Radha Sahasranama Stotram 1 A To Ksha

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राधासह नाम ो १ अकारा द कारा ा न

व े वृ ावनान ा रा धका परमे र ।


गो पक परम े ा दन श पणी ॥
ीराध परमारा कृ सेवापरायणा ।
ीकृ ा सदा ा ी नवधाभ कािरणी ॥
येष गुणमयी-राधा वृषभानुकुमािरका ।
दामोदर या-राधा मनोभी दा यनी ॥
त ा नामसह ं ं ण
ु ु भागवतो मा ॥
मानसत े अनु ु से अकारा द कारा ा न
ीरा धकासह नामा न ॥
अथ ो ।
ॐ अन पणी-राधा अपारगुणसागरा ।
अ रा आ द पा अना दराशे र ॥ १॥
अ णमा द स दा ी अ धदेवी अधी र ।
अ स दादेवी अभया अ खले र ॥ २॥
अन म र भ ा अन दपना शनी ।
अनुक ा दा-राधा अपराध णा शनी ॥ ३॥
अ व ी अ ध ा ी अ य मी सनातनी ।
अमला अबला बाला अतुला च अनूपमा ॥ ४॥
अशेषगुणस ा अ ःकरणवा सनी ।
अ तु ा रमणी आ ा अ राग वधा यनी ॥ ५॥
अर व पद ा अ ा परमे र ।
अवनीधािरणीदेवी अ च ा तु पणी ॥ ६॥
अशेषगुणसाराच अशोकाशोकना शनी ।
अभी दा अंशमुखी अ या तु पणी ॥ ७॥
अवल ा अ ध ा ी अ क नवर दा ।
अ खलान नी आ ा अयाना कृ मो हनी ॥ ८॥
अवधीसवशा ाणामाप ािरणी भा ।
आ ा दनी आ दश र दा अभया प च ॥ ७॥
अ पूण अहोध ा अतु ा अभय दा ।
इ मु ख
ु ी द हासा इ भ दा यनी ॥ १०॥
इ ामयी इ ा पा इ रा ई र ऽपरा ।
इ दायी र माया इ म पणी ॥ ११॥
ओ ार पणीदेवी उव सवजने र ।
sanskritdocuments.orgऐरावतवती पू ा अपारगुणसागरा ॥ १२॥ BACK TO TOP
कृ ाणा धकाराधा कृ ेम वनो दनी ।
ीकृ ा सदा ायी कृ ान दा यनी ॥ १३॥
कृ ाऽ ा दनीदेवी कृ ानपरायणा ।
कृ स ो हनी न ा कृ ान व धनी ॥ १४॥
कृ ान ा सदान ा कृ के ल सुखा दा ।
कृ या कृ का ा कृ सेवापरायणा ॥ १५॥
कृ ेमा सभर कृ ेमतर णी ।
कृ च हरादेवी क तदाकु लप नी ॥ १६॥
कृ मुखी हासमुखी सदाकृ कु तूहल ।
कृ ानुरा गणी ध ा कशोर कृ व भा ॥ १७॥
कृ कामा कृ व ा कृ ा े सवकामना ।
कृ ेममयी-राधा क ाणी कमलानना ॥। १८॥
कृ सू ा दनी का ा कृ ल ला शरोमणी ।
कृ स ीवनी-राधा कृ व ल ता ॥ १९॥
कृ ेमसदो ा कृ स वला सनी ।
ीकृ रमणीराधा कृ ेमाऽकल णी ॥ २०॥
कृ ेमवतीक कृ भ परायणा ।
ीकृ म हषी पूण ीकृ ा य र ॥ २१॥
कामगा ा काम पा क लक षना शनी ।
कृ संयु कामेशी ीकृ यवा दनी ॥ २२॥
कृ श का नाभा कृ ाकृ यासती ।
कृ ाणे र धीरा कमलाकु वा सनी ॥ २३॥
कृ ाणा धदेवी च कशोरान दा यनी ।
कृ सा माना च कृ ेमपरायणा ॥ २४॥
कृ व तादेवी ीकृ ा सदा ता ।
कु ा धराजम हषी पूज पू ुरर नी ॥ २५॥
का ामृतपाधोधी क ाणी क णामयी ।
कु कु सुमद ा च क िू र ब ु भः भा ॥ २६॥
कु चकु टमलसौ य कृ पामयी कृ पाकर ।
कु वहािरणी गोपी कु दामसुशो भनी ॥ २७॥
कोमला कमला कमलाऽकमलानना ।
क पदमनादेवी कौमार नवयौवना ॥ २८॥
कु ु माच चता च के सर म मो मा ।
का ना कु र ा ी कनका ु लधािरणी ॥ २९॥
क णाणवस ूण कृ
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ेमतर णी । BACK TO TOP


