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अंग्रेज़ी से िहन्दी में अनुवािदत। - www.onlinedoctranslator.

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इितहास(इतहासी)

इस पीडीएफ में 3 िवषय हैं

मध्यकालीन इितहास
- ईरान/अफगान आक्रमण

- िदल्ली सल्तनत

- मुगल साम्राज्य

आधु ि◌नक इ ि◌तहास


- महत्वपूर्ण लीग

- कांग्रेस अिधवेशन और अध्यक्ष

- ब्िरिटश भारत

- स्वतंत्रता के बाद का भारत

प्राचीन इितहास
- वैिदक युग

- जैन धर्म

- बुद्ध धर्म

- मौर्य साम्राज्य

तार- https://t.me/gvwitmover
मदद के िलए कृपया नीचे िदए गए िलंक पर जाएं
https://youtu.be/VH6HqJsM560

िटप्पणी:इस पीडीएफ में दी गई सभी सामग्री के अिधकार You Tube चैनल Gv witmover के पास सुरक्िषत हैं। पीडीएफ की यह प्रित है
केवल व्यक्ितगत उपयोग के िलए और इसके आगे साझाकरण और िबक्री को हमारी बौद्िधक संपदा का उल्लंघन माना जाएगा।
सभी को शुभकामनाएं और भगवान राम से आपकी सफलता के िलए प्रार्थना करें।

तार- https://t.me/gvwitmover
ईरान/अफगान आक्रमण

- िसकंदमेरं
भारत में प्रथम आक्रमणकारी - भारत
- प्रथम मुस्िलम आक्रमणकारी - एम.एच.डी. िबन कासीम (712 ई.)
- ईरान का खलीफा कौन था? - िसंध हमले के बारे मेजे
अल-हजा ं
- कौन सी िकताब बताती है- चचनाम (अली बाबर कुफी द्वारा अनुवािदत)

गजनी के महमूद
- शासन काल ( 998-1030 )
- भारत में आक्रमण ( 1001-1027AD )
- हमला िकया 17 बार
- 1001 - पंजाब हमला 1004-
- मुल्तान हमला
- 1018- मथुरा मंिदर
- 1025-सोमनाथ मंिदर
- 1027- जाट समुदाय के िखलाफ हमला 1030- गजनी
- की मौत

उस समय के प्रिसद्ध लेखक-


1. अलबरुनी
2. फारुिबक
3. िफरदौसी
4. उत्िव
5. िसस्टेनी

मुहम्मद गौरी
- 1175 - मुल्तान मूलराज 2 का युद्ध गोरी
ने परािजत िकया।

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पृथ्वीराज चौहान

- वास्तिवक नाम - पृथ्वीराज तृतीय / राय िपथौरा


- राजवंश- चाहमान:
- शािसत - सपादलभा
- माता िपता - सोमेश्वर चौहान / करपौरी पेंटर - अिनरुद्ध
-
- किव िमत्र - चंदबरदार (पृथ्वीराज रासो ने िलखा)।

1191 - तराइन प्रथम का युद्ध - पृथ्वी वोन

1192- तराइन द्िवतीय का युद्ध- गोरी वोन

1194 - चडावर-गोरी की लड़ाई में जय चन्दो की पराजय हुई

िदल्ली सल्तनत इ

गोरी दास थाकुतुब-उद-दीन ऐबकी (तुर्की)

वे 2 संतों के साथ िदल्ली आए

कुतुब-उद-दीन-काकी मोइनुद्दीन िचश्ती

(िदल्ली में रहे) (अजमेर में रहे)

(कुतुबमीनार द्वारा िनर्िमत

ऐबक उनकी याद में)

कुतुब-उद-दीन ऐबकी

गुलाम वंश-1206-1290

िखलजी वंश -1290-1320

तुगलक वंश-1320-1414

सैय्यद वंश-1414-1450

लोदी वंश -1451-1526

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गुलाम वंश(1206-1290 ई.)
- संस्थापक - कुतुब-उद-दीन ऐबकी
- िदल्ली में तुर्की संस्कृित का पिरचय देने वाले पहले व्यक्ित ने
- कभी भी "सुल्तान" की उपािध स्वीकार नहीं की
- शीर्षक स्वीकृत = मिलक/िसपसालार/लाखबख्शी

- राजधानी- लाहौर
- इमारत -कुतुब मीनार कुवत उल इस्लाम (भारत की
- पहली मस्िजद) आधार िदन का झोपरा
-
- चेरामंजुमा 1 . हैअनुसूिचत जनजाितमस्िजद लेिकन वहां कोई काम नहीं होने के कारण
इसे भारत का 1 नहीं माना जाता हैअनुसूिचत जनजाितमस्िजद

1210-मर गया (चौगान खेलने के दौरान)

इल्थुिमश(1211-1235 ई.)
- िदल्ली सल्तनत के असली संस्थापक हारे
- आरामशाही
- राजधानीिदल्ली
- स्थािपतचेहलगनी/चालीसा पूरा हुआ
- कुतुबमीनार
- शुरूइक्ता प्रणाली
- परािजतमंगोल (नािसर उद्दीन क़्वाचा ने चेंजज़ खान को हराया)2 िसक्के :1.
- टंका (चांदी) 2. (तांबजीतल
ा)
- िनर्िमत सुल्तान गढ़ी (कुतुब पिरसर) पुत्र-
- रुकनुद्दीन िफ़रोज़ी
बेटी -रिजया सुल्तान

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रिजया सुल्तान(1236-1240 ई.)
- पहला और आिखरी मुस्िलम शासक पित-अल्टुिरया (
- बिठंडा के शासक) कमांडर - जमाल उद दीन याकूत
- उसने स्वीकार नहीं िकयापरदा' वह चुनती हैक़ुबातथा
- क़ुला
-

रंगीन जाकेट टोपी


- 1240-1265 -3 सुल्तान आए:
1.मोइज़ुद्दीन बेहराम शाह (1240-42)
2.अलाउद्दीन मसूद (1242-1246)
3.नसीरुद्दीन महमूद (1246-65)

गयासुद्दीन बलबन(1265-87)
- मारे गएचेहलगनी
- शुरू कीनौरोज संस्कृित (फारसी महोत्सव) और उसके दरबार में
फारसी संस्कृित
- सजदातथापाइबोस
- उसने चुना खून तथा लोहा मार्ग

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िखलजी वंश(1290-1320एडी)
अलाउद्दीन िखलजी (1296-1316)
- संस्थापक-जलालुद्दीन िफरोज िखलजी (1290-1296 ई.)
अलाउद्दीन-अलेक्जेंडर िसकंदर द्िवतीय द्वारा स्वीकार की गई
- उपािध (8 युद्ध जीते)
- वास्तिवक नाम - अली गुरुशाप सबसे
- प्रभावशाली सुल्तान
- अपनी सेना में सुधार (भर्ती/वेतन) िबस्वाव्यवस्था
-
- दाग और हुिलयाव्यवस्था
- शुरू की बाजार िनयंत्रण प्रणाली
- 50% पर टैक्स तय
- उसने राजस्थान में मिलक काफूर या मिलक मिण खरीदी

अलाउद्दीन की लड़ाई

- 1292-मालवा
- 1296-देविगरी
- 1297-गुजरात
- 1301रणथंभौर
- 1303-िचत्तौड़गढ़
- 1305-मालवा िफर से
- 1308-िसलवाना
- 1311-जालौर

बाजीराव प्रथम ने 39 युद्ध जीते (1720-40)

इमारतों

- हौज़ खासी
- चोर मीनार
- नया शहर िसरी
- िसरी िकला (इसे अपनी राजधानी बनाया)
- अलाई मीनार
- अलाई दरवाजा
- मस्िजद
- जम्मैयत खाना

हौज़ खासी

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िदल्ली सल्तनत की कराधान प्रणाली
1. उशरफ-मुसलमानों से 5% - 10%
2. खराज़-1/3 से ½ गैर मुस्िलमों से
3. खम्स-लूटे गए पैसे का 1/5 िहस्सा सुल्तान का होगा
4. जकात-मुसलमानों पर 2-2.5% धार्िमक कर
5. ज़ािज़या-गैर-मुसलमानों पर 10% धार्िमक कर
6. लगान-मुसलमानों से अितिरक्त 2.5% और गैर मुस्िलमों से 5%

िदल्ली सल्तनत के िवभाग


- दीवान-ए-वज़ीरत (कमांडर) दीवान-ए-रसालत (िवदेशी मामले) दीवान-ए-अर्ज (
- रक्षा) दीवान-ए-इंशा/अशरफ (मीिडया/समाचार) दीवान-ए-अमीर कोहली (कृिष
- - मोहम्मद िबन तुगलक द्वारा) दीवान-ए-मुस्तखराज (राजस्व – अलाउ-उद-
- दीन िखलजी) दीवान-ए-खैरत (िफरोजशाह तुगलक) दीवान-ए-इश्ितयाक (पेंशन
- िवभाग) दीवान-ए-बंदगान (जेल) दीवान-ए-कज़मािलक (न्याय िवभाग) दीवान-ए-
- वकूफ (व्यय िवभाग)
-
-
-
-
-

तुगलक वंश(1320-1412AD)
- संस्थापक:गयासुद्दीन तुगलक शीर्षक :गाजी
- मिलक की स्वीकृत उपािध शुरू की गई डाक सेवाएं
- शुरू की िसंचाई प्रणाली
-
- उसने िदल्ली सल्तनत का िवस्तार बंगाल तक िकया जौना
- खानअपने िपता को मार डाला

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मुहम्मद िबन तुगलक(1325-1351)
- अिधकांशसाक्षरसुलतान
- पागल राजा के रूप में भी जाना जाता है (नीितयों के
कार्यान्वयन में िवफलता के कारण)
- देविगरी का नाम बदलकर कर िदया गया हैदौलताबाद तांबे के िसक्के
- लॉन्च िकए लेिकन असफल रहे टोकन मुद्रा लॉन्च की लेिकन
- असफल रहे इब्न-बतूतामोरक्को से उनके दरबार में आया था
- (पुस्तक- रेहला िजसमें उन्होंने मोहम्मद िबन तुगलक के बारे में सब
कुछ बताया)

िफरोज शाह तुगलक(1351-1388)


- उदार सुल्तान
- थोपा 'हक-ए-शरब' (िसंचाई सुिवधा पर कर) िविभन्न िवभागों की
- स्थापना
1.दीवान-ए-खैरात
2.दीवान-ए-बंदगाम
3.दीवान-ए-इलाज़ी
4. 1अनुसूिचत जनजाितसुल्तान िजसने लगायाजिजयाब्राह्मणों के ऊपर
5. आत्मकथा -फुतुहत-ए-िफरोजशाही
- वह लायािशलालेखोलुम्िबरी से भारत तक अशोक का जीर्णोद्धार कुतुब
- मीनार

उसने बनाया था :एक। िफरोजाबाद बी. जौनपुर-िसराज-ए-िहंद c. फतेहाबाद

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नसीरुद्दीन महमूद शाह(1390-1412AD .) )
- तुगलक वंश का अंितम शासक
- तैर्नूर लंग1398AD में िदल्ली सल्तनत पर हमला िकया गया

सैयद राजवंश(1414-1450AD)
- िखज्र खान (1414-1421AD)
- मुइज़ुद्दीन मुबारक शाह (1421-1434AD) -स्था. "मुबारकबाद"िदल्ली में मुहम्मद शाह (1434-1445AD) -
- िदया "खान-ए-खानम"बहलोल लोधी को उपािध अलाउद्दीन आलम शाह (1445-1450)
-

लोधी राजवंश(1451-1526 ई.)


बहलोल लोधी(1451-1489 ई.)
- 1अनुसूिचत जनजाितअफगानीिदल्ली सल्तनत में सुल्तान
- िकयािवमुद्रीकरणऔर लॉन्च िकया गयाबहलोली िसक्का। उसने िदल्ली
- सल्तनत का िवस्तार ग्वािलयर और दक्कन के कुछ िहस्सों तक िकया

िसकंदर लोधी(1489-1517 ई.)


