी से
छा नोट् स
इसके अलावा सरकार के पास धन क कमी के कारण सरकार कभी भी टे लीफोन क मांग को पूरा नह कर सक । वा तव म टे लीफोन कने न
लेने वाले को टे लीफोन कने न ा त करने के लए वष तक ती ा करनी पड़ती थी।
• वै ीकरण का सबसे बड़ा योगदान भारतीय के अनुकू ल व भ वशेषता वाले उ पाद क गुण व ा और वकास के े म है। अब चु नदा व तु के
लए ापक वक प उपल ह जससे अ धक त धा के कारण उ पाद क गुण व ा बेहतर ई है। • शेयर बाजार और अंतररा ीय ऋण के
आधार पर वै क पूंज ी संसाधन तक प ंच
हालाँ क कु छ आलोचक ने तक दया है क चीन म गरीबी म कमी के वल इसक असाधारण वृ के कारण थी वा तव म उप सहारा अ का म
पूण गरीबी म वृ ई है और अ धकांश दे श म सापे गरीबी म वृ ई है।
• वै ीकरण ने अ धक जो खम के मा यम से नया भर म लोग तय और समुदाय के बारे म हमारे कोण को उदार बनाया है हमारे पूवा ह और
पूवा ह को कम कया है।
नकारा मक
छा नोट् स
• वै ीकरण ने कई ा पत कं प नय जैसे एंबेसडर कार या फएट कार आ द का नमाण करने वाले संगठन पर तकू ल भाव डाला है जो ा पत वै क खला ड़य से
त धा का सामना करने म वफल रही ह। • सीमा शु क म तेज और तेज कटौती ने भारतीय उ ोग से भारतीय बाजार का बड़ा ह सा छ न लया है और इसे ा पत
वै क खला ड़य से आयात के लए ानांत रत
कर दया है। • वै क त धा के सामने अपने अ त व के लए भारतीय उ ोग ने वै क ौ ो ग कय और वचा लत मशीनरी को अपनाकर खुद को म गहन या से
पूंज ी गहन या म बदल लया है। इसके प रणाम व प भारत म बेरोजगारी क उ दर ई है।
बेरोजगारी आज भारत सरकार के लए सबसे बड़ी चुनौती है। • व तु और सेवा के लए उपभो ावाद म जबरद त वृ ई
है।
हम वै ीकरण को दोधारी ह थयार कह सकते ह। इसने भारतीय उपभो ा को सभी उ गुण व ा वाले वै क ांड का आनंद लेने म मदद क है। इसने भारत सरकार को व
बक से ऋण ा त करने के लए स म करके अ ायी प से अपनी गंभीर वदे शी मु ा सम या से नपटने म मदद क । ले कन आलोचक ने भारत सरकार के अपनी अथ व ा
साथ जोड़ दया जाता है के प रणाम व प े ड यू नयन क श कम हो जाती है और अनौपचा रक अनुबंधीकरण और तालाबंद को बढ़ावा मलता है।
कोई आ य नह वै ीकरण के समथक का हमेशा ढ़ वचार रहा है क वै ीकरण के प रणाम व प म गहन नयात म उ लेख नीय वृ होगी जससे वकासशील दे श म
रोजगार और आय सृज न को बढ़ावा मलेगा। इसके साथ ही एफडीआई के बड़े वाह के प रणाम व प ीनफ े म नवेश म वृ होगी और वकासशील दे श म व रत
य और अ य रोजगार और आय म वृ होगी।
आ थक सुधार के बाद के भारतीय संदभ म अथ व ा क वकास दर और रोजगार क वृ दर म तेज ी आई है ले कन अथ व ा के साथ साथ रोजगार भी अ व वध बना
आ है। पार रक और अंतर े ीय दोन आय असमानताएँ उ बनी ई ह और बढ़ ई तीत होती ह। मक के एक बड़े ह से के लए रोजगार क गुण व ा ब त खराब बनी
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ई है। भारतीय संदभ म न न ल खत बात पर यान दया जा सकता है
नया भर म वै ीकरण क सबसे हड़ताली वशेषता म से एक है। वतं ता के बाद से भारत से वास क
वशेषता औ ो गक दे श म तकनीक कौशल और पेशेवर वशेष ता वाले लोग क आवाजाही और म य पूव के तेल नयातक दे श म अकु शल और अध कु शल मक के
छा नोट् स
हालां क के दशक के दौरान म य पूव म अकु शल और अध कु शल े णय से र उ कौशल क आव यकता वाले सेवा संचालन और रखरखाव मक क ओर
म मांग के पैटन म एक बदलाव आया है। इसके अलावा आईट और सॉ टवेयर सेवा के नयात म तेज ी से वृ ई है
भारत
इन सभी ने भारतीय मक के लए रोजगार के अवसर म वृ क है वशेष प से तब जब दे श म अं ेज ी बोलने वाले लोग का एक ब त बड़ा पूल होने का दावा
कया जाता है। इस या म भारतीय डाय ोरा से नरंतर ेषण जो वा तव म नया म सबसे बड़ा है ने दे श के भुगतान संतुलन म रता का एक त व दान
कया है।
• म हला म उदारीकरण के बाद कायबल का नारीकरण बढ़ा। • बाल म अवांछनीय होने के बावजूद बाल म मु य प से सामा जक आ थक
मजबू रय के कारण ामीण और कृ ष ग त व धय म बना आ है। ले कन कायबल म वष क आयु के ब क भागीदारी म गरावट आई है। एक त ापन भाव रहा है
• औ ो गक संबंध तेज ी से परामश सहयोग और सहम त जबरद ती और टकराव क जगह ले रही है। यह खोए ए मानव दवस क कम सं या म प रल त होता है।
मज र कहे जाने वाले बड़े और अनाकार वग शा मल ह साथ ही वे भी जो वेतनभोगी कमचारी ह ले कन नौकरी क सुर ा वेतन संशोधन और अ य लाभ नह ह। • वै ीकरण
• वै ीकरण से बड़ी कं प नय को लाभ होता है जो ज द और आसानी से सीमा के पार जा सकती ह ले कन मक के लए नुक सानदे ह होती ह वशेष प से कम कु शल
मक के लए जो आसानी से या ब कु ल भी वास नह कर सकते ह। यह कम कु शल मक और छोटे उ पादक पर उनक सौदे बाजी क श को कमजोर करके और
उ ह बढ़ ई त धा के अधीन करके दबाव डालता है। कौशल श ा क कमी और दे श म रोजगार सृज न क धीमी ग त के कारण औपचा रक े म अवसर क कमी
लोग को अनौपचा रक े क ओर धके लती है। • जैसे जैसे अ धक से अ धक पु ष अनौपचा रक अथ व ा म वेश करते ह म हला को
अनौपचा रक अथ व ा के सबसे कम आय वाले छोर पर धके ल दया जाता है। • इस कार अथ व ा का वै ीकरण गरीबी
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बाजार के प म काम करते ह। • वै क व तु ृंख ला के मा यम से आउटसो सग या उप सं वदा ारा वशेषता वाले कई मुख उ ोग म उ पादन और वतरण का
एक ां तकारी पुनगठन कया गया है। शु प रणाम यह है क अ धक से अ धक मक को ब त कम मज री का भुगतान कया जा रहा है और उनम से कई को उ पादन क गैर
हालां क गैर सरकारी अनुसंधान सरकार नजी े और अंतरा ीय वकास संगठन के सहानुभू तपूण त न धय के साथ अनौपचा रक अथ व ा म काम करने वाल के
जमीनी संगठन क ओर से एक सहयोगी यास क आव यकता है ता क समाज के सबसे कमजोर वग को ज त करने म स म बनाया जा सके । ये अवसर।
. । कृ ष पर वै ीकरण का भाव
व ापार संगठन ड यूट ओ के एक सद य रा भारत ने कृ ष े को उदार बनाने और मु और न प ापार को बढ़ावा दे ने क दशा म उ वे समझौते पर ह ता र
कए।
छा नोट् स
जनवरी को गोल समझौते। व ापार संगठन का कृ ष पर समझौता पहला ब प ीय समझौता था जसका उ े य कृ ष ापार म अनु चत था को रोकना और
भारतीय कृ ष ने धीमी औसत वा षक वृ दर दखाई है। अथ व ा के उदारीकरण से पहले के दशक के दौरान यह . थी। ले कन तब से जनसं या क वा षक
वृ दर के सापे वा षक वृ दर म लगातार गरावट आई है। वकास दर म इस गरावट के लए कई कारक ज मेदार थे ऋण क कमी अपया त सचाई कवर और ऋण तता
चूँ क अथ व ा के गैर कृ ष े कृ ष े क तुलना म ब त तेज ग त से बढ़ रहे ह इसके प रणाम व प कु ल सकल घरेलू उ पाद म कृ ष का ह सा घट रहा है।
य प सकल घरेलू उ पाद म कृ ष क ह सेदारी म तेज ी से गरावट आई ले कन रोजगार म इसक ह सेदारी ब त धीमी दर से घट ।
• वै ीकरण के साथ कसान को पारंप रक फसल से कपास और त बाकू जैसी नयातो मुख नकद फसल क ओर ानांत रत होने के लए ो सा हत कया गया था ले कन
ऐसी फसल को उवरक क टनाशक और पानी के प म कह अ धक नवेश क आव यकता थी। • फसल और खेती के े के अनुकू ल कृ ष उपकरण का उ चत
आ थक प से वहाय और लाभदायक हो जाती है। हालां क कृ ष मशीनीकरण म काफ ग त ई है ले कन दे श भर म इसका फै लाव अभी भी असमान है।
• भारत म प सचाई जैसी नई जल बचत था क शु आत क । • नवाह खेती से पूंज ीवाद खेती और अनुबंध म धीरे धीरे बदलाव
आया है
खेती
• वक सत दे श के बाजार तक प ंच बढ़ाना। हालाँ क भारतीय कसान को अभी भी अपनी घ टया तकनीक और वदे शी उपभो ा ारा लगाए गए कड़े गुण व ा मापदं ड के
कारण अपने उ पाद को अमीर दे श म नयात करना मु कल लगता है। सै नटरी और फाइटोसैने टक आव यकता के कारण उदाहरण के लए म यूरोपीय संघ
आ है।
. वै ीकरण और पयावरण
वै ीकरण के वा तुक ार ने अपनी बनाई व ा पर सामा जक जै वक और भौ तक बाधा क उपे ा क है। वै ीकरण के आलोचक ने यान दया है क वै क मु ापार
सामा जक और आ थक तय को बढ़ावा दे ता है जो अपने वयं के अ त व को कम करने क संभावना रखते ह। जै वक और भौ तक सी मत कारक के बारे म भी यही कहा जा
छा नोट् स
• वै ीकरण के कारण क े माल और भोजन को एक ान से सरे ान तक ले जाने म भी वृ ई है। इन उ पाद के प रवहन म खपत होने वाले
धन क मा ा के कारण पयावरण म षण के तर म वृ ई है। इसने कई अ य पयावरणीय चता को भी ज म दया है जैसे व न षण
और प र य घुसपैठ।
प रवहन ने ऊजा के गैर नवीकरणीय ोत पर भी दबाव डाला है। • ओजोन परत क कमी और बढ़ा आ ीनहाउस भाव
अतर चुनौ तयां पैदा करता है। • औ ो गक अप श जो उ पादन के प रणाम व प उ प होता है उसे महासागर म फक दया जाता
है।
इसने कई पानी के जीव को मार डाला है और समु म कई हा नकारक रसायन को जमा कर दया है। तेल टकर से तेल रसाव का खतरा समु
पयावरण के लए खतरा पैदा करता है। • वै ीकरण और औ ोगीकरण के कारण व भ रसायन को म म फक दया गया
है।
इस जहरीले कचरे ने पौध क जेने टक बनावट म दखल दे क र उ ह ब त नुक सान प ंचाया है।
इसने उपल भू म संसाधन पर दबाव डाला है।
• नया के व भ ह स म सुरंग या राजमाग के लए रा ता बनाने के लए पहाड़ को काटा जा रहा है। नई इमारत के लए माग श त करने के
लए वशाल बंज र भू म का अ त मण कया गया है। • वै ीकरण पा र तक तं और समाज क भे ता को बढ़ाता है और सबसे कम
लचीला है
पा र तक तं । सबसे गरीब समुदाय क आजी वका सबसे अ धक जो खम म है।
यह उजागर करना मह वपूण है क वै ीकरण न के वल पयावरण को भा वत करता है ब क पयावरण वै ीकरण क ग त दशा और गुण व ा को भी
भा वत करता है। उदाहरण के लए पयावरणीय संसाधन आ थक वै ीकरण के लए धन दान करते ह। इसी तरह वै क पयावरणीय चुनौ तय के
त सामा जक और नी तगत त याएँ उस संदभ को ववश और भा वत करती ह जसम वै ीकरण होता है।
वै ीकरण पर वतमान बहस इसक पयावरणीय जड़ और संदभ से अलग हो गई है। पयावरण और वै ीकरण के बीच इन संबंध को फर से जांचने और
पहचानने क ज रत है। इन क ड़य को नज़रअंदाज़ करना वै ीकरण क पूण सीमा और कृ त को गलत समझना है और मानवता के सामने आने वाली
कु छ सबसे अ धक दबाव वाली पयावरणीय चुनौ तय का समाधान करने के लए मह वपूण अवसर से चूक ना है।
. आगे का रा ता
व तु और वचार म अंतरा ीय ापार जारी रहेगा और जारी रहना चा हए ले कन वै ीकरण का एकमा प जो वीकाय है वह है जो वै क खतर
से नपटने और इस ह के पयावरण जीवन प और स यता के संर ण म रा को एकजुट करता है।
छा नोट् स
कोण
• पहला भाग सं ेप म यह समझाने क मांग करता है क सं कृ त या है। एक सं त प रभाषा जैसे जीवन का एक तरीका पया त होगा। फर समझाएं क यह
• सरे भाग म जैव चोरी और ानीय श प के शोषण ब रा ीय कं प नय ारा स ता खरीदना महंगा बेचना जैसे बौ क संपदा क चोरी के मामल से नपटना
चा हए • अंत म इस खतरे का मुक ाबला करने के लए कु छ उपाय का सुझ ाव द जैसे पारंप रक ान ड जटल पु तकालय का उ लेख
कया जाना चा हए .
