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Dr.

Ibne Ali
BVSc (Pantnagar) MVSc (IVRI)

Principles of Broiler Farming


ह द
िं ी सिंस्करण

Ali’s Veterinary Wisdom


हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

ब्रॉयलर फार्मिंग के र्सधािंत


Principles of Broiler Farming

Ali’s Veterinary Wisdom


Hindi Edition – ह द
िं ी सिंस्करण

New Delhi

1|Page
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

First Edition Jan 2018

Second Updated Edition Oct 2020

Price: Rs. 1000/-

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or by any means, Electronic, Mechanical, Photo copying, Recording or otherwise, without the prior written
permission of the publisher.

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

प्रस्तावना

कई हदनों से ब्रॉयलर फार्मिंग पर एक ववधधवत पुस्तक र्लखने का मन था


कययिंकक रोज़मराा के मागादर्ान के र्लए ककसानो के पास ब ु त र्सर्मत
जानकारी ोती ै | अधधकतर ककताबो में व्यापक रूप से तकनीकी
र्ब्दावली का प्रयोग ोता ै जजसके कारण आम ककसान का पस्
ु तक से
मन उब जाता ै | दस
य री बात य की उधित भाषा और धित्रों के बबना
कोई भी काया समझाना नामुमककन सा ोता ै | अतः इस ककताब को
र्लखने का उद्दे श्य य ी ै की ककसानो तक आसान से आसान भाषा में
उनके मतलब की बात प ु ुँ िा दी जाये | ालाुँकक इस ककताब को र्लखने
में सभी तर की वैज्ञाननक जानकारी, पोल्ट्री ववज्ञानिं की जानी मानी
पुस्तकों का ननरीक्षण और समीक्षा की गयी ै | ववर्भन्न ब्रीड ग
िं कम्पननयों
द्वारा दी गयी प्रबिंधन गाइ से भी जानकारी को जमा ककया गया ै |
य इस ककताब का प ला सिंस्करण ै जजसे आप तक प ु ुँ िाया जा र ा
ै , उम्मीद ै की आप लोगो को इससे लाभ ोगा और इसे आगे और भी
सुधार करने की प्रेरणा और ज्ञान र्मलेगा | अिंत में मैं य ी क ना िा य ुँ गा
की ब्रॉयलर फार्मिंग में तकनीकी और प्रबिंधन जानकारी ोने के साथ साथ
अनभ
ु व और वववेकपण
य ा ननणाय लेने की भी आवश्यकता ोती ै | ज्ञान
और अनुभव एक र्सकके के दो प लय ैं और इन् ें अलग न ीिं ककया जा
सकता | दोनों का अनुकयल समागम ी सफलता को ननधााररत करता ै |
इस पुस्तक से र्मलने वाले ज्ञान को अपने अनुभव से पररर्र्ष्ट करें |
- इबने अली

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

समपाण

सबसे प ले अल्ट्ला (सo) का धन्यवाद करता य ुँ

क़ुरान मजीद की उस आयात का पालन करते ु ए जजसमे अल्ट्ला ने


क ा की उसने “ ज़रत मु म्मद (सo) को सारे ज ाुँ के र्लए र मत
बनाया ै ” जजसका अथा ै दया और करुणा बनाया ै|

इस पुस्तक को मैं ज़रत मु म्मद (सo) और उनके उत्तराधधकारी इमाम


अली (अo) के सम्मान में सभी जन मानस के र्लए (जो भी पोल्ट्री
उद्योग से जुड़े ैं) मुफ़्त प्रसाररत करता य ुँ

ज़रत मु म्मद ने फ़रमाया

अपने भाई की मदद करो, िा े वो ज़ार्लम ो या मज़लयम. पयछा गया


की ज़ार्लम की कैसे मदद करें ? आपने फ़रमाया उसके ाथ को ज़ुल्ट्म से
रोक कर उसकी मदद करो. तम
ु ज़मीन वालो पर र म करो आसमान
वाला तुम पर र म करे गा |

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

सि
य ी
S.No Particulars Page No.

विश्व और भारत में पोल्ट्र ी फावमिंग पर एक नज़र - पोल्ट्र ी फार्मिंग में 7


1
सं भावनाए; र्वश्व में पोल्ट्र ी मााँ स का उत्पादन; र्वश्व स्तर पर अंडो का उत्पादन; बढ़ती हुई मााँ ग के
र्िए उत्तरदायी कारक; भारत में मौजूद अवसर; भारत में पोल्ट्र ी फार्मिंग के सामने चुनौर्तयााँ ;
मुगी फामम में आिास प्रबंधन - आवासीय बनावट; पैड कूर्िंग र्सस्टम; फौर्गंग 10
2
और र्मस्स्टं ग
उपकरण - र्डरंर्कंग र्सस्टम; पानी के ऑटोमॅर्टक उपकरण की प्रणािी; पानी के स्रोत और 15
3
भं डारण टैं क; फीर्डं ग उपकरण; टर ् फ फीडर; फीडर की जगह का र्नर्ाा रण; हॅं र्गं ग हॉपर; हीर्टं ग
र्सस्टम तापमान गरम बनाये रखने के उपकरण ;
आिासीय िातािरण - िेंटीले शन वसस्टम, तापमान, आद्रता 19
4
पयाा प्त हवा का बहाव बनाए रखना; प्राकृर्तक या खुिा हुआ आवास; मैकेर्नकि/टनि
वें टीिेशन; वें टीिेशन को प्रभार्वत करने वािे कारक; जिवायु ; आद्रता (ररिेर्टव ह्युमीडीटी);
शैड में आद्रता का समायोजन; हवा को दू र्ित करने वािी गै से और पदार्ा ; गरम जिवायु ; हीट
स्टर ै स; वातावरण का तापमान; फामा में रौशनी / प्रकाश/; प्रकाश की आवश्यकता; प्रकाश की
गणना के र्िए तार्िका;
वलट्टर और उसका प्रबंधन - र्िट्टर के प्रकार; र्िट्टर के मुख्य काम; र्िट्टर प्रबंर्न; 28
5
घर्टया र्िट्टर क्वार्िटी के कारण; र्िट्टर का बदिना (रे र्कंग); र्िट्टर का टर ीटमेंट
पक्षी प्रबंधन - मुर्गायों की संख्या; फामा में चूज़े आने से पहिे र्कए जाने वािे काम; फामा 30
6
में इस्ते माि होने वािे बता न; र्िट्टर; चूज़ों का प्लेसमेंट; चूज़ों का प्लेसमेंट करते समय बरती जाने
वािी सावर्ार्नयां ; चूज़ों की गु णवत्ता; चूज़ों के िक्षण और र्वशेिताएं ; ब्रू र्डं ग का प्रबं र्न; स्पॉट
ब्रू र्डं ग; सतह का तापमान; फीड और पानी; र्नप्पि र्डरंकर; पहिे हफ्ते में शारीरक भार; ब्रू र्डं ग
की चैक र्िस्ट; पािने के चैक पॉइं ट्स; फ्लॉक को बे चने के समय बरती जाने वािी सावर्ार्नयां ;
प्रबंधन कारक विससे पक्षी की गुणित्ता कम हो िाती है - 42
7
मोटे र्िटी या मरे हुए पर्क्षयों का र्नवारण; इन्क्रीनेशन; गड् ढ़े के अं दर दबाना; कंपोस्स्टं ग
पानी का प्रबंधन - पानी की गुणवत्ता; पानी की pH; पानी में खर्नजों 44
8 की मात्रा;
बैक्टीररया से ग्रर्सत पानी; पानी का सेवन; पोल्ट्र ी के र्िए पानी की गुणवत्ता के मापक
फीड और फीवडं ग - पोल्ट्र ी में फीड की गुणवत्ता; फीड र्वर्भन्न रूपों में 48
9 बनाया जाता
है ; फैट की गु णवत्ता; फीर्डं ग प्रबं र्न; फीडर प्रबं र्न; फीड के टाइप
ब्रॉयलर का पोषण और फीड बनाने का िैज्ञावनक तरीका - फीड 51
10
के अव्यय; उजाा ; प्रोटीन और एर्मनो एर्सड; फैट (ते ि/र्चकनाई); कैस्शशयम और फॉस्फोरस;
नमक और सोडा; अन्य अव्यय; उर्ारण: ब्रॉयिर प्री स्टाटा र र्जसमे 23% प्रोटीन हो और 3050
Kcal उजाा हो | 1000 र्किो दाना बनाने के र्िए; वै न्कोब ब्रीड की पोिण आवश्यकताएं ; िीसन
(Leeson) द्वारा दी गयी ब्रॉयिर पक्षी की पोिण आवश्यकताएं ; वै न्कोब ब्रीड की प्रर्त टन की
र्वटार्मन और र्मनरि आवश्यकताएं ; 5% प्रीर्मक्स का फामूािा;
मुवगम यों में बीमाररयााँ और उनके वनदान – रानीखेत (New Castle 59
11
Disease); गम्बोरो (Gumboro); मेरेक्स डीज़ीज़ (Mereck’s Disease) ; फाउि पॉक्स (Fowl
Pox); इन्फैकर्शयस ब्रोंकाइर्टस (Infectious Bronchitis); चूज़ों में इकोिाई (E.coli in
Chicks), मुर्गा यों में इकोिाई से होने वािे रोग (E.coli in adult birds); नैकरोर्टक एं टे राईर्टस
(Necrotic Enteritis); गैं गरीनस डमाा टाईर्टस (Gangrenous Dermatitis); इन्फैकर्शयस
कोराइज़ा (Infectious Coryza); पुिोरम बीमारी(Pullorum Disease); रोर्नक रे स्स्परे टरी

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

डीज़ीज़ (Chronic Respiratory Disease - CRD); एस्परर्जिोर्सस (Aspergilosis);


अफ्लाटोक्सीकोर्सस (Aflatoxicosis); गोिकृर्म कीडे (Ascaridia galli); कॉक्सीडीओर्सस
(Coccidiosis); गाउट (Gout); पोिण सम्बन्धी र्बमाररया (Nutritional Disease)
मुवगम यों में गवममयों के मौसम में हीट स्टरै स प्रबंधन - हीट स्टर ै स कैसे 82
12
उत्तपन होती है ; गर्मायो में पोल्ट्र ी फामा में पानी की ज़रूरत और खपत; Electrolyte
Supplementation and Blood Buffers; हीट स्टर ै स के प्रभाव; गर्मायो में हीट स्टर ै स का प्रबं र्न;
पोल्ट्र ी फामम में अमोवनया के दु ष्प्रभाि और उसका समाधान - 86
13
अमोर्नया की वजह से उत्पादकता पर पडने वािा प्रभाव; अमोर्नया एक प्रार्र्मक कारक के
तौर पर
ब्रॉयलर मुवगम यों में एसाईवटस )Ascites) की समस्या और 88
14
उसका समाधान- क्ों होता है ?; Ascites के बहारी और पोस्ट मोटे म िक्षण; Ascites
के कारक; फीर्डं ग की सारणी (Feeding Schedule)
मुगी पालन में लीिर के स्वास्थ का महत्त्व और उसकी दे खभाल 93
15
- शारीरक उजाा में िीवर का योगदान; फैट के मेटाबोर्िज्म में िीवर का योगदान; िीवर में
प्रोटीन उत्पादन;
फामम में बायो वसक्यूररटी का तरीका – फूर्मगे शन (fumigation) क्ा है; 96
16
फूर्मगे शन के तरीके;
पोस्ट मोटे म 102
17
वित्र (64 रं गीन वित्र)
ध्यान रखने योग्य कुछ महत्त्वपू णम पहलू 113
18
19 ब्रॉयलर पालने की विवध - वदनों के वहसाब से )पहले वदन से 114

ले कर अंत तक)
117
20
बडम बडम फ्लू क्या है और इतना घातक क्यों है ?

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

1. विश्व और भारत में पोल्ट्र ी फावमिंग  ब्रॉयिर पक्षी मााँ स के र्िए पािे जाते हैं

पर एक नज़र र्जसका उत्पादन दे श में 8% प्रर्त विा के


र्हसाब से बढ़ रहा है | िोगो की बढ़ती
पोल्ट्र ी फावमिंग में संभािनाए
हुई आय और खाने पीने में अर्र्क
र्वश्व में और सार् सार् भारत में पोल्ट्र ी व्यवसाय
प्रोटीन की मात्रा को सस्म्मर्ित करने के
बहुत तेज़ी के सार् बढ़ रहा है | यह भारतीय GDP
र्िए िोगो का खास रुझान पोल्ट्र ी से
का तकरीबन 0.8% से ज़यादा है , तेज़ी से बढ़ती
प्राप्त होने वािे उत्पादो जैसे ब्रॉयिर
हुई जनसंख्या और बढ़ती हुई मााँ स प्रोटीन की
मााँ स और अंडे पर है |
मााँ ग इस व्यवसाय को खास तौर से बढ़ावा दे रही
 परं तु भारत में अभी भी र्वश्व स्तरीय
है | बढ़ती हुई दै र्नक आय और खाने पीने की
टै कनोिौजी की कमी है र्जसकी वजह से
तरफ िोगो की रुची भी इस व्यवसाय की उन्नर्त
यहााँ उत्पादन और दे शो से महें गा पडता
के र्िए र्ज़म्मेदार है |
है , सार् ही बीमाररयो की बहुतायत, फीड
 पोल्ट्र ी से हमे अंडे और मााँ स र्मिता है |
के अत्यार्र्क मूल्य, बढ़ता हुआ इं टेग्रेशन,
यह अनुमान है की र्वश्व में पोल्ट्र ी मााँ स की
र्वपणन के बूंयार्द ढााँ चे की कमी,
मााँ ग 2022 (2013 की तुिना में) तक 47%
उत्पादन में क्षेत्रीय असंतुिन भी र्चंता का
तक बढ़ जाएगी, इससे यह पता चिता है
र्विय है |
की पोल्ट्र ी फार्मिंग में आने वािे समय में

असीम संभावनाए उपिब्ध हैं |


विश्व में पोल्ट्र ी मााँस का उत्पादन (वित्र AA)
 सन 2016 में टाइम्स ऑफ इं र्डया के
र्वश्व में पोल्ट्र ी मााँ स का उत्पादन तेज़ी से बढ़ रहा
सवेक्षण के अनुसार भारत की िगभग
है | 2011 में िगभग 10.1 करोड टन पोल्ट्र ी मााँ स
70% आबादी (15 विा से अर्र्क आयु
का उत्पादन हुआ जो बढ़कर 2013 में 10.8
वािे) मााँसाहारी है , और इस बात का
करोड टन हो गया| मुगाा मुख्य पोल्ट्र ी पक्षी है
सबूत दे श में तेज़ी से बढ़ता हुआ मााँ स का
परं तु भारत में बत्तख, टकी और कहीं कहीं एमू
व्यवसाय है , र्जसमे पोल्ट्र ी का एक खास
का भी चिन है | लगभग 87% पोल्ट्र ी मााँस में
योगदान है और र्ीरे र्ीरे नौन-वेज की
मुगे का योगदान है | इसी तरह अंडो का
तरफ बढ़ता हुआ चिन पोल्ट्र ी क्षेत्र की
उत्पादन भी िगातार बढ़ रहा है | यर्द रे बो बैंक
उन्नर्त के र्िए मुख्य रूप से िाभकारी है |
की वेर्श्वक रैं र्कंग के आर्ार पर दे खा जाए तो

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

र्वश्व की सबसे बडी पोल्ट्र ी उत्पादन की कंपर्नयााँ  स्वास्थ्य और पोिण: पोल्ट्र ी मां स में वसा
टायसन फूडस, जबीएस र्पिर्ग्रम्स और मर्ृीग की मात्रा कम होती है
हैं |  प्रोटीन के एक स्रोत के रूप में, अन्य

प्रोटीन की तुिना में मुगी उत्पाद कम


विश्व स्तर पर अंडो का उत्पादन (वित्र AB) कीमत में अर्र्क पोर्िक होते हैं |
र्पछिे दशक में (सन 2000 से 2012 तक) अंडो
भारत में मौिूद अिसर
का उत्पादन 28.4% तक बढ़ा जो की 2.4% की
भारत दु र्नया मे एक ऐसा दे श है जो यूरोर्पयन
वार्िाक वृर्र् को दशाा ता है | र्सर्ा 2012 में ही
संघ के दे शो को Non-GMO पोल्ट्र ी उत्पाद
12,300 हज़ार करोड अंडो का उत्पादन हुआ, जो
र्नयाा त कर सकता है , भारत की जिवायु मुगी
630 करोड मुर्गायों से प्राप्त हुए| इसी तरह अंडा
पािन के र्िए र्बिकुि उपयुक्त है जहााँ कम
सेवन में र्वश्व स्तर पर कार्ी बढ़ोहतरी हुई, जो
पैसो में अच्छा उत्पादन मुमर्कन है , कम िागत
खपत 1960 में 2 करोड टन र्ी वो 1990 में 40
में िेबर उपिब्ध है , फीड बनाने की सामग्री
करोड टन और 2010 में 6.3 करोड टन हो गयी|
स्र्ानीय स्तर पर उपिब्ध है , बढ़ती हुई आए,
2010 में नीदरिंड, स्पेन, जमानी और चाइना अंडो
बढ़ती हुई जनसंख्या पोल्ट्र ी व्यवसाय को गती दे
के सबसे बडे र्नयाा तक रहे और अमरीका, मध्य
रहे हैं |
एर्शया और गल्फ के दे श और कुछ यूरोर्पयन

दे श अंडो के सबसे बडे आयातक रहे | भारत में पोल्ट्र ी फावमिंग के सामने िुनौवतयााँ
 बढ़ते हुए फीड के दाम और बनाने की
बढ़ती हुई मााँग के वलए उत्तरदायी कारक िागत नयी नयी उभरती हुई मुर्गायों की

 मानव आहार में पशु उत्पादों का बढ़ता बीमाररया

र्हस्सा  उत्पादन में क्षेत्रीय असंतुिन - कम

 आय वृस्ि और आर्र्ाक समृस्ि उत्पादन

 जनसंख्या वृस्ि: 2050 में 9.5 अरब तक  घटता हुआ िघु स्केि पोल्ट्र ी का र्हस्सा
 बेहद खराब पोल्ट्र ी माकेर्टं ग
पहुं चने की उम्मीद है
इनफ्रास्टर क्चर
 बढ़ता हुआ शहरीकरण
 बढ़ता हुआ पोल्ट्र ी व्यापार

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

 घरे िू बाजारों में संसार्र्त पोल्ट्र ी उत्पादों वैसे वैसे उत्पादन रफ़्तार पकडे गा | िेर्कन

की सीर्मत स्वीकृर्त एक बात तो तय है की पोल्ट्र ी उद्योग अपने

यर्द इस आर्र्ा क सहयोग तर्ा र्वकास संगठन (OECD) आउटिु क को दे खें को तो पोल्ट्र ी मां स उत्पादन
और खपत में भारत की स्स्र्र्त का अंदाज़ा िगाया जा सकता है |

- इकनोर्मक टाइम्स

कोरोना काि के बाद मीट मार्काट में काफी र्पछिे बुरे समय से र्नकि आया है र्ीरे र्ीरे

बदिाव आये हैं जैसे आमदनी कम होने के ही सही यह स्स्र्रता की ओर अग्रसर है और


कारण र्डमां ड पर असर पडा है | कई बडे िम्बे समय तक यह स्स्र्रता बनी रहने की

इं टीग्रेटरस ने उत्पादन कम कर र्दया और आशा है | स्वतंत्र फामार जो चूज़ा डायरे क्ट


फीड र्मि मार्िको ने उर्ार दे ना बंद कर मार्काट से िेता है उसे यह चार्हए इस दौर में

र्दया र्जससे सप्लाई चैन पर गहरा असर 20 रूपए से अर्र्क का चूज़ा न खरीदे
पडा है | मक्का के दाम जो र्पछिे सािों में अर्ाा त जब चूज़ा महं गा हो तब फार्मिंग न

18 के पार चिे गए र्े वो र्डमां ड न होने के करे |


कारण र्फर 11-12 रूपए प्रर्त र्किो पर आ
गए हैं | अब जैसे जैसे र्डमां ड सामान्य होगी

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

2. मग
ु ी फामा में आवास प्रबिंधन 1. मुगी फामा का स्र्ान ऐसा होना चार्हए जो

सूखा हो और जहााँ पानी ना भरता हो और


पोल्ट्र ी फार्मिंग में शैड की बनावट और आवास
सार् ही हवा का भी पयाा प्त बहाव मौजूद हो |
की जगह का खास महत्व है | यह मुर्गायों को एक
2. आवास सभी मौसमो में आरामदायक
खास वातावरण प्रदान करता है र्जसमे उनपर
वातावरण, र्कफायती, और मज़बूत होना
कम से कम तनाव (स्टर ै स) पडता है र्जससे वो
चार्हए |
अर्र्क क्षमता से उत्पादन कर पाती हैं , सब
3. फामा की िंबाई पूरब - पविम वदशा में होनी
मुर्गायों का एक जैसा वज़न होता है और
चार्हए र्जससे सूया की सीर्ी र्करने फामा में
बीमाररयााँ भी कम फैिती हैं |
ना आ पायें |

भारतीय मूि में उष्ण कर्टबंर्ीय जिवायु पाई 4. शैड की छत पयाा प्त रूप से बाहर र्नकिी

जाती है र्जसमे 12 में से 8 महीने में गरम और हुई होनी चार्हए र्जससे सीर्ी बाररश अंदर

शुष्क वातावरण रहता है और कुछ समय तो गमी ना आ सके| इसे अमूमन 0.60 - 0.91

के सार् सार् आद्रता भी रहती है | उत्तर पर्िमी मीटर बहार र्नकाि कर रखा जाता है |

और उत्तरी इिाको में कम से कम 4 से 5 महीने 5. छत र्जस मेटीररयि की िगाए वो

ठण्ड के मौसम में तापमान कार्ी कम रहता है | तापरोधक होना चार्हए, और जो आवास

पेडो की छाए में िगाए जाते हैं वो अर्र्क


दर्क्षण भारत में ठं ड का मौसम नही होता परं तु
अनुकूि होते हैं | आस पास पेड िगाये जा
रात को कभी कभी तापमान कार्ी र्गर जाता
सकते हैं ऐसे में र्बमाररयां कम फैिती हैं |
है | ऐसे में र्कसी एक तरह की आवासीय बनावट
6. एक तजुबे के अनुसार टीन की चादर की
सुझाना कार्ी मुस्िि हो जाता है | इसर्िए
जगह एसबेस्टॉस (पत्थर) की चादर ज़्यादा
आवास बनाने हे तु कुछ र्सर्ान्तो को समझना
िाभकारी होती है , क्ूंकी ठं ड के मौसम में
आवश्यक होता है र्जनका उपयोग करके र्कसी
टीन ओस के कारण टपकने िगता है और
भी वातावरण में मुर्गायों के र्िए आवास बनाया
गमी में अत्यार्र्क गरम हो जाता है |
जा सकता है |
7. शैड की साइड वाि 6.5 से 7 फीट और
इस अध्याय में हम ऐसी आिासीय प्रणाली को
बीच की उाँ चाई 9.5 से 10 फीट तक होनी
दे खेंगे िो हर तरह के िातािरण और िलिायु
चार्हए| साइड वाि में 1 - 1.5 फीट की
में कारगर वसद्ध हो | ये वसधांत वनम्न हैं|
दीवार और बाकी िोहे की जािी होनी

10 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

चार्हए| आज कि गैल्वेनाइज्ड आयरन की करने के र्िए उन्हें अच्छी गुणवत्ता वािी हवा

जार्ियां आने िगी हैं र्जनपर ज़ींक की परत प्रदान करना बहुत जरूरी होता है |
भी होती है इनमे जंक नहीं िगता और 12. वेंटीिेशन का मतिब यह र्बल्कुि नहीं होता

अर्र्क समय तक चिती हैं | की हवा के सीर्े झोंके फामा में आने िगे
8. िाइट के र्िए पयाा प्त दू री पर CFL या कम बस्ल्क वेंटीिेशन का मतिब फामा में से

पावर के बल्ब िगाने चार्हए. फामा में र्वर्भन खराब हवा को बाहर र्नकािकर स्वच्छ हवा
स्स्र्र्तयों में र्वर्भन्न रौशनी की आवश्यकता को अंदर िाना होता है इसके र्िए उपयुक्त

होती है | अमूमन शुरू में पहिे से सातवे काया करने पडते हैं जैसे एग्जॉस्ट फैन िगाना
र्दन तक 30 िक्स की रौशनी बताई जाती है या परदे हटाना आर्द फामा की चौडाई भी

उसके बाद 5 से 10 िक्स काफी होती है | इसी र्नयम पर आर्ाररत है | 30 फीट से


1000 sqft में 30 िक्स रौशनी करने के र्िए अर्र्क चौडे फामा में हवा र्नकिनी मुस्िि

12 वाट की 6 CFL या 40 वाट के 6 बल्ब हो जाती है | सबसे से फ चौडाई 26 से 28


काफी होते हैं | फीट की होती है |

9. फामा की िौडाई 30 फीट से अवधक नही 13. एक और महत्वपूणा बात को ध्यान में रखना
होनी िावहए और यर्द इससे अर्र्क चौडाई चार्हए वह यह र्क यर्द फॉमा में गैस

रखनी हो तो उपर की तरफ ओपन स्िट के ब्रूडर या बुखारी का इस्तेमाि हो रहा है


रखनी चार्हए| तो वह भी हवा में मौजू द ऑक्सीजन का

10. वेंटीिेशन का र्नयंत्रण पर्क्षयों के वातावरण इस्तेमाि करते हैं इससे ऑक्सीजन और कम
को र्नयंर्त्रत करने का सबसे महत्वपूणा हो जाती है तो ऐसी स्स्र्र्त में वेंटीिेशन

र्सिां त है | पयाा प्त वेंटीिेशन से पर्क्षयों को बनाना और भी अर्नवाया हो जाता है |


अच्छी गुणवत्ता की हवा प्रदान की जाती 14. ज़्यादा गरम और आद्रता वािे इिाको में

है | ऑक्सीजन से भरपूर हवा मुर्गायों के र्िए चौडाई 20 फीट तक ही होनी चार्हए|


हर आयु में अत्यंत आवश्यक होती है | 15. फामा की िंबाई र्कतनी भी रखी जा सकती

11. अक्सर िोग इस बात को नजरअंदाज कर है | आम तौर पर एक फामा में 10,000 से


दे ते हैं परं तु हवा, पानी और दाने र्जतनी ही अर्र्क मुर्गायां नहीं राखी जाती इसर्िए यर्द

जरूरी है | और पर्क्षयों से पूणा िाभ हार्सि फामा की चौडाई 30 फीट है तो उसकी


िम्बाई 335 फीट होती है |

11 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

16. शैड में मौजूद जगह का अनुमार्नत रूप से फामा में यर्द 3000 हज़ार से अर्र्क मुर्गायां

बाडो र्वभाजन कर दे ना चार्हए और हर बाडे हो तो 1 बडा पंखा प्रत्येक 2000 मुगी पर


में 600 से 700 मुर्गायां रखें | बाडे के र्वभाजन िगाना चार्हए |

की ऊाँचाई 1.5 फूट तक रखी जाती है जो 23. यह शैड आबादी से कम से कम 500 मीटर
की जािी का बनाया जा सकता है | दू र होना चार्हए, इससे फामा की दु गिंर् आस

17. फामा का फशा पक्का होना चार्हए इसे पास के रहने वािो को परे शान नही करे गी |
मज़बूत कॉंरीट से बनाए या ईंट के खडं जे 24. फामा ऐसी िोकेशन पर होना चार्हए जहााँ

पर सीमेंट से फशा बना दें | कच्चे फशा में चूहे, सही रोड मौजूद हो और माि िाया और िे
छचुंदर र्बि बना िेते हैं र्जससे नेविे या जाया सके | गड् ढ़े वािी और उबड खाबड

सां प फामा में आ जाते हैं और नुकसान करते रोड पर बरसात में पानी भर जाता है र्जससे
हैं | चूज़े िाते समय या तैयार माि बेचते समय

18. पानी का प्रबंर्न ऑटोमॅर्टक प्रणािी के काफी परे शार्नया आ सकती है और


तहत करना चार्हए र्जसकी टं की फामा के मोटे र्िटी हो जाती है |

अंदर या र्कसी छायेदार जगह पर होनी 25. यर्द दो शैड सार् में बनाने पडे तो उन दोनो
चार्हए| के बीच की दू री फामा की चौडाई से दु गनी

19. र्नप्पि र्डरंकर र्सस्टम के भी कार्ी फायदे होनी चार्हए| जैसे फामा की चौडाई 30 फीट
होते हािााँ र्क इसका शुरुआती खचा अर्र्क है तो दो फमो के बीच की चौडाई 60 फीट

होता है | तो छोटे फामा में शुरुआत में केवि होनी चार्हए इससे र्बमारी फैिेने के अवसर
बैि र्डरंकर िगाने चार्हए | बहुत कम हो जाते हैं | यह दू री बायो

20. शैड में या आस पास फीड, दवाई और अन्य र्सक्ूररटी के र्सर्ान्तो में से एक र्सर्ां त है |
उपकरण रखने की पयाा प्त जगह होनी हािााँ र्क कई िोग जगह की कमी होने के

चार्हए | कारण इस र्नयम का पािन नहीं करते और


21. पानी की सप्लाइ के र्िए समर र्सबि या बोर नुकसान उठाते हैं , उन्हें पता भी नहीं चि

वेि का इं तेज़ाम ज़रूरी होता है | पानी के पाता की उनके यहााँ बीमारी या कम उत्पादन
मापदं ड इस पुस्तक में आगे र्दए गए हैं | की र्दक्कत फामा की अनुर्चत बनावट की

22. हवा के बहाव को बढ़ाने के र्िए वेंर्टिेटर वजह से होती है |


और बडे पंखे भी िगाने पडते हैं और एक

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

26. फामा की दीवारो पर चूने की पुताई बीमाररयो ऐसे आवासों में 24 घंटे प्रबंर्न व्यवस्र्ा को दे खते

के प्रकोप से बचाने में मदद करती है | रहना पडता है और जरूरत पडने पर उसे
र्नयंर्त्रत करना पडता है | क्ोंर्क जैसे-जैसे
आिासीय बनािट
तापमान बढ़ता है या घटता है उसके र्हसाब से
भारत में अर्र्कतर र्कसान छोटे फामा िगाते हैं
पदों को भी ठीक करना पडता है | कुछ िोग
र्जनमे मुर्गायों की सं ख्या 2,000 से िेकर
परदे डाि कर एग्जॉस्ट फैन िगा दे ते हैं और बार
10,000 तक होती है | यह फॉमा कम िागत से
बार पदे उठाने और र्गराने की आवश्यकता नहीं
बनाए जाते हैं इसर्िए इनमें र्नयंर्त्रत वातावरण
पडती| यह भारत में एक कारगर तरीका सार्बत
स्र्ार्पत करना संभव नहीं होता क्ोंर्क वह खचे
हुआ है |
को अत्यार्र्क बढ़ा दे ता है और उससे कोई
Asbestos
अर्तररक्त िाभ भी नहीं र्मिता | अर्र्कतर फॉमा Sheet

प्राकृर्तक वेंटीिेशन पर आर्ाररत होते हैं और 2 feet edge

दोनों तरफ से खुिे रहते हैं |


10 - 11 feet 5 - 6 feet
6 - 7 feet wire mash

1 feet wall

30 feet

फामा और फामा के बाहर के वातावरण में हवा

का र्वर्नयम इस बात पर र्नभार करता है र्क


बाहर कैसी हवा है | पंखा िगाने से फॉमा के अंदर
प्राकृर्तक वेंटीिेशन का मतिब फामा दोनों तरफ हवा का बहाव बढ़ाया जाता है | कुछ फामों में
से खुिा रहता है पर उस पर एक िोहे की जािी आजकि पंखो के सार् सार् फोगसा और छोटे
िगा दी जाती है | र्जस पर जरूरत के र्हसाब से फुव्वारे भी िगाए जाते हैं जो अर्तररक्त ठं डक
पदे टां गे जाते हैं | ऐसी बनावट में प्राकृर्तक हवा प्रदान करते हैं | कभी भी एक िोकेशन पर एक
का एक भाव बना रहता है यर्द अंदर से अर्र्क आयु के बड्ा स नहीं रखने चार्हए
आवश्यकता से अर्र्क गमा हो जाता है तो परदे िेखक का अनुभव है की ऐसे फामो में बीमाररयााँ
हटा र्दया जाते हैं और ठं ड के मौसम में पदों को हमेशा बनी रहती हैं और समय बीतने के सार्
डाि कर रखा जाता है |
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सार् उनमे नुकसान भी बढ़ते जाते हैं और अंत में फौवगंग और वमस्स्टं ग

फामा बंद करने पद जाते हैं | एक आयु से अर्र्क


गमी से बचने के र्िए मुगी फामा में कभी कभी
का मतिब है र्क आस पास शेड बना कर एक
फौर्गंग र्सस्टम िगाया जाता है | र्जससे पूरे
शेड में दो हफ्ते की आयु की मुगी पि रही हो
फामा में पानी की एक फुहार छोडी जाती है और
और दू सरे शेड में एक हफ्ते की आयु के चूज़े हों|
वातावरण को ठं डा र्कया जाता है | भारत में उन
पैड कूवलंग वसस्टम जगहों पर जहां पर आद्रता कम होती है या

आद्रता र्जस मौसम में नहीं होती उसमें


यह र्सस्टम हवा को गीिे से ल्यूिोस पैड के अं दर
फोगसा का इस्तेमाि र्कया जाता है |
से खींचता है र्जससे हवा ठं डी होकर फामा के
अंदर आती है जैसा र्क र्चत्र में दशाा या गया  सबसे बडा आवदल )इं साफ करने िाला) िो है िो

है | यह पैड फामा के अंर्तम भाग पर िगाए जाते अपने वलए िो पसंद है दू सरों के वलए भी पसंद करे

और िो अपने वलए ना-पसंद करता हो दू सरों के


हैं और दू सरे भाग पर पंखे िगाए जाते हैं इन
वलए भी ना-पसंद रखे |
पंखों की र्दशा बाहर की तरफ होती है तो जब
 अच्छा बताम ि अपने पररिार के लोगो से शुरू करो
यह पंखे चिते हैं तो यह फॉमा में से हवा को
हज़रत मु हम्मद )सo)
बाहर खींचते हैं र्जस से दू सरी तरफ से हवा ठं डी

हो कर अंदर आती रहती है | इस तकनीक का


र्सिां त र्बल्कुि हमारे घरों में मौजूद कूिरों जैसा
3. उपकरण
है |

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डरिंककिंग र्सस्टम (पानी के ऑटोमॅहटक

उपकरण की प्रणाली)

बैल वडरंकर - ओपन वडरंवकंग वसस्टम )वित्र


BA)

1. पहिे र्दन से दसवे र्दन तक प्रत्येक 1000

चूज़ो पर कम से कम 16 से 20 र्मनी र्चक 5. पानी का सही स्तर बनाकर रखना पडता है

र्डरंकर या 40cm व्यास वािे 6 बैि र्डरंकर नही तो पानी र्डरंकर से छिक कर बहार आ

िगाने चार्हए और यर्द गमी अर्र्क हो तो जाता है और र्िट्टर को गीिा करके बीमारी

सार् में 6 र्मनी र्चक र्डरंकर भी िगा दें फैिता है .

2. जैसे जैसे ब्रॉयिर बडे होते हैं वैसे वैसे पुराने 6. र्डरंकसा को रोज़ाना या हफ्ते में कम से कम

र्चक र्डरंकर को बैि र्डरंकर से बदिना तीन बार र्कसी अच्छे सॅर्नटाइज़र से साफ

पडता है , प्रत्येक 70 ब्रॉयिर पर 1 बैि करना चार्हए, और टीकाकरण वािे र्दन

र्डरंकर िगाया जाता है . सॅर्नटाइज़र को नही इस्तेमाि करना चार्हए.

3. ये उपकरण उर्चत दू री पर िगाने चार्हए, वनप्पल वडर ं वकंग वसस्टम - क्लोज़्ड वडर ं वकंग
र्जससे मुगी को पानी पीने के र्िए 8 फीट से वसस्टम )वित्र BB)

अवधक ना िलना पडे


1. र्नप्पि र्डरंर्कंग र्सस्टम बैि र्डरंर्कंग से अच्छे
4. इन र्डरंकसा की उाँ चाई को रोज़ दे खना
होते है क्ूंर्क इसमे पानी का संरमण सबसे
चार्हए, और उाँ चाई ऐसी होनी चार्हए र्जसमे
कम होता है , पानी बबाा द नही होता, पानी
र्डरंकर की तिी मुगी की पीठ के बराबर हो.
बहार र्िट्टर पर नही र्बखरता और रोज़ रोज़
इससे पानी बीट से गंदा नही होता और
पाइप और र्नप्पि को साफ करने की
स्वच्छता बनी रहे गी|
ज़रूरत नही पडती.
2. र्नप्पि को चूज़ो की उाँ चाई पर र्फट करना

पडता है और र्नयर्मत पानी का दबाव बना


कर रखना पडता है .