- शीर्षक - "शाही"
- शुरू की गई भूिम इकाईगज़-ए-िसकानदारी स्था.आगरा
- शहर1504 ई. में आगरा को चुनाराजधानी1506AD में
- उनकी किवता का नाम था “गुलरुखी"। के शौकीन '
- शहनाई'संगीत के उपकरण
-

इब्रािहम लोधी(1517-1526)
-लोधी वंश का अंितम शासक
-1526AD- पानीपत का युद्ध-से खो गयाबाबुरी

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मुगल साम्राज्य
- बाबर (1526-1530) हुमान्यू (1530-40/1555-56)

- अकबर (1556-1605) जहांगीर (1605-1627)

- शाहजहाँ(1628-1658) औरंगजेब(1658-1707)

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बाबुरी(1526-1530)
- जन्मफरगना — काबुली 1अनुसूिचत जनजाितहमला -महम
- बेगम आत्मकथा -बाबरनामा (तुर्की)
-

लड़ाई

- पानीपत -1526, परािजतइब्रािहम लोधी खानवा -1527,


- परािजतराणा सांगा चंदेरी -1528, परािजतमेिदनी राज
-
- घाघरा -1529, परािजतबंगाल और िबहार की सेना की मौत -1530,
- मकबरा-1अनुसूिचत जनजाितआगरा, िफरकाबुल

हुमायू(ं 1530-40/1555-56)
लड़ाई

- देबरा- (1531)
- चौसा - (1539) कन्नौज/बेलग्राम -
- (1540)
- सरिहंद -(1555)िसकंदर शाह सूरी को हराया

इमारतें: शेर-ए-मंडल (पुस्तकालय) औरदीन पनाह िसटी

शेर-ए-मंडल

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शेर शाह सूरी(1540-45)
- वास्तिवक नाम-फरीद खान
- शीर्षक -शेर शाहीचौसा की लड़ाई के बाद उनके द्वारा स्वीकार िकया गया थारूपया
-
1Re= 178 ग्रेन िसल्वर
- मिलक मो. जायसीउसी समय में िलखी थी पद्मावत

काम :पुराना िकला (िकला-ए-कुहाना);जीटी रोड -सड़क-ए-आजम-उत्तरपथ

अकबर(1556-1605)
- पैदा होना15वांअक्टूबर 1542अमरकोट में
माता -हािमद बानो िपता -हुमायूं

लड़ाई
1556- 2रापानीपत की लड़ाई - अकबर ने हेमू को हराया 1561-मालवा
(बाज बहादुर) 1567-थानेसारी की लड़ाई

1569- की घेराबंदीरणथंभौर और बुंदेलखंड 1573-गुजरात


(मुजफ्फर शाह) 1575-तुकारोई की लड़ाई

1576-हल्दीघाटी (महाराणा प्रताप) 1586-कश्मीर

संिध
1560-62 -हराम सरकार द्वारामहम-अंगा 1562-आमेर
की संिध (राजा भारमल) 1563-समाप्त तीर्थ कर 1564-
समाप्त िकया गया जिजया टैक्स 1575-इबादत खाना

1578-इबादत खाना (धर्म संसद) 1581-काबुल (िमर्जा


हकीम) 1582-दीन-ए-इलाही

1592-िसंध
1599-अहमद नगर
1601असीरगढ़

1605-मौत

मनसब प्रणाली (टोडर मल) : न्यूनतम वेतन = 10; अिधकतम वेतन = 2000

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नौ रत्न
- बीरबल (सलाहकार) तानसेन(संगीतकार) टोडरमल (िवत्त मंत्री)

- मान िसंह (मुख्य कमांडर) अबुल फजल (किव) अब्दुल रहीम खान-ए-खाना (किव)

- फैज़ी(किव) भगवंतदास(किव) मुल्ला-दो-प्याजा (खाना पकाना)

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इमारतों

-आगरा का िकला फतेहपुर सीकरी इलाहाबाद का िकला

- बुलंद दरवाजा जोधाबाई महल इबादत खाना

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जहांगीर(1605-1627)
- बचपन का नाम -सलीम (शेखू बाबा) की हत्यागुरु अर्जन
- देव जी

-पत्िनयों
1.1585 -मनबाई
2.1587-जगत गोसाई
3.1611-मेहरुन्िनसा

िटप्पणी:मेहरुिनसा िकसकी पुत्री थी?ग्यास बेग, एत्माडीउनके द्वारा दी गई उपािधअकबर

- पूरी मिहमा पर िचत्रकारी


- न्याय की जंजीर – शीर्षक :न्याय के राजा 1608 -
- कैप्टन हॉिकन्सउसके दरबार में आया 1615-सर थॉमस
- रोउनके दरबार में आया

ऑटो जीवनी :तुजुक-ए-जहाँगीर (फारसी)

मकबरेलाहौर में

शाहजहाँ(1628-1658)
- बचपन का नाम -खुर्रम
- बीवी -अर्जुमंद बानो (मुमताज महल) स्मारक इसकी
- मिहमा पर
- नाम के एक शहर का िनर्माण िकया "शाहजहानाबाद" के
- िवरुद्ध लड़ाईपुर्तगालीमेंबंगाल औरंगजेबउसे िगरफ्तार
- कर िलया "आगरा का िकला ”1666 में मृत्यु हो गई”
-

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स्मारकों

1631-अर्ज़ुमंद बानो की मृत्यु

- तख्त-ए-तौस-22रामार्च 1635 (द्वारा िलया गया थानािदर शाह तुर्की) नगीना मस्िजद -
- 1635 ई
- ताज महल -1631-1653AD ( 50000 श्रिमक, 1000 हाथी, 22 साल लगे; द्वारा बनाया गयाउस्ताद अहमद
लाहौरी और उस्ताद ईशा खान) लाल िकला-1638 ई जामा मस्िजद-1644 ई.
-
-
- मोती मस्िजद-1648AD

औरंगजेब ने मोती मस्िजद भी बनाई लेिकन लाल िकला में

औरंगजेब (1658-1707)
शीर्षक -िजंदा पीर,शाही दरवेशी

- 1659 -धर्मत/देवराई का युद्ध - परािजत दारा िशकोहो 1658- कब्जा करने के


- बादशाहजहाँ,राज्यािभषेक समारोह
- 1659- राज्यािभषेक समारोहलाल िकलादारा िशकोह को हराने के बाद 1669- उसने समाप्त कर
- िदयाझरोखा दर्शनऔर सभी को समाप्त कर िदयासंगीतकार 1670- समाप्ततुलादान प्रणाली
- समाप्त िकयानौरोज महोत्सव
-
- 1669 में- िफर से लगाया गयाजिजया टैक्स

पहली बार जिजया की शुरुआत एम.एच.डी. िबन कािसम। लेिकन कभी-कभी िवकल्प में वे नहीं देते
कािसम का नाम और िफर िफरोजशाह तुगलक पर िनशान लगाएं

इमारतें:मोती मस्िजद (लाल िकला) बीबी का मकबरा/ब्लैक ताजमहल (1668)

आलमशाह द्वारा (औरंगाबाद में)

मकबरा- 1707-औरंगजेब मृत अतऔरंगाबादअब के रूप में जाना जाता हैसंभाजीनगर

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1498 में वास्को डी गामा आया 1अनुसूिचत जनजाितभारत के िलए समय और 1502 में पुर्तगािलयों द्वारा पीछा िकया गया

1600 में अंग्रेज आए रेड ड्रैगन िशप

इितहास के मूर्ख राजा


अंग्रेजों को कठपुतली:जहादर शाहीमुर्ख लम्पट राजा के रूप में भी जाना जाता है

अंग्रेजों को टोल शुल्क)

मुहम्मद शाही(रंगीला राजा ने दी असीिमत जमीन

अंग्रेजों ने उन्हें अपनी मुद्रा छापने की अनुमित दी)

मुहम्मद िबन तुगलकी(पागल राजा)

महत्वपूर्ण लड़ाई
- आंग्ल मैसूर युद्ध 1 - 1767-1799,हैदर अली (िपताटीपू सुल्तान) जीता
- एंग्लो मैसूर युद्ध 2 - 1780-84 1782 में हैदर अली की मृत्यु हो गई और संिध के िलए टीपू सुल्तान थे (मैंगलोर की
संिध)
- एंग्लो मैसूर युद्ध 3 - 1790-92 (त्रावन कोर की संिध) एंग्लो मैसूर युद्ध 4 - 1798-99 (ब्िरिटश
- वोन और टीपू सुल्तान की मृत्यु) प्लासी का युद्ध – 1757,िसराज-उद-दाब को अंग्रेजों ने हराया
- बक्सर का युद्ध - 1764,अंग्रेजों ने मीर कािसम और शुजा-उद-दौला को हराया आंग्ल मराठा युद्ध –
- 1अनुसूिचत जनजाित(1775-1782), 2रा(1803-1806), 3तृतीय(1817-1818) आंग्ल िसख युद्ध-
- 1845-1849
-

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आधुिनक इितहास
- 29वांमार्च 1857-मंगल पांडे िवद्रोह (34वांबंगाल नेिटव इन्फैंट्री) 8वांअप्रैल 1857-मंगल पांडे का
- िनष्पादन

िवद्रोह 1857 के नेता

- िदल्ली-बहादुरशाह जफर II कानपुर


- नाना साहब
- कल्िक -तंतैया टोपे फैजाबाद -मौलवी
- अहमदुल्लाह लखनऊबेगम हजरत महल
- बरेली -खान बहादुर खान झांसी -रानी
- लक्ष्मीबाई जगदीशपुर-कुंवर िसंह इलाहाबाद
- -िलयाकत अली
-
-

महत्वपूर्ण लीग
- 1864 -अनुवाद सोसायटी (साइंिटिफक सोसाइटी) सर सैयद अहमद खान 1875 -अलीगढ़
- मुस्िलम िवश्विवद्यालय (सर सैयद अहमद खान)
- इंिडयन एसोिसएशन का गठन (एसएन बनर्जी आनंद मोहन)
- 1876 -इंिडयन लीग (कृष्णन मेनन)
- 1885 -भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन (मुंबई में, संस्थापक-एओ ह्यूम, दादा भाई नौरोजी, िदनशॉ एडुल्जी वाचा) (
लॉर्ड डफ़िरन वायसराय)

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महत्वपूर्ण कांग्रेस अिधवेशन और अध्यक्ष

- 1885 - बॉम्बे- डब्ल्यू सी बनर्जी


- 1886,1893,1906 - कलकत्ता, लाहौर, दादा भाई नैरोजी 1887- मद्रास-
- बदरुद्दीन तैयबी
- 1888- इलाहाबाद- जॉर्ज यूल 1917- एनी
- बेसेंटी
- 1924- गांधीजी (बेलगाँव)
- 1929 और 1937 - जेएल नेहरू (लाहौर और फैजपुर) 1931 - सरदार
- वल्लभभाई पटेल (कराची)
- 1938- हिरपुरा,एससी बोस
- 1939- त्िरपुरा,एससी बोस
(लेिकन गांधी जी के िवरोध के कारण इस्तीफा दे िदया) 1948 -
- पट्टािभ सीतारमैया-गांधी जी की मृत्यु

समयरेखा के साथ महत्वपूर्ण घटनाएँ


- 1894- बीजी ितलक द्वारा गणपित महोत्सव प्रारंभ िकया गया
- 1895- दक्कन महासभा
- 1895 - लोकमाया ितलकिशवाजी महोत्सव
- 1897 - संस्थापक िववेकानंद -राम कृष्ण िमशन (मुख्यालय - बेलूर मठ, पश्िचम बंगाल) 1902- गांधी जी प्रकािशत "
- इंिडयन ओिपिनयन"
- 1904- अिभनव भारत सोसाइटी (िवनायक दामोदर सावरकर और गणेश सरवरकर द्वारा)

- 1905-बंगाल िवभाजन (वायसराय- लॉर्ड कर्जन),स्वदेशी या बिहष्कार आंदोलन (एस.एन. बनर्जी द्वारा बुलाई
गई बैठक और 16 को मनाने का िनर्णय िलया गयावांअक्टूबर 1905 रक्षाबंधन िदवस के रूप में)

- 1906- ऑल इंिडया मुस्िलम लीग


संस्थापक -आगा खान III, ख्वाजा सलीमुल्ला, हकीम अजमल खान वास्तिवक
संस्थापक -मुहम्मद अली िजन्ना स्थान-ढ़ाका, बग्लादेश)