उ र
वै ीकरण क साम ी म सुधार के सां कृ तक आयाम पर अलग अलग वचार ह। वै ीकरण के युग म भारतीय संदभ म सां कृ तक प रवतन क तीन पर र वरोधी
धारणा क पहचान क गई है। • एक पता यह बढ़ती वै क पर र नभरता और पर र जुड़ाव को संद भत करता है जो बढ़ते सां कृ तक मानक करण और
क बढ़ती एक पता बाजार त धा मानवा धकार व तुक रण Cocacolisation Walmartization कॉप रेट सं कृ त फा ट फू ड चेन ई मनी क
अवधारणा आ द।
• सां कृ तक संघष बाजार क त वै ीकरण ानीय और े ीय सं कृ तय म गहरी पैठ बना रहा है जसे कई लोग ारा खतरे के प म दे ख ा जा रहा है।
प रणाम व प वै ीकरण के हमले के खलाफ बचाव के लए पहचान का दावा बढ़ रहा है उदाहरण के लए लव इन रलेशन शप क प मी सं कृ त या
• लोकलाइज़ेशन यह ांसलोकल क चरल म संग क या पर ज़ोर दे ता है जो सां कृ तक वषमता और संक रण म कट होता है उदाहरण के लए
मैक डोना ाइज़ेशन नवरा आ द के दौरान मैक डॉन ् स का शाकाहारी जाना एलोपै थक और हो योपै थक दोन उपचार का सहारा लेना ान
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अथ व ा।
इसके अलावा भारतीय समाज ने हाल के दन म कई लंबे समय से खोई ई सं कृ त का पुनज म भी दे ख ा है उदाहरण के लए योग भावातीत यान आ द।
वै ीकरण को आम तौर पर सां कृ तक सा ा यवाद ा पत करने के यास के प म माना जाता है और इस लए इसे वदे शी श प और ान णा लय के लए
उदाहरण के लए कई रंगमंच समूह समा त हो गए ह पारंप रक बुनकर और श पकार ौ ो गक म नवेश करने क मता के कारण बदलते प रवेश के अनुकू ल
तुलसी ह द ह द ा और बासमती चावल के उपयोग को पेटट कराने के लए कु छ ब रा ीय कं प नय ारा हाल के यास ने अपने वदे शी ान णा लय
के आधार क र ा करने क आव यकता पर काश डाला है। अपने वदे शी श प और ान णा लय क र ा के लए भारत सरकार ने ऐसे सभी ान क पहचान
छा नोट् स
इस कार वै ीकरण सहायक होने के साथ साथ भारतीय सं कृ त और इसके श प और ान णा लय के लए हा नकारक भी हो सकता है। यह सरकार पर नभर
है क वे ऐसी नी तयां बनाएं जो लाभ को अ धकतम कर और अपने नाग रक के नुक सान को कम कर।
कोण
वै ीकरण पर।
• भारत क अ धकांश आबाद युवा है। वै ीकरण के त भारत क त या के तरीके म युवा के बीच जनसं या वृ सबसे मह वपूण कारक म से एक है।
वे वै ीकरण को इस तरह अपना रहे ह जसक पछली पीढ़ ने कभी क पना भी नह क थी।
• आ थक वै ीकरण ने शहरी गरीबी म वृ क है य क लोग अवसर क तलाश म ामीण े से शहर क ओर पलायन कर रहे ह। युवा शहरी वा सय का बड़ा
ह सा बनाते ह। युवा लोग शहर म अवसर खोजने के लए ामीण े के पारंप रक पा रवा रक मानदं ड और था को तोड़ने के लए ो साहन और
वतं ता का अनुभव कर रहे ह।
• ले कन शहरी क म युवा को उ तर क बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है। तनाव त ानीय अथ व ा को खोजने के लए ही युवा वा सय को
शहर म धके ला और ख चा जाता है। मह वपूण बु नयाद ढाँचे के अभाव म कई युवा लभ संसाधन के कु बंधन ाचार और कभी कभी ाकृ तक
आपदा से पी ड़त होते ह जो अ य धक आबाद वाले े को तबाह कर दे ते ह। धा मक नाग रक और जातीय संघष भी शहर म उपल आ थक समृ
को कमजोर करते ह जसम अ सर युवा लोग सीधे तौर पर शा मल होते ह। • सबसे छोटे गांव से लेक र बड़े शहर तक युवा भारतीय क ाथ मक
मह वाकां ा अमीर बनना है। युवा उ म और श ा के मा यम से इस ल य को ा त करने क उ मीद करते ह। स वल सेवा इंज ी नय रग और च क सा
जैसे सबसे उ माना जाने वाला क रयर उ तकनीक और मी डया म उ वेतन वाली नौक रय के लए रा ता दे रहा है।
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• आज के युवा अपनी अ धक भौ तकवाद मह वाकां ा और अ धक वै क प से सू चत वचार के साथ धीरे धीरे कठोर तरीक को छोड़ रहे ह और पारंप रक
भारतीय बाजार को तबं धत कर रहे ह। युवा अ धक महानगरीय समाज क मांग करते ह जो वै क अथ व ा का पूण सद य हो।
• भारत को भा वत करने वाली ग तशील वै क आ थक ताकत के अलावा वै ीकरण ने भारत क समृ सं कृ त म बदलाव लाया है। युवा खुद को वै क
कशोर के प म दे ख ते ह। वे जस समुदाय म पैदा ए थे उससे कह अ धक बड़े समुदाय से संबं धत ह। युवा पीढ़ प मी लोक य सं कृ त को अपना
रही है और इसे अपनी भारतीय पहचान म शा मल कर रही है। प मी और भारतीय मू य का एक सू म और श शाली संक रण हो रहा है वशेष प से
• उपभो ावाद ने भारतीय लोग क पारंप रक मा यता और था को बदल दया है और बदल दया है। प म के नए फै शन के प म पारंप रक भारतीय
पहनावे म गरावट आ रही है खासकर शहरी युवा म। नवीनतम कार ट वी इले ॉ नक गैज ेट्स और डी कपड़े खरीदना काफ लोक य हो गया है। युवा
छा नोट् स
• वै ीकरण भी प रवार सं ा को बदल रहा है और एकल प रवार उ रो र आदश बन रहा है। युवा अपने दादा दाद के उतने करीब नह ह जतने पहले क
पी ढ़यां थ और पुरानी पीढ़ के साथ कम समय बताते ह जसके प रणाम व प पीढ़ दर पीढ़ स पे गए ान का नुक सान होता है। • अ धकांश धा मक
ग त व धयाँ युवा के लए अ ासं गक होती जा रही ह। वे धम म प रवतन दे ख ना चाहते ह। वे पारंप रक वचार को आ मसात नह कर रहे ह ब क वे
आ थक वै ीकरण ने अ ययन और नौकरी के अवसर म सुधार कया है और रोजगार के अ धक अवसर दान कए ह। ले कन इसने गरीब को और भी
गरीब बना दया है। ले कन मह वपूण बात यह है क वै ीकरण से कोई पीछे नह हट रहा है। युवा को आधु नक ग तशील होने और हो रहे वकास का
ह सा बनने का अवसर मलता है। भारतीय को नर रता को मटाने शै क सु वधा को वक सत करने और नए झान के अनुसार युवा को कौशल
कोण
उ र म सामा जक असमानता और वै ीकरण के साथ उनके संबंध को प रभा षत करना चा हए। छा को यह भी आलोचना मक जांच करनी चा हए क या
वै ीकरण वा तव म सामा जक असमानता को आ थक असमानता म बदल रहा है। आपके उ र के समथन म वै क और भारतीय संदभ म व श उदाहरण
दए जा सकते ह।
उ र
• सामा जक असमानता उन तरीक को संद भत करती है जनम य क सामा जक प से प रभा षत े णयां लग आयु वग और जातीयता जैसी वशेषता
के अनुसार म बाजार जैसे व भ सामा जक व तु तक प ंच के संबंध म अलग अलग त म होती ह। और आय के अ य ोत श ा और वा य
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दे ख भाल णाली और राजनी तक त न ध व और भागीदारी के प।
खच करने क मांग करती है। सरकार को श ा वा य दे ख भाल व ता प रवहन आ द जैसे सामा जक े पर य को कम करना पड़ा है। इस लए
वशेष प से वकासशील अथ व ा म सामा जक असमानताएं बढ़ती जा रही ह य क सामा जक याय सु न त करने म सरकार क भू मका कम
हो गई है। • सरी ओर वै ीकरण और उदारीकरण और नजीकरण क इसक सहायक या का शु प रणाम कु छ लोग के हाथ म धन का संके ण
रहा है य क वक सत और वकासशील दोन दे श म आ थक असमानताएँ बढ़ती जा रही ह।
• इसके अलावा यह बढ़ती आ थक असमानता लग आयु वग और जातीयता पर आधा रत सामा जक असमानता के साथ सकारा मक प से सहसंब है। इस
घटना के उदाहरण ह
छा नोट् स
म बल का ीकरण यानी कम वेतन वाली नौक रय म म हला क एका ता प रधान जूता बनाने सेमीकं ड टर असब लग नौक रय और आ त य
पशन और अ य कार के सामा जक समथन म कमी। o वशेष प से प मी दे श म मुख न लीय समूह और अ पसं यक न लीय समूह
इसके प रवतन का नेतृ व कया है। ब क वै ीकरण ने एक ऐसी त पैदा कर द है जहां एक सामा जक प से वं चत
. वै ीकरण ने एक वगहीन समाज क शु आत करने के बजाय वा तव म एक अलग वग वभाजन कया है और भारत म जा त व ा को भी मजबूत कया है।
कोण न न ल खत उप का उ र दे ने क आव यकता है
• वै ीकरण या है • यह वग वभाजन कै से
उ र
वै ीकरण म सीमा के पार माल सेवा और पूंज ी क मु आवाजाही शा मल है। यह एक ववादा द या है और व ान और कायकता के कु छ समूह
वै ीकरण के समथक ने तक दया है क लोग के लए अ धक से अ धक अवसर लाकर वै ीकरण लोग के बीच सामा जक और आ थक समानता को कम करता
है और गरीबी और भूख क सम या को कम करता है। हालाँ क इसके वपरीत भाव भी ए ह जो नीचे सूचीब ह
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• वै ीकरण ने आय असमानता को चौड़ा कया है जैसा क भारत के बढ़ते ग ी गुण ांक ारा मापा गया है। इसने भारतीय समाज म वग संरचना को ठोस बनाने
म योगदान दया है वै ीकरण ने उ ोग म म के अनौपचा रक करण सं वदाकरण को बढ़ावा दया है जसने वेतनभोगी पेशेवर म यम वग पूंज ीप तय
उ वग और न न वग के बीच क खाई को
और चौड़ा कर दया है। ामीण े म पूँज ीवाद खेती का वकास आ है जसने पूँज ीवाद कसान और कसान के बीच और भारत के व भ े के
वै ीकरण ने एक व श म यम वग के वकास को े रत कया है जो पेशेवर आईट बीपीओ जैसे े म छोटे पूंज ीप तय और ापा रय ारा आबाद
है। इस वग ने अपनी खुद क उपसं कृ त वक सत क है जसम उपल उ मुख ता उ श ा और उपभो ावाद पर यान क त करने जैसी
वशेषताएं ह। भारत म जा त संरचना म वग संरचना के साथ कु छ समानताएं ह। इस लए उ वग या पूंज ीवाद कसान पंज ाब ह रयाणा और
प मी यूपी जैसे े म पूववत म य जा तयां ह। इसी तरह वै ीकरण ारा पो षत शहरी म य वग पर पारंप रक उ जा तय का
वच व है
छा नोट् स
. वै ीकरण नया क सभी सं कृ तय को सजातीय बना दे गा । भारत के सामा जक सां कृ तक और आ थक जीवन से उदाहरण लेते ए
इस कथन का समालोचना मक परी ण क जए।
कोण
उ र
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आ थक उदारीकरण और वै ीकरण के कारण नया एक वै क गांव बन गई है। जैसे जैसे वै क नेटवक और समुदाय के नमाण के
मा यम से सामा जक संबंध का व तर पर व तार होता है संचार और प रवहन क ौ ो ग कयां वै क दशक के लए मानक कृ त
उ पाद क एक व तृत ृंख ला उपल कराती ह समाज अ धक सम प अ धक समान हो जाते ह।
म।
सामा जक सां कृ तक तर वै ीकरण के कु छ सामा य मू य जैसे आधु नक करण लोकतं को बढ़ावा दे ना अं ेज ी को बढ़ावा दे ना
भोजन क आदत मैक डॉन ाइजेशन प ा सं कृ त उपभो ावाद मॉल सं कृ त भारत म व भ अंतररा ीय ांड क पैठ
आ द ने एक पता और समानता का नेतृ व कया है। अमे रक सं कृ त और जीवन शैली को हर जगह थोपा। वै क भाषा के प
म अं ेज ी का योग तेज ी से बढ़ रहा है कई भारतीय रे तरां नया के व भ ह स से संबं धत ंज न रख रहे ह। तीय। आ थक
तर ब रा ीय कं प नय के सार कॉप रेट सं कृ त ने भारत म आ थक जीवन और काय सं कृ त म पैठ बना ली है। सूचना
ौ ो गक ां त ारा खोले गए अवसर ने भारत के महानगरीय शहर म सॉ टवेयर फम ब रा ीय बक शेयर बाजार
और अ य संब े म काम करने वाले उ त मोबाइल पेशेवर के वग का नमाण कया है।
छा नोट् स
वै ीकरण ने न के वल भारत म प मी और आधु नक वचार को थोपने का नेतृ व कया है ब क लोकलाइज़ेशन ानीय के साथ वै क
म ण को संद भत करता है को भी आगे बढ़ाया है। भारत म हम पाते ह क टार एमट वी चैनल वी और काटू न नेटवक जैसे सभी वदे शी
टे ली वजन चैनल भारतीय भाषा का उपयोग करते ह। यहां तक क मैक डॉन भी भारत म के वल शाकाहारी और चकन उ पाद बेचता है
न क इसके गोमांस उ पाद जो वदे श म लोक य ह। नवरा उ सव के दौरान मैक डॉन ् स शाकाहारी हो जाता है। संगीत के े म
भांगड़ा पॉप इंडी पॉप यूज न संगीत और यहां तक क री म स क लोक यता म वृ दे ख ी जा सकती है। कई अं ेज ी फ म को
हद म डब कया जा रहा है ता क बाजार म ब बढ़ सके और बड़ी सं या म दशक क ज रत को पूरा कया जा सके ।
साथ ही वै ीकरण क या के कारण ानीय सं कृ तय को समझने और उ ह संर त करने क दशा म एक ेरणा मली है जो भारतीय
सं कृ त को प म म फै लाने म मदद करती है। वै क पयटन सां कृ तक पुन ान के साथ साथ पयटन मांग के जवाब म एक पता को
बढ़ावा दे रहा है और व वधता को संर त करने म भी मदद कर रहा है। भारत क आ या मक और सां कृ तक श जैसे योग आयुवद
यान आ या मकता आ द का सार और वै क हो गया है। ी ी र वशंक र रामदे व वै क गु बन गए ह और आ या मक वचार
ाकृ तक च क सा योग आ द के आदान दान म सहायता कर रहे ह जो तेज ी से लोक य हो रहे ह और नया भर के लोग ारा अपनाए
जा रहे ह।
हालाँ क भारतीय समाज और इसक सं कृ त वै ीकरण के प रणाम व प न न ल खत कारण से काफ बदल रही है समकालीन प रवतन
हो रहे ह जैसे संयु प रवार से अ धक सं या म एकल प रवार एक आदश बन रहे ह युवा तेज ी से अपनी सोच म पा ा य और उपभो ावाद
होते जा रहे ह बुज ुग के बीच मू य का टकराव पीढ़ अंतराल क ओर ले जा रहा है आधु नक जीवन शैली पेशेवर मह वाकां ा और
अवा त वक अपे ा जैसे कई कारण से कई शा दयां टू ट रही ह ट वी चैनल या मास मी डया इंटरनेट एफट वी एमट वी सं कृ त आ द
पर अ सर भारतीय समाज के सां कृ तक अध पतन क ओर अ सर होने का आरोप लगाया गया है। युवा के बीच।
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. भारत म मास मी डया पर वै ीकरण के भाव क चचा क जए। यह भी जाँच क जए क या सनेमा समाज को भा वत करता है या इसके
वपरीत।
कोणः •
सव थम वै ीकरण का प रचय द जए तथा इसके वकास को सं ेप म बताइए
भारत म।
• फर व ेषण कर क इसने मास मी डया के व भ प को कै से भा वत कया है। • अंत म समाज पर
सनेमा के भाव का व ेषण कर और इसके वपरीत।
उ र
वै ीकरण एक ऐसी या है जसके ारा व भ सं कृ तयां समाज और अथ व ाएं ापार और संचार के वै क नेटवक म एक कृ त
हो जाती ह। भारत म वै ीकरण ने के दशक म अथ व ा के उदारीकरण का अनुसरण कया। इसने उपभोग के लए उपल
मी डया साम ी क मा ा और गुण व ा म भारी वृ करके मास मी डया प र य को बदल दया है।
छा नोट् स
• ट मी डया नया भर के अखबार प का और कताब जैसे ट मी डया क आसान उपल ता ने सूचना के सार म काफ मदद क है।
संबं धत मु म कॉपीराइट का उ लंघन प का रता मानक के मु े उ ोगप तय और राजनेता ारा काशन गृह का वा म व आ द शा मल ह । भारतीय
चार करना। o
भू मका। के लए
उदाहरण आकाशवाणी मै ी
ॉडका ट मी डया क चुनौ तय म सां कृ तक सा ा यवाद प का रता और खोजी रपो टग का चरमरा जाना और कु छ मी डया घरान के साथ स ा का
क करण शा मल है।
• ड जटल मी डया इंटरनेट और मोबाइल मास मी डया इंटरनेट तेज ी से भारत म मास मी डया का क बनता जा रहा है। इंटरनेट ने फे सबुक ट् वटर इं टा ाम
जैसी सामा जक वेबसाइट के मा यम से सामा जक ान पर क जा करके सामा जक संपक के पारंप रक पैटन को भा वत कया है जब क साथ ही इसने
सनेमा न संदेह समाज का ही त बब होता है। सनेमा के वषय े और समय के साथ बदलते रहते ह। उदाहरण के लए वतं ता के बाद क भारतीय फ म ने
शशु लोकतं क बढ़ती पीड़ा को दशाया जब क के दशक म व ा के साथ आम आदमी के संघष को दखाया गया।
सरी ओर सनेमा भी सं कृ त को फै लाकर और नर रता ाचार ल गक असमानता पयावरण रण सां दा यकता आ द जैसे संवेदनशील और ववादा द
वषय के बारे म जाग कता पैदा करके समाज को भा वत करता है। हालां क कभी कभी यह अपराध के सार क ओर जाता है वशेष प से कशोर अपराध
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. भले ही वै ीकरण ने म हला के लए रोजगार के अवसर म वृ क है इसने म हला मक के लए नई चुनौ तय का भी नमाण कया है। उदाहरण स हत चचा
क जए।
कोण
• मु य भाग म वै ीकरण के म े नजर म हला के लए रोजगार के अवसर क त और वृ पर चचा कर। • बदलते प रवेश म म हला मक के सामने आने
• सं ेप म इन चुनौ तय से नपटने के लए कु छ उपाय का सुझ ाव द ता क आने वाले भ व य म म हला को वै ीकरण ारा दए गए लाभ का लाभ उठाने म
स म बनाया जा सके ।
उ र
वै ीकरण एक ऐसी या है जसम लोग और दे श ापार म सूचना ौ ो गक या ा सां कृ तक आदान दान और मास मी डया के मा यम से आ थक और
छा नोट् स
वै ीकरण क लहर ने म हला के आ थक और सामा जक जीवन को भी गहराई से छु आ है। इसने म हला मक के लए व भ रा ते खोले ह
मोबाइल और आ थक प से वतं बनाया है। अनौपचा रक े मजबूत ापार और नयात वाह के कारण मु य आ थक तह म म हला का
अवशोषण काफ बढ़ गया है। क ा ट श पकार समूह के एक संघ ने भारत के वै ीकरण के माग पर चलने के बाद से
अ परोजगार और अ ायी काम अ धक आम ह। वा य संबंधी खतरे चूं क उपल ता या काम अ नय मत है वशेष प से असंग ठत े म
बीमारी आ द को ज म दे ता है।
पतृस ा मक रवैया और सां कृ तक मानदं ड वै ीकरण ारा चुनौती अ सर हसा यौन अपराध कांच क छत घरेलू और काय ल उ पीड़न आ द के
प म कट होती है।
रात म काम करना कॉल सटर और ईपीजेड म काम करने वाली म हला के लए अपया त प रवहन सु वधाएं और सुर ा उ ह अपराध के त अ धक
संवेदनशील बनाती है। मशीनीकरण कई पारंप रक उ ोग जहां हथकरघा और खा सं करण जैसे बड़ी सं या म म हलाएं काम करती
ह मशीन पावर लूम आ द क शु आत के साथ उ पादन के प म बदलाव आया है। अनौपचा रकता म हला मक असंग ठत े म ह।
वै ीकरण ने कई ब रा ीय कं प नय को अपने उ पादन को भारत जैसे स ते म वाले दे श म आउटसोस करने के लए े रत कया है। उदाहरण के
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भारत म जीडीपी म क वृ हो सकती है य द मक का म हला पु ष अनुपात बढ़ जाता है। लंबे समय म जो खम को कम करने के लए म हला
के कौशल नवाचार वकासशील नी तय और बीमा उ पाद को बढ़ाकर वै ीकरण के नकारा मक प रणाम को कम करना आव यक है ता क उनके आ थक और
छा नोट् स
इन योजना के तं कानून
सं ा और नकाय का गठन कया
के संर ण और बेहतरी के लए
ये कमजोर वग
अंतव तु
. कमजोर वग........................... .................................................. .................
. । धानमं ी उ वला योजना पीएमयूवाई ........................................... ................................. . . व भ योजना क नगरानी म सुधार के लए हाल क
कमजोर वग के लए भारत म मौजूद तं ........................................... ......... . . कमजोर वग क बेहतरी से संबं धत कानून ........................................... .......
छा नोट् स
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छा नोट् स
. कमजोर वग
भे ता श द को बाहरी ताकत से उ प होने वाली हा न या त के त झुक ाव के प म प रभा षत कया गया है। ापक प से उ त ववरण के अनुसार
कमजोर समूह ह समूह जो सामा य जनसं या क तुलना म गरीबी और सामा जक ब ह कार के उ जो खम का अनुभव करते ह। जातीय अ पसं यक
वा सय वकलांग लोग बेघर मादक के सेवन से जूझ रहे लोग अलग थलग रहने वाले बुज ुग और ब को अ सर क ठनाइय का सामना करना पड़ता
है जो आगे चलकर सामा जक ब ह कार का कारण बन सकता है जैसे क न न तर क श ा और बेरोजगारी या बेरोजगारी।
सामा य समझ म कमजोर वग आबाद के वे वग ह जो अपूण या अ यायपूण व ा के कारण पी ड़त होने के उ जो खम म ह सामा जक राजनी तक
सां कृ तक आ थक भौ तक पा रवा रक संरचना पयावरण या कोई अ य कारक जो इन समूह पर असर डालता है। .
• वे एक समूह के प म असुर त ह • यह भे ता कई
कारक के कारण है सामा जक सां कृ तक आ थक • यह भे ता व त और संर चत है
भारत म व भ समूह को कमजोर वग के तहत शा मल कया जा सकता है जैसे ब े म हलाएं अनुसू चत जा त अनुसू चत जनजा त अ य पछड़ा वग
अ पसं यक व र नाग रक वकलांग एलजीबीट समुदाय गरीब आ द।
मानवीय आधार
आ थक अ नवायता
• क याणकारी योजनाएं गरीब और वं चत क र ा करती ह और म बल को कौशल आ थक क याण के नचले पायदान पर सुस त करती ह जससे वे
आ थक वकास को ग त दे ने क या म बेहतर भागीदारी करने म स म होते ह।
रा नमाण
• कमजोर तबके हमेशा नुक सान म रहगे जससे जीवन क न न गुण व ा और उनके ारा पसंद कए जाने वाले वक प घटगे जससे समाज म आ ोश और
घषण पैदा होगा।
छा नोट् स
• ये तबके सामा जक सां कृ तक और राजनी तक व ा को अ यायपूण दे ख गे और रा नमाण और सभी नाग रक म एकता क भावना पैदा करने के काम म बाधा डालगे .