क मा कृ पा ा कृ सेवा परायणा ॥ ३०॥
ख ना ी खनी े ा अख ता मानकािरणी ।
गोलोकधा मनी-राधा गोकु लान दा यनी ॥ ३१॥
गो व व भादेवी गो पनी गुणसागरा ।
गोपालव भा गोपी गौरा गोधने र ॥ ३२॥
गोपाल गो पका े ा गोपक ा गणे र ।
गजे गा मनीग ा ग वकु लपावनी ॥ ३३॥
गुणा ा गणा ा गवो ती गुणाकरा ।
गुणग ा गृहल ी गो च
े डू ा मा लका ॥। ३४॥
ग ागीताग तद ी गाय ी पणी ।
ग पु धरादेवी ग मा ा दधािरणी ॥ ३५॥
गो व ेयसी धीरा गो व ब कारणा ।
ानदागुणदाग ा गो पनी गुणशो भनी ॥ ३६॥
गोदावर गुणातीता गोवधनधन या ।
गो पनी गोकु ले ाणी गो पका गुणशा लनी ॥ ३७॥
ग े र गुणाल ा गुणा गुणपावनी ।
गोपाल याराधा कु पु वहािरणी ॥ ३८॥
गोकु ले मु ख
ु ी वृ ा गोपाल ाणव भा ।
गोपा ना याराधा गौरा गौरवा ता ॥ ३९॥
गोव धािरणीव ा सुबलावेशधािरणी ।
गीव णव ा गीव णी गो पनी गणशो भता ॥ ४०॥
घन ाम याधीरा घोरसंसारतािरणी ।
घूण यमाननयना घोरक षना शनी ॥ ४१॥
चैत पणीदेवी च चैत दा यनी ।
च ाननी च का ी च को टसम भा ॥ ४२॥
च ावल प ा च ाच कृ व भा ।
च ाकनखर ोती चा वेणी शखा चः ॥ ४३॥
च नै चता च चतुराच ले णा ।
चा गोरोचनागौर चतुवग दा यनी ॥ ४४॥
ीमतीचतुरा ा चरमाग तदा यनी ।
चराचरे र देवी च ातीता जग यी ॥ ४५॥
चतुःष कलाल ा च ापु वधािरणी ।
च यी च पा च चता मनोरमा ॥ ४६॥
च ले खाच ीरा ी च का जत भा ।
चतुरापा माधुय चा च ललोचना ॥ ४७॥
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ो ी ो ी
छ ोमयी छ पा छ छ ो वना शनी ।
जग जग ा ी जगदाधार पणी ॥ ४८॥
जय र जग ाता जयदा दयकािरणी ।
जय दाजयाल ी जय ी सुयश दा ॥ ४९॥
जा नू दा हेमका ी जयावती यश नी ।
जग हता जग ू ा जननी लोकपा लनी ॥ ५०॥
जग ा ी जग जग ीज पणी ।
जग ाता योगमाया जीवान ग तदा यनी ॥ ५१॥
जीवाकृ तय गग ा यशोदान दा यनी ।
जपाकु सुमस ाशा पादा ाम णम ता ॥ ५२॥
जानु ु त जतो ु ा य णा व घा तनी ।
जते या य पा य ा जलशा यनी ॥ ५३॥
जानक ज ाच ज मृ ुजराहरा ।
जा वी यमुना पा जा नू द पणी ॥ ५४॥
झण ृ तपदा ोजा जडतािर नवािरणी ।
ट ािरणी महा ाना द वा वनो दनी ॥ ५५॥
त का नवण भा लै ो लोकतािरणी ।
तलपु जतानासा तुलसीम र या ॥ ५६॥
लै ो ाऽक षणी-राधा वगफलदा यनी ।
तुलसीतोषक च कृ च तप नी ॥ ५७॥
त णा द स ाशा नख े णसम भा ।