मुख्यालय-लखनऊ
- 1907- सूरत िवभाजन

तार- https://t.me/gvwitmover
- 1908 -मुजफ्फरपुर बम कांड बायखुदीराम बोस
- 1909-मार्ले िमंटो सुधार (सांप्रदाियक चुनाव) 1911-िदल्ली दरबार
- (लॉर्ड हार्िडंग द्वारा) मुख्य अितिथ: जॉर्ज वीवांतथारानी शादी नई
राजधानी िदल्ली

िबहार और उड़ीसा के बंगाल िवभाजन से


इंकार
1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को नाइटहुड की उपािध से सम्मािनत िकया गया
-राष्ट्रगान राग 'शंकरभरणम' में रचा गया है
-राष्ट्रगान का अंग्रेजी अनुवाद 'भारत का सुबह का गीत' है।
-राष्ट्रगान पहली बार INC (1911) के कलकत्ता अिधवेशन में गाया गया था
-भारत ने इसे 24 जनवरी 1950 को अपने राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार िकया।
- 'राष्ट्रगान का पहला नाम भारत िवधाता था।
-राष्ट्रगान सबसे पहले 'तत्वबोिधनी' पुस्तक में प्रकािशत हुआ था।
-टैगोर ने बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'अमर सोनार बांग्ला' भी िलखा था।
- 'जीवन स्मृित' टैगोर की आत्मकथा है।

- 1912 -राजधानी वास्तव में िदल्ली स्थानांतिरत हो गई 1913-गदर


- पार्टी (सैन फ्रांिसस्को, यूएसए में) संस्थापक -लाला हरदयाल, करतार
िसंह, बरबतुल्लाह 1914-कोमागाटामारू जहाज हादसा 1915-गांधीजी
- भारत आए
-
गांधीजी ने सुभाष चंद्र बोस को कहा 'पालिरयट', देशभक्त
िवंस्टन चर्िचल ने गांधीजी को 'आधा नग्न देशद्रोही फकीर' कहा।
टैगोर को 'गुरुदेव' नाम गांधीजी ने िदया था
टैगोर ने गांधीजी को 'महात्मा' कहा।
गुजराती भाषा में िलखी गई गांधीजी की मूल आत्मकथा 'सत्य ना' थी
प्रयोगो अथव आत्मकथा'।
गांधीजी की जीवनी िलखने वाले फ्रांसीसी उपन्यासकार रोमेन रोलैंड थे।
गांधीजी की आत्मकथा ''माई एक्सपेिरमेंट्स िवद ट्रुथ'' 1922 में िलखी गई थी, जबिक वह
जेल में था। इसमें 1869 से 1921 तक के उनके जीवन का वर्णन है।
इसका अंग्रेजी में अनुवाद महादेव देसाई ने िकया था

- 1916 -बनारस िहंदू िवश्विवद्यालय स्था. (द्वारामदन मोहन मालवीय) लखनऊ समझौता

होम रूल मूवमेंट (पहले अप्रैल में पुणे में बीजी ितलक द्वारा, िफर मद्रास में एनी बेसेंट द्वारा, िसतंबर में)

साबरमती आश्रम की स्थापना

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- 1917 -चंपारण आंदोलन
- 1918 -खेड़ा आंदोलन, अहमदाबाद िमल हड़ताल 1919 -मोनात्गेस
- चेम्सफोर्ड सुधार जिलयांवाला बाग हत्याकांड

िखलाफत आंदोलनद्वारा एम.एच.डी. अली और शौकत अली


रॉलेट एक्ट
- 1920 -बीजी ितलक का िनधन असहयोग
आंदोलन
गांधी जी ने 'केसर-ए-िहंद' की उपािध दी रवींद्रनाथ टैगोर ने 'नाइटहुड' की
उपािध छोड़ दी

1921- प्िरंस चार्ल्स भारत आए

- 1922 -चौरी चौरा कांड गोरखपुर, यूपी असहयोग आंदोलनगांधी जी द्वारा


रोका गया

10वांमार्च 1922 गांधी जी को 6 साल की सजा 4

- 1923-स्वराज पार्टी- अध्यक्ष = सीआर दास; सिचव = मोतीलाल नेहरू


- 1924-एचआरए (िहंदुस्तान िरपब्िलक एसोिसएशन, राम प्रसाद िबस्िमल और सच्िचदानंद सािनयाल द्वारा)

- 1925-आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केबी हेडगेवार द्वारा, मुख्यालय नागपुर (महाराष्ट्र))

- 1926 -नौ जवान भारत सभा- भगत िसंह 1928-भारत में साइमन
- कमीशन लाला लाजपत रायशहीद नेहरू िरपोर्ट

एचएसआरए (िहंदुस्तान सोशिलस्ट िरपब्िलकन पार्टी, िफरोज शाह कोटला,


िदल्ली में चंद्रशेखर आजाद द्वारा, आदर्श वाक्य - लाहौर षड्यंत्र)

- 1929- पूर्ण स्वराज (रावी नदी के तट पर, लाहौर द्वारा नेहरू द्वारा) भगत िसंह ने
आत्मसमर्पण कर िदया बम और पत्रक
- 1930-गांधी जी द्वारा दांडी मार्च (24 िदनों के िलए) 1अनुसूिचत जनजाित
गोलमेज सम्मेलन सिवनय औज्ञा आंदोलन गांधी जी द्वारा 112
िदन की भूख हड़ताल 1931-गांधी इरिवन समझौता- 5वांमार्च 1931
27वांफरवरी चंद्रशेखर आजाद शहीद गांधी जी 2 में शािमल हुएरा
- गोलमेज सम्मेलन इरिवन ने बदला नया वायसराय वेिलंगटन

23तृतीयमार्च 1931 भगत िसंह शहीद हो गए

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- 1930 -पहला गोलमेज सम्मेलन - 87 लोग
- 1931 -2रागोलमेज सम्मेलन, गांधी जी ने भाग िलया
- 1932-तीसरा गोलमेज सम्मेलन- 46 लोगों (कांग्रेस ने इसका बिहष्कार िकया) यरवदा जेल 1933 में
पूना पैक्ट, बी/एन गांधी और बीआर अंबेडकर-गांधी जी द्वारा हिरजन पत्िरका 1934-हिरजन सेवक
- संघ
-
- 1935-भारत सरकार अिधिनयम (इससे आरबीआई, फेडरल कोर्ट, पीएससी, एफपीएससी आिद की
- स्थापना हुई) 1936-रहमत अलीखान ने बनाया शब्द "पािकस्तान"
- 1937-गुल्लम भारत का पहला चुनाव, भारत स्वशासन आंदोलन 1939-45 िवश्व युद्ध 2
-
- 1925 - एससी बोसिगरफ्तार िकया गया, अलीपुर जेल भेजा गया िफर मायामढ़ी होते हुए मांडले जेल भेजा
गया
- 1938-कांग्रेस का हिरपुर अिधवेशन (एससी बोस अध्यक्ष)
- 1939-त्िरपुरी सत्र एससी बोस ने पी. सीतारमैया को हराया और िफर कांग्रेस छोड़ दी एससी बोस
(कलकत्ता) एससी बोस द्वारा स्थािपत ऑल इंिडया फॉरवर्ड ब्लॉकगांधी जी को दो उपािधयाँ दीं
-
1. राष्ट्रिपता
2. बापू

गांधीजी ने रवींद्रनाथ टैगोर को "गुरुदेव" का दर्जा िदया

1945- एससी बोस िवमान दुर्घटनाग्रस्त

दुिनया का 1अनुसूिचत जनजाितभारत द्वारा मिहला लड़ाकू सेना -एससी बोस द्वारा रानी लक्ष्मी बाई रेिजमेंट (मिहला सेना)

आईएनए संस्थापकरास िबहारी बोस (असली संस्थापक)एससी बोस)

-1940- अगस्त प्रस्ताव (लॉर्ड िलनिलथगो द्वारा)कांग्रेस और मुस्िलम लीग ने इसे खािरज कर िदया

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- मार्च 1942-स्टैफोर्ड क्िरप्स िमशन
- अगस्त 1942-भारत छोड़ो आंदोलन (बॉम्बे के गविलया मैदान से शुरू हुआ)

23 मार्च 1940 पािकस्तान की मांग मोहम्मद द्वारा। अली िजन्नाह

- 1944-राजगोपालचारी फॉर्मूला

- 1945- लार्ड वेवेल द्वारा वेवेल योजना, िशमला समझौता

- 1946-कैिबनेट िमशन योजना (3 सदस्य - पुिथक लॉरेंस, स्टैफोर्ड क्िरप्स, एवी अलेक्जेंडर); डायरेक्ट एक्शन डे
(कलकत्ता में िहंदुओं और मुसलमानों के बीच िहंसा)

उस समय इंग्लैंड के प्रधान मंत्री:क्लेमेंट एटली

- 1947-14 अगस्त -पािकस्तान बना था 15वांअगस्त -भारत बना था

- 1971- पािकस्तान से अलग हुआ बांग्लादेश (मुक्ित संग्राम)

पर26 नवंबर 1949,भारत की संिवधान सभा ने भारत के संिवधान को अपनाया, जो से लागू हुआ26 जनवरी 1950।

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ऐितहािसक स्थान
1. आगरा का िकला-अकबर (1573)

2. बुलंद दरवाजा-अकबर (1576)-फतेहपुर सीकरी

3. चार मीनार- मोहम्मद कुली कुतुब शाह (1591) मुसी नदी हैदराबाद के तट पर

4. ताजमहल-शाहजहां (1653) आगरा

5. स्वर्ण मंिदर-गुरु अर्जुन देव(1585 से 1604) अमृतसर

6. गोल गुंबज-मो. आिदल शाह (1626 से 1656) - बीजापुर

7. हवा महल-एन सवाई राजा प्रताप िसंह (1799)-जयपुर 8. जंतर मंतर-राजा जल िसंह 11 (1724-1735)- जयपुर

9. लाल िकला-शाहजहां (1638-1648) िदल्ली - अहमद लाहौरी ने लाल िकला और ताजमहल दोनों को िडजाइन िकया

10. कुतुब मीनार-कुतुब-उद-दीन ऐबक (1193 ई.) िदल्ली

प्रिसद्ध ऐितहािसक गुफाएं

स्मारक स्थान द्वारा बनाया गया

अजंता की गुफाएं औरंगाबाद गुप्त राजा


हाथी की गुफाएं मुंबई राष्ट्रकीट निदयाँ
एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद बौद्ध
कन्हेरी गुफाएं मुंबई बौद्ध

भारत में कुल 35 साइटें हैं िजन्हें घोिषत िकया गया था:िवश्व धरोहर स्थलयूनेस्को द्वारा।

उपरोक्त स्मारकों के अलावा भारत के िवश्व धरोहर स्मारकों की सूची इस प्रकार है-

िवरासत स्मारक िनर्माण वर्ष द्वारा बनाया गया

हुमन्यू का मकबरा, िदल्ली 1572 हुमन्यू की दूसरी पत्नी


िबग्गा बेगम (हाजी बेगम)
महाबोिध मंिदर, गया, िबहार 3तृतीयशताब्दी ई.पू अशोक

गोवा के चर्च और कॉन्वेंट (बेिसिलका 16वांशतक पुर्तगाली


ऑफ बॉर्न जीसस)
हम्पी स्मारक, बल्लारी, कर्नाटक 14वांऔर 16वांशतक िवजयनगर साम्राज्य के राजा

चंपानेर- पावगढ़ 8वांसे 14वांशतक --


पुरातत्विवद् पार्क, गुजरात

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सांची बौद्ध 2रा1 . तकअनुसूिचत जनजाितशताब्दी ई.पू 1 . में बौद्धों द्वारा िनर्िमतअनुसूिचत जनजाितऔर
स्मारक, एमपी 2राईसा पूर्व, बाद में अशोक द्वारा 3 . में
िवकिसत िकया गयातृतीयशताब्दी ई.पू
पट्टाडकल स्मारक, 8वांशतक चालकुय वंश
बागलकोट, कर्नाटक
भीमबेटका का रॉक शेल्टर, एमपी प्रागैितहािसक, 30,000 साल …
पहले
खजुरा मंिदर, मध्य परदेशी 950-1050AD चंदेला िकंग्स