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3. इसके र्िए ऐसा र्हसाब बनाना पडता है र्िए पानी, साफ सफाई के र्िए, फॉगसा के र्िए,

र्जससे चूज़े के पैर ज़मीन पर सीर्े रहें और फामा के बहार गार्डयो के पर्हए और पैर को
चोंच आसानी से र्नप्पि के पॉइं ट पर पहुाँ च दवाई के पानी में र्ोने के र्िए आर्द|

जाये | इसके र्िए ज़मीन की सतह और चूज़े


एक बडा टैं क होने के सार् सार् कुछ छोटे टैं क
की पीठ के बीच 35° से 45° का कोण बनता
भी होने चार्हए र्जनसे हर एक शैड की 24 घंटे
है |
के पानी की आपूर्ता की जा सके, यर्द दो टैं क

रखें जाएाँ तो रोज़ाना साफ सफाई में आसानी


रहती है |

फीवडं ग उपकरण

हार् से भरे जाने वािे िाइन फीडर या िटकाने


4. एक र्नप्पि 10 से 12 मुर्गायों के र्िए कार्ी वािे फीडर या और र्कसी तरह के भी फीडर हो
रहता है . पर सबसे महत्वपूणा बात फीडर में पयाा प्त जगह
5. इस बात का ध्यान रखना चार्हए की सभी की है | यर्द मुगी को खाने के र्िए पयाा प्त जगह
र्नप्पि सही से काम कर रहे हो. नही र्मिती तो उसकी वृस्िदर कम हो जाती है
6. र्नप्पि की पाइप िाइन की संख्या इस बात और फ्लॉक में असमानता बढ़ती है | फीड हमेशा
पर र्नभार करती है की फामा की चौडाई मुगी की पहुाँ च में होना चार्हए र्जससे वो उतना
र्कतनी है और मुर्गायों की संख्या र्कतनी है . फीड खा िे र्जतना हमारा िक्षय होता है | यर्द
7. िेर्कन आमतौर पर हर 10 फीट पर एक ऐसा होता है तभी मुर्गायां उस वज़न को पहुाँ च
िाइन िगाई जाती है . पाती है र्जसके र्िए उन्हे पािा जाता है |

पानी स्रोत और भंडारण टैं क टर ् फ फीडर )वित्र BC)

पानी को अमूमन बोर वैि, खुिे कुएाँ से या नहर प्रत्येक 1000 मुर्गायों के र्िए 25 से 30 टर ् फ
से प्राप्त र्कया जाता है | नहर या दरया के पानी फीडर की आवश्यकता होती है र्जनमे प्रत्येक
को पहिे अच्छे से साफ करना पडता है | टैं क के की िंबाई 5 फीट या 1.5 मीटर होती है | इस
साइज़ का र्नर्ाा रण पानी की कुि मााँ ग के र्हसाब फीडर के उपर एक जािी र्फट की जाती है
से र्कया जाता है | र्वर्भन्न ज़रूरते जैसे पीने के र्जसमे से मुगी अपनी गदा न डाि कर दाना खाती

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है , जैसे जैसे मुगी की आयु बढ़ती है इसकी उाँ चाई के र्िए हार्नकारक होता है क्ूंकी उससे मुर्गायों

भी बढ़ायी जाती है र्जससे फीड र्िट्टर के पडने पर कार्ी स्टर ै स पडती है | इसीर्िए तापमान को
गंदा नही होता| बनाए रखने के र्िए र्वर्भन्न उपकरण आते हैं |

फीडर की िगह का वनधाम रण ताप के स्रोत

 1 से 14 र्दन के चूज़ो के र्िए – 2 इं च या 1. र्बजिी से होने वािी ब्रूर्डं ग

5 सेंटीमीटर प्रत्येक चूज़ा


2. गॅस से होने वािी ब्रूर्डं ग
 15 से 35 र्दन की मुर्गायों के र्िए - 3
3. कोयिे से होने वािी ब्रूर्डं ग
इं च या 7.5सेंटीमीटर प्रत्येक मुगी
 36 र्दन से बेचने के र्दन तक - 4 इं च या मौसम, जगह और फामा की बनावट को ध्यान में
10 सेंटीमीटर प्रत्येक मुगी रखते हुए अिग अिग र्कस्म की ब्रूर्डं ग होती है |

जब मुगी के र्िए फीडर में जगह का र्नर्ाा रण • सवदम यो में - फामा के एक र्तहाई र्हस्से में
करें तो फीडर की दोनो साइड की िंबाई को ब्रूर्डं ग होनी चार्हए
र्गनना चार्हए.
• गवममयों में - फामा के आर्े र्हस्से में ब्रूर्डं ग होनी
हंवगंग हॉपर )वित्र BD) चार्हए

हॅं र्गंग फीडर प्लास्स्टक के बने हुए फीडर होते हैं ये बात सही है की ताप को बना के रखना चार्हए
जो अिग अिग क्षमता में र्मिते हैं इनका साइज़ परं तु इसके र्िए हवा के बहाव (वेंटीिेशन) से

5 से 12kg तक होता है | ये फीडर दू सरे हफ्ते से समझोता नही करना चार्हए| इस बात को ध्यान
अंत तक िगाए जाते है , एक हॅं र्गंग फीडर 50 में रखते हुए की ब्रॉयिर चू ज़े बहुत तेज़ी से बढ़ते
मुर्गायों के र्िए कार्ी होता है | चूज़ो को फीडर हैं , इसका खास ध्यान रखना चार्हए की फामा में
की प्लेट में दाना र्दया जाता है | उर्चत हवा का बहाव बना रहे र्जससे चूज़ो को
हार्नकारक गैसो से रहात र्मिे और भरपूर
हीवटं ग वसस्टम )तापमान गरम बनाए रखने
ऑस्क्सजन र्मिती रहे | तापमान को मापने के
के उपकरण)
र्िए फामा में चूज़ो की उाँ चाई पर रूम र्माा मीटर
मुर्गायों की उत्त्तम उत्पादकता बनाए रखने के
िगाकर रखना चार्हए|
र्िए उर्चत तापमान का होना बहुत ज़रूरी होता
है , तापमान का उपर नीचे होना मुर्गायों के स्वास्र्

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गैस ब्रूवडं ग हमेशा अच्छी क्वार्िटी के ब्रूडर ही िगाने चार्हए|

चूज़ो के आने से पहिे यह सुर्नर्ित कर िें की


आवश्यकता अनुसार भरे हुए र्सिेंडर आपके

पास मौजूद हैं | पहिे र्दन तापमान को 32 से 34


र्डग्री सेस्ियस तक रखें| यह तापमान गैस ब्रूडर

में िगे सं वेदक से र्नयंर्त्रत हो जाता है |

र्बजिी या कोयिे से चिने वािे ब्रूडर के


बर्नज़बत एि.पी.जी द्वारा चिने वािे ब्रूडर सबसे

उपयुक्त और एक सा ताप पैदा करते हैं | रे र्डयंट


गैस ब्रूडर ऐसा ताप पै दा करते हैं जो चूज़ो के

र्िए आरामदायक होता है | इससे ग्रोर् सही से


होती है और वज़न भी तेज़ी से बढ़ता है | इन

ब्रूडर्स को केंद्रीय संचािक से कंटर ोि र्कया जा  िो वकसी अं धे व्यस्ि को 40 कदम िलने में मदद

सकता है या र्फर हर एक ब्रूडर को अिग अिग करता है तो उसके सारे वपछले गुनाह माफ़ हो

भी संचार्ित र्कया जा सकता है | इस बात का िायेंगे

 व्यस्ि के 3 वपता होते हैं – एक स्वंय का वपता, एक


ध्यान रखें की ब्रूर्डं ग र्सस्टम में तापमान र्नयं त्रक
पत्नी का वपता और तीसरा िो िो व्यस्ि को पढ़ाये
िगा होना चार्हए| इससे उजाा भी बचती है और
 यतीम )विसके वपता मर गए हों) के वलए रहम वदल
उपयुक्त तापमान भी बना रहता है | बाप की तरह बनो और ये यकीन रखो िैसा बोओगे

िैसा काटोगे|
इं फ़्रा रे ड रे वडयंट ब्रूडर
- हज़रत मु हम्मद )सo)

यह 90cm से 130cm तक की उाँ चाई पर िगाया


जाता है | र्कतने ब्रूडर चार्हए और कैसे िगने हैं

ये बात उनकी बनावट, आकार और उजाा की


खपत पर र्नभार करती है इसर्िए सप्लाइयर के

स्पेर्सर्फकेशन ज़रूर दे खें| ये भी ज़रूरी है की


आपके ब्रूडर पर उजाा खपत BTU या KW में दजा
हो, और गैस का पररचािन दाब भी र्िखा हो|

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4. आिासीय िातािरण - िेंटीलेशन हमे क्यूाँ उवित िेंटीलेशन बना कर रखना

िावहए
वसस्टम, तापमान, आद्रता
 ताज़ी हवा का बहाव बना कर रखना चार्हये
)पयामप्त हिा का बहाि बनाए रखना)
र्जससे मुर्गायों को पयाा प्त ऑस्क्सजन र्मिती

असरदार और र्कफायती वेंटीिेशन र्सस्टम रहे


बनाने के र्िए एक उपयुक्त और र्नयंर्त्रत  खराब और हार्नकारक गैसो जैसे अमोर्नया,

र्सस्टम की आवश्यकता होती है र्जसका काबान डाई ऑक्साइड, र्ूि आर्द को बाहर
र्डज़ाइन वैज्ञार्नक रूप से बनाया गया हो| अच्छे र्नकािने के र्िए

वेंटीिेशन का मतिब है अच्छी गुणवत्ता की हवा,  उर्चत तापमान और आद्रता बनाए रखने के
हरे क फामा में अिग वेंटीिेशन होना चार्हए एक र्िए

र्मर्नमम वेंटीिेशन और दू सरा गर्मायो के र्िए|  बीमारी पैदा करने वािे कीटाणु और
इससे 3 मुद्दे हि होते हैं जीवाणुओ को बहार र्नकािने के र्िए

 र्िट्टर की अच्छी गुणवत्ता बनाने के र्िए


 पयाा प्त ऑस्क्सजन र्मिती है
 र्बना ग्रोर् पर असर डािे फामा में और
 आद्रता पर र्नयंत्रण रखा जाता है
अर्र्क मुर्गायां रखी जा सके
 र्िट्टर की गुणवत्ता बनी रहती है

पोल्ट्र ी फावमिंग में पहले की तुलना में प्राकृवतक या खुला हुआ आिास
िेंटीलेशन की ज़रूरत अब ज़्यादा हो गयी है ,
जैसा की आवासीय बनावट वािे अध्याय में पहिे
क्यूंकी तेज़ी से बढ़ते हुए ब्रॉयलर की
भी बताया जा चुका है की भारतीय जिवायु
ऑस्ििन वडमांड 3 गुना तक बढ़ गयी है|
पररस्स्र्र्तयों में दोनो तरफ से खुिे हुए शैड
गर्मायो में हमे उत्पादन में कमी नज़र आने िगती
सबसे अर्र्क प्रर्चर्ित हैं | इनमे तापमान पदो के
है , र्जसका कारण भी खराब वेंटीिेशन होता है |
ज़ररए से र्नयंर्त्रत र्कया जाता है | मौसम के
इसर्िए हमे सस्ते से सस्ते तरीको से हवा के
र्हसाब से पदो की आवश्यकता, हीटर या ब्रूडर
बहाव को बढ़ाना चार्हए| भारतीय पररस्स्र्र्तयो में
का होना तापमान के बढ़ाने के र्िए ज़रूरी हो
शैड की बनावट बहुत बडा योगदान दे ती है
जाता है | दू सरी तरफ गमी के मौसम में पंखे,
इसर्िए, फामा की उाँ चाई और चौडाई का खास
फुव्वारे , फॉगसा आर्द तापमान को घटाने के र्िए
ध्यान रखना चार्हए|

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इस्तेमाि होते हैं | गमी में छत पर फूस भी रखी यह फामा र्डज़ाइर्नंग का सबसे अर्र्क

जा सकती है और साइड की जािी में र्दन के चुनौतीपूणा पहिू है र्जसे हर समय ध्यान में
समय सूत के बोरे र्भगो कर टााँ गे जा सकते हैं . रखना चार्हए| र्बना अच्छे वेंटीिेशन के ना तो

FCR सही होगा, ना वज़न सही से बढ़े गा और


मैकेवनकल / टनल िेंटीलेशन
स्वास्र् भी ठीक नही रहे गा | र्जन फामो में
र्पछिे कुछ विो में कम जगह में अर्र्क मुर्गायााँ
वेंटीिेशन अच्छा नही होता वहााँ पर प्रर्त मुगी
रखने से, और तेज़ी से होने वािी बढ़वार की
अर्र्क जगह की आवश्यकता होती है |
वजह से र्नयंर्त्रत वातावरण क आवश्यकता बढ़ी
हवा की गुणवत्ता का पता उसके आयतन और
है | ऐसे में मुर्गायों के उपर से बहने वािी हवा भी
हवा में मौजूद अमोर्नया, काबान डाई ऑक्साइड
मुर्गायों की स्टर ै स को कम करके बहुत फायेदा
और र्ूि की मात्रा से िगाया जाता है | कभी कभी
पहुाँ चाती है | वातावरण र्नयंर्त्रत फामा इस तरह से
वाइरस और बेस्क्टररया भी हवा में ही तैरते रहते
र्डज़ाइन हुए होते हैं र्जससे मुर्गायााँ कम से कम
हैं र्जससे बीमाररयााँ फैिती हैं | जब ये हार्नकारक
स्टर ै स िें, परं तु यह र्बजिी की उपिब्धता और
तत्व और गैसे हवा में रहती हैं तो सााँ स िेने के
उसके शुल्क पर र्नभार करता है |
तंत्र को हार्न पहुाँ चाती है र्जससे CRD और

असाइर्टस का खतरा बढ़ जाता है |

जब आद्रता 60% से अर्र्क हो जाए तो हवा का

बहाव बढ़ाना बहुत ज़रूरी हो जाता है |

िेंटीलेशन को प्रभावित करने िाले कारक

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िलिायु ब्रॉयिर पक्षी सां स के ज़ररये जब शरीर से काबान

डाइऑक्साइड को बाहर र्नकािते हैं तो उसके


मुर्गायों को अच्छी रहने की जगह, बर्ढ़या प्रबंर्न,
सार् सार् कुछ पानी भी वाष्पीकृत होकर बाहर
दाना और पानी का इं तेज़ाम, और अच्छी
आता है | यह पानी शैड की आद्रता को बढ़ाता है
जेनेर्टक क्षमता फामा को िाभ में रखने के र्िए
यर्द वेंटीिेशन ठीक प्रकार से र्कया गया है तो
आवश्यक होती है | इसी सबको मद्दे नज़र रखते
यह फॉमा से बाहर र्नकिता रहता है अन्यर्ा यह
हुए सामान्य फामा की जिवायु को यहााँ बताया
आद्रता बढ़ कर पक्षी को अत्यार्र्क तनाव में िे
जा रहा है .
आती है | ढाई र्किो का एक ब्रॉयिर अपने पूरे
आद्रता (ररलेवटि ह्यूवमवडटी)
जीवन काि में िगभग 7.5 र्किो पानी पीता है

आद्रता का पैमाना हवा में मौजूद नमी से नापा इसमें से िगभग 5.5 र्किो पानी वातावरण में

जाता है , यह हवा में उपस्स्र्त नमी और हवा की र्नकाि दे ता है |

अर्र्कतम नमी पकड कर रखने की क्षमता का


इससे यह पता िगता है र्क यर्द फॉमा में
अनुपात होता है | जब हवा का तापमान बढ़ता है
10,000 ब्रॉयिर पक्षी हों तो वह िगभग 57 टन
तो उसकी नमी बढ़ने िगती है | इससे मुगी की
पानी वातावरण में वाष्प बनाकर बाहर र्नकि
शरीर से गमी बहार र्नकािने की क्षमता बुरी
जाता है | पानी का यह िोड जो आद्रता के रूप में
तरह प्रभार्वत होती है | अत्यार्र्क आद्रता और
फामा में मौजूद रहता है उसे वेंटीिेशन द्वारा
अर्र्क तापमान मुख्य रूप से हार्नकारक होता
बाहर र्नकािना पडता है | यर्द र्कसी भी वजह
है | ज़्यादा वज़न वािी मुर्गायों को अर्र्क
से पानी का सेवन बढ़ता है तो उसके सार् सार्
परे शानी होती है | अगर मुगी के पास शरीर की
वाष्पीकृत होने वािा यह पानी भी बढ़ जाता
गमी र्नकािने के पयाा प्त सार्न ना हो तो वह
है | मुर्गायों में पसीने की ग्रंर्र्यां नहीं होती इस
गमी शरीर में जमा होकर अंदरूनी र्सस्टम को
कारण से भी उन्हें अर्र्क तनाव होता है |
र्ीमा कर दे ती है और पक्षी हीट स्टर ै स में चिे
हिा को दू वषत करने िाली गैसे और पदाथम
जाते हैं और असाइर्टस की बीमारी होने िगती
है | इसर्िए आद्रता को र्नयंर्त्रत करना बहुत हवा को र्वर्भन्न कारक प्रदू र्ित करते हैं जैसे र्ूि,

ज़रूरी हो जाता है | अमोर्नया, काबान डाइऑक्साइड, काबान


मोनोऑक्साइड, और अत्यार्र्क वाष्प | जब इन
शैड में आद्रता का समायोिन
तत्वों की मात्रा अत्यार्र्क बढ़ जाती है तो यह

21 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

सां स िेने के तंत्र को भारी नु कसान पहुं चाते हैं र्ू ि सां स िेने के तं त्र की र्झल्ली को

क्षर्त पहुं चाती है र्जससे र्वर्भन्न


और पक्षी की सां स िेने की क्षमता कम हो जाती धूल
बै क्टीररया उस पर र्चपक कर बीमारी
है | र्नरं तर ऐसी स्स्र्र्त का सामना करने पर
पैदा करते हैं
र्वर्भन्न बीमाररयां Ascites और CRD पैदा होने
यह फामा के तापमान के सार् बदिती
िगती हैं जैसे | रहती है | 29 र्डग्री से स्ियस से

अर्र्क तापमान पर 70% या उससे


नीिे दी गई तावलका में विवभन्न प्रदू षण आद्रता
अर्र्क आद्रता पक्षी की वृस्ि दर को
कारकों का उल्लेख वकया गया है
कम कर दे ती है

गैस प्रभाि
यवद अमोवनया 20 पीपीएम या गमम िलिायु
उससे अवधक होती है तो

उसे सूंघकर पता लगाया िा सकता यर्द तापमान र्मो न्यूटरि ज़ोन से अर्र्क हो जाए

है | मुगी दाना खाना कम कर दे ती है | र्मो न्यूटरि


 10 पीपीएम अमोर्नया पक्षी के ज़ोन वो तापमान होता है , र्जसमे मुगी को अपने
फेफडों को क्षर्त पहुं चाने के र्िए
शरीर के तापमान को बनाए रखने के र्िए कोई
अमोवनया काफी होती है
अर्तररक्त उजाा नही खचा करती| हर एक र्डग्री
 20 पीपीएम अमोर्नया सां स िेने

के तं त्र की र्वर्भन्न बीमाररयों के सेिीयस तापमान बढ़ने से मुगी में दाने की

र्िए र्जम्मेदार होती है खपत 1% कम हो जाती है | मतिब 25 र्डग्री


 50 पीपीएम से अर्र्क अमोर्नया सेिीयस से 35 र्डग्री सेिीयस पर दाने की
वृ स्ि दर को व्यापक रूप से कम
खपत 10% तक कम हो जाती है | खुिे हुए फामो
कर दे ती है
के प्रबंर्न में सुर्ार करके तापमान को काबू में
3500 पीपीएम से अर्र्क काबा न

डाइऑक्साइड पक्षी में र्कया जा सकता है |

Ascites नामक बीमारी कर दे ती है


काबमन हीट स्टरै स
र्जसमें पेट में पानी भर जाता है और
डाइ ब्रॉयिर पक्षी के शरीर का सामान्य तापमान 41
इससे अर्र्क काबा न डाइऑक्साइड
ऑिाइड पक्षी के र्िए मृत्यु का कारण बन र्डग्री सेस्ियस (106 र्डग्री फारे नहाइट) होता है |
सकती है
जब वातावरण का तापमान 35 र्डग्री सेस्ियस
(95 र्डग्री र्ारे नहाइट) से अर्र्क हो जाता है

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

तो ब्रॉयिर पक्षी तनाव महसूस करने िगता है | को कोई अर्तररक्त काया नहीं करना पडता यह

र्जतने िंबे समय के र्िए ब्रॉयिर पक्षी ऊंचे गमी वातावरण के 13 से 25 र्डग्री सेस्ियस
तापमान पर रहे गा तनाव का उतना ही गहरा तापमान पर र्नकिती है | यर्द वातावरण का

असर उस पर पडे गा| नीचे र्दए गए ग्राफ में तापमान 30 र्डग्री सेस्ियस से अर्र्क हो जाता
तापमान और उस तापमान पर रहने के समय है तो शरीर से गमी र्नकािने के र्िए मुगी को

को दशाा या गया है | यर्द आप दे खें जैसे जैसे अर्तररक्त काया करना पडता है तार्क शरीर के
पयाा वरण का तापमान बढ़ता है उसके सार्-सार् बढ़ते हुए तापमान को कुछ ठं डा र्कया जा

ब्रॉयिर के शरीर का तापमान भी बढ़ता है और सके| इसे इन- सेंर्सबि हीट िॉस कहा जाता है
सां स िेने की दर भी काफी बढ़ जाती है | िब और इसमें शरीर वाष्पीकरण से ठं डा होता है

शरीर का तापमान 43.3 वडग्री और सांस लेने र्जसके र्िए पक्षी पैंर्टं ग (यानी मुंह खोि कर
की दर 110 से अवधक हो िाती है तो पक्षी सां स िेता है ) और सां स िेने की दर को बढ़ा

की मृत्यु वनवित हो िाती है | अतः शैड के दे ता है )| शरीर से गमी र्नकािने के दोनों तरह के
तापमान को र्नयंर्त्रत करना बहुत आवश्यक तंत्र को नीचे तार्िका में दशाा या गया है |

होता है |
% हीट लौस

पर्ािवरण का सेंर्सबल ीट इन सेंर्सबल


तापमान लौस ीट लौस
25°C 77 23

(77°F)

30°C 74 26

चित्र 1: पर्ािवरण के तापमान, समर्, और ब्रॉर्लर के (86°F)


शरीर के तापमान में सम्बन्ध (र्ह चित्र आबिर एकसि के
35°C 10 90
ब्रॉर्लर फार्मिंग मैन्र्ुअल से र्लर्ा गर्ा है )
(95°F)
ब्रॉयिर अपने शरीर का तापमान 2 तरह से
आप दे खेंगे र्क कैसे तापमान बढ़ने के सार् सार्
र्नयंर्त्रत करते हैं पहिा सेंवसबल हीट लॉस और
इन सेंर्सबि हीट िौस बढ़ता जाता है |
दू सरा इन-सेंवसबल िेट लॉस | सेंर्सबि का

मतिब यह होता है र्क मुगी के शरीर से गमी पैंवटं ग: जब पक्षी मुंह खोिकर सां स िेता है तो

अपने आप र्नकिती रहती है र्जसके र्िए मुगी वह अपने मुंह और सां स िेने के तंत्र की गीिी
र्झस्ल्लयों से पानी को वाष्पीकृत करता है और

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

शरीर से गमी बाहर र्नकि जाती है | इसमें शरीर  फामा में हवा का बहाव 3 मीटर प्रर्त सेकंड

में बन रही अर्तररक्त ऊजाा का इस्तेमाि होता है | की दर से बढ़ाएं


यर्द वातावरण में आद्रता अर्र्क हो जाए तो  सूया की सीर्ी र्करणें फॉमा में ना आने दे

शरीर से पानी का वाष्पीकरण कम हो जाता है  पानी में ब्लड बर्सा को र्मिाएं


और गमी नहीं र्नकि पाती| ऐसे में पक्षी दाना हीट स्ट्रे स प्रबंधन को आगे एक अलग अध्र्ार्

खाना छोड दे ता है और अर्र्क पानी पीता है में र्वस्ट्तार से समझार्ा गर्ा है |

र्जससे उसका वज़न नहीं बढ़ पाता | जब

तापमान बहुत अर्र्क हो और आद्रता भी िातािरण का तापमान


अर्र्कतम बनी रहे तो ऐसे में पैंर्टं ग से भी कोई
सबसे उत्तम प्रदशान हााँ र्सि करने के र्िए
िाभ नहीं होता और पक्षी अत्यार्र्क हीट स्टर ै स
मुर्गायों को उर्चत तापमान (र्जसे कॉमफोटा ज़ोन
या तनाव में चिा जाता है | ऐसे में र्नम्न प्रर्रयाएं
कहते हैं ) में रहना आवश्यक होता है | इस
शरीर में होती हैं |
तापमान में एक रूपता होनी चार्हए, कहीं ज़्यादा
 वेंट का तापमान बढ़ जाता है और कहीं कम नही होना चार्हए| यर्द उर्चत
 र्दि र्डकने की दर बढ़ जाती है तापमान नही होता तो मुर्गायााँ अपनी शरीर की
 शरीर में हो रही रासायर्नक र्रयाएं भी और उजाा अपना तापमान सुर्ारने में ही िगाने िगती
तेजी से होने िगती हैं है FCR बढ़ने िगता है | मुर्गायों का आदशा
 खून की ऑक्सीजन िे जाने की क्षमता घट तापमान उनकी आयु के अनुसार बदिता रहता
जाती है है , और यह वज़न, वेंटीिेशन, दाने की मात्रा,
 इन सभी पररस्स्र्र्तयों का पै दा होना आद्रता और तापमान.
र्चंताजनक र्विय होता है |
विकल्प
इस हीट लोड को कम करने के वलए वनम्न
 फामा में मुर्गायों की संख्या को कम करें
उपाय वकए िा सकते हैं
 प्रत्येक मुगी को कम से कम 1.2sqft
 फॉमा में पर्क्षयों की संख्या कम करें जगह दें
 ठं डा ताजा कम नमक वािा पानी हर  गमी से पानी गमा ना होने दें इसर्िए
समय पर्क्षयों के र्िए उपिब्ध रखें पानी को टं की में बदिते रहें
 दाना र्दन के ठं डे समय में दें

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

 मुर्गायों को फामा में र्ीरे र्ीरे चिाते रहें ठं डे मौसम में तापमान को गरम रखने का प्रयास

र्जससे हवा का बहाव बने और मुगी र्कया जाता है र्जसकी वजह से फामा पर पदे
पानी पीती रहे डाि कर रखे जाते हैं | इस वजह से फामा में

 मुर्गायों के दाने के बतान र्दन में गमी के र्वर्भन्न गैसे जमा होने िगती हैं और सााँ स िेने के
समय कम से कम 6 घंटे के र्िए उपर तंत्र की बीमाररयााँ होने िगती हैं |

कर दें |
फामम में रौशनी / प्रकाश
 रात में वेंटीिेशन बढ़ाने के उपाय करें
भारत में ज़्यादातर ब्रॉयिर फार्मिंग पारं पररक
और तापमान को कम करने की कोर्शश
तौर से खुिे हुए शेड्स में होती है | इनमे र्दन
करें .
गरम होते हैं और राते ठं डी| अर्र्कतर र्कसान
 अर्तररक्त पंखे िगायें (36 इं च के पंखे
फामा को पहिे र्दन से आर्खरी र्दन (जब तक
को 30 फीट की दू री पर िगायें )
माि र्बकता है ) फामा को हर समय प्रकार्शत
िातािरण ठं डा करने के संसाधन
रखते हैं | कई जगहो पर प्रकाश एक उष्मा के
 तापमान कम करने के र्िए छत पर स्रोत की तरह भी इस्तेमाि होता है | प्रकाश पर

पानी के फुव्वारो का इस्तेमाि करें ध्यान दे ने की वजह, FCR को और सुर्ारने से


 छत की बाहारी सतह को सफेद रं ग से ताल्लुक रखती है और इससे मृत्युदर भी घटती

रं गे और अंदर की तरफ कािे रं ग से रं गें है | इसमे मूि र्सर्ां त ये है की फामा में प्रकाश की

इससे तापमान र्वर्नयर्मत होता है स्स्र्र्त ऐसी होनी चार्हए र्जससे मुर्गायााँ भरपूर
 फामा की छत से बहार र्नकािने वािा दाना खायें और बाकी समय उसे पचाने के र्िए
टीन र्जतना हो सके बढ़ा दें र्जससे र्ूप बैठी रहें | प्रकाश का तेज/ तीव्रता और अवर्र्
सीर्ी अंदर ना जा सके दोनो ही मुगी के प्रदशान पर असर डािती है |

 अच्छे तापरोर्क संसार्ानो का प्रोयोग दोनो ही तरह की िाइट जो बल्ब से र्मिती है या


करें जैसे आस्बेस्टोस शीट, फूस की CFL से र्मिती है पोल्ट्र ी फामा में इस्ते माि होती

खपरै ि, सब्जी या फूि के बैि भी छत हैं |


पर चढ़ाई जा सकती है |
प्रकाश की आिश्यकता
ठं डे िातािरण में
ब्रॉयिर फार्मिंग में प्रकाश का बहुत महत्व होता
है इसके र्िए कंपर्नयां सार्ारण प्लान बताती

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

हैं | िाइट के कई भौर्तक पहिू होते हैं और  इससे पक्षी की फीड को इस्तेमाि करने की

सार्-सार् इसके स्रोत भी अिग-अिग होते हैं | दक्षता बढ़ती है र्जसे वृस्ि दर के ग्राफ से
समझा जा सकता है
प्रकाश की तीव्रता और र्कतने समय के र्िए
 पक्षी में अचानक से मृत्यु होने के चां स कम
प्रकाश र्दया गया है इन बातों का खास ख्याि
हो जाते हैं , असाइर्टस और हर्ियों का
रखा जाता है | कई र्कसान अपने फामा में
कमजोर होना जैसी र्शकायतें भी नहीं आती|
र्नरं तर िाइट की व्यवस्र्ा रखते हैं | ऐसे र्सस्टम
 परं तु ऐसा करने से ब्रैस्ट मीट में कमी दे खी
में भी कुछ समय के र्िए अं र्ेरा र्कया जाता है
जाती है , मुगी की टां ग में जमा होने वािा
र्जससे पर्क्षयों को र्ोडे अंर्ेरे का आदी बनाया
मां स बढ़ जाता है पेट में जमा होने
जाता है क्ोंर्क यर्द कभी अचानक से पावर कट
वािा फैट मैं भी अर्नयर्मतता आ जाती है |
हो जाए तो पर्क्षयों में काफी तनाव बढ़ जाता है
 प्रकाश के र्िए पयाा प्त दू री पर CFL या कम
और मोटे र्िटी तक हो जाती है |
पावर के बल्ब िगाने चार्हए| फामा में र्वर्भन्न
र्पछिे कुछ समय में एक बात र्कसानों के
स्स्र्र्तयों में र्वर्भन्न रौशनी की आवश्यकता
र्दमाग में पै दा हुई है वह यह की िाइट की
होती है |जैसा की ऊपर दी गयी तार्िका में
व्यवस्र्ा 24 घंटे होनी चार्हए जो अर्तररक्त वजन
बताया गया है | अमूमन 30 िक्स की रौशनी
बढ़ाने के र्िए िाभकारी होती है परं तु यह र्सफा
बताई जाती है |
एक भ्ां र्त है पूणा सत्य नहीं है | यर्द पक्षी को कुछ
िैज्ञावनक सारणी के अनुसार प्रकाश की
दे र अंर्ेरे में रखा जाए तो उससे उसका उत्पादन
तीव्रता और समय की वनधामरण
स्वास्थ्य अंदरूनी हामोन की व्यवस्र्ा,
मेटाबोर्िज्म ऊजाा उत्पादन पर अनुकूि असर पक्षी का आयु तीव्रता घंटे
दे खा गया है | भार )वदन) )लि)

250 – 0-7 30 – 40 23
हाि ही में र्कए गए पर्क्षयों को अंर्ेरे में रखने के
300 प्रकाश /
अध्ययनों से कुछ तथ्य सामने आए हैं जो इस
ग्राम 1 अाँर्ेरा
प्रकार हैं :
300 8-40 5 – 10 20
 यह शुरु की वृस्ि दर को कम करता
ग्राम से प्रकाश /
है | परं तु वृस्ि दर में होने वािी इस हार्न को
4 अाँर्ेरा
पक्षी आने वािे समय में पूरा कर िेता है |

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

2.5 की CFL की आवश्यकता पडे गी र्जसके र्िए

वकलो आप 12 वाट की 10 CFL समान दू री पर िगा

2.5 आस्खरी 30 – 40 23 सकते हैं |

वकलो से के 3 र्दन प्रकाश /


 मैं इल्म का शहर हाँ और अली उसका दरिाज़ा हैं
अवधक 1 अाँर्ेरा  िो अपने अहले खाना )फवमली) से अच्छा बताम ि
करता हो, उसकी उम्र लम्बी होती है

 िो बाज़ार से कोई तोहफा बीिी बच्चो के वलए लाये


व्यव ाररक सला
िो ऐसा है िै सा ज़रूरत मं दों के वलए सदक़ा )दान

1000 sqft में 30 लक्स रौशनी करने के पुण्य) ले िाता है | तोहफे बे टो से पहले बे वटयों को

र्लए 12 वाट की 6 CFL र्ा 40 वाट के दें |

6 बल्ब काफी होते हैं|


हज़रत मु हम्मद )सo)

प्रकाश की गणना के वलए तावलका

िगह तीव्रता CFL/LED Bulb

)sqft) )lux) (Watt) (Watt)

100 30 5/3 19

500 30 24/16 93

1000 30 47/30 185


5000 30 232/154 930

10000 30 465/300 1850

ऊपर दी गयी तार्िका से अपने शैड की जगह

के र्हसाब से आप प्रकाश की गणना कर सकते


हैं | जैसे यर्द आपका शैड 2500 sqft (1000 +

1000 + 500) sqft का है और आप CFL


इस्तेमाि करना चाहते हैं तो आपको 118 वाट

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

5. वलट्टर और उसका प्रबंधन वलट्टर के मुख्य काम

 यह अर्तररक्त नमी को सोख िेता है


र्िट्टर का प्रबंर्न फामा की सबसे मुख्य
 मुगी की बीट र्िट्टर में र्चपक कर गंदगी को
गर्तर्वर्र्यों में से एक है | यह एक बुर्नयादी काम
कम करता है
है र्जसकी कमी से मुर्गायों के स्वास्थ्य पर बहुत
 मुगी और उसकी बीट के बीच कोई संपका
बुरा प्रभाव पडता है और स्टर ै स के सार् सार् कई
नही होने दे ता
बीमाररयााँ भी िग जाती है | र्िट्टर वह सामग्री
 ठं डी ज़मीन से बचाता है
होती है जो पोल्ट्र ी फामा के फशा पर डािी जाती

है जैसे चावि की भूसी या िकडी का बुरादा सािधावनया


आर्द | यह र्िट्टर एक सार फैिाना चार्हए और
यर्द बाहारी जन्तु जैसे र्चर्डया, कव्वे या बत्तखे
इसकी परत की मोटाई 3 - 4 इं च होनी चार्हए |
या चूहे र्िट्टर तक पहुाँ च जाते हैं तो वो फामा में
वलट्टर के प्रकार कई तरह की बीमाररया िे आते हैं जैसे

सल्मोनेल्ला की बीमारी | र्िट्टर को बदिते समय


र्िट्टर हमेशा सस्ता, सूखा और आसानी से र्मिने
इस बात का ध्यान रखें कहीं उसमे बाहरी
वािा होना चार्हए | इसके अंदर नमी को सोखने
परजीवी जैसे जुए या र्कस्ल्लया ना हो |
का गुण होना चार्हए, आसानी से वातावरण में

संघटन हो सके, हल्का हो, र्कसी प्रकार की वलट्टर प्रबंधन


ज़हरीिे अंश ना हो, र्ूि र्क्कड ना र्नकिे ,
र्िट्टर प्रबंर्न का मुख्य उद्दे श्य र्िट्टर को सूखा
आर्र्ाक रूप से र्कफायती हो |
रखना होता है | आम तौर पर सूखे र्िट्टर में 10 स
सामान्यतः इस्तेमाि होने वािी सामग्री में, चावि 12% तक नमी होती है | जब र्िट्टर में इससे
की भूसी, िकडी का बुरादा, भूसा, मक्के के ज़्यादा नमी हो जाती है तो उसके ढे िे बनने िगते
सूखे बाि, मूाँगफिी की र्छिके आर्द| जब है | एक व्यवहाररक तरीका र्िट्टर में नमी का पता
चावि (र्ान) की भूसी को चूज़ो की ब्रूर्डं ग के िगाने का यह है की एक मुट्ठी में र्िट्टर को िें
र्िए इस्तेमाि करें तो उसके उपर पहिे हफ्ते में और र्ीरे से दबायें , वो हल्का सा आपके हार् पर
अखबार या कोई और काग़ज़ र्बछा िेना चार्हए| र्चपकेगा और जल्दी ही ज़मीन पर र्गरकर
इससे फीडर और र्डरंकर में र्िट्टर नही जाता| र्बखर जाएगा | यर्द उसमे नमी अर्र्क होगी तो
ज़मीन पर र्गरकर नही र्बखरे गा| अत्यार्र्क नमी

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

(>35%) कई तरह की प्रबंर्न र्वफिता और वलट्टर का टर ीटमेंट

स्वास्थ्य दु र्वर्ाओ का कारण बनता है | इससे


सूखा चूना और ब्लीर्चंग पाउडर र्िट्टर में नमी
मुगी की छाती में छािे, खाि में जिने के ज़ख़्म
को कम करते हैं और बैक्टीररया की संख्या को
आर्द हो जाते है | ज़्यादा नमी से फामा में
भी र्नयंत्रण में रखते हैं |
अमोर्नया भी र्नकिती है | इसर्िए वैर्ार्नक रूप
वलट्टर का वडस्पोज़ल
से इस बात का ध्यान रखना चार्हए की अर्तररक्त
हवा का बहाव बना रहे और र्िट्टर के ढे िो को मुर्गायां बेचने के बाद और नया फ्लॉक डािने से
हटाकर सूखा र्िट्टर डािा जाए| इस बात का पहिे पुराने र्िट्टर को फेंक दे ना चार्हए| फेंकते
ध्यान रखें की र्िट्टर में र्ूि ना हो और र्डरंकसा के वक्त इस बात का ख्याि रखें की फामा के आस
नीचे का गीिा र्िट्टर सूखे र्िट्टर से बदिते रहे | पास इसका ढे र न िगायें क्ूंर्क इसके अन्दर

इकोिाई अर्डनोवायरस आर्द कीटाणु मौजूद


घवटया वलट्टर क्वावलटी के कारण
रहते हैं जो की ररस कर ग्राउं ड वाटर के अन्दर
 र्िट्टर की अपयाा प्त गहराई
चिे जाते हैं और उसे दू र्ित करते हैं और इस
 र्डरंकसा से पानी का ररसना
तरह हर बैच में दू र्ित पानी की वजह से
 अपयाा प्त वेंटीिेशन
बीमाररयााँ बनी रहती हैं |
 अर्र्क नमक और प्रोटीन का फीड
 अदब )संस्कार/manners) का हां वसल करना
 घर्टया प्रोटीन और फॅट क्वार्िटी
दौलत के हां वसल करने से बे हतर है |
 दाने में अत्यार्र्क फाइबर का होना
 बन्दा बद अख्लाकी )बु रे व्यिहार) के कारण नरक
 कम जगह में अर्र्क मुर्गायां की सबसे वनिली सतह पर पहुं िेगा|

 पाचन तंत्र की बीमाररया  यकीनन हर उम्मत )nation) की आज़माइश है

 अत्यार्र्क आद्रता और मे री उम्मत की आज़माइश माल और दौलत


है |
वलट्टर का बदलना (रे वकंग)
हज़रत मु हम्मद )सo)
रे र्कंग करने से र्िट्टर में हवा जाती है जो उसे

सूखने में मदद करती है सार् ही सार् सतह के


ऊपर पाए जाने वािे जीवाणु और कीटाणु नीचे

चिे जाते हैं |

29 | P a g e
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

6. पक्षी प्रबंधन चूज़ो की संख्या के र्हसाब से उनके शैड और

रखने का बंदोबस्त करें इससे हर एक चूज़े को


मुवगमयों की संख्या
बडा होने के र्िए समान मौका र्मिता है

फॉमा में मुर्गायों की जगह का आकिन कई सारे


फामम में इस्तेमाल होने िाले बतमन
कारकों को ध्यान में रखते हुए करना पडता है
वडर ं कसम )Drinkers)
जैसे
 जैसा की उपकरण वािे अध्याय में बताया
 हमें र्कस वजन पर पर्क्षयों को माकेट करना
गया र्ा की ब्रूर्डं ग एररया में प्रत्येक 1000
है
चूज़ो पर 16-20 र्डरंकर की आवश्यकता
 र्कस तरह की हाउर्संग का इस्तेमाि हम
होती है र्जसमें 8 से 10 बैि र्डरंकर रखे जा
कर रहे हैं
सकते हैं |
 उस जगह की जिवायु कैसी है
 गमी के र्दनों में अर्तररक्त र्डरंकसा की
 फामा का क्ा प्रकार है खुिा है या कंटर ोि है
आवश्यकता भी पडती है |
आमतौर पर वनम्न िानकारी को ब्रॉयलर के  15 से 21 र्दन के बीच में र्चक र्डरंकसा को
वलए उपयोग वकया िाता है हटाया जा सकता है

जो शैड ताप रोर्ी नहीं होते या यूं कहें आमतौर  सैर्नटाइजर से साफ करने के बाद र्डरंकसा

से बनाए जाने वािे खुिे हुए शैड उनमें प्रत्येक को अच्छी तरह र्ो िेना चार्हए

वयस्क मुगी को औसतन एक से सवा स्क्वायर  पानी ताज़ा और साफ होना चार्हए

फीट जगह दे नी चार्हए (1 to 1.2 SqFt)  यर्द आप र्नप्पि र्डरंकसा का इस्तेमाि कर

रहे हैं तो उसमें ऐसा प्रेशर सेट करें र्जससे


र्नयंर्त्रत वातावरण वािे शै ड में आर्े से पौना
बाहर सार् तौर पर बूंद र्दखाई दे , िेर्कन वो
स्क्वायर फीट (0.5 to 0.8 SqFt )जगह की
टपकने न पाए
आवश्यकता पडती है
 पाइप में पानी के िीकेज और हवा के िॉक
फामम में िूज़े आने से पहले वकए िाने िाले का ध्यान रखें
काम  इस बात का भी ध्यान रखें र्क र्नप्पि चूज़े

की आं ख के िेवि पर हो

30 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

 सप्लीमेंटरी र्डरंकर इस तरह रखे जाने चार्हए  अर्तररक्त फीडर को र्दन में कम से कम

की चूज़े मेन र्सस्टम और सप्लीमेंटरी र्डरंकर तीन बार भरना चार्हए जब तक चू ज़े मेन
के बीच में एक संपका बनाकर रखें फीर्डं ग र्सस्टम से दाना िेना शुरू न कर दें

ऐसा अमूमन पहिे हफ्ते के आर्खर में होता


फीडर
है |
 प्रत्येक 1000 चूज़ों पर 16 फीडर की
 फीड अच्छी क्वार्िटी का रंबि यह मैश
आवश्यकता होती है परन्तु शुरू के 7 से 10
होना चार्हए|
र्दनों में सप्लीमेंटरी फीडर िगाए जाने चार्हए
 फीड या पानी को सीर्ा गमी के स्रोत (बल्ब
यह पेपर, ढक्कन या टर े र्कसी को भी फीडर
या हीटर) के नीचे नहीं रखा जाना चार्हए
के रुप में इस्तेमाि र्कया जाता है इससे चूज़े
 ऑटोमेर्टक र्सस्टम को जमीन पर होना
दाना खाना जल्दी सीख जाते हैं |
चार्हए र्जससे चूजे आसानी तक उस तक
 यर्द टर े का इस्तेमाि र्कया जा रहा है तो
पहुं च सके
प्रत्येक 100 चूज़ो पर एक टर े का इस्तेमाि
वलट्टर
करें
 सप्लीमेंटरी फीडर को मेन फीड और र्डरंकर इस बात का खास ख्याि रखें की र्जस जगह चूज़े
िाइन के बीच में रखा जाना चार्हए रखे जा रहे हैं वहां र्िट्टर एक समान फैिा हुआ
 यर्द आप पेपर का इस्तेमाि कर रहे हैं तो हो, र्जसकी मोटाई 3-4 इं च हो और सतह का
फीर्डं ग एररया कम से कम ब्रूर्डं ग एररया का तापमान 32 र्डग्री सेस्ियस (95 र्डग्री
25% हो और प्रत्येक चू ज़े के र्िए 50 से 65 फेरहे नाईट) हो| यर्द ब्रूडर एररया (ब्रूडर कैनोपी)
ग्राम फीड की आवश्यकता होती है | का प्रयोग र्कया जा रहा है तो गमी के स्रोत के
 इस बात का खास ख्याि रखें की अर्तररक्त नीचे तापमान 40.5 र्डग्री से स्ियस होना चार्हए |
रखे गए फीडर कभी खािी ना हो अन्यर्ा
फीड न होने पर चूज़े पे पर नोचने िगते हैं
व्यव ाररक सला
हर बार चूज़े छोडने से पहिे र्िट्टर का तापमान
और र्िट्टर खाने के कारण अंदर ज़दी के िज़
ू े लगभग शरू
ु के 10 से 12 ददन तक
नोट करें इससे हमें गमी के स्रोत की काया क्षमता
अवशोिण )yolk sac absorbtion) में अपने शरीर का तापमान ननर्ंत्रत्रत नहीं
का कर
अंदपाते
ाज़ा होता रहताशेडहै और
इसर्लर्े उस पर 24
का तापमान र्नयंत्रण
र्दक्कत आती है और इकोिाई के सं रमण
घंटे पहले
आसान से बना
हो जाता है | कर रखना िादहए
से मोटे र्िटी होने िगेगी

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

िूज़ों का प्लेसमेंट बन्ने िगते हैं ओक्सीडे र्टव स्टर ै स (oxidative

stress) बढ़ने िगती है |


र्जन चूज़ों को ब्रूर्डं ग के र्िए छोडा जा रहा है वो

सब ही एक ब्रीर्डं ग स्टॉक से होने चार्हए | अिग ऐसे में चूज़ों के र्िए पयाा प्त वेंटीिेशन की व्यवस्र्ा
अिग ब्रीडर फामा के चूज़े होने से उनकी वृस्ि होनी चार्हए और कम से कम स्टर ै स दे ना चार्हए|

एक सामान नहीं हो पाती और बीमाररयााँ आने और पानी में र्सफा नमक और गुड न दे कर
का खतरा भी अर्र्क रहता है | इस बात का भी इिेक्टरोिाइट के सार् ब्लड बर्सा और

