Professional Documents
Culture Documents
एकेश्वरवाद की वास्तविकता व अपेक्षाएं
एकेश्वरवाद की वास्तविकता व अपेक्षाएं
अपे�ाएं
[ �हन्द & Hindi & ] ﻫﻨﺪي
साइट इस्लाम धम
2014 - 1435
ﺣﻴﻘﺔ اﺘﻟﻮﺣﻴﺪ وﻣﻘﺘﻀﺎه
» ﺎلﻠﻐﺔ اﻬﻟﻨﺪﻳﺔ «
2014 - 1435
�ब�स्मल्ला�हरर्हमािनरर
म� अ�त मेहरबान और दयालु अल्ला के नाम से आरम् करता हूँ।
3
एके�रवाद क� वास्त�वकता व अपे�ाएं
मूलाधार रहा है ।
5
जानते-बूझते या अनजाने म� (एके�रवाद� होते हुए भी)
िलए अिनवायर् है
एके�रवाद क� �वरोधो��
प�रवितत
र व �वकृत होकर ’िनयमवत ् अनेके�रवाद’ का
7
औिलया सब पूज्-उपास्य बना िलए जाते रहे ह�। �फर
8
सकता और उसी के अनुकूल एक सत्यिन, न्यायिन,
9
यह�ं से मानवीय मूल्य� क� महत्वह�न, मानव-च�र� का
10
भरसक �य� करता है तो उसे आ�त्मक व आध्या�त्
11
ईशवाणी (ईश-�ंथ) के माध्यम से इन्सान� क� इ
युग�, भूखड
ं �, क़ौम� और भाषाओं म� जो कुछ भी अलग-
12
इस्ला, �वशु� एके�रवाद क� व्याख्या को उलझ,
रहा है —
13
जन्य३ और कोई उसके समान, समकक्
14
चाहे । उसक� कुस� आकाश� और धरती को समोए
२:२५५)
क़ुरआन क� उपयु�
र आयत� म� �वशु� एके�रवाद का जो
15
एके�रवाद के प�रदृश्य म‘�वशु� एके�रवाद’ क� साफ़-
संदभर
समाई हुई ह� ।
हो।
संतान है ।
(Unique) है ।
िनभर्र नह�ं है
17
7. अथार् त् उस तक पहुंचन, उसक� �सन्नता व
अनुमित दे ।
ई�र के गुण
माग्
र दशर्न से िनस्पृह या �वमु� ह) वे जब ध्या-ज्ञा
18
क� ���या से गुज़रे तो इस िनष्कषर् पर पहुंचे �क ई�
19
संबंध उनक� चेतना के स्तर पर नह�, मा� भौितक व
20
मा� उसी के �ित दासताभाव व आज्ञापालन म� जीव
21
उसके सामने उ�रदाियत्व से परलोक म� कोई भी व्य�
साझीदार नह�ं...इत्या�द
22
ई�र के अ�धकार, एके�रवाद क� अपे�ाएं
23
नह�ं, ब�ल्क ई�र के समक्ष अपने काम� का उ�रदायी
डाल दे गा।
इस �कार है —
(Ambiguity) का समावेश न हो और एक
रहे ।
25
आज्ञापा, (क़ुरआन, ३:३२, १३२, ४:५९, ८:१,
26
कोई फायदा है । क़ुरआन (११२:२) म� स्प� कर �दया गया
27
है । यह �वचारधारा और �व�ास मनुष्य के िल, इस्लामी
िन�हत है ।
28
मन-म�स्तष, आत्म, भावनाओं, ��ाओं, �वचार� और
िनम्निल�खत ह—
29
उसके च�र� िनमार्ण म� �भावी भूिमका िनभाता
है ।
30
समक, उ�रदायी (Accountable) और जवाबदे ह
31
और सज़ा (नरक क� भीषण यातना) का ख़ौफ़
�दलाती है ।
32
अवधारणा म� इस घोर �ासद� का समाधान िन�हत
33
charters) म� और आधुिनक समाजशा� म� सारे
34
• धैय् व संयम
र : �ितकूल प�र�स्थितय� म,
उपसंहार
35
�ारू—‘�वशु� एके�रवाद’—क� इस्लामी अवधारणा का
36