अजंता की गुफाएं 2-6वांशताब्दी ई.पू गुप्ता िकंग्स


एलोरा गुफाएं, औरंगाबाद, महाराष्ट्र 600-1000AD राष्ट्रकूटों ने िहंदू और बौद्ध गुफाओं का
िनर्माण िकया, यादव वंश ने गुफाओं के
जैन समूह का िनर्माण िकया

एलीफेंटा गुफाएं, मुंबई 5वां- 8वांसदी ई राष्ट्रकूट राजा

प्रिसद्ध ऐितहािसक मंिदर, स्तूप, आश्रम


स्मारक स्थान द्वारा बनाया गया

बेलूर मठ कोलकाता स्वामी िववेकानंद

चेन्नाकेसेव मंिदर बेलूर, हसन, कर्नाटक िवष्णु वर्धन


धमेक स्तूप सारनाथ वाराणसी अशोक

िदलवाड़ा जैन मंिदर माउंट आबू राय िवमल शाही

गोम्मतेश्वर मंिदर श्रवणबेलगोला, हसन, कमलाका चवुनादराय गंगा


राजवंश

तखर श्री हरमंिदर सािहनी पटना, िबहार महाराजा रणजीत िसंह

जगन्नाथ मंिदर पुरी, उड़ीसा चोल िगरोह देवी

दक्िषणेश्वर काली मंिदर कोलकाता रानी रश्मोनी


खजुराहो मंिदर छतरपुर, एमपी चंदेल िकंग्स
महाबोिध िवहार बोधगया, िबहार अशोक
लक्ष्मी नारायण, मंिदर िदल्ली िबरला पिरवार
लक्ष्मण मंिदर छतरपुर, एमपी यशोवर्मन
पिरिनर्वाण मंिदर और कुशीनगर, यूपी भारत सरकार
स्तूप
साबरमती आश्रम अहमदाबाद, गुजरात महात्मा गांधी
साँची का स्तूप रायसेन एमपी अशोक
सूर्य मंिदर कोणार्क, उड़ीसा नरिसंह देव I
िवष्णुपद मंिदर गया िबहार रानी अिहल्या बाई

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आराम बाग आगरा, यूपी बाबुरी
भरतपुर िकला भरतपुर, राजो राजा सूरजमल िसंह
बूंदी का िकला बूंदी, राजू राजा नगर सुंघी
चार मीनार हैदराबाद, तेलंगाना कुली कुतुब शाह
चश्मे-ए-शाही श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर अली मर्दन खान
छत्र महल बूंदी िकला, राजू रानी छत्रसाली
कोचीन का िकला केरल पुर्तगाली
धार िकला धार, एमपी मो िबन तुगलक
फोर्ट िविलयम कोलकाता, पश्िचम बंगाल लॉर्ड क्लाइव
गोलकोंडा िकला हैदराबाद, तेलंगाना कुतुबशाही
हौज़ खासी िदल्ली कुतुब-उद-दीन ऐबकी
जोधपुर का िकला जोधपुर, राजू राव जोधा जी
मदन पैलेस जबलपुर, एमपी राजा मदन िसंह
मृगनयनी पैलेस ग्वािलयर, एमपी राजा मान िसंह तोमरी
िनशात बाग श्री नगर, जम्मू और कश्मीर आसफ अली
पुराना िकला िदल्ली शेर शाह सूरी
राष्ट्रपित भवन िदल्ली ब्िरिटश सरकार
वेल्स संग्रहालय की कीमत मुंबई, माही जॉर्ज वी
शालीमार बाग श्री नगर, जम्मू और कश्मीर जहांगीर
सेंट जॉर्ज फोर्ट चेन्नई, तिमलनाडु ईस्ट इंिडया कंपनी

प्रिसद्ध ऐितहािसक मकबरे, तीर्थ, मस्िजद

स्मारक स्थान द्वारा बनाया गया

अकबर का मकबरा िसकंदरा, आगरा, यूपी जहांगीर


बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ, यूपी नवाब आसफ-उद-दौला
बीबी का मकबरा औरंगाबाद आलम शाही
चरार-ए-शरीफ श्री नगर, जम्मू और कश्मीर जैनुल अबेिदनी
छोटा इमामबाड़ा लखनऊ, यूपी एमडी अली शाह
एत्माद-उद-दौला का मकबरा आगरा, यूपी नूरजहाँ
गोल घर पटना, िबहार ब्िरिटश सरकार
हुमान्यू का मकबरा िदल्ली हमीदा बानो बेगम
जामा मस्िजद आगरा, यूपी शाहजहाँ
पंडारी की हवेली पटना, िबहार िपता Capuchin
मक्का मस्िजद हैदराबाद कुली कुतुब शाह
मोती मस्िजद आगरा का िकला, यूपी शाहजहाँ
पत्थर की मस्िजद पटना, िबहार परवेज शाह
सफदरजंग मकबरा िदल्ली शुजा-उद-दौला
शीश महल आगरा, यूपी शाहजहाँ
शेर शाह का मकबरा सासाराम, िबहार शेरशाह का बेटा
शेरशाह की मस्िजद पटना, िबहार परवेज शाह
ताज महल आगरा, यूपी शाहजहाँ

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प्राचीन इितहास
- कहावत, ''पुरुषों के मन में युद्ध शुरू''अथर्ववेद से है।
वैिदक युग
- The ऋग्वेद का दसवां मंडलइसमें शािमल हैं पुरुष सूक्त
वैिदक युग भारत में आर्यों का काल है भजन जो जाित व्यवस्था की उत्पत्ित के बारे में बताता है।
1500 - 500 ईसा पूर्व।
- उपिनषदों की संख्या 108 है।उपिनषद दार्शिनक कार्य हैं
- आर्यों का सबसे संभािवत घर मध्य एिशया है। यह िसद्धांत
का हैमैक्स मुलर। वेद मानव जाित की सबसे पुरानी - उपिनषदों को के रूप में जाना जाता हैज्ञानकांतासी वेदों का।
- सािहत्ियक कृितयाँ हैं।
- शब्द 'सत्यमेव जयते'से िलया गया है'मुंडक उपिनषद
- वेद हैंसंख्या में चार,वे हैऋ
ं ग्वेद, यजुर्वेद, सामवेदतथा 'ब्रह्मारण्य'उपिनषद ने सबसे पहले का िसद्धांत िदया था
अथर्ववेद। - आत्मा और कर्म का स्थानांतरण।

- ऋग्वेदसबसे पुराना हैवेद वेदोंसामूिहक रूप से के रूप में जाना


- जाता हैश्रुित वेदांगसामूिहक रूप से के रूप में जाना जाता है - भागवत पुराण को 18 स्कंदों में िवभािजत िकया गया है, 10वें
- स्मृित वेदांग हैंछहिकतने नंबर। वे हैं, िशक्षा - ध्वन्यात्मक स्कंद में श्रीकृष्ण के बचपन के बारे में बताया गया है।
-
- स्कंदपुराण को सबसे बड़ा पुराण माना जाता है।
कल्पा - अनुष्ठान
व्याकरण - व्याकरण - ब्रह्मपुराणके रूप में भी जाना जाता है
िनरुक्त - व्युत्पत्ित आिदपुराण।
छंदा - मेट्िरक्स और ज्योितष - - अध्यात्म रामायणमें शािमल है ब्रह्मंतपुराण।
खगोल िवज्ञान
- वहाँ हैं1028 भजनin Rigveda. It is divided into - मवेशी िकसके धन का प्रमुख मापक था?वैिदकअविध।
ten Mandalas (Chapters). Rig Vedic
- Hymns sung by priests were called होट्िरस। - ऋग्वैिदक जनजाित को जन िथयो कहा जाता थाअघन्या
- ऋग्वेद के कई अंशों में वर्िणत गायों पर लागू होता है। इन्द्र
- 'श्रुित'सािहत्य का था सत्ययुग, स्मृितके संबंिधत सबसे महान थेआर्यों के देवताऔर अग्िन दूसरे स्थान पर रही।
संिधयुग, पुराणके संबंिधत द्वापरयुगतथाथंथरासािहत्य -
का थाकिलयुग।
- वरुण जल के देवता थेतथायम:मृतकों का प्रभु था।

- ऋग्वेद की शुरुआत 'पंक्ित' से होती है।अग्िनमेले - सािवत्रीएक सौर देवता थे िजनके िलए प्रिसद्ध गायत्री
पुरोिहतम' मंत्र का श्रेय िदया जाता है। पृथ्वीपृथ्वी देवी थी।
- प्रिसद्ध गायत्री मंत्र ऋग्वेद में िनिहत है (ऐसा माना जाता है -
िक इसकी रचना िवश्वािमत्र ने की थी) - की लड़ाईदस राजामें उल्लेख िकया गया है ऋग्वेदरावी नदी
के पानी के िवभाजन पर लड़ा गया था।
- यजुर्वेद में यज्ञों और कर्मकांडों का वर्णन है यजुर्वेिदक
भजनद्वारा गाये जाने के िलए हैंपुजारी 'अधवर्यु' कहलाते हैं। - यह रावी नदी के तट पर लड़ा गया था (पुरुषनी)।
यजुर्वेद दो भागों में बना है: शुक्ल यजुर्वेद (श्वेत यजुर्वेद) -
- और कृष्णयजुरीवेद (कालायजुर्वेद) सामवेद संगीत से - इंद्र के नाम से जाना जाता थापुरंदरा।
संबंिधत है। - वैिदक काल में पािणस कहे जाने वाले लोग पशुपालक थे।

- - सत्य और नैितक व्यवस्था के प्रभारी वैिदक देवता थे


- साम वैिदक भजन पुजािरयों द्वारा गाए जाने के िलए हैं िजन्हें वरुण।
कहा जाता हैउदगात्री। - इन्द्र ने िनभाई थी भूिमकासरदार।उन्हें वर्षा देवता भी माना
- अथर्ववेद:मंत्रों और मंत्रों का संग्रह है।आयुर्वेदअथर्ववेद जाता है।
का एक िहस्सा है, जो िचिकत्सा से संबंिधत है।

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- ऋग्वैिदक काल के दौरान प्रमुख भूिमका िनभाने वाले दो - अिहंसा, सत्य, असत्य, अपिरग्रह और ब्रह्मचर्यजैन
पुजारी विशष्ठ और थेिवश्वािमत्र धर्म के पांच प्रमुख िसद्धांत हैं।

- ब्रह्मचर्यमहावीर द्वारा जोड़ा गया िसद्धांत है।

- महावीर ने जैन धर्म के तीन रत्नों (त्िररत्न) की


िशक्षा दी -सही िवश्वास, सही ज्ञान और सही

जैन धर्म -
आचरण।
प्रथम जैन पिरषदचौथी शताब्दी ईसा पूर्व में पाटिलपुत्र में
स्टूलबाहु के नेतृत्व में आयोिजत िकया गया था।
- वर्धमान महावीरमाना जाता है िक 540 ईसा पूर्व में
वज्जी की राजधानी वैशाली में कुंडला ग्राम में पैदा हुए
- द्िवतीय जैन पिरषदआर्यस्कन्िदल नागार्जुन सूरी के नेतृत्व
थे। अब यह िबहार के मुसफर िजले में है में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में वल्लभीपुर में आयोिजत िकया
गया था। तृतीय जैन पिरषद5 वीं शताब्दी ईस्वी में गुजरात के
- वह से संबंिधत थाजनत्िरका क्षत्िरय कुल। शब्द 'जैन'शब्द - वल्लभीपुर में देवर्िष क्षमाश्रमण के नेतृत्व में आयोिजत
- 'से उत्पन्न हुआ हैिजन'िजसका अर्थ है िवजेता। जैन धर्म िकया गया था। जैन धर्म दो सम्प्रदायों में िवभक्त था
बोलता है24 िथंठंकर। महावीर:24वें तीर्थंकर थे, िजन्हें जैन श्वेतांबर और िदगंबरपहली जैन पिरषद के बाद।
- धर्म का संस्थापक माना जाता है। िरषभपहले तीर्थंकर थे। -
नेिमनाथतथापार्श्वनाथ:22वें और 23वें थेतृतीयक्रमशः
तीर्थंकर। भागवतपुराण, िवष्णुपुराण, वायुपुराण,आिद के बारे
- में उल्लेख है ऋषभदेव। - िदगंबरसआसमान से ढके या नग्न हैं और श्वेतांबरससफेद
रंग में िलपटे हुए हैं। गोमतेश्वर:मूर्ित में स्िथत है श्रवण
- बेलगोला।
-
- 'स्याद वड़ा'ज्ञान का जैन दर्शन है।

