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Workbook Answers of Vinay Ke Pad - Sahitya Sagar: Shout To Learn - The Original
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Shout To Learn - The Original
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Workbook Answers of Vinay Ke Pad - गु
몭 त몭ो, कं
मं
त 몭ज बिनति몭, भए-मु
गलकारी।। नाते
ने
ह राम के
मिनयत,
द
Sahitya Sagar सु
몭द सु
जे
िह फू
से
टै
몭 जहाँ
लौं
। अं
जन कहाँ
कहाँ
, ब몭तक कहौं लौं
आँ
ख
।। तु
लसी
सो सब भाँ
ित परमिहत, पू
몭 몭ान ते
몭ारो।
ShoutToLearn October 12, 2021 · 4 min read होय सने
जासों ह राम-पद, ऐतो मतो
हमारो।
िवनय के
पद - सािह몭 सागर
पदों
पर आधा몭रत 몭몭
ऐसो को उदार जग माही। ं
िबनु से वा जो 몭वै
दीन पर राम स몭रस कोउ नाही।। ं
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जो गित जोग िवराग जतन क몭र निहं पावन मुिन 몭ानी।
सो गित दे त गीध सबरी क몭ँ 몭भु
न ब몭त िजय जानी।।
जो संपि몭 दस सीस अरप क몭र रावन िसव पहँ ली몭ी।
सो संपदा-िवभीषण कहँ अित सकु च सिहत 몭भु दी몭ी।।
तुलसीदास सब भाँ ित सकल सु ख जो चाहिस मन मे रो।
तौ भजु राम, काम सब पू रन करै कृपािनिध ते
रो।
ं 몭몭 के
(क) “ऐसो को उदार जग माही'–पं आधार पर िकसकी उदारता की बात की जा रही है
? उनकी
उदारता की 몭ा िवशे
षताएँ
ह몭
?
उदारता की 몭ा िवशे
षताएँ
ह몭
?
उ몭र : किव तु
लसीदास ने
उपयु
몭
몭 पद म몭 आरा몭 दे
अपने व 몭ीराम की मिहमा का गु
णगान िकया है
। वे
कहते
ह몭
िक
इस सं
सार म몭
कोई अ몭 몭ीराम के है
समान उदार नहीं । वे
कहते
ह몭
िक 몭ीराम के सरा ऐसा नहीं
अित몭र몭 कोई दू है
,
जो दीन-दु
몭खयों
पर िबना से
वा िकए ही दया करता हो।
(ख) गीध' और 'सबरी' कौन थे उ몭몭
? राम ने कब, कौन-सी गित 몭दान की?
उ몭र : 'गीध' से
किव का सं
के
त िग몭राज जटायू
से
है
और 'सबरी' अथा몭
त्
शबरी एक बनवासी जाित शबर की
मिहला थी। 몭ीराम ने
गीध (जटायू -बड़े
) और शबरी (भीलनी) को वह परमगित 몭दान की, जो गित बड़े मु
िनयों
को
योग और वै
रा몭 जै
से
अने
क य몭 करने
पर भी 몭ा몭 नहीं
होती।
कौन-सी सं
(ग) रावण ने पि몭 िकससे
तथा िकस 몭कार 몭ा몭 की थी ? वह सं
पि몭 िवभीषण को दे
ते
समय राम
के
몭दय म몭
कौन-सा भाव था ?
उ몭र : रावण ने
अपने
दस िसर िशवजी को अिप몭
त करने
के का की सं
बाद लं पि몭 몭ा몭 की थी, परं
तु
몭ीराम ने
उसी
सं
पि몭 को अ몭ं
त सं
कोच के
साथ िवभीषण को 몭दान कर िदया।
लसीदास जी सब 몭कार के
(घ) तु ख 몭ा몭 करने
सु के को कह रहे
िलए िकसका भजन करने ह몭
और 몭ों
?