ध्यान रखना चार्हए की र्जस ब्रीडर से चूज़े र्िए एं टीओस्क्सडें ट्स का भी इस्तेमाि करना चार्हए|
गए हैं उसके यहााँ सभी ब्रीडर मुर्गायों की आयु र्कसानो को इस बात को ध्यान में रखना चार्हए

एक सी है | की सातवे र्दन प्रर्त चूज़े पर 2 ग्राम का फका


पेंर्तसवे र्दन पर 12 से 15 ग्राम का फका हो जाता
जैसे ही चूज़े फामा पर पहुं चे उन्हें तुरंत ब्रूर्डं ग
है | जो प्रत्येक 1000 चूज़ों पर 12 र्किो का फका
एररया में छोड दे ना चार्हए यर्द इसमें दे र की
बन जाता है | आप सब जानते हैं की ब्रीडसा के पास
जाएगी तो चूज़ों का र्नजार्िाकरण (र्डहाइडरेशन)
से फामासा तक आने में चूज़ों की क्ा हाित होती
होने िगता है | र्जससे मोटे र्िटी बढ़ जाती है और
है | क्ूंर्क ब्रीडसा को भी िाखो चूज़ों को सप्लाई
ग्रोर् रे ट भी कम होती है | इस समय टर ां सपोटा स्टर ै स
करनी होता है इसर्िए वो चाहे र्कतनी भी कोर्शश
की वजह से इिेक्टरोिाइटस की कमी हो जाती है
करें स्टर ै स से बचना असंभव होता है | ऐसी स्स्र्र्त में
और एनजी िेवि भी र्गर जाता है | आम तौर पर
र्नजािीकरण होना अर्नवाया हो जाता है |
गुड और नमक का पानी र्दया जाता जो चूज़ों को
नयी स्फूर्ता प्रदान करता है परन्तु र्सफा नमक दे ने एक बात को समझने की आवश्यकता है वो ये की
से शरीर में सोर्डयम की मात्रा बढ़ने का खतरा चूज़े का शरीर 80% पानी होता है , और शरीर में
रहता है और यर्द बंद जगह में गैस ब्रूर्डं ग की जा से जब पानी की कमी होती है तो केवि पानी नहीं

रही हो तो र्दक्कत और भी बढ़ जाती है क्ूंर्क र्नकिता बस्ल्क उसके सार् इिेक्टरोिाइट भी
इससे फेफडो में ब्लड प्रेशर अर्र्क हो जाता है र्नकि जाते हैं इस स्स्र्र्त को नेगेर्टव डाइटरी

और मेटाबोर्िक एसीडोर्सस होने िगता है इिेक्टरोिाइट बैिेंस कहते हैं मतिब शरीर में
र्जससे चूज़े की ऑक्सीजन ग्रहण करने के क्षमता साल्ट्स का संतुिन र्बगड जाता है | र्सफा 10%

पर गहरा असर पडता है | सार् सार् फ्री रे र्डकि र्डहाइडरेशन काफी व्यापक नुकसान कर सकता
है | इसका असर रोग प्रर्तरोर्क क्षमता पर भी

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

पडता है जो कम हो जाती है और चूजा र्वर्भन्न  िाइट को पूरी तीव्रता से जब ही चिाये जब

रोगजनक जीवाणुओं की चपेट में आ जाता हैं और सभी चूज़ों को सही से ब्रूर्डं ग एररया में रख
योक सैक जैसी बीमाररयााँ भी होने िगती हैं | र्दया गया हो

 चूज़ों को एक से दो घंटे आराम करने दें


िूज़ों का प्लेसमेंट करते समय बरती िाने
तार्क वो वातावरण में अभ्यस्त हो जाये
िाली सािधावनयां
उसके बाद ज़रूरी अनुकूि सुर्ार करें
 हर एक ब्रूर्डं ग एररया में र्नयर्मत संख्या में
 शुरू के कुछ र्दन चूज़ों को गहन र्नगरानी में
चूज़े रखे र्जससे हर एक को पयाा प्त जगह
रखें और फीडर, र्डरंकर, वेंटीिेशन और
र्मिे|
हीर्टं ग र्सस्टम का ख्याि रखें
 जब चूज़े ब्रूर्डं ग एररया में छोडे जायें तो उस
 ब्रॉयिर फार्मिंग में सबसे महत्वपूणा बात यह
समय रौशनी कम होनी चार्हए (िगभग 5
है की सभी चूज़े समान रूप से बढ़े यार्न सब
िक्स) क्ूंर्क अाँ र्ेरे डब्बे से र्नकि कर
एक समय में एक जैसा वज़न ग्रहण करे
अचानक अर्र्क रौशनी चू ज़ों में स्टर ै स पैदा
िूज़ों की गुणित्ता
कर दे ती है |

 चूज़ों को सावर्ानी से रखें और फीडर और है चरी में अपनाई जाने वािी र्रयाएाँ चूज़ों के
र्डरंकसा को एक समान र्वतररत कर के रखें | स्वास्र् पर गहरा असर डािती हैं र्जसका असर

 कुछ चूज़ों को उठाकर उनका वज़न कर िे आने वािे समय में चूज़े के र्वकास पर र्दखता है |

और उसे ररकॉडा के तौर पर नोट कर िें | सभी है चरी इस बात का ख्याि रखती हैं की
 चूज़ों के डब्बो को एक के ऊपर एक कर के अच्छी गुणवत्ता वािे कम स्टर ै स के वातावरण में
न रखे इससे अत्यार्र्क गमी उत्पन्न होती है चूज़ों का उत्पादन होना चार्हए |
और सफोकेशन से चूज़े मर जाते हैं |
अच्छी गुणित्ता िाले िूज़ों के लक्षण और
 चूज़ों के खािी डब्बो को ब्रूर्डं ग एररया से
विशेषताएं )वित्र CA)
तुरंत हटा दें |
 पूरी तरह से सूखे और रोयें दार होते हैं
 कई बार कुछ र्कसान ठण्ड के मौसम में
 चमकती हुई गोि और खुिी हुई आं खें
पयाा प्त गमी करने के संसार्न न होने से चूज़ों
 सरीय और सतका रहते हैं
को उन्ही डब्बो में बंद कर दे ते हैं ऐसा करने
 नार्भ पूणा रूप से भर चुकी हो कोई ज़ख्म न
से योल्क की र्बमाररया हो जाती हैं |
हो

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

 टां गो में चमक और छूने में मोम की तरह आवश्यकता से अर्र्क होगा तो चूज़े गमी के

होंती हैं स्रोत से दू र भागेंगे और हां फते हुए र्मिेंगे और


 चूज़ों की एडी िाि सूजी हुई न हो (रै ड हौक) कभी कभी पंखो को नीचे िटका िेते हैं | यर्द

 चूज़े में र्कसी तरह की र्वकृर्त न हो (जैसे तापमान कम होता है तो चूज़े गमी के स्रोत की
मुडी हुई टााँ गे, घू मी हुई गदा न या र्तरछी तरफ भागते हैं और जमा हो जाते हैं और

चोंच) अत्यार्र्क आवाज़ करते हैं | जो चूज़े सही


 24 घंटे बाद चूज़ों की रॉप दबा कर दे खें की तापमान पे होते हैं वो खुिे खुिे रहते हैं और एक

दाना ठीक से खाया है ऐसा 500 में से 10 जगह जमा नहीं होते और र्ीमी र्ीमी आवाज़
चूज़ों में कर के दे खें और 95% से अर्र्क र्नकािते रहते है (चहचहाते रहते हैं ) |

रॉप भरी हुई होनी चार्हए यर्द ऐसा नहीं है


तो चूज़े दाना नहीं खा रहे है या पानी अर्र्क

पी रहे हैं | )वित्र CB)

ब्रूवडं ग का प्रबंधन

ब्रूर्डं ग एक बहुत महत्वपूणा काया है र्जसपर पूरे


फामा के प्रदशान की र्ज़म्मेदारी होती है | पहिे

10 से 14 र्दन पक्षी के अच्छे उत्पादन की बुन्याद

रखते हैं | ब्रूर्डं ग के दौरान कुछ अर्तररक्त इस बात का ख्याि रखें की जब चूज़ों को सेट

मेहनत आस्खर में पूरे फ्लॉक के प्रदशान को बढ़ा कर दें तो हवा के बहाव (ventililation) या

दे ती है और अर्र्क िाइव वेट के रूप में उस वेंटीिेशन का ख्याि रखें |

मेहनत का इनाम र्मिता है | यर्द सातवे र्दन 1 ब्रूर्डं ग कई प्रकार से की जा सकती है और वो


ग्राम वज़न भी अर्तररक्त बढ़ता है तो उसका शैड के र्डजाईन, वातावरण की पररस्स्र्र्त,
असर 35वे र्दन के वज़न पर पडता है जो मौसम और र्वर्भन्न सामान की उपस्स्र्र्त पर
सामान्य से 6ग्राम अर्र्क होता है | र्नभार करता है |

ब्रूर्डं ग एररया में चूज़े डािने के दो घंटे बाद चैक पूरे शैड में ब्रूवडं ग का प्रािधान )वित्र CD)
करें और दे खें की चूज़े आराम से हैं और तापमान
आवश्यकता अनुसार है की नहीं | यर्द तापमान

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

यह उन शैड मे की जाती है जहााँ वातावरण का सतह का तापमान

तापमान सरे साि िगभग एक सा रहता है और


गमी करने का कोई भी तरीका अपनाया जाये
कभी र्गरता नहीं है | यहााँ तापमान बीच की स्स्र्र्त
परन्तु उसमे सतह के तापमान को बनाये रखना
में रहता है |
सबसे महत्वपूणा होता है | शु रू के 12 से 14 र्दन

आधे शैड में ब्रूवडं ग का प्रािधान तक चूज़े अपने शरीर के तापमान को र्नयंर्त्रत
नहीं कर पाते और यह 2 हफ्ते की आयु तक र्ीरे
आम तौर पर यही की जाती है और इससे गमी
र्ीरे सीखते हैं | इसर्िए र्िट्टर का उर्चत तापमान
करने (तापमान बनाये रखने) का खचाा भी कम
बहुत आवश्यक हो जाता है | यर्द वातावरण
हो जाता है | जगह को कम करने से एक फायदा
अर्र्क ठं डा होगा तो शरीर के अन्दर का
ये होता है कम उजाा खचा करके अर्र्क बच्चो की
तापमान बढ़ जायेगा र्जससे र्वकास कम होगा
ब्रूर्डं ग करते हैं और बच्चो के शरीर की उजाा भी
और शरीर बीमारी के र्िए अर्र्क कमज़ोर हो
तापमान को बनाये रखने में मदद करती है | पूरे
जायेगा| यर्द आप पूरे शैड में ब्रूर्डं ग कर रहे हैं
शैड का र्वभाजन करने के र्िए कई तरीके हो
तो पहिे र्दन र्िट्टर का तापमान 32 र्डग्री
सकते हैं | ब्रूर्डं ग एररया के र्वभाजन के र्िए
सेस्ियस होना चार्हए, यर्द स्पॉट ब्रूर्डं ग कर रहे
ज़मीन से िेकर छत तक परदे खेंच दे ना सबसे
हैं तो र्िट्टर सतह का तापमान 40.5 र्डग्री
अर्र्क िोकर्प्रय है | पदों के आगे एक ठोस
सेस्ियस होना चार्हए|
20cm का बेररयर िगा दे ना चार्हए र्जससे ठं डी

हवा के झोंके सीर्े चूज़ों के ऊपर न आ सकें| ब्रूडर गाडम )वित्र CE)

स्पॉट ब्रूवडं ग )वित्र CE)  ब्रूडर गाडा ऐसे पदार्ा का होना चार्हए र्जसे
आराम से साफ र्कया जा सके|
इसमें ब्रूर्डं ग एररया में एक अकेिा गमी का स्रोत
 ब्रूडर गाडा की ऊाँचाई 16 से 18 इं च की होनी
जैसे ब्रूडर कैनोपी छत से िटका र्दया जाता है
चार्हए|
जो र्सर्मत जगह को गमा करता है | यह गमी
 गाडा चूज़ों को गमी के स्रोत के नजदीक
करने का सबसे र्कफायती और िोकर्प्रय तरीका
रखने में मदद करते हैं |
होता है | इस पर्र्र्त्त में तापमान गमी के स्रोत के
 इनसे चूज़े अर्र्क ठण्ड से बचते हैं और एक
नीचे सबसे अर्र्क रहता है और र्कनारे पर
दू सरे के ऊपर नहीं चढ़ते |
सबसे कम|

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

 रात के समय गाडा की गोिाई कम कर दें आपको सारी बातो को ध्यान में रखते हुए करना

और र्दन में बढ़ा दें पडे गा जैसे मौसम, तापमान और हवा की तेज़ी

शुरू के कुछ र्दनों में ब्रूडर गाडा के अन्दर र्िट्टर शाम का समय चूज़ों को जां चने और तापमान को
के ऊपर अखबार िगा र्दया जाता है र्जससे ठीक करने के र्िए सबसे उपयुक्त होता है और

फीड या पानी र्िट्टर में र्गरकर खराब नहीं होता इसी समय सााँ स की समस्ां ए और टीकाकरण
और फीडर में भी र्िट्टर नहीं आ पाता| ऐसा 5 से के बाद होने वािी प्रर्तर्रयाओं को दे खा जा

7 र्दन तक करते हैं | गीिे पे पर को हटा कर उसे सकता है | कई बार र्माा मीटर ठीक से काम नहीं
सूखे पेपर से बदिते रहे | करते और उनके रीर्डं ग में कई र्डग्री का फका

रहता है इसर्िए अपने चूज़ों का र्नरं तर ध्यान


ब्रूडर प्रबंधन
रखे और उनके स्वाभाव को गाइड की तरह
ब्रूडर में गमीं करने वािे स्रोत को चूज़े आने से
इस्तेमाि की वो आरामदे ह वातावरण में हैं या
पहिे ही चिा दें | इस बात की सुर्नर्ित कर िें
नहीं | चूज़ों की सर्रयता और स्वाभाव दे खकर
की वो ठीक से चि रहे हैं | तापमान को ब्रूडर के
उनके आराम दे ह वातावरण का अं दाज़ा िगाया
कोनो पर (सतह से 5cm ऊपर) 35 र्डग्री
जा सकता है |
सेस्ियस (95°F) पर र्नयंर्त्रत करें | तापमान को
सतह के तापमान का सबसे अच्छा मापक चूज़े
हर हफ्ते 2.8 र्डग्री सेस्ियस (5°F) कम करते
के पैरो का तापमान होता है | पैरो को गिे की
रहे जब तक यह 25 र्डग्री सेस्ियस (70°F) न
खाि पर िगाकर ये अंदाज़ा िगाया जा सकता है
हो जाये | अगर र्बजिी चिी जाये या गैस खत्म
की चूज़ा र्कतना ठं डा या गमा है | यर्द पैर ठन्डे हो
हो जाये तो कोई दू सरा गमी करने का सं सार्न
तो गमी करने के उपकरणों को दोबारा से चैक
तैयार रखे |
करें और सुव्यवस्स्र्त करें | यर्द पैर पयाा प्त तौर
ये बात याद रखें की HDP के परदे हवा के
पर गरम हैं तो इस बात को सुर्नर्ित करें की
आदान प्रदान को पूरी तरह बार्र्त करते हैं और
चूज़े सरीय हैं और घूम रहे हैं | ब्रूडर की ऊाँचाई
गैस ब्रूर्डं ग में ब्रूडर शैड में मौजूद ऑक्सीजन
और गाडा का घेरा आवश्यकता अनुसार बदिते
इस्तेमाि हो जाती है | ऐसे में यर्द र्कसी एक
रहे र्जससे तापमान बना रहे | इसी तरह आयु के
तरफ जहााँ हवा न चि रही हो उस तरफ का
अनुसार र्नयर्मत तापमान और हवा का प्रवाह
र्ोडा सा पदाा हटा र्दया जाये तो पयाा प्त हवा
आती जाती रहे गी जो अत्यं त आवश्यक है | यह

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

बनाये रखें और चैक करते रहे की ऊष्मा संरक्षण  र्डरंकर में पानी का िेवि अर्र्कतम रखें जब

सही प्रकार से हो रहा है या नहीं| तक चूज़े इतने बडे ना हो जाएं र्क वह उसमें
से पानी को र्बखराने िगे
बहारी वातावरण की पररस्स्र्र्तयां और और चूज़ों
 र्चक्स के प्लेसमेंट के 48 घंटे बाद र्चक
के ऊपर पंखो के आवरण का घनत्व कुछ ऐसे
र्डरंकसा को हटा दे ना चार्हए
कारक हैं र्जनका आं किन करना चार्हए जैसे
 र्डरंकर र्िट्टर से र्ोडी ऊंचाई पर रखना
जैसे चूज़े बडे होने िगे उसके सार् सार् तापमान
चार्हए र्जससे पानी की गुणवत्ता बनी रहती
में कमी करते रहे |
है
फीड और पानी
बैल वडर ं कसम
इस बात को सुर्नर्ित करें की फीडर और र्डरंकर
 इसकी ऊंचाई ऐसी होनी चार्हए की र्डरंकर
चूज़ों की संख्या के अनुसार पयाा प्त मात्रा में हो
का र्िप पक्षी की पीठ की ऊंचाई के बराबर
और उन्हें उर्चत दू री पर रखा गया हो| फीडर
हो
और र्डरंकर ब्रूडर के नीचे ही होने चार्हए | फीडर
और र्डरंकर को आसपास रखना चार्हए की वो

एक र्माि कंफटा जोन में रहे |

वडरंकर

1 र्दन के चूजों के र्िए र्डरंकर की र्डटे ि नीचे दी

गई हैं
 ऊंचाई के र्िए बार बार दे खना आवश्यक
विक वडरंकसम
होता है और जरुरत के अनुसार एडजस्ट
 प्रत्येक 1000 र्चक्स पर 16-20 र्मनी र्चक
करते रहना चार्हए|
र्डरंकर होने चार्हए
 िगातार इस्तेमाि होने से र्डरंकर में र्िट्टर
 र्डरंकर कभी भी खािी नहीं रहना चार्हए
चिा जाता है इसर्िए र्डरंकर को र्नयर्मत
 र्डरंकर हमेशा साफ और स्वच्छ होना चार्हए
रूप से साफ करते रहना चार्हए|
और जरूरत पडने पर उसे सैर्नटाइजर से
 शुरू के र्दनों में र्डरंकर में पानी का िेवि
र्ोना चार्हए
र्िप से आर्ा सेंटीमीटर नीचे होना चार्हए

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

और चूज़े की उम्र बढ़ने पर उस िेवि को फीड उपस्स्र्त रहे गा और र्बखर कर बबाा द

सवा सेंटीमीटर या अंगूठे के नाखून के नहीं होगा


बराबर गहराई में िे आएं (मतिब पानी का
रौशनी का प्रबंधन
िेवि नीचे कर दें )
ब्रूर्डं ग एररया में ब्रूर्डं ग के दौरान िाइट या
 सभी बैि र्डरंकसा को नीचे की तरफ से र्कसी
रौशनी की तीव्रता कम से कम 20 – 30 िक्स
भारी सामान से बां र् कर रखना चार्हए
होनी चार्हए||
र्जससे पानी का र्बखराव कम हो

पानी और फीड का आं कलन


वनप्पल वडरंकर

पक्षी के फ्लॉक का आं किन एक महत्वपूणा


 शुरू के 2 - 3 र्दन र्नप्पि की ऊंचाई चूज़े
तरीका है र्जससे यह पता िगाया जा सकता है
की आाँ ख के िेवि में होनी चार्हए के बाद
र्क पक्षी ने पयाा प्त दाना खाया है र्क नहीं | चूज़ों
इस ऊंचाई को चूजे के र्सर के र्ोडा ऊपर
को प्लेस करने के 6 घंटे बाद र्कन्ही 100 चूज़ों
कर दे ना चार्हए
को पकडकर उनकी उनकी रॉप को दबाकर
 पाइपिाइन में पानी का प्रेशर ऐसा होना
दे खना चार्हए| रॉप मुिायम और दबने वािी
चार्हए की र्नप्पि में साफ तौर पर बूंद
होनी चार्हए यर्द रॉप सख्त है तो इसका
र्दखाई दे पर टपकने ना पाए
मतिब यह है की चूज़ों ने प्रयाप्त पानी नहीं र्पया
 पक्षी के पैर पानी पीते समय पूरी तरह से
है यर्द रॉप अर्र्क बडी और सूजी हुई है तो
र्िट्टर पर होने चार्हए और पानी पीने के र्िए
इसका मतिब पानी अर्र्क र्पया गया है या र्फर
पक्षी को उचकना ना पडे
पयाा प्त फीड मौजूद नहीं है | कम से कम 95%
फीडर प्रबंधन
पर्क्षयों की रॉप भरी हुई होनी चार्हए| जैसा की
 शुरू में कम से कम 10 र्दन फीड रम्ब या (वित्र CB) में दशाा या गया है |

मैश के रूप में टर े , छोटे फीडर, ढक्कन या


पहले हफ्ते में शारीरक भार
पेपर के ऊपर दे ना चार्हए
सातवें र्दन के अंत पर बॉडी वेट का
 फीडर की ऊंचाई को र्ीरे र्ीरे बढ़ाना
आं किन इस बात का सबसे अच्छा पै माना है
चार्हए और यह ऊंचाई ऐसी होनी चार्हए
की ब्रूर्डं ग प्रबंर्न र्कतना कामयाब रहा है |
र्कस पक्षी की पीठ हर समय फीडर के र्िप
पहिे हफ्ते में यर्द चू ज़े अनुकूि वजन नहीं ग्रहण
के िेवि पर हो इससे पक्षी के र्िए हमेशा

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कर पाते तो ब्रॉयिर का आगे आने वािा प्रदशान  ब्रूर्डं ग एररया में ठं डी हवा के झोंके नहीं आने

भी अच्छा नहीं रहता | पहिे हफ्ते का टारगेट चार्हए


पहिे र्दन चूजे के वजन से िगभग 4 से 5 गुना  पानी की उपिब्धता हर समय बने रहनी

होना चार्हए मतिब यर्द चू ज़े का वजन पहिे चार्हए


र्दन 50 ग्राम र्ा तो हफ्ते के अंत में चू ज़े का  फीड की सप्लाई और गुणवत्ता का ध्यान रखें

वजन िगभग ढाई सौ (250) ग्राम होना चार्हए  20 िक्स की िाइट की उपिब्धता बनाए
यर्द ऐसा नहीं हो रहा है तो ब्रूर्डं ग प्रबंर्न और रखें र्जसे र्ीरे र्ीरे बढ़ा कर 30 िक्स कर दें

चूज़ों को प्लेस करने से पहिे बरती जाने वािी  चूजों के पैर का तापमान चैक करते रहे और
सावर्ार्नयों को सही से दे खना चार्हए और जहां सार् ही सार् रॉप को दबा कर भी दे खें र्क

पर जरूरत हो वहां पर प्रबंर्न में सं शोर्न करना दाना ठीक से खाया जा रहा है या नहीं
चार्हए|
पालने के िैक पॉइं ट्स
ब्रूवडं ग की िैक वलस्ट
 फीडर में फीड का िेवि ऐसा होना चार्हए
फामा सुपरवाइजर को ब्रूर्डं ग के स्र्ान का की फीड की बबाा दी ना हो (फीडर को शुरू

र्नरीक्षण करते रहना चार्हए कम से कम पहिे में आर्ा ही भरें )


हफ्ते में कुछ खास बातों का अविोकन  चूज़ों और वयस्क ब्रॉयिर के र्िए फीर्डं ग

आवश्यक होता है र्जनमें से कुछ र्नम्न प्रकार से की जगह पयाा प्त होनी चार्हए और उसकी

हैं | ऊंचाई भी आयु के र्हसाब से एडजस्ट करते


रहना पडता है और इस बात को सुर्नर्ित
 िू ज़ो का व्यिहार - यह दे खना चार्हए र्क
करें र्क फीड हर समय उपिब्ध रहे
सभी चूज़े एक समान र्बखरे हुए हैं | ना तो
 पर्क्षयों को जगह की कमी ना होने दें और
एक जगह इकट्ठा है ना ब्रूडर में बाहर की
तापमान र्नयंर्त्रत रखें |
तरफ जमा है बस्ल्क र्नयर्मत रूप से सर्रय
 पानी पीने की जगह और उसकी ऊंचाई का
हैं और मध्यम आवाज में चहचहा रहे हैं |
खास ख्याि रखें और हर समय स्वच्छ साफ
 हिा की गुणित्ता - अमोर्नया का िेवि 10
ताज़ा पानी पर्क्षयों के र्िए उपिब्ध रखें
पीपीएम से कम और काबान डाइऑक्साइड
 यर्द र्नप्पि र्डरंकर का इस्ते माि हो रहा है
की मात्रा 0.3% से कम होनी चार्हए|
तो वह चूज़े की आं ख की िेवि में होने

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चार्हए और र्नप्पि की पाइप िाइन में यर्द फ्लॉक में खराब प्रदशा न हो रहा है तो हमें

पयाा प्त प्रे शर बना हो र्जससे पानी का िीकेज सभी कारकों को अच्छे से दे खना चार्हए क्ोंर्क
ना होने पाए| छोटे -छोटे कारक भी बडे नु कसान की वजह बन

 पक्षी के पैर जमीन पर सीर्े होने चार्हए और जाते हैं |


उसे पानी या फीड के र्िए उचकना ना पडे
फ्लॉक को बेिने के समय बरती िाने िाली
 हर हफ्ते पक्षी का वजन करना चार्हए और
सािधावनयां
ब्रूर्डं ग कंपनी द्वारा र्दए गए स्टैं डडा चाटा से
 सबसे पहिे दाना बंद करना चार्हए
र्मिा कर दे खना चार्हए
 जब आपके पक्षी र्बकने के र्िए तैयार हो
एक समान िृस्द्ध
जाएं तो दाना दे ना बंद कर र्दया जाता है

ब्रॉयिर पर्क्षयों को पािने का पूरा कायारम इस  र्जस र्दन आपको पक्षी र्नकािने हो, उस
तरह से व्यवस्स्र्त होना चार्हए की सभी पक्षी र्दन समय को ध्यान में रखें

एक समान वृस्ि दर से बढ़े और सब का वजन  अमूमन पक्षी पकडने से 2 घंटे पहिे फीड
एक समान हो| अनुकूितम FCR, समय पर और दे ना बंद कर र्दया जाता है |

एक समान वृस्ि होने से पूरे फ्लॉक की माकेर्टं ग


पक्षी वनकालने के समय की िाने िाली
सही से हो जाती है इसर्िए प्रबंर्न कारक जैसे
तैयाररयां
दाने की गुणवत्ता, दाना चुगने की जगह, पानी की
 पर्क्षयों को पकडते समय तक पानी उपिब्ध
गुणवत्ता, पानी पीने की जगह, पक्षी के रहने की
रहना चार्हए
जगह, अनुकूि तापमान, हवा का बहाव, रौशनी,
 फॉमा में रौशनी को कम करना चार्हए
दाने और पानी के बतानों का सही तरह से और
र्जससे पर्क्षयों के ऊपर स्टर ै स कम हो जाता
उर्चत दू री पर रखा जाना और अच्छी गुणवत्ता
है |
वािे चूज़े सभी का इसमें योगदान होता है |
 ऐसे सामान को फामा में से हटा दे ना चार्हए
यर्द फ्लॉक में 80% पक्षी एक जैसे वजन के हो
जो पर्क्षयों को पकडने में बार्ा उत्पन्न करते
तो उन्हें यूर्नफॉमा फ्लॉक कहा जाता है यर्द 70%
हैं |
पक्षी एक जैसे वजन के हो तो उन्हें औसत फ्लॉक
 पर्क्षयों को हमेशा शाम या रात के समय
कहा जाता है और यर्द 60% पक्षी ही एक जैसे
पकडने की सिाह दी जाती है
वजन के हो तो उसे खराब प्रदशान कहा जाता है

40 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

 र्जस समय पक्षी पकडे जा रहे हो उस समय

फॉमा में पयाा प्त वेंटीिेशन होना चार्हए


 इस बात का ध्यान रखें र्क जो पक्षी पकड

कर गाडी में डाि र्दया गया हो उसे दोबारा


पोल्ट्र ी फॉमा में ना िेकर आएं यह बायो

र्सक्ोररटी के र्सिां तों के स्खिाफ है


 पर्क्षयों को गाडी में भरते समय मौसम और

रेट की साइज को ध्यान में रखकर र्नणाय


िेना चार्हए इससे सफर के दौरान होने वािी

मोटे र्िटी कम की जा सकती हैं

 झूटी क़सम खाने से माल तो वबक िाये गा पर धंदा


तबाह हो िायेगा
 बच्चों को दोस्त रखो उनपर मे हेरबानी करो

 हज़रत अली से दोस्ती दोज़ख से निात है

 लोगो को गावलयााँ न दो इससे दु श्मनी पैदा होती है

 मौला अली का दोस्त अल्लाह का दोस्त है और

उनका दु श्मन अल्लाह का दु श्मन है

 4 िीज़े थोडी भी हों तो भी ज़्यादा हैं – ग़रीबी,

वबमारी, दु श्मनी और आग

- हज़रत मु हम्मद )सo)

41 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

7. प्रबंधन कारक विससे पक्षी की 5. फॉमा में तापमान ज्यादा होने पर पक्षी के

ऊपर ठीक से पंख नहीं आ पाते और खाि पर


गुणित्ता कम हो िाती है
खरोच पडने की संभावना अर्र्क हो जाती है |

फ्लॉक का प्रबंर्न करते समय सुपरवाइज़र को


6. यर्द र्िट्टर का प्रबंर्न ठीक से ना हो तो पक्षी
ब्रूर्डं ग से िेकर पक्षी र्नकिने तक के समय में
के पैर पर जिने के र्नशान बन जाते हैं और
र्कए जाने वािे प्रबंर्न कारकों का भिी भां र्त
छाती पर छािे पड जाते हैं |
पता होना चार्हए और सार् ही सार् इस बात का
मोटे वलटी या मरे हुए पवक्षयों का वनिारण
भी ज्ञान होना चार्हए र्क कहां पर र्दक्कतें आती
हैं र्जससे पक्षी और उसके मीट की गुणवत्ता ब्रॉयिर फॉमा में पर्क्षयों का मरना आम बात होती
कम होती हो| र्नम्न प्रबंर्न कारक पक्षी की है 2 से 3% तक मोटे र्िटी सामान्य मानी जाती है |
गुणवत्ता पर प्रभाव डािते हैं इसर्िए मरे हुए पर्क्षयों का ठीक से र्नपटारा
करना जरूरी होता है क्ोंर्क इससे र्वर्भन्न
1. ब्रॉयिर फॉमा की गित बनावट फामा के
बीमाररयों से अन्य पर्क्षयों को बचाया जाता
वातावरण को प्रभार्वत करती है
है | मरे हुए पक्षी अन्य पर्क्षयों के र्िए बीमारी का
2. गित तरीके से पर्क्षयों को पकडने से पर्क्षयों
स्रोत होते हैं और यह बीमाररयां चूहों, कुत्तों,
को चोट िगने का खतरा रहता है र्जससे उनकी
र्बस्ल्लयों, अन्य पशुओ,ं मच्छरों, पर्क्षयों और अन्य
गुणवत्ता कम हो जाती है
कीडों से फैिती हैं | पर्क्षयों को र्नपटाने का कोई
3. यर्द र्कसी फॉमा में पर्क्षयों की सं ख्या उसकी भी एक तरीका कारगर नहीं होता बस्ल्क अिग
क्षमता से अर्र्क होती है तो पर्क्षयों में िंगडे पन अिग तरीकों को एक सार् इस्तेमाि करके
की र्दक्कतें और छाती और पैरों के मां स पर पर्क्षयों का र्नपटारा र्कया जाता है |

जख्म बन जाते हैं


यह प्रबंर्न अिग-अिग फामों में अिग-अिग

4. पानी र्पिाने के बतानों का यर्द ठीक से तरह से र्कया जाता है

प्रबंर्न ना र्कया जाए तो पानी बाहर र्गरने िगता


1. इन्क्रीनेशन
है र्जसे र्िट्टर गीिा हो जाता है और बीमाररयां
एक अच्छा इं रीनेटर मरे हुए पर्क्षयों का
फैिती हैं |
र्नपटारा करने का सबसे अच्छा तरीका होता है
उन जगहों पर और भी अच्छी तरह काम करता

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

है जहां पर आसपास पानी के अच्छे स्रोत होते हैं एक तािाब बनाकर उसमे मागुर मछिी पाि िी

इं रीनेटर बनाते समय र्नम्न बातों का ध्यान रखना जाती है और मरे हुए पर्क्षयों को उसमे डाि र्दया
चार्हए| फामा की कैपेर्सटी के र्हसाब से जाता है जहााँ मछर्ियां झटपट इन्हें चट कर

इं रीनेटर का र्नमाा ण करना चार्हए| उसे चिाने जाती हैं |


की कीमत को फॉमा के मुनाफे को ध्यान में
 िो लालिी होता है एहानत )insult) से नही ं बि
रखकर िगानी चार्हए सकता
 एहसान करो तावक तुमपर एहसान वकया िाये
2. गड् ढ़े के अंदर दबाना
 वपता के मरने के बाद वपता पर एहसान ये है की

यह कम अपनाया जाने वािा परं तु कारगर उनके दोस्तों से प्रेम करे

तरीका है इसमें एक गड्ढा खोदकर उसके ऊपर  िो व्यस्ि अपने भाई पर एहसान करे वफर अपनी

बात से उसका वदल दु खाये या एहसान िताए तो


एक टाइट ढक्कन िगाया जाता है और मरे हुए
अल्लाह उसके पु ण्य को ख़त्म कर दे ता है
पर्क्षयों को इसमें दबा र्दया जाता है | 6 फीट

गहरा गड्ढा र्जसका व्यास 6 फीट हो उसमें - हज़रत मु हम्मद )सo)

10,000 ब्रॉयिर पर्क्षयों को दबाया जा सकता

है | इस में मरे हुए पर्क्षयों को डािकर ऊपर से


चुना डािा जाता है या र्फर ब्लीर्चंग पाउडर

डाि र्दया जाता है |

3.कंपोस्स्टं ग

यह आजकि सबसे अर्र्क अपनाया जाने वािा

तरीका है | यह वातावरण सहयोगी तरीका है र्जस


में मरे हुए मुगे से जैर्वक खाद बना र्िया जाता है

परं तु इसमें अर्र्क प्रबंर्न की आवश्यकता होती


है |

3.मछली पालन

यह तरीका भी इं टीग्रेटेड फार्मिंग में इस्तेमाि


र्कया जाता है इसमें पोल्ट्र ी फामा के नज़दीक

43 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

8. पानी का प्रबंधन करनी चार्हए इससे यह पता चिता है र्क वह

पक्षी द्वारा ग्रहण करने योग्य है या नहीं इस बात


पानी सबसे महत्वपूणा और सस्ता खाद्य पदार्ा है
का पता र्चक्स के प्लेसमेंट से पहिे कर िेना
परन्तु पानी का कोई र्वकल्प नहीं है और यह
चार्हए| पानी की गुणवत्ता को र्कसी सम्मार्नत
शरीर की िगभग सभी र्रयाओं में भाग िेता है |
िैब से टे स्ट कराना चार्हए| पानी के सैंपि र्जन्हें
पानी शरीर का िगभग 65 से 78% तक होता है
टे स्ट कराना हो उन्हें स्रोत से इकट्ठा करना चार्हए
और शरीर में से 10% पानी भी यर्द कम हो जाए
जैसे कुआं पानी का टैं क, र्नप्पि र्डरंकर और
तो उसके गंभीर पररणाम दे खने को र्मिते हैं |
पानी के पाइप| फामा के सु परवाइजर को यह
पर्क्षयों के र्िए पानी 24 घं टे उपिब्ध होना
बात ध्यान में रखनी चार्हए र्क स्वच्छ साफ पानी
चार्हए| पानी का सेवन कई कारकों पर र्नभार
दे ने से पानी द्वारा उत्पन्न होने वािी कई बीमाररयों
करता है जैसे वातावरण का तापमान, आद्रा ता,
को रोका जा सकता है र्जससे दवाइयों का खचाा
फीड का कंपोजीशन और पक्षी की वृस्ि दर|
कम होता है और फ्लॉक का प्रदशान अच्छा होता
जैसे-जैसे आयु बढ़ती है पानी का सेवन बढ़ता
है |
जाता है और यह पक्षी के वजन पर र्नभार करता
पानी की पी.एि. )pH) )वित्र DA)
है | यर्द पक्षी के जीवन में पानी का सेवन र्कसी
स्स्र्र्त में कम होता है तो उससे पक्षी के स्वास्थ्य पानी में र्कतने हाइडरोजन के अणु मौजूद हैं

पर प्रर्तकूि प्रभाव पडता है ऐसे में वातावरण इसका मापक पानी की पी.एच. होती है | पी.एच.
और फामा प्रबंर्न का अविोकन करना चार्हए| पानी के अंदर मौजूद तेज़ार्बयत को नापती
है | इसको 1 से 14 के पैमाने पर नापा जाता है | 7
पानी की गुणित्ता
पी.एच. को न्यूटरि माना जाता है | 7 से नीचे यर्द
अच्छी गुणवत्ता का पानी ब्रॉयिर और िेयर
पी.एच. की वैल्यू आए तो उसे एर्सर्डक माना
फार्मिंग के र्िए बहुत महत्वपूणा होता है | पानी
जाता है जबर्क 7 से ऊपर आने वािी वैल्यू को
पक्षी के पोिण और स्वास्थ्य में सहायक होता है
बेर्सक माना जाता है | जैसे-जैसे पी.एच. 7 से नीचे
अच्छी गुणवत्ता का पानी पयाा प्त मात्रा में हर
र्गरती है तेज़ार्बयत बढ़ने िगती है और 1 पर
समय उपिब्ध रहना चार्हए| पानी की गुणवत्ता
यह सबसे अर्र्क हो जाती है इसी तरह 7 से
उसके पी.एच. िेवि, खर्नज की
ऊपर यह खारा होने िगता है | सबसे अच्छी
मात्रा, बैक्टीररया से दू र्ित होने से नापा जाता
गुणवत्ता वािा पानी हल्का सा एर्सर्डक होता है
है | इसर्िये पानी की समय समय पर जां च

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

और उसका pH 6.8 के करीब होता है | यर्द पोल्ट्र ी के पानी में नाइटर े ट की उपस्स्र्र्त अत्यंत

पीएच 8 से ऊपर चिी जाए तो क्लोरीन वािे हार्नकारक र्सि होती है 10 पीपीएम नाइटर े ट
कीटाणुनाशक बेकार हो जाते हैं ऐसी स्स्र्र्त में ब्रॉयिर की प्रदशान को गंभीर रूप से नुकसान

र्सरका इस्तेमाि र्कया जाता है इसर्िए फॉमा में पहुं चाता है | इसर्िए पानी को नाइटर े ट के र्िए
पी.एच. नापने का यंत्र होना आवश्यक होता है | र्नरं तर चैक करते रहना चार्हए यर्द पानी में

नाइटर े ट पाया जाए तो उससे उसके गटर या


पानी में खवनिों की मात्रा
केर्मकि उवारक से दू र्ित होने की संभावना
पानी में मौजूद िोहा और मैगनीज उसे कडवा
रहती है इसर्िए अर्र्क नाइटर े ट वािा इस पानी
कर दे ते हैं र्जससे पानी की खपत कम हो जाती
नहीं इस्तेमाि करना चार्हए|
है इसके अिावा यह खर्नज बैक्टीररया की ग्रोर्
बैक्टीररया से ग्रवसत पानी
में भी सहायक होते हैं | पानी में िोहे को र्नयंत्रण
करने के र्िए र्फल्ट्र े शन या क्लोरीनेशन र्कया पानी की र्नरं तर जां च में सूक्ष्म बैक्टीररया की

जाता है जो र्क काफी कारगर रहता है | 40 से जां च भी सस्म्मर्ित रहती है | पानी को जां चते
50 माइरोन का र्फल्ट्र इसके र्िए उपयोग समय उसके अंदर कोिीफॉमा बैक्टीररया की

र्कया जाता है और हफ्ते में एक बार इसे साफ गणना बहुत महत्वपूणा रहती है क्ोंर्क यर्द यह
करना जरूरी होता है | बैक्टीररया अर्र्क मात्रा में हो तो यह काफी

घातक र्सि होते हैं और हर आयु के पक्षी को


पानी में कैस्शशयम और मैग्नीर्शयम का िेवि
बीमार करते हैं | यर्द पक्षी का प्रदशान र्नयर्मत
उसकी कठोरता से मापा जाता है | यर्द पानी में
रूप से खराब हो तो पानी के दू र्ित होने पर शक
इस तरह के खर्नज हो तो वह पाइप िाइन में
र्कया जा सकता है | प्लेट काउं ट तकनीक द्वारा
र्चपक कर उसमें पानी बहने की जगह को कम
पानी में कुि बैक्टीररया की जां च काफी कारगर
कर दे ती हैं और र्नप्पि भी चोक हो जाते हैं
र्सि होती है इससे पानी की स्वच्छता का
इससे र्डरंकर र्सस्टम प्रभार्वत होता है | पानी की
आकिन र्कया जाता है | यर्द पानी की स्वच्छता
कठोरता को कम करने के र्िए कुछ केर्मकि
को ठीक से नहीं दे खा गया है तो उसमें
इस्तेमाि र्कए जाते हैं |
बैक्टीररया की उत्पर्त्त काफी आसानी से हो जाती

है |

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

वडर ं वकंग पाइपलाइन को दो फ्लॉक के बीि में


व्यव ाररक सला
आजकल मार्किट में कई आसानी से
साफ करना िावहए

इस्ट्तेमाल की जाने वाली इ.कलाई का


 पाइप िाइन और टैं क के सारे बचे हुए पानी
पानीपानी
की में
स्वच्छता कामापने
संक्रमण अर्भयान
की र्कट्स आ
गर्ी हैं जजनके इस्ट्तेमाल से कम दामो में को र्नकाि िेना चार्हए