- िसद्धार्थ,के शासकनंद वंश:िजसने शासन िकयाकुंडलपुरी, - खारवेलकिलंग ने जैन धर्म को संरक्षण िदया।
के िपता थे वर्धमान महावीर।
- महावीर जयंतीतथारक्षाबंधनजैन धर्म के उत्सव के अवसर
- महावीर की माता थीत्िरसालतथा यशोधाउसकी पत्नी हैं।
थी। - राजस्थान में माउंट आबू पर स्िथत मंिदर जैन पूजा का एक
- जमेिलकमहावीर की पुत्री थी। महावीर को 'के रूप में भी प्रिसद्ध केंद्र है। जैन मंिदर अतश्रवणबेलगोलामैसूर के हासन
- जाना जाता हैवैशाली'क्योंिक उनका जन्म वैशाली में हुआ िजले में 'जैनों की काशी' के रूप में जाना जाता है।
था।
- उन्हें कैवल्य की उम्र में िमला था42नदी के िकनारे साल के पेड़
के नीचेराजपािलकागांव के पासिजम्ब्िरकाग्राम। मखली - के नामऋषभदेवतथाअिरष्टनेमी ऋग्वेद में भी उल्लेख िमलता
गोसालमहावीर के साथी थे। िजन्होंने बाद में आिजिवका है। चंद्रगुप्त मौर्यमौर्य साम्राज्य के संस्थापक ने अपने
- संप्रदाय की स्थापना की। - जीवन के अंत में िसंहासन का त्याग िकया, स्वीकार िकया जैन
धर्म स पर पहुंचारावणबेलगोलाऔर वहीं मर गया।

- महावीर ने 72 वर्ष की आयु में िनर्वाण प्राप्त िकया


पावापुरीपासराजगृह:468 ईसा पूर्व में। जैन अपने िनर्वाण
- के िदन को इस रूप में मनाते हैं दीपावली।

- गौतम इंद्रभूितउनके प्रथम िशष्य माने जाते हैं।

- जैन पिवत्र ग्रंथों को कहा जाता हैअंगस। जैन ग्रंथ के तहत


बुद्ध धर्म
- िलखे गए थेभद्रबाहु ईसा पूर्व 296 में।
- बौद्ध धर्म की उत्पत्ित छठी शताब्दी ईसा पूर्व में हुई थी।
- गौतम बुद्धबौद्ध धर्म के संस्थापक का जन्म लुंिबनी में हुआ
- जैन ग्रंथ िकसकी प्राकृत भाषा में िलखे गए थे?
था किपलवस्त5 ु 63 ईसा पूर्व में नेपाल की सीमा पर।
अर्धमगिध अिहंसा परमो धर्म' जैन धर्म का पिवत्र
- भजन है।
- बुद्ध की मातामहामायासात मर गया

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- उसके जन्म के कुछ िदन बाद। उनका पालन-पोषण उनकी - बौद्ध धर्म के अस्ितत्व को मान्यता नहीं देता हैभगवान और
चाची ने िकया थामहाप्रजापित गौतमी,इसिलए उन्हें यह नाम आत्मा (आत्मान) बुद्ध ने स्वीकार िकयापारंपिरक मान्यता
िमला'गौतम'। प्रथम बौद्ध िभक्षुणी थीगौतममैं बुद्ध का - आत्मा और कर्म के िनयम के स्थानांतरण में।
- जन्मजगह अब िबनला के रूप में जाना जाता है। बुद्ध मूल नाम
- िसद्धार्थ थे। बुद्ध के थेक्षत्िरयों का साख्य वंश।
- - 'तीन रत्न'बौद्ध धर्म के हैं- बुद्ध, धम्म और संघ।
-
- प्रथम बौद्ध संगीित महाकश्यप की अध्यक्षता में और
- उनके िपता थेसुबोधन। बुद्ध की पत्नी थीराजकुमारी यशोधरा मगध के राजा अजातशत्रु के संरक्षण में सट्टापर्णी
- और उसका बेटा थाराहुलन। (राजगृह) में 483 ईसा पूर्व में आयोिजत की गई थी।

- चार दृष्िटयों ने उनके मन को बदल िदया और उन्हें


आध्यात्िमक जीवन की ओर अग्रसर िकया वे थे मृत्यु, - िवनयिपटक और शुद्धिपटक:पहली पिरषद में
बुढ़ापा, दुख और कष्ट। संिहताबद्ध थे।
- उन्होंने अपने सारथी चन्ना और पसंदीदा घोड़े के साथ 29 - दूसरी बौद्ध पिरषदसभाकामी की अध्यक्षता में और राजा
साल की उम्र में घर छोड़ िदया कंदका।इस घटना के रूप में कलशोक के संरक्षण में वैशाली में 383 ईसा पूर्व में
जाना जाता है महािनष्क्रमण। आयोिजत िकया गया था।

- बुद्ध को ज्ञान िबहार में िनरंजना नदी के तट पर बोधगया - द्िवतीय बौद्ध संगीित में बौद्ध धर्म दो भागों में िवभक्त था
में 35 वर्ष की आयु में प्राप्त हुआ था। स्टािवरवािदन्सतथा महासंिककाजो बाद में क्रमशः हीनयान
और महायान के रूप में जाना जाने लगा।
- ज्ञान के बाद बुद्ध को 'के रूप में जाना जाने लगाथडगाथा'।
उन्हें 'के रूप में भी जाना जाता हैशाक्यमुिन'.
- बौद्ध धर्म की तीसरी पिरषद 250 ईसा पूर्व में आयोिजत की
- बुद्ध ने बुद्धत्व के बाद अपना पहला उपदेश उत्तर प्रदेश के गई थीपाटिलपुत्र:की अध्यक्षता मेंमोगलीपुट्टा ितस्साऔर
सारनाथ में एक िहरण पार्क में िदया था। इस घटना के रूप में अशोक महान के संरक्षण में। अिभधम्म िपिटकातीसरी
जाना जाता है 'धर्मचक्र प्रवर्तन'। बुद्ध के पहले िशक्षक पिरषद में संिहताबद्ध िकया गया था।
थेअलारा कलाम और दूसरा िशक्षकउदरक रामपुत्र। अपने -
- पहले उपदेश के दौरान ए.टीसारनाथ,बुद्ध ने 'चार आर्य सत्य'
और अष्टांिगक मार्ग का वर्णन िकया। - परतीसरा पिरषद िनर्णयबौद्ध धर्म के प्रसार के िलए
- िमशनिरयों को भेजने के िलए भी ले जाया गया था।

- The चौथी बौद्ध पिरषदपहली शताब्दी ईस्वी में आयोिजत


- बुद्ध ने अपना उपदेश पाली भाषा में िदया और प्रारंिभक िकया गया थाकुंडलवनकश्मीर में वसुिमत्र और अश्वगोशा के
बौद्ध ग्रंथ भी पाली भाषा में िलखे गए। बुद्ध की मृत्यु 80 राष्ट्रपित के अधीन और
वर्ष की आयु में 483 ई.पू कुशीनगरऊपर में। इसे के रूप में
- जाना जाता था पिरिनर्वाण। बुद्ध की मृत्यु जहरीला मांस या किनष्क का संरक्षण
जहरीला मशरूम खाने से हुई थी। बुद्ध का अंितम भोजन था - चौथी पिरषद में बौद्ध धर्म का हीनयान और महायान में
सेिवतएक लोहार 'चुंडा' द्वारा। स्पष्ट िवभाजन हुआ।

- - उपगुप्ताअशोक को बौद्ध धर्म में पिरवर्ितत िकया।


- अश्वगोष:बुद्ध के पहले जीवनी लेखक थे िजन्होंने िलखा था
- उनके अंितम शब्द थे सभी िमश्िरत चीजें क्षय, लगन से बुद्धचिरतम्संस्कृत में।
प्रयास करें।
- बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्य हैं:जीवन दुखों से भरा है, - वसुबंधइु स रूप में जाना जाता हैदूसरा बुद्ध। अशोक को
कामना ही दुख का कारण है, कामनाओं को मारने से दुखों का - बौद्ध धर्म का कॉन्स्टेंटाइन कहा जाता है।
नाश होगा, अष्टांिगक मार्ग पर चलने से कामना का नाश हो
सकता है। - 261 ईसा पूर्व में किलंग की लड़ाई के बाद अशोक ने
बौद्ध धर्म स्वीकार िकया।
- बौद्ध धर्म के अष्टांिगक मार्ग हैं:सही - बौद्ध उपासना केंद्र को पगोडा के नाम से जाना जाता है।
िवश्वास, सही िवचार, सही भाषण, सही
क्िरया, सम्यक जीवन, सम्यक प्रयास, सम्यक - िवहार बौद्ध मठ हैं।
स्मरण, सम्यक ध्यान

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- वज्रयान बौद्ध धर्म का एक संप्रदाय था जो मंत्रों और अंितम नंद शासक को उखाड़ फेंका धनानंद।
मंत्रों के माध्यम से मोक्ष प्राप्त करने में िवश्वास करता
था। - चन्द्रगुप्त मौर्य ईसा पूर्व 321 में गद्दी पर बैठा।
- 'जातक कथाएँ'बुद्ध के जन्म से संबंिधत कहािनयों का वर्णन
करें। इनकी संख्या 500 है। - उन्होंने के िखलाफ लड़ाई लड़ीसेलुकस305 ईसा पूर्व में।
सेल्यूकस ने उसके सामने आत्मसमर्पण कर िदया और एक
- बौद्ध धर्म का पिवत्र ग्रंथ हैत्िरिपिटका-िवनयिपिटका, राजदूत को भेजा,मेगस्थनीजके दरबार मेंचंद्रगुप्त मौर्य.
शुद्धिपिटका और अिभधमािपिटका को सामूिहक रूप से चंद्रगुप्त के राज्यपालपुष्यगुप्त प्रिसद्ध का िनर्माण िकया
त्िरिपिटका के नाम से जाना जाता है। - सुदर्शनझील। चंद्रगुप्त मौर्य को जैन धर्म में पिरवर्ितत कर
िदया गया, अपने पुत्र िबंदुसार के पक्ष में िसंहासन त्याग
- िबंिबसारमगध बुद्ध के समकालीन थे। - िदया, अपने अंितम िदनों में पािरत िकया श्रवणबेलगोला (मैसूर
के पास) जहां 298 ईसा पूर्व में उनकी मृत्यु हो गई।
- किनष्किजन्होंने अशोक की तरह बौद्ध धर्म का प्रसार करने
का कार्य िकया उन्हें द्िवतीय अशोक के नाम से जाना जाता
- है। अशोक ने अपने पुत्र और पुत्री महेंद्र को भेजातथा
संघिमत्रा से श्रीलंकाबौद्ध धर्म का प्रसार करने के िलए। - चंद्रगुप्त मौर्य पहली बार उत्तर भारत के राजनीितक
एकीकरण के िलए िजम्मेदार थे।
- श्री बुद्ध को 'एिशया की रोशनी' के रूप में जाना जाता है,
उनका नाम एडिवन अर्नोल्ड ने रखा था। एडिवन अर्नोल्ड - िबन्दुसारका अनुयायी थाअजीिवका संप्रदाय। िबंदुसार को
- की 'लाइट ऑफ एिशया' का मलयालम में अनुवाद नलप्पड - के रूप में जाना जाता थाअिमत्रागाथा। अशोक 273 ईसा
नारायणमेनन ने िकया था। - पूर्व में िसंहासन पर चढ़ा और 232 ईसा पूर्व तक शासन
िकया।
- श्रीलंका में हीनयानवाद व्यापक रूप से फैला हुआ है। गया - वह 'के रूप में जाना जाता थादेवनमप्िरय प्िरयदर्शीमैं सुंदर
- के बोिधवृक्ष को शशांक ने काटा,एक बंगाल शासक। हूँ जो देवताओं का प्िरय था।

