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TEST-8 GS-I

1. "बिहार में कला बिकास की परंपरा निरंतर गबतशील रही है" समीक्षा करें।

भारत में कला का समृद्ध एर्ं गौरर्िाल़ी इनतहास रहा है जो कला के नर्नर्ि रूपों चििकला, मूनतिकला, स्थापत्य कला इत्यादि में दिखाई
पडता है। भारत में प्राि़ीि काल से िल़ी आ रह़ी कला परंपरा निरंतर गनति़ील रह़ी है। इसकी नर्कास िारा में नबहार भ़ी िाममल रहा है, जो
स्ष्ट रूप से मौर्यकाल में पररलधक्षत होता है। इसकी नर्कसिि़ील प्रर्ृमत्त आगे िलकर गुप्तकला, पालकला, अफगान कला, पटना कलम
और मधुबनी पेंदटिंग इत्यादि में स्ष्ट रूप से दृ ष्टिगोचर होत़ी है।

नबहार के सांस्कृनतक नर्रासत में मौर्य र्ुग़ीि कला का महत्वपूणय र्ोगिाि रहा है। मौर्यकला के नर्कास में िंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अिोक
िे नर्िेष र्ोगिाि दिर्ा। मौर्यकला को िो रूपों में नर्भाजजत नकर्ा जा सकता है –

मौर्यकला

राजकीर् कला (राजकीर् संरक्षण) लोक कला - (आमजिों के द्वारा)

स्तंभ स्तूप िैत्य मूनति गुहा नर्हार राजप्रसाि मिके मूनति मृिभांड

मौर्य कला में कुम्हरार स्थस्थत िमकील़ी पॉललि र्ुि स्तंभों र्ाला नर्िाल सभा भर्ि तथा लौररर्ा िंििगढ, लौररर्ा अरेराज,
रामपुरर्ा आदि से प्राप्त िमकील़ी पॉललि र्ुि बलुआ पत्थर से निममित एकाश्म स्तंभ इसके नर्शिष्ट उिाहरण है। लोक कला के अंतगयत स्वतंि
रूप से कलाकारों द्वारा निममित र्क्ष-र्धक्षण़ी की मूनतिर्ां र् मािर् मूनतिर्ों का आरंलभक स्वरूप दिखाई पडता है। बराबर और िागाजुि
य ़ी पहाड़ी
की िमकील़ी पॉललि र्ुि गुहाएं गुहा कला के प्रमुख उिाहरण है।

मौर्ोत्तर काल तथा गुप्त काल में भ़ी कला की प्रगनत निरंतर जाऱी रह़ी। गुप्तकाल की ताम्र मूनतिर्ां, प्रस्तर मूनतिर्ााँ पटिा, गर्ा, िालंिा
आदि से प्राप्त हुई है।

पाल कला के अंतगयत - िालंिा, सुलतािगंज, मुंगेर आदि से प्राप्त िग


ु य, स्तूप, मंदिर, महानर्हार इत्यादि स्थापत्य कला के कुछ उिाहरण
हैं। इस कला के अंतगयत काले बैसाल्ट पत्थरों एर्ं कांस्य निममित िेऱ्ी-िेर्ताओं की मूनतिर्ां उल्लेखि़ीर् हैं। र्े मूनतिर्ां अत्यंत ह़ी मिोहाऱी होत़ी
थ़ी, जजन्हें पर्ाप्त आभूषणों से अलंकृत नकर्ा गर्ा था। पाल चििकला के अंतगयत अष्टसहम्मस्त्रका, प्रज्ञापारममता एर्ं पंिरक्ष कुछ प्रमुख उिाहरण
हैं। जजिपर बौद्ध िमय के साथ-साथ सामान्य जिज़ीर्ि का प्रभार् दृ ष्टिगोचर होता है। मध्य काल के स्थापत्य में प्रमुख रूप से सासाराम स्थस्थत
िेरिाह का अष्टकोण़ीर् मकबरा, मिेर स्थस्थत िाह िौलत का मकबरा तथा नबहारिऱीफ स्थस्थत मललक बर्ां का मकबरा है।
मुगलकाल के अर्साि क्रम में पटिा में ‘पटना कलम’ िैल़ी का नर्कास हुआ, जो लघुचििों की श्रेण़ी में सम्मम्मललत है। इसे स्थाि़ीर्
व्यापाररर्ों एर्ं ििाढ्य लोगों का संरक्षण प्राप्त था। र्ह नब्रदटि कला, मुगल कला एर्ं स्थाि़ीर् कला का सम्मम्मललत रूप है। र्ह सामान्य जि
ज़ीर्ि से जुड़ी िैल़ी है, जो सािग़ी पूणय, बाररकी पूणय, प्राकृनतक रंगों तथा बगैर पृष्ठभूमम एर्ं लैंडस्केप के द्वारा बिाई गई है। इस िैल़ी के चिि
पटिा संग्रहालर् एर्ं कैंनब्रज नर्श्वनर्द्यालर् में आज भ़ी सुरधक्षत हैं।
नबहार के ममचथलांिल में नर्कधसत लोक कला जजसे हम मधुबनी र्चत्रकला के िाम से जािते हैं। इसमें महहलाओं की सर्ाधिक
भाग़ीिाऱी रह़ी है। जजसे िाऱी िमि एर्ं सृजिात्मकता का प्रत़ीक मािा जाता है। इसमें मुख्यतः िो प्रकार के चिि बिाए जाते हैं - लभमत्त चिि
और अररपि। र्ह र्ैदिक काल से लेकर आज तक सांस्कृनतक परंपरा के रुप में क्षेि़ीर्, राष्ट्ऱीर् एर्ं अंतराष्ट्ऱीर् स्वरूप ग्रहण करत़ी है तथा नबहार
को एक भव्य सांस्कृनतक पहिाि दिलात़ी है, जजसके उिाहरण हम रेलर्े स्टेििों से लेकर बडे-बडे सभा भर्िों तक िेख सकते हैं।
इि सबके अनतररि बांकीपुर ििय, पत्थर की मस्जिि तथा पािऱी की हर्ेल़ी भ़ी कला परंपरा को समृद्धता प्रिाि करते हैं। साथ ह़ी
भागलपुर की मंिष
ू ा शैली, मगि की सांझी शैली तथा संथाल समाज की िादोपदटर्ा शैली भ़ी अपि़ी प्रमुखता घोमषत करत़ी है।
समग्रत: कह सकते हैं नक मौर्यकला से लेकर मिुबि़ी पेंदटिंग तक नबहार की कला परंपरा को समृद्धता प्रिाि करत़ी हैं। जजसमें राजकीर्
कला एर्ं लोक कला का समग्र रूप समाहहत है। नबहार में पल्लनर्त एर्ं पुम्मित र्े कलाएं ि धसफय नबहार बल्कि राष्ट्ऱीर् एर्ं अंतराष्ट्ऱीर् स्तर पर
भ़ी एक अमूल्य िरोहर है, जजसे सरकार द्वारा नर्लभन्न माध्यमों से सहेजिे का प्रर्ास नकर्ा जा रहा है।
2. शिक्षा शिक्षा

शिक्षा
विक्रमशिला बिहार िरीफ
दृष्टिगोचर
के विकास को शिक्षा

1-
(i)
माध्यम में

(ii)

2. foKku ds {ks= esa fodkl&


(i)

(ii)
(iii)

(iv) 1886 सर्वे ट्रे न िंग स्कू ल , 1900 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीन यररिंग

3. d`f"k ds {ks= esa fodkl&

4. LokLF; ,oa fpfdRlk ds {ks= esa fodkl&


(i)
(ii)
(iii)

5. [kfut lalk/ku ds {ks= esa fodkl&

6. ukjh f’k{kk ds {ks= esa fodkl&

(ii) तत्कालीन उड़ीसा बाां कीपुर


की शिक्षा दे े की ससफाररि की। इसके

izsl dk fodkl&
(i)






• और

• सर्वव हहतैसी बिहार से ही प्रकाि हो े र्वाला पहला हहिंदी समाचार पत्र


• दै न क बिहार - चंपारण में ीलहा जमींदारों द्वारा ष्टकए जा रहे अत्याचार पर आधाररत
• मंगेर समाचार पत्र भारत छोडो आंदोल से संिंशधत

भारतीय
पर पडा जजसके फलस्वरूप इ की सष्टियता स्वतंत्रता आंदोल ों में िढ़ी |
के बर्वकास िल्कि

के बर्वकास
3. "िेहरू की बिदे श िीबत में गुटनिरपेक्षता और पंचशील प्रमुख स्तंभ रहे हैं" समीक्षा करें ।
नेहरु की अविराम साधना, दरू दृवि और अपररसीम श्रम का ही पररणाम िर्तमान भारर् का स्वरुप है। भारर् को विश्व की औद्योविक दौङ
में, आर्थिक विकास ि विदेश नीवर् के मोर्चे पर स्थापपर् करने का श्रेय पंडिर् नेहरु को जार्ा है।

गुटनिरपेक्षता : 1945 के बाद डिर्ीय विश्वयुद्ध के उपरान्त डिध्रुिीय विश्व के दौरान नि स्वर्न्त्र देशों नि आर्थिक, उपवनिेशिाद की
र्चुनौवर्यों से वनबटने के लिए एिं अपनी स्वर्ंत्रर्ा की रक्षा के लिए स्वर्न्त्र विदेश नीवर् के रूप में िुटवनरपेक्षर्ा की नीवर् को अपनाया
जजसे िुटवनरपेक्षर्ा की नीवर् कहा िया । पंडिर् नेहरू विश्व राजनीवर् के ध्रुिीकरण के विरोधी थे इसलिए भारर् को वकसी िुट में नहीं
शापमि करने का वनणतय लिया । नेहरू का विश्वास संयुक्त राष्ट्र के आदशो में विश्वास था ।

साथ ही इसे अपिािे के पीछे कुछ कारण रहे िे आज भी है :-


1. नेहरू जानर्े थे की नि स्वर्न्त्र भारर् के आर्थिक विकास और सामाजजक हहर्ो के संिधतन के लिए शपक्त खर्चत करनी है ।
2. शपक्तशािी िुटों में शापमि होकर िे भारर् के अस्तित्व पर प्रश्नर्र्चन्ह नहीं ििाना र्चाहर्े थे ।
3. नेहरू ने बुद्ध, महािीर और िांधी के िारा शांवर् की स्थापना ि “सिे भिन्तु सुजखनः “ जके आदशो को स्वीकार वकया और
िुटवनरपेक्षर्ा की नीवर् को अपनाया

िेहरू की भूममका गुटनिरपेक्षता को लेकर-


1927 में ब्रुसेल्स सम्मिेन में जजसमे एशशया, अफ्रीका, िैटीन अमेररकी देशो के सम्मिेन के दौरान भारर् का प्रवर्वनधधत्व वकया ।
जहााँ विलभन्न देशो की स्वर्ंत्रर्ा का समथतन वकया

1946 में नेहरू के िारा िुटवनरपेक्षर्ा को भारर्ीय विदेश नीवर् के रूप में अपनाने का संकेर् डदया ।
र्दोपरांर् इंिोनेशशया की स्वर्ंत्रर्ा, हहन्द-र्चीन युद्ध को बंद कराने के लिए, कोररया में युद्ध-विराम कराने के लिए आंग्ल-फ्रांसीसी वित्तीय
साम्राज्यिाद का अंर् कराने के पक्षधर थे ।
िुर्ावनरपेक्षर्ा देशो का सम्मिेन 1955 में (बांिुि सम्मिेन में नीि की र्ैयारी ) 1961 में बेिग्राद सम्मिेन में नेहरू (भारर्), नाधसर (पमस्र),
सुकणो (इंिोनेशशया) टीटो(घाना) के िारा िुटवनरपेक्षर्ा देशो का संिठन एक मंर्च पर उपस्थस्थर् हुआ जजसमे नेहरु का बिी भूपमका रही ।
इसके अिािे नेहरू के िारा इसे सविय विदेश नीवर् के रूप में अपनाया जजसे वनःशस्त्रीकरण के लिए प्रयास, फारमोसा वििाद आडद पर
सविय भूपमका के उदाहरण से समझ सकर्े है । िुटवनरपेक्षर्ा का विदेश नीवर् के रूप में आज र्क सिीय भूपमका के दौरान कई
उर्ार-र्चढ़ाि आए जैसे र्चीन के साथ युद्ध में िुटवनरपेक्ष देशो का सहयोि नहीं पमिना ।
इससे पूित 1954 से सोवियर् संघ की र्रफ झुकाि बाद में 1962 के बाद पूणत रूपेण 1990 र्क या सोवियर् संघ के विधटन र्क , 1990
के बाद से अभी र्क अमेररकी पक्ष में झुकाि ।
इसी पररप्रेक्ष्य में िुर्ावनरपेक्षर्ा को िेकर इसके विदेश नीवर् के र्ौर पर अप्रासंविक की स्थस्थवर् मानी जा रही है ।
पंचशील :- 29 अप्रैि 1954 को भारर्-र्चीन के बीर्च वर्ब्बर् को िेकर एक समझौर्ा हुआ । भारर्ीय प्रधानमंत्री पंडिर् नेहरू ि र्चीन के
र्त्कािीन प्रधानमंत्री र्चाऊ-एन-िाई ने संयुक्त िक्तव्य में पााँर्च धसद्धांर्ो का प्रवर्पादन वकया :-
1. क्षेत्रीय अखंिर्ा ि साितभौम सत्ता का परस्पर आदर ।
2. एक-दस ू रे पर आनािमण ।
3. एक-दस ू रे के आर्ंररक मामिों में अहिक्षेप ।
4. समानर्ा र्था परस्पर िाभ का धसद्धांर् ।
5. शांवर्पूणत सह अस्तित्व का धसद्धांर्