ै ो म लादेवी द मूलपद यी ॥ ५८॥

ै ो जननी-राधा ताप य नवािरणी ।
लै ो सु र ध ा त म पणी ॥ ५९॥
काल ा ाणक ल ै ो म लासदा ।
तेज नी तपोमूत ताप य वना शनी ॥ ६०॥
गुणाधािरणी देवी तािरणी दशे र ।
योदशवयो न ा त णीनवयौवना ॥ ६१॥
े तम त ानदा ी पदा ज
ु े।
त पा रा शा ा तसंसारपा लनी ॥ ६२॥
दामोदर याधीरा व सोवरदा यनी ।
दयामयी दया ा द योग द शनी ॥ ६३॥
द ानुलेपनारागा द ाल ारभूषणा ।
ग तना शनी-राधा ग ःख वना शनी ॥ ६४॥
देवदेवीमहादेवी दयाशीला दयावती ।
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दया सागराराधा महादािर ना शनी ॥ ६५॥ BACK TO TOP
देवतान रारा ा महापाप वना शनी ।
ारकावा सनी देवी ःखशोक वना शनी ॥ ६६॥
दयावती ारके शा दोलो व वहािरणी ।
दा ा शा ा कृ पा ा द णाय कािरणी ॥ ६७॥
दीनब ु यादेवी भा घटना शनी ।
जव ा पाशा धीमह चरणा ज ु ा ॥ ६८॥
धम तीता धरा ा धनधा दा यनी ।
धम ा ानग ा धरणीभारना शनी ॥ ६९॥
धमदाधैयदाधा ी ध ध धुर र ।
धरणीधािरणीध ा धमस टर णी ॥ ७०॥
धम धकािरणीदेवी धमशा वशारदा ।
धमसं ापनाधा ा ुवान दा यनी ॥ ७१॥
नवगोरोचना गौर नीलव वधािरणी ।
नवयौवनस ा न न नकािरणी ॥ ७२॥
न ान मयी न ा नीलका म ण या ।
नानार व च ा नानासुखमयीसुधा ॥ ७३॥
नगूढरसरास ा न ान दा यनी ।
नवीन वणाध ा नीलप वधािरणी ॥ ७४॥
न ाऽन ा सदान ा नमला मु दा यनी ।
न वकारा न पा न ल ा नरामया ॥ ७५॥
न लनी न लना ी च नानाल ारभू षता ।
नत न नराका ा न ा स ा सनातनी ॥ ७६॥
नीला रपर धाना नीलाकमललोचना ।
नरपे ा न पमा नारायणी नरे र ॥ ७७॥
नराल ा र क नगमाथ दा यनी ।
नकु वा सनी-राधा नगुणागुणसागरा ॥ ७८॥
नीला ा कृ म हषी नरा यग त दा ।
नधूवनवनान ा नकु शी च नागर ॥ ७९॥
नर ना न र ा नागर च मो हनी ।
पूणच मुखी देवी धाना कृ तपरा ॥ ८०॥
ेम पा ेममयी फु जलजानना ।
पूण न मयी-राधा पूण सनातनी ॥ ८१॥
परमाथ दा पू ा परे शा प लोचना ।
पराश पराभ परमान दा यनी ॥ ८२॥
प ततो ािरणी पु ा वीणा धमपावनी ।
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ी ी ी ो ो
प जा ी महाल ी पीनो तपयोधरा ॥ ८३॥
ेमा पु िरपूण प ल
े स षानना ।
प रागधरादेवी पौणमासीसुखा दा ॥ ८४॥
पूण मो पर ोती य र यंवदा ।
ेमभ दा-राधा ेमान दा यनी ॥ ८५॥
प ग ा प ह ा प ा प मा लनी ।
प ासना महाप ा प माला- वधािरणी ॥ ८६॥
बो धनी पूणल ी पूण स
ु षानना ।
पु र का ेमा पु र का रो हनी ॥ ८७॥
परमाथ दाप ा तथा णव पणी ।
फल या ू तदा ी महो व वहािरणी ॥ ८८॥
फु ा द नयना फ णवे णसुशो भता ।
वृ ावने र -राधा वृ ावन वला सनी ॥ ८९॥
वृषभानुसुतादेवी जवासीगण या ।
वृ ा वृ ावनान ा जे ा च वर दा ॥ ९०॥
व ु ौर सुवण वंशीनाद वनो दनी ।