- प्रमुख बौद्ध मठ था नालंदा,जो पाल राजाओं के संरक्षण में - मस्की और गुजराअशोक के िशलालेखों ने िदया नाम
था। देवनमप्िरय प्िरयदर्शी। बौद्ध परंपरा कहते हैं अशोकमारे
- गए 99अपने भाइयों के िसंहासन पर कब्जा करने के िलए।
- िपछले बुद्धों को के रूप में जाना जाता है ‘ अशोक भारतीय इितहास का पहला राजा था िजसने पत्थरों
Bodhisatvas’. - पर खुदे हुए अपने अिभलेख छोड़े थे।
- िमलंदपन्होनागासेना की एक िकताब बताती है िक कैसे
यूनानी राजा मेनंदर ने बौद्ध धर्म स्वीकार िकया
- अशोक के िशलालेख में िलखे गए थे खरोष्ठी और ब्राह्मी
िलिप। अशोक ने 261 ईसा पूर्व में किलंग युद्ध लड़ा था
- किलंग आधुिनक उड़ीसा में है।

मौर्य साम्राज्य (321-185 ईसा पूर्व) - अशोक के अिभलेखों की व्याख्या जेम्स ने की थीप्िरंसेप।
- मौर्य साम्राज्य के अध्ययन के प्रमुख स्रोत हैंकौिटल्य का
- किलंग की लड़ाई के बाद अशोक युद्ध की भयावहता से स्तब्ध
अर्थशास्त्र और मेगस्थनीज का इंिडका।
होकर बौद्ध बन गया।
- चंद्रगुप्त मौर्यमौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे।
- अशोक को बौद्ध धर्म की दीक्षा िकसके द्वारा दी
गई थी? उपगुप्त या िनग्रोधाबुद्ध का एक िशष्य।
- उनके प्रारंिभक जीवन के बारे में िववरण
उपलब्ध नहीं है
- बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के िलए अशोक ने िकस संस्था
- ऐसा माना जाता है िक वह मोिरया कबीले का था, इसिलए
की शुरुआत की?
उसका नाम मौर्य पड़ा।
धर्ममहामात्रा।
- यह भी कहा जाता है िक उनकी माता मुरा कम जन्म की मिहला
- अशोक का चतुर्थ प्रमुख िशलालेख धर्म के अभ्यास
थीं इसिलए उनका नाम मौर्य पड़ा।
के बारे में बताता है
- अहोका का प्रमुख िशलालेख XII किलंग की िवजय से
- कुछ ग्रंथों में उन्हें के रूप में संदर्िभत िकया गया हैवृषाला
संबंिधत है।
तथाकुलािहना।
- अशोक ने 250 ईसा पूर्व में अपनी राजधानी पाटिलपुत्र में
- उसने सािजश रचीचाणक्य (कौिटल्य या िवष्णुगुप्त) नंद के
की अध्यक्षता में तीसरी बौद्ध पिरषद का आयोजन िकया
मंत्री तो
थामोग्गिलपुताितसा।

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- उन्होंने अपने बेटे और बेटी को बौद्ध धर्म के प्रसार के िलए महािबलीपुरम में रथ ... नरिसंहवर्मन I
श्रीलंका भेजा (महेन्द्र तथासंघिमत्रा)
बृहदेश्वर मंिदर, तंजावुर ... राजाराजा चोल
- अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रसार िकयाश्री लंकातथा नेपाएल शोर मंिदर, महाबलीपुरम ... नरिसंह वर्मन II

- उन्हें बौद्ध धर्म के कॉन्स्टेंटाइन के रूप में जाना


जाता है। िलंगराज मंिदर, भवनेश्वर …………………
- अपने किलंग िशलालेख में उन्होंने उल्लेख िकया है ''सभी
. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . पूर्वी गंगरूब
मनुष्य मेरे बच्चों के समान हैं''।
- सीलोन शासक देवनमप्िरया ितस्साअशोक का बौद्ध धर्म में करजुराहो मंिदर ......................... चंदेलस
पहला पिरवर्तन था। अशोक ने 40 वर्षों तक शासन िकया
राजराजेश्वर मंिदर, तंजावुर ……… राजा राजा I
- और 232 ईसा पूर्व में उसकी मृत्यु हो गई।
मधुराई में मीनाक्षी मंिदर .. नायक शासक
- भारतीय गणराज्य के प्रतीक को अशोक के एक स्तंभ की चार
िसंह राजधानी से अपनाया गया है जो सारनाथ में स्िथत है। तंजावुर में िशव मंिदर …………… राजा राजा चोल

- भारत में रॉक-कट वास्तुकला ने अशोक के शासनकाल के प्राचीन भारतीय से चयिनत तथ्य
दौरान शुरुआत की। अंितम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या
- पुष्यिमत्र शुंग ने की थी िजन्होंने 185 ईसा पूर्व में शुंग इितहास
राजवंश की स्थापना की थी।
- स्वास्ितक िचन्ह का स्रोतिसंधु घाटी अलेक्जेंडर किनंघम
- भारतीय पुरातत्व का जनक माना जाता है
- भारत के पहले िवदेशी यात्री मेगस्थनीज ने मौर्य काल के
दौरान भारत में सात जाितयों के अस्ितत्व के बारे में उल्लेख
- मीटर स्केल की खोज की गई है हड़प्पा
िकया है।

- तलवारिसंधु लोगों द्वारा कभी इस्तेमाल नहीं िकया गया


- मौर्य प्रशासन में स्तािनका का तात्पर्य कर संग्रहकर्ता से
हिथयार
है
- मनका बनानाचन्हुदड़ोज का प्रमुख उद्योग था

- िसंधु लोगों द्वारा प्रयोग िकए जाने वाले 'िसंधन' शब्द


का अर्थ हैकपास
- िभन्नात्मक अंत्येष्िट के साक्ष्य प्राप्त हुए हैह
ं ड़प्पा
िवज्ञान पर पुस्तकें
- वैिदक काल में प्रयुक्त 'गोधूम' शब्द का अर्थ हैगेहूँ
चंद्र व्याकरण ............... चंद्रगोिमन
- 'यव' िनरूिपतजौ
अमर कोष ………………………… अमर िसंह
- वैिदक पाठ में चावल को िनरूिपत करने के िलए प्रयुक्त शब्द
नीित शास्त्र ………………… कमंडाकी वृिह:
- वैिदक शब्द सीता िनरूिपतजोता हुआ खेत ऋग्वेदव्हील वेदी
कामसूत्र ……………………… वात्स्य यान
- शब्दों के बारे में उल्लेख 'उर्वरा' या 'क्षेत्र' िनरूिपत खेती
पंचिसद्धांितका................. वराहिमिहर - का खेत

अष्टांग हृदय ……………… वाघभट्ट - ऋग्वेद में प्रिसद्ध मेंढक स्तुित िकस पर प्रकाश डालती है?
वैिदक िशक्षा
हस्तयुर्वेद ………………………… पुलकप्य
- वरुणवेदों के देवता माने जाते थे
सांख्यकािरका ...................... ईश्वरकृष्ण
- ऋग्वैिदक शब्द 'दुिहत्री' िनरूिपत गायों का
दूध
- वैिदक काल में गायों की संख्या की गणना के िलए प्रयुक्त
मंिदर और िनर्माता िविधअष्टकर्णी िकस वेद के भाग में गद्य भाग है यजुर वेद
-
एलोरा में कैलास मंिदर ……………… कृष्ण I

चुन्नकेशव मंिदर, बेलूर ....िवष्णुवर्धन - अगस्त्य:दक्िषण भारत में आर्य धर्म का प्रसार

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- वैिदक शब्द 'अघन्या' का अर्थ है गायों छांदोग्य उपिनषद
- श्री कृष्णग्रीक सािहत्य में जगह िमली
- 'भारत' और 'भारतवर्ष' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम में
िकया गया था - जैन तीर्थंकर, जो श्रीकृष्ण से संबंिधत थे
ऋग्वेद
- उपिनषद िजसमें वैिदक काल के चार आश्रमों का ऋषभदेव (प्रथम तीर्थंकर) युद्ध और िवजय के िलए
उल्लेख है - संगम युग के तिमल देवताकोट्टावई
जबला उपिनषद
- ऋग्वेद में सबसे अिधक संख्या में भजन िकसकी स्तुित में हैं? - लकुिलसाशैववाद की स्थापना की पांड्यासंघम युग का तिमल
- साम्राज्य था जो रोमन सम्राट ऑगस्ट्स फर्स्ट संघम के
इंद्र दरबार में एक राजदूत भेजता था, िजसकी स्थापना द्वारा की
- जली हुई ईंटों का उपयोग करने वाला वैिदक काल का गई थी
पहला शहर -
कौशाम्बी संत अगस्त्य
- ब्याज के िलए पैसे उधार देने के बारे में पहला संदर्भ पाया - संगम काल की प्रिसद्ध कवियत्री एववाइयर
जा सकता है
शतपथ ब्राह्मण: - यवनसीग्रीको-रोमन व्यापारी थे, जो संघम काल के दौरान
- भगवानपुरा से ऋग्वैिदक िचत्रों की खोज की गई है। यह अंदर दक्िषण भारत का दौरा करते थे, उन्हें संघम शब्द से िनरूिपत
हैहिरयाणा बृहदारण्यक उपिनषदपुिलस व्यवस्था का िजक्र िकया जाता था जो बौद्ध धर्म के बारे में वर्णन करता है
- -

- वरुणिजन्हें देवताओं का देवता माना जाता था मिणमेखलाई


- शब्दभगवतीअशोक द्वारा बुद्ध को िनरूिपत करने के िलए
- चांडालसीबौद्धों द्वारा समुदाय को अछूत माना जाता था। प्रयुक्त
- अशोक के िशलालेखों को जेम्स राजकुमार ने िकस वर्ष में
- प्राकृतजैिनयों द्वारा अपने धर्म के प्रसार के िलए इस्तेमाल िलखा था?1837 इंडो-यूनानी शासकमेनांडरउसकी सीमाएँ
की जाने वाली भाषा थी - पाटिलपुत्र तक थीं िवमा कडफेसस,युची शासक िजसने पहली
- आनंदाबौद्ध धर्म के सेंट जॉन के रूप में माना जाता है बार सोने के िसक्के चलाए नागार्जुनकोंडावह िशलालेख है
- िजसमें भारत और चीन के बीच संबंधों का उल्लेख है
- माराबौद्धों द्वारा शैतान के रूप में माना जाता है
-
- 'मारा' की तीन बेिटयां काम, भावना और इच्छा
पुष्यिमत्रसुंगसताए गए बौद्ध भगवतीवाद के प्रमुख
- दार्शिनक स्कूल िविशष्टाद्वैत
-

- श्रीकृष्ण के बारे में प्राचीनतम उल्लेख िमलता है

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मध्यकालीन इितहास
संकिलत 'आिद ग्रांड'िसखों की पिवत्र पुस्तक। उन्होंने एक
महत्वपूर्ण न्यायालय िवद्वान मंिदर बनाया अमृतसर, (बाद में स्वर्ण मंिदर) हर मंिदर सािहब।
कािलदास ......... चंद्रगुप्त द्िवतीय
उसने जहाँगीर के पुत्र राजकुमार की मदद कीखुसरूसम्राट के
(िवक्रमािदत्य)
िखलाफ िवद्रोह करने के िलए इसिलए उसे 1606 ईस्वी में
बाणभट्ट ................. हर्षवर्धन अलबरुनी ......... मुहम्मद
लाहौर में जहांगीर द्वारा मार डाला गया था।
गजनी िफरदौसी ...... ................... मुहम्मद गजनी अमीर
खुसरू ......................... अलाउद्दीन िखलजी
टोडरमल ... ......................................अकबर तानसेन
- छठे गुरु हरगोिवंद,एक िसख सेना बनाई और शाहजहाँ के
………………… अकबर बीरबल …………………
िखलाफ हो गई। उन्होंने हरमंिदर सािहब के सामने एक महल
………………… अकबर मानिसंह ………………… ............
की स्थापना की िजसे 'अकालटक' के नाम से जाना जाता है।
अकबर अबुल फजल ................................... अकबर
उन्होंने सच्चा पदुषा की उपािध भी ग्रहण की, िजसका अर्थ
अश्व घोष ............... किनष्क अमर िसंह ...................
है सच्चा शासक। (शीर्षक तेग बहादुर द्वारा नहीं अपनाया
चंद्रगुप्त द्िवतीय चंद बरदाई .............. पृथ्वीराज चौहान
गया था)
रेिवकीर्ित ......................... पुिलकेिशन द्िवतीय
धनवंतरी ................. चंद्रगुप्त द्िवतीय
- सातवें गुरु हर राय थे।वह द्वारा सफल हुआ थागुरु हरिकशन।
हिरसेन ......................... समुद्र गुप्त तेनाली
हर िकशन पांच साल की उम्र में गुरु बने, इसिलए वे सबसे कम
राम ............... कृष्णदेव राय
उम्र के िसख गुरु हैं।

