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Free ब्रायलर फार्मिंग के सिधांत PDF कॉपी
Free ब्रायलर फार्मिंग के सिधांत PDF कॉपी
Ibne Ali
BVSc (Pantnagar) MVSc (IVRI)
New Delhi
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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
प्रस्तावना
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
समपाण
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
सि
य ी
S.No Particulars Page No.
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
ले कर अंत तक)
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बडम बडम फ्लू क्या है और इतना घातक क्यों है ?
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
1. विश्व और भारत में पोल्ट्र ी फावमिंग ब्रॉयिर पक्षी मााँ स के र्िए पािे जाते हैं
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
र्वश्व की सबसे बडी पोल्ट्र ी उत्पादन की कंपर्नयााँ स्वास्थ्य और पोिण: पोल्ट्र ी मां स में वसा
टायसन फूडस, जबीएस र्पिर्ग्रम्स और मर्ृीग की मात्रा कम होती है
हैं | प्रोटीन के एक स्रोत के रूप में, अन्य
दे श अंडो के सबसे बडे आयातक रहे | भारत में पोल्ट्र ी फावमिंग के सामने िुनौवतयााँ
बढ़ते हुए फीड के दाम और बनाने की
बढ़ती हुई मााँग के वलए उत्तरदायी कारक िागत नयी नयी उभरती हुई मुर्गायों की
जनसंख्या वृस्ि: 2050 में 9.5 अरब तक घटता हुआ िघु स्केि पोल्ट्र ी का र्हस्सा
बेहद खराब पोल्ट्र ी माकेर्टं ग
पहुं चने की उम्मीद है
इनफ्रास्टर क्चर
बढ़ता हुआ शहरीकरण
बढ़ता हुआ पोल्ट्र ी व्यापार
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
घरे िू बाजारों में संसार्र्त पोल्ट्र ी उत्पादों वैसे वैसे उत्पादन रफ़्तार पकडे गा | िेर्कन
यर्द इस आर्र्ा क सहयोग तर्ा र्वकास संगठन (OECD) आउटिु क को दे खें को तो पोल्ट्र ी मां स उत्पादन
और खपत में भारत की स्स्र्र्त का अंदाज़ा िगाया जा सकता है |
- इकनोर्मक टाइम्स
कोरोना काि के बाद मीट मार्काट में काफी र्पछिे बुरे समय से र्नकि आया है र्ीरे र्ीरे
र्दया र्जससे सप्लाई चैन पर गहरा असर 20 रूपए से अर्र्क का चूज़ा न खरीदे
पडा है | मक्का के दाम जो र्पछिे सािों में अर्ाा त जब चूज़ा महं गा हो तब फार्मिंग न
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2. मग
ु ी फामा में आवास प्रबिंधन 1. मुगी फामा का स्र्ान ऐसा होना चार्हए जो
भारतीय मूि में उष्ण कर्टबंर्ीय जिवायु पाई 4. शैड की छत पयाा प्त रूप से बाहर र्नकिी
जाती है र्जसमे 12 में से 8 महीने में गरम और हुई होनी चार्हए र्जससे सीर्ी बाररश अंदर
शुष्क वातावरण रहता है और कुछ समय तो गमी ना आ सके| इसे अमूमन 0.60 - 0.91
के सार् सार् आद्रता भी रहती है | उत्तर पर्िमी मीटर बहार र्नकाि कर रखा जाता है |
ठण्ड के मौसम में तापमान कार्ी कम रहता है | तापरोधक होना चार्हए, और जो आवास
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चार्हए| आज कि गैल्वेनाइज्ड आयरन की करने के र्िए उन्हें अच्छी गुणवत्ता वािी हवा
जार्ियां आने िगी हैं र्जनपर ज़ींक की परत प्रदान करना बहुत जरूरी होता है |
भी होती है इनमे जंक नहीं िगता और 12. वेंटीिेशन का मतिब यह र्बल्कुि नहीं होता
अर्र्क समय तक चिती हैं | की हवा के सीर्े झोंके फामा में आने िगे
8. िाइट के र्िए पयाा प्त दू री पर CFL या कम बस्ल्क वेंटीिेशन का मतिब फामा में से
पावर के बल्ब िगाने चार्हए. फामा में र्वर्भन खराब हवा को बाहर र्नकािकर स्वच्छ हवा
स्स्र्र्तयों में र्वर्भन्न रौशनी की आवश्यकता को अंदर िाना होता है इसके र्िए उपयुक्त
होती है | अमूमन शुरू में पहिे से सातवे काया करने पडते हैं जैसे एग्जॉस्ट फैन िगाना
र्दन तक 30 िक्स की रौशनी बताई जाती है या परदे हटाना आर्द फामा की चौडाई भी
9. फामा की िौडाई 30 फीट से अवधक नही 13. एक और महत्वपूणा बात को ध्यान में रखना
होनी िावहए और यर्द इससे अर्र्क चौडाई चार्हए वह यह र्क यर्द फॉमा में गैस
10. वेंटीिेशन का र्नयंत्रण पर्क्षयों के वातावरण इस्तेमाि करते हैं इससे ऑक्सीजन और कम
को र्नयंर्त्रत करने का सबसे महत्वपूणा हो जाती है तो ऐसी स्स्र्र्त में वेंटीिेशन
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16. शैड में मौजूद जगह का अनुमार्नत रूप से फामा में यर्द 3000 हज़ार से अर्र्क मुर्गायां
की ऊाँचाई 1.5 फूट तक रखी जाती है जो 23. यह शैड आबादी से कम से कम 500 मीटर
की जािी का बनाया जा सकता है | दू र होना चार्हए, इससे फामा की दु गिंर् आस
17. फामा का फशा पक्का होना चार्हए इसे पास के रहने वािो को परे शान नही करे गी |
मज़बूत कॉंरीट से बनाए या ईंट के खडं जे 24. फामा ऐसी िोकेशन पर होना चार्हए जहााँ
पर सीमेंट से फशा बना दें | कच्चे फशा में चूहे, सही रोड मौजूद हो और माि िाया और िे
छचुंदर र्बि बना िेते हैं र्जससे नेविे या जाया सके | गड् ढ़े वािी और उबड खाबड
सां प फामा में आ जाते हैं और नुकसान करते रोड पर बरसात में पानी भर जाता है र्जससे
हैं | चूज़े िाते समय या तैयार माि बेचते समय
अंदर या र्कसी छायेदार जगह पर होनी 25. यर्द दो शैड सार् में बनाने पडे तो उन दोनो
चार्हए| के बीच की दू री फामा की चौडाई से दु गनी
19. र्नप्पि र्डरंकर र्सस्टम के भी कार्ी फायदे होनी चार्हए| जैसे फामा की चौडाई 30 फीट
होते हािााँ र्क इसका शुरुआती खचा अर्र्क है तो दो फमो के बीच की चौडाई 60 फीट
होता है | तो छोटे फामा में शुरुआत में केवि होनी चार्हए इससे र्बमारी फैिेने के अवसर
बैि र्डरंकर िगाने चार्हए | बहुत कम हो जाते हैं | यह दू री बायो
20. शैड में या आस पास फीड, दवाई और अन्य र्सक्ूररटी के र्सर्ान्तो में से एक र्सर्ां त है |
उपकरण रखने की पयाा प्त जगह होनी हािााँ र्क कई िोग जगह की कमी होने के
वेि का इं तेज़ाम ज़रूरी होता है | पानी के पाता की उनके यहााँ बीमारी या कम उत्पादन
मापदं ड इस पुस्तक में आगे र्दए गए हैं | की र्दक्कत फामा की अनुर्चत बनावट की
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26. फामा की दीवारो पर चूने की पुताई बीमाररयो ऐसे आवासों में 24 घंटे प्रबंर्न व्यवस्र्ा को दे खते
के प्रकोप से बचाने में मदद करती है | रहना पडता है और जरूरत पडने पर उसे
र्नयंर्त्रत करना पडता है | क्ोंर्क जैसे-जैसे
आिासीय बनािट
तापमान बढ़ता है या घटता है उसके र्हसाब से
भारत में अर्र्कतर र्कसान छोटे फामा िगाते हैं
पदों को भी ठीक करना पडता है | कुछ िोग
र्जनमे मुर्गायों की सं ख्या 2,000 से िेकर
परदे डाि कर एग्जॉस्ट फैन िगा दे ते हैं और बार
10,000 तक होती है | यह फॉमा कम िागत से
बार पदे उठाने और र्गराने की आवश्यकता नहीं
बनाए जाते हैं इसर्िए इनमें र्नयंर्त्रत वातावरण
पडती| यह भारत में एक कारगर तरीका सार्बत
स्र्ार्पत करना संभव नहीं होता क्ोंर्क वह खचे
हुआ है |
को अत्यार्र्क बढ़ा दे ता है और उससे कोई
Asbestos
अर्तररक्त िाभ भी नहीं र्मिता | अर्र्कतर फॉमा Sheet
1 feet wall
30 feet
सार् उनमे नुकसान भी बढ़ते जाते हैं और अंत में फौवगंग और वमस्स्टं ग
है | यह पैड फामा के अंर्तम भाग पर िगाए जाते अपने वलए िो पसंद है दू सरों के वलए भी पसंद करे
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उपकरण की प्रणाली)
र्डरंकर या 40cm व्यास वािे 6 बैि र्डरंकर नही तो पानी र्डरंकर से छिक कर बहार आ
िगाने चार्हए और यर्द गमी अर्र्क हो तो जाता है और र्िट्टर को गीिा करके बीमारी
2. जैसे जैसे ब्रॉयिर बडे होते हैं वैसे वैसे पुराने 6. र्डरंकसा को रोज़ाना या हफ्ते में कम से कम
र्चक र्डरंकर को बैि र्डरंकर से बदिना तीन बार र्कसी अच्छे सॅर्नटाइज़र से साफ
3. ये उपकरण उर्चत दू री पर िगाने चार्हए, वनप्पल वडर ं वकंग वसस्टम - क्लोज़्ड वडर ं वकंग
र्जससे मुगी को पानी पीने के र्िए 8 फीट से वसस्टम )वित्र BB)
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3. इसके र्िए ऐसा र्हसाब बनाना पडता है र्िए पानी, साफ सफाई के र्िए, फॉगसा के र्िए,
र्जससे चूज़े के पैर ज़मीन पर सीर्े रहें और फामा के बहार गार्डयो के पर्हए और पैर को
चोंच आसानी से र्नप्पि के पॉइं ट पर पहुाँ च दवाई के पानी में र्ोने के र्िए आर्द|
फीवडं ग उपकरण
पानी को अमूमन बोर वैि, खुिे कुएाँ से या नहर प्रत्येक 1000 मुर्गायों के र्िए 25 से 30 टर ् फ
से प्राप्त र्कया जाता है | नहर या दरया के पानी फीडर की आवश्यकता होती है र्जनमे प्रत्येक
को पहिे अच्छे से साफ करना पडता है | टैं क के की िंबाई 5 फीट या 1.5 मीटर होती है | इस
साइज़ का र्नर्ाा रण पानी की कुि मााँ ग के र्हसाब फीडर के उपर एक जािी र्फट की जाती है
से र्कया जाता है | र्वर्भन्न ज़रूरते जैसे पीने के र्जसमे से मुगी अपनी गदा न डाि कर दाना खाती
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है , जैसे जैसे मुगी की आयु बढ़ती है इसकी उाँ चाई के र्िए हार्नकारक होता है क्ूंकी उससे मुर्गायों
भी बढ़ायी जाती है र्जससे फीड र्िट्टर के पडने पर कार्ी स्टर ै स पडती है | इसीर्िए तापमान को
गंदा नही होता| बनाए रखने के र्िए र्वर्भन्न उपकरण आते हैं |
जब मुगी के र्िए फीडर में जगह का र्नर्ाा रण • सवदम यो में - फामा के एक र्तहाई र्हस्से में
करें तो फीडर की दोनो साइड की िंबाई को ब्रूर्डं ग होनी चार्हए
र्गनना चार्हए.
• गवममयों में - फामा के आर्े र्हस्से में ब्रूर्डं ग होनी
हंवगंग हॉपर )वित्र BD) चार्हए
हॅं र्गंग फीडर प्लास्स्टक के बने हुए फीडर होते हैं ये बात सही है की ताप को बना के रखना चार्हए
जो अिग अिग क्षमता में र्मिते हैं इनका साइज़ परं तु इसके र्िए हवा के बहाव (वेंटीिेशन) से
5 से 12kg तक होता है | ये फीडर दू सरे हफ्ते से समझोता नही करना चार्हए| इस बात को ध्यान
अंत तक िगाए जाते है , एक हॅं र्गंग फीडर 50 में रखते हुए की ब्रॉयिर चू ज़े बहुत तेज़ी से बढ़ते
मुर्गायों के र्िए कार्ी होता है | चूज़ो को फीडर हैं , इसका खास ध्यान रखना चार्हए की फामा में
की प्लेट में दाना र्दया जाता है | उर्चत हवा का बहाव बना रहे र्जससे चूज़ो को
हार्नकारक गैसो से रहात र्मिे और भरपूर
हीवटं ग वसस्टम )तापमान गरम बनाए रखने
ऑस्क्सजन र्मिती रहे | तापमान को मापने के
के उपकरण)
र्िए फामा में चूज़ो की उाँ चाई पर रूम र्माा मीटर
मुर्गायों की उत्त्तम उत्पादकता बनाए रखने के
िगाकर रखना चार्हए|
र्िए उर्चत तापमान का होना बहुत ज़रूरी होता
है , तापमान का उपर नीचे होना मुर्गायों के स्वास्र्
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ब्रूडर्स को केंद्रीय संचािक से कंटर ोि र्कया जा िो वकसी अं धे व्यस्ि को 40 कदम िलने में मदद
सकता है या र्फर हर एक ब्रूडर को अिग अिग करता है तो उसके सारे वपछले गुनाह माफ़ हो
िैसा काटोगे|
इं फ़्रा रे ड रे वडयंट ब्रूडर
- हज़रत मु हम्मद )सo)
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िावहए
वसस्टम, तापमान, आद्रता
ताज़ी हवा का बहाव बना कर रखना चार्हये
)पयामप्त हिा का बहाि बनाए रखना)
र्जससे मुर्गायों को पयाा प्त ऑस्क्सजन र्मिती
र्सस्टम की आवश्यकता होती है र्जसका काबान डाई ऑक्साइड, र्ूि आर्द को बाहर
र्डज़ाइन वैज्ञार्नक रूप से बनाया गया हो| अच्छे र्नकािने के र्िए
वेंटीिेशन का मतिब है अच्छी गुणवत्ता की हवा, उर्चत तापमान और आद्रता बनाए रखने के
हरे क फामा में अिग वेंटीिेशन होना चार्हए एक र्िए
र्मर्नमम वेंटीिेशन और दू सरा गर्मायो के र्िए| बीमारी पैदा करने वािे कीटाणु और
इससे 3 मुद्दे हि होते हैं जीवाणुओ को बहार र्नकािने के र्िए
पोल्ट्र ी फावमिंग में पहले की तुलना में प्राकृवतक या खुला हुआ आिास
िेंटीलेशन की ज़रूरत अब ज़्यादा हो गयी है ,
जैसा की आवासीय बनावट वािे अध्याय में पहिे
क्यूंकी तेज़ी से बढ़ते हुए ब्रॉयलर की
भी बताया जा चुका है की भारतीय जिवायु
ऑस्ििन वडमांड 3 गुना तक बढ़ गयी है|
पररस्स्र्र्तयों में दोनो तरफ से खुिे हुए शैड
गर्मायो में हमे उत्पादन में कमी नज़र आने िगती
सबसे अर्र्क प्रर्चर्ित हैं | इनमे तापमान पदो के
है , र्जसका कारण भी खराब वेंटीिेशन होता है |
ज़ररए से र्नयंर्त्रत र्कया जाता है | मौसम के
इसर्िए हमे सस्ते से सस्ते तरीको से हवा के
र्हसाब से पदो की आवश्यकता, हीटर या ब्रूडर
बहाव को बढ़ाना चार्हए| भारतीय पररस्स्र्र्तयो में
का होना तापमान के बढ़ाने के र्िए ज़रूरी हो
शैड की बनावट बहुत बडा योगदान दे ती है
जाता है | दू सरी तरफ गमी के मौसम में पंखे,
इसर्िए, फामा की उाँ चाई और चौडाई का खास
फुव्वारे , फॉगसा आर्द तापमान को घटाने के र्िए
ध्यान रखना चार्हए|
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इस्तेमाि होते हैं | गमी में छत पर फूस भी रखी यह फामा र्डज़ाइर्नंग का सबसे अर्र्क
जा सकती है और साइड की जािी में र्दन के चुनौतीपूणा पहिू है र्जसे हर समय ध्यान में
समय सूत के बोरे र्भगो कर टााँ गे जा सकते हैं . रखना चार्हए| र्बना अच्छे वेंटीिेशन के ना तो
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आद्रता का पैमाना हवा में मौजूद नमी से नापा इसमें से िगभग 5.5 र्किो पानी वातावरण में
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सां स िेने के तंत्र को भारी नु कसान पहुं चाते हैं र्ू ि सां स िेने के तं त्र की र्झल्ली को
गैस प्रभाि
यवद अमोवनया 20 पीपीएम या गमम िलिायु
उससे अवधक होती है तो
उसे सूंघकर पता लगाया िा सकता यर्द तापमान र्मो न्यूटरि ज़ोन से अर्र्क हो जाए
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तो ब्रॉयिर पक्षी तनाव महसूस करने िगता है | को कोई अर्तररक्त काया नहीं करना पडता यह
र्जतने िंबे समय के र्िए ब्रॉयिर पक्षी ऊंचे गमी वातावरण के 13 से 25 र्डग्री सेस्ियस
तापमान पर रहे गा तनाव का उतना ही गहरा तापमान पर र्नकिती है | यर्द वातावरण का
असर उस पर पडे गा| नीचे र्दए गए ग्राफ में तापमान 30 र्डग्री सेस्ियस से अर्र्क हो जाता
तापमान और उस तापमान पर रहने के समय है तो शरीर से गमी र्नकािने के र्िए मुगी को
को दशाा या गया है | यर्द आप दे खें जैसे जैसे अर्तररक्त काया करना पडता है तार्क शरीर के
पयाा वरण का तापमान बढ़ता है उसके सार्-सार् बढ़ते हुए तापमान को कुछ ठं डा र्कया जा
ब्रॉयिर के शरीर का तापमान भी बढ़ता है और सके| इसे इन- सेंर्सबि हीट िॉस कहा जाता है
सां स िेने की दर भी काफी बढ़ जाती है | िब और इसमें शरीर वाष्पीकरण से ठं डा होता है
शरीर का तापमान 43.3 वडग्री और सांस लेने र्जसके र्िए पक्षी पैंर्टं ग (यानी मुंह खोि कर
की दर 110 से अवधक हो िाती है तो पक्षी सां स िेता है ) और सां स िेने की दर को बढ़ा
की मृत्यु वनवित हो िाती है | अतः शैड के दे ता है )| शरीर से गमी र्नकािने के दोनों तरह के
तापमान को र्नयंर्त्रत करना बहुत आवश्यक तंत्र को नीचे तार्िका में दशाा या गया है |
होता है |
% हीट लौस
(77°F)
30°C 74 26
मतिब यह होता है र्क मुगी के शरीर से गमी पैंवटं ग: जब पक्षी मुंह खोिकर सां स िेता है तो
अपने आप र्नकिती रहती है र्जसके र्िए मुगी वह अपने मुंह और सां स िेने के तंत्र की गीिी
र्झस्ल्लयों से पानी को वाष्पीकृत करता है और
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शरीर से गमी बाहर र्नकि जाती है | इसमें शरीर फामा में हवा का बहाव 3 मीटर प्रर्त सेकंड
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मुर्गायों को फामा में र्ीरे र्ीरे चिाते रहें ठं डे मौसम में तापमान को गरम रखने का प्रयास
र्जससे हवा का बहाव बने और मुगी र्कया जाता है र्जसकी वजह से फामा पर पदे
पानी पीती रहे डाि कर रखे जाते हैं | इस वजह से फामा में
मुर्गायों के दाने के बतान र्दन में गमी के र्वर्भन्न गैसे जमा होने िगती हैं और सााँ स िेने के
समय कम से कम 6 घंटे के र्िए उपर तंत्र की बीमाररयााँ होने िगती हैं |
कर दें |
फामम में रौशनी / प्रकाश
रात में वेंटीिेशन बढ़ाने के उपाय करें
भारत में ज़्यादातर ब्रॉयिर फार्मिंग पारं पररक
और तापमान को कम करने की कोर्शश
तौर से खुिे हुए शेड्स में होती है | इनमे र्दन
करें .