इसका उद्दे श्य :-


पारस्पररक विश्वास ि सुरक्षा की भािना को विकधसर् करना था । यद्यपप इसकी आिोर्चनाए यह कहकर हुई की यह ऊर्चें आदशो का
घोषणापत्र है । इसकी व्यिहाररकर्ा को संदेहास्पद रूप में व्यक्त वकया िया । परंर्ु नेहरू इसके प्रवर् हमेशा िंभीर थे । िर्तमान समय में
भी इसकी प्रासंविकर्ा भारर् के परमाणु धसद्धांर् पर पररिधक्षर् होर्ी है ।
उपरोक्त िणतन से स्पि है की िुटवनरपेक्षर्ा ि पंर्चशीि भारर्ीय विदेश नीवर् के रूप में वनधारक के रूप में शापमि रही । साथ
ही िैर्श्वक जिर् में र्ीसरी दवु नया के देशो के बीर्च नेर्ृत्वकर्ा बनाया । यद्यपप िर्तमान में िुटवनरपेक्षर्ा की नीवर् को पुनापतररभापषर्
करने की जरुरर् है जजसमे विलभन्न प्रकार के मुद्दों पर के न्द्रिर् करने की जरूरर् है जैसे - जििायु पररिर्तन, वनःशस्त्रीकरण, आर्ंकिाद,
WTO का मुद्दा, आर्थिक संरक्षणिाद इत्याडद । िही आज भी पंर्चशीि के धसद्धांर् प्रभािशािी है । इसके उपरांर् भारर्ीय विदेश नीवर्
और अधधक प्रभािशािी बनेिी । साथ ही विश्व शांवर् के अग्रदर् ू , बुद्ध ि िााँधी के सन्देश को प्रसाररर् करने में समथतिान होंिे ।
4. गांधी के अस्पृश्यता एिं स्वदे शी संिंधी बिचार पर प्रकाश डालें।
ग ांधी क वैश्विक र जनीतिक इतिह स में उदय यद्यपि दक्षिण अफ्रीक से हुआ िरांिु गौरवमई ऊांच ई भ रि के र ष्ट्रीय आांदोलन से पमली।
भ रि में आगमन के ब द ग ांधी के क ययक ल क न मकरण "ग ांधी युग(1915-1947)" होन ग ांधी के महत्व को उज गर करि है
ग ांधी के तवच रों िर प्रभ व
▪ ग ांधी के तवच र स्विांत्र हैं िरांिु उनके तवच रों िर कई स्रोिों क प्रभ व है आांिररक स्रोिों में भ गवि गीि क प्रभ व अक्षधक है वही
अहहिंस त्मक ित्वों क सम वेश बौद्ध एवां जैन धमय के क्षसद्ध ांिों से प्रेररि होकर तकय है
▪ र ष्ट्रीय आांदोलन में प्रयोग सत्य ग्रह की िकनीक हेनरी डेतवड थोरो के दशयन से प्रभ तवि हैं
▪ वहीं ग ांधी के तवच रों में सवोदय की सांकल्पन जॉन रस्किन की िुस्तक इन टू द ल स्ट से है स थ ही श्रम की महत्त सम्यक उि जयन
द्व र स ध रण जीवन व्यिीि करन भी इससे ही प्रभ तवि है
▪ टॉलस्टॉय की िुस्तक 'द तकिंगडम ऑफ गॉड तवददन अस' से ग ांधी ने स धन और स ध्य क क्षसद्ध ांि एवां हहिंस त्मक उि यों की
तनिंद , शोषण िर आध ररि आधुतनक सभ्यि की तनिंद आदद सीख ।

ग ांधी के स्वदे शी सांबांधी विच र


स्वदेशी सांबांधी तवच र क जन्म भ रिीय स्विांत्र आांदोलन के दौर न हुआ थ ।यह कहन अतिशयोपि नहीं होग तक स्वदेशी
स्विांत्रि आांदोलन क मूल मांत्र थ च हे वह श सन प्रश सन क तवषय हो य पफर आश्वथिक प्रबांधन क 19वीं सदी में द द भ ई नरोजी के
ड्रेन थ्योरी, रमेश चांद्र दत्त क "भ रि क आश्वथिक इतिह स" जैसी िुस्तकों के कें द्र में औितनवेशशक श सन द्व र देशी सांस धनों के दोहन
और देसी सांस धनों के तिटेन भेजे ज ने को लेकर श्वचिंि व्यि की गई है। इससे ही जुड े 1905 में बांग भांग आांदोलन के दौर न भी स्वदेशी
की भ वन ज गृि हुई ।तकिंिु स्वदेशी भ व तवच र को बहुआय मी और र ष्ट्रीय स्वरूि देने क श्रेय ग ांधी को प्र प्त होि है जब 1920 में
असहयोग आांदोलन की शुरुआि हुई और स्वदेशी को न क्षसफय तवदेशी वस्तुओां के बहहष्क र और उनको जल ए ज ने िक सीपमि रख
बल्कि र ष्ट्र जीवन के प्रत्येक िहलू िर स्वदेशी क रांग चढ ददय उन्होंने स्वदेशी को एक व्रि के रूि में स्वीक र तकय ।
मह त्म ग ांधी के स्वदेशी तवच र क आरांभ तबिंदु अिने िूवयविी स्वदेशी समथयकों से अलग थ ग ांधी ने उत्प दन िद्धति को
अिने स्वदेशी तवच र के कें द्र में रख यूरोि में हुई मशीनें क् ांति और औद्योगीकरण से समूच तवि चमत्कृ ि थ । भ रिीय स्वदेशी के
समथयक इस ब ि िर बल दे रहे थे तक तिटेन में बनी वस्तुएां हम रे देश में आकर तबकिी हैं,और स र धन तिटेन में चल ज ि है। उसी िरह
की मशीनें और पमलों को भ रि में स्थ पिि कर यदद देश में उत्प दन शुरू कर ददय ज ए िो अिन धन अिने देश में ही रह ज एग ।
ग ांधी ने मैनचेस्टर के उत्प दन िद्धति की आलोचन की और मशीन नेिृत्व उद्योग पमलो क तवरोध तकय और स थ ही
वैकल्पल्पक स्वदेशी मॉडल तवकक्षसि तकय जजसमें लघु एवां कु टीर उद्योगों को िुनगयहिि कर ग्र म अथयव्यवस्थ को िुनजीतवि करने और
ग ांव को आत्मतनभयर बन ने िर बल ददय ।
ग ांधी के ललए स्वदेशी सवोदय को प्र प्त करने क एक जररय है स थ ही स्विांत्रि आांदोलन में बडी सफलि के ललए
रचन त्मक क यय को भी महत्व ददय । जजसमें चरख - ख दी आदद क ययक्म के म ध्यम से जनि को जोडे रखने में सफलि प्र प्त
की।क्योंतक उनक अांतिम उद्देश्य व्यपि क कल्य ण थ । इसीललए उन्होंने सन िनी नैतिकि क स थ कभी नहीं छोड ।
ग ांधी जी क स्वदेशी तवच र उिलब्ध आश्वथिक तवकल्पों को नैतिकि से जोडकर म नवीय और समि मूलक सम ज व्यवस्थ
की नींव रखि है। ग ांधी के अनुस र स्वदेशी धमय क ि लन करने व ल िरदेसी क द्वेष कभी भी नहीं करि स्वदेशी में तकसी क द्वेष
नहीं है, सांकुश्वचि धमय नहीं है, वह प्रेम से अहहिंस से तनकल हुआ सुांदर ध रन है।ग ांधी कहिे हैं तक" मैं भ रि के जरूरिमांद करोडों तनधयनों
द्व र क टे और बुने गए किडे की खरीदने से इनक र करन और तवदेशी किडे को खरीदन ि ि समझि हां।" भले ही वह भ रि के ह थ
से किडे की िुलन में तकिन बदढय तकस्म हो।
िरांिु ग ांधी के स्वदेशी में वैज्ञ तनक मयाद भी रखी गई है क्योंतक उन्होंने तवदेशी रेल उख डने के ललए कभी नहीं कह ग ांधी
स्वदेश के ललए जीवन की इस योजन के िहि दस ू रे देशों को छोडकर के वल भ रि की सेव कर तकसी अन्य देश को िति नहीं िहुांच न
च हिे हैं इसीललए भी ग ांधी क कहन है" मेर र ष्ट्रव द उिन ही व्य िक है जजिन तक स्वदेशी"
तनष्कषय रूि में कह ज सकि है तक स्वदेशी क अथय ग ांधी के ललए सभी तवदेशी वस्तुओां के बहहष्क र से नहीं है यह के वल
स्थ नीय सांस धनों के उियोग की हद ल गू करन च हिे हैं तवशेषकर गृह उद्योग जैसे हस्तशशल्प कुां भक र आदद जजनके तबन भ रि उन्नति
नहीं कर सकि है
ग ांधी के अस्पृश्यि सांबांधी तवच र
▪ ग ांधी हहिंदू सम ज में व्य प्त ज ति प्रथ के के आध र िर छु आछू ि के कट्टर तवरोधी थे।ग ांधी ने अस्पृश्यि उन्मूलन के ललए आांदोलन
चल य ।उनक म नन थ तक" अस्पृश्यि हहिंदू सम ज के ललए कलांक य अलभश ि है"। ग ांधी इसे 'सौ क्षसरों व ल दैत्य भी भी
कहिे हैं'।उनके दृतिकोण में मनुष्य के हृदय में सांश्वचि घृण की चरम अलभव्यपि अस्पृश्यि है
▪ ग ांधी क यह म नन थ तक यदद हहिंदू धमय से अस्पृश्यि को सम प्त कर ददय ज ए िो यह तवि धमय बन सकि है। उनक यह भी
कहन थ तक दललिों के स म न्य म नवीय अक्षधक रों से वांश्वचि रख ज ए िब देश क सांिूणय तवक स असम्भव है
▪ ग ांधी ने तनम्न ज तियों को अिने सेव ग्र म आश्रम में भी स्थ न ददय , वही ऊांची ज तियों क बहहष्क र तकय । ग ांधी ने इन अछू ि
समझे ज ने व ले वगय को ईिर क ज़न कह , जजन्हें 'हररजन' न म से सांबोक्षधि भी तकय ।
▪ उन्होंने हररजन सेवक सांघ की स्थ िन भी की हररजन सेवक सांघ के म ध्यम से तवलभन्न दललि आांदोलन चल ए। स थ में हररजन
सेवक सांघ के म ध्यम से स वयजतनक स्थलों, स मुद पयक सुतवध एवां स म न्य स म जजक तनव स की सीम ओां को दललि वगों के
सदि ु योग के ललए खोलने िर बल ददय ।
▪ स थ ही जीवन के कु छ समय प्रत्येक जनि को सेव के प्रति समियण के ललए भी आह्व न तकय ।
▪ ग ांधी ने हररजन हररजन बांधु और हररजन सेवक न मक ित्र क सांि दन शुरू तकय
▪ ग ांधी अांबेडकर की िरह ही तकसी भी सम ज के उत्थ न के ललए उनकी योग्यि को अक्षधक जजम्मेद र म निे हैं। वहीं उन्होंने तिदटश
सरक र के द्व र ल ए गए मैकडॉनल्ड के अांिगयि दललि वगय य हररजन के ललए िृथक तनवाचन मांडल की व्यवस्थ की, स थ ही हहिंदू
सम ज से अलग करने के मुद्दे िर आमरण अनशन तकय ।
▪ ग ांधी के अस्पृश्यि सांबांधी तवच रों क ही प्रभ व रह की भ रि में सांतवध न बनने के स थ ही अस्पृश्यि तनव रण के ललए क नून
बन गय जबतक अमेररक और अफ्रीक में सम न वगय लोगों को सम न अक्षधक र पमलने में िीदढय ां गुजर गई
उिरोि तववेचन से स्पि है की ग ांधी ने अिने तवच रों के म ध्यम से जजस प्रक र र ष्ट्रीय आांदोलन को एक
नय स्वरूि ददय । वही ग ांधी के स म जजक- आश्वथिक तवच रों क प्रभ व वियम न समय मैं ल ई ज रही तवलभन्न नीतियों में भी प्रदशशिि
होिी है जैसे आत्मतनभयर भ रि अलभय न के द्व र आत्मतनभयर बनने की सांकल्पन इत्य दद।
5. 1857 की क्ांबत में िीर कुंिर मसिंह के योगदाि का आलोचिात्मक परीक्षण कीजजए।
1857 की िांवर् का भारर्ीय इवर्हास में महत्त्वपूणत स्थान है। वबहार के संदभत में देखे र्ो इस िांवर् में िीर कुाँ िर धसिंह का भूपमका
वनणायक रही है। िीर कुाँ िर धसह की र्ुिना अंर्राष्ट्रीय िर पर जॉन ऑफ आकत से र्था राष्ट्रीय िर रानी िक्ष्मीबाई से की जा सकर्ी है।