वृषभानुराधेक ा जराजसुत या ॥ ९१॥
व च प चमर व च ा रधािरणी ।
वेणुवा याराधा वेणुवा परायणा ॥ ९२॥
व र वच ा ा ोदर कासती ।
व ोदर वशाला ी जल ी वर दा ॥ ९३॥
मयी पा वेदा वाषभानवी ।
वरा ना करा ोजा व वी वृजमो हनी ॥ ९४॥
व ु या व माता ा तपा लनी ।
व े र व क वे म पणी ॥ ९५॥
व माया व ुका ा व ा व पावनी ।
जे र व पा वै वी व ना शनी ॥ ९६॥
ा जननी-राधा व ला जव ला ।
वरदा वा स ा च बु दा वा दा यनी ॥ ९७॥
वशाखा ाणसव ा वृषभानुकुमािरका ।
वशाखास व जता वंशीवट वहािरणी ॥ ९८॥
वेदमाता वेदग ा वे वण भ र ।
वेदातीता गुणातीता वद ा वजन या ॥ ९९।
भ भ या-राधा भ म लदा यनी ।
भगव ो हनी देवी भव े श वना शनी ॥ १००॥
भा वनी भवती भा ा भारती भ दा यनी ।
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ी ी ी े ी ि ी
भागीरथी भा वती भूतश
े ी भवकािरणी ॥ १०१॥
भवाणव ाणक भ दा भुवने र ।
भ ा ा भुवनान ा भा वका भ व ला ॥ १०२॥
भु मु दा-राधा भा भुजमृणा लका ।
भानुश लाधीरा भ ानु हकािरणी ॥ १०३॥
माधवी माधवायु ा मुकु ा ासनातनी ।
महाल ी महामा ा माधव ा मो हनी ॥ १०४॥
महाध ा महापु ा महामोह वना शनी ।
मो दा मानदा भ ा म लाऽम ला दा ॥ १०५॥
मनोभी दादेवी महा व ु पणी ।
माध ा मनोरामा र ा मुकुरर नी ॥ १०६॥
मनीशा वनदाधारा मुरल वादन या ।
मुकु ा कृ तापा मा लनी हिरमो हनी ॥ १०७॥
मान ाह मधुवती म र मृगलोचना ।
न वृ ा महादेवी महे कृ तशेखर ॥ १०८॥
मुकु ाणदाह ी मनोहरमनोहरा ।
माधवमुखप ा मथुपानमधु ता ॥ १०९॥
मुकु मधुमाधुय मु ावृ ावने र ।
म स कृ ता-राधा मूलम पणी ॥ ११०॥
म था सुमतीधा ी मनो म तमा नता ।
मदनामो हनीमा ा म ीरचरणो ला ॥ १११॥
यशोदासुतप ी च यशोदान दा यनी ।
यौवनापूणसौ य यमुनातटवा सनी ॥ ११२॥
यश नी योगमाया युवराज वला सनी ।
यु ीफलसुव ा यु ा द वधािरणी ॥ ११३॥
य ा तगान नरता युवतीन शरोमणी ।
ीराधा परमारा ा रा धका कृ मो हनी ॥ ११४॥
पयौवनस ा रासम लकािरणी ।
राधादेवी परा ा ा ीराधापरमे र ॥ ११५॥
राधावा ी रसो ादी र सका रसशेखर ।
राधारासमयीपूण रस ा रसम र ॥ ११६॥
रा धका रसदा ी च राधारास वला सनी ।
र नी रसवृ ाच र ाल ारधािरणी ॥ ११७॥
रामार ार मयी र माला वधािरणी ।
रमणीरामणीर ा रा धकारमणीपरा ॥ ११८॥
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रासम लम ा राजराजे र भा ।
राके क
ु ो टसौ य र ा द वधािरणी ॥ ११९॥
रास या रासग ा रासो व वहािरणी ।
ल ी पा च ललना ल लता दस ख या ॥ १२०॥
लोकमाता लोकधा ी लोकानु हकािरणी ।
लोला ी ल लता च ल लताजीवतारका ॥ १२१॥
लोकालया ल ा पा ला व ालता भा ।
ल लता ेमल लतानु ेम ललावती ॥ १२२॥
ल लालाव स ा नागर च मो हनी ।