गरम होते हैं और राते ठं डी| अर्र्कतर र्कसान
अर्तररक्त पंखे िगायें (36 इं च के पंखे
फामा को पहिे र्दन से आर्खरी र्दन (जब तक
को 30 फीट की दू री पर िगायें )
माि र्बकता है ) फामा को हर समय प्रकार्शत
िातािरण ठं डा करने के संसाधन
रखते हैं | कई जगहो पर प्रकाश एक उष्मा के
तापमान कम करने के र्िए छत पर स्रोत की तरह भी इस्तेमाि होता है | प्रकाश पर
रं गे और अंदर की तरफ कािे रं ग से रं गें है | इसमे मूि र्सर्ां त ये है की फामा में प्रकाश की
इससे तापमान र्वर्नयर्मत होता है स्स्र्र्त ऐसी होनी चार्हए र्जससे मुर्गायााँ भरपूर
फामा की छत से बहार र्नकािने वािा दाना खायें और बाकी समय उसे पचाने के र्िए
टीन र्जतना हो सके बढ़ा दें र्जससे र्ूप बैठी रहें | प्रकाश का तेज/ तीव्रता और अवर्र्
सीर्ी अंदर ना जा सके दोनो ही मुगी के प्रदशान पर असर डािती है |
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हैं | िाइट के कई भौर्तक पहिू होते हैं और इससे पक्षी की फीड को इस्तेमाि करने की
सार्-सार् इसके स्रोत भी अिग-अिग होते हैं | दक्षता बढ़ती है र्जसे वृस्ि दर के ग्राफ से
समझा जा सकता है
प्रकाश की तीव्रता और र्कतने समय के र्िए
पक्षी में अचानक से मृत्यु होने के चां स कम
प्रकाश र्दया गया है इन बातों का खास ख्याि
हो जाते हैं , असाइर्टस और हर्ियों का
रखा जाता है | कई र्कसान अपने फामा में
कमजोर होना जैसी र्शकायतें भी नहीं आती|
र्नरं तर िाइट की व्यवस्र्ा रखते हैं | ऐसे र्सस्टम
परं तु ऐसा करने से ब्रैस्ट मीट में कमी दे खी
में भी कुछ समय के र्िए अं र्ेरा र्कया जाता है
जाती है , मुगी की टां ग में जमा होने वािा
र्जससे पर्क्षयों को र्ोडे अंर्ेरे का आदी बनाया
मां स बढ़ जाता है पेट में जमा होने
जाता है क्ोंर्क यर्द कभी अचानक से पावर कट
वािा फैट मैं भी अर्नयर्मतता आ जाती है |
हो जाए तो पर्क्षयों में काफी तनाव बढ़ जाता है
प्रकाश के र्िए पयाा प्त दू री पर CFL या कम
और मोटे र्िटी तक हो जाती है |
पावर के बल्ब िगाने चार्हए| फामा में र्वर्भन्न
र्पछिे कुछ समय में एक बात र्कसानों के
स्स्र्र्तयों में र्वर्भन्न रौशनी की आवश्यकता
र्दमाग में पै दा हुई है वह यह की िाइट की
होती है |जैसा की ऊपर दी गयी तार्िका में
व्यवस्र्ा 24 घंटे होनी चार्हए जो अर्तररक्त वजन
बताया गया है | अमूमन 30 िक्स की रौशनी
बढ़ाने के र्िए िाभकारी होती है परं तु यह र्सफा
बताई जाती है |
एक भ्ां र्त है पूणा सत्य नहीं है | यर्द पक्षी को कुछ
िैज्ञावनक सारणी के अनुसार प्रकाश की
दे र अंर्ेरे में रखा जाए तो उससे उसका उत्पादन
तीव्रता और समय की वनधामरण
स्वास्थ्य अंदरूनी हामोन की व्यवस्र्ा,
मेटाबोर्िज्म ऊजाा उत्पादन पर अनुकूि असर पक्षी का आयु तीव्रता घंटे
दे खा गया है | भार )वदन) )लि)
250 – 0-7 30 – 40 23
हाि ही में र्कए गए पर्क्षयों को अंर्ेरे में रखने के
300 प्रकाश /
अध्ययनों से कुछ तथ्य सामने आए हैं जो इस
ग्राम 1 अाँर्ेरा
प्रकार हैं :
300 8-40 5 – 10 20
यह शुरु की वृस्ि दर को कम करता
ग्राम से प्रकाश /
है | परं तु वृस्ि दर में होने वािी इस हार्न को
4 अाँर्ेरा
पक्षी आने वािे समय में पूरा कर िेता है |
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
1000 sqft में 30 लक्स रौशनी करने के पुण्य) ले िाता है | तोहफे बे टो से पहले बे वटयों को
100 30 5/3 19
500 30 24/16 93
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
जो शैड ताप रोर्ी नहीं होते या यूं कहें आमतौर सैर्नटाइजर से साफ करने के बाद र्डरंकसा
से बनाए जाने वािे खुिे हुए शैड उनमें प्रत्येक को अच्छी तरह र्ो िेना चार्हए
वयस्क मुगी को औसतन एक से सवा स्क्वायर पानी ताज़ा और साफ होना चार्हए
की आं ख के िेवि पर हो
30 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
सप्लीमेंटरी र्डरंकर इस तरह रखे जाने चार्हए अर्तररक्त फीडर को र्दन में कम से कम
की चूज़े मेन र्सस्टम और सप्लीमेंटरी र्डरंकर तीन बार भरना चार्हए जब तक चू ज़े मेन
के बीच में एक संपका बनाकर रखें फीर्डं ग र्सस्टम से दाना िेना शुरू न कर दें
31 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
सब ही एक ब्रीर्डं ग स्टॉक से होने चार्हए | अिग ऐसे में चूज़ों के र्िए पयाा प्त वेंटीिेशन की व्यवस्र्ा
अिग ब्रीडर फामा के चूज़े होने से उनकी वृस्ि होनी चार्हए और कम से कम स्टर ै स दे ना चार्हए|
एक सामान नहीं हो पाती और बीमाररयााँ आने और पानी में र्सफा नमक और गुड न दे कर
का खतरा भी अर्र्क रहता है | इस बात का भी इिेक्टरोिाइट के सार् ब्लड बर्सा और
ध्यान रखना चार्हए की र्जस ब्रीडर से चूज़े र्िए एं टीओस्क्सडें ट्स का भी इस्तेमाि करना चार्हए|
गए हैं उसके यहााँ सभी ब्रीडर मुर्गायों की आयु र्कसानो को इस बात को ध्यान में रखना चार्हए
रही हो तो र्दक्कत और भी बढ़ जाती है क्ूंर्क र्नकिता बस्ल्क उसके सार् इिेक्टरोिाइट भी
इससे फेफडो में ब्लड प्रेशर अर्र्क हो जाता है र्नकि जाते हैं इस स्स्र्र्त को नेगेर्टव डाइटरी
और मेटाबोर्िक एसीडोर्सस होने िगता है इिेक्टरोिाइट बैिेंस कहते हैं मतिब शरीर में
र्जससे चूज़े की ऑक्सीजन ग्रहण करने के क्षमता साल्ट्स का संतुिन र्बगड जाता है | र्सफा 10%
पर गहरा असर पडता है | सार् सार् फ्री रे र्डकि र्डहाइडरेशन काफी व्यापक नुकसान कर सकता
है | इसका असर रोग प्रर्तरोर्क क्षमता पर भी
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
रोगजनक जीवाणुओं की चपेट में आ जाता हैं और सभी चूज़ों को सही से ब्रूर्डं ग एररया में रख
योक सैक जैसी बीमाररयााँ भी होने िगती हैं | र्दया गया हो
चूज़ों को सावर्ानी से रखें और फीडर और है चरी में अपनाई जाने वािी र्रयाएाँ चूज़ों के
र्डरंकसा को एक समान र्वतररत कर के रखें | स्वास्र् पर गहरा असर डािती हैं र्जसका असर
कुछ चूज़ों को उठाकर उनका वज़न कर िे आने वािे समय में चूज़े के र्वकास पर र्दखता है |
और उसे ररकॉडा के तौर पर नोट कर िें | सभी है चरी इस बात का ख्याि रखती हैं की
चूज़ों के डब्बो को एक के ऊपर एक कर के अच्छी गुणवत्ता वािे कम स्टर ै स के वातावरण में
न रखे इससे अत्यार्र्क गमी उत्पन्न होती है चूज़ों का उत्पादन होना चार्हए |
और सफोकेशन से चूज़े मर जाते हैं |
अच्छी गुणित्ता िाले िूज़ों के लक्षण और
चूज़ों के खािी डब्बो को ब्रूर्डं ग एररया से
विशेषताएं )वित्र CA)
तुरंत हटा दें |
पूरी तरह से सूखे और रोयें दार होते हैं
कई बार कुछ र्कसान ठण्ड के मौसम में
चमकती हुई गोि और खुिी हुई आं खें
पयाा प्त गमी करने के संसार्न न होने से चूज़ों
सरीय और सतका रहते हैं
को उन्ही डब्बो में बंद कर दे ते हैं ऐसा करने
नार्भ पूणा रूप से भर चुकी हो कोई ज़ख्म न
से योल्क की र्बमाररया हो जाती हैं |
हो
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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
टां गो में चमक और छूने में मोम की तरह आवश्यकता से अर्र्क होगा तो चूज़े गमी के
चूज़े में र्कसी तरह की र्वकृर्त न हो (जैसे तापमान कम होता है तो चूज़े गमी के स्रोत की
मुडी हुई टााँ गे, घू मी हुई गदा न या र्तरछी तरफ भागते हैं और जमा हो जाते हैं और
दाना ठीक से खाया है ऐसा 500 में से 10 जगह जमा नहीं होते और र्ीमी र्ीमी आवाज़
चूज़ों में कर के दे खें और 95% से अर्र्क र्नकािते रहते है (चहचहाते रहते हैं ) |
ब्रूवडं ग का प्रबंधन
रखते हैं | ब्रूर्डं ग के दौरान कुछ अर्तररक्त इस बात का ख्याि रखें की जब चूज़ों को सेट
मेहनत आस्खर में पूरे फ्लॉक के प्रदशान को बढ़ा कर दें तो हवा के बहाव (ventililation) या
ब्रूर्डं ग एररया में चूज़े डािने के दो घंटे बाद चैक पूरे शैड में ब्रूवडं ग का प्रािधान )वित्र CD)
करें और दे खें की चूज़े आराम से हैं और तापमान
आवश्यकता अनुसार है की नहीं | यर्द तापमान
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
आधे शैड में ब्रूवडं ग का प्रािधान तक चूज़े अपने शरीर के तापमान को र्नयंर्त्रत
नहीं कर पाते और यह 2 हफ्ते की आयु तक र्ीरे
आम तौर पर यही की जाती है और इससे गमी
र्ीरे सीखते हैं | इसर्िए र्िट्टर का उर्चत तापमान
करने (तापमान बनाये रखने) का खचाा भी कम
बहुत आवश्यक हो जाता है | यर्द वातावरण
हो जाता है | जगह को कम करने से एक फायदा
अर्र्क ठं डा होगा तो शरीर के अन्दर का
ये होता है कम उजाा खचा करके अर्र्क बच्चो की
तापमान बढ़ जायेगा र्जससे र्वकास कम होगा
ब्रूर्डं ग करते हैं और बच्चो के शरीर की उजाा भी
और शरीर बीमारी के र्िए अर्र्क कमज़ोर हो
तापमान को बनाये रखने में मदद करती है | पूरे
जायेगा| यर्द आप पूरे शैड में ब्रूर्डं ग कर रहे हैं
शैड का र्वभाजन करने के र्िए कई तरीके हो
तो पहिे र्दन र्िट्टर का तापमान 32 र्डग्री
सकते हैं | ब्रूर्डं ग एररया के र्वभाजन के र्िए
सेस्ियस होना चार्हए, यर्द स्पॉट ब्रूर्डं ग कर रहे
ज़मीन से िेकर छत तक परदे खेंच दे ना सबसे
हैं तो र्िट्टर सतह का तापमान 40.5 र्डग्री
अर्र्क िोकर्प्रय है | पदों के आगे एक ठोस
सेस्ियस होना चार्हए|
20cm का बेररयर िगा दे ना चार्हए र्जससे ठं डी
हवा के झोंके सीर्े चूज़ों के ऊपर न आ सकें| ब्रूडर गाडम )वित्र CE)
स्पॉट ब्रूवडं ग )वित्र CE) ब्रूडर गाडा ऐसे पदार्ा का होना चार्हए र्जसे
आराम से साफ र्कया जा सके|
इसमें ब्रूर्डं ग एररया में एक अकेिा गमी का स्रोत
ब्रूडर गाडा की ऊाँचाई 16 से 18 इं च की होनी
जैसे ब्रूडर कैनोपी छत से िटका र्दया जाता है
चार्हए|
जो र्सर्मत जगह को गमा करता है | यह गमी
गाडा चूज़ों को गमी के स्रोत के नजदीक
करने का सबसे र्कफायती और िोकर्प्रय तरीका
रखने में मदद करते हैं |
होता है | इस पर्र्र्त्त में तापमान गमी के स्रोत के
इनसे चूज़े अर्र्क ठण्ड से बचते हैं और एक
नीचे सबसे अर्र्क रहता है और र्कनारे पर
दू सरे के ऊपर नहीं चढ़ते |
सबसे कम|
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रात के समय गाडा की गोिाई कम कर दें आपको सारी बातो को ध्यान में रखते हुए करना
और र्दन में बढ़ा दें पडे गा जैसे मौसम, तापमान और हवा की तेज़ी
शुरू के कुछ र्दनों में ब्रूडर गाडा के अन्दर र्िट्टर शाम का समय चूज़ों को जां चने और तापमान को
के ऊपर अखबार िगा र्दया जाता है र्जससे ठीक करने के र्िए सबसे उपयुक्त होता है और
फीड या पानी र्िट्टर में र्गरकर खराब नहीं होता इसी समय सााँ स की समस्ां ए और टीकाकरण
और फीडर में भी र्िट्टर नहीं आ पाता| ऐसा 5 से के बाद होने वािी प्रर्तर्रयाओं को दे खा जा
7 र्दन तक करते हैं | गीिे पे पर को हटा कर उसे सकता है | कई बार र्माा मीटर ठीक से काम नहीं
सूखे पेपर से बदिते रहे | करते और उनके रीर्डं ग में कई र्डग्री का फका
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
बनाये रखें और चैक करते रहे की ऊष्मा संरक्षण र्डरंकर में पानी का िेवि अर्र्कतम रखें जब
सही प्रकार से हो रहा है या नहीं| तक चूज़े इतने बडे ना हो जाएं र्क वह उसमें
से पानी को र्बखराने िगे
बहारी वातावरण की पररस्स्र्र्तयां और और चूज़ों
र्चक्स के प्लेसमेंट के 48 घंटे बाद र्चक
के ऊपर पंखो के आवरण का घनत्व कुछ ऐसे
र्डरंकसा को हटा दे ना चार्हए
कारक हैं र्जनका आं किन करना चार्हए जैसे
र्डरंकर र्िट्टर से र्ोडी ऊंचाई पर रखना
जैसे चूज़े बडे होने िगे उसके सार् सार् तापमान
चार्हए र्जससे पानी की गुणवत्ता बनी रहती
में कमी करते रहे |
है
फीड और पानी
बैल वडर ं कसम
इस बात को सुर्नर्ित करें की फीडर और र्डरंकर
इसकी ऊंचाई ऐसी होनी चार्हए की र्डरंकर
चूज़ों की संख्या के अनुसार पयाा प्त मात्रा में हो
का र्िप पक्षी की पीठ की ऊंचाई के बराबर
और उन्हें उर्चत दू री पर रखा गया हो| फीडर
हो
और र्डरंकर ब्रूडर के नीचे ही होने चार्हए | फीडर
और र्डरंकर को आसपास रखना चार्हए की वो
वडरंकर
गई हैं
ऊंचाई के र्िए बार बार दे खना आवश्यक
विक वडरंकसम
होता है और जरुरत के अनुसार एडजस्ट
प्रत्येक 1000 र्चक्स पर 16-20 र्मनी र्चक
करते रहना चार्हए|
र्डरंकर होने चार्हए
िगातार इस्तेमाि होने से र्डरंकर में र्िट्टर
र्डरंकर कभी भी खािी नहीं रहना चार्हए
चिा जाता है इसर्िए र्डरंकर को र्नयर्मत
र्डरंकर हमेशा साफ और स्वच्छ होना चार्हए
रूप से साफ करते रहना चार्हए|
और जरूरत पडने पर उसे सैर्नटाइजर से
शुरू के र्दनों में र्डरंकर में पानी का िेवि
र्ोना चार्हए
र्िप से आर्ा सेंटीमीटर नीचे होना चार्हए