फामि में स्ट्वछता को सनु नजचित र्कर्ा जा  यर्द मुमर्कन हो तो टैं क को खािी करके
सकता है | उसे साबुन से र्ो िेना चार्हए

 पानी की पाइप िाइन की कैपेर्सटी का


पानी की स्वच्छता के र्िए र्नरं तर सफाई
अनुमान िगा िेना चार्हए
अर्भयान चिाते रहना चार्हए इससे बैक्टीररया
 जब आप र्वर्भन्न केर्मकिो का प्रयोग कर
का िोड कम हो जाता है और पाइप और टैं कों में
रहे हो तो यह सुर्नर्ित करें र्क आपने एप्रेन
बायोर्फल्म भी नहीं बनती| सफाई के र्िए
पहना हुआ हो और आं खों के ऊपर एक
उपयोग र्कए जाने वािे र्वर्भन्न केर्मकि जैसे
रक्षात्मक चश्मा भी िगाया हुआ हो|
र्सर्टर क एर्सड बायोर्फल्म को हटाने में मदद
 र्जस केर्मकि का सिूशन आप बना रहे
करते हैं सार् ही सार् यह र्चपके हुए खर्नज जैसे
हो उसे र्नमाा ता के र्नदे शानुसार बनाना
कैस्शशयम और मैग्नीर्शयम को भी हटाते हैं | यर्द
चार्हए|
आपके पास र्सर्टर क एर्सड ना हो तो नींबू का
 यह सुर्नर्ित करें र्क सैर्नटाइजर के घोि
इस्तेमाि भी र्कया जा सकता है | हार्नकारक
को पाइप िाइन के अंदर अच्छी तरह से घुमा
बैक्टीररया को खत्म करने का सबसे अच्छा
र्दया गया हो और सार् ही सार् पयाा प्त समय
तरीका होता है पानी की पाइप िाइन को साफ
के र्िए उसमें सैर्नटाइजर को रहने र्दया
करके सैर्नटाइजर से र्ोना | क्लोरीन का
गया हो इसके बाद टं की से साफ पानी को
इस्तेमाि सैर्नटे शन का सबसे अच्छा तरीका
चिाकर पूरी पाइपिाइन को अच्छे से र्ो
होता है | यह सैर्नटे शन का सबसे सामान्य तरीका
िेना चार्हए|
है इसके र्िए क्लोरीन की कंसंटरेशन 4-6
 अर्र्कतर सैर्नटाइजर पाइप िाइन में 12
पीपीएम और पीएच 6 से 7 के बीच में होनी
घंटे के र्िए छोडे जाते हैं उसके बाद
चार्हए|
पाइपिाइन को साफ पानी से साफ र्कया
जाता है |

46 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

पानी का सेिन  िो कोई अपना घर बे िता है और उससे नया घर

नही ं खरीदता तो उस पैसे में बरकत नही ं होती


मध्यम जिवायु में प्रत्येक 1000 ब्रॉयिर पर्क्षयों
 िो ना िाएज़ वदरहम )पै सा) विसे इन्सान अपने
पर पानी की खपत का चाटा - यहां पानी को मु खावलफ )दु श्मन) को िापस लौटा दे , उसके वलए

िीटर में दशाा या गया है 1000 साल की इबादत, 1000 ग़ुलाम के आज़ाद

करने और 1000 हि करने से ज़्यादा अच्छा है

- हज़रत मु हम्मद )सo)

25 र्डग्री सेस्ियस से ऊपर तापमान जाने पर


पर्क्षयों में पानी की खपत बढ़ जाती है और 29

र्डग्री से स्ियस से ऊपर अर्तररक्त र्डरंकर िगाने


पडते हैं |

पोल्ट्र ी के वलए पानी की गुणित्ता के मापक

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

9. फीड और फीवडं ग  फीड में कुछ तत्व पोिकरोर्ी कारक (anti

nutritional factors) होते हैं जैसे


पोल्ट्र ी में फीड की गुणित्ता वनम्न कारकों से
र्हस्टार्मन र्फश मीि में पाया जाता
प्रभावित होती है :
है र्टर स्िन रोर्ी तत्व सोयाबीन में र्मिता है |
 पक्षी को कुि र्कतना पोिण चार्हए और  अन्य जहरीिे पदार्ा जैसे माईकोटॉस्क्सन

फीड में आवश्यक पोिक तत्वों की मात्रा मक्का और अन्य अनाजों में उत्पन्न होते हैं |
र्कतनी है |  फीड में 10% से अर्र्क नमी नहीं होनी

 फीड की मेटाबोिाइज़ेबि उजाा र्कतनी है चार्हए


 सेचुरेटे ड और अनसेचुरेटे ड फैट का अनुपात  फीड में एं जाइम र्मिाने से उसका पाचन बढ़

र्कतना है | जाता है | एं जाइम फाईटे ज को पचाते हैं


 प्रोटीन की गुणवत्ता और मात्रा र्कतनी है र्जससे एनी महत्वपूणा खर्नज स्वतंत्र हो जाते

 इिेक्टरोिाइट असंतुिन तो नहीं है है और शरीर में काम आते हैं |

काफी अर्र्क समय तक गहरी सां स िेने से फीड विवभन्न रूपों में बनाया िाता है

शरीर में से अर्र्क काबान डाइऑक्साइड र्नकि


भारतीय पररस्स्र्र्तयों में ब्रॉयिर को रंबि,
जाती है (जैसे गर्मायों में) र्जससे शरीर का
पैिेट और मैंश फीड स्खिाते हैं | फीड का एक
एर्सड-बेस संतुिन र्बगड जाता है इसकी वजह
जैसा होना उसकी गुणवत्ता के र्िए बहुत जरूरी
से शरीर में रे स्स्परे टरी अलकालॉसेस
होता है | पैिेट की शस्क्त या नरमी उसके बनाने
र्नजािीकरण होने िगता है और पक्षी का
के तरीके पर र्नभार करती है | सुसंगर्ठत तरीके
मेटाबॉर्िज्म प्रभार्वत होता है | तापमान की
से बनाया गया बैिेंस फीड र्ूि रर्हत होता है
तीव्रता को दे खते हुए इस सं तुिन को बनाए रखने
और उसका सेवन भी अर्र्क र्कया जाता है
के र्िए सोर्डयम बाइकाबोनेट या पोटै र्शयम
जबर्क मैश फीड को पैिेट के मुकाबिे कम
बाइकाबोने ट फीड में डािना पडता है | पानी में
खाया जाता है | पैिेट की एक जैसी गुणवत्ता
इिेक्टरोिाइट र्मिाने से पानी का सेवन बढ़ जाता
फीड में इस्तेमाि की गई र्वर्भन्न सामर्ग्रयों को
है | पोटे र्शयम साल्ट् सोर्डयम साल्ट्् स से अर्र्क
फीड में बनाए रखती है र्जसका पोिण पर
कारगर होते हैं और पानी का सेवन बढ़ाते हैं |
समरूप प्रभाव पडता है |

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

फैट की गुणित्ता पूणा रुप से पोिण िे रहा है | ठं डे स्वच्छ पानी की

सप्लाई हर समय रहनी चार्हए ठं डा पानी शरीर


छोटे चूज़े सैचुरेटे ड फैट को पचाने की क्षमता
के तापमान को कम करने में मदद करता है |
नहीं रखते इसर्िए स्टाटा र और प्री स्टाटा र फीड
पोल्ट्र ी फॉमा की छत पर पानी से र्छडकाव करने
में अनसैचुरेटे ड फैट यानी तेि का इस्तेमाि
से वाष्पीकरण होता है र्जससे अंदर ठं डा बना
र्कया जाता है | जैसे-जैसे चूज़े बडे होते हैं उनकी
रहता है गर्मायों में यह सबसे उपयुक्त र्वकल्प
फैट को इस्तेमाि करने की क्षमता भी बढ़ती
होता है |
जाती है इसीर्िए र्फर्नशर फीड में सेचुरेटे ड
फैट का इस्तेमाि कर र्िया जाता है | फीवडं ग प्रबंधन

यर्द पर्क्षयों को उनकी अनुवां र्शक क्षमता के प्लार्नंग के सार् र्कया गया फीर्डं ग प्रबंर्न गमा

र्हसाब से इस्ते माि करना हो तो उन्हें उपयुक्त जिवायु में ब्रॉयिर के पोिण का सबसे अच्छा
पोिण दे ना जरूरी होता है | यर्द हमें उन्हें सही तरीका है इससे यह गमा जिवायु में अनुकूि

मात्रा में ऊजाा प्रोटीन अमीनो एर्सड खर्नज तरीके से रह िेता है | गमी के र्दनों में र्दन के
र्वटार्मन दे ने हैं तो वैज्ञार्नक तरीके से फीड का ठं डे समय में पर्क्षयों को स्खिाना उर्चत रहता है

फामूािेशन करना पडता है | जैसे शाम या रात में दाना दे ने से दाने का सेवन
अर्र्क होता है जब र्ोडे र्ोडे अंतराि पर
कोई भी फीड तभी अच्छा बनता है जब उसमें
फीडर को भरा जाता है तो पक्षी का रुझान फीड
इस्तेमाि की जाने वािी सामग्री उच्च गुणवत्ता की
की तरफ बढ़ता है और फीड का सेवन अर्र्क
हो इसर्िए कच्चे माि की गुणवत्ता को
होता है | गमी के र्दनों में र्दन के गरम भाग में
प्रार्र्मकता दी जानी चार्हए और सभी तत्वों
फीर्डं ग नहीं करानी चार्हए और इस बात को
को फीड फामूािेशन के र्हसाब से र्मिाना
ध्यान में रखना चार्हए र्क यर्द पर्क्षयों ने दाना
चार्हए| बने हुए फीड की गुणवत्ता को फीड िैब
र्दन के गमा समय से पहिे खा र्िया है तो उनमें
में टे स्ट करा कर सुर्नर्ित कर िेना चार्हए|
उष्मा का उत्पादन कम होता है |
ऊंिे तापमान पर ब्रॉयलर का प्रदशमन वकस
फीडर प्रबंधन
तरह से बेहतर करें |
जैसा की हमने पहिे बताया है की फीडर की
ब्रॉयिर का प्रदशान बनाए रखने के र्िए गर्मायों
हाइट ऐसी रखनी चार्हए की फीडर का र्िप
में इस बात को सुर्नर्ित करना चार्हए की पक्षी
हमेशा मुर्गायों की पीठ के समति हो| बतान

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

र्नमाा ता द्वारा दी गई सावर्ार्नयों की सिाह को  दोस्त की माफ़ी को क़ुबू ल न करने िाले का गु नाह,

उस व्यस्ि के बराबर है िो लु टेरा बन कर राह


अवश्य माने इससे पानी और दाने के बतान
िलतो से पैसा िसूल करता है
अर्र्क समय तक चिते हैं | ऑटोमेर्टक फीडर
 पैदल िला करो तावक तंदरुस्त हो िाओ
में ध्यान रखना चार्हए र्क वह सुचारू रूप से  पडोवसयों के घर में नही ं झां कना िावहए
काया कर रहे हैं और उन में कहीं फीड फसने  पडोसी का एहते राम करो िाहे िो वकसी भी मज़हब

की र्दक्कत नहीं आ रही है | से ताल्लुक रखता हो

फीड के टाइप - हज़रत मु हम्मद )सo)

भारत में र्वर्भन्न प्रकार के ब्रॉयिर के दाने


उपिब्ध रहते हैं इनमें सबसे ज्यादा प्री स्टाटा र

रम्बि (1-2mm) )वित्र EA), स्टाटा र (3-


4mm))वित्र EB) और र्फर्नशर (3-4mm)

)वित्र EB) जाना होता है | एक मैश )वित्र EF)


होता है र्जसमे मक्का का साइज़ 1 से 2 mm

होता है |

फीड के बारे में आगे दी जानेवािी जानकारी

र्कसानों के र्िए बहुत उपयोगी है | र्वर्भन्न


अवस्र्ाओं में र्वर्भन्न फीड की आवश्यकता होती
है इसी र्हसाब से इसकी सामग्री बदिती रहती है
कुछ फीड में उजाा अर्र्क होती है और प्रोटीन

कम रहता है अन्य फीड में प्रोटीन की अर्र्कता


और उसकी गुणवत्ता को प्रार्र्मकता दी जाती है

अगिे अध्याय में दी गई जानकारी फीड में


इस्तेमाि होने वािे पोिक तत्व के र्हसाब से है

यर्द कोई र्कसी खास अवस्र्ा में और वातावरण


में फीड का उत्पादन करना चाहता है तो उसे
पोल्ट्र ी न्यूर्टर शर्नस्ट की सिाह िेनी चार्हए|

50 | P a g e
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

10. ब्रॉयलर का पोषण और फीड पहिा इस में नमी की मात्रा 11 प्रर्तशत से

अर्र्क नहीं होनी चार्हए, रूड प्रोटीन 23


बनाने का िैज्ञावनक तरीका
प्रर्तशत से कम नहीं होना चार्हए, रूड फाइबर

4% से ज्यादा नहीं होना चार्हए, एर्सड इन


ब्रॉयिर मुर्गायों को मां स के र्िए पािा जाता और
सॉल्युबि ऐश 3% से अर्र्क नहीं होनी चार्हए
हर एक पक्षी को अपनी ब्रीड के र्हसाब से पोिक
नमक की मात्रा 0.6% से अर्र्क नहीं होनी
तत्वों की आवश्यकता होती है र्वर्भन्न पशु पोिण
चार्हए|
एजेंर्सयां जैसे बीआईएस, एनआरसी, और ए आर

सी ब्रॉयिर के पोिण की वै ज्ञार्नक जानकारी


यह फीड र्बल्कुि मुगी के र्हसाब से बनाए जाते
दे ती हैं क्ोंर्क ब्रॉयिर पर्क्षयों को ग्रुप में फीर्डं ग
हैं परं तु इसमें र्ोडा सेफ्टी मार्जान रख कर चिा
कराई जाती है इसर्िए हर एक पक्षी की अिग
जाता है र्जसका मतिब यह है र्क यर्द र्कसी
डाइट बनाना कर्ठन होता है और उन्हें ऐसा फीड
पोिक तत्व की आवश्यकता 100 ग्राम है तो उसे
र्दया जाता है र्जसमें सभी पोिक तत्व पयाा प्त
सौ ग्राम से कुछ अर्र्क डािा जाता है क्ोंर्क
मात्रा में हो|
फीड के रखरखाव के दौरान कुछ पोिक तत्व
खराब हो जाते हैं और फीड की गुणवत्ता कम हो
बीआईएस के अनुसार ब्रॉयिर को फेज़ फीर्डं ग
जाती है अर्र्कतर र्वटार्मन जो ब्रॉयिर फीड में
कराई जाती है | पहिा स्टाटा र फीड जो 0 से 5
डािे जाते हैं उन्हें उनकी आवश्यकता से दु गना
हफ्ते का होता है और दू सरा र्फर्नशर फेस जो 5
डािा जाता है क्ोंर्क उनमें से अर्र्कतर हवा के
से 8 हफ्ते का होता है परं तु भारत में ब्रॉयिर की
संपका में आकर खराब हो जाते हैं र्जसे
फीर्डं ग 3 फेज़ में होती है पहिा प्री स्टाटम र जो
ऑक्सीडे र्टव र्डस्टर क्शन कहा जाता है इसी तरह
पहिे हफ्ते में र्दया जाता है र्फर तीसरे हफ्ते
कुछ फीड बनने के दौरान और कुछ फीड रखे
तक स्टाटम र चिता है र्फर अंत तक वफवनशर
जाने के दौरान खराब हो जाते हैं जहां तक
र्दया जाता है इसी र्हसाब से इन तीनों फीड में
खर्नज र्मश्रण का सवाि है वह आवश्यकता से
पोिक तत्व उनकी आयु और अवस्र्ाओं के
20 से 30% अर्र्क र्दया जाता है
र्हसाब से सस्म्मर्ित र्कए जाते हैं | इं र्डयन

स्टैं डडा के र्हसाब से कुछ मुख्य बातें हैं जो


कुछ अन्य आवश्यकताएं जो ब्रॉयिर के फीड में
ब्रॉयिर फीड में होनी चार्हए जो र्क र्नम्न प्रकार
होनी चार्हए वह र्नम्न प्रकार से हैं | कैस्शशयम
है |
0.95% प्रर्तशत से कम नहीं होना चार्हए,

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

फास्फोरस 0.45% से कम नहीं होना चार्हए, मेवथयोनीन और लाइवसन का अनुपात आदशा

िाइर्सन 1.3 प्रर्तशत होना चार्हए, मेर्र्योनीन होता है | प्रोटीन के स्रोत के रूप में सोयाबीन की
0.5% होना चार्हए और मेटाबोिायीज़ेबि खिी और मीट मीि का इस्तेमाि र्कया जाता है |

ऊजाा एक र्किो में 2800 र्किो कैिोरी के आगे हम दे खेंगे की र्कस तरह दाना बनाते समय
र्हसाब से होनी चार्हए| इनका उपयोग होता है |

नीचे दी गई तार्िका में र्वटार्मन खर्नज फैटी 3. फैट )तेल / विकनाई)

एर्सड और अमीनो एर्सड की आवश्यकता का


ब्रॉयिर के दाने में फैट का उपयोग कई कारणों
आकिन र्कया गया है
से होता है | फैट में मक्का या सोयाबीन के
फीड के अव्यय मुकाबिे िगभग 3 गुना अर्र्क उजाा होती है

और पक्षी के शरीर को तेि की आवश्यकता कई


1. उिाम
अहम् काया प्रणार्ियों में होती है | जैसे फैट के

ब्रॉयिर पर्क्षयों का दाना बनाते समय माध्यम से फैट सोल्यूबि र्वटार्मन अवशोर्ित

मेटाबोलायीज़ेबल ऊिाम (Metabolizable होते हैं जो शरीर को स्वस्र् रखते हैं और रोग से

Energy – ME) का इस्तेमाि र्कया जाता है इस िडने की क्षमता को बढ़ाते हैं | आम तौर पर खाने

ऊजाा के द्वारा आकिन बहुत उपयोगी रहता है का तेि इस्तेमाि र्कया जै से सोयाबीन का तेि,

क्ोंर्क इसे ज्ञात करना पोल्ट्र ी में आसान होता सूरजमुखी का तेि, ताड का तेि आर्द |

है , यह फीड में पाए जाने वािे अन्य पोिक तत्वों


4. कैस्शशयम और फॉस्फोरस
से स्वतंत्र होती है , और यह पक्षी की आयु या
उत्पादन से प्रभार्वत नहीं होती बस्ल्क स्स्र्र रहती कैस्शशयम और फॉस्फोरस दाने के अर्भन्न अंग हैं

है | और इनकी कम या अर्र्क मात्रा दाने की


गुणवत्ता को खराब कर दे ती है | इसर्िये इनको
2. प्रोटीन और एवमनो एवसड
फीड बनाते समय अिग से दे खा जाता है |

प्रोटीन की कुि आवश्यकता को आसानी से पूरा कैस्शशयम दाने में 0.95% से अर्र्क नहीं डािा

कर र्िया जाता है परं तु एक आदशा प्रोटीन वह जाता और फॉस्फोरस 0.45% से अर्र्क नहीं

होता है र्जसमें जरूरी अमीनो एर्सड होता | कैस्शशयम और फॉस्फोरस की िगभग


आर्ी मात्रा दाने में इस्तेमाि होने वािे अव्ययो से

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हो जाती है और अर्तररक्त मात्रा को DCP और अंतर नहीं होता बस पैिेट में पैिेट बंर्न के र्िए

LSP से हो जाती है | कुछ तत्व डािे जाते हैं र्जन्हें पैिेट बाइं डर एजेंट
कहते हैं |
5. नमक और सोडा
यहााँ पर सब जानकारी र्िसन और वेंकीज़ज़
दाने में नमक की मात्रा का ध्यान रखना पडता है
द्वारा र्दए गए मानकों के आर्ार पर दी गयी है |
अन्यर्ा सोर्डयम के र्ोडे से भी अर्र्क या कम
र्िसन और वेंकीज़ में अर्र्क अंतर नहीं है परन्तु
होने से सारा संतुिन र्बगड जाता है और पर्क्षयों
कुछ तत्वों को वेंकीज़ ने भारतीय पररस्स्र्र्तयों
में र्वर्भन्न िक्षण र्दखने िगते हैं और वृस्ि दर
अनुसार उपयोग र्कया है | यह सब जानकारी इन
पर बुरा असर पडता है इसर्िये नमक और सोडे
र्कताबो में मौजूद है और यहााँ हम र्सफा तरीके
को सोर्डयम की मात्रा को ध्यान में रखते हुए
पर बात करें गे की र्कस तरह एक बैिेंस्ड दाना
डािा जाता है | नमक में 39% सोर्डयम होता है
बनाया जाता है |
जबर्क खाने के सोडे में 27% सोर्डयम होता है |

यहााँ हम 3 समान लेकर दाना बनायेंगे


6. अन्य अव्यय
(1) मक्का (2) सोया DOC (3) MBM मीट मीि
इन सब तत्वों के सार् सार् कुछ अन्य अव्यय भी
पडते हैं र्जन्हें फीड एडीर्टवस कहा जाता है | यहााँ ये तीनो सामग्री िेने का उदे श्य यह है की ये

जैसे एं टीबायोर्टक ग्रोर् प्रमोटर, सब हर जगह र्मि जाता है और अर्र्कतर दानो


एं टीकॉक्सीर्डयि, टोस्क्सन बाइं डर, एनज़ार्यम, में इन्ही का इस्तेमाि होता है |

एर्सडीफायर, र्वटार्मन प्रीर्मक्स, र्मनरि,


उधारण: ब्रॉयलर प्री स्टाटा र जजसमे 23%
प्रोबायोर्टक आर्द |
प्रोटीन ो और 3050 Kcal उजाा ो |
आइये अब दे खते हैं दाना कैसे बनाया िाता
1000 ककलो दाना बनाने के र्लए |
है|

ब्रॉयिर का दाना दो प्रकार का बनता है एक 1. सबसे पहिे 5% स्र्ान को खिी छोड दें

पैिेट दू सरा मैश यह सब मशीन के ऊपर र्नभार मतिब 1000 र्किो में से 50 र्किो को

करता है | पैिेट और मैश के फामूािा में कोई खािी रहने दें र्जसमे बाद में छोटे अव्यय

53 | P a g e
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जैसे नमक कैस्शशयम आर्द र्मिाये 8. अब दोनों समीकरणों को सामान्य

जायेंगे | अिजेब्रा के र्सर्ां त से हि करें [(Eq.1)


2. अब 40 र्किो मीट मीि िें और उसकी को 0.09 से गुना करें ]

उजाा और प्रोटीन की मात्रा को र्िख िें | X + Y = 910 ….. Eq 1

मीट मीि में 50% प्रोटीन और 1 र्किो 0.48X + 0.09Y = 210 ….. Eq 2

में 2650Kcal उजाा होती है | तो 40 Multiply Eq. 1 by 0.09

र्किो में 20 र्किो प्रोटीन और We get

0.48X + 0.09Y = 210


106,000Kcal उजाा होती हैं |
0.09X + 0.09Y = 81.9
3. आपके पास अब 910 र्किो जगह - - -
0.39X + 0 = 128.1
बचती है (50 + 40)|
X = 328.46 (DOC Soya)
4. इस 910 र्किो में अर्तररक्त उजाा और Y = 581.54 (Corn)
प्रोटीन को सस्म्मर्ित करना है |
9. सोया और मक्का की मात्रा र्नकािने के
5. जैसा की उर्ारण में र्दया है की 23%
बाद यर्द उजाा कुछ कम रह गयी तो उसे
प्रोटीन होना चार्हए र्जसका मतिब है
तेि र्मिाकर पूरा करें गे |
230 र्किो प्रोटीन की आवश्यकता है
10. जैसा की हम जानते हैं की इस दाने में
र्जसमे से 20 र्किो मीट मीि से र्मि
प्रर्त र्किो 3050 Kcal उजाा होनी
चुका है अब 210 र्किो प्रोटीन सोयाबीन
चार्हए| मतिब 1000 र्किो में
DOC और मक्का से िेना होगा |
3,050,000 Kcal उजाा होनी चार्हए |
6. इसके र्िए सोयाबीन DOC को हम X
40 र्किो MBM, 581.54 र्किो मक्का
मानते हैं और मक्का को Y ; X+Y =
और 328.54 र्किो सोया DOC में
910 (equation 1)
2,881,500 Kcal उजाा है | इस तरह
7. सोयाबीन DOC में 48% प्रोटीन होता है
168,500 Kcal उजाा अब भी कम रह
और मक्का में 9% तो 0.48X+0.09Y =
जाती है र्जसे 1.91 र्किो सोयाबीन या
210 (equation 2)
सूरजमुखी का तेि र्मिा कर पूरा र्कया

जायेगा |

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

11. अब दाने में मौजूद फॉस्फोरस को फीड भी र्मिाया जाता है इसर्िये सोडे का

तार्िका के अनुसार नाप िें और सोर्डयम भी र्गना जाता है | जो इस


अर्तररक्त फॉस्फोरस को DCP राशन में 1.19 र्किो सोडे से र्मिेगा |

र्मिाकर पूरा करें | इस उर्ारण में यर्द 14. अब दाने में कम रह गए एर्मनो एर्सड
हम दे खें तो 3.57 र्किो फॉस्फोरस मेर्र्योनीन और िायीसीन को संतुर्ित

मौजूद है जबर्क 930 ग्राम अर्तररक्त करते हैं | सभी पोिक पदार्ो से 3.39
फॉस्फोरस की आवश्यकता है | र्जसके र्किो मेर्र्योनीन प्राप्त होता है जबर्क

र्िए 4.67 र्किो DCP र्मिाने की आवश्यकता 5 र्किो की होती है |


अवश्यकता होगी | DCP में 20% इसर्िये अर्तररक्त 1.61 र्किो

फॉस्फोरस और 21% कैस्शशयम होता मेर्र्योनीन र्मिाया जाता है |


है | 15. कुि 13 र्किो िायीसीन की

12. इसी तरह कैस्शशयम को भी संतुर्ित आवश्यकता होती है र्जसमे से 11.14


र्कया जाता है | पोिक तत्वों की तार्िका र्किो पोिक पदार्ो से र्मि जाता है

के अनुसार 3.91 र्किो कैस्शशयम और बचा हुआ 1.86 र्किो अिग से


मौजूद है और 5.59 र्किो कैस्शशयम की र्मिाया जाता है |

आवश्यकता है र्जसके र्िए 12.13 16. इस राशन में र्ियोनीन की कमी नहीं है
र्किो LSP र्मिाया जायेगा र्जसमे 38% इसर्िये इसे अिग से नहीं र्मिाया

कैस्शशयम होता है | जाता| वरना कभी कभी MBM न होने


13. र्फर सोर्डयम को संतुर्ित र्कया जाता से र्िओर्नन कम हो जाता है तो उसका

है | इस बनाए गए दाने में 660 ग्राम ध्यान रखें| वैसे यर्द अर्तररक्त र्िओर्नन
सोर्डयम मौजूद होता है और िगभग र्मिाया जाता है तो दाने में रूड प्रोटीन

1.55 र्किो की कमी है | इसर्िये इसमें की मात्रा को 1% तक कम र्कया जा


सोर्डयम की कमी को पूरा करने के र्िए सकता है |

2.77 र्किो नमक र्मिाया जायेगा (1.55 17. यह अवश्यक्ताये पूरी करने के बाद इस
र्किो का 70% सोर्डयम नमक से र्िया दाने में 7 र्किो 630 ग्राम जगह

गया है ) अर्तररक्त सोर्डयम खाने के अर्तररक्त बचती है र्जसमे र्वटार्मन


सोडे प्राप्त होता है | क्ूंर्क दाने में सोडा र्मनरि और अन्य फीड एडीर्टवस

55 | P a g e
दाना बनाने में एक वसधांहज़रत महु म्मद
त का प्रयोग साहब
होता है िह(सo)
ये कीकोपहले
समर्पि त लगाये की आपके पक्षी की
ये पता
आिश्यकता क्या है और आपको वकतनी मात्रा में क्या वमलाना पडे गा विससे िो आिश्यकता
पू री हो िाये| पहले requirement का पता लगायें वफर उसे पू री करने िाली सामग्री को िमा
करें िैसा की उदहारण में बताया गया है

िैन्कोब ब्रीड की पोषण आिश्यकताएं


र्मिाये जाते है जो बने बनाये बाज़ार में
फीड के प्रकार प्री स्टाटा र स्टाटा र र्फर्नशर
र्मिते हैं और उन्हें फीड में र्मिाने की (0 – 14 (15 से (28 से अंत
र्दन ) 28 र्दन) तक)
डोज़ भी उन्ही पर र्िखी रहती है | Energy )Kcal/Kg) 3000 3125 3250
Crude protein % 22.5 21 19.5
Calcium % 0.94 0.92 0.88
18. अच्छे र्वटार्मन प्रीर्मक्स को आर्ा Available 0.45 0.42 0.40
Phosphorus %
र्किो या एक र्किो प्रर्त टन के र्हसाब
Crude Fiber % <4 <4 <4
से र्मिाते हैं बाकी खर्नज और Lysine % 1.25 1.10 1
Methionine % 0.57 0.53 0.49
एडीर्टवस भी ऐसी ही मात्रा में र्मिाये Threonine % 0.77 0.71 0.66
Energy/CP 133 149 167
जाते हैं | Sodium% 0.18 0.18 0.18

19. यर्द एडीर्टवस र्मिाने के बाद भी जगह


लीसन )Leeson) द्वारा दी गयी ब्रॉयलर पक्षी
बचे तो उसे अर्तररक्त मक्का र्मिाकर
की पोषण आिश्यकताएं
पूरा कर र्िया जाता है | नीचे फीड

एडीर्टवस के फोमुािे का उर्ारण र्दया फीड के प्रकार स्टाटम र ग्रोिर वफवनशर


)0 – 18 )19 से )31 से
वदन) 30 वदन) अंत तक)
है | Energy )Kcal/Kg) 3050 3100 3150
Crude protein % 22 20 18
Calcium % 0.95 0.92 0.89
Premix per Tonn in Kgs
Available 0.45 0.41 0.38
Pellet Binder (lignin sulfonate) 3
Phosphorus %
AntiCoccidial (Salinomycin) 0.5 Crude Fiber % <4 <4 <4
Vitamin 0.5 Lysine % 1.3 1.15 1
Antibiotics (BMD) 0.75 Methionine % 0.5 0.44 0.38
Toxin Binder 1 Threonine % 0.72 0.62 0.55
Antifungal (Gentian 0.35 Energy/CP 139 155 175
Violet/Sodium Benzoate) Sodium% 0.22 0.21 0.20
Probiotics 0.75 र्हााँ digestible methionine, lysine aur threonine
को र्लर्ा गर्ा है
Yeast 0.25
Enzymes 1
अन्य तत्व जैसे क्लोराइड और आर्जानीन को भी
र्िया जाता है परन्तु उनकी कमी राशन में
अमूमन नहीं होती |

56 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

Copper (g) 15 15 15
Leeson की र्कताब क्ूंर्क यूरोर्पयन और Iodine (g) 2
Selenium (mg) 300 300 300
अमेररकन जिवायु के र्हसाब से र्िखी गयी है

इसर्िये पोिक तत्वों में कुछ र्वर्वर्तता


विवभन्न खाद्य पदाथो में पोषक तत्व
स्वाभार्वक है | यर्द आप अपना दाना खुद बनाते

हैं तो अपने यहााँ इस्ते माि होने वािी सामग्री और अव्यय मक्का सोया MBM
)DOC)
Energy )Kcal/Kg) 3330 2550 2650
उसकी गुणवत्ता को दे खते हुए Leeson की दी
Crude protein % 9 48 50
गयी जानकारी को मानक मन जा सकता है | Calcium % 0.01 0.2 8
Available 0.13 0.37 4
और हमने ऊपर उर्ारण में Leeson के मानको Phosphorus %
Crude Fiber % 2.5 3 -
का प्रयोग र्कया है | Lysine % 0.16 2.78 2.09
Methionine % 0.18 0.64 0.62
व्यवहाररक तौर पर पशु पोिण र्वज्ञान िगातार Threonine % 0.33 1.75 1.17
Sodium% 0.05 0.05 0.5
उन्नर्त कर रहा है और वैज्ञार्नक इस पर अध्यन
कर रहे है की फीड की गुणवत्ता बढ़ाने के सार्
कुछ महत्वपूणम बाते
सार् उसे और सस्ता कैसे र्कया जाये
 अर्र्कतर पोल्ट्र ी के दाने मक्का के ऊपर
िैन्कोब ब्रीड की प्रवत टन की विटावमन और
र्नर्ाा ररत होते हैं इसर्िये मक्का की गुणवत्ता
वमनरल आिश्यकताएं
का खास महत्त्व है | अच्छी गुणवत्ता के
विटावमन स्टाटम र ग्रोिर वफवनशर
मक्का में 5% से अर्र्क टू टे हुए दाने नहीं
)0 – 18 )19 से )31 से
वदन) 30 वदन) अंत तक)
Vitamin A (MIU) 15 13.5 11 होने चार्हए और 3% से अर्र्क कूडा
Vitamin D (MIU) 5 4.5 4
करकट नहीं हो सकता | टू टे हुए दानो से
Vitamin E (g) 70 60 50
Vitamin K (g) 4 3.5 3 मक्का की उजाा कम हो जाती है और अच्छा
Thiamin (g) 4 3.5 3
Riboflavin (g) 9 8 7 फीड नहीं बन पाता | और टू टे दानो में फंगस
Pyridoxine (g) 4 3.5 3
Pantothenate (g) 16 14.5 12 भी िगी होती है |
Folic Acid (g) 2.5 2.25 2
Biotin (g) 0.16 0.145 0.145  मक्का में 15% से अर्र्क नमी नहीं होनी
Niacin (g) 70 60 50
चार्हए|
Choline (g) 900 900 900
Vit. B12 (g) 0.0225 0.02 0.017  मीट मीि इस्तेमाि करते वक़्त इस बात का
Manganese (g) 100 100 100
Iron (g) 90 90 90 ख्याि रखना चार्हए की वो पूरी तरह से
Zinc (g) 80 80 80

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

बैक्टीररया (sterilized) रर्हत होना चार्हए| DOC, 500g Coccidiostat (Salinomycin /

क्ूंर्क अर्र्कतर MBM सिमोनेल्ला और Maduramycin), 41 र्किो MBM, और 5.5 र्किो


क्लोस्टर ीर्डयम का स्रोत होते हैं | तेि डािना है |

 िायीसीन की आवश्यकता आयु के सार्  िो व्यस्ि कभी िन्नत में नही ं िाएगा िो पडोसी
सार् कम हो जाती है और यर्द िायीसीन की को दु ुः ख ददम पहुं िाए

मात्रा बढ़ा दी जाती है तो आर्जानीन की  विसके घर मौत हुई हो उसके पडोसी को िावहए
उसके घर 3 वदनों तक खाना भेिे
आवश्यकता बढ़ जाती है और ग्रोर् पर बुरा
 िो व्यस्ि अपने पडोवसयों को ज़रूरत का सामान
असर पडता है
नही ं दे ता क़यामत के वदन िो ख़ु दा के फज़लो करम

5% प्रीवमि का फामूमला से िंवित रहे गा

Starter Finisher
Sr.no Ingredient Name QTY QTY - हज़रत मु हम्मद )सo)

1 Vitamin Permix 3 3
2 L Theronine 3.5 3.5
3 DL-Methonine 29.7 27.7
4 L-Lysine 26 28.6
6 Enramycin (AGP) 0.8 0.8
7 Acidifier 1 1
8 Trace Minerals 7.55 7.55
9 Soda 10 10
10 Salt 20 20
13 LSP-Calcit 42 55
14 DCP(Ca:p) 25 25
15 Crushed Maize 316.5 302.9
16 Soya DOC 15 15
500.05 500.05

यह 5% प्रीर्मक्स का फामूािा है र्जसे प्रर्त टन 50

र्किो डािने की आवश्यकता होती है | इसके


अर्तररक्त स्टाटा र में 1 टन फीड में 630 र्किो

मक्का, 270 र्किो सोया DOC, 500g


Coccidiostat (Salinomycin / Maduramycin),

46 र्किो MBM और 3.5 र्किो ते ि डािना है |


र्फर्नशर में 693 र्किो मक्का, 210 र्किो सोया

58 | P a g e
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

11. मुवगमयों में बीमाररयााँ और उनके 1) वायरि बीमाररयां

2) बैक्टीररयि बीमाररयां
वनदान
3) माइकोप्लाज्मा की बीमाररयां

4) फंगि बीमाररयां
मुर्गायों में िगभग 70 तरह की बीमाररयां होती हैं
5) परजीवी बीमाररयां
र्जनमें से िगभग 40 बीमाररयों को र्वर्भन्न
6) पोिण संबंर्ी बीमाररयां
र्कताबों में र्वस्तार से बताया गया है परं तु बाकी
7) मेटाबोर्िक बीमाररयां
बची कुछ बीमाररयां अभी ऐसी हैं र्जनके बारे में

वैज्ञार्नक र्नर्ित रूप से कुछ नहीं कहते | पोल्ट्र ी


िायरल बीमाररयां (Viral Diseases)
डीज़ीज़ डायग्नोर्सस का क्षेत्र ररसचा के र्िए अभी

भी खुिा हुआ है | कुछ अध्ययनों में यह ज्ञात 1. रानीखेत (New Castle Disease)

हुआ है की पोल्ट्र ी व्यवसाय के र्िए दाना या चूज़ा


यह अत्यार्र्क घातक बीमारी के रूप में जानी
महं गा होना इतनी बडी समस्ा नहीं है र्जतनी
जाती है इसमें 6 र्दन के चूजे से िेकर 72 हफ्ते
बडी समस्ा बीमाररयों की है | समय से बीमारी
की मुगी तक बीमार पड सकते हैं | वैसे तो यह
की पहचान और उसका उपचार र्नर्ित रूप से
मुख्यत गर्मायों के मौसम में दे खने को र्मिती है
र्कसान को व्यापक फायदे पहुं चाता है | अनेकों
परं तु पूरे साि इसके होने की संभावना बनी
दवाइयों की कंपर्नयां और उनके अनेक उत्पाद
रहती है | यह Paramyxo वायरस से होती है जो
र्कसानों को अच्छी वेटनरी सर्वास के अभाव में
र्क 5 रूपों में पाया जाता है | यह बीमारी हवा से
र्कतना िाभ पहुं चाते हैं यह कहना मुस्िि
फैिती है और सां स िेने से या दाने के ज़ररये
है | र्कसानों की मुस्ििें कुछ हद तक कम
पक्षी में प्रवेश कर जाती है | संरर्मत पानी और
करने के र्िए हम यहां कुछ अहम बीमाररयों का
दाना इस बीमारी के फैिने में सहयोग करते
संर्क्षप्त र्ववरण दे रहे हैं | र्नर्ित रूप से यहां दी
हैं | फॉमा में काम करने वािे व्यस्क्त भी इस
गई जानकारी मोटे तौर पर बाहरी िक्षणों और
बीमारी के फैिने में सहायक होते हैं मुगी के
पोस्टमाटा म के आर्ार पर बतायी जाएगी |
शरीर के बाहर यह वायरस कई हफ्तों तक

मुवगमयों की बीमाररयां 7 कैटे गरी में बांटी गई सरीय रहता है जबर्क मरी हुई मुर्गायों और

है| उनकी बीट में यह वायरस कई महीनों तक


जीर्वत रह सकता है |

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

इसके मुख्य िक्षण वायरस के प्रकार पर र्नभार पोस्टमाटम म- पोस्टमाटा म करने पर पक्षी के

करते हैं सबसे घातक स्टरे न के िायरस में कोई प्रोवेंटरीकुिस में सुई की नोक के बराबर खून के
िक्षण र्दखाई नहीं दे ते और अचानक से मृत्यु हो र्ब्बे दे खने को र्मिते हैं )वित्र FA)| आं ते पूणा

जाती है | कभी कभी इस स्टर े न के वायरस में रुप से िाि र्दखाई दे ती हैं और उस पर भी खून
र्डप्रेशन, कमजोरी, हरे रं ग के दस्त, मुंह पर के र्ब्बे होते हैं | पक्षी की र्तल्ली (spleen) के

सूजन, और र्दमागी िक्षण दे खने को र्मिते हैं जो ऊपर सफेद र्ब्बे नजर आते हैं सां स िेने की
अमूमन मृत्यु होने पर खत्म होते हैं | दू सरे िक्षणों निी िाि हो जाती है और उस पर भी खून के

में गदा न का टे ढ़ा होना )वित्र FA) और टां गों का र्ब्बे दे खने को र्मिते हैं | वायु कोशो (air sacs)
िकवा मार जाना, पीठ को मोडकर बैठना होता में पीिे रं ग का पदार्ा जमा हो जाता है |

है ऐसे में 100 प्रर्तशत मृत्यु र्नर्ित होती


इलाि और बिाि: इस बीमारी का कोई इिाज
है | अंडा दे ने वािी मुगी में उनके अंडे का कवच
नहीं है परं तु इसे र्नयंर्त्रत करने के र्िए
मुिायम और िचीिा हो जाता है और उसके
वैक्सीनेशन का इस्तेमाि र्कया जाता है ब्रॉयिर
बाद मुगी पूणा रूप से अंडे दे ना बंद कर दे ती है |
में छठे र्दन पर F1 वैक्सीन आं खों में डािी जाती
मध्यम तीव्रता िाले िायरस सां स िेने के तं त्र है और 21 वे र्दन Lasota वैक्सीन पानी में

को ग्रर्सत करते हैं र्जससे सां स िेने में खर खर र्मिाकर र्पिाई जाती है | फामों में र्सफा वैक्सीन
की आवाज के सार् सार् पक्षी मुंह खोि कर कर दे ना ही काफी नहीं होता बस्ल्क सख्त बायो