वबहार में इस विद्रोह की शुरुआर् 12 जून, 1857 को रोहहणी िााँि से हुई र्था आिे चल कर अन्य क्षेत्रों में भी फै ि िई। िीर
कु िाँर धसिंह जिदीशपुर के जमींद र थे जजन्हे शुरुआर् से ही पटना के कपमश्नर टेिर संदेह की नजर से देखर्ा था। टेिर ने कुाँ िर धसिंह को
पटना में आकर भेट करने का वनमंत्रण डदया िेवकन अहमदल्ल ु ाह आडद के साथ हुए विश्वासघार् को देखर्े हुए िीर कुाँ िर धसिंह पटना न
आने का वनणतय वकया। इसी बीर्च 25 जुिाई 1857 को दानापुर छािनी के र्ीन रेजीमेंट के सैवनको ने विद्रोह कर डदया एिं आरा जा कर
िीर कुाँ िर से जा पमिे। उन्होने र्चार हजार सैवनकों की सहायर्ा से औपवनिेशशक शपक्त/ सत्ता को र्चुनौर्ी दी। जल्द ही सैवनकों की संख्या
बढकर दस हजार हो िई और उनकी सहायर्ा से कुाँ िर धसिंह ने आरा निर पर अधधकार कर लिया और िहााँ स्वर्ंत्र सरकार क िठन वकया
र्था स्वयं उसका नेर्ृत्व वकया । अाँग्रेजों ने बहुर् जल्द ही 29-30 जुिाई को कै प्टन िनिर की अिुिाई में सेना भेजी िेवकन इस युद्ध में
अाँग्रेजों को मार् पमिी और कै प्टन िनिर युद्ध में मारा िया। इस युद्ध में कुाँ िर धसिंह ने िृक – युद्ध (छपामार/िुररल्ला युद्ध) पद्धवर् अपनाई थी।
िेवकन जल्द ही अाँग्रेजो ने आरा पर अधधकार कर लिया। अाँग्रेजों के दबाि में कुाँ िर धसिंह को आरा छोडन िड िेवकन उनके भाई अमर
धसिंह ने कै मूर की िह दडयों में मोर्चाबंदी करके सरकार के विरुद्ध संघषत जारी रखा।
इस बीर्च कुाँ िर धसिंह ने पमजापुर के वनकट विजयिढ में िड व िािा। िहााँ से रीव और बााँदा क्षेत्र होर्े हुए कािपी पहुाँर्चे। उन्होंने
र्ात्याटोपे से संपकत बनाने का प्रयास वकया। र्त्पश्चार् िे िखनऊ पहुाँर्चे , जहााँ अिध के दरबार से उन्हें सम्मान और सहयोि पमिा।
डदसम्बर, 1857 में कानपुर में नाना साहब के साथ पमिकर अाँग्रेजो से युद्ध वकया। कानपु र पर नाना साहब का कब्जा होने के बाद कुाँ िर
धसिंह आजमिढ की ओर बढे और आजमिढ में भी अाँग्रेजों को पराजजर् वकया। बार – बार कुाँ िर धसिंह के विजय को देख ििनतर जनरि
िॉित कै वनिंि ने कुाँ िर धसिंह के विरुद्ध कारिाई का कड आदेश डदया । फिर्: अाँग्रेज सैवनक का दबाि उनपर बढने ििा। र्त्पश्चार् उन्होंने
जिदीश्पुर िैटने की योजना बनाए। इसकी भनक अाँग्रेजो को िि िई। कै प्टन िििस के नेर्ृत्व में अाँग्रेजी सेना ने उनक पीछा वकया ।
20 अप्रैि 1858 को बलिया के समीप कुाँ िर धसिंह और कै प्टन िििस के नेर्ृत्व में अाँग्रेजी सेना के बीर्च घमासान युद्ध हुआ जजसमें कुाँ िर
धसह विजय रहे। िेवकन िे इस युद्ध में घायि हो िये । िेवकन िे िंिा नदी पार करने में सफि रहे। (िंिा नदी पार कर) ज िे जिदीशपुर
पहुाँर्चे पफर 22/23 अप्रैि को कै प्टन िी ग्रांट के नेर्ृत्व में आयी वब्रडटश सेना से युद्ध लडन िड |इस युद्ध में अाँग्रज बुरी र्रह पराजजर् हुए।
और ठीक दो डदन बाद युद्ध में घायि कुाँ अर धसिंह की मृत्यु हो िई। संघषत के इस िम को उनके भ ई अमर धसिंह ने आिे बढाया।

आलोचिा: -
(1) कुां वर धसिंह में कु शि नेर्ृत्वकत्ता होने के बािजूद उनमें दरू दशशिर्ा का अभाि डदखर्ा है। िे वबना वकसी योजना के युद्ध में कू द िडे
जजसका पररणाम रहा ित्क लीन सफिर्ा के बािजूद अंवर्म पररणर्ी देने में विफि रहे।
(2) संिठन बनाने में विफि रहे – यडद िे र्ात्या टोपे, नाना साहब आडद के साथ पमि कर राष्ट्रीय िर पर एक मजबूर् संिठन खड
करर्े र्ो िररण म अलग हो सकर्ा था।
(3) बाह्य शपक्तयों के संपकत पर विशेष ध्यान नहीं डदया िया जबवक भारर् में इससे पूित ऐसा मैसूर शासक टीपू सुल्तान कर र्चुके थे।
(4) स्थानीय िर पर विशेष समथतन प्राप्त नहीं कर सके ।
(5) जमींदारों के बीर्च आपसी एकर्ा स्थापपर् करने में विफि रहे (आपसी एकर्ा स्थापपर् नहीं कर सके )
(6) योग्य उत्तराधधकारी बनाने में विफि रहे।

उपयुतक्त स्थस्थवर्यों के विश्लेषण से यह स्पि हो जार्ा है वक िीर कुाँ िर धसिंह की भूपमका 1857 की िांवर् में महत्वपूणत रही थी।
जो आने िािे आिे की िांवर् में िांवर्काररयो के प्रेरणा स्रोि बने।
6. "वबरस आांदोलन क आध रभूत उद्दे श्य थ आांतररक शुद्धिकरण तथ विदे शी श सन की सम प्ति की इच्छ " स्पष्ट कीजिए ।
औितनवेशशक श सन के तवरुद्ध होने व ले जनज िीय तवद्रोह की िरम्पर में 19 वी सदी के उत्तर द्धय में हुए आांदोलनों में तबरस आांदोलन
क महत्विूणय स्थ न है। यह आांदोलन औितनवेशशक श सन और शोषण के स थ-स थ जनज िीय जीवन में ब हरी लोगों के हस्तिेि से
उत्पन्न बदल वों के प्रति एक स्व भ तवक प्रतितक्य थी।
तबरस आांदोलन की प्रकृ ति िूवयविी जनज िीय आांदोलनों के सम न होिे हुए भी उनसे कु छ लभन्न थी। िूवय में सांिन्न
जनज िीय आांदोलन कोल तवद्रोह (1831 - 32 ), सांथ ल तवद्रोह (1855 - 56 ) की प्रकृ ति र जनीतिक अक्षधक थी। इनक मूल उद्देश्य
अांग्रेजी श सन व उनके समथयकों में जजनमें जमींद र, मह जन-िे केद र भी श पमल थे, सभी की सम पप्त िक ही सीपमि थी। जबतक
तबरस आांदोलन की मूल प्रवृपत्त मुांड जनज ति क स म जजक ध पमिक सुध र थ ।

तबरस के क ल में मुांड जनज ति अनेक स म जजक ध पमिक रूदढयों से ग्रस्त थ । मुांड ओां में बहुदेवव द, अांधतवि स, गौ
हत्य , मददर ि न क प्रचलन थ । इसी समय ईस ई पमशनरर भी सरक र क प्रोत्स हन ि कर मुांड ओां को ईस ई धमय अिन ने हेिु
प्रलोभन दे रही थी। मुांड ओां क स म जजक ध पमिक ििन चरम िर थ ।
िीक इसी समय मुांड सम ज में तबरस जैसे चैिन्य प्रकृ ति के युवक क उदय हुआ जो मुांड जनज ति के स म जजक ध पमिक
ििन िथ उनके ईस ई धमय अिन ने से श्वचिंतिि थ । तबरस ने मुांड जनज ति के स म जजक ध पमिक सुध र िथ उनके तवक स हेिु तनम्न
प्रय स तकए।
1. तबरस में 'तबरस इयि िांथ' की स्थ िन की। 'तबरस इयि िांथ' एके िरव द िथ िुर िनिांथी एवां अांधतवि सों के िररत्य ग िर
आध ररि थी।
2. तबरस ने कई बोंग ओां, देवी देवि ओां के स्थ न िर एकम त्र क्षसिंहबोंग (सवोच्च देवि ) की उि सन क उिदेश ददय ।
3. तबरस ने आत्म सुध र हेिु म ांस ह री भोजन, मददर व अांधतवि सों के िररत्य ग की सल ह दी।
4. जनज ति सम ज में स्वयां की स्वीक ययि हेिु तबरस द्व र 'धरिी आब ' की उि क्षध ध रण की गई।
5. तबरस ने म त्र जनज तियों की ही नहीं बल्कि इस ई पमशनररयों के भी गलि व्यवह र क तवरोध तकय ।

तबरस की लोकपप्रयि बढिी गई िथ ईस ई धमान्तररि मुांड ओां क िुनः मूल धमय में व िसी से ईस ई पमशनररय ाँ श्वचिंतिि
िथ िुब्ध हो गई।
पमशनररयों के उकस ने िर श सन द्व र सरक र के तवरुद्ध षड्यांत्र के आरोि में 1895 ई० में तबरस को 2 वषय की जेल की
सज दी गई। 1897 ई० में जेल से छू टकर तबरस ने सशस्त्र क् ांति क र स्त अिन य िथ सैतनक सांगिन शुरू तकय । तबरस मुांड द्व र
ग ांव-ग ांव घूमकर मुांड ओां को हश्वथय रबांद तकय ज ने लग । तबरस ने जमींद रों, सरक र व पमशनररयों क खुलकर तवरोध तकय 1899
ई० में तक्समस के िूवय सांध्य अथाि 24 ददसांबर को तबरस ने 'मुांड र ज्य' की स्थ िन िथ िे केद रों ईस इयों जमींद रों और अांग्रेजों की
हत्य क आह्व न तकय ।

इस ददन सरक री क यालयों, अफसरों िथ स हक रों- मह जनों िर वृहि स्तर िर मुांड तवद्रोहहयों द्व र हमले तकये गए। मुांड
तवद्रोहहयों िथ अांग्रेजी सरक र के मध्य सांघषय में मुांड तवद्रोही िर जजि हो गए िथ फरवरी 1900 में तबरस की तगरफ़्त री एवां 9 जून को
तबरस की मृत्यु के स थ ही तबरस क आांदोलन सम प्त हो गय ।