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कर पाते तो ब्रॉयिर का आगे आने वािा प्रदशान ब्रूर्डं ग एररया में ठं डी हवा के झोंके नहीं आने
वजन िगभग ढाई सौ (250) ग्राम होना चार्हए 20 िक्स की िाइट की उपिब्धता बनाए
यर्द ऐसा नहीं हो रहा है तो ब्रूर्डं ग प्रबंर्न और रखें र्जसे र्ीरे र्ीरे बढ़ा कर 30 िक्स कर दें
चूज़ों को प्लेस करने से पहिे बरती जाने वािी चूजों के पैर का तापमान चैक करते रहे और
सावर्ार्नयों को सही से दे खना चार्हए और जहां सार् ही सार् रॉप को दबा कर भी दे खें र्क
पर जरूरत हो वहां पर प्रबंर्न में सं शोर्न करना दाना ठीक से खाया जा रहा है या नहीं
चार्हए|
पालने के िैक पॉइं ट्स
ब्रूवडं ग की िैक वलस्ट
फीडर में फीड का िेवि ऐसा होना चार्हए
फामा सुपरवाइजर को ब्रूर्डं ग के स्र्ान का की फीड की बबाा दी ना हो (फीडर को शुरू
आवश्यक होता है र्जनमें से कुछ र्नम्न प्रकार से की जगह पयाा प्त होनी चार्हए और उसकी
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चार्हए और र्नप्पि की पाइप िाइन में यर्द फ्लॉक में खराब प्रदशा न हो रहा है तो हमें
पयाा प्त प्रे शर बना हो र्जससे पानी का िीकेज सभी कारकों को अच्छे से दे खना चार्हए क्ोंर्क
ना होने पाए| छोटे -छोटे कारक भी बडे नु कसान की वजह बन
ब्रॉयिर पर्क्षयों को पािने का पूरा कायारम इस र्जस र्दन आपको पक्षी र्नकािने हो, उस
तरह से व्यवस्स्र्त होना चार्हए की सभी पक्षी र्दन समय को ध्यान में रखें
एक समान वृस्ि दर से बढ़े और सब का वजन अमूमन पक्षी पकडने से 2 घंटे पहिे फीड
एक समान हो| अनुकूितम FCR, समय पर और दे ना बंद कर र्दया जाता है |
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वबमारी, दु श्मनी और आग
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7. प्रबंधन कारक विससे पक्षी की 5. फॉमा में तापमान ज्यादा होने पर पक्षी के
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है जहां पर आसपास पानी के अच्छे स्रोत होते हैं एक तािाब बनाकर उसमे मागुर मछिी पाि िी
इं रीनेटर बनाते समय र्नम्न बातों का ध्यान रखना जाती है और मरे हुए पर्क्षयों को उसमे डाि र्दया
चार्हए| फामा की कैपेर्सटी के र्हसाब से जाता है जहााँ मछर्ियां झटपट इन्हें चट कर
तरीका है इसमें एक गड्ढा खोदकर उसके ऊपर िो व्यस्ि अपने भाई पर एहसान करे वफर अपनी
3.कंपोस्स्टं ग
3.मछली पालन
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पर प्रर्तकूि प्रभाव पडता है ऐसे में वातावरण इसका मापक पानी की पी.एच. होती है | पी.एच.
और फामा प्रबंर्न का अविोकन करना चार्हए| पानी के अंदर मौजूद तेज़ार्बयत को नापती
है | इसको 1 से 14 के पैमाने पर नापा जाता है | 7
पानी की गुणित्ता
पी.एच. को न्यूटरि माना जाता है | 7 से नीचे यर्द
अच्छी गुणवत्ता का पानी ब्रॉयिर और िेयर
पी.एच. की वैल्यू आए तो उसे एर्सर्डक माना
फार्मिंग के र्िए बहुत महत्वपूणा होता है | पानी
जाता है जबर्क 7 से ऊपर आने वािी वैल्यू को
पक्षी के पोिण और स्वास्थ्य में सहायक होता है
बेर्सक माना जाता है | जैसे-जैसे पी.एच. 7 से नीचे
अच्छी गुणवत्ता का पानी पयाा प्त मात्रा में हर
र्गरती है तेज़ार्बयत बढ़ने िगती है और 1 पर
समय उपिब्ध रहना चार्हए| पानी की गुणवत्ता
यह सबसे अर्र्क हो जाती है इसी तरह 7 से
उसके पी.एच. िेवि, खर्नज की
ऊपर यह खारा होने िगता है | सबसे अच्छी
मात्रा, बैक्टीररया से दू र्ित होने से नापा जाता
गुणवत्ता वािा पानी हल्का सा एर्सर्डक होता है
है | इसर्िये पानी की समय समय पर जां च
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
और उसका pH 6.8 के करीब होता है | यर्द पोल्ट्र ी के पानी में नाइटर े ट की उपस्स्र्र्त अत्यंत
पीएच 8 से ऊपर चिी जाए तो क्लोरीन वािे हार्नकारक र्सि होती है 10 पीपीएम नाइटर े ट
कीटाणुनाशक बेकार हो जाते हैं ऐसी स्स्र्र्त में ब्रॉयिर की प्रदशान को गंभीर रूप से नुकसान
र्सरका इस्तेमाि र्कया जाता है इसर्िए फॉमा में पहुं चाता है | इसर्िए पानी को नाइटर े ट के र्िए
पी.एच. नापने का यंत्र होना आवश्यक होता है | र्नरं तर चैक करते रहना चार्हए यर्द पानी में
जाता है जो र्क काफी कारगर रहता है | 40 से जां च भी सस्म्मर्ित रहती है | पानी को जां चते
50 माइरोन का र्फल्ट्र इसके र्िए उपयोग समय उसके अंदर कोिीफॉमा बैक्टीररया की
र्कया जाता है और हफ्ते में एक बार इसे साफ गणना बहुत महत्वपूणा रहती है क्ोंर्क यर्द यह
करना जरूरी होता है | बैक्टीररया अर्र्क मात्रा में हो तो यह काफी
है |
45 | P a g e
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फामि में स्ट्वछता को सनु नजचित र्कर्ा जा यर्द मुमर्कन हो तो टैं क को खािी करके
सकता है | उसे साबुन से र्ो िेना चार्हए
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िीटर में दशाा या गया है 1000 साल की इबादत, 1000 ग़ुलाम के आज़ाद
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फीड में आवश्यक पोिक तत्वों की मात्रा मक्का और अन्य अनाजों में उत्पन्न होते हैं |
र्कतनी है | फीड में 10% से अर्र्क नमी नहीं होनी
काफी अर्र्क समय तक गहरी सां स िेने से फीड विवभन्न रूपों में बनाया िाता है
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यर्द पर्क्षयों को उनकी अनुवां र्शक क्षमता के प्लार्नंग के सार् र्कया गया फीर्डं ग प्रबंर्न गमा
र्हसाब से इस्ते माि करना हो तो उन्हें उपयुक्त जिवायु में ब्रॉयिर के पोिण का सबसे अच्छा
पोिण दे ना जरूरी होता है | यर्द हमें उन्हें सही तरीका है इससे यह गमा जिवायु में अनुकूि
मात्रा में ऊजाा प्रोटीन अमीनो एर्सड खर्नज तरीके से रह िेता है | गमी के र्दनों में र्दन के
र्वटार्मन दे ने हैं तो वैज्ञार्नक तरीके से फीड का ठं डे समय में पर्क्षयों को स्खिाना उर्चत रहता है
फामूािेशन करना पडता है | जैसे शाम या रात में दाना दे ने से दाने का सेवन
अर्र्क होता है जब र्ोडे र्ोडे अंतराि पर
कोई भी फीड तभी अच्छा बनता है जब उसमें
फीडर को भरा जाता है तो पक्षी का रुझान फीड
इस्तेमाि की जाने वािी सामग्री उच्च गुणवत्ता की
की तरफ बढ़ता है और फीड का सेवन अर्र्क
हो इसर्िए कच्चे माि की गुणवत्ता को
होता है | गमी के र्दनों में र्दन के गरम भाग में
प्रार्र्मकता दी जानी चार्हए और सभी तत्वों
फीर्डं ग नहीं करानी चार्हए और इस बात को
को फीड फामूािेशन के र्हसाब से र्मिाना
ध्यान में रखना चार्हए र्क यर्द पर्क्षयों ने दाना
चार्हए| बने हुए फीड की गुणवत्ता को फीड िैब
र्दन के गमा समय से पहिे खा र्िया है तो उनमें
में टे स्ट करा कर सुर्नर्ित कर िेना चार्हए|
उष्मा का उत्पादन कम होता है |
ऊंिे तापमान पर ब्रॉयलर का प्रदशमन वकस
फीडर प्रबंधन
तरह से बेहतर करें |
जैसा की हमने पहिे बताया है की फीडर की
ब्रॉयिर का प्रदशान बनाए रखने के र्िए गर्मायों
हाइट ऐसी रखनी चार्हए की फीडर का र्िप
में इस बात को सुर्नर्ित करना चार्हए की पक्षी
हमेशा मुर्गायों की पीठ के समति हो| बतान
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र्नमाा ता द्वारा दी गई सावर्ार्नयों की सिाह को दोस्त की माफ़ी को क़ुबू ल न करने िाले का गु नाह,
होता है |
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
िाइर्सन 1.3 प्रर्तशत होना चार्हए, मेर्र्योनीन होता है | प्रोटीन के स्रोत के रूप में सोयाबीन की
0.5% होना चार्हए और मेटाबोिायीज़ेबि खिी और मीट मीि का इस्तेमाि र्कया जाता है |
ऊजाा एक र्किो में 2800 र्किो कैिोरी के आगे हम दे खेंगे की र्कस तरह दाना बनाते समय
र्हसाब से होनी चार्हए| इनका उपयोग होता है |
ब्रॉयिर पर्क्षयों का दाना बनाते समय माध्यम से फैट सोल्यूबि र्वटार्मन अवशोर्ित
मेटाबोलायीज़ेबल ऊिाम (Metabolizable होते हैं जो शरीर को स्वस्र् रखते हैं और रोग से
Energy – ME) का इस्तेमाि र्कया जाता है इस िडने की क्षमता को बढ़ाते हैं | आम तौर पर खाने
ऊजाा के द्वारा आकिन बहुत उपयोगी रहता है का तेि इस्तेमाि र्कया जै से सोयाबीन का तेि,
क्ोंर्क इसे ज्ञात करना पोल्ट्र ी में आसान होता सूरजमुखी का तेि, ताड का तेि आर्द |
प्रोटीन की कुि आवश्यकता को आसानी से पूरा कैस्शशयम दाने में 0.95% से अर्र्क नहीं डािा
कर र्िया जाता है परं तु एक आदशा प्रोटीन वह जाता और फॉस्फोरस 0.45% से अर्र्क नहीं
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
हो जाती है और अर्तररक्त मात्रा को DCP और अंतर नहीं होता बस पैिेट में पैिेट बंर्न के र्िए
LSP से हो जाती है | कुछ तत्व डािे जाते हैं र्जन्हें पैिेट बाइं डर एजेंट
कहते हैं |
5. नमक और सोडा
यहााँ पर सब जानकारी र्िसन और वेंकीज़ज़
दाने में नमक की मात्रा का ध्यान रखना पडता है
द्वारा र्दए गए मानकों के आर्ार पर दी गयी है |
अन्यर्ा सोर्डयम के र्ोडे से भी अर्र्क या कम
र्िसन और वेंकीज़ में अर्र्क अंतर नहीं है परन्तु
होने से सारा संतुिन र्बगड जाता है और पर्क्षयों
कुछ तत्वों को वेंकीज़ ने भारतीय पररस्स्र्र्तयों
में र्वर्भन्न िक्षण र्दखने िगते हैं और वृस्ि दर
अनुसार उपयोग र्कया है | यह सब जानकारी इन
पर बुरा असर पडता है इसर्िये नमक और सोडे
र्कताबो में मौजूद है और यहााँ हम र्सफा तरीके
को सोर्डयम की मात्रा को ध्यान में रखते हुए
पर बात करें गे की र्कस तरह एक बैिेंस्ड दाना
डािा जाता है | नमक में 39% सोर्डयम होता है
बनाया जाता है |
जबर्क खाने के सोडे में 27% सोर्डयम होता है |
ब्रॉयिर का दाना दो प्रकार का बनता है एक 1. सबसे पहिे 5% स्र्ान को खिी छोड दें
पैिेट दू सरा मैश यह सब मशीन के ऊपर र्नभार मतिब 1000 र्किो में से 50 र्किो को
करता है | पैिेट और मैश के फामूािा में कोई खािी रहने दें र्जसमे बाद में छोटे अव्यय
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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
मीट मीि में 50% प्रोटीन और 1 र्किो 0.48X + 0.09Y = 210 ….. Eq 2
जायेगा |
54 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
11. अब दाने में मौजूद फॉस्फोरस को फीड भी र्मिाया जाता है इसर्िये सोडे का
र्मिाकर पूरा करें | इस उर्ारण में यर्द 14. अब दाने में कम रह गए एर्मनो एर्सड
हम दे खें तो 3.57 र्किो फॉस्फोरस मेर्र्योनीन और िायीसीन को संतुर्ित
मौजूद है जबर्क 930 ग्राम अर्तररक्त करते हैं | सभी पोिक पदार्ो से 3.39
फॉस्फोरस की आवश्यकता है | र्जसके र्किो मेर्र्योनीन प्राप्त होता है जबर्क
आवश्यकता है र्जसके र्िए 12.13 16. इस राशन में र्ियोनीन की कमी नहीं है
र्किो LSP र्मिाया जायेगा र्जसमे 38% इसर्िये इसे अिग से नहीं र्मिाया
है | इस बनाए गए दाने में 660 ग्राम ध्यान रखें| वैसे यर्द अर्तररक्त र्िओर्नन
सोर्डयम मौजूद होता है और िगभग र्मिाया जाता है तो दाने में रूड प्रोटीन
2.77 र्किो नमक र्मिाया जायेगा (1.55 17. यह अवश्यक्ताये पूरी करने के बाद इस
र्किो का 70% सोर्डयम नमक से र्िया दाने में 7 र्किो 630 ग्राम जगह
55 | P a g e
दाना बनाने में एक वसधांहज़रत महु म्मद
त का प्रयोग साहब
होता है िह(सo)
ये कीकोपहले
समर्पि त लगाये की आपके पक्षी की
ये पता
आिश्यकता क्या है और आपको वकतनी मात्रा में क्या वमलाना पडे गा विससे िो आिश्यकता
पू री हो िाये| पहले requirement का पता लगायें वफर उसे पू री करने िाली सामग्री को िमा
करें िैसा की उदहारण में बताया गया है
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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
Copper (g) 15 15 15
Leeson की र्कताब क्ूंर्क यूरोर्पयन और Iodine (g) 2
Selenium (mg) 300 300 300
अमेररकन जिवायु के र्हसाब से र्िखी गयी है
हैं तो अपने यहााँ इस्ते माि होने वािी सामग्री और अव्यय मक्का सोया MBM
)DOC)
Energy )Kcal/Kg) 3330 2550 2650
उसकी गुणवत्ता को दे खते हुए Leeson की दी
Crude protein % 9 48 50
गयी जानकारी को मानक मन जा सकता है | Calcium % 0.01 0.2 8
Available 0.13 0.37 4
और हमने ऊपर उर्ारण में Leeson के मानको Phosphorus %
Crude Fiber % 2.5 3 -
का प्रयोग र्कया है | Lysine % 0.16 2.78 2.09
Methionine % 0.18 0.64 0.62
व्यवहाररक तौर पर पशु पोिण र्वज्ञान िगातार Threonine % 0.33 1.75 1.17
Sodium% 0.05 0.05 0.5
उन्नर्त कर रहा है और वैज्ञार्नक इस पर अध्यन
कर रहे है की फीड की गुणवत्ता बढ़ाने के सार्
कुछ महत्वपूणम बाते
सार् उसे और सस्ता कैसे र्कया जाये
अर्र्कतर पोल्ट्र ी के दाने मक्का के ऊपर