. समाज के कमजोर वग
. ।ब े
सभी ब को उनक उ के कारण शोषण वहार हसा और उपे ा का जो खम माना जाता है। हालां क वशेष प से क ठन प र तय म रहने वाले ब े जनम अनाथ
और सड़क पर रहने वाले ब े शरणाथ या व ा पत ब े बाल मक वे यावृ या यौन शोषण म फं से ब े वकलांग ब े और अपराधी ब े शा मल ह वशेष प से
कमजोर ह।
ले कन भे ता को के वल उ से प रभा षत नह कया जा सकता है। जब क कमजोर ब े श द एक आयु समूह को संद भत करता है जसे जो खम म माना जाता है ले कन ब
क भे ता न न ल खत कारक से और बढ़ जाती है • शारी रक अ मता • मान सक अ मता • उ ेज क वहार ब के मान सक वा य या वहार संबंधी सम या क
•श हीनता ब को घेरने वाली तय और लोग से आती है। य द कसी ब े को रा य प रवार या समुदाय ारा भाग लेने और अपने वयं के अ धकार और ज मेदा रय
को पूरा करने क श द जाती है तो वे कम असुर त होते ह। • नःसहायता रा य या माता पता या समुदाय ारा दान क गई सुर ा क कमी से आती है। य द कोई
कर सकता है।
सुर ा णाली।
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भारत म कमजोर ब को और भी सम या का सामना करना पड़ता है जैसे क न न ल खत
• उनम से कु छ ह
ब के बारे म त य
शो षत मज र जैसा ब ा
• हमारे दे श म कू ल जाने क उ के म से ब ा कू ल से बाहर है जनगणना • भारत म
वष क आयु के बीच
•ब े गरीबी और भेदभाव का सामना कर रहे ह म लयन बाल मक ह और वष क आयु के बीच . म लयन बाल मक ह। जनगणना
के लए अ धक असुर त
कु पोषण वा य खराब खराब • भारत म हर दन लगभग ब े लापता हो जाते ह अपहरण और अपहरण हमारे दे श म ब के
खलाफ सबसे बड़ा अपराध है रा ीय अपराध रकॉड यूरो • भारत म वष से कम आयु
शै क सु वधाएं खराब संसाधन इस कार
के . म लयन ब े कु पो षत ह आईसीडीएस • दे श म
उनक वतं ता और अवसर को सी मत करते
वष के बीच के म से ब े नाटे ह NFHS • भारत म ववा हत म हला क
ह • च लत सामा जक कु री तय के कारण
शाद बचपन म
बा लकाएं और भी अ धक नुक सान म ह
ई थी
छा नोट् स
. . ।ब से संबं धत योजनाएं
उ े य
लाभा थय
ICDS योजना छह सेवा का पैके ज दान करती है अथात। पूरक पोषण ी कू ल गैर औपचा रक श ा पोषण और वा य श ा ट काकरण
वा य जांच और रेफ रल सेवाएं।
• आंगनवाड़ी के को दान कए गए बु नयाद ढांचे और सहायता के भौ तक स यापन से पता चला क उनम से के पास पया त जगह है और इस
कार शेष के पास या तो जगह क कमी है या अनुपयु आवास है। यह भी पाया गया क आंगनवाड़ी के के पास अपना आवास है
और शेष कराए के आवास म त ह। • अ ययन म पाया गया क . आंगनवाड़ी क म पीने के पानी क सु वधा है और शेष .
म सुर त पेयजल क सु वधा नह है। इसके अलावा आंगनवाड़ी क म व ता क त म सुधार क आव यकता है
य क उनम से के वल . ही अ व ता त बनाए ए ह।
सुझ ाव
छा नोट् स
• एड यूसी आवास उ चत सु वधा से सुस त होना चा हए जैसे। व ता सु वधाएं सुर त पेयजल शौचालय पया त दवाएं बजली बजली क आपू त खेलने के उपकरण
• येक आंगनवाड़ी क म पया त सं या म मक को नयु कया जाना चा हए। आंगनवाड़ी कायकता सहा यका के लए नधा रत मा सक
मानदे य म वृ क आव यकता तीत होती है। इसके अलावा आंगनवाड़ी कायकता को अ य काय के लए तैनात नह कया जाना चा हए।
• आंगनवाड़ी कायकता और उनके पयवे क को नय मत
श ण दया जाना चा हए। इसके अलावा उ ह वतं प से र ज टर और अ य अ भलेख को संभालने के लए पुन या श ण ा त करना
चा हए।
• डॉ टर को आंगनवाड़ी क म नय मत प से जाना चा हए।
• आंगनवाड़ी के को अपने साथ नामां कत सभी ब का पूरा वा य रकॉड रखना चा हए। वतमान म आंगनवाड़ी क को लगभग र ज टर को
बनाए रखने क आव यकता होती है जो क ब त अ धक तीत होते ह।
इनक सं या कम यूनतम करने के लए समी ा क जानी चा हए।
• कु पो षत ब क माता को नय मत परामश दया जाना चा हए। • के क मौके पर नगरानी एवं पयवे ण लॉक एवं जला ारा कया जाये
तर के अ धकारी नय मत प से
• आंगनवाड़ी के पर दान कया जाने वाला भोजन अ गुण व ा और पोषण वाला होना चा हए। व ीय मानदं ड म वृ से आंगनवाड़ी क के
भोजन क गुण व ा म वृ हो सकती है। खाना पकाने के योजन के लए एलपीजी गैस का ावधान भी येक एड यूसी को दान कया जा
सकता है।
न कष
क सरकार शू य से पांच वष से अ धक आयु वग के ब म कु पोषण को कम करने के लए आंगनवाड़ी क के नेटवक के मा यम से हर साल हजार करोड़ पये खच कर रही है।
अ ययन के मह वपूण न कष म से एक यह है क सामा य ेड के ब े कु ल नमूना आकार का . पाए गए ह जसका अथ है क ब त सारी बाधा के बावजूद से वष
के ब म कु पोषण कम आ है। उ के साल। जैसा क े अ ययन से प रक पना क गई है लोग आईसीडीएस काय म से अ तरह वा कफ ह और अपने ब को
आंगनवाड़ी क म भेज रहे ह। हालां क र दराज के इलाक के ब े इन सु वधा का लाभ नह उठा पा रहे ह। शहरी और ामीण े म सावज नक नसरी कू ल खोलने से
आजकल आंगनवाड़ी क मब के नामांक न के लए एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है जब तक क आंगनवाड़ी क क ढांचागत और अ य सु वधा का उ यन नह कया
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एक कृ त बाल संर ण योजना क य म हला एवं बाल वकास मं ालय ारा से क ायो जत योजना के प म काया वत क जा रही है। यह बाल अ धकार क
सुर ा और ब े के सव म हत के मूलभूत स ांत पर आधा रत है। इसका उ े य कानून का उ लंघन करने वाले ब के साथ साथ दे ख भाल और संर ण क आव यकता
वाले ब के लए एक सुर त वातावरण बनाना है। यह बेहतर मानदं ड के साथ कई मौजूदा बाल संर ण काय म को एक छतरी के नीचे लाने क एक ापक योजना है। ICPS
के मुख ो ामे टक घटक म शा मल ह
खुला आ य • ायोजन पालक दे ख भाल गोद लेने और बाद के मा यम से प रवार आधा रत गैर सं ागत दे ख भाल
दे ख भाल
छा नोट् स
सेव द च न ारा का शत एक रपोट म आईसीपीएस के काया वयन के बारे म न न ल खत ब पर काश डाला गया है
फ़ायदे
• आईसीपीएस के काया वयन के प रणाम व प चाइ कै अर सं ान सीसीआई के व पोषण और नगरानी के साथ साथ सीड यूसी और जेज ेबी जैसे वैधा नक नकाय के
चुनौ तयां
• योजना सी मत मता और खराब न ध उपयोग से भा वत ई है। • भे ता मान च ण के लए सव ण जला बाल संर ण इकाइय के लए एक
• वतमान म सड़क पर रहने वाले ब के लए उ ासं गकता क योजना के मह वपूण पहलू जैसे क पालक दे ख भाल ायोजन काय म और बड़े ब क दे ख भाल के बाद
अ य धक अ वक सत रहते ह।
• चाइ लाइन हे पलाइन के मा यम से आपातकालीन आउटरीच सेवा को भी गमता के मु का सामना करना पड़ रहा है खासकर मोबाइल के आगमन और पीसीओ
प रणाम व प अपने सराहनीय उ े य के बावजूद आईसीपीएस म ब क पहचान बचाव और पुनवास के लए स य और नरंतर यास के मा यम से दे ख भाल और सुर ा
सव श ा अ भयान एसएसए
यह काय म उन ब तय म नए कू ल खोलने का यास करता है जहां कू ली श ा क सु वधा नह है और अ त र क ाक शौचालय पेयजल रखरखाव अनुदान और कू ल
सुधार अनुदान के मा यम से मौजूदा कू ल बु नयाद ढांचे को मजबूत करना है। अपया त श क सं या वाले मौजूदा व ालय को अ त र श क दान कए जाते ह जब क
करने के लए मजबूत कया जा रहा है। एसएसए जीवन कौशल स हत गुण व ापूण ारं भक श ा दान करना चाहता है।
एसएसए का बा लका श ा और वशेष आव यकता वाले ब पर वशेष यान है। एसएसए ड जटल डवाइड को पाटने के लए कं यूटर श ा भी दान करना चाहता है।
• एसएसए ह त ेप के कारण कू ल न जाने वाले ब क सं या म मह वपूण कमी दे ख ी गई है। सामा जक और ामीण अनुसंधान सं ान SRI अंतरा ीय वपणन अनुसंधान
यूरो IMRB ारा कए गए एक वतं अ ययन के अनुसार कू ल न जाने वाले ब क सं या म . लाख से घटकर म . लाख रह गई है। •
आरट ई अ ध नयम येक नवास ान के कमी के दायरे म एक कू ल के लए नधा रत करता है ता क यह सु न त कया जा सके क येक ब े को अपने नवास
ान के भीतर एक कू ल होने का अवसर मले जससे कू ल क उपल ता म सकारा मक कमी आई है। • संयु रा शै क वै ा नक और सां कृ तक संगठन
यूने को ने कहा क दे श ने श ा के अ धकार कानून और सावभौ मक ारं भक श ा काय म के तब काया वयन ारा ब को कू ल म भेज ने म नया म सबसे अ धक
ग त क है।
छा नोट् स
• भारत ने नया के कसी भी दे श क तुलना म सबसे बड़ी ग त पूण प से क है जो वष म कू ल से बाहर ब क सं या म लयन से घटाकर म .
• बेहतर ढांचागत सु वधा को बढ़ाने के लए संसाधन के अनुकू लन के साथ आसपास के कई कू ल के बजाय एक ही कू ल बेहतर उ े य क पू त कर सकता था। • माता पता
अपने बेट को नजी कू ल म भेज ना पसंद करते ह जब क लड़ कय को सरकारी कू ल म भेज ा जाता है। • हालां क नामांक न
• एएसईआर क रपोट कहती है क आरट ई संबंधी व भ मानदं ड के अनुपालन म ब त अ धक ग त नह ई है। एसएसए इं ा चर बजट म वृ के बावजूद श क
क ा पेयजल सु वधा रसोई शेड खेल के मैदान पूण चारद वारी धाना यापक के लए एक अलग कमरे क सं या म कमी वाले कू ल का अनुपात ब त अ धक
आगे बढ़ने का रा ता
• पया त बु नयाद ढांचे और श क के बना आस पास के कू ल क बढ़ती सं या से बचने के लए येक आवास के कमी के दायरे म कू ल होने क शत पर पुन वचार करने
क आव यकता है।
म या भोजन एमडीएम भारत म सरकारी और सरकारी सहायता ा त कू ल म ब को परोसा जाने वाला ताजा पका आ दोपहर का भोजन है। म या भोजन योजना का
उ े य है
म हला को सश बनाएं
छा नोट् स
•अ गुण व ा और पया त मा ा सु न त करने के लए पंचायत क दे ख रेख म पीडीएस डीलर क ज मेदारी कू ल म खा ा क डलीवरी क जानी चा हए। • म या
भोजन योजना कू ल जाने वाले ब के पोषण क त म सुधार करने और वशेष प से वं चत समूह एससी और एसट क लड़ कय
• कु छ कू ल म पया त बु नयाद ढांचा नह है और बहता पानी नह है। • यह योजना संरचना मक सम या से त है सबसे बड़ी एक उ चत क कमी है
• कोई प रभा षत संरचना नह है और येक रा य इसे अपनी इ ा के अनुसार काय करता है।
• यह दे ख ा गया है क यादातर रा य ने पीडीएस डीलर ारा कू ल वाइंट पर खा ा प ंचाने के लए भारत सरकार के दशा नदश का पालन नह कया जसके प रणाम व प
खा ा का रसाव आ।
प सल एक इले ॉ नक लेटफॉम है जसका उ े य बाल म मु समाज के ल य को ा त करने म क रा य जला सरकार नाग रक समाज और आम जनता को शा मल
करना है।
प सल के घटक
• चाइ ै कग स टम • कं लट कॉनर • रा य
सरकार
• बाल म से प रयोजना े म सभी ब क पहचान और नकासी के मा यम से सभी कार के बाल म को समा त करना काम से नकाले गए ब को ावसा यक श ण
के साथ मु यधारा क श ा के लए तैयार करना लाभ के लए व भ सरकारी वभाग एज सय ारा दान क जाने वाली सेवा का अ भसरण सु न त करना ब े
और उनके प रवार क
• कौशल वकास क मौजूदा योजना के मा यम से ावसा यक श ण के अवसर क सु वधा के मा यम से खतरनाक वसाय से सभी कशोर मक क वापसी और उनके
कौशल और उपयु वसाय म एक करण म योगदान करने के लए • हतधारक और ल त समुदाय के बीच जाग कता बढ़ाना और एनसीएलपी और अ य
ल य समूह • च हत
छा नोट् स
पेशा। • च हत ल य
े म बाल मक के प रवार।
रणनी त •
ल त े म एक स म वातावरण बनाने के लए जहां ब को कू ल म दा खला लेने और काम करने से रोकने के लए व भ उपाय के मा यम से े रत और सश बनाया
जाता है
कशो रय के सश करण के कई आयाम ह और इसके लए ब े ीय त या क आव यकता है। सबला एक ापक प से प रक पत योजना है जसम वा य श ा
और रोजगार के मुख े से इनपुट शा मल ह जनम से येक को एक कशोर लड़क के सम वकास के लए मूलभूत आव यकता है। इसके ल त लाभाथ दे श के सभी
योजना के डजाइन और वतरण ने ापक तरीके से उनके वा य सामा जक आ थक और मनोवै ा नक आव यकता को पूरा करने का यास कया है।
• धनरा श का उपयोग और लाभा थय को राशन वतरण नय मत आधार पर हो रहा है। गैर पोषण घटक के तहत व भ ग त व धय को व भ रा य म अलग अलग सफलता
और आसानी के साथ लागू कया गया है। कू ल क मु य धारा और ावसा यक श ण जैसी ग त व धय क तुलना म वा य जांच आईएफए टै बलेट क डलीवरी
पोषण और वा य परामश और एआरएसएच परामश ए सपोजर व जट स हत जीवन कौशल श ा अ धक सुचा प से हो रही है • वा य वभाग के साथ अ भसरण
अ तरह से लागू कया गया है और श ा युवा मामल और म और रोजगार े के साथ सम वय म सुधार क आव यकता है। • सभी रा य ने गैर सरकारी संगठन
• अ ययन म पाया गया क नमूने के लाभाथ योजना के पोषण परामश वा य जांच और जीवन कौशल घटक से अवगत थे। जन गैर लाभा थय का सा ा कार
लया गया उनम जाग कता का तर लगभग अ धक था। अ य हतधारक जैसे पंचायत सद य माता पता और सामुदा यक संगठन के त न ध भी इस योजना
से अवगत थे।
छा नोट् स
रपोट के सकारा मक न कष
• सरकारी अ धका रय लाभा थय गैर लाभा थय माता पता समुदाय के सद य नाग रक समाज संगठन और अ य हतधारक के बीच सबला के
संबंध म सकारा मक धारणा
• लाभा थय और आंगनवाड़ी कायकता हतधारक और सरकारी अ धका रय के बीच उ जाग कता • पोषण घटक पोषण घटक को भावी
ढं ग से लागू कया गया है य क
ICDS के पहले से मौजूद तं पर इसक डलीवरी को सु व त करना।
•अ ा डजाइन कई तर पर मुख हतधारक ने सहम त क है और रेख ां कत कया है क
योजना को ापक प से डजाइन कया गया है और इसम कशोर वकास के शारी रक पोषण वा य मनोवै ा नक और सामा जक आयाम
को शा मल कया गया है
•अ ा अ भसरण वतमान प र य म अ भसरण ने वा य वभाग के साथ अ तरह से काम कया है और योजना के घटक जैसे वा य जांच
पोषण और वा य श ा एनएचई और आईएफए टै बलेट के वतरण को सु व त कया गया है।
रपोट के नकारा मक न कष
• गैर पोषण घटक गैर पोषण घटक के काया वयन और सेवा वतरण म और सुधार कए जाने क आव यकता है। • आंगनवाड़ी कायकता क सी मत
मता आंगनवाड़ी कायकता को रा य म के वल सी मत नरंतर
श ण और सहायता ा त ई है जसके कारण उनक मता सी मत है।
• आंगनवाड़ी के क सीमाएं भी इस योजना क सीमा के प म काय करती ह। • न ध पया तता गैर पोषण घटक
के लए बजट य ावधान कए गए ह
अपया त होने का अ ययन कया।
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छा नोट् स
• सुक या समृ योजना बेट बचाओ बेट पढाओ अ भयान के एक भाग के प म शु क गई बा लका के लए एक छोट जमा योजना है जो . तशत क याज दर
इसका उ े य मा य मक तर पर आयु
• आईसीडीएस के तहत कशो रयां एजी योजना का मु य उ े य पोषण और ल गक नुक सान के अंतर पीढ़ गत जीवन च को तोड़ना और आ म वकास के लए एक सहायक
वातावरण दान करना है।
. । औरत
भारत परंपरागत प से एक पतृस ा मक समाज रहा है और इस लए म हलाएं चाहे उनका वग जा त या धम कु छ भी हो वे हमेशा सामा जक बाधा और अ मता से पी ड़त
रही ह। इस कार पारंप रक प से पु ष धान समाज म म हला क त म सुधार के लए कु छ सुधारा मक कदम उठाना आव यक हो गया।
• म हला को व भ कार क हसा का सामना करना पड़ता है जैसे क शशुह या पोषण संबंधी आव यकता क उपे ा श ा और वा य
दे ख भाल।
• उनके नाम पर ब त कम या कोई संप नह है और ब त कम या खराब औपचा रक श ा के साथ वे
• संसाधन और अपने जीवन से जुड़े मह वपूण फै सल पर उनका ब त कम नयं ण होता है। • कम उ म शाद और ब े पैदा करना म हला के वा य पर तकू ल
. . । योजना
इसका उ े य कौशल दान करना है जो म हला को रोजगार दान करता है और द ता और कौशल दान करता है
छा नोट् स
वाधार गृह योजना क ठन प र तय क शकार म हला को ल त करती है। योजना के तहत हर जले म म हला को रखने क मता वाला
वाधार गृह ा पत कया जाएगा। आ य भोजन व परामश श ण नैदा नक और कानूनी सहायता के ावधान के मा यम से इस योजना का
उ े य क ठन प र तय म म हला का पुनवास करना है अथात पा रवा रक कलह अपराध हसा मान सक तनाव सामा जक ब ह कार या मजबूर
होने के कारण बेघर ई म हला का वे यावृ और नै तक खतरे म ह।
योजना के न न ल खत उ े य ह
भारत सरकार ने रोजगार बाजार म म हला क अ धक ग तशीलता को बढ़ावा दे ने के लए म कामकाजी म हला क छा ावास योजना