समग्रिः कह ज सकि है तक जनज ति सांघषों में अग्रणी स्थ न रखने व ले तबरस आांदोलन अन्य सभी जनज िीय
आांदोलनों में तवशशि थ | क्योंतक जह ां अन्य जनज ति महज लग न तवरोधी य भूपम से बेदखली के तवरुद्ध थे वहीं तबरस आांदोलन
अांग्रेजों व ब हरी के शोषण के स थ-स थ मुांड ओां की आांिररक स म जजक ध पमिक बुर इयों िथ उनकी कु रीतियों के तवरुद्ध थ । अन्य
जनज िीय आांदोलन जह ां समस्य ओां के ि त्क ललक सम ध न से प्रेररि थे वही तबरस आांदोलन में जनज तियों के समस्य ओां के स्थ यी
सम ध न की आक ांि थी। तबरस ने मह र नी र ज (कां िनी श सक) की सम पप्त िथ अबुआ र ज (हम र र ज) क न र ददय ।
7. िैमिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटिे में WHO की भूममका की जांच कीजजए ।
वियम न समय में कोरोन मरीज से तनिटने में यूएन की स्व स्थ्य एजेंसी डब्ल्यूएचओ ने तवि स्तर िर फै ली मह म री से तनिटने में
महत्विूणय भूपमक तनभ ई है िरांिु कु छ श्वचिंि एां भी रही हैं यद्यपि स्थ िन के ब द से अभी िक के क ययक ल में महत्विूणय स्व स्थ्य सांबांधी
समस्य ओां के सम ध न में उिलब्धब्धय ां दजय की हैं
सांगठन
▪ जीवन के स्व स्थ्य एजेंसी के रूि में 7 अप्रैल 1948 में स्थ पिि हुई ।
▪ वियम न में 19410 हैं 150 देशों में इसके क यालय होने के स थ िेत्रीय क यालय भी हैं।
▪ डब्ल्यूएचओ वैश्विक स्व स्थ्य म मलों िर नेिृत्व प्रद न करि है
उद्दे श्य
▪ UN के स थ तवशेष एजेंक्षसय ां सरक री स्व स्थ्य प्रश सन और अन्य सांगिनों के स थ सहयोग स्थ पिि करन
▪ सरक र के अनुरोध िर स्व स्थ्य सेव ओां को मजबूि करने के ललए सह यि देन
▪ वैश्विक स्तर िर स्व स्थ सांबांधी अनुसांध न और तवक स के ललए िेशेवर समूहों के बीच सहयोग स्थ पिि करन ।
विश्व स्व स्थ्य मह सभ
▪ डब्ल्यूएचओ की एक इक ई के रूि में विश्व स्वास्थ्य महासभा की स्थ िन की गई
▪ जजसक मुख्य क यय डब्ल्यूएचओ की नीतियों क तनधारण एवां बजट य तवत्तीय समीि और तनगर नी करन
विश्व स्व स्थ्य सांगठन के द्व र स्व स्थ्य सांबांधी समस्य ओां के सम ध न के ललए अब तक ककए गए प्रय स
▪ तवक सशील देशों में 1948-58 के बीच सांक् मक रोगों के फै लने से उत्पन्न स्थस्थतियों से तनिटने िर जोर ददय
▪ ब द के दशक में चेचक उन्मूलन एवां तवलभन्न प्रक र के टीक करण अलभय न डीिीटी एवां बीसीजी को तवस्त र ददय ।
▪ वैश्विक म नव प्रजनन दर िर अनुसांध न में तवक स को बढ व देने के ललए िररव र तनयोजन को प्र थपमकि सूची में रख ।
▪ 1978 के अल्मोड सम्मेलन के ब द सभी को स्व स्थ्य िर तवशेष बल ददय ।
▪ 1980 90 के बीच स्वच्छि और सुरक्षिि िेयजल दशक घोपषि कर स्व स्थ्य सांबांधी श्वचिंि ओां को कम करने क प्रय स तकय ।
▪ ब द में ग्लोबल िब्लिक हेल्थ इांटेललजेंस नेटवकय एवां ग्लोबल आउटिेक अलटय ररस्प ांस नेटवकय के द्व र तकसी भी सांभ तवि मह म री
के फै लने की िूवय सूचन के ललए एक नेटवकय और मह म री फै लने के ब द की स्थस्थति में तवश्लेषण के ललए नेटवकय स्थ पिि तकय
गय
WHO और भ रत
▪ भ रि में डब्ल्यूएचओ के द्व र चल ए गए चेचक उन्मूलन क ययक्म में महत्विूणय सहयोग ददय ।
▪ जजसके िररण म स्वरूि 1977 में चेचक उन्मूलन हो गय स थ ही भ रि द्व र वैश्विक िोललयो उन्मूलन िहल में भी महत्विूणय सहयोग
ददय गय जजसके िररण म स्वरूि 2014 में भ रि को िोललयो मुि घोपषि तकय गय
WHO की चुनौवतय ाँ
▪ ियावरण प्रदष ू ण और जलव यु िररवियन से उत्पन्न स्व स्थ्य संबंधी समस्य ओां से तनिटने की चुनौिी
▪ गैर सांक् मक रोगों जैसे मधुमेह हृदय रोग कैं सर इत्य दद से होने व ली मौिों को कम करने की चुनौिी
▪ वैश्विक स्तर िर एांटीम इक्ोतबयल्स प्रतिरोध तवकक्षसि होने के ब द स्व स्थ्य सांबांधी इल ज के ललए चुनौिी ।
▪ इबोल , जीक व यरस, कोतवड-19 MERS,SARS इत्य दद व यरस सांबांधी रोगों से जुडी चुनौिी, डेंगू और एचआईवी एड्स आदद को
लेकर भी चुनौिी ।
▪ सांगिन त्मक चुनौिी में सांक्षिप्त रूि से तवत्त िोषण की उिलब्धि बडी चुनौिी है।
▪ ह ल ही में इबोल व यरस एवां कोतवड-19 व यरस से उत्पन्न मह म री के दौर न डब्ल्यूएचओ की प्रभ वी भूपमक में हुई कमी एक बडी
चुनौिी है
वियम न िररस्थस्थतियों में जब डब्ल्यूएचओ के समि कोतवड-19 से उत्पन्न स्थस्थतियों से तनिटने की चुनौिी है वही डब्ल्यूएचओ में
अमेररक की व िसी नए र ष्ट्रिति बनने के ब द की गई घोषण से तवत्तीय सांस धनों की चुनौिी कम हुई है अल्प तवकक्षसि एवां
तवक सशील देशों में कोतवड-19 वैक्सीन आिूतिि सुतनश्विि करने के ललए समुश्वचि रूि से व्य िक नेटवकय स्थ पिि करने की जरूरि है
स थ ही इसमें भ रि जो लगभग वैक्सीन आिूतिि क 60% वैश्विक स्तर िर आिूतिि सुतनश्विि करि है, की भी महत्विूणय भूपमक हो
ज िी है ह ल ही में डब्ल्यूएचओ में भ रि को महत्विूणय िद पमलने के ब द यह और भी महत्वपूणत हो जार्ा है जजसकी पमस ल चेचक
और िोललयो उन्मूलन में वैश्विक स्तर िर िहले ही देखी जा र्चुकी है ।
8. राष्ट्रीय शशक्षा िीबत 2020 की प्रमुख बिशेषताओं की चचा करते हुए इसके क्रक्यान्वयि की चुिौबतयों और समाधाि के उपाय
िताएं ।
राष्‍टरीय शशक्षा नीवर् 2020, 21 िीं सदी की ऐसी प्रथम शशक्षा नीवर् है, जजसका उद्देश्य देश की विकास संबंधी जरूरर्ों को पूरा करना है।
यह नीवर् एक ऐसी निीन प्रणािी के वनमाण पर बि देर्ी है, जो सर्र् विकास िक्ष्य – 4 सहहर् िर्तमान सदी की शशक्षा के महत्िाकांक्षी
िक्ष्यों के अनुरूप हो, र्था साथ ही साथ भारर् की परंपराओं और मूल्यों को भी धारण करर्ी हो।
राष्‍टरीय शशक्षा नीवर् 2020 भारर् की र्ीसरी राष्‍टरीय शशक्षा नीवर् है। इसके ISRO प्रमुख िॉ० किूरीरंिन की अध्यक्षर्ा में सपमवर् को
धसफाररशों के आधार पर र्ैयार वकया िया। 1968 में पहिी राष्‍टरीय शशक्षा नीवर्, 1986 में दस ू री राष्‍टरीय शशक्षा नीवर् (1992 में संशोधधर्)
िािू की िई।
बिशेषता :-
▪ विद्यािय स्र्र पर रोजिारपरक शशक्षा एिं कौशि विकास पर बि देना। भारर्ीय श्रम प्रवर्िेदन के अनुसार, भारर् में के िि 4%
युिा श्रमबि ही औपर्चाररक व्यिसापयक शशक्षा प्राप्र् है। ऐसे में यह पहि मीि का पत्थर सावबर् होिा, यडद इसके वियान्ियन पक्ष
को प्रभािी बनाया जाए।
▪ भारर् शशक्षा पर अपनी कु ि GDP का के िि 4.6% ही खर्चत करर्ा है। अर्: नई शशक्षा नीवर् कें द्र ि राज्य सरकार के सहयोि से
शशक्षा क्षेत्र पर GDP ने 6% हहस्से के साितजवनक व्यय का िक्ष्य रखर्ी है। अर्: यह स्िािर् योग्य कदम है।
▪ रटंर् विद्या के स्थान पर बच्र्चों में सृजनात्मक सोर्च विकधसर् करने हेर्ु परीक्षा प्रणािी में सुधार।
▪ विद्याियी शशक्षा के लिए डत्रभाषा सूत्र की अिधारणा पर बि। (यह कोई नई संकल्पना नहीं है) इसके माध्यम से मार्ृभाषा या
स्थानीय भाषा में शशक्षण से के िि लिया िया। अधधिम क्षमर्ा का विकास होिा, िरन िे भारर्ीय संस्कृ वर्क विविधर्ा से भी
रूबरू हो पाएंिे।
▪ उच्र्च शशक्षण संस्थाओं में पाठ्यिमों के लिए विलभन्न प्रकार के विवनयामक वनकाय नहीं होंिे। इसके स्थान पर भारर्ीय उच्र्च शशक्षा
आयोि नामक एकि विवनयामक विकास की स्थापना की जाएिी।
▪ उच्र्च शशक्षण संस्थाओं में सकि नामांकन अनुपार् (Gross Enrolment Ratio) को 26.3% से बढ़ाकर 50% र्क करने का िक्ष्य
रखा िया है। साथ ही देश के उच्र्च शशक्षण संस्थाओं में 3.5 करोड़ नई सीटों को जोड़ा जाएिा।
▪ स्नार्क पाठ्यिम में मल्टीपि एंरी एंि एक्जिट व्यिस्था को अपनाया िया है। इसके र्हर् 3 या 4 िषत के स्नार्क कायतिम में
छात्र कई स्र्रों पर पाठ्यिम को छोड़ सकें िे, और उन्हें उसी के अनुरूप डिग्री या प्रमाण-पत्र डदया जाएिा। (1 िषत के बाद प्रमाण-
पत्र, 2 िषों के बाद एििांस डिप्िोमा, 3 िषों के बाद स्नार्क के डिग्री र्था 4 िषों के बाद शोध के साथ स्नार्क।
▪ एके िपमक बैंक ऑफ िे डिट की स्थापना की जाएिी जो विलभन्न उच्र्च शशक्षण संस्थाओं से प्राप्र् अंकों या िे डिट को डिजजटि रूप
में सुरधक्षर् रखेिा।
▪ एम०पफि० कायतिम की समापप्त।
▪ विश्ि के Top 50 विश्िविद्याियों की शाखा भारर् में खोिी जाएिी।
राष्‍टरीय शशक्षा िीबत के कायान्ियि में चुिौबतयॉं :-
▪ के न्द्र ि राज्यों के बीर्च समन्िय र्था सहयोि की भािना का विकास। जैसा वक हम जानर्े हैं शशक्षा समिर्ी सूर्ची का विषय है।
वकसी भी शैक्षजणक सुधार को राज्यों के समिर्त से ही कायान्द्रिर् वकया जा सकर्ा है।
▪ नई शशक्षा नीवर् में पूित में प्रस्र्ाविर् शशक्षा नीवर् के समान शशक्षा पर GDP का 60% व्यय करने की बार् कही िई है, परन्र्ु यह िक्ष्य
प्राप्र् नहीं हुआ है। यह नीवर् इस कोष के संग्रहण के विषय में विस्र्ारपूितक बार् नहीं करर्ी। COVID-19 के आिोक में राज्यों के
लिए इन सुधारों को िािू करने हेर्ु आिश्यक धन एकडत्रर् करना कहठन कायत होिा।
▪ यह नीवर् कक्षा 5 र्क व्यय संभि हो सके र्ो उससे आिे र्क भी, शशक्षा का माध्यम मार्ृभाषा/क्षेत्रीय भाषा की बार् करर्ी है,
परन्र्ु यह प्रािधान र्ब समस्यामूिक हो जार्ा है जब िोक एक राज्य से दस ू रे राज्य में पिायन कर जार्े हैं। ऐसी स्थस्थवर् में िोिों
की स्थानीय भाषा ि शशक्षा की विधध दोनों बदि जाएिी।
▪ शशक्षा का अधधकार अधधवनयम 2009 र्था नई शशक्षा नीवर् 2020 से सम्बद्ध कानूनी जडटिर्ा। उदाहरण के लिए विद्यािय शशक्षा
आरंभ करने की आयु जैसे कु छ प्रािधानों पर संशोधन की आिश्यकर्ा।
▪ NEP 2020 के र्हर् 2035 र्क उच्र्च शशक्षा मे सकि नामांकन अनुपार् दोिुना करने का िक्ष्य रखा िया है। ऐसे में बहुर् से नए
विश्िविद्याियों की स्थापना करनी होिी।
▪ िषत 2019 में नीवर् आयोि िारा जारी स्कू िी शशक्षा िुणित्ता सूर्चकांक में देशभर में स्कू िी शशक्षा की िुणित्ता में भारी अंर्र पाया
िया है। ऐसे में छात्रों के लिए इन पररिर्तनों के अनुरूप स्ियं को ढ़ािना कहठन होिा।
समाधाि के उपाय :-
▪ राष्‍टरीय शशक्षा नीवर् के सफि वियान्ियन हेर्ु एक विशेष कायतबि का िठन वकया जाना र्चाहहए, जजसमें साितजवनक और वनजी
उच्र्च शशक्षा संस्थाओं के विशेषज्ञ शापमि होंिे।
▪ राष्‍टरीय शशक्षा नीवर् की वनिरानी हेर्ु कें द्रीय शशक्षा मंत्री की अध्यक्षर्ा में एक स्थायी सपमवर् की स्थापना की जा सकर्ी है। इसमें
देश के विलभन्न UNVS/संस्थाओं के कु िपवर्/वनदेशक सदस्य होंिे।
▪ राष्‍टरीय शशक्षा मंत्री पररषद की स्थापना की जानी र्चाहहए। इसमें सभी राज्यों और कें द्र शाधसर् प्रदेशों के शशक्षा मंत्री शापमि होंिे,
र्था पररषद की अध्यक्षर्ा कें द्रीय शशक्षा मंत्री िारा की जाएिी।
निष्‍टकषष :-
21 िीं सदी की जरूरर्ों र्था सर्र् विकास िक्ष्य के आिोक में वनपमिर् नई राष्‍टरीय शशक्षा नीवर् का यडद सफिर्ापूितक वियान्ियन होर्ा
है, र्ो यह प्रणािी भारर् को विश्ि के अग्रणी देशों के समक्ष खड़ा कर सके िी।
आगे की राह :-
▪ सहयोिी संघिाद एिं प्रवर्स्पधी सहयोिी संघिाद की मूि भािना इस नीवर् की सफिर्ा की पूित शर्त होिी
▪ समाज के कमजोर ििों की र्रह ही उच्र्च जावर् के आर्थिक रूप से कमजोर ििों हेर्ु वित्त पोषण की व्यिस्था।
▪ डिजजटि उपकरणों की उपिब्धर्ा के आिोक में शशक्षा के साितभौमीकरण से राज्यों के बीर्च डिजजटि डििाइि की खाई को पाटा
जा सकर्ा है।
▪ अंर्मंत्रीय समिय की जरूरर् । शशक्षा, कौशि एिं श्रम मंत्रािय के बीर्च समिय का होना जरूरी है।
9. सोशल मीबडया रेगुलेशि के तहत OTT प्लेटफॉमष पर नियंत्रण का उपभोक्ताओं पर पड़िे िाले प्रभाि का बिश्लेषण करें. क्या
आप सहमत हैं क्रक यह कािूि अजभव्यनक्त की स्वतंत्रता को कम करता है ?
ह ल ही में 25 फरवरी को दडजजटल प्लेटफॉमय और सोशल मीदडय को लेकर नए तनयम ज री तकए गए हैं जजसमें नेटफ्लिक्स हॉटस्ट र
अमेज़न प्र इम जैसे over-the-top ओटीटी प्लेटफॉमय िर सीध असर िडेग
उद्दे श्य
उिभोि ओां को OTT से सांबांक्षधि शशक यिों के तनिट रे, फजी खबरों की रोकथ म और ऑनल इन सुरि सुतनश्विि करन
पृष्टभूमम
म मल 2018 से शुरू हुआ, जब सुप्रीम कोटय ने ग इडल इन बन ने को कह
इस म मले की शुरुआि 11 ददसांबर 2018 से हुई, जब सुप्रीम कोटय ने सरक र से कह तक वह च इल्ड िोनोग्र फी, रेि, गैंगरेि से जुड े कां टेंट
को दडजजटल प्लेटफॉर्म्य से हट ने के ललए जरूरी ग इडल इन बन ए। सरक र ने 24 ददसांबर 2018 को ड्र फ्ट िैय र तकय । इस िर 177
कमेंट्स आए।तकस न आांदोलन के ब द ग इडल इन क मुद्द सबसे ज्य द गरम य