िैन्कोब ब्रीड की प्रवत टन की विटावमन और
र्नर्ाा ररत होते हैं इसर्िये मक्का की गुणवत्ता
वमनरल आिश्यकताएं
का खास महत्त्व है | अच्छी गुणवत्ता के
विटावमन स्टाटम र ग्रोिर वफवनशर
मक्का में 5% से अर्र्क टू टे हुए दाने नहीं
)0 – 18 )19 से )31 से
वदन) 30 वदन) अंत तक)
Vitamin A (MIU) 15 13.5 11 होने चार्हए और 3% से अर्र्क कूडा
Vitamin D (MIU) 5 4.5 4
करकट नहीं हो सकता | टू टे हुए दानो से
Vitamin E (g) 70 60 50
Vitamin K (g) 4 3.5 3 मक्का की उजाा कम हो जाती है और अच्छा
Thiamin (g) 4 3.5 3
Riboflavin (g) 9 8 7 फीड नहीं बन पाता | और टू टे दानो में फंगस
Pyridoxine (g) 4 3.5 3
Pantothenate (g) 16 14.5 12 भी िगी होती है |
Folic Acid (g) 2.5 2.25 2
Biotin (g) 0.16 0.145 0.145 मक्का में 15% से अर्र्क नमी नहीं होनी
Niacin (g) 70 60 50
चार्हए|
Choline (g) 900 900 900
Vit. B12 (g) 0.0225 0.02 0.017 मीट मीि इस्तेमाि करते वक़्त इस बात का
Manganese (g) 100 100 100
Iron (g) 90 90 90 ख्याि रखना चार्हए की वो पूरी तरह से
Zinc (g) 80 80 80
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
िायीसीन की आवश्यकता आयु के सार् िो व्यस्ि कभी िन्नत में नही ं िाएगा िो पडोसी
सार् कम हो जाती है और यर्द िायीसीन की को दु ुः ख ददम पहुं िाए
मात्रा बढ़ा दी जाती है तो आर्जानीन की विसके घर मौत हुई हो उसके पडोसी को िावहए
उसके घर 3 वदनों तक खाना भेिे
आवश्यकता बढ़ जाती है और ग्रोर् पर बुरा
िो व्यस्ि अपने पडोवसयों को ज़रूरत का सामान
असर पडता है
नही ं दे ता क़यामत के वदन िो ख़ु दा के फज़लो करम
Starter Finisher
Sr.no Ingredient Name QTY QTY - हज़रत मु हम्मद )सo)
1 Vitamin Permix 3 3
2 L Theronine 3.5 3.5
3 DL-Methonine 29.7 27.7
4 L-Lysine 26 28.6
6 Enramycin (AGP) 0.8 0.8
7 Acidifier 1 1
8 Trace Minerals 7.55 7.55
9 Soda 10 10
10 Salt 20 20
13 LSP-Calcit 42 55
14 DCP(Ca:p) 25 25
15 Crushed Maize 316.5 302.9
16 Soya DOC 15 15
500.05 500.05
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2) बैक्टीररयि बीमाररयां
वनदान
3) माइकोप्लाज्मा की बीमाररयां
4) फंगि बीमाररयां
मुर्गायों में िगभग 70 तरह की बीमाररयां होती हैं
5) परजीवी बीमाररयां
र्जनमें से िगभग 40 बीमाररयों को र्वर्भन्न
6) पोिण संबंर्ी बीमाररयां
र्कताबों में र्वस्तार से बताया गया है परं तु बाकी
7) मेटाबोर्िक बीमाररयां
बची कुछ बीमाररयां अभी ऐसी हैं र्जनके बारे में
भी खुिा हुआ है | कुछ अध्ययनों में यह ज्ञात 1. रानीखेत (New Castle Disease)
मुवगमयों की बीमाररयां 7 कैटे गरी में बांटी गई सरीय रहता है जबर्क मरी हुई मुर्गायों और
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इसके मुख्य िक्षण वायरस के प्रकार पर र्नभार पोस्टमाटम म- पोस्टमाटा म करने पर पक्षी के
करते हैं सबसे घातक स्टरे न के िायरस में कोई प्रोवेंटरीकुिस में सुई की नोक के बराबर खून के
िक्षण र्दखाई नहीं दे ते और अचानक से मृत्यु हो र्ब्बे दे खने को र्मिते हैं )वित्र FA)| आं ते पूणा
जाती है | कभी कभी इस स्टर े न के वायरस में रुप से िाि र्दखाई दे ती हैं और उस पर भी खून
र्डप्रेशन, कमजोरी, हरे रं ग के दस्त, मुंह पर के र्ब्बे होते हैं | पक्षी की र्तल्ली (spleen) के
सूजन, और र्दमागी िक्षण दे खने को र्मिते हैं जो ऊपर सफेद र्ब्बे नजर आते हैं सां स िेने की
अमूमन मृत्यु होने पर खत्म होते हैं | दू सरे िक्षणों निी िाि हो जाती है और उस पर भी खून के
में गदा न का टे ढ़ा होना )वित्र FA) और टां गों का र्ब्बे दे खने को र्मिते हैं | वायु कोशो (air sacs)
िकवा मार जाना, पीठ को मोडकर बैठना होता में पीिे रं ग का पदार्ा जमा हो जाता है |
को ग्रर्सत करते हैं र्जससे सां स िेने में खर खर र्मिाकर र्पिाई जाती है | फामों में र्सफा वैक्सीन
की आवाज के सार् सार् पक्षी मुंह खोि कर कर दे ना ही काफी नहीं होता बस्ल्क सख्त बायो
सां स िेता है | पूणा रुप से बडी मुर्गायों में अंडों र्सक्ोररटी बनाए रखने की भी आवश्यकता
का उत्पादन एकदम से रुक जाता है परं तु इस होती है | वाईरोसेफ को र्डरंर्कंग वाटर में दे ने से
सबसे कम तीव्रता वािे वायरस में मोटे र्िटी बहुत 2. गम्बोरो (Infectious Bursal
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पोल्ट्र ी व्यवसाय को भारी नु कसान होता है | इस कैसे फैलती है : यह बीमारी पक्षी के मुंह से
बीमारी का आर्र्ाक महत्व बहुत है क्ोंर्क यह फैिती है , जब सं रर्मत पक्षी पानी पीता है तो
मृत्यु के अिावा पक्षी की रोग प्रर्तरोर्क क्षमता यह वायरस पानी में चिा जाता है और दू सरी
को गहरा नुकसान पहुं चाती है र्जससे रोग मुर्गायों को भी संरर्मत करता है कुछ अध्ययनों
प्रर्तरोर्क क्षमता बहुत घट जाती है और वैक्सीन में यह दे खा गया है यह वायरस आउट ब्रेक होने
काम नहीं करती| ईकोिाई और गैंग्रीन के 122 र्दन बाद तक भी पोल्ट्र ी फॉमा में सर्रय
डमेटाइर्टस दे खने को र्मिती है | रोग प्रर्तरोर्क र्मिा है |
(birna) वायरस से होती है जो दो रूपों में र्मिता र्डप्रेशन, सफेद दस्त, बीट करने की जगह गंदी
है 1 और 2 | र्सफा पहिा वायरस की बीमारी होना, दाना ना खाना, फूिे हुए पंख, एक ही
करता है र्जसके कई स्टर े न र्मिते हैं | यह वायरस जगह पर बैठा रहना, कां पना, बंद आं खें, टां गे
मुगी के बरसा अं ग में घर बनाता है और उसकी मोड कर जमीन में बैठना और अंत में मृत्यु का
कोर्शकाओं को तोड दे ता है र्जस वजह से रोग होना, ये िक्षण र्दखाई दे ते हैं | मध्यम तीव्रता
से िडने वािी कोर्शकाएं नहीं बन पाती और वािे वायरस के केसों में मृत्यु दर बहुत कम होती
शरीर में एं टीबॉडी की भारी कमी हो जाती है परं तु ग्रोर् पर गहरा असर पडता है |
है | यह वायरस मुगी की बीट में 10 से 14 र्दन
पोस्टमाटम म- यर्द पोस्टमाटा म बीमारी के शुरू
तक र्नकिता रहता है | इस वायरस में बहुत
में र्कया जाए तो बरसा फूिा हुआ र्मिता है
स्स्र्रता होती है और पोल्ट्र ी फामों में महीनों तक
िगभग अपने आकार का दु गना हो जाता है ऐसा
सर्रय पडा रह सकता है |
बीमारी के चौर्े र्दन तक दे खने को र्मिता
है | ऐसे में बरसा के अं दर र्चपर्चपा पदार्ा
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मौजूद होते हैं )वित्र FB) कई बार यह खून के बीमारी से होने वािे नुकसान िगातार होते रहते
र्ब्बे बहुत अर्र्क होते हैं जो की गंभीर बीमारी हैं | यह बीमारी मुख्य रूप से मादा पर्क्षयों में
है | कई बार छाती और टां ग की मां सपेर्शयों पर 20 हफ्ते की आयु के दौरान होती है यर्द इस
खून के र्ब्बे दे खने को र्मिते हैं | आयु में बीमारी हो जाती है तो यह 40 हफ्ते की
नहीं है र्सफा चूजों में समय पर वैक्सीनेशन करके बीमारी का कारण :यह बीमारी हरपीज वायरस
इसका कुछ हद तक बचाव र्कया जा सकता से होती है यह वायरस तीन रूपों में र्मिता है इन
है | ब्रीडर पॉपुिेशन को वै क्सीनेट करना एक तीन रूपों में इस वायरस को इसकी तीव्रता के
बहुत कारगर उपाय है | ऐसी है चरी से चूजे िेना आर्ार पर बां टा गया है | इस वायरस से पक्षी
अच्छा होता है जहां पर इस बीमारी का अपने शुरुआती जीवन में ग्रर्सत हो जाते हैं और
टीकाकरण ब्रीडसा में र्कया गया हो| 1g प्रर्त 5 मृत्यु तक ग्रर्सत रहते हैं | ये वायरस संरर्मत
र्किो बॉडी वेट पर वाईरोसेफ को र्डरंर्कंग वाटर मुर्गायों से स्वस्र् मुर्गायों में बहुत जल्दी फैिता
में दे ने से िाभ र्मिता है | है | शरीर के पंखों की टू टी हुई कोर्शकाएं इस
मेरेक्स मुर्गायों में एक कैंसर करने वािी बीमारी यह वायरस हवा के माध्यम से भी फैिता है और
है | इस बीमारी में शरीर की नसें (nerves) बहुत संरर्मत हवा में सां स िेने से शरीर के अंदर
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रहते हैं | यह वायरस खुिे वातावरण में भी है | पक्षी का प्रोवेंटरीकुिस बढ़ा हुआ र्दखता है
आयु के दौरान होती है | यह बीमारी दो रूपों में उपिार: अन्य वायरि बीमाररयों की तरह इसमें
पाई जाती है | पहिी क्लावसकल मेरेि बीमारी भी कोई इिाज मौजूद नहीं है इसे र्नयंर्त्रत करने
और दू सरी एक्यूट मेरेि बीमारी| के र्िए वैक्सीनेशन र्कया जाता है | है चरी में
पहिे र्दन र्कया गया वैक्सीनेशनकाफी कारगर
क्लार्सकि मेरेक्स हमारे दे श में दे खने को नहीं
होता है |
र्मिती हमारे दे श में मुख्यत एक्ूट मेरेक्स
बीमारी दे खने को र्मिती है र्जसमें मोटे र्िटी 4. फाउल पॉि (Fowl Pox)
30% तक हो जाती है और तीव्र आउट ब्रेक के
यह बीमारी खाि के ऊपर होने वािे बदिाव से
दौरान 80% तक मोटे र्िटी दे खने को र्मिी है
पहचानी जाती है | हािां र्क एक अन्य प्रारूप में
सभी पर्क्षयों में बीमारी के िक्षण दे खने को नहीं
यह बीमारी मुंह और सां स िेने के तं त्र में भी
र्मिते और कई पक्षी र्बना िक्षण र्दखाएं ही मर
बदिाव करती है | र्पछिे कुछ समय में इस
जाते हैं कुछ पर्क्षयों में िकवा मार जाता है
बीमारी की वैक्सीन आ जाने से इस का प्रकोप
र्जसकी वजह से पक्षी र्वशे ि आसन में बैठा हुआ
बहुत कम हो गया है परं तु अब भी कहीं-कहीं
पाया जाता है र्जसमें पक्षी का एक पैर आगे की
कुछ क्षेत्रों में ये बीमारी दे खने को र्मि जाती है |
तरफ और दू सरा पीछे की तरफ होता है )वित्र
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से भी यह वायरस पक्षी के अंदर चिा जाता की निी और खाना र्नगिने की निी में भी दे खने
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बीमारी का कारण: यह कोरोना वायरस से होती छोटा हो जाता है , उनका कवच िचीिा हो जाता
है यह वायरस हफ्तों से िेकर महीनों तक फामा है और कैस्शशयम के छोटे -छोटे उभार अंडे पर
में सर्रय रह सकता है परं तु यह बहुत कमजोर दे खने को र्मिते हैं | कई बार तीव्र संरमण में
की बीट भी इस वायरस को फैिाने में सहयोग पर सां स िेने की निी र्बल्कुि िाि र्दखाई
करती है | एक से दू सरे फामा में यह मनुष्य तर्ा पडती है और उसके अं दर स्िस र्िसाह पदार्ा
चूहों द्वारा पहुं च सकती है | कुछ पर्क्षयों में इस पाया जाता है जो सां स िेने में अत्यंत बार्ा उत्पन्न
बीमारी के िक्षण नहीं र्दखते परं तु वह वायरस करता है र्जस कारण पक्षी मुंह खोिकर सां स
के कायावाहक के रूप में काम करते हैं | िेता है | र्कडनी सूजी हुई र्दखती हैं )वित्र FG)
और उनका रं ग फीका र्दखता है | कुछ पर्क्षयों
लक्षण: इसके प्रमुख िक्षणों में सां स िेने का तंत्र
में गाउट के िक्षण भी र्दखते हैं |
मुख्य रुप से प्रभार्वत होता है र्जसमें र्नयर्मत
सां स िेने में काफी र्दक्कत होती है वह बार-बार में भी इसी तरह के िक्षण पाए जाते हैं | रानीखेत
मुंह खोिता है और छींकता है )वित्र FF) | नाक की बीमारी में इन्फैकर्शयस ब्रोंकाइर्टस से
से पानी जैसा द्रव्य आता है और आं ख और मुंह अर्र्क उत्पादन पर फका पडता है | कोरार्यज़ा
सूज जाते हैं | में मुंह अक्सर सूज जाता है परं तु इन्फैकर्शयस
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उपिार: क्ोंर्क यह वायरि बीमारी है इसर्िए बॅक्टीररया अमूमन सां स िेने के तंत्र और आाँ तो
इसका कोई इिाज नहीं है परं तु दू सरे सं रमणों की बीमारी करता है | परं तु पोल्ट्र ी के शरीर के
से बचने के र्िए एं टीबायोर्टक का इस्ते माि दू सरे अंग इससे अछूते नही रहते |
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रखने से पहिे अच्छी तरह र्डर्सन्फेक्टें ट से वैसे तो माकेट में कई तरह की antibiotic
शुरू के 4 से 5 र्दनो तक न्यूज़ पेपर के उपर 1 िीटर पानी में 0.5ml सफेद र्सरका शुरू
रखें - जहााँ तक तो सके पीने के र्िए साफ और के दो र्दन (शाम को)
हल्का ठं डा (200C) पानी दें तीसरे र्दन 1 िीटर पानी में प्रोर्बओर्टक दें
- पहिे र्दन गुड और नमक के पानी के 6 घंटे सार् में र्वटार्मन A&E भी दें
- यर्द प्रोर्बओर्टक ना र्मिे तो 1 िीटर पानी में कहते हैं . यह एक र्दन के चूज़े )yolk sac
100ml से 150ml छाज या 50g दही र्मिकर दें infection) से िेकर व्यस्क अंडा दे ती हुई मुगी
)egg peritonitis) तक में होता है . यह सब
Omphalitis बीमारी का इलाि
बीमाररयााँ र्मिकर आर्र्ाक रूप से बडी हार्न के
र्िए र्ज़म्मेदार होती हैं . यह बॅक्टीररया र्नम्न
- पहिे दो र्दन में 100 में से 3 चूज़ो के मरने का
बीमाररयों में एक महत्वपूणा कारक के रूप में
मतिब है की इिाज की आवश्यकता है | इसके
र्िए र्नम्न दवाइयााँ इस्तेमाि करें .