सां स िेता है | पूणा रुप से बडी मुर्गायों में अंडों र्सक्ोररटी बनाए रखने की भी आवश्यकता
का उत्पादन एकदम से रुक जाता है परं तु इस होती है | वाईरोसेफ को र्डरंर्कंग वाटर में दे ने से

वायरस में मोटे र्िटी कम होती है िाभ र्मिता है |

सबसे कम तीव्रता वािे वायरस में मोटे र्िटी बहुत 2. गम्बोरो (Infectious Bursal

कम होती है परं तु सां स िेने में र्दक्कत दे खी Disease)


जाती है | रोग प्रर्तरोर्क क्षमता घटने से अन्य
गम्बोरो बीमारी कम आयु की मुर्गायों में अचानक
बैक्टीररया सर्रय हो जाते हैं और बीमारी को
से होने वािी तीव्र बीमारी है | यह बहुत तेजी से
बढ़ा दे ते हैं |
फैिती है और रानीखेत के बाद पोल्ट्र ी में होने
वािी सबसे महत्वपूणा बीमारी है | हर साि इससे

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

पोल्ट्र ी व्यवसाय को भारी नु कसान होता है | इस कैसे फैलती है : यह बीमारी पक्षी के मुंह से

बीमारी का आर्र्ाक महत्व बहुत है क्ोंर्क यह फैिती है , जब सं रर्मत पक्षी पानी पीता है तो
मृत्यु के अिावा पक्षी की रोग प्रर्तरोर्क क्षमता यह वायरस पानी में चिा जाता है और दू सरी

को गहरा नुकसान पहुं चाती है र्जससे रोग मुर्गायों को भी संरर्मत करता है कुछ अध्ययनों
प्रर्तरोर्क क्षमता बहुत घट जाती है और वैक्सीन में यह दे खा गया है यह वायरस आउट ब्रेक होने

काम नहीं करती| ईकोिाई और गैंग्रीन के 122 र्दन बाद तक भी पोल्ट्र ी फॉमा में सर्रय
डमेटाइर्टस दे खने को र्मिती है | रोग प्रर्तरोर्क र्मिा है |

क्षमता घटने के कारण दू सरी बीमाररयों से होने


लक्षण: इस बीमारी के िक्षण अिग अिग हो
वािी मृत्यु अर्र्क नुकसान पहुं चाती है | यह
सकते हैं | अपने सबसे घातक स्वरूप में यह
बीमारी मुख्यता 18 से 40 वदन की आयु
वायरस 3 से 6 हफ्ते तक की मुर्गायों को अपना
के पवक्षयों में दे खने को वमलती है | और
र्शकार बनाता है | र्जन मुर्गायों में इस वायरस
कभी-कभी िेयर पर्क्षयों में 14 हफ्ते तक दे खी
का संरमण होता है उनमें सबसे पहिे िक्षण
जा सकती है |
यह होते हैं र्क मुर्गायां अपनी बीट करने की
गम्बोरो बीमारी का कारण: यह बीमारी र्बरना जगह (vent) को नोचने िगती हैं | दू सरे िक्षण में

(birna) वायरस से होती है जो दो रूपों में र्मिता र्डप्रेशन, सफेद दस्त, बीट करने की जगह गंदी
है 1 और 2 | र्सफा पहिा वायरस की बीमारी होना, दाना ना खाना, फूिे हुए पंख, एक ही

करता है र्जसके कई स्टर े न र्मिते हैं | यह वायरस जगह पर बैठा रहना, कां पना, बंद आं खें, टां गे
मुगी के बरसा अं ग में घर बनाता है और उसकी मोड कर जमीन में बैठना और अंत में मृत्यु का

कोर्शकाओं को तोड दे ता है र्जस वजह से रोग होना, ये िक्षण र्दखाई दे ते हैं | मध्यम तीव्रता
से िडने वािी कोर्शकाएं नहीं बन पाती और वािे वायरस के केसों में मृत्यु दर बहुत कम होती

शरीर में एं टीबॉडी की भारी कमी हो जाती है परं तु ग्रोर् पर गहरा असर पडता है |
है | यह वायरस मुगी की बीट में 10 से 14 र्दन
पोस्टमाटम म- यर्द पोस्टमाटा म बीमारी के शुरू
तक र्नकिता रहता है | इस वायरस में बहुत
में र्कया जाए तो बरसा फूिा हुआ र्मिता है
स्स्र्रता होती है और पोल्ट्र ी फामों में महीनों तक
िगभग अपने आकार का दु गना हो जाता है ऐसा
सर्रय पडा रह सकता है |
बीमारी के चौर्े र्दन तक दे खने को र्मिता
है | ऐसे में बरसा के अं दर र्चपर्चपा पदार्ा

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

र्मिता है और सार्-सार् छोटे खून के र्ब्बे भी कारण या वैक्सीनेशन फेर्ियर के कारण इस

मौजूद होते हैं )वित्र FB) कई बार यह खून के बीमारी से होने वािे नुकसान िगातार होते रहते
र्ब्बे बहुत अर्र्क होते हैं जो की गंभीर बीमारी हैं | यह बीमारी मुख्य रूप से मादा पर्क्षयों में

का प्रारूपी िक्षण होता है | र्कडनी भी फूि दे खने को र्मिती है | डॉक्टर जे . एि वेगड के


जाती हैं और उनका रं ग फीका पड जाता अनुसार मेरेक्स बीमारी ग्रोवर पर्क्षयों में 17 से

है | कई बार छाती और टां ग की मां सपेर्शयों पर 20 हफ्ते की आयु के दौरान होती है यर्द इस
खून के र्ब्बे दे खने को र्मिते हैं | आयु में बीमारी हो जाती है तो यह 40 हफ्ते की

आयु तक मोटे र्िटी करने की क्षमता रखती है |


उपिार: इस बीमारी का कोई उपचार मौजूद

नहीं है र्सफा चूजों में समय पर वैक्सीनेशन करके बीमारी का कारण :यह बीमारी हरपीज वायरस
इसका कुछ हद तक बचाव र्कया जा सकता से होती है यह वायरस तीन रूपों में र्मिता है इन

है | ब्रीडर पॉपुिेशन को वै क्सीनेट करना एक तीन रूपों में इस वायरस को इसकी तीव्रता के
बहुत कारगर उपाय है | ऐसी है चरी से चूजे िेना आर्ार पर बां टा गया है | इस वायरस से पक्षी

अच्छा होता है जहां पर इस बीमारी का अपने शुरुआती जीवन में ग्रर्सत हो जाते हैं और
टीकाकरण ब्रीडसा में र्कया गया हो| 1g प्रर्त 5 मृत्यु तक ग्रर्सत रहते हैं | ये वायरस संरर्मत

र्किो बॉडी वेट पर वाईरोसेफ को र्डरंर्कंग वाटर मुर्गायों से स्वस्र् मुर्गायों में बहुत जल्दी फैिता
में दे ने से िाभ र्मिता है | है | शरीर के पंखों की टू टी हुई कोर्शकाएं इस

वायरस के फैिने का एक सबसे मुख्य स्रोत


3. मेरेि डीज़ीज़ (Mereck’s
होती हैं | इन चढ़ी हुई कोर्शकाओं में यह
Disease)
वायरस सर्रय रहता है | तेजी से फैिने वािा

मेरेक्स मुर्गायों में एक कैंसर करने वािी बीमारी यह वायरस हवा के माध्यम से भी फैिता है और

है | इस बीमारी में शरीर की नसें (nerves) बहुत संरर्मत हवा में सां स िेने से शरीर के अंदर

मोटी हो जाती हैं िीवर, र्तल्ली (spleen), और प्रवेश करता है |

र्कडनी बडे हो जाते हैं | यह आर्र्ाक रुप से एक


कैसे फैलती है : जैसा की हमने बताया यह मुगी
महत्वपूणा बीमारी है | हां िार्क वैक्सीन करके इस
में एक बार आने के बाद पू रे जीवन उस में रहता
बीमारी से काफी हद तक मुस्क्त पाई जा सकती
है ऐसे पक्षी वातावरण को िगातार दू र्ित करते
है परं तु ठीक ढं ग से वेस्क्सने शन ना होने के

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रहते हैं | यह वायरस खुिे वातावरण में भी है | पक्षी का प्रोवेंटरीकुिस बढ़ा हुआ र्दखता है

महीनों तक सर्रय रह सकता है | और यर्द उसे खोिकर दे खा जाए तो उसमें


रानीखेत बीमारी की तरह खून के र्ब्बे नजर
इस बीमारी से 6 हफ्ते के पक्षी भी ग्रर्सत होते हैं
आते हैं |
परं तु र्दखने वािी बीमारी 12 से 24 हफ्तों की

आयु के दौरान होती है | यह बीमारी दो रूपों में उपिार: अन्य वायरि बीमाररयों की तरह इसमें
पाई जाती है | पहिी क्लावसकल मेरेि बीमारी भी कोई इिाज मौजूद नहीं है इसे र्नयंर्त्रत करने

और दू सरी एक्यूट मेरेि बीमारी| के र्िए वैक्सीनेशन र्कया जाता है | है चरी में
पहिे र्दन र्कया गया वैक्सीनेशनकाफी कारगर
क्लार्सकि मेरेक्स हमारे दे श में दे खने को नहीं
होता है |
र्मिती हमारे दे श में मुख्यत एक्ूट मेरेक्स

बीमारी दे खने को र्मिती है र्जसमें मोटे र्िटी 4. फाउल पॉि (Fowl Pox)
30% तक हो जाती है और तीव्र आउट ब्रेक के
यह बीमारी खाि के ऊपर होने वािे बदिाव से
दौरान 80% तक मोटे र्िटी दे खने को र्मिी है
पहचानी जाती है | हािां र्क एक अन्य प्रारूप में
सभी पर्क्षयों में बीमारी के िक्षण दे खने को नहीं
यह बीमारी मुंह और सां स िेने के तं त्र में भी
र्मिते और कई पक्षी र्बना िक्षण र्दखाएं ही मर
बदिाव करती है | र्पछिे कुछ समय में इस
जाते हैं कुछ पर्क्षयों में िकवा मार जाता है
बीमारी की वैक्सीन आ जाने से इस का प्रकोप
र्जसकी वजह से पक्षी र्वशे ि आसन में बैठा हुआ
बहुत कम हो गया है परं तु अब भी कहीं-कहीं
पाया जाता है र्जसमें पक्षी का एक पैर आगे की
कुछ क्षेत्रों में ये बीमारी दे खने को र्मि जाती है |
तरफ और दू सरा पीछे की तरफ होता है )वित्र

FC) | पॉि बीमारी का कारण: यह बीमारी

एवीपॉक्स (avipox) नाम के वायरस से होती


पोस्टमाटम म- मरे हुए पर्क्षयों को खोिने पर बढ़ा
है | और सभी ब्रीड और आयु की मुर्गायां इस से
हुआ िीवर और र्तल्ली मुख्य िक्षण होते हैं इन
प्रभार्वत होती हैं | यह वायरस पर्क्षयों के सीर्े
दोनों अंगों पर सफेद रं ग के दाने उभर आते हैं
संपका में आने से फैिता है | जब पक्षी एक दू सरे
)वित्र FD) जोर्क इन अंगों में हो चुके कैंसर से
को नोचते हैं तब यह उनकी कोर्शकाओं में चिा
बनते हैं इसके अिावा पक्षी की जां घो में
जाता है और बीमारी पै दा करता है | कई बार
र्शयार्टक नवा भी 4 गुना मोटी नजर आती
वैक्सीनेशन के दौरान कोई खरोच या चोट िगने

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से भी यह वायरस पक्षी के अंदर चिा जाता की निी और खाना र्नगिने की निी में भी दे खने

है | मच्छर इस बीमारी के सं वाहक होते हैं जो को र्मिते हैं |


एक संरर्मत मुगी से खून चूस कर दू सरी स्वस्र्
उपिार: इस बीमारी का भी कोई इिाज नहीं है
मुगी को संरर्मत कर दे ते हैं | यह वायरस
परं तु यह बीमारी र्दखने पर अर्र्क मात्रा में
वातावरण को टू टे हुए पंखो और इस बीमारी में
र्वटार्मन ए दे ने से िाभ होता है | 3000IU
हुए सूखे घाव से झडने वािी कोर्शकाओं से
र्वटार्मन ए प्रर्त 40 र्किो पर्क्षयों पर इस्तेमाि
दू र्ित करता है |
र्कया जा सकता है | फाउि पॉक्स के र्िए भी
कैसे फैलती है : खराब बाय र्सक्ोररटी होने के वैक्सीनेशन र्कया जाता है |

कारण यह बीमारी व्यापक रूप से फॉमा में फैि


5. इन्फैकवशयस ब्रोंकाइवटस
जाती है | यह बीमारी दो रूपों में पाई जाती है
(Infectious Bronchitis)
पहिा वह र्जसमें यह खाि पर र्दखाई दे ती है
उसे डराई पॉक्स कहते हैं दू सरी बीमारी जो अं दर यह एक अचानक से होने वािी और ते ज़ी से
के अंगों में होती है और उसे वैट पॉक्स कहते हैं | फैिने वािी पोल्ट्र ी पर्क्षयों की बीमारी है र्जसमें
सां स िेते वक्त असामान्य आवाजें आती हैं , खां सी
लक्षण और पोस्ट मोटे म: डराई पोक्स में शरीर
उठती है , छींक आती है और कभी-कभी पक्षी
के ऊपर चेचक जैसे दाने पड जाते हैं )वित्र FE)
मुंह खोिकर सां स िेता है | यह कम आयु वािे
जो मुख्यतः पर्क्षयों की किगी पर दे खने को
पर्क्षयों में महत्वपूणा बीमारी है और अत्यार्र्क
र्मिते हैं | बेड बॉक्स रूप में यह दाने सां स िेने
मोटे र्िटी के र्िए भी र्जम्मे दार है | इसका वायरस
के तंत्र और हार्ों में दे खने को र्मिते हैं जहां यह
र्कडनी को भी क्षर्त पहुं चाता है | अंडा दे ने वािी
पीिे रं ग के उठे हुए दानों के रूप में र्दखाई दे ते
मुगी में यह उत्पादन को कम कर दे ती है और
हैं इस कारण पक्षी को सां स िेने में बहुत र्दक्कत
अंडे के कवच की गुणवत्ता को खराब करती
होती है और सां स ना िेने के कारण पक्षी की
है | ब्रॉयिर और िेयर दोनों में यह FCR को
मृत्यु भी हो जाती है | अंडा दे ने वािी मुगी में
बढ़ाती है और वजन पढ़ने की क्षमता को कम
उत्पादन र्बल्कुि रुक जाता है | इस बीमारी की
करती है | हािां र्क यह र्कसी भी आयु की मुगी
पहचान पक्षी की किगी के ऊपर दानेदार घावों
में दे खी जा सकती है परं तु मुख्यतः यह कम आयु
से होती है और कुछ पीिे घाव पक्षी के सां स िेने
वािी मुर्गायों में होती है |

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बीमारी का कारण: यह कोरोना वायरस से होती छोटा हो जाता है , उनका कवच िचीिा हो जाता

है यह वायरस हफ्तों से िेकर महीनों तक फामा है और कैस्शशयम के छोटे -छोटे उभार अंडे पर
में सर्रय रह सकता है परं तु यह बहुत कमजोर दे खने को र्मिते हैं | कई बार तीव्र संरमण में

वायरस होता है और आम र्डसइन्फेक्टें ट से मर अंडे की सफेदी अपना गाढ़ापन खो दे ती है और


जाता है | पानी की तरह हो जाती है | इस बीमारी से र्कडनी

भी प्रभार्वत होती है र्जससे 30% तक मृत्यु हो


कैसे फैलती है : यह बीमारी हवा से फैिती है |
जाती है |
संरर्मत हवा में सां स िेने से मुर्गायों में तेजी से
यह बीमारी फैि जाती है हािां र्क संरर्मत मुगी पोस्टमाटम म- मुगी का सां स िेने का तंत्र खोिने

की बीट भी इस वायरस को फैिाने में सहयोग पर सां स िेने की निी र्बल्कुि िाि र्दखाई
करती है | एक से दू सरे फामा में यह मनुष्य तर्ा पडती है और उसके अं दर स्िस र्िसाह पदार्ा

चूहों द्वारा पहुं च सकती है | कुछ पर्क्षयों में इस पाया जाता है जो सां स िेने में अत्यंत बार्ा उत्पन्न
बीमारी के िक्षण नहीं र्दखते परं तु वह वायरस करता है र्जस कारण पक्षी मुंह खोिकर सां स

के कायावाहक के रूप में काम करते हैं | िेता है | र्कडनी सूजी हुई र्दखती हैं )वित्र FG)
और उनका रं ग फीका र्दखता है | कुछ पर्क्षयों
लक्षण: इसके प्रमुख िक्षणों में सां स िेने का तंत्र
में गाउट के िक्षण भी र्दखते हैं |
मुख्य रुप से प्रभार्वत होता है र्जसमें र्नयर्मत

रूप से सां स िेने के दौरान आवाज आती है यह इन्फैकर्शयस ब्रोंकाइर्टस को रानीखेत की

आवाज सीटी की तरह हो सकती है या र्फर खर बीमारी और कोरार्यज़ा की बीमारी से अिग


खराने की आवाज भी र्नकिती है | पक्षी को करके दे खना चार्हए क्ोंर्क इन दोनों बीमाररयों

सां स िेने में काफी र्दक्कत होती है वह बार-बार में भी इसी तरह के िक्षण पाए जाते हैं | रानीखेत
मुंह खोिता है और छींकता है )वित्र FF) | नाक की बीमारी में इन्फैकर्शयस ब्रोंकाइर्टस से

से पानी जैसा द्रव्य आता है और आं ख और मुंह अर्र्क उत्पादन पर फका पडता है | कोरार्यज़ा
सूज जाते हैं | में मुंह अक्सर सूज जाता है परं तु इन्फैकर्शयस

ब्रोंकाइर्टस में यह कभी-कभी सूजा हुआ र्मिता


अंडा बनने और दे ने वािे अं गों को भी यह
है |
वायरस प्रभार्वत करता है इसमें 50% तक
उत्पादन कम हो जाता है और अंडों का आकार

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उपिार: क्ोंर्क यह वायरि बीमारी है इसर्िए बॅक्टीररया अमूमन सां स िेने के तंत्र और आाँ तो

इसका कोई इिाज नहीं है परं तु दू सरे सं रमणों की बीमारी करता है | परं तु पोल्ट्र ी के शरीर के
से बचने के र्िए एं टीबायोर्टक का इस्ते माि दू सरे अंग इससे अछूते नही रहते |

र्कया जाता है क्ोंर्क इस बीमारी में र्कडनी भी


नये पैदा हुए मुगी के बच्चो में भी ये कार्ी
प्रभार्वत होती है उसके र्िए पानी में ब्लड बफर
भयानक स्स्र्र्त कर दे ता है र्जसमे चूज़े के पे ट में
और नॉन सोर्डयम इिेक्टरोिाइट चिाने चार्हए
मौजूद ज़दी सडने िगती है )वित्र FH) और
खािी नमक दे ने से बीमारी और बढ़ सकती है |
बहुत तेज़ी से फामा में चूज़े मरने िगते हैं | पैर
1g प्रर्त 5 र्किो बॉडी वेट पर वाईरोसेफ को
सूखने िगते हैं )वित्र FI) | चूज़ो में E. coli से
र्डरंर्कंग वाटर में दे ने से िाभ र्मिता है |
होने वािी बीमारी को र्नम्न नामो से जाना जाता
इसके प्रबंर्न के र्िए फामा में अच्छा वेंटीिेशन है | Navel-ill, yolk-sac disease, mushy

बनाकर रखना चार्हए| इसके टर ीटमेंट का भी chick disease, Omphalitis.


कोई खास फायदा नहीं होता क्ोंर्क यह वायरस
बीमारी का कारण और फैलने के कारक:
व्यापक रूप से हर फामा में र्मिता है और पक्षी
की रोग प्रर्तरोर्क क्षमता यर्द कम होती है तो  यह बॅक्टीररया वातावरण में आम तौर पर
यह तेजी से फैि जाता है | फामा में बायो र्मिता है | और पानी र्मट्टी दाना सभी को
र्सक्ोररटी रखने से | इस बीमारी से काफी हद दू र्ित करता है |
तक बचा जा सकता है |  यह बॅक्टीररया मुगी के पेट में मौजूद अंडो
को भी दू र्ित कर दे ता है र्जससे मुगी के
बैक्टीररयल बीमाररयां (Bacterial Diseases)
बच्चे में पैदा होने से पहिे ही संरमण हो
1. िूज़ों में ई. कोलाई )E.coli in Chicks) जाता है |

 दू सरी तरफ यर्द मुगी में सं रमण ना हो तो


ई. कोिाई (E.coli) - एक ऐसा बेकटीररया है जो
यह बॅक्टीररया मुगी के अंडो को बाहरी
आम तौर पर मुर्गायों की आाँ तो में पाया जाता है
वातावरण में दू र्ित कर दे ता है और यह
और अर्र्कतर कोई बीमारी पैदा नही करता|
सबसे सामान्य तरीका है बीमारी फैिने का,
परं तु यह बात ध्यान दे ने योग्य है की आाँ तो में
इसर्िए मुगी के अंडो को है चरी मशीन में
र्मिने वािे ई. कोिाई में से 15% ऐसे होते हैं जो
र्वपरीत पररस्स्र्र्तयो में बीमारी पैदा करते है | ये

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रखने से पहिे अच्छी तरह र्डर्सन्फेक्टें ट से  वैसे तो माकेट में कई तरह की antibiotic

साफ कर िें| मौजूद हैं पर अंर्ार्ुन इस्ते माि से उनका


Omphalitis से बिाि: बचाव बीमारी के असर कम हो रहा है | Levofloxacin,

टर ीटमेंट से अर्र्क सरि और सस्ता तरीका होता Chloramphenicol, और Gentamycin


है | िगभग सभी प्रकार की बीमाररयों से बचाव के अच्छी कारगर antibiotic सार्बत हुई हैं |

र्िए र्नम्न तरीका िाभकारी है  1 िीटर पानी में 100mg Levofloxacin


- फामा में साफ सफाई रखना बहुत ज़रूरी होता डािें और सुबह के समय दें (3 र्दन)

है  14g CVMac 1000 चूजों पर पीने के पानी


- चूज़ो को डाइरे क्ट र्िट्टर पर ना छोडे बस्ल्क में दें

शुरू के 4 से 5 र्दनो तक न्यूज़ पेपर के उपर  1 िीटर पानी में 0.5ml सफेद र्सरका शुरू
रखें - जहााँ तक तो सके पीने के र्िए साफ और के दो र्दन (शाम को)

हल्का ठं डा (200C) पानी दें  तीसरे र्दन 1 िीटर पानी में प्रोर्बओर्टक दें
- पहिे र्दन गुड और नमक के पानी के 6 घंटे  सार् में र्वटार्मन A&E भी दें

बाद (शाम के समय) 1 िीटर पानी में 0.5ml


2. मुवगमयों में ई. कोलाई से होने िाले रोग
सफेद र्सरका (या कोई अन्य Ecomac/Acify)
(E.coli in adult birds)
दें , ऐसा रोज़ शुरू के 5 र्दन करें .
- सुबह के समय पानी में प्रोर्बओर्टक का र्मश्रण मुर्गायों में ई. कोिाई का सं रमण सबसे आम,

दें र्जसमे (Aspergilus, Sachromyces, व्यापक रूप से प्रचर्ित और आर्र्ाक रूप से

Lactobacilus और Bacillus subtilis) हों, यह महत्वपूणा है . इस बॅक्टीररया को Avian

तीसरे र्दन से सातवे र्दन तक दें . Pathogenic Escherichia coli (APEC) भी

- यर्द प्रोर्बओर्टक ना र्मिे तो 1 िीटर पानी में कहते हैं . यह एक र्दन के चूज़े )yolk sac

100ml से 150ml छाज या 50g दही र्मिकर दें infection) से िेकर व्यस्क अंडा दे ती हुई मुगी
)egg peritonitis) तक में होता है . यह सब
Omphalitis बीमारी का इलाि
बीमाररयााँ र्मिकर आर्र्ाक रूप से बडी हार्न के
र्िए र्ज़म्मेदार होती हैं . यह बॅक्टीररया र्नम्न
- पहिे दो र्दन में 100 में से 3 चूज़ो के मरने का
बीमाररयों में एक महत्वपूणा कारक के रूप में
मतिब है की इिाज की आवश्यकता है | इसके
र्िए र्नम्न दवाइयााँ इस्तेमाि करें .

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

काम करता है और इसके र्नयंत्रण से इन प्रोटीन और र्वटार्मन A, E, C और र्ज़ंक र्मिाए,

बीमाररयों पर काबू पाया जा सकता है . पानी में water sanitizer का प्रयोग करें

Colisepticemia, Coligranuloma (Hjarre’s उपिार: E.coli के इन्फेक्शन में र्सफा


Disease), Air Sac Disease (Chronic एं टीबायोर्टक ही कारगर रहती हैं | कई सारी
Respiratory Disease, CRD), Swollen-Head एं टीबायोर्टक इसमें कारगर रहती हैं जैसे
Syndrome
एनरोफ्लोक्सार्सन (1ml एक िीटर पानी में,

Ecoli काआवथमक महत्व: E.coli ना र्सर्ा इन्फेक्शन यर्द त्रीव हो तो 2ml), Restrict L 1g
मुर्गायों में बीमारी करके आर्र्ाक हार्न पहुचाता है 2 से 3 िीटर पानी में र्मिा कर दें या CVMac

बस्ल्क इससे संरर्मत मुर्गायों का मााँ स और अंडा 1g 5 र्किो बॉडी वेट पर दें |
भी मनुष्यो के र्िए हार्नकारक होता है और
3. नैकरोवटक एं टे राईवटस (Necrotic
भोजन र्विाकता जैसी बीमारी पैदा करता है .
Enteritis)
50% केसो में प्रोसेर्संग के दौरान मााँ स को
नैकरोर्टक एं टे राईर्टस मुर्गायों की आं तो में होने
ररजेक्ट र्कए जाने का यही होता है . Ecoli के
वािी एक बैक्टीररयि बीमारी है यह एक
संरमण के कारण मुर्गायों में नॉमाि मुर्गायों की
महत्वपूणा बीमारी है जो र्क 4 हफ्ते या उससे
अपेक्षा 84g मााँ स कम होता है .
अर्र्क के पर्क्षयों में दे खने को र्मिती है इस
E.coli से र्नम्न मुख्य बीमाररयााँ होती हैं
बीमारी से आं तो के अंदर बहुत तीव्र घाव हो जाते

1. Yolk Sac Infection हैं र्जसकी वजह से अचानक से मृत्यु होने िगती
2. Blood Infection (Colisepticaemia)
है | अगर इिाज ना र्कया जाए तो मोटे र्िटी
3. Egg Peritonitis
4. Coli granuloma िगभग 10% तक बढ़ जाती है यह मुख्यत

ब्रॉयिर पर्क्षयों में दे खने को र्मिती है | कई बार


बिाि के तरीके: सबसे पहिे अव्वि दजे की
यह कॉक्सीडीओर्सस के आउट ब्रेक के बाद
साफ सफाई और स्वच्छता सुर्नर्ित करें , एक
होती है | सीकि कॉक्सीडीओर्सस (Eimeria
स्र्ान पर पर्क्षयो की र्घचर्पच ना करें , सूखा र्ूि
tenella) के बाद कम आयु वािे पर्क्षयों में
भरा वातावरण ना बनने दें , फामा में पयाा प्त हवा
काफी घातक र्कस्म की एं टे राईर्टस दे खने को
का बहाव बना कर रखें , अमोर्नया बनने से रोकें,
र्मिती है |
र्िट्टर का खास ध्यान रखें क्ूंकी गीिे र्िट्टर में
E.coli आसानी से पनपता है , दाने में भरपूर

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

कारण: नैकरोर्टक एं टे राईर्टस क्लोस्टर ीर्डयम  खराब गुणवत्ता वािा MBM या र्फश

परर्फ्रनजी ंस नामक बैक्टीररया से होती है जो मीि भी इसके संरमण का स्रोत होते हैं
आम तौर पर सीका (बडी आं त) में र्मिता है |
यह सब होने के बाद भी सबसे महत्वपूणा
प्रर्तकूि स्स्र्र्तयों में यह र्बना बीमारी र्कये पडा
कारक कॉक्सीडीओर्सस का ही होता है और हर
रहता है | परन्तु जब र्कसी वजह से छोटी आं त में
आउट ब्रेक के बाद कॉक्सीडीओर्सस की भी
र्कसी कारण से पररस्स्र्र्तयां अनुकूि होती हैं तो
जां च पडताि करनी चार्हए|
यह छोटी आं त में आ जाता है और तेज़ी से बढ़ने
लक्षण: इस बीमारी की कोई खास िक्षण दे खने
िगता है बढ़ते हुए यह कुछ ज़हरीिे पदार्ा
को नहीं र्मिते कई बार फीड बदिने पर मुगी
बनाता है र्जन्हें बैक्टीररयि टोस्क्सन कहते है | यह
की बीट का रं ग बदिा हुआ र्दखता है वह या तो
टोस्क्सन आं तो की कोर्शकाओं को भयानक रूप
चॉकिेटी रं ग का हो जाता है जो हल्का हल्का
से क्षर्त पहुचाते हैं और उन्हें तोड दे ते हैं | पक्षी
िाि र्दखाई पडता है | पक्षी की भूख कम हो
दाना नहीं पचा पाता और कई बार ज़हर बढ़ने से
जाती है , वह घूमना कम कर दे ता है , दस्त
मृत्यु भी हो जाती है | दू र्ित फीड और पानी
िगते हैं , पंखों को फुिा कर बैठता है और
इसके संरमण के स्त्रोत होते हैं |
कभी-कभी मृत्यु दर भी बढ़ जाती है |
वबमारी को बढ़ािा दे ने िाले कारण:
पोस्टमाटम म: इसमें मुख्यत छोटी आं तों के बीच
 यह वह कारक है जो संरमण की तीव्रता को
वािे भाग को दे खा जाता है | वह फूिी हुई
अत्यार्र्क बढ़ा दे ते हैं |
र्दखाई दे ती है और उसमें अत्यार्र्क बदबू आती
 कॉिीडीओवसस- मुख्य रुप से शुरू में
है | आं तो के अंदर की परत भूरी/िाि )वित्र FJ)
होने वािा मध्यम संरमण|
हो जाती है और उसमें चमक नहीं
 र्नचिी आं त जब र्िट्टर या अत्यार्र्क दाने
रहती| बडी आं तो में भी यही परे शानी र्दखाई
के कारण बंद हो जाती है तब भी यह
दे ती है |
संरमण बहुत बढ़ जाता है
उपिार और बिाि: कई सारी एं टीबायोर्टक्स
 दाने का बदिना
इसमें कारगर होती है | पीने के पानी में र्नम्न
 दाने में से एं टीबायोर्टक ग्रोर् प्रमोटर को हटा
एं टीबायोर्टक चिायी जाती है Amoxycillin,
दे ने से यह बीमारी बहुत अर्र्क बढ़ जाती है
Ampicillin, Chloramphenicol,
Doxycycline, Neomycin आर्द| बचाव के

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र्िए BMD या Enramycin का इस्तेमाि फीड में सफाई की कमी, कम जगह में अर्र्क पक्षी,

करने से काफी अच्छे पररणाम र्मिते हैं | माइकोटोस्क्सन इन्फेक्शन, र्चकन इन्फेकर्शयस
कॉक्सीडीओर्सस के र्िए र्नयर्मत रूप से अनीर्मया वायरस और ररयो वायरस का सं रमण

Anticoccidial दवाइयां जैसे Salinomycin भी भी इसे बढ़ावा दे ते हैं | क्लोस्टर ीर्डयम वैक्टीररया
इस्तेमाि करर्न चार्हए| र्मट्टी, मुगी की बीट, र्ूि और संरर्मत र्िट्टर

और फीड में पाया जाता है यह स्वस्र् पर्क्षयों की


4. गैंगरीनस डमामटाईवटस (Gangrenous
आं खों में भी र्मिता है | स्टे फाइिों कोकस
Dermatitis)
बैक्टीररया हर जगह मौजूद है यहां तक र्क मुगी
गैंगरीनस डमाा टाईर्टस बीमारी में खाि की की खाि और उसके पंखों पर भी पाया जाता है |
कोर्शकाएं मरने िगती हैं और खाि सड जाती
अर्र्कतर गैंगरीनस डमाा टाईर्टस गमबोरो या
है | खाि के सार्-सार् अंदर के र्टशू यहां तक
अन्य वायरि बीमाररयां जैसे र्चकन
र्क मां सपेर्शयां भी सडने िगती हैं )वित्र
इन्फेकर्शयस अनीर्मया वायरस आर्द बीमाररयों
FK)| इस बीमारी में भी मृत्यु दर काफी बढ़
के आउट ब्रेक के बाद दे खने को र्मिती है |
जाती है ब्रॉयिर में यह बीमारी 4 हफ्ते से अर्र्क

आयु के पर्क्षयों में दे खने को र्मिती है और


उपिार और बिाि: इस बीमारी में कोई उपचार
ग्रोवर पर्क्षयों में यह 16 से 19 हफ्ते के बीच कारगर नहीं है र्फर भी कुछ एं टीबायोर्टक्स दी
दे खने को र्मिती है इसमें मोटे र्िटी 60% तक जाती है की ऊपर नैकरोर्टक एं टे राईर्टस के
संभव है | उपचार में बतायीं गयी है | पानी में एसीडीफायर
का उप्योग करें | जेंटामार्यर्सन के इं जेक्शन कभी
कारण: इस बीमारी के र्िए कई बैक्टीररया
कभी काफी कारगर र्सि होते हैं | बचाव के र्िए
र्जम्मेदार होते हैं जैसे क्लोस्टर ीर्डयम, स्टे फाइिों
फामा में र्घचर्पच न होने दें | गमबोरो के र्िए
कोकस और ई. कोिाई| यह या तो अकेिे में
वैक्सीन िगायें| मुर्गायों को घाव िगने से बचाएाँ |
संरमण करते हैं या र्फर सब सार् में र्मिकर
दाने में नमक की मात्रा न बढ़ने दें न घटने दें | मरे
करते हैं | गैंगरीनस डमाा टाईर्टस होने की
हुए पर्क्षयों को जल्दी से जल्दी फामा में से हटा दें |
संभावना तब अर्र्क होती है जब पक्षी र्कसी रोग
सार् सफाई का ख्याि रखें और दाने में संतुर्ित
प्रर्तरोर्क क्षमता कम करने वािी बीमारी से
पोिण दें |
ग्रर्सत हो जैसे गम्बोरो| दू सरे कारक जैसे साफ

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5. इन्फैकवशयस कोराइज़ा (Infectious है किगी सूज जाती है और सां स िेने में अत्यंत

Coryza) कर्ठनाई महसू स होती है | पक्षी दाना खाना कम


कर दे ता है र्जससे वृस्ि दर कम हो जाती है और
इसे फाउि कोराइज़ा भी कहते हैं जो मुर्गायों में
FCR बढ़ जाता है |
अचानक से काफी तीव्र र्कस्म का संरमण

करने की क्षमता रखता है | यह संरमण सां स िेने पोस्टमाटम म: चेहरे की खाि के नीचे पानी भरने
के तंत्र में होता है र्जसमें पक्षी का मुंह सू ज जाता से सूजन आ जाती है )वित्र FL) और किगी भी

है और उसकी आं खों और नाक से पानी जैसा फूि जाती है | नर्ुनों में बिगम भरा र्मिता है
द्रव ररसने िगता है | इसमें सबसे बडा आर्र्ाक और आं खों के आसपास की जगह सूजी हुई

नुकसान पर्क्षयों की वृस्ि दर कम होने से और नजर आती है | सााँ स िेने की निी भी प्रभार्वत
अंडों का उत्पादन 40% तक कम होने से होता होती है और उसमें बिगम र्दखाई दे ता है |

है | यह ब्रॉयिर और िेयर मुर्गायों में समान रूप


उपिार और वनयंत्रण: चेहरे की सूजन से इस
से पाया जाता है और हर आयु के पक्षी इससे
बीमारी का अंदाजा िगाया जाता है कई प्रकार
प्रभार्वत होते हैं |
की एं टीबायोर्टक इस बीमारी में इस्तेमाि होती

यह र्हमोर्फिस पैरागैिीनरम नामक बैक्टीररया हैं जैसे सल्फा एं टीबायोर्टक, टे टरासाइस्क्लन


से होता है जो र्क काफी सं वेदनशीि बैक्टीररया एनरोफ्लोक्सार्सन| प्रबंर्न तकनीकों को सही

है मुगी के शरीर के बाहर तु रंत मर जाता है | यह कर के इस बीमारी को आने से रोका जा सकता

बीमारी पीने के पानी से फैिती है जोर्क सं रर्मत है अच्छा बायो र्सक्ोररटी प्रोग्राम, साफ सफाई
मुगी के कारण दू र्ित हो जाता है | कुछ दू री तक और अवां र्छत व्यस्क्तयों का आना-जाना रोककर

यह बीमारी हवा से भी फैि सकती है जब मुगी इस बीमारी से मुस्क्त पाई जा सकती है आजकि
छींकती है तब यह जीवाणु हवा में चिे जाते हैं | इस बीमारी के र्िए वैक्सीन का उपयोग जाने

िगा है | र्जसके पररणाम दू सरे साफ-सफाई के


लक्षण: सबसे पहिे िक्षण छींकने के र्दखाई
कारकों पर और पक्षी की रोग प्रर्तरोर्क क्षमता
पडते हैं उसके बाद आं ख और नाक से
पर र्नभार करते हैं | यह कहा जाता है की फामा
र्िसर्िसा पदार्ा र्नकिने िगता है और र्फर
में पूरा फ्लॉक एक सार् बाहर र्नकािें अिग-
मुगी का मुंह सू ज जाता है | अत्यंत तीव्र केसो में
अिग आयु की मुर्गायां होने से फामा में यह
आं खों के ऊपर की र्झल्ली संरर्मत हो जाती
बीमारी हमेशा बरकरार रहती है |

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6. पुलोरम बीमारी (Pullorum Disease) चूज़े अंडों के कवच में ही मर जाते हैं या उनकी

मृत्यु कवच से र्नकिने के तुरंत बाद हो जाती


पुिोरम बीमारी अत्यार्र्क तेजी से फैिने वािी
है | जो चूज़े बीमार होते हैं वो आपस में र्चपकने
बैक्टीररयि बीमारी है जो सं रर्मत अंडो द्वारा
िगते हैं (huddling) और एक दू सरे के ऊपर
चूजों में आ जाती है | इसमें मुख्यता पर्क्षयों में
चढ़ने िगते हैं | सां स िेने में कर्ठनाई होती है
खून का संरमण होता है और छोटे चूजों में
और वह दाना नहीं ग्रहण करते | ऐसे चूज़ों की
सफेद दस्त र्दखाई पडते हैं |
बीट सफेद रं ग की र्चपर्चपी बीट होती है जो

कारण: इस बीमारी का कारण साल्मोनेिा उनके वेंट पर र्चपकी रहती है )वित्र FM) इसे

पुिोरम नामक बैक्टीररया होता है | इस बीमारी से सफेद दस्त कहते हैं | कभी-कभी चूजे मुंह

मृत्यु पहिे 2 से 3 हफ्ते की आयु मैं दे खने को खोिकर सां स िेते हैं और उसके बाद मर जाते

र्मिती है | इस बीमारी के फैिने का का सबसे हैं | सबसे अर्र्क मोटे र्िटी 14 से 21 र्दन के

महत्वपूणा कारण िवटम कल टर ांसवमशन होता है बीच में र्दखाई दे ती है | और कई बार मोटे र्िटी

र्जसका मतिब है संरर्मत ब्रीडर मुगी से उसके सौ प्रर्तशत तक पहुं च जाती है | बडी

अंडों द्वारा र्नकािे गए चूजों में भी सं रमण हो मुर्गायों गदा न झुका कर बैठी रहती हैं , इनकी

जाता है | संरर्मत चूजे इस बीमारी को दू सरे किगी र्सकुड जाती है और पंख फूिे हुए

स्वस्र् चूजों में फैिा दे ते हैं | संरर्मत चूजे अपनी र्दखाई दे ते हैं | अंडों का कम उत्पादन इस

बीट में इस बैक्टीररया को र्नकािते रहते हैं बीमारी का सबसे बडा िक्षण है जो बडी मुर्गायों

र्जससे यह फॉमा में आने के बाद अन्य चूज़ों को में र्दखाई दे ता है परं तु यह बीमारी बडी मुर्गायों

बीमार करते हैं | संरर्मत बीट, पानी और र्िट्टर को कम ही प्रभार्वत करती है |

भी इस बैक्टीररया के स्रोत होते हैं | फामा में काम


पोस्टमाटम म: छोटे चूजों में ज़दी संरर्मत होती है
करने वािे , फीड डीिर, मुगी उठाने वािे इसे
र्जस कारण से अवशोर्ित नहीं हो पाती| इनके
एक फामा से दू सरे फामा तक िे जाने में सहयोग
फेफडे भी िाि र्दखाई पडते हैं और िीवर फूि
करते हैं |
कर बडा हो जाता है र्जस पर खून के र्ब्बे

लक्षण: पुिोरम बीमारी मुख्यत चूज़ों में होती है र्दखाई दे ते हैं | जो चूज़े िक्षण र्दखाने के एक या

यह 3 हफ्ते तक के चूज़ों में दे खी जाती दो र्दन बाद मर जाते हैं उनके अंदर बडी आं त

है | इसका सबसे पहिा िक्षण यह होता है की में सूजन और िािी र्दखाई दे ती है | यह फूि

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जाती है और सख्त हो जाती है | ऐसे चूज़ों में होता| र्वर्भन्न अंगों में इसकी वृस्ि दर बहुत

िीवर र्दि फेफडे और र्गजाडा के ऊपर छोटे र्ीमी होती है इसर्िए आम एं टीबायोर्टक इस पर
छोटे सफेद र्ब्बे र्दखाई पडते हैं | अंडा दे ने वािी काम नहीं करती| सभी वायु कोि इस से ग्रर्सत