सोशल मीदडय में फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के इस्तेम ल बन म गलि इस्तेम ल को लेकर लांबे वि से दडबेट चल रही थी। इस म मले
में अहम मोड तकस न आांदोलन के समय से आय । 26 जनवरी को जब ल ल तकले िर हहिंस हुई िो सरक र ने सोशल मीदडय कां ितनयों
िर सख्ती बरिी।
सरक र क कहन थ तक अगर अमेररक में कै पिटल हहल िर अटैक होि है िो सोशल मीदडय िुललस क रयव ई क समथयन करि
है। अगर भ रि में ल ल तकले िर हमल होि है िो आि डबल स्टैंडडय अिन िे हैं। ये हमें स फिौर िर मांजूर नहीं है।
OTT य नी ओवर द टॉि प्लेटफॉर्म्य िर भी अश्लीलि िरोसने के आरोि लग रहे हैं। इस ब र सांसद सत्र में OTT को लेकर स ांसदों
की िरफ से 50 सव ल िूछे गए। पिछले 3 स ल से देश में OTT प्लेटफॉर्म्य िेजी से बढे। पिछले स ल म चय से जुल ई के बीच इसमें
सबसे ज्य द 30% की ग्रोथ हुई। म चय 2020 में 22.2 पमललयन OTT यूजसय थे, जो जुल ई 2020 में 29 पमललयन हो गए। देश में अभी
40 बडे OTT प्लेटफॉर्म्य हैं।
ग इडल इन के द यरे में 4 तरह के प्लेटफॉर्म्स आएांगे
सरक र ने ग इडल इन में च र शब्दों क इस्तेम ल तकय है। िहल - इांटरमीदडएरीज। दस
ू र - सोशल मीदडय इांटरमीदडएरीज। िीसर -
क्षसतिपफकें ट सोशल मीदडय इांटरमीदडएरीज। चौथ - OTT प्लेटफॉर्म्य।
इांटरमीदडएरी के म यने ऐसे सतविस प्रोव इडर से हैं, जो यूजसय के कां टेंट को ट् ांसपमट और िब्लिश िो करि है, लेतकन न्यूज मीदडय
की िरह उस कां टेंट िर उसक कोई एदडटोररयल कां ट्ोल नहीं होि । ये इांटरमीदडएरीज आिके इांटरनेट सतविस प्रोव इडसय हो सकिे हैं।
सोशल मीदडय प्लेटफॉमय हो सकिे हैं य ऐसी वेब सतविसेस हो सकिी हैं जो आिको कां टेंट अिलोड करने, िोस्ट करने य िब्लिश करने
की इज जि देिी हैं।

सभी सोशल मीवडय प्लेटफॉर्म्स के यूिसस के ललए 4 कॉमन फ यदे


1. आपकी लशक यतें सुनी ि एांगी
अब िक यूजसय के ि स सोशल मीदडय िोस्टट्स के जखल फ आव ज उि ने के ललए ररिोटय बटन थ , लेतकन शशक यिों के तनिट रे
क िुख्त क्षसस्टम नहीं थ । अब सोशल और दडजजटल मीदडय कां ितनयों को ऐस मैकेतनज्म बन न होग , जह ां यूजसय य तवल्पिम
अिनी शशक यि दजय कर सकें गे।

2. लशक यतें कौन सुनेग , यह पत रहेग


अब िक यूजसय को यह नहीं िि होि तक सोशल मीदडय िोस्टट्स के जखल फ ररिोटय करने िर उस िर कौन तवच र कर रह है। अब
कां ितनयों को यूजसय की शशक यिें तनिट ने व ले अक्षधक री की तनयुपि करनी होगी। ऐसे अक्षधक री क न म और उसके कॉन्टैि
दडटेल्स बि ने होंगे।

3. लशक यतों पर ककतने द्धदन में क रसि ई होगी, यह पत रहेग


अभी यूजसय को कोई ट इमफ्रेम भी नहीं पमलि तक कब िक उनकी शशक यि िर कोई क रयव ई होगी। ग इडल इन के िहि
शशक यि अक्षधक री को 24 घांटे के अांदर सुनव ई करनी होगी और 15 ददन के अांदर शशक यि को तनिट न होग ।

4. महहल ओां की लशक यतों पर 24 घांटे में एक्शन होग


यूजसय और ख सकर महहल ओां की गररम के जखल फ ि ए ज ने व ले कां टेंट को अब कां ितनयों को 24 घांटे के अांदर हट न होग ।
इसक फ यद उन म मलों में पमलेग , जजनमें महहल ओां की प्र इवेसी खिरे में िडिी हो, न्यूदडटी य सेक्शुअल एि से जुड मसल
हो य उनकी फोटो तकसी ने मॉफय की हो।
वॉट्सऐि, फे सबुक जैसे बडे सोशल मीदडय प्लेटफॉर्म्य िर सख्त नके ल
सोशल मीदडय इांटरमीदडएरीज के द यरे में छोटे सोशल मीदडय प्लेटफॉर्म्य आएांगे। उन्हें ऊिर बि ई ग इडल इन म ननी होगी, जो
सभी प्लेटफॉर्म्य के ललए कॉमन है। अब सव ल उिि है तक क्षसतिपफकें ट सोशल मीदडय इांटरमीदडएरीज क्य है?

यह ां क्षसतिपफकें ट सोशल मीदडय इांटरमीदडएरीज के म यने ऐसे प्लेटफॉमय से हैं, जह ां यूजसय की सांख्य ज्य द है। ज हहर है तक इसके
द यरे में 53 करोड यूजसय व ली वॉट्सऐि, 44.8 करोड यूजसय व ली यू-ट्यूब, 41 करोड यूजसय व ली फे सबुक, 21 करोड यूजसय व ली
इांस्ट ग्र म और 1.75 करोड यूजसय व ली हिटर आएगी।

बड़े सोशल मीवडय प्लेटफॉर्म्स पर 8 तरह से सख्ती, फर्स्स ओररजिन के ब रे में बत न होग
1. सबसे बडी सख्ती यह है तक सोशल मीदडय कां ितनयों को आिपत्तजनक िोस्टट्स के फस्टय ओररजजन को ट्ेस करन होग । य नी
सोशल मीदडय िर खुर फ ि सबसे िहले तकसने शुरू की? अगर भ रि के ब हर से इसक ओररजजन है, िो भ रि में इसे तकसने
सबसे िहले सकु यलेट तकय , यह बि न होग ।
2. देश की सांप्रभुि , सुरि , िब्लिक ऑडयर, फॉरेन ररलेशांस और रेि जैसे म मलों में फस्टय ओररजजन की ज नक री देनी होगी। जजन
आरोिों के स तबि होने िर 5 स ल से ज्य द की सज हो सकिी है, ऐसे म मलों में ओररजजन बि न होग । कां टेंट बि ने की जरूरि
नहीं होगी।
3. सरक र के बन ए क नूनों और तनयमों िर अमल सुतनश्विि करने के ललए सोशल मीदडय कां ितनयों को चीफ कम्प्प्ल यांस ऑपफसर
तनयुि करन होग । यह ऑपफसर भ रि में रहने व ल व्यपि होन च हहए।
4. एक नोडल कॉन्टैि िसयन तनयुि करन होग , जजससे सरक री एजेंक्षसय ां 24X7 कभी भी सांिकय कर सकें । यह नोडल ऑपफसर भी
भ रि में रहने व ल व्यपि होन च हहए।
5. बडी सोशल मीदडय कां ितनयों को हर महीने कम्प्प्ल यांस ररिोटय ज री करनी होगी तक तकिनी शशक यिें आईं और उन िर क्य कदम
उि ए गए।
6. ऐसी कां ितनयों को अिनी वेबस इट और मोब इल ऐि िर भ रि में मौजूद उनक एक कॉन्टैि एड्रेस भी बि न होग ।
7. सोशल मीदडय िर मौजूद यूजसय वेररफ इड हों, इसके ललए वॉलांटरी वेररपफके शन मैकेतनज्म बन न होग । SMS िर OTP के जररए
इस िरह क वेररपफके शन हो सकि है।
8. अगर कोई सोशल मीदडय प्लेटफॉमय तकसी यूजर के कां टेंट को ररमूव करि है िो आिको यूजर को इस ब रे में सूचन देनी होगी,
उसके क रण बि ने होंगे और यूजर की ब ि सुननी होगी।