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बीमाररयों पर काबू पाया जा सकता है . पानी में water sanitizer का प्रयोग करें
Ecoli काआवथमक महत्व: E.coli ना र्सर्ा इन्फेक्शन यर्द त्रीव हो तो 2ml), Restrict L 1g
मुर्गायों में बीमारी करके आर्र्ाक हार्न पहुचाता है 2 से 3 िीटर पानी में र्मिा कर दें या CVMac
बस्ल्क इससे संरर्मत मुर्गायों का मााँ स और अंडा 1g 5 र्किो बॉडी वेट पर दें |
भी मनुष्यो के र्िए हार्नकारक होता है और
3. नैकरोवटक एं टे राईवटस (Necrotic
भोजन र्विाकता जैसी बीमारी पैदा करता है .
Enteritis)
50% केसो में प्रोसेर्संग के दौरान मााँ स को
नैकरोर्टक एं टे राईर्टस मुर्गायों की आं तो में होने
ररजेक्ट र्कए जाने का यही होता है . Ecoli के
वािी एक बैक्टीररयि बीमारी है यह एक
संरमण के कारण मुर्गायों में नॉमाि मुर्गायों की
महत्वपूणा बीमारी है जो र्क 4 हफ्ते या उससे
अपेक्षा 84g मााँ स कम होता है .
अर्र्क के पर्क्षयों में दे खने को र्मिती है इस
E.coli से र्नम्न मुख्य बीमाररयााँ होती हैं
बीमारी से आं तो के अंदर बहुत तीव्र घाव हो जाते
1. Yolk Sac Infection हैं र्जसकी वजह से अचानक से मृत्यु होने िगती
2. Blood Infection (Colisepticaemia)
है | अगर इिाज ना र्कया जाए तो मोटे र्िटी
3. Egg Peritonitis
4. Coli granuloma िगभग 10% तक बढ़ जाती है यह मुख्यत
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कारण: नैकरोर्टक एं टे राईर्टस क्लोस्टर ीर्डयम खराब गुणवत्ता वािा MBM या र्फश
परर्फ्रनजी ंस नामक बैक्टीररया से होती है जो मीि भी इसके संरमण का स्रोत होते हैं
आम तौर पर सीका (बडी आं त) में र्मिता है |
यह सब होने के बाद भी सबसे महत्वपूणा
प्रर्तकूि स्स्र्र्तयों में यह र्बना बीमारी र्कये पडा
कारक कॉक्सीडीओर्सस का ही होता है और हर
रहता है | परन्तु जब र्कसी वजह से छोटी आं त में
आउट ब्रेक के बाद कॉक्सीडीओर्सस की भी
र्कसी कारण से पररस्स्र्र्तयां अनुकूि होती हैं तो
जां च पडताि करनी चार्हए|
यह छोटी आं त में आ जाता है और तेज़ी से बढ़ने
लक्षण: इस बीमारी की कोई खास िक्षण दे खने
िगता है बढ़ते हुए यह कुछ ज़हरीिे पदार्ा
को नहीं र्मिते कई बार फीड बदिने पर मुगी
बनाता है र्जन्हें बैक्टीररयि टोस्क्सन कहते है | यह
की बीट का रं ग बदिा हुआ र्दखता है वह या तो
टोस्क्सन आं तो की कोर्शकाओं को भयानक रूप
चॉकिेटी रं ग का हो जाता है जो हल्का हल्का
से क्षर्त पहुचाते हैं और उन्हें तोड दे ते हैं | पक्षी
िाि र्दखाई पडता है | पक्षी की भूख कम हो
दाना नहीं पचा पाता और कई बार ज़हर बढ़ने से
जाती है , वह घूमना कम कर दे ता है , दस्त
मृत्यु भी हो जाती है | दू र्ित फीड और पानी
िगते हैं , पंखों को फुिा कर बैठता है और
इसके संरमण के स्त्रोत होते हैं |
कभी-कभी मृत्यु दर भी बढ़ जाती है |
वबमारी को बढ़ािा दे ने िाले कारण:
पोस्टमाटम म: इसमें मुख्यत छोटी आं तों के बीच
यह वह कारक है जो संरमण की तीव्रता को
वािे भाग को दे खा जाता है | वह फूिी हुई
अत्यार्र्क बढ़ा दे ते हैं |
र्दखाई दे ती है और उसमें अत्यार्र्क बदबू आती
कॉिीडीओवसस- मुख्य रुप से शुरू में
है | आं तो के अंदर की परत भूरी/िाि )वित्र FJ)
होने वािा मध्यम संरमण|
हो जाती है और उसमें चमक नहीं
र्नचिी आं त जब र्िट्टर या अत्यार्र्क दाने
रहती| बडी आं तो में भी यही परे शानी र्दखाई
के कारण बंद हो जाती है तब भी यह
दे ती है |
संरमण बहुत बढ़ जाता है
उपिार और बिाि: कई सारी एं टीबायोर्टक्स
दाने का बदिना
इसमें कारगर होती है | पीने के पानी में र्नम्न
दाने में से एं टीबायोर्टक ग्रोर् प्रमोटर को हटा
एं टीबायोर्टक चिायी जाती है Amoxycillin,
दे ने से यह बीमारी बहुत अर्र्क बढ़ जाती है
Ampicillin, Chloramphenicol,
Doxycycline, Neomycin आर्द| बचाव के
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र्िए BMD या Enramycin का इस्तेमाि फीड में सफाई की कमी, कम जगह में अर्र्क पक्षी,
करने से काफी अच्छे पररणाम र्मिते हैं | माइकोटोस्क्सन इन्फेक्शन, र्चकन इन्फेकर्शयस
कॉक्सीडीओर्सस के र्िए र्नयर्मत रूप से अनीर्मया वायरस और ररयो वायरस का सं रमण
Anticoccidial दवाइयां जैसे Salinomycin भी भी इसे बढ़ावा दे ते हैं | क्लोस्टर ीर्डयम वैक्टीररया
इस्तेमाि करर्न चार्हए| र्मट्टी, मुगी की बीट, र्ूि और संरर्मत र्िट्टर
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5. इन्फैकवशयस कोराइज़ा (Infectious है किगी सूज जाती है और सां स िेने में अत्यंत
करने की क्षमता रखता है | यह संरमण सां स िेने पोस्टमाटम म: चेहरे की खाि के नीचे पानी भरने
के तंत्र में होता है र्जसमें पक्षी का मुंह सू ज जाता से सूजन आ जाती है )वित्र FL) और किगी भी
है और उसकी आं खों और नाक से पानी जैसा फूि जाती है | नर्ुनों में बिगम भरा र्मिता है
द्रव ररसने िगता है | इसमें सबसे बडा आर्र्ाक और आं खों के आसपास की जगह सूजी हुई
नुकसान पर्क्षयों की वृस्ि दर कम होने से और नजर आती है | सााँ स िेने की निी भी प्रभार्वत
अंडों का उत्पादन 40% तक कम होने से होता होती है और उसमें बिगम र्दखाई दे ता है |
बीमारी पीने के पानी से फैिती है जोर्क सं रर्मत है अच्छा बायो र्सक्ोररटी प्रोग्राम, साफ सफाई
मुगी के कारण दू र्ित हो जाता है | कुछ दू री तक और अवां र्छत व्यस्क्तयों का आना-जाना रोककर
यह बीमारी हवा से भी फैि सकती है जब मुगी इस बीमारी से मुस्क्त पाई जा सकती है आजकि
छींकती है तब यह जीवाणु हवा में चिे जाते हैं | इस बीमारी के र्िए वैक्सीन का उपयोग जाने
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6. पुलोरम बीमारी (Pullorum Disease) चूज़े अंडों के कवच में ही मर जाते हैं या उनकी
कारण: इस बीमारी का कारण साल्मोनेिा उनके वेंट पर र्चपकी रहती है )वित्र FM) इसे
पुिोरम नामक बैक्टीररया होता है | इस बीमारी से सफेद दस्त कहते हैं | कभी-कभी चूजे मुंह
मृत्यु पहिे 2 से 3 हफ्ते की आयु मैं दे खने को खोिकर सां स िेते हैं और उसके बाद मर जाते
र्मिती है | इस बीमारी के फैिने का का सबसे हैं | सबसे अर्र्क मोटे र्िटी 14 से 21 र्दन के
महत्वपूणा कारण िवटम कल टर ांसवमशन होता है बीच में र्दखाई दे ती है | और कई बार मोटे र्िटी
र्जसका मतिब है संरर्मत ब्रीडर मुगी से उसके सौ प्रर्तशत तक पहुं च जाती है | बडी
अंडों द्वारा र्नकािे गए चूजों में भी सं रमण हो मुर्गायों गदा न झुका कर बैठी रहती हैं , इनकी
जाता है | संरर्मत चूजे इस बीमारी को दू सरे किगी र्सकुड जाती है और पंख फूिे हुए
स्वस्र् चूजों में फैिा दे ते हैं | संरर्मत चूजे अपनी र्दखाई दे ते हैं | अंडों का कम उत्पादन इस
बीट में इस बैक्टीररया को र्नकािते रहते हैं बीमारी का सबसे बडा िक्षण है जो बडी मुर्गायों
र्जससे यह फॉमा में आने के बाद अन्य चूज़ों को में र्दखाई दे ता है परं तु यह बीमारी बडी मुर्गायों
लक्षण: पुिोरम बीमारी मुख्यत चूज़ों में होती है र्दखाई दे ते हैं | जो चूज़े िक्षण र्दखाने के एक या
यह 3 हफ्ते तक के चूज़ों में दे खी जाती दो र्दन बाद मर जाते हैं उनके अंदर बडी आं त
है | इसका सबसे पहिा िक्षण यह होता है की में सूजन और िािी र्दखाई दे ती है | यह फूि
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जाती है और सख्त हो जाती है | ऐसे चूज़ों में होता| र्वर्भन्न अंगों में इसकी वृस्ि दर बहुत
िीवर र्दि फेफडे और र्गजाडा के ऊपर छोटे र्ीमी होती है इसर्िए आम एं टीबायोर्टक इस पर
छोटे सफेद र्ब्बे र्दखाई पडते हैं | अंडा दे ने वािी काम नहीं करती| सभी वायु कोि इस से ग्रर्सत
मुगीया जब इससे ग्रर्सत होती हैं तो उनके अंदर हो जाते हैं और सफेद (दू र् जैसा रं ग हो जाता है )
अंडा दे ने वािे अंग सामान्य नहीं र्दखाई नजर आने िगते हैं र्जनमें बिगम भरा र्मिता
पडते | जदी का रं ग फीका पड जाता है और वह है | अर्र्क बढ़ी हुई बीमारी में यह बिगम पीिे
र्वकर्सत नहीं हो पाती| रं ग के र्चपर्चपे पदार्ा में बदि जाता है |
मोटे र्िटी र्दखाई दे तो ब्रीडर पर्क्षयों की जां च रे स्स्परे टरी डीज़ीज़ या CRD भी कहते
करना अर्नवाया हो जाता है और जो जां च में हैं | माइकोप्लाज्मा गैिीसेर्िकम का संरमण
पॉर्जर्टव पाए जाए उन्हें ब्रीर्डं ग से हटा दे ना ब्रॉयिर और िेयर दोनों पर्क्षयों में महत्वपूणा
चार्हए| साफ सफाई का खास ख्याि रखें | और है | हािां र्क यह बीमारी अर्र्क मोटे र्िटी नहीं
उपचार के र्िए कोई उपयु क्त एं टीबायोर्टक करती परं तु इस का आर्र्ा क महत्व बहुत
इस्तेमाि करें | इसमें है | इससे अंडा दे ने वािी मुगीया प्रभार्वत होती हैं
र्सफेिोस्पोररन एं टीबायोर्टक अच्छा काम र्जस कारण से वह अपनी पूरे जीवनकाि में 20
करती हैं | अंडे कम दे ती हैं | यह साल्मोनेिा की तरह अंडे
माइकोप्लाज्मा गैिीसेर्िकम सां स िेने के तंत्र को आवाज़ भी सुनाई दे ती है , नाक से द्रव बहता है
प्रभार्वत करता है इसका सं रमण मुख्यतः वायु और र्ीरे -र्ीरे यह बीमारी एक र्वकराि रूप
कोशो (airsacs) में होता है जहां पर यह पाया र्ारण कर िेती है र्जसे CCRD या कंप्लीकेर्टड
जाता है | माइकोप्लाज्मा बैक्टीररया जैसा होता है CRD कहते हैं इस एयर से ट डीज़ीज़ भी कहा
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फैलने के कारण: ब्रीर्डं ग अंडों का संरमण इस पोस्टमाटम म: पोस्टमाटा म करने पर सां स िेने की
बीमारी के फैिने का सबसे महत्वपूणा कारण निी और वायु कोशों में पीिे रं ग का र्चपर्चपा
है | कैररयर मुर्गायां इस बीमारी को फैिाती पदार्ा दे खने को र्मिता है )वित्र FN) | फेफडों
है | संरर्मत, र्ूि, पंख आर्द भी हवा के सार् उड वायु कोशो के ऊपर एक सफेद रं ग की र्झल्ली
कर स्वस्र् मुर्गायों में बीमारी को फैिाते हैं | फामा बन जाती है र्जसे CRD कहां जाता है | िैब में
में आने जाने वािे व्यस्क्त भी इस बीमारी के माइकोप्लाज्मा का पता िगाना बहुत कर्ठन
कायावाहक बन जाते हैं | होता है |
लक्षण: पूरी तरह से बढ़ी हुई मुर्गायों में सां स िेने उपिार और वनयंत्रण: कई सारी एं टीबायोर्टक
में आवाज आती है नाक से र्िसर्िसा द्रव माइकोप्लाज्मा के ऊपर काम करती हैं जैसे
र्नकिता है ,छींक और खां सी उठती है , मुंह स्टर े िोमाइर्सन, ऑक्सी टे टरासाइस्क्लन, टाईमूर्टन,
खोिकर सां स िेती हैं दाना खाना कम कर दे ती जेंटामाइर्सन, टाईिोर्सन आर्द| उपचार इस
है और वज़न घटने िगता है )वित्र FO)| अंडा बीमारी में काफी कारगर र्सि होते हैं और समय
दे ने वािी मुगी में अंडों का उत्पादन घट जाता से उपचार ही नुकसान से बचा सकता है | जैसा
है और सर्दा यों में यह मुर्गायां ज्यादा प्रभार्वत र्क हम जानते हैं यह सू क्ष्मजीव अन्डो द्वारा मुगी
होती हैं | नए चूजों में खडखड की आवाज़, के चूजों में आता है तो ब्रीडर फॉमा में बीमारी की
छींकना और सां स िेने में तकिीफ होना इस रोकर्ाम काफी फायदा पहुं चाती है |
माइकोप्लाज्मा के सार् सं रमण ना करें तो इस र्जससे मुर्गायों के छोटे चूज़ों में ब्रूडर
बीमारी में कोई खास िक्षण नहीं र्दखाई दे ते| र्नमोर्नया नामक बीमारी होती है यह बीमारी
सां स िेने के तंत्र को प्रभार्वत करती है और उन
फामों में पाई जाती है जहां पर साफ सफाई का
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ध्यान नहीं रखा जाता| नए पैदा हुए चूज़े इस (वित्र FP) क्ोंर्क उनकी सां स िेने की निी में
बीमारी के र्िए बहुत संवेदनशीि होते हैं | र्कसी स्पोर द्वारा बार्ा उत्पन्न हो जाती है |
भी तरह का तनाव जैसे ठं ड अर्र्क अमोर्नया
पोस्टमाटम म: पोस्टमाटा म करने पर फेफडे सबसे
र्ूि भरा पयाा वरण इस बीमारी की तीव्रता को
अर्र्क प्रभार्वत र्दखाई दे ते हैं र्जनके अं दर छोटे
बढ़ा दे ते हैं |
छोटे , सख्त, पीिे रं ग के दाने पाए जाते हैं | कई
कारण: इस बीमारी का कारण एस्परर्जिस केसों में यह दाने बहुत कम होते हैं और कई में
फूर्मगेटस नामक फंगस होती है | यह संरर्मत यह 100 से भी अर्र्क हो सकते हैं | यह दाने
पोल्ट्र ी र्िट्टर में पाई जाती है | चूज़े इससे पहिे सां स िेने की निी और वायु कोशो में भी र्दखाई
संरर्मत हवा में सां स िेने से होती अिावा कोई उपचार मौजूद नहीं है | कुछ हद
है | एस्परर्जिस छोटे -छोटे स्पोर बनाता है यह तक पानी में एसीडीफायर का इस्तेमाि कारगर
स्पोर वातावरण को दू र्ित करते हैं | स्पोर एक होता है | यर्द बीमारी फामा में दे खी जाए तो तुरंत
तरह से फंगस के अंडे होते हैं जो की हवा में र्िट्टर को बदिें और नए र्िट्टर पर र्कसी अच्छे
फैि जाते हैं | इनके ऊपर एक सख्त कवच होता र्डसइन्फेक्टें ट जैसे Virkon S से स्प्रे करें उसके
है र्जसके कारण इन्हें खत्म करना बहुत मुस्िि बाद उस पर अखबार र्बछाएं और र्फर चूज़ों को
होता है | यर्द पयाा प्त सावर्ार्नयां ना बरती जाएं दोबारा छोडें पोल्ट्र ी फामा के अन्य उपकरण भी
तो गीिे र्िट्टर में यह फंगस तेजी से बढ़ती है र्डसइन्फेक्टें ट से र्ो िेने चार्हए या र्फर र्जन्हें
और अत्यार्र्क स्पोर गीिे िीटर में छोड दे ती र्ोया नहीं जा सकता उन पर स्प्रे कर दे ना
है | बाद में यह र्िट्टर सूखने पर वातावरण में इन चार्हए| कॉपर सिफेट का स्प्रे भी कारगर रहता
स्पोर को छोड दे ता है | है र्जसे 20ग्राम कॉपर सिफेट 1 िीटर पानी में
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(Aflatoxicosis) दे ता है
FCR बढ़ जाता है
अंडा उत्पादन बुरी तरह से प्रभार्वत होता है
कई प्रकार की फंगस जब र्कसी खाद्य पदार्ा को
ब्रीडर मुर्गायों में अंडों में बच्चे र्नकिने कम
प्रदू र्ित करती हैं तो वह उन पर बढ़ने िगती हैं हो जाते हैं |