ल लार रती र ा ल लागानपरायणा ॥ १२३॥
ल लावती र त ीता ल लताकु लप नी ।
का नगौरा श क णधािरणी ॥ १२४॥
श स ािरणी देवी श न श दा यनी ।
सुचा कबर यु ा श शरे खा भ र ॥ १२५॥
सुमती सुग तद ी ीमती ीहिर पया ।
सु रा सुवण सुशीला भदा यनी ॥ १२६॥
भदा सुखदा सा ी सुकेशी सुमनोरमा ।
सुरे र सुकुमार भा सुमशेखरा ॥ १२७॥
शाक र स पा श ा शा ा मनोरमा ।
स धा ी महाशा ी सु र भदा यनी ॥ १२८॥
श ातीता स क ु ा शरणागतपा लनी ।
शाल ाम या-राधा सवदा नवयौवना ॥ १२९॥
सुबलान नीदेवी सवशा वशारदा ।
सव सु र -राधा सवस णा ता ॥ १३०॥
सवगोपी धाना च सवकामफल दा ।
सदान मयीदेवी सवम लदा यनी ॥ १३१॥
सवम लजीवातु सवस दा यनी ।
संसारपारकरणी सदाकृ कु तूहला ॥ १३२॥
सव गुणमयी-राधा सा ा सवगुणा ता ।
स पा स ा च स न ा सनातनी ॥ १३३॥
सवमाध लहर सुधामुख भ र ।
सदा कशोिरकागो ी सुबलावेशधािरणी ॥ १३४॥
सुवणमा लनी-राधा ामसु रमो हनी ।
ामामृतरसेम ा सदासीम नीसखी ॥ १३५॥
षोडशीवयसा न ा षडराग वहािरणी ।
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हेमा वरदाह ी भूमाता हंसगा मनी ॥ १३६॥ BACK TO TOP
हासमुखी जा ा हेमा ा कृ मो हनी ।
हिर वनो दनी-राधा हिरसेवापरायणा ॥ १३७॥
हेमार ा मदार ा हिरहार वलोचना ।
हेमा वण र ा षे वा सनी ॥ १३८॥
हिरपादा मधुपा मधुपानमधु ता ।
ेम र ीणम ा मा पा मावती ॥ १३९॥
े ा ी मादा ी तवृ ावने र ।
माशीला मादा ी ौमवासो वधािरणी ।
ा नामावयवती ीरोदाणवशा यनी ॥ १४०॥
राधानामसह ा ण पठे ा ण
ु ुयाद प ।
इ स भवे ा म स भवे ुव ॥ १४१॥
धम थकाममो लभते ना संशयः ।
वा ा स भवे भ ा ेमल ण ॥ १४२॥
ल ी वसे हे े मुखेभा तसर ती ।
अ काले भवे राधाकृ ेचसं तः ॥ १४३॥
इ त ीराधामानसत े ीराधासह नाम ो ं स ूण ॥

% Text title : Radhasahasranamastotram 1 from Radha Manasa Tantra


% File name : rAdhAsahasranAmastotram1.itx
% itxtitle : rAdhAsahasranAmastotram 1 (rAdhAmAnasatantrAntargataM anantarUpiNI rAdhA)
% engtitle : Radha Sahasranama Stotram 1
% Category : sahasranAma, devii, radha, stotra, devI
% Location : doc_devii
% Sublocation : devii
% SubDeity : radha
% Texttype : stotra
% Language : Sanskrit
% Subject : hinduism/religion
% Transliterated by : NA
% Proofread by : NA
% Description-comments : Radha Manasa Tantra. See corresponding nAmAvalI
% Indexextra : (nAmAvalI)
% Latest update : May 29, 2020
% Send corrections to : Sanskrit@cheerful.com
% Site access : https://sanskritdocuments.org

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