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शु क । इस योजना का उ े य कामकाजी म हला के लए सुर त और सु वधाजनक आवास क उपल ता को बढ़ावा दे ना है जहां कह भी संभव
हो शहरी अध शहरी या यहां तक क ामीण े म जहां म हला के लए रोजगार के अवसर मौजूद ह उनके ब के लए डे के यर क सु वधा है।
म म हला एवं बाल वकास मं ालय ारा ा पत एक अ ययन ारा कामकाजी म हला छा ावास योजना का SWOT व ेषण नीचे तुत कया
गया है
छा नोट् स
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योजना को और सु ढ़ करने के सुझ ाव
• छा ावास भवन और उपकरण के नय मत रखरखाव और रखरखाव को सु न त करने के लए योजना म रखरखाव के लए प र ामी न ध और या अनुदान के लए ावधान करना ।
• वेतन सीमा बढ़ाकर पये करने के लए पा ता नयम म बदलाव कया जाए । महानगरीय शहर म मौजूदा से और
• सुर ा सु वधा का उ यन
सभी छा ावास म सीसीट वी का ावधान सु न त
कर क फु टे ज क नय मत जाँच क जाती है येक वेश
ार पर आने और जाने के लए र ज टर दान कर जसक जाँच क जानी चा हए छा ावास के बाहर के े म
ट लाइ टग सु न त कर हे पलाइन या कसी अ य मा यम से x
आपातकालीन सेवा दान कर
• नई सु वधा का ावधान
छा नोट् स
छा ावास को इंटरनेट कने ट वट वाई फाई और टग और कै नग सु वधा के साथ कं यूटर क सु न त करना चा हए।
छा ावास म पु तकालय
कॉमन म मनोरंज न क जम जैसी सु वधाएं शा मल हो सकती ह
अतर सु वधाएं दान कर
उ वला योजना
यह त करी क रोकथाम और बचाव पुनवास पुन एक करण और वा ण यक यौन शोषण के पी ड़त के यावतन के लए एक ापक योजना है जसे म हला एवं बाल वकास
मं ालय ारा काया वत कया जा रहा है। इस योजना के तहत सुर ा मक और पुनवास गृह को आ य और बु नयाद सु वधाएं जैसे भोजन कपड़ा च क सा दे ख भाल कानूनी
सहायता दान करने के लए व ीय सहायता द जाती है पी ड़त के ब े होने क त म श ा साथ ही पी ड़त को वैक पक आजी वका वक प दान करने के लए
उ म सखी भारतीय म हला को वसाय शु करने बनाने और वक सत करने म मदद करती है। यह वीकार करता है क उ ोग म म हला उ मी आ थक सुधार और ताकत
एमसीट एस वा य और प रवार क याण मं ालय क एक पहल है जो गभवती म हला और साल तक क उ के ब को वा य दे ख भाल और ट काकरण सेवा के पूण
े म क डलीवरी सु न त करने के लए सूचना ौ ो गक का लाभ उठाने के लए है। यह सेवा वतरण क सु वधा और नगरानी करता है और सेवा दाता और लाभा थय
पहले इसे इं दरा गांधी मातृ व सहयोग योजना के नाम से जाना जाता था इस योजना के तहत गभवती म हला को अ ताल म रहने ट काकरण और पोषण के लए
पये दए जाते ह।
क दे श भर म चरणब तरीके से नजी और सावज नक दोन ान पर हसा से भा वत म हला को एक छत के नीचे एक कृ त समथन और सहायता दान करने के लए
ा पत कए जाएंगे।
सरकार अपने कु छ नाग रक को उनक सामा जक और आ थक त के आधार पर अनुसू चत जा त एससी अनुसू चत जनजा त एसट और अ य पछड़ा वग ओबीसी के
प म वग कृ त करती है। इन नाग रक को उनके खलाफ च लत पारंप रक भेदभाव के कारण वशेष उपचार के यो य माना जाता है।
छा नोट् स
• वे अ य धक सामा जक शै क और आ थक पछड़ेपन से तह
• बु नयाद ढांचे क सु वधा और भौगो लक सु वधा क पारंप रक कमी के कारण भी उ ह नुक सान उठाना पड़ता है
एकांत।
. . । अनुसू चत जनजा त
अनुसू चत जा तय क तरह अनुसू चत जनजा तयाँ भारतीय सं वधान ारा मा यता ा त सामा जक समूह ह ज ह वशेष प से गरीबी श हीनता और सामा जक कलंक ारा
च त कया गया है। भारत के सं वधान का अनु ेद अनुसू चत जनजा तय को ऐसी जनजा तय या जनजातीय समुदाय या
ऐसी जनजा तय या जनजातीय समुदाय के ह से या समूह ज ह इस सं वधान के योजन के लए अनु ेद के तहत अनुसू चत जनजा त माना जाता है। इन समुदाय क
वशेषताएं ह
• आ दम ल ण • भौगो लक
ह • आ थक प से पछड़े
उनसे जुड़े मु े
ह सा ह
मज र औ ो गक मज र।
. . । अ य पछड़ा वग ओबीसी
पछड़े वग का मतलब अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त के अलावा नाग रक के ऐसे पछड़े वग से है ज ह क सरकार ारा समय समय पर नाग रक के पछड़े वग के
प म नयु य या पद के आर ण के लए ावधान करने के उ े य से न द कया जा सकता है। उस सरकार क राय भारत सरकार और भारत के े के भीतर या भारत
सरकार के नयं ण म कसी ानीय या अ य ा धकरण के अधीन सेवा म पया त प से त न ध व नह करती है।
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चूं क इन वग को अ सर समान कार के नुक सान का सामना करना पड़ता है इस लए सरकार ने व भ योजनाएं शु क ह जनके समान उ े य ह ले कन इन वग म से येक
ऐसी कु छ योजनाएँ नीचे द गई ह। इन योजना के बाद हम इन वग के संबंध म व श योजना को दे ख गे। समान उ े य वाली योजनाएँ ह
पीओए
जैसा क पीसीआर और पीओए अ ध नयम संबं धत रा य सरकार और संघ ारा लागू कए जाते ह
े ीय शासन इसके भावी काया वयन को सु न त करने क से उ ह पीसीआर के काया वयन के लए क ायो जत योजना के तहत क य सहायता दान क जाती है
और
पीओए अ ध नयम मु य प से न न ल खत उ े य के लए
• अनुसू चत जा तय और अनुसू चत जनजा तय के संर ण का काय और सु ढ़ करण
सेल और वशेष पु लस टे शन।
छा नोट् स
टड अप इं डया योजना
टड अप इं डया योजना एक ीनफ उ म ा पत करने के लए कम से कम एक अनुसू चत जा त एससी या अनुसू चत जनजा त एसट उधारकता और त बक शाखा म
कम से कम एक म हला उधारकता को लाख पये और करोड़ पये के बीच बक ऋण क सु वधा दे ती है। यह उ म व नमाण सेवा या ापार े म हो सकता है। गैर
गत उ म के मामले म कम से कम शेयरधा रता और नयं ण ह सेदारी या तो अनुसू चत जा त अनुसू चत जनजा त या म हला उ मी के पास होनी चा हए।
अ य योजनाएं लाभ समान उ े य के साथ ले कन अनुसू चत जा त अनुसू चत जनजा त और अ य पछड़ा वग के लए अलग से चलते ह
. . । अनुसू चत जा तय के लए व श योजनाएँ
अनुसू चत जा तय के लाभ के लए वकास के सभी सामा य े से ल त व ीय और भौ तक लाभ के वाह को सु न त करने के लए एससीएसपी एक ापक रणनी त है।
रणनी त के तहत रा य क शा सत दे श को संसाधन को नधा रत करके अनुसू चत जा तय के लए वशेष घटक योजना एससीपी तैयार करने और लागू करने क
आव यकता है।
• मु य प से ासं गक क य और रा य योजना के अ भसरण काया वयन के मा यम से • इन गांव को अंतराल भरने के प म क य सहायता दान करके
. लाख त ाम
• उन ग त व धय को शु करने के लए गैप फ लग घटक दान करके जो इसके तहत कवर नह होते ह
वचर कै पटल फं ड भारत सरकार ारा पये क ारं भक पूंज ी के साथ शु क गई एक सामा जक े क पहल है। भारत म अनुसू चत जा त क आबाद के बीच उ मता को
बढ़ावा दे ने के लए करोड़। योजना के तहत अनुसू चत जा त के उ मय को वष तक क अव ध के लए . करोड़ पये तक क व ीय सहायता दान क जाएगी।
म एक संसद य ायी स म त ने पाया क इस कोष से म एक पैसा भी खच नह कया गया था। स म त ने कहा अनुसू चत जा त के उ मय के लए वचर
कै पटल फं ड अनुसू चत जा त के बीच उ मशीलता को बढ़ावा दे ने और अनुसू चत जा त के उ मय के लए व ीय समावेशन बढ़ाने के लए एकमा योजना है ता क उ ह समाज
म आगे बढ़ने के लए े रत कया जा सके । म योजना क शु आत के बाद से इस योजना के लए आवंटन कम हो रहा है तब से इस योजना के तहत ब त कम रा श
छा नोट् स
भारत सरकार जनजातीय मामल के मं ालय ने आ दवा सय के क याण के लए वनबंधु क याण योजना VKY शु क है। वीके वाई का उ े य जनजातीय लोग के आव यकता
आधा रत और प रणाम उ मुख सम वकास के लए स म वातावरण बनाना है। यह या यह सु न त करने क प रक पना करती है क क और रा य सरकार के व भ
काय म योजना के तहत व तु और सेवा के सभी इ त लाभ वा तव म उपयु सं ागत तं के मा यम से संसाधन के अ भसरण ारा ल य समूह तक प ँचे।
वशेष क य सहायता एससीए आ दवासी मामल के मं ालय ारा रा य सरकार को रा य ट एसपी के लए एक योजक के प म दान क जाती है। SCA मु य प से कृ ष
बागवानी रेशम उ पादन और पशुपालन सहयोग के े म प रवारो मुख आय सृज न योजना के लए है। एससीए के एक भाग से अ धक नह को भी ऐसी आय सृ जत
एसट छा के लए शीष ेण ी क श ा
मामल के मं ालय ारा इस उ े य के लए पहचाने गए कसी भी सं ान म ड ी और नातको र तर पर अ ययन करने के लए ो सा हत करना है। .
जनजातीय े म ावसा यक श णक
इस योजना का मु य उ े य व भ पारंप रक आधु नक वसाय म आ दवासी युवा के कौशल को उनक शै क यो यता वतमान आ थक वृ य और बाजार क मता के
संशोधन का ाथ मक उ े य म य व ालय उ तर मा य मक व ालय कॉलेज और व व ालय म पढ़ने वाली अनुसू चत जनजा त क लड़ कय के लए छा ावास नमाण
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काय म शु करने के लए काया वयन एज सय को उनक ॉपआउट दर म कमी लाने के ापक कोण क ओर आक षत करना है।
इस योजना का उ े य आ दवासी छा के बीच सा रता दर बढ़ाने और उ ह दे श क अ य आबाद के बराबर लाने के लए सीखने के अनुकू ल माहौल म पीट जी स हत अनुसू चत
दे श म सभी े और ब तय म श ा के चार सार के लए गुण व ापूण आवासीय व ालय क ापना क वृ के संदभ म अनुसू चत जनजा त के छा के लए एकल
आदश आवासीय व ालय EMRS जवाहर नवोदय व ालय क तूरबा गांधी बा लका व ालय म अपना ान बनाते ह। और के य व ालय।
. . । अ य पछड़ा वग के लए व श योजनाएँ
योजना के तहत म हला को कसी लघु उ ोग के प म रोजगार का कोई ोत ढूं ढकर अपनी आ थक त को मजबूत बनाने के लए ऋण दया जाता है। इसका उ े य
छा नोट् स
योजना गरीबी रेख ा से दोगुने नीचे रहने वाले पछड़े वग क पा म हला के बीच आ म नभरता क भावना पैदा करने के लए है। नई व णमा क मु य वशेषताएं ह
• अ धकतम ऋण सीमा पये है। त लाभाथ और त वष क दर से याज लया जाएगा • लाभाथ म हला
को प रयोजना पर अपनी ओर से कोई रा श नवेश करने क आव यकता नह है।
Saksham
यह ल त समूह के पछड़े वग के युवा पेशेवर के लए साव ध ऋण के तहत एक वशेष योजना है। अ धकतम ऋण सीमा . लाख त लाभाथ है। . लाख तक के ऋण
श प संपदा
इस योजना का उ े य पारंप रक श प आ द म वरोजगार के लए साव ध ऋण के तहत श ण और व ीय सहायता दान करके पछड़े वग के तकनीक और उ मशीलता
कौशल को उ त करना है। इस योजना के तहत . लाख तक का ऋण ा त कर। . लाख तक के ऋण पर त वष क दर से याज लगता है और . लाख से .
दे हात
. । व र नाग रक वृ
एक व र नाग रक का अथ भारत का नाग रक होने के नाते कोई भी है जसने साठ वष या उससे अ धक क आयु ा त कर ली है। बुज ुग के बीच भे ता बीमारी और
वकलांगता क बढ़ती घटना उनके जीवनसाथी ब और प रवार के अ य छोटे सद य पर आ थक नभरता के कारण है।
. . । योजना
सरकार ने वृ ाव ा के दौरान सामा जक सुर ा दान करने और अ न त बाजार तय के कारण उनक याज आय म भ व य म गरावट के खलाफ वष और उससे
अ धक आयु के बुज ुग क सुर ा के लए धानमं ी वय वंदना योजना पीएमवीवीवाई शु क है। यह योजना भारतीय जीवन बीमा नगम को सरकारी गारंट के आधार पर
छा नोट् स
एलआईसी । माच तक पीएमवीवीवाई के तहत कु ल . लाख लाभाथ व र नाग रक ह। पछली व र पशन बीमा योजना
योजना म कु ल . लाख लाभाथ ह।
रा ीय वयो ी योजना
• चलने क छड़ • कोहनी
बैसाखी • वॉकर बैसाखी •
तपाई चतु कोण • वण यं •
हीलचेयर
• कृ म डे चर
• च मा
वृ य के लए एक एक कृ त काय म
योजना का मु य उ े य आ य भोजन च क सा दे ख भाल और मनोरंज न के अवसर जैसी बु नयाद सु वधाएं दान करके और सरकारी गैर सरकारी
मता नमाण के लए सहायता दान करके उ पादक और स य उ बढ़ने को ो सा हत करके वृ य के जीवन क गुण व ा म सुधार करना
है। संगठन पंचायती राज सं ान ानीय नकाय और बड़े पैमाने पर समुदाय।
यह क सरकार ारा शु क गई गैर अंशदायी पशन योजना है जो वष या उससे अ धक आयु के य और गरीबी रेख ा से नीचे बीपीएल
ेण ी के य को पशन दान करने के लए शु क गई है। mayuresh.spt@hotmail.com
इं दरा गांधी रा ीय वृ ाव ा पशन योजना आईजीएनओएपीएस के तहत पशन का क य योगदान पये है। त माह त लाभाथ वष
तक और त माह त लाभाथ वष से आगे और रा य सरकार इस रा श से अ धक का योगदान कर सकती ह।
. । वकलांग य
वकलांग य के अ धकार पर संयु रा क घोषणा कोई भी या तो ज मजात या गैर वयं क कमी के प रणाम व प
एक सामा य और या सामा जक जीवन क आव यकता को पूरी तरह से या आं शक प से सु न त करने म असमथ है। शारी रक
या मान सक मता को वकलांग के प म व णत कया जा सकता है।
छा नोट् स
के वल इ ाश के मा यम से र नह क जा सकत ।
• लगभग एक तहाई नःश जनसँ या अपने ज म से ही नःश ता
से त है।
वकलांगता का मुख प।
•
वकलांग य को कई प का सामना करना पड़ता है
नया भर म वकलांगता और समय से पहले मौत के दस
भेदभाव जैसे मुख कारण म से पांच मनोरोग तय के कारण ह।
• जस समाज म वे रहते ह वहां उ ह कलंक और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। • उ ह समाज के सद य के साथ सामूहीकरण करने म मु कल हो
साथ ही आ म दया।
. . । योजना
सामा जक याय और अ धका रता मं ालय ने सुलभ भारत अ भयान सुग य भारत अ भयान क संक पना सावभौ मक प ंच ा त करने के लए एक रा ापी मुख अ भयान
के प म क है जो वकलांग य को समान अवसर तक प ंच ा त करने और वतं प से रहने और पूरी तरह से भाग लेने म स म बनाएगा। एक समावेशी समाज म जीवन
के सभी पहलु । अ भयान का ल य न मत पयावरण प रवहन णाली और सूचना एवं संचार पा र तक तं क प ंच को बढ़ाना है।
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प रवहन सूचना और संचार सूचना और संचार ौ ो ग कय और णा लय स हत
सर के साथ समान आधार पर वकलांग य क प ंच सु न त करने के
सुग य भारत अ भयान के घटक • न मत पयावरण सुग यता • प रवहन णाली
लए उ चत उपाय कर और शहरी और ामीण दोन े म जनता के लए खुली
सुग यता • सूचना और संचार पा र तक
या दान क जाने वाली अ य सु वधा और सेवा के लए।
स टम ए से स ब लट
सुग य पु तकालय
सुगमय पु तकालय एक ऑनलाइन मंच है जो वकलांग लोग को ट करने के लए सुलभ साम ी उपल कराता है। पु तकालय म व वध वषय और भाषा और कई
सुलभ ा प म काशन ह। यह वकलांग य के अ धका रता वभाग द ांगजन सामा जक याय और अ धका रता मं ालय ारा डेज़ ी फोरम ऑफ़ इं डया के सद य
संगठन के सहयोग से बनाया गया है और ट सीएस ए सेस ारा संचा लत है। बा धत और अ य मु ण अ मता वाले लोग के लए पु तक सुलभ व प म उपल ह।
व वध भाषा म लाख से अ धक पु तक। सबसे बड़े अंतररा ीय पु तकालय बुक शेयर स हत भारत और नया भर के पु तकालय को एक कृ त करना।
यह संशो धत योजना है जसे पहले शीषक दया गया था वकलांग य के लए वै क कारवाई को बढ़ावा दे ने क योजना । योजना के उ े य ह
छा नोट् स
वकलांग य का सश करण।
कोण और रणनी त
इस योजना का कोण वै क संगठन को व ीय सहायता दान करना है ता क वकलांग य के पुनवास के लए आव यक सेवा क पूरी ृंख ला उपल कराई जा
सके जसम ारं भक ह त ेप दै नक जीवन कौशल का वकास श ा कौशल वकास रोजगार क ओर उ मुख श ण और जाग कता पैदा करना शा मल है। . वकलांग
य को समाज क मु य धारा म शा मल करने और उनक मता को साकार करने क से श ा और श ण काय म पर जोर दया जाएगा। योजना के उ े य को
ा त करने के लए मुख रणनी तयाँ न नानुसार ह गी • सभी तर पर और सभी प म शै क अवसर को बढ़ाना और ावसा यक और ावसा यक अवसर आय सृज न
और लाभकारी वसाय के दायरे को बढ़ाना। • ऐसे सभी उपाय का समथन करना जो औपचा रक के साथ साथ बढ़ावा दे ने के लए आव यक हो सकते ह
और श ण साम ी।
एडीआईपी योजना
सहायक यं उपकरण क खरीद फ टग के लए वकलांग य क सहायता एडीआईपी योजना का मु य उ े य ज रतमंद वकलांग य को टकाऊ प र कृ त और
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वै ा नक प से न मत आधु नक मानक सहायक उपकरण और उपकरण क खरीद म सहायता करना है जो उनके शारी रक सामा जक वकास को बढ़ावा दे सक। और
मनोवै ा नक पुनवास वकलांगता के भाव को कम करके और उनक आ थक मता को बढ़ाकर। योजना के तहत आपू त क जाने वाली सहायक साम ी और उपकरण जहां