बढ़ते हुए वह कई प्रकार के रासायर्नक तत्व शरीर की रोग प्रर्तरोर्क क्षमता बहुत घट
बनाती हैं जो उनके आसपास के वातावरण में जाती है और अन्य बीमाररयां बढ़ने िगती हैं
अंडे का आकार ज़दी का वज़न कम हो
फैि जाते हैं | इनमें से कुछ तत्व पर्क्षयों के र्िए
जाता है
ज़हरीिे होते हैं र्जन्हें माइकोटॉस्क्सन या फंगि 10 ppb या उससे भी कम मात्रा में यह
टॉस्क्सन कहा जाता है इन सब में सबसे ब्रॉयिर पर्क्षयों को बुरी तरह प्रभार्वत करता
है |
महत्वपूणा अफ्लाटॉस्क्सन होता है जो पोल्ट्र ी के
र्िए हार्नकारक होता है | अफ्लाटॉस्क्सन दु र्नया लक्षण: बढ़ती हुई मुर्गायों में इससे वृस्ि दर कम
में पाए जाने वािे बेहद जहरीिे रसायर्नक पदार्ा हो जाती है और FCR बढ़ जाता है | संरमण वािे
के रूप में जाना जाता है जो एस्परर्जिस रोगों के र्िए पक्षी की प्रर्तरोर्क क्षमता घट
पैरार्सटीकस नामक फंगस से र्नकिता है | यह जाती है जैसा कौकसी गमबोरो में दे खने को
यह वृस्ि दर को प्रभार्वत करता है जां च के र्िए िैब में भेजना चार्हए| दू र्ित फीड
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को जल्दी से जल्दी हटा दे ना चार्हए| 2 महीने से गोिकृर्म कीडे (Ascaridia galli) )वित्र FR)
अर्र्क रखा हुआ फीड इस्तेमाि करने से बचना मुगी पािन में बहुत महत्वपू णा होते हैं | यह छोटी
चार्हए| प्रोटीन की मात्रा राशन में बढ़ा दे नी आयु की मुर्गायों में सं रमण करते हैं र्जस कारण
चार्हए और र्वटार्मन ई और सेिेर्नयम को बढ़ा एं टे राईर्टस की र्शकायत बढ़ जाती है | पक्षी दाना
दे ना चार्हए| खाना कम कर दे ता है | पेट के कीडों के र्िए
परिीिी (Parasites)
यह मुर्गायों की एक प्रमुख और महत्वपूणा बीमारी
है | हमारे दे श में यह काफी सीररयस स्स्र्र्त और
आम तौर पर ब्रॉयिर में परजीर्वयों की र्दक्कत
बडे आर्र्ाक नुकसान के र्िए र्जम्मेदार है | यह
नहीं आती है | परन्तु कभी कभी र्िट्टर खाने से
बीमारी मुख्यत बरसात के मौसम में नजर आती
परजीर्वयों के अंडे पेट में चिे जाते हैं र्जससे
है र्जसमें बीट में खून आने िगता है और
नुकसान होने की सम्भावना बढ़ जाती है |
मोटे र्िटी बहुत बढ़ जाती है | यह मुख्यत कम
1. गोलकृवम कीडे )Ascaridia galli) आयु वािे पर्क्षयों की बीमारी है जो पक्षी बच जाते
हैं उनके अंदर इसके प्रर्त प्रर्तरोर्क क्षमता
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प्रभार्वत नहीं होते | ब्रॉयिर पर्क्षयों में यह सबसे अर्र्क नुकसानदे ह मानी जाती
अत्यार्र्क मोटे र्िटी कर दे ती है | इसके आउट है | सबसे अर्र्क मोटे र्िटी सं रमण के छठे
में जाने तक सहयोग करते हैं | यह र्कसी तरह के सीका बहुत बडा हो जाता है और उसके अंदर
भी र्डसइन्फेकटें ट से नहीं मरते | खून भरा हुआ र्मिता है |
आईमेररया र्टनेल्ला से होता है र्जसके अंदर एक है परं तु इस बात का पता िगा िेना चार्हए
पेट में बडी आं त में घाव हो जाते हैं और खून र्क यह र्कस प्रकार का कॉक्सीडीओर्सस है |
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से बचाव के र्िए एं टीकोक्सीर्डयि दवाइयां की कुछ मात्रा सामान्य मानी जाती है | पोस्टमाटा म
फीड में र्मिाई जाती हैं इसमें salinomycin, के दौरान गाउट के केसों में र्कडनी फूिी हुई
maduramycin, और monensin इस्तेमाि र्मिती है और उसके ऊपर सफेद नमक जैसे
करते हैं | अच्छी साफ-सफाई रखने से भी इस कण होते हैं | र्कसी कारण से जब र्कडनी खून
बीमारी से मुस्क्त पाई जाती है | को र्फल्ट्र करना कम कर दे ती है तो यूररक
पोल्ट्र ी पोिण र्वज्ञान में र्वटार्मन पोिण की एक जाता है और गाउट उत्पन्न हो जाती है | अच्छी
अहम भूर्मका है | र्वर्भन्न पशु पोिण एजेंर्सयों ने गुणवत्ता और स्वाद वािा पानी मुर्गायों को दे ना
फीड में र्वटार्मन की मात्रा को र्नर्ाा ररत र्कया चार्हए यर्द गाउट की समस्ा फामा में र्दखे तो
अत्यार्र्क काम करने के कारण जब र्कडनी प्रर्तरोर्क क्षमता भी घट जाती है अंडा दे ने वािी
खून को र्फल्ट्र करने के अपने महत्वपूणा काम मुगी में अंडे के अंदर खून आने िगता
में कमी र्दखाने िगे तब गाउट की समस्ा पै दा है | पोस्टमाटा म करने पर खाने की निी के अंदर
होती है | इसमें शरीर के र्वर्भन्न अंगों पर यूररक छोटे छोटे सफेद दाने र्दखाई पडते हैं | फीड के
एर्सड जमा होने िगता है | पर्क्षयों के शरीर में अंदर 10,000IU र्वटार्मन ए दे ने से इसकी
िीवर के अं दर इस्तेमाि ना होने वािे प्रोटीन को कमी को दू र र्कया जा सकता है वरना पानी के
तोडा जाता है र्जससे यूररक एर्सड बनता अंदर प्रर्त पक्षी 200 से 500IU र्वटार्मन दे ना
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6. राइबोफ्लेविन-B2- (Riboflavin)
पहिी पररस्स्र्र्त में र्दमागी िक्षण र्दखाई दे ते हैं
र्जसमें चूजा अस्स्र्र हो जाता है और यहां वहां इस र्वटार्मन की कमी से चूज़ों में किा टो (curl
र्गरता रहता है कुछ पक्षी अपने पैर खोिकर toe) )वित्र FV) नाम की बीमारी हो जाती है
बैठ जाते हैं और खडे नहीं हो पाते यह अवस्र्ा र्जसमें टां गों की नस को िकवा मार जाता है
दो से तीन हफ्तों के चूजों में र्दखाई दे ती र्जससे चूजे के पंजे मुट्ठी की तरह मुड जाते हैं
है | दू सरी स्स्र्र्त में मां सपेर्शयों के अं दर से पानी अगर इस र्वटार्मन की अत्यार्र्क कमी हो तो
ररसने िगता है और तीसरी स्स्र्र्त में चूज़ा कोई भी िक्षण र्दखाने से पहिे ही मर
मां सपेर्शयां र्सकुडने िगती हैं | ऐसे में 50IU जाता है यर्द कमी बहुत अर्र्क नहीं है तो चूज़ा
र्वटार्मन इ प्रर्त र्किो फीड में र्मिाना चार्हए| अपनी एडी के बि बैठा हुआ र्मिता है र्जसमें
बैक्टीररया र्वटार्मन को बनाते रहते हैं जो र्क बायोर्टन कई सारे एं जाइम्स को सुचारु रुप से
खून में अवशोर्ित हो जाता है परं तु चिाने के र्िए शरीर में इस्तेमाि होता है इसकी
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उगाती है
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12. मुवगमयों में गवममयों के मौसम में हीट र्दया जाता है | इसके र्िए मुगी मुह खोि कर
हीट स्टर ै स मुर्गायों में एक प्रबंर्न र्वफिता का तरीका है | सार् ही शरीर के उपर से बहने वािी
उदाहरण है | इससे कार्ी आर्र्ाक हार्न होती है | हवा भी शरीर से गमी को उडा िेती है और
वातावरण में जब गमी बढ़ती है तो उसके सार् अंदरूनी तंत्र र्रयायो में antioxidants भी
सार् आद्रता भी बढ़ती है जो हीट स्टर ै स को और अच्छा काम करते हैं |
जैसे सां स, र्दि की र्डकन, खून की रवानी -Radiation इसमे शरीर की उष्मा
आर्द सब प्रभार्वत होते हैं | हीट स्टर ै स को कुछ electromagnetic तरं गो के रूप में शरीर से
प्रबंर्न तकनीक और सपर्िमेंटरी दवाओ से र्नकिती है . यह मुगी का तापमान कम करने में
कार्ी हद तक कम र्कया जा सकता है | ज़्यादा उपयोगी नही होती.
हीट स्टरै स कैसे उत्तपन होती है : जैसा की पहिे -Conduction इस स्स्र्र्त में जब मुगी र्कसी
बताया गया की यह उच्च तापमान के कारण ठं डी वस्तु के संपका में आती है तो उष्मा गरम से
होती है | मुर्गायााँ जो दाना खाती हैं उसके पाचन में ठं डी वस्तु की तरफ स्र्ानातररत होती है . जैसे
और अवशोर्ित होने के बाद शरीर के र्वर्भन्न ठं डी ज़मीन या पानी का र्छडकाव.
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नही र्मि पाते र्जससे अंडे के खोि कमज़ोर (2) nipple drinker में 70ml पानी प्रर्त र्मनट
और िचीिे हो जाते हैं | बहुत सारे र्कसान इस आना चार्हए
बात की जानकारी ना होने की वजह से दाने में
(3) ब्रॉयिर फामा में पानी के बतानो की संख्या
calcium की मात्रा बढ़ा दे ते हैं र्जससे कोई
प्रर्त 40 पक्षी पर एक बतान कर दे नी चार्हए
र्ायदा नही होता| दू सरी तरफ Metabolic
Alkalosis में Calcium भी ठीक से प्रेर्सर्पटे ट (4) पानी में र्दन में कम से कम एक बार blood
नही हो पाता इससे ब्रॉयिर चूज़ो में हर्िया buffers ज़रूर र्मिाए
कमज़ोर हो जाती है और बढ़वार पर बहुत बुरा (5) यर्द पानी उपर र्ूप में स्स्र्त टं की से आ रहा
असर पडता है | है तो यह बात याद रखें की वो बहुत जल्दी गरम
इस स्स्र्र्त में ब्लड बर्सा का महत्त्व बढ़ जाता है हो जाता है तो इसर्िए उसे एक र्हसाब से
कूिर्चक नामक दवाई को पानी में र्मिकर दे ने (6) मुर्गायों को दोपहर के समय र्बल्कुि ना छे डे
से bicarbonate की कमी पूरी हो जाती है और और बडे पाँखो का इं तेज़ाम करें
अत्यंत िाभ र्मिता है |
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(7) प्रबंर्न काया जैसे चोंच का बनाना या आर्ा ग्राम अश्वगंर्ा र्मिाकर दे ने से और भी
टीकाकरण सुबह के समय ही करें अनुकूि प्रभाव दे खने को र्मिते हैं | कूिर्चक 20
ग्राम प्रर्त 50 र्किो पर्क्षयों पर दे ने से अत्यन्य
(8) foggers का इस्तेमाि करें और हर 10
प्रभावशािी पररणाम दे खने को र्मिते हैं |
र्मनट बाद 2 र्मनट के र्िए चिाएाँ
िब तुमने दू कान खोली और माल फैला कर बै ठ
(9) र्दन के समय छतो पर sprinklar से बौछार
गए हो तो िो तुम्हारे वज़म्मे था िो कर िुके, अब
करने से भी कार्ी रहात र्मिती है
बाक़ी ख़ु दा के वज़म्मे है , उसपर भरोसा रखो|
(10) दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक फीर्डं ग 3 व्यस्ियों से अल्लाह बात नही ं करे गा – एहसान
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13. पोल्ट्र ी फामम में अमोवनया के और ग्रोर् र्म जाती है | अर्र्क तापमान का बहुत
िगभग 2,500 साि पहिे र्हप्पोरेट नामक गर्तर्वर्र् बहुत बढ़ जाती है और उनके उपर
दाशार्नक ने यह बताया र्ा की र्कसी शरीर में स्स्र्त र्सर्िया की हिचि कम हो जाती है और
बीमारी का मुख्य कारण वातावरण में मौजू द अंत में वो टू ट जाते हैं र्जससे वातावरण में मौजूद
हवा, पानी, जगह, मौसम आर्द होते हैं | परं तु जीवाणु सां स की निी में घु स कर CRD बीमारी
उन्नीस्वी सदी में जीवाणुओ की खोज से ये स्पि कर दे ते है | पोल्ट्र ी फामा में मौजूद र्िट्टर कई
हो गया की र्वर्भन्न जीवाणु और कीटाणु बीमारी ज़हरीिी गैसो की उत्पर्त्त के र्िए र्ज़म्मेदार होता
का मुख्य कारण होते हैं | मगर सार् ही इस बात है | यह गैसे तब ज़्यादा र्नकिती हैं जब र्िट्टर
की खोज भी हुई की शरीर में बीमारी की उत्पर्त्त गीिा होता है - अमोर्नया, काबान डाई
को वातावरण में उपस्स्र्त कारक बढ़ावा दे ते हैं | आक्साइड, हाइडरोजन सल्फाईड और काबान
इसे मोटे तौर पर इस तरह समझा जा सकता है मोनो आक्साइड प्रमुख हार्नकारक गैसे हैं |
तापमान: इसके बारे में हम पहिे भी बता चुके दु गिंर् मात्र 25ppm पर महसूस कर िी जाती है |
हैं की तापमान जब वातावरण का तापमान शरीर यह गॅस सााँ स िेने के तंत्र पर सीर्े तौर से हमिा
मुर्गायों में भारी र्दक्कते र्दखने िगती हैं | जैसे कारण बनती है | र्जससे उपदकता पर बहुत
तेज़ी से सां स िेना, मुह खुिा रखना, पंख र्गरा के गहरा असर पडता है |
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दे खे जा सकते हैं | इसकी मुख्य वजह खून में keratoconjuctivitis )वित्र HA) भी कहते
तेज़ाबीयत का कम होना है जो की सां स िेने की हैं )| इसके सार् सार् सां स िेने की निी सूजने
दर में आई र्गरावट के कारण होता है | इससे िगती है | यह हाित तब होती है जब अमोर्नया
50ppm पर ग्रोर् में कमी दे खी जा सकती है | की हिी का र्दखना और उसके आस पास छािे
अंडा दे ने वािी मुगी में पहिा अंडा दे ने की र्तर्र् पड जाते हैं | यह जब होता है जब मुर्गायां 25 से
15 र्दनो तक आगे बढ़ सकती है और उत्पादन 50ppm अमोर्नया में रहती हैं | जो मुर्गायां
भी कम हो जाता है . यह हाित 200ppm 100ppm से अर्र्क अमोर्नया में रहती है यर्द
होने वािी बीमाररयों का मुख्य कारण होती है , सां स िेने की निी में मौजूद छोटे छोटे र्सर्िया
इससे र्सर्िया टू ट जाते हैं और र्वर्भन्न कीटाणु (जो जीवाणुओ को सां स की निी पर र्चपकने से
और जीवाणु जैसे मायकोप्लाज़मा, रानीखेत रोकते हैं ) टू टने िगते हैं और सार् ही सार्
वाइरस, और ई. कोिाई बीमारी पैदा करते हैं | बिगम बनाने वािी ग्रंर्र्या बडी होकर अर्र्क
अमोर्नया से होने वािी सााँ स िेने के तंत्र की रहे तो उससे होने िगता हैं |
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14. ब्रॉयलर मुवगमयों में एसाईवटस र्दनों में सवा दो र्किो का हो जाता हैं | इसीर्िए
बढ़ जाता है |
ब्रॉयिर पर्क्षयों की ऑक्सीजन (oxygen) की
आइये दे खते हैं ऐसा क्यों होता है ? ज़रूरत भी वज़न के सार् सार् बढती जाती है तो
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िगती हैं और रक्त चाप (blood pressure) र्दया जाये तो र्दि पर अर्र्क जोर पडने से
बहुत बढ़ जाता है इसकी वजह से कुछ पानी खून रोका जा सकता है सार् ही सार् कुछ ऐसी
से फेफडो में ररसने (leak) िगता है | दवाइयां मुगे को दी जानी चार्हए र्जससे उसके
र्दि की काया क्षमता को बढ़ाकर Ascites से
जब फेफडो में खून का बहाव कम होता है तो
होने वािी मोटे र्िटी (mortality) को कम र्कया
र्दि और तेज़ी से सार् र्डकना (increase
जा सके|
heart rate) शुरू कर दे ता है सार् सार् अर्र्क
बि िगाकर खून को फेफडो में र्क्का दे ता है | Ascites के बहारी और पोस्ट मोटे म लक्षण
इसकी वजह से र्दि के अकार में वृस्ि होने (Clinical Symptoms & Postmortem
िगती है र्जसे Right Ventricular Lesions):
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बढ़ा हुआ पेट - पक्षी पेंगर्वन (penguin) की ऑक्सीजन से जुडने की क्षमता बहुत कम हो
पेट में पीिा गाढ़े रं ग का पानी होता है बर्नज्बत अभाव रहता है इसीर्िए पर्क्षयों में