मुगीया जब इससे ग्रर्सत होती हैं तो उनके अंदर हो जाते हैं और सफेद (दू र् जैसा रं ग हो जाता है )
अंडा दे ने वािे अंग सामान्य नहीं र्दखाई नजर आने िगते हैं र्जनमें बिगम भरा र्मिता

पडते | जदी का रं ग फीका पड जाता है और वह है | अर्र्क बढ़ी हुई बीमारी में यह बिगम पीिे
र्वकर्सत नहीं हो पाती| रं ग के र्चपर्चपे पदार्ा में बदि जाता है |

उपिार और वनयंत्रण: यर्द चूज़ों में अत्यार्र्क माइकोप्लाज्मा के सं रमण को रॉर्नक

मोटे र्िटी र्दखाई दे तो ब्रीडर पर्क्षयों की जां च रे स्स्परे टरी डीज़ीज़ या CRD भी कहते
करना अर्नवाया हो जाता है और जो जां च में हैं | माइकोप्लाज्मा गैिीसेर्िकम का संरमण

पॉर्जर्टव पाए जाए उन्हें ब्रीर्डं ग से हटा दे ना ब्रॉयिर और िेयर दोनों पर्क्षयों में महत्वपूणा
चार्हए| साफ सफाई का खास ख्याि रखें | और है | हािां र्क यह बीमारी अर्र्क मोटे र्िटी नहीं

उपचार के र्िए कोई उपयु क्त एं टीबायोर्टक करती परं तु इस का आर्र्ा क महत्व बहुत
इस्तेमाि करें | इसमें है | इससे अंडा दे ने वािी मुगीया प्रभार्वत होती हैं

र्सफेिोस्पोररन एं टीबायोर्टक अच्छा काम र्जस कारण से वह अपनी पूरे जीवनकाि में 20
करती हैं | अंडे कम दे ती हैं | यह साल्मोनेिा की तरह अंडे

द्वारा चूज़ों में पहुं चती है | हमारे दे श में यह बीमारी


माइकोप्लाज्मा (Mycoplasmal Diseases)
एक गहन समस्ा बनी हुई है |

1. रोवनक रे स्स्परे टरी डीज़ीज़ (Chronic


इस बीमारी में सां स िेने में अर्नयर्मत आवाज़
Respiratory Disease - CRD)
आती हैं , खां सी होती है और खर खर की

माइकोप्लाज्मा गैिीसेर्िकम सां स िेने के तंत्र को आवाज़ भी सुनाई दे ती है , नाक से द्रव बहता है

प्रभार्वत करता है इसका सं रमण मुख्यतः वायु और र्ीरे -र्ीरे यह बीमारी एक र्वकराि रूप

कोशो (airsacs) में होता है जहां पर यह पाया र्ारण कर िेती है र्जसे CCRD या कंप्लीकेर्टड

जाता है | माइकोप्लाज्मा बैक्टीररया जैसा होता है CRD कहते हैं इस एयर से ट डीज़ीज़ भी कहा

परं तु बैक्टीररया नहीं होता क्ोंर्क इस जाता है | कई बार ईकोिाई माइकोप्लाज्मा के

पर बैक्टीररया में पाया जाने वािा कवच नहीं संरमण को और बढ़ा दे ती है |

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फैलने के कारण: ब्रीर्डं ग अंडों का संरमण इस पोस्टमाटम म: पोस्टमाटा म करने पर सां स िेने की

बीमारी के फैिने का सबसे महत्वपूणा कारण निी और वायु कोशों में पीिे रं ग का र्चपर्चपा
है | कैररयर मुर्गायां इस बीमारी को फैिाती पदार्ा दे खने को र्मिता है )वित्र FN) | फेफडों

हैं | संरर्मत मुर्गायों से सीर्ा संपका भी इस में र्नमोर्नया के िक्षण भी र्दखाई दे ते


बीमारी के आउट ब्रेक्स के र्िए र्जम्मेदार होता हैं | अत्यार्र्क गहन बीमारी में र्दि, िीवर और

है | संरर्मत, र्ूि, पंख आर्द भी हवा के सार् उड वायु कोशो के ऊपर एक सफेद रं ग की र्झल्ली
कर स्वस्र् मुर्गायों में बीमारी को फैिाते हैं | फामा बन जाती है र्जसे CRD कहां जाता है | िैब में

में आने जाने वािे व्यस्क्त भी इस बीमारी के माइकोप्लाज्मा का पता िगाना बहुत कर्ठन
कायावाहक बन जाते हैं | होता है |

लक्षण: पूरी तरह से बढ़ी हुई मुर्गायों में सां स िेने उपिार और वनयंत्रण: कई सारी एं टीबायोर्टक

में आवाज आती है नाक से र्िसर्िसा द्रव माइकोप्लाज्मा के ऊपर काम करती हैं जैसे
र्नकिता है ,छींक और खां सी उठती है , मुंह स्टर े िोमाइर्सन, ऑक्सी टे टरासाइस्क्लन, टाईमूर्टन,

खोिकर सां स िेती हैं दाना खाना कम कर दे ती जेंटामाइर्सन, टाईिोर्सन आर्द| उपचार इस
है और वज़न घटने िगता है )वित्र FO)| अंडा बीमारी में काफी कारगर र्सि होते हैं और समय

दे ने वािी मुगी में अंडों का उत्पादन घट जाता से उपचार ही नुकसान से बचा सकता है | जैसा
है और सर्दा यों में यह मुर्गायां ज्यादा प्रभार्वत र्क हम जानते हैं यह सू क्ष्मजीव अन्डो द्वारा मुगी

होती हैं | नए चूजों में खडखड की आवाज़, के चूजों में आता है तो ब्रीडर फॉमा में बीमारी की
छींकना और सां स िेने में तकिीफ होना इस रोकर्ाम काफी फायदा पहुं चाती है |

बीमारी के िक्षण होते हैं | ब्राइिसा में यह बीमारी


फंगल बीमाररयााँ (Fungal Disease)
मुख्यता 4 से 8 हफ्तों की आयु में नजर आती है |

जैसा र्क बताया गया इस बीमारी के िक्षण अन्य 1. एस्परविलोवसस (Aspergilosis)


बीमारी करने वािे बैक्टीररया पर र्नभार करते

है | यर्द ईकोिाई और अन्य बैक्टीररया एस्परर्जिस एक प्रकार की फंगस होती है

माइकोप्लाज्मा के सार् सं रमण ना करें तो इस र्जससे मुर्गायों के छोटे चूज़ों में ब्रूडर

बीमारी में कोई खास िक्षण नहीं र्दखाई दे ते| र्नमोर्नया नामक बीमारी होती है यह बीमारी
सां स िेने के तंत्र को प्रभार्वत करती है और उन
फामों में पाई जाती है जहां पर साफ सफाई का

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ध्यान नहीं रखा जाता| नए पैदा हुए चूज़े इस (वित्र FP) क्ोंर्क उनकी सां स िेने की निी में

बीमारी के र्िए बहुत संवेदनशीि होते हैं | र्कसी स्पोर द्वारा बार्ा उत्पन्न हो जाती है |
भी तरह का तनाव जैसे ठं ड अर्र्क अमोर्नया
पोस्टमाटम म: पोस्टमाटा म करने पर फेफडे सबसे
र्ूि भरा पयाा वरण इस बीमारी की तीव्रता को
अर्र्क प्रभार्वत र्दखाई दे ते हैं र्जनके अं दर छोटे
बढ़ा दे ते हैं |
छोटे , सख्त, पीिे रं ग के दाने पाए जाते हैं | कई
कारण: इस बीमारी का कारण एस्परर्जिस केसों में यह दाने बहुत कम होते हैं और कई में

फूर्मगेटस नामक फंगस होती है | यह संरर्मत यह 100 से भी अर्र्क हो सकते हैं | यह दाने
पोल्ट्र ी र्िट्टर में पाई जाती है | चूज़े इससे पहिे सां स िेने की निी और वायु कोशो में भी र्दखाई

र्दन ही संरर्मत हो जाते हैं इसर्िए इसे ब्रूडर दे ते हैं |


र्नमोर्नया कहते हैं |
उपिार और वनयंत्रण: वातावरण में साफ
फैलना: यह बीमारी एस्परर्जिस से सफाई और पयाा प्त वेंटीिेशन प्रदान करने के

संरर्मत हवा में सां स िेने से होती अिावा कोई उपचार मौजूद नहीं है | कुछ हद
है | एस्परर्जिस छोटे -छोटे स्पोर बनाता है यह तक पानी में एसीडीफायर का इस्तेमाि कारगर

स्पोर वातावरण को दू र्ित करते हैं | स्पोर एक होता है | यर्द बीमारी फामा में दे खी जाए तो तुरंत
तरह से फंगस के अंडे होते हैं जो की हवा में र्िट्टर को बदिें और नए र्िट्टर पर र्कसी अच्छे

फैि जाते हैं | इनके ऊपर एक सख्त कवच होता र्डसइन्फेक्टें ट जैसे Virkon S से स्प्रे करें उसके

है र्जसके कारण इन्हें खत्म करना बहुत मुस्िि बाद उस पर अखबार र्बछाएं और र्फर चूज़ों को
होता है | यर्द पयाा प्त सावर्ार्नयां ना बरती जाएं दोबारा छोडें पोल्ट्र ी फामा के अन्य उपकरण भी

तो गीिे र्िट्टर में यह फंगस तेजी से बढ़ती है र्डसइन्फेक्टें ट से र्ो िेने चार्हए या र्फर र्जन्हें
और अत्यार्र्क स्पोर गीिे िीटर में छोड दे ती र्ोया नहीं जा सकता उन पर स्प्रे कर दे ना

है | बाद में यह र्िट्टर सूखने पर वातावरण में इन चार्हए| कॉपर सिफेट का स्प्रे भी कारगर रहता
स्पोर को छोड दे ता है | है र्जसे 20ग्राम कॉपर सिफेट 1 िीटर पानी में

र्मिकर बनाया जाता है | यह चूज़ों की नहीं


लक्षण: इस बीमारी के मुख्य िक्षण चूज़े में
र्पिाना चार्हए|
र्दखाई दे ते हैं उन्हें सां स िेने में परे शानी होती है
और मुंह खोिकर सां स िेने की कोर्शश करते हैं

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

2. अफ्लाटोिीकोवसस  इसके संरमण से पक्षी दाना खाना कम कर

(Aflatoxicosis) दे ता है
 FCR बढ़ जाता है
 अंडा उत्पादन बुरी तरह से प्रभार्वत होता है
कई प्रकार की फंगस जब र्कसी खाद्य पदार्ा को
 ब्रीडर मुर्गायों में अंडों में बच्चे र्नकिने कम
प्रदू र्ित करती हैं तो वह उन पर बढ़ने िगती हैं हो जाते हैं |
बढ़ते हुए वह कई प्रकार के रासायर्नक तत्व  शरीर की रोग प्रर्तरोर्क क्षमता बहुत घट
बनाती हैं जो उनके आसपास के वातावरण में जाती है और अन्य बीमाररयां बढ़ने िगती हैं
 अंडे का आकार ज़दी का वज़न कम हो
फैि जाते हैं | इनमें से कुछ तत्व पर्क्षयों के र्िए
जाता है
ज़हरीिे होते हैं र्जन्हें माइकोटॉस्क्सन या फंगि  10 ppb या उससे भी कम मात्रा में यह
टॉस्क्सन कहा जाता है इन सब में सबसे ब्रॉयिर पर्क्षयों को बुरी तरह प्रभार्वत करता
है |
महत्वपूणा अफ्लाटॉस्क्सन होता है जो पोल्ट्र ी के

र्िए हार्नकारक होता है | अफ्लाटॉस्क्सन दु र्नया लक्षण: बढ़ती हुई मुर्गायों में इससे वृस्ि दर कम

में पाए जाने वािे बेहद जहरीिे रसायर्नक पदार्ा हो जाती है और FCR बढ़ जाता है | संरमण वािे

के रूप में जाना जाता है जो एस्परर्जिस रोगों के र्िए पक्षी की प्रर्तरोर्क क्षमता घट

पैरार्सटीकस नामक फंगस से र्नकिता है | यह जाती है जैसा कौकसी गमबोरो में दे खने को

फंगस अफ्लाटॉस्क्सन को गरम और अर्र्क र्मिता है | प्रभार्वत मुगी का अंडा उत्पादन भी

आद्रता वािे वातावरण में बनाती कम हो जाता है

है | अफ्लाटॉस्क्सन काफी सख्त पदार्ा होते हैं


पोस्टमाटम म: िीवर अत्यार्र्क बढ़ा हुआ नजर
और वातावरण की प्रर्तकूि स्स्र्र्तयों में भी
आता है , या पीिा हो जाता है )वित्र FQ) और
खराब नहीं होते | इसीर्िए अफ्लाटॉस्क्सन की
आसानी से टू टने िगता है | छोटी रक्त र्शराएं
र्दक्कत अर्र्कतर उष्णकर्टबंर्ीय दे शों में पाई
टू टने िगती हैं र्जससे खून बाहर आ जाता है
जाती है | कम आयु के पक्षी इसके र्िए अर्र्क
और जां घों और छाती की मां सपेशी पर खून के
संवेदनशीि होते हैं |
र्ब्बे नजर आते हैं |

अफ्लाटॉस्िन के नुकसान पहुंिाने िाले


उपिार और बिाि: यर्द फ्लॉक में
प्रभाि
अफ्लाटोक्सीकोर्सस का शक हो तो फीड को

 यह वृस्ि दर को प्रभार्वत करता है जां च के र्िए िैब में भेजना चार्हए| दू र्ित फीड

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

को जल्दी से जल्दी हटा दे ना चार्हए| 2 महीने से गोिकृर्म कीडे (Ascaridia galli) )वित्र FR)

अर्र्क रखा हुआ फीड इस्तेमाि करने से बचना मुगी पािन में बहुत महत्वपू णा होते हैं | यह छोटी
चार्हए| प्रोटीन की मात्रा राशन में बढ़ा दे नी आयु की मुर्गायों में सं रमण करते हैं र्जस कारण

चार्हए| मेर्र्योनीन की मात्रा बढ़ाने से भी बहुत से वजन र्गरता है और वृस्ि दर का कम हो


फायदा र्मिता है | र्िवर टॉर्नक दे ते रहना जाती है और बीमाररयों का बढ़ना दे खा जाता है

चार्हए और र्वटार्मन ई और सेिेर्नयम को बढ़ा एं टे राईर्टस की र्शकायत बढ़ जाती है | पक्षी दाना
दे ना चार्हए| खाना कम कर दे ता है | पेट के कीडों के र्िए

र्पपराज़ीन नामक दवाई दी जाती है | इस दवाई


 सार् और नया फीड खरीदना चार्हए
को पानी के ज़ररये एक बार र्दया जाता है | केज
 र्जस फीड में फंगस र्दखाई दे उसे इस्तेमाि
नहीं करना चार्हए में पिने वािी मुर्गायों में यह दे खने को नहीं
 मक्का के अंदर नमी %12से कम होनी र्मिते | र्वटार्मन ए और बी कॉन्क्प्लेक्स की कमी
चार्हए|
से पेट के कीडों का प्रभाव और भी गहन हो
 मक्का को हमेशा खुिी र्ूप में सुखाना
चार्हए | जाता है | मुर्गायों के फामा से र्नकािे जाने पर
 फीड को र्कसी हवादार स्र्ान पर रखना र्िट्टर को अच्छे से साफ कर दे ना चार्हए और
चार्हए र्बल्कुि बंद स्टोर में सीिन आने से
नई चूज़े आने से पहिे नया र्िट्टर र्बछाना
माइकोटॉस्क्सन पैदा होने की संभावना बढ़
चार्हए| फामा में अर्र्क र्घच र्पच नहीं होनी
जाती है |
 माइकोटॉस्क्सन से बचने का सबसे आसान चार्हए|
और कारगर तरीका माइकोटॉस्क्सन बाइं डर
का उपयोग करना होता है | 2. कॉिीडीओवसस (Coccidiosis)

परिीिी (Parasites)
यह मुर्गायों की एक प्रमुख और महत्वपूणा बीमारी
है | हमारे दे श में यह काफी सीररयस स्स्र्र्त और
आम तौर पर ब्रॉयिर में परजीर्वयों की र्दक्कत
बडे आर्र्ाक नुकसान के र्िए र्जम्मेदार है | यह
नहीं आती है | परन्तु कभी कभी र्िट्टर खाने से
बीमारी मुख्यत बरसात के मौसम में नजर आती
परजीर्वयों के अंडे पेट में चिे जाते हैं र्जससे
है र्जसमें बीट में खून आने िगता है और
नुकसान होने की सम्भावना बढ़ जाती है |
मोटे र्िटी बहुत बढ़ जाती है | यह मुख्यत कम
1. गोलकृवम कीडे )Ascaridia galli) आयु वािे पर्क्षयों की बीमारी है जो पक्षी बच जाते
हैं उनके अंदर इसके प्रर्त प्रर्तरोर्क क्षमता

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

उत्पन्न हो जाती है और वह दोबारा इस बीमारी से है | र्सकि कॉक्सीडीओर्सस की यह प्रजार्त

प्रभार्वत नहीं होते | ब्रॉयिर पर्क्षयों में यह सबसे अर्र्क नुकसानदे ह मानी जाती
अत्यार्र्क मोटे र्िटी कर दे ती है | इसके आउट है | सबसे अर्र्क मोटे र्िटी सं रमण के छठे

ब्रेक 21 से 42 र्दन की आयु के दौरान दे खने को र्दन दे खी जाती है |


र्मिते हैं | b. इन्ट् सटाईनल कॉिीडीओवसस: )वित्र

FT) यह आईमेररया र्नकार्टर क्स से होती


यह बीमारी मुख्यत संरर्मत ऊर्सस्ट (Oocyst)
है | इसमें मुगी का वजन अत्यार्र्क बढ़ जाता
खाने से होती है | ऊर्सस्ट कॉक्सीडीया के अंडे
है और बडी मात्रा में मुर्गायां बीमार र्दखने
होते हैं जो मुगी की बीट में बाहर आते हैं | यह
िगती हैं | कभी-कभी मोटे र्िटी बहुत अर्र्क
ऊर्सस्ट बीट में बाहर आकर र्िट्टर पर पडे रहते
हो जाती है | यह मुख्यत बडी आयु की
हैं और महीनों या सािों भी खराब नहीं होते | जब
मुर्गायों में दे खने को र्मिता है | मुगी की बीट
इन्हें अनुकूि स्स्र्र्त र्मिती है तो यह सरीय
में खून आता है और र्टने ल्ला की तरह यह
होकर संरमण कर दे ते हैं | फामा में काम करने
भी बहुत नुकसान दे प्रजार्त है |
वािे व्यस्क्त, चूहे, संरर्मत उपकरण, अन्य
पक्षी और र्ूि इसे एक एक फामा से दू सरे फामा पोस्टमाटम म: र्सकि कॉक्सीडीओर्सस में

में जाने तक सहयोग करते हैं | यह र्कसी तरह के सीका बहुत बडा हो जाता है और उसके अंदर
भी र्डसइन्फेकटें ट से नहीं मरते | खून भरा हुआ र्मिता है |

इन्ट् सटाईनि कॉक्सीडीओर्सस छोटी आं त के


लक्षण: कॉक्सीडीओर्सस दो रूपों में पाया जाता
बीच वािे भाग में फूिा हुआ र्दखाई दे ता है यह
है
अपने सामान्य आकार से दु गना हो जाता है और
1. र्सकि कॉक्सीडीओर्सस
गुब्बारे की तरह फूि जाता है र्जसके अंदर खून
2. इन्ट् सटाईनि कॉक्सीडीओर्सस
भी भरा हो सकता है | बीट में खून आना

a. वसकल कॉिीडीओवसस: )वित्र FS) यह कॉक्सीडीओर्सस के सबसे प्रमुख िक्षणों में से

आईमेररया र्टनेल्ला से होता है र्जसके अंदर एक है परं तु इस बात का पता िगा िेना चार्हए

पेट में बडी आं त में घाव हो जाते हैं और खून र्क यह र्कस प्रकार का कॉक्सीडीओर्सस है |

आता है | मोटे र्िटी बहुत अर्र्क होती है और


उपिार हे तु कई अच्छे उत्पाद इसके र्िए मौजूद
वृस्ि दर कम हो जाती है | पक्षी सूखने िगता
हैं जैसे अम्प्रोिीयम या सल्फा डरग्स| इस बीमारी

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से बचाव के र्िए एं टीकोक्सीर्डयि दवाइयां की कुछ मात्रा सामान्य मानी जाती है | पोस्टमाटा म

फीड में र्मिाई जाती हैं इसमें salinomycin, के दौरान गाउट के केसों में र्कडनी फूिी हुई
maduramycin, और monensin इस्तेमाि र्मिती है और उसके ऊपर सफेद नमक जैसे

करते हैं | अच्छी साफ-सफाई रखने से भी इस कण होते हैं | र्कसी कारण से जब र्कडनी खून
बीमारी से मुस्क्त पाई जाती है | को र्फल्ट्र करना कम कर दे ती है तो यूररक

एर्सड खून में बढ़ने िगता है जैसे यर्द पानी की


पोिण सम्बन्धी र्बमाररया )Nutritional
गुणवत्ता अच्छी ना हो या मुर्गायों के र्िए पयाा प्त
Disease)
पानी उपिब्ध ना हो तो ऐसे में र्फल्ट्र े शन कम हो

पोल्ट्र ी पोिण र्वज्ञान में र्वटार्मन पोिण की एक जाता है और गाउट उत्पन्न हो जाती है | अच्छी

अहम भूर्मका है | र्वर्भन्न पशु पोिण एजेंर्सयों ने गुणवत्ता और स्वाद वािा पानी मुर्गायों को दे ना

फीड में र्वटार्मन की मात्रा को र्नर्ाा ररत र्कया चार्हए यर्द गाउट की समस्ा फामा में र्दखे तो

हुआ है और पोल्ट्र ी का फीड इसी आर्ार पर र्वटार्मन ए और सोडे के इस्तेमाि से फायदा

बनाया जाता है परं तु र्फर भी कई बार अिग- र्मिता है |

अिग र्वटार्मनों की कमी के कारण र्वर्भन्न


2. विटावमन ए (Vitamin A)
बीमाररयां उत्पन्न हो जाती हैं | यहां हम र्वटार्मन
की कमी से होने वािी बीमाररयों के िक्षणों पर र्वटार्मन ए की कमी के कारण पशु दाना खाना

चचाा करें गे| कम कर दे ता है वृस्ि दर कम हो जाती है पंख

अर्र्क झडते हैं खाि रूखी होने िगती है और


1. गाउट )Gout) )वित्र FG)
कमजोरी आती है | इसकी कमी से रोग

अत्यार्र्क काम करने के कारण जब र्कडनी प्रर्तरोर्क क्षमता भी घट जाती है अंडा दे ने वािी

खून को र्फल्ट्र करने के अपने महत्वपूणा काम मुगी में अंडे के अंदर खून आने िगता

में कमी र्दखाने िगे तब गाउट की समस्ा पै दा है | पोस्टमाटा म करने पर खाने की निी के अंदर

होती है | इसमें शरीर के र्वर्भन्न अंगों पर यूररक छोटे छोटे सफेद दाने र्दखाई पडते हैं | फीड के

एर्सड जमा होने िगता है | पर्क्षयों के शरीर में अंदर 10,000IU र्वटार्मन ए दे ने से इसकी

िीवर के अं दर इस्तेमाि ना होने वािे प्रोटीन को कमी को दू र र्कया जा सकता है वरना पानी के

तोडा जाता है र्जससे यूररक एर्सड बनता अंदर प्रर्त पक्षी 200 से 500IU र्वटार्मन दे ना

है | खून के अंदर खून के अं दर यूररक एर्सड पयाा प्त रहता है |

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3. विटावमन इ (Vitamin E) कॉक्सीडीओर्सस की स्स्र्र्त में र्वटार्मन के कम

हो जाता है और बाहर से दे ना पडता है |


यह एक बहुत ही महत्वपूणा र्वटार्मन है जो र्क

एं टीऑक्सीडें ट होता है | यह मुख्य रूप से 5. विटावमन डी (Vitamin D)


बीमाररयों से िडने की क्षमता को बढ़ाता है
र्वटार्मन डी की कमी से िंगडे पन की र्दक्कत
इसीर्िए वैक्सीन िगाने से पहिे और बाद में
आती है और कैस्शशयम सही ढं ग से खून में
र्वटार्मन ई को र्दया जाता है | इसकी कमी से
अवशोर्ित नहीं हो पाता इस स्स्र्र्त को ररकेट् स
मुर्गायों में तीन तरह की अवस्र्ा दे खी जाती हैं (1)
कहा जाता है | बढ़ते हुए ब्रॉयिर की र्वटार्मन डी
encephalomalacia (crazy chick disease)
की मां ग अर्र्क होती है क्ोंर्क यह र्ूप ना होने
)वित्र FU), (2) exudative diathesis, and (3)
के कारण शरीर में नहीं बन पाता|
nutritional muscular dystrophy

6. राइबोफ्लेविन-B2- (Riboflavin)
पहिी पररस्स्र्र्त में र्दमागी िक्षण र्दखाई दे ते हैं

र्जसमें चूजा अस्स्र्र हो जाता है और यहां वहां इस र्वटार्मन की कमी से चूज़ों में किा टो (curl
र्गरता रहता है कुछ पक्षी अपने पैर खोिकर toe) )वित्र FV) नाम की बीमारी हो जाती है
बैठ जाते हैं और खडे नहीं हो पाते यह अवस्र्ा र्जसमें टां गों की नस को िकवा मार जाता है
दो से तीन हफ्तों के चूजों में र्दखाई दे ती र्जससे चूजे के पंजे मुट्ठी की तरह मुड जाते हैं
है | दू सरी स्स्र्र्त में मां सपेर्शयों के अं दर से पानी अगर इस र्वटार्मन की अत्यार्र्क कमी हो तो
ररसने िगता है और तीसरी स्स्र्र्त में चूज़ा कोई भी िक्षण र्दखाने से पहिे ही मर
मां सपेर्शयां र्सकुडने िगती हैं | ऐसे में 50IU जाता है यर्द कमी बहुत अर्र्क नहीं है तो चूज़ा
र्वटार्मन इ प्रर्त र्किो फीड में र्मिाना चार्हए| अपनी एडी के बि बैठा हुआ र्मिता है र्जसमें

उसके पंजे र्ोडे मुडे हुए र्दखाई दे ते हैं पैरों में


4. विटावमन के (Vitamin K)
अत्यार्र्क कमजोरी होती है |

र्वटार्मन के की कमी अर्र्कतर पर्क्षयों में नहीं


7. बायोवटन (Biotin)
दे खी जाती क्ोंर्क बडी आं त में पाए जाने वािे

बैक्टीररया र्वटार्मन को बनाते रहते हैं जो र्क बायोर्टन कई सारे एं जाइम्स को सुचारु रुप से
खून में अवशोर्ित हो जाता है परं तु चिाने के र्िए शरीर में इस्तेमाि होता है इसकी

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कमी से डमेटाइर्टस नामक बीमारी होती है

र्जसमें शरीर की खाि रूखी हो जाती है )वित्र


FW) और कोर्शकाएं सूखकर झडने िगती

है | दू सरी अवस्र्ा कोंडरो र्डस्टर ॉफी की होती है


र्जसमें शरीर की िंबी हर्ियां पूणा रूप से

र्वकर्सत नहीं हो पाती और छोटी रह जाती हैं


जोड सूज जाते हैं और हर्ियां टे ढ़ी-मेढ़ी हो जाती

हैं तीसरी अवस्र्ा में फैटी िीवर और र्कडनी


की बीमारी होती है और मरी हुई मुगी में

पोस्टमाटा म करने पर सफेद रं ग का िीवर


र्दखाई पडता है |

 वकसी को हक़ नही ं की िो िानिर के िेहरे पर


वनशानी लगाये

 लडाई झगडो से बिो के ये वदलों को बीमार कर

दे ती है और वदलों में वनफाक़ (पाखं ड) की खे ती

उगाती है

- हज़रत मु हम्मद )सo)

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12. मुवगमयों में गवममयों के मौसम में हीट र्दया जाता है | इसके र्िए मुगी मुह खोि कर

तेज़ी से सां स िेती है र्जसे पैं र्टं ग (Panting)


स्टरै स प्रबंधन
कहते हैं यह शरीर से गमी र्नकािने का मुख्य

हीट स्टर ै स मुर्गायों में एक प्रबंर्न र्वफिता का तरीका है | सार् ही शरीर के उपर से बहने वािी
उदाहरण है | इससे कार्ी आर्र्ाक हार्न होती है | हवा भी शरीर से गमी को उडा िेती है और

वातावरण में जब गमी बढ़ती है तो उसके सार् अंदरूनी तंत्र र्रयायो में antioxidants भी
सार् आद्रता भी बढ़ती है जो हीट स्टर ै स को और अच्छा काम करते हैं |

घातक बना दे ती है | इससे मुर्गायों की उत्पादकता


मुगी में उष्मा र्वनीयम के तरीके
पर बहुत बुरा असर पडता है | मुगी का सामान्य
-Convection (संवहन): इसमे मुगी अपनी गमी
तापमान 410C होता है जब वातावरण का
को चारो तरफ मौजूद ठं डी हवा के ज़ररए से
तापमान 350C से अर्र्क होना शुरू होता है
र्नकाि दे ती है . इसके र्िए मुगी अपने पाँखो को
मुर्गायों की सामान्य शारीररक स्स्र्र्त पर असर
र्गरा िेती है .
पडना शुरू हो जाता है र्जससे अंदरूनी र्सस्टम

जैसे सां स, र्दि की र्डकन, खून की रवानी -Radiation इसमे शरीर की उष्मा
आर्द सब प्रभार्वत होते हैं | हीट स्टर ै स को कुछ electromagnetic तरं गो के रूप में शरीर से
प्रबंर्न तकनीक और सपर्िमेंटरी दवाओ से र्नकिती है . यह मुगी का तापमान कम करने में
कार्ी हद तक कम र्कया जा सकता है | ज़्यादा उपयोगी नही होती.

हीट स्टरै स कैसे उत्तपन होती है : जैसा की पहिे -Conduction इस स्स्र्र्त में जब मुगी र्कसी
बताया गया की यह उच्च तापमान के कारण ठं डी वस्तु के संपका में आती है तो उष्मा गरम से

होती है | मुर्गायााँ जो दाना खाती हैं उसके पाचन में ठं डी वस्तु की तरफ स्र्ानातररत होती है . जैसे
और अवशोर्ित होने के बाद शरीर के र्वर्भन्न ठं डी ज़मीन या पानी का र्छडकाव.

अंगो में कई तरह की रसायर्नक र्रयाए होती हैं


-Evaporative Cooling इसमे शरीर की गमी
जो जीर्वत रहने और बढ़ने के र्िए अवशयक हैं |
जो खून से प्रवार्हत होकर मुह तक आती है और
इन रसायर्नक र्रयाओ से र्नरं तर उष्मा
मुह की र्झल्ली से र्नकिती है , यहााँ गमी पानी
र्नकिती रहती है जो मुगी के शरीर के तापमान
को वास्ष्पकृत करती है .
0
(41 C) को बना कर रखती है | परं तु अर्र्क
उष्मा को मुगी के द्वारा शरीर से बाहर र्नकाि

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यहााँ ध्यान दे ने योग्य है की इतनी उष्मा को शरीर

से र्नकािने के र्िए प्रर्त घं टा िगभग 25ml


पानी की आवश्यकता होगी| यर्द पक्षी र्दन में 10

घंटे अत्यार्र्क गमी में र्वचरण करता है तो


250ml पानी शरीर से र्नकाि दे ता है |

Electrolyte Supplementation and


-इस जानकारी का व्यावहाररक या प्रायोर्गक
Blood Buffers: शरीर से र्नकािने वािा पानी
उपयोग यह है की बाद की दो प्रर्रयायें
अपने सार् शरीर का नमक और क्षार भी बहार
conduction और evaporative cooling मुगी
िे आता है र्जससे शरीर में acid-base संतुिन
को हीट स्टर ोक से बचाने के र्िए काम आती हैं |
र्बगड जाता है और ग्रोर् रुक जाती है और कभी
गवममयो में पोल्ट्र ी फामम में पानी की ज़रूरत कभी मुर्गायााँ मरने भी िगती हैं | इसर्िए पानी के
और खपत : Radiation, Convection, और सार् र्कसान को electrolytes और क्षारीय
Conduction इन तीनो प्रर्रयाएाँ से होने वािी पदार्ो का सपर्िमेंटेशन भी करना चार्हए| यह
उष्मा का क्षय प्रत्यक्ष उष्मा क्षय )Sensible Heat क्षारीय पदार्ा ब्लड बर्सा के रूप में काया करते
Loss) कहिाता है यह क्षय तब होता है जब मुगी हैं और केवि इिेक्टरोिाइट दे ने से सोर्डयम की
250C तक के तापमान पर रहती है . और इससे अर्र्कता हो जाती है र्जससे पक्षी का BP बढ़
अपने शरीर का सामान्य तापमान 410C बनाए जाता है और अन्य र्दक्कते आती हैं |
रखती है | 180C से 250C तक का तापमान
हीट स्टरै स के प्रभाि: गमी बढ़ने से सबसे अर्र्क
Thermoneutral Zone कहिाता है | जब
प्रभार्वत होने वािा कारक उत्पादन है और र्फर
तापमान इससे अर्र्क होता है तो प्रत्यक्ष उष्मा
रोगो से िडने की क्षमता का कम हो जाना है |
क्षय कम हो जाता है और सां स िेने के तंत्र की
र्झस्ल्लयो से वास्ष्पकृत होने वािा पानी उष्मा क्षय

का प्रर्ान कारक बन जाता है | इस प्रर्रया से


शरीर से 1g पानी अपने सार् 540 केिोरी ऊष्मा

िेकर वास्ष्पकृत होता है | ब्रॉयिर पक्षी में र्वर्भन्न


अवस्र्ाओ में प्रर्त घंटा 1000 केिोरी से 14000
केिोरी उजाा अर्तररक्त र्नकिती है | तो यह बात

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हीट स्टरै स का मुगी के अंडे की शेल और

ब्रॉयलर की हवियों पर क्या प्रभाि पडता है :


हीट स्टर ै स कोई बीमारी नही है बस्ल्क प्रबंर्न की

कमी से पैदा होने वािी स्स्र्र्त है | जैसा की पहिे


बताया गया है की जब गमी बढ़ती है तो मुगी

उष्मा को बाहर र्नकािने के र्िए तेज़ी से सां स


िेती है और ज़्यादा से ज़्यादा पानी वास्ष्पकृत
गवममयो में हीट स्टरै स का प्रबंधन: मुर्गायों में जो
होता है | इससे शरीर से अत्यार्र्क काबान डाई
पानी के आवश्यकता आम र्दनो में 2:1 होती है .
ऑक्साइड बाहर र्नकि जाती है और शरीर में
हीट स्टर ै स में पानी की खपत 4 गुना तक बढ़
Metabolic Alkalosis हो जाता है | इस वजह से
जाती है .
Carbonic Anhydrase नामक enzyme काम

करना कम कर दे ता है और मुगी की अंडा दानी (1) हर समय ठं डे साफ पानी की उपिब्धता को

में कॅस्शियम को पयाा प्त bicarbonate आयन सुर्नर्ित करें

नही र्मि पाते र्जससे अंडे के खोि कमज़ोर (2) nipple drinker में 70ml पानी प्रर्त र्मनट
और िचीिे हो जाते हैं | बहुत सारे र्कसान इस आना चार्हए
बात की जानकारी ना होने की वजह से दाने में
(3) ब्रॉयिर फामा में पानी के बतानो की संख्या
calcium की मात्रा बढ़ा दे ते हैं र्जससे कोई
प्रर्त 40 पक्षी पर एक बतान कर दे नी चार्हए
र्ायदा नही होता| दू सरी तरफ Metabolic
Alkalosis में Calcium भी ठीक से प्रेर्सर्पटे ट (4) पानी में र्दन में कम से कम एक बार blood

नही हो पाता इससे ब्रॉयिर चूज़ो में हर्िया buffers ज़रूर र्मिाए

कमज़ोर हो जाती है और बढ़वार पर बहुत बुरा (5) यर्द पानी उपर र्ूप में स्स्र्त टं की से आ रहा
असर पडता है | है तो यह बात याद रखें की वो बहुत जल्दी गरम

इस स्स्र्र्त में ब्लड बर्सा का महत्त्व बढ़ जाता है हो जाता है तो इसर्िए उसे एक र्हसाब से

और उनके इस्तेमाि फाफी िाभ र्मिता है | बदिते रहें

कूिर्चक नामक दवाई को पानी में र्मिकर दे ने (6) मुर्गायों को दोपहर के समय र्बल्कुि ना छे डे
से bicarbonate की कमी पूरी हो जाती है और और बडे पाँखो का इं तेज़ाम करें
अत्यंत िाभ र्मिता है |

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(7) प्रबंर्न काया जैसे चोंच का बनाना या आर्ा ग्राम अश्वगंर्ा र्मिाकर दे ने से और भी

टीकाकरण सुबह के समय ही करें अनुकूि प्रभाव दे खने को र्मिते हैं | कूिर्चक 20
ग्राम प्रर्त 50 र्किो पर्क्षयों पर दे ने से अत्यन्य
(8) foggers का इस्तेमाि करें और हर 10
प्रभावशािी पररणाम दे खने को र्मिते हैं |
र्मनट बाद 2 र्मनट के र्िए चिाएाँ
 िब तुमने दू कान खोली और माल फैला कर बै ठ
(9) र्दन के समय छतो पर sprinklar से बौछार
गए हो तो िो तुम्हारे वज़म्मे था िो कर िुके, अब
करने से भी कार्ी रहात र्मिती है
बाक़ी ख़ु दा के वज़म्मे है , उसपर भरोसा रखो|

(10) दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक फीर्डं ग  3 व्यस्ियों से अल्लाह बात नही ं करे गा – एहसान

ितला कर िीज़ दे ने िाला, घमंड करने िाला, झूटी


ना करें
क़सम खा कर माल बे िने िाला

(11) हवा के बहाव को र्दन के समय बढ़ाने की


कर्शश करें जो की 1.8 से 2 मीटर प्रर्त सेकेंड
हज़रत मु हम्मद )सo)
होना चार्हए.

(12) बेचने के र्िए या स्र्ानां तरण के र्िए मुर्गायों


को र्सर्ा सुबह या रात के समय में ही िेकर जाएाँ

सपवलमेंटेशन: Potassium Chloride,


Ammonium Chloride और Sodium

Bicarbonate को बराबर मात्रा में र्मिाकर एक


र्मश्रण बना िें और उसे 2Kg प्रर्त टन के र्हसाब

से फीड में र्मिा कर दें .

पानी में electrolyte दे ना अर्र्क प्रभावशािी


होता है . इसके र्िए एक िीटर पानी में 2.6g

Sodium Chloride (खाने का नमक), 1.5g


Potassium Chloride, 2.9g trisodium

citrate (नींबू सत्), 15g ग्लूकोस र्मिा कर दें |


इसी एक िीटर पानी में 1g vitamin C और

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13. पोल्ट्र ी फामम में अमोवनया के और ग्रोर् र्म जाती है | अर्र्क तापमान का बहुत

गहरा असर सां स िेने की निी में उपस्स्र्त


दु ष्प्रभाि और उसका समाधान
गॉब्लेट कोर्शकाओं पर पडता है , इससे उनकी

िगभग 2,500 साि पहिे र्हप्पोरेट नामक गर्तर्वर्र् बहुत बढ़ जाती है और उनके उपर
दाशार्नक ने यह बताया र्ा की र्कसी शरीर में स्स्र्त र्सर्िया की हिचि कम हो जाती है और

बीमारी का मुख्य कारण वातावरण में मौजू द अंत में वो टू ट जाते हैं र्जससे वातावरण में मौजूद
हवा, पानी, जगह, मौसम आर्द होते हैं | परं तु जीवाणु सां स की निी में घु स कर CRD बीमारी

उन्नीस्वी सदी में जीवाणुओ की खोज से ये स्पि कर दे ते है | पोल्ट्र ी फामा में मौजूद र्िट्टर कई
हो गया की र्वर्भन्न जीवाणु और कीटाणु बीमारी ज़हरीिी गैसो की उत्पर्त्त के र्िए र्ज़म्मेदार होता

का मुख्य कारण होते हैं | मगर सार् ही इस बात है | यह गैसे तब ज़्यादा र्नकिती हैं जब र्िट्टर
की खोज भी हुई की शरीर में बीमारी की उत्पर्त्त गीिा होता है - अमोर्नया, काबान डाई

को वातावरण में उपस्स्र्त कारक बढ़ावा दे ते हैं | आक्साइड, हाइडरोजन सल्फाईड और काबान
इसे मोटे तौर पर इस तरह समझा जा सकता है मोनो आक्साइड प्रमुख हार्नकारक गैसे हैं |

जैसे वातावरण में तापमान बढ़ने की वजह से


अमोवनया एक उत्तेजक गॅस है जो की आद्रता
पक्षी स्टर ै स में आते हैं र्जससे उनकी रोग
भरे पयाा वरण में मुर्गायों की बीट में मौजूद यूररक
प्रर्तरोर्क क्षमता (immunity) कमज़ोर हो जाती
एर्सड के संघटन से पैदा होती है | सर्दा यो के
है और शरीर जीवाणु सं रमण की चपेट में आ
मौसम में (कम वेंटीिेशन के कारण) ये गॅस फामा
जाता है |
में मुख्य रूप से रहती है | आदमी द्वारा इसकी

तापमान: इसके बारे में हम पहिे भी बता चुके दु गिंर् मात्र 25ppm पर महसूस कर िी जाती है |

हैं की तापमान जब वातावरण का तापमान शरीर यह गॅस सााँ स िेने के तंत्र पर सीर्े तौर से हमिा

के तापमान से करीब या उपर हो जाता है तो करती है और इस तंत्र की र्वर्भन्न बीमाररयों का

मुर्गायों में भारी र्दक्कते र्दखने िगती हैं | जैसे कारण बनती है | र्जससे उपदकता पर बहुत

तेज़ी से सां स िेना, मुह खुिा रखना, पंख र्गरा के गहरा असर पडता है |

रखना, खाना छोड दे ना और ज़्यादा पानी पीना.