उ몭र : तु
लसीदास जी कहते
ह몭 मन! यिद तू
िक हे सब 몭कार के ख 몭ा몭 करना चाहता है
सु , तो उन सभी की 몭ा몭몭
몭ीराम की कृ
पा से
ही सं
भव है राम का भजन कर। 몭ीराम कृ
, इसिलए तू पा के
सागर ह몭 ही हमारी सभी 몭कार की
, वे
इ몭ाओं
की पू
ित몭 ह몭
कर सकते ।
जाके ि몭य न राम वैदेही।
तिजए तािह कोिट वै री सम जिप परम सने ही।
त몭ो िपता 몭몭ाद, िवभीषण ब몭ु , भरत महतारी।
बिल गु몭 त몭ो, कं त 몭ज बिनति몭, भए-मु द मंगलकारी।।
नाते
नेह राम के मिनयत, सु 몭द सुसे몭 जहाँ लौ।
ं
अंजन कहाँ आँ ख जे िह फू टै ं लौ।।
, ब몭तक कहौ कहाँ ं
तु
लसी सो सब भाँ ित परमिहत, पू 몭 몭ान ते
몭ारो।
जासों होय सने ह राम-पद, ऐतो मतो हमारो।
लसीदास िक몭몭
(क) तु 몭ागने
तथा 몭ों को कह रहे
ह몭
?
उ몭र : तु
लसीदास जी कहते
ह몭
िक िजस 몭몭몭 को 몭ीराम-सीता के राग नहीं
몭ित अनु है वह 몭몭몭 अपना
, चाहे
िकतना ही ि몭य 몭ों
न हो, उसे
परम श몭ु
समझकर 몭ाग दे
ना चािहए, उससे
िकसी 몭कार का सं
बं
ध नहीं
रखना
चािहए 몭ों
몭िक राम-सीता से
몭े
ह रखने
वाले
का ही परमिहत होता है
।
चािहए 몭ों
몭िक राम-सीता से
몭े
ह रखने
वाले
का ही परमिहत होता है
।
몭
몭 पद के
(ख) उपयु अपने
आधार पर 몭몭 कीिजए िक िकस-िकसने िकस-िकस ि몭यजन को छोड़ िदया ?
उ몭र : 몭몭ाद ने
अपने
िपता िहर몭किशपु
को, िवभीषण ने
अपने
भाई रावण को, भरत ने
अपनी माता कै
केयी को,
राजा बिल ने
अपने
गु
몭 शु
몭ाचाय몭 ने
तथा 몭ज की गोिपयों अपने
-अपने
पितयों
को इसिलए छोड़ िदया था 몭ों
몭िक ये
सब ई몭र-िवरोधी थे
।
जन कहाँ
(ग) 'अं आँ
ख जे
िह फू
टै 몭몭 몭ारा तु
'-पं लसीदास 몭ा िस몭 करना चाहते
ह몭
?
उ몭र : तु
लसीदास कहते
ह몭 अं
िक िजस 몭कार ऐसे जन को आँ
ख म몭 का कोई औिच몭 नहीं
लगाने है लगाते
, िजसे ही
आँ
ख फू
ट जाए, उसी 몭कार उस 몭몭몭 से
भी सं
बं
ध रखने
का कोई लाभ नहीं
, िजसका राम के म몭
चरणों ह न हो
몭े
몭ों
몭िक ऐसा 몭몭몭 लाभ के चाएगा।
बजाए हािन ही प몭ँ
(घ) बिल के 몭 कौन थे
गु अपने
? बिल ने गु
몭 का प몭र몭ाग कब तथा 몭ों
कर िदया ?
उ몭र : राजा बिल के 몭 शु
गु 몭ाचाय몭। भगवान िव몭ु
थे ने
वामन अवतार ले
कर राजा बिल से
तीन पग भू
िम माँ
गी थी।
बिल ने
उ몭몭 िम दे
तीन पग भू ने
का सं
क몭 िकया। बिल के 몭 शु
गु 몭ाचाय몭
को यह 몭ात हो गया था िक वामन के
몭प
म몭 भगवान िव몭ु
몭यं ही ह몭
। उ몭ों
몭ने
बिल को इसके त करते
몭ित सचे 몭ए वामन को तीन पग भू
िम न दे
ने
का आ몭ह
िकया, पर बिल ने
गु
몭 की यह आ몭ा न मानी और सहष몭
एक पग म몭몭ीलोक, दू
पृ सरे
पग म몭
आकाशलोक और तीसरे
पग म몭 को ही वामन को अप몭
몭यं ण कर िदया। इस 몭कार बिल ने
अपने
गु
몭 का प몭र몭ाग कर िदया था।
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