चित्र-वर्णन के लाभ

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चित्र-वर्णन के लाभ

(1) चित्र-वर्णन से वस्तओ ु ं या दृश्यों को परखने की क्षमता का विकास होता है ।


(2) चित्र-वर्णन से कल्पना शक्ति का विकास होता है ।
(3) चित्र-वर्णन से अपने विचारों को एक सत्र ू में पिरोकर लिखने की प्रतिभा का विकास
होता है ।
(4) भाषा लेखन का विकास होता है ।
चित्र-वर्णन की विशेषताएँ
(1) पहले चित्र को बारीकी से दे ख लेना चाहिए।
(2) जो भी बातें आपको चित्र में नजर आ रही हों उन्हें अलग से लिख लेना चाहिए।
(3) यदि चित्र में व्यक्ति दिखाई दे रहे हों तो उनके चेहरों के भावों के आधार पर
सखु -दःु ख आदि भावनाओं को व्यक्त करना चाहिए।
(4) यदि किसी महापरु ु ष या चर्चित व्यक्ति का चित्र हो तो उस व्यक्ति के प्रति निजी
विचारों या भावों को प्रस्ततु किया जा सकता है ।
(5) वाक्य रचना करते समय उक्तियों, मह ु ावरों व ् लोकोक्तियों का प्रयोग भी आपकी
भाषा को सद ंु र और प्रभावशाली बनाने में सहायक होते हैं।
(6) चित्र-वर्णन करते समय आपके सभी वाक्य चित्र से सम्बंधित होने चाहिए।
(7) चित्र-वर्णन में अनावश्यक बातों को नहीं लिखना चाहिए।

(8) चित्र में जितनी भी चीजें दिख रही हों सभी का वर्णन होना चाहिए।
(9) यदि चित्र के साथ शब्द भी दे रखे हों तो उन सभी शब्दों का प्रयोग आपके वाक्यों में
हो जाना चाहिए।
(10) वाक्य रचना करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आप केवल वर्तमान समय
में ही वाक्य रचना करें ।
(11) पहले वाक्य में बताएँ कि ‘दृश्य किसका है ’ और अगले वाक्य में ‘दृश्य में क्या-क्या
हो रहा है ’ ये बताएँ।
(12) इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि विषय और वाक्य में क्रमबद्धता होनी
चाहिए।
चित्र-वर्णन एक कला है , जिसे अभ्यास के माध्यम से बेहतर बनाया जा सकता है । अतः
बार-बार इसका अभ्यास करते रहना चाहिए।
चित्र-वर्णन का तरीका
यदि आपको संक्षिप्त रूप से कहे तो आपको चित्र-वर्णन करे समय केवल पाँच बातों को
ध्यान में रखना है ।
(1) सर्वप्रथम चित्र को ध्यान से दे खना है ।
(2) सम्पर्ण
ू चित्र किसका है यह बताना है ।
(3) चित्र में कौन-कौन से क्रियाएँ हो रही हैं? उन्हें क्रम से लिखना है ।
(4) फिर चित्र के माध्यम से कही जा रही बात को अपने शब्दों में समझाने का प्रयास
करें ।
(5) अंत में अपने विचार लिखिए।

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