- दसवें और अंितम गुरु,गोिवंद िसंह ने खालसा या िसख भाईचारे


का गठन िकया। उन्होंने िसख धर्म के 'पंचककार' की शुरुआत
- की - यानी केश (लंबे बाल) कंगा (कंघी) कृपाण (तलवार),
कच्छ (अंडरिवयर) और कारा (लौह बैंक)
िसख धर्म
- िसख'एक संस्कृत शब्द है िजसका अर्थ है 'िशष्य'
- उन्होंने बपितस्मा की शुरुआत की और चाहते थे िक प्रत्येक
िसख समुदाय का उपनाम 'िसंह' या शेर धारण करे।
- िसख धर्म की स्थापना ने की थीगुरुनानक। गुरु नानक का
- जन्म हुआ था लाहौर में तलवंडी,खत्री जाित (व्यापारी
- उनका उद्देश्य मुगलों को उखाड़ फेंकने के बाद एक िसख
समुदाय) से संबंिधत थे
राज्य की स्थापना करना था। 1708 में एक अफगान ने उसे
मार डाला। 'िविचत्र नाटक' गुरु गोिवंद िसंह की आत्मकथा है।
- नानक ने अपने पंथ को गुरुमत या गुरु का ज्ञान कहा।
- करतारपुर दबीर गुरु ग्रंथ सािहब का मूल स्वरूप है। गोिवंद िसंह
ने ग्रैंड सािहब को शाश्वत गुरु घोिषत िकया
- गुरुनानक थे1469 में पैदा हुए और 1538 में मृत्यु हो गई।

- वह थािसखों के पहले गुरु। नानक ने केवल . में उपदेश


- िदयापंजाबी। नानक मनोनीतगुरु अंगद उनके
- उत्तरािधकारी के रूप में।

- गुरु अंगद ने गुरुमुखी िलिप की शुरुआत की। उन्होंने गुरु नानक मराठा
की जीवनी का संकलन भी िकया जनम सािकस।
- मराठों का पहला महान नेता था छत्रपित िशवाजी.
- लंगर या मुफ्त सामुदाियक भोजन भी गुरु अंगद द्वारा पेश
िकया गया था। - The मराठों17 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में प्रमुख हो
- तीसरे िसख गुरु अमर दास थे।उन्होंने िसखों के प्रचार-प्रसार गया।
के िलए मंजी प्रणाली यानी शाखाओं की शुरुआत की। - िशवाजी मराठों के भोंसले वंश के थे।
उन्होंने गुरु पद को वंशानुगत बना िदया।
- िशवाजी के माता-िपता शाजी भोंसले और िजगा बाई
- गुरु रामदास चौथे िसख गुरु थे। उन्होंने अमृतसर शहर की थे।
स्थापना की। शहर के िलए जगह अकबर ने दान में दी थी। - उनका जन्म 1627 फरवरी 19 को के िकले में हुआ थाजुन्नार
के पास िशवनेर।
- नीचेपांचवें िसख गुरु, गुरु अर्जुन देव, िसख धर्म एक संगिठत
धर्म बन गया। वह

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- उनके िपता िनजाम शाही शासकों के अधीन एक सैन्य कमांडर - चौध और सरदेश मुखीमराठों द्वारा एकत्र की गई दो िवशेष
थेअहमदनगर और बाद में बीजापुर के। ढीली थीं। प्रथम मराठा युद्ध (1775-82) स्वई माधव राव
- बनाम रघुनाथ राव अंग्रेजी समर्थन से।
- िशवाजी के िशक्षक थेदादाजी कोंडादेव। िशवाजी को के
- प्रदेशों पर कब्जा करने के िलए मालवी जनजाित की मदद
िमलीबीजापुर सुल्तान। तोरण1646 में िशवाजी द्वारा कब्जा - दूसरा मराठा युद्ध 1803 - 05। तीसरा मराठा
- िकया गया पहला स्थान था। - युद्ध 1816 - 19।
- मराठा के अंितम महान सैिनक और राजनेता नाना फडिणस
- 1657 में शाहजहाँ के काल में िशवाजी का पहली बार मुगलों (1800) थे। मराठा िलिप को मोदीस्क्िरप्ट कहा जाता था।
से संघर्ष हुआ। - 1818 में पेशवािशप को समाप्त कर िदया गया था
-
- 1659 में बीजापुर सुल्तान अली आिदलशाह ने िशवाजी को मारने के िलए - बाजी राव पेशवाओं में सबसे योग्य थे। िशवाजी ने अपने सैन्य
अफजल खान को भेजा। लेिकन उसने अफसल खान को मार डाला। - िशिवर में मिहलाओं को अनुमित नहीं दी।

- 1660 में औरंगजेब ने दक्कन के अपने वायसराय की - िशवाजी के अधीन मराठा एक कुशल नौसैिनक प्रणाली
प्रितिनयुक्ित की,शाइस्ताखानिशवाजी को मारने के िलए से लैस थे
- 1665, िशवाजी ने की संिध पर हस्ताक्षर िकएअंबर के राजा
जय िसंह के साथ पुरंदर,िजसे औरंगजेब ने प्रितिनयुक्त िकया
था।
- 1666 में िशवाजी ने दौरा िकयाऔरंगजेबआगरा में उनके मैसूर की िवजय
दरबार में।लेिकन उन्हें और उनके बेटे संबाजी को औरंगजेब ने
जयपुर भवन में कैद कर िलया था। - Haider Ali was the son of Fatheh
Muhammed.He was born in 1722. In 1766
- 16 जून 1674 को िशवाजी ने खुद को ताज पहनाया एक - he became the ruler of Mysore after the
स्वतंत्र िहंदू राजा छत्रपित बने और उन्होंने death of Mysore Raja Krishna Wodeyar.
'हैदावधास्मोधरक' की उपािध धारण की।
- हैदर अली और अंग्रेजों के बीच पहला मैसूर युद्ध 1767 में
- िशवाजी1680 में 53 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई। 1708 शुरू हुआ और 1769 में समाप्त हुआ।
- में शाहू छत्रपित बने और उनके काल में का उदय हुआ
पेशवािशप। - प्रथम आंग्ल-मैसूर युद्ध अंग्रेजी की हार और मद्रास की संिध
के साथ समाप्त हुआ। दूसरा मैसूर युद्ध 1780 से 1784 तक
- बालाजी िवश्वनाथ (1712 - 1720) बाजी राव (1720 - - हुआ। हैदर अली की मृत्यु 1782 में हुई और टीपू सुल्तान मैसूर
40) बालाजी बाजीराव प्रथम (1740 - 61) और माधव राव - का शासक बना।
प्रथम (1761 - 1772) महाराष्ट्र पर शासन करने वाले
पेशवा थे। - दूसरा मैसूर युद्ध 1784 में मैंगलोर की संिध द्वारा
- बाजी राविहंदू पद्पादशाही या िहंदू साम्राज्य के िवचार समाप्त हुआ।
को लोकप्िरय बनाया। - दूसरा मैसूर युद्ध वॉरेन हेस्िटंग्स के काल में लड़ा गया था।
- बालाजी बाजी राव की अविध 1761 में पानीपत की तीसरी
लड़ाई देखी गई। इस लड़ाई में अफगािनस्तान के अहमद शाह - तीसरा मैसूर युद्ध 1790 में शुरू हुआ और 1792 में
अब्दाली ने मराठों को हराया। समाप्त हुआ।
- तीसरा युद्ध 19 मार्च 1792 को सेिरंगपट्टनम की संिध
- माधव रावअंितम महान पेशवा थे। अंितम पेशवा थाबाजीराव द्वारा समाप्त हुआ। चौथा एंग्लो मैसूर युद्ध 1799 में हुआ
- द्िवतीय माधव राव के काल में मराठा शक्ित का िवघटन हुआ - था। चौथा मैसूर युद्ध गवर्नर जनरल वेलेजली की अविध के
- और स्वतंत्र राज्यों का िनर्माण हुआ - होलकारोिफंडर, - दौरान लड़ा गया था।
नागपुर के भोंसले, ग्वािलयर के िसंिधया और बड़ौदा के
गायकवाड़। िशवाजी की मंत्िरपिरषद को अष्टप्रधान के नाम - इस युद्ध में 1799 में कर्नल आर्थर वेलेस्ली द्वारा
से जाना जाता था। वे पेशवा, पंिडत राव, सुमंत, सिचवा, सेरेरंगपट्टनम में टीपू को मार िदया गया था।
सेनापित, अमात्य, मंत्री और न्यायाध्यक्ष थे।
- - टीपू की राजधानी श्रीरंगपट्टनम थी। टीपू को मैसूर
- टाइगर के नाम से जाना जाता है।
- फतुल मुजािहद्दीन टीपू द्वारा िलिखत पुस्तक है िजसमें
रॉकेट्स के बारे में वर्णन िकया गया है
- पेशवा थेमराठा मुख्यमंत्री.

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कार्यक्रम/अिधिनयम/सुधार......... वायसराय/गवर्नर दूसरा गोलमेज सम्मेलन (1931) .... लॉर्ड वेिलंगटन
जनरल
स्थायी बंदोबस्त (1793)... लॉर्ड कार्नवािलस तीसरा गोलमेज सम्मेलन (1932) ..... लॉर्ड वेिलंगटन

सब्िसिडयरी एलायंस (1798)......... लॉर्ड वेलेस्ली


सेपरेट इलेक्टोरेट्स (1932) ........ लॉर्ड वेिलंगटन
सती प्रथा का उन्मूलन (1829) ...... लॉर्ड िविलयम बेंिटंक
भारत सरकार अिधिनयम (1935)... लॉर्ड वेिलंगटन
िसिवल सेवा का पिरचय ....... लॉर्ड कार्नवािलस
प्रांतीय स्वायत्तता (1937)......... लॉर्ड िलनिलथगो
चूक का िसद्धांत ......................... लॉर्ड डलहौजी
क्िरप्स िमशन (1942) …………… लॉर्ड िलन्थगो
भारत में रेलवे की शुरुआत............ लॉर्ड डलहौजी
भारत छोड़ो आंदोलन …………… लॉर्ड िलनिलथगो
पोस्ट और टेलीग्राफ ……………… लॉर्ड डलहौजी
कैिबनेट िमशन (1946) ...................... लॉर्ड वेवेल
भारत में अंग्रेजी िशक्षा .. लॉर्ड िविलयम बेंिटक
आईएनए ट्रायल (1945) ……………… लॉर्ड वेवेल
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट (1878).... लॉर्ड िलटन
भारतीय स्वतंत्रता अिधिनयम 1947) ...... लॉर्ड
आर्म्स एक्ट (1878) ……………… लॉर्ड िलटन माउंटबेटन
स्थानीय स्वशासन (1882) ......... लॉर्ड िरपन भारत का िवभाजन (1947) ............ लॉर्ड माउंटबेटन
रैयतवाड़ी व्यवस्था ................................ भगवान मुनरो

बंगाल का िवभाजन (1905) …………… लॉर्ड कर्जन


िकताबें और लेखक
रॉलेट एक्ट (1914) ...................... लॉर्ड चेम्सफोर्ड
वन्दे मातरम्..........अरिवन्द घोष
साइमन कमीशन (1928) ... लॉर्ड िविलयम बेंिटंक
पुराने के िलए नए लैंप .........अरिवन्द घोष
िसपाही िवद्रोह (1857) ……………… लॉर्ड कैिनंग
भवानी मंिदर …………… अरिबंदो घोष
क्वींस उद्घोषणा (1858) ……… लॉर्ड कैिनंग
िहंद स्वराज ………………… महात्मा गांधी
कारखाना अिधिनयम (1881) ………………… लॉर्ड िरपन
गोरा ................................... रवींद्रनाथ टैगोर
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट (1881) का िनरसन लॉर्ड कैिनंग
घरे बैयारे .................... रवींद्रनाथ टैगोर