तक संभव हो बीआईएस व नदश के अनु प ह गे। यह योजना गैर सरकारी संगठन इस मं ालय के अधीन रा ीय सं ान और ए ल को एक पीएसयू जैसी काया वयन
. । अ पसं यक
भारत का सं वधान कह भी अ पसं यक श द को प रभा षत नह करता है ले कन के वल कु छ अनु ेद से और A से B म इसका
उ लेख करता है। अ पसं यक का ज करते ए अनु ेद नाग रक के कसी भी वग क एक अलग भाषा ल प और सं कृ त क बात करता
है। अनु ेद अ पसं यक क दो े णय धा मक और भाषाई के बारे म बोलता है जब क अनु ेद भाषाई अ पसं यक से संबं धत है।
धान मं ी जन वकास काय म पीएमजेवीके अ पसं यक समुदाय को वशेष प से श ा वा य के े म बेहतर सामा जक आ थक आधारभूत सु वधाएं दान करना
चाहता है।
छा नोट् स
और कौशल वकास जो पछड़ेपन के मापदं ड के संबंध म रा ीय औसत और अ पसं यक समुदाय के बीच अंतर को कम करने म मदद करेगा। पीएमजेवीके पूव ब े ीय वकास
नई रोशनी
इस योजना क प रक पना गैर सरकारी संगठन के मा यम से म हला तक प ंचने के लए क गई है ज ह नेतृ व वकास श ण आयो जत करने के लए व ीय सहायता
दान क जाएगी ता क म हला को घर और समुदाय क सीमा से बाहर नकलने और नेतृ व क भू मका नभाने और सामू हक प से अपने अ धकार का दावा करने के लए
छा वृ योजनाएं
अ धसू चत अ पसं यक समुदाय से संबं धत छा जैसे। मु लम ईसाई सख बौ जैन पारसी पारसी अपनी पा ता के आधार पर न न ल खत छा वृ का लाभ उठा
आजाद एजुके शन फाउं डेशन एमएईएफ ारा काया वत अ पसं यक क मेधावी लड़ कय के लए बेगम हजरत महल रा ीय
अ पसं यक मामल के क य मं ालय भारत सरकार ने सतंबर को अ पसं यक के कौशल वकास के लए एक क य े योजना शु क । योजना के मु य उ े य
ह • व योजना अव ध के दौरान अ पसं यक क बेरोजगारी दर को कम करना। • अ पसं यक के पारंप रक कौशल को संर त और अ तन करना
बाज़ार।
नयु ।
• सीमांत अ पसं यक के लए बेहतर आजी वका के साधन सृ जत करना और उ ह इसके दायरे म लाना
मु यधारा।
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• अ पसं यक को बढ़ते बाजार म अवसर का लाभ उठाने म स म बनाना। • दे श के लए संभा वत मानव संसाधन वक सत
करना।
जयो पारसी योजना का मु य उ े य वै ा नक ोटोकॉल और संर चत ह त ेप को अपनाकर पारसी आबाद क घटती वृ को उलटना है पारसी आबाद को र करना और
अ पसं यक मामल के मं ालय भारत सरकार ने वदे शी अ ययन के लए अ पसं यक छा के लए याज स सडी दान करने के लए एक योजना शु क है। यह योजना
नालंदा योजना
क य अ पसं यक मामल के मं ालय ने माच को अ पसं यक उ श ा सं ान के लए नालंदा प रयोजना शु क है। नालंदा प रयोजना क य अ पसं यक
मामल के मं ालय का एक अ भनव संक ाय वकास काय म है। नालंदा प रयोजना अलीगढ़ मु लम व व ालय म शु क जा रही है जो व स का एक मुख
अ पसं यक व व ालय है। अलीगढ़ मु लम व व ालय व व ालय अनुदान आयोग का एक नोडल टाफ कॉलेज भी है।
छा नोट् स
योजना के तहत मौलाना आज़ाद एजुके शन फाउं डेशन MAEF ारा आ थक प से सहायता ा त सं ान के येक छा को सेहत काड जारी कया
जाएगा।
अ य योजनाएँ
• मौलाना ारा अजमेर म वाजा गरीब नवाज सी नयर सेक डरी कू ल क ापना क जा रही है
आज़ाद एजुके शन फाउं डेशन MAEF अ पसं यक श ा को बढ़ावा दे ने के लए।
• नई मं जल द नी के शै णक और कौशल वकास अंतराल को पाटने के लए एक ज कोस
मदरसा पासआउट अपने मु यधारा के समक के साथ।
• रा य व फ बोड का सु ढ़ करण इस योजना म रा य व फ बोड के श ण और शास नक लागत को पूरा करने व फ संप य से अ त मण हटाने
और व फ बोड के े ीय े ीय कायालय को मजबूत करने के लए सहायता दान करने क प रक पना क गई है।
और ांसजडर LGBT य ने ऐ तहा सक प से नया भर म भेदभाव और हसा का सामना कया है और अब भी कर रहे ह। क जनगणना
के अनुसार भारत म लगभग छह लाख ांसजडर लोग रहते ह। भारतीय पैनल सं हता क धारा समल गक ग त व धय को आपरा धक बनाती है जो
उ ह और कमजोर बनाती ह। नजता के अ धकार पर एक ऐ तहा सक फै सले म सु ीम कोट ने कहा क एलजीबीट आबाद के अ धकार व न संवैधा नक
स ांत पर ा पत वा त वक अ धकार ह। हालाँ क उ ह व भ मु का सामना करना पड़ता है जैसे
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• सामा जक भेदभाव वतं ता का अभाव रोजगार और श ा क कमी
अवसर वा य दे ख भाल तक सी मत प ंच आ द।
• जबरन या बंधुआ मज री सावज नक ान का उपयोग करने से मना करना घर म रहने से मना करना
गाँव
• शारी रक यौन मौ खक भावना मक और आ थक शोषण • धारा के नाम पर बना
कसी मदद या उपाय के धमक लैक मेल और यहां तक क हसा भी • वे नरंतर भय और मनोवै ा नक तनाव म रहते ह • जब क धारा के तहत
अ भयोजन लभ रहा है कानून एलजीबीट समुदाय के सद य को परेशान करने के लए
इ तेमाल कया जाता है।
. . । योजना
वीकृ त
वीकृ त ओ डशा सरकार ारा शु क गई एक छ योजना है जसे कई गुना उ े य के साथ एक मशन मोड म संचा लत कया जाना है। ांसजडर
य के लए समान याय सु न त करने के लए वीकृ त योजना न न ल खत ापक उ े य पर यान क त करती है • समान अवसर इ वट
सामा जक याय और सु न त करने के लए एक स म वातावरण बनाना
रा य के ांसजडर य का सश करण।
• ांसजडर य के भावी सामा जक एक करण को सु न त करने के लए सभी हतधारक क वै क कारवाई और भागीदारी को ो सा हत
करना।
छा नोट् स
• रा य म ांसजडर य के अ धकार और अ धकार क सुर ा के लए आउटरीच ग त व धय का व तार करना। • व रोजगार के लए ांसजडर य ारा गत
• मौजूदा काया वयन मशीनरी को मजबूत करने और कवरेज के लए सु वधा का नमाण करने के लए
रा य के सभी ांसजडर य।
इस योजना का कोण ांसजडर य के पुनवास के लए आव यक सेवा क पूरी ृंख ला उपल कराना है। ांसजडर य को समाज क मु यधारा म शा मल करने
य के लए गंभीर वा य दे ख भाल और समूह बीमा सहायता के लए सहायता। • संक ट म ांसजडर य के लए कानूनी सहायता और सलाह परामश और मागदशन
• ओ डशा ांसजडर लोग को सामा जक क याण लाभ दे ने वाला पहला रा य बन गया जैसे क पशन आवास और खा ा आमतौर पर के वल सबसे गरीब लोग के लए
• सरकार ारा शु क गई सा थया योजना समान लग के आकषण को सौ यता और समझदारी से संबो धत करती है और कहती है क समान लग के के त आक षत
महसूस करना ठ क है
आपका अपना।
. । गरीब
संसाधन को वहन करने म अ म होने के कारण गरीब य को कई सम या का सामना करना पड़ता है वा य सेवा श ा मनोरंज न जीवन क बेहतर गुण व ा या कु छ
और। यह उ ह गरीबी के एक च म जीने के लए मजबूर करता है जहां उनके नपटान म कम पैसे के कारण वे बेहतर श ा ा त करने म स म नह होते ह जो उ ह कम वेतन
वाली नौक रय म उधार दे ने या बेरोजगार होने क ओर ले जाता है जो बदले म उनक गरीबी को कायम रखता है और वे स म नह होते ह। गरीबी के जाल से बाहर नकलने के लए।
. . । गरीब य के लए योजनाएं
एमजीएनआरईजीए
महा मा गांधी नरेगा सरकार का मुख रोजगार सृज न काय म है। यह रोजगार के अवसर सृ जत करने और गरीब और समाज के वं चत वग के हाथ म अ त र आय दे ने म
सहायक रहा है
छा नोट् स
येक व ीय वष म येक पंज ीकृ त ामीण प रवार को दन के वेतन रोजगार के हकदारी के साथ अकु शल काय करने के लए वै क।
इ त लाभाथ
• ामीण आबाद
• अकु शल शारी रक मक
• मौसमी बेरोजगार
मु य वशेषताएं
संर ण वनीकरण और भू म वकास काय को संबो धत करने वाले काय पर कृ ष अथ व ा रोजगार का सतत वकास • मज री और साम ी अनुपात होना
चा हए बनाए रखा। कोई ठे के दार और मशीनरी नह है
अनुमत
• क सरकार अकु शल शारी रक मक तशत मज री लागत और कु शल और अध कु शल मक क मज री स हत साम ी लागत का तशत वहन करती
है।
• कम से कम एक तहाई लाभाथ म हलाएं ह गी।
मनरेगा पर शोध अ ययन ने योजना के कई सकारा मक भाव क ओर इशारा कया है। ये इस कार ह
• मनरेगा ने न न ल खत म मदद क है
मज री चाहने वाल क सौदे बाजी क श म वृ वशेष प से वाटरशेड ग त व धय म
आ थक प रणाम म सुधार ामीण शहरी वासन को कम करना ामीण त मा सक खपत य म उ लेख नीय वृ
करना
घर
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• यह एक व ल त काय म के प म सफल हो रहा है जसम उपे त लोग क उ भागीदारी है
एससी और एसट स हत समूह।
• सभी नमूना ल पर नयोजन म ाम सभा क भू मका औपचा रक कृ त क अ धक थी और काय म को आपू त संचा लत मोड म काया वत कया जा रहा है और
पंचायत संचा लत काय चयन म कमी है।
छा नोट् स
• मनरेगा के तहत सामुदा यक प रयोजना क आव यकता कम मह वपूण होती जा रही है य क शायद ऐसे काय पहले ही पूरे हो चुके ह या संतृ त के कगार पर ह या इन े
म सामा य च क कमी के कारण और इसके बजाय खेत म गत ग त व धय को ाथ मकता द जा रही है। • कु छ ान पर मनरेगा के तहत गत ग त व धय
के लए बाजार और मनरेगा मज री के अंतर का भुगतान लाभा थय ारा कया जाता है। • कु छ ान पर मनरेगा के काय म के वल म हला क च है य क
पु ष के लए बाजार मज री ब त अ धक है जसके प रणाम व प बड़ी प रयोजना के बजाय के वल छोटे काय कए जा रहे ह। • या का पूरी तरह से पालन नह करने
न कष
जब क आम तौर पर मनरेगा अपने उ े य को पूरा करने म स म रही है काय म को अ धक उपयोगी और यहां तक क वकासो मुख बनाने के लए बेहतर बंधन और आगे
संशोधन क आव यकता है। कु छ ान पर पयटन के वकास के लए इस काय म के उपयोग क गुंज ाइश भी है य क अ य समुदाय संबंधी कृ ष ग त व धयाँ अब तक पूरी हो
चुक ह। यह एकल या कु छ लाभा थय के बजाय कई लाभा थय और यहां तक क रा नमाण म मदद कर सकता है।
. व भ अ य योजना का दशन
. । रा ीय ामीण वा य मशन
एनआरएचएम के आगमन के साथ भारत ने ामीण गरीब को स ती वा य सु वधाएं दान करने म उ लेख नीय उपल यां हा सल क ह
• दे श भर म वा य णाली म . लाख से अ धक वा य मानव संसाधन जोड़े गए सतंबर तक । • एनआरएचएम अव ध के दौरान लगभग सभी रा य म सं ागत
भारत के सभी रा य म अ धकांश नवजात ब का ट काकरण कया गया है • एनआरएचएम न ध के उपयोग म इस अव ध के दौरान सभी तर पर सुधार आ है। • उप
क और पीएचसी ने एनआरएचएम के तहत वक करण के साथ मु अनुदान का उपयोग करना शु कर दया है।
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• भौ तक अवसंरचना एनआरएचएम क ापना के बाद से बड़ी सं या म सीएचसी पीएचसी और एससी को भारत म ामीण वा य सेवा म जोड़ा गया है। हालाँ क x
आधार पर सीएचसी एचसी और एससी का कामकाज अभी भी आव यकता से कम है। बु नयाद ढांचा भी भारतीय सावज नक वा य मानक आईपीएचएस के मानदं ड
से काफ कम है।
• मानव संसाधन लगभग सभी रा य म वशेष नातको र डॉ टर ी रोग वशेष टाफ नस और एने े ट ट तक क कमी के साथ सावज नक वा य सं ान म मानव
• रेफ रल और आपातकालीन प रवहन म य दे श झारखंड असम और त मलनाडु जैसे कु छ रा य म यह णाली काफ कु शलता से काम कर रही है। हालाँ क उ र दे श
उड़ीसा और ज मू क मीर के अ धकांश जल म मोबाइल मे डकल यू नट काम नह कर रही ह। अ म आपातकालीन प रवहन णाली के अलावा वा य दे ख भाल सेवा
क प ंच म बाधा आ रही है।
•अ ताल का रख रखाव यहां तक क कई जल म प रधीय सेवा जैसे सफाई धुलाई खानपान आ द को भी आउटसोस नह कया गया है।
छा नोट् स
नवजात शशु को ज म दे ने वाली म हलाएं भी सव के बाद कम से कम घंटे तक नह रहती ह य क व ता बजली पीने यो य पानी आ द जैसी बु नयाद
सु वधा क कमी होती है। • मता नमाण हालां क सभी रा य म श त आशा क भत क जाती है कु छ रा य म वे ह ठ क से श त
नह ह और कु छ रा य म तो आशा कायकता के चयन के दशा नदश का भी ठ क से पालन नह कया जाता है। मौजूदा श ण अवसंरचना जैसे मे डकल कॉलेज न सग
दे ख भाल।
वाले अशु खाना पकाने के धन को व और अ धक कु शल एलपीजी तरलीकृ त पे ो लयम गैस से बदला जा सके ।
• साइलो म योजनाएँ बनाने समान योजना को एकजुट करने और काया वयन म रा य क अ धक भू मका के वपरीत एक े ापी कोण म बदलाव आया है जससे
• नगरानी गव और व भारत डैशबोड जवाबदे ही तय करने ग त और सावज नक संपक को ापक बनाने MyGoV म ौ ो गक के बढ़ते उपयोग के साथ वतरण म
बाधा को भी संबो धत कया गया है। • सोशल मी डया और उनके रे डयो काय म के मा यम से धानमं ी क भागीदारी स हत स य संचार ने कई क याणकारी
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. । आगे बढ़ने का रा ता
सामा जक और क याण संके तक पर आ थक वकास के भाव को सुधारने के लए सामा जक सुर ा काय म म मु य शास नक और शासन क अ मता को संबो धत
कया जाना चा हए। यह सामा जक क याण बजट म बड़ी वृ के बना ा त कया जा सकता है और इससे द ता म सुधार भी हो सकता है।
गई व भ योजनाएं • वधायी नकाय ारा पा रत व भ कानून • सरकार ारा लाई गई व भ नी तयां • इन समूह के क याण के लए ा पत
छा नोट् स
संवैधा नक ावधान
• अनु ेद त करी और बंधुआ मज री के लए मजबूर होने से बचाने का अ धकार • अनु ेद वष से कम उ के ब के रोजगार पर तबंध
कारखाना
छह वष क आयु पूरी कर
ब से संबं धत कानून
इसके न न ल खत दोहरे उ े य ह
• गभधारण पूव और सव पूव नदान तकनीक व नयमन और पयोग क रोकथाम अ ध नयम पीसीपीएनडीट अ ध नयम इसे गभाधान से पहले या बाद
म लग चयन पर रोक लगाने और पूव गभाधान के पयोग क
• कशोर याय ब क दे ख भाल और संर ण अ ध नयम यह दे ख भाल और संर ण क आव यकता वाले ब और कानून का उ लंघन करने वाले ब दोन के लए
ब े या कानून के साथ संघष करने वाले ब े म प रवतन अनाथ प र य और आ मसमपण करने वाले ब और छोटे गंभीर और जघ य
अपराध जैसी कई नई प रभाषा को शा मल करना। ब े कशोर याय बोड जेज ेबी और बाल क याण स म त सीड यूसी क श य काय और ज मेदा रय म
ता कशोर याय बोड जेज ेबी ारा जांच के लए समय सीमा mayuresh.spt@hotmail.com
सोलह वष से अ धक आयु के ब ारा कए गए
वष
अनाथ प र य और गोद लेने को सु व त करने के लए द क हण पर अलग नया अ याय
आ मसमपण करने वाले ब े
ब के व कए गए नए अपराध को शा मल करना और अ नवाय पंज ीकरण
बाल दे ख भाल सं ान। • यौन अपराध से
ब का संर ण अ ध नयम
o यह यौन शोषण यौन उ पीड़न जैसे यौन अपराध के लए दं डा मक ावधान दान करता है
छा नोट् स
अ य उपकरण
•ब पर रा ीय नी त
नी त ने चार मुख ाथ मकता वाले े क पहचान क है उ रजी वता वा य और पोषण श ा और वकास यान क त करने के लए सुर ा और भागीदारी।
चूं क ब क ज रत ब े ीय पर र जुड़ी ई ह और सामू हक कारवाई क आव यकता है इस लए नी त व भ े और शासन के तर
म उ े यपूण अ भसरण और सम वय क मांग करती है।
. . । औरत
संवैधा नक ावधान
मज री के लए मजबूर होने से बचाने का अ धकार • अनु ेद ए रा य यह सु न त करे क पु ष और म हला को समान प से अ धकार मले आजी वका
के पया त साधन के लए
• दहेज नषेध अ ध नयम दहेज को दं डा मक ावधान दान करके समा त करने के लए। • अनै तक ापार
रोकथाम अ ध नयम म हला क त करी के लए दं डा मक ावधान • म हला का अशोभनीय तनधव
नषेध अ ध नयम म हला क ग रमा क र ा के लए • सती आयोग रोकथाम अ ध नयम सती था को समा त
कया गया • रा ीय म हला अ ध नयम अ ध नयम mayuresh.spt@hotmail.com
रा ीय म हला आयोग क ापना
अ य उपकरण
संवैधा नक ावधान
छा नोट् स
• नाग रक अ धकार का संर ण अ ध नयम यह अ ृ यता के लए दं डा मक ावधान का ावधान करता है। • अनुसू चत जा त अनुसू चत जनजा त
अ याचार नवारण अ ध नयम इसका उ े य अनुसू चत जा त के सद य के खलाफ अ याचार है
और एस.ट
. . । व र नाग रक वृ
संवैधा नक ावधान
व र नाग रक के भरण पोषण के लए कसी भी या र तेदार क बा यता बशत क उस र तेदार के पास ऐसे व र नाग रक
क संप हो या उसक संप वरासत म ा त होगी
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अ य उपकरण
• व र नाग रक पर रा ीय नी त
व र नाग रक के भरण पोषण अ ध नयम के लए जाग कता पैदा करना व र नाग रक के लए एक हे पलाइन ा पत
करना व र नाग रक के लए एक रा ीय आयोग क ापना
करना और वृ के लए एक रा ीय टक ापना करना .