OTT प्लेटफॉर्म्य को 6 ब िें म ननी होंगी,


1. OTT प्लेटफॉर्म्य की एक बॉडी सुप्रीम कोटय य ह ईकोटय के ररट यडय जज य इस फील्ड के तकसी तवशेषज्ञ व्यपि की अध्यिि में
बने। यह बॉडी शशक यिों की सुनव ई करे और उस िर जो जजमेंट आए, उसे म ने। यह िीक उसी िरह होग , जजस िरह टीवी चैनल
अिने कां टेंट के ललए खेद जि िे हैं य जुमान देिे हैं। ऐस करने को सरक रें उनसे नहीं कहिीं। वे खुद करिे हैं। यह सेल्फ रेगुलेशन
है।
2. OTT और दडजजटल मीदडय को दडटेल्स/दडस्टलोजर िब्लिश करने होंगे तक वे इन्फॉमेशन कह ां से ि िे हैं।
3. शशक यिें तनिट ने क क्षसस्टम वैस ही रखन होग , जैस ब की इांटरमीदडएरीज के ललए है। य नी शशक यिें ररिोटय करने के ललए
क्षसस्टम बन एां, शशक यि तनिट ने व ले अक्षधक री की तनयुपि करें और उसक कॉन्टैि दडटेल्स बि एां, िय ट इमफ्रेम में शशक यिों
क तनिट र करें।
4. OTT प्लेटफॉर्म्य को 5 कै टेगरी में अिने कां टेंट को ल क्षसफ ई करन होग । U (यूतनवसयल), U/A 7+, U/A 13+, U/A 16+ और A
य नी एडल्ट।
5. U/A 13+ और इससे ऊिर की कै टेगरी के ललए िैरेंटल लॉक की सुतवध देनी होगी ि तक वे बच्चों को इस िरह के कां टेंट से दरू रख
सकें ।
6. एडल्ट कै टेगरी में आने व ले कां टेंट देखने ल यक उम्र है य नहीं, इसक भी वेररपफके शन मैकेतनज्म बन न होग ।
वडजिटल न्यूि मीवडय में भी सेल्फ रेगुलेशन पर िोर
दडजजटल न्यूज मीदडय के िब्लिशसय को प्रेस क उांक्षसल ऑफ इांदडय और के बल टीवी नेटवकय रेगुलेशन एि से जुड े तनयमों को म नन
होग ि तक पप्रिंट, टीवी और दडजजटल मीदडय के बीच रेगुलेशन क क्षसस्टम एक जैस हो। सरक र ने दडजजटल न्यूज मीदडय िब्लिशसय से
प्रेस क उांक्षसल की िरह सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बन ने को कह है।
विप्तनयमन सांबांधी मचिंत एां
ओटीटी मीदडय की मांि में िेजी से वृदद्ध हुई है और इस अांिर को ि टने के ललए कई कदम उि ए गए हैं क्योंतक पफल्मों और टीवी
के ललए मौजूद तनय मक ढ ांचे की कमी सरक र के ललए श्वचिंि क तवषय है। इस िरह के प्रय सों के दो प्रमुख उद हरण हैं, सबसे िहले
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉररटी ऑफ इांदडय (TRAI) द्व र नवांबर, 2018 में ओटीटी प्लेटफ मों के आश्वथिक तवतनयमन, ल इसेंक्षसिंग और
दरू सांच र एकीकरण के ललए एक रूिरेख िैय र करने के ललए ज री िर मशय ित्र। इांटरनेट और मोब इल एसोक्षसएशन ऑफ इांदडय
(IAMAI) द्व र क्षसिांबर, 2020 में ज री तकए गए ऑनल इन क्यूरेटेड कां टेंट प्रोव इडसय (OCCPs) के ललए तनयमन सांहहि । वियम न
तनयमन के जल्दब जी में ल गू होने, प्रतिबांध लग ने से नुकस न फ यदे पमलने की िुलन में अक्षधक है।

ि क् एिां अजभव्यप्ति की स्वतांत्रत और सरक री विप्तनयमन


नेटफ्लिक्स, हॉटस्ट र, अमेज़न प्र इम आदद प्लेटफ मों िर ऑन-दडम ांड सेव ओां की उिलब्धि के क रण पिछले आधे दशक में
दडजजटल स मग्री की खिि एक अिव द के बज य एक म नक बन गई है। यह घटन ओवर द एक्सिोनेंशशयल ग्रोथ से स्पि है शीषय
("ओटीटी") मीदडय प्लेटफॉमय अत्यक्षधक तवतवध स मग्री ददख िे हैं। ऐसे ओटीटी प्लेटफ मों क अब्धस्तत्व रचन त्मक स्विांत्रि और
अलभव्यपि क एक उत्कृ ि उद हरण है, जो न के वल ऐसी स मग्री बन ने में श पमल हैं, बल्कि इसक उिभोग करने व ले व्यपियों क
भी।
ज नक री प्र प्त करने और प्रस ररि करने क अक्षधक र अनुच्छेद 19 (1) (ए) के िहि अलभव्यपि की स्विांत्रि और अलभव्यपि की
स्विांत्रि की िूतिि के ललए एक महत्विूणय िहलू है। ह ल ांतक, यह तनरिेि नहीं है और अनुच्छेद 19 (2) के द यरे में उश्वचि प्रतिबांधों के
अधीन है। सेंसरशशि एक सांयम है जो कल त्मक अलभव्यपि और स्विांत्र भ षण को दब देि है ि तक यह सुतनश्विि तकय ज सके तक
रचन त्मक क यय हहिंसक व्यवह र को न छेड,ें अश्लीलि को श्वचदत्रि न करें और सम ज के नैतिक ि ने-ब ने को तवकृ ि न करें।
ह ल के ददनों में, ह ल ांतक, सेंसरशशि क इस्तेम ल र जनीतिक आलोचन , ध पमिक र य और क मुकि के भ वों को दब ने के ललए
एक टू ल के रूि में तकय गय है, जो तक र ष्ट्रव दी प्रच र की स्थ िन की समझ के स थ रचन त्मक स मग्री को सांरेजखि करने के ललए है।
र ष्ट्रिति ने 9 नवांबर को सूचन और प्रस रण मांत्र लय ("एमआईबी") के द यरे में नेटफ्लिक्स, हॉटस्ट र, अमेज़़ॅन प्र इम जैसे ओटीटी
प्लेटफ मों के तवतनयमन को भ रि सरक र के ललए एक सांशोधन (व्यवस य आवांटन तनयम, 1961 के सांशोधन) को रद्द कर ददय ।
सांतवध न के अनुच्छेद 77 (3) में प्रदत्त उनकी शपि क प्रयोग करने में।
इसललए, इस तवतनयमन क उद्देश्य उि क ययक री क रयव ई क तवश्लेषण करन है जो ओटीटी प्लेटफ मों िर स मग्री के अतिरेक
तवतनयमन और सांभ तवि अनिेक्षिि सेंसरशशि की सांभ वन को इांतगि करि है। इस ब ि िर चचा करन आवश्यक है तक एक व्य िक
तवध यी िांत्र की कमी रचन क रों की मुफ्त बोली, अलभव्यपि और कल त्मक स्विांत्रि के स थ-स थ दशयकों के दडजजटल स मग्री की एक
तवस्तृि खिि के अक्षधक र क उल्लांघन कर सकिी है। अलग-अलग न्य य लयों के उद हरणों के स थ-स थ भ रि में ओटीटी प्लेटफ मों
के ब द स्व-तनयमन रूिरेख ओां के उद हरणों को देखकर, टु कडों में नीतिगि नुस्खे सुझ ि है जो भ रि के सांतवध न के अनुच्छेद 19 में ददए
गए युक्त भ षण िर उश्वचि प्रतिबांधों के स थ क नून क अनुि लन करिार्ा है ।
इन प्लेटफ मों िर तनयमों को ल गू करने के ललए कें द्र सरक र द्व र सुप्रीम कोटय में प्र थयन करने से िहले द यर जनहहि य श्वचक के
मद्देनजर तवव द स्पद क ययक री क रयव ई हुई है। इस जनहहि य श्वचक क उद्देश्य ओटीटी प्लेटफ मों को अिनी स्विांत्रि और अलभव्यपि
की स्विांत्रि क दरुु ियोग करने से रोकन थ , जजसक आध र यह थ तक रचन त्मक स्विांत्रि की आड में इन ओटीटी प्लेटफ मों ने रि
सांस्थ नों जैसे निि , हहिंस , ड्रग्स और अस्वीक यय दृश्यों को श्वचदत्रि तकय है। इन प्लेटफ मों िर कश्वथि रूि से अतनयांदत्रि स मग्री के
क रण हहन्दफ ू ोतबय शब्द प्रचललि हो गय है, जो तक कु छ तनश्विि प्रच र के ललए प्रिीि होि है। यह िकय ददय ज ि है तक इसके ललए
आवश्यक तवतनयमों को तनधाररि करन अनुच्छेद 21 में तनहहि न गररकों के जीवन के अक्षधक र की सुरि के हहि में है।