भारतीय पिरषद अिधिनयम/िमंटो-मॉर्ले सुधार (1909) गीतांजिल ......................... रवींद्रनाथ टैगोर

. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . लॉर्ड िमंटो II िडस्कवरी ऑफ इंिडया …………………जेएल नेहरू

बंगाल का िवभाजन िनरस्त (1911) लॉर्ड हार्िडंग II भारतीय अर्थशास्त्र में िनबंध.......एमजी रानाडे

ट्रांसफर कैिपटल टू िदल्ली (1911) ... लॉर्ड हार्िडंग II आर्यों का आर्किटक घर ................. बीजी ितलक

प्रांत में द्वैध शासन (1919) ......... लॉर्ड चेम्सफोर्ड गीता रहस्य ......................... बीजी ितलक

जिलयांवाला बाग त्रासदी (1919) .. लॉर्ड चेम्सफोर्ड भारत में गरीबी और गैर-ब्िरिटश शासन… दादा भाई नौरोजी

असहयोग ……………… लॉर्ड चेम्सफोर्ड हम ………………………… एमएस गोलवलकर

पूर्ण स्वराज संकल्प (लाहौर 1929)। लॉर्ड इरिवन दुर्गेश नंिदनी .... बंिकम चंद्र चटर्जी

फ्िरस्ट गोलमेज सम्मेलन (1930) ..... लॉर्ड इरिवन बंग दर्शन...... बंिकम चंद्र चटर्जी

गांधी इरिवन पैक्ट (1931) ……………… लॉर्ड इरिवन आनंद मठ ......... बंिकम चंद्र चटर्जी

कम्युनल अवार्ड (1932) ........ लॉर्ड वेिलंगटन संक्रमण में भारत ……………………… एमएन रॉय

पूना पैक्ट (1932) ……………… लॉर्ड वेिलंगटन ब्िरिटश भारत का आर्िथक इितहास....... आर.सी. दत्त

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भारतीय संघर्ष ...... सुभाष चंद्र बोस 1856 - 1858 ………….. लॉर्ड कैिनंग

भारतीय मुसलमान ………………. हंटर


ब्िरिटश भारत के वायसराय
गण देवता ....... तारशंकर बंदोपाध्याय
1858 - 1862 ……………… लॉर्ड कैिनंग
बम का दर्शन ..... भगवती चरण वोहरा
1862 - 1863 ………………… 8वें अर्ल एल्िगन आई।

क्यों समाजवाद ……………जयप्रकाश नारायण 1863 ………………………… सर रॉबर्ट नेिपयर

गांधी बनाम लेिनन ……………… एस.ए. डांगे 1863 - 1864 ……………. सर िविलयम टी. डेंस

पूरब की समस्या ...................... लॉर्ड कर्जन 1864 - 1869 ……………………… अर्ल ऑफ मेयो

नील दरपम …………… दीन बंधु िमत्रा 1872 - ………………………… सर जॉन स्ट्रैची

इंिडया टुडे ………………………… आरपी दत्त 1872 - 1876 ……………… बैरन नॉर्थ ब्रूक

भारत की आज़ादी ...... अब्दुल कलाम आज़ादी 1876 - 1880 ………………. लॉर्ड िलटन

भारतीय अशांित ………………… वेलेंटाइन िचरोलो 1880-1884 ………………. लॉर्ड िरपन

प्राच्य और पश्िचम... स्वामी िववेकानंद 1884 -1888 ................................. लॉर्ड डफिरन

गौ करुणािनिध ......... स्वामी दयानंद 1888-1894 ………………. लॉर्ड लैंसडाउन

रूस से पत्र ......... रवींद्रनाथ टैगोर 1894 -1899 ………………. लॉर्ड एल्िगन II

मुरझाया हुआ भारत ......................................जेएल नेहरू 1899 - 1905 ………………………… लॉर्ड कर्जन

सोिवयत एिशया ......................................जेएल नेहरू 1905 - 1910 ………………. लॉर्ड िमंटो II

पाथेर देवी …………… अवनींद्रनाथ टैगोर 1910 - 1916 ......................... लॉर्ड हार्िडंग II

िहंदू रसायन िवज्ञान का इितहास …………… पीसी राय 1916 - 1921 ………………. लॉर्ड चेम्सफोर्ड

बंगाल के िकसान ……………… आरसी दत्त 1921 -1926 .................................लॉर्ड रीिडंग

1926-1931 ………………………… लॉर्ड इरिवन

1931 -1936 ……………… लॉर्ड वेिलंगटन


भारत के गवर्नर जनरल
1936 -1942 ………………… लॉर्ड िलनिलथगो
1772-1785 ………………… वॉरेन हेस्िटंग्स
1942-1947 …………………………लॉर्ड वेवेल
1786 - 1793 ………………… लॉर्ड कार्नवािलस
1947 (13 मार्च - 14 अगस्त) …………………
1793 - 1798 ……………………… सर जोह शोर
. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . लॉर्ड लुई माउंटबेटन
1798 - 1805 ………………………… लॉर्ड वेलेस्ली
गवर्नर - भारतीय संघ के जनरल
1807-1813 ………………. लॉर्ड िमंटो
1947 (अगस्त 15)
1813 -1823 ................................ लॉर्ड हेस्िटंग्स
1948 (जून 20) ...... लॉर्ड लुई माउंटबेटन
1823 - 1828 ……………………… लॉर्ड एमहर्स्ट
1950 जनवरी 25 ……………… सी. राजगोपालाचारी
1828 - 1835 ……………. लॉर्ड िविलयम बेंिटक

1835 - 1842 ………………बैरन एलेनबरो

1842 - 1844 .................. िविलयम िवल्बरफोर बर्ड

1844 - 1848 ………………… लॉर्ड हार्िडंग

1848 - 1856 ………………………… लॉर्ड डलहौजी

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- 1971 के युद्ध के बाद हस्ताक्षिरत समझौता िशमला
समझौता था।
प्रिसद्ध षडयंत्र मामले - िशमला समझौते पर भारतीय द्वारा हस्ताक्षर िकए गए थे
1972 में प्रधान मंत्री इंिदरा गांधी और पािकस्तान के
मामला िदनांक Accused प्रधान मंत्री जुल्िफकार अली भुटो। 1999 में कारिगल युद्ध
- पािकस्तान से कश्मीर में आतंकवादी हमले के िखलाफ था।
नािसको 1909-10 िवनायक सावरकरी

षड़यंत्र
- भारत के कारिगल सैन्य अिभयान को 'के रूप में जाना
अलीपुर 1908 अरिबंदो घोष
जाता थाऑपरेशन िवजय'
हावड़ा मामला 1910 जितन मुखर्जी - पूर्व प्रधान मंत्री अटल िबहारी वाजपेयी ने 1999 फरवरी में
प्रिसद्ध लाहौर बस यात्रा का संचालन िकया।
ढाका केस 1910 पुिलन दास
- The कारिगल युद्धआिधकािरक तौर पर 26 जुलाई 1999 को समाप्त
िदल्ली का मामला 1915 अमीरचंद, अवधी
हुआ।
िबहारी और बाल मुकुंद - भारत और पािकस्तान के बीच की सीमा रेखा रेडक्िलफ रेखा
है।
लाहौर मामला 1929 - 30 भगत िसंह, राजगुरु - लाहौर घोषणापत्र पर अटल िबहारी वाजपेयी और नवाज
और सुखदेवी शरीफ के बीच हस्ताक्षर िकए गए थे। 1948 में भारत द्वारा
- पािकस्तान पर िकए गए सैन्य अिभयान को ऑपरेशन सोिजला
बनारस मामला 1915 - 16 सिचंद्रनाथ सान्याली के रूप में जाना जाता था।

काकोरी मामला 1925 राम प्रसाद िबस्िमली


- िजस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने िसयािचन पर कब्जा िकया
और अशफ़ाक़ी था उसे ऑपरेशन मेघदूत के नाम से जाना जाता था।

- भारत और पािकस्तान ने 1960 में िसंधु नदी जल समझौते


पर हस्ताक्षर िकए।
आजादी के बाद का भारत
भारत - पाक युद्ध
भारत-चीन युद्ध
- नेहरू और चीनी प्रधान मंत्री चाऊ एनलाई ने 1954 में
- भारत-पाक युद्धों का प्रमुख कारण थाकश्मीर समस्या. पंचशील पर हस्ताक्षर करके द्िवपक्षीय मैत्रीपूर्ण संबंध
स्थािपत िकए।
- 1 िसतंबर 1965 को पािकस्तानसीमा पर हमला शुरू कर - लेिकन ितब्बत के दलाई लामा (1954) को शरण देने से
िदया और छंब और देवा क्षेत्रों पर आक्रमण िकया। चीन उत्तेिजत हो गया।
- चीन ने 8 िसतंबर, 1962 को मैक मोहन रेखा को पार कर
- 11 िसतंबर को संयुक्त राष्ट्र महासिचव यू-थांटोसंघर्ष भारत पर हमला िकया।
िवराम पर बात करने पहुंचे। युद्ध के बाद, रूस की मध्यस्थता - 19 अक्टूबर कोचीिनयों ने बड़ा हमला िकया।
- के तहत ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर िकए गए। भारतीय
प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पािकस्तान के - 26 अक्टूबर कोसरकार ने आपातकाल और भारत रक्षा
- राष्ट्रपित अयूब खान ने समझौते पर हस्ताक्षर िकए। अध्यादेश की घोषणा की।

- चीनी आक्रमण को ध्यान में रखते हुए स्वर्ण बांड योजना


- पर2 िदसंबर सीमा सुरक्षा बल का गठन िकया गया था। की घोषणा की गई। मेन
ं वंबर 1962राष्ट्रीय रक्षा पिरषद
- की स्थापना की गई।
- लाल बहादुर शास्त्री का 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में
िनधन हो गया। - पर10 नवंबर,चीन ने एकतरफा वापसी की घोषणा
- The शास्त्री की कूटनीित1965 के भारत-पाक युद्ध में की।
भारत की जीत के पीछे प्रमुख स्रोत था। - 2005 में चीन ने चीनी नक्शे से िसख को हटा िदया और इसे
भारत का िहस्सा मान िलया। 2006 में, दो देश चार दशकों के
- The दूसरा भारत-पाक युद्ध 1971 में हुआ था। युद्ध के - अंतराल के बाद नाथुला दर्रा (िसक्िकम) खोलने पर सहमत
बाद बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश बन गया। हुए।पांिडचेरी और गोवा की मुक्ित

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- 1510 ई. से गोवा पुर्तगािलयों के हाथों में था।

- 22 जुलाई 1954 को िलबरेशन आर्मी ने दादरा,


नागरहवेली पर कब्जा कर िलया।
- गोवा, दमन और दीव 1964 में पुर्तगािलयों से आजाद हुए थे।

- पांिडचेरी फ्रांस के अधीन था 1946 से पांिडचेरी में स्वतंत्रता


- संग्राम चल रहा था।

- पांिडचेरी का कानूनी हाथ 1962 में था।

- मलयालम भाषी माही, तेलुगू भाषी यनम और तिमल


भाषी करक्कल पांिडचेरी के िहस्से हैं। पांिडचेरी का नया
नाम हैपुथुसेरी।
-

Nuclear Experiments in India


- Nuclear researches in India were lead by
Homi J. Bhaba.
- Council for Scientific Industrial Research
Institute was formed in 1942.
- Indias first Nuclear Experiment was on 18th
May 1974.
- First Nuclear Experiment of India was code
named as ‘‘Buddha Smiles’. It was during the
period of Indira Gandhi as Prime Minister.

- It was conducted at the Pokhran Desert in


Rajasthan.
- Uranium was used in the process.
- It was lead by Dr. H.N. Setna and Dr. Raja
Ramanna.
- Second Nuclear experiment was in 1998. It was
- code named a ‘Operation Shakti’ or ‘Buddha
Smiles again’’.
- Pokhran is in the Jaisalmer district in
Rajasthan.
- Second experiment was conducted during
the term of Atal Bihari Vajpayee

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