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SAMADHAN SANT

JYOTISH VASTU RATN PARAMARSH KENDRA AVM SHODH SANSTHAN

नवग्रह पीड़ाहर स्तोत्र


ग्रहों से होने वाली पीड़ा का निवारण करने के लिए इस स्तोत्र का पाठ अत्यंत लाभदायक है ।

ग्रहाणामादिरात्यो लोकरक्षणकारक:।

विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे रवि: ।।1।।

रोहिणीश: सध
ु ा‍मर्ति
ू : सध
ु ागात्र: सध
ु ाशन:।

विषमस्थानसम्भूतां पीड़ां हरतु मे विधु: ।।2।।

भूमिपत्र
ु ो महातेजा जगतां भयकृत ् सदा।

वष्टि
ृ कृद् वष्टि
ृ हर्ता च पीड़ां हरतु में कुज: ।।3।।

उत्पातरूपो जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति:।

सर्य
ू प्रियकरो विद्वान ् पीड़ां हरतु मे बध
ु : ।।4।।

दे वमन्त्री विशालाक्ष: सदा लोकहिते रत:।

अनेकशिष्यसम्पूर्ण:पीड़ां हरतु मे गुरु: ।।5।।

दै त्यमन्त्री गुरुस्तेषां प्राणदश्च महामति:।

प्रभु: ताराग्रहाणां च पीड़ां हरतु मे भग


ृ ु: ।।6।।

सर्य
ू पत्र
ु ो दीर्घदे हा विशालाक्ष: शिवप्रिय:।

मन्दचार: प्रसन्नात्मा पीड़ां हरतु मे शनि: ।।7।।

अनेकरूपवर्णेश्च शतशोऽथ सहस्त्रदृक् ।

उत्पातरूपो जगतां पीडां हरतु मे तम: ।।8।।

महाशिरा महावक्त्रो दीर्घदं ष्ट्रो महाबल:।

अतनश्ु चोर्ध्वकेशश्च पीड़ां हरतु मे शिखी: ।।9।।


MOB: 9568322100, 8279701574. EMAIL: samadhan.uttarakhand@gmail.com DEVBHUMI
UTTARAKHAND

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