तनष्कषय िौर िर कह ज सकि है तक सरक र के द्व र ज री ग इडल इन मौजूद समय की जरूरि को िूर कर रह है स थ ही
वैश्विक स्तर िर सोशल मीदडय /दडजजटल मीदडय के प्रयोग को बढ व देने के ललए सरक र तनरांिर प्रय स कर रही है वही सांतवध न में
प्रदत्त व क् एवां अलभव्यपि की स्विांत्रि को भी सुतनश्विि रखिे हुए उश्वचि डदशा वनदेश ददए हैं
10. "भारत और िांग्लादे श के िीच गहरे संिंध रहे हैं लेक्रकि ितषमाि समय में कई मुद्दे संिंध को प्रभाबित कर रहे हैं"। समीक्षा करें।
हाि ही में भारर् के िारा 16 डदसम्बर 2020 को बांििादेश की स्िर्ंत्रर्ा के 50 िषत
का पािन उपिक्ष्य मनाया, जजसने भारर् और बांििादेश के बीर्च संबंधों को नई डदशा
दी है। रक्षा सहयोि, आर्थिक कजिविटी ऊजा क्षेत्र में।
हालिया घटना :-
16 डदसम्बर, 1971 को बांििादेश एक स्िर्ंत्र राष्‍टर बनाा इस डदन को हटाकर
बांििादेश के स्िर्ंत्र देश के रूप में मान्यर्ा डदया। इसलिए इसके 50 िषत पर विजय
डदिस मनाया िया।
भारत-िांगलादे श :-
डदसम्बर माह में भारर् और बांििादेश के बीर्च हुए िर्चुतअि सम्मे िन में भारर्ीय
प्रधानमंत्री और बांििादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना के िारा आपसी संबंधों में मजबूर्ी
और िहराई िाने पर जोर डदया। इससे पूित अिस्र् माह के पूित में विदेश सर्र्चि हषतिधतन
श्रृंििा के ढ़ाका दौरे पर वकसी भी पहिे राजनपयक के रूप में िए। भारर्-बांििादेश के
बीर्च संबंध िहरे रहे हैं। भारर्-बांििादेश के संबंध वकसी भी दधक्षण एशशयाई पड़ोसी
देशों की र्रह सभ्यर्ा, संस्कृ वर्, सामाजजक एिं आर्थिक आडद विषयों के साथ जुड़ े हैं। इसके अवर्ररक्र् एक साझा इवर्हास, साझी
विरासर्, भाषा, संस्कृ वर् का मेि, साहहत्य, किा और संिीर् में भारर् के साथ बांििादेश का न के िि 1971 का स्िाधीनर्ा संग्राम के
संघषत और मुपक्त का विरासर् अपपर्ु भ्रार्ृत्व भाि से अंर्रंि भािनाओं का अनुभि करर्े हैं।
भौगोशलक संिंध :- पमजोरम (318 वकमी) प० बंिाि (22161 वकमी), असम (262 वकमी) :-
भारर् और बांििादेश के बीर्च 4046 वकमी की सबसे िंबी सीमा ििर्ी है। साथ ही 54 नडदयां दोनों देशों के बीर्च साझा करर्ी हैं।
राजिनयक संिंध :-
भारर् डदसम्बर 1971 में बांििादेश को स्िर्ंत्र अस्तित्ि िािा देश के रूप में मान्यर्ा देने िािा प्रथम देश बनकर राजनपयक संबंध
स्थापपर् वकया। 1979 में UNO की सदस्यर्ा भी डदििाने में सहयोि वकया। दोनों देशों के बीर्च (1950-2007) के मध्य वििाद की स्थस्थवर्
को छोड़कर सदैि िहरे संबंध रहे हैं।
आर्थिक संिंध :-
बांििादेश दधक्षण एशशया में भारर् का सबसे बड़ा व्यापार भािीदार देश है। िषत 2018-19 में भारर् और बांििादेश के बीर्च 10.25 वि०
िॉिर का डिपक्षीय व्यापार हुआ। िषत 2011 के बाद से ही SAFTA (South Asian Free Trade Area) के र्हर् भारर् िारा शुल्क
मुक्र्/कोटा मुक्र् वनयार् वकया िया।
▪ नििेश सहयोग :-
रक्षा, हाितिेयर, अिसंरर्चनात्मक विकास ि अन्य क्षेत्र में संभािना है।
▪ समुद्री अथषव्यिस्था :-
हाड्रोकाबतन, समुद्री संसाधनों का दोहन, आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोि एिं आिे भी काफी संभािनाएं मौजूद है।
▪ बिकासात्मक सहयोग :-
2010 से अभी र्क 8 वबलियन िॉिर से अधधक की Line of Credit (LOC) दी है। जजसमें साितजवनक पररिहन, सड़क, रेििे,
पुिों, अंर्देशीय जिमाित के र्िए 1 विलियन िॉिर LOC दी िई थी।
▪ स्िास््य एिं शशक्षा सहयोग :-
आज भी भारर् स्िास््य और शशक्षा के क्षेत्र में वनरंर्र सहयोि कर रहा है। भारर् िारा बांििादेश के छात्रों को छात्रिृपत्तयॉं एिं
भारर्ीय विश्िविद्याियों में सीटें उपिब्ध करिा रहा है। साथ ही र्र्चवकत्सकीय अनुसंधान में आपसी सहयोि वकया जा रहा है।
▪ ऊजा सहयोग :-
क्षेत्रीय पािर रेडििंि धसस्टम की अिधारणा के र्हर् सरप्िस वबजिी को दस
ू रे क्षेत्रों में रांसमीशन िाईन िारा पहुंर्चाया जाएिा।
भारर् िारा 1160 MW वबजिी बांििादेश को प्रवर्डदन उपिब्ध करिाई जा रही है। बांििादेश िारा स्थापपर् रूपपुर परमाणु ऊजा
संयंत्र में भारर् सहयोि कर रहा है।
130 वकमी िंबी पाइपिाइन पररयोजना के िारा बांििादेश को र्ेि उपिब्ध करिाया जाएिा।
▪ अंतररक्ष सहयोग :-
SAARC Satellite िारा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के रूप में बांििादेश को भी टेिीमेडिधसन, आपदा प्रबंधन, टेिी-शशक्षा की सुविधा
उपिब्ध करायी जा रही है।
रक्षा सहयोग :-
भारर्-बांििादेश के बीर्च रक्षा संबंध अडिर्ीय है। सिोच्र्च नेर्ृत्ि का आश्िासन है वक भारर् को नुकसान पहुंर्चाने के लिए बांििादेश के
भू-भाि का उपयोि नहीं करने की अनुमवर् होिी।
▪ 2011 में IBMP (समन्द्रिर् सीमा प्रबंधन योजना पर सहमवर् बनी।
▪ सीमा पर शांवर् बनाए रखने ि सीमा रक्षा बिों के बीर्च आपसी सहयोि वकया जा रहा है।
▪ भारर्-बांििादेश के बीर्च िैंि बॉितर समझौर्ा, 2015 भी िािू वकया िया।
▪ 54 नडदयों के लिए संपकत ि सहयोि को बढ़ाने के उद्देश्य से डिपक्षीय संयुक्र् नदी आयोि (1972) कायत कर रहा है।
▪ दोनों देशों के बीर्च ‘संप्रीवर्’ सैन्य अभ्यास का आयोजन वकया जार्ा है।
▪ 2017 में भारर् के िारा रक्षा सहयोि समझौर्ा वकया िया और 500 पमलियन िॉिर का रक्षा उपकरण खरीद के लिए Line of
Credit डदया िया।
सांस्कृबतक सहयोग :-
2010 से ही ढ़ाका स्थस्थर् इजन्दरा िांधी सांस्कृ वर्क के न्द्र िारा सांस्कृ वर्क िवर्विधधयां संर्चालिर् की जा रही है। जजसका उद्देश्य दोनों देश
के िोिों के मध्य बेहर्र संबंध स्थापपर् करना है।
किेक्टिबिटी :-
ढ़ाका-खुिना मैत्री एक्सप्रेस र्चि रही है। कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए संयुक्र् रूप से हल्दीबाड़ी (भारर्) र्र्चल्हाटी (बंििादेश) के मध्य
रेििे लििंक का उदघाटन वकया। ढ़ाका-कोिकार्ा, ढ़ाका-शशिॉंि, अिरर्ल्िा बस सेिाएं।
▪ अंर्देशीय जि पारिमन और व्यापार प्रोटोकॉि के दस ू रे पररशशष्‍टट पर हस्र्ाक्षर वकया िया।
▪ दोनों देशों के बीर्च एयर कनेक्टिविटी भी मजबूर् बनाया जा रहा है।
▪ दोनों देशों के बीर्च और साथ ही दधक्षण एशशयाई देशों के बीर्च सहयोि के लिए BBIN समझौर्े का शीघ्र कायान्ियन पर
मोटरिाहन सहमर् हुए।
िहुपक्षीय मंचों पर दोिों दे शों की भागीदारी :-
▪ UNSC में बांििादेश िारा भारर् को समथतन।
▪ SDG िक्ष्यों की प्रापप्त में एिं प्रिाधसयों के अधधकारों की सुरक्षा के लिए पमिकर कायत करने पर सहमवर् व्यक्र् की िई।
▪ SAARC एिं विम्सटेक (BIMSTEC) के मंर्च पर सहयोि (हाि ही में SAARC की कोविि-19 महामारी के प्रभाि से मुकाबिा के
लिए SAARC आपार्कािीन प्रवर्विया कोष बनाया िया।
▪ IORA (Indian Ocean Rim Association) हहन्द महासािर क्षेत्रीय सहयोि संिठन की अध्यक्षर्ा बांििादेश िारा की जाएिी,
जजसमें भारर् से अधधक समुद्री सुरक्षा और बर्चाि के कायों के लिए समथतन का अनुरोध वकया।
हाशलया बिकास :-
▪ भारर्-बांििादेश के मध्य सार् समझौर्ों पर हस्र्ाक्षर, र्ीन पररयोजनाओं का उदघाटन।
▪ भारर् के उत्तर-पूिी राज्यों से माि की आिाजाही के लिए र्र्चरिांि और मोंििा बंदरिाह का उपयोि।
▪ बांििादेश की फे नी नदी के जि का उपयोि डत्रपुरा में पेयजि आपूवर्ि के लिए।
बििाद के बिन्दु :-
सीमा वििाद, भूपम वििाद, क्षेत्र वििाद। 6.1 वकमी सीमा को िेकर ही वििाह है।
र्ीस्र्ा नदी जि वििाद अभी भी है। नए प्रस्र्ाि में भारर् को (42.5%) ि बांििादेश को (37.5%) ि 20 प्रवर्शर् जि मुक्र् रखने का
प्रािधान वकया िया है। यह अभी िंवबर् है।
बतपाईमुख िांध बििाद :-
बराक एिं र्ुबई नामक नडदयों के संिम पर बांध बनाया जा रहा है।
भ रत - ब ांग्ल दे श के बीच अन्य विि द्धदत मुद्दे
सीम विि द
रि मांत्र लय के मुि तबक़ भ रि ब ांग्ल देश के स थ 4351 तक.मी. िक फै ली भूपम सीम को स झ करि है। ये ज़मीनी इल के
िश्विम बांग ल असम, मेघ लय, दत्रिुर और पमजोरम र ज्य से जुड े हैं। िोरस ब डयर को अक्सर भ रि से ब ांग्ल देश िक ख द्य वस्तुओां,
मवेशी, औषक्षधयों और दव इयों की ििरी के ललए एक म गय के रूि में उियोग तकय ज ि है। ब ांग्ल देश से हज रों अवैध आप्रव क्षसयों
ने पिछले कु छ वषों में रोजग र की िल श और अिने जीवन में सुध र के ललए भ रि की सीम में आए हैं। अवैध प्रव क्षसयों और भ रिीय
सैतनकों के बीच हुई हहिंस क स मन करने के ललए भ रिीय सीम गश्ती िुललस द्व र देखिे ही गोली म रने की तवव ददि नीति ल गू की
गई है।
शरण थी समस्य
भ रि और ब ांग्ल देश के बीच घुसिैि सबसे बड मुद्द रह है। 1971 के िश्विमी ितकस्त न द्व र िूवी ितकस्त न िर ढ ए क्षसिम के
दौर न क़रीब दस ल ख से ज़्य द ब ांग्ल देशी शरण श्वथियों ने भ रि में शरण ली थी। मौजूद सरक र ने असम में अवैध प्रव क्षसयों की
समस्य को देखिे हुए NRC की अांतिम ललस्ट ज री कर दी है। NRC की अांतिम ललस्ट से क़रीब 19 ल ख लोगों को ब हर कर ददय गय
है। ब ांग्ल देश को डर है तक उसके ि स और शरण श्वथियों को रखने की िमि नहीं है ऐसे में अगर भ रि एनआरसी सूची से ब हर हुए लोगों
को ब ांग्ल देश भेज ज ि है िो रोहहिंग्य शरण श्वथियों से जूझ रहे ब ांग्ल देश के ललए ये भी बडी चुनौिी होगी। इसके आल व ब ांग्ल देश
के ही ज़ररए िम म रोहहिंग्य शरण थी भ रि िहुाँचे हैं। गृह मांत्र लय के मुि तबक़, भ रि में लगभग 40,000 रोहहिंग्य रहिे हैं। भ रि सरक र
ने रोहहिंग्य को अवैध प्रव क्षसयों और एक सुरि खिरे के रूि में वगीकृ ि तकय है। स थ ही भ रि सरक र ने म्य ांम र से रोहहिंग्य
शरण श्वथियों को व िस लेने की अिील भी की है। इसके अल व भ रि और ब ांग्ल देश की सीम िर कां टीले ि रों को लग ने क क म
ज री है।
िल-विि द
भ रि और ब ांग्ल देश के बीच कु ल क़रीब 50 से अक्षधक नददय ां बहिी हैं। ह ल ाँतक 1996 गांग समझौिे के ब द दोनों में ि नी के
बांटव रे को लेकर कोई समझौि नहीं हो ि य है।

तीस्त नदी िल विि द


जल-तवव द को लेकर दोनों देशों के बीच सबसे बडी दतु वध िीस्त नदी जल बांटव रे को लेकर है। गांग , िह्मिुत्र और मेघन नदी
के ब द िीस्त भ रि व ब ांग्ल देश से होकर बहने व ली चौथी सबसे बडी नदी है। क्षसब्लिम की िह दडयों से तनकल कर ये नदी भ रि में
लगभग िीन सौ तकलोमीटर क सफर िूर करने के ब द ब ांग्ल देश में िहुाँचिी है। ब ांग्ल देश क करीब 14 फीसदी इल क क्षसिंच ई के
ललए िीस्त नदी के ि नी िर तनभयर है और ब ांग्ल देश की 7.3 फीसदी आब दी को इस नदी के म ध्यम से प्रत्यि रोज़ग र पमलि है।

2011 में प्रध नमांत्री मनमोहन क्षसिंह के ढ क दौरे के दौर न दोनों देशों के बीच इस मसले को लेकर एक नए फ मूयले िर सहमति भी बनी
थी। लेतकन िश्विम बांग ल की सरक र (मुख्यमांत्री ममि बनजी) के तवरोध के क रण इस िर हस्त िर नहीं तकय ज सक थ । ह ल ाँतक
इस दौरे के दौर न िध नमांत्री मोदी ने जल्द ही इस मसले िर सहमति बन ने की ब ि कही है।

ब ांग्ल दे श में चीन क बढ़त िचसस्व


ब ांग्ल देश चीन की महत्व क ांिी िररयोजन BRI क स झेद र देश है। BRI के िहि चीन ब ांग्ल देश में बांदरग ह क तनमाण कर रह है।
इसके अल व चीन द्व र ब ांग्ल देश को िनडुब्बी की आिूतिि क म मल भी दोनों देशों के बीच िन व क बड क रण है।

आतांकि द और भ रत - ब ांग्ल दे श
आिांकव द िर दोनों ही देशों क रुख एक सम न है और दक्षिण एशशय के तवक स में दोनों ही देश अहम् भूपमक तनभ सकिे हैं।
आिांकव द को िन ह देने व ले देश से दोनों ही देशों ने बर बर दरू ी बन रखी है, उरी आिांकव दी हमले के ब द ि तकस्त न को वैश्विक िौर
िर अलग-थलग करने के भ रि के प्रय सों के मद्देनज़र ब ांग्ल देश ने भी इस्ल म ब द में होने व ले स कय सम्मेलन में भ ग लेने से मन कर
ददय थ ।

अनुच्छेद 370 पर ब ांग्ल दे श क क्य रह थ रुख़


जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हट ए ज ने िर ब ांग्ल देश ने इसे भ रि क अांदरूनी म मल बि य थ ।
OIC में ब ांग्ल देश द्व र भ रि को समथयन
बीिे ददनों ऑगयन इज़ेशन ऑफ़ इस्ल पमक कोऑिरेशन ओआईसी में ब ांग्ल देश ने भ रि को िययवेिक र ष्ट्र क दज़ा दी ज ने की ब ि
कही थी।
एनआरसी पर विि द
अवैध घुसिैि दोनों देशों की बडी चुनौिी है असम में एनआरसी ल गू होने के ब द और देश में न गररकि सांशोधन क नून ल गू होने के
क रण भ रि और ब ांग्ल देश सांबांधों में चुनौिी बढ गई है
भ रि - ब ांग्ल देश समूहों में एक स थ
IORA - Indian-Ocean Rim Association
SAARC - South Asian Association for Regional Cooperation
BIMSTEC - Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation और कॉमन
वेल्थ नेशांस ।
रोहहिंग्य सांकट सम ध न के ललये ब ांग्ल देश ने रखे च र-सूत्रीय प्रस्ट‍ि व
सांयुक्‍ि र ष्‍ट‍ट् मह सभ के 74वें सत्र में ब ांग्ल देश ने रोहहिंग्य सांकट के सम ध न के ललये सांयुक्‍ि र ष्‍ट‍ट् के समि च र सूत्रीय प्रस्ट‍ि व रख ।
ब ांग्ल देश के मुि तबक़ रोहहिंग्य सांकट िेत्रीय ख़िर बनि ज रह है। ब ांग्ल देश के मुि तबक़ तक इस समस्य से तनिटने के ललये
अांिराष्‍ट‍ट्ीय समुद य क हस्ट‍ििेि ज़रूरी है।

रोहहिंग्य सांकट सम ध न के च र प्रस्त ि क्य हैं?