. . । वकलांग य
संवैधा नक ावधान
• तावना अनु ेद अनु ेद और डीपीएसपी एक समावेशी वकास के लए अ णी सभी य क समानता याय और ग रमा का
अ धकार दान करते ह जसम वकलांग भी शा मल ह।
वकलांग य के लए अ ध नय मत कानून
छा नोट् स
अ य उपकरण
. . । अ पसं यक
संवैधा नक ावधान
• अलग अलग पसनल लॉ अलग अलग धम से संबं धत य के ववाह तलाक और उ रा धकार के अ धकार को नयं त करते ह जैसे भारतीय
ईसाई ववाह अ ध नयम पे रस ववाह और तलाक अ ध नयम
भारत का सं वधान सभी य क समानता वतं ता याय और ग रमा सु न त करता है और अ य प से ांसजडर य स हत सभी के
लए एक समावेशी समाज को अ नवाय करता है अनु ेद और ।
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यह वधेयक एक ांसजडर के खलाफ श ा रोजगार और वा य दे ख भाल जैसे े म भेदभाव को तबं धत करता है। यह क
और रा य सरकार को इन े म क याणकारी योजनाएं दान करने का नदश दे ता है। कसी ांसजडर को भीख मांगने के लए
मजबूर करना सावज नक ान पर जाने से मना करना शारी रक
और यौन शोषण आ द जैसे अपराध के लए दो साल तक क कै द और जुमाना हो सकता है।
सामा जक याय और अ धका रता मं ालय जैसा क नाम से पता चलता है समाज के ऐसे वग के लए समान उपचार सु न त करना है ज ह ने
सामा जक असमानता शोषण भेदभाव और अ याय का सामना कया है।
छा नोट् स
. . ।ब े
यह बाल अ धकार संर ण आयोग सीपीसीआर अ ध नयम के तहत ग ठत एक वैधा नक नकाय है जो सीपीसीआर अ ध नयम के तहत स पी गई श य और
काय का योग और न पादन करता है। इसका मशन यह सु न त करना है क सभी कानून नी तयां काय म और शास नक तं भारत के सं वधान के साथ साथ बाल
अ धकार पर संयु रा स मेलन जसे भारत ने म अनुसम थत कया था म त ा पत बाल अ धकार के कोण के अनु प है।
आयोग क वेबसाइट ncpcr.gov.in म यौन हसा के मामल क रपोट करने के लए एक ई बॉ स भी है जहां एक उपयोगकता को पो को ई बॉ स नामक एक बटन
• सुर ा के लए कसी कानून ारा या उसके तहत दान कए गए कानूनी सुर ा उपाय क जांच और समी ा कर
• बाल अ धकार के उ लंघन क जांच कर और ऐसे मामल म कायवाही शु करने क सफा रश कर • समाज के व भ वग के बीच बाल अ धकार के बारे म जाग कता
शकायत क पूछताछ कर बाल अ धकार का अभाव और उ लंघन कानून को लागू न करना और नी तगत नणय
काय करना। • आयोग के पास एक द वानी अदालत क श है और उसके पास लाए गए सभी आपरा धक मामल को एक संबं धत म ज े ट के पास भेज ा जाना चा हए जसके
ब के लए POCSO ई बॉ स
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यौन अपराध से ब का संर ण POCSO ई बॉ स बाल यौन शोषण क रपोट करने के लए एक ऑनलाइन शकायत बॉ स है। यह एनसीपीसीआर क एक पहल है जो ब
NIPCCD म हला और बाल वकास के सम डोमेन म वै क कारवाई अनुसंधान श ण और लेख न को बढ़ावा दे ने के लए सम पत एक मुख संगठन है। सोसायट
पंज ीकरण अ ध नयम के तहत वष म नई द ली म ा पत यह म हला एवं बाल वकास मं ालय के त वावधान म काय करता है। सं ान एक कृ त बाल वकास
क य द क हण संसाधन ा धकरण
क य द क हण संसाधन ा धकरण CARA म हला एवं बाल वकास मं ालय भारत सरकार का एक वैधा नक नकाय है। यह भारतीय ब को गोद लेने के लए नोडल
नकाय के प म काय करता है और दे श म और अंतर दे शीय गोद लेने क नगरानी और व नयमन करने के लए अ नवाय है।
CARA मु य प से अनाथ प र य और आ मसमपण करने वाले ब को अपनी संब गोद लेने वाली एज सय के मा यम से गोद लेने से संबं धत है। यह गोद लेने के काय म
के व भ हतधारक ारा अपनाई जाने वाली या और या को नधा रत करते ए द क हण दशा नदश भी जारी करता है।
छा नोट् स
बाल क याण स म तय सीड यूसी को कशोर याय अ ध नयम ारा दे ख भाल और संर ण क आव यकता वाले ब सीएनसीपी क
दे ख भाल संर ण उपचार वकास और पुनवास के लए अं तम जला तरीय ा धकरण के प म ना मत कया गया है। इस कार CWCs के पास
CNCP से संबं धत मामल से नपटने का एकमा अ धकार है और उ ह थम ेण ी के या यक म ज े ट क श याँ दान क जाती ह।
बाल दे ख भाल सं ान
कशोर याय अ ध नयम के तहत प रभा षत एक बाल दे ख भाल सं ान का अथ है बाल गृह खुला आ य नरी ण गृह वशेष गृह सुर ा का
ान वशेष द क हण एजसी और ब क दे ख भाल और सुर ा दान करने के लए अ ध नयम के तहत मा यता ा त उपयु सु वधा ज ह ऐसी
सेवा क आव यकता है। कानून के साथ संघष करने वाले ब को नरी ण गृह वशेष घर और सुर ा के ान म आवासीय दे ख भाल और सुर ा
दान क जाती है।
चाइ लाइन
चाइ लाइन टे ली हे पलाइन मॉडल पर आधा रत सहायता और सहायता क आव यकता वाले ब के लए भारत क पहली घंटे मु त
आपातकालीन फोन सेवा है। यह क य म हला एवं बाल वकास मं ालय को एक साथ लाने वाला एक मंच है जो रा य सरकार गैर सरकारी संगठन
अंतरा ीय संगठन कॉप रेट े संबं धत य और ब के साथ साझेदारी म काम कर रहा है।
. . । औरत
रा ीय म हला आयोग
आयोग के व भ काय न न ल खत ह
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• शकायत पर गौर कर और न न ल खत से संबं धत मामल का वतः सं ान ल
o म हला के अ धकार का वंचन म हला को
सुर ा दान करने के लए अ ध नय मत कानून का गैर काया वयन
समानता और वकास के ल य को ा त कर
o कम करने के उ े य से नी तगत नणय दशा नदश या नदश का पालन न करना
क ठनाइय और क याण सु न त करना और म हला को राहत दान करना • चार और
शै क अनुसंधान करना ता क सभी े म म हला का उ चत त न ध व सु न त करने के तरीक का सुझ ाव दया जा सके और उनक उ त म
बाधा डालने वाले कारक क पहचान क जा सके ।
• म हला के सामा जक आ थक वकास क योजना या म भाग लेना और सलाह दे ना • जेल रमांड होम या हरासत के अ य ान का
नरी ण करना या नरी ण करना जहां म हला को कै द के प म या अ यथा रखा जाता है और उपचारा मक कारवाई के लए संबं धत अ धका रय
के साथ बात करना
छा नोट् स
आयोग ने व भ पहल क ह जैसे • इसने बाल ववाह ायो जत कानूनी जाग कता काय म
पा रवा रक म हला लोक अदालत के मु े को उठाया और दहेज नषेध अ ध नयम पीएनडीट अ ध नयम भारतीय दं ड सं हता और जैसे कानून क समी ा
• इसने कायशाला परामश का आयोजन कया म हला के आ थक सश करण पर वशेष स म तय का गठन कया ल गक जाग कता के लए कायशाला संगो य
का आयोजन कया और इन सामा जक बुराइय के खलाफ समाज म जाग कता पैदा करने के लए क या ूण ह या म हला के खलाफ हसा आ द के खलाफ चार
अ भयान चलाया।
आरएमके म ा पत म हला के सामा जक आ थक सश करण के लए म हला एवं बाल वकास मं ालय के त वावधान म एक रा ीय तर का संगठन है। आरएमके
ाहक के अनुकू ल बना संपा क के और आय सृज न ग त व धय के लए परेशानी मु तरीके से अनौपचा रक े म म हला को माइ ो े डट दान करता है। यह एक
सु वधा एजसी के प म काय करता है जसम आरएमके एनजीओ एमएफआई को म य संगठन आईएमओ के प म ऋण दान करता है जो म हला के वयं सहायता
समूह एसएचजी को उधार दे ता है। आरएमके ने म य संगठन के मा यम से सू म व पोषण उ म वकास बचत और ऋण म हला एसएचजी के गठन और मजबूती क
अवधारणा को लोक य बनाने के लए कई चार उपाय कए ह।
अनुसू चत जा त के लए रा ीय आयोग
अनु ेद के तहत सं वधान ने यह सु न त करने के लए एक वशेष अ धकारी क नयु का ावधान कया है क सुर ा उपाय को ठ क से लागू कया जाए और अनुसू चत
जा त और अनुसू चत जनजा त के लए दान कए गए सुर ा उपाय से संबं धत सभी मामल क जांच क जाए और इन सुर ा उपाय के कामकाज के बारे म रा प त को रपोट
द जाए। इस ावधान के अनुसरण म नवंबर को पहली बार अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त के आयु के प म जाना जाने वाला एक वशेष अ धकारी
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नयु कया गया था।
• अनुसू चत के लए दान कए गए सुर ा उपाय से संबं धत सभी मामल क जांच और नगरानी करना
सं वधान के तहत या कसी अ य कानून के तहत या सरकार के कसी भी आदे श के तहत जा त और ऐसे सुर ा उपाय के कामकाज का मू यांक न करने के लए • अ धकार
अनुसू चत जा तय के
NSFDC क य सावज नक े का उ म है जो लाभ के लए नह कं पनी के प म नग मत है। यह सामा जक याय और अ धका रता मं ालय भारत सरकार के तहत दोगुनी
गरीबी रेख ा से नीचे रहने वाले अनुसू चत जा त के प रवार के य के आ थक सश करण के लए व पोषण सु वधा और धन जुटाने के लए है। एनएसएफडीसी रा य
छा नोट् स
एनएसएफडीसी संचालन
• एनएसके एफडीसी एक लाभ के लए नह कं पनी है जसे सामा जक याय और मं ालय ारा ा पत कया गया है
अ धका रता।
• यह रा य चैनेलाइ जग एज सय के मा यम से सफाई कमचा रय मैला ढोने वाल और उनके आ त को धन उपल कराने के लए एक शीष सं ा
के प म काय करता है। • ल य समूह के उ ान के लए व भ ऋण और गैर ऋण आधा रत योजना के संचालन
के अलावा एनएसके एफडीसी हाथ से मैला उठाने क था अ ृ यता का सबसे खराब जी वत तीक को समा त करने म मह वपूण भू मका नभा
रहा है।
• इसे सामा जक याय और अ धका रता मं ालय के त वावधान म हाथ से मैला ढोने वाल के पुनवास के लए क य े वरोजगार योजना SRMS
के काया वयन के लए नोडल एजसी के प म ना मत कया गया है।
रा ीय अनुसू चत जनजा त आयोग NCST क ापना अनु ेद म संशोधन करके और सं वधान वां संशोधन अ ध नयम के मा यम
से सं वधान म एक नया अनु ेद A स म लत करके क गई थी। इस संशोधन ारा अनुसू चत जा त और अनुसू चत जनजा त के लए त कालीन
रा ीय आयोग बनाया गया था। दो अलग अलग आयोग ारा त ा पत कया गया i अनुसू चत जा त के लए रा ीय आयोग NCSC और ii
अनुसू चत जनजा त के लए रा ीय आयोग NCST ।
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आयोग के काय
• अनुसू चत जनजा तय के लए दान कए गए सुर ा उपाय से संबं धत मामल क जांच और नगरानी करना। •
अनुसू चत जनजा तय के अ धकार और सुर ा से संबं धत व श शकायत क जांच करना • अनुसू चत जनजा तय
के सामा जक आ थक वकास से संबं धत योजना या म भाग लेना और सलाह दे ना और संघ और कसी रा य के तहत उनके वकास क गत
का मू यांक न करना • रपोट तुत करना अनुसू चत जनजा तय के क याण और सामा जक आ थक वकास से संबं धत काय म
योजना के भावी काया वयन के लए आव यक उपाय पर रा प त वा षक प से और ऐसे अ य समय पर जैसा क आयोग उ चत समझे सुर ा
उपाय पर काम कर सकता है • आयोग न न ल खत अ य काय का भी नवहन करेगा अनुसू चत जनजा तय के संर ण क याण और वकास
और उ त के संबंध म अथात् नाबा लग के संबंध म वा म व अ धकार दान करने के लए कए जाने वाले उपाय
छा नोट् स
आ दवासी लोग को जमीन से बेदखल करने से रोकने के लए उपाय कए जाएंगे और ऐसे लोग के भावी पुनवास के लए जनके मामले म अलगाव पहले ही हो चुक ा
उपाय कए जाएंगे। पंचायत के ावधान का पूण काया वयन सु न त करने के लए कए जाने वाले उपाय
का रण होता है
आयोग क श याँ
• कसी भी को बुलाना और उसक उप त को लागू करना और शपथ पर जांच करना • कसी भी द तावेज क खोज और
गवाह और द तावेज क जांच के लए कमीशन जारी करना • कोई भी मामला जो रा प त नयम ारा नधा रत कर सकते ह।
पछड़ा वग के लए रा ीय आयोग
• इं दरा साहनी नणय म भारत के सव यायालय ने सरकार को नदश दया क वह आयोग या यूनल क कृ त म एक ायी नकाय का गठन करे जो समावेशन के
अनुरोध पर वचार करने जांच करने और सफा रश करने और अ धक समावेशन और कम समावेशन क शकायत पर वचार करे। ओबीसी क सूची • सव यायालय
के नदश के अनुसार भारत सरकार ने रा ीय तर पर एक आयोग क ापना के लए रा ीय पछड़ा वग आयोग अ ध नयम अ ध नय मत कया। एक ायी
नकाय के प म रा ीय पछड़ा वग आयोग । • मामल क जांच करने
के लए एनसीएससी क श वतमान म सं वधान के तहत एनसीएससी के पास अनुसू चत जा त पछड़े वग और एं लो इं डयन के संबंध म शकायत और क याणकारी उपाय
को दे ख ने क श है।
• यह एनसीबीसी को सामा जक और शै क प से पछड़े वग के लए रा ीय आयोग के प म पुनना मत करेगा और इसे संवैधा नक दजा दे गा। यह सामा जक
और शै क प से पछड़े वग क शकायत को सुनेगा एक ऐसा काय जो अब तक रा ीय अनुसू चत जा त आयोग ारा कया जाता रहा है अनु ेद
सामा जक और शै क प से पछड़े वग को प रभा षत करने के लए अनु ेद के तहत खंड सी को स म लत करना जैसा क अनु ेद ए के तहत माना जाता
है।
NBCFDC सामा जक याय और अ धका रता मं ालय के त वावधान म एक लाभ के लए नह कं पनी है। इसका उ े य पछड़े वग के लाभ के लए आ थक और वकासा मक
ग त व धय को बढ़ावा दे ना और कौशल वकास और वरोजगार उ म म इन वग के गरीब वग क सहायता करना है। एनबीसीएफडीसी टे ट चैनेलाइ जग एज सय एससीए के
मा यम से व ीय सहायता दान करता है। नगम न न ल खत ापक े के तहत कौशल वकास और व रोजगार उ म म आय सृज न ग त व धय क एक व तृत ृंख ला
क सहायता कर सकता है
• कृ ष और संब ग त व धयां
छा नोट् स
• छोटा वसाय
पा म • प रवहन और सेवा े आ द।
. . । अ पसं यक
अ पसं यक के लए रा ीय आयोग
दे श म अ पसं यक अ धकार क र ा के लए रा ीय अ पसं यक आयोग अ ध नयम ारा ा पत आयोग म एक अ य और छह सद य होते ह जो छह छोटे समुदाय
आयोग संघ और रा य के तहत अ पसं यक समुदाय के वकास का मू यांक न करने संवैधा नक कानून और अ य वधान के अनुसार अ पसं यक अ धकार क सुर ा सु न त
करने अ पसं यक से संबं धत मामल पर अ ययन और शोध करने और इन पहलु पर सरकार को उपाय सुझ ाने स हत व भ काय करता है। .