(straw color yellow fluid in abdominal वायु कोि (air sacs) होते हैं जो हवा का
बढ़ा हुआ र्मिता है (Ventricular नहीं हो पाती र्जससे खून का पयाा प्त
hypertrophy) ओक्सीर्जनेशन नहीं हो पाता|
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में ब्लड प्रे शर बढ़ जाता है और र्फर खून से मोटे तौर पर ये समझना होगा की जो भी कारक
चूज़े अन्डो से दे र में बहार आते हैं उनमे है | इस प्रकार से Ascites ऑक्सीजन की कमी से
Ascites के चां स काफी बढ़ जाते है , ऐसा होने वािी बीमारी है | परन्तु पोल्ट्र ी र्कसान हर
8. दाने में अर्र्क क्लोराइड कंटें ट खून की इनकी तीव्रता के र्हसाब से रखा है यर्द र्कसान
तेज़ार्बयत को बढाता है र्जससे र्फर खून के र्सफा दो तीन बातो का भी ख्याि रखे तो
9. र्वटार्मन डी, कैस्शशयम और ओमेगा 3 फैटी अनुवां र्शक तौर पर सभी ब्रीड के पक्षी Ascites
एर्सड की कमी भी Ascites को बढ़ावा दे ती के र्िए ररस्क पर होते पर यर्द र्कसी ब्रीड में यह
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करें , प्रत्येक 50Kg मुर्गायों पर 500mg र्वटार्मन यह सारणी ररसचा द्वारा बनायीं गयी है और इन्हें
C और 5g सोडा दें | Loop diuretics जैसे अपनाने से FCR पर कोई असर नहीं पडता
furosemide (lasix) का उपयोग सोच समझकर परन्तु Ascites के कारण होने वािी मृत्यु में
या र्बिकुि आस्खरी कंडीशान में करना चार्हए बहुत कमी आ जाती है | इनमे से एक शे ड्युि
क्ूंर्क इससे FCR पर बुरा प्रभाव पडता है और अपनाया जा सकता है |
प्रोडक्ट शरीर में पोटै र्शयम का पॉर्जर्टव बैिेंस यक़ीनन ख़ु दा पुरानी दोस्ती की वहफाज़त को पसंद
फरमाता है
बनाकर शरीर में खून को पतिा करता है और
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15. मुगी पालन में लीिर के स्वास्थ का र्वकृर्तयााँ आने िगती हैं जै सी र्वर्भन्न र्बमाररयों
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शरीर में र्जतनी भी एं टीबायोर्टक्स या अन्य दवाई पडता है (र्जसे hypoglycemia कहते हैं ) जब
होते हैं इसके र्िए हमें िीवर द्वारा र्कये गए नया फैट बनाना और तीसरा जमा हुए फैट
कायो को समीक्षा करनी पडे गी को तोडकर वार्पस खून में भेजना र्जससे वो
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भी बढ़ाते हैं और सार् ही सार् clotting अपने बच्चो को तोहफा दे ते समय बराबरी रखो
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16. फामम में बायो वसक्यूररटी का 1. सबसे पहिे र्कसी भी अवां र्छत व्यस्क्त को
Principles of Bio-Security in Poultry र्फर बेचने वािे फामो में घू मते रहते हैं वह
Farms एक फामा की बीमारी दू सरे फामा में िाने के
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8. अपनी मुर्गायों के अिावा र्कसी अन्य पक्षी 15. फामा में जाने के अिग कपडे और गम बूट
को फामा में ना रखें अन्य पक्षी जैसे कबूतर होने चार्हए र्जन्हें समय-समय पर होते
दे सी मुर्गायां बत्तख आर्द और यर्द र्कसी रहना चार्हए
अन्य पशु जैसे गाय भैंसो बकरी आर्द कोई 16. फामा के बाहर भी एक फुट बार् रखना
यर्द फामा में रखें तो उनकी फेंर्सं ग और चार्हए र्जसमें पोटे र्शयम परमैंगनेट का घोि
आने का रास्ता अिग रखें हर चौर्े या पां चवें र्दन बदिना चार्हए फामा
9. र्कसी भी पाितू पशु जैसे कुत्ता र्बल्ली को में घुसते समय और बाहर आते समय उसमे
ही जुटा िें | चूहे ईकोिाई साल्मोनेिा और र्जससे फामा में बीमाररयों को आने से रोका
अन्य कीटाणुओं जीवाणुओं के कायावाहक जा सकता है
12. फामा की आसपास की जगह में कोई भी रखने से बीमाररयों की आमद कम हो जाती
घास-फूस कूडा यह पुराना सामान चूहों को है | फामा सैर्नटे शन का यह मतिब र्बल्कुि
उसे अच्छे से साफ कर दें क्ोंर्क यह चूहों 20. र्डसइन्फेक्टें ट को फामा के अंदर मौजूद
को आकर्िात करता है गंदगी र्नस्िय कर दे ती है नीचे र्दए गए
14. हर फामा में शौचािय और हार् र्ोने की र्सिां तों को ध्यान से पढ़ें और यह र्सिां त
व्यवस्र्ा होनी चार्हए| फामा के बाहर 1 वाश उस स्स्र्र्त में कारगर नहीं है यर्द आप
बेर्सन िगाना चार्हए र्जस पर डे टॉि िीटर को दोबारा इस्ते माि करते हैं |
र्िस्क्वड सोप मौजूद हो और फामा में जाने से 21. हर पोल्ट्र ी बैच के कायाकाि के अं त में सभी
पहिे और बाद में उस से हार् साफ र्कए पर्क्षयों को फामा में से र्नकाि दे ना चार्हए
जाएं
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22. यर्द फामा में कीडों, जुओं और र्कस्ल्लयों की 28. र्जन बतानों को या उपकरणों को र्ोया नहीं
के तुरंत बाद करना चार्हए क्ोंर्क यह कीडे 29. जब फामा में से र्िट्टर को र्नकाि दे तब
जल्दी ही फामा की दरारों और अन्य जगाहों प्रेशर वािे पाइप से फशा की र्ुिाई करें
में छु प जाते हैं और अगिे पोल्ट्र ी के बैच को )वित्र IA) और एक अच्छा र्डटजेंट िेकर
दू र्ित करते हैं उस पानी से फशा को और दीवारों को साफ
23. कीटनाशक र्छडकने का प्लान पहिे ही बना करें फामा की छत और पदों पर भी तेज र्ार
िेना चार्हए वािे पानी से सफाई करनी चार्हए यर्द फामा
24. फामा में से मुर्गायों को र्नकािने के बाद चूहों में पंखे िगे हुए हैं तो उन पर पहिे पन्नी का
को कंटर ोि करने का प्रोग्राम चिाना चार्हए कवर चढ़ा दें और सावर्ानी से छत की
बैच में इस्तेमाि करने से पहिे , र्पछिे बैच दोनों तरफ सफाई करनी चार्हए|
में होने वािी बीमाररयों का आं किन कर िे 31. र्ुिाई एक तरफ से शुरू करनी चार्हए और
26. दू सरा बैच िेने से पहिे सारे र्िट्टर को फामा आसपास जमा ना होने दें |
में से साफ कर िेना चार्हए और गार्डयों में 32. जहां पर र्बजिी की र्फर्टं ग हो वहां पर पानी
कुछ फामों में दवाई रखने के र्िए कुछ करके अंदर से र्डटजेंट से साफ करना
शेल्फ बने होते हैं उन पर र्ूि जम जाती है चार्हए और उस पानी को र्डरंर्कंग र्सस्टम से
उसे साफ करना ना भूिें जो खंबे, पदे या बाहर र्नकािना चार्हए उसके बाद उसमें
दीवारें में भी र्ूि र्मट्टी जमा हो जाती है उसे साफ पानी भर के जब तक बाहर र्नकाि िे
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34. Virkon S नामक दवाई को पानी के टैं क में 40. जब फामा को र्ो र्िया जाए तब उसमें
10 ग्राम प्रर्त िीटर के र्हसाब से डािें और र्डसइन्फेक्टें ट का स्प्रे करना चार्हए इसके
पूरे र्डरंर्कंग र्सस्टम में उस पानी को चिा दे र्िए 10 ग्राम Virkon S नामक दवाई को 1
ऐसा करने से र्डरंर्कंग र्सस्टम के अंदर हर िीटर पानी में घोि कर र्मिा िेना चार्हए
प्रकार की र्चकनाई और गंदगी दू र हो याद रखें र्क पानी बहुत ठं डा या गमा ना हो
जाएगी और पानी द्वारा बीमारी फैिने का बस्ल्क उसका तापमान 30 र्डग्री सेस्ियस
खतरा भी कम हो जाएगा| के करीब हो और 1 िीटर पानी से 3 मीटर
35. फामा के बतानों को र्डटजेंट से अच्छे से र्ोने स्क्वायर जगह को स्प्रे करें |
के बाद Virkon S नामक दवाई के घोि में 41. 10,000 स्क्वायर फीट जगह के र्िए 300
36. दू सरे उपकरण जैसे ब्रूडर गाडा फीडर के जहााँ वायरि बीमारी बार बार आती है )| आम
ढक्कन आर्द को भी र्बना अच्छे से साफ फामा में 100 ग्राम Virkon s 30 िीटर पानी
र्कए अगिे बैच में इस्तेमाि नहीं करना में काफी होता है |
चार्हए
यह सब करने से फामा में र्पछिे बैच की िगभग
37. बाहर आने जाने के रास्ते में गटर में छतों पर
80% वायरि बीमाररयां गम्बोरो, रानीखेत, IB
या अन्य जगहों में फॉमा से र्ुिाई के दौरान
आर्द खत्म की जा सकती हैं परं तु अब भी एक
र्नकिा हुआ कचरा जमा ना होने दें
महत्वपूणा काया करना बाकी रहता है वह है
38. र्कसी भी तरह के ररपेयर का काम या डरेनेज
फूर्मगेशन
की सफाई इसी दौरान कर िें| चिते फामा में
फूवमगेशन )fumigation) क्या है
यह काम करने बहुत कर्ठन होते हैं और
इनसे पक्षी तनाव में आ जाते हैं और फूर्मगेशन में फामेर्िन नामक केर्मकि को
अर्तररक्त िाभ भी नहीं र्मिता| इस्तेमाि र्कया जाता है इसमें से र्नरं तर
39. अच्छी तरह से र्ोने के बाद सुखाना जरूरी फॉमेस्िहाइड की वाष्प र्नकिती रहती है जो
होता है इसर्िए इसके र्िए अर्तररक्त पंखे सभी प्रकार के जीवाणु और कीटाणु का नाश
चिाए जा सकते हैं करती है |
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इस तरीके को अपनाने से पहिे मानव सुरक्षा के इस तरीके में एक उग्र रसायर्नक र्रया होती है
सभी पहिुओं को ध्यान में रखना चार्हए क्ोंर्क र्जसमें से ऊष्मा और फामेर्िन गैस र्नकिती है
यह एक रासायर्नक र्रया है और र्कसी भी 25 मीटर क्ूब जगह के र्िए 1 िीटर फामेर्िन
केर्मकि के कम या ज्यादा होने से उसके काफी होता है | इसमें 3:2 के अनुपात में
पररणाम अिग हो सकते हैं | पोटे र्शयम परमैंगनेट र्मिाया जाता है मतिब 1
करना ठीक रहता है क्ोंर्क इससे फॉमा में जगह के र्िए 68 िीटर फामेर्िन और 45 र्किो
आद्रता बढ़ जाती है | पोटे र्शयम परमैंगनेट चार्हए होता है |
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िें और उसमे 760 gram पोटै र्शयम नाशक होती है | 28ml फोमार्िन में 28ml पानी
परमैंगनेट रख दें 25 m3 के र्िए पयाा प्त होती है |
कटोरा दू सरे पर हो| यह हैं डि 1 मीटर िम्बा उनके साथ अच्छा सुलूक करें तो िो ही बे वटयां उसे
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द्रव्य का बहना और गंदे पं ख भी सां स िेने के तंत्र आाँ खों के नीचे ब्लेड से कट िगायें और
कोई समस्ा तो नहीं है और बीट में खून को भी खािी जगह होती हैं र्जसे साइनस कहां जाता
सू जा हुआ र्दखाई दे ता है |
मुगी का पोस्टमाटम म
1. सबसे पहिे एक बाल्ट्ी में र्नवाए पानी को डािें 4. मुगी के मुह के र्कनारों से एक कट िगायें
और र्ोडा सा कपडे र्ोने का र्डटजेंट पाउडर और इसोफेगस के रॉप तक काटते चिे
डािकर एक घोि बना िें और इसमें मुगी को जाएाँ इससे मुह के अन्दर का र्नररक्षण करे |
दो या तीन बार र्भगोकर र्नकाि िे 5. अन्दर से मुह में और खाने की निी में सर्ेद
2. इसके बाद सर, आं खें, कान, नाक, किगी, मुंह, रं ग के छोटे छोटे दानो दे खें अगर ऐसा र्दखे
और चोंच का मुआइना करें तो पक्षी के पोिण में र्वटार्मन A की कमी
का आं किन करें |
सां स िेने के तं त्र में सं रमण को आं खों में दे खा जा
6. रॉप र्नररक्षण कर के दे खें की उसमे र्िट्टर
सकता है यह सं रमण कई बीमाररयों से होता है
के अवशेि तो नहीं है और उसका आकार
जैसे माइकोप्लाज्मा, कोराईज़ा, ILT, IB,
कैसा है अर्र्क बडा या छोटा तो नहीं है |
रानीखेत आर्द| Kerato-cunjuctivitis में आं खों
की र्झल्ली पर अिर के रूप में जख्म हो जाता 7. अब ऊपर से मां सपेर्शयों का र्नररक्षण करे
है यह अत्यर्र्क अमोर्नया के कारण होता है | और दे खें की उसकी ऊपर की खाि कहीं
फाउि कॉिरा में किगी नीिी हो जाती है |
सड तो नहीं रही जैसा गैंगरीनस डमेटाइर्टस
फाउि पॉक्स में किगी, आाँ खों और मुह के
में होता है |
अन्दर चेचक जैसे दाने हो जाते हैं | सर, गदा न या
8. अब पंजो के नीचे की तिी को दे खें उसकी
छाती पर ज़ख्म र्कसी जानवर के हो सकते हैं |
मुह और आाँ खों के चारो तरफ सू खी खाि और गन्दगी से फामा में र्िट्टर की साफ सफाई का
रुसी र्वटार्मन B की कमी को दशाा ता है | अंदाज़ा िगायें | पंजो की खाि को दे खें की
कहीं बहुत रुखी तो नहीं है जो की बायोर्टन
3. इसके बाद चोंच को जड से (नर्ुनों के नीचे से) और पेंटोर्ीनेट की कमी से दे खने को र्मिता
काटें और अन्दर मौजूद साइनस को दे खें र्फर है |
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9. र्फर जोड दे खें कहीं सूजे हुए तो नहीं हैं | 15. अब आं तो को कैंची से कार्टए और साफ
जोड के ऊपर चीरा िगायें और जोड खोि पानी से र्ो िें उसके बाद उसे र्कसी भी
कर उसके अन्दर का द्रव्य दे खें| बडी हिी प्रकार के घाव के र्िए दे स्खये|
खून की कमी को उसमे दे खा जा सकता है | 17. पोस्ट मोटे म में िीवर का बहुत महत्त्व है
10. टां ग की हिी तोड कर दे खें अगर चटाक की क्ूंर्क िीवर से सबसे अर्र्क रासायर्नक
मुट्ठी की तरह बंद तो नहीं हैं जैसा र्वटार्मन माईकोप्लाज़्मा के सं रमण में िीवर पर एक
B2 की कमी में दे खने को र्मिता है | सर्ेद र्झल्ली जम जाती है |
12. छाती की मां सपेर्शयों को उठाएं अब र्कनारे 18. इन सब अंगों का मुआयना करने के बाद
से पसर्ियों तक कैंची से काटे | ऊपर र्कडनी को दे खें और बीट करने की जगह के
आपको र्िवर स्प्लीन, र्गज़डा और वायु पास बरसा का र्नरीक्षण करें | आइए अब
कोि र्दखाई दें गे उनका सावर्ानीपूवाक र्चत्रों के माध्यम से पोस्टमाटा म के तरीके को
14. अब सबसे पहिे र्गज़डा को खोि कर दे खें 20. इन सब िक्षणों को नोट कर के र्कसी
की उसके अन्दर पयाा प्त र्ग्रट है या नहीं और र्वशेिग्य या वेटरनरी डॉक्टर से उपचार हे तु
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AA AB
BA BB
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18. ध्यान रखने योग्य कुछ महत्त्वपूणम Vaccination schedule for broilers
Days No. of chicks / sq ft लोगो के साथ अच्छा बताम ि करना सदक़ा (charity
1 – 10 days 3 – दान पुण्य) है
11 – 20 days 2
21 – 32 days 1
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19. ब्रॉयलर पालने की विवध – वदनों ब्रायिर पािने की पूरी र्वर्र् हम पहिे ही र्वस्तार से बता
चुके हैं यहां पर उन सब तथ्यों को जमा करते हुए हम
के वहसाब से )पहले वदन से लेकर महत्वपूणा र्बंदुओं पर प्रकाश डािेंगे और र्दनों के र्हसाब से
प्रबंर्न काया और इस्तेमाि होने वािी दवा के बारे में बताएं गे |
अंत तक)
िूज़े 20.
