Professional Documents
Culture Documents
एक जंगल में
एक जंगल में
एक जंगल में
हाथी और बकरी रहते थे , जो बहुत अच्छे दोस्त थे । दोनों साथ मिलकर रोजाना भोजन
की तलाश करते और मिल बै ठकर भोजन करते थे ।
एक दिन में दोनों खाने की तलाश में निकले और चलते -चलते बहुत दरू पहुंच गए। उन्हें भूख भी लग
रही थी और प्यास भी। पास ही उन्हें एक तालाब दिखाई पड़ा। दोनों तालाब के पास पहुंचे और पानी
पीकर अपनी प्यास बु झाई।
तालाब के पास एक बे र का पे ड़ लगा हुआ था, जिसे दे ख बकरी के मुं ह में पानी आ गया। उसने हाथी से
अपनी सूं ड द्वारा बे र तोड़ने का निवे दन किया। हाथी ने अपनी सूं ड से बे र के पे ड़ का तना हिलाया और
ढे र सारे पके हुए बे र नीचे गिरने लगे । बकरी बे रों को समे टने लगी।
उसी पे ड़ में एक चिड़िया का घोंसला भी था। उस समय चिड़िया भोजन की तलाश में निकली थी,
ले किन घोंसले में उसका बच्चा सो रहा था। हाथी द्वारा बे र का पे ड़ हिलाने से चिड़िया का घोंसला टू ट
कर नीचे तालाब में गिर पड़ा, साथ ही चिड़िया का बच्चा भी।
चिड़िया का बच्चा तालाब में बहने लगा। उसे तालाब में बहता दे खकर बकरी को दया आ गई और वह
उसे बचाने के लिए तालाब में कू द गई। बकरी तै रना नहीं जानती थी। वह तालाब में डू बने लगी। हाथी
ने अपने दोस्त को तालाब में डू बते दे खा, तो फौरन तालाब में छलां ग लगा दी और बकरी और
चिड़िया के बच्चे दोनों को बाहर निकाल लिया।
उसी समय चिड़िया भोजन ले कर लौटी और उसने सारा दृश्य दे खा। वह हाथी का धन्यवाद दे ने लगी
कि उसने उसके बच्चे की जान बचाई।
उस दिन से चिड़िया, हाथी और बकरी दोस्त बन गए। चिड़िया ने हाथी और बकरी को बे र के पे ड़ के
नीचे रहने का आमं तर् ण दिया।
हाथी और बकरी उसी बे र के पे ड़ के नीचे रहने लगे । चिड़िया जब भी भोजन ले ने जाती, तो वापस
आकर हाथी और बकरी को उन पे ड़ों के बारे में बताती, जिनमें फल लगे हैं । जिससे हाथी और बकरी के
लिए भोजन ढूंढना आसान हो गया।
वे हिलमिल कर खाते पीते मजे से साथ रहने लगे ।
सीख (Hathi Aur Bakari Ki Kahani Moral)
दस ू रों के प्रति सदा प्रेमभाव रखना चाहिए और कभी दस ू रों साथ गलत नहीं करना चाहिए। यदि
कभी भूल से कुछ गलत हो भी गया, तो उस गलती को सु धारने में दे र नहीं करनी चाहिए।
हिलमिलकर एक दस ू रे की सहायता करते हुए जीवन जीने का एक अलग ही आनं द है ।