आयोग अ पसं यक समुदाय से संबं धत य के लए शकायत नवारण मंच के प म भी काय करता है। यह आयोग गवाह को बुलाने द तावेज क खोज और पेश करने
यह हलफनाम के सा य ा त करता है सावज नक अ भलेख और तय क मांग करता है गवाह और द तावेज क जांच के लए आयोग जारी करता है और स वल अदालत
भाषाई अ पसं यक के लए आयु क ापना म सं वधान के अनु ेद B के अनुपालन के लए क गई थी। यह भाषाई अ पसं यक क शकायत को उठाता है
अ पसं यक शै क सं ान के लए रा ीय आयोग
• आयोग क भू मकाएँ ह जैसे याय नणयन काय सलाहकार काय और अनुशंसा मक श याँ। • जहां तक कसी अ पसं यक शै णक सं ान को कसी व व ालय से
संब ता का संबंध है
क य व फ प रषद
व फ के लए क य वधान का शासन सामा जक याय और अ धका रता मं ालय क ज मेदारी है। दे श म व फ बोड के कामकाज और व फ के उ चत
शासन से संबं धत मामल पर सलाह दे ने के उ े य से क य व फ प रषद को एक वैधा नक नकाय के पम ा पत कया गया था। प रषद शहरी व फ
संप य के वकास के लए योजना और शै क काय म क योजना को लागू करती है।
छा नोट् स
. . । वकलांग य
वभाग के पास एक समावेशी समाज बनाने क है जसम वकलांग य के वकास और वकास के लए समान अवसर दान कए जाते ह
ता क वे उ पादक सुर त और स मा नत जीवन जी सक।
वभाग नःश ता के व भ पहलु और नःश य के क याण एवं सश करण को नयं त करने वाले न न ल खत वधान से संबं धत है
दशा
दशा योजना का उ े य च क सा श ण और प रवार के सद य को सहायता दान करने के मा यम से रा ीय यास अ ध नयम के तहत कवर कए
गए वष क आयु म वकलांग PwD के लए शी ह त ेप के लए दशा क ा पत करना है।
NHFDC को सामा जक याय और अ धका रता मं ालय ारा लाभ के लए नह कं पनी के पम ा पत कया गया है। यह पूरी तरह से भारत
सरकार के वा म व म है और इसक अ धकृ त शेयर पूंज ी पये है। करोड़। यह रा य सरकार ारा ना मत रा य चैनेलाइ जग एज सय SCAs
के मा यम से वकलांग य के लए धन को चैनलाइज़ करने के लए एक शीष सं ा के प म काय करता है।
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एनएचएफडीसी क योजनाएं
वशेष उ मी म
• कौशल श ण कौशल ा त करने के लए वकलांग को हडहो ग सहायता दान करने क योजना
वशेष श ण म के मा यम से उ यन
• रोजगार बढ़ाने या बढ़ाने के लए सहायक उपकरण के व पोषण क योजना
वकलांग य के लए वरोजगार का अवसर
• छा वृ योजना ट फं ड और नेशनल फं ड
भारतीय पुनवास प रषद अ ध नयम के तहत ा पत भारतीय पुनवास प रषद एक वैधा नक नकाय है। प रषद पुनवास और वशेष श ा के े म
पेशेवर क व भ े णय के लए श ण नी तय और काय म को व नय मत करने के लए ज मेदार है। इसके काय
छा नोट् स
. . । व र नाग रक
व र नाग रक के लए रा ीय प रषद
मं ालय ारा सामा जक याय और अ धका रता मं ी क अ य ता म व र नाग रक के लए एक रा ीय प रषद का गठन कया गया है। व र नाग रक
क रा ीय प रषद का जनादे श न न ल खत के वशेष संदभ म व र नाग रक के क याण और उनके जीवन क गुण व ा म वृ से संबं धत सभी मु
पर क और रा य सरकार को सलाह दे ना है
व र नाग रक क याण न ध
• व र नाग रक क व ीय सुर ा वृ ाव ा पशन वा य दे ख भाल वा य बीमा और बुज ुग वधवा के क याण को बढ़ावा दे ने के लए सरकार
ारा व र नाग रक क याण कोष क ापना क गई है।
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. यह तक दया गया है क धारा A के पयोग को रोकने के लए सु ीम कोट का हा लया आदे श पूवा ह को सं ागत बनाता है और
उन मथक का पुनवास करता है जनसे भारत म म हला आंदोलन दशक से जूझ रहा है। चचा करना।
कोण
उ र
आईपीसी क धारा ए म कहा गया है क जो कोई भी कसी म हला का प त या प त का र तेदार होने के नाते ऐसी म हला के साथ
ू रता करता है उसे कारावास क सजा द जाएगी जसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुमाना भी लगाया जा सकता है। ऐसा
अपराध सं ेय गैर समाधानीय और गैर जमानती है। इसे दहेज वरोधी कानून माना जाता है।
राजेश शमा और अ य बनाम यूपी रा य मामले म SC ने प त या उसके र तेदार के खलाफ धारा A के पयोग को रोकने
के लए नदश दए। दशा नदश SC ारा न न ल खत ट प णय पर आधा रत ह
छा नोट् स
• प नय और र तेदार ारा कानून का पयोग कया गया है और इस कार बु नयाद बात का उ लंघन कया गया है
पु ष के मानवा धकार।
• सं ेय अपराध को असं ेय अपराध म बदल दया गया है। • प तय क जमानत के लए वशेष नयम बनाए गए ह। • पासपोट
हालां क फै सले के साथ गंभीर मु े ह य क यह धारा ए के तहत यादातर मामल के तु होने के मथक को सं ागत बनाता है। इसे न न ब से समझा
जा सकता है
• एनसीआरबी डेटा वा त वकता का च ण नह करता है य क बरी होने के व भ कारण हो सकते ह उदाहरण के लए खराब जांच म य ता के मा यम से
कया
क आ द जो मु े के संबंध म एक अलग त वीर पेश करते ह। • नणय म कहा गया है क येक जले म समाज के
सद य से ली गई एक प रवार क याण स म त का गठन कया जाना है। हालां क यह पु ल सग काय का आभासी नजीकरण है और जांच म दे री करता है। इसके
अलावा स म त के सद य अयो य और प पाती हो सकते ह। • कानून वतन एज सय म पहले से ही म हला के खलाफ एक पूवा ह है अथात a
• कम दोष स दर सभी जगह मौजूद है म हला के खलाफ अलग थलग अपराध लगता है
अता कक।
• दहेज ह या क उ सं या के कारण के दशक म कानून पा रत कया गया था। इससे पहले अ भयु को तुरंत गर तार कर लया गया था और उन पर
अपनी बेगुनाही सा बत करने का भार था। हालाँ क संशो धत आदे श एक कदम पीछे है य क अ भयु के लए कई सुर ा उपाय पेश कए गए ह। यह
म हला को उ पीड़न क घटना के दौरान कानूनी सहारा लेने से रोकेmayuresh.spt@hotmail.com
गा।
• SC अनजाने म उस नमाण को पुन ा पत और वैध करता है जससे एक म हला मुक दमेबाजी और आपरा धक अ भयोजन म भागती है हालाँ क आमतौर पर
म हला को लग संबंध से तौला जाता है और वे अ सर हसा को सहन करती ह। • पासपोट के संबंध म बदले गए ावधान से आरोपी प तय को आसानी
होगी
दहेज नषेध अ ध नयम के लागू होने के बावजूद दहेज अ नयं त रहता है और अ सर इसका अ यास कया जाता है। इस लए हाल के कु छ आदे श
वा त वक पी ड़त के आधार को कमजोर कर सकते ह। इस कार कानून को अनजाने म पु ष को गलत कए बना गलत म हला के प म अपने
छा नोट् स
. भारत म मानव त करी एक गंभीर मु े के प म उभरा है जो सम या क ज टलता को समझने और इससे नपटने के लए एक भावी रणनी त तैयार करने क मांग
कोण • मानव
नया भर म स और ह थयार के ापार के बाद मानव त करी तीसरा सबसे बड़ा संग ठत अपराध है। संयु रा के अनुसार त करी कोई भी ग त व ध है जो
भारत को ए शया म मानव त करी का क माना जाता है जहां म लगभग म हलाएं और ब े पी ड़त थे जो पछले वष क तुलना म लगभग
अ धक है। म हला एवं बाल वकास मं ालय के अनुसार पछले साल म हला और ब क त करी क गई जब क म यह सं या थी।
अवैध मानव ापार क सम या को समझने के लए हम इसके पीछे जुड़े मूलभूत कारक को समझने क आव यकता है। उदाहरण के लए
और भारत के सीमावत रा य को मानव त करी के मुख े बनाती ह। • दोहरा शकार ॉस कं ै फ कग से त करी कए गए य का दोहरा
शकार होता है य क उनके पास उनके द तावेज नह होते ह जो उ ह मेज बान दे श म अवैध वासी बनाता है।
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• अवैध ापार त करी का एक अ य कारण अवैध अंग ापार या नशीली दवा का ापार है
• ऋण तता अपने प रवार का समथन करने या सा कार के लए अपने ऋण दा य व को पूरा करने के लए सद य को उनके लए काम
करने के लए मजबूर कया जाता है। • आपदा का भाव आपदा से कई
प रवार क रता और कमाई के अवसर का नुक सान होता है। व भ एजट यातायात भा वत य क ऐसी त का लाभ उठाते
ह य क वे बेहतर जीवन क आशा म झूठे वाद के त सबसे अ धक संवेदनशील होते ह।
• कौशल और नौकरी के अवसर क कमी उ ह इस तरह के ताव लेने के लए मजबूर करती है।
मानव त करी क सम या से नपटने के लए मानव त करी के पी ड़त के पुनवास के लए रा य तं के साथ साथ गैर सरकारी संगठन ारा ब त सारे उपाय कए
गए ह।
कु छ पहल ह
त करी और मजबूर म।
• भारत के सं वधान के अनु ेद के तहत मानव या य क त करी तबं धत है। अनै तक ापार रोकथाम अ ध नयम आईट पीए
वा ण यक यौन शोषण के लए त करी क रोकथाम के लए मुख कानून है। • आपरा धक कानून संशोधन अ ध नयम लागू हो गया है जसम
भारतीय दं ड सं हता क धारा को धारा और A IPC से त ा पत कया गया है जो मानव त करी के खतरे का मुक ाबला करने के लए
ापक उपाय दान करती ह।
छा नोट् स
• यौन अपराध से ब का संर ण पॉ सो अ ध नयम ब को यौन शोषण और शोषण से बचाने के लए एक वशेष कानून है।
• म हला और ब क त करी से संबं धत अ य व श कानून बनाए गए ह
बाल ववाह नषेध अ ध नयम बंधुआ मज री णाली उ मूलन
अ ध नयम बाल म नषेध और व नयमन अ ध नयम मानव अंग यारोपण अ ध नयम आईपीसी म
व श धारा के अलावा धारा और वे यावृ के उ े य से लड़ कय को बेचने और खरीदने से संबं धत है। • रा य
सरकार ने भी इस मु े से नपटने के लए व श कानून बनाए ह।
मानव त करी क सम या का मुक ाबला करने के लए हम उन सामा जक कमजो रय का मुक ाबला करने क आव यकता है जो मानव त करी
के शकार लोग को शोषण के त संवेदनशील बनाती ह जैसे क ल गक असमानताएं कम रोजगार पा रवा रक संघष आ द।
. अपने नाग रक के लए एक सुर त और शोषण मु बचपन सु न त करने के लए वष से सरकार ारा उठाए गए कदम क जांच कर।
आगे व ेषण कर क दो मुख ILO स मेलन के हा लया अनुसमथन से बाल म के खलाफ भारत क लड़ाई म कै से मदद मलेगी।
कोण
उ र
ब म नवेश भ व य म नवेश है। इस कार भारत सरकार ने भारत के ब के लए सुर त बचपन सु न त करने के लए पछले कु छ
वष म कई कदम उठाए ह जनम से कु छ इस कार ह
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• कशोर याय ब क दे ख भाल और संर ण अ ध नयम दे ख भाल और संर ण क आव यकता वाले ब और कानून का
उ लंघन करने वाले ब दोन के लए मजबूत ावधान दान करता है।
• बाल म संशोधन अ ध नयम यह वष से कम आयु के ब के श ा के अ धकार क र ा करना चाहता है। इसके अलावा
यह वष क आयु के कशोर को पहली बार सुर ा दान करता है।
इनके अलावा भारत सरकार ने कई अ य उपाय कए ह जैसे लापता ब के लए खोया पाया पोटल यौन राचार के बारे म छा म
जाग कता बढ़ाना आ द।
सरकार ारा उठाए गए ठोस कदम के कारण बाल मृ यु दर म उ लेख नीय कमी आई है ाथ मक तर पर नामांक न म वृ ई है आ द।
साथ ही वा य पोषण और बाल भागीदारी से संबं धत मु को संबो धत करने के मामले म और अ धक क आव यकता है। इसके अलावा
ब के लए ऑनलाइन खतर और जलवायु प रवतन के कारण बढ़ती भे ता जैसी नई और उभरती ई चुनौ तयाँ ह। इस लए यह मह वपूण
है
छा नोट् स
इसके अलावा भले ही बाल म के तशत म गरावट आई है वष के आयु वग के म लयन ब े अभी भी भारत म काम कर रहे
ह। दे श अभी भी बाल म के मामल म अ भयोजन और सजा क खराब दर से जूझ रहा है।
ले कन सरकार का संक प कम नह आ है। इसने हाल ही म बाल म के सबसे खराब प पर ILO क वशन और रोजगार क
यूनतम आयु पर क वशन क पु क है। बाल म को समा त करने क दशा म इसके व भ भाव ह गे • ब के शोषण के त
जीरो टॉलरस ब के वा य सुर ा या नै तकता को नुक सान प ंचाने वाले बाल म के सबसे खराब प को
रोकने और समा त करने के लए सरकार त काल त काल और भावी उपाय करेगी। . • यूनतम आयु नधा रत कर इसके लए भारत को
यह सु न त करने क आव यकता है क ह के काम और कला मक दशन के अलावा कसी भी वसाय म न त आयु से कम के
कसी भी को काम के लए भत नह कया जाता है
• बाल म के सबसे खराब प पर रोक लगाना इसके लए भारत को गुलामी ऋण बंधन भूदासता जबरन या अ नवाय म आ द स हत
बाल म के सबसे खराब प को तबं धत करने क आव यकता होगी।
बाल म को समा त करने के कई अ य सकारा मक प रणाम ह जैसे कू ल छोड़ने क दर म कमी आ थक भू मका वाले ब पर तनाव
कम होना और सुर त बचपन आ द। ब के वकास और संर ण म नवेश कए गए संसाधन। इसे तभी हल कया जा सकता है जब बाल
शोषण के कारण जैसे गरीबी बेरोजगारी सामा जक सुर ा जाल क कमी कानून के अपया त वतन का समाधान कया जाए।
. घरेलू हसा अ ध नयम से म हला क सुर ा म संशोधन करने वाले सव यायालय के हा लया नणय ने व भ तवाद को
आमं त कया है। संशोधन पर काश डालते ए कानून के अनु योग पर इसके संभा वत भाव का आलोचना मक परी ण कर।
mayuresh.spt@hotmail.com
कोण •
घरेलू हसा से म हला क सुर ा के संशो धत ावधान का उ लेख कर
सव यायालय ारा अ ध नयम ।
• आलोचना मक प से संशोधन के सकारा मक और नकारा मक भाव का आकलन कर
कानून का आवेदन। • सं ेप म
न कष म आगे का रा ता सुझ ाएं।
उ र
घरेलू हसा अ ध नयम पीड यूडीवीए से म हला क सुर ा का उ े य घरेलू हसा या वय क पु ष ारा उ पीड़न से म हला
क सुर ा करना था। अ ध नयम क धारा यू के तहत शकायत के वल वय क पु ष के खलाफ क जा सकती है।
हाल ही म हीरल हरसोरा बनाम कु सुम हरसोरा मामले म सु ीम कोट ने वय क पु ष श द को ख म कर दया और धारा यू को लग
तट बना दया। अब एक म हला घरेलू हसा क शकायत दज करा सकती है और अ य म हला और नाबा लग के खलाफ कानूनी
कारवाई क मांग कर सकती है।
छा नोट् स
• सु ीम कोट क पीठ ने व े दनीयता के स ांत का सहारा लया य क धारा ने लग आधा रत भेद पैदा कया और सं वधान के
अनु ेद के अनुसार समानता के स ांत के खलाफ गया।
हालां क घरेलू हसा के खलाफ काम करने वाले कायकता और कायकता संशोधन के नतीज को लेक र च तत ह।
सामा जक और गत पहलु म ल गक समानता होने पर समानता के स ांत को ासं गक प से लागू कया जाना चा हए। संशोधन
आईपीसी के तहत यौन उ पीड़न पीछा करना ताक झांक और बला कार के आपरा धक अपराध का नरी ण करने म वफल रहता है जो
सभी लग व श ह और पु ष के खलाफ ह। म हला को हसा से बचाने और उपल कानूनी उपाय के सार के लए च लत कानून
के उ चत वतन पर यान दे ना चा हए। mayuresh.spt@hotmail.com
. बंधुआ मज री से आप या समझते ह भारत म बंधुआ मज री के बने रहने के कारण क ा या करते ए उनक सम या पर काश
डा लए। दे श म बंधुआ मज री के उ मूलन के लए उठाए गए कदम का भी ववरण द जए।
कोण •
पहले प रचया मक भाग म बंधुआ मज री का अथ कर। • फर भारत म बंधुआ मज री के चलन के कारण
और भी कर
बंधुआ मज र क सम या क ा या क जए।
• बंधुआ मज री के उ मूलन के लए सरकार ारा उठाए गए कदम का वणन क जए
भारत।
उ र
छा नोट् स
अनुमान है क भारत म लगभग लाख बंधुआ मज र ह। इनम से ऋण तता के कारण और तशत थागत सामा जक दा य व के कारण ह।
बंधुआ मज री के कारण
• आ थक अ य धक गरीबी काम पाने म असमथता छोट जोत ामीण और शहरी गरीब के लए वैक पक लघु तरीय ऋण क कमी सूख ा बाढ़ आ द जैसी
• सामा जक कारक ववाह मृ यु दावत ब े के ज म आ द जैसे अवसर पर उ खच भारी ऋण जा त आधा रत भेदभाव भूख और बीमारी से बचाव के लए
सामा जक क याण योजना क सी मत प ँच गैर अ नवाय और असमान श ा णाली और सरकारी अ धका रय के बीच उदासीनता और ाचार।
बंधुआ मज री क सम याएँ
• दन म घंटे काम करते ह और दयनीय प र तय म जीने को मजबूर ह। • अ धकांश बंधुआ मज र गांव म कृ ष मक के प म काम करते
ह और संबं धत ह
द लत या आ दवासी समुदाय।
काय म।
भारत म अनुबंध और वासी म के काम क शत को व नय मत करने खतरनाक उ ोग म बाल म को तबं धत करने और यूनतम मज री के लए म
कानून क अ धकता है। ले कन ये बड़े ह से म लागू नह कए गए ह। इस संबंध म नयो ा और मक संगठन और नाग रक समाज के साथ नकट सहयोग म
सरकार ारा कानून के काया वयन को सु न त करने के लए एक ठोस यास क आव यकता है।
छा नोट् स
. वन अ धकार अ ध नयम वनवा सय और आ दवा सय के साथ ए ऐ तहा सक अ याय को पूववत करने का यास करता है। अपने
सु वचा रत ल य के बावजूद अ ध नयम वां छत सफलता ा त करने म वफल रहा है। समालोचना मक व ेषण कर।
कोण
उ र
वन अ धकार अ ध नयम वन म रहने वाली अनुसू चत जनजा तय और अ य पारंप रक वनवा सय जो पी ढ़य से ऐसे जंगल म रह रहे ह
ले कन जनके अ धकार को दज नह कया जा सका है पर वन अ धकार और वन भू म पर क जे के अ धकार को पहचानने और न हत
करने का यास करता है।
वन म नवास करने वाली अनुसू चत जनजा त या अ य पारंप रक वन नवा सय के सद य या सद य ारा रहने के लए या आजी वका के
लए व खेती के लए गत या सामा य वसाय के तहत वन भू म पर क जा करने और रहने का अ धकार। • सामुदा यक
अ धकार जैसे क न तार जसम त कालीन रयासत ज़म दारी या ऐसे म य शासन म उपयोग कए
गए अ धकार शा मल ह। • गांव क सीमा के भीतर या बाहर पारंप रक प से एक कए गए लघु वन उ पाद के वा म व सं ह उपयोग
और नपटान तक प ंच का अ धकार। • सभी वन ाम पुरानी
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बसावट सव ण न कए गए गाँव और वन म त अ य गाँव चाहे वे रकॉड कए गए ह अ धसू चत ह या राज व गाँव म न ह को
बंदोब त और प रव तत करने का अ धकार।
• सामुदा यक अ धकार क सी मत मा यता इसे कभी कभी क थत संयु वा म व के लए जमीनी तर पर सा य क कमी के लए ज मेदार