आने से र्पछिे बैच को र्नकािने के बाद पुराने र्िट्टर को तुरंत हटा दें और अगिे चूज़े आने से 4 र्दन
4 वदन पहले पहिे फामा के फशा और दीवारों को र्डटजेंट पाउडर से अच्छी तरह से र्ो िें| उसके सूखने पर
21. दीवारों और फशा पर जहां टु टा हुआ हो चूना भर दें
िूज़े आने से चूज़े आने से 3 र्दन पहिे Fumigation करें (जैसा की फामा बायो र्सक्ूररटी के अध्याय 16 में
3 वदन पहले बताया गया है )| ऐसा करके 36 से 48 घंटे फामा बंद रखें और उसके बाद फामा खोि कर नाक
पर कपडा बां र् कर फामा मे प्रवेश करें
िूज़े आने से फामा में बहार से परदे सेट करें | 10g (Virkon S) 1 िीटर पानी में र्मिकर फामा में हर जगह स्प्रे
1 वदन पहले करें | उसके बाद र्िट्टर र्बछा कर उसके ऊपर भी 1 िीटर प्रर्त 120sqft के र्हसाब से स्प्रे करें |
अब ब्रूडर गाडा िगायें और स्प्रे करें | र्िट्टर के ऊपर न्यू ज़ पेपर र्बछा दें और अब पयाा प्त बल्ब
और हीटर िगाकर उनका व्यस्स्र्त कनेक्शन कर िें (इमरजेंसी हीर्टं ग के र्िए सं सार्न रखें)
पहला वदन चूज़े आने से 8 घंटे पहिे ब्रूडर के बल्ब और हीटर चिा दें और सतह पर 950F तापमान बना िें |
)िूज़े आने 1 घंटे पहिे पानी में प्रत्येक 1000 चूज़े पर 30 ग्राम Electral का घोि बनाकर तैयार कर िें और
से पहले ) उसे र्डरंकर में भरकर ब्रूडर में उर्चत दू री पर रख दें और रम्बि फीड पे पर पर र्बखरा दें |
पहला वदन जब चूज़े आ जायें तो रौशनी र्ीमी कर दें और चूज़ों को डब्बे में से जल्दी से र्नकाि कर ब्रूडर में
)िूज़े आने छोड दें | अर्र्क दे र तक डब्बो में रहने के कारण चूज़ों में dehydration हो जाता है | खािी डब्बे
के समय) तुरंत शेड से बहार र्नकाि दें | 1 से 2 घंटे की प्रतीक्षा र्कर्जये और चूज़ों को वातावरण में एडजस्ट
होने दें और र्ीरे र्ीरे रौशनी को पूरा कर दें (अध्याय 4 के अनुसार)
पहला वदन सभी चूज़ों पर ध्यान दें और दे खें की कही वो एक सार् जमा तो नहीं हो रहे या ब्रूडर में बहार की
)िूज़े आने तरफ तो नहीं भाग रहे यर्द ऐसा है तो तापमान चेक करें | उनकी चहचाहट को सुने और सभी
के बाद) चूज़े एक सी ध्वर्न में चहचहाते होने चार्हए| पानी और फीड का ध्यान रखें और जब कूिर्चक का
पानी समाप्त हो जाये तो अगिे पानी में 1ml सर्ेद र्सरका (या Acidifier) 2 िीटर पानी में दें |
कुछ चूज़ों को उठा कर उनका वज़न कर िें और कहीं र्िख िें |
दू सरा वदन सभी चूज़ों पर ध्यान दें , तापमान चेक करें और कुछ चूज़ों को उठा कर उनका रॉप दबाकर दे खे
की र्कतना भरा हुआ है | चू ज़ों की संख्या अनुसार फीडर और र्डरंकर िगा दें (अध्याय 6)| पहिे
र्दन की तरह पहिे पानी में Electral और दू सरे पानी में र्सरका दें | पयाा प्त वेंटीिेशन भी बनाये
रखे| र्ोडा रम्बि फीड पेपर पर भी र्बखरा दें |
तीसरा वदन तापमान चेक करें , Electral पहिे की तरह और यर्द मोटे र्िटी र्दखे तो र्सरके की जगह 1g (
Neomycin Doxicycline) पाउडर 300 चूज़ों को पानी में दें | न्यूज़ पेपर को बदिे| ब्रूडर की
जगह को र्ोडा बढ़ा दें | फीडर में फीड चेक करें | चूज़े का स्वभाव पर खास नज़र रखें|
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िौथा वदन तापमान चेक करें , 1g ( Neomycin Doxicycline) पाउडर 300 चूज़ों को पानी में दें | फीडर में
फीड चेक करें | चूज़े का स्वभाव पर खास नज़र रखें| एं टीबायोर्टक तभी दें जब मोटे र्िटी र्दखे |
पांििा और तापमान चेक करें , फीडर को खिी न होने दें , छठे र्दन ब्रूडर की जगह बढ़ाए और न्यूज़ पेपर
छठा वदन बदिें| सु बह के पानी में 2g Probiotic 200 चूज़ों पर दें और शाम को पानी में 1-1ml
Multivitamin और इम्यून बूस्टर 200 चूज़ों पर दें | छठे र्दन रानीखेत F1 की वैक्सीन आाँ ख में
एक बूंद डािें| रम्बि फीड हटा कर पैिेट फीड शुरू कर सकते हैं |
सातिा वदन सभी चूज़ों का ध्यान से र्नररक्षण करें और फीडर खिी न होने दें | सुबह के पानी में 1ml िीवर
टॉर्नक प्रर्त 300 चूज़ों पर दें | ब्रूडर गाडा और न्यूज़ पेपर हटा सकतें हैं यर्द तापमान सही है तो|
सातवे र्दन से तापमान 900F बनाकर रखें| चूज़ों का वज़न करें | औसत वज़न पहिे र्दन के औसत
वज़न से पां च गुना अर्र्क होना चार्हए यर्द ऐसा नहीं है तो र्वर्भन्न प्रबंर्न कारको की जााँ च करें |
आठिे से सभी चूज़ों पर ध्यान दें , तापमान 900F बनाकर रखें और ब्रूडर गाडा हटा दें , पैिेट फीड दें , सादा
दसिे वदन पानी चिाते रहें | अब रात के समय आर्े घंटे के र्िए 2 बार 4 घंटे के अन्तराि पर िाइट बंद
र्कया करें | उस दौरान ध्यान से चूज़ों की आवाज़ सुने और र्कसी प्रकार की खर खर हो तो नोट
करें और डॉक्टर से संपका करें | बीट पर भी नज़र रखें|
ग्यारिा, तापमान 900F बनाकर रखें, 20g Electral प्रर्त 50 र्किो मुर्गायों पर पानी में दें र्दन में एक बार|
बारिा और मुर्गायों की संख्या अनुसार बडे फीडर और र्डरंकर िगा दें (अध्याय 6)| तेरवे र्दन शाम के समय
तेरिा वदन 100 मुर्गायों पर 1ml र्वटार्मन E और A (Vimeral) चिायें | यर्द कोई सााँ स की या आं तो की
र्बमारी नज़र आये तो िक्षणों और पोस्ट मोटे म के आर्ार पर उपयुक्त इिाज करें |
ग्यारिा, तापमान 900F बनाकर रखें, 20g Electral प्रर्त 50 र्किो मुर्गायों पर पानी में दें र्दन में एक बार|
बारिा और मुर्गायों की संख्या अनुसार बडे फीडर और र्डरंकर िगा दें (अध्याय 6)| तेरिे र्दन शाम के समय
तेरिा वदन 100 मुर्गायों पर 1ml र्वटार्मन E और A (Vimeral) चिायें | यर्द कोई सााँ स की या आं तो की
र्बमारी नज़र आये तो िक्षणों और पोस्ट मोटे म के आर्ार पर उपयुक्त इिाज करें |
िौदहिा तापमान 850F बनाकर रखें, र्कसी भी तरह का सैनीटाईज़र या क्लोरीन न चिाये (हो सके तो RO
वदन का पानी इस्तेमाि करें ) | 1 िीटर पानी में 2g सूखा दू र् का पाउडर र्मिाएं उसमे Nobilis
Gumboro 228 E या GlobiVac® IBD Cu-1M (गमबोरो की वैक्सीन) 1000 dose की एक
वायि को अर्र्कतम 40 िीटर पानी में र्मिाएं | वैक्सीन दे ने से 3 घं टे पहिे पानी रोक िें|
वैक्सीन टैं क में ना डािें बस्ल्क manual र्डरंकर में दें | आवश्यकता से 2 र्डरंकर अर्र्क िगायें|
फीड को आम र्दनों की तरह चिने दें | बच्चे का वज़न िें| शाम को 1g Vit E Se.
पंद्रह, तापमान 850F बनाकर रखें, पन्द्रिे र्दन सुबह के समय 100 मुर्गायों पर 2ml र्वटार्मन E और A
सोलह, चिायें | यर्द कोई सााँ स की या आं तो की र्बमारी नज़र आये तो िक्षणों और पोस्ट मोटे म के आर्ार
सत्रह वदन पर उपयुक्त इिाज करें | फीड को चिने दें |
अठारिे, तापमान 850F बनाकर रखें, 18-19वे र्दन िीवर टॉर्नक (Liv52) 2ml प्रर्त 100 मुर्गायों में पानी
उन्नीस और में चिायें | बीसवे र्दन 100 मुर्गायों पर 1ml र्वटार्मन E और A (Vimeral)| इस दौरान यर्द फीड
बीसिे वदन स्टाटा र से र्फर्नशर में बदिें तो फीड बदिने वािे र्दन और एक र्दन बाद पानी में 2g
प्रोर्बओर्टक प्रर्त 20 र्किो वज़न115 पर|देंP| a g e
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
इस्क्कस्वे , तापमान 800F बनाकर रखें, इस्क्कस्वे र्दन सु बह पानी में रानीखेत बीमारी की Lasota वैक्सीन
बाईस और दें (र्बिकुि उसी तरह जैसे गमबोरो की वैक्सीन दी र्ी| 3 र्दन Electral 20g प्रर्त 50 र्किो
तेइसिे वदन वज़न पर पानी में चिायें| र्फर्नशर फीड चिने दें |
िौबीसिे से तापमान 750F बनाकर रखें, यर्द आवश्यकता न हो तो कोई भी दवाई इस्तेमाि न करें | फीड को
तीसिे वदन चिने दें | बीट का ध्यान रखें और यर्द हिकी िाि या चोक्ले टी र्दखे तो Sulphaquinoxolone
तक (Rancox/Ducox) 1g एक िीटर पानी में एक बार चिाये सुबह में और उसी र्दन शाम में
प्रोर्बओर्टक 1g प्रर्त 10र्किो वज़न पर दें |
इक्कावतस्वे तापमान 750F बनाकर रखें, यर्द आवश्यकता न हो तो कोई भी दवाई इस्तेमाि न करें | फीड को
वदन से चिने दें | कोई बीमारी र्दखने पर आवश्यकता अनुसार इिाज करें
वबकने तक
नोट: यहााँ पर दवाइयों की आम जानकारी दी गयी जो दवाइयां इसर्िये इस्तेमाि की गयी है की बीमारी न आये|
यर्द र्फर भी बीमारी आ जाये तो पशु र्चर्कत्सक की सिाह अनुसार दवाइयों का इस्तेमाि करें | फीड के र्विय में
अपनी ब्रीड और फीड की कंपनी के बताये अनुसार दाना दें | आम तौर पर प्रर्त 100 चूज़ों पर 30 से 35 र्किो प्री
स्टाटा र, 70 से 80 र्किो स्टाटा र और बाकी अंत तक 200 से 225 र्किो तक र्फर्नशर इस्तेमाि होता है |
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21.बडम फ्लू क्या है और इतना घातक के कारण यह मनुष्य में भी बीमारी करने की
वजह से इसे पूरी तरह से नहीं र्मटाया जा सकता LPAI and HPAI : पोल्ट्र ी में इन्क्फ्लुएंजा का
और तो और इन जंगिी पर्क्षयों में यह कोई संरमण मुख्यत मुर्गायों और टकी में दे खने को
िक्षण भी नहीं र्दखाता| इसके र्वश्व व्यापक होने र्मिता है जहां यह िक्षण वािी बीमारी को
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बीमारी पैदा करता है तो इसे Low Pathogenic HPAI वायरस बनते हैं और काफी िंबे अरसे
Avian Influenza (LPAI) कहते हैं और यर्द यह तक पोल्ट्र ी पर्क्षयों की आबादी में घूमते रहते हैं |
अर्र्क तीव्रता वािी घातक बीमारी पैदा करता है जैसा की हमने पहिे बताया की इं फ्लुएंजा
र्जसमें मृत्यु दर बहुत बढ़ जाती है तो इसे वायरसों का घर जं गिी पर्क्षयों में होता है परं तु
Highly Pathogenic Avian Influenza यह जंगिी पक्षी र्कसी भी तरह के घातक HPAI
(HPAI) virus कहते हैं | यह बीमारी काफी पुरानी को संरर्क्षत नहीं करते | आम तौर पर इन
है और इर्तहास में इसे मुर्गायों की महामारी के पर्क्षयों से LPAI वायरस र्नकिकर पोल्ट्र ी
रूप में जाना जाता है | पर्क्षयों की आबादी में आते हैं और वहां
टाइप से र्मिकर बनता है | HPAI वायरस ना and disease: मॉर्िक्ूिर िेवि पर LPAI
मािूम कारणों से र्सफा H5 और H7 तक ही और HPAI मे एक फका होता है र्जसे मोटे तौर
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एं जाइम मुख्यत सां स िेने के तंत्र की कोर्शकाओं flu virus in Chickens? बडम फ्लू िायरस के
में र्मिते हैं इसर्िए सबसे पहिे िक्षण जुकाम लक्षण
इन्क्फ्लूएंजा वायरस की खार्सयत यह होती है यह क्षमता, मुगी की आयु और दू सरे पयाा वरण के
अपने चेहरे बदिता है इसर्िए र्कसी एक पशु कारकों पर र्नभार करते हैं |
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Diagnosis: इस बीमारी का पता िैब में वायरस 22. आमतौर पर इसमें िक्षणों के आर्ार पर
को आइसोिेट करके र्कया जाता है | बाहरी उपचार र्कया जाता है आउट ब्रेक के दौरान
िक्षण से केवि बीमारी की तीव्रता दे खी जाती है | इम्यून बूस्टर और सेकेंडरी बैक्टीररयि
जब मुर्गायां मर जाती हैं तो उन्हें िैब में िाया इन्फेक्शन से िडने के र्िए एं टीबायोर्टक
जाता है बाहरी िक्षण दे खने के बाद उन मुर्गायों र्दए जाते हैं |
से वायरस र्नकािने की प्रर्रया शुरू होती है 23. फामा में बायो र्सक्ोररटी इस बीमारी से
जोर्क मुर्गायों के EMBRYONATED अंडों में की बचाव का सबसे अच्छा, सस्ता और आसान
जाती है | इस से वायरस र्नकाि र्िया जाता है उपाय है | िोग अक्सर बायो र्सक्ोररटी के
और र्वर्भन्न मौिीक्ूिर टे स्ट करके उसका पता र्सिां तों को नजरअंदाज कर दे ते हैं र्जसकी
िगाया जाता है | इस वायरस को स्वस्र् मुर्गायों में वजह से वह ना र्सफा बडा फ्लू बस्ल्क और
डािकर दे खा जाता है यर्द 75% से अर्र्क बीमाररयों से भी नुकसान उठाते हैं |
मुर्गायां 10 र्दन में मर जाती हैं तो इस वायरस 24. आसपास गंदे तािाबों का खास ख्याि रखें
को HPAI वायरस माना जाता है | इसके बाद क्ोंर्क इनमें जंगिी पक्षी र्वचरण करते हैं
इसकी सब टाइर्पंग शुरू होती है र्जसमें इसके जो इस बीमारी के संवाहक होते हैं सार् ही
H और N प्रोटीन का पता िगाया जाता है और सार् अन्य पर्क्षयों को भी फामा में ना आने दें
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