अमोवनया की ििह से उत्पादकता पर पडने
यह र्दक्कत (transient hyperthermia की
िाला प्रभाि: बढ़ते हुए ब्रॉयिर और अंडा दे ती
वजह से) नये चूज़ो में मौत का कारण बनती है |
हुई मुगी में अमोर्नया के दु ष्प्रभाव आसानी से
जो चूज़े बच जाते है उनमे FCR बहुत बढ़ जाता है

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दे खे जा सकते हैं | इसकी मुख्य वजह खून में keratoconjuctivitis )वित्र HA) भी कहते

तेज़ाबीयत का कम होना है जो की सां स िेने की हैं )| इसके सार् सार् सां स िेने की निी सूजने
दर में आई र्गरावट के कारण होता है | इससे िगती है | यह हाित तब होती है जब अमोर्नया

शरीर की उजाा की आवश्यकता कम हो जाती है की मात्रा 5 हफ़्तो तक 60 से 200ppm तक रही


और दाने की खपत भी र्गर जाती है | नये चूज़ो में हो| अन्य केसो में जैसे वायु कोि में सूजन, र्सने

50ppm पर ग्रोर् में कमी दे खी जा सकती है | की हिी का र्दखना और उसके आस पास छािे
अंडा दे ने वािी मुगी में पहिा अंडा दे ने की र्तर्र् पड जाते हैं | यह जब होता है जब मुर्गायां 25 से

15 र्दनो तक आगे बढ़ सकती है और उत्पादन 50ppm अमोर्नया में रहती हैं | जो मुर्गायां
भी कम हो जाता है . यह हाित 200ppm 100ppm से अर्र्क अमोर्नया में रहती है यर्द

अमोर्नया पर दे खी जा सकती है | जैसा की पहिे उनके सााँ स िेने के तंत्र का माइरोस्कोप से


बताया गया है की अमोर्नया सााँ स िेने के तं त्र में र्वशिेिण र्कया जाए तो यह पता चिता है की

होने वािी बीमाररयों का मुख्य कारण होती है , सां स िेने की निी में मौजूद छोटे छोटे र्सर्िया
इससे र्सर्िया टू ट जाते हैं और र्वर्भन्न कीटाणु (जो जीवाणुओ को सां स की निी पर र्चपकने से

और जीवाणु जैसे मायकोप्लाज़मा, रानीखेत रोकते हैं ) टू टने िगते हैं और सार् ही सार्
वाइरस, और ई. कोिाई बीमारी पैदा करते हैं | बिगम बनाने वािी ग्रंर्र्या बडी होकर अर्र्क

सर्रय हो जाती हैं र्जससे अर्र्क बिगम बनता


है | और कई बार ये बिगम सां स िेने की निी

को भी बार्र्त कर दे ता है मुगी मूह खोि कर


सां स िेने की कोर्शश करने िगती है . फेफडे भी

अमोर्नया के प्रर्तकूि प्रभाव से अछूते नही रहते


इससे फेफडो की नर्ियााँ सूज जाती हैं और खून

से ऑस्क्सजन के प्रवाह में परे शानी होने िगती है |

अमोवनया एक प्राथवमक कारक के तौर पर: यह 25 से 100ppm अमोर्नया यर्द 4 र्दन तक

अमोर्नया से होने वािी सााँ स िेने के तंत्र की रहे तो उससे होने िगता हैं |

बीमाररयों में सबसे पहिा िक्षण मे आाँ ख की


र्झल्ली प्रभार्वत होती है र्जससे उसमे से पानी
र्नकिता है और अंत में सू खने िगती है (र्जसे

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14. ब्रॉयलर मुवगमयों में एसाईवटस र्दनों में सवा दो र्किो का हो जाता हैं | इसीर्िए

इन्हें अत्यंत अच्छी गुणवत्ता वािे दाने की


)Ascites) की समस्या और उसका
आवश्यकता होती है र्जसमे उजाा और प्रोटीन की
समाधान मात्रा बहुत अर्र्क होती है | इनमे मां स तो बहुत
तेज़ी से बढ़ता है पर अन्य महत्वपूणा अंग जैसे
एसाईर्टस (Ascites) एक ऐसी बीमारी है जो
र्दि (heart), फेफडे (lungs) आर्द उतनी तेज़ी
पोल्ट्र ी व्यवसाय के र्िए सर ददा बनी हुई है | यह
से नहीं बढ़ पाते र्जस वजह से वे बढ़ते शरीर
कोई एक बीमारी नहीं है बस्ल्क कई बीमाररयों
ऑक्सीजन आपूर्ता नहीं कर पाते और अपनी
का संगिन है र्जसमे पक्षी के पेट में पीिे रं ग का
क्षमता से अर्र्क काया करते हैं और खराब होने
द्रव्य जमा हो जाता है )वित्र GA) और अचानक
की स्स्र्र्त में पहुाँ च जाते हैं | इस बात को ऐसे
से मोटे र्िटी (Sudden Death Syndrome)
समझा जा सकता है की ब्रीडसा ने मां स को तो
बहुत बढ़ जाती है | इस बीमारी से होने वािे
अनुवां र्शक (genetic) तरीके से बढ़ा र्दया परन्तु
नुकसान बहुत व्यापक हैं र्जसमे आम तौर पर
अन्य अंगो की बढ़वार पर ध्यान नहीं र्दया र्जससे
4% तक मोटे र्िटी संभव है | इस बीमारी में अच्छे
र्दि और फेफडे दे सी मुगी की तरह रह गए|
खासे बढ़ते हुए ब्रॉयिर पक्षी फामा में जहााँ तहां
छोटा र्दि और फेफडे बढ़ते हुए पक्षी को पयाा प्त
मरे हुए पाए जाते हैं | पहिे से उनमे बीमारी के
समर्ान नहीं दे पाते हैं |
कोई िक्षण नहीं र्दखाई पडते | इस बीमारी में पे ट
An ultrastructural comparison between lungs
पानी का र्मिना हमेशा ज़रूरी नहीं होता कई of domestic fowl with lungs of the jungle fowl
demonstrated differences in thickness of the
बार पानी र्बना भरे भी अचानक से मृत्यु हो जाती
blood-gas barrier, influencing the relative
है र्जसे sudden death syndrome कहते हैं | exchange surface; therefore any stressfull
condition can result in inability of the
इसमें पर्क्षयों के मरने से तो नुक्सान होता ही है cardiorespiratory system to meet oxygen
सार् सार् बढ़वार के रुकने से भी FCR काफी demand.

बढ़ जाता है |
ब्रॉयिर पर्क्षयों की ऑक्सीजन (oxygen) की
आइये दे खते हैं ऐसा क्यों होता है ? ज़रूरत भी वज़न के सार् सार् बढती जाती है तो

इसर्िए र्दि अर्र्क से अर्र्क खून को फेफडो


ब्रॉयिर मुगाा मां स के र्िए बनाया गया है इसकी
में भेजने की कोर्शश करता है परन्तु फेफडो की
मां स उत्पादन करने की अनुवां र्शक क्षमता बहुत
भी एक क्षमता होती है अर्र्क खून आने से
अर्र्क होती है | 40 ग्राम का एक चूज़ा मात्र 40

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फेफडो की र्मर्नयां (blood vessels) र्सकुडने तरह शरीर की ऑक्सीजन र्डमां ड को कम कर

िगती हैं और रक्त चाप (blood pressure) र्दया जाये तो र्दि पर अर्र्क जोर पडने से
बहुत बढ़ जाता है इसकी वजह से कुछ पानी खून रोका जा सकता है सार् ही सार् कुछ ऐसी

से फेफडो में ररसने (leak) िगता है | दवाइयां मुगे को दी जानी चार्हए र्जससे उसके
र्दि की काया क्षमता को बढ़ाकर Ascites से
जब फेफडो में खून का बहाव कम होता है तो
होने वािी मोटे र्िटी (mortality) को कम र्कया
र्दि और तेज़ी से सार् र्डकना (increase
जा सके|
heart rate) शुरू कर दे ता है सार् सार् अर्र्क
बि िगाकर खून को फेफडो में र्क्का दे ता है | Ascites के बहारी और पोस्ट मोटे म लक्षण

इसकी वजह से र्दि के अकार में वृस्ि होने (Clinical Symptoms & Postmortem
िगती है र्जसे Right Ventricular Lesions):

Hypertrophy कहते हैं | जब र्दि से खून के


 अचानक मौत (Sudden Death)
जाने पर रोक िगने िगती है तो र्दि िीवर और
 नीिी खाि और किगी (Cyanosis)
अन्य अंगो से आने वािे खू न को ग्रहण करने में
 अर्र्कतर मुर्गायां पीठ के बि पडी र्मिती हैं
भी अक्षम हो जाता है | खून का दबाव िीवर से
(Dead on back)
आने वािी वेना केवा (vena ceva) पर पडता है
 सााँ स में से गस्ग्लिं ग की आवाज़ आती है
और खून िीवर में जमा होने िगता है | अत्यार्र्क
(Gurgling sound)
दबाव पडने से िीवर की र्शराएं (vessels) ढीिी
 मृत्युदर नर (male broiler) ब्रॉयिर में
पड जाती हैं और खून में से प्लाज़्मा (द्रव्य) बहार
अर्र्क होती है (कुछ कंपर्नया अर्र्क ग्रोर्
आने िगता यह द्रव्य पेट में जमा होने िगता है
रे ट बता कर नर ब्रॉयिर आम चूज़े को
र्जससे पेट बडा होने िगता है और अं त में पेट
अर्र्क दाम में बेचती हैं , यर्द आप ऐसे
गुब्बारे की तरह फूि जाता है |
ग्रहाक हैं तो उर्चत सावर्र्नया बरते)
तो यहााँ ये बात ध्यान दे ने योग्य है की Ascites  मृत्युदर 3 हफ्ते से अर्र्क आयु के मुगो में

मुख्यत ऑक्सीजन की कमी से होने वािी बीमारी अर्र्क दे खने को र्मिती है


है और यह कमी वातावरण की ऑक्सीजन की  यर्द फीड में माइकोटोस्क्सन (mycotoxins)

कमी से नहीं होती बस्ल्क र्दि और फेफडो की हो तो वो एसईर्टस को बढ़ावा दे ते हैं


र्सर्मत क्षमता के कारण होती है | यर्द र्कसी

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 बढ़ा हुआ पेट - पक्षी पेंगर्वन (penguin) की ऑक्सीजन से जुडने की क्षमता बहुत कम हो

तरह र्दखता है जाती है और शरीर में ऑक्सीजन का अभाव


 मुह खोि के सााँ स िेना (panting) (ठण्ड के और बढ़ जाता है |

मौसम में भी) 3. Anatomical inefficiency of broiler’s


 फेफडो में पानी भरा होना (interstitial lungs: मुर्गायों के फेफडे इं सानों की तरह

edema in lungs) छाती में खुिे नहीं रहते बस्ल्क छाती से


 फेफडो में अत्यार्र्क खून का र्चपके रहते हैं और र्फक्स होते हैं | इसकी

र्मिना'(congestion/hyperemia in वजह से मुर्गायां छाती फुिा कर सााँ स नहीं िे


lungs) पाती और खून में ऑक्सीजन स्तनर्ाररयो की

 पेट में पीिा गाढ़े रं ग का पानी होता है बर्नज्बत अभाव रहता है इसीर्िए पर्क्षयों में
(straw color yellow fluid in abdominal वायु कोि (air sacs) होते हैं जो हवा का

cavity) र्नरं तर बहाव बना कर रखते हैं परन्तु


 र्दि का अकार नामाि से 25 से 35% तक ASCITES में यह प्रणािी पू री तरह र्वकर्सत

बढ़ा हुआ र्मिता है (Ventricular नहीं हो पाती र्जससे खून का पयाा प्त
hypertrophy) ओक्सीर्जनेशन नहीं हो पाता|

4. ब्रॉयिर मुर्गायों का र्दि भी छोटा होता है जो


ASCITES के कारक
ठीक से खून की सप्लाई नहीं कर पाता|
1. खून का गाढ़ापन (viscosity) बढ़ जाता है
5. Pellet feed भी Ascites को बढ़ाने में
र्जससे उसका रक्त र्शराओं (blood
सहायक होता है क्ूंर्क ये शरीर में अर्र्क
vessels) में प्रवाह र्ीमा हो जाता है और
उजाा पहुं चता है र्जससे metabolize करने
ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और खून से पानी
के र्िए अर्र्क ऑक्सीजन की आवश्यकता
बहार आने िगता है
पडती है |
2. फेफडो में खून जमने की वजह से शरीर में
6. High Altitude ऊाँचाई पर (जैसे पहाडी
काबान डाइऑक्साइड (carbon dioxide)
इिाको में) Ascites के केसेस में व्यापक
जमा होने िगती है र्जससे खून में तेज़ार्बयत
वृस्ि दे स्ख जाती है क्ूंर्क वहां ऑक्सीजन
(metabolic acidosis) हो जाती है , इसकी
का दबाव कम होता है और खून का
वजह हीमोग्लोर्बन (hemoglobin) की
Oxygenation बहुत कम हो पाता, फेफेडो

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में ब्लड प्रे शर बढ़ जाता है और र्फर खून से मोटे तौर पर ये समझना होगा की जो भी कारक

पानी बहार आने िगता है | शरीर में ऑक्सीजन की कमी करता है वो


7. कुछ अध्यनो में ये दे खने को र्मिा है की जो Ascites को (कम या ज्यादा) बढ़ावा ज़रूर दे ता

चूज़े अन्डो से दे र में बहार आते हैं उनमे है | इस प्रकार से Ascites ऑक्सीजन की कमी से
Ascites के चां स काफी बढ़ जाते है , ऐसा होने वािी बीमारी है | परन्तु पोल्ट्र ी र्कसान हर

तब होता है जब अन्डो की है र्चंग कम वजह को तो समझ नहीं सकते और बचाव नहीं


ऑक्सीजन वािे वातावरण में की जाती है | कर सकते इसर्िए नीचे इन कारको को हमने

8. दाने में अर्र्क क्लोराइड कंटें ट खून की इनकी तीव्रता के र्हसाब से रखा है यर्द र्कसान
तेज़ार्बयत को बढाता है र्जससे र्फर खून के र्सफा दो तीन बातो का भी ख्याि रखे तो

ओक्सीर्जनेशन में बार्ा होती है और Ascites से बचा जा सकता है | पक्षी की


Ascites सम्भावना बढ़ जाती है अनुवां र्शकता (genetics of birds) - वैसे तो

9. र्वटार्मन डी, कैस्शशयम और ओमेगा 3 फैटी अनुवां र्शक तौर पर सभी ब्रीड के पक्षी Ascites
एर्सड की कमी भी Ascites को बढ़ावा दे ती के र्िए ररस्क पर होते पर यर्द र्कसी ब्रीड में यह

है | अर्र्क दे खने को र्मिे तो उसे न खरीदें


10. शरीर में एं टीओक्सीडे न्ट्स की कमी के चिते
यर्द फामा में Ascites के केस र्दखने िगें तो
ओक्सीडे र्टव स्टर ै स बढती है और उससे खून
फीड को तुरंत कम कर दें (या फीर्डं ग नीचे दी
की ऑक्सीजन िे जाने वािी कोर्शकाएं
गयी सारणी के अनुसार करें ) | जैसा की हम
कमज़ोर हो जाती है टू टने िगती हैं और र्फर
जानते हैं की यर्द है चरी में अन्डो को सेते समय
से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है |
ऑक्सीजन की पयाा प्त मात्रा नहीं रहती तो जो
11. ठण्ड के मौसम में Ascites के केस बढ़ जाते
बच्चे पैदा होते हैं उनमे (3 से 4 हफ्ते की आयु
है उसका कारण भी ऑक्सीजन की कमी ही
पर) Ascites होने की सम्भावना बहुत अर्र्क
होती है क्ूंर्क ठन्डे मौसम में पक्षी गरम रहने
होती है तो आप ऐसे ब्रीडसा से र्चक्स न िें
के र्िए अर्तररक्त दाना खाता है र्जसको
र्जनका ररकॉडा खराब हो | रौशनी के समय को
पचाने और शरीर में सस्म्मस्ल्लत करने के
कम कर दें जैसे 6 घंटे अाँर्ेरा रखे और 18
र्िए अर्र्क ऑक्सीजन की आवश्यकता
रौशनी | Ascites की समस्ा दे खते की दाने
पडती है
(फीड) में नमक कम कर दें | पानी में र्वटार्मन
C और सोडा बाईकाबोनेट (NaHCO3) का प्रयोग

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करें , प्रत्येक 50Kg मुर्गायों पर 500mg र्वटार्मन यह सारणी ररसचा द्वारा बनायीं गयी है और इन्हें

C और 5g सोडा दें | Loop diuretics जैसे अपनाने से FCR पर कोई असर नहीं पडता
furosemide (lasix) का उपयोग सोच समझकर परन्तु Ascites के कारण होने वािी मृत्यु में

या र्बिकुि आस्खरी कंडीशान में करना चार्हए बहुत कमी आ जाती है | इनमे से एक शे ड्युि
क्ूंर्क इससे FCR पर बुरा प्रभाव पडता है और अपनाया जा सकता है |

वेट िीटर (wet litter) की र्दक्कत आती है


शुरू के 21 र्दन केवि आठ घंटे फीर्डं ग कराएं
र्जससे अमोर्नया बढ़ जाती है और र्फर वही
उसके बाद फुि फीर्डं ग कर दें | पहिे हफ्ते में
ऑक्सीजन की कमी का चर शुरू होता है | यर्द
फुि फीर्डं ग करें उसके बाद 3 हफ्ते र्दन में
lasix इस्तेमाि ही करनी हो तो 1 टे बिेट प्रर्त
आठ घंटे फीर्डं ग करें र्फर आस्खर के 2 हफ्ते
70Kg वज़न पर दे नी चार्हए| यर्द खुद की फीड
फुि फीर्डं ग करें |
र्मि हो और पे िेट इस्तेमाि करते हैं तो उसकी
 खु दा ने हर बीमारी का इलाि भेिा है और हर मज़म
जगह मेश फीड इस्तेमाि करें | हबाि
के वलए एक दिा क़रार दी है , अपना इलाि करो
एं टीओक्सीडे न्ट्स (herbal antioxidants) के
ले वकन हराम से इलाि न करो|
बहुत अच्छे ररजल्ट्् स दे खने को र्मिते हैं हािााँ र्क  एक दू सरे को तोहफे वदया करो तावक दोस्ती ज़्यादा

मार्काट में Ascites के र्नवारण के र्िए कूिर्चक हो और मु स्िल बोझ दू र हो िाये

प्रोडक्ट शरीर में पोटै र्शयम का पॉर्जर्टव बैिेंस  यक़ीनन ख़ु दा पुरानी दोस्ती की वहफाज़त को पसंद

फरमाता है
बनाकर शरीर में खून को पतिा करता है और

metabolic acidosis को भी खत्म करता है , हज़रत मु हम्मद )सo)

Ascites के केसेस में इसके िाभकारी हैं | सर्दा यों

में शैड का तापमान न र्गरने दें पर सार् सार्


वेंटीिेशन भी पयाा प्त रखें इसके र्िए चाहे परदे

र्गरा कर रखें परन्तु Exaust Fan िगाकर गन्दी


हवा और अमोर्नया बहार र्नकािते रहे | गर्मायों

के मौसम में पानी में र्डस्स्प्रन भी दे सकते हैं , 1


र्डस्स्प्रन प्रर्त 60Kg वज़न|

फीवडं ग की सारणी )Feeding Schedule)

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15. मुगी पालन में लीिर के स्वास्थ का र्वकृर्तयााँ आने िगती हैं जै सी र्वर्भन्न र्बमाररयों

में दे खने को र्मिती हैं |


महत्त्व और उसकी दे खभाल
यहााँ पर उिरण के तौर पर इस बात पर गौर
मुगी के पेट में पाचन होने के बाद आं तो से
र्कया जा सकता है की पोल्ट्र ी में माइकोटोस्क्सन
पोिक तत्व खून में अवशोर्ित हो जाते हैं यह
(mycotoxins/aflatoxins) द्वारा पहुचाई जाने
पोिक तत्व र्फर शरीर के र्वकास और अन्य
वािी हार्न को सबसे पहिे िीवर में दे खा जाता
र्रयाओं के र्िए काम आते हैं | पोिक तत्वों के
है | अफिाटोस्क्सन िीवर में कैंसर करते हैं और
सार् सार् कुछ अन्य ज़हरीिे तत्व जैसे
रोग प्रर्तरोर्क क्षमता को बहुत कम कर दे ते हैं |
बैक्टीररया, वायरस, माइकोटोस्क्सन भी खू न में
यह पोल्ट्र ी के फीड के ज़ररये आं तो में पहुाँ चते हैं
जाने की सम्भावना रखते हैं | इसर्िए शरीर में
और र्फर खून से िीवर में आ जाते हैं | िीवर
जाने से पहिे यह खून िीवर नामक अंग में जाता
अफिाटोस्क्सन को न्यूटरि / detoxify करने की
है िीवर एक र्र्ल्ट्र की तरह काम करता हैं
कोर्शश करता है और अपनी क्षमता अनुसार इन
और हार्नकारक पदार्ो को आवश्यक पोिक
माइकोटोस्क्सनस को र्नस्िय भी करता है परन्तु
तत्वों से अिग करता है | इसी तरह िीवर शरीर
जब फीड में र्नरं तर माइकोटोस्क्सन आते रहते हैं
में र्वर्भन्न रसायर्नक र्रयाओं द्वारा बने र्विैिे
तो िीवर उनसे िडने के र्िए अपनी कोर्शकाओं
हार्नकारक पदार्ो को भी र्नस्िय करता है
में वृस्ि करने िगता है और यह वृस्ि जल्दी ही
र्जससे वो शरीर के र्िए हार्नकारक नही रहते
कैंसर का रूप र्ारण कर िेती है र्जससे िीवर
जैसे शरीर में बनने वािी अमोर्नया को यूररया
की काया क्षमता बढ़ने के बजाये व्यापक रूप से
और र्फर यूररक एर्सड में बदि दे ता है | तो मोटे
र्गर जाती है | और इससे उत्पादन कम हो जाता
तौर पर यह कहा जा सकता है की िीवर शरीर
है , रोग प्रर्तरोर्क क्षमता (immunity) र्गर जाती
में प्रवेश करने वािे ज़हर/र्विैिे पदार्ो (Toxins)
है और मोटे र्िटी (mortality) बढ़ने िगती है |
को न्यूटरि तत्वों में बदि दे ता है (र्जसे
सबसे अर्र्क असर FCR पर पडता है जो बढ़ने
detoxification कहा जाता है ) र्जससे वो शरीर
िगता है | यह तो र्सफा एक उिरण है इसी तरह
को हार्न नहीं पहुं चाते और र्कडनी या आं तो के
सैकडो र्विैिे पदार्ा खून से िीवर में जाते हैं
रस्ते बहार र्नकि जाते हैं | परन्तु िीवर की
र्जन्हें िीवर को र्नस्ष्कय करना पडता है | इससे
detoxification करने की एक क्षमता होती है
आप िीवर के ऊपर र्कतना भार होता है इसका
और अत्यार्र्क काया करने पर िीवर में
अंदाज़ा िगा सकते हैं |

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शरीर में र्जतनी भी एं टीबायोर्टक्स या अन्य दवाई पडता है (र्जसे hypoglycemia कहते हैं ) जब

जाती हैं सब िीवर द्वारा र्नस्िय की जाती हैं | यह उत्पादन कम हो जाता है |


र्वर्भन्न हारमोंस को भी र्नस्िय करता है और
2. फैट के मेटाबोवलज्म में लीिर का
िीवर खराबी की स्स्र्र्त में हारमोंस टू ट नहीं पाते
योगदान: िीवर 3 तरह से फैट का
और शरीर में कायारत रहते हैं |
मेटाबोर्िज्म करता है पहिा फीड से फैट
िीवर की काया क्षमता कम होने से क्ा प्रभाव को अवशोर्ित कर संरक्षण करना दू सरा

होते हैं इसके र्िए हमें िीवर द्वारा र्कये गए नया फैट बनाना और तीसरा जमा हुए फैट
कायो को समीक्षा करनी पडे गी को तोडकर वार्पस खून में भेजना र्जससे वो

र्वर्भन्न अंगो तक पहुाँ चता है | तीसरे वािे


1. शारीरक उिाम में लीिर का योगदान: मुगी
काया को फैट मोर्बिाइजेशन कहा जाता है
के शरीर में उजाा का एक मात्र स्रोत ग्लू कोस
और इस प्रर्रया के र्मने से फैटी िीवर की
होता है | मक्का और अन्य अनाज के अन्दर
सम्भावना बढ़ जाती है | इस कंडीशन में खून
मौजूद स्टाचा आं तो में पचकर ग्लूकोस बन
में पयाा प्त फैट नहीं आ पाता और जो अंग
जाता है जो खून द्वारा अवशोर्ित होकर
उजाा के र्िए फैट पर भी र्नभार होते हैं
िीवर में पहुाँ चता है यहााँ से ग्लूकोस शरीर की
उनकी काया क्षमता कम हो जाती है जैसे
आवश्यकता अनुसार खून में आता रहता है ,
र्दि|
अर्तररक्त ग्लूकोस ग्लाइकोजन नामक पदार्ा
3. लीिर में प्रोटीन उत्पादन: एशयूर्मन सबसे
में बदि जाता है और आवश्यकता अनुसार
महत्वपूणा प्रोटीन है र्जसे जो िीवर में बनता
ग्लूकोस बनता रहता है | मुगी के खून में
है यह प्रोटीन खून का एक अहम् र्हस्सा होता
270mg/dl ग्लूकोस होती है जबर्क मनुष्यों
है जो खून में पानी को रोक कर रखता है
में इसकी मात्रा 120mg/dl होती है |
र्जससे (oncotic) प्रेशर बना रहता है | यर्द
ग्लूकोस का िीवर में संयोजन और र्नमाा ण
िीवर में खराबी के कारण ये प्रोटीन बनना
उत्पादन में सबसे अहम् भूर्मका र्नभाता है
बंद हो जाये तो शरीर का पानी बहार आ
क्ूंर्क ग्लू कोस से उजाा बनती है और र्बना
जाता है पेट में भर जाता है | यह एशयूर्मन
उजाा के सब अं ग बेकार हो जाते हैं |
अंडे का सर्ेद र्हस्सा भी बनाता है | इसी
इसीर्िए जब िीवर काम करना बंद करता हैं तो
तरह कई प्रोटीन रोग प्रर्तरोर्क क्षमता को
खून में ग्लूकोस की उपिब्धता पर गहरा असर

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

भी बढ़ाते हैं और सार् ही सार् clotting  अपने बच्चो को तोहफा दे ते समय बराबरी रखो

और अगर िाहते हो की वकसी को ज़्यादा दो तो बेटी


factors को भी बनाता है |
को पहले दो
4. र्वर्भन्न र्बमाररयों में िीवर की स्स्र्र्त, उसकी
 तुम्हे दरगु ज़र )माफ़) करने की ताकीद करता हाँ ,
पहचान, बचाव और उपचार: जब पोल्ट्र ी का क्यूंवक दर गु ज़र करने से बन्दे की इज्ज़त बढती है .
पोस्ट मोटे म र्कया जाता है तो सबसे पहिा बस तुम दू सरों के क़ुसूर माफ़ करो तावक अल्लाह

अंग जो शरीर खोिकर र्दखता है वो िीवर तुम्हारी इज्ज़त बढ़ाये |


 गाय का दू ध दिा है |
होता है और िीवर को दे खकर बीमारी का

अंदाज़ा िगाया जा सकता है | महत्वपूणम:


इकोिाई (E. Coli) - इकोिाई बैक्टीररया हज़रत मु हम्मद )सo)

स्वयं खून में अवशोर्ित हो जाता है और


इसके द्वारा बनाये गए टोस्क्सन भी खून में

पहुाँ च जाते हैं र्जससे सेिीर्सर्मया कहते हैं |


इसमें िीवर के ऊपर का आवरण (liver

capsule) प्रभार्वत होता है और


serofibrinous polyserositis नामक

स्स्र्र्त पैदा होती है और कैिूि सर्ेद हो


जाता है | कई बार िीवर हिके हरे रं ग का

र्दखने िगता है और कुछ कोर्शकाओं के


मरने से necrotic foci र्दखने िगते हैं |

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16. फामम में बायो वसक्यूररटी का 1. सबसे पहिे र्कसी भी अवां र्छत व्यस्क्त को

फामा में ना आने दे और हर आने -जाने वािे


तरीका
का ररकॉडा रखें कई बार दवाई बेचने वािे या

Principles of Bio-Security in Poultry र्फर बेचने वािे फामो में घू मते रहते हैं वह
Farms एक फामा की बीमारी दू सरे फामा में िाने के

र्िए र्जम्मेदार हो सकते हैं |


दोस्तों पोल्ट्र ी फाम्सा में तरह-तरह की बैक्टीररयि
2. र्नर्ित रूप से वह ऐसा अनजाने में कर जाते
और वायरि बीमाररयां आती रहती हैं र्जनसे
हैं इसर्िए हमें सावर्ानीपूवाक र्कसी को
बचाव करना व्यवसाय में मुनाफा बढ़ाने के नए
फामा में िाना चार्हए| यर्द आपने एक आयु
आयाम खोिता है | बचाव करने के इस र्सस्टम
से अर्र्क के मुर्गायों के बैच रखे हुए हैं तो
को बायो र्सक्ोररटी प्रोग्राम कहा जाता है |
सबसे पहिे आप नए फिॉक का र्नरीक्षण
आजकि जैसे स्वच्छ भारत अर्भयान ज़ोरो पर है
करें और उसके बाद अर्र्क आयु वािी
वैसे ही हमें अपने पोल्ट्र ी फॉमा के र्िए भी
मुर्गायों की तरफ जाएं |
स्वच्छता का अर्भयान चिाते रहना चार्हए|
3. जो व्यस्क्त फामा में काम नहीं कर रहे मुर्गायों
अच्छी साफ-सफाई रखने के सार्-सार् मुर्गायों
को उनके संपका में न आने दें
में समय से टीकाकरण और उसकी रोग
4. यर्द र्कसी अन्य फामा से कोई बतान या अन्य
प्रर्तरोर्क क्षमता बढ़ाने के र्िए इम्यून बूस्टर दे ने
उपकरण आता है तो उसे अच्छे से र्ो कर
चार्हए| इन तीनों िेवि पर काम करने से
और र्डसइं फेक्टें ट से साफ करके फामा में
मुर्गायों में बीमारी आने से काफी हद तक रोका
िाएं
जा सकता है | एक बात याद रखें र्क र्कसी भी
5. गार्डयों के र्िए र्डसइन्फेक्टटें ट के स्प्रे और
फामा को पूरी तरह से जीवाणु या कीटाणु मुक्त
व्हीि डीप का इं तजाम करें इसके र्िए 1
करना संभव नहीं है हम एक हद तक ही जा
ग्राम पोटे र्शयम परमैंगनेट 1 िीटर पानी में
सकते हैं इसर्िए ऊपर र्दए गए तीनों कायारम
घोिकर बनाया जा सकता है |
इमानदारी से करने पर बायो र्सक्ोररटी प्रोग्राम
6. फामों की फेंर्सं ग करके रखें
को सफि बनाया जा सकता है |
7. गेट और दरवाजों पर हर समय तािा रखें
अब हम नीचे कुछ अहम पहिुओं पर नजर
करें गे.

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

8. अपनी मुर्गायों के अिावा र्कसी अन्य पक्षी 15. फामा में जाने के अिग कपडे और गम बूट

को फामा में ना रखें अन्य पक्षी जैसे कबूतर होने चार्हए र्जन्हें समय-समय पर होते
दे सी मुर्गायां बत्तख आर्द और यर्द र्कसी रहना चार्हए

अन्य पशु जैसे गाय भैंसो बकरी आर्द कोई 16. फामा के बाहर भी एक फुट बार् रखना
यर्द फामा में रखें तो उनकी फेंर्सं ग और चार्हए र्जसमें पोटे र्शयम परमैंगनेट का घोि

आने का रास्ता अिग रखें हर चौर्े या पां चवें र्दन बदिना चार्हए फामा
9. र्कसी भी पाितू पशु जैसे कुत्ता र्बल्ली को में घुसते समय और बाहर आते समय उसमे

फॉमा में ना रखें और ना आने दे पैर र्ोने चार्हए


10. हर एक फॉमा में चूहे छछूंदर आर्द को 17. फामा की साफ-सफाई और सैर्नटे शन

कंटर ोि करने का एक प्रोग्राम हमेशा चिा प्रोग्राम


कर रखें इसके र्िए उपयु क्त संसार्न पहिे 18. सैर्नटे शन प्रोग्राम एक अकेिा ऐसा काया है

ही जुटा िें | चूहे ईकोिाई साल्मोनेिा और र्जससे फामा में बीमाररयों को आने से रोका
अन्य कीटाणुओं जीवाणुओं के कायावाहक जा सकता है

होते हैं | 19. एक स्वस्र् ब्रीडर के चूजे एक अच्छी


11. मुर्गायों के फामा में चूहे नहीं घुसने चार्हए शुरुआत प्रदान करते हैं | अच्छी साफ-सफाई

12. फामा की आसपास की जगह में कोई भी रखने से बीमाररयों की आमद कम हो जाती
घास-फूस कूडा यह पुराना सामान चूहों को है | फामा सैर्नटे शन का यह मतिब र्बल्कुि

रहने की जगह मुहैया करता है भी नहीं र्क हम एक अच्छा र्डसइन्फेक्टें ट


13. यर्द र्कसी स्र्ान पर फीड र्बखर जाता है तो चुनकर सारा भार उस पर डाि दें |

उसे अच्छे से साफ कर दें क्ोंर्क यह चूहों 20. र्डसइन्फेक्टें ट को फामा के अंदर मौजूद
को आकर्िात करता है गंदगी र्नस्िय कर दे ती है नीचे र्दए गए

14. हर फामा में शौचािय और हार् र्ोने की र्सिां तों को ध्यान से पढ़ें और यह र्सिां त
व्यवस्र्ा होनी चार्हए| फामा के बाहर 1 वाश उस स्स्र्र्त में कारगर नहीं है यर्द आप

बेर्सन िगाना चार्हए र्जस पर डे टॉि िीटर को दोबारा इस्ते माि करते हैं |
र्िस्क्वड सोप मौजूद हो और फामा में जाने से 21. हर पोल्ट्र ी बैच के कायाकाि के अं त में सभी

पहिे और बाद में उस से हार् साफ र्कए पर्क्षयों को फामा में से र्नकाि दे ना चार्हए
जाएं

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22. यर्द फामा में कीडों, जुओं और र्कस्ल्लयों की 28. र्जन बतानों को या उपकरणों को र्ोया नहीं

समस्ा आई हो तो एक अच्छा कीटनाशक जा सकता उन्हें र्ूप में सुखाएं या फूर्मगेशन


इस्तेमाि करें यह काया पर्क्षयों के र्नकिने (fumigation) के समय फॉमा में रहने दे

के तुरंत बाद करना चार्हए क्ोंर्क यह कीडे 29. जब फामा में से र्िट्टर को र्नकाि दे तब
जल्दी ही फामा की दरारों और अन्य जगाहों प्रेशर वािे पाइप से फशा की र्ुिाई करें

में छु प जाते हैं और अगिे पोल्ट्र ी के बैच को )वित्र IA) और एक अच्छा र्डटजेंट िेकर
दू र्ित करते हैं उस पानी से फशा को और दीवारों को साफ

23. कीटनाशक र्छडकने का प्लान पहिे ही बना करें फामा की छत और पदों पर भी तेज र्ार
िेना चार्हए वािे पानी से सफाई करनी चार्हए यर्द फामा

24. फामा में से मुर्गायों को र्नकािने के बाद चूहों में पंखे िगे हुए हैं तो उन पर पहिे पन्नी का
को कंटर ोि करने का प्रोग्राम चिाना चार्हए कवर चढ़ा दें और सावर्ानी से छत की

25. हर तरह के फीड को फामा में से हटा दे ना र्ुिाई करें |


चार्हए यर्द फीड बचा हुआ होतो उसे अगिे 30. र्जन फामो में पदे िगे हुए हो उनमें पदों के

बैच में इस्तेमाि करने से पहिे , र्पछिे बैच दोनों तरफ सफाई करनी चार्हए|
में होने वािी बीमाररयों का आं किन कर िे 31. र्ुिाई एक तरफ से शुरू करनी चार्हए और

और सुव्यवस्स्र्त ढं ग से फीड का इस्तेमाि पानी को सार् सार् र्नकािते चिना चार्हए


करें और र्कसी भी तरह के पानी को फामा में या

26. दू सरा बैच िेने से पहिे सारे र्िट्टर को फामा आसपास जमा ना होने दें |
में से साफ कर िेना चार्हए और गार्डयों में 32. जहां पर र्बजिी की र्फर्टं ग हो वहां पर पानी

भी िीटर के अवशेि ना रहने दें को ध्यानपूवाक इस्तेमाि करें |


27. गन्दगी, र्ूि, र्मट्टी आर्द सभी साफ करें 33. र्जन फामों में टैं क िगे हुए हो उन्हें खािी

कुछ फामों में दवाई रखने के र्िए कुछ करके अंदर से र्डटजेंट से साफ करना
शेल्फ बने होते हैं उन पर र्ूि जम जाती है चार्हए और उस पानी को र्डरंर्कंग र्सस्टम से

उसे साफ करना ना भूिें जो खंबे, पदे या बाहर र्नकािना चार्हए उसके बाद उसमें
दीवारें में भी र्ूि र्मट्टी जमा हो जाती है उसे साफ पानी भर के जब तक बाहर र्नकाि िे

भी साफ करना ना भू िें जब तक र्डटजेंट पूरी तरह से साफ ना हो


जाए|

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34. Virkon S नामक दवाई को पानी के टैं क में 40. जब फामा को र्ो र्िया जाए तब उसमें

10 ग्राम प्रर्त िीटर के र्हसाब से डािें और र्डसइन्फेक्टें ट का स्प्रे करना चार्हए इसके
पूरे र्डरंर्कंग र्सस्टम में उस पानी को चिा दे र्िए 10 ग्राम Virkon S नामक दवाई को 1

ऐसा करने से र्डरंर्कंग र्सस्टम के अंदर हर िीटर पानी में घोि कर र्मिा िेना चार्हए
प्रकार की र्चकनाई और गंदगी दू र हो याद रखें र्क पानी बहुत ठं डा या गमा ना हो

जाएगी और पानी द्वारा बीमारी फैिने का बस्ल्क उसका तापमान 30 र्डग्री सेस्ियस
खतरा भी कम हो जाएगा| के करीब हो और 1 िीटर पानी से 3 मीटर

35. फामा के बतानों को र्डटजेंट से अच्छे से र्ोने स्क्वायर जगह को स्प्रे करें |
के बाद Virkon S नामक दवाई के घोि में 41. 10,000 स्क्वायर फीट जगह के र्िए 300

15 र्मनट के र्िए डु बाना चार्हए और ग्राम Virkon s को 30 िीटर पानी में


र्नकाि कर सुखा िेना चार्हए र्मिाकर स्प्रे करें (यह उन फामो के र्िए हैं

36. दू सरे उपकरण जैसे ब्रूडर गाडा फीडर के जहााँ वायरि बीमारी बार बार आती है )| आम
ढक्कन आर्द को भी र्बना अच्छे से साफ फामा में 100 ग्राम Virkon s 30 िीटर पानी

र्कए अगिे बैच में इस्तेमाि नहीं करना में काफी होता है |
चार्हए
यह सब करने से फामा में र्पछिे बैच की िगभग
37. बाहर आने जाने के रास्ते में गटर में छतों पर
80% वायरि बीमाररयां गम्बोरो, रानीखेत, IB
या अन्य जगहों में फॉमा से र्ुिाई के दौरान
आर्द खत्म की जा सकती हैं परं तु अब भी एक
र्नकिा हुआ कचरा जमा ना होने दें
महत्वपूणा काया करना बाकी रहता है वह है
38. र्कसी भी तरह के ररपेयर का काम या डरेनेज
फूर्मगेशन
की सफाई इसी दौरान कर िें| चिते फामा में
फूवमगेशन )fumigation) क्या है
यह काम करने बहुत कर्ठन होते हैं और

इनसे पक्षी तनाव में आ जाते हैं और फूर्मगेशन में फामेर्िन नामक केर्मकि को
अर्तररक्त िाभ भी नहीं र्मिता| इस्तेमाि र्कया जाता है इसमें से र्नरं तर
39. अच्छी तरह से र्ोने के बाद सुखाना जरूरी फॉमेस्िहाइड की वाष्प र्नकिती रहती है जो
होता है इसर्िए इसके र्िए अर्तररक्त पंखे सभी प्रकार के जीवाणु और कीटाणु का नाश
चिाए जा सकते हैं करती है |

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इस तरीके को अपनाने से पहिे मानव सुरक्षा के इस तरीके में एक उग्र रसायर्नक र्रया होती है

सभी पहिुओं को ध्यान में रखना चार्हए क्ोंर्क र्जसमें से ऊष्मा और फामेर्िन गैस र्नकिती है
यह एक रासायर्नक र्रया है और र्कसी भी 25 मीटर क्ूब जगह के र्िए 1 िीटर फामेर्िन

केर्मकि के कम या ज्यादा होने से उसके काफी होता है | इसमें 3:2 के अनुपात में
पररणाम अिग हो सकते हैं | पोटे र्शयम परमैंगनेट र्मिाया जाता है मतिब 1