ठहराया जाता है। हालां क भौ तक भू म सव ण और समाधान दान करने वाले मोबाइल ऐप जैसे समाधान ह
• वन संसाधन का खराब उपयोग सड़क और बाजार जैसे बु नयाद ढांचे के अभाव म आ दवासी के रल जैसे वक सत रा य म भी जंगल
का अ ा उपयोग करने के लए संघष कर रहे ह।
छा नोट् स
• लघु वन उपज एमएफपी पर अबाध पूण अ धकार क गैर मा यता यह एमएफपी के प रवहन के लए पारगमन पर मट शु क शु क एमएफपी क ब पर
रॉय ट कु छ कार के ब ह करण जैसे कई तबंध को लागू करके कया जाता है। अ ध नयम म द गई एमएफपी क प रभाषा के उ लंघन म एमएफपी
क सं या एमएफपी के ापार म रा य एजसी के एका धकार क नरंतरता वशेष प से उ मू य एमएफपी जैसे त प ा आ द के मामले म।
• वन नौकरशाही ारा अ त मण को नय मत करने के साधन के प म एफआरए क गलत ा या। यह सामू हक दाव क अनदे ख ी करते ए गत दाव को
नोडल आ दवासी वभाग को मजबूत करने रा य और जला शासन को नदश दान करने और एफआरए के मजबूत काया वयन के लए नाग रक समाज
अ भनेता को ो सा हत करने क आव यकता है। मजबूत राजनी तक इ ाश के बना यह ऐ तहा सक प रवतन संभव नह है।
. ांसजडर समुदाय भारत म सबसे अ धक हा शए पर रहने वाले समुदाय म से एक रहा है। चचा करना। ांसजडर य अ धकार का संर ण वधेयक
कोण
• सबसे पहले सं ेप म प रभा षत कर क ांसजडर समुदाय या है। • इसके बाद ांसजडर समुदाय के हा शए पर जाने से संबं धत
मु पर काश डाल
भारत म।
उ र
ांसजडर य म वे सभी शा मल ह जनक अपनी लग क भावना ज म के समय उ ह स पे गए लग से मेल नह खाती है। उनम कई सामा जक सां कृ तक
पहचान शा मल ह जैसे क क र हजड़े अरावनी जोगता आ द।
उनके वग और लग के आधार पर भेदभाव ांसजडर समुदाय को भारतीय समाज म सबसे अ धक अ धकारहीन और वं चत समूह म से एक बनाता है। भारत म
अंध व ास।
• बु नयाद अ धकार का हनन जैसे गत वतं ता का अ धकार ग रमा अ भ क वतं ता श ा और अ धका रता का अ धकार हसा के खलाफ
अ धकार भेदभाव और शोषण का अ धकार और काम करने का अ धकार। कौशल वकास क कमी उ ह भीख मांगने या दे ह ापार म ल त होने के लए
छा नोट् स
सव यायालय ने रा ीय कानूनी सेवा ा धकरण NALSA बनाम भारत संघ के अपने ऐ तहा सक फै सले म ांसजडर य के
संवैधा नक अ धकार और वतं ता क पु क । व वध ल गक पहचान को मा यता दे क र यायालय ने भारतीय कानून म ा त पु ष
और म हला के दोहरे लग नमाण को तोड़ दया है। ांसजडर के अ धकार को बनाए रखने के लए ांसजडर य अ धकार का
संर ण वधेयक को संसद म पेश कया गया था और इसके व भ ावधान ह जनम शा मल ह
• भेदभाव के खलाफ नषेध बल एक ांसजडर के खलाफ भेदभाव को तबं धत करता है जसम सेवा से इनकार या श ा
रोजगार वा य दे ख भाल आ द के संबंध म अनु चत वहार शा मल है। • नवास का अ धकार येक ांसजडर को नवास
करने और अपने म शा मल होने का अ धकार होगा। प रवार।
य द त काल प रवार ांसजडर क दे ख भाल करने म असमथ है तो स म यायालय के आदे श पर को पुनवास क म रखा
जा सकता है।
हालाँ क बल SC NALSA के फै सले के कु छ पहलु को ह का करता है। इसम आर ण और व पहचान का कोई ावधान नह है।
साथ ही भारत म लंबे समय से अलगाव और उपे ा का सामना कर रहे समुदाय को मु यधारा म लाने के लए ांसजडर वधेयक
न त प से एक मह वपूण मील का प र है।
. वशेष प से कमजोर जनजातीय समूह पीवीट जी या ह वे गैर अ धसू चत जनजा तय से कै से भ ह उनके सामने आने वाली
सम या को र करने के लए सरकार ारा क गई पहल का आलोचना मक व ेषण कर।
कोण
छा नोट् स
उ र
म सरकार ने वशेष प से कमजोर जनजातीय समूह पीवीट जी के प म आ दम जनजातीय समूह पीट जी का नाम बदलने का ताव रखा।
म।
पूव कृ ष ौ ो गक ii. र और घटती जनसं या
अथ व ा का नवाह तर
कसी भी कसौट पर खरा उतरने वाले जनजातीय समूह को पीट जी और बाद म पीवीट जी माना गया। PVTGs क भे ता को मु य प से उनक पारंप रक
आजी वका आवास और थागत संसाधन अ धकार के नुक सान के लए ज मेदार ठहराया जा सकता है।
वतमान म आं दे श बहार झारखंड गुज रात कनाटक के रल म य दे श छ ीसगढ़ महारा म णपुर ओ डशा राज ान त मलनाडु पुरा यूपी उ राखंड
प म बंगाल और अंडमान और नकोबार प समूह। बर जया ेटर अंडमानी गे और जारवा आ द से कम आबाद वाले पीवीट जीएस के कु छ उदाहरण
ह।
अं ेज के जमाने म मनल ाइ स ए ट के तहत डनो टफाइड ाइ स को मनल ाइ स के तौर पर नो टफाई कया जाता था। म अ धसूचना को नर त
कर दया गया था जब से उ ह वमु जनजा त कहा जाता है। इन समूह को आ धका रक तौर पर वमु घुमंतू और अध खानाबदोश जनजा तय DNTs के
प म च त कया गया है। आजाद के बाद भी आदतन अपराधी अ ध नयम लागू होने के कारण इन समुदाय के सद य को कलं कत कया गया। आपरा धक
लेबल ने नय मत रोजगार के दरवाजे बंद कर दए और DNT समुदाय सामा जक और आ थक प से अ धकांश अ य भारतीय समुदाय से ब त पीछे रह गए।
समुदाय । mayuresh.spt@hotmail.com
• PTVGS के वपरीत DNT के वल अनुसू चत जनजा तय क एक उप ेण ी नह है कु छ को अनुसू चत जा तय के प म भी सूचीब कया गया है। जब क
अ य अ य पछड़ा वग या ओबीसी म सूचीब ह। कु छ इन वग करण के दायरे से बाहर भी ह। • डीएनट बड़े पैमाने पर भू महीन खानाबदोश लोग ह
हालां क आज कु छ बसे ए ह। • डीएनट टश औप नवे शक शासन और दोन के तहत वशेष उ पीड़न के अधीन थे
सरकारी योजनाएँ
• वशेष प से कमजोर जनजातीय समूह PVTGs का वकास इसे म संशो धत कया गया है। योजना के तहत आजी वका वा य पोषण और श ा
जैसे सामा जक संके तक के संदभ म उनक सुर ा और सुधार के लए ाथ मकता द जाती है ता क कमी को कम कया जा सके । उनक भे ता।
छा नोट् स
योजना और
वष से व भ योजना के बावजूद पीवीट जी और डीएनट काफ हद तक वकास या के दायरे से बाहर रहे ह। वा य और श ा जैसे संके तक पर ये समूह
सबसे नचले पायदान पर रहते ह. आव यकता पीवीट जी के लए योजना के नरंतर मू यांक न और नगरानी क है। DNTs के मामले म भेदभावपूण कानून को
नर त करने भावी पुनवास दे ने और आर ण क भारत क सकारा मक कारवाई णाली के भीतर अलग वग करण दान करने क आव यकता है।
. यौन अपराध से ब का संर ण POCSO अ ध नयम को ब क सुर ा के संदभ म एक मह वपूण कानून के प म दे ख ा गया था हालाँ क कई तक
दे ते ह क यह काफ हद तक अ भावी रहा है। अ ध नयम के मुख उ े य क पहचान करते ए इसक अ भावीता के कारण पर चचा कर।
कोण
• तावना म पॉ सो अ ध नयम से पहले भारत म यौन अपराध से ब क सुर ा क त ब त सं ेप म दान कर और संदभ द क अ ध नयम य पा रत
ब े के खलाफ। •
ब त सं ेप म इस संदभ म आगे बढ़ने का माग दान कर।
उ र
म संसद ने यौन अपराध से ब का संर ण अ ध नयम POCSO पा रत कया। उस समय तक आईपीसी के ावधान का इ तेमाल ब के खलाफ
यौन अपराध से नपटने के लए कया जाता था और कानून एक वय क और एक ब े के बीच अंतर नह करता था।
• इसका उ े य ब वष से कम आयु के य को यौन हसा अथात् यौन उ पीड़न यौन उ पीड़न और ब को पोन ाफ म शा मल करने से सुर ा
• यह हर तर पर ब े के हत क र ा के लए एक ापक कानून दान करता है रपो टग सा य क रकॉ डग जांच और अपराध का परी ण। • इसका उ े य
हालाँ क वैधा नक कानून का पा रत होना कई कारण से मह वपूण है अ ध नयम के सफल काया वयन म कई अड़चन मौजूद ह
जैसा
• उ चत श ण क कमी के कारण पु लस बल ऐसे अपराध म शा मल ंज न से नपटने म अ म ह। POCSO बार बार बाल यौन शोषण के मामल से नपटने
के लए पु लस और अ य कानूनी अ धका रय के लए ापक श ण काय म क आव यकता को अ नवाय करता है ऐसे काय म लगभग न के बराबर
ह।
छा नोट् स
• अ ध नयम के बारे म जाग कता क कमी के कारण अ धकांश बाल शोषण के मामल को इसके तहत दज नह कया जाता है
पॉ सो।
• धन क कमी हमारे दे श म मनोसामा जक सेवा के खराब बु नयाद ढांचे के कारण पी ड़त और उसके प रवार को सरकार ारा ायो जत
सेवा से ब त कम ा त होता है।
• बाल यौन शोषण के मामल म च क सा और वा य पेशेवर ारा स ती से पालन करने क आव यकता वाले कोड और स ांत को
तुत करने के लए रा य सरकार क ओर से यास म कमी।
एक ऐसे दे श म जहां आबाद वष से कम आयु वग म आती है और लगभग ब े कसी न कसी कार के यौन शोषण का
शकार ह हमारे दे श म POCSO का उ चत काया वयन कल क आव यकता है।
. भारत म गोद लेने क घटती दर के या कारण ह चचा कर क या संशो धत कशोर याय ब क दे ख भाल और संर ण अ ध नयम इस
मु े का समाधान कर सकता है।
कोण
पछले पांच वष म दे श के भीतर और साथ ही वदे शी नाग रक ारा भारत म गोद लेने क दर म लगभग तशत क कमी आई है।
जब क त मलनाडु आं दे श कनाटक और के रल जैसे द ण भारतीय रा य ने गोद लेने क अपे ाकृ त उ दर को बनाए रखा है बहार
झारखंड गोवा और उ राखंड जैसे सात उ र पूव रा य के साथ एक ब त कम सं या दज क है ब े को गोद लेने का।
सरकारी रकॉड के अनुसार म ब को गोद लया गया था। हालां क गोद लेने क सं या म घटकर रह गई।
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गरावट के बावजूद महारा म गोद लेने क दर सबसे अ धक है। वदे श म भारतीय ब को गोद लेने म अमे रका सबसे आगे है।
• गोद लेने के थकाऊ मानदं ड और धीमी या यक या ने गोद लेने क या को और धीमा कर दया। लगभग तशत मामल म
ाथ मक दज क जाती है और इस लए ानीय अदालत से मंज ूरी ा त कए बना गोद नह लया जा सकता है। • बा लका से
संबं धत मामले गोद लेने वाली एज सय को स य होने से रोकते ह। • अ धकांश भावी भारतीय माता पता क
ाथ मकताएं गोरे रंग से लेक र लग तक होती ह ले कन यादातर उ और शारी रक वा य पर क त होती ह। इस लए गोद लेने म
दे री • कृ म जनन तकनीक के कारण कड़ी त धा दे रही है
द क हण।
छा नोट् स
क य द क हण संसाधन एजसी गोद लेने पर नयम बनाएगी। ये नयम रा य और जला एज सय ारा लागू कए जाएंगे। भावी द क माता पता को शारी रक
और आ थक प से व होना चा हए। अ ववा हत या तलाकशुदा ब ा गोद ले सकता है। अके ला पु ष कसी लड़क को गोद नह ले सकता।
•ब के व रत और सुचा प से गोद लेने क सु वधा के लए गोद लेने क पूरी या को ऑनलाइन और पारदश बनाया गया है।
साथ संबंध वक सत करने क आव यकता है ता क गोद लेने यो य ब के पूल को बढ़ाया जा सके और इन ब को गोद लेने क या म लाया जा सके ।
• क य द क हण संसाधन ा धकरण CARA जो पहले एक समाज था को एक वैधा नक नकाय का दजा दया गया है ता क यह बेहतर ढं ग से काय कर
सके । ा ट नयम CARA के काय क एक ापक सूची के लए नधा रत करते ह ता क इसके सुचा संचालन को सुगम बनाया जा सके ।
• गोद लेने पर अलग अ याय गोद लेने से संबं धत व तृत ावधान दान करता है
•ब े को गोद लेने के लए कानूनी प से मु घो षत करने स हत दे श के अंदर और दे श के अंदर दोन गोद लेने के लए समयसीमा के साथ या को
सु व त कया गया है ।
ले कन कु छ चताएं बनी ई ह
संशो धत जेज े अ ध नयम के तहत वदे शय के लए वैध यायालय के आदे श के बना ब ा गोद लेना अवैध है। संशो धत जेज े अ ध नयम के तहत वदे शय के
लए वैध यायालय के आदे श के बना ब ा गोद लेना अवैध है। यह वदे शय ारा गोद लेने को एक क ठन या बनाता है।
जुलाई म द ली उ यायालय ने दे श म गोद लेने क कम दर के लए CARA को फटकार लगाई। इसने यह भी फै सला सुनाया क गोद लेने के मामल म
जहां जै वक माता पता खुद ब े को गोद लेने के लए दे ने को तैयार ह का जेज े अ ध नयम लागू नह होता है य क यह के वल अनाथ और प र य ब
से संबं धत है।
रा ीय राजधानी म व भ सामा जक कायकता का कहना है क कम आ धका रक सं या के पीछे फलता फू लता अवैध गोद लेने का उ ोग है जस पर कानून
कु ल मलाकर संशो धत नयम सही दशा म एक कदम है और भारत म गोद लेने क दर बढ़ाने के लए व भ क मय को र कया जाना चा हए।
। आ थक पछड़ेपन क बे ड़य को तोड़ना जतना मु कल सामा जक भेदभाव क छाया से बचना है। द लत पूँज ीवाद के संदभ म इस कथन क ववेचना क जए और
उन सम या का ववरण द जए जनका द लत उ मी सामना कर रहे ह। बाजार के मा यम से द लत सश करण को ो सा हत करने के लए हाल के दन म
कोण •
तावना म द लत पूँज ीवाद के उ व के पीछे के तक क ा या कर। • सामा जक पछड़ेपन के कारण उनके सामने आने वाली चुनौ तय पर चचा कर। •
उ र
हाल के दन म कु छ लोग ारा यह तक दया गया है क द लत के लए अपनी नय त को खुद तय करने का सबसे अ ा तरीका यह है क वे खुद पूंज ीप त बन
छा नोट् स
खुले हाथ से आ थक सुधार और वै ीकरण। इस वचार के समथक का तक है क पूंज ीवाद जा त को कसी भी इंसान क तुलना म ब त
तेज ी से बदल रहा है। इस लए द लत को पूंज ीवाद को जा त के खलाफ एक यो ा के प म दे ख ना चा हए। इस कार तेज ी से औ ोगीकरण
को द लत क उ त के लए सबसे अ े दांव के प म दे ख ा जाता है।
द लत उ मय क सम याएं
• वेश बाधा परंपरागत व ीय सं ान ारा पसंद कया गया संपा क आधा रत उधार का वरासत मॉडल इ ु क द लत उ मय के
लए वेश बाधा पैदा करता है य क उनके पास शायद ही कभी संप होती है जसे संपा क बनाया जा सकता है।
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• मु ा योजना इसका उ े य लघु वसाय उ म को आसान ऋण दान करके उ ह बढ़ावा दे ना है। यह द लत समुदाय के उ मय को उनके
वसाय के लए ऋण ा त करने म मदद करेगा।
. वष से बा लका को बढ़ावा दे ने और इसके खराब बाल लग अनुपात म सुधार के लए भारत भर म कई पहल क गई ह। योजना के
नाम अलग अलग ह ले कन उनक सामा य अ मता म अ भसरण है। परी ण करना। बेट पढ़ाओ बेट बचाओ योजना इस अंतर को कै से
र करती है
कोण
• प रचय के प म योजना क ब लता के बावजूद भारत म बा लका क चुनौतीपूण तय को वीकार करते ह। • अ धमानतः इन
योजना क अ मता के लए तक
दान कर
उदाहरण।
• उ र के अं तम भाग का उ र भेद दान करके दया जाना चा हए
BPBBY योजना क वशेषता।
छा नोट् स
उ र सामा य
प से बा लका और वशेष प से बाल लग अनुपात क चता को र करने वाली कई योजना के बावजूद त चुनौतीपूण बनी ई है जैसा क इस त य
से पता चलता है क भारत का बाल लग अनुपात म से गरकर म हो गया है। इसी तरह लग अनुपात के लए ज म के समय
था। इन योजना के बड़े प र य और उ ल य क तुलना म मामूली उपल य ने अ मता के लए आलोचना को आक षत कया है।
इनम से कई योजनाएँ जैसे क धन ल मी योजना न न आय वाले प रवार को ल त करने वाली सशत नकद ह तांतरण योजनाएँ शा मल ह। या व ीय
ो साहन वा तव म भारतीय प रवार को बे टय का स मान करने और उ ह मह व दे ने म मदद कर रहे थे यह नह है और के वल गहन शोध से ही इसका
या पंज ाब क बाली र क योजना जैसी कई योजना म एक सामा य पा ता शत यह है क माता पता को दो ब े होने के बाद नसबंद वीकार करनी
कई पंज ीकरण और सबूत के माण प क आव यकता ने इन योजना को गरीब और वा सय के लए उपयोग करना मु कल बना दया। ाचार एक अ य
मुख शकायत रही है। हाल ही म एक CAG ऑ डट म म य दे श सरकार क लाड़ली ल मी योजना म व ीय अ नय मतता का पता चला जसम अपा
उ मीदवार को ो साहन दए जाने के उदाहरण शा मल थे। इसके अ त र इन योजना म जमीनी तर पर नगरानी और मू यांक न का अभाव था।
हाल ही म शु क गई बीबीबीपी योजना बा लका को भा वत करने वाले मु को सरकार ारा दए गए मह व को रेख ां कत करती है। यह योजना पछली
• बा लका के लए समान मू य सृ जत करने और उनक श ा को बढ़ावा दे ने के लए सामा जक एकजुटता और संचार अ भयान का काया वयन और उसे बनाए
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रखना। • ल गक प से मह वपूण जल और शहर म गहन और एक कृ त कारवाई शु करना
सीएसआर पर कम।
• सामा जक प रवतन के लए ानीय नकाय और जमीनी तर के कायकता को जुटाना और श ण दे ना। • लॉक जला और जमीनी तर पर कारवाई
पछली योजना को यान म रखते ए पा ता मानदं ड शत और पंज ीकरण या को सरल बनाने क आव यकता है। योजना को सफल बनाने के लए
योजना के भाव का अ ययन करने के साथ साथ शकायत नवारण तं क फ तरीय नगरानी क आव यकता होगी।
• धन ल मी योजना
कनाटक म भा यल मी योजना • आं दे श म
योजना
छा नोट् स
. पछले वष यूपीएससी
. या रा ीय म हला आयोग सावज नक और नजी दोन े म म हला के सामने आने वाली सम या क रणनी त बनाने और उनसे नपटने म स म है अपने उ र के
. या वकलांग य के अ धकार अ ध नयम समाज म ल त लाभा थय के सश करण और समावेशन के लए भावी तं सु न त करता है चचा करना।
. या कमजोर और पछड़े समुदाय के लए आव यक सामा जक संसाधन क र ा करके उनके उ ान के लए सरकार क योजनाएं शहरी अथ व ाम वसाय क ापना
आबाद के कमजोर वग के कारण म सुधार के लए सभी े मक ायो जत योजना का पुनगठन बेहतर काया वयन म रा य को लचीलापन दान करना है।
समी क का मू यांक न।
. म या भोजन एमडीएम योजना क अवधारणा भारत म लगभग एक शता द पुरानी है जसक शु आत वतं ता पूव भारत म म ास ेसीडसी म ई थी। पछले दो दशक
म अ धकांश रा य म इस योजना को फर से ग त द गई है। इसके दोहरे उ े य नवीनतम शासनादे श और सफलता का समालोचना मक परी ण कर
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