ब ांग्ल देश के मुि तबक़ म्प्‍य ाँम र को, रोहहिंग्य लोगों की म्प्‍य ाँम र में सुरक्षिि व िसी और उन्‍ह ें दोब र से मुख्‍यध र में श पमल करने की
स्ट‍िष्‍ट‍ट र जनीतिक इच्‍छ ददख नी च हहये।
बांगल देश क म नन है तक म्प्‍य ाँम र को भेदभ विूणय क नून और रीति-ररव ज़ छोड देने च हहये और रोहहिंग्य प्रतितनक्षधयों को उत्‍िरी
रख इन प्र ांि ज कर व स्ततवक ह ल ि देखने की अनुमति देनी च हहये।
म्य ाँम र को अांिराष्‍ट‍ट्ीय िययवेिकों की देखरेख में रख इन प्र ांि में रोहहिंग्य लोगों की सुरि की ग रांटी देनी च हहये।
ब ांग्ल देश ने आजख़री प्रस्त व के िहि अांिराष्‍ट‍ट्ीय समुद य से आग्रह तकय तक रोहहिंग्य लोगों के म नव क्षधक रों के उल्‍लांघन और उन िर
तकये ज रहे अत्‍य च रों की जव बदेही िय की ज ए।
ब ांग्ल देश म नि है तक इस सांकट क एकम त्र हल यही है तक रोहहिंग्य लोगों की रख इन प्र ांि में सुरक्षिि और सम्प्‍म न के स थ व िसी
हो। ब ांग्ल देश इसके ललये म्प्य ‍ ाँम र से लग ि र सांिकय में बन रहेग । गौरिलब है तक मह सभ के 74वें सत्र में शेख हसीन ने प्रस्ट‍ि व रख
थ तक कोफी अन्न न आयोग (िूवय मह सश्वचव, सांयुि र ष्ट्र) आयोग की क्षसफ ररशें िूरी िरह ल गू की ज ए और म्प्‍य ाँम र के रख इन प्र ांि
को सुरक्षिि िेत्र बन य ज ए।

दक्षिण एलशय में भ रत को चुनौती दे रह है ब ांग्ल दे श


तवशेषज्ञ ब ांग्ल देश को दक्षिण एशशय क नय ट इगर कह रहे हैं। दरअसल ब ांग्ल देश की वृदद्ध दर लगभग आि फ़ीसदी है जबतक भ रि
की अथयव्यवस्थ की वृदद्ध दर घटकर ि ाँच फ़ीसदी के आसि स िहुांच गई है। स ल 2009 में ब ांग्ल देश की प्रध नमांत्री शेख हसीन ने
दडजज़टल ब ांग्ल देश प्रोग्र म की शुरुआि की थी। इसके क ययक्म के िहि सरक री सेव ओां को दडजज़टल प्लेटफॉमय िर ल य गय स थ
ही इन्फ़ मेशन टेक्नॉलजी इांडस्टट्ी क भी इससे तवस्त र हुआ।

ब ांग्ल देश में बनने व ले किडों क तनयाि स ल न 15 से 17 फ़ीसदी की दर से आगे बढ रह है। 2018 में जून महीने िक किडों क
तनयाि 36.7 अरब डॉलर िक िहुांच गय थ । ब ांग्ल देश क लक्ष्य 2019 िक इसे 39 अरब डॉलर िक िहुांच य ज ए और 2021 में
ब ांग्ल देश जब अिनी 50वीं वषयग ांि मन ए िो यह आांकड 50 अरब डॉलर िक िहुांच ज ए।

ब ांग्ल देश की अथयव्यवस्थ में तवदेशों में क म करने व ले क़रीब 25 ल ख ब ांग्ल देशशयों की भी महत्विूणय भूपमक है। तवदेशों से जो ये
िैसे कम कर भेजिे हैं उनमें स ल न 18 फ़ीसदी की बढोिरी हो रही है और 2018 में 15 अरब डॉलर िक िहुांच गय ।

IMF के एक आकलन के मुि तबक ब ांग्ल देश की अथयव्यवस्थ मौजूद वक़्त में 180 अरब डॉलर की है और ये 2021 िक बढकर 322
अरब डॉलर की हो ज एगी। इन सब के अल व ब ांग्ल देश ने अिनी आब दी को भी तनयांदत्रि तकय है जजसे ि तकस्त न और भ रि जैसे
देश नहीं कर ि ए हैं। एशशय दडवेलिमेंट बैंक के मुि तबक़ ब ांग्ल देश दक्षिण एशशय में भ रि की ब दश हि को चुनौिी दे रह है।
चीन क प्रभ व
वियम न में चीन द्व र ऊजा एवां अवसांरचन सांबांधी प्रोजेि सांच ललि तकय ज रह है स थ ही बांगबांधु वन सैटेल इट बी चीन के सहयोग
से ल ांच की गई है चीन के द्व र रेलवे में भी तनवेश तकय ज रह है
उिरोि िररचचा के ब द यह स्पि होि है तक भ रि और ब ांग्ल देश के बीच सांबांधों के 50 वषय में प्रवेश होने के
उिर ांि भी गहरे होिे रहे हैं। यद्यपि कु छ वषों को छोड ददय ज ए िो तनरांिर प्रगतिशील बने हुए हैं। यद्यपि ह ल के वषों में कु छ मुद्दों िर
असहमति रही है,िरांिु भ रि की तवदेश नीति मैं िडोस प्रथम की नीति को प्र थपमकि देिे हुए आिसी सांबांधों को बढ व देिे हुए चीन
के प्रभ व को कम करने के प्रय स तकए ज रहे हैं। भ रि दक्षिण एशशय के अन्य देशों के ललए भी covid-19 वैक्सीन आिूतिि कर अिने
सॉफ्ट ि वर क प्रयोग कर रह है। जजससे भी िेत्रीय सांिुलन स्थ पिि करने में मदद पमल रही है और आगे चलकर सांबांधों में और अक्षधक
मजबूिी भी पमलेगी।
11. "हाल ही में म्यािमार में हुए सैन्य तख्तापलट िे भारत और म्यांमार के िीच िषों पुरािे संिंधों को प्रभाबित क्रकया है"। समीक्षा
करें।
िर्तमान संदभत म्यांमार में सैन्य र्ख्र्ा पिट से जुड़ा है। जहां सेना ने एक
िोकर्ांडत्रक सरकार को हटाकर हाि ही में शुरू हुई िोकर्ंत्र की नई सुबह के
ऊपर अंधेरा कर डदया।
भारर्-म्यांमार का संबंध ऐवर्हाधसक महत्ि का रहा है। वब्रडटश शासन से 1948
ई० में अिि होने के बाद एक स्िर्ंत्र देश बना।
भारर्-म्यांमार के साथ 1600 वक०मी० एिं 728 वक०मी० िम्बी सीमा
(जमीनी और समुद्री) है।
भारर् के लिए म्यांमार का रणनीवर्क महत्ि
पृष्‍टठभूमम :-
1951 की मैत्री संधध पर हस्र्ाक्षर वकए जाने के बाद सैन्य शासन के साथ संबंध
1987 ई० में राजीि िांधी की म्यांमार यात्रा के दौरान संबंधों की शुरूआर् हुई।
िहुआयामी संिंध :-
भारर्-म्यांमार बंिाि की खाड़ी में सीमा साझा करने के आिािा सांस्कृ वर्क,
ऐवर्हाधसक, जार्ीय र्था धापमिक संबंधों में िहराई रही है।
मयांमार के साथ सांस्कृबतक संिंध :-
भारर् में अशोक के समय से ही बौद्ध धमत प्रर्चाररर् हुआ। िर्तमान में म्यांमार के बौद्ध समुदायों का भारर् में पयतटन एिं धमोत्सिों में भाि
िेने के लिए आिािमन से सांस्कृ वर्क संबंध मजबूर् हुई है।
मयांमार का महत्ि : दधक्षण-पूिी एशशयाई देशों के साथ :-
1991 में एिपीजी आने के बाद एिं सोवियर् संघ के विघटन के बाद की स्थस्थवर् में भारर् के िारा नेबरहुि फर्स्त पॉलिसी के साथ िुक
ईर्स् पॉलिसी शुरू की है साथ ही िर्तमान समय में सामररक महत्व को ध्यान में रखर्े हुए एि ईर्स् पॉलिसी के रूप में इसे बदि डदया
जजसको िेकर भी म्यानमार का महत्व बढ़ िया।
म्यांमार को दधक्षण-पूिी एशशया का िेटिे कहा जार्ा है। दधक्षण-पूिी एशशयाई देशों के संिठन के सदस्य के रूप में एिं
BIMSTEC के सदस्य के रूप में महत्िपूणत स्थान प्राप्र् है।
मयांमार का उत्तर-पूिी राज्यों के संदभष में महत्ि :-
भारर्-म्यांमार के बीर्च संबंधों में मजबूर्ी बने रहने से उत्तर-पूिी राज्यों में बढ़र्ा हुआ उग्रिाद एिं मादक पदाथों की र्स्करी (Golden
triangle – Myanmar-Thailand-Laos) की र्चुनौवर्यों से वनबटने में मददिार सावकबर् होिा।
▪ आर्थिक संबंध :- 1.73 अरब िॉिर का वित्तीय वनिेश वकया िया। भारर्ीय कं पवनयॉं िेि, ONGC, एस्सार इत्याडद के िारा ऊजा
क्षेत्र में वनिेश एिं ‘मेि इन इंडिया’ रक्षा उद्योि और सैन्य वनयार् को भी बढ़ािा डदया जा रहा है।
▪ अिसंरर्चना :- 1 MT कोरीिोर वनमाण, मल्टी मॉिि, किादान मॉिि, धसर्िे बंदरिाह का विकास करने में आपसी सहयोि में िृडद्ध
हो रही है।
▪ र्चीन को प्रवर्संर्ुलिर् (काउंटर बैिेंस) करने में :- र्चीन के क्याउम्प्यू बंदरिाह के विकल्प के रूप में धसर्िे बंदरिाह का विकास।
▪ र्चीन के प्रभाि को कम करने के लिए सािर (SAGAR) नीवर् के र्हर् म्यांमार के संबंधों को बढ़ािा डदया जा रहा है।
▪ वििाद वबन्दु :- हाि ही में भारर् के िारा एक पनिुब्बी भी दी िई थी।
▪ सैन्य र्ख्र्ा पिट का भारर् पर प्रभाि :- िैर्श्वक समुदाय ने म्यांमार में सैन्य र्ख्र्ापिट को ििर् ठहराया। इसके साथ ही USA
एिं अन्य पर्श्चमी देशों के िारा भविष्‍टय में प्रवर्बंध भी ििाया जा सकर्ा है। म्यांमार सैन्य प्रमुख को USA में प्रवर्बंधधर् वकया जा
र्चुका है।
▪ रोहहिंग्या मुद्दे :- म्यांमार में िोकर्ंत्र बहािी के लिए आंि सांि सू की को समथतन से रोहहिंग्या मामिे को पीछे छोड़ना होिा।

भविष्‍टय के संबंधों में सांस्कृ वर्क कू टनीवर् :- बौद्ध सवकिट को विशेष रूप से बढ़ािा डदया जा सकर्ा है। विदेशी पयतटन को बढ़ािा डदए
जाने की जरूरर् होिी।
✓ िंवबर् प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने की जरूरर्।
✓ आपसी संबंधों में सामररक सुरक्षा को िेकर सूर्चनाओं का आदान-प्रदान हो।
✓ सीमापार उग्रिाद की िवर्विधधयां कम करना। मानि र्स्करी, मादक पदाथों की र्स्करी को कम करने के प्रयास करना।

भारर्-म्यांमार के साथ आपसी पड़ोसी देशों के रूप में बेहर्र संबंधों को िहरा वकया है। साथ ही पड़ोसी देशों में िोकर्ंत्र की
सकु शि बहािी िाभदायक रहेिी र्था र्चीन का प्रभाि कम होिा।

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