िीटर फॉर मैररज के र्िए 625 ग्राम पोटे र्शयम


1. जहां पर इस र्रया को र्कया जा रहा है वहां
परमैंगनेट की आवश्यकता होती है | क्ोंर्क यह
के भौर्तक वातावरण का आकिन अवश्य
रासायर्नक र्रया बहुत उग्र होती है इसर्िए
करना चार्हए र्जसमें र्नम्न बातों का ध्यान
एक बतान में सवा िीटर से अर्र्क फामेर्िन
रखें|
इस्तेमाि नहीं करना चार्हए| र्जस बतान में यह
2. वातावरण में आद्रता 70 से 80% तक होनी
र्रया की जानी है उसकी गहराई फामेर्िन
चार्हए|
तरि से 3 गुना अर्र्क होनी चार्हए और र्जतनी
3. फामा का तापमान कम से कम 21 र्डग्री
गहराई हो उतना ही उस बतान का व्यास होना
सेस्ियस होना चार्हए इससे कम तापमान
चार्हए ऐसा करने से फामेर्िन और पोटे र्शयम
पर फॉमाि इन गैस काम नहीं करती
परमैंगनेट के बीच होने वािी रासायर्नक र्रया
(इसर्िये सर्दा यों में फूर्मगेशन
से उत्पन्न होने वािे बुिबुिे बतान से बाहर नहीं
(fumigation) सुबह के समय करना
आएं गे| यह बतान र्मट्टी या र्ातु का होना चार्हए|
चार्हए)|
4. फामा को र्ोने के तुरंत बाद फूर्मगेशन उदाहरण के र्िए 1700m3 (60210 ft3)

करना ठीक रहता है क्ोंर्क इससे फॉमा में जगह के र्िए 68 िीटर फामेर्िन और 45 र्किो
आद्रता बढ़ जाती है | पोटे र्शयम परमैंगनेट चार्हए होता है |

5. इसके र्िए फामा को पूरा सीि कर दे ना


Steps in Fumigation
चार्हए और कहीं से भी हवा के बहाव को
1. अपने फामा का आयतन ft3 में र्नकाि िें
रोक दे ना चार्हए ऐसा कम से कम 24 घंटे के
(मतिब चौडाई X िम्बाई X ऊाँचाई)
र्िए होना चार्हए
2. इसके बाद फामा को पूरी तरह से बंद कर दें
फूवमगेशन के तरीके
और र्सफा बहार जाने का एक रास्ता खुिा
A. फामेवलन और पोटे वशयम परमैंगनेट छोड दें

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3. अब व्यास का स्टीि या चीनी र्मट्टी का बतान र्नकिने िगती है जो जीवाणु और कीटाणु

िें और उसमे 760 gram पोटै र्शयम नाशक होती है | 28ml फोमार्िन में 28ml पानी
परमैंगनेट रख दें 25 m3 के र्िए पयाा प्त होती है |

4. ऐसे बतान हर 10 फीट की दू री पर रख दें


फोमार्िन गैस और द्रव्य बहुत घातक होते हैं और
(उदहारण के र्िए यर्द आपका फामा 100
अर्र्क दे र तक उनके संपका में रहने से कैंसर
फीट िम्बा है तो 9 बतान ऐसे रखें)
भी हो सकता है इसर्िये इस प्रर्रया को पुरे
5. अब दो िोग अपने मुह पर कपडा बां र्कर,
बचाव के सार् जल्द से जल्द पूरा करें और काम
चमडे के जूते, दास्ताने और आाँ खों पर सेफ्टी
के बाद हार् पैर र्ो िें |
चश्मा िगाकर फोमार्िन को एक बाल्ट्ी में

िेकर तैयार रहे और सार् में एक सवा िीटर


(1.2 िीटर ) का मापक िे िें (यह मापक

ऐसा होना चार्हए र्जसमे आगे की तरफ


 बे हतरीन अमानतदारी िादा पूरा करना है
पकडने का एक हैं डि हो और मापने का  विस व्यस्ि को अल्लाह ने बे वटयां दी हो और िो

कटोरा दू सरे पर हो| यह हैं डि 1 मीटर िम्बा उनके साथ अच्छा सुलूक करें तो िो ही बे वटयां उसे

होना चार्हए | िहन्नु म से बिाने का कारण बन िाएाँ गी|

6. अब फामा के दो र्सरों से दो िोग उस मापक


कटोरे से बाल्ट्ी से फोमार्िन िेकर पहिे से हज़रत मु हम्मद )सo)

रखे हुए पोटै र्शयम परमैंगनेट डािना शुरू


करें

7. ऐसा वो जल्दी से जल्दी कर दें (मगर इस


बात का ध्यान रखें की बराबर मात्रा में

फोमार्िन बतान में चिा गया है )


8. अब फामा से बहार आ जाये और 24 घंटे के

र्िए फामा को बंद कर दें


B. फोममवलन और पानी द्वारा फूवमगेशन

इस तरीके में फोमार्िन में बराबर मात्रा में पानी


र्मिा कर रख र्दया जाता है और उसमे से वाष्प

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17. पोस्ट मोटे म जड तक पहुं चने की कोर्शश की जाती है ऐसा

करने से फामा में आगे होने वािी मृत्यु को रोका


र्कसी भी बीमारी की जां च के र्िए कई बातों का
जा सकता है और प्रबंर्न में हो रही कर्मयों को
पता िगाना पडता है और छोटे -छोटे संकेत भी
दू र र्कया जा सकता है |
बडी जानकारी प्रदान कर दे ते हैं | मुगी पािन में
मरी हुई मुगी का र्नरीक्षण करने के र्िए कुछ
भी पक्षी की आयु , दाने से िेकर पानी का स्रोत,
बुर्नयादी जानकारी का होना आवश्यक है वैसे तो
दाना खाने की दर, वृस्ि, उत्पादन, बीमारी इन
पोस्टमाटा म र्कसी पंजीकृत वेटरनरी डॉक्टर
सब की जानकारी के सार् सार् टीकाकरण
से ही कराना चार्हए या र्फर र्कसी टर ें ड व्यस्क्त से
कायारम के र्विय में मािूमात कई कर्ठनाइयों
परं तु भारत में स्स्र्र्त कुछ अिग होती है क्ोंर्क
को हि कर दे ती है |
यहां पर छोटे र्कसान 2000 से 5000 मुर्गायां
मुगीपािन में कई कर्ठनाइयां आती है जो उसके
तक पािते हैं और वेटरनरी सर्वासेज के अभाव
प्रबंर्न, पयाा वरण कारक, और तनाव से जुडी
के कारण उन्हें खुद ही समस्ा का समार्ान
होती हैं और कुछ स्स्र्र्तयों में फामा में संरमण
र्नकािना पडता है ऐसे में पोस्टमाटा म का तरीका
आने से भी मृत्यु दर बढ़ जाती है | ऐसे में हमें यह
सीखना र्कसानों के र्िए अत्यंत िाभकारी र्सि
दे खना पडता है की पयाा प्त वेंटीिेशन है या नहीं,
हो सकता है |
फामा में अमोर्नया तो जमा नहीं होने िगी, कहीं
कुछ समस्ाएं , (जैसे िंगडापन या
ज्यादा ठं डा या गमा तो नहीं है , र्िट्टर अर्र्क
Botulism र्जसमें मुर्गायों की गदा न में िकवा
गीिा या बहुत सूखा और र्ूि भरा तो नहीं है |
मार जाता है ) जीर्वत पक्षी में बेहतर रूप से पता
कमरे में पयाा प्त िाइट है या नहीं? क्ा पयाा प्त
िगाई जा सकती हैं | सर, शरीर और टां गों की
समय के र्िए र्बजिी जिाई जा रही है ? क्ा
खाि का र्नरीक्षण र्कया जाता है जैसे जुएाँ,
पक्षी आराम दे वातावरण में हैं ? पर्क्षयों के
र्कस्ल्लयां , चोट, मोस्ल्ट्ं ग, सूजन, खाि का
चहचहाने से और उनकी आवाज सुनकर आराम,
नीिापन या खाि पर रूसी का जमा होना|
भूख, ददा , और तनाव का कुछ हद तक पता
ध्यान से सुनने पर कुछ असामान्य आवाज़े फ्लॉक
िगाया जा सकता है |
में सुनी जा सकती हैं जैसे छींक, गगार्िंग, खर
इसी कडी में एक काया पोस्टमाटा म भी आता है
खर आर्द| बार बार िम्बी झमायी के र्िए मुंह
र्जस में मरे हुए पर्क्षयों को दे ख कर उनके
खोिना, सर को झटके दे ना, सां स िेने में होने
अंदरूनी अंगों का मुआयना करके बीमारी की
वािी तकिीफ को दशाा ता है | आं ख और नाक से

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द्रव्य का बहना और गंदे पं ख भी सां स िेने के तंत्र आाँ खों के नीचे ब्लेड से कट िगायें और

के संरमण को दशाा ते हैं | मुगी की बीट को भी infraorbital साइनस को दे खें|


ध्यान से दे खना चार्हए र्क कहीं दस्त या और मुगी के सर में पाए जाने वािे नर्ुनों के पीछे कुछ

कोई समस्ा तो नहीं है और बीट में खून को भी खािी जगह होती हैं र्जसे साइनस कहां जाता

दे खना चार्हए | कोराईज़ा नामक बीमारी में इनमें द्रव्य भर जाता

है र्जसकी वजह से यह बडे हो जाते हैं और सर

सू जा हुआ र्दखाई दे ता है |
मुगी का पोस्टमाटम म

1. सबसे पहिे एक बाल्ट्ी में र्नवाए पानी को डािें 4. मुगी के मुह के र्कनारों से एक कट िगायें
और र्ोडा सा कपडे र्ोने का र्डटजेंट पाउडर और इसोफेगस के रॉप तक काटते चिे

डािकर एक घोि बना िें और इसमें मुगी को जाएाँ इससे मुह के अन्दर का र्नररक्षण करे |
दो या तीन बार र्भगोकर र्नकाि िे 5. अन्दर से मुह में और खाने की निी में सर्ेद

2. इसके बाद सर, आं खें, कान, नाक, किगी, मुंह, रं ग के छोटे छोटे दानो दे खें अगर ऐसा र्दखे
और चोंच का मुआइना करें तो पक्षी के पोिण में र्वटार्मन A की कमी

का आं किन करें |
सां स िेने के तं त्र में सं रमण को आं खों में दे खा जा
6. रॉप र्नररक्षण कर के दे खें की उसमे र्िट्टर
सकता है यह सं रमण कई बीमाररयों से होता है
के अवशेि तो नहीं है और उसका आकार
जैसे माइकोप्लाज्मा, कोराईज़ा, ILT, IB,
कैसा है अर्र्क बडा या छोटा तो नहीं है |
रानीखेत आर्द| Kerato-cunjuctivitis में आं खों

की र्झल्ली पर अिर के रूप में जख्म हो जाता 7. अब ऊपर से मां सपेर्शयों का र्नररक्षण करे
है यह अत्यर्र्क अमोर्नया के कारण होता है | और दे खें की उसकी ऊपर की खाि कहीं
फाउि कॉिरा में किगी नीिी हो जाती है |
सड तो नहीं रही जैसा गैंगरीनस डमेटाइर्टस
फाउि पॉक्स में किगी, आाँ खों और मुह के
में होता है |
अन्दर चेचक जैसे दाने हो जाते हैं | सर, गदा न या
8. अब पंजो के नीचे की तिी को दे खें उसकी
छाती पर ज़ख्म र्कसी जानवर के हो सकते हैं |
मुह और आाँ खों के चारो तरफ सू खी खाि और गन्दगी से फामा में र्िट्टर की साफ सफाई का
रुसी र्वटार्मन B की कमी को दशाा ता है | अंदाज़ा िगायें | पंजो की खाि को दे खें की
कहीं बहुत रुखी तो नहीं है जो की बायोर्टन

3. इसके बाद चोंच को जड से (नर्ुनों के नीचे से) और पेंटोर्ीनेट की कमी से दे खने को र्मिता
काटें और अन्दर मौजूद साइनस को दे खें र्फर है |

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

9. र्फर जोड दे खें कहीं सूजे हुए तो नहीं हैं | 15. अब आं तो को कैंची से कार्टए और साफ

जोड के ऊपर चीरा िगायें और जोड खोि पानी से र्ो िें उसके बाद उसे र्कसी भी
कर उसके अन्दर का द्रव्य दे खें| बडी हिी प्रकार के घाव के र्िए दे स्खये|

को एक र्सरे से तोडें और उसका रं ग दे खे 16. अब फेफडे र्नकािें और उन्हें भी सार् में


की तेज िाि है या फीका िाि| CIA और रख िे और उसका मुआइना|

खून की कमी को उसमे दे खा जा सकता है | 17. पोस्ट मोटे म में िीवर का बहुत महत्त्व है
10. टां ग की हिी तोड कर दे खें अगर चटाक की क्ूंर्क िीवर से सबसे अर्र्क रासायर्नक

आवाज़ आये तो मतिब र्वटार्मन D और और मेटाबोर्िक र्रयाएाँ होती है इसर्िये


कैस्शशयम सही है यर्द हिी रबड जैसी है तो िीवर का आकार, साइज़, रं ग, र्कनारों की

र्वटार्मन D की कमी होती है | बनावट, र्चकनापन दे खकर कई बीमाररयों


11. पंजो का सही से मोआइना करे की कहीं वो को समझा जा सकता है | जै से इ.कोिाई और

मुट्ठी की तरह बंद तो नहीं हैं जैसा र्वटार्मन माईकोप्लाज़्मा के सं रमण में िीवर पर एक
B2 की कमी में दे खने को र्मिता है | सर्ेद र्झल्ली जम जाती है |

12. छाती की मां सपेर्शयों को उठाएं अब र्कनारे 18. इन सब अंगों का मुआयना करने के बाद
से पसर्ियों तक कैंची से काटे | ऊपर र्कडनी को दे खें और बीट करने की जगह के

आपको र्िवर स्प्लीन, र्गज़डा और वायु पास बरसा का र्नरीक्षण करें | आइए अब
कोि र्दखाई दें गे उनका सावर्ानीपूवाक र्चत्रों के माध्यम से पोस्टमाटा म के तरीके को

र्नरीक्षण करें | समझें|


13. अब आं तो को र्नकािें और अिग कर िें | 19. सबसे अंत में सर खोिे और र्दमाग को

उसके बाद र्दि को र्नकाि कर दे खें| इन र्नकाि कर दे स्खए की सूजन या िािी तो


सब अंगों को अिग अिग करके टर े में रख िें नहीं है जो की संरमण की र्नशानी है |

14. अब सबसे पहिे र्गज़डा को खोि कर दे खें 20. इन सब िक्षणों को नोट कर के र्कसी
की उसके अन्दर पयाा प्त र्ग्रट है या नहीं और र्वशेिग्य या वेटरनरी डॉक्टर से उपचार हे तु

उसकी सख्त परत कैसी है और उसका रं ग परामश करें |


कैसा है |

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1 2

3 4

5 6

7 8

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9 10

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19 20

21 22

23 24

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AA AB

BA BB

BD
BC
BA

CA CB
BA BA

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CD CE

DA EA

EB EF

FA FB

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FC FD

FE FF

FG FH

FJ
FI

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

FK FL

FM
FN

FO FP

FQ FR

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FS FT

FU FV

FW GA

HA IA

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

18. ध्यान रखने योग्य कुछ महत्त्वपूणम Vaccination schedule for broilers

Days Vaccine Route


पहलू 1-6 Ranikhet (F1 or Eye drop or
B1) intranasal
Weekly temperature chart of brooder 10-12 Gumboro Drinking
intermediate water
Week Temperature 18-21 LaSota Drinking
I Day 1 35°C (95°F) water
Day 2 32 - 33°C (95°F) 24-30 Gumboro Drinking
Rest of 32°C (92°F - intermediate water
the week 95°F)
II 30°C (90°F)
III 28°C (85°F)  िो अपने पररिार िालो के साथ अच्छा सुलूक
IV 26°C (80°F) करता है ख़ु दा उसकी उम्र बढ़ाता है
V 24°C (75°F)
 िब तुम सफ़र से िापस आओ तो अपने अहलो
अयाल )पररिार िालो के वलए) उपहार लाओ, िाहे
Floor space requirement िो पत्थर का एक टु कडा ही क्यों न हो |

Days No. of chicks / sq ft  लोगो के साथ अच्छा बताम ि करना सदक़ा (charity
1 – 10 days 3 – दान पुण्य) है
11 – 20 days 2
21 – 32 days 1

हज़रत मु हम्मद )सo)


Broilers performance standards
Age Av. Feed/week Feed Feed
weeks Weight (g) cumulative conversion
(g) (g)

1 145 160 160 1.10


2 385 320 480 1.25
3 705 510 990 1.40
4 1065 655 1645 1.54
5 1445 785 2430 1.86
6 1835 930 3360 1.93
7 2240 1075 4435 1.98
Although this is standard given by Venkys for
Cobb400 and it varies according to environment,
feed and management practices.

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

19. ब्रॉयलर पालने की विवध – वदनों ब्रायिर पािने की पूरी र्वर्र् हम पहिे ही र्वस्तार से बता
चुके हैं यहां पर उन सब तथ्यों को जमा करते हुए हम
के वहसाब से )पहले वदन से लेकर महत्वपूणा र्बंदुओं पर प्रकाश डािेंगे और र्दनों के र्हसाब से
प्रबंर्न काया और इस्तेमाि होने वािी दवा के बारे में बताएं गे |
अंत तक)

िूज़े 20.
आने से र्पछिे बैच को र्नकािने के बाद पुराने र्िट्टर को तुरंत हटा दें और अगिे चूज़े आने से 4 र्दन
4 वदन पहले पहिे फामा के फशा और दीवारों को र्डटजेंट पाउडर से अच्छी तरह से र्ो िें| उसके सूखने पर
21. दीवारों और फशा पर जहां टु टा हुआ हो चूना भर दें

िूज़े आने से चूज़े आने से 3 र्दन पहिे Fumigation करें (जैसा की फामा बायो र्सक्ूररटी के अध्याय 16 में
3 वदन पहले बताया गया है )| ऐसा करके 36 से 48 घंटे फामा बंद रखें और उसके बाद फामा खोि कर नाक
पर कपडा बां र् कर फामा मे प्रवेश करें

िूज़े आने से फामा में बहार से परदे सेट करें | 10g (Virkon S) 1 िीटर पानी में र्मिकर फामा में हर जगह स्प्रे
1 वदन पहले करें | उसके बाद र्िट्टर र्बछा कर उसके ऊपर भी 1 िीटर प्रर्त 120sqft के र्हसाब से स्प्रे करें |
अब ब्रूडर गाडा िगायें और स्प्रे करें | र्िट्टर के ऊपर न्यू ज़ पेपर र्बछा दें और अब पयाा प्त बल्ब
और हीटर िगाकर उनका व्यस्स्र्त कनेक्शन कर िें (इमरजेंसी हीर्टं ग के र्िए सं सार्न रखें)

पहला वदन चूज़े आने से 8 घंटे पहिे ब्रूडर के बल्ब और हीटर चिा दें और सतह पर 950F तापमान बना िें |
)िूज़े आने 1 घंटे पहिे पानी में प्रत्येक 1000 चूज़े पर 30 ग्राम Electral का घोि बनाकर तैयार कर िें और
से पहले ) उसे र्डरंकर में भरकर ब्रूडर में उर्चत दू री पर रख दें और रम्बि फीड पे पर पर र्बखरा दें |

पहला वदन जब चूज़े आ जायें तो रौशनी र्ीमी कर दें और चूज़ों को डब्बे में से जल्दी से र्नकाि कर ब्रूडर में
)िूज़े आने छोड दें | अर्र्क दे र तक डब्बो में रहने के कारण चूज़ों में dehydration हो जाता है | खािी डब्बे
के समय) तुरंत शेड से बहार र्नकाि दें | 1 से 2 घंटे की प्रतीक्षा र्कर्जये और चूज़ों को वातावरण में एडजस्ट
होने दें और र्ीरे र्ीरे रौशनी को पूरा कर दें (अध्याय 4 के अनुसार)

पहला वदन सभी चूज़ों पर ध्यान दें और दे खें की कही वो एक सार् जमा तो नहीं हो रहे या ब्रूडर में बहार की
)िूज़े आने तरफ तो नहीं भाग रहे यर्द ऐसा है तो तापमान चेक करें | उनकी चहचाहट को सुने और सभी
के बाद) चूज़े एक सी ध्वर्न में चहचहाते होने चार्हए| पानी और फीड का ध्यान रखें और जब कूिर्चक का
पानी समाप्त हो जाये तो अगिे पानी में 1ml सर्ेद र्सरका (या Acidifier) 2 िीटर पानी में दें |
कुछ चूज़ों को उठा कर उनका वज़न कर िें और कहीं र्िख िें |

दू सरा वदन सभी चूज़ों पर ध्यान दें , तापमान चेक करें और कुछ चूज़ों को उठा कर उनका रॉप दबाकर दे खे
की र्कतना भरा हुआ है | चू ज़ों की संख्या अनुसार फीडर और र्डरंकर िगा दें (अध्याय 6)| पहिे
र्दन की तरह पहिे पानी में Electral और दू सरे पानी में र्सरका दें | पयाा प्त वेंटीिेशन भी बनाये
रखे| र्ोडा रम्बि फीड पेपर पर भी र्बखरा दें |

तीसरा वदन तापमान चेक करें , Electral पहिे की तरह और यर्द मोटे र्िटी र्दखे तो र्सरके की जगह 1g (
Neomycin Doxicycline) पाउडर 300 चूज़ों को पानी में दें | न्यूज़ पेपर को बदिे| ब्रूडर की
जगह को र्ोडा बढ़ा दें | फीडर में फीड चेक करें | चूज़े का स्वभाव पर खास नज़र रखें|
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित
िौथा वदन तापमान चेक करें , 1g ( Neomycin Doxicycline) पाउडर 300 चूज़ों को पानी में दें | फीडर में
फीड चेक करें | चूज़े का स्वभाव पर खास नज़र रखें| एं टीबायोर्टक तभी दें जब मोटे र्िटी र्दखे |

पांििा और तापमान चेक करें , फीडर को खिी न होने दें , छठे र्दन ब्रूडर की जगह बढ़ाए और न्यूज़ पेपर
छठा वदन बदिें| सु बह के पानी में 2g Probiotic 200 चूज़ों पर दें और शाम को पानी में 1-1ml
Multivitamin और इम्यून बूस्टर 200 चूज़ों पर दें | छठे र्दन रानीखेत F1 की वैक्सीन आाँ ख में
एक बूंद डािें| रम्बि फीड हटा कर पैिेट फीड शुरू कर सकते हैं |

सातिा वदन सभी चूज़ों का ध्यान से र्नररक्षण करें और फीडर खिी न होने दें | सुबह के पानी में 1ml िीवर
टॉर्नक प्रर्त 300 चूज़ों पर दें | ब्रूडर गाडा और न्यूज़ पेपर हटा सकतें हैं यर्द तापमान सही है तो|
सातवे र्दन से तापमान 900F बनाकर रखें| चूज़ों का वज़न करें | औसत वज़न पहिे र्दन के औसत
वज़न से पां च गुना अर्र्क होना चार्हए यर्द ऐसा नहीं है तो र्वर्भन्न प्रबंर्न कारको की जााँ च करें |

आठिे से सभी चूज़ों पर ध्यान दें , तापमान 900F बनाकर रखें और ब्रूडर गाडा हटा दें , पैिेट फीड दें , सादा
दसिे वदन पानी चिाते रहें | अब रात के समय आर्े घंटे के र्िए 2 बार 4 घंटे के अन्तराि पर िाइट बंद
र्कया करें | उस दौरान ध्यान से चूज़ों की आवाज़ सुने और र्कसी प्रकार की खर खर हो तो नोट
करें और डॉक्टर से संपका करें | बीट पर भी नज़र रखें|

ग्यारिा, तापमान 900F बनाकर रखें, 20g Electral प्रर्त 50 र्किो मुर्गायों पर पानी में दें र्दन में एक बार|
बारिा और मुर्गायों की संख्या अनुसार बडे फीडर और र्डरंकर िगा दें (अध्याय 6)| तेरवे र्दन शाम के समय
तेरिा वदन 100 मुर्गायों पर 1ml र्वटार्मन E और A (Vimeral) चिायें | यर्द कोई सााँ स की या आं तो की
र्बमारी नज़र आये तो िक्षणों और पोस्ट मोटे म के आर्ार पर उपयुक्त इिाज करें |

ग्यारिा, तापमान 900F बनाकर रखें, 20g Electral प्रर्त 50 र्किो मुर्गायों पर पानी में दें र्दन में एक बार|
बारिा और मुर्गायों की संख्या अनुसार बडे फीडर और र्डरंकर िगा दें (अध्याय 6)| तेरिे र्दन शाम के समय
तेरिा वदन 100 मुर्गायों पर 1ml र्वटार्मन E और A (Vimeral) चिायें | यर्द कोई सााँ स की या आं तो की
र्बमारी नज़र आये तो िक्षणों और पोस्ट मोटे म के आर्ार पर उपयुक्त इिाज करें |

िौदहिा तापमान 850F बनाकर रखें, र्कसी भी तरह का सैनीटाईज़र या क्लोरीन न चिाये (हो सके तो RO
वदन का पानी इस्तेमाि करें ) | 1 िीटर पानी में 2g सूखा दू र् का पाउडर र्मिाएं उसमे Nobilis
Gumboro 228 E या GlobiVac® IBD Cu-1M (गमबोरो की वैक्सीन) 1000 dose की एक
वायि को अर्र्कतम 40 िीटर पानी में र्मिाएं | वैक्सीन दे ने से 3 घं टे पहिे पानी रोक िें|
वैक्सीन टैं क में ना डािें बस्ल्क manual र्डरंकर में दें | आवश्यकता से 2 र्डरंकर अर्र्क िगायें|
फीड को आम र्दनों की तरह चिने दें | बच्चे का वज़न िें| शाम को 1g Vit E Se.

पंद्रह, तापमान 850F बनाकर रखें, पन्द्रिे र्दन सुबह के समय 100 मुर्गायों पर 2ml र्वटार्मन E और A
सोलह, चिायें | यर्द कोई सााँ स की या आं तो की र्बमारी नज़र आये तो िक्षणों और पोस्ट मोटे म के आर्ार
सत्रह वदन पर उपयुक्त इिाज करें | फीड को चिने दें |

अठारिे, तापमान 850F बनाकर रखें, 18-19वे र्दन िीवर टॉर्नक (Liv52) 2ml प्रर्त 100 मुर्गायों में पानी
उन्नीस और में चिायें | बीसवे र्दन 100 मुर्गायों पर 1ml र्वटार्मन E और A (Vimeral)| इस दौरान यर्द फीड
बीसिे वदन स्टाटा र से र्फर्नशर में बदिें तो फीड बदिने वािे र्दन और एक र्दन बाद पानी में 2g
प्रोर्बओर्टक प्रर्त 20 र्किो वज़न115 पर|देंP| a g e
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इस्क्कस्वे , तापमान 800F बनाकर रखें, इस्क्कस्वे र्दन सु बह पानी में रानीखेत बीमारी की Lasota वैक्सीन
बाईस और दें (र्बिकुि उसी तरह जैसे गमबोरो की वैक्सीन दी र्ी| 3 र्दन Electral 20g प्रर्त 50 र्किो
तेइसिे वदन वज़न पर पानी में चिायें| र्फर्नशर फीड चिने दें |

िौबीसिे से तापमान 750F बनाकर रखें, यर्द आवश्यकता न हो तो कोई भी दवाई इस्तेमाि न करें | फीड को
तीसिे वदन चिने दें | बीट का ध्यान रखें और यर्द हिकी िाि या चोक्ले टी र्दखे तो Sulphaquinoxolone
तक (Rancox/Ducox) 1g एक िीटर पानी में एक बार चिाये सुबह में और उसी र्दन शाम में
प्रोर्बओर्टक 1g प्रर्त 10र्किो वज़न पर दें |

इक्कावतस्वे तापमान 750F बनाकर रखें, यर्द आवश्यकता न हो तो कोई भी दवाई इस्तेमाि न करें | फीड को
वदन से चिने दें | कोई बीमारी र्दखने पर आवश्यकता अनुसार इिाज करें
वबकने तक

नोट: यहााँ पर दवाइयों की आम जानकारी दी गयी जो दवाइयां इसर्िये इस्तेमाि की गयी है की बीमारी न आये|
यर्द र्फर भी बीमारी आ जाये तो पशु र्चर्कत्सक की सिाह अनुसार दवाइयों का इस्तेमाि करें | फीड के र्विय में
अपनी ब्रीड और फीड की कंपनी के बताये अनुसार दाना दें | आम तौर पर प्रर्त 100 चूज़ों पर 30 से 35 र्किो प्री
स्टाटा र, 70 से 80 र्किो स्टाटा र और बाकी अंत तक 200 से 225 र्किो तक र्फर्नशर इस्तेमाि होता है |

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21.बडम फ्लू क्या है और इतना घातक के कारण यह मनुष्य में भी बीमारी करने की

क्यों है ? क्षमता रखता है | इन्हीं सब कारणों के चिते बडा


फ्लू का वायरस एक मुख्य परे शानी है र्जसे

र्नयंर्त्रत करना बहुत मुस्िि है |


बडा फ्लू का वायरस पूरी दु र्नया में पोल्ट्र ी
व्यवसाय के र्िए गिे की हिी बन गया है | यह बडा फ्लू का वायरस वैज्ञार्नक शब्दाविी में
वायरस अपने आप में अनोखा है क्ोंर्क यह ना इन्क्फ्लूएंजा वायरस के नाम से जाना जाता है जो
र्दखने वािी बीमारी से िेकर ऐसे घातक िक्षण र्क RNA वायरस है यह तीन रूपों में र्मिता है
र्दखाने वािी र्बमारी करता है | A, B, C हािां र्क र्सफा A वायरस जानवरों और
र्जसमें 100% मृत्यु र्नर्ित होती है | नुकसान ना पर्क्षयों में बीमारी करता है | इस वायरस में 8
पहुं चाने वािे वायरस और घातक वायरस तरह के जीन होते हैं र्जन से अिग-अिग
के प्रोटीन में र्सफा एक अमीनो एर्सड का ही वायरि प्रोटीन बनते हैं इनमें Hemagglutinin
फका होता है इसर्िए हमें न र्सफा इस बात का (HA) और Neuraminidase (NA) सबसे
पता िगाना चार्हए र्क कोई भी बडा फ्लू का महत्वपूणा होते हैं क्ोंर्क मुख्य रोग इन्हीं के द्वारा
वायरस र्कतनी खतरनाक बीमारी कर रहा है होता है और रोग प्रर्तरोर्क क्षमता भी इन्हीं तत्वों
बस्ल्क इस बात पर भी नजर करनी चार्हए र्क के स्खिाफ काम करती है | िगभग 16 तरह के
कोई वायरस र्कतना घातक बनने की क्षमता Hemagglutinin (HA) (1-16) प्रोटीन होते हैं
रखता है | और 9 तरह के Neuraminidase (NA) (1-9)
प्रोटीन होते हैं | इन्हीं प्रोटीनों के संयोजन के
यह इसर्िए क्ोंर्क बडा फ्लू का वायरस अपने
आर्ार पर वायरस का नाम रखा जाता है जैसे
चेहरे बदिता रहता है इसके र्िए अब तक कोई
H5N1, H7N7| ऐसे संयोजन के आर्ार पर
वैक्सीन नहीं बनाई जा सकी| बडा फ्लू का
144 अिग अिग र्कसम के वायरस तैयार हो
वायरस एक और बात में अनोखा है क्ोंर्क यह
सकते हैं इसर्िए इनके प्रर्त Vaccine बनाना
मुख्यत पाितू मुर्गायों को छोडकर जंगिी पर्क्षयों
नामुमर्कन सा िगता है |
जैसे बत्तख जिमुगी आर्द में भी र्मिता है इस

वजह से इसे पूरी तरह से नहीं र्मटाया जा सकता LPAI and HPAI : पोल्ट्र ी में इन्क्फ्लुएंजा का
और तो और इन जंगिी पर्क्षयों में यह कोई संरमण मुख्यत मुर्गायों और टकी में दे खने को
िक्षण भी नहीं र्दखाता| इसके र्वश्व व्यापक होने र्मिता है जहां यह िक्षण वािी बीमारी को

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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

दशाा ता है और उत्पादन को घटाता है | िक्षणों पररवर्तात हो जाए| यह माना जाता है की H5

की तीव्रता के आर्ार पर इस वायरस को दो और H7 वािे LPAI वायरस ही पोल्ट्र ी पर्क्षयों


भागों में बां टा गया है यर्द यह कम तीव्रता वािी में रूपां तररत होकर घातक और अर्त घातक

बीमारी पैदा करता है तो इसे Low Pathogenic HPAI वायरस बनते हैं और काफी िंबे अरसे
Avian Influenza (LPAI) कहते हैं और यर्द यह तक पोल्ट्र ी पर्क्षयों की आबादी में घूमते रहते हैं |

अर्र्क तीव्रता वािी घातक बीमारी पैदा करता है जैसा की हमने पहिे बताया की इं फ्लुएंजा
र्जसमें मृत्यु दर बहुत बढ़ जाती है तो इसे वायरसों का घर जं गिी पर्क्षयों में होता है परं तु

Highly Pathogenic Avian Influenza यह जंगिी पक्षी र्कसी भी तरह के घातक HPAI
(HPAI) virus कहते हैं | यह बीमारी काफी पुरानी को संरर्क्षत नहीं करते | आम तौर पर इन

है और इर्तहास में इसे मुर्गायों की महामारी के पर्क्षयों से LPAI वायरस र्नकिकर पोल्ट्र ी
रूप में जाना जाता है | पर्क्षयों की आबादी में आते हैं और वहां

रूपां तररत होते हैं | जैसे र्क 1983 में


Why bird flu virus named with H and
पेंर्सिवेर्नया में H5 वायरस के आउट ब्रेक से
N letters? जब LPAI वायरस से संरमण होता
पहिे 6 महीने तक LPAI वायरस पोल्ट्र ी में
है तो अमूमन कोई िक्षण नहीं र्दखते या र्दखते
घूमता रहा इसी तरह 1999 में इटिी में हुए H7
हैं तो र्सफा सां स िेने के तंत्र को संरर्मत करते हैं
के आउट ब्रेक में H7 LPAI वायरस HPAI में
परं तु ऐसे में यर्द दू सरे बैक्टीररया का संरमण
तब्दीि हो गया|
हो जाए तो मृत्यु दर बहुत बढ़ जाती है | LPAI
वायरस कई तरह के (HA) और (NA) प्रोटीन Molecular mechanism of virus activity

टाइप से र्मिकर बनता है | HPAI वायरस ना and disease: मॉर्िक्ूिर िेवि पर LPAI
मािूम कारणों से र्सफा H5 और H7 तक ही और HPAI मे एक फका होता है र्जसे मोटे तौर

सीर्मत रहता है और इसमें भी अर्र्कतर इनका पर ऐसे समझा जा सकता है की इन्क्फ्लूएंजा


संयोजन कम तीव्रता वािे वायरस के रूप में वायरस को बीमारी पै दा करने के र्िए अपने H

दे खने को र्मिता है | प्रोटीन को HA1 और HA2 मे तोडना पडता है


यर्द ऐसा नहीं हुआ तो बीमारी नहीं होगी| यह
Why bird flu virus become so
H प्रोटीन पोल्ट्र ी की कोर्शकाओं में मौजूद
dangerous? ऐसा बहुत ही कम दे खने को
र्वर्भन्न एं जाइमों से टू टता है | तो र्जस इं फ्लुएंजा
र्मिता है की LPAI रूप बदि कर HPAI में
के वायरस H प्रोटीन में इन एनज़ाईम से टू टने की

118 | P a g e
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ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

क्षमता होती है वह HPAI बन जाता है | यह Clinical signs and symptoms of bird

एं जाइम मुख्यत सां स िेने के तंत्र की कोर्शकाओं flu virus in Chickens? बडम फ्लू िायरस के
में र्मिते हैं इसर्िए सबसे पहिे िक्षण जुकाम लक्षण

के र्दखते हैं | र्हं दी में वैज्ञार्नक शब्दाविी की


यह िक्षण र्वर्चत्र रूप से अिग अिग मुर्गायों के
कमी के कारण इस वायरस और बीमारी के और
फ्लॉक में अिग अिग हो सकते हैं | यह िक्षण
रोचक तथ्यो के ऊपर प्रकाश डािना मुस्िि है |
वायरस के प्रकार, मुगी की रोग प्रर्तरोर्क

इन्क्फ्लूएंजा वायरस की खार्सयत यह होती है यह क्षमता, मुगी की आयु और दू सरे पयाा वरण के
अपने चेहरे बदिता है इसर्िए र्कसी एक पशु कारकों पर र्नभार करते हैं |

या पक्षी में र्वचरण करने वािा वायरस दू सरे पशु


LPAI वायरस से ग्रर्सत मुर्गायों में केवि सां स
या पक्षी में बहुत मुस्िि से जाता है परं तु जब
िेने के तं त्र और पेट की बीमारी के िक्षण ही
जाता है तो र्वनाश करता है | इन्क्फ्लुएंजा का
र्दखते हैं | इसमें मुख्य प्रभाव साइनस, टर े र्कआ,
वायरस र्कसी में भी हो पर इसका स्रोत जंगिी
फेफडे , वायु कोि (AIR SACS), और आं तो में
पक्षी ही होते हैं र्जन से र्नकिकर यह पाितू
दे खने को र्मिते हैं | िेयर और ब्रीडर मुर्गायों में
मुर्गायों मैं आता है और वहां से अन्य पशुओं में |
र्बना र्कसी िक्षण के अंडों का उत्पादन व्यापक
एक्सपटा वैज्ञार्नक यह मानते हैं र्क मनुष्य में होने
रूप से र्गर जाता है |
वािे घातक स्वाइन फ्लू वायरस जंगिी पर्क्षयों से
HPAI वायरस द्वारा ग्रर्सत मुर्गायां अक्सर कोई
र्नकिकर पाितू मुर्गायों में आए और र्फर
िक्षण र्दखाने से पहिे ही मर जाती हैं परं तु कुछ
सूअर में पहुं चे जहां से यह मनुष्य की ओर आए|
अध्ययनों में इन मुर्गायों में फेफडों में पानी भर
ऐसा वहां हुआ जहां पर पाितु मुर्गायां और सूअर
जाता है र्जस से सां स न िे पाने के कारण मुर्गायों
सार् में पािे जाते र्े | सूअर को इन्क्फ्लूएंजा
की मृत्यु होती है यही कारण होता है र्जस
वायरस के र्िए र्मस्क्संग वे सि भी कहा जाता
वायरस के प्रकोप से मुर्गायां नीिी पड जाती हैं |
है | परं तु एक बार मनुष्य में आ जाने के बाद
ऐसे हािात में ब्लड प्रेशर बढ़ने से मुगी की
सूअर का रोि खत्म हो जाता है और यह पूणा
किगी में जख्म र्दखाई दे ते हैं और साइनस और
रूप से मनुष्य का वायरस बन जाता है | अब
आं खें सूज जाते हैं | अन्य अं दरूनी अंगों में भी
आप अंदाजा िगा सकते हैं र्क क्ों बडा फ्लू
व्यापक रूप से घाव मौजूद होते हैं जैसा की र्चत्रों
वायरस के आउट ब्रेक को इतना महत्व र्दया
में दशाा या गया है |
जाता है |

119 | P a g e
हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

Diagnosis: इस बीमारी का पता िैब में वायरस 22. आमतौर पर इसमें िक्षणों के आर्ार पर

को आइसोिेट करके र्कया जाता है | बाहरी उपचार र्कया जाता है आउट ब्रेक के दौरान
िक्षण से केवि बीमारी की तीव्रता दे खी जाती है | इम्यून बूस्टर और सेकेंडरी बैक्टीररयि

जब मुर्गायां मर जाती हैं तो उन्हें िैब में िाया इन्फेक्शन से िडने के र्िए एं टीबायोर्टक
जाता है बाहरी िक्षण दे खने के बाद उन मुर्गायों र्दए जाते हैं |

से वायरस र्नकािने की प्रर्रया शुरू होती है 23. फामा में बायो र्सक्ोररटी इस बीमारी से
जोर्क मुर्गायों के EMBRYONATED अंडों में की बचाव का सबसे अच्छा, सस्ता और आसान

जाती है | इस से वायरस र्नकाि र्िया जाता है उपाय है | िोग अक्सर बायो र्सक्ोररटी के
और र्वर्भन्न मौिीक्ूिर टे स्ट करके उसका पता र्सिां तों को नजरअंदाज कर दे ते हैं र्जसकी

िगाया जाता है | इस वायरस को स्वस्र् मुर्गायों में वजह से वह ना र्सफा बडा फ्लू बस्ल्क और
डािकर दे खा जाता है यर्द 75% से अर्र्क बीमाररयों से भी नुकसान उठाते हैं |

मुर्गायां 10 र्दन में मर जाती हैं तो इस वायरस 24. आसपास गंदे तािाबों का खास ख्याि रखें
को HPAI वायरस माना जाता है | इसके बाद क्ोंर्क इनमें जंगिी पक्षी र्वचरण करते हैं

इसकी सब टाइर्पंग शुरू होती है र्जसमें इसके जो इस बीमारी के संवाहक होते हैं सार् ही
H और N प्रोटीन का पता िगाया जाता है और सार् अन्य पर्क्षयों को भी फामा में ना आने दें

र्फर इसका नाम र्नर्ाा ररत होता है | और ना ही पािे |

Treatment and Control: उपचार और


र्नयंत्रण –

21. इस बीमारी में उपचार के बहुत ज्यादा सार्न


मौजूद नहीं है और ना ही कोई वैक्सीन अभी

तक बन पाई है | क्ोंर्क यह समस्ा


अर्र्कतर साउर् एर्शयन दे शों की है

इसर्िए टीकाकरण पर कोई खास काम


नहीं हो रहा| परं तु र्वर्भन्न अं तराा िरीय मानव

स्वास्थ्य संस्र्ाएं इसमें काया रत हो रही है |

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हज़रत मह
ु म्मद साहब (सo) को समर्पित

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